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बाल € ȡی

Į Ȣ šȡ˜ … ǐš मानस


Ĥ ˜ सोपान
(–ȡ› € ȡ֌)
æ› Ȫ€
Ž ȡ[“ ȡ˜   [ ƒȲ ȡ“ ȡȲरसानां † ۑ  ȡ˜ ͪ”@
˜ ɨ‚ › ȡ“ ȡȲच € ׏ ȡ[šȫ Û‘ȯȡŽ Ȣͪ“ ȡ™ € ȫ@
@1।।
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Q2।।
Û‘ȯबोधमयं Ǔ“ י Ȳ‚ ǽǕȲž ɨ€ šǾ ͪ” Ž ˜ @
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™ ˜ ȡͬĮ  Ȫ Ǒ¡  Đ ȪMͪ” … ÛġȬ    ğ[  Ûɮ™  ȯ@
@3।।
  Ȣ ȡšȡ˜ ‚ ǕŽ Ē ȡ˜ ” Ǖ֙ ȡšÖ™ ͪ¡ ȡǐšŽ ȫ@
Û‘ȯͪž Ǖƨ ͪ£ ȡ“ ȫ € – Ȣæ š€ ” Ȣ杚ȫ@
@4।।
` ƫ  ǔè Ǔ   Ȳ¡ ȡš€ ȡǐšŽ ȢȲț ȯž ¡ ȡǐšŽ Ȣ˜ @
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   Į[ ȯ™ è€ šȣȲसीतां नतोऽहं šȡ˜  㛠— ȡ˜ @


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Q5।।
™ ۘ ȡ™ ȡž Ǔ ɍͪæ˜ ͨ › ȲĦé˜ ȡǑ‘‘ȯ ȡ  šǕȡ
™ ×  ם ȡ‘˜ ŸǙ Ȱ — ȡǓ सकलं šÏ ‡ ȫ ™  ȡ¡ ȯħ ˜[ Ȭ@
™ ה ȡ‘Ü› ˜ ȯ€ ˜ ȯ Ǒ¡ —  ȡà— Ȫ’ ȯǔè  ȢŸ ȡ[  ȡȲ
Û‘ȯM¡ Ȳतमशेषकारणपरं šȡ˜ ȡə ˜ Ȣž Ȳ¡ ǐš˜ @
@
Q6।।
“ ȡ“ ȡ” šǕȡŽ Ǔ“ ‚ ˜ ȡ‚ ˜   à˜  Ȳ™ ɮ
रामायणे Ǔ“ ‚ Ǒ‘ Ȳȝ ͬ… ‘Û™  ȪMͪ” @
è ȡۏ Ȭ  Ǖ ȡ™ तल
ु सी रघुनाथगाथा-
— ȡŸȡǓ“ –Û’ ˜ Ǔ ˜ ч Ǖ› ˜ ȡ “ ȪǓ @
@7।।
सो0-जो   ͧǕ˜ š ͧ  ͬ’ होइ गन नायक € ǐš– š बदन।
करउ \ “ ĒǕ ¡ सोइ – ͪǕƨ šȡͧ  सभ
ु गन
ु सदन।।1।।
मक
ू होइ बाचाल पंगु चढइ ͬ‚ ǐš–š गहन।
जासु कृपाँ सो दयाल ġ` सकल € ͧ› मल दहन।।2।।
नील   šȪǽ¡ è™ ȡ˜  ǽ“ \ ǽ“ –ȡǐš‡ नयन।
करउ सो मम उर धाम सदा † Ȥš  ȡ‚ š सयन।।3।।
कंु द इंद ु सम दे ह उमा रमन € ǽ“ ȡ अयन।
‡ ȡǑ¡ ‘ȣ“ पर नेह करउ कृपा ˜ ‘[“ मयन।।4।।
बंदउ ‚ Ǖǽ पद कंज कृपा ͧ  ’Ȳ Ǖ“ šǾ ” ¡ ǐš@
महामोह तम पुंज जासु बचन šǒ– कर Ǔ“ € š@
@5।।
बंदउ ‚ Ǖǽ पद पदम
ु परागा।   ǽǕ ͬ… सुबास सरस अनुरागा।।
\ ͧ˜ ™ ˜ ǐǗš˜ ™ चरू न … ȡǾ @समन सकल भव ǽ‡ ”ǐš ȡǾ @
@
  €Ǖ ǙǓ संभु तन ǒ–˜ › ǒ– — Ǘ Ȣ@मंजल
ु मंगल मोद Ĥ  Ǘ Ȣ@
@
जन मन मंजु मक
ु ु र मल हरनी। ͩ€ f ȱǓ › € गन
ु गन बस करनी।।
Į Ȣ‚ Ǖš पद नख ˜ Ǔ“ गन जोती।   Ǖͧ˜ š Ǒ‘Þ™ ġ ǔǙçŠ Ǒ¡ ™ ȱहोती।।
दलन मोह तम सो   Ĥ € ȡ  Ǘ@बड़े भाग उर आवइ जासू।।
` ƒ šǑ¡ Ȳǒ–˜ › ǒ– › Ȫ… “ ¡ ȣ के। ͧ˜ ŠǑ¡ Ȳदोष दख
ु भव रजनी के।।
  ˆǗ Ǒ¡ Ȳराम … ǐš ˜ Ǔ“ ˜ ȡǓ“ € @गप
ु त
ु Ĥ‚ Š जहँ जो ‡ ȯǑ¡  ȡǓ“ € @
@
दो0-जथा सुअंजन अंिज Ǻ‚ साधक ͧ  ƨ सुजान।
कौतक ु दे खत सैल बन भूतल — Ǘǐš Ǔ“ ’ ȡ“ @
@ 1।।
–*–*–
f Ǒ¡ महँ šƒ Ǖ” Ǔ नाम उदारा। \ Ǔ पावन पुरान Į ǓǕ सारा।।
मंगल भवन अमंगल ¡ ȡšȣ@उमा   Ǒ¡  ‡ ȯǑ¡ जपत ” Ǖšȡšȣ@
@
— Ǔ“ Ǔ ǒ– ͬ… ğ   Ǖ€ ǒ– कृत जोऊ। राम नाम ǒ– “ Ǖसोह न सोऊ।।
ǒ–’ –Ǖ ‘“ Ȣ सब — ȡȱǓ   ȱ ȡšȣ@सोन न बसन ǒ– “ ȡ बर “ ȡšȣ@
@
सब गन
ु šǑ¡  € Ǖ€ ǒ– कृत बानी। राम नाम जस \ Ȳͩ€  जानी।।
सादर € ¡ Ǒ¡ Ȳ  “Ǖ Ǒ¡ Ȳबध
ु  ȡ¡ ȣ@मधक
ु र   ǐš  संत ‚ “Ǖ Ē ȡ¡ ȣ@
@
‡ ‘ͪ” € ǒ– रस एकउ “ ȡ¡ ȣ@राम Ĥ ȡ” Ĥ € Š f Ǒ¡ ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
सोइ भरोस ˜ ȪšɅमन आवा। €ȯǑ¡ Ȳन सुसंग – ŒÜ” “ Ǖपावा।।
धम
ू उ तजइ सहज € ǽ] _@\ ‚ ǽ Ĥ  Ȳ‚ सुगंध बसाई।।
— Ǔ“ Ǔ भदे स – è Ǖ— ͧ› बरनी। राम कथा जग मंगल करनी।।
छं 0-मंगल € šǓ“ € ͧ› मल ¡ šǓ“ तल
ु सी कथा रघन
ु ाथ € ȧ@
@
‚ Ǔ कूर € ǒ– ȡ   ǐš € ȧ Ï ™ ɉ   ǐš पावन पाथ € ȧ@
@
Ĥ — Ǖसुजस   Ȳ‚ Ǔ — Ǔ“ Ǔ — ͧ› ¡ Ȫ^Ǒ¡ सुजन मन भावनी।।
भव अंग — ǗǓ मसान € ȧ   Ǖͧ˜ š   Ǖ¡ ȡǓ“ पावनी।।
दो0-ͪĤ ™ › ȡͬ‚ Ǒ¡ \ Ǔ   – Ǒ¡ मम — Ǔ“ Ǔ राम जस संग।
‘ȡǽ ǒ– … ȡǽ ͩ€ करइ कोउ – ȲǑ‘\ मलय Ĥ  Ȳ‚ @
@10(क)।।
è™ ȡ˜   šǕͧ— पय ǒ–  ‘ \ Ǔ गन
ु द € šǑ¡ Ȳसब पान।
ͬ‚ šȡ Ē ȡà™ ͧ  ™ राम जस ‚ ȡǑ¡ Ȳ  Ǖ“ Ǒ¡ Ȳसज
ु ान।।10(ख)।।
–*–*–
‚ Ǖǽ पद रज मद
ृ ु मंजुल अंजन। नयन \ ͧ˜ \ Ǻ‚ दोष ǒ–— Ȳ‡ “ @
@
 ȯǑ¡ Ȳ€ ǐš ǒ– ˜ › ǒ––ȯ€ ǒ–› Ȫ… “ @बरनउँ राम … ǐš भव मोचन।।
बंदउँ Ĥ ˜ ˜ ¡ ȣ  Ǖš चरना। मोह ‡ Ǔ“  संसय सब हरना।।
सज
ु न समाज सकल गन
ु खानी। करउँ Ĥ “ ȡ˜   Ĥȯ˜ सब
ु ानी।।
साधु … ǐš सभ
ु … ǐš कपास।ू Ǔ“ š  ǒ–   ‘ गन
ु मय फल जास।ू ।
जो   Ǒ¡ दख
ु ” šǓ† ġ दरु ावा। बंदनीय ‡ ȯǑ¡ Ȳजग जस पावा।।
मुद मंगलमय संत समाजू। जो जग जंगम तीरथराजू।।
राम — ǔȏ जहँ   Ǖš  ǐš धारा। सरसइ Ħ é˜ ǒ– … ȡš Ĥ … ȡšȡ@
@
ǒ– ͬ’ Ǔ“ Ÿȯ
’ ˜ ™ € ͧ› मल हरनी। करम कथा šǒ– “ Ȳ‘ Ǔ“ बरनी।।
¡ ǐš हर कथा ǒ–šȡ‡ Ǔ बेनी। सन
ु त सकल मद
ु मंगल दे नी।।
बटु ǒ–è ȡ  अचल Ǔ“ ‡ धरमा। तीरथराज समाज सक
ु रमा।।
  –Ǒ¡ Ȳसुलभ सब Ǒ‘“ सब दे सा। सेवत सादर समन कलेसा।।
अकथ \ › ȫͩ€ € तीरथराऊ। दे इ   ɮ™ फल Ĥ ‚ Š Ĥ— ȡa @
@
दो0-  ǕǓ“   ˜ ˆǕ Ǒ¡ Ȳजन ˜ ǕǑ‘ मन ˜ Ï ‡ Ǒ¡ Ȳ\ Ǔ अनुराग।
› ¡ Ǒ¡ Ȳ… ȡǐš फल अछत तनु साधु समाज Ĥ ™ ȡ‚ @
@2।।
–*–*–
˜ Ï ‡ “ फल ”ȯͨ \ ततकाला। काक ¡ ȪǑ¡ Ȳͪ” € बकउ मराला।।
  ǓǕ“ आचरज करै ‡ Ǔ“ कोई।      Ȳ‚ Ǔ ˜ Ǒ¡ ˜ ȡ “ Ǒ¡ Ȳगोई।।
बालमीक नारद घटजोनी। Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ ˜ Ǖ Ǔ“ € ¡ ȣ Ǔ“ ‡ होनी।।
जलचर थलचर नभचर नाना। जे जड़ चेतन जीव जहाना।।
˜ Ǔ € ȧšǓ ‚ Ǔ — ǗǓ भलाई। जब ‡ ȯǑ¡ Ȳजतन जहाँ ‡ ȯǑ¡ Ȳपाई।।
सो जानब सतसंग Ĥ— ȡa @लोकहुँ बेद न आन उपाऊ।।
ǒ–“ Ǖसतसंग ǒ––ȯ€ न होई। राम कृपा ǒ–“ Ǖसुलभ न सोई।।
सतसंगत मुद मंगल मूला। सोइ फल ͧ  ͬ’ सब साधन फूला।।
सठ   Ǖ’ šǑ¡ Ȳ     Ȳ‚ Ǔ पाई। पारस परस कुधात सुहाई।।
ǒ– ͬ’ बस सज
ु न कुसंगत ” š¡ ȣȲ@• Ǔ“ ˜ Ǔ“ सम Ǔ“ ‡ गन
ु \ “  Ǖ š¡ ȣȲ@
@
ǒ– ͬ’ ¡ ǐš हर € ǒ– € Ȫǒ– ‘ बानी। कहत साधु ˜ Ǒ¡ ˜ ȡ सकुचानी।।
सो मो सन € Ǒ¡ जात न €Ȱ  Ʌ@साक – Ǔ“ € ˜ Ǔ“ गन
ु गन ‡ Ȱ  Ʌ@
@
दो0-बंदउँ संत समान ͬ…  Ǒ¡  \ “ Ǒ¡  “ Ǒ¡ Ȳकोइ।
\ Ȳ‡ ͧ› गत सुभ सुमन ǔ‡ ͧ˜ सम सुगंध कर दोइ।।3(क)।।
संत सरल ͬ…  जगत Ǒ¡  ‡ ȡǓ“ सुभाउ सनेहु।
–ȡ› ǒ– “ ™   ǓǕ“ € ǐš कृपा राम चरन šǓ दे हु।।3(ख)।।
–*–*–
– ¡ Ǖǐš –ȲǑ‘ खल गन   Ǔ — ȡf ȱ@जे ǒ– “ Ǖकाज ‘ȡǑ¡ “ ȯ¡Ǖबाएँ।।
पर Ǒ¡  ¡ ȡǓ“ लाभ ǔ‡ Û¡ €ȯšɅ@` ‡ šɅहरष ǒ–Ÿȡ‘ –  ȯšɅ@
@
¡ ǐš हर जस राकेस राहु से। पर अकाज भट सहसबाहु से।।
जे पर दोष ›  Ǒ¡ Ȳसहसाखी। पर Ǒ¡  घत
ृ ǔ‡ Û¡ के मन माखी।।
तेज कृसानु रोष ˜ Ǒ¡ Ÿȯ  ȡ@अघ अवगुन धन धनी धनेसा।।
उदय केत सम Ǒ¡    –¡ ȣ के। कंु भकरन सम सोवत नीके।।
पर अकाजु › ͬ‚ तनु ”ǐš¡ š¡ ȣȲ@ǔ‡ ͧ˜ Ǒ¡ ˜ उपल कृषी ‘ͧ› ‚ š¡ ȣȲ@
@
बंदउँ खल जस सेष सरोषा। सहस बदन बरनइ पर दोषा।।
” ǓǕ“ Ĥ“  `ȱपथ
ृ रु ाज समाना। पर अघ सन
ु इ सहस दस काना।।
– ¡ Ǖǐš   Đ सम ǒ–“ `ȱ ȯ¡ ȣ@संतत सुरानीक Ǒ¡  ‡ ȯ¡ ȣ@
@
बचन – ė ‡ ȯǑ¡ सदा ͪ”] šȡ@सहस नयन पर दोष Ǔ“ ¡ ȡšȡ@
@
दो0-उदासीन \ ǐš मीत Ǒ¡  सुनत ‡ šǑ¡ Ȳखल šȣǓ @
‡ ȡǓ“ ”ȡǓ“ जुग ‡ Ȫǐš जन ǒ– “  Ȣ करइ   ĤȢǓ @
@4।।
–*–*–
˜ ɇअपनी Ǒ‘ͧ  € ȧÛ¡ Ǔ“ ¡ Ȫšȡ@Ǔ Û¡ Ǔ“ ‡ ओर न लाउब भोरा।।
बायस ”ͧ› \ Ǒ¡ Ȳ\ Ǔ अनुरागा। ¡ ȪǑ¡ ȲǓ“ šȡͧ˜ Ÿ कबहुँ ͩ€ कागा।।
बंदउँ संत \   Ï ‡ “ चरना। ‘ Ǖ Ĥ‘ उभय बीच कछु बरना।।
ǒ–† Ǖš एक Ĥȡ“ ¡ ǐš › ȯ¡ ȣȲ@ͧ˜ ›  एक दख
ु ‘ȡǽ“ ‘ȯ¡ ȣȲ@
@
` ” ‡ Ǒ¡ Ȳएक संग जग ˜ ȡ¡ ȣȲ@जलज ‡ ɉ€ ǔ‡ ͧ˜ गन
ु ǒ– › ‚ ȡ¡ ȣȲ@
@
सध
ु ा सरु ा सम साधू असाध।ू जनक एक जग ‡ › ͬ’ अगाध।ू ।
भल अनभल Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ करतत
ू ी। लहत सज
ु स अपलोक ǒ– — Ǘ Ȣ@
@
सुधा सुधाकर   Ǖš  ǐš साध।ू गरल अनल € ͧ› ˜ ›   ǐš ޙ ȡ’ @
Ǘ@
गुन अवगुन जानत सब कोई। जो ‡ ȯǑ¡ भाव नीक  ȯǑ¡ सोई।।
दो0-भलो — › ȡ^Ǒ¡ पै लहइ लहइ Ǔ“ … ȡ^Ǒ¡ नीच।ु
सध
ु ा   šȡǑ¡ \ अमरताँ गरल   šȡǑ¡ \ मीच।ु ।5।।
–*–*–
खल अघ अगन ु साधू गनु गाहा। उभय अपार ` ‘ͬ’ अवगाहा।।
 ȯǑ¡  Ʌकछु गन
ु दोष बखाने।   ȲĒ ¡ י ȡ‚ न ǒ–“ Ǖ” Ǒ¡ … ȡ“ ȯ@
@
भलेउ पोच सब ǒ– ͬ’ उपजाए। ‚ Ǔ“ गुन दोष बेद ǒ– › ‚ ȡf @
@
€ ¡ Ǒ¡ Ȳबेद ^Ǔ ¡ ȡ  पुराना। ǒ–ͬ’ Ĥ ” Ȳ… Ǖगुन अवगुन साना।।
दख
ु सुख पाप ” Ǖۙ Ǒ‘“ राती। साधु असाधु   Ǖ‡ ȡǓ कुजाती।।
दानव दे व ऊँच \ ǽ नीच।ू \ ͧ˜ \ सज
ु ीवनु ˜ ȡ¡ Ǖǽ मीच।ू ।
माया Ħé˜ जीव ‡ ‚ ‘ȣ  ȡ@› ǔÍ † \ › ǔÍ † रं क अवनीसा।।
कासी मग   Ǖš  ǐš Đ ˜ “ ȡ  ȡ@˜ ǽ मारव ˜ Ǒ¡ ‘ȯ गवासा।।
सरग नरक अनुराग ǒ– šȡ‚ ȡ@Ǔ“ ‚ ˜ ȡ‚ ˜ गुन दोष ǒ–— ȡ‚ ȡ@
@
दो0-जड़ चेतन गुन दोषमय ǒ–è € ȧÛ¡ करतार।
संत हं स गन
ु ‚ ¡ Ǒ¡ Ȳपय ” ǐš¡ ǐš – ȡǐš ǒ– € ȡš@
@6।।
–*–*–
अस ǒ––ȯ€ जब दे इ ǒ–’ ȡ ȡ@तब तिज दोष ‚ Ǖ“ Ǒ¡ Ȳमनु राता।।
काल सभ
ु ाउ करम –ǐš] _@भलेउ Ĥ € ǙǓ बस चक
ु इ भलाई।।
सो   ’Ǖ ȡǐš ¡ ǐš‡ “ ǔ‡ ͧ˜ › ȯ¡ ȣ@
Ȳ ‘ͧ› दख
ु दोष ǒ–˜ › जसु ‘ȯ¡ ȣȲ@
@
खलउ € šǑ¡ Ȳभल पाइ सस
ु ंग।ू ͧ˜ Š^ न ˜ ͧ› “ सभ
ु ाउ अभंग।ू ।
› ͨ सुबेष जग बंचक जेऊ। बेष Ĥ  ȡ” ” Ǘǔ‡ \ Ǒ¡ Ȳतेऊ।।
` ’ šǑ¡ Ȳअंत न होइ Ǔ“ –ȡ¡ Ǘ@€ ȡ› “ ȯͧ˜ ǔ‡ ͧ˜ रावन राहू।।
ͩ€ f ¡ Ǖȱकुबेष साधु सनमानू। ǔ‡ ͧ˜ जग जामवंत हनुमानू।।
¡ ȡǓ“ कुसंग    Ǖ Ȳ‚ Ǔ लाहू। लोकहुँ बेद ǒ–Ǒ‘ सब काहू।।
गगन चढ़इ रज पवन Ĥ  Ȳ‚ ȡ@€ ȧ… Ǒ¡ Ȳͧ˜ › ^ नीच जल संगा।।
साधु असाधु सदन सुक   ȡšȣȲ@  Ǖͧ˜ šǑ¡ Ȳराम ‘ȯǑ¡ Ȳ‚ Ǔ“ ‚ ȡšȣ@
@
धम
ू € Ǖ  Ȳ‚ Ǔ € ȡǐš होई। ͧ› ͨ \ पुरान मंजु ˜ ͧ  सोई।।
सोइ जल अनल \ Ǔ“ › संघाता। होइ जलद जग जीवन दाता।।
दो0-Ē ¡ भेषज जल पवन पट पाइ कुजोग सज
ु ोग।
¡ ȪǑ¡ € Ǖ–è Ǖ  –Ǖ è Ǖजग ›  Ǒ¡ Ȳ  ›Ǖ Í † “ लोग।।7(क)।।
सम Ĥ€ ȡ  तम पाख दहु ु ँ नाम भेद ǒ–ͬ’ € ȧÛ¡ @
  ͧ  सोषक पोषक   ˜ Ǖͨˆ जग जस अपजस ‘ȣÛ¡ @
@7(ख)।।
जड़ चेतन जग जीव जत सकल राममय ‡ ȡǓ“ @
बंदउँ सब के पद कमल सदा ‡ Ȫǐš जुग ”ȡǓ“ @
@7(ग)।।
दे व दनुज नर नाग खग Ĥȯ ͪ”  š ‚ Ȳ’ – @
[
बंदउँ ͩ€ Ȳ“ š š‡ Ǔ“ … š कृपा करहु अब   – @
[@
7(घ)।।
–*–*–
आकर … ȡǐš लाख चौरासी। ‡ ȡǓ जीव जल थल नभ बासी।।
सीय राममय सब जग जानी। करउँ Ĥ “ ȡ˜ ‡ Ȫǐš जुग पानी।।
‡ ȡǓ“ कृपाकर ͩ€ Ȳ€ š मोहू। सब ͧ˜ ͧ› करहु † ȡͫ° छल छोहू।।
Ǔ“ ‡ – ͬǕ’ बल भरोस ˜ ȪǑ¡ “ ȡ¡ ȣȲ@ ȡ Ʌǒ–“ ™ करउँ सब ” ȡ¡ ȣ@
@
करन चहउँ šƒ ”Ǖ Ǔ गन
ु गाहा। लघु ˜ Ǔ ˜ Ȫǐš … ǐš अवगाहा।।
सूझ न एकउ अंग उपाऊ। मन ˜ Ǔ रं क मनोरथ राऊ।।
˜ Ǔ \ Ǔ नीच aȱͬ… ǽͬ… ] † Ȥ@… Ǒ¡ \ \ ͧ˜ \ जग जुरइ न
† ȡ† Ȥ@
@
† ͧ˜ ¡ Ǒ¡ Ȳ  Ï ‡ “ ˜ Ȫǐš Ǒ‹ ȡ_@  ǓǕ“ ¡ Ǒ¡ Ȳबालबचन मन लाई।।
जौ बालक कह  Ȫ ǐš बाता।   “Ǖ Ǒ¡ Ȳ˜ ǑǕ‘ मन ͪ” Ǖ\ ǽ माता।।
¡ ȱͧ  ¡ Ǒ¡ कूर € ǕǑŠ› € Ǖǒ–… ȡšȣ@जे पर दष
ू न — ǗŸ “ ’ ȡšȣ@
@
Ǔ“ ‡ € ͪ €ȯǑ¡ लाग न नीका। सरस होउ अथवा \ Ǔ • ȧ€ ȡ@
@
जे पर — Ǔ“ Ǔ सुनत ¡ šŸȡ¡ ȣ@ते बर ” Ǖǽ Ÿ बहुत जग “ ȡ¡ ȣȲ@
@
जग बहु नर सर   ǐš सम भाई। जे Ǔ“ ‡ – ȡǑ± – ±Ǒ¡ Ȳजल पाई।।
  Ï ‡ “ सकृत ͧ  ’Ȳ Ǖसम कोई। ‘ȯͨ परू ǒ–’ Ǖबाढ़इ जोई।।
दो0-भाग छोट \ ͧ— › ȡŸ Ǖबड़ करउँ एक ǒ–è ȡ  @
” Ȱ¡ Ǒ¡ Ȳसुख   ǕǓ“ सुजन सब खल € š¡ Ǒ¡ Ȳउपहास।।8।।
–*–*–
खल ”ǐš¡ ȡ  होइ Ǒ¡  मोरा। काक € ¡ Ǒ¡ Ȳकलकंठ कठोरा।।
¡ Ȳ  Ǒ¡ बक दादरु … ȡ € ¡ ȣ@¡ ȱ  Ǒ¡ Ȳ˜ ͧ› “ खल ǒ– ˜ › –  € ¡ ȣ@
@
€ ǒ–  šͧ  € न राम पद नेहू। Ǔ Û¡ कहँ सख ु द हास रस एहू।।
भाषा — Ǔ“ Ǔ — Ȫǐš ˜ Ǔ ˜ Ȫšȣ@¡ ȱͧ  –ȯजोग ¡ ȱ  Ʌ“ Ǒ¡ Ȳ Ȫšȣ@
@
Ĥ— Ǖपद Ĥ ȢǓ न   ȡ˜ ͨǕˆ “ Ȣ€ ȧ@Ǔ Û¡ Ǒ¡ कथा   ǓǕ“ › ȡ‚ Ǒ¡ • ȧ€ ȧ@
@
¡ ǐš हर पद šǓ ˜ Ǔ न € Ǖ š€ ȧ@Ǔ Û¡ कहुँ मधरु कथा रघव ु र € ȧ@
@
राम — ‚ Ǔ — ǗͪŸ  िजयँ जानी।   ǕǓ“ ¡ Ǒ¡ Ȳसुजन   šȡǑ¡ सब
ु ानी।।
€ ǒ– न होउँ “ Ǒ¡ Ȳबचन Ĥ –Ȣ“ Ǘ@सकल कला सब ǒ–ɮ™ ȡ ¡ ȣ“ Ǘ@
@
आखर अरथ \ › Ȳ€ ǙǓ नाना। छं द Ĥ– Ȳ’ अनेक ǒ– ’ ȡ“ ȡ@
@
भाव भेद रस भेद अपारा। € ǒ–  दोष गन
ु ǒ– ǒ–’ Ĥ€ ȡšȡ@
@
€ ǒ– ǒ– –ȯ€ एक “ Ǒ¡ Ȳ˜ ȪšɅ@  י कहउँ ͧ› ͨ कागद कोरे ।।
दो0-— Ǔ“ Ǔ ˜ Ȫǐš सब गुन šǑ¡  ǒ– è ǒ– Ǒ‘ गुन एक।
सो ǒ– … ȡǐš   ǕǓ“ ¡ Ǒ¡ Ȳ  Ǖ˜ Ǔ ǔ‡ Û¡ €Ʌǒ–˜ › ǒ– ȯ€ @
@9।।

–*–*–

˜ Ǔ“ ˜ ȡǓ“ € मुकुता † ǒ– जैसी। \ Ǒ¡ ͬ‚ ǐš गज ͧ  š सोह न तैसी।।


नप
ृ ͩ€ šȣŠ  ǽ“ Ȣ तनु पाई। › ¡ Ǒ¡ Ȳसकल सोभा \ ͬ’ € ȡ_@
@
  Ȱ ȯǑ¡ Ȳ  Ǖ€ ǒ– € ǒ–  बुध € ¡ ¡ ȣȲ@` ” ‡ Ǒ¡ Ȳअनत अनत † ǒ– › ¡ ¡ ȣȲ@
@
— ‚ Ǔ हे तु ǒ–ͬ’ भवन ǒ–¡ ȡ_@  ͧǕ˜ š सारद ]  Ǔ धाई।।
राम … ǐš सर ǒ–“ Ǖ\ Û¡ ȡf ȱ@सो Į ˜ जाइ न € ȪǑŠ उपाएँ।।
€ ǒ– € Ȫǒ– ‘ अस ǿ‘™ ȱǒ–… ȡšȣ@‚ ȡǑ¡ Ȳ¡ ǐš जस € ͧ› मल ¡ ȡšȣ@
@
€ ȧÛ¡ ɅĤȡ€ Ǚ जन गुन गाना। ͧ  š ’ ǓǕ“ ͬ‚ šȡ लगत ” Ǔ†  ȡ“ ȡ@
@
ǿ‘™ ͧ  ’Ȳ Ǖ˜ Ǔ सीप समाना। è ȡǓ सारदा € ¡ Ǒ¡ Ȳसुजाना।।
‡ ɋ बरषइ बर – ȡǐš ǒ–… ȡǾ @¡ ȪǑ¡ Ȳ€ ǒ– ˜ Ǖ€ Ǖ ȡ˜ Ǔ“ … ȡǾ @
@
दो0-‡ Ǖ‚ ǕǓ –ȯͬ’ ” ǕǓ“ ”ȪǑ¡ \ Ǒ¡ Ȳšȡ˜ … ǐš बर ताग।
” Ǒ¡ šǑ¡ Ȳ  Ï ‡ “ ǒ– ˜ › उर सोभा \ Ǔ अनरु ाग।।11।।
–*–*–
जे जनमे € ͧ› € ȡ› कराला। करतब बायस बेष मराला।।
चलत कुपंथ बेद मग छाँड़।े कपट कलेवर € ͧ› मल — ȡȱ° Ʌ@
@
बंचक भगत कहाइ राम के। ͩ€ Ȳ€ š कंचन कोह काम के।।
Ǔ Û¡ महँ Ĥ  ˜ रे ख जग ˜ Ȫšȣ@धींग ’ š˜ ڝ‡ धंधक ’ Ȫšȣ@
@
‡ ɋ अपने अवगुन सब कहऊँ। बाढ़इ कथा पार “ Ǒ¡ Ȳलहऊँ।।
ताते ˜ ɇ\ Ǔ अलप बखाने। थोरे महुँ ‡ ȡǓ“ ¡ Ǒ¡ Ȳसयाने।।
  ˜ ͨǕˆ ǒ– ǒ–ͬ’ ǒ–ͬ’ ǒ–“  Ȣ ˜ Ȫšȣ@कोउ न कथा   ǕǓ“ ‘ȯ^ Ǒ¡  Ȫšȣ@
@
एतेहु पर € ǐš¡ Ǒ¡ Ȳजे असंका। ˜ ȪǑ¡ ते \ ͬ’ € ते जड़ ˜ Ǔ रं का।।
€ ǒ– न होउँ “ Ǒ¡ Ȳचतरु कहावउँ । ˜ Ǔ \ “ ǾǕ ” राम गन
ु गावउँ ।।
कहँ šƒ Ǖ” Ǔ के … ǐš अपारा। कहँ ˜ Ǔ ˜ Ȫǐš Ǔ“ š संसारा।।
‡ ȯǑ¡ Ȳ˜ ȡǽ ͬ‚ ǐš ˜ ȯǽ ` °ȡ¡ ȣȲ@कहहु तल
ू €ȯǑ¡ लेखे ˜ ȡ¡ ȣȲ
@@
समुझत \ ͧ˜  राम Ĥ — Ǖ ȡ_@करत कथा मन \ Ǔ कदराई।।
दो0-सारद सेस महे स ǒ– ͬ’ आगम Ǔ“ ‚ ˜ परु ान।
“ ȯǓ “ ȯǓ € Ǒ¡ जासु गन
ु € šǑ¡ ȲǓ“ šȲ š गान।।12।।
–*–*–
सब जानत Ĥ— ǕĤ — Ǖ ȡ सोई।  ‘ͪ” € ¡ Ʌǒ– “ Ǖरहा न कोई।।
तहाँ बेद अस कारन राखा। भजन Ĥ— ȡ` — ȡȱǓ बहु भाषा।।
एक अनीह \ Ǿ ” अनामा। अज   ǔÍ … ‘ȡ“ Ȳ‘ पर धामा।।
ޙ ȡ”€ ǒ–èǾ ” भगवाना।  ȯǑ¡ Ȳ’ ǐš दे ह … ǐš कृत नाना।।
सो केवल भगतन Ǒ¡  लागी। परम कृपाल Ĥ“  अनुरागी।।
‡ ȯǑ¡ जन पर ममता \ Ǔ छोहू। ‡ ȯǑ¡ Ȳ€ ǽ“ ȡ € ǐš € ȧÛ¡ न कोहू।।
गई बहोर ‚ šȣ– नेवाज।ू सरल सबल   ȡǑ¡ – रघरु ाज।ू ।
बध
ु – š“ Ǒ¡ Ȳ¡ ǐš जस अस जानी। € šǑ¡ पन
ु ीत सफ
ु ल Ǔ“ ‡ बानी।।
 ȯǑ¡ Ȳबल ˜ ɇšƒ Ǖ” Ǔ गुन गाथा। € Ǒ¡ ¡ `ȱनाइ राम पद माथा।।
˜ ǕǓ“ Û¡ Ĥ ˜ ¡ ǐš € ȧšǓ गाई।  ȯǑ¡ Ȳमग चलत सुगम ˜ ȪǑ¡ भाई।।

दो0-\ Ǔ अपार जे   ǐš बर ‡ ɋ नप


ृ सेतु € šȡǑ¡ @
Ȳ
… Ǒ ͪ” ”Ȣͧ› € ` परम लघु ǒ– “ ǕĮ ˜ ”ȡšǑ¡ ‡ ȡǑ¡ @
Ȳ@13।।
–*–*–
f Ǒ¡ Ĥ € ȡš बल ˜ “ Ǒ¡ दे खाई। € ǐš¡ `ȱšƒ ”Ǖ Ǔ कथा सह
ु ाई।।
ޙ ȡ  ] Ǒ‘ € ǒ– पुंगव नाना। ǔ‡ Û¡ सादर ¡ ǐš सुजस बखाना।।
चरन कमल बंदउँ Ǔ Û¡ केरे । पुरवहुँ सकल मनोरथ मेरे।।
€ ͧ› के € ǒ–Û¡ करउँ परनामा। ǔ‡ Û¡ बरने šƒ Ǖ” Ǔ गुन Ē ȡ˜ ȡ@
@
जे Ĥȡ€ Ǚ € ǒ– परम सयाने। भाषाँ ǔ‡ Û¡ ¡ ǐš … ǐš बखाने।।
भए जे \ ¡ Ǒ¡ Ȳजे ¡ Ȫ^¡ Ǒ¡ Ȳ] ‚ Ʌ@Ĥ“ `ȱ  – Ǒ¡ Ȳकपट सब י ȡ‚ Ʌ@
@
होहु Ĥ  ۓ दे हु बरदानू। साधु समाज — Ǔ“ Ǔ सनमानू।।
जो Ĥ– Ȳ’ बुध “ Ǒ¡ Ȳ] ‘š¡ ȣȲ@सो Į ˜ –ȡǑ‘ बाल € ǒ– € š¡ ȣȲ@
@
€ ȧšǓ — Ǔ“ Ǔ — ǗǓ — ͧ› सोई।   Ǖš  ǐš सम सब कहँ Ǒ¡  होई।।
राम   €Ǖ ȧšǓ — Ǔ“ Ǔ भदे सा। असमंजस अस ˜ ȪǑ¡ अँदेसा।।
à
Ǖ ¡ šȣ कृपा सुलभ सोउ मोरे । ͧ  \ Ǔ“   Ǖ¡ ȡǓ“ टाट पटोरे ।।
दो0-सरल € ǒ– € ȧšǓ ǒ–˜ › सोइ ] ‘šǑ¡ Ȳसुजान।
सहज बयर ǒ–  šȡ^ ǐš” Ǖजो   ǕǓ“ € šǑ¡ Ȳबखान।।14(क)।।
सो न होइ ǒ–“ Ǖǒ–˜ › ˜ Ǔ ˜ ȪǑ¡ ˜ Ǔ बल \ Ǔ थोर।
करहु कृपा ¡ ǐš जस कहउँ ” ǓǕ“ ” ǓǕ“ करउँ Ǔ“ ¡ Ȫš@
@14(ख)।।
€ ǒ– € Ȫǒ–‘ रघब
ु र … ǐš मानस मंजु मराल।
बाल ǒ–“ ™   ǕǓ“   Ǖǽ ͬ… › ͨ मोपर होहु कृपाल।।14(ग)।।
–*–*–
सो0-बंदउँ ˜ ǓǕ“ पद कंजु रामायन ‡ ȯǑ¡ ȲǓ“ š˜ ™ ` @
सखर सुकोमल मंजु दोष šǑ¡  दष
ू न   Ǒ¡  @
@14(घ)।।
बंदउँ … ȡǐš` बेद भव – ȡǐšͬ’ –ȪǑ¡    ǐš  @
ǔ‡ Û¡ Ǒ¡ न सपनेहुँ खेद बरनत रघुबर ǒ–  ‘ जसु।।14(ङ)।।
बंदउँ ǒ–ͬ’ पद रे नु भव सागर ‡ ȯǑ¡ € ȧÛ¡ जहँ।
संत सध
ु ा   ͧ  धेनु Ĥ‚ Šȯखल ǒ– Ÿ – ȡǽ“ Ȣ@
@14(च)।।
दो0-ǒ–– Ǖ’ ǒ–Ĥ बुध Ē ¡ चरन –ȲǑ‘ कहउँ कर ‡ Ȫǐš@
होइ Ĥ   ۓ पुरवहु सकल मंजु मनोरथ ˜ Ȫǐš@ @14(छ)।।
–*–*–
” ǕǓ“ बंदउँ सारद   Ǖš  ǐš ȡ@जुगल पुनीत मनोहर … ǐš ȡ@
@
˜ Ï ‡ “ पान पाप हर एका। कहत सुनत एक हर \ ǒ– –ȯ€ ȡ@
@
गुर ͪ” Ǖमातु महे स भवानी। Ĥ“  `ȱ‘ȣ“ – Ȳ’ ǕǑ‘“ दानी।।
सेवक èȡͧ˜ सखा ͧ  ™ पी के। Ǒ¡  Ǔ“ ǽ” ͬ’ सब ǒ–ͬ’ तल
ु सीके।।
€ ͧ› ǒ–› Ȫͩ€ जग Ǒ¡  हर ͬ‚ ǐš‡ ȡ@साबर ˜ Ȳğ जाल ǔ‡ Û¡ ͧ  ǐš‡ ȡ@
@
\ “ ͧ˜ › आखर अरथ न जापू। Ĥ‚ Š Ĥ — ȡ` महे स Ĥ  ȡ” Ǘ@
@
सो उमेस ˜ ȪǑ¡ पर अनुकूला। € ǐšǑ¡ Ȳकथा मुद मंगल मूला।।
  Ǖͧ˜ ǐš ͧ  ȡ ͧ   पाइ पसाऊ। बरनउँ šȡ˜ … ǐš ͬ…  चाऊ।।
— Ǔ“ Ǔ ˜ Ȫǐš ͧ   कृपाँ ǒ–— ȡ Ȣ@  ͧ  समाज ͧ˜ ͧ› मनहुँ सरु ाती।।
जे f Ǒ¡ €  Ǒ¡ सनेह समेता। € Ǒ¡ ¡ Ǒ¡ Ȳ  ǓǕ“ ¡ Ǒ¡ Ȳ  ˜ ͨǕˆ सचेता।।
¡ Ȫ^¡ Ǒ¡ Ȳराम चरन अनरु ागी। € ͧ› मल šǑ¡  सम
ु ंगल भागी।।
दो0-सपनेहुँ साचेहुँ ˜ ȪǑ¡ पर ‡ ɋ हर ‚ ȫǐš पसाउ।
तौ फुर होउ जो कहे उँ सब भाषा — Ǔ“ Ǔ Ĥ — ȡ` @ @
15।।
–*–*–
बंदउँ अवध ” Ǖšȣ \ Ǔ ”ȡǓ“ @सरजू   ǐš € ͧ› कलुष “   ȡǓ“ @
@
Ĥ “ `ȱपुर नर “ ȡǐš – ¡ Ȫšȣ@ममता ǔ‡ Û¡ पर Ĥ — ǕǑ¡ न  Ȫšȣ@
@
ͧ  ™ Ǔ“ ‘Ȳ€ अघ ओघ नसाए। लोक ǒ–   Ȫ€ बनाइ बसाए।।
बंदउँ € ȫ  㙠ȡ Ǒ‘ͧ  Ĥȡ… Ȣ@€ ȧšǓ जासु सकल जग माची।।
Ĥ‚ Šȯ̀ जहँ šƒ ”Ǖ Ǔ   ͧ  … ȡǾ @ǒ– è सख
ु द खल कमल   Ǖ ȡǾ @
@
दसरथ राउ   Ǒ¡  सब रानी। सुकृत सुमंगल ˜ ǗšǓ मानी।।
करउँ Ĥ “ ȡ˜ करम मन बानी। करहु कृपा सुत सेवक जानी।।
ǔ‡ Û¡ Ǒ¡ ǒ–šͬ… बड़ भयउ ǒ–’ ȡ ȡ@˜ Ǒ¡ ˜ ȡ \  ͬ’ राम ͪ”  Ǖमाता।।
सो0-बंदउँ अवध भआ
ु ल   י Ĥȯ˜ ‡ ȯǑ¡ राम पद।
ǒ– † Ǖš ‘ȣ“ ‘™ ȡ› ͪĤ™ तनु तन
ृ इव ” ǐš¡ šȯ̀ @
@16।।
Ĥ“  `ȱ”ǐš‡ “   Ǒ¡  ǒ– ‘ȯ¡ Ǘ@‡ ȡǑ¡ राम पद गढ़
ू सनेहू।।
जोग भोग महँ राखेउ गोई। राम ǒ– › Ȫ€  Ĥ‚ Šȯ̀ सोई।।
Ĥ “ `ȱĤ  ˜ भरत के चरना। जासु नेम Ħ जाइ न बरना।।
राम चरन पंकज मन जासू। लुबुध मधप
ु इव तजइ न पासू।।
बंदउँ › Ǔ† ˜ “ पद जलजाता। सीतल सुभग भगत सुख दाता।।
šƒ Ǖ” Ǔ € ȧšǓ ǒ–˜ › पताका। दं ड समान भयउ जस जाका।।
सेष   ¡ èğ  Ȣ  जग कारन। जो अवतरे उ — ͧǗ˜ भय टारन।।
सदा सो सानक
ु ू ल रह मो पर। € Ǚ”ȡͧ  ’Ȳ Ǖ  ȫͧ˜ ǒğ गन
ु ाकर।।
ǐš”  Ǖ ‘Ǘ “ पद कमल नमामी। सरू सस
ु ील भरत अनग
ु ामी।।
महावीर ǒ–“ `ȱहनुमाना। राम जासु जस आप बखाना।।
सो0-Ĥ “ `ȱपवनकुमार खल बन पावक ʙ ȡ“ ’ “ @
जासु ǿ‘™ आगार –  Ǒ¡ Ȳराम सर चाप धर।।17।।
€ ͪ” ”Ǔ šȣ† Ǔ“   ȡ… š राजा। \ Ȳ‚ ‘ȡǑ‘ जे € ȧ  समाजा।।
बंदउँ सब के चरन सह
ु ाए। अधम   šȣš राम ǔ‡ Û¡ पाए।।
šƒ Ǖ” Ǔ चरन उपासक जेते। खग मग
ृ सुर नर असुर समेते।।
बंदउँ पद सरोज सब केरे । जे ǒ– “ Ǖकाम राम के चेरे।।
सुक   “ € ȡǑ‘ भगत ˜ ǕǓ“ नारद। जे ˜ ǕǓ“ –š ǒ–Ê™ ȡ“ ǒ–  ȡš‘@
@
Ĥ “  `ȱ  – Ǒ¡ Ȳ’ šǓ“ ’ ǐš सीसा। करहु कृपा जन ‡ ȡǓ“ मन ु ीसा।।
जनकसत ु ा जग ‡ “ Ǔ“ ‡ ȡ“ € ȧ@\ Ǔ   ™ ͪĤ ™ € ǽ“ ȡ Ǔ“ ’ ȡ“ € ȧ@@
ताके जग
ु पद कमल मनावउँ । जासु कृपाँ Ǔ“ š˜ › ˜ Ǔ पावउँ ।।
” ǕǓ“ मन बचन € ˜ [रघुनायक। चरन कमल बंदउँ सब लायक।।
रािजवनयन ’ šɅधनु सायक। भगत ǒ– ” Ǔ भंजन सुख दायक।।
दो0-ͬ‚ šȡ अरथ जल –Ȣͬ… सम € Ǒ¡ \  ͧ— ۓ न ͧ— ۓ @
बदउँ सीता राम पद ǔ‡ Û¡ Ǒ¡ परम ͪĤ™ ͨ ۓ @
@18।।
–*–*–
बंदउँ नाम राम रघुवर को। हे तु कृसानु भानु Ǒ¡ ˜ € š को।।
ǒ– ͬ’ ¡ ǐš हरमय बेद Ĥȡ“ सो। अगुन अनूपम गुन Ǔ“ ’ ȡ“ सो।।
˜ ¡ ȡ˜ Ȳğ जोइ जपत महे सू। कासीं ˜ Ǖ€ ǕǓ हे तु उपदे सू।।
˜ Ǒ¡ ˜ ȡ जासु जान गनराउ। Ĥ  ˜ पिू जअत नाम Ĥ — ȡa @
@
जान ] Ǒ‘€ ǒ– नाम Ĥ ȡ” @
Ǘ भयउ   ƨǕ € ǐš उलटा जाप।ू ।
सहस नाम सम   ǓǕ“ ͧ   बानी। ‡ ͪ” जेई ͪ” ™ संग भवानी।।
हरषे हे तु ¡ ȯǐš हर ¡ ȣ को। ͩ€ ™ भूषन Ǔ ™ भूषन ती को।।
नाम Ĥ— ȡ` जान ͧ   नीको। कालकूट फलु ‘ȣÛ¡ अमी को।।
दो0-बरषा ǐš Ǖšƒ Ǖ” Ǔ — ‚ Ǔ तल
ु सी   ȡͧ› सुदास।।
राम नाम बर बरन जगु सावन भादव मास।।19।।
–*–*–
आखर मधरु मनोहर दोऊ। बरन ǒ– › Ȫ… “ जन िजय जोऊ।।
  ͧǕ˜ š सलु भ सख ु द सब काहू। लोक लाहु परलोक Ǔ“ –ȡ¡ Ǘ@
@
कहत सन ु त   ͧǕ˜ š   ǑǕ‹ नीके। राम लखन सम ͪĤ ™ तल
ु सी के।।
बरनत बरन Ĥ ȢǓ ǒ–› ‚ ȡ Ȣ@Ħé˜ जीव सम सहज सँघाती।।
नर नारायन   ǐš    Ǖħ ȡ ȡ@जग पालक ǒ–   ȯͪŸ जन ğȡ ȡ@
@
— ‚ Ǔ   ǕǓ ™ कल करन ǒ–— ǗŸ “ @जग Ǒ¡  हे तु ǒ– ˜ › ǒ–’ Ǖपूषन ।
èȡ‘ तोष सम   ‚Ǖ Ǔ सध
ु ा के। कमठ सेष सम धर बसध
ु ा के।।
जन मन मंजु कंज मधक
ु र से। जीह ‡   Ȫ˜ Ǔ ¡ ǐš हलधर से।।
दो0-एकु † ğ Ǖएकु ˜ €Ǖ ǕŠ˜ Ǔ“ सब –š“ Ǔ“ पर जोउ।
तल
ु सी रघुबर नाम के बरन ǒ–šȡ‡  दोउ।।20।।
–*–*–
समुझत   ǐš  नाम \ ǽ नामी। Ĥ ȢǓ परसपर Ĥ — Ǖअनुगामी।।
नाम Ǿ ” दइु ईस उपाधी। अकथ \ “ ȡǑ‘   Ǖ  ȡ˜ Ǖͨˆ साधी।।
को बड़ छोट कहत अपराध।ू   ǕǓ“ गुन भेद   ˜ Ǖͨˆ ¡ Ǒ¡ Ȳसाध।ू ।
‘ȯͨ \ Ǒ¡ ȲǾ ” नाम आधीना। Ǿ ” ʙ ȡ“ “ Ǒ¡ Ȳनाम ǒ– ¡ ȣ“ ȡ@
@
Ǿ ” ǒ–  ȯŸ नाम ǒ–“ Ǖ‡ ȡ“ Ʌ@करतल गत न ” šǑ¡ Ȳ”Ǒ¡ … ȡ“ Ʌ@
@
  ͧǕ˜ ǐš\ नाम Ǿ ” ǒ–“ Ǖ‘ȯ Ʌ@आवत ǿ‘™ ȱसनेह ǒ–   ȯŸ Ʌ@
@
नाम Ǿ ” ‚ Ǔ अकथ कहानी। समुझत सुखद न ”šǓ बखानी।।
अगुन सगुन ǒ–… नाम सुसाखी। उभय Ĥ– Ȫ’ € चतरु दभ
ु ाषी।।
दो0-राम नाम ˜ Ǔ“ ‘ȣ” ’ ǽ जीह ‘ȯ¡ šȣ ɮȡš@
तलु सी भीतर बाहे रहुँ ‡ ɋ … ȡ¡ ͧ  उिजआर।।21।।
–*–*–
नाम जीहँ ‡ ͪ” ‡ ȡ‚ Ǒ¡ Ȳजोगी। ǒ– šǓ ǒ– šȲͬ… Ĥ ”Ȳ… ǒ– ™ Ȫ‚ Ȣ@
@
Ħ é˜   Ǖ Ǒ¡ \ “ —Ǖ Ǒ¡ Ȳअनप
ू ा। अकथ अनामय नाम न Ǿ ”ȡ@
@
जाना … ¡ Ǒ¡ Ȳगढ़
ू ‚ Ǔ जेऊ। नाम जीहँ ‡ ͪ” ‡ ȡ“ Ǒ¡ Ȳतेऊ।।
साधक नाम ‡ ”Ǒ¡ Ȳलय लाएँ। ¡ ȪǑ¡ Ȳͧ  ƨ \ Ǔ“ ˜ ȡǑ‘€ पाएँ।।
‡ ”Ǒ¡ Ȳनामु जन आरत — ȡšȣ@ͧ˜ ŠǑ¡ Ȳकुसंकट ¡ ȪǑ¡ Ȳ  Ǖ ȡšȣ@
@
राम भगत जग … ȡǐš Ĥ€ ȡšȡ@सुकृती … ȡǐš` अनघ उदारा।।
चहू चतरु कहुँ नाम अधारा। ʙ ȡ“ Ȣ Ĥ — ǑǕ¡ ǒ–   ȯͪŸ ͪ” ] šȡ@
@
चहुँ जग
ु चहुँ Į ǓǕ ना Ĥ— ȡa @€ ͧ› ǒ–   ȯͪŸ “ Ǒ¡ Ȳआन उपाऊ।।
दो0-सकल कामना ¡ ȣ“ जे राम — ‚ Ǔ रस › ȣ“ @
नाम   ǕĤ ȯ˜ ͪ”™ ǗŸ हद Ǔ Û¡ ¡ Ǖȱͩ€ f मन मीन।।22।।
–*–*–
अगुन सगुन दइ
ु Ħé˜   Ǿ ” ȡ@अकथ अगाध \ “ ȡǑ‘ अनूपा।।
˜ ȪšɅमत बड़ नामु दहु ू  Ʌ@ͩ€ f ‡ ȯǑ¡ Ȳजुग Ǔ“ ‡ बस Ǔ“ ‡ – Ǘ Ʌ@
@
Ĥ ȪǑ± सुजन ‡ Ǔ“ ‡ ȡ“ Ǒ¡ Ȳजन € ȧ@कहउँ Ĥ  ȢǓ Ĥ ȢǓ ǽͬ… मन € ȧ@ @
एकु ‘ȡǽ‚  ‘ȯͨ \ एकू। पावक सम जग
ु Ħé˜ ǒ– –ȯ€ Ǘ@
@
उभय अगम जग
ु सग
ु म नाम  Ʌ@कहे उँ नामु बड़ Ħ é˜ राम  Ʌ@
@
ޙ ȡ”€ Ǖ एकु Ħé˜ \ ǒ–“ ȡ  Ȣ@सत चेतन धन आनँद रासी।।
अस Ĥ— Ǖǿ‘™ ȱअछत \ ǒ–€ ȡšȣ@सकल जीव जग ‘ȣ“ ‘ Ǖ ȡšȣ@
@
नाम Ǔ“ Ǿ ” “ नाम जतन  Ʌ@सोउ Ĥ‚ Š ǔ‡ ͧ˜ मोल रतन  Ʌ@
@
दो0-Ǔ“ š‚ Ǖ“  Ʌf Ǒ¡ — ȡȱǓ बड़ नाम Ĥ— ȡ` अपार।
कहउँ नामु बड़ राम  ɅǓ“ ‡ ǒ– … ȡš अनस
ु ार।।23।।
–*–*–
राम भगत Ǒ¡  नर तनु ’ ȡšȣ@  Ǒ¡ संकट ͩ€ f साधु   Ǖ ȡšȣ@
@
नामु   Ĥȯ˜ जपत अनयासा। भगत ¡ ȪǑ¡ Ȳमद
ु मंगल बासा।।
राम एक तापस Ǔ ™  ȡšȣ@नाम € ȪǑŠ खल € Ǖ˜ Ǔ   ’Ǖ ȡšȣ@
@
ǐšͪŸ Ǒ¡  राम सुकेतस
ु ुता € ȧ@  Ǒ¡  सेन सुत € ȧÛ¡ ǒ– –ȡ€ ȧ@
@
  Ǒ¡  दोष दख
ु दास दरु ासा। दलइ नामु ǔ‡ ͧ˜ šǒ– Ǔ“ ͧ  नासा।।
भंजेउ राम आपु भव चापू। भव भय भंजन नाम Ĥ ȡ” Ǘ@
@
दं डक बनु Ĥ— Ǖ€ ȧÛ¡ सह
ु ावन। जन मन \ ͧ˜  नाम ͩ€ f पावन।।।
Ǔ“ ͧ  … š Ǔ“ € š दले रघन
ु ंदन। नामु सकल € ͧ› कलष
ु Ǔ“ €Ȳ‘“ @
@
दो0-  –šȣ गीध    Ǖ ȯ € Ǔ“   ‚Ǖ Ǔ ‘ȣǔÛ¡ रघन
ु ाथ।
नाम उधारे \ ͧ˜  खल बेद ǒ– Ǒ‘ गुन गाथ।।24।।
–*–*–
राम सुकंठ ǒ–— ȢŸ “ दोऊ। राखे सरन जान सबु कोऊ।।
नाम ‚ šȣ– अनेक नेवाजे। लोक बेद बर ǒ– ǐš‘ ǒ– šȡ‡ ȯ@
@
राम भालु € ͪ” कटकु बटोरा। सेतु हे तु Į ˜ Ǖ€ ȧÛ¡ न थोरा।।
नामु लेत —  ͧ  ’Ȳ Ǖ  Ǖ ȡ¡ ȣȲ@करहु ǒ–… ȡǽ सज
ु न मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
राम सकुल रन रावनु मारा। सीय   Ǒ¡  Ǔ“ ‡ परु पगु धारा।।
राजा रामु अवध रजधानी। गावत गन
ु सरु ˜ ǓǕ“ बर बानी।।
सेवक   Ǖͧ˜ š नामु   ĤȢ Ȣ@ǒ–“ ǕĮ ˜ Ĥ – › मोह दलु जीती।।
ͩ• š सनेहँ मगन सुख \ ” “ Ʌ@नाम Ĥ   ȡ‘ सोच “ Ǒ¡ Ȳ  ” “ Ʌ@
@
दो0-Ħé˜ राम  Ʌनामु बड़ बर दायक बर ‘ȡǓ“ @
šȡ˜ … ǐš सत € ȪǑŠ महँ ͧ› ™ महे स िजयँ ‡ ȡǓ“ @
@25।।
मासपारायण, पहला ͪ Į ȡ˜
–*–*–
नाम Ĥ   ȡ‘ संभु \ ǒ–“ ȡ  Ȣ@साजु अमंगल मंगल रासी।।
सक
ु   “ € ȡǑ‘ ͧ  ƨ ˜ ǓǕ“ जोगी। नाम Ĥ   ȡ‘ Ħ é˜   Ǖ भोगी।।
नारद जानेउ नाम Ĥ ȡ” Ǘ@जग ͪĤ ™ ¡ ǐš ¡ ǐš हर ͪĤ ™ आपू।।
नामु जपत Ĥ— Ǖ€ ȧÛ¡ Ĥ  ȡ‘ @
Ǘ भगत ͧ  šȪ˜ Ǔ“ भे Ĥ ¡ › ȡ‘ @
Ǘ@
Ģ Ǖ ȱ  ‚ › ȡǓ“ जपेउ ¡ ǐš नाऊँ। पायउ अचल अनूपम ठाऊँ।।
  ͧǕ˜ ǐš पवनसत
ु पावन नाम।ू अपने बस € ǐš राखे राम।ू ।
अपतु \ ‡ ȡͧ˜ › Ǖगजु ‚ Ǔ“ € ȡa @भए मक
ु ु त ¡ ǐš नाम Ĥ— ȡa @
@
€ ¡ ɋ कहाँ › ͬ‚ नाम बड़ाई। रामु न   € Ǒ¡ Ȳनाम गन
ु गाई।।
दो0-नामु राम को € › ” ǽ € ͧ› € 㙠ȡ“ Ǔ“ ȡ  Ǖ@
जो   Ǖͧ˜ š भयो भाँग  Ʌतल
ु सी तल
ु सीदासु।।26।।
–*–*–
चहुँ जगु  ȢǓ“ काल Ǔ ¡ Ǖȱलोका। भए नाम ‡ ͪ” जीव ǒ–   Ȫ€ ȡ@
@
बेद परु ान संत मत एहू। सकल सक ु ृ त फल राम सनेहू।।
ڙ ȡ“ ǕĤ ˜ जुग ˜  ǒ–ͬ’ ‘ ‡Ǘ Ʌ@ɮ ȡ”š ” ǐš ȪŸ  Ĥ— Ǖ” Ǘ‡ Ʌ@
@
€ ͧ› केवल मल मूल ˜ › ȣ“ ȡ@पाप ” ™ ȪǓ“ ͬ’ जन जन मीना।।
नाम € ȡ˜  ǽ काल कराला।   Ǖͧ˜ š समन सकल जग जाला।।
राम नाम € ͧ› \ ͧ— ˜  दाता। Ǒ¡  परलोक लोक ͪ”  Ǖमाता।।
“ Ǒ¡ Ȳ€ ͧ› करम न — ‚ Ǔ ǒ––ȯ€ Ǘ@राम नाम अवलंबन एकू।।
€ ȡ› “ ȯͧ˜ € ͧ› कपट Ǔ“ ’ ȡ“ @
Ǘ नाम   ˜Ǖ Ǔ समरथ हनम
ु ान।ू ।
दो0-राम नाम “ š€ȯ  šȣ € “ € € ͧ  ” Ǖ€ ͧ› € ȡ› @
जापक जन Ĥ¡ › ȡ‘ ǔ‡ ͧ˜ ”ȡͧ› Ǒ¡ ‘ͧ› सुरसाल।।27।।
–*–*–
भायँ कुभायँ अनख आलसहूँ। नाम जपत मंगल Ǒ‘ͧ  दसहूँ।।
  Ǖͧ˜ ǐš सो नाम राम गुन गाथा। करउँ नाइ šƒ Ǖ“ ȡ Ǒ¡ माथा।।
˜ Ȫǐš   Ǖ’ ȡǐšǑ¡ सो सब भाँती। जासु कृपा “ Ǒ¡ Ȳकृपाँ अघाती।।
राम   è
Ǖ ȡͧ˜ कुसेवकु मोसो। Ǔ“ ‡ Ǒ‘ͧ  ‘Ȱͨ ‘™ ȡǓ“ ͬ’ पोसो।।
लोकहुँ बेद    Ǖ ȡǑ¡ – šȣ ȢȲ@ǒ– “ ™ सन
ु त ”Ǒ¡ … ȡ“  ĤȢ Ȣ@
@
गनी ‚ šȣ– Ē ȡ˜ “ š नागर। ” ȲͫŒ मूढ़ ˜ › ȣ“ उजागर।।
  Ǖ€ ǒ– € Ǖ€ ǒ– Ǔ“ ‡ ˜ Ǔ \ “ Ǖ¡ ȡšȣ@“ ”Ǚ Ǒ¡ सराहत सब नर “ ȡšȣ@
@
साधु सुजान सुसील नप
ृ ाला। ईस अंस भव परम कृपाला।।
  ǓǕ“   “ ˜ ȡ“ Ǒ¡ Ȳ  –Ǒ¡ सब
ु ानी। — Ǔ“ Ǔ — ‚ Ǔ “ Ǔ ‚ Ǔ ”Ǒ¡ … ȡ“ Ȣ@
@
यह Ĥȡ€ Ǚ ˜ Ǒ¡ ”ȡ› सभ
ु ाऊ। जान ͧ  šȪ˜ Ǔ“ कोसलराऊ।।
šȣˆ  राम सनेह Ǔ“   Ȫ Ʌ@को जग मंद ˜ ͧ› “ ˜ Ǔ ˜ Ȫ Ʌ@
@
दो0-सठ सेवक € ȧ Ĥ ȢǓ ǽͬ… šͨ ¡ Ǒ¡ Ȳराम कृपालु।
उपल ͩ€ f जलजान ‡ ȯǑ¡ Ȳ  ͬ…    Ǖ˜ Ǔ € ͪ” भालु।।28(क)।।
हौहु कहावत सबु कहत राम सहत उपहास।
  ȡǑ¡ – सीतानाथ सो सेवक तल ु सीदास।।28(ख)।।
–*–*–
\ Ǔ –ͫ° ˜ Ȫǐš Ǒ‹ ȡ_  Ȫšȣ@  ǓǕ“ अघ नरकहुँ नाक   € Ȫšȣ@
@
  ˜ ͨǕˆ सहम ˜ ȪǑ¡ अपडर \ ” “ Ʌ@सो   ͬǕ’ राम € ȧǔÛ¡ “ Ǒ¡ Ȳ  ” “ Ʌ@
@
  ǓǕ“ \  › Ȫͩ€   ͬǕ…  चख … ȡ¡ ȣ@— ‚ Ǔ ˜ Ȫǐš ˜ Ǔ è ȡͧ˜   šȡ¡ ȣ@
@
कहत नसाइ होइ Ǒ¡ ™ ȱ“ Ȣ€ ȧ@šȣˆ  राम ‡ ȡǓ“ जन जी € ȧ@
@
š¡ Ǔ न Ĥ— Ǖͬ…  चक
ू ͩ€ f € ȧ@करत   ǕšǓ सय बार Ǒ¡ f € ȧ@
@
‡ ȯǑ¡ Ȳअघ बधेउ ޙ ȡ’ ǔ‡ ͧ˜ –ȡ› ȣ@ͩ• ǐš सुकंठ सोइ € ȧÛ¡ € Ǖ… ȡ› ȣ@
@
सोइ € š ǓǗ ǒ–— ȢŸ“ €ȯšȣ@सपनेहुँ सो न राम Ǒ¡ ™ ȱ¡ ȯšȣ@
@
ते — š Ǒ¡ — ɅŠ  सनमाने। राजसभाँ रघब
ु ीर बखाने।।
दो0-Ĥ — Ǖ ǽ तर € ͪ” डार पर ते ͩ€ f आपु समान।।
तल
ु सी कहूँ न राम से   ȡǑ¡ –   Ȣ› Ǔ“ ’ ȡ“ @
@29(क)।।
राम Ǔ“ € ȡɃ šȡ šȣ है   –¡ ȣ को नीक।
‡ ɉ यह साँची है सदा तौ नीको तल
ु सीक।।29(ख)।।
f Ǒ¡ ǒ– ͬ’ Ǔ“ ‡ गन ु दोष € Ǒ¡   –Ǒ¡ – ¡ Ǖǐš ͧ  ǽ नाइ।
बरनउँ रघब ु र ǒ–  ‘ जसु   ǓǕ“ € ͧ› कलषु नसाइ।।29(ग)।।
–*–*–
‡ ȡ‚ – ͧ› € जो कथा सह ु ाई। — šɮȡ‡ ˜ ǓǕ“ –šǑ¡ सन ु ाई।।
€ Ǒ¡ ¡ `ȱसोइ संबाद बखानी। सुनहुँ सकल   Ï ‡ “ सुखु मानी।।
संभु € ȧÛ¡ यह … ǐš सुहावा। –¡ Ǖǐš कृपा € ǐš ` ˜ Ǒ¡ सुनावा।।
सोइ ͧ   € ȡ‚ — Ǖ  ǕȲͫŒǑ¡ ‘ȣÛ¡ ȡ@राम भगत \ ͬ’ € ȡšȣ … ȢÛ¡ ȡ@
@
 ȯǑ¡ सन ‡ ȡ‚ –ͧ› € ” ǓǕ“ पावा। Ǔ Û¡ ” ǓǕ“ — šɮȡ‡ Ĥ Ǔ गावा।।
ते Į Ȫ ȡ बकता समसीला। सवँदरसी ‡ ȡ“ Ǒ¡ Ȳ¡ ǐš› ȣ› ȡ@
@
‡ ȡ“ Ǒ¡ Ȳ ȢǓ“ काल Ǔ“ ‡ ʙ ȡ“ ȡ@करतल गत आमलक समाना।।
औरउ जे ¡ ǐš— ‚  सुजाना। € ¡ Ǒ¡ Ȳ  Ǖ“ Ǒ¡ Ȳ  ˜ Ǖˆ Ǒ¡ Ȳǒ–ͬ’ नाना।।
दो0-मै ” ǕǓ“ Ǔ“ ‡ गुर सन सन
ु ी कथा सो सूकरखेत।
समुझी “ Ǒ¡  ͧ  बालपन तब \ Ǔ रहे उँ अचेत।।30(क)।।
Į Ȫ ȡ बकता ʙ ȡ“ Ǔ“ ͬ’ कथा राम कै गढ़
ू ।
ͩ€ ͧ˜   ˜ ˆǕ ɋ मै जीव जड़ € ͧ› मल Ē ͧ   ǒ– ˜ ± Ǘ@
@30(ख)
–*–*–
 ‘ͪ” € ¡ ȣ गरु –ȡšǑ¡ Ȳबारा।   ˜ ͨǕˆ ” šȣ कछु ˜ Ǔ अनस
ु ारा।।
— ȡŸȡ–ƨ € šǒ– ˜ ɇसोई। ˜ ȪšɅमन Ĥ –Ȫ’ ‡ ȯǑ¡ Ȳहोई।।
जस कछु – Ǖͬ’ ǒ––ȯ€ बल ˜ ȯšɅ@तस € Ǒ¡ ¡ `ȱǑ¡ ™ ȱ¡ ǐš के ĤȯšɅ@
@
Ǔ“ ‡ संदेह मोह ħ ˜ हरनी। करउँ कथा भव   ǐš ȡ तरनी।।
बुध ǒ– Į ȡ˜ सकल जन šȲ‡ Ǔ“ @रामकथा € ͧ› कलुष ǒ–— Ȳ‡ Ǔ“ @
@
रामकथा € ͧ› पंनग भरनी। ” ǓǕ“ ǒ––ȯ€ पावक कहुँ अरनी।।
रामकथा € ͧ› कामद गाई। सज ु न   ‡ Ȣ Ǔ“ ˜ ǐǗš सह
ु ाई।।
सोइ बसध
ु ातल सध
ु ा  šȲͬ‚ Ǔ“ @भय — Ȳ‡ Ǔ“ ħ ˜ भेक — \Ǖ Ȳͬ‚ Ǔ“ @
@
असुर सेन सम नरक Ǔ“ €ȲǑ‘Ǔ“ @साधु ǒ–– Ǖ’ कुल Ǒ¡  ͬ‚ ǐš“ Ȳ
Ǒ‘Ǔ“ @
@
संत समाज ”™ Ȫͬ’ रमा सी। ǒ–è भार भर अचल छमा सी।।
जम गन मुहँ ˜ ͧ  जग जमुना सी। जीवन ˜ Ǖ€ ǕǓ हे तु जनु कासी।।
šȡ˜ Ǒ¡ ͪĤ™ ”ȡǓ“ तल
ु सी सी।  ›Ǖ ͧ  ‘ȡ  Ǒ¡  Ǒ¡ ™ ȱहुलसी सी।।
ͧ   Ĥ™ मेकल सैल सुता सी। सकल ͧ  ͪƨ सुख   Ȳ” Ǔ रासी।।
सदगन
ु सरु गन अंब \ Ǒ‘Ǔ सी। रघब
ु र — ‚ Ǔ Ĥȯ˜ ” šͧ˜ Ǔ सी।।
दो0- राम कथा ˜ Ȳ‘ ȡͩ€ “ Ȣ ͬ… ğ€ ǗŠ ͬ…  … ȡǽ@
तलु सी सभ ु ग सनेह बन ͧ  ™ रघब ु ीर ǒ– ¡ ȡǽ@@31।।
–*–*–
राम … ǐš ͬ… Ȳ ȡ˜ Ǔ“ … ȡǾ @संत   ˜Ǖ Ǔ Ǔ ™ सभ ु ग ͧ  ‚Ȳ ȡǾ @
@
जग मंगल गन
ु Ē ȡ˜ राम के। ‘ȡǓ“ ˜ €Ǖ ǕǓ धन धरम धाम के।।
सदगुर ʙ ȡ“ ǒ– šȡ‚ जोग के। ǒ–– Ǖ’ बैद भव भीम रोग के।।
‡ “ Ǔ“ जनक ͧ  ™ राम Ĥȯ˜ के। बीज सकल Ħ  धरम नेम के।।
समन पाप संताप सोक के। ͪĤ ™ पालक परलोक लोक के।।
  ͬ…  सभ
ु ट — ”Ǘ Ǔ ǒ–… ȡš के। कंु भज लोभ ` ‘ͬ’ अपार के।।
काम कोह € ͧ› ˜ › € ǐš‚ “ के। €ȯ¡ ǐš सावक जन मन बन के।।
\ Ǔ ͬ ” Ǘ
Ï ™ ͪĤ™  ˜ ” Ǖšȡǐš के। कामद घन ‘ȡǐš‘ ‘ ȡǐš के।।
˜ Ȳğ ˜ ¡ ȡ˜ Ǔ“ ǒ–Ÿ ™ ޙ ȡ› के। मेटत € Ǒ‹ “ कुअंक भाल के।।
हरन मोह तम Ǒ‘“ € š कर से। सेवक   ȡͧ› पाल जलधर से।।
\ ͧ— ˜  ‘ȡǓ“ ‘ȯ  ǽ बर से। सेवत सल
ु भ सख
ु द ¡ ǐš हर से।।
  €Ǖ ǒ– सरद नभ मन उडगन से। रामभगत जन जीवन धन से।।
सकल सक
ु ृ त फल — ǐǗš भोग से। जग Ǒ¡  Ǔ“ ǽ” ͬ’ साधु लोग से।।
सेवक मन मानस मराल से। पावक गंग तंरग माल से।।
दो0-कुपथ कुतरक € Ǖ… ȡͧ› € ͧ› कपट दं भ पाषंड।
दहन राम गुन Ē ȡ˜ ǔ‡ ͧ˜ इंधन अनल Ĥ … ŒȲ @
@32(क)।।
šȡ˜ … ǐš राकेस कर   ǐš  सुखद सब काहु।
  Ï ‡ “ कुमुद चकोर ͬ…  Ǒ¡  ǒ–   ȯͪŸ बड़ लाहु।।32(ख)।।
–*–*–
€ ȧǔÛ¡ Ĥè“ ‡ ȯǑ¡ — ȡȱǓ भवानी। ‡ ȯǑ¡ ǒ– ͬ’ संकर कहा बखानी।।
सो सब हे तु कहब ˜ ɇगाई। €  ȡĤ –Ȳ’ ǒ– ͬ… ğ बनाई।।
‡ ȯǑ¡ यह कथा सन
ु ी “ Ǒ¡ Ȳहोई। ‡ Ǔ“ आचरजु € šɇ  ǓǕ“ सोई।।
कथा \ › ȫͩ€ €   “Ǖ Ǒ¡ Ȳजे ʙ ȡ“ Ȣ@“ Ǒ¡ Ȳआचरजु € šǑ¡ Ȳअस जानी।।
रामकथा कै ͧ˜ Ǔ जग “ ȡ¡ ȣȲ@\ ͧ  Ĥ  ȢǓ Ǔ Û¡ के मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
नाना — ȡȱǓ राम अवतारा। रामायन सत € ȪǑŠ अपारा।।
कलपभेद ¡ ǐš… ǐš सुहाए। — ȡȱǓ अनेक ˜ Ǖ“ Ȣ  Û¡ गाए।।
€ ǐš\ न संसय अस उर आनी।   ǕǓ“ \ कथा सारद šǓ मानी।।
दो0-राम अनंत अनंत गन
ु \ ͧ˜  कथा ǒ– è ȡš@
  ǓǕ“ आचरजु न ˜ ȡǓ“ ¡ Ǒ¡ Ȳǔ‡ Û¡ €Ʌǒ– ˜ › ǒ–… ȡš@
@33।।
–*–*–
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ सब संसय € ǐš ‘ šǗȣ@ͧ  š ’ ǐš गरु पद पंकज ’ šǗȣ@
@
” ǓǕ“   –¡ ȣ ǒ–“ `ȱकर ‡ Ȫšȣ@करत कथा ‡ ȯǑ¡ Ȳलाग न  Ȫšȣ@
@
सादर ͧ  Ǒ¡ नाइ अब माथा। बरनउँ ǒ–   ‘ राम गुन गाथा।।
संबत सोरह सै एकतीसा। करउँ कथा ¡ ǐš पद ’ ǐš सीसा।।
नौमी भौम बार मधु मासा। \ ’ ” ǕšȣȲयह … ǐš Ĥ € ȡ  ȡ@
@
‡ ȯǑ¡ Ǒ‘“ राम जनम Į ǓǕ ‚ ȡ Ǒ¡ @
Ȳ तीरथ सकल तहाँ … ͧ› ] Ǒ¡ @
Ȳ@
असरु नाग खग नर ˜ ǓǕ“ दे वा। आइ € šǑ¡ Ȳरघन
ु ायक सेवा।।
‡ ۘ ˜ ¡ Ȫ×   š… Ǒ¡ Ȳसुजाना। € šǑ¡ Ȳराम कल € ȧšǓ गाना।।
दो0-˜ Ï ‡ Ǒ¡   Ï ‡ “ बंद
ृ बहु पावन सरजू नीर।
‡ ”Ǒ¡ Ȳराम ’ ǐš ڙ ȡ“ उर सुंदर è™ ȡ˜   šȣš@
@34।।
–*–*–
दरस परस ˜ Ï ‡ “ \ ǽ पाना। हरइ पाप कह बेद पुराना।।
“ ‘ȣ पुनीत \ ͧ˜  ˜ Ǒ¡ ˜ ȡ \ Ǔ @€ Ǒ¡ न सकइ सारद ǒ– ˜ › ˜ Ǔ @
@
राम धामदा ” šǕȣ   ¡Ǖ ȡǓ“ @लोक   ˜ è ǒ–Ǒ‘ \ Ǔ ” ȡǓ“ @
@
… ȡǐš  ȡǓ“ जग जीव अपारा। अवध तजे तनु “ Ǒ¡ संसारा।।
सब ǒ– ͬ’ ” šǕȣ मनोहर जानी। सकल ͧ  ͪƨ Ĥ‘ मंगल खानी।।
ǒ–˜ › कथा कर € ȧÛ¡ अरं भा। सुनत “   ȡǑ¡ Ȳकाम मद दं भा।।
šȡ˜ … ǐš ˜ ȡ“   f Ǒ¡ नामा। सुनत Į “ पाइअ ǒ– Į ȡ˜ ȡ@
@
मन € ǐš ͪ Ÿ™ अनल बन जरई। होइ सुखी जौ f Ǒ¡ Ȳसर परई।।
šȡ˜ … ǐš ˜ ȡ“   ˜ ǓǕ“ भावन। ǒ– š… ȯ̀ संभु सह
ु ावन पावन।।
ǒğǒ– ’ दोष दख
ु ‘ȡǐš‘ दावन। € ͧ› € Ǖ… ȡͧ› € Ǖͧ› कलष
ु नसावन।।
šͬ… महे स Ǔ“ ‡ मानस राखा। पाइ सुसमउ ͧ   ȡ सन भाषा।।
 ȡ Ʌšȡ˜ … ǐš ˜ ȡ“   बर। धरे उ नाम Ǒ¡ ™ ȱ¡ ȯǐš ¡ šͪŸ हर।।
कहउँ कथा सोइ सुखद सुहाई। सादर सुनहु सुजन मन लाई।।
दो0-जस मानस ‡ ȯǑ¡ ǒ– ͬ’ भयउ जग Ĥ … ȡš ‡ ȯǑ¡ हे त।ु
अब सोइ कहउँ Ĥ  Ȳ‚ सब   ͧǕ˜ ǐš उमा बष ृ केत।ु ।35।।
–*–*–
संभु Ĥ  ȡ‘   ˜Ǖ Ǔ Ǒ¡ ™ ȱहुलसी। šȡ˜ … ǐš ˜ ȡ“   € ǒ– तल ु सी।।
करइ मनोहर ˜ Ǔ \ “ ¡Ǖ ȡšȣ@सज
ु न   ͬǕ…    ǓǕ“ लेहु   ’Ǖ ȡšȣ@
@
  Ǖ˜ Ǔ — Ǘͧ˜ थल ǿ‘™ अगाध।ू बेद पुरान ` ‘ͬ’ घन साध।ू ।
–šŸ Ǒ¡ Ȳराम सुजस बर –ȡšȣ@मधरु मनोहर ˜ Ȳ‚ › € ȡšȣ@
@
› ȣ› ȡ सगुन जो € ¡ Ǒ¡ Ȳबखानी। सोइ è Í †  ȡ करइ मल हानी।।
Ĥȯ˜ — ‚ Ǔ जो – šǓ“ न जाई। सोइ मधरु ता सस
ु ीतलताई।।
सो जल सक
ु ृ त   ȡͧ› Ǒ¡  होई। राम भगत जन जीवन सोई।।
मेधा ˜ Ǒ¡ गत सो जल पावन।   ͩ€ ͧ› Į “ मग चलेउ सह
ु ावन।।
भरे उ सुमानस सुथल ͬ šȡ“ ȡ@सुखद सीत ǽͬ… … ȡǽ ͬ… šȡ“ ȡ@
@
दो0-  ǕǑ‹ सुंदर संबाद बर ǒ–š… ȯ– Ǖͪƨ ǒ– … ȡǐš@
तेइ f Ǒ¡ पावन सुभग सर घाट मनोहर … ȡǐš@
@36।।
–*–*–
  ܏ Ĥ– ے सुभग सोपाना। ʙ ȡ“ नयन Ǔ“ š  मन माना।।
šƒ Ǖ” Ǔ ˜ Ǒ¡ ˜ ȡ अगुन अबाधा। बरनब सोइ बर – ȡǐš अगाधा।।
राम सीय जस   ͧ› › सध
ु ासम। उपमा –Ȣͬ… ǒ– › ȡ  मनोरम।।
” šǕ^Ǔ“ सघन … ȡǽ चौपाई। ‡ ‚Ǖ ǓǕ मंजु ˜ Ǔ“ सीप सह
ु ाई।।
छं द सोरठा सुंदर दोहा। सोइ बहुरं ग कमल कुल सोहा।।
अरथ अनूप सुमाव सुभासा। सोइ पराग मकरं द सुबासा।।
सुकृत पुंज मंजुल \ ͧ› माला। ʙ ȡ“ ǒ– šȡ‚ ǒ– … ȡš मराला।।
’ ǓǕ“ अवरे ब € ǒ– गन
ु जाती। मीन मनोहर ते बहुभाँती।।
अरथ धरम € ȡ˜ ȡǑ‘€ … ȡšȣ@कहब ʙ ȡ“ ǒ–Ê™ ȡ“ ǒ– … ȡšȣ@@
नव रस जप तप जोग ǒ–šȡ‚ ȡ@ते सब जलचर … ȡǽ तड़ागा।।
सुकृती साधु नाम गुन गाना। ते ǒ–ͬ… ğ जल ǒ– ¡ ‚ समाना।।
संतसभा चहुँ Ǒ‘ͧ  अवँराई। Į ƨ ȡ ǐš Ǖबसंत सम गाई।।
— ‚ Ǔ Ǔ“ ǽ”“ ǒ–ǒ– ’ ǒ–’ ȡ“ ȡ@छमा दया दम लता ǒ–  ȡ“ ȡ@
@
सम जम Ǔ“ ™ ˜ फूल फल ʙ ȡ“ ȡ@¡ ǐš पत šǓ रस बेद बखाना।।
औरउ कथा अनेक Ĥ   Ȳ‚ ȡ@तेइ सुक ͪ” € बहुबरन ǒ–¡ Ȳ‚ ȡ@@
दो0-पल
ु क –ȡǑŠ€ ȡ बाग बन सख ु   ǒǕ– ¡ Ȳ‚ ǒ– ¡ ȡǽ@
˜ ȡ› ȣ समु न सनेह जल सींचत लोचन … ȡǽ@ @37।।
–*–*–
जे ‚ ȡ Ǒ¡ Ȳयह … ǐš सँभारे । तेइ f Ǒ¡ ताल चतरु रखवारे ।।
सदा   “Ǖ Ǒ¡ Ȳसादर नर “ ȡšȣ@तेइ सरु बर मानस \ ͬ’ € ȡšȣ@
@
\ Ǔ खल जे ǒ–Ÿ_ बग कागा। f Ǒ¡ Ȳसर Ǔ“ € Š न ‡ ȡǑ¡ Ȳअभागा।।
संबुक भेक सेवार समाना। इहाँ न ǒ–Ÿ ™ कथा रस नाना।।
 ȯǑ¡ कारन आवत Ǒ¡ ™ ȱहारे । कामी काक बलाक ǒ– … ȡšȯ@
@
आवत f Ǒ¡ Ȳसर \ Ǔ € Ǒ‹ “ ȡ_@राम कृपा ǒ–“ Ǖआइ न जाई।।
€ Ǒ‹ “ कुसंग कुपंथ कराला। Ǔ Û¡ के बचन बाघ ¡ ǐš ޙ ȡ› ȡ@
@
गह
ृ कारज नाना जंजाला। ते \ Ǔ ‘ ‚Ǖ ˜[ सैल ǒ–  ȡ› ȡ@
@
बन बहु ǒ–Ÿ˜ मोह मद माना। “ ‘ȣȲ€ Ǖ €[ भयंकर नाना।।
दो0-जे Į ƨ ȡ संबल šǑ¡  “ Ǒ¡   Ȳ Û¡ कर साथ।
Ǔ Û¡ कहुँ मानस अगम \ Ǔ ǔ‡ Û¡ Ǒ¡ न ͪĤ™ रघुनाथ।।38।।
–*–*–
‡ ɋ € ǐš € çŠ जाइ ” ǕǓ“ कोई। ‡ ȡ Ǒ¡ Ȳनींद जड़
ु ाई होई।।
जड़ता जाड़ ǒ–Ÿ˜ उर लागा। गएहुँ न ˜ Ï ‡ “ पाव अभागा।।
€ ǐš न जाइ सर ˜ Ï ‡ “ पाना। ͩ• ǐš आवइ समेत \ ͧ— ˜ ȡ“ ȡ@
@
‡ ɋ – ¡ Ȫǐš कोउ पछ
ू न आवा। सर Ǔ“ ‘Ȳȡ € ǐš  ȡǑ¡ बझ
ु ावा।।
सकल ǒ– ˓ ޙ ȡ”Ǒ¡ “ Ǒ¡ Ȳ ȯ¡ ȣ@राम सुकृपाँ ǒ– › Ȫ€ Ǒ¡ Ȳ‡ ȯ¡ ȣ@
@
सोइ सादर सर ˜ Ï ‡ “ Ǖकरई। महा घोर 𙠏 ȡ” न जरई।।
ते नर यह सर  ‡ Ǒ¡ Ȳन काऊ। ǔ‡ Û¡ के राम चरन भल भाऊ।।
जो नहाइ चह f Ǒ¡ Ȳसर भाई। सो सतसंग करउ मन लाई।।
अस मानस मानस चख … ȡ¡ ȣ@भइ € ǒ– – ͪǕƨ ǒ–˜ › \ ‚ ȡ¡ ȣ@
@
भयउ ǿ‘™ ȱआनंद उछाहू। उमगेउ Ĥȯ˜ Ĥ˜ Ȫ‘ Ĥ –ȡ¡ Ǘ@@
… › ȣ सुभग € ǒ–  ȡ   ǐš ȡ सो। राम ǒ–˜ › जस जल — ǐš ȡ सो।।
सरजू नाम सुमंगल मूला। लोक बेद मत मंजुल कूला।।
“ ‘ȣ पुनीत सुमानस “ ȲǑ‘Ǔ“ @€ ͧ› ˜ › तन
ृ  ǽ मूल Ǔ“ €ȲǑ‘Ǔ“ @
@
दो0-Į Ȫ ȡ ǒğǒ–’ समाज परु Ē ȡ˜ नगर दहु ु ँ कूल।
संतसभा अनप ु म अवध सकल सम ु ंगल मल ू ।।39।।
–*–*–
šȡ˜ — ‚ Ǔ   šǕ  ǐš Ǒ¡ जाई। ͧ˜ › ȣ   €Ǖ ȧšǓ सरजु सह
ु ाई।।
सानज
ु राम समर जसु पावन। ͧ˜ › ȯ̀ महानद ु सोन सह
ु ावन।।
जुग ǒ–… — ‚ Ǔ ‘ȯ ’ ǓǕ“ धारा।   Ȫ¡ Ǔ   Ǒ¡    Ǖǒ– šǓ ǒ–… ȡšȡ@
@
ǒğǒ– ’ ताप ğȡ  € Ǔ ˜ Ǖ¡ ȡ“ Ȣ@राम   ǽ” ͧ  ’Ȳ Ǖसमुहानी।।
मानस मूल ͧ˜ › ȣ   Ǖš  ǐš¡ ȣ@सुनत सुजन मन पावन € ǐš¡ ȣ@
@
ǒ– … ǒ–… कथा ǒ–ͬ… ğ ǒ–— ȡ‚ ȡ@जनु   ǐš तीर तीर बन बागा।।
उमा महे स ǒ–– ȡ¡ बराती। ते जलचर \ ‚ Ǔ“  बहुभाँती।।
रघबु र जनम अनंद बधाई। भवँर तरं ग मनोहरताई।।
दो0-–ȡ› … ǐš चहु बंधु के बनज ǒ–” Ǖ› बहुरंग।
नप
ृ रानी ”ǐš‡ “ सुकृत मधक ु र –ȡǐšǒ–¡ Ȳ‚ @
@40।।
–*–*–
सीय è ™ –Ȳ š कथा सह
ु ाई।   ǐš   ¡Ǖ ȡ Ǔ“ सो † ǒ– छाई।।
“ ‘ȣ नाव पटु Ĥè“ अनेका। केवट कुसल उतर   ǒ– –ȯ€ ȡ@
@
  ǕǓ“ अनुकथन ”šè”š होई। ”ͬ € समाज सोह   ǐš सोई।।
घोर धार भग
ृ ुनाथ ǐš  ȡ“ Ȣ@घाट   Ǖ– ƨ राम बर बानी।।
सानुज राम ǒ––ȡ¡ उछाहू। सो सुभ उमग सुखद सब काहू।।
कहत सनु त ¡ šŸǑ¡ Ȳ” ›Ǖ € ȡ¡ ȣȲ@ते सक
ु ृ ती मन ˜ ǑǕ‘ “ ¡ ȡ¡ ȣȲ@
@
राम Ǔ › € Ǒ¡  मंगल साजा। परब जोग जनु जरु े समाजा।।
काई € Ǖ˜ Ǔ केकई €ȯšȣ@” šȣ जासु फल ǒ– ”Ǔ ƒ “ ȯšȣ@
@
दो0-समन \ ͧ˜  उतपात सब — š … ǐš जपजाग।
€ ͧ› अघ खल अवगुन कथन ते जलमल बग काग।।41।।
–*–*–
€ ȧšǓ   ǐš छहूँ ǐš ǕǾ šȣ@समय   Ǖ¡ ȡǓ“ ”ȡ Ǔ“ — Ǘšȣ@
@
Ǒ¡ ˜ Ǒ¡ ˜   Ȱ›   Ǖ ȡ ͧ   ޙ ȡ¡ Ǘ@ͧ  ͧ  š सुखद Ĥ— Ǖजनम उछाहू।।
बरनब राम ǒ––ȡ¡ समाजू। सो मुद मंगलमय ǐš šǕȡ‡ Ǘ@ @
Ē ȢŸ˜ दस
ु ह राम बनगवन।ू पंथकथा खर आतप पवन।ू ।
बरषा घोर Ǔ“   ȡ… š šȡšȣ@सरु कुल   ȡͧ›   ˜Ǖ ‚Ȳ › € ȡšȣ@
@
राम राज सुख ǒ– “ ™ बड़ाई। ǒ–   ‘ सुखद सोइ सरद सुहाई।।
सती ͧ  šȪ˜ Ǔ“ ͧ  ™ गुनगाथा। सोइ गुन अमल अनूपम पाथा।।
भरत सुभाउ सुसीतलताई। सदा एकरस – šǓ“ न जाई।।
दो0- \  › Ȫ€ Ǔ“ – Ȫ› Ǔ“ ͧ˜ › Ǔ“ ĤȢǓ परसपर हास।
भायप — ͧ› चहु बंधु € ȧ जल ˜ ȡ’ šǕȣ सब
ु ास।।42।।
–*–*–
] šǓ ǒ– “ ™ ‘ȣ“  ȡ ˜ Ȫšȣ@लघत
ु ा › ͧ›    –Ǖ ȡǐš न  Ȫšȣ@
@
अदभत
ु   ͧ› › सन
ु त ‚ “Ǖ € ȡšȣ@आस ͪ”]   मनोमल ¡ ȡšȣ@
@
राम   ǕĤ ȯ˜ Ǒ¡ पोषत पानी। हरत सकल € ͧ› कलुष गलानौ।।
भव Į ˜ सोषक तोषक तोषा। समन ‘ ǐǕš दख
ु ‘ȡǐš‘ दोषा।।
काम कोह मद मोह नसावन। ǒ– ˜ › ǒ– –ȯ€ ǒ– šȡ‚ बढ़ावन।।
सादर ˜ Ï ‡ “ पान ͩ€ f  Ʌ@ͧ˜ ŠǑ¡ Ȳपाप ” ǐš ȡ” Ǒ¡ f  Ʌ@
@
ǔ‡ Û¡ f Ǒ¡ – ȡǐš न मानस धोए। ते कायर € ͧ› € ȡ› ǒ–‚ Ȫf @
@
 ͪǙŸ  Ǔ“ šͨ šǒ– कर भव – ȡšȣ@ͩ• ǐš¡ Ǒ¡ मग
ृ ǔ‡ ͧ˜ जीव ‘ Ǖ ȡšȣ@
@
दो0-˜ Ǔ \ “ Ǖ¡ ȡǐš   Ǖ– ȡǐš गुन ‚ Ǔ“ मन \ Û¡  ȡ^@
  Ǖͧ˜ ǐš भवानी   Ȳ€ šǑ¡ कह € ǒ– कथा सुहाइ।।43(क)।।
–*–*–
अब šƒ Ǖ” Ǔ पद ”Ȳ€ ǽ¡ Ǒ¡ ™ ȱ’ ǐš पाइ Ĥ   ȡ‘ ।
कहउँ जुगल ˜ ǕǓ“ –‡ [कर ͧ˜ › “ सुभग संबाद।।43(ख)।।
— šɮȡ‡ ˜ ǕǓ“ –  Ǒ¡ ȲĤ™ ȡ‚ ȡ@Ǔ Û¡ Ǒ¡ राम पद \ Ǔ अनुरागा।।
तापस सम दम दया Ǔ“ ’ ȡ“ ȡ@परमारथ पथ परम सज
ु ाना।।
माघ मकरगत šǒ– जब होई।  Ȣš ” Ǔ Ǒ¡ Ȳआव सब कोई।।
दे व दनुज ͩ€ Ȳ“ š नर Į ȯ“ Ȣ@सादर ˜ Ï ‡ Ǒ¡ Ȳसकल ǒğ–ȯ“ ȢȲ@
@
” Ǘ‡ Ǒ¡ माधव पद जलजाता। ” šͧ  अखय बटु ¡ šŸ Ǒ¡ Ȳगाता।।
— šɮȡ‡ ] Į ˜ \ Ǔ पावन। परम šà™ ˜ ǕǓ“ – š मन भावन।।
तहाँ होइ ˜ ǓǕ“ ǐšŸ™ समाजा। ‡ ȡǑ¡ Ȳजे ˜ Ï ‡ “ तीरथराजा।।
˜ Ï ‡ Ǒ¡ ȲĤȡ समेत उछाहा। € ¡ Ǒ¡ Ȳपरसपर ¡ ǐš गुन गाहा।।
दो0-Ħ é˜ Ǔ“ Ǿ ”˜ धरम ǒ– ͬ’ – š“ Ǒ¡ Ȳ ×ם ǒ– — ȡ‚ @

€ ¡ Ǒ¡ Ȳ— ‚ Ǔ भगवंत कै संजत ु ʙ ȡ“ ǒ–šȡ‚ @


@44।।
–*–*–
f Ǒ¡ Ĥ€ ȡš — ǐš माघ “ ¡ ȡ¡ ȣȲ
@” ǓǕ“ सब Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ ] Į ˜ ‡ ȡ¡ ȣȲ@
@
Ĥ Ǔ संबत \ Ǔ होइ अनंदा। मकर ˜ ǔÏ ‡ ‚  “ Ǒ¡ Ȳ˜ ǓǕ“ – Ȳ‘Ǚȡ@
@
एक बार — ǐš मकर नहाए। सब मुनीस ] Į ˜ Û¡ ͧ  ’ ȡf @
@
‡ ‚ – ȡͧ› € ˜ ǕǓ“ परम ǒ––ȯ€ ȧ@— šå‘ȡ‡ राखे पद Šȯ€ ȧ@
@
सादर चरन सरोज पखारे । \ Ǔ पुनीत आसन बैठारे ।।
€ ǐš पज
ू ा ˜ ǓǕ“ सज
ु स बखानी। बोले \ Ǔ पन
ु ीत मद
ृ ु बानी।।
नाथ एक संसउ बड़ ˜ ȪšɅ@करगत –ȯ‘  ם सबु  ȪšɅ@
@
कहत सो ˜ ȪǑ¡ लागत भय लाजा। जौ न कहउँ बड़ होइ अकाजा।।
दो0-संत € ¡ Ǒ¡ \ ͧ  “ ȢǓ Ĥ— ǕĮ ǓǕ पुरान ˜ ǕǓ“ गाव।
होइ न ǒ–˜ › ǒ––ȯ€ उर गुर सन ͩ€ f ȱदरु ाव।।45।।
–*–*–
अस ǒ–… ȡǐš Ĥ‚ Š`ȱǓ“ ‡ मोहू। हरहु नाथ € ǐš जन पर छोहू।।
रास नाम कर \ ͧ˜  Ĥ— ȡ ȡ@संत पुरान ` ”Ǔ“ Ÿ‘ गावा।।
संतत जपत संभु \ ǒ–“ ȡ  Ȣ@ͧ   भगवान ʙ ȡ“ गुन रासी।।
आकर … ȡǐš जीव जग \ ¡ ¡ ȣȲ@कासीं मरत परम पद › ¡ ¡ ȣȲ@
@
  Ȫͪ” राम ˜ Ǒ¡ ˜ ȡ ˜ ǓǕ“ šȡ™ ȡ@ͧ   उपदे सु करत € ǐš दाया।।
रामु कवन Ĥ— Ǖपूछउँ  Ȫ¡ ȣ@€ Ǒ¡ \ बुझाइ € Ǚ”ȡǓ“ ͬ’ ˜ Ȫ¡ ȣ@
@
एक राम अवधेस कुमारा। Ǔ Û¡ कर … ǐš ǒ–Ǒ‘ संसारा।।
“ ȡǐš ǒ–š¡ ȱदख
ु ु लहे उ अपारा। भयहु रोषु रन रावनु मारा।।
दो0-Ĥ— Ǖसोइ राम ͩ€ अपर कोउ ‡ ȡǑ¡ जपत ǒğ” Ǖšȡǐš@
  י ’ ȡ˜   – Ê
[™ àǕ ¡ कहहु ǒ– –ȯ€ Ǖ ǒ– … ȡǐš@
@46।।
–*–*–
जैसे ͧ˜ ŠȰमोर ħ ˜ — ȡšȣ@कहहु सो कथा नाथ ǒ–è ȡšȣ@ @
‡ ȡ‚ –ͧ› € बोले मस
ु क
ु ाई।  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ ǒ– Ǒ‘ šƒ ”Ǖ Ǔ Ĥ — Ǖ ȡ_@
@
राममगत  à
Ǖ ¡ मन Đ ˜ बानी। चतरु ाई  à
Ǖ ¡ ȡšȣ ˜ ɇजानी।।
चाहहु सन
ु ै राम गन
ु गढ़
ू ा। € ȧǔÛ¡ ¡ ǕĤè“ मनहुँ \ Ǔ मढ़
ू ा।।
तात सुनहु सादर मनु लाई। कहउँ राम कै कथा सुहाई।।
महामोहु ˜ Ǒ¡ Ÿȯ  Ǖǒ–  ȡ› ȡ@रामकथा € ȡͧ› € ȡ कराला।।
रामकथा   ͧ  ͩ€ š“ समाना। संत चकोर € šǑ¡ Ȳ‡ ȯǑ¡ पाना।।
ऐसेइ संसय € ȧÛ¡ भवानी। महादे व तब कहा बखानी।।
दो0-कहउँ सो ˜ Ǔ \ “ ¡Ǖ ȡǐš अब उमा संभु संबाद।
भयउ समय ‡ ȯǑ¡ हे तु ‡ ȯǑ¡ सुनु ˜ ǕǓ“ ͧ˜ ǑŠǑ¡ ǒ– Ÿȡ‘@
@47।।
–*–*–
एक बार ğȯ
 ȡ जग
ु ˜ ȡ¡ ȣȲ@संभु गए कंु भज ǐšͪŸ ”ȡ¡ ȣȲ@ @
संग सती ‡ ‚ ‡ “ Ǔ“ भवानी। पूजे ǐšͪŸ \ ͨ › ȯè š जानी।।
रामकथा ˜ Ǖ“ Ȣ–‡ [बखानी। सुनी महे स परम सुखु मानी।।
ǐšͪŸ ” Ǘ† Ȥ ¡ ǐš— ‚ Ǔ सुहाई। € ¡ ȣ संभु \ ͬ’ € ȡšȣ पाई।।
कहत सन
ु त šƒ ”Ǖ Ǔ गन
ु गाथा। कछु Ǒ‘“ तहाँ रहे ͬ‚ ǐš“ ȡ ȡ@
@
˜ ǓǕ“ सन ǒ–‘ȡ ˜ ȡͬ‚ ǒğ” š
Ǖȡšȣ@चले भवन सँग ‘Í † € Ǖ˜ ȡšȣ@
@
 ȯǑ¡ अवसर भंजन ˜ Ǒ¡ — ȡšȡ@¡ ǐš रघुबंस › ȣÛ¡ अवतारा।।
ͪ” ȡ बचन तिज राजु उदासी। दं डक बन ǒ– … š \ ǒ– “ ȡ  Ȣ@
@
दो0-鑙 ȱǒ–… ȡš जात हर €ȯǑ¡ ǒ–ͬ’ दरसनु होइ।
‚Ü
Ǖ ǽ” अवतरे उ Ĥ — Ǖगएँ जान सबु कोइ।।48(क)।।
–*–*–
सो0-संकर उर \ Ǔ छोभु सती न ‡ ȡ“ Ǒ¡ Ȳमरमु सोइ।।
तल
ु सी दरसन लोभु मन Œǽ लोचन लालची।।48(ख)।।
रावन मरन मनज
ु कर जाचा। Ĥ— Ǖǒ– ͬ’ बचनु € ȧÛ¡ चह साचा।।
‡ ɋ “ Ǒ¡ Ȳजाउँ रहइ ”Ǔ†  ȡȡ@करत ǒ– … ȡǽ न बनत बनावा।।
f Ǒ¡ ǒ– ͬ’ भए सोचबस ईसा।  ȯǑ¡ समय जाइ दससीसा।।
› ȣÛ¡ नीच ˜ ȡšȣ… Ǒ¡ संगा। भयउ तरु त सोइ कपट कुरं गा।।
€ ǐš छलु मूढ़ ¡ šȣ – Ȱ‘ȯ¡ ȣ@Ĥ— ǕĤ — ȡ` तस ǒ– Ǒ‘ न  ȯ¡ ȣ@
@
मग
ृ –ͬ’ –Û’ Ǖ  Ǒ¡  ¡ ǐš आए। ] Į ˜ Ǖ‘ȯͨ नयन जल छाए।।
ǒ– š¡ ǒ–€ › नर इव रघरु ाई। खोजत ǒ–ͪ”“ ͩ• š दोउ भाई।।
कबहूँ जोग ǒ–™ Ȫ‚ न ‡ ȡ€Ʌ@दे खा Ĥ‚ Š ǒ–š¡ दख ु  ȡ€Ʌ@
@
दो0-\ Ǔ ͪͬ… 𠚃 Ǖ” Ǔ … ǐš ‡ ȡ“ Ǒ¡ Ȳपरम सुजान।
जे ˜ Ǔ ˜ Ȳ‘ ǒ– ˜ Ȫ¡ बस ǿ‘™ ȱ’ šǑ¡ Ȳकछु आन।।49।।
–*–*–
संभु समय  ȯǑ¡ šȡ˜ Ǒ¡ दे खा। उपजा Ǒ¡ ™ ȱ\ Ǔ हरपु ǒ–   ȯŸ ȡ@
@
— ǐš लोचन † ǒ–ͧ  ’Ȳ ǕǓ“ ¡ ȡšȣ@कुसमय ‡ ȡǓ“ “ € ȧǔÛ¡ ͬ… Û¡ ȡšȣ@
@
जय   ǔÍ … ‘ȡ“ ‘Ȳ जग पावन। अस € Ǒ¡ चलेउ मनोज नसावन।।
चले जात ͧ   सती समेता। ” ǓǕ“ ” ǓǕ“ पल
ु कत € Ǚ”ȡǓ“ €ȯ ȡ@
@
सतीं सो दसा संभु कै दे खी। उर उपजा संदेहु ǒ–   ȯŸ Ȣ@
@
  Ȳ€ ǽ ‡ ‚  –Ȳɮ ™ ‡ ‚ ‘ȣ  ȡ@सुर नर ˜ ǕǓ“ सब नावत सीसा।।
Ǔ Û¡ “ ”Ǚ   Ǖ Ǒ¡ नह परनामा। € Ǒ¡   ǔÍ … ‘ȡ“ Ȳ‘ परधमा।।
भए मगन † ǒ– तासु ǒ– › Ȫ€ ȧ@अजहुँ Ĥ ȢǓ उर š¡ Ǔ न šȪ€ ȧ@
@
दो0-Ħé˜ जो å™ ȡ”€ ǒ– š‡ अज अकल अनीह अभेद।

सो ͩ€ दे ह ’ ǐš होइ नर ‡ ȡǑ¡ न जानत वेद।। 50।।


–*–*–
ǒ–ç“ Ǖजो सुर Ǒ¡  नरतनु ’ ȡšȣ@सोउ   – Ê
[ ™ जथा ǒğ” šǕȡšȣ@
@
खोजइ सो ͩ€ \ ʙ इव “ ȡšȣ@ʙ ȡ“ ’ ȡ˜ Į Ȣ”Ǔ \   Ǖšȡšȣ@
@
  Ȳ— ͬǕ‚ šȡ ” ǓǕ“ मष
ृ ा न होई। ͧ     – Ê
[ ™ जान सबु कोई।।
अस संसय मन भयउ अपारा। होई न ǿ‘™ ȱĤ –Ȫ’ Ĥ… ȡšȡ@
@
‡ ɮ™ ͪ” Ĥ‚ Š न कहे उ भवानी। हर अंतरजामी सब जानी।।
  Ǖ“ Ǒ¡ सती तव “ ȡǐš सुभाऊ। संसय अस न ’ ǐš\ उर काऊ।।
जासु कथा कुभंज ǐšͪŸ गाई। — ‚ Ǔ जासु ˜ ɇ˜ ǕǓ“ Ǒ¡ सुनाई।।
सोउ मम ^犑ȯ रघुबीरा। सेवत ‡ ȡǑ¡ सदा ˜ ǕǓ“ धीरा।।
छं 0-˜ ǓǕ“ धीर जोगी ͧ  ƨ संतत ǒ– ˜ › मन ‡ ȯǑ¡ ڙ ȡ ¡ ȣȲ@
€ Ǒ¡ “ ȯǓ Ǔ“ ‚ ˜ परु ान आगम जासु € ȧšǓ ‚ ȡ ¡ ȣȲ@
@
सोइ रामु ޙ ȡ”€ Ħé˜ भुवन Ǔ“ € ȡ™ ”Ǔ माया धनी।
अवतरे उ अपने भगत Ǒ¡  Ǔ“ ‡  ğȲ Ǔ“  šƒ Ǖ€ Ǖ› ˜ Ǔ“ @
@
सो0-लाग न उर उपदे सु ‡ ‘ͪ” कहे उ ͧ   ȱबार बहु।
बोले ǒ– ¡ ͧ  महे सु ¡ ǐš˜ ȡ™ ȡ बलु ‡ ȡǓ“ िजयँ।।51।।
‡ ɋ à
Ǖ ¡ šɅमन \ Ǔ संदेहू। तौ ͩ€ “ जाइ ” šȣ† ȡ लेहू।।
तब › ͬ‚ बैठ अहउँ –Š† ȡǑ¡ @Ȳ जब › ͬ‚  à
Ǖ ¡ ऐहहु ˜ ȪǑ¡ ” ȡ¡ ȣ@
@
‡ Ȱ  Ʌजाइ मोह ħ ˜ — ȡšȣ@करे हु सो जतनु ǒ––ȯ€ ǒ– … ȡšȣ@ @
… › ȣȲसती ͧ   आयसु पाई। € šǑ¡ Ȳǒ– … ȡǽ € šɋ का भाई।।
इहाँ संभु अस मन अनम
ु ाना। ‘Í †   Ǖ ȡ कहुँ “ Ǒ¡ Ȳ€ 㙠ȡ“ ȡ@
@
मोरे हु € ¡ Ʌन संसय ‡ ȡ¡ ȣȲ@ǒ–’ Ȣ ǒ– ”šȣ भलाई “ ȡ¡ ȣȲ@
@
¡ Ȫ^Ǒ¡ सोइ जो राम šͬ… राखा। को € ǐš  €[ बढ़ावै साखा।।
अस € Ǒ¡ लगे जपन ¡ ǐš“ ȡ˜ ȡ@गई सती जहँ Ĥ — Ǖसुखधामा।।
दो0-” ǕǓ“ ” ǕǓ“ ǿ‘™ ȱͪ … ȡǽ € ǐš ’ ǐš सीता कर ǽ”@
] ‚ Ʌहोइ … ͧ› पंथ  ȯǑ¡ ‡ ȯǑ¡ Ȳआवत नरभप
ू ।।52।।
–*–*–
› Ǔ† ˜ “ ‘ȣ उमाकृत बेषा … ͩ€  भए ħ ˜ ǿ‘™ ȱǒ–   ȯŸ ȡ@
@
€ Ǒ¡ न सकत कछु \ Ǔ गंभीरा। Ĥ— ǕĤ — ȡ` जानत ˜ Ǔ ’ Ȣšȡ@
@
सती कपटु जानेउ   šǕè ȡ˜ Ȣ@सबदरसी सब अंतरजामी।।
  Ǖͧ˜ š ‡ ȡǑ¡ ͧ˜ Š^ \ ʙ ȡ“ ȡ@सोइ   š– ʙ रामु भगवाना।।
सती € ȧÛ¡ चह तहँहुँ दरु ाऊ। दे खहु “ ȡǐš सुभाव Ĥ — ȡa @@
Ǔ“ ‡ माया बलु ǿ‘™ ȱबखानी। बोले ǒ– ¡ ͧ  रामु मद ृ ु बानी।।
‡ Ȫǐš ”ȡǓ“ Ĥ— Ǖ€ ȧÛ¡ Ĥ “ ȡ˜ @
Ǘ ͪ” ȡ समेत › ȣÛ¡ Ǔ“ ‡ नाम।ू ।
कहे उ –¡ Ȫǐš कहाँ बष
ृ केत।ू ǒ– ͪ” “ \ €ȯͧ› ͩ• š¡ Ǖ€ȯǑ¡ हे त।ू ।
दो0-राम बचन मद
ृ ु गढ़
ू   ǓǕ“ उपजा \ Ǔ संकोच।ु
सती सभीत महे स ”Ǒ¡ Ȳ… › ȣȲǿ‘™ ȱबड़ सोच।ु ।53।।
–*–*–
˜ ɇसंकर कर कहा न माना। Ǔ“ ‡ \ ʙ ȡ“ Ǖराम पर आना।।
जाइ `  ǽ अब दे हउँ काहा। उर उपजा \ Ǔ ‘ȡǽ“ दाहा।।
जाना राम सतीं दख
ु ु पावा। Ǔ“ ‡ Ĥ — ȡ` कछु Ĥ ‚ ǑŠ जनावा।।
सतीं ‘ȣ कौतक
ु ु मग जाता। ] ‚ Ʌरामु   Ǒ¡  Į Ȣ ħ ȡ ȡ@
@
ͩ• ǐš ͬ…   ȡ ”ȡ† ɅĤ— Ǖदे खा।   Ǒ¡  बंधु ͧ  ™ संद
ु र वेषा।।
जहँ ͬ…   Ǒ¡ Ȳतहँ Ĥ— Ǖआसीना।   ȯ Ǒ¡ Ȳͧ  ƨ मन
ु ीस Ĥ– Ȣ“ ȡ@
@
दे खे ͧ   ǒ–ͬ’ ǒ–ç“ Ǖअनेका। \ ͧ˜  Ĥ — ȡ` एक  Ʌएका।।
बंदत चरन करत Ĥ— Ǖसेवा। ǒ– ǒ–’ बेष दे खे सब दे वा।।
दो0-सती ǒ– ’ ȡğȢ ^ȲǑ‘šȡ दे खीं \ ͧ˜  अनूप।
‡ ȯǑ¡ Ȳ‡ ȯǑ¡ Ȳबेष \ ‡ ȡǑ‘ सरु  ȯǑ¡  ȯǑ¡ तन \ “ ǾǕ ” @
@54।।
–*–*–
दे खे जहँ तहँ šƒ Ǖ” Ǔ जेते।   ǔȏ Û¡   Ǒ¡  सकल सुर तेते।।
जीव चराचर जो संसारा। दे खे सकल अनेक Ĥ€ ȡšȡ@
@
” ‡Ǘ Ǒ¡ ȲĤ— ǑǕ¡ दे व बहु बेषा। राम Ǿ ” दस
ू र “ Ǒ¡ Ȳदे खा।।
अवलोके šƒ Ǖ” Ǔ बहुतेरे। सीता   Ǒ¡  न बेष घनेरे।।
सोइ रघुबर सोइ › Ǔ† ˜ “ Ǖसीता। ‘ȯͨ सती \ Ǔ भई सभीता।।
ǿ‘™ कंप तन   Ǖͬ’ कछु “ ȡ¡ ȣ@
Ȳ नयन ˜ ǗǑ‘ – Ȱ‹ ȤȲमग ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
– ¡ Ǖǐš ǒ–› Ȫ€ȯ` नयन ` ƒ ȡšȣ@कछु न ‘ȣ तहँ ‘Í † € Ǖ˜ ȡšȣ@
@
” ǓǕ“ ” ǓǕ“ नाइ राम पद सीसा। … › ȣȲतहाँ जहँ रहे ͬ‚ šȣ  ȡ@
@
दो0-गई समीप महे स तब ¡ ȱͧ  ” †Ǘ Ȥ कुसलात।
› ȣÛ¡ ȣ ”šȣ† ȡ कवन ǒ–ͬ’ कहहु   י सब बात।।55।।
मासपारायण, दस
ू रा ͪĮ ȡ˜
–*–*–
सतीं   ˜ ͨǕˆ रघब
ु ीर Ĥ— ȡa @भय बस ͧ   सन € ȧÛ¡ दरु ाऊ।।
कछु न ”šȣ† ȡ › ȣǔÛ¡ गोसाई। € ȧÛ¡ Ĥ“ ȡ˜ Ǖ à
Ǖ ¡ ȡǐšǑ¡ नाई।।
जो  à
Ǖ ¡ कहा सो मष
ृ ा न होई। ˜ ȪšɅमन Ĥ  ȢǓ \ Ǔ सोई।।
तब संकर दे खेउ ’ ǐš ڙ ȡ“ ȡ@सतीं जो € ȧÛ¡ … ǐš सब जाना।।
– ¡ Ǖǐš šȡ˜ ˜ ȡ™ Ǒ¡ ͧ  ǽ नावा। Ĥȯǐš   Ǔ Ǒ¡ ‡ ȯǑ¡ Ȳझँठ
ू कहावा।।
¡ ǐš ^Í † ȡ भावी बलवाना। ǿ‘™ ȱǒ– … ȡš संभु सज
ु ाना।।
सतीं € ȧÛ¡ सीता कर बेषा। ͧ   उर भयउ ǒ– Ÿȡ‘ ǒ–   ȯŸ ȡ@
@
‡ ɋ अब करउँ सती सन Ĥ Ȣ Ȣ@ͧ˜ Š^ — ‚ Ǔ पथु होइ अनीती।।
दो0-परम पुनीत न जाइ तिज ͩ€ f ȱĤȯ˜ बड़ पापु।
Ĥ ‚ ǑŠ न कहत महे सु कछु ǿ‘™ ȱ\ ͬ’ € संतापु।।56।।
–*–*–
तब संकर Ĥ — Ǖपद ͧ  ǽ नावा।   Ǖͧ˜ š रामु ǿ‘™ ȱअस आवा।।
f Ǒ¡ Ȳतन   Ǔ Ǒ¡ भेट ˜ ȪǑ¡ “ ȡ¡ ȣȲ@ͧ     Ȳ€ 㔠Ǖ€ ȧÛ¡ मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
अस ǒ–… ȡǐš   Ȳ€ ǽ ˜ Ǔ ’ Ȣšȡ@चले भवन   Ǖͧ˜ š रघुबीरा।।
चलत गगन भै ͬ‚ šȡ सह
ु ाई। जय महे स — ͧ› — ‚ Ǔ Ǻ±ȡ_@
@
अस पन  à
Ǖ ¡ ǒ– “ Ǖकरइ को आना। रामभगत समरथ भगवाना।।
  ǕǓ“ “ — ͬ‚ šȡ सती उर सोचा। पूछा ͧ  Ǒ¡ समेत सकोचा।।
€ ȧÛ¡ कवन पन कहहु कृपाला।   י ’ ȡ˜ Ĥ— Ǖ‘ȣ“ ‘™ ȡ› ȡ@ @
‡ ‘ͪ” सतीं पूछा बहु भाँती।  ‘ͪ” न कहे उ ǒğ” Ǖš आराती।।
दो0-सतीं ǿ‘™ अनम
ु ान ͩ€ ™ सबु जानेउ   – Ê
[™@
€ ȧÛ¡ कपटु ˜ ɇसंभु सन “ ȡǐš सहज जड़ \ ʙ @
@57क।।
–*–*–
ǿ‘™ ȱसोचु समझ
ु त Ǔ“ ‡ करनी। ͬ… Ȳ ȡ \ ͧ˜  जाइ “ Ǒ¡ बरनी।।
€ Ǚ” ȡͧ  ’Ȳ Ǖͧ   परम अगाधा। Ĥ ‚ Š न कहे उ मोर अपराधा।।
संकर ǽ \  › Ȫͩ€ भवानी। Ĥ— Ǖ˜ ȪǑ¡ तजेउ ǿ‘™ ȱअकुलानी।।
Ǔ“ ‡ अघ   ˜ Ǖͨˆ न कछु € Ǒ¡ जाई। तपइ अवाँ इव उर \ ͬ’ € ȡ_@
@
  Ǔ Ǒ¡ ससोच ‡ ȡǓ“ बष
ृ केत।ू € ¡ ȣȲकथा सुंदर सुख हे त।ू ।
बरनत पंथ ǒ–ǒ–’ ^Ǔ ¡ ȡ  ȡ@ǒ– è “ ȡ पहुँचे कैलासा।।
तहँ ” ǓǕ“ संभु   ˜ ͨǕˆ पन आपन। बैठे बट तर € ǐš कमलासन।।
संकर सहज   ǽ”   à¡ ȡšȡ@› ȡͬ‚   ˜ ȡͬ’ अखंड अपारा।।
दो0-सती –  Ǒ¡ कैलास तब \ ͬ’ € सोचु मन ˜ ȡǑ¡ @
Ȳ
मरमु न कोऊ जान कछु जुग सम Ǒ‘  ͧ  šȡǑ¡ @ Ȳ@
58।।
–*–*–
Ǔ“  नव सोचु सतीं उर भारा। कब जैहउँ दख
ु सागर पारा।।
˜ ɇजो € ȧÛ¡ šƒ Ǖ” Ǔ अपमाना। ” ǕǓ“ ” Ǔ बचनु मष
ृ ा € ǐš जाना।।
सो फलु ˜ ȪǑ¡ ǒ–’ ȡ ȡȱ‘ȣÛ¡ ȡ@जो कछु ` ͬ…  रहा सोइ € ȧÛ¡ ȡ@
@
अब ǒ– ͬ’ अस – ͨǗˆ \ “ Ǒ¡  Ȫ¡ ȣ@संकर ǒ– ˜ Ǖ ǔ‡ ]  ͧ  ˜ Ȫ¡ ȣ@
@
€ Ǒ¡ न जाई कछु ǿ‘™ गलानी। मन महुँ šȡ˜ ȡǑ¡   ͧǕ˜ š सयानी।।
जौ Ĥ — Ǖ‘ȣ“ ‘™ ȡ› Ǖकहावा। आरती हरन बेद जसु गावा।।
तौ ˜ ɇǒ–“ ™ करउँ कर ‡ Ȫšȣ@छूटउ –ȯͬ‚ दे ह यह ˜ Ȫšȣ@
@
‡ ɋ मोरे ͧ   चरन सनेहू। मन Đ ˜ बचन   י Ħ  Ǖएहू।।
दो0- तौ सबदरसी   ǓǕ“ \ Ĥ — Ǖकरउ सो –ȯͬ‚ उपाइ।
होइ मरनु ‡ ȯ¡ ȣ ǒ–“ Ǒ¡ ȲĮ ˜ दस
ु ह ǒ– ”ǔ׏ ǒ– ¡ ȡ^@
@59।।
सो0-जलु पय   ǐš  ǒ–€ ȡ^ दे खहु Ĥ ȢǓ ͩ€ šȣǓ — ͧ› @
ǒ– › ‚ होइ रसु जाइ कपट खटाई परत ” ǕǓ“ @ @57ख।।
–*–*–
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ ‘ ͨǕ  Ĥ‡ ȯ  € Ǖ˜ ȡšȣ@अकथनीय ‘ȡǽ“ दख
ु ु — ȡšȣ@
@
–Ȣ Ʌसंबत सहस सतासी। तजी   ˜ ȡͬ’ संभु \ ǒ–“ ȡ  Ȣ@
@
राम नाम ͧ     Ǖͧ˜ š“ लागे। जानेउ सतीं ‡ ‚  ” Ǔ जागे।।
जाइ संभु पद बंदनु € ȧÛ¡ ȣ@सनमख
ु संकर आसनु ‘ȣÛ¡ ȡ@
@
लगे कहन ¡ ǐš€  ȡ रसाला। ‘Í † Ĥ‡ ȯ  भए  ȯǑ¡ काला।।
दे खा ǒ– ͬ’ ǒ–… ȡǐš सब लायक। ‘Í † Ǒ¡ € ȧÛ¡ Ĥ ‡ ȡ” Ǔ नायक।।
बड़ \ ͬ’ € ȡš ‘Í † जब पावा। \ Ǔ \ ͧ— ˜ ȡ“ Ǖǿ‘™ ȱतब आवा।।
“ Ǒ¡ Ȳकोउ अस जनमा जग ˜ ȡ¡ ȣȲ@Ĥ— Ǖ ȡ पाइ ‡ ȡǑ¡ मद “ ȡ¡ ȣȲ@
@
दो0- ‘Í † ͧ› f ˜ ǕǓ“ – Ȫͧ› सब करन लगे बड़ जाग।
नेवते सादर सकल सरु जे पावत मख भाग।।60।।
–*–*–

ͩ€ Ȳ“ š नाग ͧ  ƨ ‚ Ȳ’ – ȡ[@– ’ Û
Ǖ¡ समेत चले सरु   – ȡ[@
@
ǒ– ç“ Ǖǒ–šȲͬ… महे सु ǒ–¡ ȡ_@चले सकल सुर जान बनाई।।
सतीं ǒ– › Ȫ€ȯޙ Ȫ˜ ǒ–˜ ȡ“ ȡ@जात चले सुंदर ǒ–ͬ’ नाना।।
सुर   ǕȲ‘ šȣ € šǑ¡ Ȳकल गाना। सुनत Į  “ † ǗŠǑ¡ Ȳ˜ ǕǓ“ ڙ ȡ“ ȡ@
@
पछ
ू े उ तब ͧ   ȱकहे उ बखानी। ͪ”  ȡ ‡ ʙ   ǓǕ“ कछु हरषानी।।
‡ ɋ महे सु ˜ ȪǑ¡ आयसु ‘ȯ¡ ȣȲ@कुछ Ǒ‘“ जाइ š¡ ɋ ͧ˜   f ¡ ȣȲ@
@
” Ǔ ”ǐš×™ ȡ‚ ǿ‘™ दख
ु ु — ȡšȣ@कहइ न Ǔ“ ‡ अपराध ǒ– … ȡšȣ@
@
– Ȫ› ȣ सती मनोहर बानी। भय संकोच Ĥȯ˜ रस सानी।।
दो0-ͪ”  ȡ भवन ` ×   परम ‡ ɋ Ĥ— Ǖआयसु होइ।
तौ मै जाउँ कृपायतन सादर दे खन सोइ।।61।।
–*–*–
कहे हु नीक मोरे हुँ मन भावा। यह \ “ Ǖͬ…  “ Ǒ¡ Ȳनेवत पठावा।।
‘Í † सकल Ǔ“ ‡ सुता बोलाई। ¡ ˜ šɅबयर  à Ǖ ¡ ` ǒ–   šȡ_@
@
Ħ é˜   — ȡȱहम सन दख ु ु माना।  ȯǑ¡  Ʌअजहुँ € šǑ¡ Ȳअपमाना।।
‡ ɋ ǒ– “ Ǖ–Ȫ› Ʌजाहु भवानी। रहइ न सीलु सनेहु न कानी।।
‡ ‘ͪ” ͧ˜ ğ Ĥ— Ǖͪ” Ǖगरु गेहा। जाइअ ǒ–“ Ǖबोलेहुँ न सँदेहा।।
 ‘ͪ” ǒ– šȪ’ मान जहँ कोई। तहाँ गएँ € 㙠ȡ“ Ǖन होई।।
— ȡȱǓ अनेक संभु समुझावा। भावी बस न ʙ ȡ“ Ǖउर आवा।।
कह Ĥ— Ǖजाहु जो ǒ–“ Ǒ¡ Ȳबोलाएँ। “ Ǒ¡ Ȳ— ͧ› बात हमारे भाएँ।।
दो0-€ Ǒ¡ दे खा हर जतन बहु रहइ न ‘Í † € Ǖ˜ ȡǐš@
Ǒ‘f ˜ É
Ǖ ™ गन संग तब ǒ– ‘ȡ € ȧÛ¡ ǒğ” šǕȡǐš@
@62।।
–*–*–
ͪ” ȡ भवन जब गई भवानी। ‘Í † ğȡ  काहुँ न सनमानी।।
सादर — › ȯǑ¡ Ȳͧ˜ › ȣ एक माता। — ͬ‚ “ ȢȲͧ˜ › ȣȲबहुत मस
ु क
ु ाता।।
‘Í † न कछु ” Ǘ† Ȥ कुसलाता।   Ǔ Ǒ¡ ǒ–› Ȫͩ€ जरे सब गाता।।
सतीं जाइ दे खेउ तब जागा। कतहुँ न ‘ȣ संभु कर भागा।।
तब ͬ…  चढ़े उ जो संकर कहे ऊ। Ĥ — Ǖअपमानु   ˜ Ǖͨˆ उर दहे ऊ।।
”ȡǓ† › दख
ु ु न ǿ‘™ ȱअस ޙ ȡ” ȡ@जस यह भयउ महा ”ǐš ȡ” ȡ@
@
‡ ɮ™ ͪ” जग ‘ȡǽ“ दख
ु नाना। सब  Ʌ€ Ǒ‹ “ ‡ ȡǓ अवमाना।।
  ˜ Ǖͨˆ सो   Ǔ Ǒ¡ भयउ \ Ǔ Đ Ȫ’ ȡ@बहु ǒ– ͬ’ जननीं € ȧÛ¡
Ĥ– Ȫ’ ȡ@
@
दो0-ͧ   अपमानु न जाइ   Ǒ¡ ǿ‘™ ȱन होइ Ĥ– Ȫ’ @
सकल   — Ǒ¡ ¡ Ǒ‹ ¡ Šͩ€ तब – Ȫ› ȣȲबचन   Đ Ȫ’ @@63।।
–*–*–
सुनहु सभासद सकल ˜ ǕǓ“ ‘Ȳȡ@€ ¡ ȣ सुनी ǔ‡ Û¡ संकर Ǔ“ ‘Ȳȡ@
@
सो फलु तरु त लहब सब काहूँ। — › ȣ — ȡȱǓ ” Ǔ†  ȡ– ͪ”  ȡ¡ Ǘȱ@
@
संत संभु Į Ȣ” Ǔ अपबादा।   ǓǕ“ \ जहाँ तहँ \ ͧ  मरजादा।।
€ ȡǑŠ\ तासु जीभ जो बसाई। Į  “ ˜ ǑǗ‘ न त … ͧ› \ पराई।।
जगदातमा महे सु ” Ǖšȡšȣ@जगत जनक सब के Ǒ¡  € ȡšȣ@
@
ͪ”  ȡ ˜ Ȳ‘ ˜ Ǔ Ǔ“ ‘Ȳ  ȯ¡ ȣ@‘Í †   ǕĐ संभव यह ‘ȯ¡ ȣ@
@
तिजहउँ तरु त दे ह  ȯǑ¡ हे त।ू उर ’ ǐš … ġȲ ˜ ȫͧ› बष
ृ केत।ू ।
अस € Ǒ¡ जोग \ ͬ‚ Ǔ“ तनु जारा। भयउ सकल मख हाहाकारा।।
दो0-सती मरनु   ǓǕ“ संभु गन लगे करन मख खीस।
‡ ʙ ǒ–’  Ȳ ǒ–› Ȫͩ€ भगृ ु šÍ † ȡ € ȧǔÛ¡ मुनीस।।64।।
–*–*–
समाचार सब संकर पाए। – Ȣš— ġ Ǖ€ ǐš कोप पठाए।।
‡ ʙ ǒ– ’  Ȳ जाइ Ǔ Û¡ € ȧÛ¡ ȡ@सकल   ǕšÛ¡ ǒ–ͬ’   फलु ‘ȣÛ¡ ȡ@
@
भे ‡ ‚ ǒ– Ǒ‘ ‘Í † ‚ Ǔ सोई। ‡ ͧ  कछु संभु ǒ– ˜ Ǖ कै होई।।
यह ^Ǔ ¡ ȡ  सकल जग जानी। ताते ˜ ɇसंछेप बखानी।।
सतीं मरत ¡ ǐš सन –ǽ मागा। जनम जनम ͧ   पद अनरु ागा।।
 ȯǑ¡ कारन Ǒ¡ ˜ ͬ‚ ǐš गह
ृ जाई। जनमीं पारबती तनु पाई।।
जब  Ʌउमा सैल गह
ृ ‡ ȡɃ@सकल ͧ  ͪƨ   Ȳ” Ǔ तहँ छाई।।
जहँ तहँ ˜ ǕǓ“ Û¡   Ǖ] Į ˜ € ȧÛ¡ ȯ@` ͬ…  बास Ǒ¡ ˜ भूधर ‘ȣÛ¡ ȯ@
@
दो0-सदा सुमन फल   Ǒ¡  सब ġ ˜Ǖ नव नाना ‡ ȡǓ @

Ĥ‚ ŠȣȲसुंदर सैल पर ˜ Ǔ“ आकर बहु — ȡȱǓ @@65।।


–*–*–
  ǐš ȡ सब ” ǓǕ“  जलु –¡ ¡ ȣ@
Ȳ खग मग
ृ मधप
ु सख ु ी सब š¡ ¡ ȣȲ@
@
सहज – ™ ǽ सब ‡ ȢÛ¡ י ȡ‚ ȡ@ͬ‚ ǐš पर सकल € šǑ¡ Ȳअनुरागा।।
सोह सैल ͬ‚ ǐš‡ ȡ गह
ृ आएँ। ǔ‡ ͧ˜ जनु šȡ˜ — ‚ Ǔ के पाएँ।।
Ǔ“  नूतन मंगल गह
ृ तासू। Ħé˜ ȡǑ‘€ ‚ ȡǑ¡ Ȳजसु जासू।।
नारद समाचार सब पाए। € ȫ €Ǖ ¡ ȣȲͬ‚ ǐš गेह ͧ  ’ ȡf @
@
सैलराज बड़ आदर € ȧÛ¡ ȡ@पद ” ȡǐš बर आसनु ‘ȣÛ¡ ȡ@
@
“ ȡǐš   Ǒ¡  ˜ ǓǕ“ पद ͧ  ǽ नावा। चरन   ͧ› › सबु भवनु ͧ  …Ȳ ȡ ȡ@
@
Ǔ“ ‡   ȫ— ȡʙ बहुत ͬ‚ ǐš बरना। सुता – Ȫͧ› ˜ ȯ› ȣ ˜ ǕǓ“ चरना।।
दो0-ǒğ€ ȡ› ʙ   – Ê[™ à
Ǖ ¡ ‚ Ǔ   – ğ[  à
Ǖ ¡ ȡǐš@@
कहहु सुता के दोष गुन ˜ ǕǓ“ –š ǿ‘™ ȱǒ– … ȡǐš@
@66।।
–*–*–
कह ˜ ǕǓ“ ǒ–¡ ͧ  गूढ़ मद
ृ ु बानी। सुता  à
Ǖ ¡ ȡǐš सकल गुन खानी।।
सुंदर सहज सुसील सयानी। नाम उमा \ Ȳǒ–€ ȡ भवानी।।
सब › Í † “   Ȳ” ۓ € Ǖ˜ ȡšȣ@¡ Ȫ^Ǒ¡ संतत ͪ”™ Ǒ¡ ͪ” ] šȣ@
@
सदा अचल f Ǒ¡ कर \ Ǒ¡ ȡ ȡ@f Ǒ¡  Ʌजसु ”Ȱ¡ Ǒ¡ Ȳͪ”  Ǖमाता।।
¡ Ȫ^Ǒ¡ ” Ǘ
Ï ™ सकल जग ˜ ȡ¡ ȣ@
Ȳ f Ǒ¡ सेवत कछु ‘ ›Ǖ —[ “ ȡ¡ ȣȲ@
@
f Ǒ¡ कर नामु   Ǖͧ˜ ǐš संसारा। ǒğ™ … ±¡ Ǒ¡ ȱ” Ǔ Ħ \ ͧ  ’ ȡšȡ@
@
सैल   Ǖ› Í † “ सुता  à
Ǖ ¡ ȡšȣ@सुनहु जे अब अवगुन दइु … ȡšȣ@
@
अगुन अमान मातु ͪ” Ǖ¡ ȣ“ ȡ@उदासीन सब संसय † Ȥ“ ȡ@
@
दो0-जोगी ‡ ǑŠ› अकाम मन नगन अमंगल बेष।।
अस èȡ˜ Ȣ f Ǒ¡ कहँ ͧ˜ ͧ› Ǒ¡ ”šȣ ¡ è \ ͧ  रे ख।।67।।
–*–*–
  ǓǕ“ ˜ ǓǕ“ ͬ‚ šȡ   י िजयँ जानी। दख
ु ‘Ȳ” Ǔ Ǒ¡ उमा हरषानी।।
नारदहुँ यह भेद ु न जाना। दसा एक समझ ु ब ǒ– › ‚ ȡ“ ȡ@
@
सकल सखीं ͬ‚ ǐš‡ ȡ ͬ‚ ǐš मैना। पल
ु क   šȣš भरे जल नैना।।
होइ न मष
ृ ा ‘ȯ ǐšͪŸ भाषा। उमा सो बचनु ǿ‘™ ȱ’ ǐš राखा।।
उपजेउ ͧ   पद कमल सनेहू। ͧ˜ › “ € Ǒ‹ “ मन भा संदेहू।।
‡ ȡǓ“ € Ǖ\   ǽ ĤȢǓ दरु ाई। सखी उछँ ग – Ȱ‹ Ȥ ” ǕǓ“ जाई।।
ˆ ǑǗ‹ न होइ ‘ȯ ǐšͪŸ बानी।   Ȫ… Ǒ¡ ‘Ȳ” Ǔ सखीं सयानी।।
उर ’ ǐš धीर कहइ ͬ‚ ǐššȡa @कहहु नाथ का € ǐš\ उपाऊ।।
दो0-कह मुनीस Ǒ¡ ˜ Ȳ सुनु जो ǒ– ͬ’ ͧ›  ȡ ͧ› › ȡš@
दे व दनुज नर नाग ˜ ǕǓ“ कोउ न ˜ ȯŠ Ǔ“ ¡ ȡš@
@68।।
–*–*–
 ‘ͪ” एक ˜ ɇकहउँ उपाई। होइ करै ‡ ɋ दै उ सहाई।।
जस –ǽ ˜ ɇबरनेउँ  à
Ǖ ¡ ”ȡ¡ ȣȲ@ͧ˜ › Ǒ¡ ` ˜ Ǒ¡ तस संसय “ ȡ¡ ȣȲ@
@
जे जे बर के दोष बखाने। ते सब ͧ   ” Ǒ¡ ˜ ɇअनुमाने।।
‡ ɋ ǒ–– ȡ¡ Ǖसंकर सन होई। दोषउ गन
ु सम कह सबु कोई।।
‡ ɋ \ Ǒ¡ सेज सयन ¡ ǐš € š¡ ȣȲ@बध
ु कछु Ǔ Û¡ कर दोषु न ’ š¡ ȣȲ@
@
भानु कृसानु   – [रस  ȡ¡ ȣȲ@Ǔ Û¡ कहँ मंद कहत कोउ “ ȡ¡ ȣȲ@
@
सुभ \ ǽ असुभ   ͧ› › सब बहई।   Ǖš  ǐš कोउ अपुनीत न कहई।।
समरथ कहुँ “ Ǒ¡ Ȳदोषु गोसाई। šǒ– पावक   Ǖš  ǐš € ȧ नाई।।
दो0-‡ ɋ अस Ǒ¡ ͧ  Ÿȡ € šǑ¡ Ȳनर ‡ ͫ° ǒ– –ȯ€ \ ͧ— ˜ ȡ“ @
”šǑ¡ Ȳकलप — ǐš नरक महुँ जीव ͩ€ ईस समान।।69।।
–*–*–
  šǕ  ǐš जल कृत – ȡǽǓ“ जाना। कबहुँ न संत € šǑ¡ Ȳ ȯǑ¡ पाना।।
  šǕ  ǐš ͧ˜ › Ʌसो पावन ‡ Ȱ  Ʌ@ईस \ “ Ȣ  Ǒ¡ \ Ȳ ǽ   Ȱ Ʌ@
@
संभु सहज समरथ भगवाना। f Ǒ¡ ǒ– – ȡ¡ ȱसब ǒ– ͬ’ € 㙠ȡ“ ȡ@
@
‘ šǕȡšȡڙ पै \ ¡ Ǒ¡ Ȳमहे सू। आसुतोष ” ǕǓ“ ͩ€ f ȱकलेसू।।
‡ ɋ तपु करै € Ǖ˜ ȡǐš  à
Ǖ ¡ ȡšȣ@— ȡͪ ` ˜ ȯǑŠ   € Ǒ¡ Ȳǒğ” Ǖšȡšȣ@
@
‡ ɮ™ ͪ” बर अनेक जग ˜ ȡ¡ ȣ@
Ȳ f Ǒ¡ कहँ ͧ   तिज दस
ू र “ ȡ¡ ȣȲ@
@
बर दायक Ĥ“  ȡšǓ भंजन। € Ǚ” ȡͧ  ’Ȳ Ǖसेवक मन रं जन।।
^ǔÍ †  फल ǒ– “ Ǖͧ   अवराधे। › Ǒ¡ \ न € ȪǑŠ जोग जप   ȡ’ Ʌ@
@
दो0-अस € Ǒ¡ नारद   Ǖͧ˜ ǐš ¡ ǐš ͬ‚ ǐš‡ Ǒ¡ ‘ȣǔÛ¡ असीस।
¡ Ȫ^Ǒ¡ यह € 㙠ȡ“ अब संसय तजहु ͬ‚ šȣ  @
@70।।
–*–*–
€ Ǒ¡ अस Ħ é˜ — “ ˜ ǕǓ“ गयऊ। ] ͬ‚ › … ǐš सुनहु जस भयऊ।।
” Ǔ Ǒ¡ एकांत पाइ कह मैना। नाथ न ˜ ɇसमुझे ˜ ǕǓ“ बैना।।
‡ ɋ ƒ ǽ –ǽ कुलु होइ अनूपा। € ǐš\ ǒ– –ȡ¡ Ǖसुता \ “ Ǖǽ ” ȡ@
@
न त € ۙ ȡ – ǽ रहउ € Ǖ] šȣ@कंत उमा मम Ĥ ȡ“ ͪ”] šȣ@
@
‡ ɋ न ͧ˜ › Ǒ¡ –ǽ ͬ‚ ǐš‡ Ǒ¡ जोग।ू ͬ‚ ǐš जड़ सहज € Ǒ¡ Ǒ¡ सबु लोग।ू ।
सोइ ǒ– … ȡǐš ”Ǔ करे हु ǒ– – ȡ¡ Ǘ@‡ ȯǑ¡ Ȳन – ¡ Ȫǐš होइ उर दाहू।।
अस € Ǒ¡ ”ǐš चरन ’ ǐš सीसा। बोले   Ǒ¡  सनेह ͬ‚ šȣ  ȡ@ @
–ǽ पावक Ĥ‚ ŠȰ  ͧ  ˜ ȡ¡ ȣȲ@नारद बचनु \ ۙ  ȡ “ ȡ¡ ȣȲ@
@
दो0-ͪĤ™ ȡ सोचु ”ǐš¡ š¡ Ǖसबु   ͧǕ˜ š¡ ǕĮ Ȣ— ‚ ȡ“ @
”ȡš–Ǔ Ǒ¡ Ǔ“ š˜ ™ ` ‡ ȯǑ¡ Ȳसोइ € ǐšǑ¡ € 㙠ȡ“ @
@71।।
–*–*–
अब जौ  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ सत
ु ा पर नेहू। तौ अस जाइ ͧ   ȡ “ दे हू।।
करै सो तपु ‡ ȯǑ¡ Ȳͧ˜ › Ǒ¡ Ȳमहे स।ू आन उपायँ न ͧ˜ ŠǑ¡ कलेस।ू ।
नारद बचन   ‚ — [सहे त।ू संद
ु र सब गन
ु Ǔ“ ͬ’ बष
ृ केत।ू ।
अस ǒ– … ȡǐš  à
Ǖ ¡ तजहु असंका।   – Ǒ¡ — ȡȱǓ   Ȳ€ ǽ अकलंका।।
 Ǖ
Ǔ“ ”Ǔ बचन ¡ šͪŸ मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@गई तरु त ` Ǒ‹ ͬ‚ ǐš‡ ȡ ” ȡ¡ ȣȲ@
@
` ˜ Ǒ¡ ǒ– › Ȫͩ€ नयन भरे –ȡšȣ@  Ǒ¡  सनेह गोद – Ȱ‹ ȡšȣ@
@
–ȡšǑ¡ Ȳबार › ȯǓ उर लाई। गदगद कंठ न कछु € Ǒ¡ जाई।।
जगत मातु   – Ê
[ ™ भवानी। मातु सख
ु द – Ȫ› ȣȲमद
ृ ु बानी।।
दो0-  Ǖ“ Ǒ¡ मातु ˜ ɇ‘ȣ अस सपन सुनावउँ  ȪǑ¡ @
सुंदर गौर   Ǖǒ–Ĥ–š अस उपदे सेउ ˜ ȪǑ¡ @
@72।।
–*–*–
€ šǑ¡ जाइ तपु   Ȱ› € Ǖ˜ ȡšȣ@नारद कहा सो   י ǒ– … ȡšȣ@
@
मातु ͪ”  Ǒ¡ ” ǕǓ“ यह मत भावा। तपु   Ǖ Ĥ ‘ दख
ु दोष नसावा।।
तपबल रचइ Ĥ ”Ȳ… ǒ– ’ ȡ ȡ@तपबल ǒ–ç“ Ǖसकल जग ğȡ ȡ@
@
तपबल संभु € šǑ¡ Ȳसंघारा। तपबल सेषु धरइ ˜ Ǒ¡ — ȡšȡ@
@
तप अधार सब   ǔǙçŠ भवानी। € šǑ¡ जाइ तपु अस िजयँ जानी।।
सुनत बचन ǒ–  ͧ˜  ˜ ¡  ȡšȣ@सपन सुनायउ ͬ‚ ǐšǑ¡ ¡ ȱ€ ȡšȣ@
@
मातु ͪ” ǑǕ¡ –¡ Ǖǒ–ͬ’ समुझाई। … › ȣȲउमा तप Ǒ¡  हरषाई।।
ͪĤ ™ ” ǐš ȡš ͪ” ȡ \ ǽ माता। भए ǒ–€ › मुख आव न बाता।।
दो0-–ȯ‘ ͧ  šȡ ˜ ǓǕ“ आइ तब   – Ǒ¡ कहा समझ
ु ाइ।।
पारबती ˜ Ǒ¡ ˜ ȡ सन
ु त रहे Ĥ– Ȫ’ Ǒ¡ पाइ।।73।।
–*–*–
उर ’ ǐš उमा Ĥȡ“ ”Ǔ चरना। जाइ ǒ–ͪ” “ लागीं तपु करना।।
\ Ǔ सक
ु ु मार न तनु तप जोग।ू ”Ǔ पद   ͧǕ˜ ǐš तजेउ सबु भोग।ू ।
Ǔ“  नव चरन उपज अनरु ागा। ǒ–  šȣ दे ह  ” Ǒ¡ Ȳमनु लागा।।
संबत सहस मूल फल खाए। सागु खाइ सत बरष गवाँए।।
कछु Ǒ‘“ भोजनु –ȡǐš बतासा। ͩ€ f € Ǒ‹ “ कछु Ǒ‘“ उपबासा।।
बेल पाती ˜ Ǒ¡ परइ सुखाई।  ȢǓ“ सहस संबत सोई खाई।।
” ǓǕ“ ”ǐš¡ šȯसख
ु ानेउ परना। ` ˜ Ǒ¡ नाम तब भयउ अपरना।।
‘ȯͨ ` ˜ Ǒ¡ तप खीन   šȣšȡ@Ħ é˜ ͬ‚ šȡ भै गगन गभीरा।।
दो0-भयउ मनोरथ सुफल तव सुनु ͬ‚ ǐš‡ ȡ€ Ǖ˜ ȡǐš@
” ǐš¡ ǽ दस
ु ह कलेस सब अब ͧ˜ ͧ› ¡ Ǒ¡ Ȳǒğ” Ǖšȡǐš@
@74।।
–*–*–
अस तपु काहुँ न € ȧÛ¡ भवानी। भउ अनेक धीर ˜ ǕǓ“ ʙ ȡ“ Ȣ@
@
अब उर धरहु Ħ é˜ बर बानी।   י सदा संतत   Ǖͬ… जानी।।
आवै ͪ” ȡ बोलावन ‡ –¡ ȣȲ@हठ ” ǐš¡ ǐš घर जाएहु  –¡ ȣȲ@
@
ͧ˜ › Ǒ¡ Ȳ à
Ǖ ¡ Ǒ¡ जब   ܏ ǐšŸ Ȣ  ȡ@जानेहु तब Ĥ ˜ ȡ“ बागीसा।।
सन
ु त ͬ‚ šȡ ǒ–ͬ’ गगन बखानी। पल
ु क गात ͬ‚ ǐš‡ ȡ हरषानी।।
उमा … ǐš सुंदर ˜ ɇगावा। सुनहु संभु कर … ǐš सुहावा।।
जब  Ʌसती जाइ तनु י ȡ‚ ȡ@तब   Ʌͧ   मन भयउ ǒ– šȡ‚ ȡ@
@
‡ ” Ǒ¡ Ȳसदा रघुनायक नामा। जहँ तहँ   Ǖ“ Ǒ¡ Ȳराम गुन Ē ȡ˜ ȡ@
@
दो0-ͬ… ‘ȡ“ ۑ सख
ु धाम ͧ   ǒ– ‚  मोह मद काम।
ǒ– … šǑ¡ Ȳ˜ Ǒ¡ ’ ǐš ǿ‘™ ȱ¡ ǐš सकल लोक \ ͧ— šȡ˜ @ @75।।
–*–*–
कतहुँ ˜ ǓǕ“ Û¡ ` ”‘ȯ  Ǒ¡ Ȳʙ ȡ“ ȡ@कतहुँ राम गन
ु € šǑ¡ Ȳबखाना।।
‡ ‘ͪ” अकाम  ‘ͪ” भगवाना। भगत ǒ–š¡ दख
ु ‘ ͨǕ  सज
ु ाना।।
f Ǒ¡ ǒ– ͬ’ गयउ कालु बहु बीती। Ǔ“  नै होइ राम पद ĤȢ Ȣ@ @
नैमु Ĥȯ˜ Ǖसंकर कर दे खा। \ ǒ– … › ǿ‘™ ȱ— ‚ Ǔ कै रे खा।।
Ĥ ‚ ŠȰरामु € Ǚ ʙ कृपाला। Ǿ ” सील Ǔ“ ͬ’ तेज ǒ–   ȡ› ȡ@
@
बहु Ĥ € ȡš   Ȳ€ šǑ¡ सराहा।  à
Ǖ ¡ ǒ– “ Ǖअस Ħ  Ǖको Ǔ“ š– ȡ¡ ȡ@
@
–¡ Ǖǒ–ͬ’ राम ͧ   Ǒ¡ समझ ु ावा। पारबती कर ‡ ۘ Ǖसन ु ावा।।
\ Ǔ पन
ु ीत ͬ‚ ǐš‡ ȡ कै करनी। ǒ–è š   Ǒ¡  € Ǚ”ȡǓ“ ͬ’ बरनी।।
दो0-अब ǒ–“  Ȣ मम सुनेहु ͧ   ‡ ɋ मो पर Ǔ“ ‡ नेहु।
जाइ ǒ– –ȡ¡ ¡ Ǖ  Ȱ› ‡ Ǒ¡ यह ˜ ȪǑ¡ ˜ ȡ‚ Ʌदे हु।।76।।
–*–*–

कह ͧ   ‡ ‘ͪ” ` ͬ…  अस “ ȡ¡ ȣȲ@नाथ बचन ” ǕǓ“ ˜ ȯǑŠ न ‡ ȡ¡ ȣȲ@


@
ͧ  š ’ ǐš आयसु € ǐš\  à
Ǖ ¡ ȡšȡ@परम धरमु यह नाथ हमारा।।
मातु ͪ” ȡ गरु Ĥ— Ǖकै बानी। ǒ– “ Ǒ¡ Ȳǒ– … ȡš € ǐš\ सभ
ु जानी।।
à
Ǖ ¡ सब — ȡȱǓ परम Ǒ¡  € ȡšȣ@\ ʙ ȡ ͧ  š पर नाथ  à
Ǖ ¡ ȡšȣ@
@
Ĥ — Ǖतोषेउ   ǕǓ“ संकर बचना। — ǔȏ ǒ– –ȯ€ ’ ˜ [जुत रचना।।
कह Ĥ— Ǖहर  à
Ǖ ¡ ȡš पन रहे ऊ। अब उर राखेहु जो हम कहे ऊ।।
अंतरधान भए अस भाषी। संकर सोइ ˜ ǗšǓ उर राखी।।
 – Ǒ¡ Ȳ  ܏ ǐšͪŸ ͧ   ”Ǒ¡ Ȳआए। बोले Ĥ — Ǖ\ Ǔ बचन सह
ु ाए।।
दो0-पारबती ”Ǒ¡ Ȳजाइ  à
Ǖ ¡ Ĥȯ˜ ”ǐšÍ † ȡ लेहु।
ͬ‚ ǐšǑ¡ Ĥȯǐš पठएहु भवन ‘ ǐǗš करे हु संदेहु।।77।।
–*–*–
ǐšͪŸ Û¡ ‚ ȫǐš दे खी तहँ कैसी। ˜ šǗǓ ˜ Ȳ  ”è™ ȡ जैसी।।
बोले ˜ ǓǕ“ सन
ु ु   Ȱ› € Ǖ˜ ȡšȣ@करहु कवन कारन तपु — ȡšȣ@
@
€ȯǑ¡ अवराधहु का  à
Ǖ ¡ चहहू। हम सन   י मरमु ͩ€ “ कहहू।।
कहत बचत मनु \ Ǔ सकुचाई। ¡ ȱͧ  ¡ ¡ Ǖ  ǕǓ“ ¡ ˜ ȡǐš जड़ताई।।
मनु हठ परा न सुनइ ͧ   ȡ ȡ@चहत –ȡǐš पर — ȢǓ उठावा।।
नारद कहा   י सोइ जाना। ǒ–“ Ǖ” Ȳ Û¡ हम … ¡ Ǒ¡ Ȳउड़ाना।।
दे खहु ˜ ǓǕ“ \ ǒ– –ȯ€ Ǖ हमारा। … ȡǑ¡ \ सदा ͧ  Ǒ¡ भरतारा।।
दो0-सुनत बचन ǒ–¡   ȯǐšŸ™ ͬ‚ ǐš  Ȳ—  तब दे ह।
नारद कर उपदे सु   ǕǓ“ कहहु बसेउ ͩ€   Ǖगेह।।78।।
–*–*–
‘Í †   Ǖ Û¡ ` ” ‘ȯ  ȯǔÛ¡ जाई। Ǔ Û¡ ͩ• ǐš भवनु न दे खा आई।।
ͬ… ğ€ȯ Ǖकर ƒ ǽ उन घाला। € “ € € ͧ  ” Ǖकर ” ǕǓ“ अस हाला।।
नारद ͧ   जे   Ǖ“ Ǒ¡ Ȳनर “ ȡšȣ@\  ͧ  ¡ ȪǑ¡ Ȳतिज भवनु ͧ—  ȡšȣ@
@
मन € ”Šȣ तन   Ï ‡ “ … ȢÛ¡ ȡ@आपु   ǐš    –¡ ȣ चह € ȧÛ¡ ȡ@
@
 ȯǑ¡ €Ʌबचन ˜ ȡǓ“ ǒ–èȡ  ȡ@ à
Ǖ ¡ चाहहु ” Ǔ सहज उदासा।।
Ǔ“ ‚ “Ǖ[ Ǔ“ › ‡ कुबेष € ” ȡ› ȣ@अकुल अगेह Ǒ‘‚ Ȳ– š ޙ ȡ› ȣ@
@
कहहु कवन सुखु अस – ǽ पाएँ। भल — Ǘͧ› ¡ Ǖठग के बौराएँ।।
पंच € ¡ Ʌͧ   ȱसती ǒ––ȡ¡ ȣ@” ǕǓ“ \ Œȯ
ǐš ˜ šȡf ǔÛ¡  ȡ¡ ȣ@
@
दो0-अब सख
ु सोवत सोचु “ Ǒ¡ भीख ˜ ȡͬ‚ भव  ȡǑ¡ @
Ȳ
सहज f € ȡͩ€ Û¡ के भवन कबहुँ ͩ€ “ ȡǐš  ŠȡǑ¡ @
Ȳ@79।।
–*–*–
अजहूँ मानहु कहा हमारा। हम  à
Ǖ ¡ कहुँ – ǽ नीक ǒ– … ȡšȡ@
@
\ Ǔ संद
ु र   ͬǕ… सख
ु द सस
ु ीला। ‚ ȡǑ¡ Ȳबेद जासु जस › ȣ› ȡ@
@
दष
ू न šǑ¡  सकल गन
ु रासी। Į Ȣ” Ǔ परु बैकंु ठ Ǔ“  ȡ  Ȣ@
@
अस –ǽ  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ ͧ˜ › ȡ` – आनी। सुनत ǒ– ¡ ͧ  कह बचन भवानी।।
  י कहे हु ͬ‚ ǐš—  तनु एहा। हठ न छूट छूटै – ǽ दे हा।।
कनकउ ” ǕǓ“ पषान  Ʌहोई। जारे हुँ सहजु न ” ǐš¡ š सोई।।
नारद बचन न ˜ ɇ”ǐš¡ šaȱ@बसउ भवनु उजरउ “ Ǒ¡ Ȳडरऊँ।।
गरु €Ʌबचन Ĥ ȢǓ न ‡ ȯ¡ ȣ@सपनेहुँ सग
ु म न सख
ु ͧ  ͬ’  ȯ¡ ȣ@
@
दो0-महादे व अवगुन भवन ǒ– ç“ Ǖसकल गुन धाम।
‡ ȯǑ¡ कर मनु रम ‡ ȡǑ¡ सन  ȯǑ¡  ȯ¡ ȣ सन काम।।80।।
–*–*–
‡ ɋ à
Ǖ ¡ ͧ˜ ›  ȯ¡ǕĤ  ˜ मुनीसा।   Ǖ“ Ǔ `ȱͧ    à
Ǖ ¡ ȡǐš ’ ǐš सीसा।।
अब ˜ ɇ‡ ۘ Ǖसंभु Ǒ¡  हारा। को गुन दष
ू न करै ǒ–… ȡšȡ@
@
‡ ɋ à
Ǖ ¡ šȯहठ ǿ‘™ ȱǒ–  ȯŸ Ȣ@šǑ¡ न जाइ ǒ–“ Ǖͩ€ f ȱबरे षी।।
तौ € ȫ ͩǕ€ \ Û¡ आलसु “ ȡ¡ ȣ@
Ȳ बर € ۙ ȡ अनेक जग ˜ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
‡ ۘ € ȪǑŠ › ͬ‚ रगर ¡ ˜ ȡšȣ@बरउँ संभु न त रहउँ € Ǖ] šȣ@
@
तजउँ न नारद कर उपदे सू। आपु € ¡ Ǒ¡ सत बार महे सू।।
˜ ɇपा परउँ कहइ जगदं बा।  à Ǖ ¡ गह
ृ गवनहु भयउ ǒ– › Ȳ– ȡ@
@
‘ȯͨ Ĥȯ˜ Ǖबोले ˜ ǕǓ“ ʙ ȡ“ Ȣ@जय जय ‡ ‚ ‘Ȳǒ– €ȯभवानी।।
दो0- à
Ǖ ¡ माया भगवान ͧ   सकल जगत ͪ”  Ǖमात।ु
नाइ चरन ͧ  š ˜ ǓǕ“ चले ” ǓǕ“ ” ǓǕ“ हरषत गात।ु ।81।।
–*–*–
जाइ ˜ ǓǕ“ Û¡ Ǒ¡ ˜  Ȳ Ǖपठाए। € ǐš ǒ– “  Ȣ ͬ‚ š‡ Ǒ¡ Ȳगह
ृ 㙠ȡf @
@
–¡ Ǖǐš   ܏ ǐšͪŸ ͧ   ”Ǒ¡ Ȳजाई। कथा उमा कै सकल सन
ु ाई।।
भए मगन ͧ   सन
ु त सनेहा। ¡ šͪŸ   ܏ ǐšͪŸ गवने गेहा।।
मनु ͬ š € ǐš तब संभु सुजाना। लगे करन रघुनायक ڙ ȡ“ ȡ@
@
तारकु असुर भयउ  ȯǑ¡ काला। भुज Ĥ ȡ” बल तेज ǒ–   ȡ› ȡ@
@
 ɅǑ¡ सब लोक › Ȫ€ ”Ǔ जीते। भए दे व सुख   Ȳ” Ǔ šȣ ȯ
@@
अजर अमर सो ‡ ȢǓ न जाई। हारे सरु € ǐš ǒ– ǒ– ’ लराई।।
तब ǒ– šȲͬ… सन जाइ पक
ु ारे । दे खे ǒ–ͬ’ सब दे व दख
ु ारे ।।
दो0-सब सन कहा बुझाइ ǒ– ͬ’ दनुज Ǔ“ ’ “ तब होइ।
संभु   ǕĐ संभूत सुत f Ǒ¡ जीतइ रन सोइ।।82।।
–*–*–
मोर कहा   ǕǓ“ करहु उपाई। ¡ Ȫ^Ǒ¡ _蝚 € ǐšǑ¡ सहाई।।
सतीं जो तजी ‘Í † मख दे हा। जनमी जाइ Ǒ¡ ˜ ȡ… › गेहा।।
 ȯǑ¡ Ȳतपु € ȧÛ¡ संभु ”Ǔ लागी। ͧ     ˜ ȡͬ’ बैठे सबु י ȡ‚ Ȣ@
@
‡ ‘ͪ” अहइ असमंजस — ȡšȣ@ ‘ͪ” बात एक सन
ु हु ¡ ˜ ȡšȣ@
@
पठवहु कामु जाइ ͧ   ”ȡ¡ ȣȲ@करै छोभु संकर मन ˜ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
तब हम जाइ ͧ  Ǒ¡ ͧ  š नाई। करवाउब ǒ– – ȡ¡ Ǖ– ǐš] _@
@
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ — › ȯǑ¡ ‘ȯ Ǒ¡  होई। मर \ Ǔ नीक कहइ सबु कोई।।
\ è ǓǕ   ǕšÛ¡ € ȧǔÛ¡ \ Ǔ हे त।ू Ĥ‚ Šȯ̀ ǒ– Ÿ ˜ – ȡ“ झषकेत।ू ।
दो0-  šǕÛ¡ € ¡ ȣȲǓ“ ‡ ǒ– ”Ǔ सब   ǓǕ“ मन € ȧÛ¡ ǒ–… ȡš@
संभु ǒ–šȪ’ न कुसल ˜ ȪǑ¡ ǒ–¡ ͧ  कहे उ अस मार।।83।।
–*–*–
 ‘ͪ” करब ˜ ɇकाजु  à
Ǖ ¡ ȡšȡ@Į ǓǕ कह परम धरम उपकारा।।
पर Ǒ¡  › ȡͬ‚ तजइ जो ‘ȯ¡ ȣ@संतत संत Ĥ  Ȳ  Ǒ¡ Ȳ ȯ¡ ȣ@
@
अस € Ǒ¡ चलेउ   –Ǒ¡ ͧ  ǽ नाई। सम
ु न धनष
ु कर   Ǒ¡  सहाई।।
चलत मार अस ǿ‘™ ȱǒ–… ȡšȡ@ͧ   ǒ–šȪ’ Ģ Ǖ मरनु हमारा।।
तब आपन Ĥ— ȡ` ǒ–è ȡšȡ@Ǔ“ ‡ बस € ȧÛ¡ सकल संसारा।।
कोपेउ ‡ –Ǒ¡ –ȡǐš… š€ȯ @
Ǘ छन महुँ ͧ˜ Šȯसकल Į ǓǕ सेत।ू ।
Ħ é˜ … ‡ [Ħ संजम नाना। धीरज धरम ʙ ȡ“ ǒ–Ê™ ȡ“ ȡ@ @
सदाचार जप जोग ǒ–šȡ‚ ȡ@सभय ǒ– –ȯ€ कटकु सब भागा।।
छं 0-भागेउ ǒ––ȯ€ सहाय   Ǒ¡  सो सुभट संजुग ˜ Ǒ¡ मुरे।
  ‘Ē Ȳ ”– [ €Ȳ‘šǔÛ¡ महुँ जाइ  ȯǑ¡ अवसर दरु े ।।
¡ ȪǓ“ ¡ ȡš का करतार को रखवार जग  š— ǽ परा।
दइु माथ €ȯǑ¡ šǓ “ ȡ ‡ ȯǑ¡ कहुँ € Ȫͪ” कर धनु   ǽ धरा।।
दो0-जे सजीव जग अचर चर “ ȡǐš ” ǽǕ Ÿ अस नाम।
ते Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ मरजाद तिज भए सकल बस काम।।84।।
–*–*–
सब के ǿ‘™ ȱमदन \ ͧ— › ȡŸȡ@लता Ǔ“ ¡ ȡǐš “  Ǒ¡ Ȳ ǽ साखा।।
“ ‘ȣȲ` ˜ ͬ‚ \ Ȳ– Ǖͬ’ कहुँ धाई। संगम € šǑ¡ Ȳतलाव तलाई।।
जहँ \ ͧ  दसा ‡ °Û¡ कै बरनी। को € Ǒ¡ सकइ सचेतन करनी।।
पसु ”Í † Ȥ नभ जल  › … ȡšȣ@भए कामबस समय ǒ–  ȡšȣ@
@
मदन अंध ޙ ȡ€ Ǖ› सब लोका। Ǔ“ ͧ  Ǒ‘“ Ǖ“ Ǒ¡ Ȳ\  › Ȫ€ Ǒ¡ Ȳकोका।।
ु नर ͩ€ Ȳ“ š ޙ ȡ› ȡ@Ĥȯ ͪ”   ȡ… भत
दे व दनज ू बेताला।।
^Û¡ कै दसा न कहे उँ बखानी। सदा काम के चेरे जानी।।
ͧ  ƨ ǒ–šÈ ˜ ¡ ȡ˜ ǕǓ“ जोगी।  ȯͪ” कामबस भए ǒ– ™ Ȫ‚ Ȣ@
@
छं 0-भए कामबस जोगीस तापस ” ȡ šȱǔÛ¡ € ȧ को कहै ।
‘ȯ Ǒ¡ Ȳचराचर “ ȡǐš˜ ™ जे Ħé˜ ˜ ™ दे खत रहे ।।
अबला ǒ–› Ȫ€ Ǒ¡ Ȳ” ǽǕ Ÿ˜ ™ जगु ” ǽǕ Ÿ सब अबलामयं।
दइु दं ड — ǐš Ħ é˜ ȡȲŒ भीतर कामकृत कौतक
ु अयं।।
सो0-’ šȣ न काहूँ ͬ’ š सबके मन ˜ “ ͧ  ‡ हरे ।
जे राखे रघुबीर ते उबरे  ȯǑ¡ काल महुँ।।85।।

उभय ƒ šȣ अस कौतक
ु भयऊ। जौ › ͬ‚ कामु संभु ” Ǒ¡ Ȳगयऊ।।
ͧ  Ǒ¡ ǒ– › Ȫͩ€ ससंकेउ ˜ ȡǾ @भयउ ‡  ȡͬ Ǔ सबु   Ȳ  ȡǾ @
@
भए तरु त सब जीव सुखारे । ǔ‡ ͧ˜ मद `  ǐš गएँ मतवारे ।।
ǽġǑ¡ ‘ȯͨ मदन भय माना। दरु ाधरष ‘ ‚Ǖ ˜[ भगवाना।।
ͩ• š लाज कछु € ǐš “ Ǒ¡ Ȳजाई। मरनु ‹ ȡǓ“ मन š… ȯͧ  उपाई।।
Ĥ ‚ Šȯͧ  तरु त ǽͬ… š ǐš šǕȡ‡ ȡ@€ Ǖ  ͧǕ˜  नव  ǽ रािज ǒ– šȡ‡ ȡ@
@
बन उपबन –ȡͪ”€ ȡ तड़ागा। परम सुभग सब Ǒ‘  ȡ ǒ– — ȡ‚ ȡ@
@
जहँ तहँ जनु उमगत अनुरागा। ‘ȯͨ मुएहुँ मन ˜ “ ͧ  ‡ जागा।।
छं 0-जागइ मनोभव मुएहुँ मन बन सुभगता न परै € ¡ ȣ@
सीतल सुगंध सुमंद ˜ ȡǽ मदन अनल सखा   ¡ ȣ@
@
ǒ– €   ȯ  šǔÛ¡ बहु कंज गुंजत पुंज मंजुल मधक
ु रा।
कलहं स ͪ”€ सक ु सरस रव € ǐš गान “ ȡ… Ǒ¡ Ȳअपछरा।।
दो0-सकल कला € ǐš € ȪǑŠ ǒ– ͬ’ हारे उ सेन समेत।
… › ȣ न अचल   ˜ ȡͬ’ ͧ   कोपेउ ǿ‘™ Ǔ“ €ȯ @
@86।।
–*–*–
‘ȯͨ रसाल ǒ–Š” बर साखा।  ȯǑ¡ पर चढ़े उ मदनु मन माखा।।
सम
ु न चाप Ǔ“ ‡ सर संधाने। \ Ǔ ǐš   ȡͩ€ Į  “ › ͬ‚ ताने।।
छाड़े ǒ– Ÿ ˜ ǒ–ͧ   उर लागे। † ǕǑŠ   ˜ ȡͬ’ संभु तब जागे।।
भयउ ईस मन छोभु ǒ–  ȯŸ Ȣ@नयन ` ƒ ȡǐš सकल Ǒ‘ͧ  दे खी।।
सौरभ ”ã›  मदनु ǒ–› Ȫ€ ȡ@भयउ कोपु कंपेउ ğȰ
› Ȫ€ ȡ@
@
तब ͧ   ȱतीसर नयन उघारा। ͬ…    कामु भयउ ‡ ǐš छारा।।
हाहाकार भयउ जग — ȡšȣ@डरपे सरु भए असरु   Ǖ ȡšȣ@
@
  ˜ Ǖͨˆ कामसख
ु ु   Ȫ… Ǒ¡ Ȳभोगी। भए अकंटक साधक जोगी।।
छं 0-‡ Ȫͬ‚ अकंटक भए ” Ǔ ‚ Ǔ सुनत šǓ ˜ Ǖǽ Ǔ†  भई।
šȪ‘Ǔ –‘Ǔ बहु — ȡȱǓ € ǽ“ ȡ € šǓ संकर ” Ǒ¡ Ȳगई।
\ Ǔ Ĥȯ˜ € ǐš ǒ–“  Ȣ ǒ– ǒ– ’ ǒ– ͬ’ ‡ Ȫǐš कर   ۘ Ǖ š¡ ȣ@
Ĥ— Ǖआसत
ु ोष कृपाल ͧ   अबला Ǔ“ šͨ बोले   ¡ ȣ@
@
दो0-अब  ɅšǓ तव नाथ कर ¡ Ȫ^Ǒ¡ नामु अनंग।ु
ǒ–“ Ǖबपु ޙ ȡͪ”Ǒ¡   –Ǒ¡ ” ǕǓ“ सुनु Ǔ“ ‡ ͧ˜ › “ Ĥ   Ȳ‚ Ǖ@
@87।।
–*–*–
जब जदब
ु ंस € Ǚç“ अवतारा। ¡ Ȫ^Ǒ¡ हरन महा ˜ Ǒ¡ — ȡšȡ@
@
€ Ǚç“ तनय ¡ Ȫ^Ǒ¡ ”Ǔ तोरा। बचनु \ ۙ  ȡ होइ न मोरा।।
šǓ गवनी   ǕǓ“ संकर बानी। कथा अपर अब कहउँ बखानी।।
‘ȯ Û¡ समाचार सब पाए। Ħ é˜ ȡǑ‘€ बैकंु ठ ͧ  ’ ȡf @
@
सब सरु ǒ–ç“ Ǖǒ–šȲͬ… समेता। गए जहाँ ͧ   € Ǚ”ȡǓ“ €ȯ ȡ@
@
पथ
ृ क पथ
ृ क Ǔ Û¡ € ȧǔÛ¡ Ĥ   Ȳ  ȡ@भए Ĥ  ۓ … ġȲ अवतंसा।।
बोले € Ǚ”ȡͧ  ’Ȳ Ǖबष
ृ केत।ू कहहु अमर आए €ȯǑ¡ हे त।ू ।
कह ǒ– ͬ’  à
Ǖ ¡ Ĥ— Ǖअंतरजामी।  ‘ͪ” — ‚ Ǔ बस ǒ–“  `ȱè ȡ˜ Ȣ@
@
दो0-सकल   ǕšÛ¡ के ǿ‘™ ȱअस संकर परम उछाहु।
Ǔ“ ‡ “ ™ “ ǔÛ¡ दे खा … ¡ Ǒ¡ Ȳनाथ  à
Ǖ ¡ ȡš ǒ– – ȡ¡ Ǖ@
@88।।
–*–*–
यह ` ×   ‘ȯͨ \ — ǐš लोचन। सोइ कछु करहु मदन मद मोचन।
कामु ‡ ȡǐš šǓ कहुँ – ǽ ‘ȣÛ¡ ȡ@€ Ǚ” ȡͧ  ’Ȳ Ǖयह \ Ǔ भल € ȧÛ¡ ȡ@
@
  ȡ  Ǔ € ǐš ” ǓǕ“ € šǑ¡ Ȳपसाऊ। नाथ Ĥ — Û Ǖ¡ कर सहज सभु ाऊ।।
पारबतीं तपु € ȧÛ¡ अपारा। करहु तासु अब अंगीकारा।।
  ǓǕ“ ǒ–ͬ’ ǒ–“ ™   ˜ Ǖͨˆ Ĥ— Ǖबानी। ऐसेइ होउ कहा सुखु मानी।।
तब ‘ȯ Û¡ दं द
ु भ
ु ीं –‡ ȡɃ@– šͪŸ सुमन जय जय सुर साई।।
\    ǽ ‡ ȡǓ“   ܏ ǐšͪŸ आए।  šǕ Ǒ¡ Ȳǒ–ͬ’ ͬ‚ ǐš— “ पठाए।।
Ĥ  ˜ गए जहँ š¡ ȣ भवानी। बोले मधरु बचन छल सानी।।
दो0-कहा हमार न सन
ु ेहु तब नारद €Ʌउपदे स।
अब भा झूठ  à
Ǖ ¡ ȡš पन जारे उ कामु महे स।।89।।
मासपारायण,तीसरा ͪĮ ȡ˜
–*–*–
  ǓǕ“ – Ȫ› ȣȲमस
ु काइ भवानी। ` ͬ…  कहे हु ˜ ǓǕ“ –š ǒ– ʙ ȡ“ Ȣ@
@
à Ǖ ¡ šɅजान कामु अब जारा। अब › ͬ‚ संभु रहे   ǒ– € ȡšȡ@ @
¡ ˜ šɅजान सदा ͧ   जोगी। अज \ “ ɮ™ अकाम अभोगी।।
‡ ɋ ˜ ɇͧ   सेये अस जानी। ĤȢǓ समेत € ˜ [मन बानी।।
तौ हमार पन सुनहु मुनीसा। € ǐš¡ Ǒ¡ Ȳ  י € Ǚ”ȡǓ“ ͬ’ ईसा।।
à
Ǖ ¡ जो कहा हर जारे उ मारा। सोइ \ Ǔ बड़ \ ǒ– –ȯ€ Ǖ  à
Ǖ ¡ ȡšȡ@
@
तात अनल कर सहज सभ
ु ाऊ। Ǒ¡ ˜  ȯǑ¡ Ǔ“ € Š जाइ “ Ǒ¡ Ȳकाऊ।।
गएँ समीप सो \ ͧ  नसाई। \ ͧ  ˜ ۘ  महे स € ȧ नाई।।
दो0-Ǒ¡ ™ ȱहरषे ˜ ǕǓ“ बचन   ǕǓ“ ‘ȯͨ Ĥ ȢǓ ǒ– èȡ  @
@
चले — ȡǓ“ Ǒ¡ नाइ ͧ  š गए Ǒ¡ ˜ ȡ… › पास।।90।।
–*–*–
सबु Ĥ  Ȳ‚ Ǖͬ‚ ǐš”Ǔ Ǒ¡ सुनावा। मदन दहन   ǕǓ“ \ Ǔ दख
ु ु पावा।।
– ¡ Ǖǐš कहे उ šǓ कर बरदाना।   ǕǓ“ Ǒ¡ ˜  Ȳ बहुत सुखु माना।।
ǿ‘™ ȱǒ–… ȡǐš संभु Ĥ— Ǖ ȡ_@सादर ˜ ǕǓ“ – š ͧ› f बोलाई।।
  ǑǕ‘“ Ǖसन
ु खतु   ƒǕ šȣ सोचाई। –ȯͬ‚ –ȯ‘ ǒ–ͬ’ लगन धराई।।
”ğȢ   ܏ ǐšͪŸÛ¡ सोइ ‘ȣÛ¡ ȣ@‚ Ǒ¡ पद ǒ–“ ™ Ǒ¡ ˜ ȡ… › € ȧÛ¡ ȣ@
@
जाइ ǒ– ͬ’ Ǒ¡ ‘ȣǔÛ¡ सो पाती। बाचत Ĥ ȢǓ न ǿ‘™ ȱसमाती।।
लगन – ȡͬ… अज   –Ǒ¡ सुनाई। हरषे ˜ ǕǓ“ सब सुर समुदाई।।
सुमन – ǔǙçŠ नभ बाजन बाजे। मंगल कलस दसहुँ Ǒ‘ͧ  साजे।।
दो0- लगे सँवारन सकल सरु बाहन ǒ–ǒ–’ ǒ– ˜ ȡ“ @
¡ ȪǑ¡ सगुन मंगल सुभद € šǑ¡ Ȳअपछरा गान।।91।।
–*–*–

ͧ  Ǒ¡ संभु गन € šǑ¡ Ȳͧ  ‚Ȳ ȡšȡ@जटा मुकुट \ Ǒ¡ ˜ ȫǽ सँवारा।।


कंु डल कंकन ” Ǒ¡ šȯޙ ȡ› ȡ@तन ǒ– — ǓǗ पट €ȯ¡ ǐš छाला।।
  ͧ  ललाट संद
ु र ͧ  š गंगा। नयन  ȢǓ“ उपबीत भज
ु ंगा।।
गरल कंठ उर नर ͧ  š माला। \ ͧ   बेष ͧ   ’ ȡ˜ कृपाला।।
कर ǒğ  Ǘ› \ ǽ Œ˜ ǽ ǒ–šȡ‡ ȡ@चले बसहँ … Ǒ± –ȡ‡ Ǒ¡ Ȳबाजा।।
‘ȯͨ ͧ  Ǒ¡   Ǖšǒğ™ ˜ Ǖ  Ǖ€ ȡ¡ ȣ@
Ȳ बर लायक ‘ ›Ǖ Ǒ¡ Ǔ“ जग “ ȡ¡ ȣȲ@
@
ǒ–ç“ Ǖǒ– šȲͬ… ] Ǒ‘   ǕšĦȡ ȡ@… Ǒ± … Ǒ± बाहन चले बराता।।
सरु समाज सब — ȡȱǓ अनप
ू ा। “ Ǒ¡ Ȳबरात दल
ू ह \ “ ǾǕ ” ȡ@
@
दो0-ǒ– ç“ Ǖकहा अस ǒ– ¡ ͧ  तब –Ȫͧ› सकल Ǒ‘ͧ  šȡ‡ @
ǒ– › ‚ ǒ– › ‚ होइ चलहु सब Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡   Ǒ¡  समाज।।92।।
–*–*–
बर \ “ ¡Ǖ ȡǐš बरात न भाई। हँसी करै हहु पर परु जाई।।
ǒ– ç“ Ǖबचन   ǓǕ“ सरु मस
ु काने। Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ सेन   Ǒ¡  ǒ–› ‚ ȡ“ ȯ@
@
˜ “ ¡ ȣȲमन महे सु ˜ Ǖ  Ǖ€ ȡ¡ ȣȲ@¡ ǐš के ǒ– Ê
Ȳ™ बचन “ Ǒ¡ Ȳ‡ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
\ Ǔ ͪĤ™ बचन सुनत ͪĤ™ केरे । — ȲͬǙ‚ Ǒ¡ Ĥȯǐš सकल गन टे रे।।
ͧ   अनुसासन   ǕǓ“ सब आए। Ĥ— Ǖपद जलज सीस Ǔ Û¡ नाए।।
नाना बाहन नाना बेषा। ǒ– ¡   ȯͧ   समाज Ǔ“ ‡ दे खा।।
कोउ ˜ Ǖ ¡ ȣ“ ǒ–” ›Ǖ मख
ु काहू। ǒ– “ Ǖपद कर कोउ बहु पद बाहू।।
ǒ– ” Ǖ› नयन कोउ नयन ǒ–¡ ȣ“ ȡ@ǐšçŠ” ǕçŠ कोउ \ Ǔ तनखीना।।
छं 0-तन खीन कोउ \ Ǔ पीन पावन कोउ अपावन ‚ Ǔ ’ šɅ@
भूषन कराल कपाल कर सब   ɮ™   ȪǓ“  तन — šɅ@
@
खर èȡ“ सुअर सक
ृ ाल मुख गन बेष \ ‚ Ǔ“  को गनै।
बहु िजनस Ĥȯ ͪ”   ȡ… ‡ Ȫͬ‚ जमात बरनत “ Ǒ¡ Ȳबनै।।
सो0-“ ȡ… Ǒ¡ Ȳ‚ ȡ Ǒ¡ Ȳगीत परम तरं गी भत
ू सब।
दे खत \ Ǔ ǒ–”šȣ –Ȫ› Ǒ¡ Ȳबचन ǒ–ͬ… ğ ǒ–ͬ’ @
@93।।
जस दल
ू हु  ͧ  बनी बराता। कौतक
ु ǒ–ǒ– ’ ¡ ȪǑ¡ Ȳमग जाता।।
इहाँ Ǒ¡ ˜ ȡ… › रचेउ ǒ–  ȡ“ ȡ@\ Ǔ ǒ– ͬ… ğ “ Ǒ¡ Ȳजाइ बखाना।।
सैल सकल जहँ › ͬ‚ जग ˜ ȡ¡ ȣȲ@लघु ǒ–   ȡ› “ Ǒ¡ Ȳ–šǓ“ ͧ  šȡ¡ ȣȲ@
@
बन सागर सब “ ‘ȣȲतलावा। Ǒ¡ ˜ ͬ‚ ǐš सब कहुँ नेवत पठावा।।
€ ȡ˜ Ǿ ” संद
ु र तन ’ ȡšȣ@  Ǒ¡  समाज   Ǒ¡  बर “ ȡšȣ@
@
गए सकल  ǑǕ¡ “ ȡ… › गेहा। ‚ ȡ Ǒ¡ Ȳमंगल   Ǒ¡  सनेहा।।
Ĥ ˜ Ǒ¡ Ȳͬ‚ ǐš बहु गह
ृ सँवराए। जथाजोगु तहँ तहँ सब छाए।।
पुर सोभा \ › Ȫͩ€ सुहाई। लागइ लघु ǒ–šȲͬ… Ǔ“ ” Ǖ“ ȡ_@
@
छं 0-लघु लाग ǒ–ͬ’ € ȧ Ǔ“ ” “Ǖ  ȡ \  › Ȫͩ€ परु सोभा   ¡ ȣ@
बन बाग कूप तड़ाग   ǐš ȡ सभ
ु ग सब सक को € ¡ ȣ@
@
मंगल ǒ–” ›Ǖ तोरन पताका केतु गह
ृ गह
ृ   Ȫ¡ ¡ ȣȲ@
@
–Ǔ“  ȡ ” Ǖǽ Ÿ सुंदर चतरु † ǒ– ‘ȯͨ ˜ ǕǓ“ मन ˜ Ȫ¡ ¡ ȣȲ@
@
दो0-जगदं बा जहँ \  šȣ सो ” Ǖǽ – šǓ“ ͩ€ जाइ।
ǐšͪƨ ͧ  ͪƨ   Ȳ” ǔ׏ सुख Ǔ“  नूतन \ ͬ’ € ȡ^@
@94।।
–*–*–
नगर Ǔ“ € Š बरात   ǕǓ“ आई। पुर  š— ǽ सोभा \ ͬ’ € ȡ_@
@
€ ǐš बनाव सिज बाहन नाना। चले लेन सादर अगवाना।।
Ǒ¡ ™ ȱहरषे सुर सेन Ǔ“ ¡ ȡšȣ@¡ ǐšǑ¡ ‘ȯͨ \ Ǔ भए   Ǖ ȡšȣ@
@
ͧ   समाज जब दे खन लागे। ǒ– Œǐš चले बाहन सब भागे।।
’ ǐš धीरजु तहँ रहे सयाने। बालक सब लै जीव पराने।।
गएँ भवन ” †Ǘ Ǒ¡ Ȳͪ”  Ǖमाता। € ¡ Ǒ¡ Ȳबचन भय €Ȳͪ”  गाता।।
€ Ǒ¡ \ काह € Ǒ¡ जाइ न बाता। जम कर धार ͩ€ ’ ɋ – ǐš]  ȡ@
@
– ǽ बौराह बसहँ असवारा। ޙ ȡ› कपाल ǒ– — ǗŸ “ छारा।।
छं 0-तन छार ޙ ȡ› कपाल भूषन नगन ‡ ǑŠ› भयंकरा।
सँग भूत Ĥȯ ͪ”  ȡ… ‡ Ȫͬ‚ Ǔ“ ǒ– € Š मुख रजनीचरा।।
जो िजअत šǑ¡ Ǒ¡ बरात दे खत ” Û
Ǖ™ बड़  ȯǑ¡ कर   ¡ ȣ@
‘ȯͨ Ǒ¡ सो उमा ǒ––ȡ¡ Ǖघर घर बात \ ͧ  › ǐš€ Û¡ € ¡ ȣ@ @
दो0-  ˜ Ǖͨˆ महे स समाज सब ‡ “ Ǔ“ जनक ˜ Ǖ  Ǖ€ ȡǑ¡ @
Ȳ
बाल बुझाए ǒ– ǒ–’ ǒ– ͬ’ Ǔ“ Œš होहु Œǽ “ ȡǑ¡ @
Ȳ@
95।।
–*–*–
लै अगवान – šȡ Ǒ¡ आए। Ǒ‘f   – Ǒ¡ जनवास सुहाए।।
मैनाँ सुभ आरती   ȱ ȡšȣ@संग सुमंगल ‚ ȡǑ¡ Ȳ“ ȡšȣ@
@
कंचन थार सोह बर पानी। ”ǐš† “ … › ȣ ¡ šǑ¡ हरषानी।।
ǒ– € Š बेष ǽġǑ¡ जब दे खा। \ – › Û¡ उर भय भयउ ǒ–   ȯŸ ȡ@
@
— ȡͬ‚ भवन ” Ȱ‹ ȤȲ\ Ǔ ğȡ  ȡ@गए महे सु जहाँ जनवासा।।
मैना ǿ‘™ ȱभयउ दख
ु ु — ȡšȣ@› ȣÛ¡ ȣ –Ȫͧ› ͬ‚ šȣ  € Ǖ˜ ȡšȣ@
@
\ ͬ’ € सनेहँ गोद –Ȱ‹ ȡšȣ@è™ ȡ˜ सरोज नयन भरे – ȡšȣ@
@
‡ ȯǑ¡ Ȳǒ– ͬ’  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ Ǿ ” Ǖअस ‘ȣÛ¡ ȡ@ ȯǑ¡ Ȳजड़ – ǽ बाउर कस € ȧÛ¡ ȡ@
@
छं 0- कस € ȧÛ¡ –ǽ बौराह ǒ– ͬ’ ‡ ȯǑ¡ Ȳ à
Ǖ ¡ Ǒ¡ सुंदरता दई।
जो फलु … Ǒ¡ \   Ǖš ǽǑ¡ Ȳसो बरबस –– ǗšǑ¡ Ȳलागई।।
à
Ǖ ¡   Ǒ¡  ͬ‚ ǐš  Ʌͬ‚ šɋ पावक ‡ šɋ ‡ › Ǔ“ ͬ’ महुँ ”šɋ@
@
ƒ ǽ जाउ अपजसु होउ जग जीवत ǒ– – ȡ¡ Ǖन ¡ ɋ € šɋ@ @
दो0-भई ǒ–€ › अबला सकल ‘ ͨǕ  ‘ȯͨ ͬ‚ ǐš“ ȡǐš@
€ ǐš ǒ–› ȡ” ǕšȪ‘Ǔ –‘Ǔ सत
ु ा सनेहु   ȱ— ȡǐš@
@96।।
–*–*–
नारद कर ˜ ɇकाह ǒ–‚ ȡšȡ@भवनु मोर ǔ‡ Û¡ बसत उजारा।।
अस उपदे सु ` ˜ Ǒ¡ ǔ‡ Û¡ ‘ȣÛ¡ ȡ@बौरे – šǑ¡ › ͬ‚ तपु € ȧÛ¡ ȡ@
@
साचेहुँ ` Û¡ के मोह न माया। उदासीन धनु धामु न जाया।।
पर घर घालक लाज न भीरा। बाझँ ͩ€ जान Ĥ    €ɇपीरा।।
‡ “ Ǔ“ Ǒ¡ ǒ–€ › ǒ–› Ȫͩ€ भवानी। – Ȫ› ȣ जुत ǒ– –ȯ€ मद
ृ ु बानी।।
अस ǒ– … ȡǐš   Ȫ… Ǒ¡ ˜ Ǔ माता। सो न टरइ जो रचइ ǒ–’ ȡ ȡ@
@
करम ͧ›  ȡ जौ बाउर नाहू। तौ कत दोसु लगाइअ काहू।।

à
Ǖ ¡ सन ͧ˜ ŠǑ¡ Ȳͩ€ ǒ–ͬ’ के अंका। मातु ޙ  [‡ Ǔ“ लेहु कलंका।।
छं 0-‡ Ǔ“ लेहु मातु कलंकु € ǽ“ ȡ ” ǐš¡ š¡ Ǖअवसर “ ¡ ȣȲ@
दख
ु ु सख
ु ु जो ͧ›  ȡ ͧ› › ȡš ¡ ˜ šɅजाब जहँ पाउब  ¡ ȣȲ@
@
  ǕǓ“ उमा बचन ǒ–“ Ȣ कोमल सकल अबला   Ȫ… ¡ ȣȲ@
@
बहु — ȡȱǓ ǒ–ͬ’ Ǒ¡ लगाइ दष
ू न नयन – ȡǐš ǒ–˜ Ȫ… ¡ ȣȲ@
@
दो0- ȯǑ¡ अवसर नारद   Ǒ¡  \ ǽ ǐšͪŸ   ܏ समेत।
समाचार   ǓǕ“  ǑǕ¡ “ ͬ‚ ǐš गवने तरु त Ǔ“ €ȯ @
@97।।
–*–*–
तब नारद   – Ǒ¡ समझ
ु ावा। ” ǽǗ – €  ȡĤ   Ȳ‚ Ǖसन
ु ावा।।
मयना   י सन
ु हु मम बानी। जगदं बा तव सत
ु ा भवानी।।
अजा \ “ ȡǑ‘   ǔȏ \ ǒ–“ ȡͧ  Ǔ“ @सदा संभु अरधंग Ǔ“ ȡͧ  Ǔ“ @
@
जग संभव पालन लय € ȡǐšǓ“ @Ǔ“ ‡ ^Í † ȡ › ȣ› ȡ बपु ’ ȡǐšǓ“ @
@
जनमीं Ĥ  ˜ ‘Í † गह
ृ जाई। नामु सती सुंदर तनु पाई।।
तहँहुँ सती   Ȳ€ šǑ¡ ǒ––ȡ¡ ȣȲ@कथा Ĥͧ  ƨ सकल जग ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
एक बार आवत ͧ   संगा। दे खेउ रघक
ु ु ल कमल पतंगा।।
भयउ मोहु ͧ   कहा न € ȧÛ¡ ȡ@ħ ˜ बस बेषु सीय कर › ȣÛ¡ ȡ@ @
छं 0-ͧ  ™ बेषु सती जो € ȧÛ¡  ȯǑ¡ अपराध संकर ” ǐš¡ šȣȲ@
हर ǒ– š¡ ȱजाइ –¡ Ȫǐš ͪ” Ǖ€Ʌ ‡ ʙ जोगानल ‡ šȣȲ@
@
अब ‡ “ ͧ˜  à
Ǖ ¡ šȯभवन Ǔ“ ‡ ” Ǔ › ȡͬ‚ ‘ȡǽ“ तपु ͩ€ ™ ȡ@
अस ‡ ȡǓ“ संसय तजहु ͬ‚ ǐš‡ ȡ   – ‘[ ȡ संकर ͪĤ ™ ȡ@
@
दो0-  ǓǕ“ नारद के बचन तब सब कर ͧ˜ Šȡ ǒ– Ÿ ȡ‘@
छन महुँ ޙ ȡ”ȯ̀ सकल पुर घर घर यह संबाद।।98।।
–*–*–
तब मयना Ǒ¡ ˜ Ȳ Ǖअनंदे। ” ǓǕ“ ” ǓǕ“ पारबती पद बंदे।।
“ ȡǐš ” Ǖǽ Ÿ ͧ    Ǖजुबा सयाने। नगर लोग सब \ Ǔ हरषाने।।
लगे होन पुर मंगलगाना। सजे   – Ǒ¡ हाटक घट नाना।।
— ȡȱǓ अनेक भई जेवराना।   Ǘ”   ȡèğ जस कछु ޙ ¡ ȡšȡ@
@
सो जेवनार ͩ€ जाइ बखानी। –   Ǒ¡ Ȳभवन ‡ ȯǑ¡ Ȳमातु भवानी।।
सादर बोले सकल बराती। ǒ–ç“ Ǖǒ–šȲͬ… दे व सब जाती।।
ǒ– ǒ–ͬ’ ”ȡȱǓ – Ȱ‹ Ȥ जेवनारा। लागे ” ǽ  “ Ǔ“ ” Ǖ“ सुआरा।।
“ ȡǐš– Ȳ‘Ǚ सुर जेवत
ँ जानी। लगीं दे न ‚ ȡšȣȲमद
ृ ु बानी।।
छं 0-‚ ȡšȣȲमधरु 蝚 ‘ȯǑ¡ Ȳ  ǕȲ‘ ǐš ǒ– Ê
Ȳ™ बचन   Ǖ“ ȡ¡ ȣȲ
@
भोजनु € šǑ¡ Ȳसरु \ Ǔ ǒ– › –Ȳ Ǖǒ–“ Ȫ‘ Ǖ  ǓǕ“ सचु ”ȡ ¡ ȣȲ@
@
जेवत
ँ जो –ɵ™ Ȫ अनंद ु सो मख
ु € ȪǑŠ¡ Ǘȱन परै € é™ Ȫ@
अचवाँइ ‘ȣÛ¡ ȯपान गवने बास जहँ जाको šé™ Ȫ@
@
दो0-–¡ Ǖǐš ˜ ǕǓ“ Û¡ Ǒ¡ ˜ Ȳ कहुँ लगन सुनाई आइ।
समय ǒ–› Ȫͩ€ ǒ–– ȡ¡ कर पठए दे व बोलाइ।।99।।
–*–*–
– Ȫͧ› सकल सुर सादर › ȣÛ¡ ȯ@  –Ǒ¡ ‡  Ȫͬ…  आसन ‘ȣÛ¡ ȯ@@
–ȯ‘ ȣ बेद ǒ–’ ȡ“   ȱ ȡšȣ@सुभग सुमंगल ‚ ȡǑ¡ Ȳ“ ȡšȣ@
@
ͧ  ƒȲ ȡ  “ Ǖ\ Ǔ Ǒ‘Þ™ सुहावा। जाइ न –šǓ“ ǒ– šȲͬ… बनावा।।
बैठे ͧ   ǒ–ĤÛ¡ ͧ  ǽ नाई। ǿ‘™ ȱ  ͧǕ˜ ǐš Ǔ“ ‡ Ĥ — Ǖरघरु ाई।।
–¡ Ǖǐš ˜ “Ǖ Ȣ  Û¡ उमा बोलाई। € ǐš ͧ  ‚Ȳ ȡǽ सखीं लै आई।।
दे खत Ǿ ” Ǖसकल सुर मोहे । बरनै † ǒ– अस जग € ǒ– को है।।
‡ ‚ ‘Ȳǒ– € ȡ ‡ ȡǓ“ भव भामा।   ǕšÛ¡ ˜ “ Ǒ¡ Ȳमन € ȧÛ¡ Ĥ “ ȡ˜ ȡ@
@
सुंदरता मरजाद भवानी। जाइ न € ȪǑŠ¡ Ǖȱबदन बखानी।।
छं 0-€ ȪǑŠ¡ Ǖȱबदन “ Ǒ¡ Ȳबनै बरनत जग ‡ “ Ǔ“ सोभा महा।
  € Ǖ… Ǒ¡ Ȳकहत Į ǓǕ सेष सारद ˜ Ȳ‘ ˜ Ǔ तल
ु सी कहा।।
† ǒ– ȡǓ“ मातु — ȡǓ“ गवनी ˜ ڙ मंडप ͧ   जहाँ।।
\  › Ȫͩ€   € Ǒ¡ Ȳन सकुच ”Ǔ पद कमल मनु ˜ ’ €Ǖ ǽ तहाँ।।
दो0-˜ ǕǓ“ अनस
ु ासन ‚ “ ”Ǔ Ǒ¡ पूजेउ संभु —  ȡǓ“ @
कोउ   ǕǓ“ संसय करै ‡ Ǔ“ सुर \ “ ȡǑ‘ िजयँ ‡ ȡǓ“ @
@100।।
–*–*–

‡ ͧ  ǒ– –ȡ¡ कै ǒ– ͬ’ Į ǓǕ गाई। ˜ ¡ ȡ˜ ǕǓ“ Û¡ सो सब करवाई।।


‚ Ǒ¡ ͬ‚ šȣ  कुस € ۙ ȡ पानी। — Ǒ¡ समरपीं ‡ ȡǓ“ भवानी।।
” ȡǓ“ Ē ¡ “ जब € ȧÛ¡ महे सा। Ǒ¡ ™Ȳ ȱहरषे तब सकल सरु े सा।।
बेद ˜ Ȳğ ˜ ǓǕ“ –š ` Í … š¡ ȣȲ@जय जय जय संकर सरु € š¡ ȣȲ@
@
– ȡ‡ Ǒ¡ Ȳबाजन ǒ–ǒ–’ ǒ–’ ȡ“ ȡ@  Ǖ˜ “ – ǔǙçŠ नभ भै ǒ– ͬ’ नाना।।
हर ͬ‚ ǐš‡ ȡ कर भयउ ǒ– –ȡ¡ Ǘ@सकल भुवन — ǐš रहा उछाहू।।
दासीं दास तरु ग रथ नागा। धेनु बसन ˜ Ǔ“ – è Ǖǒ– — ȡ‚ ȡ@
@
\ ۓ कनकभाजन — ǐš जाना। दाइज ‘ȣÛ¡ न जाइ बखाना।।
छं 0-दाइज Ǒ‘™ Ȫ बहु — ȡȱ
Ǔ ” ǓǕ“ कर ‡ Ȫǐš Ǒ¡ ˜ — ’Ǘ š € é™ Ȫ@
का दे उँ परू नकाम संकर चरन पंकज ‚ Ǒ¡ šé™ Ȫ@
@
ͧ   ȱकृपासागर ससुर कर संतोषु सब — ȡȱǓ Ǒ¡ Ȳͩ€ ™ Ȫ@
” ǕǓ“ गहे पद पाथोज मयनाँ Ĥȯ˜ ” ǐš” Ǘš“ Ǒ¡ ™ Ȫ@
@
दो0-नाथ उमा मन Ĥ ȡ“ सम ‚ ¡Ǚͩ€ Ȳ€ šȣ करे हु।
छमेहु सकल अपराध अब होइ Ĥ   ۓ –ǽ दे हु।।101।।
–*–*–
बहु ǒ– ͬ’ संभु सास समुझाई। गवनी भवन चरन ͧ  ǽ नाई।।
जननीं उमा –Ȫͧ› तब › ȣÛ¡ ȣ@लै उछं ग संद
ु र ͧ   ‘ȣÛ¡ ȣ@
@
करे हु सदा संकर पद पज
ू ा। “ ȡǐš’ š˜ Ǖ” Ǔ दे उ न दज
ू ा।।
बचन कहत भरे लोचन – ȡšȣ@–¡ Ǖǐš लाइ उर › ȣǔÛ¡ € Ǖ˜ ȡšȣ@
@
कत ǒ– ͬ’ सज ृ ीं “ ȡǐš जग ˜ ȡ¡ ȣȲ@पराधीन सपनेहुँ सुखु “ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
भै \ Ǔ Ĥȯ˜ ǒ–€ › ˜ ¡  ȡšȣ@धीरजु € ȧÛ¡ कुसमय ǒ–… ȡšȣ@ @
” ǕǓ“ ” ǕǓ“ ͧ˜ › Ǔ ”šǓ ‚ Ǒ¡ चरना। परम Ĥȯ˜ कछु जाइ न बरना।।
सब “ ȡǐšÛ¡ ͧ˜ ͧ› — ȯǑŠ भवानी। जाइ ‡ “ Ǔ“ उर ” ǓǕ“ लपटानी।।
छं 0-‡ “ Ǔ“ Ǒ¡ –¡ Ǖǐš ͧ˜ ͧ› … › ȣ ` ͬ…  असीस सब काहूँ ‘Ƀ@
ͩ• ǐš ͩ• ǐš ǒ–› Ȫ€ Ǔ मातु तन तब सखीं लै ͧ   ” Ǒ¡ Ȳगई।।
जाचक सकल   Ȳ ȪͪŸ   Ȳ€ ǽ उमा   Ǒ¡  भवन चले।
सब अमर हरषे सुमन – šͪŸ Ǔ“   ȡ“ नभ बाजे भले।।
दो0-चले संग Ǒ¡ ˜ Ȳ Ǖतब पहुँचावन \ Ǔ हे त।ु
ǒ–ǒ– ’ — ȡȱǓ ”ǐš ȪŸ Ǖ€ ǐš ǒ– ‘ȡ € ȧÛ¡ बष
ृ केत।ु ।102।।
–*–*–
तरु त भवन आए ͬ‚ ǐššȡ_@सकल सैल सर ͧ› f बोलाई।।
आदर दान ǒ– “ ™ बहुमाना। सब कर ǒ– ‘ȡ € ȧÛ¡ Ǒ¡ ˜ ȡ“ ȡ@ @
‡ –Ǒ¡ Ȳसंभु €Ȱ› ȡ  Ǒ¡ Ȳआए। सरु सब Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ लोक ͧ  ’ ȡf @
@
जगत मातु ͪ” Ǖसंभु भवानी।  ȯ¡ ȣ ͧ  ‚Ȳ ȡǽ न कहउँ बखानी।।
€ šǑ¡ Ȳǒ–ǒ–’ ǒ–ͬ’ भोग ǒ–› ȡ  ȡ@‚ “ Û¡ समेत –   Ǒ¡ Ȳकैलासा।।
हर ͬ‚ ǐš‡ ȡ ǒ– ¡ ȡš Ǔ“  नयऊ। f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ ǒ–” Ǖ› काल … ͧ› गयऊ।।
तब जनमेउ षटबदन कुमारा। तारकु असरु समर ‡ ȯǑ¡ Ȳमारा।।
आगम Ǔ“ ‚ ˜ Ĥͧ  ƨ परु ाना। ŸÛ˜ Ǖ ‡ ۘ Ǖसकल जग जाना।।
छं 0-जगु जान Ÿ ۘ Ǖ ‡ ۘ Ǖ€ ˜ Ǖ[Ĥ  ȡ” Ǖ” ǽǕ Ÿ ȡš Ǖमहा।
 ȯǑ¡ हे तु ˜ ɇबष
ृ केतु सुत कर … ǐš   Ȳ† ȯ” Ǒ¡ Ȳकहा।।
यह उमा संगु ǒ– –ȡ¡ Ǖजे नर “ ȡǐš € ¡ Ǒ¡ Ȳजे ‚ ȡ¡ ȣȲ@
€ 㙠ȡ“ काज ǒ– –ȡ¡ मंगल   – ‘[ ȡ सुखु ”ȡ ¡ ȣȲ@
@
दो0-… ǐš ͧ  ’Ȳ Ǖͬ‚ ǐš‡ ȡ रमन बेद न ” ȡǑ¡ Ȳ”ȡǽ@
बरनै तल
ु सीदासु ͩ€ ͧ˜ \ Ǔ ˜ Ǔ ˜ Ȳ‘ ‚ ȡȱǽ @
@103।।
–*–*–

संभु … ǐš   ǓǕ“ सरस सह


ु ावा। — šɮ ȡ‡ ˜ ǓǕ“ \ Ǔ सख
ु पावा।।
बहु लालसा कथा पर –ȡ±ȣ@“ ™ “ ǔÛ¡ “ Ȣǽ šȪ˜ ȡ ͧ› ‹ ȡ±ȣ@
@
Ĥȯ˜ ǒ––  मुख आव न बानी। दसा ‘ȯͨ हरषे ˜ ǕǓ“ ʙ ȡ“ Ȣ@ @
अहो ’ ۙ तव ‡ ۘ Ǖमुनीसा।  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ Ĥ ȡ“ सम ͪĤ ™ ‚ ȫšȣ  ȡ@
@
ͧ   पद कमल ǔ‡ Û¡ Ǒ¡ šǓ “ ȡ¡ ȣȲ@šȡ˜ Ǒ¡ ते सपनेहुँ न   Ȫ¡ ȡ¡ ȣȲ@
@
ǒ– “ Ǖछल ǒ–蝓 ȡ पद नेहू। राम भगत कर › Í † “ एहू।।
ͧ   सम को šƒ ”Ǖ Ǔ Ħ ’ ȡšȣ@ǒ– “ Ǖअघ तजी सती \ ͧ  “ ȡšȣ@ @
पनु € ǐš šƒ ”Ǖ Ǔ — ‚ Ǔ दे खाई। को ͧ   सम šȡ˜ Ǒ¡ ͪĤ ™ भाई।।
दो0-Ĥ ˜ Ǒ¡ Ȳमै € Ǒ¡ ͧ   … ǐš बूझा मरमु  à
Ǖ ¡ ȡš@
  Ǖͬ… सेवक  à Ǖ ¡ राम के šǑ¡    ˜ è ǒ–€ ȡš@
@104।।
–*–*–
˜ ɇजाना  à Ǖ ¡ ȡš गुन सीला। कहउँ सुनहु अब šƒ Ǖ” Ǔ › ȣ› ȡ@
@
सुनु ˜ ǕǓ“ आजु समागम  ȪšɅ@€ Ǒ¡ न जाइ जस सुखु मन ˜ ȪšɅ@
@
राम … ǐš \ Ǔ \ ͧ˜  ˜ ǕǓ“   ȡ@€ Ǒ¡ न   € Ǒ¡ Ȳसत € ȪǑŠ \ ¡ ȣ  ȡ@
@
 ‘ͪ” ‡  ȡĮ Ǖ कहउँ बखानी।   ͧǕ˜ ǐš ͬ‚ šȡ”Ǔ Ĥ — Ǖधनप
ु ानी।।
सारद ‘ȡǽ“ ȡǐš सम è ȡ˜ Ȣ@रामु   ğǗ ’ š अंतरजामी।।
‡ ȯǑ¡ पर कृपा € šǑ¡ Ȳजनु जानी। € ǒ– उर अिजर “ … ȡ Ǒ¡ Ȳबानी।।
Ĥ“  `ȱसोइ कृपाल रघुनाथा। बरनउँ ǒ–   ‘ तासु गुन गाथा।।
परम šà™ ͬ‚ ǐš– ǽ कैलासू। सदा जहाँ ͧ   उमा Ǔ“ ȡ  Ǘ@
@
दो0-ͧ  ƨ तपोधन ‡ Ȫͬ‚ ‡ “ सूर ͩ€ Ȳ“ š ˜ ǕǓ“ – Ȳ‘Ǚ@
–   Ǒ¡ Ȳतहाँ सक
ु ृ ती सकल   ȯ Ǒ¡ Ȳͧ  – सख
ु कंद।।105।।
–*–*–
¡ ǐš हर ǒ– ˜ Ǖ ’ ˜ [šǓ “ ȡ¡ ȣ@
Ȳ ते नर तहँ सपनेहुँ “ Ǒ¡ Ȳ‡ ȡ¡ ȣȲ@
@
 ȯǑ¡ ͬ‚ ǐš पर बट ǒ–Š” ǒ–  ȡ› ȡ@Ǔ“  नत
ू न संद
ु र सब काला।।
ǒğǒ– ’ समीर    Ǖ Ȣ ͧ› छाया। ͧ   ǒ– Į ȡ˜ ǒ– Š” Į ǓǕ गाया।।
एक बार  ȯǑ¡ तर Ĥ— Ǖगयऊ।  ǽ ǒ– › Ȫͩ€ उर \ Ǔ सख
ु ु भयऊ।।
Ǔ“ ‡ कर Œȡͧ  “ ȡ‚ ǐš” Ǖछाला। बैठै   ¡ ‡ Ǒ¡ Ȳसंभु कृपाला।।
कंु द इंद ु दर गौर   šȣšȡ@भुज Ĥ › Ȳ– ” ǐš’ “ ˜ ǕǓ“ … Ȣšȡ@
@
 ǽ“ \ ǽ“ अंबुज सम चरना। नख ‘ ǓǕ भगत ǿ‘™ तम हरना।।
भज
ु ग — ǓǗ भष
ू न ǒğ” šǕȡšȣ@आननु सरद चंद † ǒ– ¡ ȡšȣ@
@
दो0-जटा मक
ु ु ट   šǕ  ǐš ͧ  š लोचन “ ͧ› “ ǒ–  ȡ› @
नीलकंठ › ȡÛ™ Ǔ“ ͬ’ सोह – ȡ› ǒ– ’ Ǖभाल।।106।।
–*–*–
बैठे सोह € ȡ˜ ǐš” Ǖ€Ȱ  Ʌ@’ šɅ  šȣǽ सांतरसु ‡ Ȱ  Ʌ@
@
पारबती भल \   ǽ जानी। गई संभु ” Ǒ¡ Ȳमातु भवानी।।
‡ ȡǓ“ ͪĤ™ ȡ ] ‘ǽ \ Ǔ € ȧÛ¡ ȡ@बाम भाग आसनु हर ‘ȣÛ¡ ȡ@
@
– Ȱ‹ ȤȲͧ   समीप हरषाई। ” Ǘǽ – ‡ ۘ कथा ͬ…  आई।।
”Ǔ Ǒ¡ ™ ȱहे तु \ ͬ’ € अनम
ु ानी। ǒ–¡ ͧ  उमा – Ȫ› ȣȲͪĤ™ बानी।।
कथा जो सकल लोक Ǒ¡  € ȡšȣ@सोइ पछ
ू न चह   Ȱ› € Ǖ˜ ȡšȣ@
@
ǒ–蝓 ȡ मम नाथ ” Ǖšȡšȣ@ǒğ— Ǖ “ ˜ Ǒ¡ ˜ ȡ ǒ– Ǒ‘  à
Ǖ ¡ ȡšȣ@
@
चर \ ǽ अचर नाग नर दे वा। सकल € šǑ¡ Ȳपद पंकज सेवा।।
दो0-Ĥ— Ǖसमरथ   – Ê
[ ™ ͧ   सकल कला गुन धाम।।
जोग ʙ ȡ“ – Ȱšȡʙ Ǔ“ ͬ’ Ĥ “  € › ”  ǽ नाम।।107।।
–*–*–
‡ ɋ मो पर Ĥ   ۓ सुखरासी। ‡ ȡǓ“ \   י ˜ ȪǑ¡ Ǔ“ ‡ दासी।।
 ɋ Ĥ — Ǖहरहु मोर \ ʙ ȡ“ ȡ@€ Ǒ¡ रघन
ु ाथ कथा ǒ– ͬ’ नाना।।
जासु भवनु   šǕ ǽ तर होई।   Ǒ¡ ͩ€ ‘ǐšġ ‡ Ǔ“  दख
ु ु सोई।।
  ͧ  — ŸǗ “ अस ǿ‘™ ȱǒ–… ȡšȣ@हरहु नाथ मम ˜ Ǔ ħ ˜ — ȡšȣ@
@
Ĥ — Ǖजे ˜ ǕǓ“ ”š˜ ȡš –ȡ‘ȣ@€ ¡ Ǒ¡ Ȳराम कहुँ Ħ é˜ \ “ ȡ‘ȣ@
@
सेस सारदा बेद पुराना। सकल € šǑ¡ Ȳšƒ Ǖ” Ǔ गुन गाना।।
à Ǖ ¡ ” ǕǓ“ राम राम Ǒ‘“ राती। सादर जपहु अनँग आराती।।
रामु सो अवध “ ”Ǚ Ǔ सत ु सोई। € ȧ अज अगन
ु \ ›  ‚ Ǔ कोई।।
दो0-‡ ɋ नप
ृ तनय त Ħé˜ ͩ€ ͧ˜ “ ȡǐš ǒ–š¡ ȱ˜ Ǔ — Ȫǐš@
दे ख … ǐš ˜ Ǒ¡ ˜ ȡ सुनत ħ ˜ Ǔ – Ǖͪƨ \ Ǔ ˜ Ȫǐš@@108।।
–*–*–
‡ ɋ अनीह ޙ ȡ” € ǒ–— Ǖकोऊ। कबहु बझ ु ाइ नाथ ˜ ȪǑ¡ सोऊ।।
\ ʙ ‡ ȡǓ“ ǐš  उर ‡ Ǔ“ धरहू। ‡ ȯǑ¡ ǒ–ͬ’ मोह ͧ˜ ŠȰसोइ करहू।।
मै बन ‘ȣͨ राम Ĥ— Ǖ ȡ_@\ Ǔ भय ǒ– € › न  à Ǖ ¡ Ǒ¡ सुनाई।।
 ‘ͪ” ˜ ͧ› “ मन बोधु न आवा। सो फलु — › ȣ — ȡȱǓ हम पावा।।
अजहूँ कछु संसउ मन मोरे । करहु कृपा ǒ–“ `ȱकर ‡ ȪšɅ@ @
Ĥ— Ǖतब ˜ ȪǑ¡ बहु — ȡȱǓ Ĥ–Ȫ’ ȡ@नाथ सो   ˜ ͨǕˆ करहु ‡ Ǔ“ Đ Ȫ’ ȡ@
@
तब कर अस ǒ–˜ Ȫ¡ अब “ ȡ¡ ȣȲ@रामकथा पर ǽͬ… मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
कहहु पुनीत राम गुन गाथा। भुजगराज भूषन सुरनाथा।।
दो0-बंदउ पद ’ ǐš ’ šǓ“ ͧ  ǽ ǒ– “ ™ करउँ कर ‡ Ȫǐš@
बरनहु रघब ु र ǒ–   ‘ जसु Į ǓǕ ͧ  ƨ ȡȲ Ǔ“ … Ȫǐš@
@109।।
–*–*–
‡ ‘ͪ” ‡ ȪͪŸ ȡ “ Ǒ¡ Ȳ\ ͬ’ € ȡšȣ@दासी मन Đ ˜ बचन  à Ǖ ¡ ȡšȣ@
@
गढ़
ू उ  ם न साधु ‘ šǕȡǑ¡ @
Ȳ आरत \ ͬ’ € ȡšȣ जहँ ”ȡ Ǒ¡ @
Ȳ@
\ Ǔ ] šǓ पछ
ू उँ सरु राया। šƒ ”Ǖ Ǔ कथा कहहु € ǐš दाया।।
Ĥ ˜ सो कारन कहहु ǒ– … ȡšȣ@Ǔ“ ‚ “Ǖ[ Ħ é˜ सगनु बपु ’ ȡšȣ@@
” ǕǓ“ Ĥ— Ǖकहहु राम अवतारा। –ȡ› … ǐš ” ǕǓ“ कहहु उदारा।।
कहहु जथा ‡ ȡ“ € ȧ ǒ––ȡ¡ ȣȲ@राज तजा सो दष
ू न € ȡ¡ ȣȲ@
@
बन –ͧ  € ȧÛ¡ ȯ… ǐš अपारा। कहहु नाथ ǔ‡ ͧ˜ रावन मारा।।
राज – ȰǑ‹ € ȧÛ¡ ȣȲबहु › ȣ› ȡ@सकल कहहु संकर   Ǖ › ȣ› ȡ@
@
दो0-– ¡ Ǖǐš कहहु € ǽ“ ȡ™  “ € ȧÛ¡ जो अचरज राम।
Ĥ‡ ȡ   Ǒ¡  šƒ Ǖ– Ȳ  ˜ Ǔ“ ͩ€ ͧ˜ गवने Ǔ“ ‡ धाम।।110।।
–*–*–
” ǓǕ“ Ĥ— Ǖकहहु सो  ם बखानी। ‡ ȯǑ¡ Ȳǒ– ʙ ȡ“ मगन ˜ ǓǕ“ ʙ ȡ“ Ȣ@
@
— ‚ Ǔ ʙ ȡ“ ǒ–Ê™ ȡ“ ǒ–šȡ‚ ȡ@” ǕǓ“ सब बरनहु   Ǒ¡  ǒ–— ȡ‚ ȡ@
@
औरउ राम š¡ è™ अनेका। कहहु नाथ \ Ǔ ǒ– ˜ › ǒ––ȯ€ ȡ@ @
जो Ĥ— Ǖ˜ ɇपूछा “ Ǒ¡ होई। सोउ दयाल राखहु ‡ Ǔ“ गोई।।
à
Ǖ ¡ ǒ𗠝Ǖ “ गरु बेद बखाना। आन जीव पाँवर का जाना।।
Ĥ è“ उमा कै सहज सह
ु ाई। छल ǒ–¡ ȣ“   ǓǕ“ ͧ   मन भाई।।
हर Ǒ¡ ™ ȱšȡ˜ … ǐš सब आए। Ĥȯ˜ पुलक लोचन जल छाए।।
Į Ȣšƒ Ǖ
“ ȡ Ǿ ” उर आवा। परमानंद \ ͧ˜  सुख पावा।।
दो0-मगन ڙ ȡ“ š  दं ड जुग ” ǕǓ“ मन बाहे र € ȧÛ¡ @
šƒ ”Ǖ Ǔ … ǐš महे स तब ¡ šͪŸ  बरनै › ȣÛ¡ @
@111।।
–*–*–
झूठेउ   י ‡ ȡǑ¡ ǒ–“ Ǖ‡ ȡ“ Ʌ@ǔ‡ ͧ˜ भुजंग ǒ–“ Ǖरजु ” Ǒ¡ … ȡ“ Ʌ@
@
‡ ȯǑ¡ ‡ ȡ“ Ʌजग जाइ हे राई। ‡ ȡ‚ Ʌजथा सपन ħ ˜ जाई।।
बंदउँ –ȡ› Ǿ ” सोई राम।ू सब ͧ  ͬ’ सल
ु भ जपत िजसु नाम।ू ।
मंगल भवन अमंगल ¡ ȡšȣ@ġ ` सो दसरथ अिजर ǒ–¡ ȡšȣ@
@
€ ǐš Ĥ“ ȡ˜ šȡ˜ Ǒ¡ ǒğ” Ǖšȡšȣ@¡ šͪŸ सुधा सम ͬ‚ šȡ ` … ȡšȣ@
@
’ ۙ ’ ۙ ͬ‚ ǐššȡ‡ € Ǖ˜ ȡšȣ@ à
Ǖ ¡ समान “ Ǒ¡ Ȳकोउ ` ” € ȡšȣ@
@
पँछ
ू े हु šƒ Ǖ” Ǔ कथा Ĥ   Ȳ‚ ȡ@सकल लोक जग ”ȡ Ǔ“ गंगा।।
à
Ǖ ¡ रघब
ु ीर चरन अनरु ागी। € ȧÛ¡ ¡ ǕĤè“ जगत Ǒ¡  लागी।।
दो0-रामकृपा  Ʌ”ȡš– Ǔ सपनेहुँ तव मन ˜ ȡǑ¡ @
Ȳ
सोक मोह संदेह ħ ˜ मम ǒ–… ȡš कछु “ ȡǑ¡ @
Ȳ@112।।
–*–*–
 ‘ͪ” असंका € ȧǔÛ¡ ¡ Ǖसोई। कहत सन
ु त सब कर Ǒ¡  होई।।
ǔ‡ Û¡ ¡ ǐš कथा सुनी “ Ǒ¡ Ȳकाना। Į “ šȲĢ \ Ǒ¡ — “ समाना।।
“ ™ “ ǔÛ¡ संत दरस “ Ǒ¡ Ȳदे खा। लोचन मोरपंख कर लेखा।।
ते ͧ  š कटु  –ǕȲ ǐš समतल
ू ा। जे न नमत ¡ ǐš गुर पद मूला।।
ǔ‡ Û¡ ¡ ǐš— ‚ Ǔ ǿ‘™ ȱ“ Ǒ¡ Ȳआनी। जीवत सव समान तेइ Ĥȡ“ Ȣ@
@
जो “ Ǒ¡ Ȳकरइ राम गन
ु गाना। जीह सो दादरु जीह समाना।।
€ Ǖͧ›   कठोर Ǔ“ ‹Ǖš सोइ छाती।   ǕǓ“ ¡ ǐš… ǐš न जो हरषाती।।
ͬ‚ ǐš‡ ȡ सुनहु राम कै › ȣ› ȡ@सुर Ǒ¡  दनुज ǒ–˜ Ȫ¡ “   Ȣ› ȡ@
@
दो0-रामकथा सुरधेनु सम सेवत सब सुख ‘ȡǓ“ @
सतसमाज सरु लोक सब को न सन
ु ै अस ‡ ȡǓ“ @
@113।।
–*–*–

रामकथा संद
ु र कर  ȡšȣ@संसय ǒ– ¡ ‚ ` ŒȡǓ“ ¡ ȡšȣ@
@
रामकथा € ͧ› ǒ– Š” € Ǖ‹ ȡšȣ@सादर सुनु ͬ‚ ǐššȡ‡ € Ǖ˜ ȡšȣ@
@
राम नाम गुन … ǐš सुहाए। जनम करम \ ‚ Ǔ“  Į ǓǕ गाए।।
जथा अनंत राम भगवाना। तथा कथा € ȧšǓ गुन नाना।।
 ‘ͪ” जथा Į Ǖ ‡ ͧ  ˜ Ǔ ˜ Ȫšȣ@€ Ǒ¡ ¡ `ȱ‘ȯͨ Ĥ ȢǓ \ Ǔ  Ȫšȣ@
@
उमा Ĥ è“ तव सहज सह
ु ाई। सख
ु द संतसंमत ˜ ȪǑ¡ भाई।।
एक बात “ Ǒ¡ ˜ ȪǑ¡ सोहानी। ‡ ‘ͪ” मोह बस कहे हु भवानी।।
तम
ु जो कहा राम कोउ आना। ‡ ȯǑ¡ Į ǓǕ गाव ’ šǑ¡ Ȳ˜ ǕǓ“ ڙ ȡ“ ȡ@
@
दो0-€ ¡ Ǒ¡   Ǖ“ Ǒ¡ अस अधम नर Ē   ȯजे मोह ͪ”   ȡ… @
पाषंडी ¡ ǐš पद ǒ–˜ Ǖ ‡ ȡ“ Ǒ¡ Ȳझूठ न साच।।114।।
–*–*–
\ ʙ \ € Ȫǒ–‘ अंध अभागी। काई ǒ–Ÿ ™ मक ु र मन लागी।।
लंपट € ”Šȣ € ǕǑŠ› ǒ–  ȯŸ Ȣ@सपनेहुँ संतसभा “ Ǒ¡ Ȳदे खी।।
€ ¡ Ǒ¡ Ȳते बेद असंमत बानी। ǔ‡ Û¡ €Ʌसझ
ू लाभु “ Ǒ¡ Ȳहानी।।
मक
ु र ˜ ͧ› “ \ ǽ नयन ǒ–¡ ȣ“ ȡ@राम Ǿ ” ‘ȯ Ǒ¡ Ȳͩ€ ͧ˜ ‘ȣ“ ȡ@
@
ǔ‡ Û¡ €Ʌ अगुन न सगुन ǒ– –ȯ€ ȡ@‡ ã”Ǒ¡ Ȳ€ ǔ㔠 बचन अनेका।।
¡ ǐš˜ ȡ™ ȡ बस जगत ħ ˜ ȡ¡ ȣȲ
@Ǔ Û¡ Ǒ¡ कहत कछु \ ƒ ǑŠ “ ȡ¡ ȣȲ@
@
बातल
ु भूत ǒ––  मतवारे । ते “ Ǒ¡ Ȳ–Ȫ› Ǒ¡ Ȳबचन ǒ– … ȡšȯ@
@
ǔ‡ Û¡ कृत महामोह मद पाना। Ǔ “ Q
कर कहा € ǐš\ “ Ǒ¡ Ȳकाना।।
सो0-अस Ǔ“ ‡ ǿ‘™ ȱǒ–… ȡǐš तजु संसय भजु राम पद।
सन
ु ु ͬ‚ ǐššȡ‡ € Ǖ˜ ȡǐš ħ ˜ तम šǒ– कर बचन मम।।115।।
  ‚ “Ǖ Ǒ¡ \ ‚ “Ǖ Ǒ¡ “ Ǒ¡ Ȳकछु भेदा। ‚ ȡ Ǒ¡ Ȳ˜ ǓǕ“ परु ान बध
ु बेदा।।
अगुन \ ǽ” अलख अज जोई। भगत Ĥȯ˜ बस सगुन सो होई।।
जो गुन šǑ¡  सगुन सोइ €Ȱ  Ʌ@जलु Ǒ¡ ˜ उपल ǒ–› ‚ “ Ǒ¡ Ȳ‡ Ȱ  Ʌ@
@
जासु नाम ħ ˜ Ǔ ͧ˜ š पतंगा।  ȯǑ¡ ͩ€ ͧ˜ € Ǒ¡ \ ǒ–˜ Ȫ¡ Ĥ   Ȳ‚ ȡ@
@
राम   ǔÍ … ‘ȡ“ ‘Ȳ Ǒ‘“ ȯ  ȡ@“ Ǒ¡ Ȳतहँ मोह Ǔ“   ȡ लवलेसा।।
सहज Ĥ€ ȡ  ǽ” भगवाना। “ Ǒ¡ Ȳतहँ ” ǓǕ“ ǒ–Ê™ ȡ“ ǒ– ¡ ȡ“ ȡ@
@
हरष ǒ– Ÿȡ‘ ʙ ȡ“ \ ʙ ȡ“ ȡ@जीव ’ ˜ [\ ¡ ͧ˜ Ǔ \ ͧ— ˜ ȡ“ ȡ@
@
राम Ħ é˜ Þ™ ȡ”€ जग जाना। ” š˜ ȡ“ ۑ परे स पुराना।।
दो0-” Ǖǽ Ÿ Ĥͧ  ƨ Ĥ€ ȡ  Ǔ“ ͬ’ Ĥ‚ Š परावर नाथ।।
šƒ €Ǖ Ǖ› ˜ Ǔ“ मम è ȡͧ˜ सोइ € Ǒ¡ ͧ   ȱनायउ माथ।।116।।
–*–*–
Ǔ“ ‡ ħ ˜ “ Ǒ¡ Ȳ  ˜ Ǖˆ Ǒ¡ Ȳ\ ʙ ȡ“ Ȣ@Ĥ — Ǖपर मोह ’ šǑ¡ Ȳजड़ Ĥ ȡ“ Ȣ@
@
जथा गगन घन पटल Ǔ“ ¡ ȡšȣ@झाँपेउ मानु € ¡ Ǒ¡ Ȳ€ Ǖǒ–… ȡšȣ@
@
ͬ…   जो लोचन \ ‚Ȳ ͧǕ› लाएँ। Ĥ ‚ Š जग
ु ल   ͧ   ȯǑ¡ के भाएँ।।
उमा राम ǒ–Ÿ^€ अस मोहा। नभ तम धम
ू ’ ǐǗš ǔ‡ ͧ˜ सोहा।।
ǒ–Ÿ ™ करन सुर जीव समेता। सकल एक  Ʌएक सचेता।।
सब कर परम Ĥ€ ȡ  € जोई। राम \ “ ȡǑ‘ \  ’ ” Ǔ सोई।।
जगत Ĥ € ȡè™ Ĥ€ ȡ  € रामू। मायाधीस ʙ ȡ“ गुन धामू।।
जासु   י  ȡ  Ʌजड माया। भास   י इव मोह सहाया।।
दो0-रजत सीप महुँ मास ǔ‡ ͧ˜ जथा भानु कर –ȡǐš@
‡ ‘ͪ” मष
ृ ा Ǔ ¡ Ǖȱकाल सोइ ħ ˜ न सकइ कोउ Šȡǐš@ @117।।
–*–*–
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ जग ¡ ǐš ] ͬĮ  रहई। ‡ ‘ͪ” \   י दे त दख
ु अहई।।
‡ ɋ   ”“ Ʌͧ  š काटै कोई। ǒ– “ Ǖ‡ ȡ‚ Ʌन ‘ ǐǗš दख
ु होई।।
जासु कृपाँ अस ħ ˜ ͧ˜ ǑŠ जाई। ͬ‚ ǐš‡ ȡ सोइ कृपाल रघरु ाई।।
] Ǒ‘ अंत कोउ जासु न पावा। ˜ Ǔ \ “ ˜Ǖ ȡǓ“ Ǔ“ ‚ ˜ अस गावा।।
ǒ– “ Ǖपद चलइ सुनइ ǒ–“ Ǖकाना। कर ǒ– “ Ǖकरम करइ ǒ– ͬ’ नाना।।
आनन šǑ¡  सकल रस भोगी। ǒ– “ Ǖबानी बकता बड़ जोगी।।
तनु ǒ–“ Ǖपरस नयन ǒ– “ Ǖदे खा। Ē ¡ ^ ē ȡ“ ǒ–“ Ǖबास असेषा।।
\ ͧ  सब — ȡȱǓ \ › ȫͩ€ € करनी। ˜ Ǒ¡ ˜ ȡ जासु जाइ “ Ǒ¡ Ȳबरनी।।
दो0-‡ ȯǑ¡ ^ͧ˜ ‚ ȡǑ¡ बेद बध
ु ‡ ȡǑ¡ ’ šǑ¡ Ȳ˜ ǓǕ“ ڙ ȡ“ @
@
सोइ दसरथ सुत भगत Ǒ¡  € Ȫ  › ” Ǔ भगवान।।118।।
–*–*–
कासीं मरत जंतु \ › Ȫ€ ȧ@जासु नाम बल करउँ ǒ–  Ȫ€ ȧ@
@
सोइ Ĥ— Ǖमोर चराचर èȡ˜ Ȣ@रघुबर सब उर अंतरजामी।।
ǒ– –   ¡ Ǖȱजासु नाम नर € ¡ ¡ ȣ@
Ȳ जनम अनेक šͬ…  अघ ‘¡ ¡ ȣȲ@
@
सादर   Ǖͧ˜ š“ जे नर € š¡ ȣȲ@भव –ȡǐšͬ’ गोपद इव  š¡ ȣȲ@
@
राम सो परमातमा भवानी। तहँ ħ ˜ \ Ǔ \ ǒ– Ǒ¡  तव बानी।।
अस संसय आनत उर ˜ ȡ¡ ȣȲ@ʙ ȡ“ ǒ– šȡ‚ सकल गन
ु ‡ ȡ¡ ȣȲ@
@
  ǕǓ“ ͧ   के ħ ˜ भंजन बचना। ͧ˜ ǑŠ गै सब कुतरक कै रचना।।
भइ šƒ Ǖ” Ǔ पद ĤȢǓ Ĥ Ȣ Ȣ@‘ȡǽ“ असंभावना बीती।।
दो0-” ǕǓ“ ” ǕǓ“ Ĥ— Ǖपद कमल ‚ Ǒ¡ ‡ Ȫǐš ” Ȳ€ ǽ¡ ” ȡǓ“ @
–Ȫ› ȣ ͬ‚ ǐš‡ ȡ बचन बर मनहुँ Ĥȯ˜ रस   ȡǓ“ @
@119।।
–*–*–
  ͧ  कर सम   ǕǓ“ ͬ‚ šȡ  à
Ǖ ¡ ȡšȣ@ͧ˜ Šȡ मोह सरदातप — ȡšȣ@
@
à
Ǖ ¡ कृपाल सबु संसउ हरे ऊ। राम èǽ” ‡ ȡǓ“ ˜ ȪǑ¡ परे ऊ।।
नाथ कृपाँ अब गयउ ǒ–Ÿȡ‘ȡ@सख
ु ी भयउँ Ĥ — Ǖचरन Ĥ  ȡ‘ȡ@
@
अब ˜ ȪǑ¡ ] ”Ǔ“ ͩ€ Ȳ€ ǐš जानी। ‡ ‘ͪ” सहज जड “ ȡǐš अयानी।।
Ĥ  ˜ जो ˜ ɇपूछा सोइ कहहू। ‡ ɋ मो पर Ĥ   ۓ Ĥ — Ǖअहहू।।
राम Ħé˜ ͬ… “ ˜ ™ \ ǒ–“ ȡ  Ȣ@  – [šǑ¡  सब उर पुर बासी।।
नाथ धरे उ नरतनु €ȯǑ¡ हे त।ू ˜ ȪǑ¡ समुझाइ कहहु बष
ृ केत।ू ।
उमा बचन   ǓǕ“ परम ǒ–“ Ȣ ȡ@रामकथा पर Ĥ ȢǓ पन ु ीता।।
दो0-Ǒ¡ ȱ™ ȱहरषे € ȡ˜ ȡǐš तब संकर सहज सज
ु ान
बहु ǒ– ͬ’ ` ˜ Ǒ¡ Ĥ  Ȳͧ  ” ǕǓ“ बोले € Ǚ” ȡǓ“ ’ ȡ“ @
@120(क)।।
“ ȡÛ¡ ”ȡšȡ™ “ ,पहला ͪ Į ȡ˜
मासपारायण, चौथा ͪ Į ȡ˜
सो0-सन
ु ु सभ
ु कथा — ȡǓ“ šȡ˜ … ǐš ˜ ȡ“   ǒ–˜ › @
कहा —  Ǖ ȲͫǕŒ –  ȡǓ“ सन
ु ा ǒ– ¡ ‚ नायक ‚ ǽŒ@
@120(ख)।।
सो संबाद उदार ‡ ȯǑ¡ ǒ–ͬ’ भा ] ‚ Ʌकहब।
सुनहु राम अवतार … ǐš परम सुंदर अनघ।।120(ग)।।
¡ ǐš गुन नाम अपार कथा Ǿ ” \ ‚ Ǔ“  \ ͧ˜  @
˜ ɇǓ“ ‡ ˜ Ǔ अनुसार कहउँ उमा सादर सुनहु।।120(घ।।
–*–*–
सन
ु ु ͬ‚ ǐš‡ ȡ ¡ ǐš… ǐš सह
ु ाए। ǒ– ” ›Ǖ ǒ–  ‘ Ǔ“ ‚ ˜ ȡ‚ ˜ गाए।।
¡ ǐš अवतार हे तु ‡ ȯǑ¡ होई। ^‘ͧ˜ א Ȳ€ Ǒ¡ जाइ न सोई।।
राम \  ș [– Ǖͪƨ मन बानी। मत हमार अस   Ǖ“ Ǒ¡ सयानी।।
 ‘ͪ” संत ˜ ǕǓ“ बेद पुराना। जस कछु € ¡ Ǒ¡ Ȳè ˜ Ǔ अनुमाना।।
तस ˜ ɇ  ˜Ǖ ͨǕ सन
ु ावउँ  Ȫ¡ ȣ@  ˜ ͨǕˆ परइ जस कारन ˜ Ȫ¡ ȣ@
@
जब जब होइ धरम कै हानी। – ȡǑ¡ Ȳअसरु अधम \ ͧ— ˜ ȡ“ Ȣ@
@
€ šǑ¡ Ȳ\ “ ȢǓ जाइ “ Ǒ¡ Ȳबरनी।   Ȣ‘Ǒ¡ Ȳǒ–Ĥ धेनु सरु धरनी।।
तब तब Ĥ— Ǖ’ ǐš ǒ–ǒ–’   šȣšȡ@¡ šǑ¡ € Ǚ” ȡǓ“ ͬ’   Ï ‡ “ पीरा।।
दो0-असुर ˜ ȡǐš  ȡ”Ǒ¡ Ȳ  ǕšÛ¡ šȡ Ǒ¡ ȲǓ“ ‡ Į ǓǕ सेत।ु
जग ǒ–è ȡšǑ¡ Ȳǒ–   ‘ जस राम ‡ ۘ कर हे त।ु ।121।।
–*–*–
सोइ जस गाइ भगत भव  š¡ ȣȲ@€ Ǚ”ȡͧ  ’Ȳ Ǖजन Ǒ¡  तनु ’ š¡ ȣȲ@
@
राम जनम के हे तु अनेका। परम ǒ–ͬ… ğ एक  Ʌएका।।
जनम एक दइु कहउँ बखानी। सावधान सन
ु ु   ˜Ǖ Ǔ भवानी।।
ɮ ȡš”ȡ› ¡ ǐš के ͪĤ ™ दोऊ। जय \ ǽ ǒ– ‡ ™ जान सब कोऊ।।
ǒ– Ĥ Į ȡ”  Ʌदन
ू उ भाई। तामस असुर दे ह Ǔ Û¡ पाई।।
€ “ € € ͧ  ” Ǖ\ ǽ हाटक लोचन। जगत ǒ–Ǒ‘   Ǖš” Ǔ मद मोचन।।
ǒ– ‡ _ समर बीर ǒ–É™ ȡ ȡ@’ ǐš बराह बपु एक Ǔ“ ” ȡ ȡ@
@
होइ “ š¡ ǐš दस
ू र ” ǓǕ“ मारा। जन Ĥ¡ › ȡ‘ सज
ु स ǒ– è ȡšȡ@
@
दो0-भए Ǔ“   ȡ… š जाइ तेइ महाबीर बलवान।
कंु भकरन रावण सुभट सुर ǒ–‡ _ जग जान।।122 ।
–*–*–
मक
ु ु त न भए हते भगवाना।  ȢǓ“ जनम ɮͪ‡ बचन Ĥ ȡ“ ȡ@
@
एक बार Ǔ Û¡ के Ǒ¡  लागी। धरे उ   šȣš भगत अनुरागी।।
€ è™ ” \ Ǒ‘Ǔ तहाँ ͪ”  Ǖमाता। दसरथ € ȫ  㙠ȡ ǒ– ə ȡ ȡ@
@
एक कलप f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ अवतारा। … ǐšğ ”ͪğ ͩ€ f संसारा।।
एक कलप सरु ‘ȯͨ दख
ु ारे । समर जलंधर सन सब हारे ।।
संभु € ȧÛ¡   ȲĒ ȡ˜ अपारा। दनज
ु महाबल मरइ न मारा।।
परम सती \   šǕȡͬ’ ” “ ȡšȣ@ ȯǑ¡ बल  ȡǑ¡ न ǔ‡  Ǒ¡ Ȳ” šǕȡšȣ@
@
दो0-छल € ǐš टारे उ तासु Ħ  Ĥ— Ǖसुर कारज € ȧÛ¡ @
@
जब  ȯ Ǒ¡ जानेउ मरम तब Į ȡ” कोप € ǐš ‘ȣÛ¡ @ @123।।
–*–*–
तासु Į ȡ” ¡ ǐš ‘ȣÛ¡ Ĥ˜ ȡ“ ȡ@€ ȫ €Ǖ Ǔ“ ͬ’ कृपाल भगवाना।।
तहाँ जलंधर रावन भयऊ। रन ¡ Ǔ राम परम पद दयऊ।।
एक जनम कर कारन एहा। ‡ ȯǑ¡ › ȡͬ‚ राम ’ šȣ नरदे हा।।
Ĥ Ǔ अवतार कथा Ĥ— Ǖ€ȯšȣ@सन
ु ु ˜ ǓǕ“ बरनी € ǒ– Û¡ ƒ “ ȯšȣ@
@
नारद Į ȡ” ‘ȣÛ¡ एक बारा। कलप एक  ȯǑ¡ › ͬ‚ अवतारा।।
ͬ‚ ǐš‡ ȡ … ͩ€  भई   ǕǓ“ बानी। नारद ǒ–ç“ —Ǖ ‚  ” ǕǓ“ ʙ ȡǓ“ @
@
कारन कवन Į ȡ” ˜ ǕǓ“ ‘ȣÛ¡ ȡ@का अपराध š˜ ȡ”Ǔ € ȧÛ¡ ȡ@
@
यह Ĥ  Ȳ‚ ˜ ȪǑ¡ कहहु ” Ǖšȡšȣ@˜ ǕǓ“ मन मोह आचरज — ȡšȣ@
@
दो0- बोले ǒ–¡ ͧ  महे स तब ʙ ȡ“ Ȣ मढ़ू न कोइ।
‡ ȯǑ¡ जस šƒ ”Ǖ Ǔ € šǑ¡ Ȳजब सो तस  ȯǑ¡ छन होइ।।124(क)।।
सो0-कहउँ राम गुन गाथ — šɮ ȡ‡ सादर सुनहु।
भव भंजन रघुनाथ भजु तल ु सी तिज मान मद।।124(ख)।।
–*–*–
Ǒ¡ ˜ ͬ‚ ǐš गुहा एक \ Ǔ ” ȡ Ǔ“ @बह समीप   Ǖš  šȣ   Ǖ¡ ȡ Ǔ“ @
@
] Į ˜ परम पन
ु ीत सुहावा। ‘ȯͨ ‘ȯ ǐšͪŸ मन \ Ǔ भावा।।
Ǔ“ šͨ सैल   ǐš ǒ–ͪ”“ ǒ– — ȡ‚ ȡ@भयउ š˜ ȡ” Ǔ पद अनुरागा।।
  ͧǕ˜ š ¡ ǐšǑ¡ Į ȡ” ‚ Ǔ बाधी। सहज ǒ–˜ › मन › ȡͬ‚ समाधी।।
˜ ǓǕ“ ‚ Ǔ ‘ȯͨ सरु े स डेराना। € ȡ˜ Ǒ¡ –Ȫͧ› € ȧÛ¡ समाना।।
  Ǒ¡  सहाय जाहु मम हे त।ू चकेउ ¡ šͪŸ Ǒ¡ ™ ȱजलचरकेत।ू ।
सुनासीर मन महुँ \ ͧ  ğȡ  ȡ@चहत ‘ȯ ǐšͪŸ मम पुर बासा।।
जे कामी लोलुप जग ˜ ȡ¡ ȣȲ@€ ǕǑŠ› काक इव   –Ǒ¡ Œȯ
šȡ¡ ȣȲ@
@
दो0-सुख हाड़ लै भाग सठ è ȡ“ Ǔ“ šͨ मग
ृ राज।
† ȤǓ“ लेइ ‡ Ǔ“ जान जड़ Ǔ ͧ˜   šǕ”Ǔ Ǒ¡ न लाज।।125।।
–*–*–
 ȯǑ¡ ] Į ˜ Ǒ¡ Ȳमदन जब गयऊ। Ǔ“ ‡ मायाँ बसंत Ǔ“ š˜ ™ a @
@
€ Ǖ  ͧǕ˜  ǒ–ǒ–’ ǒ–Š” बहुरं गा। € Ǘ‡ Ǒ¡ Ȳ€ Ȫͩ€ › ‚ Ȳ‡Ǖ Ǒ¡ भंग
ृ ा।।
… › ȣ   ¡Ǖ ȡǓ“ ǒğǒ–’ –™ ȡšȣ@काम कृसानु – ±ȡ Ǔ“ ¡ ȡšȣ@ @
šȲ— ȡǑ‘€   Ǖš“ ȡǐš नबीना । सकल असमसर कला Ĥ– Ȣ“ ȡ@
@
€ šǑ¡ Ȳगान बहु तान तरं गा। – ¡ Ǖǒ–ͬ’ Đ ȧ°Ǒ¡ ” ȡǓ“ पतंगा।।
‘ȯͨ सहाय मदन हरषाना। € ȧÛ¡ ȯͧ  ” ǕǓ“ Ĥ ”Ȳ… ǒ– ͬ’ नाना।।
काम कला कछु ˜ ǓǕ“ Ǒ¡ न ޙ ȡ”Ȣ@Ǔ“ ‡ भयँ डरे उ मनोभव पापी।।
सीम ͩ€ … ȡȱͪ” सकइ कोउ तास।ु बड़ रखवार š˜ ȡ” Ǔ जास।ू ।
दो0-   Ǒ¡  सहाय सभीत \ Ǔ ˜ ȡǓ“ ¡ ȡǐš मन मैन।
‚ ¡ ȯͧ  जाइ ˜ ǕǓ“ चरन तब € Ǒ¡   ǕǑ‹ आरत बैन।।126।।
–*–*–
भयउ न नारद मन कछु रोषा। € Ǒ¡ ͪĤ™ बचन काम ”ǐš ȪŸ ȡ@ @
नाइ चरन ͧ  ǽ आयसु पाई। गयउ मदन तब   Ǒ¡  सहाई।।
˜ ǕǓ“ सुसीलता ] ”Ǔ“ करनी।   Ǖš”Ǔ सभाँ जाइ सब बरनी।।
  ǓǕ“ सब €Ʌमन अचरजु आवा। ˜ ǓǕ“ Ǒ¡ Ĥ   Ȳͧ  ¡ ǐšǑ¡ ͧ  ǽ नावा।।
तब नारद गवने ͧ   ”ȡ¡ ȣȲ@िजता काम \ ¡ ͧ˜ Ǔ मन ˜ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
मार … ǐš   Ȳ€ šǑ¡ Ȳसन
ु ाए। \ Ǔ ͪĤ ™ ‡ ȡǓ“ महे स ͧ   ȡf @
@
बार बार ǒ–“ `ȱ˜ ǕǓ“  Ȫ¡ ȣȲ@ǔ‡ ͧ˜ यह कथा सुनायहु ˜ Ȫ¡ ȣȲ@
@
Ǔ ͧ˜ ‡ Ǔ“ ¡ ǐšǑ¡ सुनावहु कबहूँ। चलेहुँ Ĥ   Ȳ‚ दरु ाएडु तबहूँ।।
दो0-संभु ‘ȣÛ¡ उपदे स Ǒ¡  “ Ǒ¡ Ȳ“ ȡš‘Ǒ¡ सोहान।
— ȡšɮȡ‡ कौतक ु सनु हु ¡ ǐš ^Í † ȡ बलवान।।127।।
–*–*–
राम € ȧÛ¡ … ȡ¡ Ǒ¡ Ȳसोइ होई। करै \ ۙ  ȡ अस “ Ǒ¡ Ȳकोई।।
संभु बचन ˜ ǓǕ“ मन “ Ǒ¡ Ȳभाए। तब ǒ–šȲͬ… के लोक ͧ  ’ ȡf @
@
एक बार करतल बर बीना। गावत ¡ ǐš गन
ु गान Ĥ –Ȣ“ ȡ@
@
† Ȥšͧ  ’Ȳ Ǖगवने ˜ ǕǓ“ “ ȡ ȡ@जहँ बस Į ȢǓ“ ȡ  Į ǓǕ ˜ ȡ ȡ@
@
¡ šͪŸ ͧ˜ › ȯ` Ǒ‹ š˜ ȡǓ“ €ȯ ȡ@बैठे आसन ǐšͪŸ Ǒ¡ समेता।।
बोले ǒ–¡ ͧ  चराचर राया। बहुते Ǒ‘“ “ € ȧǔÛ¡ ˜ ǕǓ“ दाया।।
काम … ǐš नारद सब भाषे। ‡ ɮ™ ͪ” Ĥ  ˜ बरिज ͧ   ȱराखे।।
\ Ǔ Ĥ… ŒȲ šƒ ”Ǖ Ǔ कै माया। ‡ ȯǑ¡ न मोह अस को जग जाया।।
दो0-Ǿ  बदन € ǐš बचन मद
ृ ु बोले Į Ȣ— ‚  ȡ“ ।
à
Ǖ ¡ šȯ  Ǖͧ˜ š“  Ʌͧ˜ ŠǑ¡ Ȳमोह मार मद मान।।128।।
–*–*–
सुनु ˜ ǕǓ“ मोह होइ मन  ȡ€Ʌ@ʙ ȡ“ ǒ– šȡ‚ ǿ‘™ “ Ǒ¡ Ȳजाके।।
Ħ é˜ … š‡ Ħ रत ˜ Ǔ ’ Ȣšȡ@ à
Ǖ ¡ Ǒ¡ ͩ€ करइ मनोभव पीरा।।
नारद कहे उ   Ǒ¡  \ ͧ— ˜ ȡ“ ȡ@कृपा  à
Ǖ ¡ ȡǐš सकल भगवाना।।
€ ǽ“ ȡǓ“ ͬ’ मन ‘ȣ ǒ– … ȡšȣ@उर अंकुरे उ गरब  ǽ — ȡšȣ@
@
–ȯͬ‚ सो मै Œȡǐš¡ `ȱ`  ȡšȣ@पन हमार सेवक Ǒ¡  € ȡšȣ@
@
˜ ǓǕ“ कर Ǒ¡  मम कौतक
ु होई। \  ͧ  उपाय € šǒ– मै सोई।।
तब नारद ¡ ǐš पद ͧ  š नाई। चले ǿ‘™ ȱ\ ¡ ͧ˜ Ǔ \ ͬ’ € ȡ_@
@
Į Ȣ”Ǔ Ǔ“ ‡ माया तब Ĥȯšȣ@सुनहु € Ǒ‹ “ करनी  ȯǑ¡ €ȯšȣ@
@
दो0-ǒ–š… ȯ̀ मग महुँ नगर  ȯǑ¡ Ȳसत जोजन ǒ–è ȡš@
Į ȢǓ“  ȡ  ” šǕ  Ʌ\ ͬ’ € रचना ǒ–ǒ–’ Ĥ € ȡš@
@129।।
–*–*–
–  Ǒ¡ Ȳनगर सुंदर नर “ ȡšȣ@जनु बहु ˜ “ ͧ  ‡ šǓ  “ Ǖ’ ȡšȣ@
@
 ȯǑ¡ Ȳपरु बसइ   Ȣ› Ǔ“ ͬ’ राजा। \ ‚ Ǔ“  हय गय सेन समाजा।।
सत सरु े स सम ǒ–—  ǒ–› ȡ  ȡ@Ǿ ” तेज बल “ ȢǓ Ǔ“  ȡ  ȡ@
@
ǒ– 蝘 Ȫ¡ “ Ȣ तासु € Ǖ˜ ȡšȣ@Į Ȣ ǒ– ˜ Ȫ¡ िजसु Ǿ ” ǕǓ“ ¡ ȡšȣ@
@
सोइ ¡ ǐš˜ ȡ™ ȡ सब गुन खानी। सोभा तासु ͩ€ जाइ बखानी।।
करइ 蝙 Ȳ– š सो नप
ृ बाला। आए तहँ \ ‚ Ǔ“  ˜ Ǒ¡ ”ȡ› ȡ@
@
˜ ǓǕ“ € ȫ €Ǖ ȧ नगर  ȯǑ¡ Ȳगयऊ। ” šǕ– ȡͧ  Û¡ सब पछ
ू त भयऊ।।
  ǓǕ“ सब … ǐš भप
ू गह
ृ ँ आए। € ǐš पज
ू ा नप
ृ ˜ ǓǕ“ बैठाए।।
दो0-] Ǔ“ दे खाई “ ȡš‘Ǒ¡ — Ǘ” Ǔ šȡ‡ € Ǖ˜ ȡǐš@
कहहु नाथ गुन दोष सब f Ǒ¡ के ǿ‘™ ȱǒ–… ȡǐš@ @ 130।।
–*–*–
‘ȯͨ Ǿ ” ˜ ǕǓ“ ǒ–šǓ ǒ–   ȡšȣ@बड़ी बार › ͬ‚ रहे Ǔ“ ¡ ȡšȣ@
@
› Í † “ तासु ǒ–› Ȫͩ€ भुलाने। ǿ‘™ ȱहरष “ Ǒ¡ ȲĤ ‚ Š बखाने।।
जो f Ǒ¡ बरइ अमर सोइ होई।   ˜ š— Ǘͧ˜  ȯǑ¡ जीत न कोई।।
  ȯ Ǒ¡ Ȳसकल चराचर  ȡ¡ ȣ@बरइ   Ȣ› Ǔ“ ͬ’ € ۙ ȡ ‡ ȡ¡ ȣ@
@
› Í † “ सब ǒ–… ȡǐš उर राखे। कछुक बनाइ भप
ू सन भाषे।।
सत
ु ा   ›Ǖ Í † “ € Ǒ¡ नप
ृ ”ȡ¡ ȣȲ@नारद चले सोच मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
€ šɋ जाइ सोइ जतन ǒ–… ȡšȣ@‡ ȯǑ¡ Ĥ€ ȡš ˜ ȪǑ¡ बरै € Ǖ˜ ȡšȣ@
@
जप तप कछु न होइ  ȯǑ¡ काला। हे ǒ–ͬ’ ͧ˜ › ^ कवन ǒ– ͬ’ बाला।।
दो0-f Ǒ¡ अवसर … ȡǑ¡ \ परम सोभा Ǿ ” ǒ–   ȡ› @
जो ǒ–› Ȫͩ€ šȣˆ Ȱ€ Ǖ\ ǐȱš तब मेलै जयमाल।।131।।
–*–*–
¡ ǐš सन ˜ ȡ‚ ɋ सुंदरताई। ¡ Ȫ^Ǒ¡ जात ‚ ¡ ǽ \ Ǔ भाई।।
˜ ȪšɅǑ¡  ¡ ǐš सम “ Ǒ¡ Ȳकोऊ। f Ǒ¡ अवसर सहाय सोइ होऊ।।
–¡ Ǖǒ–ͬ’ ǒ– “ ™ € ȧǔÛ¡  ȯǑ¡ काला। Ĥ ‚ Šȯ̀ Ĥ— Ǖ€ ȫ €Ǖ ȧ कृपाला।।
Ĥ— Ǖǒ–› Ȫͩ€ ˜ ǓǕ“ नयन जुड़ाने। ¡ Ȫ^Ǒ¡ काजु Ǒ¡ f ȱहरषाने।।
\ Ǔ ] šǓ € Ǒ¡ कथा सुनाई। करहु कृपा € ǐš होहु सहाई।।
आपन Ǿ ” दे हु Ĥ— Ǖ˜ Ȫ¡ ȣ@आन — ȡȱǓ “ Ǒ¡ Ȳ” ȡ ɋ j ¡ ȣ@
@
‡ ȯǑ¡ ǒ–ͬ’ नाथ होइ Ǒ¡  मोरा। करहु सो –ȯͬ‚ दास ˜ ɇतोरा।।
Ǔ“ ‡ माया बल ‘ȯͨ ǒ–   ȡ› ȡ@Ǒ¡ ™ ȱ¡ ȱͧ  बोले ‘ȣ“ ‘™ ȡ› ȡ@
@
दो0-‡ ȯǑ¡ ǒ–ͬ’ ¡ Ȫ^Ǒ¡ परम Ǒ¡  नारद सुनहु  à
Ǖ ¡ ȡš@
सोइ हम करब न आन कछु बचन न मष ृ ा हमार।।132।।
–*–*–
कुपथ माग ǽ‡ ޙ ȡ€ Ǖ› रोगी। बैद न दे इ सुनहु ˜ ǕǓ“ जोगी।।
f Ǒ¡ ǒ– ͬ’ Ǒ¡   à
Ǖ ¡ ȡš ˜ ɇठयऊ। € Ǒ¡ अस \ Ȳ šǑ¡  Ĥ— Ǖभयऊ।।
माया ǒ– –   भए ˜ ǕǓ“ मूढ़ा। समुझी “ Ǒ¡ Ȳ¡ ǐš ͬ‚ šȡ Ǔ“ ‚ Ǘ±ȡ@
@
गवने तरु त तहाँ ǐšͪŸ šȡ_@जहाँ è ™ Ȳ– š — ͧǗ˜ बनाई।।
Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ आसन बैठे राजा। बहु बनाव € ǐš   Ǒ¡  समाजा।।
˜ ǓǕ“ मन हरष Ǿ ” \ Ǔ ˜ ȪšɅ@˜ ȪǑ¡ तिज ] “ Ǒ¡ – ȡǐšǑ¡ न — ȪšɅ@
@
˜ ǕǓ“ Ǒ¡  कारन € Ǚ”ȡǓ“ ’ ȡ“ ȡ@‘ȣÛ¡ € ǕǾ ” न जाइ बखाना।।
सो … ǐšğ › ͨ काहुँ न पावा। नारद ‡ ȡǓ“   –Ǒ¡ Ȳͧ  š नावा।।

दो0-रहे तहाँ दइु ǽġ गन ते ‡ ȡ“ Ǒ¡ Ȳसब भेउ।


ǒ– Ĥ –ȯŸ दे खत ͩ• šǑ¡ Ȳपरम € ȫ €Ǖ ȧ तेउ।।133।।
–*–*–
‡ ɅǑ¡ समाज – ‹ɇȯ˜ ǓǕ“ जाई। ǿ‘™ ȱǾ ” \ ¡ ͧ˜ Ǔ \ ͬ’ € ȡ_@
@
तहँ बैठ महे स गन दोऊ। ǒ– Ĥ–ȯŸ ‚ Ǔ लखइ न कोऊ।।
€ šǑ¡ Ȳ€ ǗǑŠ “ ȡš‘Ǒ¡ सुनाई। “ Ȣͩ€ ‘ȣǔÛ¡ ¡ ǐš सुंदरताई।।
šȣˆ Ǒ¡ šȡ‡ € Ǖ\ ȱǐš † ǒ– दे खी। ^Û¡ Ǒ¡ – ǐšǑ¡ ¡ ǐš ‡ ȡǓ“ ǒ–  ȯŸ Ȣ@
@
˜ ǓǕ“ Ǒ¡ मोह मन हाथ पराएँ। ¡ ȱ  Ǒ¡ Ȳसंभु गन \ Ǔ सचु पाएँ।।
‡ ‘ͪ”   “Ǖ Ǒ¡ Ȳ˜ ǓǕ“ \ Š”ǑŠ बानी।   ˜ ͨǕˆ न परइ – ͪǕƨ ħ ˜ सानी।।
काहुँ न लखा सो … ǐš ǒ–  ȯŸ ȡ@सो   Ǿ ” “ ”Ǚ € ۙ ȡȱदे खा।।
˜ €[Š बदन भयंकर ‘ȯ¡ ȣ@दे खत ǿ‘™ ȱĐ Ȫ’ भा  ȯ¡ ȣ@
@
दो0-सखीं संग लै € Ǖ\ ȱǐš तब … ͧ› जनु राजमराल।
दे खत ͩ• š^ ˜ ¡ ȣ” सब कर सरोज जयमाल।।134।।
–*–*–
‡ ȯǑ¡ Ǒ‘ͧ  बैठे नारद • Ǘ› ȣ@सो Ǒ‘ͧ  ‘ȯǑ¡ न ǒ– › Ȫ€ ȧ — Ǘ› ȣ@
@
” ǕǓ“ ” ǕǓ“ ˜ ǕǓ“ ` €   Ǒ¡ Ȳ\ € Ǖ› ȡ¡ ȣȲ@‘ȯͨ दसा हर गन ˜  Ǖ € ȡ¡ ȣȲ@
@
’ ǐš नप
ृ तनु तहँ गयउ कृपाला। € Ǖ\ ȱǐš ¡ šͪŸ मेलेउ जयमाला।।
‘ ›Ǖ Ǒ¡ Ǔ“ लै गे › ǔÍ † Ǔ“ ȡ  ȡ@नप
ृ समाज सब भयउ Ǔ“ šȡ  ȡ@
@
˜ ǓǕ“ \ Ǔ ǒ–€ › ˜ ɉ¡ ȱ˜ Ǔ “ ȡ‹ Ȥ@˜ Ǔ“ ͬ‚ ǐš गई † ǗǑŠ जनु ‚ ȡȱ‹ Ȥ@
@
तब हर गन बोले मुसुकाई। Ǔ“ ‡ मुख मुकुर ǒ– › Ȫ€ ¡ Ǖजाई।।
अस € Ǒ¡ दोउ भागे भयँ — ȡšȣ@बदन ‘ȣ ˜ ǕǓ“ –ȡǐš Ǔ“ ¡ ȡšȣ@
@
बेषु ǒ– › Ȫͩ€ Đ Ȫ’ \ Ǔ बाढ़ा। Ǔ Û¡ Ǒ¡ सराप ‘ȣÛ¡ \ Ǔ गाढ़ा।।
दो0-होहु Ǔ“   ȡ… š जाइ  àǕ ¡ € ” Šȣ पापी दोउ।
हँसेहु ¡ ˜ Ǒ¡ सो लेहु फल – ¡ Ǖǐš हँसेहु ˜ ǓǕ“ कोउ।।135।।
–*–*–
”Ǔ
Ǖ“ जल ‘ȣ Ǿ ” Ǔ“ ‡ पावा।  ‘ͪ” ǿ‘™ ȱसंतोष न आवा।।
फरकत अधर कोप मन ˜ ȡ¡ ȣ@
Ȳ   ” ‘ȣ चले € ˜ › ȡ” Ǔ ”ȡ¡ ȣȲ@
@
दे हउँ Į ȡ” ͩ€ ˜ ǐš¡ `ȱजाई। जगत मोर उपहास कराई।।
–Ȣ… Ǒ¡ Ȳपंथ ͧ˜ › ȯ‘“ Ǖ‡ ȡšȣ@संग रमा सोइ šȡ‡ € Ǖ˜ ȡšȣ@
@
बोले मधरु बचन   Ǖš  ȡɃ@˜ ǕǓ“ कहँ चले ǒ– € › € ȧ “ ȡɃ@
@
सन
ु त बचन उपजा \ Ǔ Đ Ȫ’ ȡ@माया बस न रहा मन बोधा।।
पर संपदा सकहु “ Ǒ¡ Ȳदे खी।  à
Ǖ ¡ šɅ^ǐšŸ ȡ कपट ǒ–   ȯŸ Ȣ@
@
मथत ͧ  ’Ȳ ǕǽġǑ¡ बौरायहु।   ǕšÛ¡ Ĥȯšȣ ǒ– Ÿ पान करायहु।।
दो0-असुर सुरा ǒ–Ÿ   Ȳ€ šǑ¡ आपु रमा ˜ Ǔ“ … ȡǽ@
è ȡš साधक € ǕǑŠ›  à
Ǖ ¡ सदा कपट ޙ  ¡ ȡǽ@@136।।
–*–*–
परम è  ğȲ न ͧ  š पर कोई। भावइ ˜ “ Ǒ¡ करहु  à
Ǖ ¡ सोई।।
— › ȯǑ¡ मंद ˜ Ȳ‘ȯǑ¡ भल करहू। ǒ–   ˜ ™ हरष न Ǒ¡ ™ ȱकछु धरहू।।
Œ¡ ͩ€ Œ¡ ͩ€ ”ǐš… ȯ¡Ǖसब काहू। \ Ǔ असंक मन सदा उछाहू।।
करम सभु ासभ
ु à
Ǖ ¡ Ǒ¡ न बाधा। अब › ͬ‚  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ न काहूँ साधा।।
भले भवन अब बायन ‘ȣÛ¡ ȡ@पावहुगे फल आपन € ȧÛ¡ ȡ@ @
बंचेहु ˜ ȪǑ¡ ‡ Ǔ“ ’ ǐš दे हा। सोइ तनु धरहु Į ȡ” मम एहा।।
€ ͪ” ] € ǙǓ  à Ǖ ¡ € ȧǔÛ¡ ¡ ˜ ȡšȣ@€ ǐš¡ Ǒ¡ Ȳ€ ȧ  सहाय  Ǖà¡ ȡšȣ@
@
मम अपकार € ȧÛ¡ ȣ  à
Ǖ ¡ — ȡšȣ@“ ȡšȣ ǒ– š¡ ȱ à
Ǖ ¡ होब ‘ Ǖ ȡšȣ@
@
दो0-Į ȡ” सीस ’ šȣ ¡ šͪŸ Ǒ¡ ™ ȱĤ— Ǖबहु ǒ– “  Ȣ € ȧǔÛ¡ @
Ǔ“ ‡ माया कै Ĥ–›  ȡ € šͪŸ € Ǚ”ȡǓ“ ͬ’ › ȣǔÛ¡ @@ 137।।
–*–*–
जब ¡ ǐš माया ‘ ǐǗš Ǔ“ ȡšȣ@“ Ǒ¡ Ȳतहँ रमा न šȡ‡ € Ǖ˜ ȡšȣ@
@
तब ˜ ǓǕ“ \ Ǔ सभीत ¡ ǐš चरना। गहे ” ȡǑ¡ Ĥ “  ȡšǓ हरना।।
मष
ृ ा होउ मम Į ȡ” कृपाला। मम ^Í † ȡ कह ‘ȣ“ ‘™ ȡ› ȡ@
@
˜ ɇ‘ –Ǖ …[ “ कहे बहुतेरे। कह ˜ ǕǓ“ पाप ͧ˜ ǑŠǑ¡ Ȳͩ€ ͧ˜ मेरे।।
जपहु जाइ संकर सत नामा। ¡ Ȫ^Ǒ¡ ǿ‘™ ȱतरु ं त ǒ–Į ȡ˜ ȡ@ @
कोउ “ Ǒ¡ Ȳͧ   समान ͪĤ™ ˜ ȪšɅ@\ ͧ  ”š ȢǓ तजहु ‡ Ǔ“ — ȪšɅ@ @
‡ ȯǑ¡ पर कृपा न € šǑ¡ Ȳ” šǕȡšȣ@सो न पाव ˜ ǓǕ“ — ‚ Ǔ ¡ ˜ ȡšȣ@
@
अस उर ’ ǐš ˜ Ǒ¡ ǒ–… š¡ Ǖजाई। अब न  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ माया Ǔ“ \ šȡ_@
@
दो0-–¡ Ǖǒ–ͬ’ ˜ ǕǓ“ Ǒ¡ Ĥ– Ȫͬ’ Ĥ— Ǖतब भए अंतरधान।।
  י › Ȫ€ नारद चले करत राम गुन गान।।138।।
–*–*–
हर गन ˜ ǕǓ“ Ǒ¡ जात पथ दे खी। ǒ–‚  ˜ Ȫ¡ मन हरष ǒ–   ȯŸ Ȣ@
@
\ Ǔ सभीत नारद ”Ǒ¡ Ȳआए। ‚ Ǒ¡ पद आरत बचन सुनाए।।
हर गन हम न ǒ–Ĥ ˜ ǓǕ“ šȡ™ ȡ@बड़ अपराध € ȧÛ¡ फल पाया।।
Į ȡ” \ “ ĒǕ ¡ करहु कृपाला। बोले नारद ‘ȣ“ ‘™ ȡ› ȡ@
@
Ǔ“ ͧ  … š जाइ होहु  à
Ǖ ¡ दोऊ। बैभव ǒ– ” ›Ǖ तेज बल होऊ।।
भुजबल ǒ– è िजतब  à
Ǖ ¡ ‡ Ǒ¡ ] @’ ǐš¡ Ǒ¡ Ȳǒ–ç“ Ǖमनुज तनु
 Ǒ¡ ] @
समर मरन ¡ ǐš हाथ  à
Ǖ ¡ ȡšȡ@होइहहु मुकुत न ” ǕǓ“ संसारा।।
चले जग
ु ल ˜ ǓǕ“ पद ͧ  š नाई। भए Ǔ“   ȡ… š € ȡ› Ǒ¡ पाई।।
दो0-एक कलप f Ǒ¡ हे तु Ĥ — Ǖ› ȣÛ¡ मनज
ु अवतार।
सुर रं जन   Ï ‡ “ सुखद ¡ ǐš भंजन — Ǖǒ– भार।।139।।
–*–*–
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ जनम करम ¡ ǐš केरे । संद ु र सख
ु द ǒ– ͬ… ğ घनेरे।।
कलप कलप Ĥ Ǔ Ĥ — Ǖ\  š¡ ȣȲ@… ȡǽ … ǐš “ ȡ“ ȡǒ–ͬ’ € š¡ ȣȲ@
@
तब तब कथा ˜ Ǖ“ Ȣ  Û¡ गाई। परम पुनीत Ĥ –Ȳ’ बनाई।।
ǒ–ǒ–’ Ĥ   Ȳ‚ अनूप बखाने। € šǑ¡ Ȳन   ǕǓ“ आचरजु सयाने।।
¡ ǐš अनंत ¡ ǐš€  ȡ अनंता। € ¡ Ǒ¡ Ȳ  “Ǖ Ǒ¡ Ȳ–¡ Ǖǒ–ͬ’ सब संता।।
šȡ˜ … ġȲ के … ǐš सह
ु ाए। कलप € ȪǑŠ › ͬ‚ ‡ ȡǑ¡ Ȳन गाए।।
यह Ĥ  Ȳ‚ ˜ ɇकहा भवानी। ¡ ǐš˜ ȡ™ ȡȱ˜ Ȫ¡ Ǒ¡ Ȳ˜ ǕǓ“ ʙ ȡ“ Ȣ@
@
Ĥ — Ǖ€ ȫ €Ǖ ȧ Ĥ“  Ǒ¡  € ȡšȣ@
@  ȯ  सुलभ सकल दख
ु ¡ ȡšȣ@
@
सो0-सुर नर ˜ ǕǓ“ कोउ “ ȡǑ¡ Ȳ‡ ȯǑ¡ न मोह माया Ĥ – › @
@
अस ǒ– … ȡǐš मन ˜ ȡǑ¡ Ȳभिजअ महामाया ” Ǔ Ǒ¡ @
@140।।
अपर हे तु सन
ु ु   Ȱ› € Ǖ˜ ȡšȣ@कहउँ ǒ– ͬ… ğ कथा ǒ– è ȡšȣ@
@
‡ ȯǑ¡ कारन अज अगन
ु \ Ǿ ” ȡ@Ħ é˜ भयउ कोसलपरु भप
ू ा।।
जो Ĥ — Ǖǒ–ͪ”“ ͩ• š  à
Ǖ ¡ दे खा। बंधु समेत ’ šɅ˜ ǕǓ“ –ȯŸ ȡ@
@
जासु … ǐš \ › Ȫͩ€ भवानी। सती   šȣš šǑ¡ ¡ Ǖबौरानी।।
अजहुँ न छाया ͧ˜ ŠǓ  à
Ǖ ¡ ȡšȣ@तासु … ǐš सुनु ħ ˜ ǽ‡ ¡ ȡšȣ@
@
› ȣ› ȡ € ȧǔÛ¡ जो  ȯǑ¡ Ȳअवतारा। सो सब € Ǒ¡ ¡ `ȱ˜ Ǔ अनस
ु ारा।।
— šɮȡ‡   ǓǕ“ संकर बानी।   € Ǖͬ…   Ĥȯ˜ उमा मस
ु कानी।।
लगे –¡ Ǖǐš बरने बष
ृ केत।ू सो अवतार भयउ ‡ ȯǑ¡ हे त।ू ।
दो0-सो ˜ ɇ à
Ǖ ¡ सन कहउँ सबु सुनु मुनीस मन लाई।।
राम कथा € ͧ› मल ¡ šǓ“ मंगल € šǓ“ सुहाइ।।141।।
–*–*–
èȡ™ Ȳ— Ǘमनु \ ǽ    Ǿ ”ȡ@ǔ‡ Û¡  Ʌभै “ š  ǔǙçŠ अनूपा।।
‘Ȳ” Ǔ धरम आचरन नीका। अजहुँ गाव Į ǓǕ ǔ‡ Û¡ कै › ȣ€ ȡ@ @
नप ृ ` ׏ ȡ“ ”ȡ‘ सत
ु तास।ू Ģ Ǖ ¡ ǐš भगत भयउ सत
ु जास।ू ।
लघु सत
ु नाम ͪĤĩ Ħ   ȡ¡ ȣ@बेद परु ान Ĥ    Ȳ Ǒ¡ ‡ ȡ¡ ȣ@
@
‘ȯ ¡ ǗǓ ” ǓǕ“ तासु € Ǖ˜ ȡšȣ@जो ˜ ǓǕ“ € ‘[˜ कै ͪĤ™ “ ȡšȣ@
@
] Ǒ‘‘ȯ Ĥ— Ǖ‘ȣ“ ‘™ ȡ› ȡ@जठर धरे उ ‡ ȯǑ¡ Ȳ€ ͪ”› कृपाला।।
  ȡȲ
ə   ȡèğ ǔ‡ Û¡ Ĥ‚ Š बखाना।  ם ǒ– … ȡš Ǔ“ ” Ǖ“ भगवाना।।
 ȯǑ¡ Ȳमनु राज € ȧÛ¡ बहु काला। Ĥ— Ǖआयसु सब ǒ– ͬ’ ĤǓ ” ȡ› ȡ@
@
सो0-होइ न ǒ–Ÿ™ ǒ–šȡ‚ भवन बसत भा चौथपन।
ǿ‘™ ȱबहुत दख
ु लाग जनम गयउ ¡ ǐš— ‚ Ǔ ǒ–“ Ǖ@
@142।।
बरबस राज   Ǖ Ǒ¡ तब ‘ȣÛ¡ ȡ@“ ȡǐš समेत गवन बन € ȧÛ¡ ȡ@
@
तीरथ बर “ Ȱͧ˜ Ÿ ǒ–É™ ȡ ȡ@\ Ǔ पन
ु ीत साधक ͧ  ͬ’ दाता।।
–  Ǒ¡ Ȳतहाँ ˜ ǓǕ“ ͧ  ƨ समाजा। तहँ Ǒ¡ ™ ȱ¡ šͪŸ चलेउ मनु राजा।।
पंथ जात   Ȫ¡ Ǒ¡ Ȳ˜ Ǔ ’ Ȣšȡ@ʙ ȡ“ — ‚ Ǔ जनु ’ šɅ  šȣšȡ@
@
पहुँचे जाइ ’ ȯ“ ˜Ǖ Ǔ तीरा। ¡ šͪŸ नहाने Ǔ“ š˜ › नीरा।।
आए ͧ˜ › “ ͧ  ƨ ˜ ǕǓ“ ʙ ȡ“ Ȣ@धरम धरु ं धर “ ”Ǚ ǐšͪŸ जानी।।
जहँ जँह तीरथ रहे सह
ु ाए। ˜ ǓǕ“ Û¡ सकल सादर करवाए।।
कृस   šȣš ˜ ǓǕ“ ” Š ” ǐš’ ȡ“ ȡ@सत समाज Ǔ“    “Ǖ Ǒ¡ Ȳपरु ाना ।
दो0-ɮȡ‘  \ Í † š ˜ Ȳğ ” ǕǓ“ ‡ ” Ǒ¡ Ȳ  Ǒ¡  अनुराग।
बासुदेव पद ”Ȳ€ ǽ¡ ‘Ȳ” Ǔ मन \ Ǔ लाग।।143।।
–*–*–
€ šǑ¡ Ȳअहार साक फल कंदा।   Ǖͧ˜ šǑ¡ ȲĦ é˜   ǔÍ … ‘ȡ“ Ȳ‘ ȡ@
@
” ǕǓ“ ¡ ǐš हे तु करन तप लागे। – ȡǐš अधार मूल फल י ȡ‚ ȯ@
@
उर \ ͧ— › ȡŸ Ǔ“ šȲȲ š होई। दे खअ नयन परम Ĥ — Ǖसोई।।
अगन
ु अखंड अनंत \ “ ȡ‘ȣ@‡ ȯǑ¡ ͬ… Ȳ Ǒ¡ Ȳ”š˜ ȡš – ȡ‘ȣ@
@
“ ȯǓ “ ȯǓ ‡ ȯǑ¡ बेद Ǔ“ Ǿ ” ȡ@Ǔ“ ‡ ȡ“ Ȳ‘ Ǔ“ ǽ” ȡͬ’ अनप
ू ा।।
संभु ǒ–šȲͬ… ǒ–ç“ Ǖभगवाना। ` ”‡ Ǒ¡ Ȳजासु अंस  Ʌनाना।।
ऐसेउ Ĥ— Ǖसेवक बस अहई। भगत हे तु › ȣ› ȡ “ Ǖगहई।।
‡ ɋ यह बचन   י Į ǓǕ भाषा। तौ हमार ” Ǘ‡ Ǒ¡ \ ͧ— › ȡŸȡ@
@
दो0-f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ –Ȣ Ʌबरष षट सहस –ȡǐš आहार।
संबत   ܏   ¡ èğ ” ǕǓ“ रहे समीर अधार।।144।।
–*–*–
बरष सहस दस י ȡ‚ ȯ̀ सोऊ। ठाढ़े रहे एक पद दोऊ।।
ǒ– ͬ’ ¡ ǐš तप ‘ȯͨ अपारा। मनु समीप आए बहु बारा।।
मागहु बर बहु — ȡȱǓ लोभाए। परम धीर “ Ǒ¡ Ȳ… › Ǒ¡ Ȳचलाए।।
\ ǔè ˜ ȡğ होइ रहे   šȣšȡ@ ‘ͪ” मनाग ˜ “ Ǒ¡ Ȳ“ Ǒ¡ Ȳपीरा।।
Ĥ— Ǖ  – Ê
[ ™ दास Ǔ“ ‡ जानी। ‚ Ǔ \ “ ۙ तापस नप
ृ रानी।।
मागु मागु –ǽ भै नभ बानी। परम गभीर कृपामत
ृ सानी।।
मत
ृ क ǔ‡ ] Ǔ“ ͬ‚ šȡ सुहाई। Į – “ šȲĢ होइ उर जब आई।।
ı犔 ǕçŠ तन भए सुहाए। मानहुँ \ – Ǒ¡ Ȳभवन ते आए।।
दो0-Į  “ सुधा सम बचन   ǕǓ“ पल ु क Ĥ • Ǖǔ㛠 गात।
बोले मनु € ǐš दं डवत Ĥȯ˜ न ǿ‘™ ȱसमात।।145।।
–*–*–
सुनु सेवक   Ǖš ǽ सुरधेनु। ǒ– ͬ’ ¡ ǐš हर –ȲǑ‘ पद रे नू।।
सेवत सल
ु भ सकल सख
ु दायक। Ĥ “  ” ȡ› सचराचर नायक।।
‡ ɋ अनाथ Ǒ¡  हम पर नेहू। तौ Ĥ   ۓ होइ यह बर दे हू।।
जो   Ǿ ” बस ͧ   मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@‡ ȯǑ¡ कारन ˜ ǓǕ“ जतन € šȡ¡ ȣȲ@
@
जो — Ǖ  ǕȲͫŒ मन मानस हं सा। सगुन अगुन ‡ ȯǑ¡ Ǔ“ ‚ ˜ Ĥ  Ȳ  ȡ@
@
‘ȯ Ǒ¡ Ȳहम सो Ǿ ” — ǐš लोचन। कृपा करहु Ĥ “  ȡšǓ मोचन।।
‘Ȳ” Ǔ बचन परम ͪĤ™ लागे। मद ु ल
ु ǒ– “ Ȣ Ĥȯ˜ रस पागे।।
भगत बछल Ĥ— Ǖ€ Ǚ”ȡǓ“ ’ ȡ“ ȡ@ǒ– 蝖 ȡ  Ĥ‚ Šȯभगवाना।।
दो0-नील   šȪǽ¡ नील ˜ Ǔ“ नील नीरधर è™ ȡ˜ @
› ȡ‡ Ǒ¡ Ȳतन सोभा Ǔ“ šͨ € ȪǑŠ € ȪǑŠ सत काम।।146।।
–*–*–
सरद मयंक बदन † ǒ– सींवा। … ȡǽ कपोल ͬ… – Ǖ€ दर Ē Ȣȡ@
@
अधर \ ǽ“ रद सुंदर नासा। ǒ–’ Ǖकर Ǔ“ € š ǒ–Ǔ“ ‘Ȳ€ हासा।।
नव अबुंज अंबक † ǒ– “ Ȣ€ ȧ@ͬ…  Ǔ“ › ͧ›  भावँती जी € ȧ@
@
—€
Ǖ ǕǑŠ मनोज चाप † ǒ– ¡ ȡšȣ@Ǔ › € ललाट पटल ‘ ǓǕ € ȡšȣ@
@
कंु डल मकर मक
ु ु ट ͧ  š ħ ȡ‡ ȡ@€ ǕǑŠ› केस जनु मधप
ु समाजा।।
उर Į Ȣ– ×  ǽͬ… š बनमाला। ”Ǒ‘€ हार भष
ू न ˜ Ǔ“ ‡ ȡ› ȡ@
@
€ȯ¡ ǐš कंधर … ȡǽ जनेउ। बाहु ǒ– — ǗŸ “ सुंदर तेऊ।।
€ ǐš कर   ǐš सुभग भुजदं डा। € ǑŠ Ǔ“ Ÿ Ȳ‚ कर सर कोदं डा।।
दो0- ͫŒ ǒ–Ǔ“ ‘Ȳ€ पीत पट उदर रे ख बर  ȢǓ“ @
@
“ ȡͧ— मनोहर › ȯǓ जनु जमन ु भवँर † ǒ– † ȤǓ“ @@147।।
–*–*–
पद राजीव –šǓ“ “ Ǒ¡ ‡ ȡ¡ ȣȲ@˜ ǕǓ“ मन मधप ु –   Ǒ¡ Ȳ‡ ȯÛ¡ ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
बाम भाग   Ȫ— Ǔ अनक
ु ू ला। ] Ǒ‘  ǔȏ † ǒ– Ǔ“ ͬ’ जगमल
ू ा।।
जासु अंस ` ”‡ Ǒ¡ Ȳगन
ु खानी। \ ‚ Ǔ“  › ǔÍ † उमा Ħé˜ ȡ“ Ȣ@
@
— €ǙǕǑŠ ǒ–› ȡ  जासु जग होई। राम बाम Ǒ‘ͧ  सीता सोई।।
† ǒ–  ˜ Ǖġ ¡ ǐš Ǿ ” ǒ–› Ȫ€ ȧ@एकटक रहे नयन पट šȪ€ ȧ@
@
ͬ…   Ǒ¡ Ȳसादर Ǿ ” अनूपा।  ǔǙ܏ न ˜ ȡ“ Ǒ¡ Ȳमनु    Ǿ ”ȡ@
@
हरष ǒ––   तन दसा भल
ु ानी। परे दं ड इव ‚ Ǒ¡ पद पानी।।
ͧ  š परसे Ĥ— ǕǓ“ ‡ कर कंजा। तरु त उठाए € ǽ“ ȡ” Ȳ‡Ǖ ȡ@
@
दो0-बोले € Ǚ”ȡǓ“ ’ ȡ“ ” ǕǓ“ \ Ǔ Ĥ  ۓ ˜ ȪǑ¡ ‡ ȡǓ“ @
मागहु बर जोइ भाव मन ˜ ¡ ȡ‘ȡǓ“ \ “ Ǖ˜ ȡǓ“ @
@148।।
–*–*–
  ǓǕ“ Ĥ— Ǖबचन ‡ Ȫǐš जुग पानी। ’ ǐš धीरजु –Ȫ› ȣ मद
ृ ु बानी।।
नाथ ‘ȯͨ पद कमल  à
Ǖ ¡ ȡšȯ@अब पूरे सब काम हमारे ।।
एक लालसा – ͫ° उर ˜ ȡ¡ ȣ@सुगम अगम € Ǒ¡ जात सो “ ȡ¡ ȣȲ@
@
à
Ǖ ¡ Ǒ¡ दे त \ Ǔ सग
ु म ‚ Ȫ  ȡɃ@अगम लाग ˜ ȪǑ¡ Ǔ“ ‡ € Ǚ”“ ȡɃ@
@
जथा ‘ǐšġ ǒ–– ’Ǖ  ǽ पाई। बहु   Ȳ” Ǔ मागत सकुचाई।।
तासु Ĥ— ȡ जान “ Ǒ¡ Ȳसोई। तथा ǿ‘™ ȱमम संसय होई।।
सो  à
Ǖ ¡ जानहु अंतरजामी। पुरवहु मोर मनोरथ è ȡ˜ Ȣ@ @
सकुच ǒ–¡ ȡ^ मागु नप
ृ ˜ ȪǑ¡ @˜ ȪšɅ“ Ǒ¡ Ȳअदे य कछु  Ȫ¡ ȣ@
@
दो0-‘ȡǓ“ ͧ  šȪ˜ Ǔ“ € Ǚ”ȡǓ“ ͬ’ नाथ कहउँ   Ǔ — ȡ` @
@
चाहउँ  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ समान सत
ु Ĥ— Ǖसन कवन दरु ाउ।।149।।
–*–*–
‘ȯͨ ĤȢǓ   ǕǓ“ बचन अमोले। f ˜ è Ǖ€ ǽ“ ȡǓ“ ͬ’ बोले।।
आपु   ǐš   Ȫ‡ ɋ कहँ जाई। नप
ृ तव तनय होब ˜ ɇआई।।
   Ǿ ”Ǒ¡ ǒ–› Ȫͩ€ कर ‡ ȪšɅ@‘ȯǒ– मागु –ǽ जो ǽͬ… तोरे ।।
जो –ǽ नाथ चतरु नप
ृ मागा। सोइ कृपाल ˜ ȪǑ¡ \ Ǔ ͪĤ™ लागा।।
Ĥ — Ǖपरं तु   ǕǑ‹ ¡ ȪǓ Ǒ‹ ȡ_@‡ ‘ͪ” भगत Ǒ¡   à
Ǖ ¡ Ǒ¡ सोहाई।।
à
Ǖ ¡ Ħé˜ ȡǑ‘ जनक जग è ȡ˜ Ȣ@Ħ é˜ सकल उर अंतरजामी।।
अस समझ
ु त मन संसय होई। कहा जो Ĥ — ǕĤ  ȡ“ ” ǓǕ“ सोई।।
जे Ǔ“ ‡ भगत नाथ तव \ ¡ ¡ ȣ@
Ȳ जो सख
ु ” ȡǑ¡ Ȳजो ‚ Ǔ › ¡ ¡ ȣȲ@
@
दो0-सोइ सुख सोइ ‚ Ǔ सोइ — ‚ Ǔ सोइ Ǔ“ ‡ चरन सनेहु।।
सोइ ǒ– –ȯ€ सोइ š¡ Ǔ“ Ĥ — Ǖ¡ ˜ Ǒ¡ कृपा € ǐš दे हु।।150।।
–*–*–
सुनु मद
ृ ु गूढ़ ǽͬ… š बर रचना। € Ǚ” ȡͧ  ’Ȳ Ǖबोले मद
ृ ु बचना।।
जो कछु ǽͬ…  à
Ǖ ¡ ȯš मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@˜ ɇसो ‘ȣÛ¡ सब संसय “ ȡ¡ ȣȲ@
@
मातु ǒ––ȯ€ \ › Ȫͩ€ €  ȪšɅ@कबहुँ न ͧ˜ ǑŠǑ¡ \ “ ǕĒ ¡ ˜ ȪšɅ।
–ȲǑ‘ चरन मनु कहे उ – ¡ Ȫšȣ@अवर एक ǒ– “ Ǔ Ĥ— Ǖ˜ Ȫšȣ@
@
सत
ु ǒ– Ÿ^€ तव पद šǓ होऊ। ˜ ȪǑ¡ बड़ मढ़
ू कहै ͩ€ “ कोऊ।।
˜ Ǔ“ ǒ–“ Ǖ• Ǔ“ ǔ‡ ͧ˜ जल ǒ– “ Ǖमीना। मम जीवन Ǔ ͧ˜  à
Ǖ ¡ Ǒ¡
अधीना।।
अस – ǽ ˜ ȡͬ‚ चरन ‚ Ǒ¡ रहे ऊ। f  ˜ è Ǖ€ ǽ“ ȡǓ“ ͬ’ कहे ऊ।।
अब  à
Ǖ ¡ मम अनुसासन मानी। बसहु जाइ   Ǖš”Ǔ रजधानी।।
सो0-तहँ € ǐš भोग ǒ–   ȡ› तात गउँ कछु काल ” ǓǕ“ @
होइहहु अवध भआ ु ल तब ˜ ɇहोब  à Ǖ ¡ ȡš सत
ु ।।151।।
^Í † ȡ˜ ™ नरबेष   ȱ ȡšɅ@होइहउँ Ĥ ‚ Š Ǔ“ €ȯ  à
Ǖ ¡ ȡšȯ@
@
\ Ȳ
  Û¡   Ǒ¡  दे ह ’ ǐš ताता। € ǐš¡ `ȱ… ǐš भगत सुखदाता।।
जे   ǕǓ“ सादर नर बड़भागी। भव  ǐš¡ Ǒ¡ Ȳममता मद י ȡ‚ Ȣ@
@
] Ǒ‘  ǔȏ ‡ ȯǑ¡ Ȳजग उपजाया। सोउ \   ǐšǑ¡ ˜ Ȫǐš यह माया।।
परु उब ˜ ɇ\ ͧ— › ȡŸ  à
Ǖ ¡ ȡšȡ@  י   י पन   י हमारा।।
” ǓǕ“ ” ǓǕ“ अस € Ǒ¡ € Ǚ” ȡǓ“ ’ ȡ“ ȡ@अंतरधान भए भगवाना।।
‘Ȳ” Ǔ उर ’ ǐš भगत कृपाला।  ȯǑ¡ Ȳ] Į ˜ Ǔ“    ȯकछु काला।।
समय पाइ तनु तिज अनयासा। जाइ € ȧÛ¡ \ ˜ šȡ Ǔ बासा।।
दो0-यह ^Ǔ ¡ ȡ  पुनीत \ Ǔ ` ˜ Ǒ¡ € ¡ ȣ बष
ृ केत।ु
— šɮ ȡ‡ सुनु अपर ” ǕǓ“ राम जनम कर हे त।ु ।152।।
मासपारायण,पाँचवाँ ͪ Į ȡ˜
–*–*–

सन
ु ु ˜ ǓǕ“ कथा पन
ु ीत परु ानी। जो ͬ‚ ǐš‡ ȡ ĤǓ संभु बखानी।।
ǒ– è ǒ– Ǒ‘ एक कैकय दे सू।   י €ȯ Ǖतहँ बसइ नरे स।ू ।
धरम धरु ं धर “ ȢǓ Ǔ“ ’ ȡ“ ȡ@तेज Ĥ ȡ” सील बलवाना।।
 ȯǑ¡ €Ʌ भए जुगल सुत बीरा। सब गुन धाम महा रनधीरा।।

राज धनी जो जेठ सत


ु ] ¡ ȣ@नाम Ĥ ȡ”— ȡ“ Ǖअस  ȡ¡ ȣ@
@
अपर   Ǖ Ǒ¡ \ ǐš˜ ‘[“ नामा। भुजबल अतल
ु अचल   ȲĒ ȡ˜ ȡ@
@
— ȡ^Ǒ¡ — ȡ^Ǒ¡ परम समीती। सकल दोष छल बरिजत ĤȢ Ȣ@
@
जेठे   Ǖ Ǒ¡ राज नप
ृ ‘ȣÛ¡ ȡ@¡ ǐš Ǒ¡  आपु गवन बन € ȧÛ¡ ȡ@
@
दो0-जब Ĥ ȡ”šǒ– भयउ नप
ृ ͩ• šȣ दोहाई दे स।
Ĥ ‡ ȡ पाल \ Ǔ –ȯ‘ ǒ–ͬ’ कतहुँ “ ¡ ȣȲअघ लेस।।153।।
–*–*–
नप
ृ Ǒ¡  € ȡš€   ͬ…  सयाना। नाम ’ š˜ ǽͬ…   ĐǕ समाना।।
  ͬ…  सयान बंधु बलबीरा। आपु Ĥ ȡ”” Ȳ‡Ǖ रनधीरा।।
सेन संग चतरु ं ग अपारा। \ ͧ˜  सुभट सब समर जुझारा।।
सेन ǒ–› Ȫͩ€ राउ हरषाना। \ ǽ बाजे गहगहे Ǔ“   ȡ“ ȡ@
@
ǒ–‡ ™ हे तु कटकई बनाई।   ǕǑ‘“   ȡͬ’ नप
ृ चलेउ बजाई।।
जँह तहँ ”šȣȲअनेक › šȡɃ@जीते सकल भप
ू –ǐš] _@
@
  ܏ ‘ȣ” भुजबल बस € ȧÛ¡ ȯ@लै लै दं ड † ȡͫ° नप
ृ ‘ȣÛ¡ Ʌ@
@
सकल \ Ǔ“ मंडल  ȯǑ¡ काला। एक Ĥ  ȡ” — ȡ“ Ǖ˜ Ǒ¡ ”ȡ› ȡ@
@
दो0-蝖  ǒ–è € ǐš बाहुबल Ǔ“ ‡ पुर € ȧÛ¡ Ĥ –ȯ  Ǖ@
अरथ धरम € ȡ˜ ȡǑ‘ सख ु सेवइ समयँ नरे स।ु ।154।।
–*–*–
भूप Ĥ ȡ”— ȡ“ Ǖबल पाई। कामधेनु भै — Ǘͧ˜ सह
ु ाई।।
सब दख
ु बरिजत Ĥ ‡ ȡ   Ǖ ȡšȣ@धरमसील संद
ु र नर “ ȡšȣ@
@
  ͬ…  ’ š˜ ǽͬ… ¡ ǐš पद Ĥ Ȣ Ȣ@नप
ृ Ǒ¡  हे तु ͧ    Ǔ“  नीती।।
गरु सरु संत ͪ” š ˜ Ǒ¡ ‘ȯ ȡ@करइ सदा नप
ृ सब कै सेवा।।
भूप धरम जे बेद बखाने। सकल करइ सादर सुख माने।।
Ǒ‘“ Ĥ Ǔ दे ह ǒ–ǒ–’ ǒ–ͬ’ दाना। सुनहु   ȡèğ बर बेद पुराना।।
नाना बापीं कूप तड़ागा। सुमन – ȡǑŠ€ ȡ सुंदर बागा।।
ǒ– Ĥ—  “ सरु भवन सह
ु ाए। सब  Ȣš Û¡ ǒ–ͬ… ğ बनाए।।
दो0-जँह › ͬ‚ कहे परु ान Į ǓǕ एक एक सब जाग।
बार   ¡ èğ   ¡ èğ नपृ ͩ€ f   Ǒ¡  अनुराग।।155।।
–*–*–
ǿ‘™ ȱन कछु फल अनस ु ंधाना। भप
ू ǒ––ȯ€ ȧ परम सजु ाना।।
करइ जे धरम करम मन बानी। बासुदेव \ ͪ” [ नप
ृ ʙ ȡ“ Ȣ@
@
… Ǒ± बर बािज बार एक राजा। मग
ृ या कर सब सािज समाजा।।
ǒ– Ú
Ȳ™ ȡ… › गभीर बन गयऊ। मग ृ पुनीत बहु मारत भयऊ।।
ͩ• š ǒ–ͪ”“ नपृ ‘ȣ बराहू। जनु बन दरु े उ   ͧ  Ǒ¡ Ē ͧ  राहू।।
बड़ ǒ– ’ Ǖ“ Ǒ¡ समात मख
ु ˜ ȡ¡ ȣȲ@मनहुँ Đ Ȫ’ –   ` ͬ‚ ›  “ ȡ¡ ȣȲ@
@
कोल कराल दसन † ǒ– गाई। तनु ǒ–   ȡ› पीवर \ ͬ’ € ȡ_@
@
ƒ Ǖǽ ƒ Ǖšȡ हय आरौ पाएँ। … ͩ€  ǒ– › Ȫ€  कान उठाएँ।।
दो0-नील ˜ ¡ ȣ’ š ͧ   š सम ‘ȯͨ ǒ–   ȡ› बराहु।
… ”ǐš चलेउ हय   ŠǕǕͩ€ नपृ ¡ ȡȱͩ€ न होइ Ǔ“ – ȡ¡ Ǖ@
@156।।
–*–*–
आवत ‘ȯͨ \ ͬ’ € रव बाजी। चलेउ बराह ˜ ǽ ‚ Ǔ भाजी।।
तरु त € ȧÛ¡ नप
ृ सर संधाना। ˜ Ǒ¡ ͧ˜ ͧ› गयउ ǒ–› Ȫ€  बाना।।
 ͩ€  ͩ€ तीर ˜ ¡ ȣ  चलावा। € ǐš छल सअ
ु र   šȣš बचावा।।
Ĥ ‚ Š दरु त जाइ मग
ृ भागा। ǐš  बस भप
ू चलेउ संग लागा।।
गयउ ‘ ǐǗš घन गहन बराहू। जहँ “ ȡǑ¡ “ गज बािज Ǔ“ – ȡ¡ Ǘ@
@
\ Ǔ अकेल बन ǒ–” Ǖ› कलेसू।  ‘ͪ” न मग ृ मग तजइ नरे सू।।
कोल ǒ– › Ȫͩ€ भूप बड़ धीरा। — ȡͬ‚ पैठ ͬ‚ ǐš‚ Ǖ¡ ȡȱगभीरा।।
अगम ‘ȯͨ नप
ृ \ Ǔ ” Ǔ†  ȡ_@ͩ• šȯ̀ महाबन परे उ भल
ु ाई।।
दो0-खेद ͨ ۓ † Ǖͪƨ   ͪǙŸ  राजा बािज समेत।
खोजत ޙ ȡ€ Ǖ›   ǐš सर जल ǒ– “ Ǖभयउ अचेत।।157।।
–*–*–
ͩ• š ǒ– ͪ”“ ] Į ˜ एक दे खा। तहँ बस “ ”Ǚ Ǔ कपट ˜ ǓǕ“ –ȯŸ ȡ@
@
जासु दे स नप
ृ › ȣÛ¡ छड़ाई। समर सेन तिज गयउ पराई।।
समय Ĥ ȡ”— ȡ“ Ǖकर जानी। आपन \ Ǔ असमय अनुमानी।।
गयउ न गह ृ मन बहुत गलानी। ͧ˜ › ȡ न šȡ‡ Ǒ¡ नप ृ \ ͧ— ˜ ȡ“ Ȣ@
@
ǐš  उर ˜ ȡǐš रं क ǔ‡ ͧ˜ राजा। ǒ– ͪ” “ बसइ तापस €Ʌसाजा।।
तासु समीप गवन नप
ृ € ȧÛ¡ ȡ@यह Ĥ  ȡ” šǒ–  ȯǑ¡ तब … ȢÛ¡ ȡ@
@
राउ  ͪǙŸ  “ Ǒ¡ सो ”Ǒ¡ … ȡ“ ȡ@‘ȯͨ सुबेष ˜ ¡ ȡ˜ ǕǓ“ जाना।।
`  ǐš तरु ग  Ʌ€ ȧÛ¡ Ĥ“ ȡ˜ ȡ@परम चतरु न कहे उ Ǔ“ ‡ नामा।।
दो0 — Ǘ” Ǔ  ͪǙŸ ǒ–› Ȫͩ€  ȯǑ¡ Ȳ  š– ǽ ‘ȣÛ¡ दे खाइ।
˜ Ï ‡ “ पान समेत हय € ȧÛ¡ “ ”Ǚ Ǔ हरषाइ।।158।।
–*–*–
गै Į ˜ सकल सुखी नप ृ भयऊ। Ǔ“ ‡ ] Į ˜ तापस लै गयऊ।।
आसन ‘ȣÛ¡ \ è šǒ– जानी। ” ǓǕ“ तापस बोलेउ मद
ृ ु बानी।।
को  à
Ǖ ¡ कस बन ͩ• š¡ Ǖ\ €ȯ› Ʌ@संद
ु र जब
ु ा जीव ”š¡ ȯ› Ʌ@
@
… Đ – Ǔ [के › Í † “  ȪšɅ@दे खत दया › ȡͬ‚ \ Ǔ ˜ ȪšɅ@
@
नाम Ĥ  ȡ” — ȡ“ Ǖअवनीसा। तासु   ͬ…  ˜ ɇसुनहु मुनीसा।।
ͩ• š \ ¡ ȯšɅपरे उँ भुलाई। बडे भाग दे खउँ पद आई।।
हम कहँ ‘ ›Ǖ —[ दरस  à
Ǖ ¡ ȡšȡ@जानत ¡ ɋ कछु भल ¡ ȪǓ“ ¡ ȡšȡ@
@
कह ˜ ǓǕ“ तात भयउ \ ȱͬ’ ™ ȡšȡ@जोजन   ׏ ǐš “ ‚ ǽ  à
Ǖ ¡ ȡšȡ@
@
दो0- Ǔ“   ȡ घोर ‚ à— Ȣš बन पंथ न सन
ु हु सज
ु ान।
बसहु आजु अस ‡ ȡǓ“  à
Ǖ ¡ जाएहु होत ǒ–¡ ȡ“ @@159(क)।।
तल
ु सी ‡ ͧ  —  ޙ  ȡ तैसी ͧ˜ › ^ सहाइ।
आपुनु आवइ  ȡǑ¡ ”Ǒ¡ Ȳ ȡǑ¡ तहाँ लै जाइ।।159(ख)।।
–*–*–
— › ȯǑ¡ Ȳनाथ आयसु ’ ǐš सीसा। – ȡȱͬ’ तरु ग  ǽ बैठ ˜ ¡ ȣ  ȡ@
@
नप
ृ बहु — ȡǓ Ĥ  Ȳ  ȯ̀  ȡ¡ ȣ@चरन –ȲǑ‘ Ǔ“ ‡ — ȡʙ   šȡ¡ ȣ@@
” ǓǕ“ बोले मद
ृ ु ͬ‚ šȡ सह
ु ाई। ‡ ȡǓ“ ͪ” ȡ Ĥ— Ǖकरउँ Ǒ‹ ȡ_@
@
˜ ȪǑ¡ ˜ ǓǕ“   सत
ु सेवक जानी। नाथ नाम Ǔ“ ‡ कहहु बखानी।।
 ȯǑ¡ न जान नप
ृ “ ”Ǚ Ǒ¡ सो जाना। भूप   Ǖı ‘ सो कपट सयाना।।
– Ȱšȣ ” ǕǓ“ † ğȢ ” ǕǓ“ राजा। छल बल € ȧÛ¡ चहइ Ǔ“ ‡ काजा।।
  ˜ Ǖͨˆ राजसख
ु ‘ ͨǕ  अराती। अवाँ अनल इव सुलगइ छाती।।
सरल बचन नप
ृ के   ǓǕ“ काना। बयर   ȱ— ȡǐš ǿ‘™ ȱहरषाना।।

दो0-कपट –Ȫǐš बानी मद


ृ ल
ु बोलेउ ‡ Ǖ‚ ǕǓ समेत।
नाम हमार ͧ—  ȡǐš अब Ǔ“ ’ “[ šǑ¡  Ǔ“ €ȯǓ @
@160।।
–*–*–

कह नप
ृ जे ǒ–Ê™ ȡ“ Ǔ“ ’ ȡ“ ȡ@ à
Ǖ ¡   ȡǐš ȯ‚ ͧ›  \ ͧ— ˜ ȡ“ ȡ@
@
सदा š¡ Ǒ¡ अपनपौ दरु ाएँ। सब ǒ– ͬ’ कुसल कुबेष बनाएँ।।
 ȯǑ¡  Ʌ€ ¡ Ǒ¡ संत Į ǓǕ ŠȯšɅ@परम \ ͩ€ Ȳ… “ ͪĤ ™ ¡ ǐš €ȯšɅ@
@
à
Ǖ ¡ सम अधन ͧ—  ȡǐš अगेहा। होत ǒ–šȲͬ… ͧ   Ǒ¡ संदेहा।।
‡ Ȫͧ    Ȫͧ  तव चरन नमामी। मो पर कृपा € ǐš\ अब è ȡ˜ Ȣ@
@
सहज ĤȢǓ — Ǘ” Ǔ कै दे खी। आपु ǒ–Ÿ ™ ǒ–è ȡ  ǒ–   ȯŸ Ȣ@
@
सब Ĥ€ ȡš šȡ‡ Ǒ¡ अपनाई। बोलेउ \ ͬ’ € सनेह जनाई।।
सुनु   Ǔ — ȡ` कहउँ ˜ Ǒ¡ ”ȡ› ȡ@इहाँ बसत बीते बहु काला।।
दो0-अब › ͬ‚ ˜ ȪǑ¡ न ͧ˜ › ȯ̀ कोउ ˜ ɇन जनावउँ काहु।
› Ȫ€ ˜ ȡۙ  ȡ अनल सम कर तप कानन दाहु।।161(क)।।
सो0-तल ु सी ‘ȯͨ सब
ु ेषु — ›Ǘ Ǒ¡ Ȳमढ़
ू न चतरु नर।
सुंदर €ȯͩ€ Ǒ¡ पेखु बचन सुधा सम असन \ Ǒ¡ @ @ 161(ख)
–*–*–
 ȡ Ʌगप
ु त
ु रहउँ जग ˜ ȡ¡ ȣȲ@¡ ǐš तिज ͩ€ ˜ ͪ” Ĥ™ Ȫ‡ “ “ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
Ĥ— Ǖजानत सब ǒ–“ Ǒ¡ Ȳजनाएँ। कहहु € Ǔ“ ͧ  ͬ’ लोक ǐšˆ ȡf ȱ@ @
àǕ ¡   Ǖͬ…   Ǖ˜ Ǔ परम ͪĤ™ ˜ ȪšɅ@ĤȢǓ Ĥ  ȢǓ ˜ ȪǑ¡ पर  ȪšɅ@
@
अब ‡ ɋ तात दरु ावउँ  Ȫ¡ ȣ@‘ȡǽ“ दोष घटइ \ Ǔ ˜ Ȫ¡ ȣ@
@
ǔ‡ ͧ˜ ǔ‡ ͧ˜ तापसु कथइ उदासा। Ǔ ͧ˜ Ǔ ͧ˜ “ ”Ǚ Ǒ¡ उपज
ǒ–è ȡ  ȡ@
@
दे खा 蝖  € ˜ [मन बानी। तब बोला तापस –‚ ڙ ȡ“ Ȣ@
@
नाम हमार एकतनु भाई।   ǕǓ“ नप
ृ बोले ” ǕǓ“ ͧ  ǽ नाई।।
कहहु नाम कर अरथ बखानी। ˜ ȪǑ¡ सेवक \ Ǔ आपन जानी।।
दो0-] Ǒ‘  ǔǙçŠ उपजी ‡ –Ǒ¡ Ȳतब `  ” Ǔ भै ˜ Ȫǐš@
नाम एकतनु हे तु  ȯ
Ǒ¡ दे ह न ’ šȣ –¡ Ȫǐš@@162।।
–*–*–
‡ Ǔ“ ] … ǽ‡ करहु मन ˜ ȡ¡ ȣ@ Ȳ सुत तप  Ʌ‘ ›Ǖ —[ कछु “ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
तपबल  Ʌजग सज
ृ इ ǒ–’ ȡ ȡ@तपबल ǒ–ç“ Ǖभए ”ǐšğȡ ȡ@
@
तपबल संभु € šǑ¡ Ȳसंघारा। तप  Ʌअगम न कछु संसारा।।
भयउ “ ”Ǚ Ǒ¡   ǕǓ“ \ Ǔ अनुरागा। कथा पुरातन कहै सो लागा।।
करम धरम ^Ǔ ¡ ȡ  अनेका। करइ Ǔ“ Ǿ ”“ ǒ– šǓ ǒ– –ȯ€ ȡ@
@
उदभव पालन Ĥ › ™ कहानी। € ¡ ȯͧ  \ ͧ˜  आचरज बखानी।।
  ǓǕ“ ˜ Ǒ¡ ” तापस बस भयऊ। आपन नाम कहत तब लयऊ।।
कह तापस नप
ृ जानउँ  Ȫ¡ ȣ@€ ȧÛ¡ ȯ¡ Ǖकपट लाग भल ˜ Ȫ¡ ȣ@
@
सो0-सन
ु ु ˜ ¡ ȣ  \ ͧ  “ ȢǓ जहँ तहँ नाम न € ¡ Ǒ¡ Ȳनप
ृ ।
˜ ȪǑ¡  ȪǑ¡ पर \ Ǔ Ĥ ȢǓ सोइ चतरु ता ǒ– … ȡǐš तव।।163।।
नाम  à
Ǖ ¡ ȡš Ĥ ȡ” Ǒ‘“ ȯ  ȡ@  י €ȯ Ǖतव ͪ” ȡ नरे सा।।
गुर Ĥ  ȡ‘ सब ‡ ȡǓ“ \ राजा। € Ǒ¡ \ न आपन ‡ ȡǓ“ अकाजा।।
‘ȯͨ तात तव सहज सुधाई। Ĥ ȢǓ Ĥ ȢǓ “ ȢǓ Ǔ“ ” Ǖ“ ȡ_@
@
उपिज ”ǐš ममता मन ˜ ȪšɅ@कहउँ कथा Ǔ“ ‡ पूछे  ȪšɅ@
@
अब Ĥ   ۓ ˜ ɇसंसय “ ȡ¡ ȣȲ@मागु जो भप
ू भाव मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
  ǓǕ“ सब
ु चन — ”Ǘ Ǔ हरषाना। ‚ Ǒ¡ पद ǒ–“ ™ € ȧǔÛ¡ ǒ– ͬ’ नाना।।
€ Ǚ” ȡͧ  ’Ȳ Ǖ˜ ǓǕ“ दरसन  ȪšɅ@… ȡǐš पदारथ करतल ˜ ȪšɅ@
@
Ĥ — ǕǑ¡   ȡͪ” Ĥ   ۓ ǒ–› Ȫ€ ȧ@˜ ȡͬ‚ अगम बर होउँ \   Ȫ€ ȧ@
@
दो0-जरा मरन दख
ु šǑ¡  तनु समर िजतै ‡ Ǔ“ कोउ।
f € † ğ ǐš” Ǖ¡ ȣ“ ˜ Ǒ¡ राज कलप सत होउ।।164।।
–*–*–
कह तापस नप ृ ऐसेइ होऊ। कारन एक € Ǒ‹ “ सुनु सोऊ।।
कालउ तअ
ु पद “ ȡ^Ǒ¡ सीसा। एक ǒ– Ĥ€ Ǖ› † ȡͫ° ˜ ¡ ȣ  ȡ@
@
तपबल ǒ–Ĥ सदा –ǐš] šȡ@Ǔ Û¡ के कोप न कोउ रखवारा।।
‡ ɋ ǒ–Ĥ Û¡ सब करहु नरे सा। तौ तअ
ु बस ǒ–ͬ’ ǒ– ç“ Ǖमहे सा।।
चल न Ħé˜ € Ǖ› सन –ǐš] _@  י कहउँ दोउ भुजा उठाई।।
ǒ– Ĥ Į ȡ” ǒ–“ Ǖसुनु ˜ Ǒ¡ ”ȡ› ȡ@तोर नास “ Ǒ¡ कवनेहुँ काला।।
हरषेउ राउ बचन   ǕǓ“ तासू। नाथ न होइ मोर अब नासू।।
तव Ĥ   ȡ‘ Ĥ— Ǖ€ Ǚ”ȡǓ“ ’ ȡ“ ȡ@मो कहुँ   – [काल € 㙠ȡ“ ȡ@
@
दो0-f  ˜ è Ǖ€ Ǒ¡ € ”Š˜ ǓǕ“ बोला € ǕǑŠ› – ¡ Ȫǐš@
ͧ˜ › – हमार भल ु ाब Ǔ“ ‡ कहहु त ¡ ˜ Ǒ¡ न  Ȫǐš@
@165।।
–*–*–
 ȡ Ʌमै  ȪǑ¡ बरजउँ राजा। € ¡ Ʌकथा तव परम अकाजा।।
† ‹ɅĮ  “ यह परत कहानी। नास  à
Ǖ ¡ ȡš   י मम बानी।।
यह Ĥ‚ ŠɅअथवा ɮͪ‡ Į ȡ” ȡ@नास तोर सुनु — ȡ“ ǕĤ  ȡ”ȡ@
@
आन उपायँ Ǔ“ ’ “ तव “ ȡ¡ ȣȲ@‡ ɋ ¡ ǐš हर € Ȫ” Ǒ¡ Ȳमन ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
  י नाथ पद ‚ Ǒ¡ नपृ भाषा। ɮͪ ‡ गरु कोप कहहु को राखा।।
राखइ गरु ‡ ɋ कोप ǒ– ’ ȡ ȡ@गरु ǒ– šȪ’ “ Ǒ¡ Ȳकोउ जग ğȡ ȡ@
@
‡ ɋ न चलब हम कहे  à
Ǖ ¡ ȡšɅ@होउ नास “ Ǒ¡ Ȳसोच ¡ ˜ ȡšɅ@
@
f € Ǒ¡ Ȳडर डरपत मन मोरा। Ĥ — Ǖ˜ Ǒ¡ ‘ȯ Į ȡ” \ Ǔ घोरा।।
दो0-¡ ȪǑ¡ Ȳǒ–Ĥ बस कवन ǒ–ͬ’ कहहु कृपा € ǐš सोउ।
àǕ ¡ तिज ‘ȣ“ ‘™ ȡ› Ǔ“ ‡ Ǒ¡  Ǘन दे खउँ कोउँ ।।166।।
–*–*–
सुनु नप
ृ ǒ–ǒ–’ जतन जग ˜ ȡ¡ ȣȲ@€ 犠 ȡڙ ” ǕǓ“ ¡ ȪǑ¡ Ȳͩ€ “ ȡ¡ ȣȲ@
@
अहइ एक \ Ǔ सुगम उपाई। तहाँ परं तु एक € Ǒ‹ “ ȡ_@
@
मम आधीन ‡ ‚Ǖ ǓǕ नप
ृ सोई। मोर जाब तव नगर न होई।।
आजु › ‚ Ʌ\ ǽ जब  Ʌभयऊँ। काहू के गह
ृ Ē ȡ˜ न गयऊँ।।
‡ ɋ न जाउँ तव होइ अकाजू। बना आइ असमंजस आजू।।
  ǕǓ“ ˜ ¡ ȣ  बोलेउ मद
ृ ु बानी। नाथ Ǔ“ ‚ ˜ \ ͧ  “ ȢǓ बखानी।।
बड़े सनेह › ƒ ǕÛ¡ पर € š¡ ȣȲ
@ͬ‚ ǐš Ǔ“ ‡ ͧ  šǓ“ सदा तन
ृ ’ š¡ ȣȲ@
@
‡ › ͬ’ अगाध ˜ ȫͧ› बह फेन।ू संतत ’ šǓ“ धरत ͧ  š रे न।ू ।
दो0- अस € Ǒ¡ गहे नरे स पद è ȡ˜ Ȣ होहु कृपाल।
˜ ȪǑ¡ › ȡͬ‚ दखु   Ǒ¡ \ Ĥ — Ǖ  Ï ‡ “ ‘ȣ“ ‘™ ȡ› @
@167।।
–*–*–
‡ ȡǓ“ “ ”Ǚ Ǒ¡ आपन आधीना। बोला तापस कपट Ĥ– Ȣ“ ȡ@ @
  י कहउँ — Ǘ” Ǔ सुनु  Ȫ¡ ȣ@जग “ ȡǑ¡ “ ‘ ›Ǖ —[ कछु ˜ Ȫ¡ ȣ@
@
\ ͧ  काज ˜ ɇ€ ǐš¡ `ȱतोरा। मन तन बचन भगत  ɇमोरा।।
जोग ‡ Ǖ‚ ǕǓ तप ˜ Ȳğ Ĥ— ȡa @फलइ  –Ǒ¡ Ȳजब € ǐš\ दरु ाऊ।।
‡ ɋ नरे स ˜ ɇ€ šɋ रसोई।  à
Ǖ ¡ ” ǽ  ¡ Ǖ˜ ȪǑ¡ जान न कोई।।
\ ۓ सो जोइ जोइ भोजन करई। सोइ सोइ तव आयसु अनस
ु रई।।
” ǓǕ“ Ǔ Û¡ के गह
ृ जेवइ
ँ जोऊ। तव बस होइ भप
ू सन
ु ु सोऊ।।
जाइ उपाय रचहु नपृ एहू। संबत — ǐš संकलप करे हू।।
दो0-Ǔ“  नूतन ɮͪ ‡ सहस सत बरे हु   Ǒ¡  ” ǐš ȡš@
˜ ɇ à
Ǖ ¡ šȯसंकलप › ͬ‚ Ǒ‘“ Ǒ¡ û
Ȳ € ǐš– जेवनार।।168।।
–*–*–
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ भूप € çŠ \ Ǔ  ȪšɅ@¡ Ȫ^¡ Ǒ¡ Ȳसकल ǒ– Ĥ बस  ȪšɅ@
@
€ ǐš¡ Ǒ¡ Ȳǒ–Ĥ होम मख सेवा।  ȯǑ¡ ȲĤ   Ȳ‚   ¡ ‡ ȯǑ¡ Ȳबस दे वा।।
और एक  ȪǑ¡ कहऊँ लखाऊ। ˜ ɇf Ǒ¡ बेष न आउब काऊ।।
à
Ǖ ¡ šȯ` ”šȪǑ¡  कहुँ राया। ¡ ǐš आनब ˜ ɇ€ ǐš Ǔ“ ‡ माया।।
तपबल  ȯǑ¡ € ǐš आपु समाना। šͨ ¡ `ȱइहाँ बरष परवाना।।
˜ ɇ’ ǐš तासु बेषु सुनु राजा। सब ǒ–ͬ’ तोर सँवारब काजा।।
गै Ǔ“ ͧ  बहुत सयन अब € ȧ‡ ȯ@˜ ȪǑ¡  ȪǑ¡ भूप — ɅŠ Ǒ‘“ तीजे।।
˜ ɇतपबल  ȪǑ¡ तरु ग समेता। पहुँचेहउँ   Ȫ  Ǒ¡ Ǔ“ €ȯ ȡ@
@
दो0-˜ ɇआउब सोइ बेषु ’ ǐš ”Ǒ¡ … ȡ“ ȯ¡Ǖतब ˜ ȪǑ¡ @
जब एकांत बोलाइ सब कथा   “Ǖ ȡ ɋ  ȪǑ¡ @
@169।।
–*–*–
सयन € ȧÛ¡ नप
ृ आयसु मानी। आसन जाइ बैठ † › ʙ ȡ“ Ȣ@@
Į ͧ˜  भूप Ǔ“ ġȡ \ Ǔ आई। सो ͩ€ ͧ˜ सोव सोच \ ͬ’ € ȡ_@
@
कालकेतु Ǔ“ ͧ  … š तहँ आवा। ‡ ȯǑ¡ Ȳसूकर होइ “ ”Ǚ Ǒ¡ भुलावा।।
परम ͧ˜ ğ तापस नप
ृ केरा। जानइ सो \ Ǔ कपट घनेरा।।
ȯ
Ǒ¡ के सत सत
ु \ ǽ दस भाई। खल \ Ǔ अजय दे व दख
ु दाई।।
Ĥ ˜ Ǒ¡ भप
ू समर सब मारे । ǒ– Ĥ संत सरु ‘ȯͨ दख
ु ारे ।।
 ȯǑ¡ Ȳखल ” ȡǓ† › –™ ǽ सँभरा। तापस नप
ृ ͧ˜ ͧ› ˜ Ȳğ ǒ– … ȡšȡ@
@
‡ ȯǑ¡ ǐš” Ǖछय सोइ š… ȯǔÛ¡ उपाऊ। भावी बस न जान कछु राऊ।।
दो0-ǐš” Ǖतेजसी अकेल \ ͪ” लघु € ǐš ‚ Ǔ“ \ न ताहु।
अजहुँ दे त दख
ु šǒ–   ͧ  Ǒ¡ ͧ  š \    ȯͪŸ राहु।।170।।
–*–*–
तापस नप
ृ Ǔ“ ‡    Ǒ¡ Ǔ“ ¡ ȡšȣ@¡ šͪŸ ͧ˜ › ȯ̀ ` Ǒ‹ भयउ   Ǖ ȡšȣ@
@
ͧ˜ ğǑ¡ € Ǒ¡ सब कथा सुनाई। जातध
ु ान बोला सुख पाई।।
अब साधेउँ ǐš” Ǖसन
ु हु नरे सा। ‡ ɋ  à
Ǖ ¡ € ȧÛ¡ मोर उपदे सा।।
” ǐš¡ ǐš सोच रहहु  à
Ǖ ¡ सोई। ǒ– “ Ǖऔषध ǒ– ] ͬ’ ǒ– ͬ’ खोई।।
कुल समेत ǐš” Ǖमूल बहाई। चौथे Ǒ‘  ͧ˜ › – ˜ ɇआई।।
तापस “ ”Ǚ Ǒ¡ बहुत ”ǐš ȪŸȢ@चला ˜ ¡ ȡ€ ”Šȣ \ Ǔ šȪŸȢ@ @
— ȡ“ ǕĤ  ȡ” Ǒ¡ बािज समेता। ”¡ Ǖȱ… ȡf ͧ  छन माझ Ǔ“ €ȯ ȡ@
@
“ ”Ǚ Ǒ¡ “ ȡǐš ”Ǒ¡ Ȳसयन कराई। हयगह
ृ ँ –ȡȱ’ ȯͧ  बािज बनाई।।
दो0-राजा के ` ” šȪǑ¡  Ǒ¡ ¡ ǐš लै गयउ – ¡ Ȫǐš@
लै šȡ ȯͧ  ͬ‚ ǐš खोह महुँ मायाँ € ǐš ˜ Ǔ — Ȫǐš@
@171।।
–*–*–
आपु ǒ–šͬ… ` ”šȪǑ¡  Ǿ ” ȡ@परे उ जाइ  ȯǑ¡ सेज अनप ू ा।।
जागेउ नप
ृ अनभएँ ǒ–¡ ȡ“ ȡ@‘ȯͨ भवन \ Ǔ अचरजु माना।।
˜ ǕǓ“ ˜ Ǒ¡ ˜ ȡ मन महुँ अनुमानी। उठे उ ‚  Ǒȱ¡ ‡ ȯǑ¡ जान न रानी।।
कानन गयउ बािज … Ǒ±  ȯ¡ ȣȲ@पुर नर “ ȡǐš न जानेउ €ȯ¡ ȣȲ@ @
गएँ जाम जग
ु — ”Ǘ Ǔ आवा। घर घर ` ×   बाज बधावा।।
` ”šȪǑ¡  Ǒ¡ दे ख जब राजा। … ͩ€  ǒ–› Ȫͩ€   ͧǕ˜ ǐš सोइ काजा।।
जग
ु सम “ ”Ǚ Ǒ¡ गए Ǒ‘“ तीनी। € ” Šȣ ˜ ǓǕ“ पद रह ˜ Ǔ › ȣ“ Ȣ@
@
समय ‡ ȡǓ“ ` ” šȪǑ¡  आवा। “ ”Ǚ Ǒ¡ मते सब € Ǒ¡ समुझावा।।
दो0-नप
ृ हरषेउ ”Ǒ¡ … ȡǓ“ ‚ Ǖǽ ħ ˜ बस रहा न चेत।
बरे तरु त सत सहस बर ǒ– Ĥ कुटुंब समेत।।172।।
–*–*–
` ”šȪǑ¡  जेवनार बनाई। छरस … ȡǐš ǒ– ͬ’ ‡ ͧ  Į ǓǕ गाई।।
मायामय  ȯǑ¡ Ȳ€ ȧÛ¡ रसोई। ǒ– ‡Ȳ “ बहु ‚ Ǔ“ सकइ न कोई।।
ǒ– ǒ– ’ ˜ ‚Ǚ Û¡ कर ] ͧ˜ Ÿ राँधा।  ȯǑ¡ महुँ ǒ– Ĥ माँसु खल साँधा।।
भोजन कहुँ सब ǒ– Ĥ बोलाए। पद ” ȡǐš सादर बैठाए।।
”ǽ  “ ‡ – Ǒ¡ Ȳलाग ˜ Ǒ¡ ”ȡ› ȡ@भै अकासबानी  ȯǑ¡ काला।।
ǒ–Ĥ – Ȳ‘Ǚ ` Ǒ‹ ` Ǒ‹ गह
ृ जाहू। है –ͫ° ¡ ȡǓ“ \ ۓ ‡ Ǔ“ खाहू।।
भयउ š  ȪɃ भूसुर माँसू। सब ɮͪ ‡ उठे ˜ ȡǓ“ ǒ–è ȡ  Ǘ@ @
भप
ू ǒ–€ › ˜ Ǔ मोहँ भल
ु ानी। भावी बस आव मख
ु बानी।।
दो0-बोले ǒ– Ĥ सकोप तब “ Ǒ¡ Ȳकछु € ȧÛ¡ ǒ–… ȡš@
जाइ Ǔ“   ȡ… š होहु नप
ृ मढ़
ू   Ǒ¡  ” ǐš ȡš@
@173।।
–*–*–
† ğ–Ȳ’ Ǖ ɇǒ–Ĥ बोलाई। घालै ͧ› f   Ǒ¡  समदु ाई।।
_è š राखा धरम हमारा। ‡ Ȱ¡ ͧ   ɇसमेत ” ǐš ȡšȡ@
@
संबत ˜ ڙ नास तव होऊ। जलदाता न šǑ¡ Ǒ¡ कुल कोऊ।।
नप
ृ   ǕǓ“ Į ȡ” ǒ–€ › \ Ǔ ğȡ  ȡ@भै – ¡ Ȫǐš बर ͬ‚ šȡ अकासा।।
ǒ– Ĥ¡ ǕĮ ȡ” ǒ– … ȡǐš न ‘ȣÛ¡ ȡ@“ Ǒ¡ Ȳअपराध भप
ू कछु € ȧÛ¡ ȡ@
@
… ͩ€  ǒ–Ĥ सब   ǓǕ“ नभबानी। भप
ू गयउ जहँ भोजन खानी।।
तहँ न असन “ Ǒ¡ Ȳǒ– Ĥ सआ
ु रा। ͩ• šȯ̀ राउ मन सोच अपारा।।
सब Ĥ   Ȳ‚ ˜ Ǒ¡   ǕšÛ¡ सुनाई। ğͧ   परे उ अवनीं अकुलाई।।
दो0-— Ǘ” Ǔ भावी ͧ˜ Š^ “ Ǒ¡ Ȳ‡ ‘ͪ” न दष
ू न तोर।
ͩ€ f ȱ\ ۙ  ȡ होइ “ Ǒ¡ Ȳǒ– ĤĮ ȡ” \ Ǔ घोर।।174।।
–*–*–
अस € Ǒ¡ सब ˜ Ǒ¡ ‘ȯ ͧ  ’ ȡf @समाचार ” šǕ› Ȫ‚ Û¡ पाए।।
  Ȫ… Ǒ¡ Ȳदष
ू न ‘Ȱ Ǒ¡ ‘ȯ¡ ȣȲ@ǒ–… š हं स काग ͩ€ ™ ‡ ȯ¡ ȣȲ@
@
` ”šȪǑ¡  Ǒ¡ भवन पहुँचाई। असरु  ȡ”   Ǒ¡  – ǐš जनाई।।
 ȯǑ¡ Ȳखल जहँ तहँ ” ğ पठाए। सिज सिज सेन भप ू सब धाए।।
ƒ ȯšȯǔÛ¡ नगर Ǔ“   ȡ“ बजाई। ǒ–ǒ–’ — ȡȱǓ Ǔ“  होई लराई।।
जूझे सकल सुभट € ǐš करनी। बंधु समेत परे उ नप
ृ धरनी।।
  י €ȯ Ǖकुल कोउ “ Ǒ¡ Ȳबाँचा। ǒ–Ĥ Į ȡ” ͩ€ ͧ˜ होइ असाँचा।।
ǐš” Ǖǔ‡ Ǔ सब नप
ृ नगर बसाई। Ǔ“ ‡ परु गवने जय जसु पाई।।
दो0-— šɮȡ‡ सन
ु ु ‡ ȡǑ¡ जब होइ ǒ– ’ ȡ ȡ बाम।
’ ǐǗš ˜ ȯǽ   ˜ जनक जम  ȡǑ¡ ޙ ȡ›   ˜ दाम।।।175।।
–*–*–
काल पाइ ˜ ǓǕ“ सन ु ु सोइ राजा। भयउ Ǔ“   ȡ… š   Ǒ¡  समाजा।।
दस ͧ  š  ȡǑ¡ बीस भुजदं डा। रावन नाम बीर –ǐš– ȲŒ ȡ@
@
भूप अनुज \ ǐš˜ ‘[“ नामा। भयउ सो कंु भकरन बलधामा।।
  ͬ…  जो रहा ’ š˜ ǽͬ… जास।ू भयउ ǒ–˜ ȡğ बंधु लघु तासू।।
नाम ǒ–— ȢŸ“ ‡ ȯǑ¡ जग जाना। ǒ– ç“ —Ǖ ‚  ǒ–Ê™ ȡ“ Ǔ“ ’ ȡ“ ȡ@
@
रहे जे सत
ु सेवक नप
ृ केरे । भए Ǔ“   ȡ… š घोर घनेरे।।
€ ȡ˜ Ǿ ” खल िजनस अनेका। € ǕǑŠ› भयंकर ǒ–‚  ǒ– –ȯ€ ȡ@
@
कृपा šǑ¡  Ǒ¡  Ȳ € सब पापी। –šǓ“ न ‡ ȡǑ¡ Ȳǒ–è ” ǐš ȡ” Ȣ@
@
दो0-उपजे ‡ ‘ͪ” ” Ǖ› èי € Ǖ› पावन अमल अनूप।
 ‘ͪ” ˜ ¡ ȣ  Ǖš Į ȡ” बस भए सकल \ ƒ Ǿ ” @ @176।।
–*–*–
€ ȧÛ¡ ǒ– ǒ–’ तप  ȢǓ“ ¡ Ǖȱभाई। परम ` Ē “ Ǒ¡ Ȳ– šǓ“ सो जाई।।
गयउ Ǔ“ € Š तप ‘ȯͨ ǒ–’ ȡ ȡ@मागहु बर Ĥ   ۓ ˜ ɇताता।।

€ ǐš ǒ– “  Ȣ पद ‚ Ǒ¡ दससीसा। बोलेउ बचन सुनहु ‡ ‚ ‘ȣ  ȡ@


@
हम काहू के ˜ šǑ¡ Ȳन ˜ ȡšɅ@बानर मनुज ‡ ȡǓ दइु – ȡšɅ@ @
f  ˜ è Ǖ à
Ǖ ¡ बड़ तप € ȧÛ¡ ȡ@˜ ɇĦ é˜ ȡȱͧ˜ ͧ›  ȯǑ¡ बर ‘ȣÛ¡ ȡ@
@
” ǓǕ“ Ĥ— Ǖकंु भकरन ”Ǒ¡ Ȳगयऊ।  ȯǑ¡ ǒ–› Ȫͩ€ मन ǒ–  ˜ ™ भयऊ।।
‡ ɋ f Ǒ¡ Ȳखल Ǔ“  करब \ ¡ ȡǾ @¡ Ȫ^Ǒ¡ सब ` ‡ ȡǐš   Ȳ  ȡǾ @
@
सारद Ĥȯǐš तासु ˜ Ǔ •ȯšȣ@˜ ȡ‚ ȯͧ  नीद मास षट €ȯšȣ@
@
दो0-गए ǒ–— ȢŸ“ पास ” ǕǓ“ कहे उ ” Ǖğ बर मागु।
 ȯǑ¡ Ȳमागेउ भगवंत पद कमल अमल अनुरागु।।177।।
–*–*–
Ǔ ǔÛ¡ दे इ बर Ħé˜ ͧ  ’ ȡf @¡ šͪŸ  ते अपने गह
ृ आए।।
मय तनुजा ˜ Ȳ‘ Ȫ‘ǐš नामा। परम   ǕȲ‘ šȣ “ ȡǐš ललामा।।
सोइ मयँ ‘ȣǔÛ¡ šȡ“ Ǒ¡ आनी। ¡ Ȫ^Ǒ¡ ‡ ȡ ’Ǖ ȡ“ ” Ǔ जानी।।
¡ šͪŸ भयउ “ ȡǐš — ͧ› पाई। ” ǓǕ“ दोउ बंधु ǒ–] ¡ ȯͧ  जाई।।
ͬ‚ ǐš ǒğ€ ǗŠ एक ͧ  ’Ȳ Ǖ˜ ˆ ȡšȣ@ǒ–ͬ’ Ǔ“ ͧ˜ [ ‘ ‚Ǖ ˜[ \ Ǔ — ȡšȣ@
@
सोइ मय दानवँ –¡ Ǖǐš सँवारा। कनक šͬ…  ˜ Ǔ“ —  “ अपारा।।
— Ȫ‚ ȡǓ ‡ ͧ  \ Ǒ¡ € Ǖ› बासा। \ ˜ šȡ Ǔ ‡ ͧ    Đ Ǔ“  ȡ  ȡ@
@
Ǔ Û¡  Ʌ\ ͬ’ € šà™ \ Ǔ बंका। जग ǒ–É™ ȡ नाम  ȯǑ¡ लंका।।
दो0- ȡɃ ͧ  ’Ȳ Ǖगभीर \ Ǔ … ȡǐš¡ ǕȱǑ‘ͧ  ͩ• ǐš आव।
कनक कोट ˜ Ǔ“  ͬ…  Ǻ± – šǓ“ न जाइ बनाव।।178(क)।।
¡ ǐšĤȯǐš ‡ ȯǑ¡ Ȳकलप जोइ ‡ ȡ ’Ǖ ȡ“ ” Ǔ होइ।
सूर Ĥ  ȡ”Ȣ अतुलबल दल समेत बस सोइ।।178(ख)।।
–*–*–
रहे तहाँ Ǔ“ ͧ  … š भट भारे । ते सब   šǕÛ¡ समर संघारे ।।
अब तहँ š¡ Ǒ¡ Ȳ  Đ के Ĥȯšȯ@šÍ † € € ȪǑŠ ‡ Í † ”Ǔ केरे ।।
दसमुख कतहुँ  –ǐš \ ͧ  पाई। सेन सािज गढ़ ƒ ȯšȯͧ  जाई।।
‘ȯͨ ǒ–€ Š भट – ͫ° कटकाई। ‡ Í † जीव लै गए पराई।।
ͩ• ǐš सब नगर दसानन दे खा। गयउ सोच सख
ु भयउ ǒ–  ȯŸ ȡ@
@
संद
ु र सहज अगम अनम
ु ानी। € ȧǔÛ¡ तहाँ रावन रजधानी।।
‡ ȯǑ¡ जस जोग –ȡȱǑŠ गह
ृ ‘ȣÛ¡ ȯ@सख
ु ी सकल रजनीचर € ȧÛ¡ ȯ@
@
एक बार कुबेर पर धावा। ” Ǖç” € जान ‡ ȢǓ लै आवा।।
दो0-€ ȫ €Ǖ ¡ ȣȲकैलास ” ǕǓ“ › ȣÛ¡ ȯͧ  जाइ उठाइ।
मनहुँ  ȫͧ› Ǔ“ ‡ बाहुबल चला बहुत सुख पाइ।।179।।
–*–*–
सख
ु   Ȳ” Ǔ सतु सेन सहाई। जय Ĥ  ȡ” बल – ͪǕƨ बड़ाई।।
Ǔ“  नूतन सब बाढ़त जाई। ǔ‡ ͧ˜ ĤǓ › ȡ— लोभ \ ͬ’ € ȡ_@
@
\ Ǔ – › कंु भकरन अस ħ ȡ ȡ@‡ ȯǑ¡ कहुँ “ Ǒ¡ ȲĤǓ — Š जग जाता।।
करइ पान सोवइ षट मासा। जागत होइ Ǔ ¡ Ǖȱपुर ğȡ  ȡ@ @
‡ ɋ Ǒ‘“ ĤǓ अहार कर सोई। ǒ–è –ȯͬ‚ सब चौपट होई।।
समर धीर “ Ǒ¡ Ȳजाइ बखाना।  ȯǑ¡ सम \ ͧ˜  बीर बलवाना।।
– ȡǐš‘“ ȡ‘ जेठ सत
ु तास।ू भट महुँ Ĥ  ˜ › ȣ€ जग जास।ू ।
‡ ȯǑ¡ न होइ रन सनमुख कोई। सुरपुर Ǔ“  Ǒ¡ Ȳपरावन होई।।
दो0-कुमुख अकंपन € Ǖͧ›   š‘ धम
ू केतु \ Ǔ € ȡ™ @
एक एक जग ‡ ȢǓ सक ऐसे सुभट Ǔ“ € ȡ™ @
@180।।
–*–*–

€ ȡ˜ Ǿ ” ‡ ȡ“ Ǒ¡ Ȳसब माया। सपनेहुँ ǔ‡ Û¡ €Ʌधरम न दाया।।


दसमख ु बैठ सभाँ एक बारा। ‘ȯͨ \ ͧ˜  आपन ” ǐš ȡšȡ@@
सुत समूह जन ”ǐš‡ “ नाती। गे को पार Ǔ“   ȡ… š जाती।।
सेन ǒ–› Ȫͩ€ सहज \ ͧ— ˜ ȡ“ Ȣ@बोला बचन Đ Ȫ’ मद सानी।।

सुनहु सकल रजनीचर जूथा। हमरे – Ȱšȣ ǒ–– Ǖ’ – Ǿ  ȡ@


@
ते सनमुख “ Ǒ¡ Ȳ€ š¡ ȣ लराई। ‘ȯͨ सबल ǐš” Ǖ‡ ȡǑ¡ Ȳपराई।।
 ȯÛ¡ कर मरन एक ǒ–ͬ’ होई। कहउँ बुझाइ सुनहु अब सोई।।
ɮͪ‡ — Ȫ‡ “ मख होम सराधा।।सब कै जाइ करहु  à
Ǖ ¡ बाधा।।
दो0-छुधा † Ȥ“ –› ¡ ȣ“ सुर   ¡ ‡ ȯǑ¡ Ȳͧ˜ ͧ› ¡ Ǒ¡ Ȳआइ।
तब ˜ ȡǐš¡ `ȱͩ€ † ȡͫ°¡ `ȱ— › ȣ — ȡȱǓ अपनाइ।।181।।
–*–*–

मेघनाद कहुँ ” ǓǕ“ हँकरावा। ‘ȣÛ¡ ȣ ͧ   बलु – ™ ǽ बढ़ावा।।

जे सुर समर धीर बलवाना। ǔ‡ Û¡ €Ʌ› ǐš–ȯकर \ ͧ— ˜ ȡ“ ȡ@


@
Ǔ Û¡ Ǒ¡ ‡ ȢǓ रन आनेसु बाँधी। ` Ǒ‹ सुत ͪ”  Ǖअनुसासन काँधी।।
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’   –¡ ȣ \ ʙ ȡ ‘ȣÛ¡ ȣ@आपन
ु ु चलेउ गदा कर › ȣÛ¡ ȣ@
@
चलत दसानन ŒȪ› Ǔ अवनी। ‚ ‡ [ ‚ — [èğ Ǒ¡ Ȳसरु रवनी।।
रावन आवत सन
ु ेउ सकोहा। ‘ȯ Û¡ तके ˜ ȯǽ ͬ‚ ǐš खोहा।।
Ǒ‘‚ ”ȡ› Û¡ के लोक सुहाए। सूने सकल दसानन पाए।।
” ǕǓ“ ” ǕǓ“ ͧ  ƒȲ “ ȡ‘ € ǐš — ȡšȣ@दे इ ‘ȯ  Û¡ ‚ ȡǐš ” … ȡšȣ@
@
रन मद ˜ ׏ ͩ• š^ जग धावा। ĤǓ — Š खौजत कतहुँ न पावा।।
šǒ–   ͧ  पवन –ǽ“ ’ “ ’ ȡšȣ@\ ͬ‚ Ǔ“ काल जम सब \ ͬ’ € ȡšȣ@
@
ͩ€ Ȳ“ š ͧ  ƨ मनज
ु सरु नागा। ¡ Ǒ‹   – ¡ ȣ के ”Ȳ Ǒ¡ Ȳलागा।।
Ħ é˜   ǔǙçŠ जहँ › ͬ‚  “ Ǖ’ ȡšȣ@दसमुख –  –  ȸ नर “ ȡšȣ@
@
आयसु € šǑ¡ Ȳसकल भयभीता। “ Ǒ¡ Ȳआइ Ǔ“  चरन ǒ– “ Ȣ ȡ@
@
दो0-भुजबल ǒ–è –è™ € ǐš šȡ ȯͧ  कोउ न   Ǖ ğȲ @
˜ ȲŒ › ȣ€ ˜ Ǔ“ रावन राज करइ Ǔ“ ‡ ˜ Ȳğ @
@182(ख)।।
दे व ‡ Í † ‚ Ȳ’  [नर ͩ€ Ȳ“ š नाग € Ǖ˜ ȡǐš@
‡ ȢǓ – šȣȲǓ“ ‡ बाहुबल बहु सद
ंु र बर “ ȡǐš@
@182ख।।
–*–*–
^Ȳġ ‡ Ȣ सन जो कछु कहे ऊ। सो सब जनु ” Ǒ¡ › ȯǑ¡ Ȳ€ ǐš रहे ऊ।।
Ĥ  ˜ Ǒ¡ Ȳǔ‡ Û¡ कहुँ आयसु ‘ȣÛ¡ ȡ@Ǔ Û¡ कर … ǐš सुनहु जो € ȧÛ¡ ȡ@
@
दे खत — Ȣ˜ Ǿ ” सब पापी। Ǔ“ ͧ  … š Ǔ“ € š दे व ”ǐš ȡ”Ȣ@
@
€ šǑ¡ ` ”ġ असरु Ǔ“ € ȡ™ ȡ@नाना Ǿ ” ’ šǑ¡ Ȳ€ ǐš माया।।
‡ ȯǑ¡ ǒ–ͬ’ होइ ’ ˜ [Ǔ“ ˜ ›Ǘ[ ȡ@सो सब € šǑ¡ Ȳबेद ĤǓ € Ǘ› ȡ@
@
‡ ȯǑ¡ Ȳ‡ ȯǑ¡ Ȳदे स धेनु ɮͪ‡ ”ȡǑ¡ @
Ȳ नगर गाउँ परु ] ͬ‚ › ‚ ȡǑ¡ @
Ȳ@
सुभ आचरन कतहुँ “ Ǒ¡ Ȳहोई। दे व ǒ–Ĥ ‚ ǕǾ मान न कोई।।
“ Ǒ¡ Ȳ¡ ǐš— ‚ Ǔ ‡ ʙ तप ʙ ȡ“ ȡ@सपनेहुँ   ǓǕ“ \ न बेद पुराना।।
छं 0-जप जोग ǒ–šȡ‚ ȡ तप मख भागा Į  “ सुनइ दससीसा।
आपन
ु ु ` Ǒ‹ धावइ रहै न पावइ ’ ǐš सब घालइ खीसा।।
अस ħ çŠ अचारा भा संसारा ’ ˜ [  ǓǕ“ \ “ Ǒ¡ काना।
 ȯǑ¡ –¡ Ǖǒ–ͬ’ ğȡ  ^ दे स Ǔ“ € ȡ  ^ जो कह बेद पुराना।।
सो0-–šǓ“ न जाइ \ “ ȢǓ घोर Ǔ“   ȡ… š जो € šǑ¡ @ Ȳ
Ǒ¡  Ȳ ȡ पर \ Ǔ ĤȢǓ Ǔ Û¡ के ” ȡ” Ǒ¡ €  Ǔ“ ͧ˜ Ǔ @
@183।।
मासपारायण, छठा ͪĮ ȡ˜
बाढ़े खल बहु चोर जआ ु रा। जे लंपट परधन परदारा।।
˜ ȡ“ Ǒ¡ Ȳमातु ͪ” ȡ “ Ǒ¡ Ȳदे वा।   ȡ’ Û
Ǖ¡ सन € šȡ Ǒ¡ Ȳसेवा।।
ǔ‡ Û¡ के यह आचरन भवानी। ते जानेहु Ǔ“ ͧ  … š सब Ĥ ȡ“ Ȣ@
@
\ Ǔ   ™ ‘ȯͨ ’ ˜ [कै ʛ ȡ“ Ȣ@परम सभीत धरा अकुलानी।।
ͬ‚ ǐš   ǐš ͧ  ’Ȳ Ǖभार “ Ǒ¡ Ȳ˜ Ȫ¡ ȣ@जस ˜ ȪǑ¡ ‚ ǽ\ एक ” šġȪ¡ ȣ@
@
सकल ’ ˜ [दे खइ ǒ– ”šȣ ȡ@€ Ǒ¡ न सकइ रावन भय भीता।।
धेनु Ǿ ” ’ ǐš ǿ‘™ ȱǒ–… ȡšȣ@गई तहाँ जहँ सुर ˜ ǕǓ“ ˆ ȡšȣ@
@
Ǔ“ ‡ संताप   Ǖ“ ȡf ͧ  रोई। काहू  Ʌकछु काज न होई।।
छं 0-सुर ˜ ǕǓ“ ‚ Ȳ’ –ȡ[ͧ˜ ͧ› € ǐš   –ȡ[गे ǒ– šȲͬ… के लोका।
सँग ‚ Ȫ “ ’Ǖ ȡšȣ — ͧǗ˜ ǒ–… ȡšȣ परम ǒ–€ › भय सोका।।
Ħé˜ ȡȱसब जाना मन अनम
ु ाना मोर कछू न बसाई।
जा € ǐš  ɇदासी सो \ ǒ–“ ȡ  Ȣ हमरे उ तोर सहाई।।
सो0-’ šǓ“ ’ šǑ¡ मन धीर कह ǒ– šȲͬ… ¡ ǐš”‘   Ǖͧ˜ ǽ@
जानत जन € ȧ पीर Ĥ— Ǖ— Ȳǔ‡ Ǒ¡ ‘ȡǽ“ ǒ–” Ǔ @
@184।।
बैठे सुर सब € šǑ¡ Ȳǒ–… ȡšȡ@कहँ पाइअ Ĥ — Ǖ€ ǐš\ पुकारा।।
परु बैकंु ठ जान कह कोई। कोउ कह ”™ Ǔ“ ͬ’ बस Ĥ — Ǖसोई।।
जाके ǿ‘™ ȱ— ‚ Ǔ ‡ ͧ  ĤȢǓ @Ĥ — Ǖतहँ Ĥ ‚ Š सदा  ȯǑ¡ Ȳšȣ Ȣ@
@
 ȯǑ¡ समाज ͬ‚ ǐš‡ ȡ ˜ ɇरहे ऊँ। अवसर पाइ बचन एक कहे ऊँ।।
¡ ǐš ޙ ȡ”€   – ğ[ समाना। Ĥȯ˜  ɅĤ ‚ Š ¡ ȪǑ¡ Ȳ˜ ɇजाना।।
दे स काल Ǒ‘ͧ  ǒ–Ǒ‘ͧ  ¡ Ǖ˜ ȡ¡ ȣȲ@कहहु सो कहाँ जहाँ Ĥ — Ǖ“ ȡ¡ ȣȲ@
@
अग जगमय सब šǑ¡  ǒ–šȡ‚ Ȣ@Ĥȯ˜  ɅĤ — ǕĤ‚ Š^ ǔ‡ ͧ˜ आगी।।
मोर बचन सब के मन माना। साधु साधु € ǐš Ħé˜ बखाना।।
दो0-  ǓǕ“ ǒ– šȲͬ… मन हरष तन ” ›Ǖ ͩ€ नयन बह नीर।
\ è ǓǕ करत ‡ Ȫǐš कर सावधान ˜ Ǔ ’ Ȣš@@185।।
–*–*–
छं 0-जय जय सरु नायक जन सख ु दायक Ĥ “  ” ȡ› भगवंता।
गो ɮͪ‡ Ǒ¡  € ȡšȣ जय \   Ǖšȡšȣ ͧ  ’  ǕȲ Ǖ ȡ ͪĤ ™ कंता।।
पालन सुर धरनी \ ƫ Ǖ करनी मरम न जानइ कोई।
जो सहज कृपाला ‘ȣ“ ‘™ ȡ› ȡ करउ \ “ ǕĒ ¡ सोई।।
जय जय \ ǒ–“ ȡ  Ȣ सब घट बासी ޙ ȡ” € परमानंदा।
\ ǒ–‚  गोतीतं … ǐš पन
ु ीतं ˜ ȡ™ ȡšǑ¡  मक
ु ंु दा।।
‡ ȯǑ¡ › ȡͬ‚ ǒ– šȡ‚ Ȣ \ Ǔ अनरु ागी ǒ– ‚  ˜ Ȫ¡ ˜ ǓǕ“ – Ȳ‘Ǚȡ@
Ǔ“ ͧ  बासर ڙ ȡǑ¡ Ȳगन
ु गन ‚ ȡ Ǒ¡ Ȳ‡ ™ Ǔ   ǔÍ … ‘ȡ“ Ȳ‘ ȡ@
@
‡ ȯǑ¡ Ȳ  ǔǙçŠ उपाई ǒğǒ– ’ बनाई संग सहाय न दज
ू ा।
सो करउ \ ƒ ȡšȣ ͬ… Ȳ ¡ ˜ ȡšȣ ‡ ȡǓ“ \ — ‚ Ǔ न पूजा।।
जो भव भय भंजन ˜ ǕǓ“ मन रं जन गंजन ǒ–” Ǔ – Ǿ  ȡ@
मन बच Đ ˜ बानी † ȡͫ° सयानी सरन सकल सरु जथ
ू ा।।
सारद Į ǓǕ सेषा ǐšŸ™ असेषा जा कहुँ कोउ “ Ǒ¡ जाना।
‡ ȯǑ¡ ‘ȣ“ ͪ”] šȯबेद पुकारे ġ` सो Į Ȣ— ‚  ȡ“ ȡ@
@
भव – ȡǐšͬ’ मंदर सब ǒ– ͬ’ सुंदर ‚ Ǖ“ ˜ ȲǑ‘š सुखपुंजा।
˜ ǕǓ“ ͧ  ƨ सकल सुर परम भयातरु नमत नाथ पद कंजा।।
दो0-‡ ȡǓ“ सभय   šǕ— ͧǗ˜   ǓǕ“ बचन समेत सनेह।
‚ ‚ “ ͬ‚ šȡ गंभीर भइ ¡ šǓ“ सोक संदेह।।186।।
–*–*–
‡ Ǔ“ डरपहु ˜ ǓǕ“ ͧ  ƨ सरु े सा।  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ › ȡͬ‚ ’ ǐš¡ `ȱनर बेसा।।
\ Ȳ  Û¡   Ǒ¡  मनज
ु अवतारा। लेहउँ Ǒ‘“ € š बंस उदारा।।
€ è™ ” \ Ǒ‘Ǔ महातप € ȧÛ¡ ȡ@Ǔ Û¡ कहुँ ˜ ɇपरू ब बर ‘ȣÛ¡ ȡ@
@
ते दसरथ € ȫ  㙠ȡ Ǿ ” ȡ@€ Ȫ  › ” ǕšȣȲĤ‚ Š नरभूपा।।
Ǔ Û¡ के गह
ृ \  ǐš¡ `ȱजाई। रघुकुल Ǔ › € सो … ȡǐš` भाई।।
नारद बचन   י सब € ǐš¡ `ȱ@परम   ǔȏ समेत \   ǐš¡ `ȱ@
@
¡ ǐš¡ `ȱसकल — Ǘͧ˜ ‚ ǽ] _@Ǔ“ — ™[ होहु दे व समुदाई।।
गगन Ħé˜ –ȡ“ Ȣ सुनी काना। तरु त ͩ• šȯसुर ǿ‘™ जुड़ाना।।
तब Ħ é˜ ȡ ’ šǓ“ Ǒ¡ समझ
ु ावा। अभय भई भरोस िजयँ आवा।।
दो0-Ǔ“ ‡ › Ȫ€ Ǒ¡ ǒ–šȲͬ… गे ‘ȯ Û¡ इहइ ͧ   ȡ^@
बानर तनु ’ ǐš ’ ǐš ˜ Ǒ¡ ¡ ǐš पद सेवहु जाइ।।187।।
–*–*–
गए दे व सब Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ धामा। — ͧǗ˜   Ǒ¡  मन कहुँ ǒ– Į ȡ˜ ȡ ।
जो कछु आयसु Ħé˜ ȡȱ‘ȣÛ¡ ȡ@हरषे दे व ǒ– › Ȳ– न € ȧÛ¡ ȡ@
@
बनचर दे ह ’ ǐš Ǔ† Ǔ ˜ ȡ¡ ȣȲ@\  ͧǕ›  बल Ĥ ȡ” Ǔ Û¡ ” ȡ¡ ȣȲ@
@
ͬ‚ ǐš  ǽ नख आयुध सब बीरा। ¡ ǐš मारग ͬ…   Ǒ¡ Ȳ˜ Ǔ ’ Ȣšȡ@
@
ͬ‚ ǐš कानन जहँ तहँ — ǐš ” Ǘšȣ@रहे Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ अनीक šͬ… Ǿ šȣ@
@
यह सब ǽͬ… š … ǐš ˜ ɇभाषा। अब सो सन
ु हु जो –Ȣ… Ǒ¡ Ȳराखा।।
\ ’ ” šǕȣȲšƒ €Ǖ Ǖ› ˜ Ǔ“ राऊ। बेद ǒ– Ǒ‘  ȯǑ¡ दसरथ नाऊँ।।
धरम धरु ं धर ‚ Ǖ“ Ǔ“ ͬ’ ʙ ȡ“ Ȣ@ǿ‘™ ȱ— ‚ Ǔ ˜ Ǔ सारँगपानी।।
दो0-€ ȫ  㙠ȡǑ‘ “ ȡǐš ͪĤ ™ सब आचरन पुनीत।
” Ǔ अनुकूल Ĥȯ˜ Ǻ± ¡ ǐš पद कमल ǒ–“ Ȣ @ @188।।
–*–*–
एक बार — Ǘ” Ǔ मन ˜ ȡ¡ ȣ@
Ȳ भै ‚ › ȡǓ“ ˜ ȪšɅसुत “ ȡ¡ ȣȲ@
@
गुर गह
ृ गयउ तरु त ˜ Ǒ¡ ”ȡ› ȡ@चरन › ȡͬ‚ € ǐš ǒ–“ ™ ǒ–  ȡ› ȡ@
@
Ǔ“ ‡ दख
ु सख
ु सब ‚ šǕǑ¡ सनु ायउ। € Ǒ¡ – ͧ  ç‹ – ¡ Ǖǒ– ͬ’
समझु ायउ।।
धरहु धीर ¡ Ȫ^¡ Ǒ¡ Ȳसुत … ȡšȣ@ǒğ— Ǖ “ ǒ– Ǒ‘ भगत भय ¡ ȡšȣ@
@
संग
ृ ी ǐšŸǑ¡ – ͧ  ç‹ बोलावा। ” Ǖğ € ȡ˜ सुभ ‡ ʙ करावा।।
— ‚ Ǔ   Ǒ¡  ˜ ǕǓ“ ] ¡ ǕǓ ‘ȣÛ¡ Ʌ@Ĥ‚ Šȯ\ ͬ‚ Ǔ“ … Ǿ कर › ȣÛ¡ Ʌ@
@
जो – ͧ  ç‹ कछु ǿ‘™ ȱǒ–… ȡšȡ@सकल काजु भा ͧ  ƨ  à Ǖ ¡ ȡšȡ@@
यह ¡ ǒ– – ȡȱǑŠ दे हु नप
ृ जाई। जथा जोग ‡ ȯǑ¡ भाग बनाई।।
दो0-तब \ Ǻè™ भए पावक सकल   — Ǒ¡ समझ ु ाइ।।
परमानंद मगन नप ृ हरष न ǿ‘™ ȱसमाइ।।189।।
–*–*–
 –Ǒ¡ Ȳरायँ ͪĤ™ “ ȡǐš –Ȫ› ȡɃ@€ ȫ  㙠ȡǑ‘ तहाँ … ͧ› आई।।
\ ’ [भाग € ȫ  㙠ȡǑ¡ ‘ȣÛ¡ ȡ@उभय भाग आधे कर € ȧÛ¡ ȡ@
@
कैकेई कहँ नप
ृ सो दयऊ। šé™ Ȫ सो उभय भाग ” ǕǓ“ भयऊ।।
€ ȫ  㙠ȡ कैकेई हाथ ’ ǐš@‘ȣÛ¡   Ǖͧ˜ ğǑ¡ मन Ĥ   ۓ € ǐš@
@
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ ‚ —  [ Ǒ¡  सब “ ȡšȣ@— Ƀ ǿ‘™ ȱ¡ šͪŸ सख
ु — ȡšȣ@
@
जा Ǒ‘“  Ʌ¡ ǐš ‚ — Ǒ[¡ Ȳआए। सकल लोक सख
ु   Ȳ” Ǔ छाए।।
˜ ȲǑ‘š महँ सब šȡ‡ Ǒ¡ Ȳरानी। सोभा सील तेज € ȧ खानीं।।
सुख जुत कछुक काल … ͧ› गयऊ। ‡ ȯǑ¡ ȲĤ— ǕĤ ‚ Š सो अवसर
भयऊ।।
दो0-जोग लगन Ē ¡ बार Ǔ ͬ सकल भए अनक
ु ू ल।
चर \ ǽ अचर ¡ Ÿ ‡[ 
Ǖ राम जनम सख ु मलू ।।190।।
–*–*–
नौमी Ǔ ͬ मधु मास पन
ु ीता। सकु ल ” Í † \ ͧ— ǔ‡  ¡ ǐšĤ Ȣ ȡ@
@
˜ ڙ Ǒ‘  \ Ǔ सीत न घामा। पावन काल लोक ǒ– Į ȡ˜ ȡ@
@
सीतल मंद   Ǖšͧ— बह बाऊ। ¡ šͪŸ सुर संतन मन चाऊ।।
बन € Ǖ  Ǖͧ˜  ͬ‚ ǐš‚ “ ˜ Ǔ“ ] šȡ@èğ Ǒ¡ Ȳसकल   ǐš ȡM˜ Ǚ ’ ȡšȡ@
@
सो अवसर ǒ–šȲͬ… जब जाना। चले सकल सुर सािज ǒ– ˜ ȡ“ ȡ@
@
गगन ǒ–˜ › सकुल सरु जथ
ू ा। ‚ ȡ Ǒ¡ Ȳगन
ु ‚ Ȳ’ – [– Ǿ  ȡ@
@
–šŸ Ǒ¡ Ȳसम
ु न   \Ǖ Ȳ‡ ͧ› साजी। ‚ ¡ ‚ Ǒ¡ गगन दं द
ु भ
ु ी बाजी।।
\ è ǓǕ € šǑ¡ Ȳनाग ˜ ǓǕ“ दे वा। –¡ Ǖǒ– ͬ’ › ȡǑ¡ ȲǓ“ ‡ Ǔ“ ‡ सेवा।।
दो0-सुर समूह ǒ– “  Ȣ € ǐš पहुँचे Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ धाम।
‡ ‚ Ǔ“ ȡ  Ĥ— ǕĤ‚ Šȯ\ ͨ › लोक ǒ– Į ȡ˜ @ @ 191।।
–*–*–
छं 0-भए Ĥ‚ Š कृपाला ‘ȣ“ ‘™ ȡ› ȡ € ȫ  㙠ȡ Ǒ¡  € ȡšȣ@
¡ šͪŸ  ˜ ¡  ȡšȣ ˜ ǕǓ“ मन ¡ ȡšȣ \ ƫ Ǖ Ǿ ” ǒ–… ȡšȣ@
@
लोचन \ ͧ— šȡ˜ ȡ तनु ƒ “ è™ ȡ˜ ȡ Ǔ“ ‡ आयुध भुज … ȡšȣ@
भष
ू न बनमाला नयन ǒ–  ȡ› ȡ   Ȫ— ȡͧ  ’Ȳ Ǖ šȡšȣ@
@
कह दइु कर ‡ Ȫšȣ \ è ǓǕ  Ȫšȣ €ȯǑ¡ ǒ–ͬ’ € šɋ अनंता।
माया गुन ʙ ȡ“ ȡ Ȣ अमाना बेद पुरान भनंता।।
€ ǽ“ ȡ सुख सागर सब गुन आगर ‡ ȯǑ¡ ‚ ȡǑ¡ ȲĮ ǓǕ संता।
सो मम Ǒ¡  लागी जन अनुरागी भयउ Ĥ ‚ Š Į Ȣ€Ȳ ȡ@
@
Ħ é˜ ȡȲŒ Ǔ“ € ȡ™ ȡ Ǔ“ ͧ˜ [ माया रोम रोम ĤǓ बेद कहै ।
मम उर सो बासी यह उपहासी सन
ु त धीर ”Ǔ ͬ š न रहै ।।
उपजा जब ʙ ȡ“ ȡ Ĥ— Ǖमस
ु काना … ǐš बहुत ǒ– ͬ’ € ȧÛ¡ चहै ।
€ Ǒ¡ कथा सुहाई मातु बुझाई ‡ ȯǑ¡ Ĥ € ȡš सुत Ĥȯ˜ लहै ।।
माता ” ǕǓ“ –Ȫ› ȣ सो ˜ Ǔ Œȫ› ȣ तजहु तात यह Ǿ ” ȡ@
€ ȧ‡ Ȱͧ    Ǖ› ȣ› ȡ \ Ǔ ͪĤ™   Ȣ› ȡ यह सुख परम अनूपा।।
  ǕǓ“ बचन सुजाना रोदन ठाना होइ बालक सुरभूपा।
यह … ǐš जे ‚ ȡǑ¡ Ȳ¡ ǐš” ‘ ”ȡ Ǒ¡ Ȳते न ” šǑ¡ Ȳभवकूपा।।
दो0-ǒ–Ĥ धेनु सरु संत Ǒ¡  › ȣÛ¡ मनज
ु अवतार।
Ǔ“ ‡ ^Í † ȡ Ǔ“ ͧ˜ [ तनु माया गन
ु गो पार।।192।।
–*–*–
 Ǔ
Ǖ“ ͧ    Ǖǽ‘“ परम ͪĤ™ बानी।   Ȳħ ˜ … ͧ› आई सब रानी।।
¡ šͪŸ  जहँ तहँ ’ ȡɃ दासी। आनँद मगन सकल परु बासी।।
दसरथ ” ğǕ ‡ ۘ   ǓǕ“ काना। मानहुँ Ħ é˜ ȡ“ ‘Ȳ समाना।।
परम Ĥȯ˜ मन पुलक   šȣšȡ@चाहत उठत करत ˜ Ǔ धीरा।।
जाकर नाम सन
ु त सुभ होई। ˜ ȪšɅगह
ृ आवा Ĥ — Ǖसोई।।
परमानंद ” Ǘǐš मन राजा। कहा बोलाइ बजावहु बाजा।।
गरु –ͧ  ç‹ कहँ गयउ हँकारा। आए ɮͪ ‡ “   Ǒ¡  “ ”Ǚ ɮ ȡšȡ@
@
अनप
ु म बालक ‘ȯ ȯǔÛ¡ जाई। Ǿ ” šȡͧ  गन
ु € Ǒ¡ न ͧ  šȡ_@
@
दो0-“ Ȳ‘ ȣ˜ Ǖ सराध € ǐš जातकरम सब € ȧÛ¡ @
हाटक धेनु बसन ˜ Ǔ“ नप
ृ ǒ–Ĥ Û¡ कहँ ‘ȣÛ¡ @@ 193।।
–*–*–
ڝ ‡ पताक तोरन पुर छावा। € Ǒ¡ न जाइ ‡ ȯǑ¡ — ȡȱǓ बनावा।।
  Ǖ˜ “ – ǔǙçŠ अकास  Ʌहोई। Ħ é˜ ȡ“ Ȳ‘ मगन सब लोई।।
बंद
ृ बंद
ृ ͧ˜ ͧ› … › ȣȲलोगाई। सहज संगार ͩ€ f ȱ` Ǒ‹ धाई।।
कनक कलस मंगल ’ ǐš थारा। गावत ”Ȱ‹ Ǒ¡ Ȳभप
ू दआ
ु रा।।
€ ǐš ] šǓ “ ȯ † ȡǐš € š¡ ȣ@
Ȳ बार बार ͧ    Ǖ… š“ ǔÛ¡ ”š¡ ȣȲ@
@
मागध सूत –ȲǑ‘‚ “ गायक। पावन गुन ‚ ȡǑ¡ Ȳरघुनायक।।
  –  [ दान ‘ȣÛ¡ सब काहू। ‡ ȯǑ¡ Ȳपावा राखा “ Ǒ¡ Ȳताहू।।
मग
ृ मद चंदन कंु कुम € ȧ… ȡ@मची सकल – Ȣͬ Û¡ ǒ– … बीचा।।
दो0-गह
ृ गह
ृ बाज बधाव सभ
ु Ĥ‚ Šȯसष
ु मा कंद।
हरषवंत सब जहँ तहँ नगर “ ȡǐš नर बंदृ ।।194।।
–*–*–
कैकयसतु ा   ͧǕ˜ ğȡ दोऊ। संद
ु र सत
ु जनमत — ɇओऊ।।
वह सख
ु   Ȳ” Ǔ समय समाजा। € Ǒ¡ न सकइ सारद \ Ǒ¡ šȡ‡ ȡ@
@
\  ’ ” šǕȣ सोहइ f Ǒ¡ भाँती। Ĥ— ǑǕ¡ ͧ˜ › “ आई जनु राती।।
‘ȯͨ भानू जनु मन सकुचानी।  ‘ͪ” बनी   Ȳڙ ȡ अनुमानी।।
अगर धप ू बहु जनु \ ȱͬ’ ] šȣ@उड़इ अभीर मनहुँ \ ǽ“ ȡšȣ@@
˜ ȲǑ‘š ˜ Ǔ“ समूह जनु तारा। नप ृ गह
ृ कलस सो इंद ु उदारा।।
भवन –ȯ‘ ’ ǓǕ“ \ Ǔ मद
ृ ु बानी। जनु खग मख
ू र समयँ जनु सानी।।
कौतक
ु ‘ȯͨ पतंग भल
ु ाना। एक मास तेइँ जात न जाना।।
दो0-मास Ǒ‘  कर Ǒ‘   भा मरम न जानइ कोइ।
रथ समेत šǒ– थाकेउ Ǔ“   ȡ कवन ǒ– ͬ’ होइ।।195।।
–*–*–
यह š¡ è™ काहू “ Ǒ¡ Ȳजाना। Ǒ‘“ ˜ Ǔ“ चले करत गन
ु गाना।।
‘ȯͨ ˜ ¡ Ȫ×   सुर ˜ ǕǓ“ नागा। चले भवन बरनत Ǔ“ ‡ भागा।।
औरउ एक कहउँ Ǔ“ ‡ … Ȫšȣ@सुनु ͬ‚ ǐš‡ ȡ \ Ǔ Ǻ± ˜ Ǔ  Ȫšȣ@
@
काक —  Ǖ ȲͫǕŒ संग हम दोऊ। ˜ “ ‡Ǖ Ǿ ” जानइ “ Ǒ¡ Ȳकोऊ।।
परमानंद Ĥȯ˜   Ǖ फूले। – Ȣͬ Û¡ ͩ• šǑ¡ Ȳमगन मन भल
ू े ।।
यह सुभ … ǐš जान पै सोई। कृपा राम कै जापर होई।।
 ȯǑ¡ अवसर जो ‡ ȯǑ¡ ǒ–ͬ’ आवा। ‘ȣÛ¡ भूप जो ‡ ȯǑ¡ मन भावा।।
गज रथ तरु ग हे म गो ¡ ȣšȡ@‘ȣÛ¡ ȯनप
ृ “ ȡ“ ȡǒ–ͬ’ चीरा।।
दो0-मन संतोषे   –ǔÛ¡ के जहँ तहँ ‘ȯǑ¡ असीस।
सकल तनय ͬ… š जीवहुँ  ›Ǖ ͧ  ‘ȡ  के ईस।।196।।
–*–*–

कछुक Ǒ‘   बीते f Ǒ¡ भाँती। जात न ‡ ȡǓ“ \ Ǒ‘“ \ ǽ राती।।


नामकरन कर \   ǽ जानी। भूप – Ȫͧ› पठए ˜ ǕǓ“ ʙ ȡ“ Ȣ@
@
€ ǐš पूजा — Ǘ” Ǔ अस भाषा। ’ ǐš\ नाम जो ˜ ǕǓ“ ‚ ǕǓ“ राखा।।
^Û¡ के नाम अनेक अनप
ू ा। ˜ ɇनप
ृ कहब è ˜ Ǔ \ “ ǾǕ ” ȡ@
@
जो आनंद ͧ  ’Ȳ Ǖसख
ु रासी। सीकर  ɅğȰ
› Ȫ€ सप
ु ासी।।
सो सख
ु धाम राम अस नामा। \ ͨ › लोक दायक ǒ– Į ȡ˜ ȡ@
@
ǒ– è भरन पोषन कर जोई। ताकर नाम भरत अस होई।।
जाके   Ǖͧ˜ š“  Ʌǐš” Ǖनासा। नाम   ğ ¡Ǖ “ बेद Ĥ € ȡ  ȡ@
@
दो0-› Í † “ धाम राम ͪĤ ™ सकल जगत आधार।
‚ ǽǕ –ͧ  çŠ  ȯǑ¡ राखा › Ǔ† ˜ “ नाम उदार।।197।।
–*–*–
धरे नाम गुर ǿ‘™ ȱǒ– … ȡšȣ@बेद  ם नपृ तव सुत … ȡšȣ@
@
˜ ǓǕ“ धन जन सरबस ͧ   Ĥ ȡ“ ȡ@बाल €ȯͧ›  ȯǑ¡ Ȳसख
ु माना।।
– ȡšȯǑ¡ ते Ǔ“ ‡ Ǒ¡  ”Ǔ जानी। › Ǔ† ˜ “ राम चरन šǓ मानी।।
भरत   ğ ¡Ǖ “ दन
ू उ भाई। Ĥ— Ǖसेवक ‡ ͧ  Ĥ ȢǓ बड़ाई।।
è™ ȡ˜ गौर सुंदर दोउ ‡ Ȫšȣ@Ǔ“ š Ǒ¡ Ȳ† ǒ– जननीं तन
ृ  Ȫšȣ@
@
… ȡǐš` सील Ǿ ” गुन धामा।  ‘ͪ” \ ͬ’ € सुखसागर रामा।।
ǿ‘™ ȱ\ “ ǕĒ ¡ इंद ु Ĥ€ ȡ  ȡ@सूचत ͩ€ š“ मनोहर हासा।।
कबहुँ उछं ग कबहुँ बर पलना। मातु दलु ारइ € Ǒ¡ ͪĤ ™ ललना।।
दो0-ޙ ȡ”€ Ħ é˜ Ǔ“ šȲ‡ “ Ǔ“ ‚ “Ǖ[ ǒ– ‚  ǒ– “ Ȫ‘@
सो अज Ĥȯ˜ — ‚ Ǔ बस € ȫ  㙠ȡ के गोद।।198।।
–*–*–
काम € ȪǑŠ † ǒ– è™ ȡ˜   šȣšȡ@नील कंज –ȡǐš‘ गंभीरा।।
\ ǽ“ चरन पकंज नख जोती। कमल ‘› ǔÛ¡ बैठे जनु मोती।।
रे ख € Ǖͧ›   धवज अंकुर सोहे । नूपुर ’ ǓǕ“   ǕǓ“ ˜ ǕǓ“ मन मोहे ।।
€ ǑŠ ͩ€ Ȳͩ€ “ Ȣ उदर ğ™ रे खा। “ ȡͧ— गभीर जान ‡ ȯǑ¡ दे खा।।
भुज ǒ–   ȡ› भूषन जुत — Ǘšȣ@Ǒ¡ ™ ȱ¡ ǐš नख \ Ǔ सोभा Ǿ šȣ@
@
उर ˜ Ǔ“ ¡ ȡš ”Ǒ‘€ € ȧ सोभा। ǒ– Ĥ चरन दे खत मन लोभा।।
कंबु कंठ \ Ǔ ͬ… – €Ǖ सह
ु ाई। आनन \ ͧ˜  मदन † ǒ– छाई।।
दइु दइु दसन अधर \ ǽ“ ȡšȯ@नासा Ǔ › € को बरनै पारे ।।
सुंदर Į “   Ǖ… ȡǽ कपोला। \ Ǔ ͪĤ ™ मधरु तोतरे बोला।।
ͬ… Ȁ “ कच € ȲǕͬ…  गभुआरे । बहु Ĥ € ȡš šͬ… मातु सँवारे ।।
पीत ˆ ‚ ͧǕ› ] तनु ”Ǒ¡ šȡ_@जानु ” ȡǓ“ ǒ– … šǓ“ ˜ ȪǑ¡ भाई।।
Ǿ ”   € Ǒ¡ Ȳ“ Ǒ¡ Ȳ€ Ǒ¡ Į ǓǕ सेषा। सो जानइ सपनेहुँ ‡ ȯǑ¡ दे खा।।
दो0-सख ु संदोह मोहपर ʙ ȡ“ ͬ‚ šȡ गोतीत।
‘Ȳ” Ǔ परम Ĥȯ˜ बस कर ͧ    Ǖ… ǐš पुनीत।।199।।
–*–*–
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ राम जगत ͪ” Ǖमाता। कोसलपुर – ȡͧ  Û¡ सुखदाता।।
ǔ‡ Û¡ रघुनाथ चरन šǓ मानी। Ǔ Û¡ € ȧ यह ‚ Ǔ Ĥ‚ Š भवानी।।
šƒ Ǖ” Ǔ ǒ–˜ Ǖ जतन कर € Ȫšȣ@कवन सकइ भव बंधन † Ȫšȣ@
@
जीव चराचर बस कै राखे। सो माया Ĥ — Ǖ  ɉ भय भाखे।।
— €ǙǕǑŠ ǒ–› ȡ  नचावइ  ȡ¡ ȣ@अस Ĥ— Ǖ† ȡͫ° भिजअ कहु € ȡ¡ ȣ@ @
मन Đ ˜ बचन † ȡͫ° चतरु ाई। भजत कृपा € ǐš¡ Ǒ¡ Ȳरघरु ाई।।
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ ͧ    Ǖǒ–“ Ȫ‘ Ĥ— Ǖ€ ȧÛ¡ ȡ@सकल “ ‚ š–ȡͧ  Û¡ सुख ‘ȣÛ¡ ȡ@
@
लै उछं ग कबहुँक हलरावै। कबहुँ ” ȡ› “ Ʌƒ ȡͧ› झुलावै।।
दो0-Ĥȯ˜ मगन € ȫ  㙠ȡ Ǔ“ ͧ  Ǒ‘“ जात न जान।
सतु सनेह बस माता –ȡ› … ǐš कर गान।।200।।
–*–*–
एक बार जननीं \ Û¡ ȡf @€ ǐš ͧ  ‚Ȳ ȡš पलनाँ पौढ़ाए।।

Ǔ“ ‡ कुल ^犑ȯ भगवाना। पूजा हे तु € ȧÛ¡ \ è“ ȡ“ ȡ@


@
€ ǐš पूजा “ Ȱ– ȯɮ ™ चढ़ावा। आपु गई जहँ पाक बनावा।।
–¡ Ǖǐš मातु तहवाँ … ͧ› आई। भोजन करत दे ख सुत जाई।।
गै जननी ͧ    Ǖ”Ǒ¡ Ȳभयभीता। दे खा बाल तहाँ ” ǓǕ“ सत
ू ा।।
– ¡ Ǖǐš आइ दे खा सत
ु सोई। ǿ‘™ ȱकंप मन धीर न होई।।
इहाँ उहाँ दइु बालक दे खा। ˜ Ǔ ħ ˜ मोर ͩ€ आन ǒ–   ȯŸ ȡ@
@
‘ȯͨ राम जननी अकुलानी। Ĥ — Ǖ¡ ȱͧ  ‘ȣÛ¡ मधरु मुसुकानी।।
दो0-दे खरावा ˜ ȡ Ǒ¡ Ǔ“ ‡ अदभुत ǽ” अखंड।
रोम रोम ĤǓ लागे € ȪǑŠ € ȪǑŠ Ħ é˜ ȲŒ @
@201।।
–*–*–
\ ‚ Ǔ“  šǒ–   ͧ  ͧ   चतरु ानन। बहु ͬ‚ ǐš   ǐš ͧ  ’Ȳ Ǖ˜ Ǒ¡
कानन।।
काल € ˜ [गुन ʙ ȡ“ सुभाऊ। सोउ दे खा जो सुना न काऊ।।
दे खी माया सब ǒ–ͬ’ ‚ ȡ±ȣ@\ Ǔ सभीत ‡ ȪšɅकर ‹ ȡ±ȣ@
@
दे खा जीव नचावइ ‡ ȡ¡ ȣ@दे खी — ‚ Ǔ जो छोरइ  ȡ¡ ȣ@
@
तन ” ›Ǖ ͩ€  मख
ु बचन न आवा। नयन ˜ ǑǗ‘ … š“ Ǔ“ ͧ  ǽ नावा।।
ǒ–   ˜ ™  Ȳ ‘ȯͨ ˜ ¡  ȡšȣ@भए – ¡ Ǖǐš ͧ    ǾǕ ”  šȡšȣ@
@
\ è ǓǕ € ǐš न जाइ भय माना। जगत ͪ” ȡ ˜ ɇसत ु € ǐš जाना।।
¡ ǐš ‡ “ Ǔ“ –¡ Ǖǒ–ͬ’ समुझाई। यह ‡ Ǔ“ कतहुँ € ¡ ͧ  सुनु माई।।
दो0-बार बार € ȫ  㙠ȡ ǒ– “ ™ करइ कर ‡ Ȫǐš@
@
अब ‡ Ǔ“ कबहूँ ޙ ȡ” ȰĤ — Ǖ˜ ȪǑ¡ माया  Ȫǐš@
@202।।
–*–*–
–ȡ› … ǐš ¡ ǐš –¡ Ǖǒ–ͬ’ € ȧÛ¡ ȡ@\ Ǔ अनंद ‘ȡ  Û¡ कहँ ‘ȣÛ¡ ȡ@
@
कछुक काल –Ȣ Ʌसब भाई। बड़े भए ” ǐš‡ “ सुखदाई।।
चड़
ू ाकरन € ȧÛ¡ ‚ ǽǕ जाई। ǒ– ĤÛ¡ ” ǓǕ“ ‘Ǔ† “ ȡ बहु पाई।।
परम मनोहर … ǐš अपारा। करत ͩ• š … ȡǐš` सक
ु ु मारा।।
मन Đ ˜ बचन अगोचर जोई। दसरथ अिजर ǒ– … š Ĥ— Ǖसोई।।
भोजन करत बोल जब राजा। “ Ǒ¡ Ȳआवत तिज बाल समाजा।।
€ ȫ  㙠ȡ जब बोलन जाई। ठुमकु ठुमकु Ĥ— Ǖ… › Ǒ¡ Ȳपराई।।
Ǔ“ ‚ ˜ “ ȯǓ ͧ   अंत न पावा।  ȡǑ¡ धरै जननी ¡ Ǒ‹ धावा।।
धरू स ’ ǐǗš — šɅतनु आए। — ”Ǘ Ǔ ǒ–¡ ͧ  गोद बैठाए।।
दो0-भोजन करत चपल ͬ…  इत उत \    ǽ पाइ।
भािज चले ͩ€ › €  मुख ‘ͬ’ ओदन लपटाइ।।203।।
–*–*–
–ȡ› … ǐš \ Ǔ सरल सुहाए। सारद सेष संभु Į ǓǕ गाए।।
िजन कर मन ^Û¡ सन “ Ǒ¡ Ȳराता। ते जन – Ȳͬ…  ͩ€ f ǒ–’ ȡ ȡ@
@
भए कुमार ‡ – Ǒ¡ Ȳसब ħ ȡ ȡ@‘ȣÛ¡ जनेऊ ‚ Ǖǽ ͪ”  Ǖमाता।।
गरु गह
ृ ँ गए पढ़न रघरु ाई। अलप काल ǒ– ɮ™ ȡ सब आई।।
‡ ȡ€ ȧ सहज èȡ  Į ǓǕ … ȡšȣ@सो ¡ ǐš पढ़ यह कौतक
ु — ȡšȣ@
@
ǒ– ɮ™ ȡ ǒ–“ ™ Ǔ“ ” “Ǖ गन
ु सीला।  ȯ› Ǒ¡ Ȳखेल सकल “ ”Ǚ › ȣ› ȡ@
@
करतल बान धनुष \ Ǔ सोहा। दे खत Ǿ ” चराचर मोहा।।
ǔ‡ Û¡ –Ȣͬ Û¡ ǒ– ¡ šǑ¡ Ȳसब भाई।  ͩ€  ¡ ȪǑ¡ Ȳसब लोग लुगाई।।
दो0- कोसलपुर बासी नर “ ȡǐš – ƨǙ \ ǽ बाल।
Ĥ ȡ“ ¡ Ǖते ͪĤ™ लागत सब कहुँ राम कृपाल।।204।।
–*–*–
बंधु सखा संग › ȯǑ¡ Ȳबोलाई। बन मग ृ या Ǔ“   ȯ› Ǒ¡ Ȳजाई।।
पावन मग
ृ ˜ ȡšǑ¡ Ȳिजयँ जानी। Ǒ‘“ ĤǓ “ ”Ǚ Ǒ¡ ‘ȯ ȡ Ǒ¡ Ȳआनी।।
जे मग
ृ राम बान के मारे । ते तनु तिज सरु लोक ͧ  ’ ȡšȯ@
@
अनुज सखा सँग भोजन € š¡ ȣȲ@मातु ͪ” ȡ \ ʙ ȡ \ “ Ǖ  š¡ ȣȲ@
@
‡ ȯǑ¡ ǒ–ͬ’ सुखी ¡ ȪǑ¡ Ȳपुर लोगा। € šǑ¡ Ȳ€ Ǚ” ȡǓ“ ͬ’ सोइ संजोगा।।
बेद पुरान   Ǖ“ Ǒ¡ Ȳमन लाई। आपु € ¡ Ǒ¡ Ȳ\ “ Ǖ‡ Û¡ समुझाई।।
Ĥ ȡ € ȡ› ` Ǒ‹ कै रघन
ु ाथा। मातु ͪ”  ȡ ‚ ǽǕ “ ȡǑ¡ Ȳमाथा।।
आयसु ˜ ȡͬ‚ € šǑ¡ Ȳपरु काजा। ‘ȯͨ … ǐš हरषइ मन राजा।।
दो0-ޙ ȡ” € अकल अनीह अज Ǔ“ ‚ “Ǖ[ नाम न Ǿ ”@
भगत हे तु नाना ǒ–ͬ’ करत … ǐšğ अनूप।।205।।
–*–*–
यह सब … ǐš कहा ˜ ɇगाई। ] ͬ‚ ͧ› कथा सुनहु मन लाई।।
ǒ– èȡͧ˜ ğ ˜ ¡ ȡ˜ ǕǓ“ ʙ ȡ“ Ȣ@–   Ǒ¡ ǒ– ͪ”“ सुभ ] Į ˜ जानी।।
जहँ जप ‡ ʙ ˜ ǕǓ“ € š¡ ȣ@\ Ǔ ˜ ȡšȣ…   Ǖ– ȡ¡ ǕǑ¡ Œš¡ ȣȲ@
@
दे खत ‡ ʙ Ǔ“   ȡ… š ’ ȡǑ¡ @€ šǑ¡ ` ” ġ ˜ ǓǕ“ दख
ु ” ȡ Ǒ¡ @
Ȳ@
‚ ȡͬ’  “ ™ मन ͬ… Ȳ ȡ ޙ ȡ”Ȣ@¡ ǐš ǒ– “ Ǖ˜ šǑ¡ न Ǔ“ ͧ  … š पापी।।
तब ˜ ǓǕ“ š मन € ȧÛ¡ ǒ–… ȡšȡ@Ĥ — Ǖअवतरे उ हरन ˜ Ǒ¡ भारा।।
एहुँ ͧ˜   ‘ȯ ɋ पद जाई। € ǐš ǒ–“  Ȣ आनौ दोउ भाई।।
ʙ ȡ“ ǒ–šȡ‚ सकल गुन अयना। सो Ĥ — Ǖमै दे खब — ǐš नयना।।
दो0-–¡ Ǖǒ–ͬ’ करत मनोरथ जात › ȡͬ‚ “ Ǒ¡ Ȳबार।
€ ǐš ˜ Ï ‡ “ सरऊ जल गए भपू दरबार।।206।।
–*–*–
˜ ǓǕ“ आगमन सुना जब राजा। ͧ˜ › “ गयऊ लै ǒ– Ĥ समाजा।।
€ ǐš दं डवत ˜ ǓǕ“ Ǒ¡ सनमानी। Ǔ“ ‡ आसन –Ȱ‹ ȡšȯǔÛ¡ आनी।।
चरन ” ȡǐš € ȧǔÛ¡ \ Ǔ पज
ू ा। मो सम आजु ’ ۙ “ Ǒ¡ Ȳदज
ू ा।।
ǒ–ǒ–’ — ȡȱ
Ǔ भोजन करवावा। ˜ ǕǓ“  š ǿ‘™ ȱहरष \ Ǔ पावा।।
” ǕǓ“ … š“ Ǔ“ मेले सुत … ȡšȣ@राम ‘ȯͨ ˜ ǕǓ“ दे ह ǒ–  ȡšȣ@
@
भए मगन दे खत मुख सोभा। जनु चकोर पूरन   ͧ  लोभा।।
तब मन ¡ šͪŸ बचन कह राऊ। ˜ ǓǕ“ अस कृपा न € ȧǔÛ¡ ¡ Ǖकाऊ।।
€ȯǑ¡ कारन आगमन  à
Ǖ ¡ ȡšȡ@कहहु सो करत न लावउँ बारा।।
असुर समूह    ȡǑ¡ Ȳ˜ Ȫ¡ ȣ@मै जाचन आयउँ नप
ृ  Ȫ¡ ȣ@
@
अनुज समेत दे हु रघुनाथा। Ǔ“ ͧ  … š बध ˜ ɇहोब सनाथा।।
दो0-दे हु भूप मन ¡ šͪŸ  तजहु मोह \ ʙ ȡ“ @
’ ˜ [सज
ु स Ĥ— Ǖ à
Ǖ ¡ € ɋ ^Û¡ कहँ \ Ǔ € 㙠ȡ“ @
@207।।
–*–*–
  ǕǓ“ राजा \ Ǔ \ ͪĤ ™ बानी। ǿ‘™ कंप मुख ‘ ǓǕ कुमुलानी।।
… ȫ Ʌ” “ पायउँ सत
ु … ȡšȣ@ǒ– Ĥ बचन “ Ǒ¡ Ȳकहे हु ǒ– … ȡšȣ@
@
मागहु — ͧǗ˜ धेनु धन कोसा।   –  [ दे उँ आजु सहरोसा।।
दे ह Ĥȡ“  ɅͪĤ™ कछु “ ȡ¡ ȣ@सोउ ˜ ǓǕ“ दे उँ Ǔ“ ͧ˜ Ÿ एक ˜ ȡ¡ ȣ@
@
सब सुत ͪĤ ™ ˜ ȪǑ¡ Ĥȡ“ ͩ€ “ ȡɃ@राम दे त “ Ǒ¡ Ȳबनइ गोसाई।।
कहँ Ǔ“ ͧ  … š \ Ǔ घोर कठोरा। कहँ सुंदर सुत परम ͩ€   Ȫšȡ@
@
  ǕǓ“ नप
ृ ͬ‚ šȡ Ĥȯ˜ रस सानी। ǿ‘™ ȱहरष माना ˜ ǕǓ“ ʙ ȡ“ Ȣ@
@
तब –ͧ  çŠ बहु Ǔ“ ͬ’ समझ
ु ावा। नप
ृ संदेह नास कहँ पावा।।
\ Ǔ आदर दोउ तनय बोलाए। ǿ‘™ ȱलाइ बहु — ȡȱǓ ͧ   ȡf @@
मेरे Ĥ ȡ“ नाथ सुत दोऊ।  à
Ǖ ¡ ˜ ǕǓ“ ͪ” ȡ आन “ Ǒ¡ Ȳकोऊ।।
दो0-  ɋ”ȯभूप ǐšͪŸ Ǒ¡ सुत बहु ǒ– ͬ’ दे इ असीस।
जननी भवन गए Ĥ— Ǖचले नाइ पद सीस।।208(क)।।
सो0-” ǽǕ Ÿͧ  ¡Ȳ दोउ बीर ¡ šͪŸ चले ˜ ǓǕ“ भय हरन।।
€ Ǚ”ȡͧ  ’Ȳ Ǖ˜ Ǔ ’ Ȣš \ ͨ › ǒ–è कारन करन।।208(ख)
–*–*–
\ ǽ“ नयन उर बाहु ǒ–  ȡ› ȡ@नील जलज तनु è™ ȡ˜ तमाला।।
€ ǑŠ पट पीत €   Ʌबर भाथा। ǽͬ… š चाप सायक दहु ु ँ हाथा।।
è™ ȡ˜ गौर सुंदर दोउ भाई। ǒ–è– ȡͧ˜ ğ ˜ ¡ ȡǓ“ ͬ’ पाई।।
Ĥ — ǕĦ é˜ Û™ ‘ȯ मै जाना। ˜ ȪǑ¡ Ǔ“ Ǔ ͪ”  ȡ तजेहु भगवाना।।
चले जात ˜ ǕǓ“ ‘ȣǔÛ¡ Ǒ‘ ȡ_@  ǕǓ“ ताड़का Đ Ȫ’ € ǐš धाई।।
f € Ǒ¡ Ȳबान Ĥȡ“ ¡ ǐš › ȣÛ¡ ȡ@‘ȣ“ ‡ ȡǓ“  ȯǑ¡ Ǔ“ ‡ पद ‘ȣÛ¡ ȡ@
@
तब ǐšͪŸ Ǔ“ ‡ “ ȡ Ǒ¡ िजयँ … ȢÛ¡ ȣ@ǒ– ɮ™ ȡǓ“ ͬ’ कहुँ ǒ–ɮ™ ȡ ‘ȣÛ¡ ȣ@
@
जाते लाग न छुधा ͪ””ȡ  ȡ@\  ͧǕ›  बल तनु तेज Ĥ € ȡ  ȡ@ @
दो0-आयुष सब   ˜ ͪ” [कै Ĥ — ǕǓ“ ‡ ] Į ˜ ] Ǔ“ @
कंद मूल फल भोजन ‘ȣÛ¡ — ‚ Ǔ Ǒ¡  ‡ ȡǓ“ @ @209।।
–*–*–
Ĥȡ कहा ˜ ǕǓ“ सन रघुराई। Ǔ“ — ™[ ‡ ʙ करहु  à
Ǖ ¡ जाई।।
होम करन लागे ˜ ǕǓ“ ˆ ȡšȣ@आपु रहे मख € ȧȲš  ȡšȣ@
@
  ǕǓ“ ˜ ȡšȣ… Ǔ“   ȡ… š Đ Ȫ¡ ȣ@लै सहाय धावा ˜ ǕǓ“ ġȪ¡ ȣ@
@
ǒ– “ Ǖफर बान राम  ȯǑ¡ मारा। सत जोजन गा सागर पारा।।
पावक सर सब
ु ाहु ” ǓǕ“ मारा। अनज
ु Ǔ“   ȡ… š कटकु सँघारा।।
˜ ȡǐš असुर ɮͪ‡ Ǔ“ ˜ ™[ € ȡšȣ@\ è ǓǕ € šǑ¡ Ȳदे व ˜ ǕǓ“ ˆ ȡšȣ@
@
तहँ ” ǕǓ“ कछुक Ǒ‘  रघुराया। रहे € ȧǔÛ¡ ǒ– Ĥ Û¡ पर दाया।।
— ‚ Ǔ हे तु बहु कथा पुराना। कहे ǒ– Ĥ ‡ ɮ™ ͪ” Ĥ— Ǖजाना।।
तब ˜ ǓǕ“ सादर कहा बझ ु ाई। … ǐš एक Ĥ — Ǖ‘ȯͨ \ जाई।।
’ “ ŸǕ ‡ ʙ ˜ ǓǕ“ रघक
ु ु ल नाथा। ¡ šͪŸ चले ˜ ǓǕ“ – š के साथा।।
] Į ˜ एक ‘ȣ मग ˜ ȡ¡ ȣȲ@खग मग
ृ जीव जंतु तहँ “ ȡ¡ ȣȲ@
@
पूछा ˜ ǕǓ“ Ǒ¡ ͧ  › ȡ Ĥ— Ǖदे खी। सकल कथा ˜ ǕǓ“ कहा ǒ–  ȯŸ Ȣ@
@
दो0-गौतम “ ȡǐš Į ȡ” बस उपल दे ह ’ ǐš धीर।
चरन कमल रज … ȡ¡ Ǔ कृपा करहु रघुबीर।।210।।
–*–*–
छं 0-परसत पद पावन सोक नसावन Ĥ ‚ Š भई तपपंज ु   ¡ ȣ@
दे खत रघुनायक जन सुख दायक सनमुख होइ कर ‡ Ȫǐš š¡ ȣ@
@
\ Ǔ Ĥȯ˜ अधीरा पुलक   šȣšȡ मुख “ Ǒ¡ Ȳआवइ बचन € ¡ ȣ@
\ Ǔ   ™ बड़भागी … š“ ǔÛ¡ लागी जुगल नयन जलधार –¡ ȣ@
@
धीरजु मन € ȧÛ¡ ȡ Ĥ— Ǖकहुँ … ȢÛ¡ ȡ šƒ ”Ǖ Ǔ कृपाँ — ‚ Ǔ पाई।
\ Ǔ Ǔ“ ˜ ›[ बानीं \ è ǓǕ ठानी ʙ ȡ“ ‚ à™ जय रघरु ाई।।
मै “ ȡǐš अपावन Ĥ— Ǖजग पावन रावन ǐš” Ǖजन सख
ु दाई।
राजीव ǒ–› Ȫ… “ भव भय मोचन ” ȡǑ¡ ” ȡǑ¡   š“ Ǒ¡ Ȳआई।।
˜ ǕǓ“ Į ȡ” जो ‘ȣÛ¡ ȡ \ Ǔ भल € ȧÛ¡ ȡ परम \ “ ǕĒ ¡ ˜ ɇमाना।
दे खेउँ — ǐš लोचन ¡ ǐš भवमोचन इहइ लाभ संकर जाना।।
ǒ–“  Ȣ Ĥ— Ǖ˜ Ȫšȣ ˜ ɇ˜ Ǔ — Ȫšȣ नाथ न मागउँ बर आना।
पद कमल परागा रस अनरु ागा मम मन मधप
ु करै पाना।।
‡ ȯǑ¡ Ȳपद   Ǖš  ǐš ȡ परम पुनीता Ĥ ‚ Š भई ͧ   सीस ’ šȣ@
सोइ पद पंकज ‡ ȯǑ¡ पूजत अज मम ͧ  š धरे उ कृपाल ¡ šȣ@
@
f Ǒ¡ — ȡȱǓ ͧ  ’ ȡšȣ गौतम “ ȡšȣ बार बार ¡ ǐš चरन ” šȣ@
जो \ Ǔ मन भावा सो –ǽ पावा गै ” Ǔ › Ȫ€ अनंद — šȣ@
@
दो0-अस Ĥ— Ǖ‘ȣ“ –Ȳ’ Ǖ¡ ǐš कारन šǑ¡  दयाल।
 ›Ǖ ͧ  ‘ȡ  सठ  ȯǑ¡ भजु † ȡͫ° कपट जंजाल।।211।।
मासपारायण, सातवाँ ͪ Į ȡ˜
–*–*–
चले राम › Ǔ† ˜ “ ˜ ǕǓ“ संगा। गए जहाँ जग ” ȡ Ǔ“ गंगा।।
‚ ȡͬ’   Ǘ“ Ǖसब कथा सुनाई। ‡ ȯǑ¡ Ĥ€ ȡš   Ǖš  ǐš ˜ Ǒ¡ आई।।
तब Ĥ— ǕǐšͪŸÛ¡ समेत नहाए। ǒ–ǒ– ’ दान ˜ Ǒ¡ ‘ȯ ǔÛ¡ पाए।।
¡ šͪŸ चले ˜ ǓǕ“ बंद
ृ सहाया। –ȯͬ‚ ǒ–‘ȯ¡ नगर Ǔ“ \ šȡ™ ȡ@
@
परु šà™  ȡ राम जब दे खी। हरषे अनज
ु समेत ǒ–  ȯŸ Ȣ@
@
बापीं कूप   ǐš सर नाना।   ͧ› › सध
ु ासम ˜ Ǔ“ सोपाना।।
गुंजत मंजु ˜ ׏ रस भंग
ृ ा। कूजत कल बहुबरन ǒ– ¡ Ȳ‚ ȡ@
@
बरन बरन ǒ–€   ȯबन जाता। ǒğǒ–’ समीर सदा सुखदाता।।
दो0-सुमन – ȡǑŠ€ ȡ बाग बन ǒ– ” Ǖ› ǒ– ¡ Ȳ‚ Ǔ“  ȡ  @
फूलत फलत   ”Ǖ 㛠 सोहत परु चहुँ पास।।212।।
–*–*–
बनइ न बरनत नगर Ǔ“ € ȡ_@जहाँ जाइ मन तहँइँ लोभाई।।
… ȡǽ –‡ ȡǽ ǒ–ͬ… ğ \ ȱ– ȡšȣ@˜ Ǔ“ ˜ ™ ǒ– ͬ’ जनु è € š   ȱ ȡšȣ@
@
’ Ǔ“ € –Ǔ“ € बर धनद समाना। बैठ सकल – è Ǖलै नाना।।
चौहट सुंदर ‚ › ȣȲसुहाई। संतत š¡ Ǒ¡ Ȳसुगंध ͧ  …Ȳ ȡ_@
@
मंगलमय ˜ ȲǑ‘š सब €ȯšɅ@ͬ… ǒğ जनु šǓ “ ȡ ͬ…  ȯšɅ@
@
पुर नर “ ȡǐš सुभग   Ǖͬ… संता। धरमसील ʙ ȡ“ Ȣ गुनवंता।।
\ Ǔ अनप
ू जहँ जनक Ǔ“ ȡ  @
Ǘ ǒ– € Ǒ¡ Ȳǒ– – ’Ǖ ǒ– › Ȫͩ€ ǒ– › ȡ  @
Ǘ@
होत … ͩ€  ͬ…  कोट ǒ–› Ȫ€ ȧ@सकल भव
ु न सोभा जनु šȪ€ ȧ@
@
दो0-धवल धाम ˜ Ǔ“ परु ट पट   ƒǕ ǑŠ नाना — ȡȱǓ @
ͧ  ™ Ǔ“  ȡ  सुंदर सदन सोभा ͩ€ ͧ˜ € Ǒ¡ ‡ ȡǓ @
@213।।
–*–*–
सुभग ɮȡš सब € Ǖͧ›   कपाटा। भूप भीर नट मागध भाटा।।
बनी ǒ–  ȡ› बािज गज साला। हय गय रथ संकुल सब काला।।
सूर   ͬ…  सेनप बहुतेरे। नप
ृ गह
ृ   ǐš  सदन सब केरे ।।
परु बाहे र सर   ȡǐš समीपा। उतरे जहँ तहँ ǒ– ” ›Ǖ ˜ ¡ ȣ” ȡ@
@
‘ȯͨ अनप
ू एक अँवराई। सब सप
ु ास सब — ȡȱǓ सह
ु ाई।।
€ ȫͧ  € कहे उ मोर मनु माना। इहाँ šǑ¡ \ रघब
ु ीर सज
ु ाना।।
— › ȯǑ¡ Ȳनाथ € Ǒ¡ € Ǚ”ȡǓ“ €ȯ ȡ@उतरे तहँ ˜ ǕǓ“ – Ȳ‘Ǚ समेता।।
ǒ– èȡͧ˜ ğ ˜ ¡ ȡ˜ ǕǓ“ आए। समाचार ͧ˜ ͬ › ȡ” Ǔ पाए।।
दो0-संग   ͬ…    Ǖͬ… — Ǘǐš भट भूसुर बर गुर ʙ ȡǓ @
चले ͧ˜ › “ ˜ ǓǕ“ “ ȡ™ € Ǒ¡ ˜ ǑǕ‘ राउ f Ǒ¡ — ȡȱǓ @
@214।।
–*–*–
€ ȧÛ¡ Ĥ “ ȡ˜ Ǖचरन ’ ǐš माथा। ‘ȣǔÛ¡ असीस ˜ ǑǕ‘ ˜ ǕǓ“ “ ȡ ȡ@ @
ǒ–Ĥ – Ȳ‘Ǚ सब सादर बंदे। ‡ ȡǓ“ — ȡʙ बड़ राउ अनंदे।।
कुसल Ĥ è“ € Ǒ¡ –ȡšǑ¡ Ȳबारा। ǒ– èȡͧ˜ ğ “ ”Ǚ Ǒ¡ बैठारा।।
 ȯǑ¡ अवसर आए दोउ भाई। गए रहे दे खन फुलवाई।।
è™ ȡ˜ गौर मद
ृ ु बयस ͩ€   Ȫšȡ@लोचन सुखद ǒ–è ͬ…  चोरा।।
उठे सकल जब šƒ Ǖ” Ǔ आए। ǒ– èȡͧ˜ ğ Ǔ“ € Š बैठाए।।
भए सब सख
ु ी ‘ȯͨ दोउ ħ ȡ ȡ@–ȡǐš ǒ– › Ȫ… “ ” ›Ǖ ͩ€  गाता।।
˜ šǗǓ मधरु मनोहर दे खी। भयउ ǒ–‘ȯ¡ Ǖǒ–‘ȯ¡ Ǖǒ–  ȯŸ Ȣ@@
दो0-Ĥȯ˜ मगन मनु ‡ ȡǓ“ नप ृ ु € ǐš ǒ––ȯ€ Ǖ ’ ǐš धीर।
बोलेउ ˜ ǕǓ“ पद नाइ ͧ  ǽ गदगद ͬ‚ šȡ गभीर।।215।।
–*–*–
कहहु नाथ सुंदर दोउ बालक। ˜ ǕǓ“ € Ǖ› Ǔ › € ͩ€ नप
ृ कुल पालक।।
Ħ é˜ जो Ǔ“ ‚ ˜ “ ȯǓ € Ǒ¡ गावा। उभय बेष ’ ǐš € ȧ सोइ आवा।।
सहज ǒ–šȡ‚ ǽ” मनु मोरा।  ͩ€  होत ǔ‡ ͧ˜ चंद चकोरा।।
ताते Ĥ— Ǖपछ ू उँ   Ǔ — ȡa @कहहु नाथ ‡ Ǔ“ करहु दरु ाऊ।।
^Û¡ Ǒ¡ ǒ– › Ȫ€  \ Ǔ अनरु ागा। बरबस Ħé˜   Ǖ Ǒ¡ मन י ȡ‚ ȡ@@
कह ˜ ǓǕ“ ǒ–¡ ͧ  कहे हु नप
ृ नीका। बचन  à
Ǖ ¡ ȡš न होइ \ › ȣ€ ȡ@ @
ए ͪĤ™   –Ǒ¡ जहाँ › ͬ‚ Ĥȡ“ Ȣ@मन ˜ Ǖ  Ǖ€ ȡǑ¡ Ȳरामु   ǕǓ“ बानी।।
रघुकुल ˜ Ǔ“ दसरथ के जाए। मम Ǒ¡  › ȡͬ‚ नरे स पठाए।।
दो0-रामु लखनु दोउ बंधब
ु र Ǿ ” सील बल धाम।
मख राखेउ सबु   ȡͨ जगु िजते असरु   ȲĒ ȡ˜ @
@216।।
–*–*–

˜ ǓǕ“ तव चरन ‘ȯͨ कह राऊ। € Ǒ¡ न सकउँ Ǔ“ ‡ ” Û


Ǖ™ Ĥ ȡ— ȡa @
@
सुंदर è™ ȡ˜ गौर दोउ ħ ȡ ȡ@आनँदहू के आनँद दाता।।
^Û¡ कै ĤȢǓ परसपर ”ȡǓ“ @€ Ǒ¡ न जाइ मन भाव   Ǖ¡ ȡǓ“ @
@
सुनहु नाथ कह ˜ ǕǑ‘ ǒ–‘ȯ¡ Ǘ@Ħ é˜ जीव इव सहज सनेहू।।
” ǓǕ“ ” ǓǕ“ Ĥ — ǑǕ¡ ͬ…   नरनाहू। पल
ु क गात उर \ ͬ’ € उछाहू।।
Ĩ ǓǕ“ Ǒ¡ Ĥ  Ȳͧ  नाइ पद सीस।ू चलेउ लवाइ नगर अवनीस।ू ।
सुंदर सदनु सुखद सब काला। तहाँ बासु लै ‘ȣÛ¡ भुआला।।
€ ǐš पूजा सब ǒ–ͬ’ सेवकाई। गयउ राउ गह
ृ ǒ– ‘ȡ कराई।।
दो0-ǐšŸ™ संग रघुबंस ˜ Ǔ“ € ǐš भोजनु ǒ–Į ȡ˜ Ǖ@
बैठे Ĥ— Ǖħ ȡ ȡ   Ǒ¡  Ǒ‘  Ǖरहा — ǐš जाम।ु ।217।।
–*–*–
लखन ǿ‘™ ȱलालसा ǒ–  ȯŸ Ȣ@जाइ जनकपरु आइअ दे खी।।
Ĥ — Ǖभय –¡ Ǖǐš ˜ ǓǕ“ Ǒ¡   € Ǖ… ȡ¡ ȣȲ@Ĥ ‚ Š न € ¡ Ǒ¡ Ȳ˜ “ Ǒ¡ Ȳ˜  Ǖ €Ǖ ȡ¡ ȣȲ@
@
राम अनुज मन € ȧ ‚ Ǔ जानी। भगत बछलता Ǒ¡ ™Ȳ ȱहुलसानी।।
परम ǒ–“ Ȣ   € Ǖͬ… मुसुकाई। बोले गुर अनुसासन पाई।।
नाथ लखनु ” Ǖǽ दे खन … ¡ ¡ ȣȲ@Ĥ — Ǖसकोच डर Ĥ ‚ Š न € ¡ ¡ ȣ@
Ȳ@
‡ ɋ राउर आयसु ˜ ɇ”ȡ ɋ@नगर दे खाइ तरु त लै आवौ।।
  ǓǕ“ मन
ु ीसु कह बचन   ĤȢ Ȣ@कस न राम  à Ǖ ¡ राखहु नीती।।
धरम सेतु पालक  à
Ǖ ¡ ताता। Ĥȯ˜ ǒ––   सेवक सख ु दाता।।
दो0-जाइ दे खी आवहु “ ‚ ǽ सुख Ǔ“ ’ ȡ“ दोउ भाइ।
करहु सुफल सब के नयन सुंदर बदन दे खाइ।।218।।
मासपारायण, आठवाँ ͪĮ ȡ˜
“  ȡÛ¡ ”ȡšȡ™ Ž , दस
ू रा ͪ Į ȡ˜
–*–*–
˜ ǓǕ“ पद कमल –ȲǑ‘ दोउ ħ ȡ ȡ@चले लोक लोचन सुख दाता।।
बालक – ȲǑǙ‘ ‘ȯͨ \ Ǔ सोभा। लगे संग लोचन मनु लोभा।।
पीत बसन ”ǐš€ š € ǑŠ भाथा। … ȡǽ चाप सर सोहत हाथा।।
तन अनुहरत सुचद
ं न  Ȫšȣ@è™ ȡ˜ › गौर मनोहर ‡ Ȫšȣ@
@
€ȯ¡ ǐš कंधर बाहु ǒ–  ȡ› ȡ@उर \ Ǔ ǽͬ… š “ ȡ‚ ˜ Ǔ“ माला।।
सुभग सोन   š  Ȣǽ¡ लोचन। बदन मयंक  ȡ”ğ™ मोचन।।
€ ȡ“ ǔÛ¡ कनक फूल † ǒ– ‘ȯ¡ ȣȲ@ͬ…    ͬ…  Ǒ¡ … Ȫǐš जनु › ȯ¡ ȣȲ@
@
ͬ…   Ǔ“ … ȡǽ — €ǙǕǑŠ बर – ȡȱ€ ȧ@Ǔ › € रे खा सोभा जनु … ȡ€ȱ ȧ@
@
दो0-ǽͬ… š चौतनीं सुभग ͧ  š मेचक € ȲǕͬ…  केस।
नख ͧ   सुंदर बंधु दोउ सोभा सकल सुदेस।।219।।
–*–*–
दे खन “ ‚ ǽ भूपसुत आए। समाचार ” Ǖš–ȡͧ  Û¡ पाए।।
धाए धाम काम सब י ȡ‚ Ȣ@मनहु रं क Ǔ“ ͬ’ लूटन लागी।।
Ǔ“ šͨ सहज सुंदर दोउ भाई। ¡ ȪǑ¡ Ȳसुखी लोचन फल पाई।।
जब
ु तीं भवन ˆ šȪ ǔÛ¡ लागीं। Ǔ“ š Ǒ¡ Ȳराम Ǿ ” अनरु ागीं।।
€ ¡ Ǒ¡ Ȳपरसपर बचन   ĤȢ Ȣ@  ͨ ^Û¡ € ȪǑŠ काम † ǒ– जीती।।
सरु नर असरु नाग ˜ ǓǕ“ ˜ ȡ¡ ȣȲ@सोभा \ ͧ  कहुँ   ǓǕ“ \ Ǔ “ ȡ¡ ȣȲ@
@
ǒ– ç“ Ǖ… ȡǐš भुज ǒ–Ǔƒ मुख … ȡšȣ@ǒ– € Š बेष मुख पंच ” Ǖšȡšȣ@ @
अपर दे उ अस कोउ न ] ¡ ȣ@यह † ǒ–   ͨ ”Š ǐš\ ‡ ȡ¡ ȣ@
@
दो0-बय ͩ€   Ȫš सुषमा सदन è™ ȡ˜ गौर सुख घाम ।
अंग अंग पर  ȡǐš\ Ǒ¡ Ȳ€ ȪǑŠ € ȪǑŠ सत काम।।220।।
–*–*–
कहहु सखी अस को  “ Ǖ’ ȡšȣ@जो न मोह यह Ǿ ” Ǔ“ ¡ ȡšȣ@
@
कोउ   Ĥȯ˜ –Ȫ› ȣ मद
ृ ु बानी। जो ˜ ɇसन
ु ा सो सन
ु हु सयानी।।
ए दोऊ दसरथ के ढोटा। बाल ˜ šȡ› ǔÛ¡ के कल जोटा।।
˜ ǕǓ“ € ȫͧ  € मख के रखवारे । ǔ‡ Û¡ रन अिजर Ǔ“   ȡ… š मारे ।।
è™ ȡ˜ गात कल कंज ǒ–› Ȫ… “ @जो ˜ ȡšȣ… सुभुज मद ु मोचन।।
€ ȫ  㙠ȡ सुत सो सुख खानी। नामु रामु धनु सायक पानी।।
गौर ͩ€   Ȫš बेषु बर € ȡ† Ʌ@कर सर चाप राम के ”ȡ† Ʌ@
@
› Ǔ† ˜ “ Ǖनामु राम लघु ħ ȡ ȡ@सन
ु ु   ͨ तासु   ͧǕ˜ ğȡ माता।।
दो0-ǒ– Ĥ€ ȡ‡ Ǖ€ ǐš बंधु दोउ मग ˜ ǕǓ“ –’ Ǘ` ’ ȡǐš@
आए दे खन चापमख   ǕǓ“ हरषीं सब “ ȡǐš@@221।।
–*–*–
‘ȯͨ राम † ǒ– कोउ एक कहई। जोगु ‡ ȡ“ ͩ€ Ǒ¡ यह – ǽ अहई।।
जौ   ͨ ^Û¡ Ǒ¡ दे ख नरनाहू। पन ” ǐš¡ ǐš ¡ Ǒ‹ करइ ǒ–– ȡ¡ Ǘ@
@
कोउ कह ए — Ǘ” Ǔ ” Ǒ¡ … ȡ“ ȯ@˜ ǕǓ“ समेत सादर सनमाने।।
  ͨ परं तु पनु राउ न तजई। ǒ– ͬ’ बस ¡ Ǒ‹ \ ǒ––ȯ€ Ǒ¡ भजई।।
कोउ कह ‡ ɋ भल अहइ ǒ–’ ȡ ȡ@सब कहँ   ǓǕ“ \ ` ͬ…  फलदाता।।
तौ ‡ ȡ“ ͩ€ Ǒ¡ ͧ˜ ͧ› Ǒ¡ –ǽ एहू। “ ȡǑ¡ “ ] ͧ› इहाँ संदेहू।।
जौ ǒ– ͬ’ बस अस बनै सँजोगू। तौ € Ǚ € Ǚי होइ सब लोगू।।
  ͨ ¡ ˜ šɅ] šǓ \ Ǔ  ȡ Ʌ@कबहुँक ए ] Ǒ¡ Ȳf Ǒ¡ “ ȡ Ʌ@
@
दो0-“ ȡǑ¡ Ȳत हम कहुँ सुनहु   ͨ ^Û¡ कर दरसनु ‘ ǐǗš@
यह संघटु तब होइ जब ” Û Ǖ™ परु ाकृत — ǐǗš@
@222।।
–*–*–
–Ȫ› ȣ अपर कहे हु   ͨ नीका। f Ǒ¡ Ȳǒ–] ¡ \ Ǔ Ǒ¡    – ¡ ȣȲका।।
कोउ कह संकर चाप कठोरा। ए è™ ȡ˜ › मद
ृ ग
ु ात ͩ€   Ȫšȡ@
@
सबु असमंजस अहइ सयानी। यह   ǓǕ“ अपर कहइ मद
ृ ु बानी।।
  ͨ ^Û¡ कहँ कोउ कोउ अस € ¡ ¡ ȣȲ@बड़ Ĥ— ȡ` दे खत लघु \ ¡ ¡ ȣȲ@
@
” šͧ  जासु पद पंकज ’ šǗȣ@ šȣ \ ¡ 㙠ȡ कृत अघ — Ǘšȣ@
@
सो ͩ€ šǑ¡ Ǒ¡ ǒ–“ Ǖͧ  ’ “ Ǖ ȪšɅ@यह Ĥ  ȢǓ ” ǐš¡ ǐš\ न — ȪšɅ@
@
‡ ȯǑ¡ Ȳǒ–šȲͬ… šͬ… सीय   ȱ ȡšȣ@ ȯǑ¡ Ȳè™ ȡ˜ › – ǽ रचेउ ǒ–… ȡšȣ@
@
तासु बचन   ǓǕ“ सब हरषानीं। ऐसेइ होउ € ¡ Ǒ¡ Ȳमद
ु ु बानी।।
दो0-Ǒ¡ ™ ȱ¡ šŸǑ¡ Ȳ–šŸǑ¡ Ȳसुमन   Ǖ˜ Ǖͨ   Ǖ› Ȫ… Ǔ“ बंद
ृ ।
‡ ȡǑ¡ Ȳजहाँ जहँ बंधु दोउ तहँ तहँ परमानंद।।223।।
–*–*–
पुर पूरब Ǒ‘ͧ  गे दोउ भाई। जहँ धनुमख Ǒ¡  — Ǘͧ˜ बनाई।।
\ Ǔ ǒ– è ȡš … ȡǽ गच ȡšȣ@ǒ–˜ › –ȯǑ‘€ ȡ ǽͬ… š   ȱ ȡšȣ@
@
चहुँ Ǒ‘ͧ  कंचन मंच ǒ–  ȡ› ȡ@रचे जहाँ –ȯ‹ Ǒ¡ Ȳ˜ Ǒ¡ ” ȡ› ȡ@
@
 ȯǑ¡ ”ȡ† Ʌसमीप चहुँ पासा। अपर मंच ˜ ȲŒ › ȣ ǒ– › ȡ  ȡ@ @
कछुक aȱͬ… सब — ȡȱǓ सह
ु ाई। – Ȱ‹ Ǒ¡ Ȳनगर लोग जहँ जाई।।
Ǔ Û¡ के Ǔ“ € Š ǒ–  ȡ› सह ु ाए। धवल धाम बहुबरन बनाए।।
जहँ – ‹ɇ ɇ‘ȯ Ǒ¡ Ȳसब “ ȡšȣ@जथा जोगु Ǔ“ ‡ कुल \ “ Ǖ¡ ȡšȣ@
@
पुर बालक € Ǒ¡ € Ǒ¡ मद
ृ ु बचना। सादर Ĥ — ǕǑ¡ ‘ȯ ȡ Ǒ¡ Ȳरचना।।
दो0-सब ͧ    Ǖf Ǒ¡ ͧ˜   Ĥȯ˜ –   ” šͧ  मनोहर गात।
तन ” ›Ǖ € Ǒ¡ Ȳ\ Ǔ हरषु Ǒ¡ ™ ȱ‘ȯͨ ‘ȯͨ दोउ ħ ȡ @
@224।।
–*–*–
ͧ    Ǖसब राम Ĥȯ˜ –   जाने। ĤȢǓ समेत Ǔ“ €ȯ बखाने।।
Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ ǽͬ… सब › ɅǑ¡ Ȳबोलाई।   Ǒ¡  सनेह ‡ ȡǑ¡ Ȳदोउ भाई।।
राम ‘ȯ ȡǑ¡ Ȳ\ “ ‡Ǖ Ǒ¡ रचना। € Ǒ¡ मद
ृ ु मधरु मनोहर बचना।।
लव Ǔ“ ˜ ȯŸ महँ भुवन Ǔ“ € ȡ™ ȡ@रचइ जासु अनुसासन माया।।
— ‚ Ǔ हे तु सोइ ‘ȣ“ ‘™ ȡ› ȡ@ͬ…    … ͩ€  धनुष मखसाला।।
कौतक
ु ‘ȯͨ चले ‚ Ǖǽ ” ȡ¡ ȣȲ@‡ ȡǓ“ ǒ–› Ȳ– Ǖğȡ  मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
जासु ğȡ  डर कहुँ डर होई। भजन Ĥ — ȡ` दे खावत सोई।।
€ Ǒ¡ –ȡ Ʌमद
ृ ु मधरु   ¡Ǖ ȡɃ@ͩ€ f ǒ– ‘ȡ बालक – ǐš] _@
@
दो0-सभय   Ĥȯ˜ ǒ–“ Ȣ \ Ǔ सकुच   Ǒ¡  दोउ भाइ।
गुर पद पंकज नाइ ͧ  š बैठे आयसु पाइ।।225।।
–*–*–
Ǔ“ ͧ  Ĥ –ȯ  ˜ ǕǓ“ आयसु ‘ȣÛ¡ ȡ@  – ¡ ȣȲ  Ȳڙ ȡ– Ȳ‘ “ Ǖ€ ȧÛ¡ ȡ@
@
कहत कथा ^Ǔ ¡ ȡ  पुरानी। ǽͬ… š š‡ Ǔ“ जुग जाम ͧ  šȡ“ Ȣ@
@
˜ ǕǓ“ –š सयन € ȧǔÛ¡ तब जाई। लगे चरन चापन दोउ भाई।।
ǔ‡ Û¡ के चरन   šȪǽ¡ लागी। करत ǒ– ǒ– ’ जप जोग ǒ– šȡ‚ Ȣ@
@
तेइ दोउ बंधु Ĥȯ˜ जनु जीते। गरु पद कमल पलोटत ĤȢ ȯ@
@
बारबार ˜ ǓǕ“ \ ʙ ȡ ‘ȣÛ¡ ȣ@रघब
ु र जाइ सयन तब € ȧÛ¡ ȣ@
@
चापत चरन लखनु उर लाएँ। सभय   Ĥȯ˜ परम सचु पाएँ।।
” ǕǓ“ ” ǕǓ“ Ĥ — Ǖकह सोवहु ताता। पौढ़े ’ ǐš उर पद जलजाता।।
दो0-उठे लखन Ǔ“ ͧ  ǒ–‚    ǕǓ“ \ ǽ“ ͧ   ȡ ’ ǓǕ“ कान।।
गरु  Ʌ”Ǒ¡ › ȯǑ¡ Ȳ‡ ‚  ” Ǔ जागे रामु सज
ु ान।।226।।
–*–*–
सकल सौच € ǐš जाइ नहाए। Ǔ“ י Ǔ“ – ȡǑ¡ ˜ ǕǓ“ Ǒ¡ ͧ  š नाए।।
समय ‡ ȡǓ“ गरु आयसु पाई। लेन Ĥ   “Ǘ चले दोउ भाई।।
भप
ू बागु बर दे खेउ जाई। जहँ बसंत ǐš Ǖš¡ ȣ लोभाई।।
लागे ǒ–Š” मनोहर नाना। बरन बरन बर –ȯͧ› ǒ–  ȡ“ ȡ@
@
नव ” 㛠 फल सुमान सुहाए। Ǔ“ ‡   Ȳ” Ǔ सुर Ǿ  लजाए।।
चातक € Ȫͩ€ › € ȧš चकोरा। कूजत ǒ– ¡ ‚ नटत कल मोरा।।
˜ ڙ बाग   ǽ सोह सह
ु ावा। ˜ Ǔ“ सोपान ǒ– ͬ… ğ बनावा।।
ǒ–˜ ›   ͧ› › Ǖ  šͧ  ‡ बहुरं गा। जलखग कूजत गंज
ु त भंग
ृ ा।।
दो0-बागु तड़ागु ǒ–› Ȫͩ€ Ĥ — Ǖहरषे बंधु समेत।
परम šà™ आरामु यहु जो šȡ˜ Ǒ¡ सुख दे त।।227।।
–*–*–
चहुँ Ǒ‘ͧ  ͬ…  ^ ” ȱǗǓ† ˜ ȡͧ› ‚ “ @लगे लेन दल फूल ˜ ǕǑ‘ मन।।
 ȯǑ¡ अवसर सीता तहँ आई। ͬ‚ ǐš‡ ȡ पूजन ‡ “ Ǔ“ पठाई।।
संग सखीं सब सुभग सयानी। ‚ ȡ Ǒ¡ Ȳगीत मनोहर बानी।।
सर समीप ͬ‚ ǐš‡ ȡ गह
ृ सोहा। – šǓ“ न जाइ ‘ȯͨ मनु मोहा।।
˜ Ï ‡ “ Ǖ€ ǐš सर   ͨ Û¡ समेता। गई ˜ ǑǕ‘ मन ‚ ȫǐš Ǔ“ €ȯ ȡ@
@
पज
ू ा € ȧǔÛ¡ \ ͬ’ € अनरु ागा। Ǔ“ ‡ \ “ ǾǕ ” सभ
ु ग – ǽ मागा।।
एक सखी ͧ  ™ संगु ǒ– ¡ ȡ_@गई š¡ ȣ दे खन फुलवाई।।
 ȯǑ¡ दोउ बंधु ǒ– › Ȫ€ȯजाई। Ĥȯ˜ ǒ– –   सीता ” Ǒ¡ Ȳआई।।
दो0-तासु दसा ‘ȯͨ   ͨ Û¡ पुलक गात जलु नैन।
कहु कारनु Ǔ“ ‡ हरष कर ” †Ǘ Ǒ¡ सब मद
ृ ु बैन।।228।।
–*–*–
दे खन बागु कुअँर दइु आए। बय ͩ€   Ȫš सब — ȡȱǓ सुहाए।।
è™ ȡ˜ गौर ͩ€ ͧ˜ € ¡ ɋ बखानी। ͬ‚ šȡ अनयन नयन ǒ– “ Ǖबानी।।
  ǓǕ“ ¡ šŸȢUसब सखीं सयानी। ͧ  ™ Ǒ¡ ™ ȱ\ Ǔ उतकंठा जानी।।
एक कहइ नप
ृ सुत तेइ ] › ȣ@सुने जे ˜ ǕǓ“ सँग आए € ȡ› ȣ@
@
ǔ‡ Û¡ Ǔ“ ‡ Ǿ ” मोहनी Œȡšȣ@€ ȧÛ¡ è –   नगर नर “ ȡšȣ@
@
बरनत † ǒ– जहँ तहँ सब लोग।ू \  ͧ  ‘ȯͨ \ Ǒ¡ Ȳदे खन जोगू।।
तासु वचन \ Ǔ ͧ  ™ Ǒ¡ सह
ु ाने। दरस › ȡͬ‚ लोचन अकुलाने।।
… › ȣ \ Ē € ǐš ͪĤ™   ͨ सोई। ĤȢǓ परु ातन लखइ न कोई।।
दो0-  Ǖͧ˜ ǐš सीय नारद बचन उपजी Ĥ ȢǓ पन
ु ीत।।
… ͩ€  ǒ–› Ȫ€ Ǔ सकल Ǒ‘ͧ  जनु ͧ    Ǖमग ृ ी सभीत।।229।।
–*–*–
कंकन ͩ€ Ȳͩ€ Ǔ“ नूपुर ’ ǓǕ“   ǕǓ“ @कहत लखन सन रामु ǿ‘™ ȱ‚ ǕǓ“ @
@
मानहुँ मदन दं द
ु भ
ु ी ‘ȣÛ¡ ȣ@
@˜ “   ȡ ǒ–è ǒ– ‡ ™ कहँ € ȧÛ¡ ȣ@
@
अस € Ǒ¡ ͩ• ǐš ͬ…  f  ȯǑ¡ ओरा। ͧ  ™ मुख   ͧ  भए नयन चकोरा।।
भए ǒ–› Ȫ… “ … ȡǽ अचंचल। मनहुँ   € Ǖͬ… Ǔ“ ͧ˜ तजे Ǒ‘‚ Ȳ… › @
@
‘ȯͨ सीय सोभा सख
ु ु पावा। ǿ‘™ ȱसराहत बचनु न आवा।।
जनु ǒ– šȲͬ… सब Ǔ“ ‡ Ǔ“ ” “Ǖ ȡ_@ǒ– šͬ… ǒ– è कहँ Ĥ‚ ǑŠ दे खाई।।
सुंदरता कहुँ सुंदर करई। † ǒ– ‚ ¡Ǚȱ‘ȣ” ͧ   ȡ जनु बरई।।
सब उपमा € ǒ– रहे ‡ Ǖ‹ ȡšȣ@€ȯǑ¡ Ȳ” Š šɋ ǒ– ‘ȯ¡ € Ǖ˜ ȡšȣ@
@
दो0-ͧ  ™ सोभा Ǒ¡ ™ ȱ– šǓ“ Ĥ — Ǖ] ” Ǔ“ दसा ǒ– … ȡǐš@
बोले   ͬ
Ǖ… मन अनज
ु सन बचन समय \ “ ¡Ǖ ȡǐš@ @230।।
–*–*–
तात जनकतनया यह सोई। ’ “ ǕŸ ‡ ʙ ‡ ȯǑ¡ कारन होई।।
पज
ू न ‚ ȫǐš सखीं लै आई। करत Ĥ € ȡ  Ǖͩ• š^ फुलवाई।।
जासु ǒ–› Ȫͩ€ \ › Ȫͩ€ € सोभा। सहज पन
ु ीत मोर मनु छोभा।।
सो सबु कारन जान ǒ–’ ȡ ȡ@• š€ Ǒ¡ Ȳसुभद अंग सुनु ħ ȡ ȡ@
@
šƒ Ǖ– Ȳͧ  Û¡ कर सहज सुभाऊ। मनु कुपंथ पगु धरइ न काऊ।।
˜ ȪǑ¡ \ Ǔ   ™ Ĥ  ȢǓ मन €ȯšȣ@‡ ȯǑ¡ Ȳसपनेहुँ ” š“ ȡǐš न ¡ ȯšȣ@ @
ǔ‡ Û¡ कै › ¡ Ǒ¡ Ȳन ǐš” Ǖरन ” Ȣ‹ Ȥ@“ Ǒ¡ Ȳ” ȡǑ¡ Ȳ” šǓ ™ मनु ŒȢ‹ Ȥ@@
मंगन › ¡ Ǒ¡ न ǔ‡ Û¡ कै “ ȡ¡ ȣ@
Ȳ ते नरबर थोरे जग ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
दो0-करत –  € Ǒ¡ अनुज सन मन ͧ  ™ Ǿ ” लोभान।
मुख सरोज मकरं द † ǒ– करइ मधप ु इव पान।।231।।
–*–*–
ͬ…  Ǒ¡ … ͩ€  चहूँ Ǒ‘ͧ  सीता। कहँ गए “ ”Ǚ ͩ€   Ȫš मनु ͬ… Ȳ ȡ@
@
जहँ ǒ– › Ȫ€ मग
ृ सावक नैनी। जनु तहँ –ǐš  कमल ͧ   Į ȯ“ Ȣ@
@
लता ओट तब   ͨ Û¡ लखाए। è™ ȡ˜ › गौर ͩ€   Ȫš सुहाए।।
‘ȯͨ Ǿ ” लोचन ललचाने। हरषे जनु Ǔ“ ‡ Ǔ“ ͬ’ ”Ǒ¡ … ȡ“ ȯ@
@
थके नयन šƒ ”Ǖ Ǔ † ǒ– ‘ȯ Ʌ@” › € ǔÛ¡ ¡ Ǘȱ”ǐš¡ šȣȲǓ“ ˜ ȯŸ Ʌ@
@
\ ͬ’ € सनेहँ दे ह भै — Ȫšȣ@सरद   ͧ  Ǒ¡ जनु ͬ…   … € Ȫšȣ@
@
लोचन मग šȡ˜ Ǒ¡ उर आनी। ‘ȣÛ¡ ȯपलक कपाट सयानी।।
जब ͧ  ™   ͨ Û¡ Ĥȯ˜ –  जानी। € Ǒ¡ न   € Ǒ¡ Ȳकछु मन सकुचानी।।
दो0-लताभवन  ɅĤ ‚ Š भे  ȯǑ¡ अवसर दोउ भाइ।
Ǔ“ €   ȯजनु जग
ु ǒ–˜ › ǒ– ’ Ǖजलद पटल ǒ–› ‚ ȡ^@
@232।।
–*–*–
सोभा सीवँ सुभग दोउ बीरा। नील पीत जलजाभ   šȣšȡ@
@
मोरपंख ͧ  š सोहत नीके। ‚ ÍǕ † बीच ǒ–… कुसम
ु € › ȣ के।।
भाल Ǔ › € Į ˜ ǒ– ‘Ȳ Ǖसह
ु ाए। Į “ सभ
ु ग भष
ू न † ǒ– छाए।।
ǒ– € Š — €ǙǕǑŠ कच घूघरवारे । नव सरोज लोचन रतनारे ।।
… ȡǽ ͬ… – Ǖ€ “ ȡͧ  € ȡ कपोला। हास ǒ–› ȡ  लेत मनु मोला।।
˜ Ǖ † ǒ– € Ǒ¡ न जाइ ˜ ȪǑ¡ ”ȡ¡ ȣȲ@जो ǒ– › Ȫͩ€ बहु काम › ‡ ȡ¡ ȣȲ@
@
उर ˜ Ǔ“ माल कंबु कल गीवा। काम कलभ कर भज ु बलसींवा।।
सम
ु न समेत बाम कर दोना। सावँर कुअँर सखी   ǑǕ‹ लोना।।
दो0-€ȯ¡ ǐš € ǑŠ पट पीत धर सुषमा सील Ǔ“ ’ ȡ“ @
‘ȯͨ — ȡ“ Ǖ€ Ǖ› — ǗŸ “ Ǒ¡ ǒ–   šȡ   ͨ Û¡ अपान।।233।।
–*–*–
’ ǐš धीरजु एक ] ͧ› सयानी। सीता सन – Ȫ› ȣ ‚ Ǒ¡ पानी।।
–¡ Ǖǐš ‚ ȫǐš कर ڙ ȡ“ करे हू। — Ǘ” ͩ€   Ȫš ‘ȯͨ ͩ€ “ लेहू।।
  € Ǖͬ… सीयँ तब नयन उघारे । सनमुख दोउ šƒ Ǖͧ  ƒȲ Ǔ“ ¡ ȡšȯ@ @
नख ͧ   ‘ȯͨ राम कै सोभा।   ͧǕ˜ ǐš ͪ”  ȡ पनु मनु \ Ǔ छोभा।।
परबस   ͨ Û¡ लखी जब सीता। भयउ ‚ ¡ ǽ सब € ¡ Ǒ¡ सभीता।।
” ǓǕ“ आउब f Ǒ¡ –ȯǐš] ȱ€ ȡ› ȣ@अस € Ǒ¡ मन ǒ– ¡   Ȣ एक ] › ȣ@
@
गूढ़ ͬ‚ šȡ   ǕǓ“ ͧ  ™ सकुचानी। भयउ ǒ–› Ȳ– Ǖमातु भय मानी।।
’ ǐš – ͫ° धीर रामु उर आने। ͩ• ǐš अपनपउ ͪ” –Ǖ   जाने।।
दो0-दे खन ͧ˜   मग
ृ ǒ– ¡ ‚  ǽ ͩ• š^ –¡ Ȫǐš –¡ Ȫǐš@
Ǔ“ šͨ Ǔ“ šͨ रघबु ीर † ǒ– बाढ़इ Ĥ ȢǓ न  Ȫǐš@@234।।
–*–*–
‡ ȡǓ“ € Ǒ‹ “ ͧ  … ȡ” ǒ–  ǗšǓ @… › ȣ šȡͨ उर è™ ȡ˜ › ˜ ǗšǓ @
@
Ĥ — Ǖजब जात ‡ ȡ“ € ȧ जानी। सख
ु सनेह सोभा गन
ु खानी।।
परम Ĥȯ˜ ˜ ™ मद
ृ ु ˜ ͧ  € ȧÛ¡ ȣ@… ȡǽ ͬ…  भीतीं ͧ›  › ȣÛ¡ ȣ@
@
गई भवानी भवन –¡ Ȫšȣ@– ȲǑ‘ चरन – Ȫ› ȣ कर ‡ Ȫšȣ@
@
जय जय ͬ‚ ǐš–ššȡ‡ ͩ€   Ȫšȣ@जय महे स मख
ु चंद … € Ȫšȣ@
@
जय गज बदन षड़ानन माता। जगत ‡ “ Ǔ“ ‘ȡͧ˜ Ǔ“ ‘ ǓǕ गाता।।
“ Ǒ¡ Ȳतव ] Ǒ‘ ˜ ڙ अवसाना। \ ͧ˜  Ĥ— ȡ` बेद ु “ Ǒ¡ Ȳजाना।।
भव भव ǒ– —  पराभव € ȡǐšǓ“ @ǒ– è ǒ– ˜ Ȫ¡ Ǔ“ 蝖   ǒ– ¡ ȡǐšǓ“ @
@
दो0-”Ǔ ‘ȯ  ȡ सुतीय महुँ मातु Ĥ ˜ तव रे ख।
˜ Ǒ¡ ˜ ȡ \ ͧ˜  न   € Ǒ¡ Ȳ€ Ǒ¡ सहस सारदा सेष।।235।।
–*–*–

सेवत  ȪǑ¡ सल
ु भ फल … ȡšȣ@बरदायनी ” šǕȡǐš ͪ” ] šȣ@
@
‘ȯǒ– पिू ज पद कमल  à
Ǖ ¡ ȡšȯ@सरु नर ˜ ǓǕ“ सब ¡ ȪǑ¡ Ȳसख
ु ारे ।।
मोर मनोरथु जानहु “ Ȣ€Ʌ@बसहु सदा उर परु   – ¡ ȣ €Ʌ@ @
€ ȧÛ¡ ȯ̀ȱĤ‚ Š न कारन  ȯ¡ ȣȲ@अस € Ǒ¡ चरन गहे –Ȱ‘ȯ¡ ȣȲ@
@
ǒ–“ ™ Ĥȯ˜ बस भई भवानी। खसी माल ˜ ǗšǓ मुसुकानी।।
सादर ͧ  ™ ȱĤ  ȡ‘ Ǖͧ  š धरे ऊ। – Ȫ› ȣ ‚ ȫǐš हरषु Ǒ¡ ™ ȱभरे ऊ।।
सन
ु ु ͧ  ™   י असीस ¡ ˜ ȡšȣ@” ǔǗ‡ Ǒ¡ मन कामना  à
Ǖ ¡ ȡšȣ@
@
नारद बचन सदा   ͬǕ… साचा। सो – ǽ ͧ˜ ͧ› Ǒ¡ ‡ ȡǑ¡ Ȳमनु राचा।।
छं 0-मनु ‡ ȡǑ¡ Ȳराचेउ ͧ˜ ͧ› Ǒ¡ सो – ǽ सहज संद
ु र साँवरो।
€ ǽ“ ȡ Ǔ“ ’ ȡ“ सुजान सीलु सनेहु जानत रावरो।।
f Ǒ¡ — ȡȱ
Ǔ ‚ ȫǐš असीस   ǕǓ“ ͧ  ™   Ǒ¡  Ǒ¡ ™ ȱहरषीं \ › ȣ@
तल
ु सी —  ȡǓ“ Ǒ¡ पूिज ” ǕǓ“ ” ǕǓ“ ˜ ǕǑ‘ मन ˜ ȲǑ‘š … › ȣ@
@
सो0-‡ ȡǓ“ ‚ ȫǐš अनक
ु ू ल ͧ  ™ Ǒ¡ ™ हरषु न जाइ € Ǒ¡ @
मंजल
ु मंगल मल
ू बाम अंग फरकन लगे।।236।।
ǿ‘™ ȱसराहत सीय लोनाई। गुर समीप गवने दोउ भाई।।
राम कहा सबु € ȫͧ  € ” ȡ¡ ȣȲ@सरल सुभाउ छुअत छल “ ȡ¡ ȣȲ@
@
सुमन पाइ ˜ ǕǓ“ पूजा € ȧÛ¡ ȣ@” ǕǓ“ असीस दह ु ु — ȡ^Û¡ ‘ȣÛ¡ ȣ@ @
सफ
ु ल मनोरथ होहुँ  àǕ ¡ ȡšȯ@रामु लखनु   ǓǕ“ भए सख ु ारे ।।
€ ǐš भोजनु ˜ ǕǓ“ – š ǒ–Ê™ ȡ“ Ȣ@लगे कहन कछु कथा पुरानी।।
ǒ– ‚  Ǒ‘  Ǖ‚ Ǖǽ आयसु पाई।   Ȳڙ ȡ करन चले दोउ भाई।।
Ĥ ȡ… Ȣ Ǒ‘ͧ    ͧ  उयउ सुहावा। ͧ  ™ मुख   ǐš  ‘ȯͨ सुखु पावा।।
–¡ Ǖǐš ǒ–… ȡǽ € ȧÛ¡ मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@सीय बदन सम Ǒ¡ ˜ € š “ ȡ¡ ȣȲ@
@
दो0-जनमु ͧ  ’Ȳ Ǖ” ǓǕ“ बंधु ǒ–Ÿ ǕǑ‘“ ˜ › ȣ“ सकलंक।
ͧ  ™ मख
ु समता पाव ͩ€ ͧ˜ चंद ु बापरु ो रं क।।237।।
–*–*–
घटइ बढ़इ ǒ–š¡ Ǔ“ दख
ु दाई। Ē   ^ राहु Ǔ“ ‡   Ȳͬ’ Ǒ¡ Ȳपाई।।
कोक ͧ  € Ĥ‘ पंकज ġȪ¡ ȣ@अवगन ु बहुत … ġȲ ˜ ȡ  Ȫ¡ ȣ@
@
– Ȱ‘ȯ¡ ȣ मुख पटतर ‘ȣÛ¡ ȯ@होइ दोष बड़ \ “ Ǖͬ…  € ȧÛ¡ ȯ@@
ͧ  ™ मुख † ǒ– ǒ–’ Ǖޙ ȡ‡ बखानी। ‚ Ǖǽ ”Ǒ¡ Ȳचले Ǔ“   ȡ –ͫ° जानी।।
€ ǐš ˜ ǕǓ“ चरन सरोज Ĥ“ ȡ˜ ȡ@आयसु पाइ € ȧÛ¡ ǒ– Į ȡ˜ ȡ@
@
ǒ–‚  Ǔ“   ȡ रघन
ु ायक जागे। बंधु ǒ–› Ȫͩ€ कहन अस लागे।।
उदउ \ ǽ“ अवलोकहु ताता। पंकज कोक लोक सख ु दाता।।
बोले लखनु ‡ Ȫǐš जुग पानी। Ĥ— ǕĤ— ȡ` सूचक मद
ृ ु बानी।।
दो0-\ ǽ“ Ȫ‘™ ȱसकुचे कुमुद उडगन ‡ ȪǓ ˜ › ȣ“ @
ǔ‡ ͧ˜  à
Ǖ ¡ ȡš आगमन   ǕǓ“ भए “ ”Ǚ Ǔ – › ¡ ȣ“ @
@238।।
–*–*–
नप
ृ सब नखत € šǑ¡ Ȳ` ǔ‡ ] šȣ@Šȡǐš न   € Ǒ¡ Ȳचाप तम — ȡšȣ@ @
कमल कोक मधक
ु र खग नाना। हरषे सकल Ǔ“   ȡ अवसाना।।
g  ȯǑ¡ ȲĤ— Ǖसब भगत  à
Ǖ ¡ ȡšȯ@¡ Ȫ^¡ Ǒ¡ ȲŠǗŠɅधनष
ु सख
ु ारे ।।
उयउ भानु ǒ–“ ǕĮ ˜ तम नासा। दरु े नखत जग तेजु Ĥ€ ȡ  ȡ@
@
šǒ– Ǔ“ ‡ उदय ޙ ȡ‡ रघुराया। Ĥ — ǕĤ  ȡ” Ǖसब “ ”Ǚ Û¡ Ǒ‘ ȡ™ ȡ@
@
तव भुज बल ˜ Ǒ¡ ˜ ȡ ` ‘ƒ ȡŠȣ@Ĥ‚ Šȣ धनु ǒ– ƒ Š“ ” ǐš” ȡŠȣ@
@
बंधु बचन   ǕǓ“ Ĥ— Ǖमुसुकाने। होइ   Ǖͬ… सहज पुनीत नहाने।।
Ǔ“ י ͩĐ ™ ȡ € ǐš ‚ ǽǕ ”Ǒ¡ Ȳआए। चरन सरोज सभ
ु ग ͧ  š नाए।।
सतानंद ु तब जनक बोलाए। € ȫͧ  € ˜ ǓǕ“ ” Ǒ¡ Ȳतरु त पठाए।।
जनक ǒ–“ ™ Ǔ Û¡ आइ सन
ु ाई। हरषे – Ȫͧ› ͧ› f दोउ भाई।।
दो0-सतानंदûपद –ȲǑ‘ Ĥ — Ǖबैठे गुर ”Ǒ¡ Ȳजाइ।
चलहु तात ˜ ǕǓ“ कहे उ तब पठवा जनक बोलाइ।।239।।
–*–*–
सीय 蝙 Ȳ– ǽ ‘ȯͨ \ जाई। ईसु € ȡǑ¡ ’ ɋ दे इ बड़ाई।।
लखन कहा जस भाजनु सोई। नाथ कृपा तव जापर होई।।
हरषे ˜ ǕǓ“ सब   ǕǓ“ बर बानी। ‘ȣǔÛ¡ असीस   – Ǒ¡ Ȳसुखु मानी।।
” ǓǕ“ ˜ Ǔ
Ǖ“ – Ȳ‘Ǚ समेत कृपाला। दे खन चले धनष
ु मख साला।।
šȲ‚ — ͧǗ˜ आए दोउ भाई। \ ͧ    ͬǕ’ सब ” šǕ–ȡͧ  Û¡ पाई।।
चले सकल गह
ृ काज ǒ–  ȡšȣ@बाल जुबान जरठ नर “ ȡšȣ@
@
दे खी जनक भीर भै — ȡšȣ@  Ǖͬ… सेवक सब ͧ› f ¡ ȱ€ ȡšȣ@
@
तरु त सकल › Ȫ‚ Û¡ ”Ǒ¡ Ȳजाहू। आसन ` ͬ…  दे हू सब काहू।।
दो0-€ Ǒ¡ मद
ृ ु बचन ǒ– “ Ȣ Ǔ Û¡ बैठारे नर “ ȡǐš@
` ׏ ˜ ˜ ڙ ˜ नीच लघु Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ थल \ “ ¡Ǖ ȡǐš@
@240।।
–*–*–
राजकुअँर  ȯǑ¡ अवसर आए। मनहुँ मनोहरता तन छाए।।
गन
ु सागर नागर बर बीरा। संद
ु र è™ ȡ˜ › गौर   šȣšȡ@
@
राज समाज ǒ–šȡ‡  Ǿ šȯ@उडगन महुँ जनु जुग ǒ–’ Ǖपूरे।।
ǔ‡ Û¡ €Ʌš¡ ȣ भावना जैसी। Ĥ— Ǖ˜ ǗšǓ Ǔ Û¡ दे खी तैसी।।
‘ȯ Ǒ¡ ȲǾ ” महा रनधीरा। मनहुँ बीर रसु ’ šɅ  šȣšȡ@@
डरे € ǕǑŠ› नप ृ Ĥ— ǑǕ¡ Ǔ“ ¡ ȡšȣ@मनहुँ भयानक ˜ šǗǓ — ȡšȣ@
@
रहे असरु छल † ȪǓ“ ” बेषा। Ǔ Û¡ Ĥ — ǕĤ ‚ Š कालसम दे खा।।
” šǕ–ȡͧ  Û¡ दे खे दोउ भाई। नरभष
ू न लोचन सख
ु दाई।।
दो0-“ ȡǐš ǒ–› Ȫ€ Ǒ¡ Ȳ¡ šͪŸ Ǒ¡ ™ ȱǓ“ ‡ Ǔ“ ‡ ǽͬ… \ “ ǕǾ ” @
जनु सोहत ͧ  ‚Ȳ ȡš ’ ǐš ˜ ǗšǓ परम अनूप।।241।।
–*–*–
ǒ– ‘ ŸǕ Û¡ Ĥ— Ǖǒ–šȡŠ˜ ™ ‘ȣ  ȡ@बहु मुख कर पग लोचन सीसा।।
जनक ‡ ȡǓ \ › Ȫ€ Ǒ¡ Ȳ€Ȱ  @
ɇ सजन सगे ͪĤ™ › ȡ‚ Ǒ¡ Ȳ‡ Ȱ  @
Ʌ@
  Ǒ¡  ǒ–‘ȯ¡ ǒ–› Ȫ€ Ǒ¡ Ȳरानी। ͧ    Ǖसम Ĥ ȢǓ न ‡ ȡǓ बखानी।।
‡ Ȫͬ‚ Û¡ परम  ם˜ ™ भासा। सांत   ƨǕ सम सहज Ĥ € ȡ  ȡ@
@
¡ ǐš— ‚  Û¡ दे खे दोउ ħ ȡ ȡ@^犑ȯ इव सब सख
ु दाता।।
šȡ˜ Ǒ¡ ͬ…   भायँ ‡ ȯǑ¡ सीया। सो सनेहु सुखु “ Ǒ¡ Ȳकथनीया।।
उर \ “ Ǖ— Ǔ न € Ǒ¡ सक सोऊ। कवन Ĥ € ȡš कहै € ǒ– कोऊ।।
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ रहा ‡ ȡǑ¡ जस भाऊ।  ȯǑ¡ Ȳतस दे खेउ कोसलराऊ।।
दो0-राजत राज समाज महुँ कोसलराज ͩ€   Ȫš@
संद
ु र è™ ȡ˜ › गौर तन ǒ– è ǒ–› Ȫ… “ चोर।।242।।
–*–*–
सहज मनोहर ˜ šǗǓ दोऊ। € ȪǑŠ काम उपमा लघु सोऊ।।
सरद चंद Ǔ“ ‘Ȳ€ मख
ु नीके। नीरज नयन भावते जी के।।
ͬ…   … ȡǽ मार मनु हरनी। — ȡ Ǔ ǿ‘™ ‡ ȡǓ “ ¡ ȣȲबरनी।।
कल कपोल Į ǓǕ कंु डल लोला। ͬ… – Ǖ€ अधर सुंदर मद
ृ ु बोला।।
कुमुदबंधु कर Ǔ“ ‘Ȳ€ हाँसा। — €ǙǕŠȣ ǒ– € Š मनोहर नासा।।
भाल ǒ–   ȡ› Ǔ › € ˆ › € ȡ¡ ȣȲ@कच ǒ– › Ȫͩ€ \ ͧ› \ ͧ› › ‡ ȡ¡ ȣȲ@
@
पीत चौतनीं ͧ  šǔÛ¡ सह
ु ाई। कुसम
ु € › ȣȲǒ–… बीच –“ ȡɃ@
@
šȯ Ʌǽͬ… š कंबु कल गीवाँ। जनु ǒ𗠝Ǖ “ सष
ु मा € ȧ सीवाँ।।
दो0-कंु जर ˜ Ǔ“ कंठा € ͧ›  ` šǔÛ¡  ›Ǖ ͧ  € ȡ माल।
बषृ भ कंध €ȯ¡ ǐš ‹ Ǔ“ बल Ǔ“ ͬ’ बाहु ǒ–   ȡ› @
@243।।
–*–*–
€ ǑŠ तन
ू ीर पीत पट बाँधे। कर सर धनष ु बाम बर काँधे।।
पीत ‡ ʙ उपबीत सुहाए। नख ͧ   मंजु ˜ ¡ ȡ† ǒ– छाए।।
‘ȯͨ लोग सब भए सुखारे । एकटक लोचन चलत न तारे ।।
हरषे जनकु ‘ȯͨ दोउ भाई। ˜ ǓǕ“ पद कमल गहे तब जाई।।
€ ǐš ǒ– “  Ȣ Ǔ“ ‡ कथा सन
ु ाई। रं ग \  Ǔ“ सब ˜ ǓǕ“ Ǒ¡ दे खाई।।
जहँ जहँ ‡ ȡǑ¡ कुअँर बर दोऊ। तहँ तहँ … ͩ€  ͬ…   सबु कोऊ।।
Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ ǽ šȡ˜ Ǒ¡ सबु दे खा। कोउ न जान कछु मरमु ǒ–   ȯŸ ȡ@
@
— ͧ› रचना ˜ ǕǓ“ नप
ृ सन कहे ऊ। राजाँ ˜ ǕǑ‘ महासुख लहे ऊ।।
दो0-सब ˜ Ȳ… Û¡ ते मंचु एक संद
ु र ǒ–   ‘ ǒ–  ȡ› @
˜ ǓǕ“ समेत दोउ बंधु तहँ बैठारे ˜ Ǒ¡ ”ȡ› @
@244।।
–*–*–
Ĥ— ǑǕ¡ ‘ȯͨ सब नप ृ Ǒ¡ ȱ™ ȱहारे । जनु राकेस उदय भएँ तारे ।।
\ ͧ  Ĥ ȢǓ सब के मन ˜ ȡ¡ ȣ@
Ȳ राम चाप तोरब सक “ ȡ¡ ȣȲ@
@
ǒ– “ Ǖभंजेहुँ भव धनुषु ǒ–   ȡ› ȡ@˜ ȯͧ› Ǒ¡ सीय राम उर माला।।
अस ǒ–… ȡǐš गवनहु घर भाई। जसु Ĥ  ȡ” Ǖबलु तेजु गवाँई।।
ǒ– ¡   ȯअपर भूप   ǕǓ“ बानी। जे \ ǒ––ȯ€ अंध \ ͧ— ˜ ȡ“ Ȣ@
@
तोरे हुँ धनष
ु ु ޙ ȡ¡ Ǖअवगाहा। ǒ– “ Ǖ ȪšɅको € Ǖ\ ȱǐš ǒ–] ¡ ȡ@
@
एक बार कालउ ͩ€ “ होऊ। ͧ  ™ Ǒ¡  समर िजतब हम सोऊ।।
यह   ǓǕ“ अवर ˜ Ǒ¡ ” मस
ु काने। धरमसील ¡ ǐš— ‚  सयाने।।
सो0-सीय ǒ–] ¡ ǒ– राम गरब ‘ ǐǗš € ǐš “ ”Ǚ Û¡ के।।
‡ ȢǓ को सक   ȲĒ ȡ˜ दसरथ के रन बाँकुरे ।।245।।
ޙ  [मरहु ‡ Ǔ“ गाल बजाई। मन ˜ Ȫ‘€ ǔÛ¡ ͩ€ भूख बुताई।।
ͧ   ¡ ˜ ȡǐš   ǓǕ“ परम पनु ीता। जगदं बा जानहु िजयँ सीता।।
जगत ͪ” ȡ šƒ ”Ǖ Ǔ Ǒ¡ ǒ–… ȡšȣ@— ǐš लोचन † ǒ– लेहु Ǔ“ ¡ ȡšȣ@
@
सुंदर सुखद सकल गुन रासी। ए दोउ बंधु संभु उर बासी।।
सुधा   ˜ Ǖġ समीप ǒ–¡ ȡ_@मग
ृ जलु Ǔ“ šͨ मरहु कत धाई।।
करहु जाइ जा कहुँ जोई भावा। हम तौ आजु जनम फलु पावा।।
अस € Ǒ¡ भले भप
ू अनरु ागे। Ǿ ” अनप
ू ǒ–› Ȫ€ “ लागे।।
‘ȯ Ǒ¡ Ȳसरु नभ चढ़े ǒ–˜ ȡ“ ȡ@–šŸ Ǒ¡ Ȳसम
ु न € šǑ¡ Ȳकल गाना।।
दो0-‡ ȡǓ“   \Ǖ    ǽ सीय तब पठई जनक बोलाई।
चतरु सखीं सुंदर सकल सादर … › ȣȲ› ȡɃ@ @246।।
–*–*–
ͧ  ™ सोभा “ Ǒ¡ Ȳजाइ बखानी। ‡ ‚ ‘Ȳǒ– € ȡ Ǿ ” गनु खानी।।
उपमा सकल ˜ ȪǑ¡ लघु लागीं। Ĥ ȡ€ Ǚ “ ȡǐš अंग अनुरागीं।।
ͧ  ™ –šǓ“ \ तेइ उपमा दे ई। € Ǖ€ ǒ– कहाइ अजसु को लेई।।
जौ ” Š ǐš\ तीय सम सीया। जग \ ͧ  ‡ Ǖ– Ǔ कहाँ कमनीया।।
ͬ‚ šȡ मुखर तन अरध भवानी। šǓ \ Ǔ ‘ ͨǕ  अतनु ” Ǔ जानी।।
ǒ– Ÿ –ȡǽ“ Ȣ बंधु ͪĤ™ ‡ ȯ¡ ȣ@€ Ǒ¡ \ रमासम ͩ€ ͧ˜ – Ȱ‘ȯ¡ ȣ@
@
जौ † ǒ– सध
ु ा ”™ ȪǓ“ ͬ’ होई। परम Ǿ ” ˜ ™ € Í † ” सोई।।
सोभा रजु ˜ Ȳ‘ ǽ ͧ  ‚Ȳ ȡǾ @मथै ”ȡǓ“ पंकज Ǔ“ ‡ ˜ ȡǾ @
@
दो0-f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ उपजै › ǔÍ † जब संद
ु रता सख
ु मल
ू ।
 ‘ͪ” सकोच समेत € ǒ– € ¡ Ǒ¡ Ȳसीय समतल
ू ।।247।।
–*–*–
… ͧ› Ȳसंग लै सखीं सयानी। गावत गीत मनोहर बानी।।
सोह नवल तनु सुंदर   ȡšȣ@जगत ‡ “ Ǔ“ \  ͧǕ›  † ǒ– — ȡšȣ@
@
भूषन सकल सुदेस सुहाए। अंग अंग šͬ…   ͨ Û¡ बनाए।।
šȲ‚ — Ǘͧ˜ जब ͧ  ™ पगु ’ ȡšȣ@‘ȯͨ Ǿ ” मोहे नर “ ȡšȣ@
@
¡ šͪŸ   šǕÛ¡ दं द
ु भ
ु ीं बजाई। – šͪŸ Ĥ  “Ǘ अपछरा गाई।।
”ȡǓ“ सरोज सोह जयमाला। अवचट ͬ…  f सकल भआ
ु ला।।
सीय … ͩ€  ͬ…  šȡ˜ Ǒ¡ चाहा। भए मोहबस सब नरनाहा।।
˜ ǕǓ“ समीप दे खे दोउ भाई। लगे › › ͩ€ लोचन Ǔ“ ͬ’ पाई।।
दो0-गुरजन लाज समाजु बड़ ‘ȯͨ सीय   € Ǖ… ȡǓ“ @
@
› ȡͬ‚ ǒ–› Ȫ€ “   ͨ Û¡ तन šƒ –Ǖ ȢšǑ¡ उर ] Ǔ“ @@ 248।।
–*–*–
राम Ǿ ” Ǖ\ ǽ ͧ  ™ † ǒ– ‘ȯ Ʌ@नर “ ȡǐšÛ¡ ”ǐš¡ šȣȲǓ“ ˜ ȯŸ Ʌ@
@
  Ȫ… Ǒ¡ Ȳसकल कहत   € Ǖ… ȡ¡ ȣ@
Ȳ ǒ–ͬ’ सन ǒ–“ ™ € šǑ¡ Ȳमन ˜ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
¡ ǽ ǒ– ͬ’ –ȯͬ‚ जनक जड़ताई। ˜ Ǔ ¡ ˜ ȡǐš \ ͧ  ‘ȯǑ¡ सह
ु ाई।।
ǒ–“ Ǖǒ–… ȡš पनु तिज नरनाहु। सीय राम कर करै ǒ–– ȡ¡ Ǘ@
@
जग भल € ¡ Ǒ¡ भाव सब काहू। हठ € ȧÛ¡ ȯअंतहुँ उर दाहू।।
f Ǒ¡ Ȳलालसाँ मगन सब लोगू। –ǽ साँवरो ‡ ȡ“ € ȧ जोगू।।
तब – Ȳ‘ ȣ‡ “ जनक बौलाए। ǒ– ǐš‘ȡ › ȣ कहत … ͧ› आए।।
कह नप
ृ जाइ कहहु पन मोरा। चले भाट Ǒ¡ ™ ȱहरषु न थोरा।।
दो0-बोले – Ȳ‘ ȣ बचन बर सन
ु हु सकल ˜ Ǒ¡ ” ȡ› @
पन ǒ– ‘ȯ¡ कर € ¡ Ǒ¡ Ȳहम भुजा उठाइ ǒ–  ȡ› @@249।।
–*–*–
नप
ृ भज
ु बल ǒ–’ Ǖͧ   ’ “ Ǖराहू। ‚ ǽ\ कठोर ǒ– Ǒ‘ सब काहू।।
रावनु बानु महाभट भारे । ‘ȯͨ सरासन ‚  Ǒȱ¡ Ȳͧ  ’ ȡšȯ@
@
सोइ ” Ǖ
šȡǐš कोदं डु कठोरा। राज समाज आजु जोइ तोरा।।
ǒğ— Ǖ “ जय समेत –Ȱ‘ȯ¡ ȣ@
@ǒ–“ Ǒ¡ Ȳǒ– … ȡš बरइ ¡ Ǒ‹  ȯ¡ ȣ@
@
  ǓǕ“ पन सकल भप
ू \ ͧ— › ȡŸ ȯ@भटमानी \ Ǔ   ™ मन माखे।।
”ǐš€ š – ȡȱͬ’ उठे अकुलाई। चले ^犑ȯ Û¡ ͧ  š नाई।।
 ˜ ͩ€  ȡͩ€  ͩ€ ͧ  ’ “ Ǖ’ š¡ ȣȲ@उठइ न € ȪǑŠ — ȡȱǓ बलु € š¡ ȣȲ@
@
ǔ‡ Û¡ के कछु ǒ– … ȡǽ मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@चाप समीप ˜ ¡ ȣ” न ‡ ȡ¡ ȣȲ@
@
दो0- ˜ ͩ€ ’ šǑ¡ Ȳधनु मूढ़ नप
ृ उठइ न … › Ǒ¡ Ȳलजाइ।
मनहुँ पाइ भट बाहुबलु \ ͬ’ € Ǖ \ ͬ’ € Ǖ ‚ ǽ] ^@
@250।।
–*–*–
भूप सहस दस f € Ǒ¡ बारा। लगे उठावन टरइ न टारा।।
डगइ न संभु सरासन €Ȱ  @
Ʌ कामी बचन सती मनु ‡ Ȱ  @
Ʌ@
सब नप
ृ भए जोगु उपहासी। ‡ Ȱ  Ʌǒ– “ Ǖǒ–šȡ‚   Ȳۙ ȡ  Ȣ@
@
€ ȧšǓ ǒ–‡ ™ बीरता — ȡšȣ@चले चाप कर बरबस ¡ ȡšȣ@
@
Į Ȣ¡  भए ¡ ȡǐš Ǒ¡ ™ ȱराजा। बैठे Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ जाइ समाजा।।
“ ”Ǚ Û¡ ǒ–› Ȫͩ€ जनकु अकुलाने। बोले बचन रोष जनु साने।।
‘ȣ” ‘ȣ” के — ”Ǘ Ǔ नाना। आए   ǓǕ“ हम जो पनु ठाना।।
दे व दनज
ु ’ ǐš मनज
ु   šȣšȡ@ǒ–” ›Ǖ बीर आए रनधीरा।।
दो0-€ Ǖ\ ȱǐš मनोहर ǒ–‡ ™ –ͫ° € ȧšǓ \ Ǔ कमनीय।
”ȡ Ǔ“ ¡ ȡš ǒ– šȲͬ… जनु रचेउ न धनु दमनीय।।251।।
–*–*–
कहहु € ȡǑ¡ यहु लाभु न भावा। काहुँ न संकर चाप चढ़ावा।।
रहउ चढ़ाउब तोरब भाई। Ǔ › Ǖ— ǐš — Ǘͧ˜ न सके छड़ाई।।
अब ‡ Ǔ“ कोउ माखै भट मानी। बीर ǒ– ¡ ȣ“ ˜ ¡ ȣ ˜ ɇजानी।।
तजहु आस Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ गह ृ जाहू। ͧ›  ȡ न ǒ–ͬ’ – Ȱ‘ȯǑ¡ ǒ– –ȡ¡ Ǘ@
@
सक
ु ृ त जाइ ‡ ɋ पनु ”ǐš¡ šaȱ@€ Ǖ\ ȱǐš € Ǖ] ǐš रहउ का करऊँ।।
जो जनतेउँ ǒ–“ Ǖभट — ǒǕ– भाई। तौ पनु € ǐš होतेउँ न हँसाई।।
जनक बचन   ǕǓ“ सब नर “ ȡšȣ@‘ȯͨ ‡ ȡ“ ͩ€ Ǒ¡ भए ‘ Ǖ ȡšȣ@
@
माखे लखनु € ǕǑŠ› भइँ — ɋ¡ Ʌ@रदपट फरकत नयन ǐš  ɋ¡ Ʌ@
@
दो0-€ Ǒ¡ न सकत रघुबीर डर लगे बचन जनु बान।
नाइ राम पद कमल ͧ  ǽ बोले ͬ‚ šȡ Ĥ ˜ ȡ“ @
@252।।
–*–*–
šƒ Ǖ– Ȳͧ  Û¡ महुँ जहँ कोउ होई।  ȯǑ¡ Ȳसमाज अस कहइ न कोई।।
€ ¡ ȣ जनक ‡ ͧ  \ “ ͬǕ…  बानी। ǒ–ɮ™ ˜ ȡ“ रघक
ु ु ल ˜ Ǔ“ जानी।।
सन
ु हु भानक
ु ु ल पंकज भान।ू कहउँ सभ
ु ाउ न कछु \ ͧ— ˜ ȡ“ @
Ǘ@
जौ  à
Ǖ ¡ ȡǐš अनुसासन ” ȡɋ@कंदक
ु इव Ħ é˜ ȡȲŒ ` ‹ ȡɋ@
@
काचे घट ǔ‡ ͧ˜ Œȡšɋ • Ȫšȣ@सकउँ ˜ ȯǽ मूलक ǔ‡ ͧ˜  Ȫšȣ@
@
तव Ĥ ȡ” ˜ Ǒ¡ ˜ ȡ भगवाना। को बापुरो ͪ”“ ȡ€ पुराना।।
नाथ ‡ ȡǓ“ अस आयसु होऊ। कौतक
ु ु € šɋ ǒ– › Ȫͩ€ \ सोऊ।।
कमल नाल ǔ‡ ͧ˜ चाफ … ±ȡ ɋ@जोजन सत Ĥ ˜ ȡ“ लै ’ ȡ ɋ@
@
दो0- Ȫšɋ † ğ€ दं ड ǔ‡ ͧ˜ तव Ĥ ȡ” बल नाथ।
‡ ɋ न € šɋ Ĥ— Ǖपद सपथ कर न ’ šɋ धनु भाथ।।253।।
–*–*–
लखन सकोप बचन जे बोले। Œ‚ ˜ ‚ ȡǓ“ ˜ Ǒ¡ Ǒ‘Ê‚ ‡ डोले।।
सकल लोक सब भूप डेराने। ͧ  ™ Ǒ¡ ™ ȱहरषु जनकु सकुचाने।।
गुर šƒ Ǖ” Ǔ सब ˜ ǕǓ“ मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@˜ ǕǑ‘ भए ” ǕǓ“ ” ǕǓ“ ” Ǖ› € ȡ¡ ȣȲ@
@
  ™ “ Ǒ¡ Ȳšƒ Ǖ” Ǔ लखनु नेवारे । Ĥȯ˜ समेत Ǔ“ € Š बैठारे ।।
ǒ–è ȡͧ˜ ğ समय सभ
ु जानी। बोले \ Ǔ सनेहमय बानी।।
उठहु राम भंजहु भवचापा। मेटहु तात जनक ” ǐš ȡ” ȡ@@
  ǓǕ“ ‚ Ǖǽ बचन चरन ͧ  ǽ नावा। हरषु ǒ–Ÿ ȡ‘ Ǖन कछु उर आवा।।
ठाढ़े भए ` Ǒ‹ सहज सुभाएँ। ‹ Ǔ“ जुबा मग
ृ राजु लजाएँ।।
दो0-` Ǒ‘ ` ‘™ ͬ‚ ǐš मंच पर रघुबर बालपतंग।
ǒ–€   ȯसंत सरोज सब हरषे लोचन भंग
ृ ।।254।।
–*–*–
“ ”Ǚ Û¡ €ȯǐš आसा Ǔ“ ͧ  नासी। बचन नखत \ › ȣ न Ĥ € ȡ  Ȣ@
@
मानी ˜ Ǒ¡ ” कुमद
ु सकुचाने। € ” Šȣ भप
ू उलक
ू लक
ु ाने।।
भए ǒ–  Ȫ€ कोक ˜ ǓǕ“ दे वा। – ǐš  Ǒ¡ Ȳसम
ु न ‡ “ ȡ Ǒ¡ Ȳसेवा।।
गुर पद –ȲǑ‘   Ǒ¡  अनुरागा। राम ˜ ǕǓ“ Û¡ सन आयसु मागा।।
  ¡ ‡ Ǒ¡ Ȳचले सकल जग è ȡ˜ Ȣ@˜ ׏ मंजु बर कंु जर गामी।।
चलत राम सब पुर नर “ ȡšȣ@पुलक ” Ǘǐš तन भए   Ǖ ȡšȣ@
@
–ȲǑ‘ ͪ”  š सरु सक
ु ृ त सँभारे । ‡ ɋ कछु ” Û
Ǖ™ Ĥ — ȡ` हमारे ।।
तौ ͧ  ’ “ Ǖमन
ृ ाल € ȧ “ ȡɃ@तोरहुँ राम गनेस ‚ Ȫ  ȡɃ@
@
दो0-šȡ˜ Ǒ¡ Ĥȯ˜ समेत › ͨ   ͨ Û¡ समीप बोलाइ।
सीता मातु सनेह बस बचन कहइ ǒ– ›  ȡ^@ @255।।
–*–*–
  ͨ सब कौतकु ‘ȯ Ǔ“ ¡ ȡšȯ@जेठ कहावत Ǒ¡  Ǘहमारे ।।
कोउ न बुझाइ कहइ गुर ”ȡ¡ ȣȲ@ए बालक \ ͧ  हठ — ͧ› “ ȡ¡ ȣȲ@
@
रावन बान छुआ “ Ǒ¡ Ȳचापा। हारे सकल भूप € ǐš दापा।।
सो धनु राजकुअँर कर ‘ȯ¡ ȣȲ@बाल मराल ͩ€ मंदर › ȯ¡ ȣȲ@
@
भप
ू सयानप सकल ͧ  šȡ“ Ȣ@  ͨ ǒ– ͬ’ ‚ Ǔ कछु ‡ ȡǓ न जानी।।
– Ȫ› ȣ चतरु सखी मद
ृ ु बानी। तेजवंत लघु ‚ Ǔ“ \ न रानी।।
कहँ कंु भज कहँ ͧ  ’Ȳ Ǖअपारा। सोषेउ सुजसु सकल संसारा।।
šǒ– मंडल दे खत लघु लागा। उदयँ तासु Ǔ — Ǖ “ तम भागा।।
दो0-˜ Ȳğ परम लघु जासु बस ǒ–ͬ’ ¡ ǐš हर सुर   – @
[
˜ ¡ ȡ˜ ׏ गजराज कहुँ बस कर अंकुस  – @
[@
256।।
–*–*–
काम कुसुम धनु सायक › ȣÛ¡ ȯ@सकल भुवन अपने बस € ȧÛ¡ ȯ@
@
‘ȯǒ– तिजअ संसउ अस जानी। भंजब धनष
ु रामु सन
ु ु रानी।।
सखी बचन   ǓǕ“ भै परतीती। ͧ˜ Šȡ ǒ– Ÿ ȡ‘ Ǖ– ±ȣ \ Ǔ ĤȢ Ȣ@
@
तब šȡ˜ Ǒ¡ ǒ–› Ȫͩ€ – Ȱ‘ȯ¡ ȣ@सभय ǿ‘™ ȱǒ– “  Ǔ ‡ ȯǑ¡  ȯ¡ ȣ@
@
˜ “ ¡ ȣȲमन मनाव अकुलानी। होहु Ĥ  ۓ महे स भवानी।।
करहु सफल ] ”Ǔ“ सेवकाई। € ǐš Ǒ¡  Ǖहरहु चाप ‚ ǽ] _@ @
गननायक बरदायक दे वा। आजु › ‚ Ʌ€ ȧǔÛ¡ `ȱतअ
ु सेवा।।
बार बार ǒ–“  Ȣ   ǓǕ“ ˜ Ȫšȣ@करहु चाप ‚ ǽǕ  ȡ \ Ǔ  Ȫšȣ@
@
दो0-‘ȯͨ ‘ȯͨ रघब
ु ीर तन सरु मनाव ’ ǐš धीर।।
भरे ǒ–› Ȫ… “ Ĥȯ˜ जल ” Ǖ› € ȡ › ȣ   šȣš@
@257।।
–*–*–
“ Ȣ€ɅǓ“ šͨ नयन — ǐš सोभा। ͪ”  Ǖपनु   ͧǕ˜ ǐš –¡ Ǖǐš मनु छोभा।।
अहह तात ‘ȡǽǓ“ हठ ठानी। समुझत “ Ǒ¡ Ȳकछु लाभु न हानी।।
  ͬ…  सभय ͧ   दे इ न कोई। बुध समाज बड़ \ “ Ǖͬ…  होई।।
कहँ धनु € Ǖͧ›   ¡ Ǖ… ȡǑ¡ कठोरा। कहँ è™ ȡ˜ › मद
ृ ग
ु ात ͩ€   Ȫšȡ@
@
ǒ– ͬ’ €ȯǑ¡ — ȡȱǓ ’ šɋ उर धीरा। ͧ  š  सम
ु न कन –ȯͬ’ \ ¡ ȣšȡ@
@
सकल सभा कै ˜ Ǔ भै — Ȫšȣ@अब ˜ ȪǑ¡ संभच
ु ाप ‚ Ǔ  Ȫšȣ@
@
Ǔ“ ‡ जड़ता › Ȫ‚ Û¡ पर Œȡšȣ@¡ ȪǑ¡ ¡ ǽ\ šƒ Ǖ” Ǔ Ǒ¡ Ǔ“ ¡ ȡšȣ@
@
\ Ǔ ”ǐš ȡ” सीय मन ˜ ȡ¡ ȣ@लव Ǔ“ ˜ ȯŸ जुग सब सय ‡ ȡ¡ ȣȲ@
@
दो0-Ĥ — ǕǑ¡ ͬ…  ^ ” ǕǓ“ ͬ…   ˜ Ǒ¡ राजत लोचन लोल।
खेलत ˜ “ ͧ  ‡ मीन जग ु जनु ǒ–’ Ǖमंडल डोल।।258।।
–*–*–
ͬ‚ šȡ \ ͧ› Ǔ“ मुख पंकज šȪ€ ȧ@Ĥ‚ Š न लाज Ǔ“   ȡ \  › Ȫ€ ȧ@
@
लोचन जलु रह लोचन कोना। जैसे परम कृपन कर सोना।।
सकुची ޙ ȡ€ Ǖ›  ȡ – ͫ° जानी। ’ ǐš धीरजु Ĥ  ȢǓ उर आनी।।
तन मन बचन मोर पनु साचा। šƒ Ǖ” Ǔ पद सरोज ͬ…  Ǖराचा।।
तौ भगवानु सकल उर बासी। € ǐšǑ¡ Ȳ˜ ȪǑ¡ रघुबर कै दासी।।
‡ ȯǑ¡ €Ʌ‡ ȯǑ¡ पर   י सनेहू। सो  ȯǑ¡ ͧ˜ › ^ न कछु संहेहू।।
Ĥ— Ǖतन ͬ…  ^ Ĥȯ˜ तन ठाना। € Ǚ” ȡǓ“ ’ ȡ“ राम सबु जाना।।
ͧ  ™ Ǒ¡ ǒ–› Ȫͩ€ तकेउ धनु कैसे। ͬ…   ‚ ǽǽ लघु ޙ ȡ› Ǒ¡ जैसे।।
दो0-लखन लखेउ šƒ –Ǖ Ȳ  ˜ Ǔ“ ताकेउ हर कोदं डु।
” Ǖ› ͩ€ गात बोले बचन चरन … ȡͪ” Ħé˜ ȡȲŒǕ@@259।।
–*–*–
Ǒ‘  € ȲǕ‡ š¡ Ǖकमठ \ Ǒ¡ कोला। धरहु ’ šǓ“ ’ ǐš धीर न डोला।।
रामु … ¡ Ǒ¡ Ȳसंकर धनु तोरा। होहु सजग   ǕǓ“ आयसु मोरा।।
चाप सपीप रामु जब आए। नर “ ȡǐšÛ¡ सरु सुकृत मनाए।।
सब कर संसउ \ ǽ \ ʙ ȡ“ Ǘ@मंद ˜ ¡ ȣ” Û¡ कर \ ͧ— ˜ ȡ“ Ǘ@
@
— ‚Ǚ ”Ǖ Ǔ €ȯǐš गरब ‚ ǽ] _@सरु ˜ ǓǕ“ – šÛ¡ €ȯǐš कदराई।।
ͧ  ™ कर सोचु जनक ” Ǔ†  ȡȡ@šȡǓ“ Û¡ कर ‘ȡǽ“ दख
ु दावा।।
संभुचाप बड –ȪǑ¡  Ǖपाई। चढे जाइ सब संगु बनाई।।
राम बाहुबल ͧ  ’Ȳ Ǖ\ ”ȡǾ @चहत ”ȡǽ “ Ǒ¡ कोउ € °¡ ȡǾ @
@
दो0-राम ǒ– › Ȫ€ȯलोग सब ͬ… ğ ͧ›  ȯसे ‘ȯͨ @
ͬ…  _ सीय कृपायतन जानी ǒ– € › ǒ–   ȯͪŸ @ @260।।
–*–*–
दे खी ǒ–” Ǖ› ǒ–€ › –Ȱ‘ȯ¡ ȣ@Ǔ“ ͧ˜ Ÿ ǒ– ¡ ȡ कलप सम  ȯ¡ ȣ@
@
 ͪǙŸ  –ȡǐš ǒ–“ Ǖजो तनु י ȡ‚ ȡ@मए
ु ँ करइ का सध
ु ा तड़ागा।।
का बरषा सब कृषी   Ǖ ȡ“ Ʌ@समय … €Ǖ Ʌ” ǓǕ“ का ”Ǔ†  ȡ“ Ʌ@
@
अस िजयँ ‡ ȡǓ“ ‡ ȡ“ € ȧ दे खी। Ĥ — Ǖपुलके › ͨ Ĥ ȢǓ ǒ–  ȯŸ Ȣ@
@
‚ ǕšǑ¡ Ĥ“ ȡ˜ Ǖ˜ “ Ǒ¡ मन € ȧÛ¡ ȡ@\ Ǔ लाघवँ उठाइ धनु › ȣÛ¡ ȡ@
@
दमकेउ ‘ȡͧ˜ Ǔ“ ǔ‡ ͧ˜ जब लयऊ। ” ǕǓ“ नभ धनु मंडल सम भयऊ।।
लेत चढ़ावत  …ɇ  ‚ ȡ±Ʌ@काहुँ न लखा दे ख सबु ‹ ȡ±Ʌ@
@
 ȯǑ¡ छन राम ˜ ڙ धनु तोरा। भरे भव
ु न ’ ǓǕ“ घोर कठोरा।।
छं 0-भरे भव
ु न घोर कठोर रव šǒ– बािज तिज मारगु चले।
ͬ… Ȁ šǑ¡ ȲǑ‘Ê‚ ‡ डोल ˜ Ǒ¡ \ Ǒ¡ कोल € Ǘǽ˜ कलमले।।
सुर असुर ˜ ǕǓ“ कर कान ‘ȣÛ¡ Ʌसकल ǒ–€ › ǒ–… ȡš¡ ȣȲ@
कोदं ड खंडउ
े राम तल
ु सी ‡ ™ Ǔ बचन ` … ȡš¡ ȣ@
@
सो0-संकर चापु जहाजु   ȡ‚ ǽ रघब
ु र बाहुबल।ु
बड़
ू सो सकल समाजु चढ़ा जो Ĥ  ˜ Ǒ¡ Ȳमोह बस।।261।।
Ĥ— Ǖदोउ चापखंड ˜ Ǒ¡ डारे । ‘ȯͨ लोग सब भए सुखारे ।।

€ Ȫͧ  € ǽ” ”™ ȪǓ“ ͬ’ पावन। Ĥȯ˜ –ȡǐš अवगाहु सह ु ावन।।


šȡ˜ Ǿ ” राकेसु Ǔ“ ¡ ȡšȣ@बढ़त – Ȣͬ… ” ›Ǖ € ȡ ͧ› — ȡšȣ@@
बाजे नभ गहगहे Ǔ“   ȡ“ ȡ@दे वबधू “ ȡ… Ǒ¡ Ȳ€ ǐš गाना।।
Ħé˜ ȡǑ‘€ सुर ͧ  ƨ मुनीसा। Ĥ— ǕǑ¡ Ĥ   Ȳ  Ǒ¡ ‘ȯǑ¡ Ȳअसीसा।।
–ǐš  Ǒ¡ Ȳसुमन रं ग बहु माला। ‚ ȡ Ǒ¡ Ȳͩ€ Ȳ“ š गीत रसाला।।
š¡ ȣ भव
ु न — ǐš जय जय बानी। धनष ु भंग ’ ǓǕ“ जात न जानी।।
˜ ǑǕ‘ € ¡ Ǒ¡ Ȳजहँ तहँ नर “ ȡšȣ@भंजेउ राम संभध
ु नु — ȡšȣ@
@
दो0-–Ȳ‘ ȣ मागध सूतगन ǒ– ǽ‘ – ‘Ǒ¡ Ȳ˜ Ǔ ’ Ȣš@
€ šǑ¡ ȲǓ“ † ȡǐš लोग सब हय गय धन ˜ Ǔ“ चीर।।262।।
–*–*–
ˆ ȡͨȱˆ मद
ृ ं ग संख सहनाई। — ȯǐš ढोल दं द
ु भ
ु ी सह
ु ाई।।
–ȡ‡ Ǒ¡ Ȳबहु बाजने सह
ु ाए। जहँ तहँ ‡ –Ǖ Ǔ Û¡ मंगल गाए।।
  ͨ Û¡   Ǒ¡  हरषी \ Ǔ रानी। सूखत धान परा जनु पानी।।
जनक लहे उ सख
ु ु सोचु ǒ– ¡ ȡ_@पैरत  €Ʌथाह जनु पाई।।
Į Ȣ¡  भए भूप धनु टूटे । ‡ Ȱ  ɅǑ‘   ‘ȣ” † ǒ– छूटे ।।
सीय   Ǖ Ǒ¡ –šǓ“ \ €ȯǑ¡ भाँती। जनु … ȡ € ȧ पाइ जलु è ȡ Ȣ@
@
šȡ˜ Ǒ¡ लखनु ǒ–› Ȫ€  €Ȱ  Ʌ@  ͧ  Ǒ¡ चकोर ͩ€   Ȫš€ Ǖ ‡ Ȱ  Ʌ@
@
सतानंद तब आयसु ‘ȣÛ¡ ȡ@सीताँ गमनु राम ” Ǒ¡ Ȳ€ ȧÛ¡ ȡ@
@
दो0-संग सखीं सुदंर चतरु ‚ ȡ Ǒ¡ Ȳमंगलचार।
गवनी बाल मराल ‚ Ǔ सुषमा अंग अपार।।263।।
–*–*–
  ͨ Û¡ ˜ ڙ ͧ  ™   Ȫ¡ Ǔ कैसे। † ǒ– ‚ “ ˜ ڙ ˜ ¡ ȡ† ǒ– ‡ Ȱ  Ʌ@
@
कर सरोज जयमाल सुहाई। ǒ–è ǒ– ‡ ™ सोभा ‡ ȯǑ¡ Ȳछाई।।
तन सकोचु मन परम उछाहू। गूढ़ Ĥȯ˜ Ǖ› ͨ परइ न काहू।।
जाइ समीप राम † ǒ– दे खी। šǑ¡ जनु € ȱǕ\ ǐš ͬ… ğ अवरे खी।।
चतरु सखीं › ͨ कहा बझ
ु ाई। ” Ǒ¡ šȡ¡ Ǖजयमाल सह
ु ाई।।
सुनत जुगल कर माल उठाई। Ĥȯ˜ ǒ––   ” Ǒ¡ šȡ^ न जाई।।
सोहत जनु जुग जलज सनाला।   ͧ  Ǒ¡ सभीत दे त जयमाला।।
‚ ȡǑ¡ Ȳ† ǒ– \ › Ȫͩ€   ¡ ȯ› ȣ@ͧ  ™ ȱजयमाल राम उर ˜ ȯ› ȣ@
@
सो0-रघब
ु र उर जयमाल ‘ȯͨ दे व – ǐš  Ǒ¡ Ȳसम
ु न।
सकुचे सकल भआ
ु ल जनु ǒ–› Ȫͩ€ šǒ– कुमद
ु गन।।264।।
पुर \ ǽ ޙ Ȫ˜ बाजने बाजे। खल भए ˜ ͧ› “ साधु सब राजे।।
सुर ͩ€ Ȳ“ š नर नाग मुनीसा। जय जय जय € Ǒ¡ ‘ȯǑ¡ Ȳअसीसा।।
“ ȡ… Ǒ¡ Ȳ‚ ȡǑ¡ Ȳǒ–– Ǖ’ – ’ ŠǗ ȣȲ@बार बार € Ǖ  Ǖ˜ ȡȲ‡ ͧ› † ǗŠȣȲ@
@
जहँ तहँ ǒ–Ĥ –ȯ‘ ’ ǓǕ“ € š¡ ȣȲ@– Ȳ‘ ȣ ǒ–š‘ȡ ͧ› ` Í … š¡ ȣȲ@
@
˜ Ǒ¡ पाताल नाक जसु ޙ ȡ”ȡ@राम – šȣ ͧ  ™ भंजेउ चापा।।
€ šǑ¡ Ȳआरती परु नर “ ȡšȣ@‘ȯǑ¡ ȲǓ“ † ȡǐš ǒ– ׏ ǒ–   ȡšȣ@
@
  Ȫ¡ Ǔ सीय राम कै ‡ ȫšȣ@† ǒ– ͧ  ‚Ȳ ȡǽ मनहुँ एक ‹ Ȫšȣ@
@
सखीं € ¡ Ǒ¡ ȲĤ— Ǖ” ‘ गहु सीता। € šǓ न चरन परस \ Ǔ भीता।।
दो0-गौतम Ǔ ™ ‚ Ǔ   ǕšǓ € ǐš “ Ǒ¡ Ȳ” š  Ǔ पग ”ȡǓ“ @
मन ǒ– ¡   ȯšƒ –Ǖ Ȳ  ˜ Ǔ“ Ĥ ȢǓ \ › ȫͩ€ € ‡ ȡǓ“ @
@265।।
–*–*–
तब ͧ  ™ ‘ȯͨ भूप \ ͧ— › ȡŸȯ@कूर कपूत मूढ़ मन माखे।।
` Ǒ‹ ` Ǒ‹ ”Ǒ¡ ǐš सनाह अभागे। जहँ तहँ गाल बजावन लागे।।
लेहु छड़ाइ सीय कह कोऊ। ’ ǐš बाँधहु नप
ृ बालक दोऊ।।
 ȪšɅधनुषु चाड़ “ Ǒ¡ Ȳसरई। जीवत ¡ ˜ Ǒ¡ € Ǖ\ ǐȱš को बरई।।
‡ ɋ ǒ– ‘ȯ¡ Ǖकछु करै सहाई। जीतहु समर   Ǒ¡  दोउ भाई।।
साधु भूप बोले   ǕǓ“ बानी। šȡ‡   ˜ ȡ‡ Ǒ¡ लाज लजानी।।
बलु Ĥ ȡ” Ǖबीरता बड़ाई। नाक ͪ” “ ȡ€ Ǒ¡ संग ͧ  ’ ȡ_@
@
सोइ सरू ता ͩ€ अब कहुँ पाई। \ ͧ  – ͬǕ’ तौ ǒ– ͬ’ मह
ु ँ ˜ ͧ  लाई।।
दो0-दे खहु šȡ˜ Ǒ¡ नयन — ǐš तिज ^ǐšŸ ȡ मद ु कोहु।
लखन रोषु पावकु Ĥ–› ‡ ȡǓ“ सलभ ‡ Ǔ“ होहु।।266।।
–*–*–
बैनतेय –ͧ› ǔ‡ ͧ˜ चह काग।ू ǔ‡ ͧ˜ ससु चहै नाग \ ǐš भागू।।
ǔ‡ ͧ˜ चह कुसल अकारन € Ȫ¡ ȣ@सब संपदा चहै ͧ  ġȪ¡ ȣ@
@
लोभी लोलुप कल € ȧšǓ चहई। अकलंकता ͩ€ कामी लहई।।
¡ ǐš पद ǒ–˜ Ǖ परम ‚ Ǔ चाहा। तस  à
Ǖ ¡ ȡš लालचु नरनाहा।।
कोलाहलु   ǓǕ“ सीय सकानी। सखीं लवाइ ‚ Ƀ जहँ रानी।।
रामु सभ
ु ायँ चले ‚ ǽǕ ”ȡ¡ ȣȲ@ͧ  ™ सनेहु बरनत मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
šȡǓ“ Û¡   Ǒ¡  सोचबस सीया। अब ’ ɋ ǒ–ͬ’ Ǒ¡ काह करनीया।।
भूप बचन   ǕǓ“ इत उत  € ¡ ȣ@
Ȳ लखनु राम डर – Ȫͧ› न   € ¡ ȣȲ@
@
दो0-\ ǽ“ नयन — €ǙǕŠȣ € ǕǑŠ› ͬ…    “ ”Ǚ Û¡ सकोप।
मनहुँ ˜ ׏ गजगन Ǔ“ šͨ ͧ  ƒȲ ͩ€   ȪšǑ¡ चोप।।267।।
–*–*–
 š— ǽ ‘ȯͨ ǒ–€ › पुर “ ȡšȣ@
Ȳ सब ͧ˜ ͧ› ‘ȯǑ¡ Ȳ˜ ¡ ȣ” Û¡ ‚ ȡšȣ@
Ȳ@
 ȯǑ¡ Ȳअवसर   ǓǕ“ ͧ   धनु भंगा। आयसु भग
ृ क
ु ु ल कमल पतंगा।।
‘ȯͨ ˜ ¡ ȣ” सकल सकुचाने। बाज झपट जनु लवा लक
ु ाने।।
‚ ȫǐš   šȣš — ǗǓ भल ħ ȡ‡ ȡ@भाल ǒ–  ȡ› ǒğ” ǕȲŒ ǒ– šȡ‡ ȡ@
@
सीस जटा   ͧ  –‘“ Ǖसुहावा। ǐš  –  कछुक \ ǽ“ होइ आवा।।
— €ǙǕŠȣ € ǕǑŠ› नयन ǐš  राते। सहजहुँ ͬ…   मनहुँ ǐš  ȡ ȯ@
@
बष
ृ भ कंध उर बाहु ǒ–  ȡ› ȡ@… ȡǽ जनेउ माल मग
ृ छाला।।
€ ǑŠ ˜ ǓǕ“ बसन तन
ू दइु –ȡȱ’ Ʌ@धनु सर कर € Ǖ‹ ȡǽ कल € ȡȱ’ Ʌ@
@
दो0-सांत बेषु करनी € Ǒ‹ “ – šǓ“ न जाइ   ǽ”@
’ ǐš ˜ ǕǓ“  “ Ǖजनु बीर रसु आयउ जहँ सब भूप।।268।।
–*–*–
दे खत — ‚Ǚ Ǖ” Ǔ बेषु कराला। उठे सकल भय ǒ– € › भुआला।।
ͪ”  Ǖसमेत € Ǒ¡ € Ǒ¡ Ǔ“ ‡ नामा। लगे करन सब दं ड Ĥ “ ȡ˜ ȡ@
@
‡ ȯǑ¡ सुभायँ ͬ…  Ǒ¡ ȲǑ¡  Ǖजानी। सो जानइ जनु आइ खुटानी।।
जनक –¡ Ȫǐš आइ ͧ  ǽ नावा। सीय बोलाइ Ĥ “ ȡ˜ Ǖकरावा।।
] ͧ  Ÿ ‘ȣǔÛ¡ सखीं हरषानीं। Ǔ“ ‡ समाज लै गई सयानीं।।
ǒ–è ȡͧ˜ ğ Ǖͧ˜ › ȯ” ǓǕ“ आई। पद सरोज मेले दोउ भाई।।
रामु लखनु दसरथ के ढोटा। ‘ȣǔÛ¡ असीस ‘ȯͨ भल जोटा।।
šȡ˜ Ǒ¡ ͬ…  ^ रहे  ͩ€ लोचन। Ǿ ” अपार मार मद मोचन।।
दो0-–¡ Ǖǐš ǒ–› Ȫͩ€ ǒ–‘ȯ¡ सन कहहु काह \ Ǔ भीर।।
पछ
ू त ‡ ȡǓ“ अजान ǔ‡ ͧ˜ ޙ ȡ”ȯ̀ कोपु   šȣš@@
269।।
–*–*–
समाचार € Ǒ¡ जनक सुनाए। ‡ ȯǑ¡ कारन ˜ ¡ ȣ” सब आए।।
सन
ु त बचन ͩ• ǐš अनत Ǔ“ ¡ ȡšȯ@दे खे चापखंड ˜ Ǒ¡ डारे ।।
\ Ǔ ǐš  बोले बचन कठोरा। कहु जड़ जनक धनष ु कै तोरा।।
–ȯͬ‚ दे खाउ मूढ़ न त आजू। उलटउँ ˜ Ǒ¡ जहँ › Ǒ¡ तव राजू।।
\ Ǔ Œǽ `  ǽ दे त नप
ृ ु “ ȡ¡ ȣȲ@€ ǕǑŠ› भूप हरषे मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
सुर ˜ ǕǓ“ नाग नगर नर “ ȡšȣ@
@  Ȫ… Ǒ¡ Ȳसकल ğȡ  उर — ȡšȣ@
@
मन ”Ǔ†  ȡǓ सीय ˜ ¡  ȡšȣ@ǒ– ͬ’ अब   ȱ šȣ बात ǒ–‚ ȡšȣ@
@
— ‚Ǚ ”Ǖ Ǔ कर सभ
ु ाउ   ǓǕ“ सीता। अरध Ǔ“ ˜ ȯŸ कलप सम बीता।।
दो0-सभय ǒ–› Ȫ€ȯलोग सब ‡ ȡǓ“ ‡ ȡ“ € ȧ — Ȣǽ@
ǿ‘™ ȱन हरषु ǒ–Ÿȡ‘ Ǖकछु बोले Į Ȣšƒ Ǖ– Ȣǽ@
@270।।
मासपारायण, नवाँ ͪ Į ȡ˜
–*–*–
नाथ संभध
ु नु — Ȳ‡ Ǔ“ ¡ ȡšȡ@¡ Ȫ^Ǒ¡ केउ एक दास  à
Ǖ ¡ ȡšȡ@
@
आयसु काह € Ǒ¡ \ ͩ€ “ ˜ Ȫ¡ ȣ@  ǓǕ“ ǐš  ȡ^ बोले ˜ ǓǕ“ € Ȫ¡ ȣ@
@
सेवकु सो जो करै सेवकाई। \ ǐš करनी € ǐš € ǐš\ लराई।।
सुनहु राम ‡ ȯǑ¡ Ȳͧ  ’ “ Ǖतोरा। सहसबाहु सम सो ǐš” Ǖमोरा।।
सो ǒ– › ‚ ȡ` ǒ–¡ ȡ^ समाजा। न त मारे ‡ Ȱ¡ Ǒ¡ Ȳसब राजा।।
  ǓǕ“ ˜ ǓǕ“ बचन लखन मस
ु क
ु ाने। बोले ” š  ’Ǖ šǑ¡ अपमाने।।
बहु ’ “ ¡Ǖ ȣȲ ȪšȣȲ› ǐš€ ȡɃ@कबहुँ न \ ͧ  ǐš  € ȧǔÛ¡ ‚ Ȫ  ȡɃ@ @
f Ǒ¡ धनु पर ममता €ȯǑ¡ हे त।ू   ǓǕ“ ǐš  ȡ^ कह भग ृ क
ु ु लकेत।ू ।
दो0-रे नप
ृ बालक कालबस बोलत  ȪǑ¡ न सँमार।।
’ “ Ǖ¡ ȣ सम Ǔ ” Ǖšȡǐš धनु ǒ–Ǒ‘ सकल संसार।।271।।
–*–*–
लखन कहा ¡ ȱͧ  ¡ ˜ šɅजाना। सुनहु दे व सब धनुष समाना।।
का † Ǔ लाभु जून धनु  ȫšɅ@दे खा राम नयन के — ȪšɅ@
@
छुअत टूट šƒ Ǖ” Ǔ ¡ Ǖन दोसू। ˜ ǕǓ“ ǒ–“ Ǖकाज € ǐš\ कत रोसू ।
बोले ͬ…  ^ परसु € ȧ ओरा। रे सठ   “Ǖ ȯǑ¡ सभ
ु ाउ न मोरा।।
बालकु –Ȫͧ› बधउँ “ Ǒ¡ Ȳ Ȫ¡ ȣ@केवल ˜ ǓǕ“ जड़ ‡ ȡ“ Ǒ¡ ˜ Ȫ¡ ȣ@
@
बाल Ħ é˜ … ȡšȣ \ Ǔ € Ȫ¡ ȣ@ǒ– è ǒ–Ǒ‘ † ǒğ™ € Ǖ› ġȪ¡ ȣ@
@
भुजबल — Ǘͧ˜ भूप ǒ–“ Ǖ€ ȧÛ¡ ȣ@ǒ– ” Ǖ› बार ˜ Ǒ¡ ‘ȯ Û¡ ‘ȣÛ¡ ȣ@
@
सहसबाहु भुज † ȯ‘Ǔ“ ¡ ȡšȡ@परसु ǒ– › Ȫ€ Ǖ ˜ ¡ ȣ” € Ǖ˜ ȡšȡ@
@
दो0-मातु ͪ” Ǒ¡ ‡ Ǔ“ सोचबस € šͧ  ˜ ¡ ȣ  ͩ€   Ȫš@
‚—Û
[ ¡ के \ — €[ दलन परसु मोर \ Ǔ घोर।।272।।
–*–*–
ǒ–¡ ͧ  लखनु बोले मद
ृ ु बानी। अहो मन
ु ीसु महा भटमानी।।
” ǓǕ“ ” ǓǕ“ ˜ ȪǑ¡ दे खाव € Ǖ‹ ȡǾ @चहत उड़ावन • ȱǗͩ€ ”¡ ȡǾ @
@
इहाँ € Ǖà¡ °–Ǔ ™ ȡ कोउ “ ȡ¡ ȣȲ@जे तरजनी ‘ȯͨ ˜ ǐš ‡ ȡ¡ ȣȲ@
@
‘ȯͨ € Ǖ‹ ȡǽ सरासन बाना। ˜ ɇकछु कहा   Ǒ¡  \ ͧ— ˜ ȡ“ ȡ@
@
भग
ृ ुसुत   ˜ Ǖͨˆ जनेउ ǒ–› Ȫ€ ȧ@जो कछु कहहु सहउँ ǐš  šȪ€ ȧ@ @
सरु ˜ Ǒ¡   šǕ ¡ ǐš‡ “ \ ǽ गाई। ¡ ˜ šɅकुल ^Û¡ पर न सरु ाई।।
– ’ Ʌपापु \ ”€ ȧšǓ ¡ ȡšɅ@मारतहूँ पा ” ǐš\  à
Ǖ ¡ ȡšɅ@
@
€ ȪǑŠ € Ǖͧ›   सम बचनु  à
Ǖ ¡ ȡšȡ@ޙ  [धरहु धनु बान कुठारा।।
दो0-जो ǒ– › Ȫͩ€ \ “ Ǖͬ…  कहे उँ छमहु ˜ ¡ ȡ˜ ǕǓ“ धीर।
  ǕǓ“ सरोष — ‚Ǚ Ǖ– Ȳ  ˜ Ǔ“ बोले ͬ‚ šȡ गभीर।।273।।
–*–*–
€ ȫͧ  € सुनहु मंद यहु बालकु। € ǕǑŠ› कालबस Ǔ“ ‡ कुल घालकु।।
भानु बंस राकेस कलंकू। Ǔ“ ”Š Ǔ“ šȲ€ Ǖ  अबध
ु असंकू।।
काल कवलु ¡ Ȫ^Ǒ¡ छन ˜ ȡ¡ ȣȲ@कहउँ ” Ǖ€ ȡǐš  Ȫǐš ˜ ȪǑ¡ “ ȡ¡ ȣȲ@
@
à
Ǖ ¡ हटकउ ‡ ɋ चहहु उबारा। € Ǒ¡ Ĥ  ȡ” Ǖबलु रोषु हमारा।।
लखन कहे उ ˜ ǓǕ“ सज
ु स à
Ǖ ¡ ȡšȡ@ à
Ǖ ¡ Ǒ¡ अछत को बरनै पारा।।
अपने मँहु àǕ ¡ ] ” Ǔ“ करनी। बार अनेक — ȡȱǓ बहु बरनी।।
“ Ǒ¡ Ȳसंतोषु त ” ǕǓ“ कछु कहहू। ‡ Ǔ“ ǐš  šȪͩ€ दस
ु ह दखु सहहू।।
–ȢšĦ Ȣ  à
Ǖ ¡ धीर अछोभा। ‚ ȡšȣ दे त न पावहु सोभा।।
दो0-सरू समर करनी € šǑ¡ Ȳ€ Ǒ¡ न ‡ “ ȡ Ǒ¡ Ȳआप।ु
ǒ–ɮ™ ˜ ȡ“ रन पाइ ǐš” Ǖकायर €  Ǒ¡ ȲĤ  ȡ” @
Ǖ@
274।।
–*–*–
à
Ǖ ¡ तौ कालु हाँक जनु लावा। बार बार ˜ ȪǑ¡ › ȡͬ‚ बोलावा।।
सन
ु त लखन के बचन कठोरा। परसु   ’Ǖ ȡǐš धरे उ कर घोरा।।
अब ‡ Ǔ“ दे इ दोसु ˜ ȪǑ¡ लोगू। € ŠǕ– ȡ‘ȣ बालकु बधजोगू।।
बाल ǒ– › Ȫͩ€ बहुत ˜ ɇबाँचा। अब यहु ˜ šǓ“ ¡ ȡš भा साँचा।।
€ ȫͧ  € कहा † ͧ˜ \ अपराध।ू बाल दोष गुन ‚ “ Ǒ¡ Ȳन साध।ू ।
खर कुठार ˜ ɇ\ € ǽ“ € Ȫ¡ ȣ@] ‚ Ʌअपराधी ‚ ǽǕ ġȪ¡ ȣ@
@
उतर दे त छोड़उँ ǒ–“ Ǖ˜ ȡšɅ@केवल € ȫͧ  € सील  à
Ǖ ¡ ȡšɅ@
@
न त f Ǒ¡ € ȡǑŠ कुठार € ‹ ȪšɅ@‚ šǕǑ¡ ` ǐš“ होतेउँ Į ˜  ȪšɅ@
@
दो0-‚ ȡͬ’   Ǘ“ Ǖकह ǿ‘™ ȱ¡ ȱͧ  ˜ ǕǓ“ Ǒ¡ ¡ ǐš\ š^ सूझ।
अयमय खाँड न ऊखमय अजहुँ न बूझ अबूझ।।275।।
–*–*–
कहे उ लखन ˜ ǓǕ“ सीलु  à
Ǖ ¡ ȡšȡ@को “ Ǒ¡ जान ǒ– Ǒ‘ संसारा।।
माता ͪ” Ǒ¡ ` ǐš“ भए “ Ȣ€Ʌ@गुर ǐš“ Ǖरहा सोचु बड़ ‡ Ȣ€Ʌ@
@
सो जनु ¡ ˜ šȯǑ¡ माथे काढ़ा। Ǒ‘“ … ͧ› गए ޙ ȡ‡ बड़ बाढ़ा।।
अब ] Ǔ“ \ ޙ ¡ ǐš] – Ȫ› ȣ@तरु त दे उँ ˜ ɇ ›Ȱ ȣ  Ȫ› ȣ@
@
  ǓǕ“ कटु बचन कुठार सध
ु ारा। हाय हाय सब सभा पक
ु ारा।।
भग
ृ ुबर परसु दे खावहु ˜ Ȫ¡ ȣ@ǒ– Ĥ ǒ– … ȡǐš बचउँ “ ”Ǚ ġȪ¡ ȣ@
@
ͧ˜ › ȯन कबहुँ सुभट रन गाढ़े । ɮͪ ‡ दे वता ƒ šǑ¡ के बाढ़े ।।
\ “ Ǖͬ…  € Ǒ¡ सब लोग पुकारे । šƒ Ǖ” Ǔ   ™ “ Ǒ¡ Ȳलखनु नेवारे ।।
दो0-लखन उतर ] ¡ ǕǓ   ǐš  भग
ृ ब ु र कोपु कृसान।ु
बढ़त ‘ȯͨ जल सम बचन बोले रघक ु ु लभान।ु ।276।।
–*–*–
नाथ करहु बालक पर छोहू। सध ू दधू मखु € ǐš\ न कोहू।।
‡ ɋ पै Ĥ— ǕĤ— ȡ` कछु जाना। तौ ͩ€ – šȡ– ǐš करत अयाना।।
‡ ɋ › ǐš€ ȡ कछु \ … ‚ ǐš € š¡ ȣȲ@गुर ͪ” Ǖमातु मोद मन — š¡ ȣȲ@
@
€ ǐš\ कृपा ͧ    Ǖसेवक जानी।  à
Ǖ ¡ सम सील धीर ˜ ǕǓ“ ʙ ȡ“ Ȣ@
@
राम बचन   ǕǓ“ कछुक जुड़ाने। € Ǒ¡ कछु लखनु –¡ Ǖǐš मुसकाने।।
हँसत ‘ȯͨ नख ͧ   ǐš  ޙ ȡ”Ȣ@राम तोर ħ ȡ ȡ बड़ पापी।।
गौर   šȣš è™ ȡ˜ मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@कालकूटमख
ु पयमख
ु “ ȡ¡ ȣȲ@
@
सहज टे ढ़ अनह
ु रइ न  Ȫ¡ ȣ@नीचु मीचु सम दे ख न ˜ ȫ¡ ȣȲ
@@
दो0-लखन कहे उ ¡ ȱͧ  सुनहु ˜ ǕǓ“ Đ Ȫ’ Ǖपाप कर मूल।
‡ ȯǑ¡ बस जन \ “ Ǖͬ…  € šǑ¡ Ȳ… šǑ¡ Ȳǒ– è ĤǓ € Ǘ› @
@277।।
–*–*–
˜ ɇ à
Ǖ ¡ ȡš अनुचर ˜ ǕǓ“ šȡ™ ȡ@” ǐš¡ ǐš कोपु € ǐš\ अब दाया।।
टूट चाप “ Ǒ¡ Ȳ‡ ǕšǑ¡ ǐš  ȡ“ ȯ@– ȰǑ‹ \ ¡ Ȫ^Ǒ¡ Ȳपाय ͪ”šȡ“ ȯ@
@
जौ \ Ǔ ͪĤ ™ तौ € ǐš\ उपाई। ‡ Ȫǐš\ कोउ बड़ गुनी बोलाई।।
बोलत ›  “ Ǒ¡ Ȳजनकु Œȯšȡ¡ ȣȲ@˜ çŠ करहु \ “ ͬǕ…  भल “ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
थर थर € ȡ”Ǒ¡ Ȳपरु नर “ ȡšȣ@छोट कुमार खोट बड़ — ȡšȣ@ @
— ‚Ǚ Ǖ” Ǔ   ǕǓ“   ǕǓ“ Ǔ“ š— ™ बानी। ǐš  तन जरइ होइ बल हानी।।
बोले šȡ˜ Ǒ¡ दे इ Ǔ“ ¡ Ȫšȡ@बचउँ ǒ– … ȡǐš बंधु लघु तोरा।।
मनु ˜ › ȣ“ तनु सुंदर €Ȱ  Ʌ@ǒ– Ÿ रस भरा कनक घटु ‡ Ȱ  @
ɇ@
दो0-   ǓǕ“ › Ǔ† ˜ “ ǒ– ¡   ȯ–¡ Ǖǐš नयन तरे रे राम।
गरु समीप गवने   € Ǖͬ… ”ǐš¡ ǐš बानी बाम।।278।।
–*–*–
\ Ǔ ǒ–“ Ȣ मद
ृ ु सीतल बानी। बोले रामु ‡ Ȫǐš जग
ु पानी।।
सन
ु हु नाथ  à
Ǖ ¡ सहज सज
ु ाना। बालक बचनु € ǐš\ “ Ǒ¡ Ȳकाना।।
बररै बालक एकु सुभाऊ। ^Û¡ Ǒ¡ न संत ǒ– ‘ ŸǗ Ǒ¡ Ȳकाऊ।।
 ȯǑ¡ Ȳ“ ȡ¡ ȣȲकछु काज ǒ–‚ ȡšȡ@अपराधी ˜ Ʌनाथ  à
Ǖ ¡ ȡšȡ@
@
कृपा कोपु बधु बँधब ‚ Ȫ  ȡɃ@मो पर € ǐš\ दास € ȧ नाई।।
€ Ǒ¡ \ –ȯͬ‚ ‡ ȯǑ¡ ǒ–ͬ’ ǐš  जाई। ˜ ǓǕ“ “ ȡ™ € सोइ € šɋ उपाई।।
कह ˜ ǓǕ“ राम जाइ ǐš  €Ȱ  Ʌ@अजहुँ अनज
ु तव ͬ…   \ “  Ȱ Ʌ@
@
f Ǒ¡ के कंठ € Ǖ‹ ȡǽ न ‘ȣÛ¡ ȡ@तौ ˜ ɇकाह कोपु € ǐš € ȧÛ¡ ȡ@
@
दो0-‚ — [èğ Ǒ¡ Ȳ\ Ǔ“ ” š Ǔ“   ǕǓ“ कुठार ‚ Ǔ घोर।
परसु अछत दे खउँ िजअत –Ȱšȣ — Ǘ” ͩ€   Ȫš@ @
279।।
–*–*–
बहइ न हाथु दहइ ǐš  छाती। भा € Ǖ‹ ȡǽ € ȲǕǑ‹  नप
ृ घाती।।
भयउ बाम ǒ–ͬ’ ͩ• šȯ̀ सुभाऊ। मोरे ǿ‘™ ȱकृपा € ͧ  काऊ।।
आजु दया दख
ु ु दस
ु ह सहावा।   ǕǓ“   ȫͧ˜ ğ ǒ– ¡ ͧ  ͧ  ǽ नावा।।
बाउ कृपा ˜ šǗǓ अनक
ु ू ला। बोलत बचन झरत जनु फूला।।
‡ ɋ पै कृपाँ ‡ ǐšǑ¡ Ȳ˜ ǓǕ“ गाता। Đ Ȫ’ भएँ तनु राख ǒ– ’ ȡ ȡ@
@
दे खु जनक ¡ Ǒ‹ बालक एहू। € ȧÛ¡ चहत जड़ जमपुर गेहू।।
–ȯͬ‚ करहु ͩ€ “ ] ȱͨ Û¡ ओटा। दे खत छोट खोट नप
ृ ढोटा।।
ǒ– ¡   ȯलखनु कहा मन ˜ ȡ¡ ȣ@
Ȳ ˜ Ǘ‘Ʌ] ȱͨ कतहुँ कोउ “ ȡ¡ ȣȲ@
@
दो0-परसरु ामु तब राम Ĥ Ǔ बोले उर \ Ǔ Đ Ȫ’ @
Ǖ
संभु सरासनु  Ȫǐš सठ € šͧ  हमार Ĥ –Ȫ’ @
Ǖ@
280।।
–*–*–
बंधु कहइ कटु संमत  ȪšɅ@तू छल ǒ– “ ™ € šͧ  कर ‡ ȪšɅ@
@
€ ǽ ” ǐš ȪŸ Ǖमोर   ȲĒ ȡ˜ ȡ@“ ȡǑ¡ Ȳत छाड़ कहाउब रामा।।
छलु तिज € šǑ¡   ˜ ǽ ͧ  ġȪ¡ ȣ@बंधु   Ǒ¡  न त मारउँ  Ȫ¡ ȣ@
@
— ‚Ǚ Ǖ” Ǔ –€ Ǒ¡ Ȳकुठार उठाएँ। मन ˜ Ǖ  € ȡǑ¡ Ȳरामु ͧ  š नाएँ।।
गुनह लखन कर हम पर रोषू। कतहुँ सुधाइहु ते बड़ दोषू।।
टे ढ़ ‡ ȡǓ“ सब बंदइ काहू। – Đ … ġȲ ˜ Ǒ¡ Ē   ^ न राहू।।
राम कहे उ ǐš  तिजअ मन
ु ीसा। कर € Ǖ‹ ȡǽ ] ‚ Ʌयह सीसा।।
‡ ɅǑ¡ Ȳǐš  जाइ € ǐš\ सोइ è ȡ˜ Ȣ@˜ ȪǑ¡ ‡ ȡǓ“ आपन अनग
ु ामी।।
दो0-Ĥ— ǕǑ¡   ȯ € Ǒ¡   ˜ ǽ कस तजहु ǒ– Ĥ– š रोसु।
बेषु ǒ–› Ȫ€Ʌ€ ¡ ȯͧ  कछु बालकहू “ Ǒ¡ Ȳदोसु।।281।।
–*–*–
‘ȯͨ कुठार बान धनु ’ ȡšȣ@भै › ǐš€ Ǒ¡ ǐš  –Ȣǽ ǒ–… ȡšȣ@@
नामु जान पै  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ न … ȢÛ¡ ȡ@बंस सुभायँ `  ǽ  ɅǑ¡ Ȳ‘ȣÛ¡ ȡ@
@
‡ ɋ à
Ǖ ¡ औतेहु ˜ ǕǓ“ € ȧ “ ȡɃ@पद रज ͧ  š ͧ    Ǖधरत ‚ Ȫ  ȡɃ@
@
छमहु चकू अनजानत €ȯšȣ@… Ǒ¡ \ ǒ–Ĥ उर कृपा ƒ “ ȯšȣ@ @
¡ ˜ Ǒ¡  à
Ǖ ¡ Ǒ¡   ǐš–ǐš € ͧ  नाथा।।कहहु न कहाँ चरन कहँ माथा।।
राम ˜ ȡğ लघु नाम हमारा। परसु   Ǒ¡  बड़ नाम तोहारा।।
दे व एकु गुनु धनुष ¡ ˜ ȡšɅ@नव गुन परम पुनीत  à
Ǖ ¡ ȡšɅ@
@
सब Ĥ € ȡš हम  à
Ǖ ¡ सन हारे । छमहु ǒ–Ĥ अपराध हमारे ।।
दो0-बार बार ˜ ǓǕ“ ǒ– Ĥ– š कहा राम सन राम।
बोले — ‚Ǚ ”Ǖ Ǔ   ǽŸ ¡ ͧ  तहूँ बंधु सम बाम।।282।।
–*–*–
Ǔ“ ”ŠǑ¡ Ȳɮͪ ‡ € ǐš ‡ ȡ“ Ǒ¡ ˜ Ȫ¡ ȣ@˜ ɇजस ǒ– Ĥ सन
ु ावउँ  Ȫ¡ ȣ@
@
चाप èğ Ǖ ȡ सर ] ¡ ǕǓ जान।ू कोप मोर \ Ǔ घोर कृसान।ु ।
  ͧ˜ ͬ’ सेन चतरु ं ग सुहाई। महा ˜ ¡ ȣ” भए पसु आई।।
मै f Ǒ¡ परसु € ȡǑŠ – ͧ› ‘ȣÛ¡ ȯ@समर ‡ ʙ जप € ȪǑŠÛ¡ € ȧÛ¡ ȯ@
@
मोर Ĥ— ȡ` ǒ–Ǒ‘ “ Ǒ¡ Ȳ ȪšɅ@– Ȫ› ͧ  Ǔ“ ‘ǐš ǒ– Ĥ के — ȪšɅ@
@
भंजेउ चापु दापु बड़ बाढ़ा। \ ¡ ͧ˜ Ǔ मनहुँ ‡ ȢǓ जगु ठाढ़ा।।
राम कहा ˜ ǓǕ“ कहहु ǒ–… ȡšȣ@ǐš  \ Ǔ – ͫ° लघु चक ू ¡ ˜ ȡšȣ@@
† Ǖ\  Ǒ¡ Ȳटूट ͪ”“ ȡ€ परु ाना। ˜ ɇ€ Ǒ¡ हे तु € šɋ \ ͧ— ˜ ȡ“ ȡ@
@
दो0-‡ ɋ हम Ǔ“ ‘šǑ¡ Ȳǒ–Ĥ – Ǒ‘   י सुनहु भग
ृ ुनाथ।
तौ अस को जग सुभटु ‡ ȯǑ¡ भय बस “ ȡǑ¡ Ȳमाथ।।283।।
–*–*–
दे व दनुज — Ǘ” Ǔ भट नाना। समबल \ ͬ’ € होउ बलवाना।।
‡ ɋ रन ¡ ˜ Ǒ¡ पचारै कोऊ। › šǑ¡ Ȳसुखेन कालु ͩ€ “ होऊ।।
† ǒğ™ तनु ’ ǐš समर सकाना। कुल कलंकु  ȯǑ¡ Ȳपावँर आना।।
कहउँ सभ
ु ाउ न € Ǖ› Ǒ¡ Ĥ  Ȳ  Ȣ@कालहु ŒšǑ¡ Ȳन रन रघब
ु ंसी।।
ǒ–Ĥ –Ȳ  कै \ ͧ  Ĥ— Ǖ ȡ_@अभय होइ जो  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ डेराई।।
सुनु मद
ृ ु गूढ़ बचन šƒ Ǖ” Ǔ के। उघरे पटल परसुधर ˜ Ǔ के।।
राम š˜ ȡ”Ǔ कर धनु लेहू।  …ɇ ¡ Ǖͧ˜ ŠȰमोर संदेहू।।
दे त चापु ] ” ǕǑ¡ Ȳ… ͧ› गयऊ। परसुराम मन ǒ–   ˜ ™ भयऊ।।
दो0-जाना राम Ĥ— ȡ` तब पल
ु क Ĥ• Ǖǔ㛠 गात।
‡ Ȫǐš ”ȡǓ“ बोले बचन 鑙 ȱन Ĥȯ˜ Ǖअमात।।284।।
–*–*–
जय रघब
ु ंस बनज बन भान।ू गहन दनज
ु कुल दहन कृसान।ु ।
जय सरु ǒ– Ĥ धेनु Ǒ¡  € ȡšȣ@जय मद मोह कोह ħ ˜ ¡ ȡšȣ@
@
ǒ– “ ™ सील € ǽ“ ȡ गुन सागर। ‡ ™ Ǔ बचन रचना \ Ǔ नागर।।
सेवक सुखद सुभग सब अंगा। जय   šȣš † ǒ– € ȪǑŠ अनंगा।।
€ šɋ काह मुख एक Ĥ  Ȳ  ȡ@जय महे स मन मानस हं सा।।
\ “ ͬǕ…  बहुत कहे उँ \ ʙ ȡ ȡ@छमहु † ˜ ȡ˜ ȲǑ‘š दोउ ħ ȡ ȡ@ @
€ Ǒ¡ जय जय जय रघक ु ु लकेत।ू — ‚Ǚ ”Ǖ Ǔ गए –“ Ǒ¡ तप हे त।ू ।
अपभयँ € ǕǑŠ› ˜ ¡ ȣ” डेराने। जहँ तहँ कायर ‚  Ǒȱ¡ Ȳपराने।।
दो0-‘ȯ Û¡ ‘ȣÛ¡ ȣȲदं द
ु भ
ु ीं Ĥ — Ǖपर – šŸ Ǒ¡ Ȳफूल।
हरषे पुर नर “ ȡǐš सब ͧ˜ Šȣ मोहमय सूल।।285।।
–*–*–
\ Ǔ गहगहे बाजने बाजे।   – Ǒ¡ Ȳमनोहर मंगल साजे।।
जूथ जूथ ͧ˜ ͧ› सुमुख सुनयनीं। € šǑ¡ Ȳगान कल € Ȫͩ€ › –™ “ Ȣ@
@
सुखु ǒ–‘ȯ¡ कर –šǓ“ न जाई। ‡ ۘ ‘ǐšġ मनहुँ Ǔ“ ͬ’ पाई।।
गत ğȡ  भइ सीय   Ǖ ȡšȣ@जनु ǒ–’ Ǖउदयँ … € Ȫš€ Ǖ˜ ȡšȣ@
@
जनक € ȧÛ¡ € ȫͧ  € Ǒ¡ Ĥ“ ȡ˜ ȡ@Ĥ — ǕĤ   ȡ‘ धनु भंजेउ रामा।।
˜ ȪǑ¡ € Ǚ € Ǚי € ȧÛ¡ दहु ु ँ — ȡɃ@अब जो ` ͬ…  सो € Ǒ¡ \ गोसाई।।
कह ˜ ǕǓ“ सुनु नरनाथ Ĥ–Ȣ“ ȡ@रहा ǒ– –ȡ¡ Ǖचाप आधीना।।
ŠǗŠ ¡ ȣȲधनु भयउ ǒ––ȡ¡ Ǘ@सुर नर नाग ǒ– Ǒ‘ सब काहु।।
दो0- ‘ͪ” जाइ  à
Ǖ ¡ करहु अब जथा बंस ޙ  ¡ ȡǽ@
– ͨǗˆ ǒ–Ĥ € Ǖ› – ƨǙ गरु बेद ǒ–Ǒ‘ ] … ȡǽ@
@286।।
–*–*–
दत ू अवधपरु पठवहु जाई। ] “ Ǒ¡ Ȳनप ृ ‘  š Ǒ¡ बोलाई।।
˜ ǑǕ‘ राउ € Ǒ¡ — › ȯǑ¡ Ȳकृपाला। पठए दतू –Ȫͧ›  ȯǑ¡ काला।।
–¡ Ǖǐš महाजन सकल बोलाए। आइ   –ǔÛ¡ सादर ͧ  š नाए।।
हाट बाट ˜ ȲǑ‘š सुरबासा। “ ‚ ǽ सँवारहु … ȡǐš¡ Ǖȱपासा।।
¡ šͪŸ चले Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ गह
ृ आए। ” ǕǓ“ ” ǐš… ȡš€ – Ȫͧ› पठाए।।
रचहु ǒ–ͬ… ğ ǒ– ȡ“ बनाई। ͧ  š ’ ǐš बचन चले सचु पाई।।
पठए –Ȫͧ› गन ु ी Ǔ Û¡ नाना। जे ǒ–  ȡ“ ǒ– ͬ’ कुसल सज
ु ाना।।
ǒ– ͬ’ Ǒ¡ –ȲǑ‘ Ǔ Û¡ € ȧÛ¡ अरं भा। ǒ– š… ȯकनक € ‘ͧ› के खंभा।।
दो0-¡ ǐš ˜ Ǔ“ Û¡ के ” ğ फल पदम
ु राग के फूल।
रचना ‘ȯͨ ǒ–ͬ… ğ \ Ǔ मनु ǒ–šȲͬ… कर भूल।।287।।
–*–*–
–ȯǓ“ ¡ ǐš ˜ Ǔ“ ˜ ™ सब € ȧÛ¡ ȯ@सरल सपरब ”šǑ¡ Ȳ“ Ǒ¡ Ȳ… ȢÛ¡ ȯ@
@
कनक € ͧ›  \ Ǒ¡ –ȯ› बनाई। › ͨ “ Ǒ¡ परइ सपरन सुहाई।।
 ȯǑ¡ के šͬ… ”ͬ… बंध बनाए। ǒ– … ǒ–… मुकता दाम सुहाए।।
˜ ȡǓ“ € मरकत € Ǖͧ›   ͪ”šȪ‡ ȡ@… Ȣǐš € Ȫǐš ”ͬ… रचे सरोजा।।
ͩ€ f भंगृ बहुरंग ǒ– ¡ Ȳ‚ ȡ@‚ Ȳ‡Ǖ Ǒ¡ Ȳ€ Ǘ‡ Ǒ¡ Ȳपवन Ĥ  Ȳ‚ ȡ@
@
सुर ĤǓ ˜ ȡ खंभन ‚ ±ȣ € ȡ±ȣ@मंगल ġޙ ͧ› f ȱसब ‹ ȡ±ȣ@ @
… ɋ€Ʌ— ȡȱǓ अनेक ” ǕšȡɃ@ͧ  ’Ȳ šǕ ˜ Ǔ“ ˜ ™ सहज सुहाई।।
दो0-सौरभ ” 㛠 सुभग   ǕǑ‹ ͩ€ f “ Ȣ› ˜ Ǔ“ € Ȫǐš@
@
हे म बौर मरकत ƒ ǐš लसत पाटमय ŒȪǐš@
@288।।
–*–*–
रचे ǽͬ… š बर – Ȳ‘ Ǔ“ – ȡšȯ@मनहुँ मनोभवँ फंद सँवारे ।।
मंगल कलस अनेक बनाए। ڝ‡ पताक पट चमर सुहाए।।
‘ȣ” मनोहर ˜ Ǔ“ ˜ ™ नाना। जाइ न – šǓ“ ǒ–ͬ… ğ ǒ– ȡ“ ȡ@
@
‡ ȯǑ¡ Ȳमंडप ‘ ›Ǖ Ǒ¡ Ǔ“ – Ȱ‘ȯ¡ ȣ@सो बरनै \ ͧ  ˜ Ǔ € ǒ– €ȯ¡ ȣ@
@
दल
ू हु रामु Ǿ ” गन
ु सागर। सो ǒ–  ȡ“ ǕǓ ¡ Ǖȱलोक उजागर।।
जनक भवन कै सौभा जैसी। गह
ृ गह
ृ Ĥ Ǔ परु ‘ȯͨ \ तैसी।।
‡ ȯǑ¡ Ȳ ȯš¡ ǕǓ  ȯǑ¡ समय Ǔ“ ¡ ȡšȣ@ ȯǑ¡ लघु › ‚ Ǒ¡ Ȳभुवन दस … ȡšȣ@
@
जो संपदा नीच गह
ृ सोहा। सो ǒ– › Ȫͩ€ सुरनायक मोहा।।
दो0-बसइ नगर ‡ ȯǑ¡ › Í † € ǐš कपट “ ȡǐš बर बेषु।।
 ȯǑ¡ परु कै सोभा कहत   € Ǖ… Ǒ¡ Ȳसारद सेष।ु ।289।।
–*–*–
पहुँचे दत
ू राम पुर पावन। हरषे नगर ǒ– › Ȫͩ€ सुहावन।।
भप
ू ɮȡš Ǔ Û¡  – ǐš जनाई। दसरथ नप
ृ   ǓǕ“ ͧ› f बोलाई।।
€ ǐš Ĥ “ ȡ˜ ǕǓ Û¡ पाती ‘ȣÛ¡ ȣ@˜ ǑǕ‘ ˜ ¡ ȣ” आपु ` Ǒ‹ › ȣÛ¡ ȣ@
@
–ȡǐš ǒ–› Ȫ… “ बाचत पाँती। पुलक गात आई — ǐš छाती।।
रामु लखनु उर कर बर … Ȣ‹ Ȥ@šǑ¡ गए कहत न  ȡŠȣ ˜ Ȣ‹ Ȥ@
@
” ǕǓ“ ’ ǐš धीर ”ǒğ€ ȡ बाँची। हरषी सभा बात   ǕǓ“ साँची।।
खेलत रहे तहाँ   ͬǕ’ पाई। आए भरतु   Ǒ¡  Ǒ¡  भाई।।
पछ
ू त \ Ǔ सनेहँ सकुचाई। तात कहाँ  Ʌपाती आई।।
दो0-कुसल Ĥȡ“ ͪĤ™ बंधु दोउ \ ¡ Ǒ¡ Ȳकहहु €ȯǑ¡ Ȳदे स।
  ǕǓ“ सनेह साने बचन बाची –¡ Ǖǐš नरे स।।290।।
–*–*–
  ǕǓ“ पाती पुलके दोउ ħ ȡ ȡ@\ ͬ’ € सनेहु समात न गाता।।
Ĥ ȢǓ पुनीत भरत कै दे खी। सकल सभाँ सुखु लहे उ ǒ–   ȯŸ Ȣ@
@
तब नप
ृ दत
ू Ǔ“ € Š बैठारे । मधरु मनोहर बचन उचारे ।।
भैया कहहु कुसल दोउ बारे ।  à
Ǖ ¡ “ Ȣ€ɅǓ“ ‡ नयन Ǔ“ ¡ ȡšȯ@
@
è™ ȡ˜ › गौर ’ šɅधनु भाथा। बय ͩ€   Ȫš € ȫͧ  € ˜ ǓǕ“ साथा।।
” Ǒ¡ … ȡ“ ¡ Ǖ à
Ǖ ¡ कहहु सभ
ु ाऊ। Ĥȯ˜ ǒ––   ” ǓǕ“ ” ǓǕ“ कह राऊ।।
जा Ǒ‘“  Ʌ˜ ǕǓ“ गए लवाई। तब  Ʌआजु   ȡͬȱ…   Ǖͬ’ पाई।।
कहहु ǒ–‘ȯ¡ कवन ǒ–ͬ’ जाने।   ǕǓ“ ͪĤ ™ बचन दत ू मुसकाने।।
दो0-सुनहु ˜ ¡ ȣ” Ǔ मुकुट ˜ Ǔ“  à
Ǖ ¡ सम ’ ۙ न कोउ।
रामु लखनु ǔ‡ Û¡ के तनय ǒ–è ǒ– — ŸǗ “ दोउ।।291।।
–*–*–
पूछन जोगु न तनय  à Ǖ ¡ ȡšȯ@” Ǖǽ Ÿͧ  ƒȲ Ǔ ¡ Ǖपुर उिजआरे ।।
ǔ‡ Û¡ के जस Ĥ ȡ” €Ʌ आगे।   ͧ  ˜ › ȣ“ šǒ– सीतल लागे।।
Ǔ Û¡ कहँ € Ǒ¡ \ नाथ ͩ€ ͧ˜ … ȢÛ¡ ȯ@‘ȯͨ \ šǒ– ͩ€ ‘ȣ” कर › ȣÛ¡ ȯ@
@
सीय 蝙 Ȳ– š भूप अनेका।   ͧ˜ Šȯसुभट एक  Ʌएका।।
संभु सरासनु काहुँ न टारा। हारे सकल बीर – ǐš] šȡ@
@
 ȢǓ“ लोक महँ जे भटमानी। सभ कै   € Ǔ संभु धनु भानी।।
सकइ उठाइ सरासरु ˜ ȯǾ @सोउ Ǒ¡ ™ ȱ¡ ȡǐš गयउ € ǐš •ȯǾ @
@
‡ ȯǑ¡ कौतक
ु ͧ     Ȱ› Ǖउठावा। सोउ  ȯǑ¡ सभाँ पराभउ पावा।।
दो0-तहाँ राम रघब
ु ंस ˜ Ǔ“   ǓǕ“ \ महा ˜ Ǒ¡ ” ȡ› @
भंजेउ चाप Ĥ™ ȡ  ǒ–“ Ǖǔ‡ ͧ˜ गज पंकज नाल।।292।।
–*–*–
  ǕǓ“ सरोष भग
ृ ुनायकु आए। बहुत — ȡȱǓ Ǔ Û¡ ] ȱͨ दे खाए।।
‘ȯͨ राम बलु Ǔ“ ‡ धनु ‘ȣÛ¡ ȡ@€ ǐš बहु ǒ–“ ™ गवनु बन € ȧÛ¡ ȡ@ @
राजन रामु अतल
ु बल ‡ Ȱ  Ʌ@तेज Ǔ“ ’ ȡ“ लखनु ” ǕǓ“   Ȱ Ʌ
@@
€Ȳ” Ǒ¡ भप
ू ǒ– › Ȫ€  ‡ ȡ€Ʌ@ǔ‡ ͧ˜ गज ¡ ǐš ͩ€   Ȫš के  ȡ€Ʌ@
@
दे व ‘ȯͨ तव बालक दोऊ। अब न ] ȱͨ तर आवत कोऊ।।
दत
ू बचन रचना ͪĤ ™ लागी। Ĥȯ˜ Ĥ ȡ” बीर रस पागी।।
सभा समेत राउ अनुरागे। ‘ Ǘ Û¡ दे न Ǔ“ † ȡǐš लागे।।
€ Ǒ¡ \ “ ȢǓ ते ˜ Ǘ‘ Ǒ¡ Ȳकाना। धरमु ǒ–… ȡǐš   – Ǒ¡ Ȳसुख माना।।
दो0-तब ` Ǒ‹ भूप – ͧ  ç‹ कहुँ ‘ȣǔÛ¡ ”ǒğ€ ȡ जाइ।
कथा सन ु ाई ‚ šǕǑ¡ सब सादर दतू बोलाइ।।293।।
–*–*–
  ǓǕ“ बोले गुर \ Ǔ सुखु पाई। ” Ǖۙ ” Ǖǽ Ÿ कहुँ ˜ Ǒ¡ सुख छाई।।
ǔ‡ ͧ˜   ǐš ȡ सागर महुँ ‡ ȡ¡ ȣȲ@‡ ɮ™ ͪ”  ȡǑ¡ कामना “ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
Ǔ ͧ˜ सख
ु   Ȳ” Ǔ ǒ–“ Ǒ¡ Ȳबोलाएँ। धरमसील ”Ǒ¡ Ȳ‡ ȡǑ¡ Ȳसभ ु ाएँ।।
à
Ǖ ¡ गुर ǒ– Ĥ धेनु सुर सेबी।  ͧ  पुनीत € ȫ  㙠ȡ दे बी।।
सुकृती  à
Ǖ ¡ समान जग ˜ ȡ¡ ȣ@
Ȳ भयउ न है कोउ होनेउ “ ȡ¡ ȣȲ@
@
à
Ǖ ¡ ते \ ͬ’ € ” Ǖۙ बड़ € ȡ€Ʌ@राजन राम   ǐš  सुत ‡ ȡ€Ʌ@
@
बीर ǒ– “ Ȣ धरम Ħ ’ ȡšȣ@गन
ु सागर बर बालक … ȡšȣ@
@
à
Ǖ ¡ कहुँ   – [काल € 㙠ȡ“ ȡ@सजहु बरात बजाइ Ǔ“   ȡ“ ȡ@
@
दो0-चलहु –ȯͬ‚   ǓǕ“ गरु बचन — › ȯǑ¡ Ȳनाथ ͧ  ǽ नाइ।
— Ǘ” Ǔ गवने भवन तब ‘ Ǘ Û¡ बासु दे वाइ।।294।।
–*–*–
राजा सबु šǓ“  ȡ  बोलाई। जनक ” ǒğ€ ȡ – ȡͬ… सुनाई।।
  ǕǓ“ संदेसु सकल हरषानीं। अपर कथा सब भूप बखानीं।।
Ĥȯ˜ Ĥ• Ǖǔ㛠 šȡ‡ Ǒ¡ Ȳरानी। मनहुँ ͧ  ͨ Ǔ“   ǕǓ“ –ȡǐš‘ बनी।।
˜ ǑǕ‘ असीस ‘ȯǑ¡ Ȳ‚ ǽǕ “ ȡšȣȲ@\ Ǔ आनंद मगन ˜ ¡  ȡšȣȲ@@
› ȯǑ¡ Ȳ” šè”š \ Ǔ ͪĤ™ पाती। ǿ‘™ ȱलगाइ ‡ °Ǖ ȡ Ǒ¡ Ȳछाती।।
राम लखन कै € ȧšǓ करनी। – ȡšǑ¡ Ȳबार भप
ू बर बरनी।।
˜Ǖ
Ǔ“ Ĥ   ȡ‘ Ǖ€ Ǒ¡ ɮȡš ͧ  ’ ȡf @šȡǓ“ Û¡ तब ˜ Ǒ¡ ‘ȯ बोलाए।।
Ǒ‘f दान आनंद समेता। चले ǒ– Ĥ– š ] ͧ  Ÿ दे ता।।
सो0-जाचक ͧ› f ¡ ȱ€ ȡǐš ‘ȣǔÛ¡ Ǔ“ † ȡ ǐš € ȪǑŠ ǒ–ͬ’ @
ͬ… ǽ जीवहुँ सत
ु … ȡǐš … Đ – Ǔ [‘  š× के।।295।।
कहत चले ”Ǒ¡ šɅपट नाना। ¡ šͪŸ हने गहगहे Ǔ“   ȡ“ ȡ@@
समाचार सब › Ȫ‚ Û¡ पाए। लागे घर घर होने बधाए।।
भुवन … ȡǐš दस भरा उछाहू। जनकसुता रघब ु ीर ǒ–] ¡ Ǘ@
@
  ǕǓ“ सुभ कथा लोग अनुरागे। मग गह
ृ ‚ › ȣȲसँवारन लागे।।
‡ ɮ™ ͪ” अवध सदै व   ¡Ǖ ȡǓ“ @राम ” šǕȣ मंगलमय ” ȡǓ“ @
@
 ‘ͪ” ĤȢǓ कै ĤȢǓ सह
ु ाई। मंगल रचना रची बनाई।।
ڝ ‡ पताक पट चामर … ȡǽ@छावा परम ǒ–ͬ… ğ –‡ ȡǾ @
@
कनक कलस तोरन ˜ Ǔ“ जाला। हरद दब
ू ‘ͬ’ \ Í †  माला।।
दो0-मंगलमय Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ भवन › Ȫ‚ Û¡ रचे बनाइ।
बीथीं सीचीं चतरु सम … ȫ€Ʌ… ȡǽ पुराइ।।296।।
–*–*–
जहँ तहँ जूथ जूथ ͧ˜ ͧ› — ȡͧ˜ Ǔ“ @सिज नव   ܏ सकल ‘ ǓǕ
‘ȡͧ˜ Ǔ“ @
@
ǒ– ’ –Ǖ ‘“ ȢȲमग
ृ सावक › Ȫ… Ǔ“ @Ǔ“ ‡   ǽ” šǓ मानु ǒ– ˜ Ȫ… Ǔ“ @
@
‚ ȡ Ǒ¡ Ȳमंगल मंजुल बानीं।   ǕǓ“ € › रव € › €ȲǑ‹ लजानीं।।
भप
ू भवन ͩ€ ͧ˜ जाइ बखाना। ǒ– è ǒ–˜ Ȫ¡ “ रचेउ ǒ–  ȡ“ ȡ@
@
मंगल ġޙ मनोहर नाना। राजत बाजत ǒ–” ›Ǖ Ǔ“   ȡ“ ȡ@
@
कतहुँ ǒ–ǐš‘ – Ȳ‘ ȣ ` Í … š¡ ȣȲ@कतहुँ बेद ’ ǓǕ“ भस
ू रु € š¡ ȣȲ@
@
‚ ȡǑ¡ Ȳ  ǕȲ‘ ǐš मंगल गीता। लै लै नामु रामु \ ǽ सीता।।
बहुत उछाहु भवनु \ Ǔ थोरा। मानहुँ ` ˜ ͬ‚ चला चहु ओरा।।
दो0-सोभा दसरथ भवन कइ को € ǒ– बरनै पार।
जहाँ सकल सरु सीस ˜ Ǔ“ राम › ȣÛ¡ अवतार।।297।।
–*–*–
भूप भरत ” ǕǓ“ ͧ› f बोलाई। हय गय è™ Ȳ‘ “ साजहु जाई।।
चलहु –ȯͬ‚ रघब
ु ीर बराता। सन
ु त पल
ु क परू े दोउ ħ ȡ ȡ@
@
भरत सकल साहनी बोलाए। आयसु ‘ȣÛ¡ ˜ ǑǕ‘ ` Ǒ‹ धाए।।
šͬ… ǽͬ… जीन तरु ग Ǔ Û¡ साजे। बरन बरन बर बािज ǒ–šȡ‡ ȯ@
@
सुभग सकल   ǕǑ‹ चंचल करनी। अय इव जरत धरत पग धरनी।।
नाना ‡ ȡǓ न ‡ ȡǑ¡ Ȳबखाने। Ǔ“ ‘ǐš पवनु जनु चहत उड़ाने।।
Ǔ Û¡ सब छयल भए असवारा। भरत   ǐš  बय राजकुमारा।।
सब संद
ु र सब — ŸǗ “ ’ ȡšȣ@कर सर चाप तन
ू € ǑŠ — ȡšȣ@
@
दो0- छरे छबीले छयल सब सरू सज
ु ान नबीन।
जुग पदचर असवार ĤǓ जे \ ͧ  € › ȡ Ĥ– Ȣ“ @
@298।।
–*–*–
बाँधे ǒ– š‘ बीर रन गाढ़े । Ǔ“ € ͧ  भए पुर बाहे र ठाढ़े ।।
•ȯšǑ¡ Ȳचतरु तरु ग ‚ Ǔ नाना। ¡ šŸ Ǒ¡ Ȳ  ǕǓ“   ǓǕ“ पवन Ǔ“   ȡ“ ȡ@
@
रथ   ȡšͬ Û¡ ǒ– ͬ… ğ बनाए। ڝ‡ पताक ˜ Ǔ“ भूषन लाए।।
चवँर … ȡǽ ͩ€ Ȳͩ€ “ ’ ǓǕ“ € š¡ ȣ@भानु जान सोभा \ ”¡ š¡ ȣȲ@
@
सावँकरन \ ‚ Ǔ“  हय होते। ते Ǔ Û¡ š Û¡   ȡšͬ Û¡ जोते।।
संद
ु र सकल अलंकृत सोहे । ǔ‡ Û¡ Ǒ¡ ǒ– › Ȫ€  ˜ ǓǕ“ मन मोहे ।।
जे जल … › Ǒ¡ Ȳ › Ǒ¡ € ȧ नाई। टाप न बूड़ बेग \ ͬ’ € ȡ_@
@
\ èğ   èğ सबु साजु बनाई। रथी   ȡšͬ Û¡ ͧ› f बोलाई।।
दो0-… Ǒ± … Ǒ± रथ बाहे र नगर लागी जुरन बरात।
होत सगन ु  ÛǕ‘š   –Ǒ¡ जो ‡ ȯǑ¡ कारज जात।।299।।
–*–*–
€ ͧ›  € ǐš–šǔÛ¡ ” šȣȲ\ ȱ– ȡšȣ@
Ȳ € Ǒ¡ न ‡ ȡǑ¡ Ȳ‡ ȯǑ¡ — ȡȱǓ   ȱ ȡšȣȲ@
@
चले ˜ ׏ ‚ ‡ घंट ǒ–šȡ‡ Ȣ@मनहुँ सभ
ु ग सावन घन राजी।।
बाहन अपर अनेक ǒ– ’ ȡ“ ȡ@ͧ  ǒ– € ȡ सभ
ु ग सख
ु ासन जाना।।
Ǔ Û¡ … Ǒ± चले ǒ–Ĥ–š – Û
Ǚ‘ȡ@जनु तनु ’ šɅसकल Į ǓǕ छं दा।।
मागध सूत –ȲǑ‘ गुनगायक। चले जान … Ǒ± जो ‡ ȯǑ¡ लायक।।
बेसर ऊँट बष
ृ भ बहु जाती। चले – è Ǖ— ǐš \ ‚ Ǔ“  भाँती।।
€ ȪǑŠÛ¡ € ȡȱ ǐš चले कहारा। ǒ– ǒ– ’ –è Ǖको बरनै पारा।।
चले सकल सेवक समद
ु ाई। Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ साजु समाजु बनाई।।
दो0-सब €Ʌउर Ǔ“ — š[ हरषु ” ǐǗš पल
ु क   šȣš@
€ – Ǒ¡ Ȳ‘ȯͨ –ȯनयन — ǐš रामु लखनू दोउ बीर।।300।।
–*–*–
‚ š‡ Ǒ¡ Ȳगज घंटा ’ ǓǕ“ घोरा। रथ रव बािज Ǒ¡  Ȳ चहु ओरा।।
Ǔ“ ‘ǐš ƒ “ Ǒ¡ ƒ Ǖà˜ š[ Ǒ¡ ȲǓ“   ȡ“ ȡ@Ǔ“ ‡ पराइ कछु   ǕǓ“ \ न काना।।
महा भीर — Ǘ” Ǔ के ɮȡšɅ@रज होइ जाइ पषान ”– ȡšɅ@
@
… ±ȣ \ ŠȡǐšÛ¡ ‘ȯ Ǒ¡ Ȳ“ ȡšȣȲ@ͧ› ȱf ȱआरती मंगल  ȡšȣ@
@
‚ ȡǑ¡ Ȳगीत मनोहर नाना। \ Ǔ आनंद ु न जाइ बखाना।।
तब   ˜Ǖ Ȳğ दइु è”Ȳ‘ “ साजी। जोते šǒ– हय Ǔ“ ‘Ȳ€ बाजी।।
दोउ रथ ǽͬ… š भूप ”Ǒ¡ Ȳआने। “ Ǒ¡ Ȳसारद ”Ǒ¡ Ȳ‡ ȡǑ¡ Ȳबखाने।।
राज समाजु एक रथ साजा। दस
ू र तेज पुंज \ Ǔ ħ ȡ‡ ȡ@
@
दो0- ȯǑ¡ Ȳरथ ǽͬ… š – ͧ  ç‹ कहुँ ¡ šͪŸ चढ़ाइ नरे सु।
आपु चढ़े उ è”Ȳ‘ “   ͧǕ˜ ǐš हर गरु ‚ ȫǐš गनेस।ु ।301।।
–*–*–
  Ǒ¡  –ͧ  ç‹ सोह नप ृ €Ȱ  Ʌ@सुर गुर संग पुरंदर ‡ Ȱ  Ʌ@
@
€ ǐš कुल šȣǓ बेद ǒ–ͬ’ राऊ। ‘ȯͨ   – Ǒ¡ सब — ȡȱǓ बनाऊ।।
  ͧǕ˜ ǐš रामु गरु आयसु पाई। चले ˜ ¡ ȣ” Ǔ संख बजाई।।
हरषे ǒ– – Ǖ’ ǒ–› Ȫͩ€ बराता। –šŸǑ¡ Ȳसुमन सुमंगल दाता।।
भयउ कोलाहल हय गय गाजे। ޙ Ȫ˜ बरात बाजने बाजे।।
सुर नर “ ȡǐš सुमंगल गाई। सरस राग – ȡ‡ Ǒ¡ Ȳसहनाई।।
घंट ƒ ȲǑŠ ’ ǓǕ“ –šǓ“ न ‡ ȡ¡ ȣȲ@सरव € šǑ¡ Ȳपाइक • ¡ šȡ¡ ȣȲ@
@
€ šǑ¡ Ȳǒ– ‘ ŸǗ € कौतक
ु नाना। हास कुसल कल गान सज
ु ाना ।
दो0-तरु ग “ … ȡǑ¡ Ȳकँु अर बर \ € Ǔ“ मद
ृ ं ग Ǔ“   ȡ“ @
@
नागर नट ͬ…  Ǒ¡ Ȳ… ͩ€  Œ‚ Ǒ¡ Ȳन ताल बँधान।।302।।
–*–*–
बनइ न बरनत बनी बराता। ¡ ȪǑ¡ Ȳसगुन सुंदर सुभदाता।।
चारा चाषु बाम Ǒ‘ͧ  लेई। मनहुँ सकल मंगल € Ǒ¡ दे ई।।
‘ȡǑ¡ “ काग सुखेत सुहावा। नकुल दरसु सब काहूँ पावा।।
सानक
ु ू ल बह ǒğǒ–’ – ™ ȡšȣ@सघट सवाल आव बर “ ȡšȣ@
@
लोवा ͩ• ǐš ͩ• ǐš दरसु दे खावा। सरु भी सनमख
ु ͧ    ǑǕ¡ ͪ” ] ȡ@
@
मग
ृ माला ͩ• ǐš ‘ȡǑ¡ Ǔ“ आई। मंगल गन जनु ‘ȣǔÛ¡ दे खाई।।
† ȯ˜ € šȣ कह छे म ǒ–  ȯŸ Ȣ@è™ ȡ˜ ȡ बाम   Ǖ ǽ पर दे खी।।
सनमुख आयउ ‘ͬ’ \ ǽ मीना। कर ” Ǖè € दइु ǒ– Ĥ Ĥ –Ȣ“ ȡ@
@
दो0-मंगलमय € 㙠ȡ“ ˜ ™ \ ͧ— ˜  फल दातार।
जनु सब साचे होन Ǒ¡  भए सगन
ु एक बार।।303।।
–*–*–
मंगल सगुन सुगम सब  ȡ€Ʌ@सगुन Ħ é˜ सुंदर सुत ‡ ȡ€Ʌ@
@
राम   ǐš  –ǽ ‘ ›Ǖ Ǒ¡ Ǔ“ सीता। समधी दसरथु जनकु पन
ु ीता।।
  ǓǕ“ अस ޙ ȡ¡ Ǖसगन
ु सब नाचे। अब € ȧÛ¡ ȯǒ–šȲͬ… हम साँचे।।
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ € ȧÛ¡ बरात पयाना। हय गय ‚ ȡ‡ Ǒ¡ Ȳहने Ǔ“   ȡ“ ȡ@
@
आवत ‡ ȡǓ“ भानुकुल केत।ू   ǐš ǔÛ¡ जनक बँधाए सेत।ू ।
बीच बीच बर बास बनाए। सरु पुर   ǐš  संपदा छाए।।
असन सयन बर बसन सह
ु ाए। ” ȡǑ¡ Ȳसब Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ मन भाए।।
Ǔ“  नत
ू न सख
ु › ͨ अनक
ु ू ले। सकल – šȡǓ Û¡ ˜ ȲǑ‘š भल
ू े ।।
दो0-आवत ‡ ȡǓ“ बरात बर   ǓǕ“ गहगहे Ǔ“   ȡ“ @
सिज गज रथ पदचर तरु ग लेन चले अगवान।।304।।
मासपारायण,दसवाँ ͪ Į ȡ˜
–*–*–
कनक कलस — ǐš कोपर थारा। भाजन › ͧ›  अनेक Ĥ € ȡšȡ@
@
भरे सध
ु ासम सब पकवाने। नाना — ȡȱǓ न ‡ ȡǑ¡ Ȳबखाने।।
फल अनेक बर –è Ǖ  Ǖ¡ ȡɃ@¡ šͪŸ — ɅŠ Ǒ¡  भूप ”‹ ȡɃ@
@
भूषन बसन ˜ ¡ ȡ˜ Ǔ“ नाना। खग मगृ हय गय –¡ Ǖǒ–ͬ’ जाना।।
मंगल सगुन सुगंध सुहाए। बहुत — ȡȱǓ ˜ Ǒ¡ ” ȡ› पठाए।।
‘ͬ’ ͬ… ` šȡ उपहार अपारा। — ǐš — ǐš € ȡȱ ǐš चले कहारा।।
\ ‚ ȡ“ Û¡ जब ‘ȣͨ बराता।उर आनंद ु पल
ु क भर गाता।।
‘ȯͨ बनाव   Ǒ¡  अगवाना। ˜ ǑǕ‘ – šȡǓ Û¡ हने Ǔ“   ȡ“ ȡ@
@
दो0-¡ šͪŸ परसपर ͧ˜ › “ Ǒ¡  कछुक चले बगमेल।
जनु आनंद   ˜ Ǖġ दइु ͧ˜ ›  ǒ– ¡ ȡ^ सुबेल।।305।।
–*–*–
– šͪŸ सुमन सुर   ǕȲ‘ ǐš ‚ ȡ Ǒ¡ @
Ȳ ˜ ǕǑ‘ दे व दं द
ु भ
ु ीं – ‡ ȡ Ǒ¡ @
Ȳ@
– è Ǖसकल राखीं नप
ृ ] ‚ Ʌ@ǒ– “ ™ € ȧÛ¡ Ǔ Û¡ \ Ǔ \ “ šǕȡ‚ Ʌ@
@
Ĥȯ˜ समेत रायँ सबु › ȣÛ¡ ȡ@भै बकसीस ‡ ȡ… € ǔÛ¡ ‘ȣÛ¡ ȡ@
@
€ ǐš पज
ू ा ˜ ȡۙ  ȡ बड़ाई। जनवासे कहुँ चले लवाई।।
बसन ǒ–ͬ… ğ पाँवड़े ”š¡ ȣȲ@‘ȯͨ धनहु धन मद ु ”ǐš¡ š¡ ȣ@
Ȳ@
\ Ǔ सुंदर ‘ȣÛ¡ ȯ̀ जनवासा। जहँ सब कहुँ सब — ȡȱǓ सुपासा।।
जानी ͧ  ™ ȱबरात पुर आई। कछु Ǔ“ ‡ ˜ Ǒ¡ ˜ ȡ Ĥ‚ ǑŠ जनाई।।
ǿ‘™ ȱ  Ǖͧ˜ ǐš सब ͧ  ͪƨ बोलाई। भूप पहुनई करन पठाई।।
दो0-ͧ  ͬ’ सब ͧ  ™ आयसु \ € Ǔ“ ‚ Ƀ जहाँ जनवास।
ͧ› f ȱसंपदा सकल सख
ु सरु परु भोग ǒ– › ȡ  @
@306।।
–*–*–
Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ बास ǒ–› Ȫͩ€ बराती। सरु सख
ु सकल सल
ु भ सब भाँती।।
ǒ– —  भेद कछु कोउ न जाना। सकल जनक कर € šǑ¡ Ȳबखाना।।
ͧ  ™ ˜ Ǒ¡ ˜ ȡ रघुनायक जानी। हरषे ǿ‘™ ȱहे तु ”Ǒ¡ … ȡ“ Ȣ@
@
ͪ” Ǖआगमनु सुनत दोउ भाई। ǿ‘™ ȱन \ Ǔ आनंद ु अमाई।।
  € Ǖ… Û¡ € Ǒ¡ न सकत ‚ Ǖǽ ” ȡ¡ ȣȲ@ͪ” Ǖदरसन लालचु मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
ǒ–è ȡͧ˜ ğ ǒ–“ ™ – ͫ° दे खी। उपजा उर संतोषु ǒ–   ȯŸ Ȣ@
@
¡ šͪŸ बंधु दोउ ǿ‘™ ȱलगाए। पल
ु क अंग अंबक जल छाए।।
चले जहाँ दसरथु जनवासे। मनहुँ सरोबर तकेउ ͪ” ]   ȯ@
@
दो0- भूप ǒ–› Ȫ€ȯ‡ –Ǒ¡ Ȳ˜ ǕǓ“ आवत   Ǖ Û¡ समेत।
उठे ¡ šͪŸ   Ǖ ͧ  ’Ȳ Ǖमहुँ चले थाह सी लेत।।307।।
–*–*–
˜ ǓǕ“ Ǒ¡ दं डवत € ȧÛ¡ ˜ ¡ ȣ  ȡ@बार बार पद रज ’ ǐš सीसा।।
€ ȫͧ  € राउ ͧ› ™ ȯउर लाई। € Ǒ¡ असीस ” Ǘ† Ȥ कुसलाई।।
” ǕǓ“ दं डवत करत दोउ भाई। ‘ȯͨ “ ”Ǚ Ǔ उर सुखु न समाई।।
सत
ु Ǒ¡ ™ ȱलाइ दस
ु ह दख
ु मेटे। मत
ृ क   šȣš Ĥȡ“ जनु — ɅŠȯ@
@
” ǓǕ“ –ͧ  ç‹ पद ͧ  š Ǔ Û¡ नाए। Ĥȯ˜ ˜ ǑǕ‘ ˜ ǓǕ“ –š उर लाए।।
ǒ– Ĥ बंद
ृ बंदे दह
ु ु ँ — ȡɃ@मन भावती \   Ȣ  Ʌ” ȡɃ@
@
भरत सहानुज € ȧÛ¡ Ĥ “ ȡ˜ ȡ@ͧ› f उठाइ लाइ उर रामा।।
हरषे लखन ‘ȯͨ दोउ ħ ȡ ȡ@ͧ˜ › ȯĤȯ˜ ” ǐš” Ǘǐš गाता।।
दो0-परु जन ”ǐš‡ “ ‡ ȡǓ ‡ “ जाचक ˜ Ȳğ Ȣ मीत।
ͧ˜ › ȯ‡  ȡǒ–ͬ’   –Ǒ¡ Ĥ— Ǖपरम कृपाल ǒ–“ Ȣ @
@308।।
–*–*–
šȡ˜ Ǒ¡ ‘ȯͨ बरात जड़
ु ानी। Ĥ ȢǓ ͩ€ šȣǓ न ‡ ȡǓ बखानी।।
नप
ृ समीप   Ȫ¡ Ǒ¡ Ȳसत
ु … ȡšȣ@जनु धन ’ š˜ ȡǑ‘€  “ ’Ǖ ȡšȣ@
@
  Ǖ Û¡ समेत ‘  š Ǒ¡ दे खी। ˜ ǕǑ‘ नगर नर “ ȡǐš ǒ–   ȯŸ Ȣ@
@
सुमन –ǐšͧ  सुर ¡ “ Ǒ¡ ȲǓ“   ȡ“ ȡ@“ ȡ€ “ ŠȣȲ“ ȡ… Ǒ¡ Ȳ€ ǐš गाना।।
सतानंद \ ǽ ǒ–Ĥ   ͬ…  गन। मागध सूत ǒ–‘ ŸǕ – Ȳ‘ ȣ‡ “ @
@
  Ǒ¡  बरात राउ सनमाना। आयसु ˜ ȡͬ‚ ͩ• šȯअगवाना।।
Ĥ ˜ बरात लगन  Ʌआई।  ȡ Ʌपरु Ĥ˜ Ȫ‘ Ǖ\ ͬ’ € ȡ_@
@
Ħé˜ ȡ“ Ȳ‘ Ǖलोग सब › ¡ ¡ ȣȲ@बढ़हुँ Ǒ‘   Ǔ“ ͧ  ǒ– ͬ’ सन € ¡ ¡ ȣȲ@
@
दो0-रामु सीय सोभा \  ͬ’ सुकृत \  ͬ’ दोउ राज।
जहँ जहँ पुरजन € ¡ Ǒ¡ Ȳअस ͧ˜ ͧ› नर “ ȡǐš समाज।।।309।।
–*–*–
जनक सुकृत ˜ ǗšǓ –Ȱ‘ȯ¡ ȣ@दसरथ सुकृत रामु ’ šɅ‘ȯ¡ ȣ@
@
^Û¡ सम काँहु न ͧ   अवराधे। € ȡǑ¡ ȱन ^Û¡ समान फल लाधे।।
^Û¡ सम कोउ न भयउ जग ˜ ȡ¡ ȣȲ@है “ Ǒ¡ Ȳकतहूँ होनेउ “ ȡ¡ ȣȲ@
@
हम सब सकल सक
ु ृ त कै रासी। भए जग ‡ “ ͧ˜ जनकपरु बासी।।
ǔ‡ Û¡ ‡ ȡ“ € ȧ राम † ǒ– दे खी। को सक
ु ृ ती हम   ǐš  ǒ–   ȯŸ Ȣ@
@
” ǕǓ“ दे खब रघब
ु ीर ǒ–] ¡ Ǘ@लेब — › ȣ ǒ–ͬ’ लोचन लाहू।।
€ ¡ Ǒ¡ Ȳपरसपर € Ȫͩ€ › –™ “ ȢȲ@f Ǒ¡ ǒ–] ¡ ȱबड़ लाभु सुनयनीं।।
–°Ʌभाग ǒ–ͬ’ बात बनाई। नयन \ Ǔ ͬ ¡ Ȫ^¡ Ǒ¡ Ȳदोउ भाई।।
दो0-–ȡšǑ¡ Ȳबार सनेह बस जनक बोलाउब सीय।
लेन ] ^¡ Ǒ¡ Ȳबंधु दोउ € ȪǑŠ काम कमनीय।।310।।
–*–*–
ǒ–ǒ–’ — ȡǓȱ ¡ Ȫ^Ǒ¡ पहुनाई। ͪĤ™ न € ȡǑ¡ अस सासरु माई।।
तब तब राम ›  “ Ǒ¡ Ǔ“ ¡ ȡšȣ@¡ Ȫ^¡ Ǒ¡ Ȳसब परु लोग   Ǖ ȡšȣ@
@
  ͨ जस राम लखनकर जोटा। तैसेइ भूप संग दइु ढोटा।।
è™ ȡ˜ गौर सब अंग सुहाए। ते सब € ¡ Ǒ¡ Ȳ‘ȯͨ जे आए।।
कहा एक ˜ ɇआजु Ǔ“ ¡ ȡšȯ@जनु ǒ– šȲͬ… Ǔ“ ‡ हाथ सँवारे ।।
भरतु šȡ˜ ¡ ȣ € ȧ \ “ ¡Ǖ ȡšȣ@सहसा › ͨ न   € Ǒ¡ Ȳनर “ ȡšȣ@
@
लखनु   ğ  Ǖ ‘Ǘ “ Ǖf € Ǿ ”ȡ@नख ͧ   ते सब अंग अनप
ू ा।।
मन — ȡ Ǒ¡ Ȳमख
ु –šǓ“ न ‡ ȡ¡ ȣȲ@उपमा कहुँ ǒ𗠝Ǖ “ कोउ “ ȡ¡ ȣȲ@
@
छं 0-उपमा न कोउ कह दास तल ु सी कतहुँ € ǒ– € Ȫǒ–‘ € ¡ ɇ@
बल ǒ– “ ™ ǒ–ɮ™ ȡ सील सोभा ͧ  ’Ȳ Ǖ^Û¡ से एइ \ ¡ ɇ@
@
पुर “ ȡǐš सकल ”  ȡǐš अंचल ǒ–ͬ’ Ǒ¡ बचन   Ǖ“ ȡ¡ ȣȲ@
@
ޙ ȡǑ¡ \ ¡ Ǖȱ… ȡǐš` भाइ f Ǒ¡ Ȳपरु हम सम
ु ंगल ‚ ȡ¡ ȣȲ@
@
सो0-€ ¡ Ǒ¡ Ȳ”šè”š “ ȡǐš – ȡǐš ǒ– › Ȫ… “ पल ु क तन।
  ͨ सबु करब ” Ǖšȡǐš ” Ǖۙ ”™ ȪǓ“ ͬ’ भूप दोउ।।311।।
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ सकल मनोरथ € š¡ ȣȲ@आनँद ` ˜ ͬ‚ ` ˜ ͬ‚ उर — š¡ ȣȲ@
@
जे नप
ृ सीय 蝙 Ȳ– š आए। ‘ȯͨ बंधु सब Ǔ Û¡ सुख पाए।।
कहत राम जसु ǒ–  ‘ ǒ–  ȡ› ȡ@Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ भवन गए ˜ Ǒ¡ ” ȡ› ȡ@
@
गए –ȢǓ कुछ Ǒ‘“ f Ǒ¡ भाँती। Ĥ ˜ ǑǕ‘ परु जन सकल बराती।।
मंगल मल
ू लगन Ǒ‘“ Ǖआवा। Ǒ¡ ˜ ǐš Ǖअगहनु मासु सह
ु ावा।।
Ē ¡ Ǔ ͬ नखतु जोगु बर – ȡǾ @लगन   Ȫͬ’ ǒ– ͬ’ € ȧÛ¡ ǒ– … ȡǾ @
@
पठै ‘ȣǔÛ¡ नारद सन सोई। गनी जनक के ‚ “ € Û¡ जोई।।
सुनी सकल › Ȫ‚ Û¡ यह बाता। € ¡ Ǒ¡ Ȳ‡ ȪǓ ŸȢ ] Ǒ¡ Ȳǒ–’ ȡ ȡ@
@
दो0-’ ȯ“ Ǖ’ ǐǗš बेला ǒ– ˜ › सकल सुमंगल मूल।
ǒ–ĤÛ¡ कहे उ ǒ–‘ȯ¡ सन ‡ ȡǓ“ सगुन अनुकुल।।312।।
–*–*–
` ”šȪǑ¡  Ǒ¡ कहे उ नरनाहा। अब ǒ– › Ȳ– कर कारनु काहा।।
सतानंद तब   ͬ…  बोलाए। मंगल सकल सािज सब 㙠ȡf @
@
संख Ǔ“   ȡ“ पनव बहु बाजे। मंगल कलस सगन ु सभु साजे।।
सभ
ु ग   ]Ǖ ͧ  Ǔ“ ‚ ȡ Ǒ¡ Ȳगीता। € šǑ¡ Ȳबेद ’ ǓǕ“ ǒ–Ĥ पन
ु ीता।।
लेन चले सादर f Ǒ¡ भाँती। गए जहाँ जनवास बराती।।
€ Ȫ  › ”Ǔ कर ‘ȯͨ समाजू। \ Ǔ लघु लाग Ǔ Û¡ Ǒ¡ सुरराजू।।
भयउ समउ अब ’ ȡǐš\ पाऊ। यह   ǕǓ“ परा Ǔ“   ȡ“ Ǒ¡ Ȳघाऊ।।
‚ ǕšǑ¡ ” ǗǓ† € ǐš कुल ǒ–ͬ’ राजा। चले संग ˜ ǕǓ“ साधु समाजा।।
दो0-— ȡʙ ǒ–—  अवधेस कर ‘ȯͨ दे व Ħ é˜ ȡǑ‘@
लगे सराहन सहस मख ु ‡ ȡǓ“ जनम Ǔ“ ‡ –ȡǑ‘@@313।।
–*–*–
  šǕÛ¡ सम
ु ंगल \    ǽ जाना। –šŸǑ¡ Ȳसम
ु न बजाइ Ǔ“   ȡ“ ȡ@
@
ͧ   Ħé˜ ȡǑ‘€ ǒ–– ’Ǖ –Ǿ  ȡ@चढ़े ǒ–˜ ȡ“ ǔÛ¡ नाना जथ
ू ा।।
Ĥȯ˜ पुलक तन ǿ‘™ ȱउछाहू। चले ǒ– › Ȫ€ “ राम ǒ–] ¡ Ǘ@ @
‘ȯͨ ‡ “ € ” Ǖǽ सुर अनुरागे। Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ लोक   – Ǒ¡ Ȳलघु लागे।।
ͬ…  Ǒ¡ Ȳ… ͩ€  ǒ–ͬ… ğ ǒ– ȡ“ ȡ@रचना सकल \ › ȫͩ€ € नाना।।
नगर “ ȡǐš नर Ǿ ” Ǔ“ ’ ȡ“ ȡ@सघ
ु र सध
ु रम सस
ु ील सज
ु ाना।।
Ǔ Û¡ Ǒ¡ ‘ȯͨ सब सरु   šǕ“ ȡšȣȲ@भए नखत जनु ǒ–’ Ǖ` ǔ‡ ] šȣȲ@
@
ǒ– ͬ’ Ǒ¡ भयह आचरजु ǒ–  ȯŸ Ȣ@Ǔ“ ‡ करनी कछु कतहुँ न दे खी।।
दो0-ͧ   ȱसमुझाए दे व सब ‡ Ǔ“ आचरज भुलाहु।
ǿ‘™ ȱǒ–… ȡš¡ Ǖधीर ’ ǐš ͧ  ™ रघुबीर ǒ–] ¡ Ǖ@
@314।।
–*–*–
ǔ‡ Û¡ कर नामु लेत जग ˜ ȡ¡ ȣ@ Ȳ सकल अमंगल मूल “   ȡ¡ ȣȲ@
@
करतल ¡ ȪǑ¡ Ȳपदारथ … ȡšȣ@तेइ ͧ  ™ रामु कहे उ € ȡ˜ ȡšȣ@
@
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ संभु   šǕÛ¡ समझ
ु ावा। ” ǓǕ“ ] ‚ Ʌबर बसह चलावा।।
‘ȯ Û¡ दे खे दसरथु जाता। महामोद मन ” ›Ǖ ͩ€  गाता।।
साधु समाज संग ˜ Ǒ¡ ‘ȯ ȡ@जनु तनु ’ šɅ€ šǑ¡ Ȳसख
ु सेवा।।
सोहत साथ सभ
ु ग सुत … ȡšȣ@जनु अपबरग सकल  “ Ǖ’ ȡšȣ@
@
मरकत कनक बरन बर ‡ Ȫšȣ@‘ȯͨ   ǕšÛ¡ भै Ĥ ȢǓ न  Ȫšȣ@
@
” ǕǓ“ šȡ˜ Ǒ¡ ǒ–› Ȫͩ€ Ǒ¡ ™ ȱहरषे। “ ”Ǚ Ǒ¡   šȡǑ¡ सुमन Ǔ Û¡ बरषे।।
दो0-राम Ǿ ” Ǖनख ͧ   सभ
ु ग –ȡšǑ¡ Ȳबार Ǔ“ ¡ ȡǐš@
पल
ु क गात लोचन सजल उमा समेत ” šǕȡǐš@ @
315।।
–*–*–
€ȯͩ€ कंठ ‘ ǓǕ è™ ȡ˜ › अंगा।  ͫ° ǒ– Ǔ“ ‘Ȳ€ बसन सरु ं गा।।
ޙ ȡ¡ ǒ–— ŸǗ “ ǒ–ǒ–’ बनाए। मंगल सब सब — ȡȱǓ सह
ु ाए।।
सरद ǒ– ˜ › ǒ–’ Ǖबदनु सुहावन। नयन नवल राजीव लजावन।।
सकल \ › ȫͩ€ € सुंदरताई। € Ǒ¡ न जाइ ˜ “ ¡ ȣȲमन भाई।।
बंधु मनोहर   Ȫ¡ Ǒ¡ Ȳसंगा। जात नचावत चपल तरु ं गा।।
राजकुअँर बर बािज ‘ȯ ȡǑ¡ @
Ȳ बंस Ĥ   Ȳ  € ǒ–ǐš‘   “Ǖ ȡ Ǒ¡ @
Ȳ@
‡ ȯǑ¡ तरु ं ग पर रामु ǒ–šȡ‡ ȯ@‚ Ǔ ǒ–› Ȫͩ€ खगनायकु लाजे।।
€ Ǒ¡ न जाइ सब — ȡȱǓ सुहावा। बािज बेषु जनु काम बनावा।।
छं 0-जनु बािज बेषु बनाइ ˜ “ ͧ  ‡ Ǖराम Ǒ¡  \ Ǔ सोहई।
] ” “ Ʌबय बल Ǿ ” गुन ‚ Ǔ सकल भुवन ǒ– ˜ Ȫ¡ _@
@
जगमगत जीनु जराव ‡ ȪǓ   ˜Ǖ ȪǓ ˜ Ǔ“ ˜ ȡǓ“ € लगे।
ͩ€ Ȳͩ€ Ǔ“ ललाम लगामु › ͧ›  ǒ– › Ȫͩ€ सरु नर ˜ ǓǕ“ ठगे।।
दो0-Ĥ — Ǖ˜ “   Ǒ¡ Ȳ› ™ › ȣ“ मनु चलत बािज † ǒ– पाव।
— ǗͪŸ उड़गन  ͫ° घनु जनु बर –šǑ¡ नचाव।।316।।
–*–*–
‡ ȯǑ¡ Ȳबर बािज रामु असवारा।  ȯǑ¡ सारदउ न बरनै पारा।।
  Ȳ€ ǽ राम Ǿ ” अनुरागे। नयन पंचदस \ Ǔ ͪĤ™ लागे।।
¡ ǐš Ǒ¡    Ǒ¡  रामु जब जोहे । रमा समेत š˜ ȡ” Ǔ मोहे ।।
Ǔ“ šͨ राम † ǒ– ǒ–ͬ’ हरषाने। आठइ नयन ‡ ȡǓ“ ” Ǔ†  ȡ“ ȯ@
@
सरु सेनप उर बहुत उछाहू। ǒ–ͬ’ ते डेवढ़ लोचन लाहू।।
šȡ˜ Ǒ¡ ͬ…   सरु े स सज
ु ाना। गौतम Į ȡ” Ǖपरम Ǒ¡  माना।।
दे व सकल   Ǖš”Ǔ Ǒ¡ ͧ  ¡ ȡ¡ ȣ@
Ȳ आजु पुरंदर सम कोउ “ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
˜ ǕǑ‘ दे वगन šȡ˜ Ǒ¡ दे खी। नप
ृ समाज दहु ु ँ हरषु ǒ–   ȯŸ Ȣ@
@
छं 0-\ Ǔ हरषु राजसमाज दहु ु Ǒ‘ͧ  दं द
ु भ
ु ीं –ȡ‡ Ǒ¡ Ȳघनी।
–šŸǑ¡ Ȳसम
ु न सरु ¡ šͪŸ € Ǒ¡ जय ‡ ™ Ǔ जय रघक
ु ु लमनी।।
f Ǒ¡ — ȡȱǓ ‡ ȡǓ“ बरात आवत बाजने बहु – ȡ‡ ¡ ȣȲ@
šȡǓ“   ]Ǖ ͧ  Ǔ“ –Ȫͧ› ” ǐš† Ǔ“ हे तु मंगल   ȡ‡ ¡ ȣȲ@
@
दो0-सिज आरती अनेक ǒ– ͬ’ मंगल सकल   ȱ ȡǐš@
… › ȣȲ˜ ǕǑ‘ ” ǐš† Ǔ“ करन ‚ ‡ ‚ ȡͧ˜ Ǔ“ बर “ ȡǐš@
@317।।
–*–*–
ǒ–’ –Ǖ ‘“ ȢȲसब सब ˜ ‚Ǚ › Ȫ… Ǔ“ @सब Ǔ“ ‡ तन † ǒ– šǓ मद ु
˜ Ȫ… Ǔ“ @
@
” Ǒ¡ šɅबरन बरन बर चीरा। सकल ǒ– — ǗŸ “   ‡ Ʌ  šȣšȡ@
@
सकल सुमंगल अंग बनाएँ। € šǑ¡ Ȳगान € › €ȲǑ‹ लजाएँ।।
कंकन ͩ€ Ȳͩ€ Ǔ“ नूपुर –ȡ‡ Ǒ¡ @
Ȳ … ȡͧ› ǒ–› Ȫͩ€ काम गज › ȡ‡ Ǒ¡ @
Ȳ@
–ȡ‡ Ǒ¡ Ȳबाजने ǒ–ǒ– ’ Ĥ€ ȡšȡ@नभ \ ǽ नगर सम
ु ंगलचारा।।
सची सारदा रमा भवानी। जे   šǕǓ ™   ͬǕ… सहज सयानी।।
कपट “ ȡǐš बर बेष बनाई। ͧ˜ › ȣȲसकल šǓ“ ȡ  Ǒ¡ Ȳजाई।।
€ šǑ¡ Ȳगान कल मंगल बानीं। हरष ǒ––   सब काहुँ न जानी।।
छं 0-को जान €ȯǑ¡ आनंद बस सब Ħ é˜ Ǖबर ”ǐš† “ … › ȣ@
कल गान मधरु Ǔ“   ȡ“ –šŸǑ¡ Ȳसुमन सुर सोभा — › ȣ@
@
आनंदकंद ु ǒ–› Ȫͩ€ दल
ू हु सकल Ǒ¡ ™ ȱ¡ šͪŸ  भई।।
अंभोज अंबक अंबु ` ˜ ͬ‚ सअ
ु ंग ” ›Ǖ € ȡͧ› छई।।
दो0-जो सुख भा ͧ  ™ मातु मन ‘ȯͨ राम बर बेषु।
सो न   € Ǒ¡ Ȳ€ Ǒ¡ कलप सत सहस सारदा सेषु।।318।।
–*–*–

नयन “ Ȣǽ ¡ ǑŠ मंगल जानी। ” ǐš† Ǔ“ € šǑ¡ Ȳ˜ ǕǑ‘ मन रानी।।


बेद ǒ–Ǒ¡  \ ǽ कुल ] … ȡǾ @€ ȧÛ¡ — › ȣ ǒ– ͬ’ सब ޙ ¡ ȡǾ @
@
पंच सबद ’ ǓǕ“ मंगल गाना। पट पाँवड़े ”šǑ¡ Ȳǒ–ͬ’ नाना।।
€ ǐš आरती अरघु Ǔ Û¡ ‘ȣÛ¡ ȡ@राम गमनु मंडप तब € ȧÛ¡ ȡ@
@
दसरथु   Ǒ¡  समाज ǒ–šȡ‡ ȯ@ǒ– —  ǒ– › Ȫͩ€ › Ȫ€ ” Ǔ लाजे।।
समयँ समयँ सरु –šŸǑ¡ Ȳफूला।   ȡȲǓ ” ±Ǒ¡ Ȳ˜ Ǒ¡   Ǖš अनुकूला।।
नभ \ ǽ नगर कोलाहल होई। ] ”Ǔ“ पर कछु सुनइ न कोई।।
f Ǒ¡ ǒ– ͬ’ रामु ˜ ȲŒ ”Ǒ¡ Ȳआए। अरघु दे इ आसन बैठाए।।
छं 0-–Ȱ
‹ ȡǐš आसन आरती € ǐš Ǔ“ šͨ – ǽ सख
ु ु ”ȡ ¡ ȣȲ@
@
˜ Ǔ“ बसन भष
ू न —ǐ
Ǘš  ȡšǑ¡ Ȳ“ ȡǐš मंगल ‚ ȡ¡ ȣȲ@
@
Ħé˜ ȡǑ‘ सुरबर ǒ–Ĥ बेष बनाइ कौतक
ु ‘ȯ ¡ ȣȲ@
\  › Ȫͩ€ रघुकुल कमल šǒ– † ǒ– सुफल जीवन › ȯ ¡ ȣȲ@
@
दो0-नाऊ – ȡšȣ भाट नट राम Ǔ“ † ȡǐš पाइ।
˜ ǑǕ‘ \   Ȣ  Ǒ¡ Ȳनाइ ͧ  š हरषु न ǿ‘™ ȱसमाइ।।319।।
–*–*–
ͧ˜ › ȯजनकु दसरथु \ Ǔ ĤȢ ȢȲ@€ ǐš –ȰǑ‘€ › ȫͩ€ € सब šȣ ȢȲ@
@
ͧ˜ ›  महा दोउ राज ǒ–šȡ‡ ȯ@उपमा खोिज खोिज € ǒ– लाजे।।
› ¡ ȣ न कतहुँ ¡ ȡǐš Ǒ¡ ™ ȱमानी। ^Û¡ सम एइ उपमा उर आनी।।
सामध ‘ȯͨ दे व अनुरागे। सुमन – šͪŸ जसु गावन लागे।।
जगु ǒ– šȲͬ… उपजावा जब  Ʌ@दे खे सुने ޙ ȡ¡ बहु तब  Ʌ@
@
सकल — ȡȱǓ सम साजु समाज।ू सम समधी दे खे हम आजू।।
दे व ͬ‚ šȡ   ǓǕ“ संद
ु र साँची। Ĥ ȢǓ \ › ȫͩ€ € दहु ु Ǒ‘ͧ  माची।।
दे त पाँवड़े अरघु सहु ाए। सादर जनकु ˜ ȲŒ ”Ǒ¡ Ȳ㙠ȡf @ @
छं 0-मंडपु ǒ–› Ȫͩ€ ǒ–… Ȣğ रचनाँ ǽͬ… š ȡȱ˜ ǓǕ“ मन हरे ।।
Ǔ“ ‡ ” ȡǓ“ जनक सुजान सब कहुँ ] Ǔ“ ͧ  ƒȲ ȡ  “ धरे ।।
कुल ^çŠ   ǐš  –ͧ  çŠ पूजे ǒ– “ ™ € ǐš ] ͧ  Ÿ › ¡ ȣ@
€ ȫͧ  € Ǒ¡ पूजत परम Ĥ ȢǓ ͩ€ šȣǓ तौ न परै € ¡ ȣ@
@
दो0-बामदे व ] Ǒ‘€ ǐšŸ ™ पूजे ˜ ǕǑ‘ ˜ ¡ ȣ  @
Ǒ‘f Ǒ‘Þ™ आसन   –Ǒ¡ सब सन › ¡ ȣ असीस।।320।।
–*–*–
– ¡ Ǖǐš € ȧÛ¡ € Ȫ  › ” Ǔ पूजा। ‡ ȡǓ“ ईस सम भाउ न दज
ू ा।।
€ ȧÛ¡ ‡ Ȫǐš कर ǒ– “ ™ बड़ाई। € Ǒ¡ Ǔ“ ‡ — ȡʙ ǒ–—  बहुताई।।
पज
ू े —”
Ǘ Ǔ सकल बराती।   ˜ ͬ’ सम सादर सब भाँती।।
आसन ` ͬ…  Ǒ‘f सब काहू। € ¡ ɋ काह मख
ू एक उछाहू।।
सकल बरात जनक सनमानी। दान मान ǒ– “  Ȣ बर बानी।।
ǒ–ͬ’ ¡ ǐš ¡ ǽ Ǒ‘ͧ  ”Ǔ Ǒ‘“ šȡa @जे ‡ ȡ“ Ǒ¡ Ȳरघुबीर Ĥ — ȡa @
@
कपट ǒ– Ĥ बर बेष बनाएँ। कौतक
ु ‘ȯ Ǒ¡ Ȳ\ Ǔ सचु पाएँ।।
पूजे जनक दे व सम ‡ ȡ“ Ʌ@Ǒ‘f सुआसन ǒ–“ Ǖ” Ǒ¡ … ȡ“ Ʌ@
@
छं 0-” Ǒ¡ … ȡ“ को €ȯǑ¡ जान   –Ǒ¡ Ȳअपान   ͬǕ’ — Ȫšȣ भई।
आनंद कंद ु ǒ–› Ȫͩ€ दल
ू हु उभय Ǒ‘ͧ  आनँद मई।।
सुर लखे राम सुजान पूजे ˜ ȡ“ ͧ  € आसन दए।
\ › Ȫͩ€ सीलु सुभाउ Ĥ — Ǖको ǒ– – Ǖ’ मन Ĥ ˜ ǕǑ‘ भए।।
दो0-šȡ˜ … ġȲ मख
ु … ġȲ † ǒ– लोचन … ȡǽ चकोर।
करत पान सादर सकल Ĥȯ˜ ǕĤ˜ Ȫ‘ Ǖन थोर।।321।।
–*–*–
समउ ǒ– › Ȫͩ€ – ͧ  ç‹ बोलाए। सादर सतानंद ु   ǕǓ“ आए।।
–ȯͬ‚ € Ǖ\ ȱǐš अब आनहु जाई। चले ˜ ǑǕ‘ ˜ ǓǕ“ आयसु पाई।।
रानी   ǓǕ“ ` ”šȪǑ¡  बानी। Ĥ˜ ǑǕ‘   ͨ Û¡ समेत सयानी।।
ǒ–Ĥ बधू € Ǖ› – ƨǙ – Ȫ› ȡɃ@€ ǐš कुल šȣǓ सुमंगल ‚ ȡɃ@
@
“ ȡǐš बेष जे सुर बर बामा। सकल सुभायँ   ǕȲ‘ šȣ è™ ȡ˜ ȡ@
@
Ǔ Û¡ Ǒ¡ ‘ȯͨ सुखु ” ȡǑ¡ Ȳ“ ȡšȣȲ@ǒ–“ Ǖ”Ǒ¡ … ȡǓ“ Ĥ ȡ“ ¡ Ǖते ܙ ȡšȣȲ@
@
बार बार   “ ˜ ȡ“ Ǒ¡ Ȳरानी। उमा रमा सारद सम जानी।।
सीय   ȱ ȡǐš समाजु बनाई। ˜ ǑǕ‘ ˜ ȲŒ ” Ǒ¡ Ȳ… › ȣȲलवाई।।
छं 0-… ͧ› 㙠ȡ^   Ȣ Ǒ¡ सखीं सादर सिज सम
ु ंगल — ȡͧ˜ “ Ȣ@
Ȳ
“    ܏   ȡ‡ Ʌ  ǕȲ‘ šȣ सब ˜ ׏ कंु जर ‚ ȡͧ˜ “ ȢȲ@
@
कल गान   ǕǓ“ ˜ ǕǓ“ ڙ ȡ“ י ȡ‚ Ǒ¡ Ȳकाम € Ȫͩ€ › › ȡ‡ ¡ ȣȲ@
मंजीर नूपुर € ͧ›  कंकन ताल गती बर –ȡ‡ ¡ ȣȲ@
@
दो0-  Ȫ¡ Ǔ –Ǔ“  ȡ बंद
ृ महुँ सहज   ¡Ǖ ȡǓ“ सीय।
† ǒ– ललना गन ˜ ڙ जनु सष ु मा Ǔ ™ कमनीय।।322।।
–*–*–
ͧ  ™ संद
ु रता – šǓ“ न जाई। लघु ˜ Ǔ बहुत मनोहरताई।।
आवत ‘ȣͨ – šȡǓ Û¡   Ȣ ȡ@
@Ǿ ” šȡͧ  सब — ȡȱǓ पन
ु ीता।।
  – Ǒ¡ ˜ “ Ǒ¡ Ȳमन ͩ€ f Ĥ“ ȡ˜ ȡ@‘ȯͨ राम भए पूरनकामा।।
हरषे दसरथ   Ǖ Û¡ समेता। € Ǒ¡ न जाइ उर आनँद ु जेता।।
सुर Ĥ “ ȡ˜ Ǖ€ ǐš – š  Ǒ¡ Ȳफूला। ˜ ǕǓ“ असीस ’ ǓǕ“ मंगल मूला।।
गान Ǔ“   ȡ“ कोलाहलु — ȡšȣ@Ĥȯ˜ Ĥ ˜ Ȫ‘ मगन नर “ ȡšȣ@
@
f Ǒ¡ ǒ– ͬ’ सीय ˜ ȲŒ ” Ǒ¡ Ȳआई। Ĥ˜ ǑǕ‘   ȡȲǓ ” ±Ǒ¡ Ȳ˜ ǓǕ“ šȡ_@
@
 ȯǑ¡ अवसर कर ǒ–ͬ’ ޙ  ¡ ȡǾ @दहु ु ँ कुलगरु सब € ȧÛ¡ \ … ȡǾ @
@
छं 0-] … ȡǽ € ǐš गुर ‚ ȫǐš ‚ “ ” Ǔ ˜ ǕǑ‘ ǒ– Ĥ ” Ǖ‡ ȡ¡ ȣȲ@
सुर Ĥ‚ ǑŠ पूजा › ȯǑ¡ Ȳ‘ȯǑ¡ Ȳअसीस \ Ǔ सुखु ”ȡ ¡ ȣȲ@
@
˜ ’ ”Ǖ €[ मंगल ġޙ जो ‡ ȯǑ¡ समय ˜ ǕǓ“ मन महुँ … ¡ ɇ@
भरे कनक कोपर कलस सो सब ͧ› f Ǒ¡ Ȳ” ǐš… ȡš€ š¡ ɇ@ @ 1।।

कुल šȣǓ ĤȢǓ समेत šǒ– € Ǒ¡ दे त सबु सादर ͩ€ ™ Ȫ@

f Ǒ¡ — ȡȱǓ दे व पज
ु ाइ   Ȣ Ǒ¡ सभ
ु ग ͧ  ƒȲ ȡ  “ ǕǑ‘™ Ȫ@
@

ͧ  ™ राम \ › Ȫ€ Ǔ“ परसपर Ĥȯ˜ काहु न › ͨ परै ।।

मन – ͪǕƨ बर बानी अगोचर Ĥ ‚ Š € ǒ– €Ȱ  Ʌकरै ।।2।।


दो0-होम समय तनु ’ ǐš अनलु \ Ǔ सुख ] ¡ ǕǓ › ȯǑ¡ @ Ȳ
ǒ–Ĥ बेष ’ ǐš बेद सब € Ǒ¡ ǒ– –ȡ¡ ǒ– ͬ’ ‘ȯǑ¡ @
Ȳ@
323।।
–*–*–
जनक ”ȡŠ˜ Ǒ¡ ŸȢ जग जानी। सीय मातु ͩ€ ͧ˜ जाइ बखानी।।
सुजसु सुकृत सुख सुदंरताई। सब   ˜ ȯǑŠ ǒ– ͬ’ रची बनाई।।
समउ ‡ ȡǓ“ ˜ ǕǓ“ – šÛ¡ बोलाई। सुनत   Ǖ] ͧ  Ǔ“ सादर 㙠ȡ_@
@
जनक बाम Ǒ‘ͧ  सोह सन
ु यना। Ǒ¡ ˜ ͬ‚ ǐš संग – Ǔ“ जनु मयना।।
कनक कलस ˜ Ǔ“ कोपर Ǿ šȯ@  ͬǕ… संग
ु ध मंगल जल परू े ।।
Ǔ“ ‡ कर ˜ ǕǑ‘ रायँ \ ǽ रानी। धरे राम के ] ‚ Ʌआनी।।
” ±Ǒ¡ Ȳबेद ˜ ǕǓ“ मंगल बानी। गगन सुमन ˆ ǐš \    ǽ जानी।।
–ǽ ǒ– › Ȫͩ€ ‘Ȳ” Ǔ अनुरागे। पाय पुनीत पखारन लागे।।
छं 0-लागे पखारन पाय पंकज Ĥȯ˜ तन ” ›Ǖ € ȡ › ȣ@
नभ नगर गान Ǔ“   ȡ“ जय ’ ǓǕ“ ` ˜ ͬ‚ जनु चहुँ Ǒ‘ͧ  … › ȣ@
@
जे पद सरोज मनोज \ ǐš उर सर सदै व ǒ–šȡ‡ ¡ ȣȲ@
जे सकृत   Ǖͧ˜ š ǒ–˜ ›  ȡ मन सकल € ͧ› मल — ȡ‡ ¡ ȣ@
Ȳ@
1।।
जे ” šͧ  ˜ ǕǓ“ –Ǔ“  ȡ › ¡ ȣ ‚ Ǔ š¡ ȣ जो पातकमई।
मकरं द ु ǔ‡ Û¡ को संभु ͧ  š   Ǖͬ…  ȡ \  ͬ’ सुर बरनई।।
€ ǐš मधप
ु मन ˜ ǓǕ“ ‡ Ȫͬ‚ ‡ “ जे सेइ \ ͧ— ˜  ‚ Ǔ › ¡ ɇ@
ते पद पखारत — ȡʙ — ȡ‡ “ Ǖजनकु जय जय सब कहै ।।2।।
बर € Ǖ\ ȱǐš करतल ‡ Ȫǐš   ȡ Ȫ… ȡǽ दोउ कुलगरु € šɇ@
भयो ”ȡǓ“ ‚ ¡ “ Ǖǒ– › Ȫͩ€ ǒ– ͬ’ सुर मनुज ˜ ǕǓ“ आँनद — šɇ@
@
सुखमूल दलू हु ‘ȯͨ ‘Ȳ” Ǔ पुलक तन ¡ Ǖ› è™ Ȫ Ǒ¡ ™ Ȫ@
€ ǐš लोक बेद ǒ– ’ ȡ“ Ǖ€ ۙ ȡ‘ȡ“ Ǖनप
ृ भूषन ͩ€ ™ Ȫ@@3।।
Ǒ¡ ˜  Ȳ ǔ‡ ͧ˜ ͬ‚ ǐš‡ ȡ ˜ ¡ ȯ  Ǒ¡ ¡ ǐšǑ¡ Į Ȣ सागर दई।
Ǔ ͧ˜ जनक šȡ˜ Ǒ¡ ͧ  ™ समरपी ǒ– è कल € ȧšǓ नई।।
ș ɉ करै ǒ–“ ™ ǒ– ‘ȯ¡ Ǖͩ€ ™ Ȫ ǒ–‘ȯ¡ Ǖ˜ ǗšǓ   ȡ šȱȣ@
€ ǐš होम ǒ–ͬ’  ‚ ȡȱǑ‹ ‡ Ȫšȣ होन लागी — ȡ šȱȣ@
@4।।
दो0-जय ’ ǓǕ“ –Ȳ‘ ȣ बेद ’ ǓǕ“ मंगल गान Ǔ“   ȡ“ @
  ǓǕ“ ¡ šŸǑ¡ Ȳ–šŸǑ¡ Ȳǒ–– ’Ǖ   šǕ ǽ सम ु न सजु ान।।324।।
–*–*–
€ Ǖ\ ȱǽ € Ǖ\ ȱǐš कल — ȡ ǐȱš ‘ȯ¡ ȣȲ@
@“ ™ “ लाभु सब सादर › ȯ¡ ȣ@
Ȳ@
जाइ न –šǓ“ मनोहर ‡ Ȫšȣ@जो उपमा कछु € ¡ ɋ सो  Ȫšȣ@
@
राम सीय संद
ु र Ĥ Ǔ † ȡ¡ ȣȲ@जगमगात ˜ Ǔ“ खंभन ˜ ȡ¡ ȣȲ।
मनहुँ मदन šǓ ’ ǐš बहु Ǿ ” ȡ@दे खत राम ǒ– ] ¡ Ǖअनप
ू ा।।
दरस लालसा सकुच न  Ȫšȣ@Ĥ ‚ Š दरु त – ¡ Ȫǐš –¡ Ȫšȣ@ @
भए मगन सब ‘ȯ Ǔ“ ¡ ȡšȯ@जनक समान अपान ǒ–   ȡšȯ@
@
Ĥ ˜ ǕǑ‘ ˜ ǕǓ“ Û¡ — ȡ šȱȣ •ȯšȣ@“ ȯ‚   Ǒ¡  सब šȣǓ Ǔ“ –ȯšȣȲ@
@
राम सीय ͧ  š   Ʌ‘ šǕ ‘ȯ¡ ȣȲ@सोभा € Ǒ¡ न ‡ ȡǓ ǒ–ͬ’ €ȯ¡ ȣȲ@
@
\ ǽ“ पराग जलजु — ǐš “ Ȣ€Ʌ@  ͧ  Ǒ¡ भूष \ Ǒ¡ लोभ अमी €Ʌ@
@
– ¡ Ǖǐš – ͧ  ç‹ ‘ȣÛ¡ अनस
ु ासन। – ǽ ‘ ›Ǖ Ǒ¡ Ǔ“ बैठे एक आसन।।
छं 0-बैठे बरासन रामु ‡ ȡ“ ͩ€ ˜ ǑǕ‘ मन दसरथु भए।
तनु पल
ु क ” ǓǕ“ ” ǓǕ“ ‘ȯͨ \ ” “ Ʌसक
ु ृ त   šǕ ǽ फल नए।।
— ǐš भुवन रहा उछाहु राम ǒ–– ȡ¡ Ǖभा   – ¡ ȣȲकहा।
€ȯǑ¡ — ȡȱǓ –šǓ“ ͧ  šȡ रसना एक यहु मंगलु महा।।1।।
तब जनक पाइ –ͧ  ç‹ आयसु ޙ ȡ¡ साज   ȱ ȡǐš कै।
माँडवी Į ǓǕ € ȧšǓ ` šͧ˜ › ȡ € Ǖ\ ȱǐš › Ƀ ¡ ȱ€ ȡǐš के।।
कुसकेतु € ۙ ȡ Ĥ ˜ जो गन
ु सील सख
ु सोभामई।
सब šȣǓ ĤȢǓ समेत € ǐš सो ޙ ȡǑ¡ नप
ृ — š Ǒ¡ दई।।2।।
‡ ȡ“ € ȧ लघु — ͬ‚ “ Ȣ सकल   ‘ǕȲ ǐš ͧ  šȪ˜ Ǔ“ ‡ ȡǓ“ कै।
सो तनय ‘ȣÛ¡ ȣ ޙ ȡǑ¡ ›  “ Ǒ¡ सकल ǒ– ͬ’   “ ˜ ȡǓ“ कै।।
‡ ȯǑ¡ नामु Į Ǖ € ȧšǓ   ›Ǖ Ȫ… Ǔ“   ˜Ǖ ͨǕ सब गन
ु ] ‚ šȣ@
सो दई ǐš”  Ǖ ‘Ǘ “ Ǒ¡ — ”Ǘ Ǔ Ǿ ” सील ` ‡ ȡ‚ šȣ@
@3।।
\ “ ǽǕ ” बर ‘ ›Ǖ Ǒ¡ Ǔ“ ”šè”š › ͨ सकुच Ǒ¡ ™ ȱ¡ šŸ ¡ ȣȲ@
सब ˜ ǕǑ‘ सुंदरता   šȡ¡ Ǒ¡ Ȳसुमन सुर गन – šŸ ¡ ȣȲ@
@
  ǕȲ‘ šȣ सुंदर –šÛ¡ सह सब एक मंडप šȡ‡ ¡ ȣ@
Ȳ
जनु जीव उर … ȡǐš` \ è ȡ ǒ– ˜ Ǖ“   Ǒ¡  ǒ– šȡ‡ ¡ ȣȲ@
@4।।
दो0-˜ ǑǕ‘ \ ’ ”Ǔ सकल सत
ु –’ Û
Ǖ¡ समेत Ǔ“ ¡ ȡǐš@
जनु पार ˜ Ǒ¡ ”ȡ› ˜ Ǔ“ ͩĐ ™ Û¡   Ǒ¡  फल … ȡǐš@
@ 325।।
–*–*–
‡ ͧ  रघबु ीर ޙ ȡ¡ ǒ–ͬ’ बरनी। सकल कुअँर ޙ ȡ¡ ȯ ȯǑ¡ Ȳकरनी।।
€ Ǒ¡ न जाइ कछु दाइज — Ǘšȣ@रहा कनक ˜ Ǔ“ मंडपु ” Ǘšȣ@
@
कंबल बसन ǒ–ͬ… ğ पटोरे । — ȡȱǓ — ȡȱǓ बहु मोल न थोरे ।।
गज रथ तरु ग दास \ ǽ दासी। धेनु अलंकृत कामदहु ा सी।।
– è Ǖअनेक € ǐš\ ͩ€ ͧ˜ लेखा। € Ǒ¡ न जाइ ‡ ȡ“ Ǒ¡ Ȳǔ‡ Û¡ दे खा।।
लोकपाल \ › Ȫͩ€ ͧ  ¡ ȡ“ ȯ@› ȣÛ¡ \ ’ ”Ǔ सबु सख
ु ु माने।।
‘ȣÛ¡ ‡ ȡ… € ǔÛ¡ जो ‡ ȯǑ¡ भावा। उबरा सो ‡ “  ȡ  ȯǑ¡ Ȳआवा।।
तब कर ‡ Ȫǐš जनकु मद
ृ ु बानी। बोले सब बरात सनमानी।।
छं 0-  “ ˜ ȡǓ“ सकल बरात आदर दान ǒ– “ ™ बड़ाइ कै।
Ĥ ˜ ǕǑ‘ महा ˜ ǕǓ“ बंद
ृ बंदे पूिज Ĥȯ˜ लड़ाइ कै।।
ͧ  ǽ नाइ दे व मनाइ सब सन कहत कर संपट
ु ͩ€ f ȱ@
सरु साधु चाहत भाउ ͧ  ’Ȳ Ǖͩ€ तोष जल \ Ȳ‡ ͧ› Ǒ‘f ȱ@
@1।।
कर ‡ Ȫǐš जनकु – ¡ Ȫǐš बंधु समेत कोसलराय   ɉ@
बोले मनोहर बयन   ȡǓ“ सनेह सील सुभाय   ɉ@
@
संबंध राजन šȡšɅहम बड़े अब सब ǒ– ͬ’ भए।
f Ǒ¡ राज साज समेत सेवक ‡ ȡǓ“ –ȯǒ–“ Ǖगथ लए।।2।।
ए ‘ȡǐš€ ȡ ” ǐš… ȡǐš€ ȡ € ǐš ” ȡͧ› – ȢȲ€ ǽ“ ȡ नई।
अपराधु † ͧ˜ – Ȫ –Ȫͧ› पठए बहुत ¡ ɋ ȣɪ™ Ȫ कई।।
” ǕǓ“ भानुकुलभूषन सकल सनमान Ǔ“ ͬ’ समधी ͩ€ f @
€ Ǒ¡ ‡ ȡǓ “ Ǒ¡ Ȳǒ– “  Ȣ ”šè” š Ĥȯ˜ ”ǐš” Ǘš“ Ǒ¡ f @
@3।।
बंद
ृ ारका गन सुमन – ǐš  Ǒ¡ Ȳराउ ‡ “ ȡ  ȯǑ¡ चले।
दं द
ु भ
ु ी जय ’ ǓǕ“ बेद ’ ǓǕ“ नभ नगर कौतह
ू ल भले।।
तब सखीं मंगल गान करत मुनीस आयसु पाइ कै।
दल
ू ह ‘ ›Ǖ Ǒ¡ Ǔ“ Û¡   Ǒ¡    Ȳ‘Ǖ ǐš … › ȣȲकोहबर 㙠ȡ^ कै।।4।।
दो0-” ǓǕ“ ” ǓǕ“ šȡ˜ Ǒ¡ ͬ…   ͧ  ™   € Ǖ… Ǔ मनु सकुचै न।
हरत मनोहर मीन † ǒ– Ĥȯ˜ ͪ” ]   ȯनैन।।326।।
मासपारायण, ʙ ȡš¡ ȡȱͪ Į ȡ˜
–*–*–
è™ ȡ˜   šȣǽ सभ
ु ायँ सह
ु ावन। सोभा € ȪǑŠ मनोज लजावन।।
जावक जुत पद कमल सुहाए। ˜ ǕǓ“ मन मधप
ु रहत ǔ‡ Û¡ छाए।।
पीत पुनीत मनोहर धोती। ¡ šǓ बाल šǒ– ‘ȡͧ˜ Ǔ“ जोती।।
कल ͩ€ Ȳͩ€ Ǔ“ € ǑŠ   Ǘğ मनोहर। बाहु ǒ–   ȡ› ǒ– — ǗŸ “ सुंदर।।
पीत जनेउ ˜ ¡ ȡ† ǒ– दे ई। कर ˜ ǑǕġ€ ȡ … Ȫǐš ͬ…  Ǖलेई।।
सोहत ޙ ȡ¡ साज सब साजे। उर आयत उरभष
ू न राजे।।
ͪ”\ š उपरना काखासोती। दह
ु ु ँ ] ȱ… šǔÛ¡ लगे ˜ Ǔ“ मोती।।
नयन कमल कल कंु डल काना। बदनु सकल   ɋ‘‡ [Ǔ“ ’ ȡ“ ȡ@ @
सुंदर — €ǙǕǑŠ मनोहर नासा। भाल Ǔ › € Ǖ ǽͬ… š ȡ Ǔ“ ȡ  ȡ@
@
सोहत ˜ ȫǽ मनोहर माथे। मंगलमय मक
ु ु ता ˜ Ǔ“ गाथे।।
छं 0-गाथे ˜ ¡ ȡ˜ Ǔ“ मौर मंजल
ु अंग सब ͬ…  … Ȫš¡ ȣȲ@
परु “ ȡǐš सरु   Ȳ‘Ǖ šȣȲ– šǑ¡ ǒ– › Ȫͩ€ सब Ǔ “  Ȫš¡ ȣȲ@
@
˜ Ǔ“ बसन भूषन ȡǐš ] šǓ € šǑ¡ Ȳमंगल ‚ ȡ Ǒ¡ @
Ȳ
सुर सुमन –ǐš  Ǒ¡ Ȳसूत मागध – ȲǑ‘ सुजसु   Ǖ“ ȡ ¡ ȣȲ@
@1।।
€ Ȫ¡ –šǑ¡ Ȳआने कँु अर € ȱǕ\ ǐš   Ǖ] ͧ  Ǔ“ Û¡ सुख पाइ कै।
\ Ǔ ĤȢǓ › ȫͩ€ € šȣǓ लागीं करन मंगल गाइ कै।।
› ¡ € ȫǐš ‚ ȫǐš ͧ   ȡ šȡ˜ Ǒ¡ सीय सन सारद € ¡ ɇ@
šǓ“ ȡ  Ǖहास ǒ– › ȡ  रस बस ‡ ۘ को फलु सब › ¡ ɇ@
@2।।
Ǔ“ ‡ ”ȡǓ“ ˜ Ǔ“ महुँ ‘ȯͨ \ Ǔ ˜ šǗǓ   ǾǕ ”Ǔ“ ’ ȡ“ € ȧ@
… ȡ› Ǔ न — ‡Ǖ –ã› ȣ ǒ–› Ȫ€ Ǔ“ ǒ–š¡ भय बस ‡ ȡ“ € ȧ@ @
कौतक
ु ǒ–“ Ȫ‘ Ĥ˜ Ȫ‘ ǕĤȯ˜ Ǖन जाइ € Ǒ¡ ‡ ȡ“ Ǒ¡ Ȳ\ › ȣȲ@
बर € Ǖ\ ȱǐš सुंदर सकल सखीं लवाइ ‡ “ ȡ  ȯǑ¡ … › ȣȲ@
@3।।
 ȯǑ¡ समय   ǕǓ“ \ असीस जहँ तहँ नगर नभ आनँद ु महा।
ͬ… ǽ िजअहुँ ‡ ȪšȣȲ… ȡǽ चारयो ˜ ǑǕ‘ मन   – ¡ ȣȲकहा।।
‡ Ȫ‚ ȢÛġ ͧ  ƨ मनु ीस दे व ǒ– › Ȫͩ€ Ĥ— Ǖ‘Ȳ‘ǕͧǕ— हनी।
चले ¡ šͪŸ –šͪŸ Ĥ  Ǘ“ Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ लोक जय जय जय भनी।।4।।
दो0-  Ǒ¡  –’ ǑǗŠÛ¡ कुअँर सब तब आए ͪ”  Ǖपास।
सोभा मंगल मोद — ǐš उमगेउ जनु जनवास।।327।।
–*–*–
” ǕǓ“ जेवनार भई बहु भाँती। पठए जनक बोलाइ बराती।।
परत पाँवड़े बसन अनूपा।   Ǖ Û¡ समेत गवन ͩ€ ™ Ȫ भूपा।।
सादर सबके पाय पखारे । जथाजोगु ” Ȣ±Û¡ बैठारे ।।
धोए जनक \ ’ ”Ǔ चरना। सीलु सनेहु जाइ “ Ǒ¡ Ȳबरना।।
–¡ Ǖǐš राम पद पंकज धोए। जे हर ǿ‘™ कमल महुँ गोए।।
 ȢǓ“ ` भाई राम सम जानी। धोए चरन जनक Ǔ“ ‡ पानी।।
आसन ` ͬ…    –Ǒ¡ नप
ृ ‘ȣÛ¡ ȯ@–Ȫͧ›   Ǘ” € ȡšȣ सब › ȣÛ¡ ȯ@
@
सादर लगे परन पनवारे । कनक € ȧ› ˜ Ǔ“ पान सँवारे ।।
दो0-सूपोदन सुरभी   šͪ” सुंदर è ȡ‘ Ǖपुनीत।
छन महुँ सब €Ʌ”ǽͧ  गे चतरु सुआर ǒ– “ Ȣ @@328।।
–*–*–
पंच कवल € ǐš जेवन लअगे। ‚ ȡǐš गान   ǕǓ“ \ Ǔ अनुरागे।।
— ȡȱǓ अनेक परे पकवाने। सुधा   ǐš  “ Ǒ¡ Ȳ‡ ȡǑ¡ Ȳबखाने।।
”ǽ  “ लगे सआ
ु र सज
ु ाना। ǒ– ‡Ȳ “ ǒ– ǒ–’ नाम को जाना।।
… ȡǐš — ȡȱǓ भोजन ǒ–ͬ’ गाई। एक एक ǒ–ͬ’ – šǓ“ न जाई।।
छरस ǽͬ… š ǒ– ‡Ȳ “ बहु जाती। एक एक रस \ ‚ Ǔ“  भाँती।।
जेवत
ँ ‘ȯǑ¡ Ȳमधरु ’ ǓǕ“ ‚ ȡšȣ@लै लै नाम ” Ǖǽ Ÿ \ ǽ “ ȡšȣ@
@
समय   Ǖ¡ ȡǓ“ ‚ ȡǐš ǒ–šȡ‡ ȡ@हँसत राउ   ǕǓ“   Ǒ¡  समाजा।।
f Ǒ¡ ǒ– ͬ’   –¡ ȣȲभौजनु € ȧÛ¡ ȡ@आदर   Ǒ¡  आचमनु ‘ȣÛ¡ ȡ@
@
दो0-दे इ पान पज
ू े जनक दसरथु   Ǒ¡  समाज।
‡ “  ȡ  ȯǑ¡ गवने ˜ ǑǕ‘ सकल भप ू ͧ  š ȡ‡ @
@329।।
–*–*–
Ǔ“  नत
ू न मंगल परु ˜ ȡ¡ ȣȲ@Ǔ“ ͧ˜ Ÿ   ǐš  Ǒ‘“ ‡ ȡͧ˜ Ǔ“ ‡ ȡ¡ ȣȲ@
@
बड़े भोर — ”Ǘ Ǔ ˜ Ǔ“ जागे। जाचक गन
ु गन गावन लागे।।
‘ȯͨ कुअँर बर –’ Û
Ǖ¡ समेता। ͩ€ ͧ˜ € Ǒ¡ जात मोद ु मन जेता।।
Ĥ ȡ ͩĐ ™ ȡ € ǐš गे ‚ Ǖǽ ” ȡ¡ ȣȲ@˜ ¡ ȡĤ˜ Ȫ‘ ǕĤȯ˜ Ǖमन ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
€ ǐš Ĥ“ ȡ˜ पूजा कर ‡ Ȫšȣ@बोले ͬ‚ šȡ \ ͧ˜ \ ȱजनु – Ȫšȣ@
@
à
Ǖ ¡ šȣ कृपाँ सन
ु हु ˜ ǓǕ“ šȡ‡ ȡ@भयउँ आजु ˜ ɇपरू नकाजा।।
अब सब ǒ–Ĥ बोलाइ ‚ Ȫ  ȡɃ@दे हु धेनु सब — ȡȱǓ बनाई।।
  ǕǓ“ गुर € ǐš ˜ Ǒ¡ ”ȡ› बड़ाई। ” ǕǓ“ पठए ˜ ǕǓ“ बंद
ृ बोलाई।।
दो0-बामदे उ \ ǽ ‘ȯ ǐšͪŸ – ȡ› ˜ Ȣͩ€ ‡ ȡ– ȡͧ› @
आए ˜ ǕǓ“ –š Ǔ“ € š तब € ȫͧ  € ȡǑ‘  ”  ȡͧ› @
@330।।
–*–*–
दं ड Ĥ“ ȡ˜   – Ǒ¡ नप
ृ € ȧÛ¡ ȯ@पूिज   Ĥȯ˜ बरासन ‘ȣÛ¡ ȯ@
@
… ȡǐš › Í † बर धेनु मगाई। € ȡ˜   Ǖšͧ— सम सील सुहाई।।
सब ǒ–ͬ’ सकल अलंकृत € ȧÛ¡ ȣȲ@˜ ǑǕ‘ ˜ Ǒ¡ ” ˜ Ǒ¡ ‘ȯ Û¡ ‘ȣÛ¡ ȣȲ@
@
करत ǒ– “ ™ बहु ǒ– ͬ’ नरनाहू। लहे उँ आजु जग जीवन लाहू।।
पाइ असीस ˜ ¡ ȣ  Ǖअनंदा। ͧ› f – Ȫͧ› ” ǓǕ“ जाचक बंद
ृ ा।।
कनक बसन ˜ Ǔ“ हय गय è™ Ȳ‘ “ @Ǒ‘f – Ǘͨˆ ǽͬ… šǒ–€ Ǖ› “ Ȳ‘ “ @
@
चले पढ़त गावत गुन गाथा। जय जय जय Ǒ‘“ € š कुल नाथा।।
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ राम ǒ–] ¡ उछाहू। सकइ न –šǓ“ सहस मुख जाहू।।
दो0-बार बार € ȫͧ  € चरन सीसु नाइ कह राउ।
यह सबु सख
ु ु ˜ ǓǕ“ šȡ‡ तव कृपा € ŠȡÍ † पसाउ।।331।।
–*–*–
जनक सनेहु सीलु करतत ू ी। नप
ृ ु सब — ȡȱǓ सराह ǒ– — Ǘ Ȣ@
@
Ǒ‘“ ` Ǒ‹ ǒ–‘ȡ \ ’ ” Ǔ मागा। šȡ Ǒ¡ Ȳजनकु   Ǒ¡  अनरु ागा।।
Ǔ“  नूतन ] ‘ǽ \ ͬ’ € ȡ_@Ǒ‘“ ĤǓ सहस — ȡȱǓ पहुनाई।।
Ǔ“  नव नगर अनंद उछाहू। दसरथ गवनु सोहाइ न काहू।।
बहुत Ǒ‘  बीते f Ǒ¡ भाँती। जनु सनेह रजु बँधे बराती।।
€ ȫͧ  € सतानंद तब जाई। कहा ǒ– ‘ȯ¡ “ ”Ǚ Ǒ¡ समझ ु ाई।।
अब दसरथ कहँ आयसु दे हू। ‡ ɮ™ ͪ” † ȡͫ° न सकहु सनेहू।।
— › ȯǑ¡ Ȳनाथ € Ǒ¡   ͬ…  बोलाए। € Ǒ¡ जय जीव सीस Ǔ Û¡ नाए।।
दो0-अवधनाथु चाहत चलन भीतर करहु जनाउ।
भए Ĥȯ˜ –    ͬ…    ǕǓ“ ǒ– Ĥ सभासद राउ।।332।।
–*–*–
पुरबासी   ǕǓ“ … ͧ› Ǒ¡ बराता। बूझत ǒ– € › ”šè” š बाता।।
  י गवनु   ǕǓ“ सब ǒ– ›  ȡ“ ȯ@मनहुँ साँझ   šͧ  ‡ सकुचाने।।
जहँ जहँ आवत बसे बराती। तहँ तहँ ͧ  ƨ चला बहु भाँती।।
ǒ– ǒ–’ — ȡȱǓ मेवा पकवाना। भोजन साजु न जाइ बखाना।।
— ǐš — ǐš बसहँ अपार कहारा। पठई जनक अनेक सस
ु ारा।।
तरु ग लाख रथ सहस पचीसा। सकल सँवारे नख \ ǽ सीसा।।
˜ ׏ सहस दस ͧ  ’Ȳ šǕ साजे। ǔ‡ Û¡ Ǒ¡ ‘ȯͨ Ǒ‘ͧ  € ȲǕ‡ š लाजे।।
कनक बसन ˜ Ǔ“ — ǐš — ǐš जाना। ˜ Ǒ¡ Ÿ ȢȲधेनु – è Ǖǒ–ͬ’ नाना।।
दो0-दाइज \ ͧ˜  न   ͩ€ \ € Ǒ¡ ‘ȣÛ¡ ǒ– ‘ȯ¡ ȱ–¡ Ȫǐš@
जो अवलोकत › Ȫ€ ”Ǔ लोक संपदा  Ȫǐš@@333।।
–*–*–
सबु समाजु f Ǒ¡ — ȡȱǓ बनाई। जनक अवधपरु ‘ȣÛ¡ पठाई।।
… ͧ› Ǒ¡ बरात सन
ु त सब रानीं। ǒ– € › मीनगन जनु लघु पानीं।।
” ǕǓ“ ” ǕǓ“ सीय गोद € ǐš › ȯ¡ ȣȲ@दे इ असीस ͧ   ȡ“ Ǖ‘ȯ¡ ȣȲ@
@
होएहु संतत ͪ”™ Ǒ¡ ͪ”] šȣ@ͬ… ǽ \ Ǒ¡ –ȡ असीस ¡ ˜ ȡšȣ@ @
सासु ससुर गुर सेवा करे हू। ” Ǔ ǽ › ͨ आयसु अनुसरे हू।।
\ Ǔ सनेह बस सखीं सयानी। “ ȡǐš धरम ͧ    Ǒ¡ Ȳमद
ृ ु बानी।।
सादर सकल € Ǖ\ ȱǐš समझ
ु ाई। šȡǓ“ Û¡ बार बार उर लाई।।
– ¡ Ǖǐš –¡ Ǖǐš — ȯŠ Ǒ¡ Ȳ˜ ¡  ȡšȣȲ@€ ¡ Ǒ¡ Ȳǒ– šȲͬ… रचीं कत “ ȡšȣȲ@
@
दो0- ȯǑ¡ अवसर — ȡ^Û¡   Ǒ¡  रामु भानु कुल केत।ु
चले जनक ˜ ȲǑ‘š ˜ ǕǑ‘ ǒ–‘ȡ करावन हे त।ु ।334।।
–*–*–
… ȡǐš\ भाइ सुभायँ सुहाए। नगर “ ȡǐš नर दे खन धाए।।
कोउ कह चलन चहत ¡ Ǒ¡ Ȳआजू। € ȧÛ¡ ǒ– ‘ȯ¡ ǒ– ‘ȡ कर साजू।।
लेहु नयन — ǐš Ǿ ” Ǔ“ ¡ ȡšȣ@ͪĤ ™ पाहुने भप
ू सत
ु … ȡšȣ@
@
को जानै €ȯǑ¡ सक
ु ृ त सयानी। नयन \ Ǔ ͬ € ȧÛ¡ ȯǒ– ͬ’ आनी।।
मरनसीलु ǔ‡ ͧ˜ पाव ͪ”a Ÿ ȡ@  šǕ ǽ लहै जनम कर भख
ू ा।।
पाव “ ȡš€ ȧ ¡ ǐš”‘ Ǖ‡ Ȱ  Ʌ
@^Û¡ कर दरसनु हम कहँ तैसे।।
Ǔ“ šͨ राम सोभा उर धरहू। Ǔ“ ‡ मन • Ǔ“ ˜ ǗšǓ ˜ Ǔ“ करहू।।
f Ǒ¡ ǒ– ͬ’   –Ǒ¡ नयन फलु दे ता। गए कुअँर सब राज Ǔ“ €ȯ ȡ@
@
दो0-Ǿ ” ͧ  ’Ȳ Ǖसब बंधु › ͨ ¡ šͪŸ उठा šǓ“ ȡ  @
Ǖ
€ šǑ¡ Ǔ“ † ȡ ǐš आरती महा ˜ ǑǕ‘ मन सास।ु ।335।।
–*–*–
‘ȯͨ राम † ǒ– \ Ǔ अनरु ागीं। Ĥȯ˜ ǒ– –  ” ǓǕ“ ” ǓǕ“ पद लागीं।।
š¡ ȣ न लाज ĤȢǓ उर छाई। सहज सनेहु –šǓ“ ͩ€ ͧ˜ जाई।।
— ȡ^Û¡   Ǒ¡  ` –ǑŠ \ Û¡  ȡf @छरस असन \ Ǔ हे तु जेवाँए।।
बोले रामु   Ǖ\   ǽ जानी। सील सनेह सकुचमय बानी।।
राउ अवधपुर चहत ͧ  ’ ȡf @ǒ– ‘ȡ होन हम इहाँ पठाए।।
मातु ˜ ǑǕ‘ मन आयसु दे हू। बालक ‡ ȡǓ“ करब Ǔ“  नेहू।।
सन
ु त बचन ǒ–›  ȯ̀ šǓ“  ȡ  @
Ǘ – Ȫͧ› न   € Ǒ¡ ȲĤȯ˜ –   सास।ू ।
ǿ‘™ ȱलगाइ € Ǖ\ ȱǐš सब › ȣÛ¡ ȣ@” Ǔ Û¡   ɋͪ” ǒ– “  Ȣ \ Ǔ € ȧÛ¡ ȣ@
@
छं 0-€ ǐš ǒ– “ ™ ͧ  ™ šȡ˜ Ǒ¡ समरपी ‡ Ȫǐš कर ” ǕǓ“ ” ǕǓ“ कहै ।
– ͧ› जाँउ तात सुजान  à Ǖ ¡ कहुँ ǒ– Ǒ‘ ‚ Ǔ सब € ȧ अहै ।।
” ǐš ȡš परु जन ˜ ȪǑ¡ šȡ‡ Ǒ¡ Ĥȡ“ ͪĤ™ ͧ  ™ ‡ ȡǓ“ –Ȣ@
ु सीस सीलु सनेहु › ͨ Ǔ“ ‡ ͩ€ Ȳ€ šȣ € ǐš ˜ ȡǓ“ – Ȣ@
तल @
सो0- à
Ǖ ¡ ”ǐš” šǗ“ काम जान ͧ  šȪ˜ Ǔ“ — ȡ ͪĤ™ @
जन गुन गाहक राम दोष दलन € ǽ“ ȡ™  “ @
@336।।
अस € Ǒ¡ š¡ ȣ चरन ‚ Ǒ¡ रानी। Ĥȯ˜ पंक जनु ͬ‚ šȡ समानी।।
  ǕǓ“ सनेहसानी बर बानी। – ¡ Ǖǒ– ͬ’ राम सासु सनमानी।।
राम ǒ– ‘ȡ मागत कर ‡ Ȫšȣ@€ ȧÛ¡ Ĥ “ ȡ˜ Ǖ– ¡ Ȫǐš –¡ Ȫšȣ@
@
पाइ असीस –¡ Ǖǐš ͧ  ǽ नाई। — ȡ^Û¡   Ǒ¡  चले रघरु ाई।।
मंजु मधरु ˜ ǗšǓ उर आनी। भई सनेह ͧ  ͬ › सब रानी।।
” ǕǓ“ धीरजु ’ ǐš € Ǖ\ ȱǐš ¡ ȱ€ ȡšȣ@बार बार — ȯŠ Ǒ¡ Ȳ˜ ¡  ȡšȣȲ
@@
”¡ Ǖȱ… ȡ Ǒ¡ Ȳͩ• ǐš ͧ˜ › Ǒ¡ Ȳ– ¡ Ȫšȣ@– ±ȣ ”šè”š Ĥ ȢǓ न  Ȫšȣ@
@
” ǓǕ“ ” ǓǕ“ ͧ˜ ›    ͨ Û¡ ǒ– › ‚ ȡ_@बाल – Í † ǔ‡ ͧ˜ धेनु लवाई।।
दो0-Ĥȯ˜ ǒ––  नर “ ȡǐš सब   ͨ Û¡   Ǒ¡  šǓ“ ȡ  @
Ǖ
मानहुँ € ȧÛ¡ ǒ– ‘ȯ¡ ” šǕ € ǽ“ ȡȱǒ– š¡ ȱǓ“  ȡ  @
Ǖ@
337।।
–*–*–
सक
ु   ȡǐš€ ȡ ‡ ȡ“ € ȧ Ï ™ ȡf @कनक ͪ” ‡Ȳ šǔÛ¡ šȡͨ पढ़ाए।।
ޙ ȡ€ Ǖ› € ¡ Ǒ¡ Ȳकहाँ –Ȱ‘ȯ¡ ȣ@  ǓǕ“ धीरजु ”ǐš¡ š^ न €ȯ¡ ȣ@
@
भए ǒ– € › खग मग
ृ f Ǒ¡ — ȡǓȱ @मनुज दसा €Ȱ  Ʌ€ Ǒ¡ जाती।।
बंधु समेत जनकु तब आए। Ĥȯ˜ ` ˜ ͬ‚ लोचन जल छाए।।
सीय ǒ–› Ȫͩ€ धीरता भागी। रहे कहावत परम ǒ– šȡ‚ Ȣ@
@
› ȣǔÛ¡ राँय उर लाइ ‡ ȡ“ € ȧ@ͧ˜ Šȣ महामरजाद ʙ ȡ“ € ȧ@
@
समुझावत सब   ͬ…  सयाने। € ȧÛ¡ ǒ–… ȡǽ न अवसर जाने।।
–ȡšǑ¡ Ȳबार सत
ु ा उर लाई। सिज संद
ु र ”ȡ› € ȧȲमगाई।।
दो0-Ĥȯ˜ ǒ––   ”ǐš ȡǽ सबु ‡ ȡǓ“ सल
ु गन नरे स।
€ ȱǕ\ ǐš चढ़ाई ”ȡ› ͩ€ Û¡   ͧǕ˜ šȯͧ  ͪƨ गनेस।।338।।
–*–*–
–¡ Ǖǒ–ͬ’ भप ू सत
ु ा समझु ाई। “ ȡǐš’ š˜ Ǖ€ Ǖ› šȣǓ ͧ   ȡ_@
@
दासीं दास Ǒ‘f बहुतेरे।   ͬǕ… सेवक जे ͪĤ™ ͧ  ™ केरे ।।
सीय चलत ޙ ȡ€ Ǖ› पुरबासी। ¡ ȪǑ¡ Ȳसगुन सभ ु मंगल रासी।।
भूसुर   ͬ…  समेत समाजा। संग चले पहुँचावन राजा।।
समय ǒ–› Ȫͩ€ बाजने बाजे। रथ गज बािज –šȡǓ Û¡ साजे।।
दसरथ ǒ–Ĥ –Ȫͧ› सब › ȣÛ¡ ȯ@दान मान ”ǐš” šǗ“ € ȧÛ¡ ȯ@
@
चरन सरोज ’ ǐǗš ’ ǐš सीसा। ˜ ǑǕ‘ ˜ ¡ ȣ”Ǔ पाइ असीसा।।
  Ǖͧ˜ ǐš गजाननु € ȧÛ¡ पयाना। मंगलमूल सगुन भए नाना।।
दो0-सुर Ĥ  Ǘ“ –šŸǑ¡ ¡ šͪŸ € šǑ¡ Ȳअपछरा गान।
चले \ ’ ”Ǔ अवधपुर ˜ ǕǑ‘ बजाइ Ǔ“   ȡ“ @
@339।।
–*–*–
नप
ृ € ǐš ǒ–“ ™ महाजन फेरे । सादर सकल मागने टे रे।।
भूषन बसन बािज गज ‘ȣÛ¡ ȯ@Ĥȯ˜ ”ȪͪŸ ठाढ़े सब € ȧÛ¡ ȯ@
@
बार बार ǒ–ǐš‘ȡͧ› भाषी। ͩ• šȯसकल šȡ˜ Ǒ¡ उर राखी।।
– ¡ Ǖǐš –¡ Ǖǐš € Ȫ  › ” Ǔ € ¡ ¡ ȣȲ@जनकु Ĥȯ˜ –   ͩ• šȰन … ¡ ¡ ȣȲ@
@
” ǕǓ“ कह — Ǘ” Ǔ बचन सुहाए। ͩ• ǐš\ ˜ ¡ ȣ  ‘ ǐǗš – ͫ° आए।।
राउ – ¡ Ȫǐš `  ǐš भए ठाढ़े । Ĥȯ˜ Ĥ – ȡ¡ ǒ– › Ȫ… “ बाढ़े ।।
तब ǒ–‘ȯ¡ बोले कर ‡ Ȫšȣ@बचन सनेह सुधाँ जनु –Ȫšȣ@
@
करौ कवन ǒ–ͬ’ ǒ–“ ™ बनाई। महाराज ˜ ȪǑ¡ ‘ȣǔÛ¡ बड़ाई।।
दो0-€ Ȫ  › ” Ǔ समधी सजन सनमाने सब — ȡȱǓ @
ͧ˜ › Ǔ“ परसपर ǒ–“ ™ \ Ǔ ĤȢǓ न ǿ‘™ ȱ  ˜ ȡǓ @ @
340।।
–*–*–
˜Ǔ
Ǖ“ ˜ ȲŒ ͧ› Ǒ¡ जनक ͧ  ǽ नावा। ] ͧ  š– ȡ‘ Ǖ  – Ǒ¡ सन पावा।।
सादर ” ǓǕ“ — ɅŠȯजामाता। Ǿ ” सील गन
ु Ǔ“ ͬ’ सब ħ ȡ ȡ@
@
‡ Ȫǐš ” Ȳ€ ǽ¡ ”ȡǓ“ सुहाए। बोले बचन Ĥȯ˜ जनु जाए।।
राम करौ €ȯǑ¡ — ȡȱǓ Ĥ  Ȳ  ȡ@˜ ǕǓ“ महे स मन मानस हं सा।।
€ šǑ¡ Ȳजोग जोगी ‡ ȯǑ¡ लागी। कोहु मोहु ममता मद ु י ȡ‚ Ȣ@ @
ޙ ȡ” € Ǖ Ħé˜ Ǖअलखु \ ǒ–“ ȡ  Ȣ@ͬ… ‘ȡ“ Ȳ‘ ǕǓ“ š‚ “Ǖ गन
ु रासी।।
मन समेत ‡ ȯǑ¡ जान न बानी।  šͩ€ न   € Ǒ¡ Ȳसकल अनम
ु ानी।।
˜ Ǒ¡ ˜ ȡ Ǔ“ ‚ ˜ Ǖ“ ȯǓ € Ǒ¡ कहई। जो Ǔ ¡ Ǖȱकाल एकरस रहई।।
दो0-नयन ǒ–Ÿ™ मो कहुँ भयउ सो   ˜ è सुख मल ू ।
सबइ लाभु जग जीव कहँ भएँ ईसु अनुकुल।।341।।
–*–*–
  – Ǒ¡ — ȡȱǓ ˜ ȪǑ¡ ‘ȣǔÛ¡ बड़ाई। Ǔ“ ‡ जन ‡ ȡǓ“ › ȣÛ¡ अपनाई।।
¡ ȪǑ¡ Ȳसहस दस सारद सेषा। € šǑ¡ Ȳकलप € ȪǑŠ€ — ǐš लेखा।।
मोर — ȡʙ राउर गन
ु गाथा। € Ǒ¡ न ͧ  šȡǑ¡ Ȳसन
ु हु रघन
ु ाथा।।
मै कछु कहउँ एक बल ˜ ȪšɅ@ à
Ǖ ¡ šȣˆ ¡ Ǖसनेह   ǑǕ‹  ȪšɅ@
@
बार बार मागउँ कर ‡ ȪšɅ@मनु ” ǐš¡ šȰचरन ‡ Ǔ“ — ȪšɅ@
@
  ǕǓ“ बर बचन Ĥȯ˜ जनु पोषे। पूरनकाम रामु ”ǐš ȪŸ ȯ@
@
€ ǐš बर ǒ–“ ™ ससुर सनमाने। ͪ”  Ǖ€ ȫͧ  € – ͧ  ç‹ सम जाने।।
ǒ– “  Ȣ –¡ Ǖǐš भरत सन € ȧÛ¡ ȣ@ͧ˜ ͧ›   Ĥȯ˜ Ǖ” ǓǕ“ ] ͧ  Ÿ ‘ȣÛ¡ ȣ@
@
दो0-ͧ˜ › ȯलखन ǐš”  Ǖ ‘Ǘ “ Ǒ¡ ‘ȣǔÛ¡ असीस ˜ ¡ ȣ  @
भए ” šè”š Ĥȯ˜ –  ͩ• ǐš ͩ• ǐš “ ȡ Ǒ¡ Ȳसीस।।342।।
–*–*–
बार बार € ǐš ǒ–“ ™ बड़ाई। šƒ ”Ǖ Ǔ चले संग सब भाई।।
जनक गहे € ȫͧ  € पद जाई। चरन रे नु ͧ  š “ ™ “ Û¡ लाई।।
सुनु मुनीस बर दरसन  ȪšɅ@अगमु न कछु Ĥ  ȢǓ मन ˜ ȪšɅ@
@
जो सुखु सुजसु › Ȫ€ ”Ǔ … ¡ ¡ ȣȲ@करत मनोरथ सकुचत \ ¡ ¡ ȣȲ@
@
सो सुखु सुजसु सुलभ ˜ ȪǑ¡ èȡ˜ Ȣ@सब ͧ  ͬ’ तव दरसन अनुगामी।।
€ ȧǔÛ¡ ǒ–“ ™ ” ǓǕ“ ” ǓǕ“ ͧ  ǽ नाई। ͩ• šȯ˜ ¡ ȣ  Ǖ] ͧ  Ÿ ȡ पाई।।
… › ȣ बरात Ǔ“   ȡ“ बजाई। ˜ ǑǕ‘ छोट बड़ सब समद
ु ाई।।
šȡ˜ Ǒ¡ Ǔ“ šͨ Ē ȡ˜ नर “ ȡšȣ@पाइ नयन फलु ¡ ȪǑ¡ Ȳ  Ǖ ȡšȣ@
@
दो0-बीच बीच बर बास € ǐš मग › Ȫ‚ Û¡ सख
ु दे त।
अवध समीप पुनीत Ǒ‘“ पहुँची आइ जनेत।।343।।û
–*–*–
हने Ǔ“   ȡ“ पनव बर बाजे। — ȯǐš संख ’ ǓǕ“ हय गय गाजे।।
ˆ ȡȱͨˆ ǒ–š ͫŒ ŒȲ˜ ȢȲसुहाई। सरस राग – ȡ‡ Ǒ¡ Ȳसहनाई।।
परु जन आवत \ € Ǔ“ बराता। ˜ ǑǕ‘ सकल ” ›Ǖ € ȡͧ› गाता।।
Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ संद
ु र सदन सँवारे । हाट बाट चौहट परु ɮ ȡšȯ@
@
‚ › ȣȲसकल अरगजाँ ͧ  …Ȳ ȡ_@जहँ तहँ … ȫ€Ʌ… ȡǽ पुराई।।
बना –‡ ȡǽ न जाइ बखाना। तोरन केतु पताक ǒ– ȡ“ ȡ@
@
सफल पूगफल € ‘ͧ› रसाला। रोपे बकुल कदं ब तमाला।।
लगे सभ
ु ग  ǽ परसत धरनी। ˜ Ǔ“ ˜ ™ आलबाल कल करनी।।
दो0-ǒ–ǒ–’ — ȡǓȱ मंगल कलस गह
ृ गह
ृ रचे   ȱ ȡǐš@
सरु Ħ é˜ ȡǑ‘ ͧ  ¡ ȡǑ¡ Ȳसब रघब
ु र ” šǕȣ Ǔ“ ¡ ȡǐš@
@344।।
–*–*–
भप
ू भवन  ȯǑ¡ अवसर सोहा। रचना ‘ȯͨ मदन मनु मोहा।।
मंगल सगन
ु मनोहरताई। ǐšͬ’ ͧ  ͬ’ सख
ु संपदा सह
ु ाई।।
जनु उछाह सब सहज सुहाए। तनु ’ ǐš ’ ǐš दसरथ दसरथ गह
ृ ँ छाए।।
दे खन हे तु राम –Ȱ‘ȯ¡ ȣ@कहहु लालसा ¡ ȪǑ¡ न €ȯ¡ ȣ@
@
जुथ जूथ ͧ˜ ͧ› … › ȣȲ  Ǖ] ͧ  Ǔ“ @Ǔ“ ‡ † ǒ– Ǔ“ ‘šǑ¡ Ȳमदन
ǒ–› ȡ  Ǔ“ @
@
सकल सम ु ंगल   ‡ Ʌआरती। ‚ ȡ Ǒ¡ Ȳजनु बहु बेष भारती।।
— Ǘ” Ǔ भवन कोलाहलु होई। जाइ न –šǓ“ समउ सुखु सोई।।
€ ȫ  㙠ȡǑ‘ राम ˜ ¡  ȡšȣȲ@Ĥȯ˜ ǒ– –  तन दसा ǒ–   ȡšȣȲ@
@
दो0-Ǒ‘f दान ǒ–ĤÛ¡ ǒ– ” Ǖ› पूिज गनेस ” Ǖšȡšȣ@
Ĥ˜ ǑǕ‘ परम ‘ǐšġ जनु पाइ पदारथ … ȡǐš@ @345।।
–*–*–
मोद Ĥ ˜ Ȫ‘ ǒ– –  सब माता। … › Ǒ¡ Ȳन चरन ͧ  ͬ › भए गाता।।
राम दरस Ǒ¡  \ Ǔ अनरु ागीं। ” ǐš† Ǔ“ साजु सजन सब लागीं।।
ǒ–ǒ–’ ǒ–’ ȡ“ बाजने बाजे। मंगल ˜ ǑǕ‘   ͧǕ˜ ğȡȱसाजे।।
हरद दब
ू ‘ͬ’ ”ã›  फूला। पान पूगफल मंगल मूला।।
\ Í †  अंकुर लोचन लाजा। मंजुल ˜ Ȳ‡ ǐš  ›Ǖ ͧ  ǒ– šȡ‡ ȡ@
@
छुहे पुरट घट सहज सुहाए। मदन सकुन जनु नीड़ बनाए।।
सगन
ु संग
ु ध न ‡ ȡǑ¡ Ȳबखानी। मंगल सकल   ‡ Ǒ¡ Ȳसब रानी।।
रचीं आरतीं बहुत ǒ–’ ȡ“ ȡ@˜ ǑǕ‘ € šǑ¡ Ȳकल मंगल गाना।।
दो0-कनक थार — ǐš ˜ Ȳ ‚ › ǔÛ¡ कमल € šǔÛ¡ ͧ› f ȱमात।
… › ȣȲ˜ Ǖ
Ǒ‘ ”ǐš† Ǔ“ करन पुलक ” 㛠ͪ  गात।।346।।
–*–*–
धपू धम ू नभु मेचक भयऊ। सावन घन घमंडु जनु ठयऊ।।
  Ǖš ǽ सुमन माल सुर –šŸǑ¡ @
Ȳ मनहुँ बलाक \  ͧ› मनु € šŸ Ǒ¡ @
Ȳ@
मंजुल ˜ Ǔ“ ˜ ™ –Ȳ‘ Ǔ“  ȡšȯ@मनहुँ ”ȡ€ ǐš” Ǖचाप सँवारे ।।
Ĥ‚ ŠǑ¡ Ȳ‘ šǕǑ¡ Ȳ\ ŠÛ¡ पर — ȡͧ˜ Ǔ“ @… ȡǽ चपल जनु ‘˜ € Ǒ¡ Ȳ‘ȡͧ˜ Ǔ“ @
@
‘Ȳ‘ǕͧǕ— ’ ǓǕ“ घन ‚ š‡ Ǔ“ घोरा। जाचक चातक दादरु मोरा।।
सरु   ‚Ǖ ے   ͬǕ… –šŸǑ¡ Ȳ–ȡšȣ@सख
ु ी सकल   ͧ  परु नर “ ȡšȣ@
@
समउ जानी गुर आयसु ‘ȣÛ¡ ȡ@पुर Ĥ–ȯ  Ǖšƒ Ǖ€ Ǖ› ˜ Ǔ“ € ȧÛ¡ ȡ@
@
  Ǖͧ˜ ǐš संभु ͬ‚ š‡ ȡ गनराजा। ˜ ǕǑ‘ ˜ ¡ ȣ”Ǔ   Ǒ¡  समाजा।।
दो0-¡ ȪǑ¡ Ȳसगुन –šŸ Ǒ¡ Ȳसुमन सुर दं द
ु भ
ु ीं बजाइ।
ǒ– – ’Ǖ बधू “ ȡ… Ǒ¡ Ȳ˜ ǑǕ‘ मंजल
ु मंगल गाइ।।347।।
–*–*–
मागध सूत – ȲǑ‘ नट नागर। ‚ ȡ Ǒ¡ Ȳजसु Ǔ ¡ Ǖलोक उजागर।।
जय ’ ǓǕ“ ǒ–˜ › बेद बर बानी। दस Ǒ‘ͧ    ǓǕ“ \ सम
ु ंगल सानी।।
ǒ–” ›Ǖ बाजने बाजन लागे। नभ सरु नगर लोग अनरु ागे।।
बने बराती –šǓ“ न ‡ ȡ¡ ȣȲ@महा ˜ ǕǑ‘ मन सुख न   ˜ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
” Ǖš–ȡͧ  Û¡ तब राय जोहारे । दे खत šȡ˜ Ǒ¡ भए सुखारे ।।
€ šǑ¡ ȲǓ“ † ȡǐš ˜ Ǔ“ ‚ “ चीरा। –ȡǐš ǒ– › Ȫ… “ पुलक   šȣšȡ@
@
] šǓ € šǑ¡ Ȳ˜ ǑǕ‘ परु “ ȡšȣ@¡ šŸ Ǒ¡ ȲǓ“ šͨ कँु अर बर … ȡšȣ@
@
ͧ  ǒ–€ ȡ सभ
ु ग ओहार ` ƒ ȡšȣ@‘ȯͨ ‘ ›Ǖ Ǒ¡ Ǔ“ Û¡ ¡ ȪǑ¡ Ȳ  Ǖ ȡšȣ@
@
दो0-f Ǒ¡ ǒ– ͬ’   –¡ ȣ दे त सख
ु ु आए राजदआ
ु र।
˜ ǕǑ‘ मातु ”ǽ† Ǔ“ € šǑ¡ Ȳ–’ ÛǕ¡ समेत कुमार।।348।।
–*–*–
€ šǑ¡ Ȳआरती –ȡšǑ¡ Ȳबारा। Ĥȯ˜ ǕĤ ˜ Ȫ‘ Ǖकहै को पारा।।
भूषन ˜ Ǔ“ पट नाना ‡ ȡ Ȣ@
@€ š¡ ȣ Ǔ“ † ȡǐš \ ‚ Ǔ“  भाँती।।
–’ Û
Ǖ¡ समेत ‘ȯͨ सुत … ȡšȣ@परमानंद मगन ˜ ¡  ȡšȣ@
@
” ǕǓ“ ” ǕǓ“ सीय राम † ǒ– ‘ȯ Ȣ@
@˜ ǕǑ‘ सफल जग जीवन लेखी।।
सखीं सीय मख
ु ” ǓǕ“ ” ǓǕ“ … ȡ¡ ȣ@गान € šǑ¡ ȲǓ“ ‡ सक
ु ृ त   šȡ¡ ȣ@
@
–šŸǑ¡ Ȳसम
ु न † “ Ǒ¡ Ȳछन दे वा। “ ȡ… Ǒ¡ Ȳ‚ ȡǑ¡ Ȳ› ȡǑ¡ Ȳसेवा।।
‘ȯͨ मनोहर … ȡǐš` ‡ ȪšȣȲ@सारद उपमा सकल ȱ ȪšȣȲ@
@
दे त न – “ Ǒ¡ ȲǓ“ ”Š लघु लागी। एकटक š¡ ȣȲǾ ” अनुरागीं।।
दो0-Ǔ“ ‚ ˜ “ ȢǓ कुल šȣǓ € ǐš अरघ पाँवड़े दे त।
–’ ÛǕ¡   Ǒ¡  सत ु ” ǐšǓ† सब … › ȣȲलवाइ Ǔ“ €ȯ @
@349।।
–*–*–
… ȡǐš ͧ  ƒȲ ȡ  “ सहज सुहाए। जनु मनोज Ǔ“ ‡ हाथ बनाए।।
Ǔ Û¡ पर € Ǖ\ ȱǐš कुअँर बैठारे । सादर पाय ” ǓǕ“  पखारे ।।
धप
ू ‘ȣ” नैबेद बेद ǒ–ͬ’ @पज
ू े बर ‘ ›Ǖ Ǒ¡ Ǔ“ ˜ Ȳ‚ › Ǔ“ ͬ’ @
@
–ȡšǑ¡ Ȳबार आरती € š¡ ȣȲ@ޙ ‡ “ … ȡǽ चामर ͧ  š š¡ ȣȲ
@@
– è Ǖअनेक Ǔ“ † ȡš ¡ Ȫ¡ ȣȲ@— šȣȲĤ˜ Ȫ‘ मातु सब   Ȫ¡ ȣȲ@
@
पावा परम  ם जनु जोगीं। अमत
ृ लहे उ जनु संतत रोगीं।।
जनम रं क जनु पारस पावा। \ Ȳ’ Ǒ¡ लोचन लाभु सह
ु ावा।।
मक
ू बदन जनु सारद छाई। मानहुँ समर सरू जय पाई।।
दो0-f Ǒ¡ सख
ु ते सत € ȪǑŠ गन
ु ” ȡǑ¡ Ȳमातु अनंद।ु ।
— ȡ^Û¡   Ǒ¡  ǒ–] Ǒ¡ घर आए रघुकुलचंद।ु ।350(क)।।
लोक šȣ जननी € šǑ¡ Ȳबर ‘ ›Ǖ Ǒ¡ Ǔ“   € Ǖ… ȡǑ¡ @
Ȳ
मोद ु ǒ–“ Ȫ‘ Ǖǒ– › Ȫͩ€ बड़ रामु ˜ “ Ǒ¡ Ȳ˜ Ǖ  € ȡǑ¡ @
Ȳ@
350(ख)।।
–*–*–
दे व ͪ”  š पूजे ǒ–ͬ’ “ Ȣ€ ȧ@पूजीं सकल बासना जी € ȧ@ @
  – Ǒ¡ Ȳ–ȲǑ‘ ˜ ȡ‚ Ǒ¡ Ȳबरदाना। — ȡ^Û¡   Ǒ¡  राम € 㙠ȡ“ ȡ@
@
\ Ȳ šǑ¡  सरु ] ͧ  Ÿ ‘ȯ¡ ȣȲ@˜ ǑǕ‘ मातु अंचल — ǐš › Ʌ¡ ȣȲ
@@
— ”Ǘ Ǔ –Ȫͧ› बराती › ȣÛ¡ ȯ@जान बसन ˜ Ǔ“ भष
ू न ‘ȣÛ¡ ȯ@
@
आयसु पाइ šȡͨ उर šȡ˜ Ǒ¡ @˜ ǕǑ‘ गए सब Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ ’ ȡ˜ Ǒ¡ @
@
पुर नर “ ȡǐš सकल ”Ǒ¡ šȡf @घर घर बाजन लगे बधाए।।
जाचक जन ‡ ȡ… Ǒ¡ जोइ जोई। Ĥ˜ ǕǑ‘ राउ ‘ȯǑ¡ Ȳसोइ सोई।।
सेवक सकल –‡ Ǔ“ ] नाना। परू न ͩ€ f दान सनमाना।।
दो0-‘ɅǑ¡ Ȳअसीस ‡ Ȫ¡ ȡǐš सब ‚ ȡ Ǒ¡ Ȳगन
ु गन गाथ।
तब गरु भसू रु   Ǒ¡  गह
ृ ँ गवनु € ȧÛ¡ नरनाथ।।351।।
–*–*–
जो –ͧ  ç‹ अनस ु ासन ‘ȣÛ¡ ȣ@लोक बेद ǒ– ͬ’ सादर € ȧÛ¡ ȣ@
@
भूसुर भीर ‘ȯͨ सब रानी। सादर ` ‹ ȤȲ— ȡʙ बड़ जानी।।
पाय ” ȡǐš सकल \ Û¡ ȡf @पूिज — › ȣ ǒ– ͬ’ भूप जेवाँए।।
आदर दान Ĥȯ˜ ”ǐš”ȪŸ ȯ@दे त असीस चले मन तोषे।।
बहु ǒ–ͬ’ € ȧǔÛ¡ ‚ ȡͬ’   Ǖ पज ू ा। नाथ ˜ ȪǑ¡ सम ’ ۙ न दज ू ा।।
€ ȧǔÛ¡ Ĥ   Ȳ ȡ — ”Ǘ Ǔ — šǗȣ@šȡǓ“ Û¡   Ǒ¡  › ȣǔÛ¡ पग ’ šǗȣ@@
भीतर भवन ‘ȣÛ¡ बर बास।ु मन जोगवत रह नप
ृ šǓ“  ȡ  @
Ǘ@
पूजे गुर पद कमल – ¡ Ȫšȣ@€ ȧǔÛ¡ ǒ–“ ™ उर Ĥ ȢǓ न  Ȫšȣ@
@
दो0-–’ Û
Ǖ¡ समेत कुमार सब šȡǓ“ Û¡   Ǒ¡  ˜ ¡ ȣ  Ǖ@
” ǕǓ“ ” ǕǓ“ बंदत गुर चरन दे त असीस मुनीसु।।352।।
–*–*–
ǒ– “ ™ € ȧǔÛ¡ उर \ Ǔ \ “ Ǖšȡ‚ Ʌ@सुत संपदा šȡͨ सब ] ‚ Ʌ@
@
नेगु ˜ ȡͬ‚ ˜ ǕǓ“ “ ȡ™ € › ȣÛ¡ ȡ@] ͧ  š–ȡ‘ Ǖबहुत ǒ–ͬ’ ‘ȣÛ¡ ȡ@
@
उर ’ ǐš šȡ˜ Ǒ¡ सीय समेता। ¡ šͪŸ € ȧÛ¡ गरु गवनु Ǔ“ €ȯ ȡ@
@
ǒ–Ĥ–’ Ǘसब भप
ू बोलाई। चैल … ȡǽ भष
ू न ”Ǒ¡ šȡ_@
@
–¡ Ǖǐš बोलाइ   ]Ǖ ͧ  Ǔ“ › ȣÛ¡ ȣ@
Ȳ ǽͬ… ǒ– … ȡǐš ” Ǒ¡ šȡ Ǔ“ ‘ȣÛ¡ ȣȲ@
@
नेगी नेग जोग सब › ȯ¡ ȣȲ@ǽͬ… \ “ Ǖǽ ” — Ǘ” ˜ Ǔ“ ‘ȯ¡ ȣȲ@
@
ͪĤ™ पाहुने ” ǗÏ ™ जे जाने। — Ǘ” Ǔ — › ȣ — ȡȱǓ सनमाने।।
दे व ‘ȯͨ रघबु ीर ǒ––ȡ¡ Ǘ@– šͪŸ Ĥ   “Ǘ Ĥ   Ȳͧ  उछाहू।।
दो0-चले Ǔ“   ȡ“ बजाइ सरु Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ परु सख ु पाइ।
कहत परसपर राम जसु Ĥȯ˜ न ǿ‘™ ȱसमाइ।।353।।
–*–*–
सब ǒ– ͬ’   –Ǒ¡   ˜ Ǒ‘ नरनाहू। रहा ǿ‘™ ȱ— ǐš ” ǐǗš उछाहू।।
जहँ šǓ“  ȡ  Ǖतहाँ पगु धारे ।   Ǒ¡  – ¡ ǗǑŠÛ¡ कुअँर Ǔ“ ¡ ȡšȯ@
@
ͧ› f गोद € ǐš मोद समेता। को € Ǒ¡ सकइ भयउ सुखु जेता।।
बधू   Ĥȯ˜ गोद –Ȱ‹ ȡšȣȲ@बार बार Ǒ¡ ™ ȱ¡ šͪŸ ‘ ›Ǖ ȡšȣȲ@
@
‘ȯͨ समाजु ˜ ǑǕ‘ šǓ“ ȡ  @
Ǘ सब €Ʌउर अनंद ͩ€ ™ Ȫ बास।ू ।
कहे उ भप
ू ǔ‡ ͧ˜ भयउ ǒ–– ȡ¡ Ǘ@  ǓǕ“ हरषु होत सब काहू।।
जनक राज गन ु सीलु बड़ाई। ĤȢǓ šȣǓ संपदा सहु ाई।।
– ¡ Ǖǒ– ͬ’ भूप भाट ǔ‡ ͧ˜ बरनी। रानीं सब Ĥ ˜ ǕǑ‘   ǕǓ“ करनी।।
दो0-  Ǖ Û¡ समेत नहाइ नप
ृ – Ȫͧ› ǒ– Ĥ गुर ʙ ȡǓ @
भोजन € ȧÛ¡ अनेक ǒ– ͬ’ ƒ šȣ पंच गइ šȡǓ @
@354।।
–*–*–
मंगलगान € šǑ¡ Ȳबर — ȡͧ˜ Ǔ“ @भै सुखमूल मनोहर ‡ ȡͧ˜ Ǔ“ @
@
अँचइ पान सब काहूँ पाए। èğ‚ सुगंध — ǗͪŸ  † ǒ– छाए।।
šȡ˜ Ǒ¡ ‘ȯͨ रजायसु पाई। Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ भवन चले ͧ  š नाई।।
Ĥȯ˜ Ĥ˜ Ȫ‘ ǒ–“ Ȫ‘ Ǖबढ़ाई। समउ समाजु मनोहरताई।।
€ Ǒ¡ न   € Ǒ¡ सत सारद सेसू। बेद ǒ– šȲͬ… महे स गनेसू।।
सो मै € ¡ ɋ कवन ǒ– ͬ’ बरनी। — Ǘͧ˜ “ ȡ‚ Ǖͧ  š धरइ ͩ€ धरनी।।
नप
ृ सब — ȡȱǓ   – Ǒ¡ सनमानी। € Ǒ¡ मद
ृ ु बचन बोलाई रानी।।
बधू › ǐš€ “ ȢȲपर घर ] Ƀ@राखेहु नयन पलक € ȧ नाई।।
दो0-› ǐš€ ȡ Į ͧ˜  उनीद बस सयन करावहु जाइ।
अस € Ǒ¡ गे ǒ–Į ȡ˜ ‚ ¡Ǚȱराम चरन ͬ…  Ǖलाइ।।355।।
–*–*–
भप
ू बचन   ǓǕ“ सहज सह ु ाए। ‡ ǐš कनक ˜ Ǔ“ पलँ ग डसाए।।
सुभग   Ǖšͧ— पय फेन समाना। कोमल € ͧ›  सुपेतीं नाना।।
उपबरहन बर –šǓ“ न ‡ ȡ¡ ȣȲ@èğ‚ सुगंध ˜ Ǔ“ ˜ ȲǑ‘š ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
š “ ‘ȣ”   ǕǑ‹ … ȡǽ चँदोवा। कहत न बनइ जान ‡ ȯǑ¡ Ȳजोवा।।
सेज ǽͬ… š šͬ… रामु उठाए। Ĥȯ˜ समेत पलँ ग पौढ़ाए।।
\ ʙ ȡ ” ǓǕ“ ” ǓǕ“ — ȡ^Û¡ ‘ȣÛ¡ ȣ@Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ सेज सयन Ǔ Û¡ € ȧÛ¡ ȣ@
@
‘ȯͨ è™ ȡ˜ मद
ृ ु मंजल
ु गाता। € ¡ Ǒ¡ Ȳ  Ĥȯ˜ बचन सब माता।।
मारग जात — ™ ȡǓ“ — ȡšȣ@€ȯǑ¡ ǒ– ͬ’ तात ताड़का ˜ ȡšȣ@
@
दो0-घोर Ǔ“   ȡ… š ǒ–€ Š भट समर ‚ “ Ǒ¡ Ȳ“ Ǒ¡ Ȳकाहु।।
मारे   Ǒ¡  सहाय ͩ€ ͧ˜ खल ˜ ȡšȣ… सुबाहु।।356।।
–*–*–
˜ ǕǓ“ Ĥ  ȡ‘ –ͧ› तात  à Ǖ ¡ ȡšȣ@ईस अनेक € š šɅŠȡšȣ@@
मख š ȡšȣ € ǐš दहु ु ँ भाई। ‚ Ǖǽ Ĥ  ȡ‘ सब ǒ–ɮ™ ȡ पाई।।
˜ ǓǕ“  ™  šȣ लगत पग ’ šǗȣ@€ ȧšǓ š¡ ȣ भव ु न — ǐš ” šǗȣ@
@
कमठ ” ȢǑ‹ ”ǒ– कूट कठोरा। नपृ समाज महुँ ͧ   धनु तोरा।।
ǒ–è ǒ–‡ ™ जसु ‡ ȡ“ ͩ€ पाई। आए भवन ޙ ȡǑ¡ सब भाई।।
सकल अमानुष करम  à
Ǖ ¡ ȡšȯ@केवल € ȫͧ  € कृपाँ सुधारे ।।
आजु सुफल जग जनमु हमारा। ‘ȯͨ तात ǒ–’ –Ǖ ‘“  à
Ǖ ¡ ȡšȡ@
@
जे Ǒ‘“ गए  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ ǒ–“ Ǖ‘ȯ Ʌ@ते ǒ– šȲͬ… ‡ Ǔ“ ” ȡšǑ¡ Ȳ› ȯ Ʌ@
@
दो0-राम Ĥ ȪŸȢȲमातु सब € Ǒ¡ ǒ– “ Ȣ बर बैन।
  ͧǕ˜ ǐš संभु गरु ǒ–Ĥ पद ͩ€ f नीदबस नैन।।357।।
–*–*–
नीदउँ बदन सोह   ǑǕ‹ लोना। मनहुँ साँझ   š  Ȣǽ¡ सोना।।
घर घर € šǑ¡ Ȳजागरन “ ȡšȣȲ@‘ȯǑ¡ Ȳपरसपर मंगल ‚ ȡšȣȲ@
@
” Ǖšȣ ǒ–šȡ‡ Ǔ šȡ‡ Ǔ रजनी। रानीं € ¡ Ǒ¡ Ȳǒ–› Ȫ€ ¡ Ǖसजनी।।
सुंदर –’ Û
Ǖ¡ सासु लै सोई। • Ǔ“ € Û¡ जनु ͧ  š˜ Ǔ“ उर गोई।।
Ĥȡ पन
ु ीत काल Ĥ— Ǖजागे। \ ǽ“ … °Ǘ बर बोलन लागे।।
–ȲǑ‘ ˜ ȡ‚ ’ ǔÛ¡ गन
ु गन गाए। परु जन ɮ ȡš जोहारन आए।।
– ȲǑ‘ ǒ–Ĥ सरु गरु ͪ” Ǖमाता। पाइ असीस ˜ ǑǕ‘ सब ħ ȡ ȡ@
@
‡ “ Ǔ“ Û¡ सादर बदन Ǔ“ ¡ ȡšȯ@— Ǘ” Ǔ संग ɮȡš पगु धारे ।।
दो0-€ ȧÛ¡ सौच सब सहज   Ǖͬ…   ǐš पुनीत नहाइ।
Ĥȡ ͩĐ ™ ȡ € ǐš तात ”Ǒ¡ Ȳआए … ȡǐš` भाइ।।358।।
“  ȡÛ¡ ”ȡšȡ™ Ž ,तीसरा ͪ Į ȡ˜
–*–*–
भूप ǒ–› Ȫͩ€ ͧ› f उर लाई। बैठै ¡ šͪŸ रजायसु पाई।।
‘ȯͨ रामु सब सभा जड़
ु ानी। लोचन लाभ \  ͬ’ अनम
ु ानी।।
” ǓǕ“ –ͧ  çŠǕ˜ ǓǕ“ € ȫͧ  € आए। सभ
ु ग ]   “ ǔÛ¡ ˜ ǓǕ“ बैठाए।।
  Ǖ Û¡ समेत पूिज पद लागे। Ǔ“ šͨ रामु दोउ गुर अनुरागे।।
€ ¡ Ǒ¡ Ȳ–ͧ  çŠǕधरम ^Ǔ ¡ ȡ  ȡ@  Ǖ“ Ǒ¡ Ȳ˜ ¡ ȣ  Ǖ  Ǒ¡  šǓ“ ȡ  ȡ@
@
˜ ǕǓ“ मन अगम ‚ ȡͬ’   Ǖ करनी। ˜ ǕǑ‘ – ͧ  çŠ ǒ–” Ǖ› ǒ–ͬ’ बरनी।।
बोले बामदे उ सब साँची। € ȧšǓ € ͧ›  लोक Ǔ ¡ Ǖȱमाची।।
  ǓǕ“ आनंद ु भयउ सब काहू। राम लखन उर \ ͬ’ € उछाहू।।
दो0-मंगल मोद उछाह Ǔ“  ‡ ȡǑ¡ ȲǑ‘   f Ǒ¡ — ȡȱǓ @
उमगी अवध अनंद — ǐš \ ͬ’ € \ ͬ’ € \ ͬ’ € ȡǓ @
@359।।
–*–*–
  ǕǑ‘“   Ȫͬ’ कल कंकन छौरे । मंगल मोद ǒ–“ Ȫ‘ न थोरे ।।
Ǔ“  नव सुखु सुर ‘ȯͨ ͧ  ¡ ȡ¡ ȣȲ@अवध ‡ ۘ ‡ ȡ… Ǒ¡ Ȳǒ– ͬ’ ” ȡ¡ ȣȲ@
@
ǒ– èȡͧ˜ ğ Ǖचलन Ǔ“  … ¡ ¡ ȣȲ@राम   Ĥȯ˜ ǒ–“ ™ बस š¡ ¡ ȣȲ@
@
Ǒ‘“ Ǒ‘“ सयगन
ु — ”Ǘ Ǔ भाऊ। ‘ȯͨ सराह ˜ ¡ ȡ˜ ǓǕ“ šȡa @
@
मागत ǒ–‘ȡ राउ अनरु ागे।   Ǖ Û¡ समेत ठाढ़ भे आगे।।
नाथ सकल संपदा  à
Ǖ ¡ ȡšȣ@˜ ɇसेवकु समेत सत
ु “ ȡšȣ@
@
करब सदा › ǐš€ “ Ȭ पर छोहू। दरसन दे त रहब ˜ ǕǓ“ मोहू।।
अस € Ǒ¡ राउ   Ǒ¡  सुत रानी। परे उ चरन मुख आव न बानी।।
‘ȣÛ¡ असीस ǒ– Ĥ बहु भाँती। चले न ĤȢǓ šȣǓ € Ǒ¡ जाती।।
रामु   Ĥȯ˜ संग सब भाई। आयसु पाइ ͩ• šȯपहुँचाई।।
दो0-राम Ǿ ” Ǖ— ”Ǘ Ǔ — ‚ Ǔ ޙ ȡ¡ Ǖउछाहु अनंद।ु
जात सराहत ˜ “ Ǒ¡ Ȳमन ˜ ǕǑ‘ ‚ ȡͬ’ € Ǖ› … ‘Ȳ @Ǖ@360।।
–*–*–
बामदे व रघक
ु ु ल गरु ʙ ȡ“ Ȣ@–¡ Ǖǐš ‚ ȡͬ’   Ǖ कथा बखानी।।
 Ǖ
Ǔ“ ˜ ǕǓ“ सुजसु ˜ “ Ǒ¡ Ȳमन राऊ। बरनत आपन ” Ǖۙ Ĥ— ȡa @
@
बहुरे लोग रजायसु भयऊ।   Ǖ Û¡ समेत “ ”Ǚ Ǔ गहृ ँ गयऊ।।
जहँ तहँ राम ޙ ȡ¡ Ǖसबु गावा। सुजसु पुनीत लोक Ǔ ¡ Ǖȱछावा।।
आए ޙ ȡǑ¡ रामु घर जब  Ʌ@बसइ अनंद अवध सब तब  Ʌ@
@
Ĥ— Ǖǒ– –ȡ¡ ȱजस भयउ उछाहू।   € Ǒ¡ Ȳन –šǓ“ ͬ‚ šȡ \ Ǒ¡ “ ȡ¡ Ǘ@
@
€ ǒ– € Ǖ› जीवनु पावन जानी।।राम सीय जसु मंगल खानी।।
 ȯǑ¡ ते ˜ ɇकछु कहा बखानी। करन पुनीत हे तु Ǔ“ ‡ बानी।।
छं 0-Ǔ“ ‡ ͬ‚ šȡ ”ȡǓ“ करन कारन राम जसु तल
ु सी € é™ Ȫ@
रघुबीर … ǐš अपार – ȡǐšͬ’ ” ȡǽ € ǒ– € ȫ“ Ʌ› é™ Ȫ@
@
उपबीत ޙ ȡ¡ उछाह मंगल   ǓǕ“ जे सादर ‚ ȡ ¡ ȣȲ@
–Ȱ‘ȯǑ¡ राम Ĥ  ȡ‘ ते जन   – ‘[ ȡ सुखु ”ȡ ¡ ȣȲ@
@
सो0-ͧ  ™ रघब
ु ीर ǒ– – ȡ¡ Ǖजे   Ĥȯ˜ ‚ ȡ Ǒ¡ Ȳ  “Ǖ Ǒ¡ @
Ȳ
Ǔ Û¡ कहुँ सदा उछाहु मंगलायतन राम जस।ु ।361।।
मासपारायण, बारहवाँ ͪĮ ȡ˜
^Ǔ Į Ȣ˜ ġȡ˜ … ǐš ˜ ȡ“   ȯ  € › € ͧ› € › ǕŸ ǒ–ڝȲ  “ ȯ
Ĥ  ˜ Ȭ सोपानः   ˜ ȡ܏ Ȭ@
(–ȡ› € ȡ֌   ˜ ȡ܏ )
———-
–*–*–
\ ™ Ȫڙ ȡ€ ȡ֌

Į Ȣ‚ Ž ȯž ȡ™ “ ˜ Ȭ
Į Ȣšȡ˜ … ǐš ˜ ȡ“  
ɮͪ  Ȣ™ सोपान
\ ™ Ȫڙ ȡ-€ ȡ֌
æ› Ȫ€
™ è™ ȡɨ€ȯच ͪ — ȡǓ भध
ू रसत
ु ा दे वापगा ˜ è €ȯ
भाले –ȡ› ͪ’ ‚Ǖ ›[ ȯच गरलं ™ è™ Ȫšͧ  å™ ȡ› šȡɪ@
सोऽयं — ǗǓ ͪ— ǗŸ Ž Ȭ सुरवरः    ȡ[ͬ’ ” Ȭ    ‘[ ȡ
ž  Ȭ[    ‚[  Ȭ ͧž Ȭ ž ͧž Ǔ“ — Ȭ Į Ȣž ɨ€ šȬ पातु माम ्।।1।।
Ĥ  ۓ  ȡȲया न ‚  ȡͧ— Ÿȯ
€  è  ȡ न ˜ à› ȯवनवासदःु खतः।
˜
Ǖ ȡà– ‡Ǖ Į Ȣ šƒ “Ǖ ۑ“ è™ मे   ‘ȡè Ǖसा ˜ ч ›Ǖ ˜ Ȳ‚ › Ĥ‘ȡ@
@2।।
“ Ȣ› ȡà– ‡Ǖ æ™ ȡ˜ › € Ȫ˜ › ȡɨ‚ Ȳ  Ȣ ȡ  ˜ ȡšȪͪ”  ȡ˜ — ȡ‚ ˜ @
Q
पाणौ ˜ ¡ ȡ  ȡ™ € … ȡǽ… ȡ” Ȳ“ ˜ ȡͧ˜ रामं रघव
ु श
ं नाथम ्।।3।।
दो0-Į Ȣ‚ Ǖǽ चरन सरोज रज Ǔ“ ‡ मनु ˜ Ǖ€ Ǖǽ   Ǖ’ ȡǐš@
बरनउँ रघुबर ǒ–˜ › जसु जो दायकु फल … ȡǐš@
@
जब  Ʌरामु ޙ ȡǑ¡ घर आए। Ǔ“  नव मंगल मोद बधाए।।
भव
ु न … ȡǐš‘  भध
ू र — ȡšȣ@सक
ु ृ त मेघ –šŸǑ¡ सख
ु –ȡšȣ@
@

ǐšͬ’ ͧ  ͬ’   Ȳ” Ǔ “ ‘ȣȲसुहाई। ` ˜ ͬ‚ अवध \ Ȳ– Ǖͬ’ कहुँ आई।।


˜ Ǔ“ ‚ “ परु नर “ ȡǐš सज
ु ाती।   ͬǕ… अमोल संदु र सब भाँती।।
€ Ǒ¡ न जाइ कछु नगर ǒ–— Ǘ Ȣ@जनु f  Ǔ“ \ ǒ–šȲͬ… करतत
ू ी।।
सब ǒ–ͬ’ सब पुर लोग   Ǖ ȡšȣ@रामचंद मुख चंद ु Ǔ“ ¡ ȡšȣ@
@
˜ ǕǑ‘ मातु सब सखीं   ¡ ȯ› ȣ@• ͧ›  ǒ– › Ȫͩ€ मनोरथ –ȯ› ȣ@
@
राम Ǿ ” Ǖगन
ु सीलु सभ
ु ाऊ। Ĥ ˜ ǑǕ‘ होइ ‘ȯͨ   ǓǕ“ राऊ।।
दो0-सब €Ʌउर \ ͧ— › ȡŸ Ǖअस € ¡ Ǒ¡ Ȳमनाइ महे स।ु
आप अछत जब ु राज पद šȡ˜ Ǒ¡ दे उ नरे स।ु ।1।।
–*–*–
एक समय सब   Ǒ¡  समाजा। राजसभाँ रघरु ाजु ǒ– šȡ‡ ȡ@
@
सकल सकु ृ त ˜ šǗǓ नरनाहू। राम सज
ु सु   ǓǕ“ \ Ǔ Ǒ¡ उछाहू।।
नप
ृ सब š¡ Ǒ¡ Ȳकृपा \ ͧ— › ȡŸɅ@लोकप € šǑ¡ ȲĤ ȢǓ ǽ šȡ Ʌ@ @
Ǔ — Ǖ “  ȢǓ“ काल जग ˜ ȡ¡ ȣ@
Ȳ — Ǘǐš भाग दसरथ सम “ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
मंगलमूल रामु सुत जासू। जो कछु € Ǒ¡ ‡ थोर सबु तासू।।
रायँ सभ
ु ायँ ˜ €Ǖ Ǖǽ कर › ȣÛ¡ ȡ@बदनु ǒ–› Ȫͩ€ मक
ु ु ट सम € ȧÛ¡ ȡ@
@
Į “ समीप भए ͧ   केसा। मनहुँ जरठपनु अस उपदे सा।।
नपृ जुबराज राम कहुँ दे हू। जीवन जनम लाहु ͩ€ “ लेहू।।
दो0-यह ǒ– … ȡǽ उर ] Ǔ“ नप
ृ   ǕǑ‘“ Ǖ  Ǖ\   ǽ पाइ।
Ĥȯ˜ ” Ǖ› ͩ€ तन ˜ ǕǑ‘ मन ‚ ǕšǑ¡ सुनायउ जाइ।।2।।
–*–*–
कहइ भुआलु   ǕǓ“ \ ˜ ǕǓ“ “ ȡ™ € @भए राम सब ǒ– ͬ’ सब लायक।।
सेवक   ͬ…  सकल पुरबासी। जे हमारे \ ǐš ͧ˜ ğ उदासी।।
  – Ǒ¡ रामु ͪĤ™ ‡ ȯǑ¡ ǒ–ͬ’ ˜ Ȫ¡ ȣ@Ĥ — Ǖअसीस जनु तनु ’ ǐš   Ȫ¡ ȣ@
@
ǒ–Ĥ   Ǒ¡  ”ǐš ȡš ‚ Ȫ  ȡɃ@€ šǑ¡ Ȳछोहु सब šȫǐšǑ¡ नाई।।
जे गुर चरन रे नु ͧ  š ’ š¡ ȣȲ@ते जनु सकल ǒ– —  बस € š¡ ȣȲ@
@
˜ ȪǑ¡ सम यहु अनुभयउ न ‘ ‡Ǘ Ʌ@सबु पायउँ रज ” ȡ Ǔ“ ” Ǘ ‡ Ʌ@
@
अब \ ͧ— › ȡŸ Ǖएकु मन ˜ ȪšɅ@” Ǘ‡ Ǒ¡ नाथ \ “ ǕĒ ¡  ȪšɅ@
@
˜ ǓǕ“ Ĥ   ۓ › ͨ सहज सनेहू। कहे उ नरे स रजायसु दे हू।।
दो0-राजन राउर नामु जसु सब \ ͧ— ˜  दातार।
फल अनग ु ामी ˜ Ǒ¡ ” ˜ Ǔ“ मन \ ͧ— › ȡŸ Ǖ à
Ǖ ¡ ȡš@
@ 3।।
–*–*–
सब ǒ– ͬ’ ‚ ǽǕ Ĥ  ۓ िजयँ जानी। बोलेउ राउ š¡ ȱͧ  मद ृ ु बानी।।
नाथ रामु € ǐš\ Ǒ¡ Ȳजब
ु राज।ू € Ǒ¡ \ कृपा € ǐš € ǐš\ समाज।ू ।
˜ ȪǑ¡ अछत यहु होइ उछाहू। › ¡ Ǒ¡ Ȳलोग सब लोचन लाहू।।
Ĥ— ǕĤ  ȡ‘ ͧ   सबइ Ǔ“ –ȡ¡ ȣȲ@यह लालसा एक मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
” ǕǓ“ न सोच तनु रहउ ͩ€ जाऊ। ‡ ȯǑ¡ Ȳन होइ ” ȡ† Ʌ” Ǔ†  ȡa @
@
  ǓǕ“ ˜ Ǔ
Ǖ“ दसरथ बचन सह
ु ाए। मंगल मोद मल
ू मन भाए।।
सन
ु ु नप
ृ जासु ǒ–˜ Ǖ ”Ǔ†  ȡ¡ ȣȲ@जासु भजन ǒ– “ Ǖ‡ šǓ“ न ‡ ȡ¡ ȣȲ@
@
भयउ  à
Ǖ ¡ ȡš तनय सोइ èȡ˜ Ȣ@रामु पुनीत Ĥȯ˜ अनुगामी।।
दो0-–ȯͬ‚ ǒ–› Ȳ– Ǖन € ǐš\ नप
ृ सािजअ सबुइ समाजु।
  ǕǑ‘“ सुमंगलु  –Ǒ¡ Ȳजब रामु ¡ ȪǑ¡ Ȳजुबराजु।।4।।
–*–*–
˜ ǕǑ‘ ˜ Ǒ¡ ” Ǔ ˜ ȲǑ‘š आए। सेवक   ͬ…    Ǖ˜ Ȳğ Ǖबोलाए।।
€ Ǒ¡ जयजीव सीस Ǔ Û¡ नाए। भूप सुमंगल बचन सुनाए।।
‡ ɋ ”ȡȱ… Ǒ¡ मत लागै नीका। करहु ¡ šͪŸ Ǒ¡ ™ ȱšȡ˜ Ǒ¡ Šȣ€ ȡ@
@
˜ Ȳğ Ȣ ˜ ǑǕ‘ सन
ु त ͪĤ™ बानी। \ ͧ— ˜  ǒ–š ȱपरे उ जनु पानी।।
ǒ– “  Ȣ   ͬ…  € šǑ¡ कर ‡ Ȫšȣ@िजअहु ‡ ‚  ” Ǔ –ǐš  € šȪšȣ@
@
जग मंगल भल काजु ǒ–… ȡšȡ@–ȯͬ‚ \ नाथ न लाइअ बारा।।
“ ”Ǚ Ǒ¡ मोद ु   ǕǓ“   ͬ…  सुभाषा। बढ़त – ɋ° जनु › ¡ ȣ सुसाखा।।
दो0-कहे उ भप
ू ˜ ǓǕ“ šȡ‡ कर जोइ जोइ आयसु होइ।
राम राज \ ͧ— Ÿȯ€ Ǒ¡  –ȯͬ‚ करहु सोइ सोइ।।5।।
–*–*–
¡ šͪŸ मनु ीस कहे उ मद
ृ ु बानी। आनहु सकल सत ु ीरथ पानी।।
औषध मल
ू फूल फल पाना। कहे नाम ‚ Ǔ“ मंगल नाना।।
चामर चरम बसन बहु भाँती। रोम पाट पट \ ‚ Ǔ“  जाती।।
˜ Ǔ“ ‚ “ मंगल – è Ǖअनेका। जो जग जोगु भूप \ ͧ— Ÿ ȯ€ ȡ@
@
बेद ǒ– Ǒ‘ € Ǒ¡ सकल ǒ–’ ȡ“ ȡ@कहे उ रचहु पुर ǒ–ǒ– ’ ǒ–  ȡ“ ȡ@
@
सफल रसाल पूगफल केरा। रोपहु – Ȣͬ Û¡ परु चहुँ फेरा।।
रचहु मंजु ˜ Ǔ“ … ȫ€Ʌ… ȡǾ @कहहु बनावन –ȯͬ‚ – ‡ ȡǾ @ @
पज
ू हु ‚ “ ”Ǔ गरु कुलदे वा। सब ǒ– ͬ’ करहु — ͧǗ˜   šǕ सेवा।।
दो0-ڝ‡ पताक तोरन कलस सजहु तरु ग रथ नाग।
ͧ  š ’ ǐš ˜ ǕǓ“ –š बचन सबु Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ € ȡ‡ Ǒ¡ Ȳलाग।।6।।
–*–*–
जो मुनीस ‡ ȯǑ¡ आयसु ‘ȣÛ¡ ȡ@सो  ȯǑ¡ Ȳकाजु Ĥ  ˜ जनु € ȧÛ¡ ȡ@
@
ǒ–Ĥ साधु सुर पूजत राजा। करत राम Ǒ¡  मंगल काजा।।
सुनत राम \ ͧ— Ÿȯ€ सुहावा। बाज गहागह अवध बधावा।।
राम सीय तन सगन
ु जनाए। • š€ Ǒ¡ Ȳमंगल अंग सह
ु ाए।।
” ›Ǖ ͩ€   Ĥȯ˜ परसपर € ¡ ¡ ȣȲ@भरत आगमनु सच
ू क \ ¡ ¡ ȣȲ@
@
भए बहुत Ǒ‘“ \ Ǔ \    ȯšȣ@सगुन Ĥ ȢǓ — ɅŠ ͪĤ ™ €ȯšȣ@ @
भरत   ǐš  ͪĤ™ को जग ˜ ȡ¡ ȣȲ@इहइ सगुन फलु दस ू र “ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
šȡ˜ Ǒ¡ बंधु सोच Ǒ‘“ राती। \ ȲŒ ǔÛ¡ कमठ ı‘` ‡ ȯǑ¡ भाँती।।
दो0-f Ǒ¡ अवसर मंगलु परम   ǓǕ“ रहँसेउ šǓ“ ȡ  @
Ǖ
सोभत › ͨ ǒ–’ Ǖबढ़त जनु –ȡǐšͬ’ –Ȣͬ… ǒ–› ȡ  @
Ǖ@7।।
–*–*–
Ĥ  ˜ जाइ ǔ‡ Û¡ बचन सन
ु ाए। भष
ू न बसन — ǐǗš Ǔ Û¡ पाए।।
Ĥȯ˜ ” ›Ǖ ͩ€ तन मन अनरु ागीं। मंगल कलस सजन सब लागीं।।
… ȫ€Ʌ… ȡǽ   ͧǕ˜ ğȡȱ” šǕȣ@˜ Ǔ“ ˜ ™ ǒ–ǒ–’ — ȡȱǓ \ Ǔ ǽšȣ@
@
आनँद मगन राम ˜ ¡  ȡšȣ@Ǒ‘f दान बहु ǒ–Ĥ ¡ ȱ€ ȡšȣ@ @
पूजीं Ē ȡ˜ ‘ȯǒ– सुर नागा। कहे उ –¡ Ȫǐš दे न –ͧ› — ȡ‚ ȡ@
@
‡ ȯǑ¡ ǒ– ͬ’ होइ राम € 㙠ȡ“ Ǘ@दे हु दया € ǐš सो बरदानू।।
‚ ȡ Ǒ¡ Ȳमंगल € Ȫͩ€ › –™ “ ȢȲ@ǒ–’ –Ǖ ‘“ ȢȲमग
ृ सावकनयनीं।।
दो0-राम राज \ ͧ— Ÿ ȯ€ Ǖ   ǓǕ“ Ǒ¡ ™ ȱहरषे नर “ ȡǐš@
लगे सुमंगल सजन सब ǒ– ͬ’ अनुकूल ǒ– … ȡǐš@ @
8।।
–*–*–
तब नरनाहँ – ͧ  ç‹Ǖबोलाए। रामधाम ͧ   दे न पठाए।।
गुर आगमनु सुनत रघुनाथा। ɮ ȡš आइ पद नायउ माथा।।
सादर अरघ दे इ घर आने। सोरह — ȡȱǓ पूिज सनमाने।।
गहे चरन ͧ  ™   Ǒ¡  –¡ Ȫšȣ@बोले रामु कमल कर ‡ Ȫšȣ@
@
सेवक सदन èȡͧ˜ आगमन।ू मंगल मल
ू अमंगल दमन।ू ।
 ‘ͪ” ` ͬ…  जनु –Ȫͧ›   ĤȢ Ȣ@पठइअ काज नाथ \ ͧ  नीती।।
Ĥ— Ǖ ȡ तिज Ĥ— Ǖ€ ȧÛ¡ सनेहू। भयउ पुनीत आजु यहु गेहू।।
आयसु होइ सो € šɋ गोसाई। सेवक लहइ è ȡͧ˜ सेवकाई।।
दो0-  ǕǓ“ सनेह साने बचन ˜ ǕǓ“ šƒ Ǖ– šǑ¡ Ĥ   Ȳ  @
राम कस न  àǕ ¡ कहहु अस हं स बंस अवतंस।।9।।
–*–*–
–šǓ“ राम गुन सीलु सुभाऊ। बोले Ĥȯ˜ ” Ǖ› ͩ€ ˜ ǕǓ“ šȡa @
@
भप
ू सजेउ \ ͧ— Ÿȯ€ समाज।ू चाहत दे न  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ जब
ु राज।ू ।
राम करहु सब संजम आज।ू ‡ ɋ ǒ– ͬ’ कुसल Ǔ“ –ȡ¡ Ȱकाज।ू ।
‚ ǽǕ ͧ   दे इ राय ”Ǒ¡ Ȳगयउ। राम ǿ‘™ ȱअस ǒ–  ˜ ` भयऊ।।
जनमे एक संग सब भाई। भोजन सयन €ȯͧ› › ǐš€ ȡ_@
@
करनबेध उपबीत ǒ–] ¡ ȡ@संग संग सब भए उछाहा।।
ǒ–˜ › बंस यहु \ “ Ǖͬ…  एकू। बंधु ǒ– ¡ ȡ^ – ° Ǒȯ¡ \ ͧ— Ÿ ȯ€ Ǘ@
@
Ĥ— Ǖ  Ĥȯ˜ ”Ǔ†  ȡǓ“ सह ु ाई। हरउ भगत मन कै € ǕǑŠ› ȡ_@ @
दो0- ȯǑ¡ अवसर आए लखन मगन Ĥȯ˜ आनंद।
सनमाने ͪĤ™ बचन € Ǒ¡ रघुकुल कैरव चंद।।10।।
–*–*–
–ȡ‡ Ǒ¡ Ȳबाजने ǒ–ǒ–’ ǒ–’ ȡ“ ȡ@परु Ĥ ˜ Ȫ‘ Ǖ“ Ǒ¡ Ȳजाइ बखाना।।
भरत आगमनु सकल ˜ “ ȡ Ǒ¡ @
Ȳ आवहुँ –ȯͬ‚ नयन फलु ”ȡǑ¡ @
Ȳ@
हाट बाट घर ‚ › ȣȲअथाई। € ¡ Ǒ¡ Ȳपरसपर लोग लोगाई।।
€ ȡͧ› लगन — ͧ› €ȯǓ € बारा। ” Ǘǔ‡ Ǒ¡ ǒ– ͬ’ \ ͧ— › ȡŸ Ǖहमारा।।
कनक ͧ  ƒȲ ȡ  “ सीय समेता। – Ȱ‹ Ǒ¡ Ȳरामु होइ ͬ…  चेता।।
सकल € ¡ Ǒ¡ Ȳकब ¡ Ȫ^Ǒ¡ € ȡ› ȣ@ǒ– ƒ “ ˜ “ ȡ Ǒ¡ Ȳदे व € Ǖ… ȡ› ȣ@
@
Ǔ Û¡ Ǒ¡ सोहाइ न अवध बधावा। … ȪšǑ¡ … ǑȲ‘Ǔ“ šȡǓ न भावा।।
सारद –Ȫͧ› ǒ–“ ™ सुर € š¡ ȣȲ@– ȡšǑ¡ Ȳबार पाय लै ” š¡ ȣȲ@
@
दो0-ǒ– ”Ǔ ¡ ˜ ȡǐš ǒ–› Ȫͩ€ – ͫ° मातु € ǐš\ सोइ आजु।
रामु ‡ ȡǑ¡ Ȳबन राजु तिज होइ सकल सरु काज।ु ।11।।
–*–*–
  ǓǕ“ सुर ǒ–“ ™ ‹ ȡǑ± ”Ǔ†  ȡ Ȣ@भइउँ सरोज ǒ– ͪ”“ Ǒ¡ ˜ šȡ Ȣ@
@
‘ȯͨ दे व ” ǓǕ“ € ¡ Ǒ¡ ȲǓ“ ¡ Ȫšȣ@मातु  ȪǑ¡ “ Ǒ¡ Ȳ Ȫǐš`  Ȫšȣ@
@
ǒ–  ˜ ™ हरष šǑ¡  रघरु ाऊ।  à
Ǖ ¡ जानहु सब राम Ĥ— ȡa @
@
जीव करम बस सख ु दखु भागी। जाइअ अवध दे व Ǒ¡  लागी।।
बार बार ‚ Ǒ¡ चरन सँकोचौ। … › ȣ ǒ– … ȡǐš ǒ– – Ǖ’ ˜ Ǔ पोची।।
ऊँच Ǔ“ ȡ  Ǖ“ Ȣͬ… करतत
ू ी। ‘ȯͨ न   € Ǒ¡ Ȳपराइ ǒ– — Ǘ Ȣ@
@
] ͬ‚ › काजु ǒ–… ȡǐš – ¡ Ȫšȣ@€ š¡ Ǒ¡ Ȳचाह कुसल € ǒ– ˜ Ȫšȣ@
@
¡ šͪŸ ǿ‘™ ȱदसरथ परु आई। जनु Ē ¡ दसा दस
ु ह दख
ु दाई।।
दो0-नामु मंथरा ˜ Ȳ‘ ˜ Ǔ … ȯšȣ कैकेइ €ȯǐš@
अजस ”ȯŠ ȡšȣ  ȡǑ¡ € ǐš गई ͬ‚ šȡ ˜ Ǔ •ȯǐš@
@12।।
–*–*–
‘ȣ मंथरा “ ‚ ǽ बनावा। मंजल ु मंगल बाज बधावा।।
” Ǘ† ȯͧ  › Ȫ‚ Û¡ काह उछाहू। राम Ǔ › € Ǖ   ǕǓ“ भा उर दाहू।।
करइ ǒ–… ȡǽ € Ǖ– Ǖͪƨ कुजाती। होइ अकाजु €  Ǔ“ ǒ– ͬ’ राती।।
‘ȯͨ › ȡͬ‚ मधु € ǕǑŠ› ͩ€ šȡ Ȣ@ǔ‡ ͧ˜ गवँ तकइ लेउँ €ȯǑ¡ भाँती।।
भरत मातु ”Ǒ¡ Ȳगइ ǒ– ›  ȡ“ Ȣ@का \ “ ˜ Ǔ“ ¡ ͧ  कह ¡ ȱͧ  रानी।।
a  ǽ दे इ न लेइ उसास।ू “ ȡǐš … ǐš € ǐš ढारइ आँस।ू ।
¡ ȱͧ  कह šȡǓ“ गालु बड़  ȪšɅ@‘ȣÛ¡ लखन ͧ   अस मन ˜ ȪšɅ@
@
तबहुँ न बोल … ȯǐš –ͫ° ”ȡͪ”Ǔ“ @छाड़इ èȡ  € ȡǐš जनु   ȡȱ
ͪ”Ǔ“ @
@
दो0-सभय šȡǓ“ कह € ¡ ͧ  ͩ€ “ कुसल रामु ˜ Ǒ¡ ” ȡ› Ǖ@
लखनु भरतु ǐš” ‘Ǖ ˜ “ Ǖ  ǓǕ“ भा € Ǖ– šȣ उर साल।ु ।13।।
–*–*–
कत ͧ   दे इ ¡ ˜ Ǒ¡ कोउ माई। गालु करब €ȯǑ¡ कर बलु पाई।।
šȡ˜ Ǒ¡ † ȡͫ° कुसल €ȯǑ¡ आज।ू ‡ ȯǑ¡ जनेसु दे इ जब
ु राज।ू ।
भयउ € ȫͧ  › Ǒ¡ ǒ–ͬ’ \ Ǔ ‘ȡǑ¡ “ @दे खत गरब रहत उर “ ȡǑ¡ “ @
@
दे खेहु कस न जाइ सब सोभा। जो \ › Ȫͩ€ मोर मनु छोभा।।
पूतु ǒ–‘ȯ  न सोचु  à
Ǖ ¡ ȡšɅ@‡ ȡ“ Ǔ हहु बस नाहु ¡ ˜ ȡšɅ@
@
नीद बहुत ͪĤ™ सेज तरु ाई। लखहु न भूप कपट चतरु ाई।।
  ǕǓ“ ͪĤ™ बचन ˜ ͧ› “ मनु जानी। ˆ Ǖ€ ȧ šȡǓ“ अब रहु अरगानी।।
” ǓǕ“ अस कबहुँ € ¡ ͧ  ƒ š• Ȫšȣ@तब ’ ǐš जीभ कढ़ावउँ  Ȫšȣ@
@
दो0-काने खोरे कूबरे € ǕǑŠ› € Ǖ… ȡ› ȣ ‡ ȡǓ“ @
Ǔ ™ ǒ–  ȯͪŸ ” ǕǓ“ … ȯǐš € Ǒ¡ भरतमातु ˜ Ǖ  Ǖ€ ȡǓ“ @
@14।।
–*–*–
ͪĤ™ – ȡǑ‘Ǔ“ ͧ   ‘ȣǔÛ¡ `ȱ Ȫ¡ ȣ@सपनेहुँ तो पर कोपु न ˜ Ȫ¡ ȣ@
@
  ǕǑ‘“ Ǖसुमंगल दायकु सोई। तोर कहा फुर ‡ ȯǑ¡ Ǒ‘“ होई।।
जेठ è ȡͧ˜ सेवक लघु भाई। यह Ǒ‘“ € š कुल šȣǓ सुहाई।।
राम Ǔ › € Ǖ ‡ ɋ साँचेहुँ € ȡ› ȣ@दे उँ मागु मन भावत ] › ȣ@
@
€ ȫ  㙠ȡ सम सब ˜ ¡  ȡšȣ@šȡ˜ Ǒ¡ सहज सभ
ु ायँ ͪ”] šȣ@
@
मो पर € šǑ¡ Ȳसनेहु ǒ–  ȯŸ Ȣ@˜ ɇ€ ǐš ĤȢǓ ”šȣ† ȡ दे खी।।
‡ ɋ ǒ– ͬ’ जनमु दे इ € ǐš छोहू। होहुँ राम ͧ  ™ पूत पुतोहू।।
Ĥȡ“  Ʌ\ ͬ’ € रामु ͪĤ™ ˜ ȪšɅ@Ǔ Û¡ €ɅǓ › € छोभु कस  ȪšɅ@ @
दो0-भरत सपथ  ȪǑ¡   י कहु ”ǐš¡ ǐš कपट दरु ाउ।
हरष समय ǒ–  ˜ ` € šͧ  कारन ˜ ȪǑ¡ सनु ाउ।।15।।
–*–*–
f € Ǒ¡ Ȳबार आस सब पूजी। अब कछु कहब जीभ € ǐš दज ू ी।।
फोरै जोगु € ”ȡǽ अभागा। भलेउ कहत दख
ु š` šȯǑ¡ लागा।।
€ ¡ Ǒ¡ Ȳˆ ǑǗ‹ • Ǖǐš बात बनाई। ते ͪĤ™  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ € ǽ^ ˜ ɇमाई।।
हमहुँ € ¡ ǒ– अब ठकुरसोहाती। “ ȡǑ¡ Ȳत मौन रहब Ǒ‘“ Ǖराती।।
€ ǐš € ǕǾ ” ǒ– ͬ’ परबस € ȧÛ¡ ȡ@बवा सो › ǕǓ“ \ › Ǒ¡ \ जो ‘ȣÛ¡ ȡ@
@
कोउ नप
ृ होउ ¡ ˜ Ǒ¡ का हानी। … ȯǐš † ȡͫ° अब होब ͩ€ रानी।।
जारै जोगु सुभाउ हमारा। अनभल ‘ȯͨ न जाइ  à
Ǖ ¡ ȡšȡ@
@
 ȡ Ʌकछुक बात \ “  Ǖ ȡšȣ@† ͧ˜ \ ‘ȯǒ– – ͫ° चक
ू ¡ ˜ ȡšȣ@
@
दो0-गढ़
ू कपट ͪĤ™ बचन   ǓǕ“ तीय \ ’ š– ͬǕ’ šȡǓ“ @
सुरमाया बस –ȰǐšǓ“ Ǒ¡   Ǖé‘ ‡ ȡǓ“ ” Ǔ ] Ǔ“ @ @
16।।
–*–*–
सादर ” ǓǕ“ ” ǓǕ“ ” ȱ†Ǘ Ǔ j ¡ ȣ@  –šȣ गान मग
ृ ी जनु ˜ Ȫ¡ ȣ@
@
 ͧ  ˜ Ǔ ͩ• šȣ अहइ ‡ ͧ  भाबी। रहसी … ȯǐš घात जनु फाबी।।
à
Ǖ ¡ पँछ
ू हु ˜ ɇकहत डेराऊँ। धरे उ मोर ƒ š• Ȫšȣ नाऊँ।।
सिज Ĥ ȢǓ –¡ Ǖǒ–ͬ’ ‚ Ǒ± † Ȫ› ȣ@अवध साढ़साती तब –Ȫ› ȣ@ @
ͪĤ ™ ͧ  ™ रामु कहा  à
Ǖ ¡ रानी। šȡ˜ Ǒ¡  à
Ǖ ¡ ͪĤ ™ सो • Ǖǐš बानी।।
रहा Ĥ ˜ अब ते Ǒ‘“ बीते। समउ ͩ• šɅǐš” Ǖ¡ ȪǑ¡ Ȳͪ” šȲȣ ȯ@
@
भानु कमल कुल ”ȪŸ Ǔ“ ¡ ȡšȡ@ǒ–“ Ǖजल ‡ ȡǐš करइ सोइ छारा।।
‡ ǐš  à
Ǖ ¡ ȡǐš चह    Ǔ `  ȡšȣ@Ǿȱ’ ¡ Ǖ€ ǐš उपाउ बर – ȡšȣ@
@
दो0- à
Ǖ ¡ Ǒ¡ न सोचु सोहाग बल Ǔ“ ‡ बस जानहु राउ।
मन ˜ › ȣ“ मह ु मीठ नप ृ राउर सरल सभ ु ाउ।।17।।
–*–*–
चतरु गँभीर राम ˜ ¡  ȡšȣ@बीचु पाइ Ǔ“ ‡ बात   ȱ ȡšȣ@
@
पठए भरतु भप
ू “ Ǔ“ \ ` šɅ@राम मातु मत जानव š` šɅ@
@
  ȯ Ǒ¡ Ȳसकल   Ǔ ˜ ȪǑ¡ “ Ȣ€Ʌ@‚ šǒ– भरत मातु बल पी €Ʌ@
@
सालु  à
Ǖ ¡ ȡš € ȫͧ  › Ǒ¡ माई। कपट चतरु “ Ǒ¡ Ȳहोइ जनाई।।
šȡ‡ Ǒ¡  à
Ǖ ¡ पर Ĥȯ˜ Ǖǒ–  ȯŸ Ȣ@   Ǔ सुभाउ सकइ “ Ǒ¡ Ȳदे खी।।
रची Ĥ Ȳ” … Ǖ— Ǘ” Ǒ¡ अपनाई। राम Ǔ › € Ǒ¡  लगन धराई।।
यह कुल ` ͬ…  राम कहुँ Šȣ€ ȡ@  –Ǒ¡ सोहाइ ˜ ȪǑ¡   ǕǑ‹ नीका।।
] ͬ‚ ͧ› बात   ˜ ͨǕˆ Œǽ ˜ Ȫ¡ ȣ@दे उ दै उ ͩ• ǐš सो फलु j ¡ ȣ@
@
दो0-šͬ… ”ͬ… € ȪǑŠ€ € ǕǑŠ› ” “ € ȧÛ¡ ȯͧ  कपट Ĥ– Ȫ’ @
Ǖ@
€ Ǒ¡ ͧ  कथा सत   Ǔ कै ‡ ȯǑ¡ ǒ–ͬ’ बाढ़ ǒ– šȪ’ @
Ǖ@
18।।
–*–*–
भावी बस Ĥ ȢǓ उर आई। पँछू šȡǓ“ ” ǓǕ“ सपथ दे वाई।।
का पूछहुँ  à
Ǖ ¡ अबहुँ न जाना। Ǔ“ ‡ Ǒ¡  \ “ Ǒ¡  पसु ” Ǒ¡ … ȡ“ ȡ@
@
भयउ पाखु Ǒ‘“ सजत समाजू।  à Ǖ ¡ पाई   Ǖͬ’ ˜ ȪǑ¡ सन आजू।।
खाइअ ”Ǒ¡ ǐš\ राज  à
Ǖ ¡ ȡšɅ@  י € ¡ Ʌ“ Ǒ¡ Ȳदोषु ¡ ˜ ȡšɅ@
@
‡ ɋ \   י कछु कहब बनाई। तौ ǒ– ͬ’ ‘ȯ^ Ǒ¡ ¡ ˜ Ǒ¡ सजाई।।
šȡ˜ Ǒ¡ Ǔ › € € ȡͧ› ‡ ɋ भयऊ।þ  à
Ǖ ¡ कहुँ ǒ– ”Ǔ बीजु ǒ– ͬ’ बयऊ।।
रे ख खचँ ाइ कहउँ बलु भाषी। — ȡͧ˜ Ǔ“ भइहु दध
ू कइ माखी।।
‡ ɋ सुत   Ǒ¡  करहु सेवकाई। तौ घर रहहु न आन उपाई।।
दो0-€ ġȱǒ–“
Ǘ  Ǒ¡ ‘ȣÛ¡ दख
ु ु à
Ǖ ¡ Ǒ¡ € ȫͧ  › ȡȱदे ब।
भरतु – ȲǑ‘‚ ¡Ǚ   ȯ^ ¡ Ǒ¡ Ȳलखनु राम के नेब।।19।।
–*–*–
कैकयसुता सुनत कटु बानी। € Ǒ¡ न सकइ कछु   ¡ ͧ˜ सुखानी।।
तन पसेउ € ‘› ȣ ǔ‡ ͧ˜ काँपी। € Ǖ–šȣȲदसन जीभ तब चाँपी।।
€ Ǒ¡ € Ǒ¡ € ȪǑŠ€ कपट कहानी। धीरजु धरहु Ĥ –Ȫͬ’ ͧ  रानी।।
ͩ• šȡ करमु ͪĤ™ › ȡͬ‚ € Ǖ… ȡ› ȣ@– ͩ€ Ǒ¡ सराहइ ˜ ȡǓ“ ˜ šȡ› ȣ@
@
सुनु मंथरा बात • Ǖǐš  Ȫšȣ@‘Ǒ¡ Ǔ“ ] ȱͨ Ǔ“  फरकइ ˜ Ȫšȣ@
@
Ǒ‘“ Ĥ Ǔ दे खउँ šȡǓ कुसपने। कहउँ न  ȪǑ¡ मोह बस अपने।।
काह करौ   ͨ सूध सुभाऊ। ‘ȡǑ¡ “ बाम न जानउँ काऊ।।
दो0-अपने चलत न आजु › ͬ‚ अनभल काहुक € ȧÛ¡ @
€ȯǑ¡ Ȳअघ f € Ǒ¡ बार ˜ ȪǑ¡ दै अँ दस
ु ह दख
ु ु ‘ȣÛ¡ @
@20।।
–*–*–
नैहर जनमु भरब –ǽ जाइ। िजअत न € šǒ–   Ǔ सेवकाई।।
\ ǐš बस दै उ िजआवत ‡ ȡ¡ ȣ@मरनु नीक  ȯǑ¡ जीवन … ȡ¡ ȣ@
@
‘ȣ“ बचन कह –¡ Ǖǒ–ͬ’ रानी।   ǕǓ“ € Ǖ– šȣȲǓ ™ ˜ ȡ™ ȡ ठानी।।
अस कस कहहु ˜ ȡǓ“ मन ऊना। सुखु सोहागु  à Ǖ ¡ कहुँ Ǒ‘“ दन ू ा।।
‡ ȯǑ¡ Ȳराउर \ Ǔ अनभल ताका। सोइ ”ȡ^Ǒ¡ यहु फलु ” ǐš”ȡ€ ȡ@ @
जब  Ʌकुमत सन ु ा ˜ ɇèȡͧ˜ Ǔ“ @भख
ू न बासर नींद न ‡ ȡͧ˜ Ǔ“ @
@
पँछ
ू े उ ‚ ǓǕ“ Û¡ रे ख Ǔ Û¡ खाँची। भरत भआ
ु ल ¡ ȪǑ¡ Ȳयह साँची।।
— ȡͧ˜ Ǔ“ करहु त € ¡ ɋ उपाऊ। है  à
Ǖ ¡ šȣȲसेवा बस राऊ।।
दो0-परउँ कूप तअ ु बचन पर सकउँ पूत ”Ǔ י ȡͬ‚ @
€ ¡ ͧ  मोर दख ु ु ‘ȯͨ बड़ कस न करब Ǒ¡  › ȡͬ‚ @ @ 21।।
–*–*–
€ Ǖ–šȣȲ€ ǐš € – Ǖ› ȣ कैकेई। कपट † Ǖšȣ उर पाहन टे ई।।
लखइ न šȡǓ“ Ǔ“ € Š दख
ु ु €ɇ  ȯ@चरइ ¡ ǐš Ǔ “ – ͧ› ”  Ǖ‡ Ȱ  Ʌ@
@
सनु त बात मद ृ ु अंत € ‹ Ȫšȣ@‘ȯǓ मनहुँ मधु माहुर ƒ Ȫšȣ@
@
कहइ … ȯǐš   ͬǕ’ अहइ ͩ€ “ ȡ¡ ȣ@è ȡͧ˜ Ǔ“ € Ǒ¡ ¡ Ǖकथा ˜ ȪǑ¡ ” ȡ¡ ȣȲ@
@
दइु बरदान भप ू सन थाती। मागहु आजु जड़ ु ावहु छाती।।
  Ǖ Ǒ¡ राजु šȡ˜ Ǒ¡ बनवासू। दे हु लेहु सब   Ǔ हुलासु।।
— Ǘ” Ǔ राम सपथ जब करई। तब मागेहु ‡ ȯǑ¡ Ȳबचनु न टरई।।
होइ अकाजु आजु Ǔ“ ͧ  – Ȣ Ʌ@बचनु मोर ͪĤ ™ मानेहु जी  Ʌ@
@
दो0-बड़ कुघातु € ǐš ”ȡ ͩ€ Ǔ“ € ¡ ȯͧ  कोपगह
ृ ँ जाहु।
काजु सँवारे हु सजग सबु सहसा ‡ Ǔ“ ” Ǔ ] ¡ Ǖ@@ 22।।
–*–*–
€ Ǖ–ǐšǑ¡ šȡǓ“ Ĥȡ“ ͪĤ™ जानी। बार बार –ͫ° – ͪǕƨ बखानी।।
 ȪǑ¡ सम Ǒ¡  न मोर संसारा। बहे जात कइ — ^ͧ  अधारा।।
‡ ɋ ǒ–ͬ’ पुरब मनोरथु € ȡ› ȣ@€ šɋ  ȪǑ¡ चख ” Ǘ ǐš ] › ȣ@
@
–¡ Ǖǒ– ͬ’ … ȯǐšǑ¡ ] ‘ǽ दे ई। कोपभवन ‚  Ǔ“ कैकेई।।
ǒ–”Ǔ बीजु बरषा ǐš Ǖ… ȯšȣ@भुइँ भइ € Ǖ˜ Ǔ कैकेई €ȯšȣ@
@
पाइ कपट जलु अंकुर जामा। बर दोउ दल दख
ु फल ” ǐš“ ȡ˜ ȡ@
@
कोप समाजु सािज सबु सोई। राजु करत Ǔ“ ‡ € Ǖ˜ Ǔ ǒ– ‚ Ȫ_@
@
राउर नगर कोलाहलु होई। यह € Ǖ… ȡͧ› कछु जान न कोई।।
दो0-Ĥ˜ ǕǑ‘ पुर नर “ ȡǐš@सब   ‡ Ǒ¡ Ȳसुमंगलचार।
एक Ĥǒ–  Ǒ¡ Ȳएक Ǔ“ ‚ ˜[ Ǒ¡ Ȳभीर भूप दरबार।।23।।
–*–*–
बाल सखा सुन Ǒ¡ ™ ȱ¡ šŸȡ¡ ȣȲ@ͧ˜ ͧ› दस पाँच राम ”Ǒ¡ Ȳ‡ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
Ĥ — Ǖ] ‘šǑ¡ ȲĤȯ˜ Ǖ”Ǒ¡ … ȡ“ Ȣ@” ȱ†Ǘ Ǒ¡ Ȳकुसल खेम मद
ृ ु बानी।।
ͩ• šǑ¡ Ȳभवन ͪĤ™ आयसु पाई। करत परसपर राम बड़ाई।।
को रघब
ु ीर   ǐš  संसारा। सीलु सनेह Ǔ“ – ȡ¡ Ǔ“ ¡ ȡšȡ@
‡ ɅǑ¡ ‡ ɅǑ¡ ‡ ȪǓ“ करम बस ħ ˜ ¡ ȣȲ@तहँ तहँ ईसु दे उ यह ¡ ˜ ¡ ȣȲ@
@
सेवक हम èȡ˜ Ȣ ͧ  ™ “ ȡ¡ Ǘ@होउ नात यह ओर Ǔ“ – ȡ¡ Ǘ@
@
अस \ ͧ— › ȡŸ Ǖनगर सब काहू। कैकयसुता 鑙 ȱ\ Ǔ दाहू।।
को न € Ǖ  Ȳ‚ Ǔ पाइ नसाई। रहइ न नीच ˜  Ʌचतरु ाई।।
दो0-साँस समय सानंद नप
ृ ु गयउ कैकेई गेहँ।
गवनु Ǔ“ ‹Ǖš ȡ Ǔ“ € Š ͩ€ ™ जनु ’ ǐš दे ह सनेहँ।।24।।
–*–*–
कोपभवन   ǓǕ“ सकुचेउ राउ। भय बस अगहुड़ परइ न पाऊ।।
  šǕ”Ǔ बसइ बाहँबल जाके। “ š”Ǔ सकल š¡ Ǒ¡ Ȳǽ  ȡ€Ʌ@
@
सो   ǕǓ“ Ǔ ™ ǐš  गयउ सुखाई। दे खहु काम Ĥ  ȡ” बड़ाई।।
सूल € Ǖͧ›   \ ͧ  \ ȱ‚ Ǔ“ ¡ ȡšȯ@ते šǓ “ ȡ सम
ु न सर मारे ।।
सभय नरे सु ͪĤ™ ȡ ”Ǒ¡ Ȳगयऊ। ‘ȯͨ दसा दख
ु ु ‘ȡǽ“ भयऊ।।
— ͧǗ˜ सयन पटु मोट परु ाना। Ǒ‘f Œȡǐš तन भष
ू ण नाना।।
€ Ǖ˜ Ǔ Ǒ¡ € ͧ  कुबेषता फाबी। अन \ Ǒ¡ ȡ Ǖसच
ू जनु भाबी।।
जाइ Ǔ“ € Š नप
ृ ु कह मद
ृ ु बानी। Ĥȡ“ ͪĤ™ ȡ €ȯǑ¡ हे तु ǐš  ȡ“ Ȣ@
@
छं 0-€ȯǑ¡ हे तु šȡǓ“ ǐš  ȡǓ“ परसत ” ȡǓ“ ”Ǔ Ǒ¡ नेवारई।
मानहुँ सरोष भुअंग — ȡͧ˜ Ǔ“ ǒ– Ÿ ˜ — ȡȱǓ Ǔ“ ¡ ȡš_@
@
दोउ बासना रसना दसन बर मरम ‹ ȡ¡ ǽ दे खई।
तल
ु सी “ ”Ǚ Ǔ —  ޙ  ȡ बस काम कौतक
ु लेखई।।
सो0-बार बार कह राउ   ˜Ǖ ͨǕ   ›Ǖ Ȫͬ… Ǔ“ ͪ” € – … Ǔ“ @
कारन ˜ ȪǑ¡ सुनाउ ‚ ‡ ‚ ȡͧ˜ Ǔ“ Ǔ“ ‡ कोप कर।।25।।
\ “ Ǒ¡  तोर ͪĤ ™ ȡ केइँ € ȧÛ¡ ȡ@€ȯǑ¡ दइु ͧ  š €ȯǑ¡ जमु चह › ȣÛ¡ ȡ@
@
कहु €ȯǑ¡ šȲ€ Ǒ¡ करौ नरे सू। कहु €ȯǑ¡ “ ”Ǚ Ǒ¡ Ǔ“ € ȡ  ɋ दे सू।।
सकउँ तोर \ ǐš अमरउ ˜ ȡšȣ@काह € ȧŠ बपरु े नर “ ȡšȣ@ @
‡ ȡ“ ͧ  मोर सभ
ु ाउ –šȪǾ @मनु तव आनन चंद … € ȪǾ @
@
ͪĤ™ ȡ Ĥȡ“ सुत सरबसु ˜ ȪšɅ@”ǐš‡ “ Ĥ‡ ȡ सकल बस  ȪšɅ@
@
‡ ɋ कछु कहौ कपटु € ǐš  Ȫ¡ ȣ@— ȡͧ˜ Ǔ“ राम सपथ सत ˜ Ȫ¡ ȣ@
@
ǒ– ¡ ͧ  मागु ˜ “ — ȡǓ बाता। भूषन   ‡ Ǒ¡ मनोहर गाता।।
ƒ šȣ € Ǖƒ šȣ   ˜ ͨǕˆ िजयँ दे ख।ू –ȯͬ‚ ͪĤ ™ ȡ ” ǐš¡ šǑ¡ कुबेष।ू ।
दो0-यह   ǓǕ“ मन ‚ ǓǕ“ सपथ –ͫ° ǒ–¡ ͧ  ` ‹ Ȥ ˜ Ǔ ˜ Ȳ‘ @
भष
ू न   ‡ Ǔ ǒ–› Ȫͩ€ मगृ ु मनहुँ ͩ€ šȡǓ Ǔ“ फंद।।26।।
–*–*–
” ǓǕ“ कह राउ   ıǕ ‘ िजयँ जानी। Ĥȯ˜ ” ›Ǖ ͩ€ मद ृ ु मंजल
ु बानी।।
— ȡͧ˜ Ǔ“ भयउ तोर मनभावा। घर घर नगर अनंद बधावा।।
šȡ˜ Ǒ¡ दे उँ € ȡͧ› जुबराजू।   ‡ Ǒ¡   Ǖ› Ȫ… Ǔ“ मंगल साजू।।
‘› ͩ€ उठे उ   ǕǓ“ ı‘` € ‹ ȪǾ @जनु छुइ गयउ पाक – š ȪǾ @
@
gͧ  ` पीर ǒ–¡ ͧ   ȯǑ¡ गोई। चोर “ ȡǐš ǔ‡ ͧ˜ Ĥ ‚ ǑŠ न रोई।।
›  Ǒ¡ Ȳन भूप कपट चतरु ाई। € ȪǑŠ € ǕǑŠ› ˜ Ǔ“ ‚ ǕǾ पढ़ाई।।
‡ ɮ™ ͪ” “ ȢǓ Ǔ“ ” Ǖ“ नरनाहू। “ ȡǐš… ǐš ‡ › Ǔ“ ͬ’ अवगाहू।।
कपट सनेहु बढ़ाइ –¡ Ȫšȣ@– Ȫ› ȣ ǒ–¡ ͧ  नयन मह ु ु ˜ Ȫšȣ@
@
दो0-मागु मागु पै कहहु ͪ” ™ कबहुँ न दे हु न लेहु।
दे न कहे हु बरदान दइु तेउ पावत संदेहु।।27।।
–*–*–
जानेउँ मरमु राउ ¡ ȱͧ  कहई।  à Ǖ ¡ Ǒ¡ कोहाब परम ͪĤ™ अहई।।
 ȡǓ šȡͨ न ˜ ȡͬ‚ ¡ Ǖकाऊ। ǒ–  ǐš गयउ ˜ ȪǑ¡ भोर सभ
ु ाऊ।।
झूठेहुँ ¡ ˜ Ǒ¡ दोषु ‡ Ǔ“ दे हू। दइ
ु कै … ȡǐš ˜ ȡͬ‚ मकु लेहू।।
रघुकुल šȣǓ सदा … ͧ› आई। Ĥȡ“ जाहुँ –ǽ बचनु न जाई।।
“ Ǒ¡ Ȳ\   י सम पातक पुंजा। ͬ‚ ǐš सम ¡ ȪǑ¡ Ȳͩ€ € ȪǑŠ€ गुंजा।।
  י ˜ ›
Ǘ सब सक
ु ृ त सह
ु ाए। बेद परु ान ǒ– Ǒ‘ मनु गाए।।
 ȯǑ¡ पर राम सपथ € ǐš आई। सक
ु ृ त सनेह \  ͬ’ रघरु ाई।।
बात Ǻ±ȡ^ € Ǖ˜ Ǔ ¡ ȱͧ  – Ȫ› ȣ@कुमत € Ǖǒ– ¡ ‚ कुलह जनु  Ȫ› ȣ@
@
दो0-भूप मनोरथ सुभग बनु सुख   Ǖǒ–¡ Ȳ‚ समाजु।
ͧ— 㛠Ǔ“ ǔ‡ ͧ˜ छाड़न … ¡ Ǔ बचनु — ™ Ȳ€ ǽ बाजु।।28।।
मासपारायण, तेरहवाँ ͪ Į ȡ˜
–*–*–
सुनहु Ĥȡ“ ͪĤ™ भावत जी का। दे हु एक बर — š Ǒ¡ Šȣ€ ȡ@
@
मागउँ दस ू र बर कर ‡ Ȫšȣ@परु वहु नाथ मनोरथ ˜ Ȫšȣ@@
तापस बेष ǒ–  ȯͪŸ उदासी। चौदह –ǐš  रामु बनबासी।।
  ǕǓ“ मद
ृ ु बचन भूप Ǒ¡ ™ ȱसोकू।   ͧ  कर छुअत ǒ– € › ǔ‡ ͧ˜ कोकू।।
गयउ   ¡ ͧ˜ “ Ǒ¡ Ȳकछु € Ǒ¡ आवा। जनु सचान बन झपटे उ लावा।।
ǒ– –š“ भयउ Ǔ“ ”Š नरपालू। ‘ȡͧ˜ Ǔ“ हनेउ मनहुँ  ǽ तालू।।
माथे हाथ ˜ ǑǗ‘ दोउ लोचन। तनु ’ ǐš सोचु लाग जनु सोचन।।
मोर मनोरथु   šǕ ǽ फूला। फरत € ǐšǓ“ ǔ‡ ͧ˜ हतेउ समल
ू ा।।
अवध ` ‡ ȡǐš € ȧǔÛ¡ €Ȱ€ȯɃ@‘ȣÛ¡ ͧ  अचल ǒ– ” Ǔ कै “ ȯɃ @
@
दो0-€ “ Ʌअवसर का भयउ गयउँ “ ȡǐš ǒ–è ȡ  @
जोग ͧ  ͪƨ फल समय ǔ‡ ͧ˜ ‡ Ǔ Ǒ¡ \ ǒ– ɮ™ ȡ नास।।29।।
–*–*–
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ राउ ˜ “ Ǒ¡ Ȳमन झाँखा। ‘ȯͨ € Ǖ— ȡǓȱ € Ǖ˜ Ǔ मन माखा।।
भरतु ͩ€ राउर पूत न ¡ Ȫ¡ ȣȲ@आनेहु मोल –ȯ  ȡǑ¡ ͩ€ ˜ Ȫ¡ ȣ@
@
जो   ǕǓ“   ǽ अस लाग  à Ǖ ¡ ȡšɅ@काहे न बोलहु बचनु सँभारे ।।
दे हु `  ǽ अनु करहु ͩ€ “ ȡ¡ ȣȲ@  י   Ȳ’  à
Ǖ ¡ रघक
ु ु ल ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
दे न कहे हु अब ‡ Ǔ“ –ǽ दे हू। तजहुँ   י जग अपजसु लेहू।।
  י   šȡǑ¡ कहे हु –ǽ दे ना। जानेहु › ȯ^ Ǒ¡ ˜ ȡͬ‚ चबेना।।
ͧ  ǒ– ‘’ Ȣͬ… – ͧ› जो कछु भाषा। तनु धनु तजेउ बचन पनु राखा।।
\ Ǔ कटु बचन € ¡ Ǔ कैकेई। मानहुँ लोन जरे पर दे ई।।
दो0-धरम धरु ं धर धीर ’ ǐš नयन उघारे रायँ।
ͧ  ǽ ’ ǓǕ“ › ȣǔÛ¡ उसास \ ͧ  ˜ ȡšȯͧ  ˜ ȪǑ¡ कुठायँ।।30।।
–*–*–
] ‚ Ʌ‘ȣͨ जरत ǐš  — ȡšȣ@मनहुँ रोष  š ȡǐš ` ƒ ȡšȣ@@
˜ ǑǗ‹ € Ǖ– ͪǕƨ धार Ǔ“ ‹Ǖšȡ_@’ šȣ € Ǘ– šȣȲसान बनाई।।
लखी ˜ ¡ ȣ” कराल कठोरा।   י ͩ€ जीवनु › ȯ^ Ǒ¡ मोरा।।
बोले राउ € Ǒ‹ “ € ǐš छाती। बानी   ǒ– “ ™ तासु सोहाती।।
ͪĤ™ ȡ बचन कस € ¡ ͧ  कुभाँती। भीर Ĥ  ȢǓ ĤȢǓ € ǐš हाँती।।
˜ ȪšɅभरतु रामु दइु आँखी।   י कहउँ € ǐš   Ȳ€ Ǿ साखी।।
\  ͧ  दत
ू ु ˜ ɇपठइब Ĥȡ ȡ@g¡ Ǒ¡ Ȳ–ȯͬ‚ सन
ु त दोउ ħ ȡ ȡ@
@
  ǑǕ‘“   Ȫͬ’ सबु साजु सजाई। दे उँ भरत कहुँ राजु बजाई।।
दो0- लोभु न šȡ˜ Ǒ¡ राजु कर बहुत भरत पर Ĥ ȢǓ @
˜ ɇबड़ छोट ǒ–… ȡǐš िजयँ करत रहे उँ “ ”Ǚ “ ȢǓ @
@31।।
–*–*–
राम सपथ सत कहुउँ सुभाऊ। राममातु कछु कहे उ न काऊ।।
˜ ɇसबु € ȧÛ¡  ȪǑ¡ ǒ–“ Ǖ” ȱ†Ǘ Ʌ@ ȯǑ¡  Ʌपरे उ मनोरथु † Ǘ† Ʌ@
@
ǐš  ” ǐš¡ Ǿ अब मंगल साजू। कछु Ǒ‘“ गएँ भरत जुबराजू।।
f € Ǒ¡ बात ˜ ȪǑ¡ दख
ु ु लागा। बर दस
ू र असमंजस मागा।।
अजहुँ ǿ‘™ जरत  ȯǑ¡ आँचा। ǐš  ”ǐš¡ ȡ  ͩ€ साँचेहुँ साँचा।।
कहु तिज रोषु राम अपराध।ू सबु कोउ कहइ रामु   ǕǑ‹ साध।ू ।
तहु ू ँ   šȡ¡ ͧ  € šͧ  सनेहू। अब   ǕǓ“ ˜ ȪǑ¡ भयउ संदेहू।।
जासु सुभाउ \ ǐšǑ¡ अनुकूला। सो ͩ€ ͧ˜ € ǐšǑ¡ मातु Ĥ Ǔ € Ǘ› ȡ@ @
दो0- ͪĤ™ ȡ हास ǐš  ”ǐš¡ šǑ¡ मागु ǒ–… ȡǐš ǒ– –ȯ€ Ǖ@
‡ ȯǑ¡ Ȳदे खाँ अब नयन — ǐš भरत राज \ ͧ— Ÿ €ȯ Ǖ@
@32।।
–*–*–
िजऐ मीन –Ǿ – ȡǐš ǒ–¡ ȣ“ ȡ@˜ Ǔ“ ǒ– “ Ǖ• Ǔ“ € Ǖ िजऐ दख
ु ‘ȣ“ ȡ@
@
कहउँ सभ
ु ाउ न छलु मन ˜ ȡ¡ ȣ@
Ȳ जीवनु मोर राम ǒ–“ Ǖ“ ȡ¡ ȣȲ@
@
  ˜ Ǖͨˆ दे खु िजयँ ͪĤ™ ȡ Ĥ –Ȣ“ ȡ@जीवनु राम दरस आधीना।।
  ǕǓ“ Ĩ ‘ Ǖबचन € Ǖ˜ Ǔ \ Ǔ जरई। मनहुँ अनल ] ¡ ǕǓ घत ृ परई।।
कहइ करहु ͩ€ “ € ȪǑŠ उपाया। इहाँ न › ȡͬ‚ Ǒ¡ šȡ` ǐš माया।।
दे हु ͩ€ लेहु अजसु € ǐš “ ȡ¡ ȣ@
Ȳ ˜ ȪǑ¡ न बहुत Ĥ ” Ȳ…   Ȫ¡ ȡ¡ ȣȲ@
रामु साधु  à Ǖ ¡ साधु सयाने। राममातु — ͧ› सब ”Ǒ¡ … ȡ“ ȯ@ @
जस € ȫͧ  › ȡȱमोर भल ताका। तस फलु ` Û¡ Ǒ¡ दे उँ € ǐš साका।।
दो0-होत Ĥȡ ˜ ǕǓ“ –ȯŸ ’ ǐš ‡ ɋ न रामु बन ‡ ȡǑ¡ @
Ȳ
मोर मरनु राउर अजस नप ृ   ˜ Ǖͨˆ \ मन ˜ ȡǑ¡ @ Ȳ@33।।
–*–*–
अस € Ǒ¡ € ǕǑŠ› भई ` Ǒ‹ ‹ ȡ±ȣ@मानहुँ रोष  šȲͬ‚ Ǔ“ – ȡ±ȣ@
@
पाप पहार Ĥ‚ Š भइ सोई। — šȣ Đ Ȫ’ जल जाइ न जोई।।
दोउ बर कूल € Ǒ‹ “ हठ धारा। भवँर € Ǘ–šȣ बचन Ĥ … ȡšȡ@
@
ढाहत — ”Ǘ Ǿ ”  ǽ मल
ू ा। … › ȣ ǒ– ” Ǔ – ȡǐšͬ’ अनक
ु ू ला।।
लखी नरे स बात • Ǖǐš साँची। Ǔ ™ ͧ˜   मीचु सीस पर नाची।।
‚ Ǒ¡ पद ǒ–“ ™ € ȧÛ¡ –Ȱ‹ ȡšȣ@‡ Ǔ“ Ǒ‘“ € š कुल ¡ Ȫͧ  € Ǖ‹ ȡšȣ@
@
मागु माथ \ –¡ ȣȲदे उँ  Ȫ¡ ȣ@राम ǒ– š¡ ȱ‡ Ǔ“ ˜ ȡšͧ  ˜ Ȫ¡ ȣ@
@
राखु राम कहुँ ‡ ȯǑ¡  ȯǑ¡ भाँती। “ ȡǑ¡ Ȳत ‡ ǐšǑ¡ जनम — ǐš छाती।।
दो0-दे खी ޙ ȡͬ’ असाध नप ृ ु परे उ ’ šǓ“ ’ ǓǕ“ माथ।
कहत परम आरत बचन राम राम रघन ु ाथ।।34।।
–*–*–
ޙ ȡ€ Ǖ› राउ ͧ  ͬ › सब गाता। € ǐšǓ“ € › ” ǽ मनहुँ Ǔ“ ” ȡ ȡ@
@
कंठु सख
ू मख
ु आव न बानी। जनु ”ȡ‹ Ȥ“ Ǖ‘ȣ“ ǒ–“ Ǖपानी।।
” ǕǓ“ कह कटु कठोर कैकेई। मनहुँ घाय महुँ माहुर दे ई।।
‡ ɋ अंतहुँ अस करतबु रहे ऊ। मागु मागु  à
Ǖ ¡ €ȯǑ¡ Ȳबल कहे ऊ।।
दइु ͩ€ होइ एक समय भुआला। हँसब ठठाइ फुलाउब गाला।।
‘ȡǓ“ कहाउब \ ǽ कृपनाई। होइ ͩ€ खेम कुसल रौताई।।
छाड़हु बचनु ͩ€ धीरजु धरहू। ‡ Ǔ“ अबला ǔ‡ ͧ˜ € ǽ“ ȡ करहू।।
तनु Ǔ ™ तनय धामु धनु धरनी।   י   Ȳ’ कहुँ तन
ृ सम बरनी।।
दो0-मरम बचन   ǕǓ“ राउ कह कहु कछु दोषु न तोर।
लागेउ  ȪǑ¡ ͪ”  ȡ… ǔ‡ ͧ˜ कालु कहावत मोर।।35।।û
–*–*–
चहत न भरत — Ǘ”  Ǒ¡ — ȪšɅ@ǒ–ͬ’ बस € Ǖ˜ Ǔ बसी िजय  ȪšɅ@
@
सो सबु मोर पाप ”ǐš“ ȡ˜ Ǘ@भयउ कुठाहर ‡ ȯǑ¡ Ȳǒ– ͬ’ बामू।।
सुबस –ͧ  Ǒ¡ ͩ• ǐš अवध सुहाई। सब गुन धाम राम Ĥ — Ǖ ȡ_@
@
€ ǐš¡ Ǒ¡ Ȳभाइ सकल सेवकाई। ¡ Ȫ^Ǒ¡ Ǔ ¡ Ǖȱपरु राम बड़ाई।।
तोर कलंकु मोर ”Ǔ†  ȡa @मए
ु हुँ न ͧ˜ ŠǑ¡ न ‡ ȡ^Ǒ¡ काऊ।।
अब  ȪǑ¡ नीक लाग € ǽ सोई। लोचन ओट बैठु मुहु गोई।।
जब › ͬ‚ िजऔं कहउँ कर ‡ Ȫšȣ@तब › ͬ‚ ‡ Ǔ“ कछु € ¡ ͧ  – ¡ Ȫšȣ@
@
ͩ• ǐš ” Ǔ†  ¡Ȱ ͧ  अंत अभागी। ˜ ȡšͧ  गाइ “ ¡ ȡǽ लागी।।
दो0-परे उ राउ € Ǒ¡ € ȪǑŠ ǒ–ͬ’ काहे € šͧ  Ǔ“ ‘ȡ“ @
Ǖ
कपट   ™ ȡǓ“ न € ¡ Ǔ कछु ‡ ȡ‚ Ǔ मनहुँ मसान।ु ।36।।
–*–*–
राम राम रट ǒ–€ › भआ ु ल।ू जनु ǒ–“ Ǖपंख ǒ– ¡ Ȳ‚ बेहाल।ू ।
ǿ‘™ ȱमनाव — Ȫǽ ‡ Ǔ“ होई। šȡ˜ Ǒ¡ जाइ कहै ‡ Ǔ“ कोई।।
उदउ करहु ‡ Ǔ“ šǒ– रघुकुल गुर। अवध ǒ– › Ȫͩ€ सूल ¡ Ȫ^Ǒ¡ उर।।
भूप ĤȢǓ कैकइ € Ǒ‹ “ ȡ_@उभय \ ͬ’ ǒ– ͬ’ रची बनाई।।
ǒ–› ”  “ ”Ǚ Ǒ¡ भयउ ͧ— “ Ǖ  ȡšȡ@बीना बेनु संख ’ ǓǕ“ ɮȡšȡ@
@
”±Ǒ¡ Ȳभाट गन
ु ‚ ȡǑ¡ Ȳगायक। सन
ु त “ ”Ǚ Ǒ¡ जनु › ȡ‚ Ǒ¡ Ȳसायक।।
मंगल सकल   Ȫ¡ ȡǑ¡ Ȳन €Ȱ  Ʌ@  ¡ ‚ ȡͧ˜ Ǔ“ Ǒ¡ ǒ– — ŸǗ “ ‡ Ȱ  Ʌ@
@
 ȯǑ¡ ȲǓ“ ͧ  नीद ” šȣ “ Ǒ¡ काहू। राम दरस लालसा उछाहू।।
दो0-ɮȡš भीर सेवक   ͬ…  € ¡ Ǒ¡ Ȳ` Ǒ‘ šǒ– ‘ȯͨ @
जागेउ अजहुँ न \ ’ ” Ǔ कारनु कवनु ǒ–  ȯͪŸ @
@37।।
–*–*–
”Ǔ† › ȯपहर भूपु Ǔ“  जागा। आजु ¡ ˜ Ǒ¡ बड़ अचरजु लागा।।
जाहु   Ǖ˜ Ȳğ जगावहु जाई। € ȧǔ‡ \ काजु रजायसु पाई।।
गए   Ǖ˜ Ȳğ Ǖतब राउर ˜ ȡ¡ ȣ@‘ȯͨ भयावन जात Œȯšȡ¡ ȣȲ@
@
धाइ खाइ जनु जाइ न हे रा। मानहुँ ǒ– ” Ǔ ǒ–Ÿ ȡ‘ बसेरा।।
” †Ǘ Ʌकोउ न a  ǽ दे ई। गए ‡ ɅǑ¡ Ȳभवन भपू कैकैई।।
€ Ǒ¡ जयजीव बैठ ͧ  ǽ नाई। ‘Ȱͨ भूप ‚ Ǔ गयउ सुखाई।।
सोच ǒ–€ › ǒ––š“ ˜ Ǒ¡ परे ऊ। मानहुँ कमल मूलु ” ǐš¡ šȯa @ @
  ͬ… ` सभीत सकइ “ Ǒ¡ Ȳ” ȱǗ† Ȥ@– Ȫ› ȣ असुभ — šȣ सुभ † Ǘ† Ȥ@
@
दो0-”šȣ न šȡ‡ Ǒ¡ नीद Ǔ“ ͧ  हे तु जान ‡ ‚ ‘ȣ  @
Ǖ
रामु रामु šǑŠ — Ȫǽ ͩ€ ™ कहइ न मरमु ˜ ¡ ȣ  @ Ǖ@38।।
–*–*–
आनहु šȡ˜ Ǒ¡ –ȯͬ‚ बोलाई। समाचार तब पँछ ू े हु आई।।
चलेउ   ˜Ǖ Ȳğ राय Ǿ  जानी। लखी € Ǖ… ȡͧ› € ȧǔÛ¡ कछु रानी।।
सोच ǒ– € › मग परइ न पाऊ। šȡ˜ Ǒ¡ – Ȫͧ› € Ǒ¡ Ǒ¡ का राऊ।।
उर ’ ǐš धीरजु गयउ ‘ ]Ǖ šɅ@” Ǘ† ȱǑ¡ Ȳसकल ‘ȯͨ मनु ˜ ȡšɅ@
@
समाधानु € ǐš सो   –¡ ȣ का। गयउ जहाँ Ǒ‘“ € š कुल Šȣ€ ȡ@
@
रामु   ˜
Ǖ Ȳğ Ǒ¡ आवत दे खा। ] ‘ǽ € ȧÛ¡ ͪ” ȡ सम लेखा।।
Ǔ“ šͨ बदनु € Ǒ¡ भप
ू रजाई। šƒ €Ǖ Ǖ› ‘ȣ”Ǒ¡ चलेउ लेवाई।।
रामु € Ǖ— ȡȱǓ   ͬ…  सँग ‡ ȡ¡ ȣ@
Ȳ ‘ȯͨ लोग जहँ तहँ ǒ–›  ȡ¡ ȣȲ@
@
दो0-जाइ ‘ȣ šƒ Ǖ– Ȳ  ˜ Ǔ“ “ š” Ǔ Ǔ“ ” Š कुसाजु।।
  ¡ ͧ˜ परे उ › ͨ ͧ  ǓȲƒ Ǔ“ Ǒ¡ मनहुँ – ƨǙ गजराजु।।39।।
–*–*–
  Ǘ Ǒ¡ Ȳअधर जरइ सबु अंगू। मनहुँ ‘ȣ“ ˜ Ǔ“ ¡ ȣ“ भुअंगू।।
  ǽŸ समीप ‘ȣͨ कैकेई। मानहुँ मीचु ƒ šȣ ‚ Ǔ“ लेई।।
€ ǽ“ ȡ˜ ™ मद
ृ ु राम सुभाऊ। Ĥ ˜ ‘ȣ दख
ु ु सुना न काऊ।।
 ‘ͪ” धीर ’ ǐš समउ ǒ–… ȡšȣ@” ȱ†Ǘ Ȥ मधरु बचन ˜ ¡  ȡšȣ@
@
˜ ȪǑ¡ कहु मातु तात दख ु कारन। € ǐš\ जतन ‡ ȯǑ¡ Ȳहोइ Ǔ“ ȡš“ @ @
सुनहु राम सबु कारन एहू। šȡ‡ Ǒ¡ तम ु पर बहुत सनेहू।।
दे न € ¡ ȯǔÛ¡ ˜ ȪǑ¡ दइु बरदाना। मागेउँ जो कछु ˜ ȪǑ¡ सोहाना।
सो   ǕǓ“ भयउ भूप उर सोच।ू † ȡͫ° न   € Ǒ¡ Ȳ à
Ǖ ¡ ȡš सँकोच।ू ।
दो0-सत
ु सनेह इत बचनु उत संकट परे उ नरे स।ु
सकहु न आयसु धरहु ͧ  š मेटहु € Ǒ‹ “ कलेस।ु ।40।।
–*–*–
Ǔ“ ’ š€ – Ȱ
Ǒ‹ कहइ कटु बानी। सन
ु त € Ǒ‹ “  ȡ \ Ǔ अकुलानी।।
जीभ कमान बचन सर नाना। मनहुँ ˜ Ǒ¡ ” मद
ृ ु › Í † समाना।।
जनु कठोरपनु ’ šɅ  šȣǾ @ͧ   ^ ’ “ ǕŸ ǒ–ɮ™ ȡ बर –ȢǾ @
@
सब Ĥ   Ȳ‚ Ǖšƒ Ǖ” Ǔ Ǒ¡ सुनाई। –ȰǑ‹ मनहुँ तनु ’ ǐš Ǔ“ ‹Ǖšȡ_@
@
मन मुसकाइ भानुकुल भानु। रामु सहज आनंद Ǔ“ ’ ȡ“ Ǘ @@
बोले बचन ǒ– ‚  सब दष
ू न। मद
ृ ु मंजल
ु जनु बाग ǒ– — ŸǗ “ @
@
सन
ु ु जननी सोइ सत
ु ु बड़भागी। जो ͪ”  Ǖमातु बचन अनरु ागी।।
तनय मातु ͪ” Ǖ ȪŸǓ“ ¡ ȡšȡ@‘ ›Ǖ —[ ‡ “ Ǔ“ सकल संसारा।।
दो0-˜ ǕǓ“ ‚ “ ͧ˜ › “ Ǖǒ–   ȯͪŸ बन   – Ǒ¡ — ȡȱǓ Ǒ¡  मोर।
 ȯǑ¡ महँ ͪ” Ǖआयसु – ¡ Ǖǐš संमत जननी तोर।।41।।
–*–*–
भरत Ĥȡ“ ͪĤ™ ” ȡǑ¡ Ȳराजू। ǒ–ͬ’ सब ǒ– ͬ’ ˜ ȪǑ¡ सनमुख आजु।
‡ ɉ न जाउँ बन ऐसेहु काजा। Ĥ  ˜ ‚ Ǔ“ \ ˜ ȪǑ¡ मूढ़ समाजा।।
  ȯ Ǒ¡ Ȳअरँडु € › ”  ǽ י ȡ‚ Ȣ@” ǐš¡ ǐš अमत
ृ › ȯǑ¡ Ȳǒ–Ÿ Ǖमागी।।
तेउ न पाइ अस समउ … €Ǖ ȡ¡ ȣȲ@दे खु ǒ– … ȡǐš मातु मन ˜ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
अंब एक दख
ु ु ˜ ȪǑ¡ ǒ–   ȯŸ Ȣ@Ǔ“ ”Š ǒ–€ › नरनायकु दे खी।।
 ȪǐšǑ¡ Ȳबात ͪ” Ǒ¡ दख
ु — ȡšȣ@¡ ȪǓ Ĥ  ȢǓ न ˜ ȪǑ¡ ˜ ¡  ȡšȣ@
@
राउ धीर गुन ` ‘ͬ’ अगाध।ू भा ˜ ȪǑ¡ ते कछु बड़ अपराध।ू ।
‡ ȡ Ʌ˜ ȪǑ¡ न कहत कछु राऊ। ˜ Ȫǐš सपथ  ȪǑ¡ कहु   Ǔ — ȡa @
@
दो0-सहज सरल रघब ु र बचन € Ǖ˜ Ǔ € ǕǑŠ› € ǐš जान।
चलइ ‡ ɉ€ जल –Đ ‚ Ǔ ‡ ɮ™ ͪ”   ͧ› › Ǖसमान।।42।।
–*–*–
रहसी šȡǓ“ राम ǽ पाई। –Ȫ› ȣ कपट सनेहु जनाई।।
सपथ  à
Ǖ ¡ ȡš भरत कै आना। हे तु न दस
ू र मै कछु जाना।।
à
Ǖ ¡ अपराध जोगु “ Ǒ¡ Ȳताता। जननी जनक बंधु सुखदाता।।
राम   י सबु जो कछु कहहू।  à
Ǖ ¡ ͪ” Ǖमातु बचन रत अहहू।।
ͪ” Ǒ¡ बुझाइ कहहु –ͧ› सोई। … ȫ Ʌ” “ ‡ ȯǑ¡ Ȳअजसु न होई।।
à
Ǖ ¡ सम सअ
ु न सक
ु ृ त ‡ ȯǑ¡ Ȳ‘ȣÛ¡ ȯ@` ͬ…  न तासु Ǔ“ šȡ‘ǽ € ȧÛ¡ ȯ@
@
› ȡ‚ Ǒ¡ Ȳकुमख
ु बचन सभ
ु कैसे। मगहँ ‚ ™ ȡǑ‘€ तीरथ जैसे।।
šȡ˜ Ǒ¡ मातु बचन सब भाए। ǔ‡ ͧ˜   šǕ  ǐš गत   ͧ› › सह
ु ाए।।
दो0-गइ ˜ Ǖǽ † ȡ šȡ˜ Ǒ¡   Ǖͧ˜ ǐš नप
ृ ͩ• ǐš करवट › ȣÛ¡ @
  ͬ…  राम आगमन € Ǒ¡ ǒ– “ ™ समय सम € ȧÛ¡ @ @43।।
–*–*–
\ Ǔ“ ” \ € Ǔ“ रामु पगु धारे । ’ ǐš धीरजु तब नयन उघारे ।।
  ͬ…  ȱ  ȱ— ȡǐš राउ बैठारे । चरन परत नप
ृ रामु Ǔ“ ¡ ȡšȯ@
@
ͧ› f सनेह ǒ–€ › उर लाई। गै ˜ Ǔ“ मनहुँ • Ǔ“ € ͩ• ǐš पाई।।
šȡ˜ Ǒ¡ ͬ…  ^ रहे उ नरनाहू। चला ǒ– › Ȫ… “ – ȡǐš Ĥ– ȡ¡ Ǘ@
@
सोक ǒ– –  कछु कहै न पारा। ǿ‘™ ȱलगावत – ȡšǑ¡ Ȳबारा।।
ǒ– ͬ’ Ǒ¡ मनाव राउ मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@‡ ȯǑ¡ Ȳरघुनाथ न कानन ‡ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
  Ǖͧ˜ ǐš ˜ ¡ ȯ  Ǒ¡ कहइ Ǔ“ ¡ Ȫšȣ@ǒ–“  Ȣ सुनहु   ‘ȡͧ   ˜ Ȫšȣ@
@
आसुतोष  à
Ǖ ¡ अवढर दानी। ] šǓ हरहु ‘ȣ“ जनु जानी।।
दो0- àǕ ¡ Ĥȯš€ सब के ǿ‘™ ȱसो ˜ Ǔ šȡ˜ Ǒ¡ दे हु।
बचनु मोर तिज š¡ Ǒ¡ घर ” ǐš¡ ǐš सीलु सनेहु।।44।।
–*–*–
अजसु होउ जग सजु सु नसाऊ। नरक परौ – ǽ   šǕ” ǽǕ जाऊ।।
सब दख
ु दस
ु ह सहावहु ˜ Ȫ¡ ȣ@लोचन ओट रामु ‡ Ǔ“ ¡ ɉ¡ ȣ@
@
अस मन गुनइ राउ “ Ǒ¡ Ȳबोला। पीपर पात   ǐš  मनु डोला।।
šƒ Ǖ” Ǔ ͪ” Ǒ¡ Ĥȯ˜ –  जानी। ” ǕǓ“ कछु € Ǒ¡ Ǒ¡ मातु अनुमानी।।
दे स काल अवसर \ “ Ǖ
  ȡšȣ@बोले बचन ǒ– “ Ȣ ǒ–… ȡšȣ@
@
तात कहउँ कछु करउँ Ǒ‹ ȡ_@\ “ ͬǕ…  Ǖछमब ‡ ȡǓ“ › ǐš€ ȡ_@
@
\ Ǔ लघु बात › ȡͬ‚ दख ु ु पावा। काहुँ न ˜ ȪǑ¡ € Ǒ¡ Ĥ  ˜ जनावा।।
‘ȯͨ ‚ Ȫ  ȡ^ȱǑ¡ ” ȱǓǗ† `ȱमाता।   ǓǕ“ Ĥ  ‚Ȳ Ǖभए सीतल गाता।।
दो0-मंगल समय सनेह बस सोच ” ǐš¡ ǐš\ तात।
आयसु दे इअ ¡ šͪŸ Ǒ¡ ™ ȱ€ Ǒ¡ पुलके Ĥ— Ǖगात।।45।।
–*–*–
’ ۙ जनमु जगतीतल तासू। ͪ”  Ǒ¡ Ĥ ˜ Ȫ‘ Ǖ… ǐš   ǕǓ“ जासू।।
… ȡǐš पदारथ करतल  ȡ€Ʌ@ͪĤ ™ ͪ”  Ǖमातु Ĥ ȡ“ सम ‡ ȡ€Ʌ@
@
आयसु ”ȡͧ› जनम फलु पाई। ऐहउँ –ȯͬ‚ Ǒ¡ Ȳहोउ रजाई।।
ǒ– ‘ȡ मातु सन आवउँ मागी। … ͧ› ¡ `ȱ– “ Ǒ¡ – ¡ Ǖǐš पग लागी।।
अस € Ǒ¡ राम गवनु तब € ȧÛ¡ ȡ@भप ू सोक बसु `  ǽ न ‘ȣÛ¡ ȡ@ @
नगर ޙ ȡͪ” गइ बात   Ǖ Ȣ† Ȥ@छुअत … ±ȣ जनु सब तन – Ȣ† Ȥ@
@
  ǕǓ“ भए ǒ–€ › सकल नर “ ȡšȣ@–ȯͧ› ǒ–Š” ǔ‡ ͧ˜ ‘ȯͨ ‘ ȡšȣ@
@
जो जहँ सुनइ धन
ु इ ͧ  ǽ सोई। बड़ ǒ–Ÿ ȡ‘ Ǖ“ Ǒ¡ Ȳधीरजु होई।।
दो0-मख
ु   Ǖ ȡǑ¡ Ȳलोचन èğ Ǒ¡ सोकु न ǿ‘™ ȱसमाइ।
मनहुँ ०€ ǽ“ रस कटकई `  šȣ अवध बजाइ।।46।।
–*–*–
ͧ˜ › ȯǑ¡ माझ ǒ–ͬ’ बात –ȯ‚ ȡšȣ@जहँ तहँ ‘ȯǑ¡ Ȳ€Ȱ€ȯ^Ǒ¡ ‚ ȡšȣ@
@
f Ǒ¡ ” ȡͪ” Ǔ“ Ǒ¡ – ͨǗˆ का परे ऊ। छाइ भवन पर पावकु धरे ऊ।।
Ǔ“ ‡ कर नयन € ȡǑ± चह ‘ȣ ȡ@Œȡǐš सुधा ǒ– Ÿ Ǖचाहत चीखा।।
€ ǕǑŠ› कठोर € Ǖ– Ǖͪƨ अभागी। भइ रघुबंस बेनु बन आगी।।
पालव –ȰǑ‹ पेड़ु f Ǒ¡ Ȳकाटा। सुख महुँ सोक ठाटु ’ ǐš ठाटा।।
सदा रामु f Ǒ¡ Ĥ ȡ“ समाना। कारन कवन € ǕǑŠ› ”“ Ǖठाना।।
  י € ¡ Ǒ¡ Ȳ€ ǒ– “ ȡǐš सभ ु ाऊ। सब ǒ–ͬ’ अगहु अगाध दरु ाऊ।।
Ǔ“ ‡ Ĥ Ǔ ǒ– –ȲǕ–ǽ€ Ǖ ‚ Ǒ¡ जाई। ‡ ȡǓ“ न जाइ “ ȡǐš ‚ Ǔ भाई।।
दो0-काह न पावकु ‡ ȡǐš सक का न   ˜ Ǖġ समाइ।
का न करै अबला Ĥ –› €ȯǑ¡ जग कालु न खाइ।।47।।
–*–*–
का सुनाइ ǒ– ͬ’ काह सुनावा। का दे खाइ चह काह दे खावा।।
एक € ¡ Ǒ¡ Ȳभल भूप न € ȧÛ¡ ȡ@– ǽ ǒ– … ȡǐš “ Ǒ¡ Ȳ€ Ǖ˜ Ǔ Ǒ¡ ‘ȣÛ¡ ȡ@
@
जो ¡ Ǒ‹ भयउ सकल दख
ु भाजनु। अबला ǒ– –  ʙ ȡ“ Ǖगुनु गा जनु।।
एक धरम ”šͧ˜ Ǔ ” Ǒ¡ … ȡ“ ȯ@“ ”Ǚ Ǒ¡ दोसु “ Ǒ¡ Ȳ‘ȯǑ¡ Ȳसयाने।।
ͧ  ǒ– ‘’ Ȣͬ… ¡ ǐš… ‘Ȳ कहानी। एक एक सन € ¡ Ǒ¡ Ȳबखानी।।
एक भरत कर संमत € ¡ ¡ ȣȲ@एक उदास भायँ   ǕǓ“ š¡ ¡ ȣȲ@
@
कान ˜ ǗǑ‘ कर रद ‚ Ǒ¡ जीहा। एक € ¡ Ǒ¡ Ȳयह बात \ › ȣ¡ ȡ@
@
सुकृत ‡ ȡǑ¡ Ȳअस कहत  à Ǖ ¡ ȡšȯ@रामु भरत कहुँ Ĥ ȡ“ ͪ” ] šȯ@
@
दो0-चंद ु चवै – ǽ अनल कन सध ु ा होइ ǒ–Ÿ  ›Ǘ @
सपनेहुँ कबहुँ न € šǑ¡ Ȳͩ€ † Ǖ भरतु राम Ĥ Ǔ € Ǘ› @@48।।
–*–*–
एक ǒ–’ ȡ Ǒ¡ Ȳदषू नु ‘Ʌ¡ ȣȲ@सध
ु ा दे खाइ ‘ȣÛ¡ ǒ–Ÿ Ǖ‡ ȯ¡ ȣȲ@
@
 š— ǽ नगर सोचु सब काहू। दस
ु ह दाहु उर ͧ˜ Šȡ उछाहू।।
ǒ–Ĥ – ’ Ǘ€ Ǖ› ˜ ȡۙ ‡ ‹ȯšȣ@जे ͪĤ ™ परम कैकेई €ȯšȣ@
@
लगीं दे न ͧ   सीलु   šȡ¡ ȣ@बचन बानसम › ȡ‚ Ǒ¡ Ȳ ȡ¡ ȣ@
@
भरतु न ˜ ȪǑ¡ ͪĤ™ राम समाना। सदा कहहु यहु सबु जगु जाना।।
करहु राम पर सहज सनेहू। €ȯǑ¡ Ȳअपराध आजु बनु दे हू।।
कबहुँ न ͩ€ ™ ¡ Ǖ  Ǔ आरे स।ू Ĥ ȢǓ Ĥ  ȢǓ जान सबु दे स।ू ।
€ ȫ  㙠ȡȱअब काह ǒ–‚ ȡšȡ@ à Ǖ ¡ ‡ ȯǑ¡ › ȡͬ‚ – ė परु पारा।।
दो0-सीय ͩ€ ͪ”™ सँगु ” ǐš¡ ǐšǑ¡ लखनु ͩ€ šǑ¡ ¡ Ǒ¡ Ȳधाम।
राजु ͩ€ भँज
ू ब भरत पुर नपृ ु ͩ€ ǔ‡ ^Ǒ¡ ǒ– “ Ǖराम।।49।।
–*–*–
अस ǒ– … ȡǐš उर छाड़हु कोहू। सोक कलंक € ȪǑ‹ ‡ Ǔ“ होहू।।
— š Ǒ¡ \  ͧ  दे हु जुबराजू। कानन काह राम कर काजू।।
“ ȡǑ¡ “ रामु राज के भूखे। धरम ’ šǕȣ“ ǒ– Ÿ™ रस Ǿ  ȯ@
@
गरु गह ृ बसहुँ रामु तिज गेहू। नप ृ सन अस –ǽ दस ू र लेहू।।
‡ ɋ “ Ǒ¡ Ȳ› ͬ‚ ¡ ¡ Ǖ€ ¡ Ʌहमारे । “ Ǒ¡ Ȳ› ȡͬ‚ Ǒ¡ कछु हाथ  àǕ ¡ ȡšȯ@
@
‡ ɋ ” ǐš¡ ȡ  € ȧǔÛ¡ कछु होई। तौ € Ǒ¡ Ĥ ‚ Š जनावहु सोई।।
राम   ǐš  सुत कानन जोगू। काह € Ǒ¡ Ǒ¡   ǕǓ“  àǕ ¡ कहुँ लोगू।।
उठहु –ȯͬ‚ सोइ करहु उपाई। ‡ ȯǑ¡ ǒ– ͬ’ सोकु कलंकु नसाई।।
छं 0-‡ ȯǑ¡ — ȡȱǓ सोकु कलंकु जाइ उपाय € ǐš कुल ” ȡ› ¡ ȣ@
¡ Ǒ‹ •ȯǽ šȡ˜ Ǒ¡ जात बन ‡ Ǔ“ बात ‘  Ǘ ǐš … ȡ› ¡ ȣ@
@
ǔ‡ ͧ˜ भानु ǒ– “ ǕǑ‘“ ǕĤȡ“ ǒ– “ Ǖतनु चंद ǒ–“ Ǖǔ‡ ͧ˜ ‡ ȡͧ˜ “ Ȣ@
Ǔ ͧ˜ अवध तल
ु सीदास Ĥ — Ǖǒ– “ Ǖ  ˜ Ǖͨˆ ’ ɋ िजयँ — ȡͧ˜ “ Ȣ@
@
सो0-  ͨ Û¡ ͧ   ȡ“ Ǖ‘ȣÛ¡ सुनत मधरु ” ǐš“ ȡ˜ Ǒ¡  @
तेइँ कछु कान न € ȧÛ¡ € ǕǑŠ› Ĥ –Ȫ’ Ȣ € Ǘ– šȣ@
@50।।
`  ǽ न दे इ दस
ु ह ǐš  Ǿ  Ȣ@˜ ͬǙ‚ Û¡ ͬ…   जनु – ȡǓƒ Ǔ“ भूखी।।
ޙ ȡͬ’ \   ȡͬ’ ‡ ȡǓ“ Ǔ Û¡ י ȡ‚ Ȣ@… › ȣȲकहत ˜ Ǔ ˜ Ȳ‘ अभागी।।
राजु करत यह दै अँ ǒ–‚ Ȫ_@€ ȧÛ¡ ȯͧ  अस जस करइ न कोई।।
f Ǒ¡ ǒ– ͬ’ ǒ– › ” Ǒ¡ Ȳपरु नर “ ȡšȣȲ@‘ȯǑ¡ Ȳ€ Ǖ… ȡͧ› Ǒ¡ € ȪǑŠ€ ‚ ȡšȣȲ@
@
‡ šǑ¡ Ȳǒ–Ÿ˜ जर › ȯǑ¡ Ȳउसासा। €  Ǔ“ राम ǒ– “ Ǖजीवन आसा।।
ǒ–” Ǖ› ǒ–™ Ȫ‚ Ĥ ‡ ȡ अकुलानी। जनु जलचर गन सूखत पानी।।
\ Ǔ ǒ–Ÿȡ‘ बस लोग लोगाई। गए मातु ”Ǒ¡ Ȳरामु गोसाई।।
मुख Ĥ  ۓ ͬ…  चौगुन चाऊ। ͧ˜ Šȡ सोचु ‡ Ǔ“ राखै राऊ।।
दो-नव गयंद ु रघब
ु ीर मनु राजु अलान समान।
छूट ‡ ȡǓ“ बन गवनु   ǓǕ“ उर अनंद ु \ ͬ’ € ȡ“ @
@51।।
šƒ Ǖ€ Ǖ› Ǔ › € ‡ Ȫǐš दोउ हाथा। ˜ ǕǑ‘ मातु पद नायउ माथा।।
‘ȣǔÛ¡ असीस लाइ उर › ȣÛ¡ ȯ@भूषन बसन Ǔ“ † ȡǐš € ȧÛ¡ ȯ@
@
बार बार मुख … –ǕȲ Ǔ माता। नयन नेह जलु ” Ǖ› ͩ€  गाता।।
गोद šȡͨ ” ǓǕ“ ǿ‘™ ȱलगाए। è𝏠Ĥȯ“ š  पयद सह
ु ाए।।
Ĥȯ˜ ǕĤ˜ Ȫ‘ Ǖन कछु € Ǒ¡ जाई। रं क धनद पदबी जनु पाई।।
सादर संद
ु र बदनु Ǔ“ ¡ ȡšȣ@–Ȫ› ȣ मधरु बचन ˜ ¡  ȡšȣ@
@
कहहु तात जननी –ͧ› ¡ ȡšȣ@€ –Ǒ¡ Ȳलगन मुद ˜ Ȳ‚ › € ȡšȣ@
@
सुकृत सील सख
ु सीवँ सुहाई। जनम लाभ कइ \  ͬ’ अघाई।।
दो0- ‡ ȯǑ¡ चाहत नर “ ȡǐš सब \ Ǔ आरत f Ǒ¡ — ȡȱǓ @
ǔ‡ ͧ˜ चातक … ȡ ͩ€  ͪǙŸ  – ǔǙçŠ सरद ǐš Ǖè ȡǓ @
@52।।
–*–*–
तात जाउँ –ͧ› –ȯͬ‚ नहाहू। जो मन भाव मधरु कछु खाहू।।
ͪ”  Ǖसमीप तब जाएहु भैआ। भइ – ͫ° बार जाइ – ͧ› मैआ।।
मातु बचन   ǕǓ“ \ Ǔ अनुकूला। जनु सनेह   Ǖš ǽ के फूला।।
सख
ु मकरं द भरे ͬĮ ™ ˜ ›Ǘ ȡ@Ǔ“ šͨ राम मनु —  ǽȱन भल
ू ा।।
धरम ’ šǕȣ“ धरम ‚ Ǔ जानी। कहे उ मातु सन \ Ǔ मद
ृ ु बानी।।
ͪ” ȡȱ‘ȣÛ¡ ˜ ȪǑ¡ कानन राज।ू जहँ सब — ȡȱǓ मोर बड़ काज।ू ।
आयसु ‘ȯǑ¡ ˜ ǕǑ‘ मन माता। ‡ ȯǑ¡ Ȳमुद मंगल कानन जाता।।
‡ Ǔ“ सनेह बस Œš”ͧ  — ȪšɅ@आनँद ु अंब \ “ ĒǕ ¡  ȪšɅ@
@
दो0-बरष … ȡǐš‘  ǒ–ͪ”“ – ͧ  € ǐš ͪ”  Ǖबचन Ĥ˜ ȡ“ @
आइ पाय ” ǓǕ“ ‘ȯͨ ¡ `ȱमनु ‡ Ǔ“ € šͧ  मलान।।53।।
–*–*–
बचन ǒ– “ Ȣ मधरु रघुबर के। सर सम लगे मातु उर करके।।
  ¡ ͧ˜   ͨǗ   ǓǕ“   Ȣ ͧ› बानी। ǔ‡ ͧ˜ जवास ”šɅपावस पानी।।
€ Ǒ¡ न जाइ कछु ǿ‘™ ǒ– Ÿȡ‘ @
Ǘ मनहुँ मग
ृ ी   ǓǕ“ €ȯ¡ ǐš नाद।ू ।
नयन सजल तन थर थर काँपी। ˜ ȡ‡ Ǒ¡ खाइ मीन जनु मापी।।
’ ǐš धीरजु सुत बदनु Ǔ“ ¡ ȡšȣ@गदगद बचन € ¡ Ǔ ˜ ¡  ȡšȣ@
@
तात ͪ” Ǒ¡  à
Ǖ ¡ Ĥȡ“ ͪ”] šȯ@‘ȯͨ ˜ ǕǑ‘ Ǔ“  … ǐš  à
Ǖ ¡ ȡšȯ@
@
राजु दे न कहुँ सभु Ǒ‘“ साधा। कहे उ जान बन €ȯǑ¡ Ȳअपराधा।।
तात सन ु ावहु ˜ ȪǑ¡ Ǔ“ ‘ȡ“ @
Ǘ को Ǒ‘“ € š कुल भयउ कृसान।ू ।
दो0-Ǔ“ šͨ राम ǽ   ͬ…   Ǖ कारनु कहे उ बझ
ु ाइ।
  ǕǓ“ Ĥ   Ȳ‚ ǕšǑ¡ मूक ǔ‡ ͧ˜ दसा –šǓ“ “ Ǒ¡ Ȳजाइ।।54।।
–*–*–
šȡͨ न सकइ न € Ǒ¡ सक जाहू। दहु ू ँ — ȡȱǓ उर ‘ȡǽ“ दाहू।।
ͧ›   सुधाकर गा ͧ› ͨ राहू। ǒ– ͬ’ ‚ Ǔ बाम सदा सब काहू।।
धरम सनेह उभयँ ˜ Ǔ ƒ ȯšȣ@भइ ‚ Ǔ साँप † Ǖ† ǕȲ‘ǐš €ȯšȣ@
@
राखउँ   Ǖ Ǒ¡ करउँ अनरु ोध।ू धरमु जाइ \ ǽ बंधु ǒ– šȪ’ @
Ǘ@
कहउँ जान बन तौ –ͫ° हानी। संकट सोच ǒ––   भइ रानी।।
– ¡ Ǖǐš   ˜ ͨǕˆ Ǔ ™ धरमु सयानी। रामु भरतु दोउ सत
ु सम जानी।।
सरल सुभाउ राम ˜ ¡  ȡšȣ@– Ȫ› ȣ बचन धीर ’ ǐš — ȡšȣ@
@
तात जाउँ –ͧ› € ȧÛ¡ ȯ¡ Ǖनीका। ͪ”  Ǖआयसु सब धरमक Šȣ€ ȡ@
@
दो0-राजु दे न € Ǒ¡ ‘ȣÛ¡ बनु ˜ ȪǑ¡ न सो दख
ु लेसु।
àǕ ¡ ǒ– “ Ǖ— š Ǒ¡ — ”Ǘ Ǔ Ǒ¡ Ĥ ‡ Ǒ¡ Ĥ … ŒȲ कलेस।ु ।55।।
–*–*–
‡ ɋ केवल ͪ” Ǖआयसु ताता। तौ ‡ Ǔ“ जाहु ‡ ȡǓ“ – ͫ° माता।।
‡ ɋ ͪ” Ǖमातु कहे उ बन जाना।  ɋ कानन सत अवध समाना।।
ͪ” Ǖबनदे व मातु बनदे वी। खग मग
ृ चरन   šȪǽ¡ सेवी।।
अंतहुँ ` ͬ…  “ ”Ǚ Ǒ¡ बनबासू। बय ǒ– › Ȫͩ€ Ǒ¡ ™ ȱहोइ हराँसू।।
बड़भागी बनु अवध अभागी। जो šƒ Ǖ– Ȳ  Ǔ › €  à
Ǖ ¡ י ȡ‚ Ȣ@
@
‡ ɋ सुत कहौ संग ˜ ȪǑ¡ लेहू।  à
Ǖ ¡ šȯǿ‘™ ȱहोइ संदेहू।।
पत
ू परम ͪĤ ™  à
Ǖ ¡   –¡ ȣ के। Ĥ ȡ“ Ĥȡ“ के जीवन जी के।।
ते  à
Ǖ ¡ कहहु मातु बन जाऊँ। ˜ ɇ  ǓǕ“ बचन – ȰǑ‹ ”Ǔ†  ȡaȱ@
@
दो0-यह ǒ– … ȡǐš “ Ǒ¡ Ȳकरउँ हठ झठ
ू सनेहु बढ़ाइ।
˜ ȡǓ“ मातु कर नात –ͧ›   ǕšǓ ǒ–  ǐš ‡ Ǔ“ जाइ।।56।।
–*–*–
दे व ͪ”  š सब  Û
Ǖ¡ Ǒ¡ गोसाई। राखहुँ पलक नयन € ȧ नाई।।
\ ͬ’ अंबु ͪĤ™ ”ǐš‡ “ मीना।  à Ǖ ¡ € ǽ“ ȡ€ š धरम ’ Ǖšȣ“ ȡ@
@
अस ǒ–… ȡǐš सोइ करहु उपाई।   –Ǒ¡ िजअत ‡ ȯǑ¡ Ȳ— ɅŠȯ¡ Ǖआई।।
जाहु सख
ु ेन –“ Ǒ¡ –ͧ› जाऊँ। € ǐš अनाथ जन ” ǐš‡ “ गाऊँ।।
सब कर आजु सक
ु ृ त फल बीता। भयउ कराल कालु ǒ– ”šȣ ȡ@
@
– ¡ Ǖǒ– ͬ’ ǒ–› ͪ” चरन लपटानी। परम \ — ȡͬ‚ Ǔ“ ] ” ǑǕ¡ जानी।।
‘ȡǽ“ दसु ह दाहु उर ޙ ȡ” ȡ@–šǓ“ न ‡ ȡǑ¡ Ȳǒ–› ȡ” कलापा।।
राम उठाइ मातु उर लाई। € Ǒ¡ मद ृ ु बचन – ¡ Ǖǐš समुझाई।।
दो0-समाचार  ȯǑ¡ समय   ǕǓ“ सीय ` ‹ Ȥ अकुलाइ।
जाइ सासु पद कमल जग ु – ȲǑ‘ – ȰǑ‹ ͧ  ǽ नाइ।।57।।
–*–*–
‘ȣǔÛ¡ असीस सासु मदृ ु बानी। \ Ǔ   Ǖ€ Ǖ˜ ȡǐš ‘ȯͨ अकुलानी।।
–ȰǑ‹ “ ͧ˜  ˜ Ǖ   Ȫ… Ǔ सीता। Ǿ ” šȡͧ  ”Ǔ Ĥȯ˜ पन
ु ीता।।
चलन चहत बन जीवननाथ।ू €ȯǑ¡ सक
ु ृ ती सन ¡ Ȫ^Ǒ¡ साथ।ू ।
€ ȧ तनु Ĥȡ“ ͩ€ केवल Ĥ ȡ“ ȡ@ǒ–ͬ’ करतबु कछु जाइ न जाना।।
… ȡǽ चरन नख › ȯ Ǔ धरनी। नूपुर मुखर मधरु € ǒ– बरनी।।
मनहुँ Ĥȯ˜ बस ǒ–“  Ȣ € š¡ ȣȲ@¡ ˜ Ǒ¡ सीय पद ‡ Ǔ“ ” ǐš¡ š¡ ȣ@
Ȳ@
मंजु ǒ– › Ȫ… “ ˜ Ȫ… Ǔ –ȡšȣ@– Ȫ› ȣ ‘ȯͨ राम ˜ ¡  ȡšȣ@
@
तात सन
ु हु ͧ  ™ \ Ǔ   €Ǖ Ǖ˜ ȡšȣ@सासु ससरु ” ǐš‡ “ Ǒ¡ ͪ”] šȣ@
@
दो0-ͪ” ȡ जनक भप
ू ाल ˜ Ǔ“ ससरु भानक
ु ु ल भान।ु
”Ǔ šǒ–€ Ǖ› कैरव ǒ–ͪ”“ ǒ– ’ Ǖगुन Ǿ ” Ǔ“ ’ ȡ“ Ǖ@
@58।।
–*–*–
˜ ɇ” ǕǓ“ ” Ǖğ – ’ ǗͪĤ ™ पाई। Ǿ ” šȡͧ  गुन सील सुहाई।।
नयन ” Ǖ
 ǐš € ǐš ĤȢǓ बढ़ाई। राखेउँ Ĥȡ“ ‡ ȡǓ“ ͩ€ Ǒ¡ Ȳलाई।।
€ › ”–ȯͧ› ǔ‡ ͧ˜ – ¡ Ǖǒ–ͬ’ › ȡ› ȣ@  ȢȲͬ… सनेह   ͧ› › Ĥ Ǔ ” ȡ› ȣ@
@
फूलत फलत भयउ ǒ–ͬ’ बामा। ‡ ȡǓ“ न जाइ काह ” ǐš“ ȡ˜ ȡ@ @
पलँ ग पीठ तिज गोद Ǒ¡ °ȲȪšȡ@ͧ  ™ ȱन ‘ȣÛ¡ पगु \  Ǔ“ कठोरा।।
ǔ‡ \ “ ˜ ǐǗš ǔ‡ ͧ˜ जोगवत रहऊँ। ‘ȣ” –ȡǓ “ Ǒ¡ Ȳटारन कहऊँ।।
सोइ ͧ  ™ चलन … ¡ Ǔ बन साथा। आयसु काह होइ रघुनाथा।
चंद ͩ€ š“ रस šͧ  € … € Ȫšȣ@šǒ– ǽ नयन सकइ ͩ€ ͧ˜ ‡ Ȫšȣ@
@
दो0-€ ǐš €ȯ¡ ǐš Ǔ“ ͧ  … š … šǑ¡ Ȳ‘ çǕŠ जंतु बन — Ǘǐš@
ǒ– Ÿ –ȡǑŠ€ ȡȱͩ€ सोह सत ु सभ
ु ग   ‡ Ȣ Ǔ“ ˜ ǐǗš@@59।।
–*–*–
बन Ǒ¡  कोल ͩ€ šȡ ͩ€   Ȫšȣ@रचीं ǒ– šȲͬ… ǒ– Ÿ™ सुख — Ȫšȣ@
@
पाइन € Ǚͧ˜ ǔ‡ ͧ˜ € Ǒ‹ “ सभ
ु ाऊ। Ǔ Û¡ Ǒ¡ कलेसु न कानन काऊ।।
कै तापस Ǔ ™ कानन जोग।ू ǔ‡ Û¡ तप हे तु तजा सब भोग।ू ।
ͧ  ™ बन –ͧ  Ǒ¡ तात €ȯǑ¡ भाँती। ͬ… ğͧ› ͨ  € ͪ” ‘ȯͨ डेराती।।
सुरसर सुभग बनज बन … ȡšȣ@डाबर जोगु ͩ€ ¡ Ȳ  € Ǖ˜ ȡšȣ@
@
अस ǒ–… ȡǐš जस आयसु होई। ˜ ɇͧ   दे उँ ‡ ȡ“ ͩ€ Ǒ¡ सोई।।
‡ ɋ ͧ  ™ भवन रहै कह अंबा। ˜ ȪǑ¡ कहँ होइ बहुत अवलंबा।।
  ǓǕ“ रघबु ीर मातु ͪĤ™ बानी। सील सनेह सधु ाँ जनु सानी।।
दो0-€ Ǒ¡ ͪĤ™ बचन ǒ– –ȯ€ ˜ ™ € ȧǔÛ¡ मातु ” ǐš ȪŸ @
लगे Ĥ –Ȫ’ “ ‡ ȡ“ ͩ€ Ǒ¡ Ĥ ‚ ǑŠ ǒ–ͪ” “ गुन दोष।।60।।
मासपारायण, चौदहवाँ ͪ Į ȡ˜
–*–*–
मातु समीप कहत   € Ǖ… ȡ¡ ȣȲ@बोले समउ   ˜ ͨǕˆ मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
šȡ‡ € Ǖ˜ ȡǐš ͧ   ȡ“ सन
ु हू। आन — ȡȱǓ िजयँ ‡ Ǔ“ कछु गन
ु हू।।
आपन मोर नीक ‡ ɋ चहहू। बचनु हमार ˜ ȡǓ“ गहृ रहहू।।
आयसु मोर सासु सेवकाई। सब ǒ–ͬ’ — ȡͧ˜ Ǔ“ भवन भलाई।।
f Ǒ¡ ते \ ͬ’ € धरमु “ Ǒ¡ Ȳदज
ू ा। सादर सासु ससुर पद पूजा।।
जब जब मातु € ǐšǑ¡   ͬǕ’ ˜ Ȫšȣ@¡ Ȫ^Ǒ¡ Ĥȯ˜ ǒ– € › ˜ Ǔ — Ȫšȣ@
@
तब तब  à
Ǖ ¡ € Ǒ¡ कथा परु ानी।   Ȳ‘Ǖ ǐš समझ
ु ाएहु मद
ृ ु बानी।।
कहउँ सभ
ु ायँ सपथ सत ˜ Ȫ¡ ȣ@  ˜Ǖ ͨǕ मातु Ǒ¡  राखउँ  Ȫ¡ ȣ@
@
दो0-गुर Į ǓǕ संमत धरम फलु पाइअ ǒ–“ Ǒ¡ Ȳकलेस।
हठ बस सब संकट सहे गालव नहुष नरे स।।61।।
–*–*–
˜ ɇ” ǓǕ“ € ǐš Ĥȡ“ ͪ” Ǖबानी। –ȯͬ‚ ͩ• š– सुनु   Ǖ˜ Ǖͨ सयानी।।
Ǒ‘  जात “ Ǒ¡ Ȳ› ȡͬ‚ Ǒ¡ बारा।   ǕȲ‘ ǐš ͧ    “ Ǖसुनहु हमारा।।
जौ हठ करहु Ĥȯ˜ बस बामा। तौ  à Ǖ ¡ दख
ु ु पाउब ” ǐš“ ȡ˜ ȡ@
@
काननु € Ǒ‹ “ — ™ Ȳ€ ǽ — ȡšȣ@घोर घामु Ǒ¡ ˜ –ȡǐš – ™ ȡšȣ@@
कुस कंटक मग काँकर नाना। चलब ” ™ ȡ‘ȯǑ¡ Ȳǒ– “ Ǖ” ‘ğȡ“ ȡ@
@
चरन कमल मद
ु ु मंजु  à
Ǖ ¡ ȡšȯ@मारग अगम — Ǘͧ˜ ’ š भारे ।।
कंदर खोह “ ‘ȣȲनद नारे । अगम अगाध न ‡ ȡǑ¡ ȲǓ“ ¡ ȡšȯ@
@
भालु बाघ बक
ृ €ȯ¡ ǐš नागा। € šǑ¡ Ȳनाद   ǕǓ“ धीरजु भागा।।
दो0-— ͧǗ˜ सयन बलकल बसन असनु कंद फल मल
ू ।
ते ͩ€ सदा सब Ǒ‘“ ͧ˜ ͧ› Ǒ¡ Ȳसबइ
ु समय अनक
ु ू ल।।62।।
–*–*–
नर अहार रजनीचर … š¡ ȣȲ@कपट बेष ǒ– ͬ’ € ȪǑŠ€ € š¡ ȣȲ@
@
लागइ \ Ǔ पहार कर पानी। ǒ– ͪ” “ ǒ– ”Ǔ “ Ǒ¡ Ȳजाइ बखानी।।
ޙ ȡ› कराल ǒ– ¡ ‚ बन घोरा। Ǔ“ ͧ  … š Ǔ“ € š “ ȡǐš नर चोरा।।
Œš” Ǒ¡ Ȳधीर गहन   Ǖͬ’ आएँ। ˜ ‚Ǚ › Ȫ… Ǔ“  à
Ǖ ¡ — Ȣǽ सुभाएँ।।
¡ Ȳ  ‚  Ǔ“  à
Ǖ ¡ “ Ǒ¡ Ȳबन जोगू।   ǕǓ“ अपजसु ˜ ȪǑ¡ ‘ȯ^ Ǒ¡ लोगू।।
मानस   ͧ› › सध
ु ाँ ĤǓ ”ȡ› ȣ@िजअइ ͩ€ लवन ”™ Ȫͬ’ ˜ šȡ› ȣ@
@
नव रसाल बन ǒ–¡ š“   Ȣ› ȡ@सोह ͩ€ € Ȫͩ€ › ǒ– ͪ” “ € šȣ› ȡ@
@
रहहु भवन अस ǿ‘™ ȱǒ–… ȡšȣ@… ‘Ȳ – ‘Ǔ“ दख
ु ु कानन — ȡšȣ@
@
दो0-सहज   Ǖé‘ गुर èȡͧ˜ ͧ   जो न करइ ͧ  š ˜ ȡǓ“ @ @
सो ”Ǔ†  ȡ^ अघाइ उर \  ͧ  होइ Ǒ¡  ¡ ȡǓ“ @
@63।।
–*–*–
  ǓǕ“ मद
ृ ु बचन मनोहर ͪ”™ के। लोचन › ͧ›  भरे जल ͧ  ™ के।।
सीतल ͧ   दाहक भइ €ɇ  Ʌ@… € ^Ǒ¡ सरद चंद Ǔ“ ͧ  ‡  ɇ @
Ʌ@
`  ǽ न आव ǒ–€ › – Ȱ‘ȯ¡ ȣ@तजन चहत   Ǖͬ… èȡͧ˜   “ ȯ¡ ȣ@
@
बरबस šȪͩ€ ǒ– › Ȫ… “ –ȡšȣ@’ ǐš धीरजु उर \  Ǔ“ € Ǖ˜ ȡšȣ@
@
› ȡͬ‚ सासु पग कह कर ‡ Ȫšȣ@† ˜ ǒ– ‘ȯǒ– – ͫ° \ ǒ– “ ™ ˜ Ȫšȣ@
@
‘ȣǔÛ¡ Ĥȡ“ ”Ǔ ˜ ȪǑ¡ ͧ   सोई। ‡ ȯǑ¡ ǒ–ͬ’ मोर परम Ǒ¡  होई।।
˜ ɇ” ǕǓ“   ˜ Ǖͨˆ ‘ȣͨ मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@ͪ” ™ ǒ– ™ Ȫ‚ सम दख
ु ु जग “ ȡ¡ ȣȲ@
@
दो0- Ĥ ȡ“ “ ȡ € ǽ“ ȡ™  “ सुंदर सुखद सुजान।
à
Ǖ ¡ ǒ–“ Ǖरघक
ु ु ल कुमद
ु ǒ–’ Ǖसरु परु नरक समान।।64।।
–*–*–
मातु ͪ”  ȡ — ͬ‚ “ Ȣ ͪĤ™ भाई। ͪĤ™ ” ǐš ȡǽ   Ǖı ‘ समुदाई।।
सासु ससुर गुर सजन सहाई। सुत सुंदर सुसील सुखदाई।।
जहँ › ͬ‚ नाथ नेह \ ǽ नाते। ͪ” ™ ǒ– “ ǕǓ ™ Ǒ¡  šǓ“ ¡ Ǖते ताते।।
तनु धनु धामु ’ šǓ“ परु राज।ू ” Ǔ ǒ–¡ ȣ“ सबु सोक समाज।ू ।
भोग रोगसम भष
ू न — ȡǾ @जम जातना   ǐš    Ȳ  ȡǾ @
@
Ĥȡ“ “ ȡ  à
Ǖ ¡ ǒ–“ Ǖजग ˜ ȡ¡ ȣ@
Ȳ मो कहुँ सख
ु द कतहुँ कछु “ ȡ¡ ȣȲ@ @
िजय ǒ–“ Ǖदे ह “ ‘ȣ ǒ–“ Ǖ– ȡšȣ@ ͧȰ  \ नाथ ” Ǖǽ Ÿ ǒ– “ Ǖ“ ȡšȣ@
@
नाथ सकल सुख साथ  à
Ǖ ¡ ȡšɅ@सरद ǒ–˜ › ǒ– ’ Ǖबदनु Ǔ“ ¡ ȡšɅ@
@
दो0-खग मग
ृ ”ǐš‡ “ “ ‚ ǽ बनु बलकल ǒ– ˜ › दक
ु ू ल।
नाथ साथ सरु सदन सम परनसाल सख ु मलू ।।65।।
–*–*–
बनदे वीं बनदे व उदारा। € ǐš¡ Ǒ¡ Ȳसासु ससुर सम सारा।।
कुस ͩ€   › ™   ȡ šȣ सह
ु ाई। Ĥ — Ǖसँग मंजु मनोज तरु ाई।।
कंद मल
ू फल \ ͧ˜ \ \ ¡ ȡǾ @अवध सौध सत   ǐš  ”¡ ȡǾ @
@
Ǔ† “ ǕǓ† “ ǕĤ — Ǖपद कमल ǒ–› Ȫͩ€ @šǑ¡ ¡ `ȱ˜ ǕǑ‘ Ǒ‘   ǔ‡ ͧ˜
€ Ȫ€ ȧ@
@
बन दख ु नाथ कहे बहुतेरे। भय ǒ– Ÿȡ‘ ” ǐš ȡ” घनेरे।।
Ĥ — Ǖǒ–™ Ȫ‚ लवलेस समाना। सब ͧ˜ ͧ› ¡ ȪǑ¡ Ȳन € Ǚ”ȡǓ“ ’ ȡ“ ȡ@
@
अस िजयँ ‡ ȡǓ“ सज
ु ान ͧ  šȪ˜ Ǔ“ @लेइअ संग ˜ ȪǑ¡ † ȡͫ°\ ‡ Ǔ“ @
@
ǒ–“  Ȣ बहुत € šɋ का èȡ˜ Ȣ@€ ǽ“ ȡ˜ ™ उर अंतरजामी।।
दो0-šȡͨ \ अवध जो \ ͬ’ › ͬ‚ रहत न ‡ Ǔ“ \ Ǒ¡ ȲĤ ȡ“ @
‘ȣ“ –Ȳ’ Ǖसंदर सुखद सील सनेह Ǔ“ ’ ȡ“ @
@66।।
–*–*–
˜ ȪǑ¡ मग चलत न ¡ Ȫ^Ǒ¡ ¡ ȡšȣ@Ǔ† “ ǕǓ† “ Ǖचरन सरोज Ǔ“ ¡ ȡšȣ@
@
  – Ǒ¡ — ȡȱǓ ͪ”™ सेवा € ǐš¡ ɋ@मारग ‡ Ǔ“  सकल Į ˜ ¡ ǐš¡ ɋ@
@
पाय ”  ȡšȣ –ȰǑ‹  ǽ † ȡ¡ ȣȲ@€ ǐš¡ `ȱबाउ ˜ ǕǑ‘ मन ˜ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
Į ˜ कन   Ǒ¡  è™ ȡ˜ तनु ‘ȯ Ʌ@कहँ दख
ु समउ Ĥ ȡ“ ”Ǔ ”ȯ Ʌ@
@
सम ˜ Ǒ¡ तन
ृ  ǽ”ã›  डासी। पाग ” › ȪǑŠǑ¡ सब Ǔ“ ͧ  दासी।।
बारबार मद
ृ ु ˜ šǗǓ ‡ Ȫ¡ ȣ@› ȡ‚ Ǒ¡ तात – ™ ȡǐš न ˜ Ȫ¡ ȣ@
को Ĥ— Ǖसँग ˜ ȪǑ¡ ͬ…  Ǔ“ ¡ ȡšȡ@ͧ  ƒȲ – ’ ǑǕ¡ ǔ‡ ͧ˜ ससक ͧ  ] šȡ@
@
˜ ɇ  €Ǖ Ǖ˜ ȡǐš नाथ बन जोग।ू  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ ` ͬ…  तप मो कहुँ भोग।ू ।
दो0-ऐसेउ बचन कठोर   ǕǓ“ ‡ ɋ न ı‘` ǒ–› ‚ ȡ“ @
तौ Ĥ — Ǖǒ–Ÿ˜ ǒ–™ Ȫ‚ दख
ु   Ǒ¡ ¡ Ǒ¡ Ȳपावँर Ĥ ȡ“ @
@67।।
–*–*–

अस € Ǒ¡ सीय ǒ–€ › भइ — ȡšȣ@बचन ǒ–™ Ȫ‚ Ǖन   € ȧ   ȱ— ȡšȣ@


@
‘ȯͨ दसा šƒ ”Ǖ Ǔ िजयँ जाना। ¡ Ǒ‹ šȡ Ʌ“ Ǒ¡ Ȳšȡͨ Ǒ¡ Ĥ ȡ“ ȡ@
@
कहे उ कृपाल भानकु ु लनाथा। ”ǐš¡ ǐš सोचु चलहु बन साथा।।
“ Ǒ¡ Ȳǒ–Ÿȡ‘ कर \   ǽ आजू। –ȯͬ‚ करहु बन गवन समाजू।।
€ Ǒ¡ ͪĤ™ बचन ͪĤ™ ȡ समुझाई। लगे मातु पद ] ͧ  Ÿ पाई।।
–ȯͬ‚ Ĥ ‡ ȡ दख
ु मेटब आई। जननी Ǔ“ ‹Ǖš ǒ–  ǐš ‡ Ǔ“ जाई।।
ͩ• šǑ¡ दसा ǒ–ͬ’ –¡ Ǖǐš ͩ€ ˜ Ȫšȣ@‘ȯͨ ¡ `ȱनयन मनोहर ‡ Ȫšȣ@@
  ǑǕ‘“   ƒǕ šȣ तात कब ¡ Ȫ^Ǒ¡ @जननी िजअत बदन ǒ– ’ Ǖ‡ Ȫ^Ǒ¡ @
@
दो0-–¡ Ǖǐš –Í † € Ǒ¡ लालु € Ǒ¡ šƒ Ǖ” Ǔ रघुबर तात।
€ – Ǒ¡ Ȳबोलाइ लगाइ Ǒ¡ ™ ȱ¡ šͪŸ Ǔ“ šͨ ¡ `ȱगात।।68।।
–*–*–
› ͨ सनेह € ȡ ǐš ˜ ¡  ȡšȣ@बचनु न आव ǒ–€ › भइ — ȡšȣ@ @
राम Ĥ– Ȫ’ Ǖ€ ȧÛ¡ ǒ–ͬ’ नाना। समउ सनेहु न जाइ बखाना।।
तब ‡ ȡ“ € ȧ सासु पग लागी।   ǕǓ“ \ माय ˜ ɇपरम अभागी।।
सेवा समय दै अँ बनु ‘ȣÛ¡ ȡ@मोर मनोरथु सफल न € ȧÛ¡ ȡ@
@
तजब छोभु ‡ Ǔ“ † ȡͫ°\ छोहू। करमु € Ǒ‹ “ कछु दोसु न मोहू।।
  ǓǕ“ ͧ  ™ बचन सासु अकुलानी। दसा €  Ǔ“ ǒ–ͬ’ € ¡ ɋ बखानी।।
–ȡšǑ¡ बार लाइ उर › ȣÛ¡ ȣ@’ ǐš धीरजु ͧ   ] ͧ  Ÿ ‘ȣÛ¡ ȣ@
@
अचल होउ \ Ǒ¡  ȡ Ǖ à
Ǖ ¡ ȡšȡ@जब › ͬ‚ गंग जमुन जल धारा।।
दो0-  Ȣ Ǒ¡ सासु असीस ͧ   ‘ȣǔÛ¡ अनेक Ĥ€ ȡš@
… › ȣ नाइ पद पदमु ͧ  ǽ \ Ǔ Ǒ¡  –ȡšǑ¡ Ȳबार।।69।।
–*–*–
समाचार जब › Ǔ† ˜ “ पाए। ޙ ȡ€ Ǖ› ǒ– ›  बदन ` Ǒ‹ धाए।।
कंप पुलक तन नयन सनीरा। गहे चरन \ Ǔ Ĥȯ˜ अधीरा।।
€ Ǒ¡ न सकत कछु ͬ…   ठाढ़े । मीनु ‘ȣ“ जनु जल  Ʌकाढ़े ।।
सोचु ǿ‘™ ȱǒ–ͬ’ का ¡ ȪǓ“ ¡ ȡšȡ@सबु सख
ु ु सक
ु ृ त ͧ  šȡ“ हमारा।।
मो कहुँ काह कहब रघुनाथा। šͨ ¡ Ǒ¡ Ȳभवन ͩ€ › ȯ¡ Ǒ¡ Ȳसाथा।।
राम ǒ–› Ȫͩ€ बंधु कर ‡ ȪšɅ@दे ह गेह सब सन तनृ ु  ȪšɅ@
@
बोले बचनु राम नय नागर। सील सनेह सरल सुख सागर।।
तात Ĥȯ˜ बस ‡ Ǔ“ कदराहू।   ˜ ͨǕˆ ǿ‘™ ȱ”ǐš“ ȡ˜ उछाहू।।
दो0-मातु ͪ” ȡ ‚ ǽǕ èȡͧ˜ ͧ   ͧ  š ’ ǐš € šǑ¡ सभ
ु ायँ।
लहे उ लाभु Ǔ Û¡ जनम कर “  ǽ जनमु जग जायँ।।70।।
–*–*–
अस िजयँ ‡ ȡǓ“ सन ु हु ͧ   भाई। करहु मातु ͪ”  Ǖपद सेवकाई।।
भवन भरतु ǐš” Ǖ  Ǘ‘ “ “ ȡ¡ ȣȲ@राउ – ƨǙ मम दख
ु ु मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
˜ ɇबन जाउँ  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ लेइ साथा। होइ   – Ǒ¡ ǒ–ͬ’ अवध अनाथा।।
‚ Ǖǽ ͪ” Ǖमातु Ĥ‡ ȡ ”ǐšȡǾ @सब कहुँ परइ दस ु ह दख
ु — ȡǾ @ @
रहहु करहु सब कर ”ǐš ȪŸ @Ǘ “  ǽ तात ¡ Ȫ^Ǒ¡ बड़ दोष।ू ।
जासु राज ͪĤ™ Ĥ ‡ ȡ ‘ Ǖ ȡšȣ@सो नप
ृ ु \  ͧ  नरक \ ͬ’ € ȡšȣ@
@
रहहु तात \ ͧ  “ ȢǓ ǒ–… ȡšȣ@सन
ु त लखनु भए ޙ ȡ€ Ǖ› — ȡšȣ@@
ͧ  \ šɅबचन   ͨǗ गए €ɇ  Ʌ@परसत  ǑǕ¡ “ तामरसु ‡ Ȱ  Ʌ@
@
दो0-`  ǽ न आवत Ĥȯ˜ बस गहे चरन अकुलाइ।
नाथ दासु ˜ ɇèȡͧ˜  àǕ ¡ तजहु त काह बसाइ।।71।।
–*–*–
‘ȣǔÛ¡ ˜ ȪǑ¡ ͧ   “ Ȣͩ€ ‚ Ȫ  ȡɃ@› ȡͬ‚ अगम अपनी € ‘šȡɃ@
@
नरबर धीर धरम धरु ’ ȡšȣ@Ǔ“ ‚ ˜ “ ȢǓ कहुँ ते \ ͬ’ € ȡšȣ@ @
˜ ɇͧ    ǕĤ— Ǖसनेहँ ĤǓ ” ȡ› ȡ@˜ Ȳ‘ ǽ ˜ ȯǽ ͩ€ › ȯǑ¡ Ȳमराला।।
गरु ͪ” Ǖमातु न जानउँ काहू। कहउँ सभ
ु ाउ नाथ ”Ǔ ] ¡ Ǘ@
@
जहँ › ͬ‚ जगत सनेह सगाई। Ĥ ȢǓ Ĥ ȢǓ Ǔ“ ‚ ˜ Ǔ“ ‡ Ǖगाई।।
˜ ȪšɅसबइ एक  à
Ǖ ¡ èȡ˜ Ȣ@‘ȣ“ – Ȳ’ Ǖउर अंतरजामी।।
धरम “ ȢǓ ` ” ‘ȯͧ  \  ȡ¡ ȣ@€ ȧšǓ — ǗǓ   ‚Ǖ Ǔ ͪĤ ™ ‡ ȡ¡ ȣ@
@
मन Đ ˜ बचन चरन रत होई। € Ǚ”ȡͧ  ’Ȳ Ǖ” ǐš¡ ǐš\ ͩ€ सोई।।
दो0-€ ǽ“ ȡͧ  ’Ȳ Ǖसब
ु ंध के   ǓǕ“ मद
ृ ु बचन ǒ– “ Ȣ @
समुझाए उर लाइ Ĥ — Ǖ‡ ȡǓ“ सनेहँ सभीत।।72।।
–*–*–
मागहु ǒ–‘ȡ मातु सन जाई। आवहु –ȯͬ‚ चलहु बन भाई।।
˜ ǕǑ‘ भए   ǕǓ“ रघुबर बानी। भयउ लाभ बड़ गइ –ͫ° हानी।।
¡ šͪŸ  鑙 ȱमातु ”Ǒ¡ Ȳआए। मनहुँ अंध ͩ• ǐš लोचन पाए।
जाइ ‡ “ Ǔ“ पग नायउ माथा। मनु रघुनंदन ‡ ȡ“ ͩ€ साथा।।
पँछ
ू े मातु ˜ ͧ› “ मन दे खी। लखन € ¡ ȣ सब कथा ǒ–  ȯŸ Ȣ@
@
गई   ¡ ͧ˜   ǓǕ“ बचन कठोरा। मग
ृ ी ‘ȯͨ दव जनु चहु ओरा।।
लखन लखेउ भा अनरथ आज।ू f Ǒ¡ Ȳसनेह बस करब अकाज।ू ।
मागत ǒ–‘ȡ सभय   € Ǖ… ȡ¡ ȣȲ@जाइ संग ǒ–ͬ’ € Ǒ¡ Ǒ¡ ͩ€ “ ȡ¡ ȣ@
@
दो0-  ˜ Ǖͨˆ   Ǖͧ˜ ğȡȱराम ͧ  ™ Ǿ ” सुसीलु सुभाउ।
नपृ सनेहु › ͨ धन
ु ेउ ͧ  ǽ ” ȡͪ”Ǔ“ ‘ȣÛ¡ कुदाउ।।73।।
–*–*–
धीरजु धरे उ कुअवसर जानी। सहज   Ǖé‘ –Ȫ› ȣ मद ृ ु बानी।।
तात  à
Ǖ ¡ ȡǐš मातु –Ȱ‘ȯ¡ ȣ@ͪ” ȡ रामु सब — ȡǓȱ   “ ȯ¡ ȣ@
@
अवध तहाँ जहँ राम Ǔ“ ȡ  @
Ǘ तहँइँ Ǒ‘   Ǖजहँ भानु Ĥ€ ȡ  @
Ǘ@
जौ पै सीय रामु बन ‡ ȡ¡ ȣȲ@अवध  à
Ǖ ¡ ȡš काजु कछु “ ȡǑ¡ @
Ȳ@
गुर ͪ” Ǖमातु बंधु सुर साई।   ȯ^ \ Ǒ¡ Ȳसकल Ĥȡ“ € ȧ “ ȡɃ@
@
रामु Ĥȡ“ ͪĤ™ जीवन जी के। è ȡš šǑ¡  सखा   – ¡ ȣ कै।।
पूजनीय ͪĤ™ परम जहाँ  Ʌ@सब ˜ ȡǓ“ \ Ǒ¡ Ȳराम के “ ȡ Ʌ@
@
अस िजयँ ‡ ȡǓ“ संग बन जाहू। लेहु तात जग जीवन लाहू।।
दो0-— ǐǗš भाग भाजनु भयहु ˜ ȪǑ¡ समेत – ͧ› जाउँ ।
जौम  à Ǖ ¡ šɅमन † ȡͫ° छलु € ȧÛ¡ राम पद ठाउँ ।।74।।
–*–*–
” ğǕ  Ȣ जब ु ती जग सोई। šƒ ”Ǖ Ǔ भगतु जासु सतु ु होई।।
“  ǽ बाँझ — ͧ› –ȡǑ‘ ǒ–] “ Ȣ@राम ǒ–˜ Ǖ सुत  ɅǑ¡  जानी।।
à
Ǖ ¡ šȯǑ¡ Ȳभाग रामु बन ‡ ȡ¡ ȣȲ@दस
ू र हे तु तात कछु “ ȡ¡ ȣȲ@
@
सकल सुकृत कर बड़ फलु एहू। राम सीय पद सहज सनेहू।।
राग रोषु ^ǐšŸȡ मद ु मोहू। ‡ Ǔ“ सपनेहुँ ^Û¡ के बस होहू।।
सकल Ĥ€ ȡš ǒ– € ȡš ǒ–¡ ȡ_@मन Đ ˜ बचन करे हु सेवकाई।।
à
Ǖ ¡ कहुँ बन सब — ȡȱǓ सप
ु ास।ू सँग ͪ” Ǖमातु रामु ͧ  ™ जास।ू ।
‡ ȯǑ¡ Ȳन रामु बन › ¡ Ǒ¡ Ȳकलेसू। सुत सोइ करे हु इहइ उपदे सू।।
छं 0-उपदे सु यहु ‡ ȯǑ¡ Ȳतात  Ǖà¡ šȯराम ͧ  ™ सुख ” ȡ¡ ȣȲ@
ͪ”  Ǖमातु ͪĤ ™ ”ǐšȡš पुर सुख   ǕšǓ बन ǒ–   šȡ ¡ ȣȲ
@
तल
ु सी Ĥ— ǑǕ¡ ͧ   दे इ आयसु ‘ȣÛ¡ ” ǓǕ“ ] ͧ  Ÿ दई।
šǓ होउ \ ǒ–š› अमल ͧ  ™ रघब
ु ीर पद Ǔ“  Ǔ“  नई।।
सो0-मातु चरन ͧ  ǽ नाइ चले तरु त   Ȳͩ€  ǿ‘™ ȱ@
बागुर ǒ–Ÿ˜ तोराइ मनहुँ भाग मग ृ ु भाग बस।।75।।
गए लखनु जहँ ‡ ȡ“ ͩ€ “ ȡ @
Ǘ भे मन ˜ ǕǑ‘ पाइ ͪĤ™ साथ।ू ।
–ȲǑ‘ राम ͧ  ™ चरन सह
ु ाए। चले संग “ ”Ǚ ˜ ȲǑ‘š आए।।
€ ¡ Ǒ¡ Ȳपरसपर परु नर “ ȡšȣ@— ͧ› बनाइ ǒ– ͬ’ बात ǒ– ‚ ȡšȣ@
@
तन कृस दख ु ु बदन ˜ › ȣ“ ȯ@ǒ–€ › मनहुँ माखी मधु † Ȥ“ ȯ@ @
कर ˜ Ȣ‡ Ǒ¡ Ȳͧ  ǽ ’ ǓǕ“ ” Ǔ†  ȡ¡ ȣȲ@जनु ǒ–“ पंख ǒ–¡ ‚ \ € Ǖ› ȡ¡ ȣȲ@
@
भइ –ͫ° भीर भूप दरबारा। –šǓ“ न जाइ ǒ– Ÿȡ‘ Ǖअपारा।।
  ͬ…  ȱउठाइ राउ बैठारे । € Ǒ¡ ͪĤ ™ बचन रामु पगु धारे ।।
ͧ  ™ समेत दोउ तनय Ǔ“ ¡ ȡšȣ@ޙ ȡ€ Ǖ› भयउ — Ǘͧ˜ ”Ǔ — ȡšȣ@
@
दो0-सीय   Ǒ¡  सुत सुभग दोउ ‘ȯͨ ‘ȯͨ अकुलाइ।
– ȡšǑ¡ Ȳबार सनेह बस राउ लेइ उर लाइ।।76।।
–*–*–
सकइ न –Ȫͧ› ǒ–€ › नरनाहू। सोक ‡ Ǔ“  उर ‘ȡǽ“ दाहू।।
नाइ सीसु पद \ Ǔ अनरु ागा। ` Ǒ‹ रघब
ु ीर ǒ– ‘ȡ तब मागा।।
ͪ”  Ǖअसीस आयसु ˜ ȪǑ¡ ‘ȣ‡ Ȱ@हरष समय ǒ–   ˜ ` कत € ȧ‡ Ȱ@
@
तात ͩ€ f ȱͪĤ™ Ĥȯ˜ Ĥ˜ ȡ‘ @
Ǘ जसु जग जाइ होइ अपबाद।ू ।
  ǕǓ“ सनेह बस ` Ǒ‹ नरनाहाँ। बैठारे šƒ Ǖ” Ǔ ‚ Ǒ¡ बाहाँ।।
सुनहु तात  à
Ǖ ¡ कहुँ ˜ ǕǓ“ € ¡ ¡ ȣȲ@रामु चराचर नायक \ ¡ ¡ ȣȲ@
@
सुभ \ ǽ असुभ करम \ “ Ǖ¡ ȡšȣ@ईस दे इ फलु 鑙 ȱǒ– … ȡšȣ@ @
करइ जो करम पाव फल सोई। Ǔ“ ‚ ˜ “ ȢǓ \ ͧ  कह सबु कोई।।
दो0–k ǽ करै अपराधु कोउ और पाव फल भोग।ु
\ Ǔ ǒ–ͬ… ğ भगवंत ‚ Ǔ को जग जानै जोगु।।77।।
–*–*–
रायँ राम राखन Ǒ¡  लागी। बहुत उपाय ͩ€ f छलु י ȡ‚ Ȣ@
@
लखी राम ǽ रहत न जाने। धरम धरु ं धर धीर सयाने।।
तब नपृ सीय लाइ उर › ȣÛ¡ ȣ@\ Ǔ Ǒ¡  बहुत — ȡȱǓ ͧ   ‘ȣÛ¡ ȣ@
@
€ Ǒ¡ बन के दख
ु दस
ु ह सुनाए। सासु ससुर ͪ”  Ǖसुख समुझाए।।
ͧ  ™ मनु राम चरन अनरु ागा। ƒ ǽ न सग
ु मु बनु ǒ–Ÿ ˜ Ǖन लागा।।
औरउ   –Ǒ¡ Ȳसीय समझ
ु ाई। € Ǒ¡ € Ǒ¡ ǒ–ͪ”“ ǒ– ”Ǔ \ ͬ’ € ȡ_@
@
  ͬ…  “ ȡǐš गुर “ ȡǐš सयानी।   Ǒ¡  सनेह € ¡ Ǒ¡ Ȳमद
ृ ु बानी।।
à
Ǖ ¡ कहुँ तौ न ‘ȣÛ¡ बनबास।ू करहु जो € ¡ Ǒ¡ Ȳससुर गुर सासू।।
दो0–ͧ     Ȣ ͧ› Ǒ¡  मधरु मद
ृ ु   ǕǓ“   Ȣ Ǒ¡ न   Ȫ¡ ȡǓ“ @
सरद चंद … ‘Ȳ Ǔ“ लगत जनु चकई \ € Ǖ› ȡǓ“ @ @ 78।।
–*–*–
सीय सकुच बस `  ǽ न दे ई। सो   ǕǓ“  ˜ ͩ€ ` ‹ Ȥ कैकेई।।
˜ ǓǕ“ पट भष
ू न भाजन आनी। ] ‚ Ʌ’ ǐš –Ȫ› ȣ मद
ृ ु बानी।।
“ ”Ǚ Ǒ¡ Ĥ ȡ“ ͪĤ™  à
Ǖ ¡ रघब
ु ीरा। सील सनेह न † ȡͫ°Ǒ¡ भीरा।।
सक
ु ृ त सज
ु सु परलोकु नसाऊ।  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ जान बन € Ǒ¡ Ǒ¡ न काऊ।।
अस ǒ–… ȡǐš सोइ करहु जो भावा। राम ‡ “ Ǔ“ ͧ     ǕǓ“ सुखु पावा।।
— Ǘ” Ǒ¡ बचन बानसम लागे। € šǑ¡ Ȳन Ĥ ȡ“ पयान अभागे।।
लोग ǒ–€ › ˜ Ǖǽ Ǔ†  नरनाहू। काह € ǐš\ कछु सूझ न काहू।।
रामु तरु त ˜ ǓǕ“ बेषु बनाई। चले जनक ‡ “ Ǔ“ Ǒ¡ ͧ  ǽ नाई।।
दो0-सिज बन साजु समाजु सबु – Ǔ“  ȡ बंधु समेत।
–ȲǑ‘ ǒ– Ĥ गुर चरन Ĥ— Ǖचले € ǐš   – Ǒ¡ अचेत।।79।।
–*–*–
Ǔ“ € ͧ  –ͧ  ç‹ ɮȡš भए ठाढ़े । दे खे लोग ǒ– š¡ दव दाढ़े ।।
€ Ǒ¡ ͪĤ™ बचन सकल समुझाए। ǒ– Ĥ बंद
ृ रघुबीर बोलाए।।
गुर सन € Ǒ¡ बरषासन ‘ȣÛ¡ ȯ@आदर दान ǒ– “ ™ बस € ȧÛ¡ ȯ@
@
जाचक दान मान संतोषे। मीत पुनीत Ĥȯ˜ ” ǐš ȪŸ ȯ@
@
दासीं दास बोलाइ – ¡ Ȫšȣ@‚ šǕǑ¡   ɋͪ” बोले कर ‡ Ȫšȣ@
@
सब कै सार सँभार ‚ Ȫ  ȡɃ@€ šǒ– जनक जननी € ȧ नाई।।
–ȡšǑ¡ Ȳबार ‡ Ȫǐš जुग पानी। कहत रामु सब सन मद
ृ ु बानी।।
सोइ सब — ȡȱǓ मोर Ǒ¡  € ȡšȣ@‡ ȯǑ¡  Ʌरहै भुआल   Ǖ ȡšȣ@
@
दो0-मातु सकल मोरे ǒ–š¡ ȱ‡ ȯǑ¡ Ȳन ¡ ȪǑ¡ Ȳदख
ु ‘ȣ“ @
सोइ उपाउ  àǕ ¡ करे हु सब परु जन परम Ĥ –Ȣ“ @@80।।
–*–*–
f Ǒ¡ ǒ– ͬ’ राम   –Ǒ¡ समुझावा। गुर पद पदम ु ¡ šͪŸ ͧ  ǽ नावा।
गनपती ‚ ȫǐš ͬ‚ šȣ  Ǖमनाई। चले असीस पाइ रघरु ाई।।
राम चलत \ Ǔ भयउ ǒ–Ÿ ȡ‘ @
Ǘ   ǓǕ“ न जाइ परु आरत नाद।ू ।
कुसगन
ु लंक अवध \ Ǔ सोकू। हहरष ǒ– Ÿȡ‘ ǒ––   सरु लोकू।।
गइ ˜ Ǖǽ † ȡ तब — Ǘ” Ǔ जागे। –Ȫͧ›   Ǖ˜ Ȳğ Ǖकहन अस लागे।।
रामु चले बन Ĥ ȡ“ न ‡ ȡ¡ ȣȲ@€ȯǑ¡ सुख › ȡͬ‚ रहत तन ˜ ȡ¡ ȣ@
Ȳ
f Ǒ¡  Ʌकवन ޙ  ȡ बलवाना। जो दख
ु ु पाइ  ‡ Ǒ¡ Ȳतनु Ĥ ȡ“ ȡ@
@
” ǓǕ“ ’ ǐš धीर कहइ नरनाहू। लै रथु संग सखा  à Ǖ ¡ जाहू।।
दो0–  ǑǕ‹ सक
ु ु मार कुमार दोउ जनकसतु ा   €Ǖ Ǖ˜ ȡǐš@
रथ चढ़ाइ दे खराइ बनु ͩ• šȯ¡ Ǖगएँ Ǒ‘“ … ȡǐš@@81।।
–*–*–
जौ “ Ǒ¡ Ȳͩ• šǑ¡ Ȳधीर दोउ भाई।   י   Ȳ’ Ǻ±Ħ रघरु ाई।।
तौ  à
Ǖ ¡ ǒ–“ ™ करे हु कर ‡ Ȫšȣ@•ȯǐš\ Ĥ — Ǖͧ˜ ͬ › ȯ  ͩ€   Ȫšȣ@
@
जब ͧ  ™ कानन ‘ȯͨ डेराई। कहे हु ˜ Ȫǐš ͧ   \    ǽ पाई।।
सासु ससुर अस कहे उ सँदेसू। ” Ǖǒğ ͩ• ǐš\ बन बहुत कलेस।ू ।
ͪ” ‚Ǚ ¡Ǚ कबहुँ कबहुँ     šǕȡšȣ@रहे हु जहाँ ǽͬ… होइ  à
Ǖ ¡ ȡšȣ@
@
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ करे हु उपाय कदं बा। ͩ• š^ त होइ Ĥ ȡ“ अवलंबा।।
“ ȡǑ¡ Ȳत मोर मरनु ”ǐš“ ȡ˜ ȡ@कछु न बसाइ भएँ ǒ–ͬ’ बामा।।
अस € Ǒ¡ ˜ Ǖǽ Ǔ† परा ˜ Ǒ¡ राऊ। रामु लखनु ͧ  ™ ] Ǔ“ दे खाऊ।।
दो0–पाइ रजायसु नाइ ͧ  ǽ रथु \ Ǔ बेग बनाइ।
गयउ जहाँ बाहे र नगर सीय   Ǒ¡  दोउ भाइ।।82।।
–*–*–
तब   Ǖ˜ Ȳğ नप
ृ बचन सुनाए। € ǐš ǒ– “  Ȣ रथ रामु चढ़ाए।।
… Ǒ± रथ सीय   Ǒ¡  दोउ भाई। चले ǿ‘™ ȱ\ ’ Ǒ¡ ͧ  ǽ नाई।।
चलत रामु › ͨ अवध अनाथा। ǒ– € › लोग सब लागे साथा।।
€ Ǚ”ȡͧ  ’Ȳ Ǖ–¡ Ǖǒ–ͬ’   ˜ ˆǕ ȡǑ¡ @
Ȳ ͩ• šǑ¡ ȲĤȯ˜ बस ” ǓǕ“ ͩ• ǐš ]  Ǒ¡ @
Ȳ@
› ȡ‚ Ǔ अवध — ™ ȡǓ“ — ȡšȣ@मानहुँ € ȡ› šȡǓ \ ȱͬ’ ] šȣ@
@
घोर जंतु सम पुर नर “ ȡšȣ@Œš”Ǒ¡ Ȳf € Ǒ¡ एक Ǔ“ ¡ ȡšȣ@
@
घर मसान ”ǐš‡ “ जनु भूता। सुत Ǒ¡  मीत मनहुँ जमदत ू ा।।
–ȡ‚ Û¡ ǒ– Š” –ȯͧ› € Ǖǔà¡ › ȡ¡ ȣȲ@  ǐš सरोवर ‘ȯͨ न ‡ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
दो0-हय गय € ȪǑŠÛ¡ €ȯͧ› ˜ ‚Ǚ परु पसु चातक मोर।
ͪ”€ रथांग सकु   ȡǐš€ ȡ सारस हं स चकोर।।83।।
–*–*–
राम ǒ–™ Ȫ‚ ǒ– € › सब ठाढ़े । जहँ तहँ मनहुँ ͬ… ğ ͧ› ͨ काढ़े ।।
“ ‚ ǽ सफल बनु गहबर — ȡšȣ@खग मग
ृ ǒ– ” Ǖ› सकल नर “ ȡšȣ@
@
ǒ– ͬ’ कैकेई ͩ€ šȡǓ Ǔ“ € ȧÛ¡ ȣ@‡ ɅǑ¡ दव दस
ु ह दसहुँ Ǒ‘ͧ  ‘ȣÛ¡ ȣ@
@
  Ǒ¡ न सके रघुबर ǒ–š¡ ȡ‚ Ȣ@चले लोग सब ޙ ȡ€ Ǖ› भागी।।
  – Ǒ¡ Ȳǒ– … ȡš € ȧÛ¡ मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@राम लखन ͧ  ™ ǒ– “ Ǖसख
ु ु “ ȡ¡ ȣȲ@
@
जहाँ रामु तहँ सबइ
ु समाज।ू ǒ–“ Ǖरघब
ु ीर अवध “ Ǒ¡ Ȳकाज।ू ।
चले साथ अस ˜ Ȳğ ǕǺ±ȡ_@सुर ‘ ›Ǖ —[ सुख सदन ǒ– ¡ ȡ_@
@
राम चरन पंकज ͪĤ™ ǔ‡ Û¡ ¡ ȣ@ǒ– Ÿ ™ भोग बस € šǑ¡ Ȳͩ€ Ǔ Û¡ ¡ ȣ@
@
दो0-बालक – ƨǙ ǒ–¡ ȡ^ गँह
ृ लगे लोग सब साथ।
तमसा तीर Ǔ“ ȡ  Ǖͩ€ ™ Ĥ ˜ Ǒ‘   रघन ु ाथ।।84।।
–*–*–
šƒ Ǖ” Ǔ Ĥ‡ ȡ Ĥȯ˜ –   दे खी। सदय ǿ‘™ ȱदख
ु ु भयउ ǒ–   ȯŸ Ȣ@
@
€ ǽ“ ȡ˜ ™ रघन
ु ाथ गोसाँई। –ȯͬ‚ ” ȡ^\ Ǒ¡ Ȳपीर पराई।।
€ Ǒ¡   Ĥȯ˜ मद
ृ ु बचन सह
ु ाए। – ¡ Ǖǒ–ͬ’ राम लोग समझ
ु ाए।।
ͩ€ f धरम उपदे स घनेरे। लोग Ĥȯ˜ बस ͩ• šǑ¡ Ȳन फेरे ।।
सीलु सनेहु † ȡͫ° “ Ǒ¡ Ȳजाई। असमंजस बस भे रघुराई।।
लोग सोग Į ˜ बस गए सोई। कछुक दे वमायाँ ˜ Ǔ मोई।।
‡ –Ǒ¡ Ȳजाम जुग ‡ ȡͧ˜ Ǔ“ बीती। राम   ͬ…  सन कहे उ   ĤȢ Ȣ@
@
खोज ˜ ȡǐš रथु हाँकहु ताता। आन उपायँ – Ǔ“ Ǒ¡ “ Ǒ¡ Ȳबाता।।
दो0-राम लखन सय
ु जान … Ǒ± संभु चरन ͧ  ǽ नाइ।।
  ͬ…  ȱचलायउ तरु त रथु इत उत खोज दरु ाइ।।85।।
–*–*–
जागे सकल लोग भएँ — ȪǾ @गे रघन ु ाथ भयउ \ Ǔ   ȪǾ @
@
रथ कर खोज कतहहुँ “ Ǒ¡ Ȳ”ȡǑ¡ @ Ȳ राम राम € Ǒ¡ चहु Ǒ‘ͧ  ’ ȡ Ǒ¡ @
Ȳ@
मनहुँ – ȡǐšǓ“ ͬ’ बूड़ जहाजू। भयउ ǒ–€ › बड़ –Ǔ“ € समाजू।।
f € Ǒ¡ एक ‘ɅǑ¡ Ȳउपदे सू। तजे राम हम ‡ ȡǓ“ कलेसू।।
Ǔ“ ‘ȲǑ¡ Ȳआपु   šȡ¡ Ǒ¡ Ȳमीना। ͬ’ ‚ जीवनु रघब
ु ीर ǒ–¡ ȣ“ ȡ@
@
‡ ɋ पै ͪĤ™ ǒ– ™ Ȫ‚ Ǖǒ–ͬ’ € ȧÛ¡ ȡ@तौ कस मरनु न ˜ ȡ‚ Ʌ‘ȣÛ¡ ȡ@
@
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ करत Ĥ› ȡ” कलापा। आए अवध भरे ” ǐš ȡ” ȡ@
@
ǒ– Ÿ˜ ǒ– ™ Ȫ‚ Ǖन जाइ बखाना। \  ͬ’ आस सब šȡ Ǒ¡ ȲĤȡ“ ȡ@
@
दो0-राम दरस Ǒ¡  नेम Ħ  लगे करन नर “ ȡǐš@
मनहुँ कोक € Ȫ€ ȧ कमल ‘ȣ“ ǒ– ¡ ȣ“  ˜ ȡǐš@ @ 86।।
–*–*–
सीता   ͬ…    Ǒ¡  दोउ भाई। संग
ृ बेरपुर पहुँचे जाई।।
उतरे राम ‘ȯ   ǐš दे खी। € ȧÛ¡ दं डवत हरषु ǒ–  ȯŸ Ȣ@
@
लखन   ͬ…  ȱͧ  ™ ȱͩ€ f Ĥ“ ȡ˜ ȡ@  – Ǒ¡   Ǒ¡  सख
ु ु पायउ रामा।।
गंग सकल मद
ु मंगल मल
ू ा। सब सख
ु € šǓ“ ¡ šǓ“ सब सल
ू ा।।
€ Ǒ¡ € Ǒ¡ € ȪǑŠ€ कथा Ĥ  Ȳ‚ ȡ@रामु ǒ– › Ȫ€ Ǒ¡ Ȳगंग तरं गा।।
  ͬ… Ǒ¡ \ “ Ǖ‡ Ǒ¡ ͪĤ™ Ǒ¡ सुनाई। ǒ– – Ǖ’ “ ‘ȣ ˜ Ǒ¡ ˜ ȡ \ ͬ’ € ȡ_@
@
˜ Ï ‡ “ Ǖ€ ȧÛ¡ पंथ Į ˜ गयऊ।   Ǖͬ… जलु ͪ” \  ˜ ǕǑ‘ मन भयऊ।।
 ͧ
Ǖ˜ š ‡ ȡǑ¡ ͧ˜ Š^ Į ˜ — ȡǾ @ ȯǑ¡ Į ˜ यह › ȫͩ€ € ޙ ¡ ȡǾ @
@
दो0-  Ú
Ǖ ‘   ͬ… ‘ȡ“ Ȳ‘ ˜ ™ कंद भानक
ु ु ल केत।ु
… ǐš करत नर अनुहरत   Ȳ  ǓǙ सागर सेत।ु ।87।।
–*–*–
यह   ͬǕ’ गह
ु ँ Ǔ“ Ÿ ȡ‘ जब पाई। ˜ ǑǕ‘ ͧ› f ͪĤ ™ बंधु बोलाई।।
ͧ› f फल मूल — ɅŠ — ǐš भारा। ͧ˜ › “ चलेउ Ǒ¡ ȱ™ ȱहरषु अपारा।।
€ ǐš दं डवत — ɅŠ ’ ǐš ] ‚ Ʌ@Ĥ — ǕǑ¡ ǒ– › Ȫ€  \ Ǔ \ “ Ǖšȡ‚ Ʌ@
@
सहज सनेह ǒ––  रघुराई। ” ȱ†Ǘ Ȥ कुसल Ǔ“ € Š बैठाई।।
नाथ कुसल पद पंकज ‘ȯ Ʌ@भयउँ भागभाजन जन › ȯ Ʌ@
@
दे व ’ šǓ“ धनु धामु  à
Ǖ ¡ ȡšȡ@˜ ɇजनु नीचु   Ǒ¡  ”ǐšȡšȡ@
@
कृपा € ǐš\ पुर ’ ȡǐš\ पाऊ।  ȡͪ” ™ जनु सबु लोगु ͧ  ¡ ȡa @
@
कहे हु   י सबु सखा सुजाना। ˜ ȪǑ¡ ‘ȣÛ¡ ͪ”  Ǖआयसु आना।।
दो0-बरष … ȡǐš‘  बासु बन ˜ ǕǓ“ Ħ बेषु \ ¡ ȡǽ@
Ē ȡ˜ बासु “ Ǒ¡ Ȳ` ͬ…    ǓǕ“ ‚ ¡Ǖ Ǒ¡ भयउ दख
ु ु — ȡǽ@
@88।।
–*–*–
राम लखन ͧ  ™ Ǿ ” Ǔ“ ¡ ȡšȣ@€ ¡ Ǒ¡ Ȳ  Ĥȯ˜ Ē ȡ˜ नर “ ȡšȣ@ @
ते ͪ” Ǖमातु कहहु   ͨ कैसे। ǔ‡ Û¡ पठए बन बालक ऐसे।।
एक € ¡ Ǒ¡ Ȳभल — ”Ǘ Ǔ € ȧÛ¡ ȡ@लोयन लाहु ¡ ˜ Ǒ¡ ǒ– ͬ’ ‘ȣÛ¡ ȡ@@
तब Ǔ“ Ÿȡ‘”Ǔ उर अनम ु ाना।  ǽ ͧ   Ȳ ”Ǖ ȡ मनोहर जाना।।
लै šƒ Ǖ
“ ȡ Ǒ¡ ठाउँ दे खावा। कहे उ राम सब — ȡȱǓ सुहावा।।
पुरजन € ǐš ‡ Ȫ¡ ȡǽ घर आए। रघुबर   Ȳڙ ȡ करन ͧ  ’ ȡf @
@
गुहँ   ȱ ȡǐš   ȡȱ šȣ डसाई। कुस ͩ€   › ™ ˜ ™ मद
ृ ल
ु सुहाई।।
  ͬǕ… फल मल
ू मधरु मद
ृ ु जानी। दोना — ǐš — ǐš šȡ ȯͧ  पानी।।
दो0-ͧ  ™   ˜Ǖ ğȲ ħ ȡ ȡ   Ǒ¡  कंद मल
ू फल खाइ।
सयन € ȧÛ¡ šƒ Ǖ– Ȳ  ˜ Ǔ“ पाय पलोटत भाइ।।89।।
–*–*–
उठे लखनु Ĥ — Ǖसोवत जानी। € Ǒ¡   ͬ…  Ǒ¡ सोवन मद
ृ ु बानी।।
कछुक दरू सिज बान सरासन। जागन लगे – ȰǑ‹ बीरासन।।
गँह
ु बोलाइ ”ȡ¡ Ǿ Ĥ Ȣ Ȣ@ठावँ ठाँव राखे \ Ǔ Ĥ Ȣ Ȣ@
@
आपु लखन ”Ǒ¡ Ȳबैठेउ जाई। € ǑŠ भाथी सर चाप चढ़ाई।।
सोवत Ĥ — ǑǕ¡ Ǔ“ ¡ ȡǐš Ǔ“ Ÿ ȡ‘ @
Ǘ भयउ Ĥȯ˜ बस 鑙 ȱǒ– Ÿȡ‘ @
Ǘ@
तनु ” ›Ǖ ͩ€  जलु लोचन बहई। बचन   Ĥȯ˜ लखन सन कहई।।
— Ǘ” Ǔ भवन सुभायँ सुहावा।   Ǖš” Ǔ सदनु न पटतर पावा।।
˜ Ǔ“ ˜ ™ šͬ…  … ȡǽ चौबारे । जनु šǓ ”Ǔ Ǔ“ ‡ हाथ सँवारे ।।
दो0-  Ǖͬ…   Ǖǒ–ͬ… ğ सुभोगमय सुमन सुगंध सुबास।
पलँ ग मंजु ˜ Ǔ“ ‘ȣ” जहँ सब ǒ– ͬ’ सकल सप ु ास।।90।।
–*–*–
ǒ–ǒ– ’ बसन उपधान तरु ाई। † Ȥš फेन मदृ ु ǒ–   ‘ सुहाई।।
तहँ ͧ  ™ रामु सयन Ǔ“ ͧ  € š¡ ȣȲ@Ǔ“ ‡ † ǒ– šǓ मनोज मद ु ¡ š¡ ȣȲ@
@
ते ͧ  ™ रामु   ȡ šȣȲसोए। Į ͧ˜  बसन ǒ– “ Ǖ‡ ȡǑ¡ Ȳन जोए।।
मातु ͪ” ȡ ” ǐš‡ “ परु बासी। सखा सस
ु ील दास \ ǽ दासी।।
‡ Ȫ‚ Ǒ¡ Ȳǔ‡ Û¡ Ǒ¡ Ĥȡ“ € ȧ नाई। ˜ Ǒ¡ सोवत तेइ राम ‚ Ȫ  ȡɃ@
@
ͪ”  ȡ जनक जग ǒ–Ǒ‘ Ĥ — ȡa @ससुर सुरेस सखा रघुराऊ।।
रामचंद ु ”Ǔ सो –Ȱ‘ȯ¡ ȣ@सोवत ˜ Ǒ¡ ǒ– ͬ’ बाम न €ȯ¡ ȣ@
@
ͧ  ™ रघब
ु ीर ͩ€ कानन जोग।ू करम Ĥ ’ ȡ“   י कह लोग।ू ।
दो0-€Ȱ€ ™ “ ȲǑ‘Ǔ“ ˜ Ȳ‘ ˜ Ǔ € Ǒ‹ “ € ǕǑŠ› ”“ Ǖ€ ȧÛ¡ @
‡ ȯ¡ ȣȲरघुनंदन ‡ ȡ“ ͩ€ Ǒ¡ सुख अवसर दख ु ु ‘ȣÛ¡ @
@91।।
–*–*–
भइ Ǒ‘“ € š कुल ǒ–Š” € Ǖ‹ ȡšȣ@€ Ǖ˜ Ǔ € ȧÛ¡ सब ǒ–è ‘ Ǖ ȡšȣ@
@
भयउ ǒ–Ÿ ȡ‘ ǕǓ“ Ÿȡ‘Ǒ¡ — ȡšȣ@राम सीय ˜ Ǒ¡ सयन Ǔ“ ¡ ȡšȣ@
@
बोले लखन मधरु मद
ृ ु बानी। ʙ ȡ“ ǒ– šȡ‚ — ‚ Ǔ रस सानी।।
काहु न कोउ सुख दख
ु कर दाता। Ǔ“ ‡ कृत करम भोग सबु ħ ȡ ȡ@ @
जोग ǒ– ™ Ȫ‚ भोग भल मंदा। Ǒ¡  \ “ Ǒ¡  ˜ ڙ ˜ ħ ˜ फंदा।।
जनमु मरनु जहँ › ͬ‚ जग जाल।ू संपती ǒ– ”Ǔ करमु \ ǽ काल।ू ।
’ šǓ“ धामु धनु पुर ”ǐšȡǾ @सरगु नरकु जहँ › ͬ‚ ޙ ¡ ȡǾ @
@
‘ȯͨ \   ǕǓ“ \ ‚ ǕǓ“ \ मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@मोह मूल परमारथु “ ȡ¡ ȣȲ@
@
दो0-  ” “ Ʌहोइ ͧ—  ȡǐš नप
ृ रं कु “ ȡ€ ” Ǔ होइ।
‡ ȡ‚ Ʌलाभु न ¡ ȡǓ“ कछु Ǔ ͧ˜ Ĥ ”Ȳ… िजयँ जोइ।।92।।
–*–*–
अस ǒ– … ȡǐš “ Ǒ¡ Ȳ€ ȧ‡ \ रोस।ू € ȡ¡ ǕǑ¡ –ȡǑ‘ न दे इअ दोसू।।
मोह Ǔ“   ȡȱसबु   ȪǓ“ ¡ ȡšȡ@‘ȯͨ \ सपन अनेक Ĥ € ȡšȡ@
@
f Ǒ¡ Ȳजग ‡ ȡͧ˜ Ǔ“ ‡ ȡ‚ Ǒ¡ Ȳजोगी। परमारथी Ĥ ” Ȳ… ǒ– ™ Ȫ‚ Ȣ@
@
‡ ȡǓ“ \  –Ǒ¡ Ȳजीव जग जागा। जब जब ǒ– Ÿ™ ǒ– › ȡ  ǒ–šȡ‚ ȡ@
@
होइ ǒ––ȯ€ Ǖ मोह ħ ˜ भागा। तब रघुनाथ चरन अनुरागा।।
सखा परम परमारथु एहू। मन Đ ˜ बचन राम पद नेहू।।
राम Ħ é˜ परमारथ Ǿ ”ȡ@\ ǒ–‚  अलख \ “ ȡǑ‘ अनूपा।।
सकल ǒ–€ ȡš šǑ¡  गतभेदा। € Ǒ¡ Ǔ“  “ ȯǓ Ǔ“ Ǿ ” Ǒ¡ Ȳबेदा।
दो0-भगत — ͧǗ˜ भस
ू रु   šǕͧ— सरु Ǒ¡  › ȡͬ‚ कृपाल।
करत … ǐš ’ ǐš मनुज तनु सुनत ͧ˜ ŠǑ¡ जग जाल।।93।।
मासपारायण, ” Ȳġ ¡ ȡ ͪ Į ȡ˜
–*–*–
सखा   ˜ ͨǕˆ अस ”ǐš¡ ǐš मोहु। ͧ  ™ रघुबीर चरन रत होहू।।
कहत राम गुन भा ͧ— “ Ǖ  ȡšȡ@जागे जग मंगल सुखदारा।।
सकल सोच € ǐš राम नहावा।   Ǖͬ… सुजान बट † Ȥš मगावा।।
अनज
ु   Ǒ¡  ͧ  š जटा बनाए। ‘ȯͨ   ˜Ǖ Ȳğ नयन जल छाए।।
ǿ‘™ ȱदाहु \ Ǔ बदन ˜ › ȣ“ ȡ@कह कर ‡ Ȫǐš बचन \ Ǔ ‘ȣ“ ȡ@
@
नाथ कहे उ अस कोसलनाथा। लै रथु जाहु राम €Ʌ साथा।।
बनु दे खाइ   Ǖš  ǐš \ Û¡  ȡ_@आनेहु •ȯǐš –ȯͬ‚ दोउ भाई।।
लखनु रामु ͧ  ™ आनेहु •ȯšȣ@संसय सकल सँकोच Ǔ“ –ȯšȣ@
@
दो0-नपृ अस कहे उ ‚ Ȫ  ȡɂ जस कहइ € šɋ – ͧ› सोइ।
€ ǐš ǒ–“  Ȣ ”ȡ™ Û¡ परे उ ‘ȣÛ¡ बाल ǔ‡ ͧ˜ रोइ।।94।।
–*–*–
तात कृपा € ǐš € ȧǔ‡ \ सोई। ‡ ȡ Ʌअवध अनाथ न होई।।
˜ Ȳğ Ǒ¡ राम उठाइ Ĥ–Ȫ’ ȡ@तात धरम मतु  à
Ǖ ¡ सबु सोधा।।
ͧ  ǒ– ‘’ Ȣͬ… ¡ ǐš… ‘Ȳ नरे सा। सहे धरम Ǒ¡  € ȪǑŠ कलेसा।।
šȲǓ ‘ȯ –ͧ› भूप सुजाना। धरमु धरे उ   Ǒ¡ संकट नाना।।
धरमु न दस
ू र   י समाना। आगम Ǔ“ ‚ ˜ पुरान बखाना।।
˜ ɇसोइ धरमु सुलभ € ǐš पावा।  ‡ ɅǓ ¡ Ǘȱपुर अपजसु छावा।।
  Ȳ— ȡͪ  कहुँ अपजस लाहू। मरन € ȪǑŠ सम ‘ȡǽ“ दाहू।।
à
Ǖ ¡ सन तात बहुत का कहऊँ। Ǒ‘f ȱ`  ǽ ͩ• ǐš पातकु लहऊँ।।
दो0-ͪ” Ǖपद ‚ Ǒ¡ € Ǒ¡ € ȪǑŠ “ Ǔ ǒ–“ ™ करब कर ‡ Ȫǐš@
ͬ… Ȳ ȡ € Ǔ“ ¡ Ǖबात कै तात € ǐš\ ‡ Ǔ“ ˜ Ȫǐš@
@95।।
–*–*–
à
Ǖ ¡ ” ǕǓ“ ͪ” Ǖसम \ Ǔ Ǒ¡  ˜ ȪšɅ@ǒ–“  Ȣ करउँ तात कर ‡ ȪšɅ@
@
सब ǒ–ͬ’ सोइ € š ޙ  à
Ǖ ¡ ȡšɅ@दख
ु न पाव ͪ”  Ǖसोच ¡ ˜ ȡšɅ@
@
  ǕǓ“ रघुनाथ   ͬ…  संबाद।ू भयउ   ”ǐš‡ “ ǒ– € › Ǔ“ Ÿ ȡ‘ @
Ǘ@
” ǓǕ“ कछु लखन € ¡ ȣ कटु बानी। Ĥ — Ǖबरजे बड़ \ “ ͬǕ…  जानी।।
  € Ǖͬ… राम Ǔ“ ‡ सपथ दे वाई। लखन सँदेसु € Ǒ¡ \ ‡ Ǔ“ जाई।।
कह   Ǖ˜ Ȳğ Ǖ” ǕǓ“ भूप सँदेसू।   Ǒ¡ न   ͩ€ Ǒ¡ ͧ  ™ ǒ– ͪ”“ कलेसू।।
‡ ȯǑ¡ ǒ–ͬ’ अवध आव ͩ• ǐš सीया। सोइ šƒ Ǖ– šǑ¡  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ करनीया।।
“  ǽ Ǔ“ ” Š अवलंब ǒ–¡ ȣ“ ȡ@˜ ɇन िजअब ǔ‡ ͧ˜ जल ǒ– “ Ǖमीना।।
दो0-˜ ^€Ʌ    šɅसकल सख
ु ‡ – Ǒ¡ Ȳजहाँ मनु मान।।
तँह तब šǑ¡ Ǒ¡ सख
ु ेन ͧ  ™ जब › ͬ‚ ǒ–” Ǔ ǒ–¡ ȡ“ @ @96।।
–*–*–
ǒ–“  Ȣ भप
ू € ȧÛ¡ ‡ ȯǑ¡ भाँती। ] šǓ Ĥ ȢǓ न सो € Ǒ¡ जाती।।
ͪ” Ǖसँदेसु   ǓǕ“ € Ǚ” ȡǓ“ ’ ȡ“ ȡ@ͧ  ™ Ǒ¡ ‘ȣÛ¡ ͧ   € ȪǑŠ ǒ–’ ȡ“ ȡ@
@
सासु ससरु गरु ͪĤ™ ”ǐšȡǾ @ͩ• š Ǖत सब कर ͧ˜ ŠȰ — ȡǾ @
@
  ǕǓ“ ”Ǔ बचन € ¡ Ǔ – Ȱ‘ȯ¡ ȣ@सुनहु Ĥȡ“ ” Ǔ परम   “ ȯ¡ ȣ@
@
Ĥ — Ǖ€ ǽ“ ȡ˜ ™ परम ǒ––ȯ€ ȧ@तनु तिज š¡ Ǔ छाँह ͩ€ ͧ˜ † Ʌ€ ȧ@
@
Ĥ — ȡ जाइ कहँ भानु ǒ–¡ ȡ_@कहँ … ǑȲġ€ ȡ चंद ु तिज जाई।।
” Ǔ Ǒ¡ Ĥȯ˜ ˜ ™ ǒ– “ ™ सन
ु ाई। € ¡ Ǔ   ͬ…  सन ͬ‚ šȡ सह
ु ाई।।
à
Ǖ ¡ ͪ”  Ǖससरु   ǐš  Ǒ¡  € ȡšȣ@`  ǽ दे उँ ͩ• ǐš \ “ ͬǕ…  — ȡšȣ@
@
दो0-] šǓ बस सनमुख भइउँ ǒ–› ‚ Ǖन मानब तात।
आरजसुत पद कमल ǒ– “ Ǖ– ȡǑ‘ जहाँ › ͬ‚ नात।।97।।
–*–*–
ͪ”  Ǖबैभव ǒ–› ȡ  ˜ ɇडीठा। नप
ृ ˜ Ǔ“ मुकुट ͧ˜ ͧ›  पद पीठा।।
  Ǖ Ǔ“ ’ ȡ“ अस ͪ” Ǖगह
ृ ˜ ȪšɅ@ͪ” ™ ǒ–¡ ȣ“ मन भाव न — ȪšɅ@
@
ससुर … Ȁ ^ कोसलराऊ। भुवन … ȡǐš‘  Ĥ‚ Š Ĥ — ȡa @
@
] ‚ Ʌहोइ ‡ ȯǑ¡   šǕ”Ǔ लेई। अरध ͧ  ƒȲ ȡ  “ आसनु दे ई।।
    ǽǕ f  ȡǺ  अवध Ǔ“ ȡ  @
Ǘ ͪĤ™ ” ǐšȡǽ मातु सम सास।ू ।
ǒ– “ Ǖšƒ Ǖ” Ǔ पद पदम
ु परागा। ˜ ȪǑ¡ केउ सपनेहुँ सुखद न लागा।।
अगम पंथ –“ — Ǘͧ˜ पहारा। € ǐš €ȯ¡ ǐš सर   ǐš अपारा।।
कोल ͩ€ šȡ कुरं ग ǒ–¡ Ȳ‚ ȡ@˜ ȪǑ¡ सब सुखद Ĥ ȡ“ ”Ǔ संगा।।
दो0-सासु ससरु सन ˜ Ȫǐš ¡ ǕȱǓ ǒ–“ ™ € šǒ– ”ǐš पायँ।।
मोर सोचु ‡ Ǔ“ € ǐš\ कछु ˜ ɇबन सख ु ी सभ
ु ायँ।।98।।
–*–*–
Ĥ ȡ“ “ ȡ ͪĤ™ दे वर साथा। बीर ’ šǕȣ“ ’ šɅधनु भाथा।।
“ Ǒ¡ Ȳमग Į ˜ Ǖħ ˜ Ǖदख
ु मन ˜ ȪšɅ@˜ ȪǑ¡ › ͬ‚ सोचु € ǐš\ ‡ Ǔ“ — ȪšɅ@
@
  ǓǕ“   ˜Ǖ Ȳğ Ǖͧ  ™   Ȣ ͧ› बानी। भयउ ǒ–€ › जनु • Ǔ“ ˜ Ǔ“ हानी।।
नयन सूझ “ Ǒ¡ Ȳसुनइ न काना। € Ǒ¡ न सकइ कछु \ Ǔ अकुलाना।।
राम Ĥ –Ȫ’ Ǖ€ ȧÛ¡ बहु — ȡȱ
Ǔ @ ‘ͪ” ¡ ȪǓ “ Ǒ¡ Ȳ  Ȣ ͧ› छाती।।
जतन अनेक साथ Ǒ¡  € ȧÛ¡ ȯ@` ͬ…  उतर रघुनंदन ‘ȣÛ¡ ȯ@ @
˜ ȯǑŠ जाइ “ Ǒ¡ Ȳराम रजाई। € Ǒ‹ “ करम ‚ Ǔ कछु न बसाई।।
राम लखन ͧ  ™ पद ͧ  ǽ नाई। ͩ• šȯ̀ – Ǔ“ € ǔ‡ ͧ˜ मरू गवाँई।।
दो0–रथ हाँकेउ हय राम तन ¡ ȯǐš ¡ ȯǐš Ǒ¡ Ǒ¡ “ ȡǑ¡ @
Ȳ
‘ȯͨ Ǔ“ Ÿȡ‘ ǒ–Ÿȡ‘–  ’ “Ǖ Ǒ¡ Ȳसीस ” Ǔ†  ȡǑ¡ @
Ȳ@99।।
–*–*–
जासु ǒ– ™ Ȫ‚ ǒ–€ › पसु ऐसे। Ĥ‡ ȡ मातु ͪ”  Ǖǔ‡ ^¡ Ǒ¡ Ȳ€Ȱ  Ʌ@
@
बरबस राम   Ǖ˜ Ȳğ Ǖपठाए।   Ǖš  ǐš तीर आपु तब आए।।
मागी नाव न केवटु आना। कहइ  à
Ǖ ¡ ȡš मरमु ˜ ɇजाना।।
चरन कमल रज कहुँ सबु कहई। मानष ु € šǓ“ ˜ ǐǗš कछु अहई।।
छुअत ͧ  › ȡ भइ “ ȡǐš सह
ु ाई। पाहन  Ʌन काठ € Ǒ‹ “ ȡ_@
@
 šǓ“ ` ˜ ǕǓ“ ƒ ǐšǓ“ होइ जाई। बाट परइ ˜ Ȫǐš नाव उड़ाई।।
f Ǒ¡ ȲĤǓ ” ȡ› `ȱसबु ”ǐš ȡǾ @“ Ǒ¡ Ȳजानउँ कछु अउर € – ȡǾ @
@
जौ Ĥ— Ǖपार \  ͧ  गा चहहू। ˜ ȪǑ¡ पद पदम
ु पखारन कहहू।।
छं 0-पद कमल धोइ चढ़ाइ नाव न नाथ उतराई … ¡ ɋ@
˜ ȪǑ¡ राम šȡ` ǐš आन दसरथ सपथ सब साची € ¡ ɋ@
@
–ǽ तीर मारहुँ लखनु पै जब › ͬ‚ न पाय ” ȡǐš¡ ɋ@
तब › ͬ‚ न तल ु सीदास नाथ कृपाल ” ȡǽ `  ȡǐš¡ ɋ@
@
सो0-  ǕǓ“ केबट के बैन Ĥȯ˜ लपेटे अटपटे ।
ǒ– ¡   ȯ€ ǽ“ ȡg“ ͬ…  ^ ‡ ȡ“ € ȧ लखन तन।।100।।
€ Ǚ”ȡͧ  ’Ȳ Ǖबोले मस
ु क
ु ाई। सोइ € ǽ ‡ ɅǑ¡ तव नाव न जाई।।
ȯͬ‚ आनु जल पाय ” ȡǾ @होत ǒ–› Ȳ– Ǖ`  ȡšǑ¡ ” ȡǾ @
@
जासु नाम सुमरत एक बारा। `  šǑ¡ Ȳनर — ͧ  ’Ȳ Ǖअपारा।।
सोइ कृपालु €ȯŠǑ¡ Ǔ“ ¡ Ȫšȡ@‡ ȯǑ¡ Ȳजगु ͩ€ ™ Ǔ ¡ Ǖपगहु ते थोरा।।
पद नख Ǔ“ šͨ ‘ȯ   ǐš हरषी।   ǕǓ“ Ĥ — Ǖबचन मोहँ ˜ Ǔ करषी।।
केवट राम रजायसु पावा। ” ȡǓ“ कठवता — ǐš लेइ आवा।।
\ Ǔ आनंद ` ˜ ͬ‚ अनरु ागा। चरन सरोज पखारन लागा।।
– šͪŸ सम
ु न सरु सकल ͧ  ¡ ȡ¡ ȣȲ@f Ǒ¡ सम ” Û
Ǖ™ ” Ȳ‡Ǖ कोउ “ ȡ¡ ȣȲ@
@
दो0-पद ” ȡǐš जलु पान € ǐš आपु   Ǒ¡  ”ǐšȡš@
ͪ” š ” ȡǽ € ǐš Ĥ — ǕǑ¡ ” ǕǓ“ ˜ ǕǑ‘ गयउ लेइ पार।।101।।
–*–*–
`  ǐš ठाड़ भए   Ǖš  ǐš रे ता। सीयराम गुह लखन समेता।।
केवट `  ǐš दं डवत € ȧÛ¡ ȡ@Ĥ— ǕǑ¡ सकुच f Ǒ¡ “ Ǒ¡ Ȳकछु ‘ȣÛ¡ ȡ@
@
ͪ” ™ Ǒ¡ ™ € ȧ ͧ  ™ ‡ ȡ“ Ǔ“ ¡ ȡšȣ@˜ Ǔ“ ˜ Ǖ‘ šȣ मन ˜ ǕǑ‘ `  ȡšȣ@
@
कहे उ कृपाल › ȯǑ¡ उतराई। केवट चरन गहे अकुलाई।।
नाथ आजु ˜ ɇकाह न पावा। ͧ˜ Šȯदोष दख
ु ‘ȡǐš‘ दावा।।
बहुत काल ˜ ɇ€ ȧǔÛ¡ ˜ ‡ šǗȣ@आजु ‘ȣÛ¡ ǒ– ͬ’ –Ǔ“ — ͧ› — šǗȣ@@
अब कछु नाथ न … ȡǑ¡ \ ˜ ȪšɅ@‘ȣ“ ‘™ ȡ› \ “ ĒǕ ¡  ȪšɅ@
@
ͩ• š Ȣ बार ˜ ȪǑ¡ जे दे बा। सो Ĥ   ȡ‘ Ǖ˜ ɇͧ  š ’ ǐš लेबा।।
दो0- बहुत € ȧÛ¡ Ĥ— Ǖलखन ͧ  ™ ȱ“ Ǒ¡ Ȳकछु केवटु लेइ।
ǒ–‘ȡ € ȧÛ¡ € ǽ“ ȡ™  “ — ‚ Ǔ ǒ–˜ › – ǽ दे इ।।102।।
–*–*–
तब ˜ Ï ‡ “ Ǖ€ ǐš रघुकुलनाथा। पूिज ”ȡšͬ  नायउ माथा।।
ͧ  ™ ȱ  Ǖš  ǐšǑ¡ कहे उ कर ‡ Ȫšȣ@मातु मनोरथ ” Ǖš` ǒ– ˜ Ȫšȣ@
@
” Ǔ दे वर संग कुसल –¡ Ȫšȣ@आइ € šɋ ‡ ȯǑ¡ Ȳपूजा  Ȫšȣ@
@
 Ǔ
Ǖ“ ͧ  ™ ǒ– “ ™ Ĥȯ˜ रस सानी। भइ तब ǒ– ˜ › – ȡǐš बर बानी।।
सन
ु ु रघब
ु ीर ͪĤ™ ȡ –Ȱ‘ȯ¡ ȣ@तव Ĥ — ȡ` जग ǒ–Ǒ‘ न €ȯ¡ ȣ@
@
लोकप ¡ ȪǑ¡ Ȳǒ–› Ȫ€   ȪšɅ@ ȪǑ¡   ȯ Ǒ¡ Ȳसब ͧ  ͬ’ कर ‡ ȪšɅ@
@
à
Ǖ ¡ जो ¡ ˜ Ǒ¡ –ͫ° ǒ– “ ™ सुनाई। कृपा € ȧǔÛ¡ ˜ ȪǑ¡ ‘ȣǔÛ¡ बड़ाई।।
 ‘ͪ” ‘ȯǒ– ˜ ɇ‘ȯǒ– असीसा। सफल होपन Ǒ¡  Ǔ“ ‡ बागीसा।।
दो0-Ĥȡ“ “ ȡ दे वर   Ǒ¡  कुसल कोसला आइ।
” ‡Ǘ Ǒ¡ सब मनकामना सजु सु šǑ¡ Ǒ¡ जग छाइ।।103।।
–*–*–
गंग बचन   ǓǕ“ मंगल मल
ू ा। ˜ ǑǕ‘ सीय   šǕ  ǐš अनक
ु ु ला।।
तब Ĥ— Ǖ‚ ¡Ǖ Ǒ¡ कहे उ घर जाहू। सन
ु त सख
ू मख
ु ु भा उर दाहू।।
‘ȣ“ बचन गुह कह कर ‡ Ȫšȣ@ǒ– “ ™ सुनहु šƒ Ǖ€ Ǖ› ˜ Ǔ“ ˜ Ȫšȣ@
@
नाथ साथ šǑ¡ पंथु दे खाई। € ǐš Ǒ‘“ … ȡǐš चरन सेवकाई।।
‡ ȯǑ¡ Ȳबन जाइ रहब रघुराई। ” š“ € ǕŠȣ ˜ ɇ€ šǒ– सुहाई।।
तब ˜ ȪǑ¡ कहँ ‡ ͧ  दे ब रजाई। सोइ € ǐš¡ `ȱरघब
ु ीर दोहाई।।
सहज सनेह राम › ͨ तास।ु संग › ȣÛ¡ गह ु ǿ‘™ हुलास।ू ।
” ǓǕ“ गह
ु ँ ʙ ȡǓ –Ȫͧ› सब › ȣÛ¡ ȯ@€ ǐš ” ǐš ȪŸ Ǖǒ– ‘ȡ तब € ȧÛ¡ ȯ@
@
दो0- तब ‚ “ ”Ǔ ͧ     Ǖͧ˜ ǐš Ĥ — Ǖनाइ   Ǖš  ǐšǑ¡ माथ। ì
सखा अनुज ͧ  ™ ȡ   Ǒ¡  बन गवनु € ȧÛ¡ रधन
ु ाथ।।104।।
–*–*–
 ȯǑ¡ Ǒ‘“ भयउ ǒ–Š” तर बासू। लखन सखाँ सब € ȧÛ¡ सुपासू।।
Ĥȡ Ĥ ȡ € Ǚ € ǐš रधस
ु ाई। तीरथराजु ‘ȣ Ĥ— Ǖजाई।।
  ͬ…    י Į ڑȡ ͪĤ ™ “ ȡšȣ@माधव   ǐš  मीतु Ǒ¡  € ȡšȣ@
@
… ȡǐš पदारथ भरा — ȱŒ ȡǽ@” Û
Ǖ™ Ĥ ‘ȯ  दे स \ Ǔ … ȡǽ@
@
† ȯğ अगम गढ़ु गाढ़ सह
ु ावा। सपनेहुँ “ Ǒ¡ ȲĤǓ ”ǔÍ † Û¡ पावा।।
सेन सकल तीरथ बर बीरा। कलुष अनीक दलन रनधीरा।।
संगमु ͧ  ¡Ȳȡ  “ Ǖ  ǕǑ‹ सोहा। † ğ Ǖअखयबटु ˜ ǕǓ“ मनु मोहा।।
चवँर जमुन \ ǽ गंग तरं गा। ‘ȯͨ ¡ ȪǑ¡ Ȳदख
ु ‘ȡǐš‘ भंगा।।
दो0-   ȯ Ǒ¡ Ȳ  €Ǖ ǙǓ साधु   ͬǕ… ” ȡǑ¡ Ȳसब मनकाम।
–Ȳ‘ ȣ बेद परु ान गन € ¡ Ǒ¡ Ȳǒ– ˜ › गनु Ē ȡ˜ @ @105।।
–*–*–
को € Ǒ¡ सकइ Ĥ™ ȡ‚ Ĥ — ȡa @कलष ु पंज
ु कंु जर मग
ृ राऊ।।
अस  Ȣš ”Ǔ ‘ȯͨ सह
ु ावा। सख
ु सागर रघब
ु र सख
ु ु पावा।।
€ Ǒ¡ ͧ  ™ ›  “ Ǒ¡    Ǒ¡ सन
ु ाई। Į Ȣ˜ Ǖ तीरथराज बड़ाई।।
€ ǐš Ĥ “ ȡ˜ Ǖदे खत बन बागा। कहत महातम \ Ǔ अनुरागा।।
f Ǒ¡ ǒ– ͬ’ आइ ǒ– › Ȫ€ ȧ बेनी।   Ǖͧ˜ š सकल सुमंगल दे नी।।
˜ ǑǕ‘ नहाइ € ȧǔÛ¡ ͧ   सेवा। पिु ज ‡  ȡǒ–ͬ’ तीरथ दे वा।।
तब Ĥ — Ǖ— šɮȡ‡ ”Ǒ¡ Ȳआए। करत दं डवत ˜ ǓǕ“ उर लाए।।
˜ ǓǕ“ मन मोद न कछु € Ǒ¡ जाइ। Ħ é˜ ȡ“ Ȳ‘ šȡͧ  जनु पाई।।
दो0- ‘ȣǔÛ¡ असीस मुनीस उर \ Ǔ अनंद ु अस ‡ ȡǓ“ @
लोचन गोचर सुकृत फल मनहुँ ͩ€ f ǒ–ͬ’ ] Ǔ“ @ @106।।
–*–*–
कुसल Ĥ è“ € ǐš आसन ‘ȣÛ¡ ȯ@पूिज Ĥȯ˜ ”ǐš” Ǘš“ € ȧÛ¡ ȯ@
@
कंद मूल फल अंकुर नीके। Ǒ‘f ] Ǔ“ ˜ ǕǓ“ मनहुँ अमी के।।
सीय लखन जन   Ǒ¡  सुहाए। \ Ǔ ǽͬ… राम मूल फल खाए।।
भए ǒ–‚  Į ˜ रामु सख
ु ारे । — šå‘ȡ‡ मद
ृ ु बचन उचारे ।।
आजु सफ
ु ल तपु तीरथ י ȡ‚ @
Ǘ आजु सफ
ु ल जप जोग ǒ–šȡ‚ @
Ǘ@
सफल सकल सुभ साधन साजू। राम  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ अवलोकत आजू।।
लाभ \  ͬ’ सुख \ ͬ’ न दज
ू ी।  à
Ǖ ¡ ȡšɅदरस आस सब पूजी।।
अब € ǐš कृपा दे हु बर एहू। Ǔ“ ‡ पद   šͧ  ‡ सहज सनेहू।।
दो0-करम बचन मन † ȡͫ° छलु जब › ͬ‚ जनु न  à Ǖ ¡ ȡš@
तब › ͬ‚ सखु ु सपनेहुँ “ ¡ ȣȲͩ€ f ȱ€ ȪǑŠ उपचार।।
–*–*–
  ǓǕ“ ˜ ǓǕ“ बचन रामु सकुचाने। भाव — ‚ Ǔ आनंद अघाने।।
तब रघब
ु र ˜ ǓǕ“ सज
ु सु सह
ु ावा। € ȪǑŠ — ȡȱǓ € Ǒ¡   – Ǒ¡ सन
ु ावा।।
सो बड सो सब गुन गन गेहू। ‡ ȯǑ¡ मुनीस  Ǖà¡ आदर दे हू।।
˜ ǕǓ“ रघुबीर परसपर “ ¡ ȣȲ@बचन अगोचर सुखु \ “ Ǖ—  ¡ ȣ@
Ȳ@
यह   Ǖͬ’ पाइ Ĥ ™ ȡ‚ Ǔ“ ȡ  Ȣ@बटु तापस ˜ ǕǓ“ ͧ  ƨ उदासी।।
— šɮ ȡ‡ ] Į ˜ सब आए। दे खन दसरथ सअ
ु न सह
ु ाए।।
राम Ĥ “ ȡ˜ € ȧÛ¡ सब काहू। ˜ ǑǕ‘ भए › Ǒ¡ लोयन लाहू।।
‘ȯǑ¡ Ȳअसीस परम सखु ु पाई। ͩ• šȯसराहत संद
ु रताई।।
दो0-राम € ȧÛ¡ ǒ–Į ȡ˜ Ǔ“ ͧ  Ĥ ȡ Ĥ™ ȡ‚ नहाइ।
चले   Ǒ¡  ͧ  ™ लखन जन ˜ Ǖ‘ Ǒ‘ ˜ ǕǓ“ Ǒ¡ ͧ  ǽ नाइ।।108।।
–*–*–
राम   Ĥȯ˜ कहे उ ˜ ǕǓ“ ”ȡ¡ ȣȲ@नाथ € Ǒ¡ \ हम €ȯǑ¡ मग ‡ ȡ¡ ȣȲ@
@
˜ ǕǓ“ मन ǒ– ¡ ͧ  राम सन € ¡ ¡ ȣȲ@सुगम सकल मग  à Ǖ ¡ कहुँ \ ¡ ¡ ȣȲ@
@
साथ › ȡͬ‚ ˜ ǕǓ“ ͧ  ç™ बोलाए।   ǕǓ“ मन ˜ ǕǑ‘ पचासक आए।।
  – ǔÛ¡ राम पर Ĥȯ˜ अपारा। सकल € ¡ Ǒ¡ मगु ‘ȣ हमारा।।
˜ ǓǕ“ बटु … ȡǐš संग तब ‘ȣÛ¡ ȯ@ǔ‡ Û¡ बहु जनम सकु ृ त सब € ȧÛ¡ ȯ@
@
€ ǐš Ĥ“ ȡ˜ ǕǐšͪŸ आयसु पाई। Ĥ ˜ ǕǑ‘ ǿ‘™ ȱचले रघुराई।।
Ē ȡ˜ Ǔ“ € Š जब Ǔ“ €   Ǒ¡ जाई। ‘ȯ Ǒ¡ दरसु “ ȡǐš नर धाई।।
¡ ȪǑ¡ सनाथ जनम फलु पाई। ͩ• šǑ¡ ‘ ͨǕ  मनु संग पठाई।।
दो0-ǒ– ‘ȡ ͩ€ f बटु ǒ–“ ™ € ǐš ͩ• šȯपाइ मन काम।
`  ǐš नहाए जमन
ु जल जो   šȣš सम è™ ȡ˜ @@109।।
–*–*–
सन
ु त तीरवासी नर “ ȡšȣ@धाए Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ काज ǒ–   ȡšȣ@
@
लखन राम ͧ  ™   Û
Ǖ‘š ȡ_@‘ȯͨ € šǑ¡ ȲǓ“ ‡ — ȡʙ बड़ाई।।
\ Ǔ लालसा –  Ǒ¡ Ȳमन ˜ ȡ¡ ȣ@
Ȳ नाउँ गाउँ बूझत   € Ǖ… ȡ¡ ȣȲ@
@
जे Ǔ Û¡ महुँ – ™ ǒ– ǐš’ सयाने। Ǔ Û¡ € ǐš ‡ Ǖ‚ ǕǓ रामु ” Ǒ¡ … ȡ“ ȯ@
@
सकल कथा Ǔ Û¡   – Ǒ¡ सुनाई। –“ Ǒ¡ चले ͪ” Ǖआयसु पाई।।
  ǓǕ“   ǒ–Ÿȡ‘ सकल ”Ǔ†  ȡ¡ ȣȲ@रानी रायँ € ȧÛ¡ भल “ ȡ¡ ȣȲ@
@
 ȯǑ¡ अवसर एक तापसु आवा। तेजपंज
ु लघब
ु यस सह
ु ावा।।
€ ͪ \ › ͨ  ‚ Ǔ बेषु ǒ–šȡ‚ Ȣ@मन Đ ˜ बचन राम अनरु ागी।।
दो0-सजल नयन तन ” Ǖ› ͩ€ Ǔ“ ‡ ^犑ȯ̀ ” Ǒ¡ … ȡǓ“ @
परे उ दं ड ǔ‡ ͧ˜ ’ šǓ“  › दसा न जाइ – ȡǓ“ @
@110।।
–*–*–
राम   Ĥȯ˜ ” Ǖ› ͩ€ उर लावा। परम रं क जनु पारसु पावा।।
मनहुँ Ĥȯ˜ Ǖपरमारथु दोऊ। ͧ˜ ›  धरे तन कह सबु कोऊ।।
– ¡ Ǖǐš लखन ”ȡ™ Û¡ सोइ लागा। › ȣÛ¡ उठाइ ` ˜ ͬ‚ अनुरागा।।
” ǓǕ“ ͧ  ™ चरन ’ ǐǗš ’ ǐš सीसा। ‡ “ Ǔ“ ‡ ȡǓ“ ͧ    Ǖ‘ȣǔÛ¡ असीसा।।
€ ȧÛ¡ Ǔ“ Ÿȡ‘ दं डवत  ȯ¡ ȣ@ͧ˜ › ȯ̀ ˜ ǑǕ‘ › ͨ राम   “ ȯ¡ ȣ@
@
ͪ” \  नयन पुट Ǿ ” Ǖͪ” ™ ǗŸ ȡ@˜ ǕǑ‘ सुअसनु पाइ ǔ‡ ͧ˜ भूखा।।
ते ͪ” Ǖमातु कहहु   ͨ कैसे। ǔ‡ Û¡ पठए बन बालक ऐसे।।
राम लखन ͧ  ™ Ǿ ” ǕǓ“ ¡ ȡšȣ@¡ ȪǑ¡ Ȳसनेह ǒ– € › नर “ ȡšȣ@
@
दो0-तब रघब
ु ीर अनेक ǒ– ͬ’    Ǒ¡ ͧ   ȡ“ Ǖ‘ȣÛ¡ @
राम रजायसु सीस ’ ǐš भवन गवनु  Ʉ^ ȱ€ ȧÛ¡ @@111।।
–*–*–
”Ǔ
Ǖ“ ͧ  ™ ȱराम लखन कर ‡ Ȫšȣ@‡ ˜ “Ǖ Ǒ¡ € ȧÛ¡ Ĥ“ ȡ˜ Ǖ–¡ Ȫšȣ@
@
चले ससीय ˜ ǑǕ‘ दोउ भाई। šǒ– “ ‡Ǖ ȡ कइ करत बड़ाई।।
” ͬ € अनेक ͧ˜ › Ǒ¡ Ȳमग जाता। € ¡ Ǒ¡ Ȳ  Ĥȯ˜ ‘ȯͨ दोउ ħ ȡ ȡ@
@
राज लखन सब अंग  à
Ǖ ¡ ȡšɅ@‘ȯͨ सोचु \ Ǔ ǿ‘™ ¡ ˜ ȡšɅ@
@
मारग चलहु ”™ ȡ‘ȯǑ¡ पाएँ। Ï ™ ȪǓ Ÿ Ǖझूठ ¡ ˜ ȡšɅभाएँ।।
अगमु पंथ ͬ‚ ǐš कानन — ȡšȣ@ ȯǑ¡ महँ साथ “ ȡǐš   €Ǖ Ǖ˜ ȡšȣ@
@
€ ǐš €ȯ¡ ǐš बन जाइ न जोई। हम सँग … › Ǒ¡ जो आयसु होई।।
जाब जहाँ › ͬ‚ तहँ पहुँचाई। ͩ• š– – ¡ Ȫǐš  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ ͧ  ǽ नाई।।
दो0-f Ǒ¡ ǒ– ͬ’ ” ȱǗ† Ǒ¡ ȲĤȯ˜ बस पुलक गात जलु नैन।
€ Ǚ”ȡͧ  ’Ȳ Ǖ•ȯšǑ¡ Ǔ Û¡ Ǒ¡ € Ǒ¡ ǒ–“ Ȣ मद
ृ ु बैन।।112।।
–*–*–
जे पुर गाँव –  Ǒ¡ Ȳमग ˜ ȡ¡ ȣȲ@Ǔ Û¡ Ǒ¡ नाग सुर नगर ͧ  ¡ ȡ¡ ȣȲ@
@
€ȯǑ¡ सुकृतीं €ȯǑ¡ ƒ šȣȲबसाए। ’ ۙ ” Ǖۙ ˜ ™ परम सुहाए।।
जहँ जहँ राम चरन … ͧ› ‡ ȡ¡ ȣȲ@Ǔ Û¡ समान \ ˜ šȡ Ǔ “ ȡ¡ ȣȲ@
@
”Û
Ǖ™ ” Ȳ‡Ǖ मग Ǔ“ € Š Ǔ“ ȡ  Ȣ@Ǔ Û¡ Ǒ¡   šȡ¡ Ǒ¡ Ȳसरु परु बासी।।
जे — ǐš नयन ǒ–› Ȫ€ Ǒ¡ Ȳšȡ˜ Ǒ¡ @सीता लखन   Ǒ¡  ƒ “ è™ ȡ˜ Ǒ¡ @
@
जे सर   ǐš राम \ ‚ ȡ¡ Ǒ¡ @
Ȳ Ǔ Û¡ Ǒ¡ दे व सर   ǐš   šȡ¡ Ǒ¡ @
Ȳ@
‡ ȯǑ¡  ǽ तर Ĥ— Ǖ–Ȱ‹ Ǒ¡ Ȳजाई। € šǑ¡ Ȳ€ › ”  ǽ तासु बड़ाई।।
” šͧ  राम पद पदम
ु परागा। ˜ ȡ“ Ǔ — Ǘͧ˜ — Ǘǐš Ǔ“ ‡ भागा।।
दो0-छाँह € šǑ¡ घन ǒ–– ’Ǖ ‚ “ – šŸ Ǒ¡ सम
ु न ͧ  ¡ ȡǑ¡ @
Ȳ
दे खत ͬ‚ ǐš बन ǒ–¡ ‚ मगृ रामु चले मग ‡ ȡǑ¡ @
Ȳ@113।।
–*–*–
सीता लखन   Ǒ¡  रघरु ाई। गाँव Ǔ“ € Š जब Ǔ“ €   Ǒ¡ Ȳजाई।।
  ǓǕ“ सब बाल – ƨǙ नर “ ȡšȣ@… › Ǒ¡ Ȳतरु त गह
ृ काजु ǒ–   ȡšȣ@
@
राम लखन ͧ  ™ Ǿ ” Ǔ“ ¡ ȡšȣ@पाइ नयनफलु ¡ ȪǑ¡ Ȳ  Ǖ ȡšȣ@
@
सजल ǒ–› Ȫ… “ पुलक   šȣšȡ@सब भए मगन ‘ȯͨ दोउ बीरा।।
– šǓ“ न जाइ दसा Ǔ Û¡ €ȯšȣ@› Ǒ¡ जनु šȲ€ Û¡   Ǖš˜ Ǔ“ ȯšȣ@
@
f € Û¡ एक –Ȫͧ› ͧ   ‘ȯ¡ ȣȲ@लोचन लाहु लेहु छन f ¡ ȣȲ@ @
šȡ˜ Ǒ¡ ‘ȯͨ एक अनरु ागे। ͬ…    चले ‡ ȡǑ¡ Ȳसँग लागे।।
एक नयन मग † ǒ– उर आनी। ¡ ȪǑ¡ Ȳͧ  ͬ › तन मन बर बानी।।
दो0-एक ‘ȯͨ Ȳबट छाँह — ͧ› Œȡͧ  मद
ृ ल
ु तन
ृ पात।
€ ¡ Ǒ¡ Ȳगवाँइअ Ǔ† “ Ǖ€ Ǖ Į ˜ Ǖगवनब \ –Ǒ¡ Ȳͩ€ Ĥ ȡ @
@ 114।।
–*–*–
एक कलस — ǐš ] “ Ǒ¡ Ȳपानी। अँचइअ नाथ € ¡ Ǒ¡ Ȳमद ृ ु बानी।।
  ǕǓ“ ͪĤ™ बचन ĤȢǓ \ Ǔ दे खी। राम कृपाल सुसील ǒ–   ȯŸ Ȣ@
@
जानी Į ͧ˜  सीय मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@ƒ ǐš€ ǒ–› Ȳ– Ǖ€ ȧÛ¡ बट † ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
˜ ǑǕ‘ “ ȡǐš नर ‘ȯ Ǒ¡ Ȳसोभा। Ǿ ” अनप
ू नयन मनु लोभा।।
एकटक सब   Ȫ¡ Ǒ¡ Ȳचहुँ ओरा। šȡ˜ … ġȲ मख
ु चंद चकोरा।।
 ǽ“ तमाल बरन तनु सोहा। दे खत € ȪǑŠ मदन मनु मोहा।।
‘ȡͧ˜ Ǔ“ बरन लखन   ǕǑ‹ नीके। नख ͧ   सुभग भावते जी के।।
˜ ǕǓ“ ”Š € ǑŠÛ¡ €   Ʌतन
ू ीरा।   Ȫ¡ Ǒ¡ Ȳकर € ˜ ͧ› Ǔ“ धनु तीरा।।
दो0-जटा मक
ु ु ट   Ȣ  Ǔ“ सभ
ु ग उर भज
ु नयन ǒ–   ȡ› @
सरद परब ǒ–’ Ǖबदन बर लसत èȯ‘ कन जाल।।115।।
–*–*–
– šǓ“ न जाइ मनोहर ‡ Ȫšȣ@सोभा बहुत  Ȫǐš ˜ Ǔ ˜ Ȫšȣ@
@
राम लखन ͧ  ™ संद
ु रताई। सब ͬ…  Ǒ¡ Ȳͬ…  मन ˜ Ǔ लाई।।
थके “ ȡǐš नर Ĥȯ˜ ͪ” ]   ȯ@मनहुँ मग
ृ ी मग
ृ ‘ȯͨ Ǒ‘] से।।
सीय समीप Ē ȡ˜ Ǔ ™ ‡ ȡ¡ ȣȲ@पँछ
ू त \ Ǔ सनेहँ   € Ǖ… ȡ¡ ȣȲ
@@
बार बार सब › ȡ‚ Ǒ¡ Ȳपाएँ। € ¡ Ǒ¡ Ȳबचन मद
ृ ु सरल सुभाएँ।।
šȡ‡ € Ǖ˜ ȡǐš ǒ–“ ™ हम € š¡ ȣȲ@Ǔ ™ सभ
ु ायँ कछु पँछ
ू त Œš¡ ȣȲ@
è ȡͧ˜ Ǔ“ \ ǒ–“ ™ † ˜ ǒ– ¡ ˜ ȡšȣ@ǒ–› ‚ Ǖन मानब ‡ ȡǓ“ ‚ ȡȱšȣ@
@
राजकुअँर दोउ सहज सलोने। ^Û¡  Ʌ› ¡ ȣ ‘ ǓǕ मरकत सोने।।
दो0-è™ ȡ˜ › गौर ͩ€   Ȫš बर सुंदर सुषमा ऐन।
सरद   – š[ ȣ“ ȡ मुखु सरद   šȪǽ¡ नैन।।116।।
मासपारायण, सोलहवाँ ͪĮ ȡ˜
“ ȡÛ¡ ”ȡšȡ™ Ž , चौथा ͪĮ ȡ˜
–*–*–
€ ȪǑŠ मनोज › ‡ ȡǓ“ ¡ ȡšȯ@  Ǖ˜ Ǖͨ कहहु को ] Ǒ¡ Ȳ à
Ǖ ¡ ȡšȯ@
@
  ǓǕ“ सनेहमय मंजल ु बानी। सकुची ͧ  ™ मन महुँ मस ु क
ु ानी।।
Ǔ Û¡ Ǒ¡ ǒ–› Ȫͩ€ ǒ– › Ȫ€ Ǔ धरनी। दहु ु ँ सकोच   € Ǖͬ…  बरबरनी।।
  € Ǖͬ…   Ĥȯ˜ बाल मग
ृ नयनी। –Ȫ› ȣ मधरु बचन ͪ” € – ™ “ Ȣ@
@
सहज सुभाय सुभग तन गोरे । नामु लखनु लघु दे वर मोरे ।।
– ¡ Ǖǐš बदनु ǒ–’ Ǖअंचल ȡȱ€ ȧ@ͪ”™ तन ͬ…  ^ — ɋ¡ € ǐš –ȡȱ€ ȧ@
@
खंजन मंजु Ǔ šȣ† ȯ“ ™ “ Ǔ“ @Ǔ“ ‡ ” Ǔ कहे उ Ǔ Û¡ Ǒ¡ ͧ  ™ ȱ  ™ “ Ǔ“ @
@
भइ ˜ Ǒ
Ǖ‘ सब Ē ȡ˜ –’ ŠǗ ȣȲ@šȲ€ Û¡ राय šȡͧ  जनु › ŠǗ ȣȲ@
@
दो0-\ Ǔ   Ĥȯ˜ ͧ  ™ पायँ ”ǐš – ¡ Ǖǒ– ͬ’ ‘ȯǑ¡ Ȳअसीस।
सदा   Ȫ¡ ȡͬ‚ Ǔ“ होहु  à
Ǖ ¡ जब › ͬ‚ ˜ Ǒ¡ \ Ǒ¡ सीस।।117।।
–*–*–
पारबती सम ” Ǔ ͪĤ™ होहू। ‘ȯǒ– न हम पर छाड़ब छोहू।।
” ǓǕ“ ” ǕǓ“ ǒ– “ ™ € ǐš\ कर ‡ Ȫšȣ@‡ ɋ f Ǒ¡ मारग ͩ• ǐš\ – ¡ Ȫšȣ@
@
दरसनु दे ब ‡ ȡǓ“ Ǔ“ ‡ दासी। लखीं सीयँ सब Ĥȯ˜ ͪ” ]   Ȣ@
@
मधरु बचन € Ǒ¡ € Ǒ¡ ”ǐš ȪŸȢȲ@जनु € Ǖ˜ ǑǕ‘“ ȢȲ€ ȫ˜ ‘Ǖ ȣȲपोषीं।।
 –Ǒ¡ Ȳलखन रघब
ु र ǽ जानी। पँछ
ू े उ मगु › Ȫ‚ ǔÛ¡ मद
ृ ु बानी।।
सन
ु त “ ȡǐš नर भए ‘ Ǖ ȡšȣ@” ›Ǖ ͩ€  गात ǒ–› Ȫ… “ – ȡšȣ@
@
ͧ˜ Šȡ मोद ु मन भए ˜ › ȣ“ ȯ@ǒ– ͬ’ Ǔ“ ͬ’ ‘ȣÛ¡ लेत जनु † Ȥ“ ȯ@
@
  ˜ Ǖͨˆ करम ‚ Ǔ धीरजु € ȧÛ¡ ȡ@  Ȫͬ’ सुगम मगु Ǔ Û¡ € Ǒ¡
‘ȣÛ¡ ȡ@
@
दो0-लखन ‡ ȡ“ € ȧ   Ǒ¡  तब गवनु € ȧÛ¡ रघन
ु ाथ।
फेरे सब ͪĤ™ बचन € Ǒ¡ ͧ› f लाइ मन साथ।।118।।ý
–*–*–
ͩ• š “ ȡǐš नर \ Ǔ ”Ǔ†  ȡ¡ ȣȲ@‘ȯ\ Ǒ¡ दोषु ‘ȯǑ¡ Ȳमन ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
  Ǒ¡  ǒ–Ÿȡ‘ परसपर € ¡ ¡ ȣȲ@ǒ– ͬ’ करतब उलटे सब \ ¡ ¡ ȣȲ@
@
Ǔ“ ”Š Ǔ“ šȲ€ Ǖ  Ǔ“ ‹Ǖš Ǔ“   Ȳ€ Ǘ@‡ ȯǑ¡ Ȳ  ͧ  € ȧÛ¡   ǽ‡ सकलंकू।।
Ǿ  € › ” ǽ   ȡ‚ ǽ खारा।  ȯǑ¡ Ȳपठए बन राजकुमारा।।
‡ ɋ पे ^Û¡ Ǒ¡ ‘ȣÛ¡ बनबासू। € ȧÛ¡ –ȡǑ‘ ǒ– ͬ’ भोग ǒ–› ȡ  @
Ǘ@
ए ǒ–… šǑ¡ Ȳमग ǒ–“ Ǖ” ‘ğȡ“ ȡ@रचे – ȡǑ‘ ǒ– ͬ’ बाहन नाना।।
ए ˜ Ǒ¡ ” šǑ¡ ȲŒȡͧ  कुस पाता। सभ
ु ग सेज कत सज
ृ त ǒ–’ ȡ ȡ@
@
 ǽ–š बास ^Û¡ Ǒ¡ ǒ–ͬ’ ‘ȣÛ¡ ȡ@धवल धाम šͬ… šͬ… Į ˜ Ǖ€ ȧÛ¡ ȡ@
@
दो0-‡ ɋ ए ˜ ǕǓ“ पट धर ‡ ǑŠ› सुंदर   ǕǑ‹ सुकुमार।
ǒ–ǒ–’ — ȡȱǓ भूषन बसन – ȡǑ‘ ͩ€ f करतार।।119।।
–*–*–
‡ ɋ ए कंद मल
ू फल  ȡ¡ ȣȲ@–ȡǑ‘   ’Ǖ ȡǑ‘ असन जग ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
एक € ¡ Ǒ¡ Ȳए सहज सह
ु ाए। आपु Ĥ ‚ Š भए ǒ–ͬ’ न बनाए।।
जहँ › ͬ‚ बेद € ¡ ȣ ǒ–ͬ’ करनी। Į  “ नयन मन गोचर बरनी।।
दे खहु खोिज भअ
ु न दस … ȡšȣ@कहँ अस ” Ǖǽ Ÿ कहाँ \ ͧ  “ ȡšȣ@
@
^Û¡ Ǒ¡ ‘ȯͨ ǒ–ͬ’ मनु अनुरागा। पटतर जोग बनावै लागा।।
€ ȧÛ¡ बहुत Į ˜ ऐक न आए।  ȯǑ¡ Ȳ^ǐšŸȡ बन ] Ǔ“ दरु ाए।।
एक € ¡ Ǒ¡ Ȳहम बहुत न ‡ ȡ“ Ǒ¡ @
Ȳ ] ” ǑǕ¡ परम ’ ۙ € ǐš ˜ ȡ“ Ǒ¡ @
Ȳ@
ते ” ǓǕ“ ” Û
Ǖ™ ” ‡ȲǕ हम लेखे। जे ‘ȯ Ǒ¡ Ȳ‘ȯͨ ¡ Ǒ¡ Ȳǔ‡ Û¡ दे खे।।
दो0-f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ € Ǒ¡ € Ǒ¡ बचन ͪĤ ™ › ȯǑ¡ Ȳनयन — ǐš नीर।
ͩ€ ͧ˜ … ͧ› ¡ Ǒ¡ मारग अगम   ǕǑ‹ सुकुमार   šȣš@
@120।।
–*–*–
“ ȡǐš सनेह ǒ–€ › बस ¡ Ȫ¡ ȣȲ@चकई साँझ समय जनु   Ȫ¡ ȣȲ@
@
मद
ृ ु पद कमल € Ǒ‹ “ मगु जानी। ‚ ¡ – ǐš ǿ‘™ ȱ€ ¡ Ǒ¡ Ȳबर बानी।।
परसत मद
ृ ल
ु चरन \ ǽ“ ȡšȯ@  € Ǖ… Ǔ ˜ Ǒ¡ ǔ‡ ͧ˜ ǿ‘™ हमारे ।।
‡ ɋ ‡ ‚ ‘ȣ  ^Û¡ Ǒ¡ बनु ‘ȣÛ¡ ȡ@कस न सम
ु नमय मारगु € ȧÛ¡ ȡ@
@
‡ ɋ मागा पाइअ ǒ–ͬ’ ”ȡ¡ ȣȲ@ए šͨ \ Ǒ¡ Ȳ  ͨ ] ȱͨ Û¡ ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
जे नर “ ȡǐš न अवसर आए। Ǔ Û¡ ͧ  ™ रामु न दे खन पाए।।
  ǕǓ“   Ǖǽ ” – Ǘˆ Ǒ¡ Ȳअकुलाई। अब › ͬ‚ गए कहाँ › ͬ‚ भाई।।
समरथ धाइ ǒ–› Ȫ€ Ǒ¡ Ȳजाई। Ĥ ˜ ǕǑ‘ ͩ• šǑ¡ Ȳजनमफलु पाई।।
दो0-अबला बालक – ƨǙ जन कर ˜ Ȣ‡ Ǒ¡ Ȳ” Ǔ†  ȡǑ¡ @
Ȳ@
¡ ȪǑ¡ ȲĤȯ˜ –   लोग ^ͧ˜ रामु जहाँ जहँ ‡ ȡǑ¡ @
Ȳ@
121।।
–*–*–
गाँव गाँव अस होइ अनंद।ू ‘ȯͨ भानक
ु ु ल कैरव चंद।ू ।
जे कछु समाचार   ǓǕ“ ”ȡ Ǒ¡ @
Ȳ ते नप
ृ šȡǓ“ Ǒ¡ दोसु › ‚ ȡ Ǒ¡ @
Ȳ@
€ ¡ Ǒ¡ Ȳएक \ Ǔ भल नरनाहू। ‘ȣÛ¡ ¡ ˜ Ǒ¡ जोइ लोचन लाहू।।
€ ¡ Ǒ¡ Ȳ”šè”š लोग › Ȫ‚ ȡɃ@–ȡ Ʌसरल सनेह   Ǖ¡ ȡɃ@
@
ते ͪ” Ǖमातु ’ ۙ ǔ‡ Û¡ जाए। ’ ۙ सो “ ‚ ǽ जहाँ  Ʌआए।।
’ ۙ सो दे सु सैलु बन गाऊँ। जहँ जहँ ‡ ȡǑ¡ Ȳ’ ۙ सोइ ठाऊँ।।
सख
ु पायउ ǒ–šȲͬ… šͬ…  ȯ¡ ȣ@ए ‡ ȯǑ¡ के सब — ȡȱǓ   “ ȯ¡ ȣ@
@
राम लखन ”ͬ कथा सह
ु ाई। š¡ ȣ सकल मग कानन छाई।।
दो0-f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ रघुकुल कमल šǒ– मग › Ȫ‚ Û¡ सुख दे त।
‡ ȡǑ¡ Ȳचले दे खत ǒ– ͪ”“ ͧ  ™   ȫͧ˜ ǒğ समेत।।122।।
–*–*–
आगे रामु लखनु बने ”ȡ† Ʌ@तापस बेष ǒ– šȡ‡  € ȡ† Ʌ@@
उभय बीच ͧ  ™   Ȫ¡ Ǔ कैसे। Ħ é˜ जीव ǒ–… माया जैसे।।
– ¡ Ǖǐš कहउँ † ǒ– ‡ ͧ  मन बसई। जनु मधु मदन ˜ ڙ šǓ लसई।।
उपमा – ¡ Ǖǐš कहउँ िजयँ ‡ Ȫ¡ ȣ@जनु बध
ु ǒ–’ Ǖǒ– … šȪǑ¡ Ǔ“   Ȫ¡ ȣ@
@
Ĥ — Ǖपद रे ख बीच ǒ–… सीता। ’ šǓ चरन मग … › Ǔ सभीता।।
सीय राम पद अंक बराएँ। लखन … › Ǒ¡ Ȳमगु ‘ȡǑ¡ “ लाएँ।।
राम लखन ͧ  ™ ĤȢǓ सुहाई। बचन अगोचर ͩ€ ͧ˜ € Ǒ¡ जाई।।
खग मग
ृ मगन ‘ȯͨ † ǒ– ¡ Ȫ¡ ȣȲ@ͧ› f … Ȫǐš ͬ…  राम – ŠȪ¡ ȣȲ@
@
दो0-ǔ‡ Û¡ ǔ‡ Û¡ दे खे ” ͬ € ͪĤ ™ ͧ  ™ समेत दोउ भाइ।
भव मगु अगमु अनंद ु तेइ ǒ–“ ǕĮ ˜ रहे ͧ  šȡ^@
@123।।
–*–*–
अजहुँ जासु उर सपनेहुँ काऊ। बसहुँ लखनु ͧ  ™ रामु बटाऊ।।
राम धाम पथ ”ȡ^Ǒ¡ सोई। जो पथ पाव कबहुँ ˜ ǓǕ“ कोई।।
तब रघुबीर Į ͧ˜  ͧ  ™ जानी। ‘ȯͨ Ǔ“ € Š बटु सीतल पानी।।
तहँ –ͧ  कंद मूल फल खाई। Ĥ ȡ नहाइ चले रघुराई।।
दे खत बन सर सैल सुहाए। – ȡ› ˜ Ȣͩ€ ] Į ˜ Ĥ — Ǖआए।।
राम ‘ȣ ˜ ǓǕ“ बासु सह
ु ावन। संद
ु र ͬ‚ ǐš काननु जलु पावन।।
  šǓ“ सरोज ǒ– Š” बन फूले। गंज
ु त मंजु मधप
ु रस भल
ू े ।।
खग मग
ृ ǒ– ” ›Ǖ कोलाहल € š¡ ȣȲ@ǒ–šǑ¡  बैर ˜ ǑǕ‘ मन … š¡ ȣȲ@
@
दो0-  Ǖͬ… सुंदर ] Į ˜ ǕǓ“ šͨ हरषे रािजवनेन।
  ǕǓ“ रघुबर आगमनु ˜ ǕǓ“ ] ‚ Ʌआयउ लेन।।124।।
–*–*–
˜ ǕǓ“ कहुँ राम दं डवत € ȧÛ¡ ȡ@] ͧ  š–ȡ‘ Ǖǒ– Ĥ– š ‘ȣÛ¡ ȡ@
@
‘ȯͨ राम † ǒ– नयन जुड़ाने। € ǐš सनमानु ] Į ˜ Ǒ¡ Ȳआने।।
˜ ǕǓ“ – š \ Ǔ ͬ Ĥȡ“ ͪĤ™ पाए। कंद मूल फल मधरु मगाए।।
ͧ  ™   ȫͧ˜ ǒğ राम फल खाए। तब ˜ ǓǕ“ ] Į ˜ Ǒ‘f सह
ु ाए।।
– ȡ› ˜ Ȣͩ€ मन आनँद ु — ȡšȣ@मंगल ˜ šǗǓ नयन Ǔ“ ¡ ȡšȣ@
@
तब कर कमल ‡ Ȫǐš रघुराई। बोले बचन Į  “ सुखदाई।।
à
Ǖ ¡ ǒğ€ ȡ› दरसी ˜ ǕǓ“ “ ȡ ȡ@ǒ– è बदर ǔ‡ ͧ˜  à
Ǖ ¡ šɅहाथा।।
अस € Ǒ¡ Ĥ— Ǖसब कथा बखानी। ‡ ȯǑ¡ ‡ ȯǑ¡ — ȡȱǓ ‘ȣÛ¡ बनु रानी।।
दो0-तात बचन ” ǓǕ“ मातु Ǒ¡  भाइ भरत अस राउ।
मो कहुँ दरस  à
Ǖ ¡ ȡš Ĥ— Ǖसबु मम ” Û
Ǖ™ Ĥ — ȡ` @
@125।।
–*–*–
‘ȯͨ पाय ˜ ǓǕ“ šȡ™  à
Ǖ ¡ ȡšȯ@भए सक
ु ृ त सब सफ
ु ल हमारे ।।
अब जहँ राउर आयसु होई। ˜ ǓǕ“ उदबेगु न पावै कोई।।
˜ ǕǓ“ तापस ǔ‡ Û¡  Ʌदख
ु ु › ¡ ¡ ȣȲ@ते नरे स ǒ–“ Ǖपावक ‘¡ ¡ ȣȲ@
@
मंगल मूल ǒ–Ĥ ”ǐš ȪŸ Ǘ@दहइ € ȪǑŠ कुल भूसुर रोषू।।
अस िजयँ ‡ ȡǓ“ € Ǒ¡ \ सोइ ठाऊँ। ͧ  ™   ȫͧ˜ ǒğ   Ǒ¡  जहँ जाऊँ।।
तहँ šͬ… ǽͬ… š परन तन
ृ साला। बासु करौ कछु काल कृपाला।।
सहज सरल   ǓǕ“ रघब
ु र बानी। साधु साधु बोले ˜ ǓǕ“ ʙ ȡ“ Ȣ@
@
कस न कहहु अस रघक ु ु लकेत।ू  à
Ǖ ¡ पालक संतत Į ǓǕ सेत।ू ।
छं 0-Į ǓǕ सेतु पालक राम  à Ǖ ¡ ‡ ‚ ‘ȣ  माया ‡ ȡ“ € ȧ@
जो   ‡Ǚ Ǔ जगु ”ȡ› Ǔ ¡ šǓ Ǿ  पाइ € Ǚ”ȡǓ“ ’ ȡ“ € ȧ@
@
जो सहससीसु \ ¡ ȣ  Ǖ˜ Ǒ¡ ’ ǽ लखनु सचराचर धनी।
सरु काज ’ ǐš नरराज तनु चले दलन खल Ǔ“ ͧ  … š अनी।।
सो0-राम   ǽ”  à
Ǖ ¡ ȡš बचन अगोचर – ͪǕƨ ” š@
\ ǒ–‚  अकथ अपार “ ȯǓ Ǔ“  Ǔ“ ‚ ˜ कह।।126।।
जगु पेखन  à
Ǖ ¡ ‘ȯ Ǔ“ ¡ ȡšȯ@ǒ–ͬ’ ¡ ǐš संभु “ … ȡ Ǔ“ ¡ ȡšȯ@
@
तेउ न ‡ ȡ“ Ǒ¡ Ȳमरमु  à
Ǖ ¡ ȡšȡ@k ǽ  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ को ‡ ȡ“ Ǔ“ ¡ ȡšȡ@
@
सोइ जानइ ‡ ȯǑ¡ दे हु जनाई। जानत  à Ǖ ¡ Ǒ¡  à
Ǖ ¡ ^ होइ जाई।।
à
Ǖ ¡ ǐšǑ¡ कृपाँ  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ रघन
ु ंदन। ‡ ȡ“ Ǒ¡ Ȳभगत भगत उर चंदन।।
ͬ… ‘ȡ“ Ȳ‘ ˜ ™ दे ह  à
Ǖ ¡ ȡšȣ@ǒ–‚  ǒ– € ȡš जान \ ͬ’ € ȡšȣ@
@
नर तनु धरे हु संत सुर काजा। कहहु करहु जस Ĥȡ€ Ǚ राजा।।
राम ‘ȯͨ   ǕǓ“ … ǐš  à
Ǖ ¡ ȡšȯ@जड़ ˜ Ȫ¡ Ǒ¡ Ȳबुध ¡ ȪǑ¡ Ȳसुखारे ।।
à
Ǖ ¡ जो कहहु करहु सबु साँचा। जस € ȡǓ† \ तस … ȡǑ¡ \ नाचा।।
दो0-पँछ
ू े हु ˜ ȪǑ¡ ͩ€ š¡ ɋ कहँ ˜ ɇपँछ
ू त सकुचाउँ ।
जहँ न होहु तहँ दे हु € Ǒ¡  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ ‘ȯ ȡ ɋ ठाउँ ।।127।।
–*–*–
  ǓǕ“ ˜ ǕǓ“ बचन Ĥȯ˜ रस साने।   € Ǖͬ… राम मन महुँ मुसक ु ाने।।
–ȡ› ˜ Ȣͩ€ ¡ ȱͧ  € ¡ Ǒ¡ Ȳ–¡ Ȫšȣ@बानी मधरु \ ͧ˜ \ रस – Ȫšȣ@
@
सनु हु राम अब कहउँ Ǔ“ €ȯ ȡ@जहाँ बसहु ͧ  ™ लखन समेता।।
ǔ‡ Û¡ के Į “   ˜ ġǕ समाना। कथा  àǕ ¡ ȡǐš सभ
ु ग   ǐš नाना।।
— šǑ¡ ȲǓ“ šȲ š ¡ ȪǑ¡ Ȳन परू े । Ǔ Û¡ के Ǒ¡ ™  à
Ǖ ¡ कहुँ गह
ृ Ǿ šȯ@
@
लोचन चातक ǔ‡ Û¡ € ǐš राखे। š¡ Ǒ¡ Ȳदरस जलधर \ ͧ— › ȡŸ ȯ@ @
Ǔ“ ‘šǑ¡ Ȳ  ǐš ͧ  ’Ȳ Ǖसर — ȡšȣ@Ǿ ” ǒ– ‘Ȳ Ǖजल ¡ ȪǑ¡ Ȳ  Ǖ ȡšȣ@
@
Ǔ Û¡ के ǿ‘™ सदन सुखदायक। बसहु बंधु ͧ  ™ सह रघुनायक।।
दो0-जसु  à
Ǖ ¡ ȡš मानस ǒ– ˜ › ¡ Ȳͧ  Ǔ“ जीहा जास।ु
मकु ु ताहल गनु गन चन ु इ राम बसहु Ǒ¡ ™ ȱतास।ु ।128।।
–*–*–
Ĥ — ǕĤ  ȡ‘   ͬǕ… सभु ग सब
ु ासा। सादर जासु लहइ Ǔ“  नासा।।
à
Ǖ ¡ Ǒ¡ Ǔ“ –ȯǑ‘ भोजन € š¡ ȣȲ@Ĥ — ǕĤ   ȡ‘ पट भष
ू न ’ š¡ ȣȲ@
@
सीस “ Ǒ¡ Ȳसुर ‚ Ǖǽ ɮͪ‡ दे खी। Ĥ ȢǓ   Ǒ¡  € ǐš ǒ– “ ™ ǒ–   ȯŸ Ȣ@
@
कर Ǔ“  € šǑ¡ Ȳराम पद पूजा। राम भरोस ǿ‘™ ȱ“ Ǒ¡ दज
ू ा।।
चरन राम तीरथ … ͧ› ‡ ȡ¡ ȣȲ@राम बसहु Ǔ Û¡ के मन ˜ ȡ¡ ȣ@ Ȳ@
˜ Ȳğ šȡ‡ ǕǓ“  ‡ ”Ǒ¡ Ȳ à
Ǖ ¡ ȡšȡ@” ‡Ǘ Ǒ¡ Ȳ à
Ǖ ¡ Ǒ¡   Ǒ¡  ”ǐšȡšȡ@@
तरपन होम € šǑ¡ Ȳǒ–ͬ’ नाना। ǒ– Ĥ जेवाँइ ‘ȯǑ¡ Ȳबहु दाना।।
à
Ǖ ¡  Ʌ\ ͬ’ € ‚ ǕšǑ¡ िजयँ जानी। सकल भायँ   ȯ Ǒ¡ Ȳसनमानी।।
दो0-सबु € ǐš ˜ ȡ‚ Ǒ¡ Ȳएक फलु राम चरन šǓ होउ।
Ǔ Û¡ €Ʌ मन ˜ ȲǑ‘š बसहु ͧ  ™ रघुनंदन दोउ।।129।।
–*–*–
काम कोह मद मान न मोहा। लोभ न छोभ न राग न ġȪ¡ ȡ@ @
ǔ‡ Û¡ €Ʌ कपट दं भ “ Ǒ¡ Ȳमाया। Ǔ Û¡ €Ʌǿ‘™ बसहु रघुराया।।
सब के ͪĤ™ सब के Ǒ¡  € ȡšȣ@दख ु सख ु   ǐš  Ĥ   Ȳ  ȡ ‚ ȡšȣ@
@
€ ¡ Ǒ¡ Ȳ  י ͪĤ™ बचन ǒ– … ȡšȣ@जागत सोवत सरन  à
Ǖ ¡ ȡšȣ@
@
à
Ǖ ¡ Ǒ¡ † ȡͫ° ‚ Ǔ ‘  Ǘ ǐš “ ȡ¡ ȣȲ@राम बसहु Ǔ Û¡ के मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
जननी सम ‡ ȡ“ Ǒ¡ Ȳ”š“ ȡšȣ@धनु पराव ǒ– Ÿ  Ʌǒ–Ÿ — ȡšȣ@ @
जे ¡ šŸǑ¡ Ȳपर   Ȳ” Ǔ दे खी। ‘ ͨǕ  ¡ ȪǑ¡ Ȳपर ǒ– ”Ǔ ǒ–  ȯŸ Ȣ@
@
ǔ‡ Û¡ Ǒ¡ राम  à
Ǖ ¡ Ĥȡ“ ͪ”] šȯ@Ǔ Û¡ के मन सुभ सदन  à
Ǖ ¡ ȡšȯ@
@
दो0-èȡͧ˜ सखा ͪ”  Ǖमातु गरु ǔ‡ Û¡ के सब  à
Ǖ ¡ तात।
मन ˜ Ȳ
Ǒ‘š Ǔ Û¡ €Ʌबसहु सीय   Ǒ¡  दोउ ħ ȡ @ @
130।।
–*–*–
अवगन
ु तिज सब के गन ु ‚ ¡ ¡ ȣȲ@ǒ–Ĥ धेनु Ǒ¡  संकट   ¡ ¡ ȣȲ@
@
“ ȢǓ Ǔ“ ” “Ǖ ǔ‡ Û¡ कइ जग › ȣ€ ȡ@घर  à
Ǖ ¡ ȡš Ǔ Û¡ कर मनु नीका।।
गुन  à
Ǖ ¡ ȡš समुझइ Ǔ“ ‡ दोसा। ‡ ȯǑ¡ सब — ȡȱǓ  à
Ǖ ¡ ȡš भरोसा।।
राम भगत ͪĤ™ › ȡ‚ Ǒ¡ Ȳ‡ ȯ¡ ȣ@ ȯǑ¡ उर बसहु   Ǒ¡  – Ȱ‘ȯ¡ ȣ@
@
‡ ȡǓ ” ȡȱǓ धनु धरम बड़ाई। ͪĤ ™ ” ǐšȡš सदन सुखदाई।।
सब तिज  àǕ ¡ Ǒ¡ रहइ उर लाई।  ȯǑ¡ के ǿ‘™ ȱरहहु रघरु ाई।।
सरगु नरकु अपबरगु समाना। जहँ तहँ दे ख ’ šɅधनु बाना।।
करम बचन मन राउर चेरा। राम करहु  ȯǑ¡ €Ʌ उर डेरा।।
दो0-‡ ȡǑ¡ न … ȡǑ¡ \ कबहुँ कछु  à
Ǖ ¡ सन सहज सनेहु।
बसहु Ǔ“ šȲ š तासु मन सो राउर Ǔ“ ‡ गेहु।।131।।
–*–*–
f Ǒ¡ ǒ– ͬ’ ˜ ǕǓ“ – š भवन दे खाए। बचन   Ĥȯ˜ राम मन भाए।।
कह ˜ ǕǓ“ सुनहु भानुकुलनायक। ] Į ˜ कहउँ समय सुखदायक।।
ͬ… ğ€ ǗŠ ͬ‚ ǐš करहु Ǔ“  ȡ  @
Ǘ तहँ  à
Ǖ ¡ ȡš सब — ȡȱǓ सपु ास।ू ।
सैलु सहु ावन कानन … ȡǾ @€ ǐš €ȯ¡ ǐš मग ृ ǒ– ¡ ‚ ǒ– ¡ ȡǾ @@
“ ‘ȣ पन
ु ीत परु ान बखानी। \ ǒğͪĤ ™ ȡ Ǔ“ ‡ तपबल आनी।।
  Ǖš  ǐš धार नाउँ ˜ Ȳ‘ ȡͩ€ Ǔ“ @जो सब पातक पोतक Œȡͩ€ Ǔ“ @
@
\ ǒğ ] Ǒ‘ ˜ ǕǓ“ –š बहु –  ¡ ȣȲ@€ šǑ¡ Ȳजोग जप तप तन €   ¡ ȣȲ@
@
चलहु सफल Į ˜ सब कर करहू। राम दे हु गौरव ͬ‚ ǐš– š¡ Ǘ@ @
दो0-ͬ… ğ€ ǗŠ ˜ Ǒ¡ ˜ ȡ \ ͧ˜  € ¡ ȣȲ˜ ¡ ȡ˜ ǓǕ“ गाइ।
आए नहाए   ǐš बर ͧ  ™ समेत दोउ भाइ।।132।।
–*–*–
रघब
ु र कहे उ लखन भल घाटू। करहु कतहुँ अब ठाहर ठाटू।।
लखन ‘ȣ पय उतर करारा। चहुँ Ǒ‘ͧ  ͩ• šȯ̀ धनष
ु ǔ‡ ͧ˜ नारा।।
“ ‘ȣ पनच सर सम दम दाना। सकल कलुष € ͧ› साउज नाना।।
ͬ… ğ€ ǗŠ जनु अचल \ ¡ ȯšȣ@चक
ु इ न घात मार ˜ Ǖ‹ — ȯšȣ@
@
अस € Ǒ¡ लखन ठाउँ दे खरावा। थलु ǒ– › Ȫͩ€ रघुबर सुखु पावा।।
रमेउ राम मनु ‘ȯ Û¡ जाना। चले   Ǒ¡  सरु  ”Ǔ Ĥ’ ȡ“ ȡ@
@
कोल ͩ€ šȡ बेष सब आए। रचे परन तन
ृ सदन सह
ु ाए।।
– šǓ“ न ‡ ȡǑ¡ मंजु दइु साला। एक › ͧ›  लघु एक ǒ–   ȡ› ȡ@
@
दो0-लखन ‡ ȡ“ € ȧ   Ǒ¡  Ĥ— Ǖराजत ǽͬ… š Ǔ“ €ȯ @
सोह मदनु ˜ ǕǓ“ बेष जनु šǓ ǐš šǕȡ‡ समेत।।133।।
मासपारायण,   ğ¡ ȱ ȡ ͪĮ ȡ˜
–*–*–
अमर नाग ͩ€ Ȳ“ š Ǒ‘ͧ  ” ȡ› ȡ@ͬ… ğ€ ǗŠ आए  ȯǑ¡ काला।।
राम Ĥ“ ȡ˜ Ǖ€ ȧÛ¡ सब काहू। ˜ ǑǕ‘ दे व › Ǒ¡ लोचन लाहू।।
– šͪŸ सम
ु न कह दे व समाज।ू नाथ सनाथ भए हम आज।ू ।
€ ǐš ǒ–“  Ȣ दख
ु दस
ु ह सन
ु ाए। ¡ šͪŸ  Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ सदन ͧ  ’ ȡf @
@
ͬ… ğ€ ǗŠ रघुनंदनु छाए। समाचार   ǕǓ“   ǕǓ“ ˜ ǕǓ“ आए।।
आवत ‘ȯͨ ˜ ǕǑ‘ ˜ ǕǓ“ – Ȳ‘Ǚȡ@€ ȧÛ¡ दं डवत रघुकुल चंदा।।
˜ ǕǓ“ šƒ Ǖ– šǑ¡ लाइ उर › ȯ¡ ȣȲ@सुफल होन Ǒ¡  ] ͧ  Ÿ ‘ȯ¡ ȣȲ@
@
ͧ  ™   ȫͧ˜ ğ राम † ǒ– ‘ȯ Ǒ¡ @
Ȳ साधन सकल सफल € ǐš › ȯ Ǒ¡ @
Ȳ@
दो0-जथाजोग   “ ˜ ȡǓ“ Ĥ — Ǖǒ– ‘ȡ ͩ€ f ˜ ǓǕ“ – Ȳ‘Ǚ@
€ šǑ¡ जोग जप जाग तप Ǔ“ ‡ ] Į ˜ ǔÛ¡ सुछंद।।134।।
–*–*–
यह   ͬǕ’ कोल ͩ€ šȡ Û¡ पाई। हरषे जनु नव Ǔ“ ͬ’ घर आई।।
कंद मूल फल — ǐš — ǐš दोना। चले रं क जनु लूटन सोना।।
Ǔ Û¡ महँ ǔ‡ Û¡ दे खे दोउ ħ ȡ ȡ@अपर Ǔ Û¡ Ǒ¡ ” ȱ†Ǘ Ǒ¡ मगु जाता।।
कहत सुनत रघुबीर Ǔ“ € ȡ_@आइ   – ǔÛ¡ दे खे रघुराई।।
€ šǑ¡ Ȳ‡ Ȫ¡ ȡǽ — ɅŠ ’ ǐš आगे। Ĥ — ǑǕ¡ ǒ–› Ȫ€ Ǒ¡ Ȳ\ Ǔ अनरु ागे।।
ͬ… ğ ͧ›  ȯजनु जहँ तहँ ठाढ़े । पल
ु क   šȣš नयन जल बाढ़े ।।
राम सनेह मगन सब जाने। € Ǒ¡ ͪĤ™ बचन सकल सनमाने।।
Ĥ — ǕǑ¡ ‡ Ȫ¡ ȡǐš –¡ Ȫǐš –¡ Ȫšȣ@बचन ǒ–“ Ȣ € ¡ Ǒ¡ Ȳकर ‡ Ȫšȣ@
@
दो0-अब हम नाथ सनाथ सब भए ‘ȯͨ Ĥ — Ǖपाय।
भाग हमारे आगमनु राउर कोसलराय।।135।।
–*–*–
’ ۙ — Ǘͧ˜ बन पंथ पहारा। जहँ जहँ नाथ पाउ  à
Ǖ ¡ धारा।।
’ ۙ ǒ–¡ ‚ मग
ृ € ȡ“ “ … ȡšȣ@सफल जनम भए  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ Ǔ“ ¡ ȡšȣ@
@
हम सब ’ ۙ   Ǒ¡  ”ǐšȡšȡ@‘ȣ दरसु — ǐš नयन  à
Ǖ ¡ ȡšȡ@
@
€ ȧÛ¡ बासु भल ठाउँ ǒ–… ȡšȣ@इहाँ सकल ǐš Ǖरहब   Ǖ ȡšȣ@
@
हम सब — ȡȱǓ करब सेवकाई। € ǐš €ȯ¡ ǐš \ Ǒ¡ बाघ बराई।।
बन बेहड़ ͬ‚ ǐš कंदर खोहा। सब हमार Ĥ — Ǖपग पग जोहा।।
तहँ तहँ  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ अहे र खेलाउब। सर Ǔ“ šˆ š जलठाउँ दे खाउब।।
हम सेवक ” ǐš ȡš समेता। नाथ न सकुचब आयसु दे ता।।
दो0-बेद बचन ˜ ǓǕ“ मन अगम ते Ĥ— Ǖ€ ǽ“ ȡ ऐन।
बचन ͩ€ šȡ Û¡ के सुनत ǔ‡ ͧ˜ ͪ”  Ǖबालक बैन।।136।।
–*–*–
šȡ˜ Ǒ¡ केवल Ĥȯ˜ Ǖͪ”] šȡ@‡ ȡǓ“ लेउ जो ‡ ȡ“ Ǔ“ ¡ ȡšȡ@
@
राम सकल बनचर तब तोषे। € Ǒ¡ मद
ृ ु बचन Ĥȯ˜ ”ǐš” ȪŸ ȯ@
@
ǒ–‘ȡ ͩ€ f ͧ  š नाइ ͧ  ’ ȡf @Ĥ — Ǖगुन कहत सुनत घर आए।।
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ ͧ  ™ समेत दोउ भाई। –  Ǒ¡ Ȳǒ–ͪ”“ सुर ˜ ǕǓ“ सुखदाई।।
जब ते आइ रहे रघन
ु ायकु। तब  Ʌभयउ बनु मंगलदायकु।।
• Ǘ› Ǒ¡ Ȳ• › Ǒ¡ Ȳǒ–Š” ǒ–ͬ’ नाना।।मंजु –ͧ›  बर –ȯͧ› ǒ– ȡ“ ȡ@
@
  Ǖš ǽ   ǐš  सुभायँ सुहाए। मनहुँ ǒ–– Ǖ’ बन ”ǐš¡ ǐš आए।।
गंज मंजुतर मधक ु र Į ȯ“ Ȣ@ǒğǒ– ’ –™ ȡǐš बहइ सुख दे नी।।
दो0-नीलकंठ कलकंठ सुक चातक … Ȁ चकोर।
— ȡȱǓ — ȡȱǓ –Ȫ› Ǒ¡ Ȳǒ–¡ ‚ Į “ सख
ु द ͬ…  चोर।।137।।
–*–*–
€ȯǐš €ȯ¡ ǐš € ͪ” कोल कुरं गा। ǒ–‚  – Ȱš ǒ–… šǑ¡ Ȳसब संगा।।
ͩ• š अहे र राम † ǒ– दे खी। ¡ ȪǑ¡ Ȳ˜ ǑǕ‘ मग
ृ बंद ǒ–  ȯŸ Ȣ@
@
ǒ– – ’Ǖ ǒ–ͪ” “ जहँ › ͬ‚ जग ˜ ȡ¡ ȣȲ@‘ȯͨ राम बनु सकल ͧ  ¡ ȡ¡ ȣȲ@
@
  šǕ  ǐš सरसइ Ǒ‘“ € š € ۙ ȡ@मेकलसत
ु ा ‚ Ȫ‘ȡ ǐš ’ ۙ ȡ@
@
सब सर ͧ  ’Ȳ Ǖ“ ‘ȣ नद नाना। ˜ Ȳ‘ ȡͩ€ Ǔ“ कर € šǑ¡ Ȳबखाना।।
उदय \ è ͬ‚ ǐš \ ǽ कैलासू। मंदर ˜ ȯǽ सकल सुरबासू।।
सैल Ǒ¡ ˜ ȡ… › ] Ǒ‘€ जेते। ͬ… ğ€ ǗŠ जसु ‚ ȡǑ¡ Ȳतेते।।
ǒ– ͬȲ’ ˜ ǑǕ‘ मन सख
ु ु न समाई। Į ˜ ǒ– “ Ǖǒ–” ›Ǖ बड़ाई पाई।।
दो0-ͬ… ğ€ ǗŠ के ǒ–¡ ‚ मग
ृ –ȯͧ› ǒ– Š” तन
ृ ‡ ȡǓ @
” Ǖۙ पुंज सब ’ ۙ अस € ¡ Ǒ¡ Ȳदे व Ǒ‘“ šȡǓ @
@138।।
–*–*–
नयनवंत šƒ –Ǖ šǑ¡ ǒ–› Ȫ€ ȧ@पाइ जनम फल ¡ ȪǑ¡ Ȳǒ–  Ȫ€ ȧ@
@
” šͧ  चरन रज अचर   Ǖ ȡšȣ@भए परम पद के \ ͬ’ € ȡšȣ@
@
सो बनु सैलु सुभायँ सुहावन। मंगलमय \ Ǔ पावन पावन।।
˜ Ǒ¡ ˜ ȡ € Ǒ¡ \ € Ǔ“ ǒ– ͬ’ तासू। सुखसागर जहँ € ȧÛ¡ Ǔ“ ȡ  Ǘ@
@
पय ”™ Ȫͬ’ तिज अवध ǒ–¡ ȡ_@जहँ ͧ  ™ लखनु रामु रहे आई।।
€ Ǒ¡ न   € Ǒ¡ Ȳसष
ु मा ‡ ͧ  कानन। ‡ ɋ सत सहस ¡ ɉǑ¡ Ȳसहसानन।।
सो ˜ ɇ–šǓ“ € ¡ ɋ ǒ–ͬ’ €ȯ¡ ȣȲ@डाबर कमठ ͩ€ मंदर › ȯ¡ ȣȲ@
@
  ȯ Ǒ¡ Ȳलखनु करम मन बानी। जाइ न सीलु सनेहु बखानी।।
दो0–Ǔ† “ ǕǓ† “ Ǖ› ͨ ͧ  ™ राम पद ‡ ȡǓ“ आपु पर नेहु।
करत न सपनेहुँ लखनु ͬ…  Ǖबंधु मातु ͪ”  Ǖगेहु।।139।।
–*–*–
राम संग ͧ  ™ š¡ Ǔ   Ǖ ȡšȣ@पुर ”ǐš‡ “ गहृ   ǕšǓ ǒ–   ȡšȣ@
@
Ǔ† “ ǕǓ† “ Ǖͪ”™ ǒ–’ Ǖबदनु Ǔ“ ¡ ȡšȣ@Ĥ˜ ǑǕ‘ मनहुँ … € Ȫš€ Ǖ˜ ȡšȣ@
@
नाह नेहु Ǔ“  बढ़त ǒ–› Ȫ€ ȧ@¡ šͪŸ  š¡ Ǔ Ǒ‘   ǔ‡ ͧ˜ € Ȫ€ ȧ@ @
ͧ  ™ मनु राम चरन अनरु ागा। अवध सहस सम बनु ͪĤ™ लागा।।
”š“ € ǕŠȣ ͪĤ™ ͪĤ™  ˜ संगा। ͪĤ ™ ”ǐš ȡǽ कुरं ग ǒ– ¡ Ȳ‚ ȡ@
@
सासु ससुर सम ˜ ǕǓ“ Ǔ ™ ˜ ǕǓ“ – š@असनु \ ͧ˜ \ सम कंद मूल फर।।
नाथ साथ   ȡȱ šȣ सुहाई। मयन सयन सय सम सुखदाई।।
लोकप ¡ ȪǑ¡ Ȳǒ– › Ȫ€  जास।ू  ȯǑ¡ ͩ€ ˜ ȪǑ¡ सक ǒ– Ÿ™ ǒ– › ȡ  @
Ǘ@
दो0–  ͧǕ˜ š šȡ˜ Ǒ¡  ‡ Ǒ¡ Ȳजन तन
ृ सम ǒ–Ÿ ™ ǒ– › ȡ  @
Ǖ
šȡ˜ ͪĤ™ ȡ जग ‡ “ Ǔ“ ͧ  ™ कछु न आचरजु तासु।।140।।
–*–*–
सीय लखन ‡ ȯǑ¡ ǒ–ͬ’ सख ु ु › ¡ ¡ ȣȲ@सोइ रघन
ु ाथ € šǑ¡ सोइ € ¡ ¡ ȣȲ@
@
€ ¡ Ǒ¡ Ȳपुरातन कथा कहानी।   Ǖ“ Ǒ¡ Ȳलखनु ͧ  ™ \ Ǔ सुखु मानी।
जब जब रामु अवध   Ǖͬ’ € š¡ ȣȲ@तब तब –ȡǐš ǒ– › Ȫ… “ — š¡ ȣȲ@
@
  Ǖͧ˜ ǐš मातु ͪ” Ǖ”ǐš‡ “ भाई। भरत सनेहु सीलु सेवकाई।।
€ Ǚ”ȡͧ  ’Ȳ ǕĤ— Ǖ¡ ȪǑ¡ Ȳ‘ Ǖ ȡšȣ@धीरजु ’ šǑ¡ Ȳकुसमउ ǒ–… ȡšȣ@
@
› ͨ ͧ  ™ लखनु ǒ– € › होइ ‡ ȡ¡ ȣȲ@ǔ‡ ͧ˜ ” ǽǕ ŸǑ¡ अनस
ु र ”ǐš† ȡ¡ ȣȲ@
@
ͪĤ™ ȡ बंधु ‚ Ǔ › ͨ रघुनंदन।ु धीर कृपाल भगत उर चंदनु।।
लगे कहन कछु कथा पुनीता।   ǕǓ“ सुखु › ¡ Ǒ¡ Ȳलखनु \ ǽ सीता।।
दो0-रामु लखन सीता   Ǒ¡  सोहत परन Ǔ“ €ȯ @
ǔ‡ ͧ˜ बासव बस अमरपरु सची जयंत समेत।।141।।
–*–*–
‡ Ȫ‚ Ǒ¡ ȲĤ— Ǖͧ  ™ ›  “ Ǒ¡ Ȳ€Ȱ  Ʌ@पलक ǒ– › Ȫ… “ गोलक ‡ Ȱ  Ʌ@
@
  ȯ Ǒ¡ Ȳलखनु सीय šƒ –Ǖ ȢšǑ¡ @ǔ‡ ͧ˜ \ ǒ––ȯ€ ȧ ” ǽǕ Ÿ   šȣšǑ¡ @
@
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ Ĥ— Ǖबन –  Ǒ¡ Ȳ  Ǖ ȡšȣ@खग मग
ृ सरु तापस Ǒ¡  € ȡšȣ@
@
कहे उँ राम बन गवनु सह
ु ावा। सन
ु हु   ˜Ǖ Ȳğ अवध ǔ‡ ͧ˜ आवा।।
ͩ• šȯ̀ Ǔ“ Ÿȡ‘ ǕĤ— ǕǑ¡ पहुँचाई।   ͬ…    Ǒ¡  रथ ‘ȯ ȯͧ  आई।।
˜ Ȳğ Ȣ ǒ– € › ǒ–› Ȫͩ€ Ǔ“ Ÿȡ‘ @
Ǘ € Ǒ¡ न जाइ जस भयउ ǒ– Ÿȡ‘ @ Ǘ@
राम राम ͧ  ™ लखन ” Ǖ€ ȡšȣ@परे उ ’ šǓ“  › ޙ ȡ€ Ǖ› — ȡšȣ@
@
‘ȯͨ ‘ͨ “ Ǒ‘ͧ  हय Ǒ¡ Ǒ¡ “ ȡ¡ ȣȲ@जनु ǒ–“ Ǖपंख ǒ– ¡ ‚ \ € Ǖ› ȡ¡ ȣȲ@
@
दो0-“ Ǒ¡ Ȳतन
ृ … šǑ¡ Ȳͪ” \ Ǒ¡ Ȳजलु ˜ Ȫ… Ǒ¡ Ȳलोचन –ȡǐš@
ޙ ȡ€ Ǖ› भए Ǔ“ Ÿȡ‘ सब रघबु र बािज Ǔ“ ¡ ȡǐš@@ 142।।
–*–*–
’ ǐš धीरज तब कहइ Ǔ“ Ÿ ȡ‘ @
Ǘ अब   ˜Ǖ Ȳğ ” ǐš¡ š¡ Ǖǒ–Ÿ ȡ‘ @
Ǘ@
à
Ǖ ¡ ” ȲͫŒ परमारथ ʙ ȡ ȡ@धरहु धीर › ͨ ǒ–˜ Ǖ ǒ– ’ ȡ ȡ
ǒ–ǒ– ’ कथा € Ǒ¡ € Ǒ¡ मद
ृ ु बानी। रथ बैठारे उ बरबस आनी।।
सोक ͧ  ͬ › रथ सकइ न ¡ ȡȱ€ ȧ@रघुबर ǒ–š¡ पीर उर – ȡȱ€ ȧ@
@
… š• šȡǑ¡ ȱमग … › Ǒ¡ Ȳन घोरे । बन मग ृ मनहुँ ] Ǔ“ रथ जोरे ।।
\ ±Ǖͩ€ ”šǑ¡ Ȳͩ• ǐš ¡ ȯšǑ¡ Ȳ”Ȣ† Ʌ@राम ǒ–™ Ȫͬ‚ ǒ–€ › दख
ु  Ȣ† Ʌ@@
जो कह रामु लखनु –Ȱ‘ȯ¡ ȣ@Ǒ¡ €Ȳ ǐš Ǒ¡ €Ȳ ǐš Ǒ¡  ¡ ȯšǑ¡ Ȳ ȯ¡ ȣ@
@
बािज ǒ–š¡ ‚ Ǔ € Ǒ¡ ͩ€ ͧ˜ जाती। ǒ– “ Ǖ˜ Ǔ“ • Ǔ“ € ǒ–€ › ‡ ȯǑ¡
भाँती।।
दो0-भयउ Ǔ“ Ÿȡ‘ ǒ–Ÿ ȡ‘–   दे खत   ͬ…  तरु ं ग।
–Ȫͧ› सस ु ेवक … ȡǐš तब Ǒ‘f सारथी संग।।143।।
–*–*–
गह
ु   ȡšͬ Ǒ¡ ͩ• šȯ̀ पहुँचाई। ǒ– š¡ Ǖǒ– Ÿ ȡ‘ Ǖ– šǓ“ “ Ǒ¡ Ȳजाई।।
चले अवध लेइ š Ǒ¡ Ǔ“ Ÿȡ‘ȡ@¡ ȪǑ¡ † “ Ǒ¡ Ȳछन मगन ǒ– Ÿ ȡ‘ȡ@
@
सोच   ˜
Ǖ Ȳğ ǒ–€ › दख
ु ‘ȣ“ ȡ@ͬ’ ‚ जीवन रघब
ु ीर ǒ–¡ ȣ“ ȡ@
@
šǑ¡ Ǒ¡ न अंतहुँ अधम   šȣǾ @जसु न लहे उ ǒ– † Ǖš šƒ Ǖ– ȢǾ @
@
भए अजस अघ भाजन Ĥ ȡ“ ȡ@कवन हे तु “ Ǒ¡ Ȳकरत पयाना।।
अहह मंद मनु अवसर चक ू ा। अजहुँ न ǿ‘™ होत दइु टूका।।
मीिज हाथ ͧ  ǽ ’ ǓǕ“ ”Ǔ†  ȡ_@मनहँ कृपन धन šȡͧ  गवाँई।।
ǒ–ǐš‘ – ȡȱͬ’ बर –Ȣǽ कहाई। चलेउ समर जनु सभ
ु ट पराई।।
दो0-ǒ–Ĥ ǒ––ȯ€ ȧ –ȯ‘ ǒ–‘ संमत साधु   Ǖ‡ ȡǓ @
ǔ‡ ͧ˜ ’ Ȫ Ʌमदपान कर   ͬ…  सोच  ȯǑ¡ — ȡȱǓ @
@144।।
–*–*–
ǔ‡ ͧ˜ € Ǖ› ȣ“ Ǔ ™ साधु सयानी। ”Ǔ ‘ȯ  ȡ करम मन बानी।।
रहै करम बस ”ǐš¡ ǐš नाहू।   ͬ…  ǿ‘™ ȱǓ ͧ˜ ‘ȡǽ“ दाहु।।
लोचन सजल ŒȢǑ‹ भइ  Ȫšȣ@सुनइ न Į  “ ǒ– € › ˜ Ǔ — Ȫšȣ@ @
  Ǘ Ǒ¡ Ȳअधर › ȡͬ‚ मह
ु ँ › ȡŠȣ@िजउ न जाइ उर \  ͬ’ € ”ȡŠȣ@
@
ǒ–– š“ भयउ न जाइ Ǔ“ ¡ ȡšȣ@˜ ȡšȯͧ  मनहुँ ͪ” ȡ ˜ ¡  ȡšȣ@
@
¡ ȡǓ“ ‚ › ȡǓ“ ǒ–” Ǖ› मन ޙ ȡ” Ȣ@जमपुर पंथ सोच ǔ‡ ͧ˜ पापी।।
बचनु न आव ǿ‘™ ȱ”Ǔ†  ȡ_@अवध काह ˜ ɇदे खब जाई।।
राम šǑ¡  रथ ‘ȯͨ Ǒ¡ जोई।   € Ǖͬ… Ǒ¡ ˜ ȪǑ¡ ǒ– › Ȫ€  सोई।।
दो0–धाइ ” ȱǓǗ† ¡ Ǒ¡ Ȳ˜ ȪǑ¡ जब ǒ–€ › नगर नर “ ȡǐš@
`  ǽ दे ब ˜ ɇ  –Ǒ¡ तब ǿ‘™ ȱ–ė Ǖ–Ȱ‹ ȡǐš@
@145।।
–*–*–
” ǓǕ† ¡ Ǒ¡ Ȳ‘ȣ“ ‘ ͨǕ  सब माता। कहब काह ˜ ɇǓ Û¡ Ǒ¡ ǒ–’ ȡ ȡ@
@
” ǓǗ† Ǒ¡ ‡ –Ǒ¡ Ȳलखन ˜ ¡  ȡšȣ@€ Ǒ¡ ¡ `ȱकवन सँदेस   Ǖ ȡšȣ@
@
राम ‡ “ Ǔ“ जब ] ^Ǒ¡ धाई।   ͧǕ˜ ǐš – Í † Ǖ ǔ‡ ͧ˜ धेनु लवाई।।
पँछ
ू त `  ǽ दे ब ˜ ɇ ȯ¡ ȣ@गे बनु राम लखनु – Ȱ‘ȯ¡ ȣ@
@
जोइ ” ȱǓǗ† Ǒ¡  ȯǑ¡ a  ǽ दे बा।जाइ अवध अब यहु सुखु लेबा।।
” ȱǗǓ† Ǒ¡ ‡ –Ǒ¡ Ȳराउ दखु ‘ȣ“ ȡ@िजवनु जासु रघुनाथ अधीना।।
दे हउँ `  ǽ कौनु मह
ु ु लाई। आयउँ कुसल कुअँर पहुँचाई।।
सन
ु त लखन ͧ  ™ राम सँदेस।ू तन ृ ǔ‡ ͧ˜ तनु ” ǐš¡ ǐšǑ¡ नरे स।ू ।
दो0–ı‘` न ǒ–‘šȯ̀ पंक ǔ‡ ͧ˜ ǒ– † Ǖš Ĥ Ȣ ˜ Ǖ“ Ȣǽ@
@
जानत ¡ ɋ ˜ ȪǑ¡ ‘ȣÛ¡ ǒ– ͬ’ यहु जातना   šȣǽ@
@146।।
–*–*–
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ करत पंथ ” Ǔ†  ȡȡ@तमसा तीर तरु त रथु आवा।।
ǒ– ‘ȡ ͩ€ f € ǐš ǒ– “ ™ Ǔ“ Ÿȡ‘ȡ@ͩ• šȯपायँ ” ǐš ǒ– € › ǒ– Ÿȡ‘ȡ@
@
पैठत नगर   ͬ…  सकुचाई। जनु ˜ ȡšȯͧ  गुर बाँभन गाई।।
– ȰǑ‹ ǒ– Š” तर Ǒ‘  Ǖगवाँवा। साँझ समय तब \   ǽ पावा।।
अवध Ĥ–ȯ  Ǖ€ ȧÛ¡ \ ȱͬ’ ] šɅ@पैठ भवन रथु šȡͨ ‘ ]Ǖ šɅ@
@
ǔ‡ Û¡ ǔ‡ Û¡ समाचार   ǕǓ“ पाए। भूप ɮȡš रथु दे खन आए।।
रथु ” Ǒ¡ … ȡǓ“ ǒ–€ › › ͨ घोरे । ‚ šǑ¡ Ȳगात ǔ‡ ͧ˜ आतप ओरे ।।
नगर “ ȡǐš नर ޙ ȡ€ Ǖ› €ɇ  Ʌ@Ǔ“ ƒ Š नीर मीनगन ‡  ɇ Ʌ@
@
दो0–  ͬ…  आगमनु सन
ु त सबु ǒ– € › भयउ šǓ“  ȡ  @
Ǖ
भवन — ™ Ȳ€ ǽ लाग  ȯǑ¡ मानहुँ Ĥȯ Ǔ“ ȡ  @
Ǖ@
147।।
–*–*–
\ Ǔ ] šǓ सब ” ȱ†Ǘ Ǒ¡ Ȳरानी। `  ǽ न आव ǒ– € › भइ बानी।।
सन
ु इ न Į “ नयन “ Ǒ¡ Ȳसझ ू ा। कहहु कहाँ नपृ  ȯǑ¡  ȯǑ¡ बझ
ू ा।।
‘ȡͧ  Û¡ ‘ȣ   ͬ…  ǒ–€ › ȡ_@€ ȫ  㙠ȡ गहृ ँ ‚ Ƀ लवाई।।
जाइ   Ǖ˜ Ȳğ ‘ȣ कस राजा। \ ͧ˜ \ šǑ¡  जनु चंद ु ǒ– šȡ‡ ȡ@
@
आसन सयन ǒ–— ǗŸ “ ¡ ȣ“ ȡ@परे उ — Ǘͧ˜  › Ǔ“ ”Š ˜ › ȣ“ ȡ@
@
लेइ उसासु सोच f Ǒ¡ भाँती। सुरपुर  Ʌजनु खस
ँ ेउ जजाती।।
लेत सोच — ǐš Ǔ† “ ǕǓ† “ Ǖछाती। जनु ‡ ǐš पंख परे उ संपाती।।
राम राम कह राम   “ ȯ¡ ȣ@” ǓǕ“ कह राम लखन – Ȱ‘ȯ¡ ȣ@
@
दो0-‘ȯͨ   ͬ…  ȱजय जीव € Ǒ¡ € ȧÛ¡ ȯ̀ दं ड Ĥ “ ȡ˜ Ǖ@
सुनत उठे उ ޙ ȡ€ Ǖ› “ ”Ǚ Ǔ कहु   Ǖ˜ Ȳğ कहँ रामु।।148।।
–*–*–
भूप   Ǖ˜ Ȳğ Ǖ› ȣÛ¡ उर लाई। बूड़त कछु अधार जनु पाई।।
  Ǒ¡  सनेह Ǔ“ € Š –Ȱ
‹ ȡšȣ@पँछ
ू त राउ नयन — ǐš –ȡšȣ@
@
राम कुसल कहु सखा   “ ȯ¡ ȣ@कहँ रघुनाथु लखनु – Ȱ‘ȯ¡ ȣ@
@
आने •ȯǐš ͩ€ –“ Ǒ¡ ͧ  ’ ȡf @सन
ु त   ͬ…  लोचन जल छाए।।
सोक ǒ–€ › ” ǓǕ“ पँछ
ू नरे स।ू कहु ͧ  ™ राम लखन संदेस।ू ।
राम Ǿ ” गुन सील सुभाऊ।   Ǖͧ˜ ǐš   Ǖͧ˜ ǐš उर सोचत राऊ।।
राउ सुनाइ ‘ȣÛ¡ बनबासू।   ǕǓ“ मन भयउ न हरषु हराँसू।।
सो सुत ǒ–† Ǖš गए न Ĥȡ“ ȡ@को पापी बड़ ˜ ȪǑ¡ समाना।।
दो0-सखा रामु ͧ  ™ लखनु जहँ तहाँ ˜ ȪǑ¡ पहुँचाउ।
“ ȡǑ¡ Ȳत चाहत चलन अब Ĥ ȡ“ कहउँ   Ǔ — ȡ` @ @149।।
–*–*–
” ǓǕ“ ” ǓǕ“ पँछ
ू त ˜ Ȳğ Ǒ¡ राऊ। ͪĤ ™  ˜ सअ
ु न सँदेस सन
ु ाऊ।।
€ šǑ¡ सखा सोइ –ȯͬ‚ उपाऊ। रामु लखनु ͧ  ™ नयन दे खाऊ।।
  ͬ…  धीर ’ ǐš कह मद
ु ु बानी। महाराज  à
Ǖ ¡ ”ȲͫŒ ʙ ȡ“ Ȣ@
@
बीर सुधीर धरु ं धर दे वा। साधु समाजु सदा  Ǖà¡ सेवा।।
जनम मरन सब दख
ु भोगा। ¡ ȡǓ“ लाभ ͪĤ ™ ͧ˜ › “ ǒ–™ Ȫ‚ ȡ@
@
काल करम बस ¡ ȫǑ¡ Ȳ‚ Ȫ  ȡɃ@बरबस šȡǓ Ǒ‘  € ȧ “ ȡɃ@
@
सख
ु ¡ šŸǑ¡ Ȳजड़ दख
ु ǒ–›  ȡ¡ ȣȲ@दोउ सम धीर ’ šǑ¡ Ȳमन ˜ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
धीरज धरहु ǒ– –ȯ€ Ǖ ǒ– … ȡšȣ@† ȡͫ°\ सोच सकल Ǒ¡  € ȡšȣ@
@
दो0-Ĥ ˜ बासु तमसा भयउ दस ू र   Ǖš  ǐš तीर।
Û¡ ȡ_ रहे जलपानु € ǐš ͧ  ™ समेत दोउ बीर।।150।।
–*–*–
केवट € ȧǔÛ¡ बहुत सेवकाई। सो ‡ ȡͧ˜ Ǔ“ ͧ  ‚Ȳ šȫš गवाँई।।
होत Ĥ ȡ बट † Ȥǽ मगावा। जटा मुकुट Ǔ“ ‡ सीस बनावा।।
राम सखाँ तब नाव मगाई। ͪĤ™ ȡ चढ़ाइ चढ़े रघुराई।।
लखन बान धनु धरे बनाई। आपु चढ़े Ĥ— Ǖआयसु पाई।।
ǒ–€ › ǒ–› Ȫͩ€ ˜ ȪǑ¡ रघब
ु ीरा। बोले मधरु बचन ’ ǐš धीरा।।
तात Ĥ“ ȡ˜ Ǖतात सन कहे हु। बार बार पद पंकज गहे हू।।
€ šǒ– पायँ ”ǐš ǒ– “ ™ –¡ Ȫšȣ@तात € ǐš\ ‡ Ǔ“ ͬ… Ȳ ȡ ˜ Ȫšȣ@
@
बन मग मंगल कुसल ¡ ˜ ȡšɅ@कृपा \ “ ǕĒ ¡ ” Ǖۙ  à
Ǖ ¡ ȡšɅ@
@
छं 0-  à
Ǖ ¡ šȯ\ “ ĒǕ ¡ तात कानन जात सब सख
ु ु ” ȡ^¡ ɋ@
ĤǓ ”ȡͧ› आयसु कुसल दे खन पाय ” ǓǕ“ ͩ• ǐš ] ^¡ ɋ@
@
जननीं सकल ”ǐš ȪͪŸ ” ǐš ” ǐš पायँ € ǐš ǒ–“  Ȣ घनी।
तल
ु सी करे हु सोइ जतनु ‡ ȯǑ¡ Ȳ€ Ǖ  › ȣ š¡ Ǒ¡ Ȳकोसल धनी।।
सो0-गुर सन कहब सँदेसु बार बार पद पदम ु ‚ Ǒ¡ @
करब सोइ उपदे सु ‡ ȯǑ¡ Ȳन सोच ˜ ȪǑ¡ \ ’ ” Ǔ @
@151।।
परु जन ”ǐš‡ “ सकल Ǔ“ ¡ Ȫšȣ@तात सन
ु ाएहु ǒ–“  Ȣ ˜ Ȫšȣ@
@
सोइ सब — ȡȱǓ मोर Ǒ¡  € ȡšȣ@‡ ȡ Ʌरह नरनाहु   Ǖ ȡšȣ@
@
कहब सँदेसु भरत के आएँ। “ ȢǓ न तिजअ राजपद ु पाएँ।।
पालेहु Ĥ ‡ Ǒ¡ करम मन बानी। सेएहु मातु सकल सम जानी।।
ओर Ǔ“ – ȡ¡ ȯ¡ Ǖभायप भाई। € ǐš ͪ” Ǖमातु सुजन सेवकाई।।
तात — ȡȱǓ  ȯǑ¡ राखब राऊ। सोच मोर ‡ ȯǑ¡ Ȳकरै न काऊ।।
लखन कहे कछु बचन कठोरा। बरिज राम ” ǓǕ“ ˜ ȪǑ¡ Ǔ“ ¡ Ȫšȡ@
@
बार बार Ǔ“ ‡ सपथ दे वाई। € ¡ ǒ– न तात लखन › ǐš€ ȡ_@
@
दो0-€ Ǒ¡ Ĥ“ ȡ˜ कछु कहन ͧ› ™ ͧ  ™ भइ ͧ  ͬ › सनेह।
 ͩ€  बचन लोचन सजल पुलक ”ã› ͪ दे ह।।152।।
–*–*–
 ȯǑ¡ अवसर रघुबर Ǿ  पाई। केवट ”ȡšǑ¡ नाव चलाई।।
šƒ Ǖ€ Ǖ› Ǔ › € चले f Ǒ¡ भाँती। दे खउँ ठाढ़ € Ǖͧ›   ’ ǐš छाती।।
˜ ɇआपन ͩ€ ͧ˜ € ¡ ɋ कलेसू। िजअत ͩ• šȯ̀ȱलेइ राम सँदेसू।।
अस € Ǒ¡   ͬ…  बचन šǑ¡ गयऊ। ¡ ȡǓ“ ‚ › ȡǓ“ सोच बस भयऊ।।
सुत बचन   Ǖ“  Ǒ¡ Ȳनरनाहू। परे उ ’ šǓ“ उर ‘ȡǽ“ दाहू।।
तलफत ǒ– Ÿ˜ मोह मन मापा। माजा मनहुँ मीन कहुँ ޙ ȡ”ȡ@ @
€ ǐš ǒ– › ȡ” सब šȪǑ¡ Ȳरानी। महा ǒ–” Ǔ ͩ€ ͧ˜ जाइ बखानी।।
  ǓǕ“ ǒ–› ȡ” दख
ु हू दख
ु ु लागा। धीरजहू कर धीरजु भागा।।
दो0-भयउ कोलाहलु अवध \ Ǔ   ǕǓ“ नप ृ राउर   Ȫǽ@
ǒ–” Ǖ› ǒ–¡ ‚ बन परे उ Ǔ“ ͧ  मानहुँ € Ǖͧ›   € ‹ Ȫǽ@
@153।।
–*–*–
Ĥ ȡ“ कंठगत भयउ भुआलू। ˜ Ǔ“ ǒ–¡ ȣ“ जनु ޙ ȡ€ Ǖ› ޙ ȡ› @ Ǘ@
^ġȣȲसकल ǒ–€ › भइँ — ȡšȣ@जनु सर   šͧ  ‡ बनु ǒ–“ Ǖ–ȡšȣ@
@
€ ȫ  㙠ȡȱनप
ृ ु ‘ȣ मलाना। šǒ–€ Ǖ› šǒ– अँथयउ िजयँ जाना।
उर ’ ǐš धीर राम ˜ ¡  ȡšȣ@– Ȫ› ȣ बचन समय \ “  Ǖ ȡšȣ@
@
नाथ   ˜ ͨǕˆ मन € ǐš\ ǒ–… ȡǾ @राम ǒ–™ Ȫ‚ ” ™ Ȫͬ’ \ ”ȡǾ @
@
करनधार  à
Ǖ ¡ अवध जहाजू। चढ़े उ सकल ͪĤ™ ” ͬ € समाजू।।
धीरजु ’ ǐš\ त पाइअ ” ȡǾ @“ ȡǑ¡ Ȳत – Ǘͫ°Ǒ¡ सबु ” ǐš ȡǾ @
@
‡ ɋ िजयँ ’ ǐš\ ǒ–“ ™ ͪ”™ ˜ Ȫšȣ@रामु लखनु ͧ  ™ ͧ˜ › Ǒ¡ Ȳ–¡ Ȫšȣ@
@
दो0–ͪĤ™ ȡ बचन मद
ृ ु सन
ु त नप
ृ ु ͬ…  ™ ` ] ȱͨ ` ƒ ȡǐš@
तलफत मीन ˜ › ȣ“ जनु सींचत सीतल – ȡǐš@ @
154।।
–*–*–
’ ǐš धीरजु ` ‹ Ȥ बैठ भआ
ु ल।ू कहु   ˜Ǖ Ȳğ कहँ राम कृपाल।ू ।
कहाँ लखनु कहँ रामु   “ ȯ¡ ȣ@कहँ ͪĤ™ ” ğǕ –’ Ǘ– Ȱ‘ȯ¡ ȣ@
@
ǒ– › ” राउ ǒ–€ › बहु भाँती। भइ जुग   ǐš  ͧ  šȡǓ न राती।।
तापस अंध साप   Ǖͬ’ आई। € ȫ  㙠Ǒ¡ सब कथा सुनाई।।
भयउ ǒ–€ › बरनत ^Ǔ ¡ ȡ  ȡ@राम šǑ¡  ͬ’ ‚ जीवन आसा।।
सो तनु šȡͨ करब ˜ ɇकाहा। ‡ ɅǑ¡ न Ĥȯ˜ पनु मोर Ǔ“ – ȡ¡ ȡ@
@
हा रघनु ंदन Ĥ ȡ“ ͪ”šȣ ȯ@ à
Ǖ ¡ ǒ– “ Ǖिजअत बहुत Ǒ‘“ बीते।।
हा ‡ ȡ“ € ȧ लखन हा रघब ु र। हा ͪ” ǕǑ¡  ͬ…  चातक जलधर।
दो0-राम राम € Ǒ¡ राम € Ǒ¡ राम राम € Ǒ¡ राम।
तनु ”ǐš¡ ǐš रघुबर ǒ–š¡ ȱराउ गयउ सुरधाम।।155।।
–*–*–
िजअन मरन फलु दसरथ पावा। अंड अनेक अमल जसु छावा।।
िजअत राम ǒ–’ Ǖबदनु Ǔ“ ¡ ȡšȡ@राम ǒ– š¡ € ǐš मरनु सँवारा।।
सोक ǒ– € › सब šȪ Ǒ¡ Ȳरानी। Ǿ ” Ǖसील बलु तेजु बखानी।।
€ šǑ¡ Ȳǒ– › ȡ” अनेक Ĥ € ȡšȡ@” š¡ ȣȲ— ͧǗ˜  › – ȡšǑ¡ Ȳबारा।।
ǒ– › ” Ǒ¡ Ȳǒ–€ › दास \ ǽ दासी। घर घर ǽ‘“ Ǖ€ šǑ¡ Ȳपरु बासी।।
अँथयउ आजु भानुकुल भानू। धरम \  ͬ’ गुन Ǿ ” Ǔ“ ’ ȡ“ Ǘ@
@
‚ ȡšȣȲसकल €Ȱ€ ^Ǒ¡ ‘ȯ¡ ȣȲ@नयन ǒ– ¡ ȣ“ € ȧÛ¡ जग ‡ ȯ¡ ȣȲ@
@
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ ǒ–› ” šȰǓ“ ǒ–¡ ȡ“ Ȣ@आए सकल ˜ ¡ ȡ˜ ǕǓ“ ʙ ȡ“ Ȣ@
@
दो0-तब –ͧ  ç‹ ˜ ǓǕ“ समय सम € Ǒ¡ अनेक ^Ǔ ¡ ȡ  @
सोक नेवारे उ   –Ǒ¡ कर Ǔ“ ‡ ǒ– ʙ ȡ“ Ĥ € ȡ  @
@156।।
–*–*–
तेल नाँव — ǐš नप
ृ तनु राखा। दतू बोलाइ –¡ Ǖǐš अस भाषा।।
धावहु –ȯͬ‚ भरत ”Ǒ¡ Ȳजाहू। नप
ृ   ͬǕ’ कतहुँ कहहु ‡ Ǔ“ काहू।।
एतनेइ कहे हु भरत सन जाई। गुर बोलाई पठयउ दोउ भाई।।
  ǕǓ“ ˜ ǕǓ“ आयसु धावन धाए। चले बेग बर बािज लजाए।।
अनरथु अवध अरं भेउ जब  Ʌ@कुसगुन ¡ ȪǑ¡ Ȳभरत कहुँ तब  Ʌ@
@
‘ȯ Ǒ¡ ȲšȡǓ भयानक सपना। ‡ ȡͬ‚ € šǑ¡ Ȳकटु € ȪǑŠ कलपना।।
ǒ–Ĥ जेवाँइ ‘ȯǑ¡ ȲǑ‘“ दाना। ͧ   \ ͧ— Ÿȯ€ € šǑ¡ Ȳǒ–ͬ’ नाना।।
˜ ȡ‚ Ǒ¡ Ȳǿ‘™ ȱमहे स मनाई। कुसल मातु ͪ”  Ǖ” ǐš‡ “ भाई।।
दो0-f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ सोचत भरत मन धावन पहुँचे आइ।
गुर अनुसासन Į “   ǕǓ“ चले गनेसु मनाइ।।157।।
–*–*–
चले समीर बेग हय हाँके। नाघत   ǐš सैल बन बाँके।।
ǿ‘™ ȱसोचु बड़ कछु न सोहाई। अस ‡ ȡ“ Ǒ¡ Ȳिजयँ जाउँ उड़ाई।।
एक Ǔ“ ˜ ȯŸ बरस सम जाई। f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ भरत नगर Ǔ“ \ šȡ_@
@
असगन
ु ¡ ȪǑ¡ Ȳनगर पैठारा। šŠǑ¡ Ȳ€ Ǖ— ȡȱǓ कुखेत करारा।।
खर ͧ  ] š –Ȫ› Ǒ¡ ȲĤǓ € Ǘ› ȡ@  ǓǕ“   ǓǕ“ होइ भरत मन सल
ू ा।।
Į Ȣ¡  सर   ǐš ȡ बन बागा। “ ‚ ǽ ǒ–   ȯͪŸ भयावनु लागा।।
खग मग
ृ हय गय ‡ ȡǑ¡ Ȳन जोए। राम ǒ– ™ Ȫ‚ कुरोग ǒ– ‚ Ȫf @
@
नगर “ ȡǐš नर Ǔ“ ”Š ‘ Ǖ ȡšȣ@मनहुँ   –ǔÛ¡ सब   Ȳ” Ǔ ¡ ȡšȣ@
@
दो0-परु जन ͧ˜ ͧ› Ǒ¡ Ȳन € ¡ Ǒ¡ Ȳकछु ‚  Ǒȱ¡ Ȳ‡ Ȫ¡ ȡšǑ¡ Ȳ‡ ȡǑ¡ @
Ȳ
भरत कुसल ” ȱǓǗ† न   € Ǒ¡ Ȳभय ǒ–Ÿ ȡ‘ मन ˜ ȡǑ¡ @ Ȳ@158।।
–*–*–
हाट बाट “ Ǒ¡ Ȳजाइ Ǔ“ ¡ ȡšȣ@जनु परु दहँ Ǒ‘ͧ  › ȡͬ‚ ‘ ȡšȣ@
@
आवत सत
ु   ǓǕ“ €Ȱ€ ™ “ ȲǑ‘Ǔ“ @हरषी šǒ–€ Ǖ› ‡ › ǽ¡ … ǑȲ‘Ǔ“ @
@
सिज आरती ˜ ǕǑ‘ ` Ǒ‹ धाई। ɮ ȡšȯǑ¡ Ȳ— ɅǑŠ भवन लेइ आई।।
भरत ‘ ͨǕ  ” ǐšȡǽ Ǔ“ ¡ ȡšȡ@मानहुँ  ǑǕ¡ “ बनज बनु मारा।।
कैकेई ¡ šͪŸ f Ǒ¡ — ȡȱǓ @मनहुँ ˜ ǕǑ‘ दव लाइ ͩ€ šȡ Ȣ@
@
  Ǖ Ǒ¡ ससोच ‘ȯͨ मनु ˜ ȡšɅ@” ȱ†Ǘ Ǔ नैहर कुसल ¡ ˜ ȡšɅ@
@
सकल कुसल € Ǒ¡ भरत सन
ु ाई। ” ȱ†Ǘ Ȥ Ǔ“ ‡ कुल कुसल भलाई।।
कहु कहँ तात कहाँ सब माता। कहँ ͧ  ™ राम लखन ͪĤ™ ħ ȡ ȡ@
@
दो0-  ǕǓ“ सुत बचन सनेहमय कपट नीर — ǐš नैन।
भरत Į “ मन सूल सम ” ȡͪ”Ǔ“ –Ȫ› ȣ बैन।।159।।
–*–*–
तात बात ˜ ɇसकल   ȱ ȡšȣ@भै मंथरा सहाय ǒ– … ȡšȣ@
@
कछुक काज ǒ–ͬ’ बीच ǒ–‚ ȡšȯ̀ @— Ǘ” Ǔ   Ǖš” Ǔ पुर पगु धारे उ।।
सुनत भरतु भए ǒ––   ǒ–Ÿ ȡ‘ȡ@जनु सहमेउ € ǐš €ȯ¡ ǐš नादा।।
तात तात हा तात ” €Ǖ ȡšȣ@परे — ͧǗ˜  › ޙ ȡ€ Ǖ› — ȡšȣ@
@
चलत न दे खन पायउँ  Ȫ¡ ȣ@तात न šȡ˜ Ǒ¡   ɋ”ȯ¡Ǖ˜ Ȫ¡ ȣ@
@
–¡ Ǖǐš धीर ’ ǐš उठे   ȱ— ȡšȣ@कहु ͪ”  Ǖमरन हे तु ˜ ¡  ȡšȣ@
@
  ǕǓ“ सुत बचन € ¡ Ǔ कैकेई। मरमु ” ȡȱǓ† जनु माहुर दे ई।।
] Ǒ‘¡ Ǖ Ʌसब ] ”Ǔ“ करनी। € ǕǑŠ› कठोर ˜ ǕǑ‘ मन बरनी।।
दो0-— š Ǒ¡ ǒ–  šȯ̀ ͪ” Ǖमरन सन
ु त राम बन गौन।ु
हे तु अपनपउ ‡ ȡǓ“ िजयँ  ͩ€  रहे ’ ǐš मौन।ु ।160।।
–*–*–
ǒ– € › ǒ– › Ȫͩ€   Ǖ Ǒ¡   ˜ ˆǕ ȡǓ @मनहुँ जरे पर लोनु › ‚ ȡ Ǔ @
@
तात राउ “ Ǒ¡ Ȳसोचे जोग।ू ǒ– ±^ सक
ु ृ त जसु € ȧÛ¡ ȯ̀ भोग।ू ।
जीवत सकल जनम फल पाए। अंत \ ˜ š”Ǔ सदन ͧ  ’ ȡf @
@
अस \ “ Ǖ˜ ȡǓ“ सोच ”ǐš¡ š¡ Ǘ@  Ǒ¡  समाज राज पुर करहू।।
  ǕǓ“   ǕǑ‹ सहमेउ šȡ‡ € Ǖ˜ ȡǾ @” ȡ€Ʌछत जनु लाग \ ȱ‚ ȡǾ @
@
धीरज ’ ǐš — ǐš › ȯǑ¡ Ȳउसासा। ”ȡ”Ǔ“   –Ǒ¡ — ȡȱǓ कुल नासा।।
‡ ɋ पै € Ǖǽͬ… š¡ ȣ \ Ǔ  Ȫ¡ ȣ@जनमत काहे न मारे ˜ Ȫ¡ ȣ@
@
पेड़ € ȡǑŠ  ɇपालउ सींचा। मीन िजअन Ǔ“ Ǔ –ȡǐš ` › ȣ… ȡ@
@
दो0-हं सबंसु दसरथु जनकु राम लखन से भाइ।
जननी तँू जननी भई ǒ– ͬ’ सन कछु न बसाइ।।161।।
–*–*–
जब  ɇ€ Ǖ˜ Ǔ कुमत िजयँ ठयऊ। खंड खंड होइ ı‘` न गयऊ।।
बर मागत मन भइ “ Ǒ¡ Ȳपीरा। ‚ ǐš न जीह मुहँ परे उ न € ȧšȡ@
@
भूपँ Ĥ Ȣ  Ȫǐš ͩ€ ͧ˜ € ȧÛ¡ ȣ@मरन काल ǒ– ͬ’ ˜ Ǔ ¡ ǐš › ȣÛ¡ ȣ@
@
ǒ– ͬ’ ¡ Ǖȱन “ ȡǐš ǿ‘™ ‚ Ǔ जानी। सकल कपट अघ अवगन
ु खानी।।
सरल सस
ु ील धरम रत राऊ। सो ͩ€ ͧ˜ जानै तीय सभ
ु ाऊ।।
अस को जीव जंतु जग ˜ ȡ¡ ȣȲ@‡ ȯǑ¡ रघुनाथ Ĥȡ“ ͪĤ™ “ ȡ¡ ȣȲ@
@
भे \ Ǔ \ Ǒ¡  रामु तेउ  Ȫ¡ ȣ@को तू \ ¡ ͧ    י कहु ˜ Ȫ¡ ȣ@
@
जो ¡ ͧ  सो ¡ ͧ  मुहँ ˜ ͧ  लाई। ] ȱͨ ओट ` Ǒ‹ –Ȱ‹ Ǒ¡ Ȳजाई।।
दो0-राम ǒ–šȪ’ Ȣ ǿ‘™  ɅĤ ‚ Š € ȧÛ¡ ǒ– ͬ’ ˜ ȪǑ¡ @
मो समान को ”ȡ € ȧ – ȡǑ‘ कहउँ कछु  ȪǑ¡ @ @162।।
–*–*–
  ǓǕ“   ğ ƒǕ “Ǖ मातु € ǕǑŠ› ȡ_@‡ šǑ¡ Ȳगात ǐš  कछु न बसाई।।
 ȯǑ¡ अवसर € Ǖ–šȣ तहँ आई। बसन ǒ– — ŸǗ “ ǒ–ǒ–’ बनाई।।
› ͨ ǐš  भरे उ लखन लघु भाई। बरत अनल घत ृ ] ¡ ǕǓ पाई।।
¡ Ǖ˜ ͬ‚ लात  ͩ€ कूबर मारा। ”ǐš मुह भर ˜ Ǒ¡ करत पुकारा।।
कूबर टूटे उ फूट € ”ȡǾ @‘ͧ›  दसन मुख ǽͬ’ š Ĥ … ȡǾ @
@
आह दइअ ˜ ɇकाह नसावा। करत नीक फलु अनइस पावा।।
  ǓǕ“ ǐš” ¡Ǖ “ › ͨ नख ͧ    ȪŠȣ@लगे घसीटन ’ ǐš ’ ǐš ˆ ɉŠȣ@
@
भरत ‘™ ȡǓ“ ͬ’ ‘ȣǔÛ¡ छड़ाई। € ȫ  㙠ȡ ”Ǒ¡ Ȳगे दोउ भाई।।
दो0-˜ ͧ› “ बसन ǒ–– š“ ǒ–€ › कृस   šȣš दख
ु भार।
कनक कलप बर –ȯͧ› बन मानहुँ हनी तस ु ार।।163।।
–*–*–
— š Ǒ¡ ‘ȯͨ मातु ` Ǒ‹ धाई। ˜ Ǖǽ Ǔ†  \ Ǔ“ ” šȣ झइँ आई।।
दे खत भरतु ǒ–€ › भए — ȡšȣ@परे चरन तन दसा ǒ–   ȡšȣ@
@
मातु तात कहँ ‘ȯǑ¡ दे खाई। कहँ ͧ  ™ रामु लखनु दोउ भाई।।
कैकइ कत जनमी जग माझा। ‡ ɋ ‡ “ ͧ˜ त भइ काहे न बाँझा।।
कुल कलंकु ‡ ȯǑ¡ Ȳजनमेउ ˜ Ȫ¡ ȣ@अपजस भाजन ͪĤ ™ ‡ “ ġȪ¡ ȣ@
@
को Ǔ — Ǖ “ ˜ ȪǑ¡   ǐš  अभागी। ‚ Ǔ \ ͧ   Ȫǐš मातु ‡ ȯǑ¡ लागी।।
ͪ” Ǖसुरपुर बन रघुबर केत।ू ˜ ɇकेवल सब अनरथ हे त।ु ।
ͬ’ ‚ ˜ ȪǑ¡ भयउँ बेनु बन आगी। दस
ु ह दाह दख
ु दष
ू न भागी।।
दो0-मातु भरत के बचन मद
ृ ु   ǓǕ“   ǓǕ“ ` ‹ Ȥ   ȱ— ȡǐš@
@
ͧ› f उठाइ लगाइ उर लोचन ˜ Ȫ… Ǔ – ȡǐš@ @164।।
–*–*–
सरल सभु ाय मायँ Ǒ¡ ™ ȱलाए। \ Ǔ Ǒ¡  मनहुँ राम ͩ• ǐš आए।।
— ɅŠȯ̀ – ¡ Ǖǐš लखन लघु भाई। सोकु सनेहु न ǿ‘™ ȱसमाई।।
‘ȯͨ सुभाउ कहत सबु कोई। राम मातु अस काहे न होई।।
माताँ भरतु गोद बैठारे । आँसु ” ɋǓ† मद
ृ ु बचन उचारे ।।
अजहुँ – Í † –ͧ› धीरज धरहू। कुसमउ   ˜ Ǖͨˆ सोक ”ǐš¡ š¡ Ǘ@@
‡ Ǔ“ मानहु Ǒ¡ ™ ȱ¡ ȡǓ“ गलानी। काल करम ‚ Ǔ \ ƒ ǑŠ ‡ ȡǓ“ @
@
€ ȡ¡ ǕǑ¡ दोसु दे हु ‡ Ǔ“ ताता। भा ˜ ȪǑ¡ सब ǒ– ͬ’ बाम ǒ–’ ȡ ȡ@
@
जो एतेहुँ दखु ˜ ȪǑ¡ िजआवा। अजहुँ को जानइ का  ȯǑ¡ भावा।।
दो0-ͪ” Ǖआयस भूषन बसन तात तजे रघुबीर।
ǒ–   ˜ ` हरषु न ǿ‘™ ȱकछु ”Ǒ¡ šȯबलकल चीर। 165।।
–*–*–
मुख Ĥ  ۓ मन रं ग न रोषू। सब कर सब ǒ–ͬ’ € ǐš ” ǐš ȪŸ Ǘ@
@
चले ǒ– ͪ”“   ǕǓ“ ͧ  ™ सँग लागी। रहइ न राम चरन अनुरागी।।
  Ǖ“  Ǒ¡ Ȳलखनु चले ` Ǒ‹ साथा। š¡ Ǒ¡ Ȳन जतन ͩ€ f रघुनाथा।।
तब šƒ ”Ǖ Ǔ   –¡ ȣ ͧ  ǽ नाई। चले संग ͧ  ™ \ ǽ लघु भाई।।
रामु लखनु ͧ  ™ –“ Ǒ¡ ͧ  ’ ȡf @गइउँ न संग न Ĥȡ“ पठाए।।
यहु सबु भा ^Û¡ ] ȱͨ Û¡ ] ‚ Ʌ@तउ न तजा तनु जीव \ — ȡ‚ Ʌ@ @
˜ ȪǑ¡ न लाज Ǔ“ ‡ नेहु Ǔ“ ¡ ȡšȣ@राम   ǐš  सुत ˜ ɇ˜ ¡  ȡšȣ@
@
िजऐ मरै भल — Ǘ” Ǔ जाना। मोर ǿ‘™ सत € Ǖͧ›   समाना।।
दो0- € ȫ  㙠ȡ के बचन   ǓǕ“ भरत   Ǒ¡  šǓ“ ȡ  @
ޙ ȡ€ Ǖ› ǒ–› ”  राजगह
ृ मानहुँ सोक नेवास।ु ।166।।
–*–*–
ǒ–› ”Ǒ¡ Ȳǒ–€ › भरत दोउ भाई। € ȫ  㙠ȡȱͧ› f ǿ‘™ ȱलगाई।।
— ȡȱǓ अनेक भरतु समझ
ु ाए। € Ǒ¡ ǒ– –ȯ€ ˜ ™ बचन सन
ु ाए।।
भरतहुँ मातु सकल   ˜ Ǖˆ ȡɃ@€ Ǒ¡ पुरान Į ǓǕ कथा   Ǖ¡ ȡɃ@
@
छल ǒ–¡ ȣ“   Ǖͬ… सरल सुबानी। बोले भरत ‡ Ȫǐš जुग पानी।।
जे अघ मातु ͪ” ȡ सुत ˜ ȡšɅ@गाइ गोठ ˜ Ǒ¡   Ǖš पुर ‡ ȡšɅ@
@
जे अघ Ǔ ™ बालक बध € ȧÛ¡ Ʌ@मीत ˜ ¡ ȣ” Ǔ माहुर ‘ȣÛ¡ Ʌ@
@
जे पातक उपपातक \ ¡ ¡ ȣȲ@करम बचन मन भव € ǒ– € ¡ ¡ ȣȲ@ @
ते पातक ˜ ȪǑ¡ होहुँ ǒ–’ ȡ ȡ@‡ ɋ यहु होइ मोर मत माता।।
दो0-जे ”ǐš¡ ǐš ¡ ǐš हर चरन — ‡ Ǒ¡ Ȳभूतगन घोर।
 ȯǑ¡ कइ ‚ Ǔ ˜ ȪǑ¡ दे उ ǒ– ͬ’ ‡ ɋ जननी मत मोर।।167।।
–*–*–
–ȯ… Ǒ¡ Ȳबेद ु धरमु ‘ ǑǕ¡ › ȯ¡ ȣȲ@ͪ”   Ǖ“ पराय पाप € Ǒ¡ ‘ȯ¡ ȣȲ
@@
€ ”Šȣ € ǕǑŠ› € › ¡ ͪĤ™ Đ Ȫ’ Ȣ@बेद ǒ– ‘ ŸǗ € ǒ– è ǒ–šȪ’ Ȣ@
@
लोभी लंपट लोलुपचारा। जे  ȡ€ Ǒ¡ Ȳपरधनु परदारा।।
” ȡ ɋ ˜ ɇǓ Û¡ के ‚ Ǔ घोरा। ‡ ɋ जननी यहु संमत मोरा।।
जे “ Ǒ¡ Ȳसाधस ु ंग अनरु ागे। परमारथ पथ ǒ– ˜ Ǖ अभागे।।
जे न — ‡ Ǒ¡ Ȳ¡ ǐš नरतनु पाई। ǔ‡ Û¡ Ǒ¡ न ¡ ǐš हर सुजसु सोहाई।।
तिज Į ǓǕ ”Ȳ Ǖबाम पथ … › ¡ ȣ@
Ȳ बंचक ǒ– šͬ… बेष जगु † › ¡ ȣȲ@
@
Ǔ Û¡ कै ‚ Ǔ ˜ ȪǑ¡ संकर दे ऊ। जननी ‡ ɋ यहु ‡ ȡ“ ɋ भेऊ।।
दो0-मातु भरत के बचन   ǓǕ“ साँचे सरल सभ
ु ायँ।
€ ¡ Ǔ राम ͪĤ ™ तात  à Ǖ ¡ सदा बचन मन कायँ।।168।।
–*–*–
राम Ĥ ȡ“ ¡ Ǖ ɅĤȡ“  à
Ǖ ¡ ȡšȯ@ à
Ǖ ¡ šƒ ”Ǖ Ǔ Ǒ¡ Ĥȡ“ ¡ Ǖ Ʌܙ ȡšȯ@
@
ǒ– ’ Ǖǒ– Ÿ चवै èğȰǑ¡ ˜ Ǖआगी। होइ – ȡǐš… š – ȡǐš ǒ– šȡ‚ Ȣ@
@
भएँ ʙ ȡ“ Ǖ–ǽ ͧ˜ ŠȰन मोहू।  àǕ ¡ šȡ˜ Ǒ¡ Ĥ Ǔ € Ǘ› न होहू।।
मत  à
Ǖ ¡ ȡš यहु जो जग € ¡ ¡ ȣ@
Ȳ सो सपनेहुँ सुख   Ǖ‚ Ǔ न › ¡ ¡ ȣȲ@
@
अस € Ǒ¡ मातु भरतु Ǒ¡ ™ ȱलाए। थन पय èğ Ǒ¡ Ȳनयन जल छाए।।
करत ǒ– › ȡ” बहुत ™ Ǒ¡ भाँती। – Ȱ‹ȯǑ¡ Ȳ– ȢǓ गइ सब राती।।
बामदे उ –ͧ  ç‹ तब आए।   ͬ…  महाजन सकल बोलाए।।
˜ ǓǕ“ बहु — ȡȱǓ भरत उपदे से। € Ǒ¡ परमारथ बचन सद
ु े से।।
दो0-तात ǿ‘™ ȱधीरजु धरहु करहु जो अवसर आजु।
उठे भरत गुर बचन   Ǖ Ǔ“ करन कहे उ सबु साजु।।169।।
–*–*–
नप
ृ तनु बेद ǒ–Ǒ‘ \ Û¡ ȡ ȡ@परम ǒ– ͬ… ğ ǒ–˜ ȡ“ Ǖबनावा।।
‚ Ǒ¡ पद भरत मातु सब राखी। š¡ ȣȲšȡǓ“ दरसन \ ͧ— › ȡŸȢ@
@
चंदन अगर भार बहु आए। \ ͧ˜  अनेक सुगंध सुहाए।।
सरजु तीर šͬ… ͬ…  ȡ बनाई। जनु सरु परु सोपान सह
ु ाई।।
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ दाह ͩĐ ™ ȡ सब € ȧÛ¡ ȣ@ǒ– ͬ’  Û¡ ȡ^ Ǔ › ȡȲ‡ ͧǕ› ‘ȣÛ¡ ȣ@
@
  Ȫͬ’   Ǖ˜ ǓǙ सब बेद पुराना। € ȧÛ¡ भरत दसगात ǒ– ’ ȡ“ ȡ@
@
जहँ जस ˜ Ǖ
Ǔ“ –š आयसु ‘ȣÛ¡ ȡ@तहँ तस सहस — ȡȱǓ सबु € ȧÛ¡ ȡ@
@
भए ǒ–  Ǖƨ Ǒ‘f सब दाना। धेनु बािज गज बाहन नाना।।
दो0-ͧ  ƒȲ ȡ  “ भष
ू न बसन \ ۓ ’ šǓ“ धन धाम।
Ǒ‘f भरत › Ǒ¡ — ͧǗ˜   šǕ भे ” ǐš” šǗ“ काम।।170।।
–*–*–
ͪ” ǕǑ¡  भरत € ȧǔÛ¡ ‡ ͧ  करनी। सो मख ु लाख जाइ “ Ǒ¡ Ȳबरनी।।
  ǑǕ‘“ Ǖ  Ȫͬ’ ˜ ǓǕ“ –š तब आए।   ͬ…  महाजन सकल बोलाए।।
बैठे राजसभाँ सब जाई। पठए – Ȫͧ› भरत दोउ भाई।।
भरतु –ͧ  ç‹ Ǔ“ € Š बैठारे । “ ȢǓ धरममय बचन उचारे ।।
Ĥ ˜ कथा सब ˜ ǕǓ“ –š बरनी। कैकइ € ǕǑŠ› € ȧǔÛ¡ ‡ ͧ  करनी।।
भप
ू ’ š˜ Ħ Ǖ  י सराहा। ‡ ȯǑ¡ Ȳतनु ” ǐš¡ ǐš Ĥȯ˜ ǕǓ“ –ȡ¡ ȡ@
@
कहत राम गन
ु सील सभ
ु ाऊ। सजल नयन पल
ु केउ ˜ ǓǕ“ šȡa @
@
– ¡ Ǖǐš लखन ͧ  ™ ĤȢǓ बखानी। सोक सनेह मगन ˜ ǓǕ“ ʙ ȡ“ Ȣ@
@
दो0-सुनहु भरत भावी Ĥ –› ǒ–› ͨ कहे उ ˜ ǓǕ“ “ ȡ @
¡ ȡǓ“ लाभु जीवन मरनु जसु अपजसु ǒ–ͬ’ हाथ।।171।।
–*–*–
अस ǒ– … ȡǐš €ȯǑ¡ दे इअ दोसू। ޙ š € ȡǑ¡ पर € ȧǔ‡ \ रोसू।।
तात ǒ–… ȡǽ €ȯǑ¡ करहु मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@सोच जोगु दसरथु नप ृ ु “ ȡ¡ ȣȲ@
@
  Ȫͬ… \ ǒ– Ĥ जो बेद ǒ– ¡ ȣ“ ȡ@तिज Ǔ“ ‡ धरमु ǒ– Ÿ™ › ™ › ȣ“ ȡ@ @
  Ȫͬ… \ “ ”Ǚ Ǔ जो “ ȢǓ न जाना। ‡ ȯǑ¡ न Ĥ ‡ ȡ ͪĤ ™ Ĥȡ“ समाना।।
  Ȫͬ… \ बयसु कृपन धनवान।ू जो न \ Ǔ ͬ ͧ   — ‚ Ǔ सज
ु ान।ू ।
  Ȫͬ… \   Ǘġ Ǖǒ–Ĥ अवमानी। मख
ु र ˜ ȡ“ ͪĤ ™ ʙ ȡ“ गुमानी।।
  Ȫͬ… \ ” ǕǓ“ ”Ǔ बंचक “ ȡšȣ@€ ǕǑŠ› € › ¡ ͪĤ™ ^Í † ȡ… ȡšȣ@
@
  Ȫͬ… \ बटु Ǔ“ ‡ Ħ Ǖ”ǐš¡ š_@जो “ Ǒ¡ Ȳगुर आयसु अनुसरई।।
दो0-  Ȫͬ… \ ‚ ¡Ǚȣ जो मोह बस करइ करम पथ י ȡ‚ @
  Ȫͬ… \ ‡ Ǔ ĤȲ” … रत ǒ– ‚  ǒ––ȯ€ ǒ– šȡ‚ @
@172।।
–*–*–
बैखानस सोइ सोचै जोग।ु तपु ǒ–¡ ȡ^ ‡ ȯǑ¡ भावइ भोग।ू ।
  Ȫͬ… \ ͪ”  “Ǖ अकारन Đ Ȫ’ Ȣ@‡ “ Ǔ“ जनक गरु बंधु ǒ–šȪ’ Ȣ@
@
सब ǒ–ͬ’   Ȫͬ… \ पर \ ”€ ȡšȣ@Ǔ“ ‡ तनु पोषक Ǔ“ š‘™ — ȡšȣ@
@
सोचनीय   – Ǒ¡ ǒ–ͬ’ सोई। जो न † ȡͫ° छलु ¡ ǐš जन होई।।
सोचनीय “ Ǒ¡ Ȳकोसलराऊ। भुवन … ȡǐš‘  Ĥ‚ Š Ĥ— ȡa @
@
भयउ न अहइ न अब ¡ ȪǓ“ ¡ ȡšȡ@भप
ू भरत जस ͪ” ȡ  à
Ǖ ¡ ȡšȡ@
@
ǒ– ͬ’ ¡ ǐš ¡ ǽ   šǕ”Ǔ Ǒ‘ͧ  “ ȡ ȡ@–š“ Ǒ¡ Ȳसब दसरथ गन
ु गाथा।।
दो0-कहहु तात €ȯǑ¡ — ȡȱǓ कोउ € ǐšǑ¡ बड़ाई तास।ु
राम लखन  à Ǖ ¡   ğ ¡Ǖ “   ǐš  सुअन   Ǖͬ… जासु।।173।।
–*–*–
सब Ĥ€ ȡš — ”Ǘ Ǔ बड़भागी। – ȡǑ‘ ǒ– Ÿȡ‘ Ǖ€ ǐš\  ȯǑ¡ लागी।।
यहु   ǕǓ“   ˜ Ǖͨˆ सोचु ”ǐš¡ š¡ Ǘ@ͧ  š ’ ǐš राज रजायसु करहू।।
राँय राजपद ु  Ǖà¡ कहुँ ‘ȣÛ¡ ȡ@ͪ”  ȡ बचनु फुर … ȡǑ¡ \ € ȧÛ¡ ȡ@
@
तजे रामु ‡ ȯǑ¡ Ȳ–… “ Ǒ¡ लागी। तनु ” ǐš¡ šȯ̀ राम ǒ– š¡ ȡ‚ Ȣ@
@
“ ”Ǚ Ǒ¡ बचन ͪĤ™ “ Ǒ¡ ȲͪĤ ™ Ĥ ȡ“ ȡ@करहु तात ͪ” Ǖबचन Ĥ  ȡ“ ȡ@
@
करहु सीस ’ ǐš भप
ू रजाई। हइ  à Ǖ ¡ कहँ सब — ȡȱǓ भलाई।।
परसुराम ͪ” Ǖ\ ʙ ȡ राखी। ˜ ȡšȣ मातु लोक सब साखी।।
तनय ‡ ‡ ȡǓ Ǒ¡ जौबनु दयऊ। ͪ”  Ǖ\ ʙ ȡȱअघ अजसु न भयऊ।।
दो0-\ “ Ǖͬ…  ` ͬ…  ǒ– … ȡǽ तिज जे ”ȡ› Ǒ¡ Ȳͪ”  Ǖबैन।
ते भाजन सख ु सज
ु स के –   Ǒ¡ Ȳ\ ˜ š”Ǔ ऐन।।174।।
–*–*–
\  ͧ  नरे स बचन फुर करहू। पालहु Ĥ‡ ȡ सोकु ” ǐš¡ š¡ Ǘ@
@
सरु परु नप
ृ ”ȡ^Ǒ¡ ”ǐš ȪŸ @
Ǘ à
Ǖ ¡ कहुँ सक
ु ृ त सज
ु सु “ Ǒ¡ Ȳदोष।ू ।
बेद ǒ–Ǒ‘ संमत   –¡ ȣ का। ‡ ȯǑ¡ ͪ” Ǖदे इ सो पावइ Šȣ€ ȡ@ @
करहु राजु ”ǐš¡ š¡ Ǖगलानी। मानहु मोर बचन Ǒ¡  जानी।।
  ǕǓ“ सुखु लहब राम –Ȱ‘ȯ¡ ȣȲ@\ “ Ǖͬ…  कहब न ”ȲͫŒ €ȯ¡ ȣȲ@
@
€ ȫ  㙠ȡǑ‘ सकल ˜ ¡  ȡšȣȲ@तेउ Ĥ ‡ ȡ सुख ¡ ȪǑ¡ Ȳ  Ǖ ȡšȣȲ
@@
परम  à
Ǖ ¡ ȡš राम कर ‡ ȡǓ“ Ǒ¡ @सो सब ǒ– ͬ’  à
Ǖ ¡ सन भल ˜ ȡǓ“ Ǒ¡ @
@
  ɋ”ȯ¡Ǖराजु राम कै आएँ। सेवा करे हु सनेह सह
ु ाएँ।।
दो0-€ ȧǔ‡ \ गरु आयसु \  ͧ  € ¡ Ǒ¡ Ȳ  ͬ…  कर ‡ Ȫǐš@
šƒ Ǖ” Ǔ आएँ ` ͬ…  जस तस तब करब – ¡ Ȫǐš@
@175।।
–*–*–
€ ȫ  㙠ȡ ’ ǐš धीरजु कहई। पत
ू ” ؙ गरु आयसु अहई।।
सो ] ‘ǐš\ € ǐš\ Ǒ¡  मानी। तिजअ ǒ– Ÿȡ‘ Ǖकाल ‚ Ǔ जानी।।
बन šƒ Ǖ” Ǔ   Ǖš”Ǔ नरनाहू।  à
Ǖ ¡ f Ǒ¡ — ȡȱǓ तात कदराहू।।
”ǐš‡ “ Ĥ ‡ ȡ   ͬ…  सब अंबा।  àǕ ¡ ¡ ȣ सुत सब कहँ अवलंबा।।
› ͨ ǒ–ͬ’ बाम कालु € Ǒ‹ “ ȡ_@धीरजु धरहु मातु –ͧ› जाई।।
ͧ  š ’ ǐš गरु आयसु अनस ु रहू। Ĥ‡ ȡ ”ȡͧ› ” ǐš‡ “ दख ु ु हरहू।।
गुर के बचन   ͬ…  \ ͧ— “ Ȳ‘ “ Ǖ@सुने भरत Ǒ¡ ™ Ǒ¡  जनु चंदनु।।
सुनी –¡ Ȫǐš मातु मद
ृ ु बानी। सील सनेह सरल रस सानी।।
छं 0-सानी सरल रस मातु बानी   ǕǓ“ भरत ޙ ȡ€ Ǖ› भए।
लोचन   šȪǽ¡ è𝠏 सींचत ǒ– š¡ उर अंकुर नए।।
सो दसा दे खत समय  ȯǑ¡ ǒ–  šȣ   –Ǒ¡   ͬǕ’ दे ह € ȧ@
तल
ु सी सराहत सकल सादर सीवँ सहज सनेह € ȧ@
@
सो0-भरतु कमल कर ‡ Ȫǐš धीर धरु ं धर धीर ’ ǐš@
बचन \ ͧ˜ \ ȱजनु –Ȫǐš दे त ` ͬ…  ` ׏ š   – Ǒ¡ @
@176।।
मासपारायण, अठारहवाँ ͪĮ ȡ˜
˜ ȪǑ¡ उपदे सु ‘ȣÛ¡ गुर नीका। Ĥ‡ ȡ   ͬ…  संमत   –¡ ȣ का।।
मातु ` ͬ…  ’ ǐš आयसु ‘ȣÛ¡ ȡ@\  ͧ  सीस ’ ǐš चाहउँ € ȧÛ¡ ȡ@
@
गरु ͪ”  Ǖमातु èȡͧ˜ Ǒ¡  बानी।   ǓǕ“ मन ˜ ǑǕ‘ € ǐš\ — ͧ› जानी।।
` ͬ…  ͩ€ \ “ ͬǕ…  ͩ€ f ȱǒ–… ȡǾ @धरमु जाइ ͧ  š पातक — ȡǾ @
@
à
Ǖ ¡ तौ दे हु सरल ͧ   सोई। जो आचरत मोर भल होई।।
‡ ɮ™ ͪ” यह समुझत हउँ “ Ȣ€Ʌ@ ‘ͪ” होत ” ǐš ȪŸ Ǖन जी €Ʌ@
@
अब  à
Ǖ ¡ ǒ–“ ™ ˜ Ȫǐš   ǕǓ“ लेहू। ˜ ȪǑ¡ अनह
ु रत ͧ   ȡ“ Ǖदे हू।।
a  ǽ दे उँ छमब अपराध।ू ‘ ͨǕ  दोष गुन ‚ “ Ǒ¡ Ȳन साध।ू ।
दो0-ͪ” Ǖसरु परु ͧ  ™ रामु बन करन कहहु ˜ ȪǑ¡ राज।ु
f Ǒ¡  Ʌजानहु मोर Ǒ¡  कै आपन बड़ काज।ु ।177।।
–*–*–
Ǒ¡  हमार ͧ  ™ ” Ǔ सेवकाई। सो ¡ ǐš › ȣÛ¡ मातु € ǕǑŠ› ȡ_@
@
˜ ɇ\ “ ˜Ǖ ȡǓ“ ‘ȣ मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@आन उपायँ मोर Ǒ¡  “ ȡ¡ ȣȲ@
@
सोक समाजु राजु €ȯǑ¡ › ȯ Ʌ@लखन राम ͧ  ™ ǒ–“ Ǖपद ‘ȯ Ʌ@
@
–ȡǑ‘ बसन ǒ–“ Ǖभूषन — ȡǾ @–ȡǑ‘ ǒ– šǓ ǒ–“ ǕĦ é˜ ǒ– … ȡǾ @
@
  ǽ‡   šȣš –ȡǑ‘ बहु भोगा। ǒ– “ Ǖ¡ ǐš— ‚ Ǔ जायँ जप जोगा।।
जायँ जीव ǒ– “ Ǖदे ह सह
ु ाई। –ȡǑ‘ मोर सबु ǒ–“ Ǖरघरु ाई।।
जाउँ राम ” Ǒ¡ Ȳआयसु दे हू। f € Ǒ¡ Ȳआँक मोर Ǒ¡  एहू।।
˜ ȪǑ¡ नपृ € ǐš भल आपन चहहू। सोउ सनेह जड़ता बस कहहू।।
दो0-कैकेई सुअ € ǕǑŠ› ˜ Ǔ राम ǒ– ˜ Ǖ गतलाज।
à
Ǖ ¡ चाहत सुखु मोहबस ˜ ȪǑ¡ से अधम €Ʌ राज।।178।।
–*–*–
कहउँ साँचु सब   ǓǕ“ ”Ǔ ] ¡ Ǘ@… ȡǑ¡ \ धरमसील नरनाहू।।
˜ ȪǑ¡ राजु ¡ Ǒ‹ दे इहहु ‡ –¡ ȣȲ@रसा रसातल ‡ ȡ^Ǒ¡  –¡ ȣȲ@
@
˜ ȪǑ¡ समान को पाप Ǔ“ ȡ  Ǘ@‡ ȯǑ¡ › ͬ‚ सीय राम बनबासू।।
रायँ राम कहुँ काननु ‘ȣÛ¡ ȡ@ǒ– † Ǖš गमनु अमरपुर € ȧÛ¡ ȡ@
@
˜ ɇसठु सब अनरथ कर हे त।ू बैठ बात सब सुनउँ सचेत।ू ।
ǒ–“ Ǖरघब
ु ीर ǒ–› Ȫͩ€ अबास।ू रहे Ĥ ȡ“   Ǒ¡ जग उपहास।ू ।
राम पन
ु ीत ǒ–Ÿ™ रस Ǿ  ȯ@लोलप
ु — ͧǗ˜ भोग के भख
ू े ।।
कहँ › ͬ‚ € ¡ ɋ ǿ‘™ € Ǒ‹ “ ȡ_@Ǔ“ ‘ǐš € Ǖͧ›   Ǖ‡ ȯǑ¡ Ȳ› ¡ ȣ बड़ाई।।
दो0-कारन  Ʌकारजु € Ǒ‹ “ होइ दोसु “ Ǒ¡ मोर।
€ Ǖͧ›   \ ǔè  Ʌउपल  Ʌलोह कराल कठोर।।179।।
–*–*–
कैकेई भव तनु अनुरागे। पाँवर Ĥ ȡ“ अघाइ अभागे।।
‡ ɋ ͪĤ™ ǒ– š¡ ȱĤȡ“ ͪĤ™ लागे। दे खब सुनब बहुत अब आगे।।
लखन राम ͧ  ™ कहुँ बनु ‘ȣÛ¡ ȡ@पठइ अमरपुर ”Ǔ Ǒ¡  € ȧÛ¡ ȡ@
@
› ȣÛ¡ ǒ–’ ”“ अपजसु आप।ू ‘ȣÛ¡ ȯ̀ Ĥ ‡ Ǒ¡ सोकु संताप।ू ।
˜ ȪǑ¡ ‘ȣÛ¡ सख
ु ु सज
ु सु सरु ाज।ू € ȧÛ¡ €Ȱ€ȯɃ सब कर काज।ू ।
f Ǒ¡  Ʌमोर काह अब नीका।  ȯǑ¡ पर दे न कहहु  à
Ǖ ¡ Šȣ€ ȡ@
@
कैकई जठर ‡ “ ͧ˜ जग ˜ ȡ¡ ȣ@
Ȳ यह ˜ ȪǑ¡ कहँ कछु \ “ Ǖͬ…  “ ȡ¡ ȣȲ@
@
˜ Ȫǐš बात सब ǒ–ͬ’ Ǒ¡ Ȳबनाई। Ĥ ‡ ȡ पाँच कत करहु सहाई।।
दो0-Ē ¡ Ē ¡ ȣ ” ǓǕ“ बात बस  ȯǑ¡ ” ǓǕ“ – Ȣ† Ȥ मार।
 ȯǑ¡ ͪ”] ^\ – ȡǽ“ Ȣ कहहु काह उपचार।।180।।
–*–*–
कैकइ सअ
ु न जोगु जग जोई। चतरु ǒ–šȲͬ… ‘ȣÛ¡ ˜ ȪǑ¡ सोई।।
दसरथ तनय राम लघु भाई। ‘ȣǔÛ¡ ˜ ȪǑ¡ ǒ– ͬ’ –ȡǑ‘ बड़ाई।।
àǕ ¡ सब कहहु कढ़ावन Šȣ€ ȡ@राय रजायसु सब कहँ नीका।।
`  ǽ दे उँ €ȯǑ¡ ǒ–ͬ’ €ȯǑ¡ €ȯ¡ ȣ@कहहु सुखेन जथा ǽͬ… ‡ ȯ¡ ȣ@
@
˜ ȪǑ¡ कुमातु समेत ǒ–¡ ȡ_@कहहु € Ǒ¡ Ǒ¡ के € ȧÛ¡ भलाई।।
मो ǒ–“ Ǖको सचराचर ˜ ȡ¡ ȣȲ@‡ ȯǑ¡ ͧ  ™ रामु Ĥȡ“ ͪĤ ™ “ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
परम ¡ ȡǓ“ सब कहँ बड़ लाहू। \ Ǒ‘“ Ǖमोर “ Ǒ¡ दष ू न काहू।।
संसय सील Ĥȯ˜ बस अहहू। सबइ ु ` ͬ…  सब जो कछु कहहू।।
दो0-राम मातु   ǕǑ‹   š› ͬ…  मो पर Ĥȯ˜ Ǖǒ–  ȯͪŸ@
कहइ सुभाय सनेह बस ˜ Ȫǐš ‘ȣ“  ȡ ‘ȯͨ @
@181।
–*–*–
गुर ǒ––ȯ€ सागर जगु जाना। ǔ‡ Û¡ Ǒ¡ ǒ–è कर बदर समाना।।
मो कहँ Ǔ › € साज सज सोऊ। भएँ ǒ–ͬ’ ǒ– ˜ Ǖ ǒ–˜ Ǖ सबु कोऊ।।
” ǐš¡ ǐš रामु सीय जग ˜ ȡ¡ ȣȲ@कोउ न € Ǒ¡ Ǒ¡ मोर मत “ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
सो ˜ ɇसन
ु ब सहब सख
ु ु मानी। अंतहुँ € ȧ… तहाँ जहँ पानी।।
Œǽ न ˜ ȪǑ¡ जग € Ǒ¡ Ǒ¡ ͩ€ पोच।ू परलोकहु कर “ ȡǑ¡ “ सोच।ू ।
एकइ उर बस दस ु ह ‘ȡšȣ@˜ ȪǑ¡ › ͬ‚ भे ͧ  ™ रामु ‘ Ǖ ȡšȣ@
@
जीवन लाहु लखन भल पावा। सबु तिज राम चरन मनु लावा।।
मोर जनम रघुबर बन लागी। झूठ काह ” Ǔ†  ȡ`ȱअभागी।।
दो0-] ”Ǔ“ ‘ȡǽ“ ‘ȣ“  ȡ कहउँ   –Ǒ¡ ͧ  ǽ नाइ।
‘ȯ Ʌǒ–“ Ǖरघन
ु ाथ पद िजय कै ‡ šǓ“ न जाइ।।182।।
–*–*–
आन उपाउ ˜ ȪǑ¡ “ Ǒ¡ सझ
ू ा। को िजय कै रघब
ु र ǒ– “ Ǖबझ
ू ा।।
f € Ǒ¡ Ȳआँक इहइ मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@Ĥ ȡ € ȡ› … ͧ› ¡ `ȱĤ — Ǖ” ȡ¡ ȣȲ@
@
‡ ɮ™ ͪ” ˜ ɇअनभल अपराधी। भै ˜ ȪǑ¡ कारन सकल उपाधी।।
 ‘ͪ” सरन सनमुख ˜ ȪǑ¡ दे खी। † ͧ˜ सब € ǐš¡ Ǒ¡ Ȳकृपा ǒ–  ȯŸ Ȣ@
@
सील सकुच   ǕǑ‹ सरल सुभाऊ। कृपा सनेह सदन रघुराऊ।।
\ ǐš¡ Ǖ€ अनभल € ȧÛ¡ न रामा। ˜ ɇͧ    Ǖसेवक ‡ ɮ™ ͪ” बामा।।
à Ǖ ¡ पै पाँच मोर भल मानी। आयसु ] ͧ  Ÿ दे हु सब ु ानी।।
‡ ȯǑ¡ Ȳ  ǓǕ“ ǒ–“ ™ ˜ ȪǑ¡ जनु जानी। ]  Ǒ¡ Ȳ–¡ Ǖǐš रामु रजधानी।।
दो0-‡ ɮ™ ͪ” जनमु कुमातु  Ʌ˜ ɇसठु सदा सदोस।
आपन ‡ ȡǓ“ न י ȡͬ‚ ¡ Ǒ¡ Ȳ˜ ȪǑ¡ रघुबीर भरोस।।183।।
–*–*–
भरत बचन सब कहँ ͪĤ™ लागे। राम सनेह सुधाँ जनु पागे।।
लोग ǒ– ™ Ȫ‚ ǒ–Ÿ˜ ǒ–Ÿ दागे। ˜ Ȳğ सबीज सुनत जनु जागे।।
मातु   ͬ…  गुर पुर नर “ ȡšȣ@सकल सनेहँ ǒ– € › भए — ȡšȣ@
@
— š Ǒ¡ € ¡ Ǒ¡   šȡǑ¡   šȡ¡ ȣ@राम Ĥȯ˜ ˜ šǗǓ तनु ] ¡ ȣ@
@
तात भरत अस काहे न कहहू। Ĥ ȡ“ समान राम ͪĤ ™ अहहू।।
जो ”ȡ ǽȱ अपनी जड़ताई।  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ सुगाइ मातु € ǕǑŠ› ȡ_@
@
सो सठु € ȪǑŠ€ ” Ǖǽ Ÿ समेता। –ͧ  Ǒ¡ कलप सत नरक Ǔ“ €ȯ ȡ@
@
\ Ǒ¡ अघ अवगुन “ Ǒ¡ ˜ Ǔ“ गहई। हरइ गरल दख
ु ‘ȡǐš‘ दहई।।
दो0-\ ͧ  … ͧ› \ बन रामु जहँ भरत ˜ Ȳğ Ǖभल € ȧÛ¡ @
सोक ͧ  ’Ȳ Ǖबड़
ू त   –Ǒ¡  à
Ǖ ¡ अवलंबनु ‘ȣÛ¡ @
@184।।
–*–*–
भा सब €Ʌ मन मोद ु न थोरा। जनु घन ’ ǓǕ“   ǓǕ“ चातक मोरा।।
चलत Ĥ ȡ › ͨ Ǔ“ š“ ` नीके। भरतु Ĥ ȡ“ ͪĤ™ भे   –¡ ȣ के।।
˜ ǕǓ“ Ǒ¡ – ȲǑ‘ — š Ǒ¡ ͧ  ǽ नाई। चले सकल घर ǒ– ‘ȡ कराई।।
’ ۙ भरत जीवनु जग ˜ ȡ¡ ȣȲ@सीलु सनेहु सराहत ‡ ȡ¡ ȣȲ@
@
€ ¡ Ǒ¡ परसपर भा बड़ काजू। सकल चलै कर   ȡ‡ Ǒ¡ Ȳसाजू।।
‡ ȯǑ¡ šȡ Ǒ¡ Ȳरहु घर š ȡšȣ@सो जानइ जनु ‚ š‘Ǔ“ ˜ ȡšȣ@ @
कोउ कह रहन € Ǒ¡ \ “ Ǒ¡ Ȳकाहू। को न चहइ जग जीवन लाहू।।
दो0-जरउ सो   Ȳ” Ǔ सदन सख ु ु सह
ु द मातु ͪ”  Ǖभाइ।
सनमुख होत जो राम पद करै न सहस सहाइ।।185।।
–*–*–
घर घर   ȡ‡ Ǒ¡ Ȳबाहन नाना। हरषु ǿ‘™ ȱपरभात पयाना।।
भरत जाइ घर € ȧÛ¡ ǒ– … ȡǾ @“ ‚ ǽ बािज गज भवन — ȱŒ ȡǾ @
@
 Ȳ
” Ǔ सब šƒ ”Ǖ Ǔ कै ] ¡ ȣ@जौ ǒ– “ Ǖजतन … › ɋ तिज  ȡ¡ ȣ@
@
तौ ” ǐš“ ȡ˜ न ˜ Ȫǐš भलाई। पाप ͧ  šȪ˜ Ǔ“ साइँ दोहाई।।
करइ è ȡͧ˜ Ǒ¡  सेवकु सोई। दष
ू न € ȪǑŠ दे इ ͩ€ “ कोई।।
अस ǒ–… ȡǐš   ͬǕ… सेवक बोले। जे सपनेहुँ Ǔ“ ‡ धरम न डोले।।
€ Ǒ¡ सबु मरमु धरमु भल भाषा। जो ‡ ȯǑ¡ लायक सो  ȯǑ¡ Ȳराखा।।
€ ǐš सबु जतनु šȡͨ रखवारे । राम मातु ” Ǒ¡ Ȳभरतु ͧ  ’ ȡšȯ@
@
दो0-आरत जननी ‡ ȡǓ“ सब भरत सनेह सुजान।
कहे उ बनावन ” ȡ› € ȧȲसजन सखु ासन जान।।186।।
–*–*–
… Ȁ … ǔȀ ǔ‡ ͧ˜ पुर नर “ ȡšȣ@चहत Ĥ ȡ उर आरत — ȡšȣ@
@
जागत सब Ǔ“ ͧ  भयउ ǒ– ¡ ȡ“ ȡ@भरत बोलाए   ͬ…  सुजाना।।
कहे उ लेहु सबु Ǔ › € समाजू। – “ Ǒ¡ Ȳदे ब ˜ ǕǓ“ šȡ˜ Ǒ¡ Ȳराजू।।
–ȯͬ‚ चलहु   ǓǕ“   ͬ…  जोहारे । तरु त तरु ग रथ नाग सँवारे ।।
\ ǽȲ’  Ȣ \ ǽ \ ͬ‚ Ǔ“ समाऊ। रथ … Ǒ± चले Ĥ  ˜ ˜ ǓǕ“ šȡa @
@
ǒ–Ĥ बंद
ृ … Ǒ± बाहन नाना। चले सकल तप तेज Ǔ“ ’ ȡ“ ȡ@
@
नगर लोग सब सिज सिज जाना। ͬ… ğ€ ǗŠ कहँ € ȧÛ¡ पयाना।।
ͧ  ǒ– € ȡ सुभग न ‡ ȡǑ¡ Ȳबखानी। … Ǒ± … Ǒ± चलत भई सब रानी।।
दो0-  ɋͪ” नगर   Ǖͬ…   ȯ € Ǔ“ सादर सकल चलाइ।
  ͧǕ˜ ǐš राम ͧ  ™ चरन तब चले भरत दोउ भाइ।।187।।
–*–*–
राम दरस बस सब नर “ ȡšȣ@जनु € ǐš € ǐšǓ“ चले  ͩ€ –ȡšȣ@
@
बन ͧ  ™ रामु   ˜ ͨǕˆ मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@सानज
ु भरत ”™ ȡ‘ȯǑ¡ Ȳ‡ ȡ¡ ȣȲ@
@
‘ȯͨ सनेहु लोग अनरु ागे। `  ǐš चले हय गय रथ י ȡ‚ ȯ@ @
जाइ समीप šȡͨ Ǔ“ ‡ ŒȪ› ȣ@राम मातु मद ृ ु बानी –Ȫ› ȣ@
@
तात चढ़हु रथ –ͧ› ˜ ¡  ȡšȣ@¡ Ȫ^Ǒ¡ ͪĤ™ ”ǐšȡǽ ‘ Ǖ ȡšȣ@
@
à
Ǖ ¡ šɅचलत … ͧ› Ǒ¡ सबु लोग।ू सकल सोक कृस “ Ǒ¡ Ȳमग जोगू।।
ͧ  š ’ ǐš बचन चरन ͧ  ǽ नाई। रथ … Ǒ± चलत भए दोउ भाई।।
तमसा Ĥ  ˜ Ǒ‘  € ǐš बास।ू दस
ू र ‚ Ȫ˜ Ǔ तीर Ǔ“ ȡ  @
Ǘ@
दो0-पय अहार फल असन एक Ǔ“ ͧ  भोजन एक लोग।
करत राम Ǒ¡  नेम Ħ ”ǐš¡ ǐš भूषन भोग।।188।।
–*–*–
सई तीर –ͧ  चले ǒ–¡ ȡ“ ȯ@संग
ृ बेरपुर सब Ǔ“ \ šȡ“ ȯ@
@
समाचार सब सुने Ǔ“ Ÿȡ‘ȡ@ǿ‘™ ȱǒ–… ȡš करइ   ǒ– Ÿȡ‘ȡ@
@
कारन कवन भरतु बन ‡ ȡ¡ ȣȲ@है कछु कपट भाउ मन ˜ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
‡ ɋ पै िजयँ न ¡ ȪǓ € ǕǑŠ› ȡ_@तौ कत › ȣÛ¡ संग कटकाई।।
‡ ȡ“ Ǒ¡ Ȳसानज
ु šȡ˜ Ǒ¡ ˜ ȡšȣ@करउँ अकंटक राजु   Ǖ ȡšȣ@
@
भरत न šȡ‡ “ ȢǓ उर आनी। तब कलंकु अब जीवन हानी।।
सकल सुरासुर ‡ ǕšǑ¡ Ȳजुझारा। šȡ˜ Ǒ¡ समर न ‡ Ȣ Ǔ“ ¡ ȡšȡ@
@
का आचरजु भरतु अस € š¡ ȣȲ@“ Ǒ¡ Ȳǒ– Ÿ –ȯͧ› \ ͧ˜ \ फल • š¡ ȣȲ@
@
दो0-अस ǒ–… ȡǐš गुहँ ʙ ȡǓ सन कहे उ सजग सब होहु।
हथवाँसहु बोरहु  šǓ“ € ȧǔ‡ \ घाटारोहु।।189।।
–*–*–
होहु सँजोइल रोकहु घाटा। ठाटहु सकल मरै के ठाटा।।
सनमख
ु लोह भरत सन लेऊँ। िजअत न   šǕ  ǐš उतरन दे ऊँ।।
समर मरनु ” ǓǕ“   šǕ  ǐš तीरा। राम काजु छनभंगु   šȣšȡ@
@
भरत भाइ नप
ृ ु मै जन नीच।ू – °Ʌभाग \ ͧ  पाइअ मीच।ू ।
è ȡͧ˜ काज € ǐš¡ `ȱरन šȡšȣ@जस ’ ͧ› ¡ `ȱभुवन दस … ȡšȣ@
@
तजउँ Ĥȡ“ रघुनाथ Ǔ“ ¡ ȪšɅ@दह
ु ू ँ हाथ मुद मोदक ˜ ȪšɅ@
@
साधु समाज न जाकर लेखा। राम भगत महुँ जासु न रे खा।।
जायँ िजअत जग सो ˜ Ǒ¡ — ȡǾ @जननी जौबन ǒ– Š” € Ǖ‹ ȡǾ @@
दो0-ǒ–‚  ǒ–Ÿ ȡ‘ Ǔ“ Ÿȡ‘” Ǔ   –Ǒ¡ बढ़ाइ उछाहु।
  Ǖͧ˜ ǐš राम मागेउ तरु त तरकस धनुष सनाहु।।190।।
–*–*–
बेगहु भाइहु सजहु सँजोऊ।   ǕǓ“ रजाइ कदराइ न कोऊ।।
— › ȯǑ¡ Ȳनाथ सब € ¡ Ǒ¡ Ȳसहरषा। f € Ǒ¡ Ȳएक बढ़ावइ करषा।।
चले Ǔ“ Ÿȡ‘ ‡ Ȫ¡ ȡǐš ‡ Ȫ¡ ȡšȣ@सूर सकल रन Ǿ … ^ šȡšȣ@
@
  ͧǕ˜ ǐš राम पद पंकज ”“ ¡ ȣ@
Ȳ भाथीं – ȡȱͬ’ … ±ȡ^ǔÛ¡ ’ “ ¡ ȣȲ@
@
\ ȱ‚ šȣ ” Ǒ¡ ǐš € ȱǗͫ° ͧ  š ’ š¡ ȣȲ@फरसा बाँस सेल सम € š¡ ȣȲ@
@
एक कुसल \ Ǔ ओड़न खाँड़।े € Ǘ‘Ǒ¡ गगन मनहुँ Ǔ† Ǔ छाँड़।े ।
Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ साजु समाजु बनाई। गुह šȡ`  Ǒ¡ जोहारे जाई।।
‘ȯͨ सुभट सब लायक जाने। लै लै नाम सकल सनमाने।।
दो0-भाइहु लावहु धोख ‡ Ǔ“ आजु काज बड़ ˜ ȪǑ¡ @
  ǓǕ“ सरोष बोले सभ
ु ट बीर अधीर न ¡ ȪǑ¡ @ @191।।
–*–*–
राम Ĥ  ȡ” नाथ बल तोरे । € šǑ¡ Ȳकटकु ǒ– “ Ǖभट ǒ– “ Ǖघोरे ।।
जीवत पाउ न ”ȡ† Ʌ’ š¡ ȣȲ@ǽȲŒ मंड
ु मय ˜ ȯǑ‘Ǔ“ € š¡ ȣȲ@
@
‘ȣ Ǔ“ Ÿȡ‘“ ȡ भल टोल।ू कहे उ बजाउ जझ
ु ाऊ ढोल।ू ।
एतना कहत † ȤȲ€ भइ बाँए। कहे उ   ‚ ǕǓ“ \ Û¡ खेत सुहाए।।
बूढ़ु एकु कह सगुन ǒ–… ȡšȣ@— š Ǒ¡ ͧ˜ ͧ› \ न ¡ Ȫ^Ǒ¡ šȡšȣ@
@
šȡ˜ Ǒ¡ भरतु मनावन ‡ ȡ¡ ȣȲ@सगुन कहइ अस ǒ– Ē ¡ Ǖ“ ȡ¡ ȣȲ@
@
  ǓǕ“ गह
ु कहइ नीक कह बढ़
ू ा। सहसा € ǐš ”Ǔ†  ȡǑ¡ Ȳǒ– ˜ ±
Ǘ ȡ@
@
भरत सभ
ु ाउ सीलु ǒ–“ Ǖ– ˆǗ Ʌ@– ͫ° Ǒ¡  ¡ ȡǓ“ ‡ ȡǓ“ ǒ–“ Ǖ‡ ˆ
Ǘ Ʌ@
@
दो0-गहहु घाट भट   ͧ˜ ǑŠ सब लेउँ मरम ͧ˜ ͧ› जाइ।
– Ǘͨˆ ͧ˜ ğ \ ǐš ˜ ڙ ‚ Ǔ तस तब € ǐš¡ `ȱआइ।।192।।
–*–*–
लखन सनेहु सुभायँ सुहाएँ। – Ȱǽ Ĥ ȢǓ “ Ǒ¡ Ȳदरु इँ दरु ाएँ।।
अस € Ǒ¡ — ɅŠ सँजोवन लागे। कंद मल ू फल खग मग ृ मागे।।
मीन पीन ” ȡ‹ Ȥ“ पुराने। — ǐš — ǐš भार € ¡ ȡšÛ¡ आने।।
ͧ˜ › “ साजु सिज ͧ˜ › “ ͧ  ’ ȡf @मंगल मल
ू सगन
ु सभ
ु पाए।।
‘ȯͨ ‘ ǐǗš  Ʌ€ Ǒ¡ Ǔ“ ‡ नाम।ू € ȧÛ¡ ˜ “Ǖ Ȣ  Ǒ¡ दं ड Ĥ “ ȡ˜ @
Ǘ@
‡ ȡǓ“ šȡ˜ ͪĤ ™ ‘ȣǔÛ¡ असीसा। — š Ǒ¡ कहे उ बझ
ु ाइ मन
ु ीसा।।
राम सखा   ǕǓ“ संदनु י ȡ‚ ȡ@चले `  ǐš उमगत अनुरागा।।
गाउँ ‡ ȡǓ गुहँ नाउँ सुनाई। € ȧÛ¡ ‡ Ȫ¡ ȡǽ माथ ˜ Ǒ¡ लाई।।
दो0-करत दं डवत ‘ȯͨ  ȯǑ¡ भरत › ȣÛ¡ उर लाइ।
मनहुँ लखन सन — ɅŠ भइ Ĥȯ˜ न ǿ‘™ ȱसमाइ।।193।।
–*–*–
— ɅŠ  भरतु  ȡǑ¡ \ Ǔ ĤȢ Ȣ@लोग ͧ  ¡ ȡǑ¡ ȲĤȯ˜ कै šȣ Ȣ@
@
’ ۙ ’ ۙ ’ ǓǕ“ मंगल मल
ू ा। सरु   šȡǑ¡  ȯǑ¡ – ǐš  Ǒ¡ Ȳफूला।।
लोक बेद सब — ȡȱǓ Ǒ¡ Ȳनीचा। जासु छाँह छुइ लेइअ सींचा।।
 ȯǑ¡ — ǐš अंक राम लघु ħ ȡ ȡ@ͧ˜ ›  पुलक ”ǐš” Ǘǐš गाता।।
राम राम € Ǒ¡ जे ‡ ˜ Ǖ¡ ȡ¡ ȣȲ@Ǔ Û¡ Ǒ¡ न पाप पुंज   ˜ Ǖ¡ ȡ¡ ȣȲ@
@
यह तौ राम लाइ उर › ȣÛ¡ ȡ@कुल समेत जगु पावन € ȧÛ¡ ȡ@
@
करमनास जलु   šǕ  ǐš परई।  ȯǑ¡ को कहहु सीस “ Ǒ¡ Ȳधरई।।
उलटा नामु जपत जगु जाना। –ȡ› ˜ Ȣͩ€ भए Ħ é˜ समाना।।
दो0-蝔… सबर खस जमन जड़ पावँर कोल ͩ€ šȡ @
रामु कहत पावन परम होत भुवन ǒ– ə ȡ @
@194।।
–*–*–
“ Ǒ¡ Ȳ\ ͬ… š‡ Ǖजुग जुग … ͧ› आई। €ȯǑ¡ न ‘ȣǔÛ¡ रघुबीर बड़ाई।।
राम नाम ˜ Ǒ¡ ˜ ȡ सुर € ¡ ¡ ȣȲ@  ǕǓ“   ǕǓ“ अवधलोग सुखु › ¡ ¡ ȣȲ@
@
šȡ˜    Ǒ¡ ͧ˜ ͧ› भरत   Ĥȯ˜ ȡ@” ȱ†Ǘ Ȥ कुसल सुमंगल खेमा।।
‘ȯͨ भरत कर सील सनेहू। भा Ǔ“ Ÿ ȡ‘  ȯǑ¡ समय ǒ– ‘ȯ¡ Ǘ@
@
सकुच सनेहु मोद ु मन बाढ़ा। — š Ǒ¡ ͬ…    एकटक ठाढ़ा।।
’ ǐš धीरजु पद – ȲǑ‘ – ¡ Ȫšȣ@ǒ– “ ™   Ĥȯ˜ करत कर ‡ Ȫšȣ@
@
कुसल मूल पद पंकज पेखी। ˜ ɇǓ ¡ Ǖȱकाल कुसल Ǔ“ ‡ लेखी।।
अब Ĥ — Ǖपरम \ “ ǕĒ ¡  ȪšɅ@  Ǒ¡  € ȪǑŠ कुल मंगल ˜ ȪšɅ@
@
दो0-  ˜ Ǖͨˆ ˜ Ȫǐš € š ǓǗ कुलु Ĥ — Ǖ˜ Ǒ¡ ˜ ȡ िजयँ जोइ।
जो न भजइ रघब ु ीर पद जग ǒ–ͬ’ – Ȳͬ…  सोइ।।195।।
–*–*–
€ ” Šȣ कायर € Ǖ˜ Ǔ कुजाती। लोक बेद बाहे र सब भाँती।।
राम € ȧÛ¡ आपन ‡ –¡ ȣ  Ʌ@भयउँ भव
ु न भष
ू न  –¡ ȣ  Ʌ@
@
‘ȯͨ ĤȢǓ   ǓǕ“ ǒ–“ ™ सह
ु ाई। ͧ˜ › ȯ̀ –¡ Ȫǐš भरत लघु भाई।।
€ Ǒ¡ Ǔ“ Ÿ ȡ‘ Ǔ“ ‡ नाम सुबानीं। सादर सकल ‡ Ȫ¡ ȡšȣȲरानीं।।
‡ ȡǓ“ लखन सम ‘ȯǑ¡ Ȳअसीसा। िजअहु सुखी सय लाख – šȣ  ȡ@ @
Ǔ“ šͨ Ǔ“ Ÿȡ‘ Ǖनगर नर “ ȡšȣ@भए सुखी जनु लखनु Ǔ“ ¡ ȡšȣ@
@
€ ¡ Ǒ¡ Ȳलहे उ f Ǒ¡ Ȳजीवन लाहू। — ɅŠȯ̀ šȡ˜ — ġ — ǐš बाहू।।
  ǓǕ“ Ǔ“ Ÿȡ‘ ǕǓ“ ‡ भाग बड़ाई। Ĥ ˜ ǑǕ‘ मन लइ चलेउ लेवाई।।
दो0-सनकारे सेवक सकल चले è ȡͧ˜ ǽ पाइ।
घर  ǽ तर सर बाग बन बास –“ ȡf ǔÛ¡ जाइ।।196।।
–*–*–
संग
ृ बेरपुर भरत ‘ȣ जब। भे सनेहँ सब अंग ͧ  ͬ › तब।।
सोहत Ǒ‘f ȱǓ“ Ÿ ȡ‘Ǒ¡ लागू। जनु तनु ’ šɅǒ– “ ™ अनुरागू।।
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ भरत सेनु सबु संगा। ‘ȣͨ जाइ जग ” ȡ Ǔ“ गंगा।।
रामघाट कहँ € ȧÛ¡ Ĥ“ ȡ˜ @
Ǘ भा मनु मगनु ͧ˜ › ȯजनु राम।ू ।
€ šǑ¡ ȲĤ“ ȡ˜ नगर नर “ ȡšȣ@˜ ǑǕ‘ Ħé˜ ˜ ™ – ȡǐš Ǔ“ ¡ ȡšȣ@
@
€ ǐš ˜ Ï ‡ “ Ǖ˜ ȡ‚ Ǒ¡ Ȳकर ‡ Ȫšȣ@šȡ˜ … ġȲ पद Ĥ ȢǓ न  Ȫšȣ@
@
भरत कहे उ   Ǖš  ǐš तव रे नू। सकल सुखद सेवक सुरधेनू।।
‡ Ȫǐš ”ȡǓ“ बर मागउँ एहू। सीय राम पद सहज सनेहू।।
दो0-f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ ˜ Ï ‡ “ Ǖभरतु € ǐš गुर अनुसासन पाइ।
मातु नहानीं ‡ ȡǓ“ सब डेरा चले लवाइ।।197।।
–*–*–
जहँ तहँ › Ȫ‚ Û¡ डेरा € ȧÛ¡ ȡ@भरत सोधु   – ¡ ȣ कर › ȣÛ¡ ȡ@
@
सरु सेवा € ǐš आयसु पाई। राम मातु ” Ǒ¡ Ȳगे दोउ भाई।।
चरन … ȡȱͪ” € Ǒ¡ € Ǒ¡ मद
ृ ु बानी। जननीं सकल भरत सनमानी।।
— ȡ^Ǒ¡   ɋͪ” मातु सेवकाई। आपु Ǔ“ Ÿȡ‘Ǒ¡ › ȣÛ¡ बोलाई।।
चले सखा कर   ɉ कर ‡ ȪšɅ@ͧ  ͬ ›   šȣš सनेह न  ȪšɅ@
@
पँछ
ू त    Ǒ¡ सो ठाउँ दे खाऊ। नेकु नयन मन ‡ šǓ“ जुड़ाऊ।।
जहँ ͧ  ™ रामु लखनु Ǔ“ ͧ  सोए। कहत भरे जल लोचन कोए।।
भरत बचन   ǓǕ“ भयउ ǒ– Ÿȡ‘ @
Ǘ तरु त तहाँ लइ गयउ Ǔ“ Ÿ ȡ‘ @
Ǘ@
दो0-जहँ ͧ   Ȳ ”Ǖ ȡ पन
ु ीत तर रघब
ु र ͩ€ ™ ǒ– Į ȡ˜ @
Ǖ
\ Ǔ सनेहँ सादर भरत € ȧÛ¡ ȯ̀ दं ड Ĥ“ ȡ˜ Ǖ@
@198।।
–*–*–
कुस   ȡȱ šȣíǓ“ ¡ ȡǐš सुहाई। € ȧÛ¡ Ĥ“ ȡ˜ ǕĤ‘ǔÍ † “ जाई।।
चरन रे ख रज ] ȱͨ Û¡ लाई। बनइ न कहत ĤȢǓ \ ͬ’ € ȡ_@
@
कनक ǒ– ‘Ȳ Ǖदइु … ȡǐš€ दे खे। राखे सीस सीय सम लेखे।।
सजल ǒ–› Ȫ… “ ǿ‘™ ȱगलानी। कहत सखा सन बचन सब
ु ानी।।
Į Ȣ¡  सीय ǒ–š¡ ȱ‘ ǓǕ ¡ ȣ“ ȡ@जथा अवध नर “ ȡǐš ǒ– › ȣ“ ȡ@
@
ͪ” ȡ जनक दे उँ पटतर €ȯ¡ ȣ@करतल भोगु जोगु जग ‡ ȯ¡ ȣ@
@
ससुर भानुकुल भानु भुआलू। ‡ ȯǑ¡ ͧ  ¡ ȡ \ ˜ šȡ Ǔ ”ȡ› Ǘ@
@
Ĥ ȡ“ “ ȡ Ǖरघुनाथ गोसाई। जो बड़ होत सो राम बड़ाई।।
दो0-”Ǔ दे वता सुतीय ˜ Ǔ“ सीय   ȡȱ šȣ ‘ȯͨ @
ǒ–¡ š ı‘` न ¡ ¡ ǐš हर ” ǒ–  Ʌ€ Ǒ‹ “ ǒ–   ȯͪŸ@
@199।।
–*–*–
लालन जोगु लखन लघु लोने। भे न भाइ अस \ ¡ Ǒ¡ Ȳन होने।।
परु जन ͪĤ ™ ͪ” Ǖमातु दल
ु ारे । ͧ  ™ šƒ –Ǖ šǑ¡ Ĥȡ“ ͪ”] šȯ@
@
मद
ृ ु ˜ šǗǓ सक
ु ु मार सभ
ु ाऊ। तात बाउ तन लाग न काऊ।।
ते बन   ¡ Ǒ¡ Ȳǒ–”Ǔ सब भाँती। Ǔ“ ‘šȯ€ ȪǑŠ € Ǖͧ›   f Ǒ¡ Ȳछाती।।
राम ‡ “ ͧ˜ जगु € ȧÛ¡ उजागर। Ǿ ” सील सुख सब गुन सागर।।
पुरजन ” ǐš‡ “ गुर ͪ”  Ǖमाता। राम सुभाउ   –Ǒ¡ सुखदाता।।
–Ȱǐš` राम बड़ाई € š¡ ȣȲ@– Ȫ› Ǔ“ ͧ˜ › Ǔ“ ǒ–“ ™ मन ¡ š¡ ȣȲ@
@
सारद € ȪǑŠ € ȪǑŠ सत सेषा। € ǐš न   € Ǒ¡ ȲĤ— Ǖगन
ु गन लेखा।।
दो0-  Ǖ èǽ” šƒ –Ǖ Ȳ  ˜ Ǔ“ मंगल मोद Ǔ“ ’ ȡ“ @
ते सोवत कुस Œȡͧ  ˜ Ǒ¡ ǒ–ͬ’ ‚ Ǔ \ Ǔ बलवान।।200।।
–*–*–
राम सुना दख
ु ु कान न काऊ। ‡ Ȣ “  ǽ ǔ‡ ͧ˜ जोगवइ राऊ।।
पलक नयन • Ǔ“ ˜ Ǔ“ ‡ ȯǑ¡ भाँती। ‡ Ȫ‚  Ǒ¡ Ȳ‡ “ Ǔ“ सकल Ǒ‘“
राती।।
ते अब ͩ• š ǒ– ͪ”“ ”‘… ȡšȣ@कंद मल
ू फल फूल \ ¡ ȡšȣ@
@
ͬ’ ‚ कैकेई अमंगल मल
ू ा। — ^ͧ  Ĥȡ“ ͪĤ ™  ˜ Ĥ Ǔ € Ǘ› ȡ@
@
˜ ɇͬ’ ‚ ͬ’ ‚ अघ ` ‘ͬ’ अभागी। सबु उतपातु भयउ ‡ ȯǑ¡ लागी।।
कुल कलंकु € ǐš सज
ृ ेउ ǒ– ’ ȡ ȡȱ@साइँदोह ˜ ȪǑ¡ € ȧÛ¡ कुमाताँ।।
  ǕǓ“   Ĥȯ˜ समुझाव Ǔ“ Ÿȡ‘ @
Ǘ नाथ € ǐš\ कत –ȡǑ‘ ǒ– Ÿ ȡ‘ @
Ǘ@
राम  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ ͪĤ™  à
Ǖ ¡ ͪĤ™ šȡ˜ Ǒ¡ @यह Ǔ“ š‡ Ȫ  Ǖदोसु ǒ– ͬ’ – ȡ˜ Ǒ¡ @
@
छं 0-ǒ– ͬ’ बाम € ȧ करनी € Ǒ‹ “ ‡ ɅǑ¡ Ȳमातु € ȧÛ¡ ȣ – ȡ šȣ@
 ȯǑ¡ šȡǓ ” ǓǕ“ ” ǓǕ“ € šǑ¡ ȲĤ— Ǖसादर सरहना šȡ šȣ@
@
तल
ु सी न  à
Ǖ ¡ सो राम Ĥ Ȣ ˜ Ǖकहतु ¡ ɋ   ȫ¡ Ʌͩ€ f ȱ@
”ǐš“ ȡ˜ मंगल ‡ ȡǓ“ अपने ] Ǔ“ f धीरजु Ǒ¡ f ȱ@
@
सो0-अंतरजामी रामु सकुच   Ĥȯ˜ कृपायतन।
… ͧ› \ € ǐš\ ǒ–Į ȡ˜ Ǖयह ǒ–… ȡǐš Ǻ± ] Ǔ“ मन।।201।।
सखा बचन   ǓǕ“ उर ’ ǐš धीरा। बास चले   ͧǕ˜ š रघब
ु ीरा।।
यह   ͬǕ’ पाइ नगर नर “ ȡšȣ@चले ǒ– › Ȫ€ “ आरत — ȡšȣ@
@
” š‘ͨ “ ȡ € ǐš € šǑ¡ ȲĤ“ ȡ˜ ȡ@‘ȯǑ¡ Ȳ€Ȱ€ ^Ǒ¡  Ȫǐš Ǔ“ € ȡ˜ ȡ@
@
— šȣ — ǐš –ȡǐš ǒ–› Ȫ… “ › Ʌ¡ ȣȲ@बाम ǒ– ’ ȡ ȡǑ¡ दष
ू न ‘ȯ¡ ȣȲ@
@
एक   šȡ¡ Ǒ¡ Ȳभरत सनेहू। कोउ कह “ ”Ǚ Ǔ Ǔ“ – ȡ¡ ȯ̀ नेहू।।
Ǔ“ ‘ȲǑ¡ Ȳआपु   šȡǑ¡ Ǔ“ Ÿȡ‘Ǒ¡ @को € Ǒ¡ सकइ ǒ–˜ Ȫ¡ ǒ– Ÿ ȡ‘Ǒ¡ @ @
f Ǒ¡ ǒ– ͬ’ šȡǓ लोगु सबु जागा। भा ͧ— “ Ǖ  ȡš गुदारा लागा।।
‚ ǕšǑ¡ सुनावँ चढ़ाइ   Ǖ¡ ȡɃ@“ Ƀ नाव सब मातु … ±ȡɃ@
@
दं ड … ȡǐš महँ भा सबु पारा। `  ǐš भरत तब   – Ǒ¡ सँभारा।।
दो0-Ĥȡ ͩĐ ™ ȡ € ǐš मातु पद – ȲǑ‘ ‚ šǕǑ¡ ͧ  ǽ नाइ।
] ‚ Ʌͩ€ f Ǔ“ Ÿȡ‘ गन ‘ȣÛ¡ ȯ̀ कटकु चलाइ।।202।।
–*–*–
ͩ€ ™ ` Ǔ“ Ÿȡ‘“ ȡ Ǖ\ ‚ ]Ǖ Ƀ@मातु ”ȡ› € ȧȲसकल … › ȡɃ@
@
साथ बोलाइ भाइ लघु ‘ȣÛ¡ ȡ@ǒ– Ĥ Û¡   Ǒ¡  गवनु गरु € ȧÛ¡ ȡ@
@
आपु   šǕ  ǐšǑ¡ € ȧÛ¡ Ĥ“ ȡ˜ @
Ǘ   ͧǕ˜ šȯलखन   Ǒ¡  ͧ  ™ राम।ू ।
गवने भरत ”™ Ȫ‘ȯǑ¡ Ȳपाए। कोतल संग ‡ ȡǑ¡ ȲŒȪǐš] f @
@
€ ¡ Ǒ¡ Ȳसुसेवक –ȡšǑ¡ Ȳबारा। होइअ नाथ \ è असवारा।।
रामु ”™ Ȫ‘ȯǑ¡ पायँ ͧ  ’ ȡf @हम कहँ रथ गज बािज बनाए।।
ͧ  š भर जाउँ ` ͬ…  अस मोरा। सब  Ʌसेवक धरमु कठोरा।।
‘ȯͨ भरत ‚ Ǔ   ǓǕ“ मद
ृ ु बानी। सब सेवक गन ‚ šǑ¡ Ȳगलानी।।
दो0-भरत तीसरे पहर कहँ € ȧÛ¡ Ĥ –ȯ  ǕĤ ™ ȡ‚ @
कहत राम ͧ  ™ राम ͧ  ™ ` ˜ ͬ‚ ` ˜ ͬ‚ अनुराग।।203।।
–*–*–
झलका झलकत ”ȡ™ Û¡ €ɇ  Ʌ@पंकज कोस ओस कन ‡ Ȱ  Ʌ@ @
भरत ” ™ ȡ‘ȯǑ¡ Ȳआए आजू। भयउ ‘ ͨǕ    ǕǓ“ सकल समाजू।।
 –ǐš › ȣÛ¡ सब लोग नहाए। € ȧÛ¡ Ĥ “ ȡ˜ Ǖǒğ–ȯǓ“ Ǒ¡ Ȳआए।।
  ǒ–ͬ’ ͧ   ȡͧ   नीर नहाने। Ǒ‘f दान ˜ Ǒ¡   šǕ सनमाने।।
दे खत è™ ȡ˜ › धवल हलोरे । ” ›Ǖ ͩ€   šȣš भरत कर जोरे ।।
सकल काम Ĥ‘ तीरथराऊ। बेद ǒ– Ǒ‘ जग Ĥ ‚ Š Ĥ— ȡa @
@
मागउँ भीख י ȡͬ‚ Ǔ“ ‡ धरमू। आरत काह न करइ कुकरमू।।
अस िजयँ ‡ ȡǓ“ सुजान सुदानी। सफल € šǑ¡ Ȳजग जाचक बानी।।
दो0-अरथ न धरम न काम ǽͬ… ‚ Ǔ न चहउँ Ǔ“ š– ȡ“ @
जनम जनम šǓ राम पद यह बरदानु न आन।।204।।
–*–*–
जानहुँ रामु € ǕǑŠ› € ǐš ˜ Ȫ¡ ȣ@लोग कहउ गरु   ȡǑ¡ – ġȪ¡ ȣ@
@
सीता राम चरन šǓ ˜ ȪšɅ@\ “ ǑǕ‘“ बढ़उ \ “ ĒǕ ¡  ȪšɅ@
@
जलद ु जनम — ǐš   šǕǓ ǒ–  ȡš` @जाचत जलु ”ǒ– पाहन डारउ।।
चातकु šŠǓ“ ƒ ŠɅƒ ǑŠ जाई। बढ़े Ĥȯ˜ Ǖसब — ȡȱǓ भलाई।।
€ “ € Ǒ¡ Ȳबान चढ़इ ǔ‡ ͧ˜ ‘ȡ¡ Ʌ@Ǔ ͧ˜ ͪĤ ™  ˜ पद नेम Ǔ“ –ȡ¡ Ʌ@
@
भरत बचन   ǕǓ“ माझ ǒğ–ȯ“ Ȣ@भइ मद
ृ ु –ȡǓ“ सुमंगल दे नी।।
तात भरत  à
Ǖ ¡ सब ǒ–ͬ’ साध।ू राम चरन अनरु ाग अगाध।ू ।
बाद ‚ › ȡǓ“ करहु मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@ à
Ǖ ¡ सम šȡ˜ Ǒ¡ कोउ ͪĤ™ “ ȡ¡ ȣȲ@
@
दो0-तनु पुलकेउ Ǒ¡ ™ ȱहरषु   ǕǓ“ –ȯǓ“ बचन अनुकूल।
भरत ’ ۙ € Ǒ¡ ’ ۙ सुर ¡ šͪŸ –šŸ Ǒ¡ Ȳफूल।।205।।
–*–*–
Ĥ˜ ǕǑ‘ तीरथराज Ǔ“  ȡ  Ȣ@बैखानस बटु ‚ ¡Ǚȣ उदासी।।
€ ¡ Ǒ¡ Ȳपरसपर ͧ˜ ͧ› दस पाँचा। भरत सनेह सीलु   Ǖͬ… साँचा।।
सुनत राम गुन Ē ȡ˜ सुहाए। — šɮȡ‡ ˜ ǕǓ“ –š ”Ǒ¡ Ȳआए।।
दं ड Ĥ “ ȡ˜ Ǖकरत ˜ ǓǕ“ दे खे। ˜ šǗǓ ˜ Ȳ — ȡʙ Ǔ“ ‡ लेखे।।
धाइ उठाइ लाइ उर › ȣÛ¡ ȯ@‘ȣǔÛ¡ असीस कृतारथ € ȧÛ¡ ȯ@
@
आसनु ‘ȣÛ¡ नाइ ͧ  ǽ बैठे। चहत सकुच गह
ृ ँ जनु भिज पैठे।।
˜ ǕǓ“ पँछ
ू ब कछु यह बड़ सोच।ू बोले ǐšͪŸ › ͨ सीलु सँकोच।ू ।
सुनहु भरत हम सब   Ǖͬ’ पाई। ǒ–ͬ’ करतब पर ͩ€ † Ǖ न बसाई।।
दो0- à
Ǖ ¡ ‚ › ȡǓ“ िजयँ ‡ Ǔ“ करहु समझ ु ी मातु € š ǓǗ @
तात €Ȱ€ ^Ǒ¡ दोसु “ Ǒ¡ Ȳगई ͬ‚ šȡ ˜ Ǔ ’ ǓǗ @
@206।।
–*–*–
यहउ कहत भल € Ǒ¡ Ǒ¡ न कोऊ। लोकु बेद बध ु संमत दोऊ।।
तात  à
Ǖ ¡ ȡš ǒ–˜ › जसु गाई। ” ȡ^Ǒ¡ लोकउ बेद ु बड़ाई।।
लोक बेद संमत सबु कहई। ‡ ȯǑ¡ ͪ” Ǖदे इ राजु सो लहई।।
राउ   י Ħ  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ बोलाई। दे त राजु सुखु धरमु बड़ाई।।
राम गवनु बन अनरथ मूला। जो   ǕǓ“ सकल ǒ– è भइ सूला।।
सो भावी बस šȡǓ“ अयानी। € ǐš € Ǖ… ȡͧ› अंतहुँ ”Ǔ†  ȡ“ Ȣ@
@
तहँउँ  à
Ǖ ¡ ȡš अलप अपराध।ू कहै सो अधम अयान असाध।ू ।
करतेहु राजु त  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ न दोष।ू šȡ˜ Ǒ¡ होत सन
ु त संतोष।ू ।
दो0-अब \ Ǔ € ȧÛ¡ ȯ¡ Ǖभरत भल  à Ǖ ¡ Ǒ¡ ` ͬ…  मत एहु।
सकल सुमंगल मूल जग रघुबर चरन सनेहु।।207।।
–*–*–
सो  à
Ǖ ¡ ȡš धनु जीवनु Ĥȡ“ ȡ@— Ǘǐš— ȡ‚ को  à Ǖ ¡ Ǒ¡ समाना।।
यह  à¡ ȡš आचरजु न ताता। दसरथ सुअन राम ͪĤ ™ ħ ȡ ȡ@
@
सुनहु भरत रघब
ु र मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@पेम ”ȡğ Ǖ à
Ǖ ¡ सम कोउ “ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
लखन राम   Ȣ Ǒ¡ \ Ǔ ĤȢ Ȣ@Ǔ“ ͧ  सब  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ सराहत बीती।।
जाना मरमु नहात Ĥ™ ȡ‚ ȡ@मगन ¡ ȪǑ¡ Ȳ à
Ǖ ¡ šɅअनरु ागा।।
à
Ǖ ¡ पर अस सनेहु रघुबर €Ʌ@सुख जीवन जग जस जड़ नर €Ʌ@ @
यह न \ ͬ’ € रघुबीर बड़ाई। Ĥ“  कुटुंब पाल रघुराई।।
à
Ǖ ¡ तौ भरत मोर मत एहू। ’ šɅदे ह जनु राम सनेहू।।
दो0- à
Ǖ ¡ कहँ भरत कलंक यह हम सब कहँ उपदे स।ु
राम — ‚ Ǔ रस ͧ  ͪƨ Ǒ¡  भा यह समउ गनेस।ु ।208।।
–*–*–
ु र ͩ€ Ȳ€ š कुमद
नव ǒ–’ Ǖǒ– ˜ › तात जसु तोरा। रघब ु चकोरा।।
` Ǒ‘ सदा \ ȱ ^Ǒ¡ कबहूँ ना। ƒ ǑŠǑ¡ न जग नभ Ǒ‘“ Ǒ‘“ दन ू ा।।
कोक Ǔ › Ȫ€ ĤȢǓ \ Ǔ € ǐš¡ ȣ@Ĥ— ǕĤ ȡ” šǒ– † ǒ–Ǒ¡ न ¡ ǐš¡ ȣ@
@
Ǔ“ ͧ  Ǒ‘“ सुखद सदा सब काहू। Ē ͧ  Ǒ¡ न कैकइ करतबु राहू।।
पूरन राम सुपेम ͪ” ™ Ǘ
Ÿ ȡ@गुर अवमान दोष “ Ǒ¡ Ȳदष
ू ा।।
राम भगत अब \ ͧ˜ \ ȱअघाहूँ। € ȧÛ¡ ȯ¡ Ǖसुलभ सुधा बसुधाहूँ।।
भप
ू भगीरथ   šǕ  ǐš आनी।   ͧǕ˜ š सकल संम ु गल खानी।।
दसरथ गन
ु गन –šǓ“ न ‡ ȡ¡ ȣȲ@\ ͬ’ € Ǖ कहा ‡ ȯǑ¡ सम जग “ ȡ¡ ȣȲ@
@
दो0-जासु सनेह सकोच बस राम Ĥ‚ Š भए आइ।।
जे हर Ǒ¡ ™ “ ™ “ Ǔ“ कबहुँ Ǔ“ š ȯ“ ¡ ȣȲअघाइ।।209।।
–*–*–
€ ȧšǓ ǒ–’ Ǖ à
Ǖ ¡ € ȧÛ¡ अनूपा। जहँ बस राम पेम ˜ ‚Ǚ Ǿ ”ȡ@
@
तात ‚ › ȡǓ“ करहु िजयँ जाएँ। डरहु ‘ǐšġǑ¡ पारसु पाएँ।।।।
सुनहु भरत हम झूठ न € ¡ ¡ ȣȲ@उदासीन तापस बन š¡ ¡ ȣȲ@ @
सब साधन कर सफ
ु ल सह
ु ावा। लखन राम ͧ  ™ दरसनु पावा।।
 ȯǑ¡ फल कर फलु दरस  à
Ǖ ¡ ȡšȡ@  Ǒ¡  पयाग सभ
ु ाग हमारा।।
भरत ’ ۙ  à
Ǖ ¡ जसु जगु जयऊ। € Ǒ¡ अस पेम मगन ” ǕǓ“ भयऊ।।
  ǕǓ“ ˜ ǕǓ“ बचन सभासद हरषे। साधु   šȡǑ¡ सुमन सुर बरषे।।
’ ۙ ’ ۙ ’ ǓǕ“ गगन पयागा।   ǕǓ“   ǕǓ“ भरतु मगन अनुरागा।।
दो0-पल
ु क गात Ǒ¡ ™ ȱरामु ͧ  ™ सजल   šȪǽ¡ नैन।
€ ǐš Ĥ“ ȡ˜ Ǖ˜ ǓǕ“ ˜ ȲŒ ͧ› Ǒ¡ बोले गदगद बैन।।210।।
–*–*–
˜ ǓǕ“ समाजु \ ǽ तीरथराज।ू   ȡȱͬ… ¡ Ǖȱसपथ अघाइ अकाज।ू ।
f Ǒ¡ Ȳथल ‡ ɋ ͩ€ † Ǖ € Ǒ¡ \ बनाई। f Ǒ¡ सम \ ͬ’ € न अघ अधमाई।।
à
Ǖ¡   – Ê
[ ™ कहउँ   Ǔ — ȡa @उर अंतरजामी रघरु ाऊ।।
˜ ȪǑ¡ न मातु करतब कर सोच।ू “ Ǒ¡ Ȳदख
ु ु िजयँ जगु ‡ ȡǓ“ Ǒ¡ पोच।ू ।
“ ȡǑ¡ “ Œǽ ǒ–‚ ǐšǑ¡ परलोकू। ͪ” ¡ Ǖमरन कर ˜ ȪǑ¡ न सोकू।।
सुकृत सुजस — ǐš भुअन सुहाए। › Ǔ† ˜ “ राम   ǐš  सत ु पाए।।
राम ǒ– š¡ ȱतिज तनु छनभंग।ू भप
ू सोच कर कवन Ĥ   Ȳ‚ @
Ǘ@
राम लखन ͧ  ™ ǒ–“ Ǖपग ”“ ¡ ȣȲ@€ ǐš ˜ ǓǕ“ बेष ͩ• šǑ¡ Ȳबन – “ ¡ ȣ@
@
दो0-अिजन बसन फल असन ˜ Ǒ¡ सयन Œȡͧ  कुस पात।
– ͧ   ǽ तर Ǔ“  सहत Ǒ¡ ˜ आतप बरषा बात।।211।।
–*–*–
f Ǒ¡ दखु दाहँ दहइ Ǒ‘“ छाती। भूख न बासर नीद न राती।।
f Ǒ¡ कुरोग कर औषधु “ ȡ¡ ȣȲ@सोधेउँ सकल ǒ– è मन ˜ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
मातु कुमत बढ़ई अघ मूला।  ȯǑ¡ Ȳहमार Ǒ¡  € ȧÛ¡ बँसूला।।
€ ͧ› कुकाठ कर € ȧÛ¡ € Ǖ‡ Ȳğ @
Ǘ ‚ ȡͫ° \ ͬ’ ” Ǒ± € Ǒ‹ “ € Ǖ˜ Ȳğ @
Ǖ@
˜ ȪǑ¡ › ͬ‚ यहु कुठाटु  ȯǑ¡ Ȳठाटा। ƒ ȡ› ȯͧ  सब जगु बारहबाटा।।
ͧ˜ Š^ कुजोगु राम ͩ• ǐš आएँ। बसइ अवध “ Ǒ¡ Ȳआन उपाएँ।।
भरत बचन   ǕǓ“ ˜ ǕǓ“ सुखु पाई।   –Ǒ¡ Ȳ€ ȧÛ¡ बहु — ȡȱǓ बड़ाई।।
तात करहु ‡ Ǔ“ सोचु ǒ–  ȯŸ Ȣ@सब दखु ु ͧ˜ ŠǑ¡ राम पग दे खी।।
दो0-€ ǐš Ĥ–Ȫ’ ˜ ǓǕ“ – š कहे उ \ Ǔ ͬ ”ȯ˜ ͪĤ ™ होहु।
कंद मल
ू फल फूल हम ‘ȯǑ¡ Ȳलेहु € ǐš छोहु।।212।।
–*–*–
  ǓǕ“ ˜ ǓǕ“ बचन भरत Ǒ¡ ȱ™ सोच।ू भयउ कुअवसर € Ǒ‹ “ सँकोच।ू ।
‡ ȡǓ“ ‚ ǽ^ गरु ͬ‚ šȡ – ¡ Ȫšȣ@चरन – ȲǑ‘ बोले कर ‡ Ȫšȣ@
@
ͧ  š ’ ǐš आयसु € ǐš\  à
Ǖ ¡ ȡšȡ@परम धरम यहु नाथ हमारा।।
भरत बचन ˜ ǕǓ“ –š मन भाए।   Ǖͬ… सेवक ͧ  Ÿ Ǔ“ € Š बोलाए।।
… ȡǑ¡ f € ȧÛ¡ भरत पहुनाई। कंद मूल फल आनहु जाई।।
— › ȯ¡ ȣȲनाथ € Ǒ¡ Ǔ Û¡ ͧ  š नाए। Ĥ ˜ ǕǑ‘ Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ काज ͧ  ’ ȡf @
@
˜ ǓǕ“ Ǒ¡ सोच पाहुन बड़ नेवता।  ͧ  पज
ू ा … ȡǑ¡ \ जस दे वता।।
  ǓǕ“ ǐšͬ’ ͧ  ͬ’ \ Ǔ“ ˜ ȡǑ‘€ आई। आयसु होइ सो € šǑ¡ Ȳगोसाई।।
दो0-राम ǒ– š¡ ޙ ȡ€ Ǖ› भरतु सानुज   Ǒ¡  समाज।
पहुनाई € ǐš हरहु Į ˜ कहा ˜ ǕǑ‘ ˜ ǕǓ“ šȡ‡ @
@213।।
–*–*–
ǐšͬ’ ͧ  ͬ’ ͧ  š ’ ǐš ˜ ǕǓ“ –š बानी। –°— ȡͬ‚ Ǔ“ ] ” ǕǑ¡ अनुमानी।।
€ ¡ Ǒ¡ Ȳपरसपर ͧ  ͬ’ समुदाई। \  ͧǕ›  \ Ǔ ͬ राम लघु भाई।।
˜ ǕǓ“ पद –ȲǑ‘ € ǐš\ सोइ आजू। होइ सुखी सब राज समाजू।।
अस € Ǒ¡ रचेउ ǽͬ… š गह
ृ नाना। ‡ ȯǑ¡ ǒ–› Ȫͩ€ ǒ–›  ȡǑ¡ Ȳǒ–˜ ȡ“ ȡ@
@
भोग ǒ– — ǓǗ — ǐǗš — ǐš राखे। दे खत ǔ‡ Û¡ Ǒ¡ अमर \ ͧ— › ȡŸ @
ȯ@
दासीं दास साजु सब › ȣÛ¡ Ʌ@जोगवत š¡ Ǒ¡ Ȳ˜ “ Ǒ¡ मनु ‘ȣÛ¡ Ʌ@
@
सब समाजु सिज ͧ  ͬ’ पल ˜ ȡ¡ ȣȲ@जे सुख सुरपुर सपनेहुँ “ ȡ¡ ȣȲ@
@
Ĥ ˜ Ǒ¡ Ȳबास Ǒ‘f सब €ȯ¡ ȣ@सुंदर सुखद जथा ǽͬ… ‡ ȯ¡ ȣ@ @
दो0-– ¡ Ǖǐš   ”ǐš‡ “ भरत कहुँ ǐšͪŸ अस आयसु ‘ȣÛ¡ @
ǒ– ͬ’ ǒ–  ˜ ™ दायकु ǒ–—  ˜ ǓǕ“ – š तपबल € ȧÛ¡ @
@214।।
–*–*–
˜ ǓǕ“ Ĥ — ȡ` जब भरत ǒ–› Ȫ€ ȡ@सब लघु लगे › Ȫ€ ” Ǔ लोका।।
सख
ु समाजु “ Ǒ¡ Ȳजाइ बखानी। दे खत ǒ– šǓ ǒ–   ȡš¡ ȣȲʙ ȡ“ Ȣ@
@
आसन सयन सब
ु सन ǒ– ȡ“ ȡ@बन – ȡǑŠ€ ȡ ǒ–¡ ‚ मग
ृ नाना।।
  Ǖšͧ— फूल फल \ ͧ˜ \ समाना। ǒ– ˜ › जलासय ǒ– ǒ– ’ ǒ– ’ ȡ“ ȡ@
असन पान सच
ु \ ͧ˜ \ अमी से। ‘ȯͨ लोग सकुचात जमी से।।
सुर सुरभी   Ǖš ǽ   –¡ ȣ €Ʌ@› ͨ \ ͧ— › ȡŸ Ǖसुरेस सची €Ʌ@
@
ǐš Ǖबसंत बह ǒğǒ–’ –™ ȡšȣ@सब कहँ सल
ु भ पदारथ … ȡšȣ@
@
èğ€ चंदन –Ǔ“  ȡǑ‘€ भोगा। ‘ȯͨ हरष ǒ–  ˜ ™ बस लोगा।।
दो0-संपत चकई भरतु चक ˜ ǕǓ“ आयस खेलवार।।
 ȯǑ¡ Ǔ“ ͧ  ] Į ˜ ͪ” ‡Ȳ šȡȱराखे भा ͧ— “ Ǖ  ȡš@
@215।।
मासपारायण, ` ۓ Ȣ   ȡȱͪ Į ȡ˜
–*–*–
€ ȧÛ¡ Ǔ“ ˜ Ï ‡ “ Ǖतीरथराजा। नाइ ˜ ǕǓ“ Ǒ¡ ͧ  ǽ   Ǒ¡  समाजा।।
ǐšͪŸ आयसु असीस ͧ  š राखी। € ǐš दं डवत ǒ–“ ™ बहु भाषी।।
पथ ‚ Ǔ कुसल साथ सब › ȣÛ¡ ȯ@चले ͬ… ğ€ ǗŠǑ¡ Ȳͬ…  Ǖ‘ȣÛ¡ Ʌ@
@
रामसखा कर ‘ȣÛ¡ Ʌलाग।ू चलत दे ह ’ ǐš जनु अनरु ाग।ू ।
“ Ǒ¡ Ȳपद ğȡ“ सीस “ Ǒ¡ Ȳछाया। पेमु नेमु Ħ  Ǖधरमु अमाया।।
लखन राम ͧ  ™ पंथ कहानी। पँछ
ू त    Ǒ¡ कहत मद
ृ ु बानी।।
राम बास थल ǒ–Š” ǒ–› Ȫ€Ʌ@उर अनुराग रहत “ Ǒ¡ ȲšȪ€ɇ@
@
‘Ȱͨ दसा सरु –ǐš  Ǒ¡ Ȳफूला। भइ मद
ृ ु ˜ Ǒ¡ मगु मंगल मल
ू ा।।
दो0-ͩ€ f ȱ‡ ȡǑ¡ Ȳछाया जलद सख
ु द बहइ बर बात।
तस मगु भयउ न राम कहँ जस भा — š Ǒ¡ जात।।216।।
–*–*–
जड़ चेतन मग जीव घनेरे। जे ͬ…  f Ĥ— Ǖǔ‡ Û¡ Ĥ— Ǖहे रे।।
ते सब भए परम पद जोग।ू भरत दरस मेटा भव रोग।ू ।
यह –ͫ° बात भरत कइ “ ȡ¡ ȣ@
Ȳ   Ǖͧ˜ š ǔ‡ “ Ǒ¡ रामु मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
बारक राम कहत जग जेऊ। होत तरन तारन नर तेऊ।।
भरतु राम ͪĤ ™ ” ǕǓ“ लघु ħ ȡ ȡ@कस न होइ मगु मंगलदाता।।
ͧ  ƨ साधु ˜ ǓǕ“ –š अस € ¡ ¡ ȣȲ@— š Ǒ¡ Ǔ“ šͨ हरषु Ǒ¡ ™ ȱ› ¡ ¡ ȣȲ@
@
‘ȯͨ Ĥ — ȡ`   šǕȯ  Ǒ¡ सोच।ू जगु भल — › ȯǑ¡ पोच कहुँ पोच।ू ।
गुर सन कहे उ € ǐš\ Ĥ— Ǖसोई। šȡ˜ Ǒ¡ — š Ǒ¡ — ɅŠ न होई।।
दो0-रामु सँकोची Ĥȯ˜ बस भरत सपेम ” ™ Ȫͬ’ @
बनी बात बेगरन … ¡ Ǔ € ǐš\ जतनु छलु   Ȫͬ’ @
@217।।
–*–*–
बचन सुनत   Ǖš‚ Ǖǽ मुसकाने। सहसनयन ǒ–“ Ǖलोचन जाने।।
˜ ȡ™ ȡ”Ǔ सेवक सन माया। करइ त ` › ǑŠ परइ सुरराया।।
तब ͩ€ † Ǖ € ȧÛ¡ राम ǽ जानी। अब € Ǖ… ȡͧ› € ǐš ¡ Ȫ^Ǒ¡ हानी।।
सन
ु ु सरु े स रघन
ु ाथ सभ
ु ाऊ। Ǔ“ ‡ अपराध ǐš  ȡǑ¡ Ȳन काऊ।।
जो अपराधु भगत कर करई। राम रोष पावक सो जरई।।
लोकहुँ बेद ǒ–Ǒ‘ ^Ǔ ¡ ȡ  ȡ@यह ˜ Ǒ¡ ˜ ȡ ‡ ȡ“ Ǒ¡ Ȳदरु बासा।।
भरत   ǐš  को राम   “ ȯ¡ ȣ@जगु जप राम रामु जप ‡ ȯ¡ ȣ@ @
दो0-मनहुँ न ] Ǔ“ \ \ ˜ š” Ǔ रघब
ु र भगत अकाज।ु
अजसु लोक परलोक दख ु Ǒ‘“ Ǒ‘“ सोक समाज।ु ।218।।
–*–*–
सन
ु ु सरु े स उपदे सु हमारा। šȡ˜ Ǒ¡ सेवकु परम ͪ” ] šȡ@
@
मानत सख
ु ु सेवक सेवकाई। सेवक बैर – Ȱǽ \ ͬ’ € ȡ_@
@
‡ ɮ™ ͪ” सम “ Ǒ¡ Ȳराग न रोष।ू ‚ ¡ Ǒ¡ Ȳन पाप पन
ू ु गन
ु दोष।ू ।
करम Ĥ ’ ȡ“ ǒ–è € ǐš राखा। जो जस करइ सो तस फलु चाखा।।
 ‘ͪ” € šǑ¡ Ȳसम ǒ– Ÿ˜ ǒ– ¡ ȡšȡ@भगत अभगत ǿ‘™ अनुसारा।।
अगुन अलेप अमान एकरस। रामु सगुन भए भगत पेम बस।।
राम सदा सेवक ǽͬ… राखी। बेद परु ान साधु सरु साखी।।
अस िजयँ ‡ ȡǓ“ तजहु € ǕǑŠ› ȡ_@करहु भरत पद Ĥ ȢǓ सह
ु ाई।।
दो0-राम भगत ”šǑ¡  Ǔ“ š पर दख ु दखु ी दयाल।
भगत ͧ  šȪ˜ Ǔ“ भरत  Ʌ‡ Ǔ“ डरपहु सुरपाल।।219।।
–*–*–
  י   Ȳ
’ Ĥ — Ǖसुर Ǒ¡  € ȡšȣ@भरत राम आयस \ “ Ǖ  ȡšȣ@
@
è ȡš ǒ––   ǒ–€ ›  àǕ ¡ होहू। भरत दोसु “ Ǒ¡ Ȳराउर मोहू।।
  ǕǓ“ सुरबर सुरगुर बर बानी। भा Ĥ˜ Ȫ‘ Ǖमन ͧ˜ Šȣ गलानी।।
–šͪŸ Ĥ  “Ǘ ¡ šͪŸ सरु राऊ। लगे सराहन भरत सभ
ु ाऊ।।
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ भरत चले मग ‡ ȡ¡ ȣȲ@दसा ‘ȯͨ ˜ ǓǕ“ ͧ  ƨ ͧ  ¡ ȡ¡ ȣȲ@
@
‡ – Ǒ¡ Ȳरामु € Ǒ¡ › ȯǑ¡ Ȳउसासा। उमगत पेमु मनहँ चहु पासा।।
ġ Ǒ¡ Ȳबचन   ǕǓ“ € Ǖͧ›   पषाना। पुरजन पेमु न जाइ बखाना।।
बीच बास € ǐš ‡ ˜ Ǖ“ Ǒ¡ Ȳआए। Ǔ“ šͨ “ Ȣǽ लोचन जल छाए।।
दो0-रघब
ु र बरन ǒ– › Ȫͩ€ बर –ȡǐš समेत समाज।
होत मगन –ȡǐšͬ’ ǒ–š¡ चढ़े ǒ––ȯ€ जहाज।।220।।
–*–*–
जमन
ु तीर  ȯǑ¡ Ǒ‘“ € ǐš बास।ू भयउ समय सम   – Ǒ¡ सप
ु ास।ू ।
šȡ Ǒ¡ Ȳघाट घाट € ȧ तरनी। ] Ƀ \ ‚ Ǔ“  ‡ ȡǑ¡ Ȳन बरनी।।
Ĥȡ पार भए f € Ǒ¡  Ʌ ȡȱ@तोषे रामसखा € ȧ सेवाँ।।
चले नहाइ “ Ǒ‘Ǒ¡ ͧ  š नाई। साथ Ǔ“ Ÿȡ‘“ ȡ दोउ भाई।।
] ‚ Ʌ˜ ǕǓ“ –š बाहन ] † Ʌ@राजसमाज जाइ सबु ” ȡ† Ʌ@
@
 ȯǑ¡ Ȳ”ȡ† Ʌदोउ बंधु ”™ ȡ‘Ʌ@भूषन बसन बेष   ǕǑ‹   ȡ‘Ʌ@
@
सेवक   ı
Ǖ ‘   ͬ…   Ǖ साथा।   ͧǕ˜ š लखनु सीय रघन
ु ाथा।।
जहँ जहँ राम बास ǒ–Į ȡ˜ ȡ@तहँ तहँ € šǑ¡ Ȳ  Ĥȯ˜ Ĥ “ ȡ˜ ȡ@
@
दो0-मगबासी नर “ ȡǐš   ǕǓ“ धाम काम तिज धाइ।
‘ȯͨ   Ǿ ” सनेह सब ˜ ǕǑ‘ जनम फलु पाइ।।221।।
–*–*–
€ ¡ Ǒ¡ Ȳसपेम एक एक ”ȡ¡ ȣȲ@रामु लखनु   ͨ ¡ ȪǑ¡ Ȳͩ€ “ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
बय बपु बरन Ǿ ” सोइ ] › ȣ@सीलु सनेहु   ǐš  सम … ȡ› ȣ@ @
बेषु न सो   ͨ सीय न संगा। ] ‚ Ʌअनी … › ȣ चतरु ं गा।।
“ Ǒ¡ ȲĤ  ۓ मख
ु मानस खेदा।   ͨ संदेहु होइ f Ǒ¡ Ȳभेदा।।
तासु तरक Ǔ ™ ‚ “ मन मानी। € ¡ Ǒ¡ Ȳसकल  ȯǑ¡ सम न सयानी।।
 ȯǑ¡   šȡǑ¡ बानी • Ǖǐš पूजी। –Ȫ› ȣ मधरु बचन Ǔ ™ दज
ू ी।।
€ Ǒ¡ सपेम सब €  ȡĤ  Ȳ‚ Ǘ@‡ ȯǑ¡ ǒ–ͬ’ राम राज रस भंगू।।
— š Ǒ¡ –¡ Ǖǐš सराहन लागी। सील सनेह सुभाय सुभागी।।
दो0-चलत ”™ ȡ‘Ʌखात फल ͪ” ȡ ‘ȣÛ¡ तिज राज।ु
जात मनावन šƒ –Ǖ šǑ¡ भरत   ǐš  को आज।ु ।222।।
–*–*–
भायप — ‚ Ǔ भरत आचरन।ू कहत सन ु त दख
ु दषू न हरन।ू ।
जो कछु कहब थोर   ͨ सोई। राम बंधु अस काहे न होई।।
हम सब सानज
ु — š Ǒ¡ ‘ȯ Ʌ@— ^Û¡ ’ ۙ जब
ु ती जन › ȯ Ʌ@
@
  ǕǓ“ गुन ‘ȯͨ दसा ”Ǔ†  ȡ¡ ȣ@
Ȳ कैकइ ‡ “ Ǔ“ जोगु सुतु “ ȡ¡ ȣȲ@
@
कोउ कह दष
ू नु šȡǓ“ Ǒ¡ “ ȡǑ¡ “ @ǒ– ͬ’ सबु € ȧÛ¡ ¡ ˜ Ǒ¡ जो ‘ȡǑ¡ “ @
@
कहँ हम लोक बेद ǒ–ͬ’ ¡ ȣ“ Ȣ@लघु Ǔ ™ कुल € š ǓǗ ˜ › ȣ“ Ȣ@
@
–  Ǒ¡ Ȳकुदे स कुगाँव कुबामा। कहँ यह दरसु ” Û
Ǖ™ ” ǐš“ ȡ˜ ȡ@
@
अस अनंद ु \ ͬ… ǐš‡ ǕĤǓ Ē ȡ˜ ȡ@जनु ˜ ǽ— ͧǗ˜ € › ” ǽ जामा।।
दो0-भरत दरसु दे खत खुलेउ मग › Ȫ‚ Û¡ कर भागु।
जनु ͧ  ƒȲ › –ȡͧ  Û¡ भयउ ǒ–ͬ’ बस सुलभ Ĥ ™ ȡ‚ Ǖ@ @223।।
–*–*–
Ǔ“ ‡ गुन   Ǒ¡  राम गुन गाथा। सुनत ‡ ȡǑ¡ Ȳ  Ǖͧ˜ š रघन
ु ाथा।।
तीरथ ˜ ǕǓ“ ] Į ˜ सुरधामा। Ǔ“ šͨ Ǔ“ ˜ Ï ‡ Ǒ¡ Ȳ€ šǑ¡ ȲĤ “ ȡ˜ ȡ@
@
˜ “ ¡ ȣȲमन ˜ ȡ‚ Ǒ¡ Ȳ–ǽ एहू। सीय राम पद पदम
ु सनेहू।।
ͧ˜ › Ǒ¡ Ȳͩ€ šȡ कोल बनबासी। बैखानस बटु जती उदासी।।
€ ǐš Ĥ “ ȡ˜ Ǖ” ȱ†Ǘ Ǒ¡ Ȳ‡ ȯǑ¡ Ȳ ȯ¡ ȣ@€ȯǑ¡ बन लखनु रामु – Ȱ‘ȯ¡ ȣ@
@
ते Ĥ — Ǖसमाचार सब € ¡ ¡ ȣȲ@— š Ǒ¡ ‘ȯͨ जनम फलु › ¡ ¡ ȣȲ@
@
जे जन € ¡ Ǒ¡ Ȳकुसल हम दे खे। ते ͪĤ™ राम लखन सम लेखे।।
f Ǒ¡ ǒ– ͬ’ बूझत   – Ǒ¡ सुबानी। सुनत राम बनबास कहानी।।
दो0- ȯǑ¡ बासर –ͧ  Ĥ ȡ ¡ ȣȲचले   ͧǕ˜ ǐš रघन
ु ाथ।
राम दरस € ȧ लालसा भरत   ǐš  सब साथ।।224।।
–*–*–
मंगल सगन ु ¡ ȪǑ¡ Ȳसब काहू। • š€ Ǒ¡ Ȳसख
ु द ǒ– › Ȫ… “ बाहू।।
— š Ǒ¡   Ǒ¡  समाज उछाहू। ͧ˜ ͧ› ¡ Ǒ¡ Ȳरामु ͧ˜ ŠǑ¡ दख
ु दाहू।।
करत मनोरथ जस िजयँ जाके। ‡ ȡǑ¡ Ȳसनेह सरु ाँ सब छाके।।
ͧ  ͬ › अंग पग मग Œͬ‚ ŒȪ› Ǒ¡ @
Ȳ ǒ– ¡ –› बचन पेम बस – Ȫ› Ǒ¡ @
Ȳ@
रामसखाँ  ȯǑ¡ समय दे खावा। सैल ͧ  šȪ˜ Ǔ“ सहज सुहावा।।
जासु समीप   ǐš पय तीरा। सीय समेत –   Ǒ¡ Ȳदोउ बीरा।।
‘ȯͨ € šǑ¡ Ȳसब दं ड Ĥ“ ȡ˜ ȡ@€ Ǒ¡ जय ‡ ȡ“ ͩ€ जीवन रामा।।
Ĥȯ˜ मगन अस राज समाज।ू जनु ͩ• ǐš अवध चले रघरु ाज।ू ।
दो0-भरत Ĥȯ˜ Ǖ ȯǑ¡ समय जस तस € Ǒ¡ सकइ न सेषु।
€ ǒ–Ǒ¡ Ȳअगम ǔ‡ ͧ˜ Ħé˜   Ǖ Ǖअह मम ˜ ͧ› “ जनेषु।।225।
–*–*–
सकल सनेह ͧ  ͬ › रघुबर €Ʌ@गए कोस दइु Ǒ‘“ € š š€Ʌ@ @
जलु थलु ‘ȯͨ बसे Ǔ“ ͧ  –Ȣ Ʌ@€ ȧÛ¡ गवन रघुनाथ ͪ” šȣ Ʌ@
@
उहाँ रामु रजनी अवसेषा। जागे सीयँ सपन अस दे खा।।
  Ǒ¡  समाज भरत जनु आए। नाथ ǒ– ™ Ȫ‚ ताप तन ताए।।
सकल ˜ ͧ› “ मन ‘ȣ“ ‘ Ǖ ȡšȣ@दे खीं सासु आन \ “ ¡Ǖ ȡšȣ@
@
 Ǖ
Ǔ“ ͧ  ™ सपन भरे जल लोचन। भए सोचबस सोच ǒ–˜ Ȫ… “ @
@
लखन सपन यह नीक न होई। € Ǒ‹ “ कुचाह   Ǖ“ ȡ^Ǒ¡ कोई।।
अस € Ǒ¡ बंधु समेत नहाने। पूिज ” Ǖšȡǐš साधु सनमाने।।
छं 0-  “ ˜ ȡǓ“ सरु ˜ ǓǕ“ – ȲǑ‘ बैठे ` ׏ š Ǒ‘ͧ  दे खत भए।
नभ ’ ǐǗš खग मग
ृ — ǐǗš भागे ǒ– € › Ĥ— Ǖ] Į ˜ गए।।
तल
ु सी उठे \ › Ȫͩ€ कारनु काह ͬ…    … ͩ€  रहे ।
सब समाचार ͩ€ šȡ € Ȫ› ǔÛ¡ आइ  ȯǑ¡ अवसर कहे ।।
दो0-सुनत सुमंगल बैन मन Ĥ˜ Ȫ‘ तन पुलक भर।
सरद   šȪǽ¡ नैन तलु सी भरे सनेह जल।।226।।
–*–*–
– ¡ Ǖǐš सोचबस भे ͧ  ™ š “ Ǘ@कारन कवन भरत आगवनू।।
एक आइ अस कहा –¡ Ȫšȣ@सेन संग चतरु ं ग न  Ȫšȣ@
@
सो   ǓǕ“ šȡ˜ Ǒ¡ भा \ Ǔ सोच।ू इत ͪ”  Ǖबच इत बंधु सकोच।ू ।
भरत सभ
ु ाउ   ˜ ͨǕˆ मन ˜ ȡ¡ ȣ@
Ȳ Ĥ— Ǖͬ…  Ǒ¡  ͬ Ǔ पावत “ ȡ¡ ȣ@
@
समाधान तब भा यह जाने। भरतु कहे महुँ साधु सयाने।।
लखन लखेउ Ĥ— Ǖǿ‘™ ȱ — ȡǾ @कहत समय सम “ ȢǓ ǒ– … ȡǾ @
@
ǒ– “ Ǖपँछ
ू कछु कहउँ ‚ Ȫ  ȡɃ@सेवकु समयँ न ȣ‹ Ǒ‹ ȡ_@
@
à
Ǖ¡   – Ê
[ ™ ͧ  šȪ˜ Ǔ“ èȡ˜ Ȣ@] ”Ǔ“   ˜ ͨǕˆ कहउँ अनग
ु ामी।।
दो0-नाथ   ıǕ ‘   ǑǕ‹ सरल ͬ…  सील सनेह Ǔ“ ’ ȡ“ @
@
सब पर ĤȢǓ Ĥ ȢǓ िजयँ ‡ ȡǓ“ \ आपु समान।।227।।
–*–*–
ǒ–Ÿ _ जीव पाइ Ĥ— Ǖ ȡ_@मढ़
ू मोह बस ¡ ȪǑ¡ Ȳजनाई।।
भरतु “ ȢǓ रत साधु सुजाना। Ĥ — Ǖपद Ĥȯ˜ सकल जगु जाना।।
तेऊ आजु राम पद ु पाई। चले धरम मरजाद मेटाई।।
€ ǕǑŠ› कुबंध € Ǖ\    ǽ  ȡ€ ȧ@‡ ȡǓ“ राम बनवास f € ȡ€ ȧ@
@
€ ǐš € Ǖ˜ Ȳğ Ǖमन सािज समाज।ू आए करै अकंटक राज।ू ।
€ ȪǑŠ Ĥ € ȡš € › ͪ” कुटलाई। आए दल – ŠȪǐš दोउ भाई।।
‡ ɋ िजयँ ¡ ȪǓ न कपट € Ǖ… ȡ› ȣ@€ȯǑ¡   Ȫ¡ ȡǓ रथ बािज ‚ ‡ ȡ› ȣ@
@
— š Ǒ¡ दोसु दे इ को जाएँ। जग बौराइ राज पद ु पाएँ।।
दो0-  ͧ  गुर Ǔ ™ गामी नघष
ु ु चढ़े उ — Ǘͧ˜   šǕ जान।
लोक बेद  Ʌǒ–˜ Ǖ भा अधम न बेन समान।।228।।
–*–*–
सहसबाहु सुरनाथु ǒğ  Ȳ
€ Ǘ@€ȯǑ¡ न राजमद ‘ȣÛ¡ कलंकू।।
भरत € ȧÛ¡ यह ` ͬ…  उपाऊ। ǐš” Ǖǐš“ रं च न राखब काऊ।।
एक € ȧǔÛ¡ “ Ǒ¡ Ȳभरत भलाई। Ǔ“ ‘šȯरामु ‡ ȡǓ“ असहाई।।
  ˜ ͨǕˆ ”ǐšǑ¡ सोउ आजु ǒ–   ȯŸ Ȣ@समर सरोष राम मख
ु ु पेखी।।
एतना कहत “ ȢǓ रस भूला। रन रस ǒ–Š” Ǖपुलक ͧ˜   फूला।।
Ĥ— Ǖपद –ȲǑ‘ सीस रज राखी। बोले   י सहज बलु भाषी।।
\ “ Ǖͬ…  नाथ न मानब मोरा। भरत ¡ ˜ Ǒ¡ उपचार न थोरा।।
कहँ › ͬ‚   Ǒ¡ \ šǑ¡ \ मनु ˜ ȡšɅ@नाथ साथ धनु हाथ ¡ ˜ ȡšɅ@
@
दो0-† ǒğ ‡ ȡǓ रघक
ु ु ल जनमु राम अनग
ु जगु जान।
लातहुँ ˜ ȡšɅ… ±Ǔ ͧ  š नीच को ’ ǐǗš समान।।229।।
–*–*–
` Ǒ‹ कर ‡ Ȫǐš रजायसु मागा। मनहुँ बीर रस सोवत जागा।।
– ȡȱ
ͬ’ जटा ͧ  š € ͧ  € ǑŠ भाथा। सािज सरासनु सायकु हाथा।।
आजु राम सेवक जसु लेऊँ। — š Ǒ¡ समर ͧ   ȡ“ दे ऊँ।।
राम Ǔ“ šȡ‘š कर फलु पाई। सोवहुँ समर सेज दोउ भाई।।
आइ बना भल सकल समाज।ू Ĥ ‚ Š करउँ ǐš  ” ȡǓ† › आज।ू ।
ǔ‡ ͧ˜ € ǐš Ǔ“ € š दलइ मग
ृ राज।ू लेइ › ”ȯǑŠ लवा ǔ‡ ͧ˜ बाज।ू ।
  Ȱ ȯǑ¡ Ȳ— š Ǒ¡ सेन समेता। सानज
ु Ǔ“ ‘ǐš Ǔ“ ” ȡ `ȱखेता।।
‡ ɋ सहाय कर   Ȳ€ ǽ आई। तौ मारउँ रन राम दोहाई।।
दो0-\ Ǔ सरोष माखे लखनु › ͨ   ǕǓ“ सपथ Ĥ ȡ“ @
सभय लोक सब › Ȫ€ ” Ǔ चाहत — — ǐš भगान।।230।।
–*–*–
जगु भय मगन गगन भइ बानी। लखन बाहुबलु ǒ–” Ǖ› बखानी।।
तात Ĥ ȡ” Ĥ— ȡ`  à
Ǖ ¡ ȡšȡ@को € Ǒ¡ सकइ को ‡ ȡ“ Ǔ“ ¡ ȡšȡ@
@
\ “ ͬǕ…  ` ͬ…  काजु ͩ€ † Ǖ होऊ।   ˜ ͨǕˆ € ǐš\ भल कह सबु कोऊ।।
सहसा € ǐš ”ȡ† ɇ” Ǔ†  ȡ¡ ȣȲ@€ ¡ Ǒ¡ Ȳबेद बध
ु ते बध
ु “ ȡ¡ ȣȲ@
@
  ǕǓ“ सुर बचन लखन सकुचाने। राम सीयँ सादर सनमाने।।
€ ¡ ȣ तात  à
Ǖ ¡ “ ȢǓ सुहाई। सब  Ʌ€ Ǒ‹ “ राजमद ु भाई।।
जो अचवँत नप
ृ ˜ ȡ Ǒ¡ Ȳतेई। “ ȡǑ¡ “ साधस
ु भा ‡ ȯǑ¡ Ȳसेई।।
सन
ु हु लखन भल भरत   šȣ  ȡ@ǒ– ͬ’ Ĥ ” Ȳ… महँ सन
ु ा न ‘ȣ  ȡ@
@
दो0-— š Ǒ¡ होइ न राजमद ु ǒ– ͬ’ ¡ ǐš हर पद पाइ।।
कबहुँ ͩ€ काँजी   Ȣ€ šǓ“ † Ȥšͧ  ’Ȳ Ǖǒ–“   ȡ^@
@231।।
–*–*–
Ǔ ͧ˜ ǽ  ǽ“  šǓ“ Ǒ¡ मकु ͬ‚ › _@गगनु मगन मकु ˜ ȯƒ Ǒ¡ Ȳͧ˜ › _@
@
गोपद जल – Ǘ° Ǒ¡ Ȳघटजोनी। सहज छमा –ǽ छाड़ै छोनी।।
मसक फँू क मकु ˜ ȯǽ उड़ाई। होइ न नप
ृ मद ु — š Ǒ¡ भाई।।
लखन  à
Ǖ ¡ ȡš सपथ ͪ” Ǖआना।   Ǖͬ… सुबंधु “ Ǒ¡ Ȳभरत समाना।।
सगन
ु  Ȣǽ अवगन
ु जलु ताता। ͧ˜ › ^ रचइ परपंचु ǒ–’ ȡ ȡ@
@
भरतु हं स šǒ– –Ȳ  तड़ागा। ‡ “ ͧ˜ € ȧÛ¡ गन
ु दोष ǒ– — ȡ‚ ȡ@
@
‚ Ǒ¡ गन
ु पय तिज अवगन
ु –ȡšȣ@Ǔ“ ‡ जस जगत € ȧǔÛ¡ ` ǔ‡ ] šȣ@
@
कहत भरत गुन सीलु सुभाऊ। पेम ” ™ Ȫͬ’ मगन रघुराऊ।।
दो0-  ǕǓ“ रघुबर बानी ǒ– – Ǖ’ ‘ȯͨ भरत पर हे त।ु
सकल सराहत राम सो Ĥ — Ǖको € Ǚ” ȡǓ“ €ȯ @
Ǖ@
232।।
–*–*–
‡ ɋ न होत जग जनम भरत को। सकल धरम धरु ’ šǓ“ धरत को।।
€ ǒ– कुल अगम भरत गुन गाथा। को जानइ  à
Ǖ ¡ ǒ–“ Ǖरघन
ु ाथा।।
लखन राम ͧ  ™ ȱ  ǓǕ“ सरु बानी। \ Ǔ सख
ु ु लहे उ न जाइ बखानी।।
इहाँ भरतु सब   Ǒ¡  सहाए। ˜ Ȳ‘ ȡͩ€ “ ȢȲपन
ु ीत नहाए।।
  ǐš समीप šȡͨ सब लोगा। ˜ ȡͬ‚ मातु गुर   ͬ…  Ǔ“ ™ Ȫ‚ ȡ@
@
चले भरतु जहँ ͧ  ™ रघुराई। साथ Ǔ“ Ÿȡ‘“ ȡ Ǖलघु भाई।।
  ˜ Ǖͨˆ मातु करतब   € Ǖ… ȡ¡ ȣȲ@करत कुतरक € ȪǑŠ मन ˜ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
रामु लखनु ͧ  ™   ǓǕ“ मम नाऊँ। ` Ǒ‹ ‡ Ǔ“ अनत ‡ ȡǑ¡ Ȳतिज ठाऊँ।।
दो0-मातु मते महुँ ˜ ȡǓ“ ˜ ȪǑ¡ जो कछु € šǑ¡ Ȳसो थोर।
अघ अवगन ु † ͧ˜ ] ‘šǑ¡ Ȳ  ˜ ͨǕˆ आपनी ओर।।233।।
–*–*–
‡ ɋ ”ǐš¡ šǑ¡ Ȳ˜ ͧ› “ मनु जानी। जौ   “ ˜ ȡ“ Ǒ¡ Ȳसेवकु मानी।।
˜ ȪšɅसरन šȡ˜ Ǒ¡ € ȧ ”“ ¡ ȣ@राम   Ǖèȡͧ˜ दोसु सब ‡ “ ¡ ȣ@
@
जग जस भाजन चातक मीना। नेम पेम Ǔ“ ‡ Ǔ“ ” Ǖ“ नबीना।।
अस मन गुनत चले मग जाता। सकुच सनेहँ ͧ  ͬ › सब गाता।।
फेरत मनहुँ मातु कृत  Ȫšȣ@चलत — ‚ Ǔ बल धीरज ’ Ȫšȣ@
@
जब समझ
ु त रघन
ु ाथ सभ
ु ाऊ। तब पथ परत उताइल पाऊ।।
भरत दसा  ȯǑ¡ अवसर कैसी। जल Ĥ – ȡ¡ ȱजल \ ͧ› ‚ Ǔ जैसी।।
‘ȯͨ भरत कर सोचु सनेहू। भा Ǔ“ Ÿ ȡ‘  ȯǑ¡ समयँ ǒ– ‘ȯ¡ Ǘ@
@
दो0-लगे होन मंगल सगुन   ǕǓ“ ‚ ǕǓ“ कहत Ǔ“ Ÿȡ‘ @ Ǖ
ͧ˜ ǑŠǑ¡ सोचु ¡ Ȫ^Ǒ¡ हरषु ” ǕǓ“ ”ǐš“ ȡ˜ ǒ–Ÿ ȡ‘ @
Ǖ@
234।।
–*–*–
सेवक बचन   י सब जाने। ] Į ˜ Ǔ“ € Š जाइ Ǔ“ \ šȡ“ ȯ@ @
भरत ‘ȣ बन सैल समाजू। ˜ ǕǑ‘ † Ǖͬ’  जनु पाइ सुनाजू।।
_Ǔ — ȢǓ जनु Ĥ‡ ȡ ‘ Ǖ ȡšȣ@ǒğǒ–’ ताप ” Ȣͫ° Ē ¡ ˜ ȡšȣ@
@
जाइ सरु ाज सद
ु े स   Ǖ ȡšȣ@¡ ȪǑ¡ Ȳभरत ‚ Ǔ  ȯǑ¡ \ “ ¡Ǖ ȡšȣ@
@
राम बास बन   Ȳ” Ǔ ħ ȡ‡ ȡ@सुखी Ĥ ‡ ȡ जनु पाइ सुराजा।।
  ͬ…  ǒ–šȡ‚ Ǖǒ––ȯ€ Ǖ नरे सू। ǒ– ͪ” “ सुहावन पावन दे सू।।
भट जम Ǔ“ ™ ˜ सैल रजधानी।   ȡȲǓ   Ǖ˜ Ǔ   Ǖͬ… सुंदर रानी।।
सकल अंग   Ȳ” ۓ सरु ाऊ। राम चरन ] ͬĮ  ͬ…  चाऊ।।
दो0-‡ ȢǓ मोह ˜ Ǒ¡ ”ȡ› Ǖदल   Ǒ¡  ǒ– –ȯ€ भआ
ु ल।ु
करत अकंटक राजु परु ँ सखु संपदा सकु ाल।ु ।235।।
–*–*–
बन Ĥ‘ȯ  ˜ ǓǕ“ बास घनेरे। जनु परु नगर गाउँ गन खेरे।।
ǒ–” Ǖ› ǒ– ͬ… ğ ǒ–¡ ‚ मग
ृ नाना। Ĥ‡ ȡ समाजु न जाइ बखाना।।
खगहा € ǐš ¡ ǐš बाघ बराहा। ‘ȯͨ ˜ Ǒ¡ Ÿ बष
ृ साजु सराहा।।
–™ ǽ ǒ– ¡ ȡ^ … šǑ¡ Ȳएक संगा। जहँ तहँ मनहुँ सेन चतरु ं गा।।
झरना ˆ šǑ¡ Ȳ˜ ׏ गज ‚ ȡ‡ Ǒ¡ @
Ȳ मनहुँ Ǔ“   ȡ“ ǒ– ǒ– ͬ’ ǒ–ͬ’ – ȡ‡ Ǒ¡ @
Ȳ@
चक चकोर चातक सक
ु ͪ”€ गन। कूजत मंजु मराल ˜ ǑǕ‘ मन।।
\ ͧ› ‚ “ गावत नाचत मोरा। जनु सरु ाज मंगल चहु ओरा।।
–ȯͧ› ǒ– Š” तन
ृ सफल सफूला। सब समाजु मुद मंगल मूला।।
दो-राम सैल सोभा Ǔ“ šͨ भरत ǿ‘™ ȱ\ Ǔ पेमु।
तापस तप फलु पाइ ǔ‡ ͧ˜ सुखी ͧ  šȡ“ Ʌनेमु।।236।।
मासपारायण, बीसवाँ ͪ Į ȡ˜
“ ȡé“ ”ȡšȡ™ Ž , पाँचवाँ ͪ Į ȡ˜
तब केवट aȱ… Ʌ… Ǒ± धाई। कहे उ भरत सन भज
ु ा उठाई।।
नाथ ‘ȯͨ \ Ǒ¡ Ȳǒ–Š” ǒ–   ȡ› ȡ@” ȡ€ ǐš जंबु रसाल तमाला।।
ǔ‡ Û¡  ǽ–šÛ¡ ˜ ڙ बटु सोहा। मंजु ǒ–  ȡ› ‘ȯͨ मनु मोहा।।
नील सघन ” ã㝠फल लाला। \ ǒ– š› छाहँ सख
ु द सब काला।।
मानहुँ Ǔ ͧ˜ š \ ǽ“ ˜ ™ रासी। ǒ– š… Ȣ ǒ–ͬ’   ȱ€ ȯͧ› सषु मा सी।।
ए  ǽ   ǐš समीप गोसाँई। रघब ु र ” š“ € ǕŠȣ जहँ छाई।।
तल
ु सी  ǽ–š ǒ–ǒ–’ सुहाए। कहुँ कहुँ ͧ  ™ ȱकहुँ लखन लगाए।।
बट छायाँ –ȯǑ‘€ ȡ बनाई। ͧ  ™ ȱǓ“ ‡ ” ȡǓ“ सरोज सुहाई।।
दो0-जहाँ –ȰǑ‹ ˜ ǕǓ“ ‚ “   Ǒ¡  Ǔ“  ͧ  ™ रामु सुजान।
  “Ǖ Ǒ¡ Ȳकथा ^Ǔ ¡ ȡ  सब आगम Ǔ“ ‚ ˜ परु ान।।237।।
–*–*–
सखा बचन   ǕǓ“ ǒ–Š” Ǔ“ ¡ ȡšȣ@उमगे भरत ǒ– › Ȫ… “ –ȡšȣ@
@
करत Ĥ “ ȡ˜ चले दोउ भाई। कहत Ĥ ȢǓ सारद सकुचाई।।
¡ šŸǑ¡ ȲǓ“ šͨ राम पद अंका। मानहुँ पारसु पायउ रं का।।
रज ͧ  š ’ ǐš Ǒ¡ ™ ȱ“ ™ “ ǔÛ¡ › ȡ Ǒ¡ @
Ȳ रघब
ु र ͧ˜ › “   ǐš  सख

” ȡǑ¡ @
Ȳ@
‘ȯͨ भरत ‚ Ǔ अकथ अतीवा। Ĥȯ˜ मगन मग
ृ खग जड़ जीवा।।
   Ǒ¡ सनेह ǒ––   मग भूला। € Ǒ¡ सुपंथ सुर –šŸǑ¡ Ȳफूला।।
Ǔ“ šͨ ͧ  ƨ साधक अनुरागे। सहज सनेहु सराहन लागे।।
होत न भूतल भाउ भरत को। अचर सचर चर अचर करत को।।
दो0-पेम \ ͧ˜ \ ˜ Ȳ‘ ǽ ǒ– š¡ Ǖभरतु ”™ Ȫͬ’ गँभीर।
˜ ͬ Ĥ‚ Šȯ̀ सरु साधु Ǒ¡  € Ǚ” ȡͧ  ’Ȳ Ǖरघब
ु ीर।।238।।
–*–*–
सखा समेत मनोहर जोटा। लखेउ न लखन सघन बन ओटा।।
भरत ‘ȣ Ĥ— Ǖ] Į ˜ Ǖपावन। सकल सम
ु ंगल सदनु सह
ु ावन।।

करत Ĥ –ȯ  ͧ˜ Šȯदख


ु दावा। जनु जोगीं परमारथु पावा।।
दे खे भरत लखन Ĥ — Ǖआगे। पँछ
ू े बचन कहत अनरु ागे।।
सीस जटा € ǑŠ ˜ ǓǕ“ पट –ȡȱ’ Ʌ@तन
ू €   Ʌकर   ǽ धनु € ȡȱ
’ Ʌ@
@
–ȯ‘ ȣ पर ˜ ǕǓ“ साधु समाजू। सीय   Ǒ¡  राजत रघुराजू।।
बलकल बसन ‡ ǑŠ› तनु è™ ȡ˜ ȡ@जनु ˜ ǕǓ“ बेष € ȧÛ¡ šǓ कामा।।
कर € ˜ › Ǔ“ धनु सायकु फेरत। िजय € ȧ ‡ šǓ“ हरत ¡ ȱͧ  हे रत।।
दो0-लसत मंजु ˜ ǓǕ“ ˜ ȲŒ › ȣ ˜ ڙ सीय रघच
ु द
ं ।ु
ʙ ȡ“ सभाँ जनु तनु धरे — ‚ Ǔ   ǔÍ … ‘ȡ“ Ȳ‘ @
Ǖ@239।।
–*–*–
सानज
ु सखा समेत मगन मन। ǒ–  šȯहरष सोक सख ु दख
ु गन।।
” ȡǑ¡ नाथ € Ǒ¡ ”ȡǑ¡ गोसाई। भूतल परे लकुट € ȧ नाई।।
बचन सपेम लखन ” Ǒ¡ … ȡ“ ȯ@करत Ĥ “ ȡ˜ Ǖभरत िजयँ जाने।।
बंधु सनेह सरस f Ǒ¡ ओरा। उत   ȡǑ¡ – सेवा बस जोरा।।
ͧ˜ ͧ› न जाइ “ Ǒ¡ Ȳगद
ु रत बनई।   €Ǖ ǒ– लखन मन € ȧ ‚ Ǔ भनई।।
रहे šȡͨ सेवा पर — ȡǾ @… ±ȣ चंग जनु  …ɇ  ȯ› ȡǾ @
@
कहत   Ĥȯ˜ नाइ ˜ Ǒ¡ माथा। भरत Ĥ “ ȡ˜ करत रघन
ु ाथा।।
उठे रामु   ǕǓ“ पेम अधीरा। कहुँ पट कहुँ Ǔ“ Ÿ ‚Ȳ धनु तीरा।।
दो0-बरबस ͧ› f उठाइ उर लाए € Ǚ” ȡǓ“ ’ ȡ“ @
भरत राम € ȧ ͧ˜ › Ǔ“ › ͨ ǒ–   šȯ  – Ǒ¡ अपान।।240।।
–*–*–
ͧ˜ › Ǔ“ ĤȢǓ ͩ€ ͧ˜ जाइ बखानी। € ǒ– € Ǖ› अगम करम मन बानी।।
परम पेम पूरन दोउ भाई। मन – Ǖͬ’ ͬ…  \ ¡ ͧ˜ Ǔ ǒ–   šȡ_@
@
कहहु सपु ेम Ĥ‚ Š को करई। €ȯǑ¡ छाया € ǒ– ˜ Ǔ अनस ु रई।।
€ ǒ– Ǒ¡ अरथ आखर बलु साँचा। \ “ ¡Ǖ ǐš ताल ‚ Ǔ Ǒ¡ नटु नाचा।।
अगम सनेह भरत रघुबर को। जहँ न जाइ मनु ǒ– ͬ’ ¡ ǐš हर को।।
सो ˜ ɇ€ Ǖ˜ Ǔ € ¡ ɋ €ȯǑ¡ भाँती। बाज सुराग ͩ€ गाँडर ताँती।।
ͧ˜ › Ǔ“ ǒ–› Ȫͩ€ भरत रघुबर € ȧ@सुरगन सभय ’ € ’ € ȧ ’ š€ ȧ@
@
समझ
ु ाए   šǕ‚ ǽǕ जड़ जागे। –šͪŸ Ĥ  “Ǘ Ĥ   Ȳ  “ लागे।।
दो0-ͧ˜ ͧ› सपेम ǐš”  Ǖ ‘Ǘ “ Ǒ¡ केवटु — ɅŠȯ̀ राम।
— Ǘǐš भायँ — ɅŠȯभरत › Ǔ† ˜ “ करत Ĥ “ ȡ˜ @
@241।।
–*–*–
— ɅŠȯ̀ लखन › › ͩ€ लघु भाई। –¡ Ǖǐš Ǔ“ Ÿȡ‘ Ǖ› ȣÛ¡ उर लाई।।
” ǕǓ“ ˜ ǕǓ“ ‚ “ दहु ु ँ — ȡ^Û¡ बंदे। \ ͧ— ˜  ] ͧ  Ÿ पाइ अनंदे।।
सानुज भरत ` ˜ ͬ‚ अनुरागा। ’ ǐš ͧ  š ͧ  ™ पद पदम ु परागा।।
” ǕǓ“ ” ǕǓ“ करत Ĥ“ ȡ˜ उठाए। ͧ  š कर कमल ”šͧ  बैठाए।।
सीयँ असीस ‘ȣǔÛ¡ मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@मगन सनेहँ दे ह   ͬǕ’ “ ȡ¡ ȣȲ@
@
सब ǒ–ͬ’ सानक
ु ू ल › ͨ सीता। भे Ǔ“   Ȫ… उर अपडर बीता।।
कोउ ͩ€ † Ǖ कहइ न कोउ ͩ€ † Ǖ पँछ
ू ा। Ĥȯ˜ भरा मन Ǔ“ ‡ ‚ Ǔ छूँछा।।
 ȯǑ¡ अवसर केवटु धीरजु ’ ǐš@‡ Ȫǐš ”ȡǓ“ ǒ–“   Ĥ“ ȡ˜ Ǖ€ ǐš@
@
दो0-नाथ साथ ˜ ǕǓ“ “ ȡ के मातु सकल पुर लोग।
सेवक सेनप   ͬ…  सब आए ǒ– € › ǒ– ™ Ȫ‚ @ @242।।
–*–*–
  Ȣ› ͧ  ’Ȳ Ǖ  ǕǓ“ गुर आगवनू। ͧ  ™ समीप राखे ǐš” Ǖ‘  “ Ǘ@
@
चले सबेग रामु  ȯǑ¡ काला। धीर धरम धरु ‘ȣ“ ‘™ ȡ› ȡ@
@
‚ šǕǑ¡ ‘ȯͨ सानज
ु अनरु ागे। दं ड Ĥ “ ȡ˜ करन Ĥ— Ǖलागे।।
˜ ǓǕ“ –š धाइ ͧ› f उर लाई। Ĥȯ˜ ` ˜ ͬ‚ — ɅŠȯदोउ भाई।।
Ĥȯ˜ ” Ǖ› ͩ€ केवट € Ǒ¡ नामू। € ȧÛ¡ ‘ ǐǗš  Ʌदं ड Ĥ “ ȡ˜ Ǘ@
@
रामसखा ǐšͪŸ बरबस — ɅŠ ȡ@जनु ˜ Ǒ¡ लुठत सनेह समेटा।।
šƒ Ǖ” Ǔ — ‚ Ǔ सुमंगल मूला। नभ   šȡǑ¡ सुर –ǐš  Ǒ¡ Ȳफूला।।
f Ǒ¡ सम Ǔ“ ”Š नीच कोउ “ ȡ¡ ȣȲ@बड़ – ͧ  ç‹ सम को जग ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
दो0-‡ ȯǑ¡ › ͨ लखनहु  Ʌ\ ͬ’ € ͧ˜ › ȯ˜ ǑǕ‘ ˜ ǓǕ“ šȡ` @
सो   Ȣ ȡ”Ǔ भजन को Ĥ‚ Š Ĥ  ȡ” Ĥ — ȡ` @
@243।।
–*–*–
आरत लोग राम सबु जाना। € ǽ“ ȡ€ š सज ु ान भगवाना।।
जो ‡ ȯǑ¡ भायँ रहा \ ͧ— › ȡŸȢ@ ȯǑ¡  ȯǑ¡ कै  ͧ   ͧ  ǽ राखी।।
सानुज ͧ˜ ͧ› पल महु सब काहू। € ȧÛ¡ ‘ ǐǗš दख ु ु ‘ȡǽ“ दाहू।।
यह – ͫ° बातँ राम कै “ ȡ¡ ȣȲ@ǔ‡ ͧ˜ घट € ȪǑŠ एक šǒ– † ȡ¡ ȣ@Ȳ@
ͧ˜ ͧ› €ȯǑŠǑ¡ ` ˜ ͬ‚ अनरु ागा। परु जन सकल   šȡ¡ Ǒ¡ Ȳभागा।।
दे खीं राम ‘ ͨǕ  ˜ ¡  ȡšȣȲ@जनु   –Ǖ ȯͧ› \  › ȣȲǑ¡ ˜ ˜ ȡšȣȲ@
@
Ĥ ˜ राम — ɅŠ ȣ कैकेई। सरल सभ
ु ायँ — ‚ Ǔ ˜ Ǔ भेई।।
पग ” ǐš € ȧÛ¡ Ĥ–Ȫ’ Ǖ–¡ Ȫšȣ@काल करम ǒ–ͬ’ ͧ  š ’ ǐš  Ȫšȣ@
@
दो0-— ȯŠ ȣȲरघुबर मातु सब € ǐš Ĥ –Ȫ’ Ǖ”ǐš ȪŸ Ǖ@
@
अंब ईस आधीन जगु काहु न दे इअ दोषु।।244।।
–*–*–
‚ ǕšǓ ™ पद बंदे दहु ु भाई।   Ǒ¡  ǒ– ĤǓ ™ जे सँग आई।।
गंग ‚ ȫǐš सम सब   “ ˜ ȡ“ ȢȲ@
@‘ȯǑ¡ Ȳअसीस ˜ ǕǑ‘ मद
ृ ु बानी।।
‚ Ǒ¡ पद लगे   ͧǕ˜ ğȡ अंका। जनु — ȯŠ ȣȲ  Ȳ” Ǔ \ Ǔ रं का।।
” ǓǕ“ ‡ “ Ǔ“ … š“ Ǔ“ दोउ ħ ȡ ȡ@परे पेम ޙ ȡ€ Ǖ› सब गाता।।
\ Ǔ अनुराग अंब उर लाए। नयन सनेह   ͧ› › \ Û¡  ȡf @
@
 ȯǑ¡ अवसर कर हरष ǒ–Ÿ ȡ‘ @
Ǘ ͩ€ ͧ˜ € ǒ– कहै मूक ǔ‡ ͧ˜ è ȡ‘ @
Ǘ@
ͧ˜ ͧ› ‡ “ “ Ǒ¡ सानुज रघुराऊ। गुर सन कहे उ ͩ€ ’ ȡǐš\ पाऊ।।
परु जन पाइ मन
ु ीस Ǔ“ ™ Ȫ‚ @
Ǘ जल थल  ͩ€  ͩ€ उतरे उ लोग।ू ।
दो0-˜ Ǒ¡   šǕ ˜ Ȳğ Ȣ मातु गरु गने लोग ͧ› f साथ।।
पावन ] Į ˜ गवनु ͩ€ ™ भरत लखन रघुनाथ।।245।।
–*–*–
सीय आइ ˜ ǓǕ“ – š पग लागी। ` ͬ…  असीस › ¡ ȣ मन मागी।।
‚ Ǖš” Ǔ Ǔ“ Ǒ¡ ˜ ǕǓ“ Ǔ ™ Û¡ समेता। ͧ˜ › ȣ पेमु € Ǒ¡ जाइ न जेता।।
–ȲǑ‘ – ȲǑ‘ पग ͧ  ™   – ¡ ȣ के। ] ͧ  š–… “ लहे ͪĤ ™ जी के।।
सासु सकल जब सीयँ Ǔ“ ¡ ȡšȣ@
Ȳ मूदे नयन   ¡ ͧ˜   Ǖ€ Ǖ˜ ȡšȣȲ@
@
”šȣȲ–ͬ’ € बस मनहुँ ˜ šȡ› ȣȲ@काह € ȧÛ¡ करतार € Ǖ… ȡ› ȣȲ@
@
Ǔ Û¡ ͧ  ™ Ǔ“ šͨ Ǔ“ ” Š दख
ु ु पावा। सो सबु   Ǒ¡ \ जो दै उ सहावा।।
जनकसत
ु ा तब उर ’ ǐš धीरा। नील “ ͧ› “ लोयन — ǐš नीरा।।
ͧ˜ › ȣ सकल   ȡ  ǕÛ¡ ͧ  ™ जाई।  ȯǑ¡ अवसर € ǽ“ ȡ ˜ Ǒ¡ छाई।।
दो0-› ȡͬ‚ › ȡͬ‚ पग   – Ǔ“ ͧ  ™ — ɅŠ Ǔ \ Ǔ अनुराग।।
ǿ‘™ ȱ\   Ȣ  Ǒ¡ Ȳपेम बस šǑ¡ \ ¡ Ǖ— šȣ सोहाग।।246।।
–*–*–
ǒ–€ › सनेहँ सीय सब रानीं। बैठन   – Ǒ¡ कहे उ गुर ʙ ȡ“ ȢȲ@
@
€ Ǒ¡ जग ‚ Ǔ ˜ ȡǓ™ € ˜ ǕǓ“ “ ȡ ȡ@कहे कछुक परमारथ गाथा।।
नप
ृ कर सरु परु गवनु सन
ु ावा।   ǓǕ“ रघन
ु ाथ दस
ु ह दख
ु ु पावा।।
मरन हे तु Ǔ“ ‡ नेहु ǒ–… ȡšȣ@भे \ Ǔ ǒ– € › धीर धरु ’ ȡšȣ@
@
€ Ǖͧ›   कठोर सुनत कटु बानी। ǒ– › ”  लखन सीय सब रानी।।
सोक ǒ–€ › \ Ǔ सकल समाजू। मानहुँ राजु अकाजेउ आज।ू ।
˜ ǕǓ“ –š – ¡ Ǖǐš राम समुझाए।   Ǒ¡  समाज   Ǖ  ǐš नहाए।।
Ħ ǕǓ“ šȲ– Ǖ ȯǑ¡ Ǒ‘“ Ĥ— Ǖ€ ȧÛ¡ ȡ@˜ ǓǕ“ ¡ Ǖ€ ¡ Ʌजलु काहुँ न › ȣÛ¡ ȡ@
@
दो0-— Ȫǽ भएँ šƒ “Ǖ Ȳ‘ “ Ǒ¡ जो ˜ ǓǕ“ आयसु ‘ȣÛ¡ @ @
Į ƨ ȡ — ‚ Ǔ समेत Ĥ — Ǖसो सबु   ȡ‘ǽ € ȧÛ¡ @
@247।।
–*–*–
€ ǐš ͪ” ǕͩĐ ™ ȡ बेद ‡ ͧ  बरनी। भे पनु ीत पातक तम तरनी।।
जासु नाम पावक अघ तल
ू ा।   Ǖͧ˜ š सकल सुमंगल मूला।।
  Ǖƨ सो भयउ साधु संमत अस। तीरथ आवाहन   Ǖš  ǐš जस।।
  Ǖƨ भएँ दइु बासर बीते। बोले गुर सन राम ͪ” šȣ ȯ@
@
नाथ लोग सब Ǔ“ ”Š ‘ Ǖ ȡšȣ@कंद मल
ू फल अंबु \ ¡ ȡšȣ@
@
सानज
ु भरतु   ͬ…  सब माता। ‘ȯͨ ˜ ȪǑ¡ पल ǔ‡ ͧ˜ जग
ु जाता।।
सब समेत परु ’ ȡǐš\ पाऊ। आपु इहाँ \ ˜ šȡǓ राऊ।।
बहुत कहे उँ सब ͩ€ ™ `ȱǑ‹ ȡ_@` ͬ…  होइ तस € ǐš\ गोसाँई।।
दो0-’ ˜ [सेतु € ǽ“ ȡ™  “ कस न कहहु अस राम।
लोग ‘ ͨǕ  Ǒ‘“ दइु दरस ‘ȯͨ लहहुँ ǒ– Į ȡ˜ @
@248।।
–*–*–
राम बचन   ǕǓ“ सभय समाजू। जनु ‡ › Ǔ“ ͬ’ महुँ ǒ–€ › जहाजू।।
  ǕǓ“ गुर ͬ‚ šȡ सुमंगल मूला। भयउ मनहुँ ˜ ȡǽ अनुकुला।।
पावन पयँ Ǔ ¡ Ǖȱकाल “ ¡ ȡ¡ ȣȲ@जो ǒ– › Ȫͩ€ अंघ ओघ “   ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
˜ Ȳ‚ › ˜ šǗǓ लोचन — ǐš — ǐš@Ǔ“ š Ǒ¡ Ȳ¡ šͪŸ दं डवत € ǐš € ǐš@
@
राम सैल बन दे खन ‡ ȡ¡ ȣȲ@जहँ सुख सकल सकल दख
ु “ ȡ¡ ȣȲ@
@
झरना ˆ ǐšǑ¡ Ȳसुधासम –ȡšȣ@ǒğǒ– ’ तापहर ǒğǒ– ’ –™ ȡšȣ@
@
ǒ–Š” –ȯͧ› तन ृ \ ‚ Ǔ“  जाती। फल Ĥ   Ǘ“ ” 㛠 बहु भाँती।।
संद
ु र ͧ  › ȡ सखु द  ǽ † ȡ¡ ȣȲ@जाइ –šǓ“ बन † ǒ– €ȯǑ¡ ” ȡ¡ ȣȲ@
@
दो0-  šǓ“   šȪǽ¡ जल ǒ– ¡ ‚ कूजत गंज
ु त भंग
ृ ।
बैर ǒ–‚  ǒ–¡ š ǒ–ͪ” “ मग
ृ ǒ–¡ Ȳ‚ बहुरं ग।।249।।
–*–*–
कोल ͩ€ šȡ ͧ— 㛠बनबासी। मधु   ͬǕ… संद
ु र è ȡ‘ Ǖसध
ु ा सी।।
— ǐš — ǐš परन ” ǕŠ ȣȲšͬ… ǽšȣ@कंद मूल फल अंकुर ‡ Ǘšȣ@
@
  –Ǒ¡ ‘ȯǑ¡ Ȳ€ ǐš ǒ–“ ™ Ĥ“ ȡ˜ ȡ@€ Ǒ¡ € Ǒ¡ è ȡ‘ भेद गुन नामा।।
‘ȯǑ¡ Ȳलोग बहु मोल न › ȯ¡ ȣȲ@फेरत राम दोहाई ‘ȯ¡ ȣȲ@
@
€ ¡ Ǒ¡ Ȳसनेह मगन मद ृ ु बानी। मानत साधु पेम ” Ǒ¡ … ȡ“ Ȣ@
@
à
Ǖ ¡ सक
ु ृ ती हम नीच Ǔ“ Ÿ ȡ‘ȡ@पावा दरसनु राम Ĥ  ȡ‘ȡ@
@
¡ ˜ Ǒ¡ अगम \ Ǔ दरसु  à
Ǖ ¡ ȡšȡ@जस ˜ ǽ ’ šǓ“ ‘ȯ ’ ǓǕ“ धारा।।
राम कृपाल Ǔ“ Ÿ ȡ‘ नेवाजा। ”ǐš‡ “ Ĥ‡ ` … Ǒ¡ \ जस राजा।।
दो0-यह िजँयँ ‡ ȡǓ“ सँकोचु तिज € ǐš\ छोहु › ͨ नेहु।
¡ ˜ Ǒ¡ कृतारथ करन › ͬ‚ फल तन ृ अंकुर लेहु।।250।।
–*–*–
à
Ǖ ¡ ͪĤ™ पाहुने बन पगु धारे । सेवा जोगु न भाग हमारे ।।
दे ब काह हम  Ǖà¡ Ǒ¡ गोसाँई। ईधनु पात ͩ€ šȡ ͧ˜  ȡ_@
@
यह ¡ ˜ ȡǐš \ Ǔ –ͫ° सेवकाई। › ȯǑ¡ न बासन बसन चोराई।।
हम जड़ जीव जीव गन घाती। € ǕǑŠ› € Ǖ… ȡ› ȣ € Ǖ˜ Ǔ कुजाती।।
पाप करत Ǔ“ ͧ  बासर ‡ ȡ¡ ȣȲ@“ Ǒ¡ Ȳपट € ǑŠ “ Ǒ¡ पेट \ ƒ ȡ¡ ȣȲ@
@
सपोनेहुँ धरम – Ǖͪƨ कस काऊ। यह रघुनंदन दरस Ĥ — ȡa @
@
जब  ɅĤ— Ǖपद पदम
ु Ǔ“ ¡ ȡšȯ@ͧ˜ Šȯदस
ु ह दख
ु दोष हमारे ।।
बचन सन
ु त परु जन अनरु ागे। Ǔ Û¡ के भाग सराहन लागे।।
छं 0-लागे सराहन भाग सब अनरु ाग बचन   “Ǖ ȡ ¡ ȣȲ@
– Ȫ› Ǔ“ ͧ˜ › Ǔ“ ͧ  ™ राम चरन सनेहु › ͨ सुखु ” ȡ¡ ȣȲ @@
नर “ ȡǐš Ǔ“ ‘šǑ¡ Ȳनेहु Ǔ“ ‡   ǕǓ“ कोल ͧ— 㛠Ǔ“ € ȧ ͬ‚ šȡ@
तल
ु सी कृपा šƒ Ǖ– Ȳ  ˜ Ǔ“ € ȧ लोह लै लौका Ǔ šȡ@
@
सो0-ǒ–¡ šǑ¡ Ȳबन चहु ओर Ĥ Ǔ Ǒ‘“ Ĥ ˜ ǑǕ‘ लोग सब।
जल Ï ™ ɉ दादरु मोर भए पीन पावस Ĥ  ˜ @ @251।।
परु जन “ ȡǐš मगन \ Ǔ ĤȢ Ȣ@बासर ‡ ȡǑ¡ Ȳपलक सम बीती।।
सीय सासु Ĥ Ǔ बेष बनाई। सादर करइ   ǐš  सेवकाई।।
लखा न मरमु राम ǒ–“ Ǖकाहूँ। माया सब ͧ  ™ माया माहूँ।।
सीयँ सासु सेवा बस € ȧÛ¡ ȣȲ@Ǔ Û¡ › Ǒ¡ सुख ͧ   ] ͧ  Ÿ ‘ȣÛ¡ ȣȲ@
@
› ͨ ͧ  ™   Ǒ¡  सरल दोउ भाई। € ǕǑŠ› šȡǓ“ ” Ǔ†  ȡǓ“ अघाई।।
\  Ǔ“ ‡ ˜ Ǒ¡ ‡ ȡ… Ǔ कैकेई। ˜ Ǒ¡ न बीचु ǒ– ͬ’ मीचु न दे ई।।
लोकहुँ बेद ǒ–Ǒ‘ € ǒ– € ¡ ¡ ȣȲ@राम ǒ– ˜ Ǖ थलु नरक न › ¡ ¡ ȣȲ@
@
यहु संसउ सब के मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@राम गवनु ǒ– ͬ’ अवध ͩ€ “ ȡ¡ ȣȲ@ @
दो0-Ǔ“ ͧ  न नीद “ Ǒ¡ Ȳभूख Ǒ‘“ भरतु ǒ– € ›   Ǖͬ… सोच।
नीच € ȧ… ǒ–… मगन जस ˜ Ȣ“ Ǒ¡   ͧ› › सँकोच।।252।।
–*–*–
€ ȧÛ¡ ȣ मातु ͧ˜   काल € Ǖ… ȡ› ȣ@_Ǔ — ȢǓ जस पाकत   ȡ› ȣ@
@
€ȯǑ¡ ǒ–ͬ’ होइ राम \ ͧ— Ÿȯ€ Ǘ@˜ ȪǑ¡ अवकलत उपाउ न एकू।।
\  ͧ  ͩ• šǑ¡ Ȳगरु आयसु मानी। ˜ ǓǕ“ ” ǓǕ“ कहब राम ǽͬ… जानी।।
मातु कहे हुँ –¡ ǕšǑ¡ Ȳरघरु ाऊ। राम ‡ “ Ǔ“ हठ € šǒ– ͩ€ काऊ।।
˜ ȪǑ¡ अनुचर कर €ȯǓ € बाता।  ȯǑ¡ महँ कुसमउ बाम ǒ– ’ ȡ ȡ@ @
‡ ɋ हठ करउँ त Ǔ“ ” Š कुकरम।ू ¡ šͬ‚ ǐš  Ʌ‚ Ǖǽ सेवक धरमू।।
एकउ ‡ Ǖ‚ ǕǓ न मन ठहरानी। सोचत — š Ǒ¡ šȰǓ“ ǒ– ¡ ȡ“ Ȣ@
@
Ĥȡ नहाइ Ĥ— ǕǑ¡ ͧ  š नाई। बैठत पठए ǐšŸ ™ ȱबोलाई।।
दो0-गुर पद कमल Ĥ “ ȡ˜ Ǖ€ ǐš बैठे आयसु पाइ।
ǒ–Ĥ महाजन   ͬ…  सब जरु े सभासद आइ।।253।।
–*–*–
बोले ˜ ǕǓ“ –ǽ समय समाना। सुनहु सभासद भरत सुजाना।।
धरम ’ šǕȣ“ भानक
ु ु ल भान।ू राजा रामु è –  भगवान।ू ।
  י   Ȳ’ पालक Į ǓǕ सेत।ू राम जनमु जग मंगल हे त।ू ।
गरु ͪ” Ǖमातु बचन \ “  Ǖ ȡšȣ@खल दलु दलन दे व Ǒ¡  € ȡšȣ@
@
“ ȢǓ Ĥ ȢǓ परमारथ èȡš @
Ǖ कोउ न राम सम जान जथारथ।ु ।
ǒ– ͬ’ ¡ ǐš ¡ ǽ   ͧ  šǒ– Ǒ‘ͧ  ” ȡ› ȡ@माया जीव करम € Ǖͧ› काला।।
\ Ǒ¡ ” ˜ Ǒ¡ ” जहँ › ͬ‚ Ĥ — Ǖ ȡ_@जोग ͧ  ͪƨ Ǔ“ ‚ ˜ ȡ‚ ˜ गाई।।
€ ǐš ǒ– … ȡš िजँयँ दे खहु “ Ȣ€Ʌ@राम रजाइ सीस   – ¡ ȣ €Ʌ@
@
दो0-šȡ Ʌराम रजाइ ǽ हम सब कर Ǒ¡  होइ।
  ˜ Ǖͨˆ सयाने करहु अब सब ͧ˜ ͧ› संमत सोइ।।254।।
–*–*–
सब कहुँ सख
ु द राम \ ͧ— Ÿȯ€ Ǘ@मंगल मोद मल
ू मग एकू।।
€ȯǑ¡ ǒ–ͬ’ अवध … › Ǒ¡ Ȳरघुराऊ। कहहु   ˜ Ǖͨˆ सोइ € ǐš\ उपाऊ।।
सब सादर   ǕǓ“ ˜ ǕǓ“ – š बानी। नय परमारथ è ȡš सानी।।
`  ǽ न आव लोग भए भोरे । तब ͧ  ǽ नाइ भरत कर जोरे ।।
भानब
ु ंस भए भप
ू घनेरे। \ ͬ’ € एक  Ʌएक बड़ेरे।।
जनमु हे तु सब कहँ ͪ” Ǖमाता। करम सभ
ु ासभ
ु दे इ ǒ– ’ ȡ ȡ@
@
‘ͧ› दख
ु सजइ सकल € 㙠ȡ“ ȡ@अस असीस šȡ` ǐš जगु जाना।।
सो गोसाइँ ǒ–ͬ’ ‚ Ǔ ‡ ȯǑ¡ Ȳ† Ʌ€ ȧ@सकइ को Šȡǐš टे क जो Šȯ€ ȧ@
@
दो0-– Ǘͨˆ \ ˜ ȪǑ¡ उपाउ अब सो सब मोर अभागु।
  ǓǕ“ सनेहमय बचन गरु उर उमगा अनरु ाग।ु ।255।।
–*–*–
तात बात • Ǖǐš राम € Ǚ”ȡ¡ ȣȲ@राम ǒ–˜ Ǖ ͧ  ͬ’ सपनेहुँ “ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
सकुचउँ तात कहत एक बाता। अरध  ‡ Ǒ¡ Ȳबध
ु सरबस जाता।।
à
Ǖ ¡ कानन गवनहु दोउ भाई। •ȯǐš\ Ǒ¡ Ȳलखन सीय रघरु ाई।।
  ǓǕ“ सब
ु चन हरषे दोउ ħ ȡ ȡ@भे Ĥ ˜ Ȫ‘ ” ǐš” šǗ“ गाता।।
मन Ĥ   ۓ तन तेजु ǒ–šȡ‡ ȡ@जनु िजय राउ रामु भए राजा।।
बहुत लाभ › Ȫ‚ Û¡ लघु हानी। सम दख ु सुख सब šȪǑ¡ Ȳरानी।।
€ ¡ Ǒ¡ Ȳभरतु ˜ ǕǓ“ कहा सो € ȧÛ¡ ȯ@फलु जग ‡ Ȣ Û¡ \ ͧ— ˜  ‘ȣÛ¡ ȯ@
@
कानन करउँ जनम — ǐš बास।ू f Ǒ¡ Ȳ Ʌ\ ͬ’ € न मोर सप
ु ास।ू ।
दो0-अँतरजामी रामु ͧ  ™  à
Ǖ ¡   š– ʙ सज
ु ान।
जो फुर कहहु त नाथ Ǔ“ ‡ € ȧǔ‡ \ बचनु Ĥ ȡ“ @@256।।
–*–*–
भरत बचन   ǓǕ“ ‘ȯͨ सनेहू। सभा   Ǒ¡  ˜ ǓǕ“ भए ǒ–‘ȯ¡ Ǘ@
@
भरत महा ˜ Ǒ¡ ˜ ȡ जलरासी। ˜ ǕǓ“ ˜ Ǔ ‹ ȡǑ± तीर अबला सी।।
गा चह पार जतनु Ǒ¡ ™ ȱहे रा। ”ȡ Ǔ नाव न –ȪǑ¡  Ǖबेरा।।
k ǽ € ǐšǑ¡ को भरत बड़ाई। सरसी   Ȣͪ” ͩ€ ͧ  ’Ȳ Ǖसमाई।।
भरतु ˜ ǓǕ“ Ǒ¡ मन भीतर भाए।   Ǒ¡  समाज राम ”Ǒ¡ ȱआए।।
Ĥ — ǕĤ “ ȡ˜ Ǖ€ ǐš ‘ȣÛ¡ सआ
ु सन।ु बैठे सब   ǓǕ“ ˜ ǓǕ“ अनस
ु ासन।ु ।
बोले ˜ ǕǓ“ –ǽ बचन ǒ–… ȡšȣ@दे स काल अवसर \ “ Ǖ¡ ȡšȣ@
@
सुनहु राम   š–Ê™ सुजाना। धरम “ ȢǓ गुन ʙ ȡ“ Ǔ“ ’ ȡ“ ȡ@
@
दो0-सब के उर अंतर बसहु जानहु भाउ कुभाउ।
परु जन जननी भरत Ǒ¡  होइ सो € Ǒ¡ \ उपाउ।।257।।
–*–*–
आरत € ¡ Ǒ¡ Ȳǒ–… ȡǐš न काऊ। सूझ ‡ Ǘ] ǐšǑ¡ आपन दाऊ।।
  ǓǕ“ ˜ ǓǕ“ बचन कहत रघरु ाऊ। नाथ  à
Ǖ ¡ ȡšȯǑ¡ हाथ उपाऊ।।
सब कर Ǒ¡  ǽ šȡ` ǐš šȡ @
Ʉ आयसु ͩ€ f ȱ˜ ǑǕ‘ फुर — ȡŸɅ@
@
Ĥ  ˜ जो आयसु मो कहुँ होई। ˜ ȡ Ʉ˜ ȡǓ“ करौ ͧ   सोई।।
” ǕǓ“ ‡ ȯǑ¡ कहँ जस कहब ‚ Ȫ  ȡɂ@सो सब — ȡȱǓ ƒ ǑŠǑ¡   ȯ € ȡɂ@
@
कह ˜ ǕǓ“ राम   י  à
Ǖ ¡ भाषा। भरत सनेहँ ǒ– … ȡǽ न राखा।।
 ȯǑ¡  Ʌकहउँ –¡ Ȫǐš –¡ Ȫšȣ@भरत — ‚ Ǔ बस भइ ˜ Ǔ ˜ Ȫšȣ@
@
˜ ȪšɄजान भरत ǽͬ… šȡͨ @जो € ȧǔ‡ \ सो सभ
ु ͧ   साखी।।
दो0-भरत ǒ–“ ™ सादर   ǓǕ“ \ € ǐš\ ǒ– … ȡǽ – ¡ Ȫǐš@
करब साधम ु त लोकमत नप ृ नय Ǔ“ ‚ ˜ Ǔ“ … Ȫǐš@
@258।।
–*–*–
‚ ǽǕ अनरु ाग भरत पर दे खी। राम 鑙 ȱआनंद ु ǒ–   ȯŸ Ȣ@
@
— š Ǒ¡ धरम धरु ं धर जानी। Ǔ“ ‡ सेवक तन मानस बानी।।
बोले गुर आयस अनुकूला। बचन मंजु मद
ृ ु मंगलमूला।।
नाथ सपथ ͪ” Ǖचरन दोहाई। भयउ न भुअन भरत सम भाई।।
जे गरु पद अंबज
ु अनरु ागी। ते लोकहुँ बेदहुँ बड़भागी।।
राउर जा पर अस अनरु ाग।ू को € Ǒ¡ सकइ भरत कर भाग।ू ।
› ͨ लघु बंधु – Ǖͪƨ सकुचाई। करत बदन पर भरत बड़ाई।।
भरतु € ¡ ¡ ȣȲसोइ ͩ€ f ȱभलाई। अस € Ǒ¡ राम रहे अरगाई।।
दो0-तब ˜ ǕǓ“ बोले भरत सन सब सँकोचु तिज तात।
€ Ǚ” ȡͧ  ’Ȳ ǕͪĤ™ बंधु सन कहहु ǿ‘™ कै बात।।259।।
–*–*–
  ǓǕ“ ˜ ǕǓ“ बचन राम ǽ पाई। ‚ Ǖǽ   ȡǑ¡ – अनुकूल अघाई।।
› ͨ अपने ͧ  š सबु † ǽ — ȡǾ @€ Ǒ¡ न   € Ǒ¡ Ȳकछु € šǑ¡ Ȳǒ– … ȡǾ @
@
” ›Ǖ ͩ€   šȣš सभाँ भए ‹ ȡɅ@नीरज नयन नेह जल – ȡ±Ʌ@
@
कहब मोर ˜ ǓǕ“ “ ȡ Ǔ“ – ȡ¡ ȡ@f Ǒ¡  Ʌ\ ͬ’ € € ¡ ɋ ˜ ɇकाहा।
˜ ɇजानउँ Ǔ“ ‡ नाथ सुभाऊ। \ ” šȡͬ’ ¡ Ǖपर कोह न काऊ।।
मो पर कृपा सनेह ǒ–  ȯŸ Ȣ@खेलत  ǕǓ“   न कबहूँ दे खी।।
ͧ    Ǖ” “ तेम ”ǐš¡ šȯ̀ȱन संगू। कबहुँ न € ȧÛ¡ मोर मन भंगू।।
˜ ɇĤ— Ǖकृपा šȣǓ िजयँ ‡ Ȫ¡ ȣ@हारे हुँ खेल ǔ‡  ȡ Ǒ¡ Ȳ˜ Ȫ¡ ȣ@
@
दो0-महूँ सनेह सकोच बस सनमख ु € ¡ ȣ न बैन।
दरसन  ͪǙ” न आजु › ͬ‚ पेम ͪ” ]   ȯनैन।।260।।
–*–*–
ǒ–ͬ’ न सकेउ   Ǒ¡ मोर दलु ारा। नीच बीचु जननी ͧ˜   पारा।
यहउ कहत ˜ ȪǑ¡ आजु न सोभा। अपनीं   ˜ Ǖͨˆ साधु   Ǖͬ… को भा।।
मातु ˜ ȲǑ‘ ˜ ɇसाधु   Ǖ… ȡ› ȣ@उर अस आनत € ȪǑŠ € Ǖ… ȡ› ȣ@
@
फरइ ͩ€ कोदव – ȡͧ›   Ǖ  ȡ› ȣ@मुकुता Ĥ    ͩ€ संबुक € ȡ› ȣ@
@
सपनेहुँ दोसक लेसु न काहू। मोर अभाग ` ‘ͬ’ अवगाहू।।
ǒ– “ Ǖ  ˜ ˆǕ ɅǓ“ ‡ अघ ”ǐš” ȡ€ Ǘ@‡ ȡǐš`ȱजायँ ‡ “ Ǔ“ € Ǒ¡ काकू।।
ǿ‘™ ȱ¡ ȯǐš हारे उँ सब ओरा। f € Ǒ¡ — ȡȱǓ — › ȯǑ¡ Ȳभल मोरा।।
गुर गोसाइँ   ȡǑ¡ – ͧ  ™ रामू। लागत ˜ ȪǑ¡ नीक ” ǐš“ ȡ˜ Ǘ@
@
दो0-साधु सभा गुर Ĥ— ǕǓ“ € Š कहउँ सुथल   Ǔ भाउ।
Ĥȯ˜ Ĥ” Ȳ… Ǖͩ€ झठ
ू फुर ‡ ȡ“ Ǒ¡ Ȳ˜ ǓǕ“ रघरु ाउ।।261।।
–*–*–
— Ǘ” Ǔ मरन पेम पनु राखी। जननी € Ǖ˜ Ǔ जगतु सबु साखी।।
‘ȯͨ न ‡ ȡǑ¡ ǒ–€ › ˜ ¡  ȡšȣ@‡ šǑ¡ Ȳदस
ु ह जर परु नर “ ȡšȣ@
@
˜ ¡ ȣȲसकल अनरथ कर मल
ू ा। सो   ǓǕ“   ˜ ͨǕˆ   Ǒ¡ `ȱसब सल
ू ा।।
  ǓǕ“ बन गवनु € ȧÛ¡ रघन
ु ाथा। € ǐš ˜ ǓǕ“ बेष लखन ͧ  ™ साथा।।
ǒ– “ Ǖ”ȡ“ Ǒ¡ Û¡ ” ™ ȡ‘ȯǑ¡ पाएँ।   Ȳ€ ǽ   ȡͨ रहे उँ f Ǒ¡ घाएँ।।
– ¡ Ǖǐš Ǔ“ ¡ ȡš Ǔ“ Ÿȡ‘ सनेहू। € Ǖͧ›   € Ǒ‹ “ उर भयउ न बेहू।।
अब सबु ] ȱͨ Û¡ दे खेउँ आई। िजअत जीव जड़ सबइ सहाई।।
ǔ‡ Û¡ Ǒ¡ Ǔ“ šͨ मग   ȡȱͪ” Ǔ“ –Ȣ† Ȥ@ ‡ Ǒ¡ Ȳǒ– Ÿ˜ ǒ– Ÿ Ǖतामस  Ȣ† Ȥ@
@
दो0-तेइ रघन
ु द
ं नु लखनु ͧ  ™ \ “ Ǒ¡  लागे ‡ ȡǑ¡ @
तासु तनय तिज दसु ह दख
ु दै उ सहावइ € ȡǑ¡ @@262।।
–*–*–
  ǓǕ“ \ Ǔ ǒ–€ › भरत बर बानी। ] šǓ Ĥ ȢǓ ǒ– “ ™ नय सानी।।
सोक मगन सब सभाँ  — ȡǾ @मनहुँ कमल बन परे उ   Ǖ ȡǾ @
@
€ Ǒ¡ अनेक ǒ– ͬ’ कथा पुरानी। भरत Ĥ– Ȫ’ Ǖ€ ȧÛ¡ ˜ ǕǓ“ ʙ ȡ“ Ȣ@
@
बोले ` ͬ…  बचन रघुनंद।ू Ǒ‘“ € š कुल कैरव बन चंद।ू ।
तात जाँय िजयँ करहु गलानी। ईस अधीन जीव ‚ Ǔ जानी।।
 ȢǓ“ काल Ǔ — \Ǖ “ मत ˜ ȪšɅ@” Û
Ǖ™ ͧ  › Ȫ€ तात तर तोरे ।।
उर आनत  à
Ǖ ¡ पर € ǕǑŠ› ȡ_@जाइ लोकु परलोकु नसाई।।
दोसु ‘ȯǑ¡ Ȳ‡ “ Ǔ“ Ǒ¡ जड़ तेई। ǔ‡ Û¡ गुर साधु सभा “ Ǒ¡ Ȳसेई।।
दो0-ͧ˜ ǑŠ¡ Ǒ¡ Ȳपाप Ĥ ” Ȳ… सब \ ͨ › अमंगल भार।
लोक सज ु सु परलोक सखु ु   ͧǕ˜ š नामु  à
Ǖ ¡ ȡš@
@263।।
–*–*–
कहउँ सुभाउ   י ͧ   साखी। भरत — Ǘͧ˜ रह šȡ` ǐš राखी।।
तात कुतरक करहु ‡ Ǔ“ जाएँ। बैर पेम “ Ǒ¡ दरु इ दरु ाएँ।।
˜ ǓǕ“ गन Ǔ“ € Š ǒ– ¡ ‚ मग
ृ ‡ ȡ¡ ȣȲ@बाधक – ͬ’ € ǒ– › Ȫͩ€ ”šȡ¡ ȣȲ@
@
Ǒ¡  \ “ Ǒ¡  पसु ” ǔÍ † ` जाना। मानष
ु तनु गन
ु ʙ ȡ“ Ǔ“ ’ ȡ“ ȡ@
@
तात  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ ˜ ɇजानउँ “ Ȣ€Ʌ@€ šɋ काह असमंजस ‡ Ȣ€Ʌ@
@
राखेउ रायँ   י ˜ ȪǑ¡ י ȡ‚ Ȣ@तनु ” ǐš¡ šȯ̀ पेम पन लागी।।
तासु बचन मेटत मन सोच।ू  ȯǑ¡  Ʌ\ ͬ’ €  à
Ǖ ¡ ȡš सँकोच।ू ।
ता पर गरु ˜ ȪǑ¡ आयसु ‘ȣÛ¡ ȡ@\  ͧ  जो कहहु चहउँ सोइ € ȧÛ¡ ȡ@
@
दो0-मनु Ĥ  ۓ € ǐš सकुच तिज कहहु € šɋ सोइ आज।ु
  י   Ȳ’ रघुबर बचन   ǕǓ“ भा सुखी समाजु।।264।।
–*–*–
सरु गन   Ǒ¡  सभय सरु राज।ू   Ȫ… Ǒ¡ Ȳचाहत होन अकाज।ू ।
बनत उपाउ करत कछु “ ȡ¡ ȣȲ@राम सरन सब गे मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
– ¡ Ǖǐš ǒ–… ȡǐš ”šè”š € ¡ ¡ ȣȲ@šƒ Ǖ” Ǔ भगत — ‚ Ǔ बस \ ¡ ¡ ȣȲ@
  Ǖͬ’ € ǐš \ Ȳ– šȣŸ दरु बासा। भे सुर   Ǖš” Ǔ Ǔ“ ” Š Ǔ“ šȡ  ȡ@
@
सहे   šǕÛ¡ बहु काल ǒ–Ÿȡ‘ȡ@“ š¡ ǐš ͩ€ f Ĥ‚ Š Ĥ¡ › ȡ‘ȡ@
@
› ͬ‚ › ͬ‚ कान € ¡ Ǒ¡ Ȳ’ ǓǕ“ माथा। अब सरु काज भरत के हाथा।।
आन उपाउ न ‘ȯͨ \ दे वा। मानत रामु सुसेवक सेवा।।
Ǒ¡ ™ ȱसपेम   Ǖͧ˜ š¡ Ǖसब — š Ǒ¡ @Ǔ“ ‡ गुन सील राम बस € š Ǒ¡ @
@
दो0-  ǕǓ“ सुर मत सुरगुर कहे उ भल  à
Ǖ ¡ ȡš बड़ भागु।
सकल सम ु ंगल मल
ू जग भरत चरन अनरु ाग।ु ।265।।
–*–*–
  Ȣ ȡ” Ǔ सेवक सेवकाई। कामधेनु सय   ǐš  सुहाई।।
भरत — ‚ Ǔ  à Ǖ ¡ šɅमन आई। तजहु सोचु ǒ–ͬ’ बात बनाई।।
दे खु ‘ȯ ”Ǔ भरत Ĥ— ȡa @सहज सभ ु ायँ ǒ––   रघरु ाऊ।।
मन ͬ š करहु दे व Œǽ “ ȡ¡ ȣȲ@— š Ǒ¡ ‡ ȡǓ“ राम ” ǐš† ȡ¡ ȣȲ@
@
सुनो सुरगुर सुर संमत सोच।ू अंतरजामी Ĥ — ǕǑ¡ सकोच।ू ।
Ǔ“ ‡ ͧ  š — ȡǽ भरत िजयँ जाना। करत € ȪǑŠ ǒ–ͬ’ उर अनुमाना।।
€ ǐš ǒ–… ȡǽ मन ‘ȣÛ¡ ȣ ‹ Ȥ€ ȡ@राम रजायस आपन नीका।।
Ǔ“ ‡ पन तिज राखेउ पनु मोरा। छोहु सनेहु € ȧÛ¡ “ Ǒ¡ Ȳथोरा।।
दो0-€ ȧÛ¡ \ “ ĒǕ ¡ \ ͧ˜  \ Ǔ सब ǒ– ͬ’ सीतानाथ।
€ ǐš Ĥ“ ȡ˜ Ǖबोले भरतु ‡ Ȫǐš जलज जुग हाथ।।266।।
–*–*–
€ ¡ ɋ € ¡ ȡ ɋ का अब è ȡ˜ Ȣ@कृपा \ Ȳ– ǓǕ“ ͬ’ अंतरजामी।।
गुर Ĥ   ۓ   ȡǑ¡ – अनुकूला। ͧ˜ Šȣ ˜ ͧ› “ मन € › ͪ”  सूला।।
अपडर डरे उँ न सोच   ˜ Ǘ› Ʌ@šǒ– Ǒ¡ न दोसु दे व Ǒ‘ͧ  — Ǘ› Ʌ@
@
मोर अभागु मातु € ǕǑŠ› ȡ_@ǒ– ͬ’ ‚ Ǔ ǒ– Ÿ˜ काल € Ǒ‹ “ ȡ_@
@
पाउ šȪͪ” सब ͧ˜ ͧ› ˜ ȪǑ¡ घाला। Ĥ“  ”ȡ› पन आपन पाला।।
यह नइ šȣǓ न šȡ` ǐš होई। लोकहुँ बेद ǒ– Ǒ‘ “ Ǒ¡ Ȳगोई।।
जगु अनभल भल एकु ‚ Ȫ  ȡɃ@€ Ǒ¡ \ होइ भल कासु — › ȡɃ@
@
दे उ ‘ȯ  ǽ   ǐš  सुभाऊ। सनमुख ǒ–˜ Ǖ न € ȡ¡ ǕǑ¡ काऊ।।
दो0-जाइ Ǔ“ € Š ”Ǒ¡ … ȡǓ“  ǽ छाहँ   ˜ Ǔ“ सब सोच।
मागत \ ͧ— ˜  पाव जग राउ रं कु भल पोच।।267।।
–*–*–
› ͨ सब ǒ–ͬ’ गुर è ȡͧ˜ सनेहू। ͧ˜ Šȯ̀ छोभु “ Ǒ¡ Ȳमन संदेहू।।
अब € ǽ“ ȡ€ š € ȧǔ‡ \ सोई। जन Ǒ¡  Ĥ — Ǖͬ…  छोभु न होई।।
जो सेवकु   ȡǑ¡ –Ǒ¡ सँकोची। Ǔ“ ‡ Ǒ¡  चहइ तासु ˜ Ǔ पोची।।
सेवक Ǒ¡    ȡǑ¡ – सेवकाई। करै सकल सख
ु लोभ ǒ–¡ ȡ_@
@
èȡš Ǖनाथ ͩ• šɅ  –¡ ȣ का। ͩ€ f ȱरजाइ € ȪǑŠ ǒ– ͬ’ नीका।।
यह è ȡš परमारथ   ȡǽ@सकल सुकृत फल   Ǖ‚ Ǔ ͧ  ‚Ȳ ȡǽ@
@
दे व एक ǒ–“  Ȣ   ǕǓ“ ˜ Ȫšȣ@` ͬ…  होइ तस करब – ¡ Ȫšȣ@
@
Ǔ › € समाजु सािज सबु आना। € ǐš\ सफ
ु ल Ĥ— Ǖ‡ ɋ मनु माना।।
दो0-सानज
ु पठइअ ˜ ȪǑ¡ बन € ȧǔ‡ \   – Ǒ¡ सनाथ।
“  ǽ •ȯǐš\ Ǒ¡ Ȳबंधु दोउ नाथ … › ɋ ˜ ɇसाथ।।268।।
–*–*–
“  ǽ ‡ ȡǑ¡ Ȳबन  ȢǓ“ ` भाई। –¡ Ǖǐš\ सीय   Ǒ¡  रघरु ाई।।
‡ ȯǑ¡ ǒ– ͬ’ Ĥ— ǕĤ  ۓ मन होई। € ǽ“ ȡ सागर € ȧǔ‡ \ सोई।।
दे वँ ‘ȣÛ¡ सबु ˜ ȪǑ¡ \ — ȡǽ@˜ ȪšɅ“ ȢǓ न धरम ǒ– … ȡǽ@
@
कहउँ बचन सब èȡš हे त।ू रहत न आरत €Ʌͬ…  चेत।ू ।
`  ǽ दे इ   ǓǕ“ è ȡͧ˜ रजाई। सो सेवकु › ͨ लाज लजाई।।
अस ˜ ɇअवगन
ु ` ‘ͬ’ अगाध।ू èȡͧ˜ सनेहँ सराहत साध।ू ।
अब कृपाल ˜ ȪǑ¡ सो मत भावा। सकुच è ȡͧ˜ मन जाइँ न पावा।।
Ĥ — Ǖपद सपथ कहउँ   Ǔ भाऊ। जग मंगल Ǒ¡  एक उपाऊ।।
दो0-Ĥ— ǕĤ   ۓ मन सकुच तिज जो ‡ ȯǑ¡ आयसु दे ब।
सो ͧ  š ’ ǐš ’ ǐš € ǐšǑ¡ सबु ͧ˜ ǑŠǑ¡ अनट अवरे ब।।269।।
–*–*–
भरत बचन   Ǖͬ…   ǕǓ“ सुर हरषे। साधु   šȡǑ¡ सुमन सुर बरषे।।
असमंजस बस अवध नेवासी। Ĥ ˜ ǑǕ‘ मन तापस बनबासी।।
… ”Ǖ Ǒ¡ Ȳरहे रघन
ु ाथ सँकोची। Ĥ — Ǖ‚ Ǔ ‘ȯͨ सभा सब सोची।।
जनक दत
ू  ȯǑ¡ अवसर आए। ˜ ǓǕ“ – ͧ  ç‹ȱ  ǓǕ“ –ȯͬ‚ बोलाए।।
€ ǐš Ĥ “ ȡ˜ Ǔ Û¡ रामु Ǔ“ ¡ ȡšȯ@बेषु ‘ȯͨ भए Ǔ“ ” Š दख
ु ारे ।।
‘ Ǘ Û¡ ˜ ǕǓ“ –š बूझी बाता। कहहु ǒ–‘ȯ¡ भूप कुसलाता।।
  ǕǓ“ सकुचाइ नाइ ˜ Ǒ¡ माथा। बोले चर बर ‡ ȪšɅहाथा।।
बझ
ू ब राउर सादर   ȡɃ@कुसल हे तु सो भयउ ‚ Ȫ  ȡɃ@
@
दो0-“ ȡǑ¡ त कोसल नाथ €Ʌ साथ कुसल गइ नाथ।
ͧ˜ ͬ › ȡ अवध ǒ–   ȯŸ  Ʌजगु सब भयउ अनाथ।।270।।
–*–*–
€ Ȫ  › ”Ǔ ‚ Ǔ   ǓǕ“ जनकौरा। भे सब लोक सोक बस बौरा।।
‡ ȯǑ¡ Ȳदे खे  ȯǑ¡ समय ǒ–‘ȯ¡ Ǘ@नामु   י अस लाग न केहू।।
šȡǓ“ € Ǖ… ȡͧ› सुनत “ š”ȡ› Ǒ¡ @सूझ न कछु जस ˜ Ǔ“ ǒ– “ Ǖޙ ȡ› Ǒ¡ @
@
भरत राज रघुबर बनबासू। भा ͧ˜ ͬ › ȯ  Ǒ¡ ǿ‘™ ȱहराँसू।।
नपृ बझ
ू े बध
ु   ͬ…  समाज।ू कहहु ǒ– … ȡǐš ` ͬ…  का आज।ू ।
  ˜ ͨǕˆ अवध असमंजस दोऊ। … ͧ› \ ͩ€ šǑ¡ \ न कह कछु कोऊ।।
“ ”Ǚ Ǒ¡ धीर ’ ǐš ǿ‘™ ȱǒ–… ȡšȣ@पठए अवध चतरु चर … ȡšȣ@
@
– Ǘͨˆ भरत   Ǔ भाउ कुभाऊ। आएहु –ȯͬ‚ न होइ लखाऊ।।
दो0-गए अवध चर भरत ‚ Ǔ – Ǘͨˆ ‘ȯͨ € š ǓǗ @
चले ͬ… ğ€ ǗŠǑ¡ भरतु चार चले  ȯš¡ ǗǓ @
@271।।
–*–*–
‘ Ǘ Û¡ आइ भरत कइ करनी। जनक समाज ‡  ȡ˜ Ǔ बरनी।।
  ǓǕ“ गरु ”ǐš‡ “   ͬ…  ˜ ¡ ȣ”Ǔ @भे सब सोच सनेहँ ǒ– € › \ Ǔ @
@
’ ǐš धीरजु € ǐš भरत बड़ाई। ͧ› f सभ
ु ट साहनी बोलाई।।
घर परु दे स šȡͨ रखवारे । हय गय रथ बहु जान सँवारे ।।
‘ ƒǕ šȣ   ȡͬ’ चले ततकाला। ͩ€ f ǒ–Į ȡ˜ Ǖन मग ˜ ¡ ȣ” ȡ› ȡ@
@
— ȪšǑ¡ Ȳआजु नहाइ Ĥ ™ ȡ‚ ȡ@चले जमुन उतरन सबु लागा।।
 –ǐš लेन हम पठए नाथा। Ǔ Û¡ € Ǒ¡ अस ˜ Ǒ¡ नायउ माथा।।
साथ ͩ€ šȡ छ सातक ‘ȣÛ¡ ȯ@˜ ǓǕ“ –š तरु त ǒ–‘ȡ चर € ȧÛ¡ ȯ@
@
दो0-सन
ु त जनक आगवनु सबु हरषेउ अवध समाज।ु
šƒ Ǖ“ Ȳ‘ “ Ǒ¡ सकोचु बड़ सोच ǒ– –   सुरराजु।।272।।
–*–*–
गरइ ‚ › ȡǓ“ € ǕǑŠ› कैकेई। € ȡǑ¡ कहै €ȯǑ¡ दष ू नु दे ई।।
अस मन ] Ǔ“ ˜ ǕǑ‘ नर “ ȡšȣ@भयउ –¡ Ȫǐš रहब Ǒ‘“ … ȡšȣ@
@
f Ǒ¡ Ĥ€ ȡš गत बासर सोऊ। Ĥ ȡ नहान लाग सबु कोऊ।।
€ ǐš ˜ Ï ‡ “ Ǖ” Ǘ‡ Ǒ¡ Ȳनर “ ȡšȣ@गनप ‚ ȫǐš Ǔ ” Ǖšȡǐš  ˜ ȡšȣ@
@
रमा रमन पद –ȲǑ‘ –¡ Ȫšȣ@ǒ– “ Ǒ¡ Ȳ\ ‡Ȳ ͧǕ› अंचल ‡ Ȫšȣ@
@
राजा रामु ‡ ȡ“ € ȧ रानी। आनँद \  ͬ’ अवध रजधानी।।
सुबस बसउ ͩ• ǐš   Ǒ¡  समाजा। — š Ǒ¡ रामु करहुँ जुबराजा।।
f Ǒ¡ सुख सुधाँ सींची सब काहू। दे व दे हु जग जीवन लाहू।।
दो0-गुर समाज — ȡ^Û¡   Ǒ¡  राम राजु पुर होउ।
अछत राम राजा अवध ˜ ǐš\ माग सबु कोउ।।273।।
–*–*–
 Ǔ
Ǖ“ सनेहमय पुरजन बानी। Ǔ“ ‘ȲǑ¡ Ȳजोग ǒ–šǓ ˜ ǕǓ“ ʙ ȡ“ Ȣ@
@
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ Ǔ“ י € š˜ € ǐš परु जन। šȡ˜ Ǒ¡ € šǑ¡ ȲĤ “ ȡ˜ ” ›Ǖ ͩ€ तन।।
ऊँच नीच ˜ ڙ ˜ नर “ ȡšȣ@› ¡ Ǒ¡ Ȳदरसु Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ \ “ ¡Ǖ ȡšȣ@
@
सावधान   –¡ ȣ   “ ˜ ȡ“ Ǒ¡ @
Ȳ सकल सराहत € Ǚ”ȡǓ“ ’ ȡ“ Ǒ¡ @
Ȳ@
› ǐš€ ȡ^Ǒ¡ ते रघुबर बानी। पालत “ ȢǓ ĤȢǓ ”Ǒ¡ … ȡ“ Ȣ@
@
सील सकोच ͧ  ’Ȳ Ǖरघुराऊ। सुमुख सुलोचन सरल सुभाऊ।।
कहत राम गुन गन अनुरागे। सब Ǔ“ ‡ भाग सराहन लागे।।
हम सम ” Û
Ǖ™ पंज
ु जग थोरे । ǔ‡ Û¡ Ǒ¡ रामु जानत € ǐš मोरे ।।
दो0-Ĥȯ˜ मगन  ȯǑ¡ समय सब   ǓǕ“ आवत ͧ˜ ͬ › ȯ  @
Ǖ
  Ǒ¡  सभा   Ȳħ ˜ उठे उ šǒ– € Ǖ› कमल Ǒ‘“ ȯ  Ǖ@
@274।।
–*–*–
भाइ   ͬ…  गरु परु जन साथा। ] ‚ Ʌगवनु € ȧÛ¡ रघन ु ाथा।।
ͬ‚ ǐš–ǽ ‘ȣ ‡ “ € ” Ǔ ‡ –¡ ȣȲ@€ ǐš Ĥ “ ȡ˜ रथ י ȡ‚ ȯ̀  – ¡ ȣȲ@
@
राम दरस लालसा उछाहू। पथ Į ˜ लेसु कलेसु न काहू।।
मन तहँ जहँ रघुबर –Ȱ‘ȯ¡ ȣ@ǒ–“ Ǖमन तन दख
ु सुख   Ǖͬ’ €ȯ¡ ȣ@
@
आवत जनकु चले f Ǒ¡ भाँती।   Ǒ¡  समाज Ĥȯ˜ ˜ Ǔ माती।।
आए Ǔ“ € Š ‘ȯͨ अनरु ागे। सादर ͧ˜ › “ परसपर लागे।।
लगे जनक ˜ ǕǓ“ ‡ “ पद बंदन। ǐšͪŸ Û¡ Ĥ “ ȡ˜ Ǖ€ ȧÛ¡ रघुनद
ं न।।
— ȡ^Û¡   Ǒ¡  रामु ͧ˜ ͧ› šȡ‡ Ǒ¡ @चले लवाइ समेत   ˜ ȡ‡ Ǒ¡ @
@
दो0-] Į ˜ सागर सांत रस पूरन पावन पाथ।ु
सेन मनहुँ € ǽ“ ȡ   ǐš ͧ› f ȱ‡ ȡǑ¡ Ȳरघन
ु ाथ।ु ।275।।
–*–*–
– ȪšǓ ʙ ȡ“ ǒ–šȡ‚ करारे । बचन ससोक ͧ˜ ›  नद नारे ।।
सोच उसास समीर तंरगा। धीरज तट  ǽ– š कर भंगा।।
ǒ–Ÿ ˜ ǒ– Ÿȡ‘  ȪšȡǓ धारा। भय ħ ˜ भवँर \ –  [अपारा।।
केवट बध
ु ǒ– ɮ™ ȡ –ͫ° नावा।   € Ǒ¡ Ȳन खेइ ऐक “ Ǒ¡ Ȳआवा।।
बनचर कोल ͩ€ šȡ ǒ–… ȡšȯ@थके ǒ–› Ȫͩ€ ” ͬ € Ǒ¡ ™ ȱहारे ।।
] Į ˜ ` ‘ͬ’ ͧ˜ › ȣ जब जाई। मनहुँ उठे उ \ Ȳ– Ǖͬ’ अकुलाई।।
सोक ǒ– € › दोउ राज समाजा। रहा न ʙ ȡ“ Ǖन धीरजु लाजा।।
भप
ू Ǿ ” गन
ु सील   šȡ¡ ȣ@šȪǑ¡ Ȳसोक ͧ  ’Ȳ Ǖ\  ‚ ȡ¡ ȣ@
@
छं 0-\ ‚ ȡǑ¡ सोक   ˜ ġǕ   Ȫ… Ǒ¡ Ȳ“ ȡǐš नर ޙ ȡ€ Ǖ› महा।
दै दोष सकल सरोष –Ȫ› Ǒ¡ Ȳबाम ǒ– ͬ’ € ȧÛ¡ Ȫ कहा।।
सुर ͧ  ƨ तापस ‡ Ȫͬ‚ ‡ “ ˜ ǕǓ“ ‘ȯͨ दसा ǒ– ‘ȯ¡ € ȧ@
तल
ु सी न समरथु कोउ जो  ǐš सकै   ǐš सनेह € ȧ@
@
सो0-ͩ€ f \ ͧ˜  उपदे स जहँ तहँ › Ȫ‚ Û¡ ˜ ǓǕ“ –šÛ¡ @
धीरजु ’ ǐš\ नरे स कहे उ –ͧ  ç‹ ǒ–‘ȯ¡ सन।।276।।
जासु ʙ ȡ“ Ǖšǒ– भव Ǔ“ ͧ  नासा। बचन ͩ€ š“ ˜ ǓǕ“ कमल ǒ–€ ȡ  ȡ@
@
 ȯǑ¡ ͩ€ मोह ममता Ǔ“ \ šȡ_@यह ͧ  ™ राम सनेह बड़ाई।।
ǒ– Ÿ_ साधक ͧ  ƨ सयाने। ǒğǒ– ’ जीव जग बेद बखाने।।
राम सनेह सरस मन जासू। साधु सभाँ बड़ आदर तासू।।
सोह न राम पेम ǒ–“ Ǖʙ ȡ“ Ǘ@करनधार ǒ– “ Ǖǔ‡ ͧ˜ जलजानू।।
˜ ǕǓ“ –¡ Ǖǒ– ͬ’ ǒ–‘ȯ¡ Ǖसमुझाए। रामघाट सब लोग नहाए।।
सकल सोक संकुल नर “ ȡšȣ@सो – ȡ  ǽ बीतेउ ǒ–“ Ǖ– ȡšȣ@@
पसु खग ˜ ‚Ǚ Û¡ न € ȧÛ¡ \ ¡ ȡǾ @ͪĤ ™ ” ǐš‡ “ कर कौन ǒ– … ȡǾ @
@
दो0-दोउ समाज Ǔ“ ͧ˜ šȡ‡ Ǖरघरु ाजु नहाने Ĥȡ @
बैठे सब बट ǒ–Š” तर मन ˜ › ȣ“ कृस गात।।277।।
–*–*–
जे ˜ Ǒ¡   šǕ दसरथ परु बासी। जे ͧ˜ ͬ › ȡ”Ǔ नगर Ǔ“  ȡ  Ȣ@
@
हं स बंस गुर जनक पुरोधा। ǔ‡ Û¡ जग मगु परमारथु सोधा।।
लगे कहन उपदे स अनेका।   Ǒ¡  धरम नय ǒ– šǓ ǒ––ȯ€ ȡ@
@
€ ȫͧ  € € Ǒ¡ € Ǒ¡ कथा पुरानीं। समुझाई सब सभा सुबानीं।।
तब रघन
ु ाथ € Ȫͧ  € Ǒ¡ कहे ऊ। नाथ € ȡͧ› जल ǒ–“ Ǖसबु रहे ऊ।।
˜ ǓǕ“ कह ` ͬ…  कहत रघरु ाई। गयउ – ȢǓ Ǒ‘“ पहर अढ़ाई।।
ǐšͪŸ ǽ › ͨ कह  ȯš¡ ǕǓ šȡ‡ Ǘ@इहाँ ` ͬ…  “ Ǒ¡ Ȳअसन अनाजू।।
कहा भूप भल   – Ǒ¡ सोहाना। पाइ रजायसु चले नहाना।।
दो0- ȯǑ¡ अवसर फल फूल दल मूल अनेक Ĥ€ ȡš@
लइ आए बनचर ǒ–” ›Ǖ — ǐš — ǐš € ȡȱ ǐš भार।।278।।
–*–*–
कामद मे ͬ‚ ǐš राम Ĥ  ȡ‘ȡ@अवलोकत अपहरत ǒ–Ÿ ȡ‘ȡ@ @
सर   ǐš ȡ बन — ͧǗ˜ ǒ–— ȡ‚ ȡ@जनु उमगत आनँद अनरु ागा।।
–ȯͧ› ǒ–Š” सब सफल सफूला। बोलत खग मग
ृ \ ͧ› अनक
ु ू ला।।
ȯ
Ǒ¡ अवसर बन \ ͬ’ € उछाहू। ǒğǒ–’ समीर सुखद सब काहू।।
जाइ न –šǓ“ मनोहरताई। जनु ˜ Ǒ¡ € šǓ जनक पहुनाई।।
तब सब लोग नहाइ नहाई। राम जनक ˜ ǕǓ“ आयसु पाई।।
‘ȯͨ ‘ȯͨ  ǽ–š अनरु ागे। जहँ तहँ परु जन उतरन लागे।।
दल फल मल
ू कंद ǒ– ͬ’ नाना। पावन संद
ु र सध
ु ा समाना।।
दो0-सादर सब कहँ रामगरु पठए — ǐš — ǐš भार।
पूिज ͪ”  š सुर \ Ǔ ͬ गुर लगे करन फरहार।।279।।
–*–*–
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ बासर बीते … ȡšȣ@रामु Ǔ“ šͨ नर “ ȡǐš   Ǖ ȡšȣ@
@
दहु ु समाज \ ͧ  ǽͬ… मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@ǒ–“ Ǖͧ  ™ राम ͩ• š– भल “ ȡ¡ ȣȲ@
@
सीता राम संग बनबासू। € ȪǑŠ अमरपुर   ǐš  सुपासू।।
” ǐš¡ ǐš लखन रामु –Ȱ‘ȯ¡ ȣ@‡ ȯǑ¡ ƒ ǽ भाव बाम ǒ– ͬ’  ȯ¡ ȣ@
@
‘ȡǑ¡ “ दइउ होइ जब   –¡ ȣ@राम समीप –ͧ  \ बन  –¡ ȣ@
@
˜ Ȳ‘ ȡͩ€ Ǔ“ ˜ Ï ‡ “ ǕǓ ¡ Ǖकाला। राम दरसु मद
ु मंगल माला।।
अटनु राम ͬ‚ ǐš बन तापस थल। असनु \ ͧ˜ \ सम कंद मूल फल।।
सुख समेत संबत दइु साता। पल सम ¡ ȪǑ¡ Ȳन ‡ Ǔ“ \ Ǒ¡ Ȳजाता।।
दो0-f Ǒ¡ सुख जोग न लोग सब € ¡ Ǒ¡ Ȳकहाँ अस भागु।।
सहज सभ ु ायँ समाज दहु ु राम चरन अनरु ाग।ु ।280।।
–*–*–
f Ǒ¡ ǒ– ͬ’ सकल मनोरथ € š¡ ȣȲ@बचन   Ĥȯ˜ सुनत मन ¡ š¡ ȣȲ@@
सीय मातु  ȯǑ¡ समय ”‹ ȡɃ@दासीं ‘ȯͨ   \Ǖ   ǽ ] Ƀ@
@
सावकास   ǓǕ“ सब ͧ  ™ सास।ू आयउ जनकराज šǓ“ ȡ  @
Ǘ@
€ ȫ  㙠ȡȱसादर सनमानी। आसन Ǒ‘f समय सम आनी।।
सीलु सनेह सकल दहु ु ओरा। ġ Ǒ¡ Ȳ‘ȯͨ   ǕǓ“ € Ǖͧ›   कठोरा।।
पुलक ͧ  ͬ › तन –ȡǐš ǒ–› Ȫ… “ @˜ Ǒ¡ नख ͧ›  “ लगीं सब
सोचन।।
सब ͧ  ™ राम ĤȢǓ ͩ€ ͧ  मरू ती। जनु € ǽ“ ȡ बहु बेष ǒ–  š
ǗǓ @
@
सीय मातु कह ǒ–ͬ’ – ͬǕ’ –ȡȱ€ ȧ@जो पय फेनु फोर ” ǒ– Šȡȱ
€ ȧ@
@
दो0-  ǕǓ“ \ सुधा ‘ȯͨ \ Ǒ¡ Ȳगरल सब € š ǓǗ कराल।
जहँ तहँ काक उलूक बक मानस सकृत मराल।।281।।
–*–*–
  ǓǕ“ ससोच कह ‘ȯǒ–   Ǖͧ˜ ğȡ@ǒ–ͬ’ ‚ Ǔ –ͫ° ǒ– ”šȣ ǒ– ͬ… ğȡ@
@
जो सिृ ज पालइ हरइ – ¡ Ȫšȣ@बाल €ȯͧ› सम ǒ–ͬ’ ˜ Ǔ — Ȫšȣ@
@
€ ȫ  㙠ȡ कह दोसु न काहू। करम ǒ––   दख
ु सुख † Ǔ लाहू।।
€ Ǒ‹ “ करम ‚ Ǔ जान ǒ–’ ȡ ȡ@जो सभ ु असभ ु सकल फल दाता।।
ईस रजाइ सीस   –¡ ȣ €Ʌ@`  ”Ǔ ͬ Ǔ लय ǒ– Ÿ¡ Ǖअमी €Ʌ@
@
‘ȯǒ– मोह बस   Ȫͬ… \ –ȡ‘ȣ@ǒ–ͬ’ Ĥ ” Ȳ… Ǖअस अचल \ “ ȡ‘ȣ@
@
— Ǘ” Ǔ िजअब मरब उर आनी।   Ȫͬ… \   ͨ › ͨ Ǔ“ ‡ Ǒ¡  हानी।।
सीय मातु कह   י सुबानी। सुकृती \ ͬ’ \  ’ ”Ǔ रानी।।
दो0-लखनु राम ͧ  ™ जाहुँ बन भल ” ǐš“ ȡ˜ न पोच।ु
‚ ¡ –ǐš Ǒ¡ ™ ȱकह € ȫͧ  › ȡ ˜ ȪǑ¡ भरत कर सोच।ु ।282।।
–*–*–
ईस Ĥ  ȡ‘ असीस  à Ǖ ¡ ȡšȣ@सत ु सत
ु बधू ‘ȯ   ǐš –ȡšȣ@
@
राम सपथ ˜ ɇ€ ȧÛ¡ न काऊ। सो € ǐš कहउँ सखी   Ǔ भाऊ।।
भरत सील गुन ǒ–“ ™ बड़ाई। भायप — ‚ Ǔ भरोस भलाई।।
कहत सारदहु कर ˜ Ǔ ¡ ȣ… ȯ@सागर सीप ͩ€ ‡ ȡǑ¡ Ȳ` › ȣ… ȯ@
@
जानउँ सदा भरत € Ǖ› ‘ȣ” ȡ@बार बार ˜ ȪǑ¡ कहे उ ˜ ¡ ȣ”ȡ@@
€   Ʌकनकु ˜ Ǔ“ ”ȡǐšͨ पाएँ। ” ǽǕ Ÿ ” ǐšͨ \ Ǒ¡ Ȳसमयँ सभ
ु ाएँ।
\ “ ͬǕ…  आजु कहब अस मोरा। सोक सनेहँ सयानप थोरा।।
  ǓǕ“   šǕ  ǐš सम ”ȡǓ“ बानी। — Ƀ सनेह ǒ–€ › सब रानी।।
दो0-€ ȫ  㙠ȡ कह धीर ’ ǐš सुनहु ‘ȯǒ– ͧ˜ ͬ › ȯͧ  @
को ǒ––ȯ€ Ǔ“ ͬ’ –ã› — Ǒ¡  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ सकइ ` ” ‘ȯͧ  @
@283।।
–*–*–
šȡǓ“ राय सन \    ǽ पाई। अपनी — ȡȱǓ कहब समुझाई।।
šͨ \ Ǒ¡ Ȳलखनु भरतु ‚ – “ Ǒ¡ Ȳबन। ‡ ɋ यह मत मानै ˜ ¡ ȣ” मन।।
तौ भल जतनु करब   Ǖǒ– … ȡšȣ@˜ ȪšɅसौचु भरत कर — ȡšȣ@
@
गढ़
ू सनेह भरत मन ˜ ȡ¡ ȣ@š¡ Ʌनीक ˜ ȪǑ¡ लागत “ ȡ¡ ȣȲ
@@
› ͨ सभ
ु ाउ   ǓǕ“ सरल सब
ु ानी। सब भइ मगन € ǽ“ रस रानी।।
नभ Ĥ  Ǘ“ ˆ ǐš ’ ۙ ’ ۙ ’ ǓǕ“ @ͧ  ͬ › सनेहँ ͧ  ƨ जोगी ˜ ǕǓ“ @
@
सबु šǓ“  ȡ  Ǖǒ– ͩ€ › ͨ रहे ऊ। तब ’ ǐš धीर   Ǖͧ˜ ğȡȱकहे ऊ।।
‘ȯǒ– दं ड जुग ‡ ȡͧ˜ Ǔ“ बीती। राम मातु सुनी ` ‹ Ȥ   Ĥ Ȣ Ȣ@
@
दो0-–ȯͬ‚ पाउ ’ ȡǐš\  › Ǒ¡ कह सनेहँ   Ǔ — ȡ™ @
¡ ˜ šɅतौ अब ईस ‚ Ǔ के ͧ˜ ͬ › ȯ  सहाय।।284।।
–*–*–
› ͨ सनेह   ǓǕ“ बचन ǒ–“ Ȣ ȡ@‡ “ € ͪĤ™ ȡ गह पाय पन
ु ीता।।
‘ȯǒ– ` ͬ…  \ ͧ  ǒ–“ ™  à
Ǖ ¡ ȡšȣ@दसरथ ƒ ǐšǓ“ राम ˜ ¡  ȡšȣ@
@
Ĥ — Ǖअपने नीचहु ] ‘š¡ ȣȲ@\ ͬ‚ Ǔ“ धम
ू ͬ‚ ǐš ͧ  š Ǔ “ Ǖ’ š¡ ȣȲ@
@
सेवकु राउ करम मन बानी। सदा सहाय महे सु भवानी।।
रउरे अंग जोगु जग को है । ‘ȣ” सहाय ͩ€ Ǒ‘“ € š सोहै ।।
रामु जाइ बनु € ǐš सरु काज।ू अचल अवधपरु € ǐš¡ Ǒ¡ Ȳराज।ू ।
अमर नाग नर राम बाहुबल। सख ु – ͧ  ¡ Ǒ¡ Ȳ\ ” “ Ʌअपने थल।।
यह सब ‡ ȡ‚ – ͧ› € € Ǒ¡ राखा। ‘ȯǒ– न होइ मध ु ा ˜ ǓǕ“ भाषा।।
दो0-अस € Ǒ¡ पग ”ǐš पेम \ Ǔ ͧ  ™ Ǒ¡  ǒ–“ ™ सुनाइ।।
ͧ  ™ समेत ͧ  ™ ˜ ȡ Ǖतब … › ȣ सुआयसु पाइ।।285।।
–*–*–
ͪĤ ™ ” ǐš‡ “ Ǒ¡ ͧ˜ › ȣ –Ȱ‘ȯ¡ ȣ@जो ‡ ȯǑ¡ जोगु — ȡȱǓ  ȯǑ¡  ȯ¡ ȣ@
@
तापस बेष ‡ ȡ“ € ȧ दे खी। भा सबु ǒ– € › ǒ–Ÿ ȡ‘ ǒ–   ȯŸ Ȣ@
@
जनक राम गुर आयसु पाई। चले  › Ǒ¡ ͧ  ™ दे खी आई।।
› ȣǔÛ¡ लाइ उर जनक ‡ ȡ“ € ȧ@पाहुन पावन पेम Ĥȡ“ € ȧ@
@
उर उमगेउ \ –Ȳ ͬǕ’ अनरु ाग।ू भयउ भप
ू मनु मनहुँ पयाग।ू ।
ͧ  ™ सनेह बटु बाढ़त जोहा। ता पर राम पेम ͧ    Ǖसोहा।।
ͬ… š‡ ȢȢ ˜ ǕǓ“ ʙ ȡ“ ǒ–€ › जनु। बूड़त लहे उ बाल अवलंबनु।।
मोह मगन ˜ Ǔ “ Ǒ¡ Ȳǒ–‘ȯ¡ € ȧ@˜ Ǒ¡ ˜ ȡ ͧ  ™ रघुबर सनेह € ȧ@
@
दो0-ͧ  ™ ͪ” Ǖमातु सनेह बस ǒ– € › न   € ȧ   ȱ— ȡǐš@
’ šǓ“   Ǖ ȡȱधीरजु धरे उ समउ सध
ु रमु ǒ–… ȡǐš@
@286।।
–*–*–
तापस बेष जनक ͧ  ™ दे खी। भयउ पेमु ” ǐš ȪŸ Ǖǒ–  ȯŸ Ȣ@
@
” ǒǕğ ”ͪ ğ ͩ€ f कुल दोऊ। सज
ु स धवल जगु कह सबु कोऊ।।
ǔ‡ Ǔ   Ǖš  ǐš € ȧšǓ   ǐš  Ȫšȣ@गवनु € ȧÛ¡ ǒ– ͬ’ अंड € šȪšȣ@
@
गंग \  Ǔ“ थल  ȢǓ“ बड़ेरे। f Ǒ¡ Ȳͩ€ f साधु समाज घनेरे।।
ͪ” Ǖकह   י सनेहँ सुबानी। सीय सकुच महुँ मनहुँ समानी।।
” ǓǕ“ ͪ” Ǖमातु › ȣÛ¡ उर लाई। ͧ   ] ͧ  Ÿ Ǒ¡  ‘ȣǔÛ¡ सह
ु ाई।।
€ ¡ Ǔ न सीय   € Ǖͬ… मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@इहाँ बसब रजनीं भल “ ȡ¡ ȣȲ@
@
› ͨ ǽ šȡǓ“ जनायउ राऊ। ǿ‘™ ȱसराहत सीलु सभ
ु ाऊ।।
दो0-बार बार ͧ˜ ͧ› — ɅŠ ͧ  ™ ǒ– ‘ȡ € ȧÛ¡   “ ˜ ȡǓ“ @
€ ¡ ȣ समय ͧ  š भरत ‚ Ǔ šȡǓ“   Ǖ– ȡǓ“   ™ ȡǓ“ @
@287।।
–*–*–
  ǕǓ“ भूपाल भरत ޙ ¡ ȡǾ @सोन सुगंध सुधा   ͧ    ȡǾ @
@
मूदे सजल नयन पुलके तन। सुजसु सराहन लगे ˜ ǕǑ‘ मन।।
सावधान सुनु   Ǖ˜ Ǖͨ   Ǖ› Ȫ… Ǔ“ @भरत कथा भव बंध ǒ– ˜ Ȫ… Ǔ“ @
@
धरम राजनय Ħ é˜ ǒ–… ȡǾ @इहाँ ‡  ȡ˜ Ǔ मोर Ĥ… ȡǾ @
@
सो ˜ Ǔ ˜ Ȫǐš भरत ˜ Ǒ¡ ˜ ȡ¡ ȣ@कहै काह † ͧ› † Ǖ\ Ǔ न † ȡȱ¡ ȣ@
@
ǒ– ͬ’ ‚ “ ”Ǔ \ Ǒ¡ ” Ǔ ͧ   सारद। € ǒ– € Ȫǒ– ‘ बुध – Ǖͪƨ ǒ–   ȡš‘@
@
भरत … ǐš € ȧšǓ करतत
ू ी। धरम सील गुन ǒ–˜ › ǒ– — Ǘ Ȣ@
@
समुझत सुनत सुखद सब काहू।   Ǖͬ…   Ǖš  ǐš ǽͬ… Ǔ“ ‘š सुधाहू।।
दो0-Ǔ“ š ͬ’ गन
ु Ǔ“ ǽ”˜ ” ǽǕ Ÿ Ǖभरतु भरत सम ‡ ȡǓ“ @
€ Ǒ¡ \   ˜Ǖ ȯǽ ͩ€ सेर सम € ǒ–€ Ǖ› ˜ Ǔ   € Ǖ… ȡǓ“ @
@288।।
–*–*–
अगम   – Ǒ¡ बरनत बरबरनी। ǔ‡ ͧ˜ ‡ › ¡ ȣ“ मीन गमु धरनी।।
भरत \ ͧ˜  ˜ Ǒ¡ ˜ ȡ सन
ु ु रानी। ‡ ȡ“ Ǒ¡ Ȳरामु न   € Ǒ¡ Ȳबखानी।।
– šǓ“   Ĥȯ˜ भरत अनुभाऊ। Ǔ ™ िजय € ȧ ǽͬ… › ͨ कह राऊ।।
– ¡ ǕšǑ¡ Ȳलखनु भरतु बन ‡ ȡ¡ ȣ@
Ȳ सब कर भल सब के मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
‘ȯǒ– परं तु भरत रघुबर € ȧ@ĤȢǓ Ĥ  ȢǓ जाइ “ Ǒ¡ Ȳ š€ ȧ@
@
भरतु \ ͬ’ सनेह ममता € ȧ@‡ ɮ™ ͪ” रामु सीम समता € ȧ@
@
परमारथ èȡš सखु सारे । भरत न सपनेहुँ मनहुँ Ǔ“ ¡ ȡšȯ@
@
साधन ͧ  ƨ राम पग “ ȯ¡Ǘ@
@˜ ȪǑ¡ › ͨ परत भरत मत एहू।।
दो0-भोरे हुँ भरत न ”ȯͧ› ¡ Ǒ¡ Ȳमनसहुँ राम रजाइ।
€ ǐš\ न सोचु सनेह बस कहे उ भूप ǒ– ›  ȡ^@ @289।।
–*–*–
राम भरत गुन गनत   Ĥ Ȣ Ȣ@Ǔ“ ͧ  ‘Ȳ” Ǔ Ǒ¡ पलक सम बीती।।
राज समाज Ĥȡ जुग जागे। Û¡ ȡ^ Û¡ ȡ^ सुर पूजन लागे।।
गे नहाइ गुर ”¡ ȣȲरघुराई। –ȲǑ‘ चरन बोले ǽ पाई।।
नाथ भरतु परु जन ˜ ¡  ȡšȣ@सोक ǒ– € › बनबास ‘ Ǖ ȡšȣ@
@
  Ǒ¡  समाज राउ ͧ˜ ͬ › ȯ  @
Ǘ बहुत Ǒ‘  भए सहत कलेस।ू ।
` ͬ…  होइ सोइ € ȧǔ‡ \ नाथा। Ǒ¡    –¡ ȣ कर šȫšɅहाथा।।
अस € Ǒ¡ \ Ǔ सकुचे रघुराऊ। ˜ ǕǓ“ पुलके › ͨ सीलु सुभाऊ।।
à
Ǖ ¡ ǒ–“ Ǖराम सकल सुख साजा। नरक   ǐš  दहु ु राज समाजा।।
दो0-Ĥȡ“ Ĥȡ“ के जीव के िजव सख
ु के सखु राम।
à
Ǖ ¡ तिज तात सोहात गह ृ ǔ‡ Û¡ Ǒ¡ Ǔ Û¡ Ǒ¡ Ȳǒ– ͬ’ बाम।।290।।
–*–*–
सो सखु ु करमु धरमु ‡ ǐš जाऊ। जहँ न राम पद पंकज भाऊ।।
जोगु कुजोगु ʙ ȡ“ Ǖ\ ʙ ȡ“ @
Ǘ जहँ “ Ǒ¡ Ȳराम पेम परधान।ू ।
à
Ǖ ¡ ǒ–“ Ǖदख
ु ी सुखी  à
Ǖ ¡  ȯ¡ ȣȲ@ à
Ǖ ¡ जानहु िजय जो ‡ ȯǑ¡ €ȯ¡ ȣȲ@
@
राउर आयसु ͧ  š   –¡ ȣ €Ʌ@ǒ– Ǒ‘ € Ǚ” ȡ› Ǒ¡ ‚ Ǔ सब “ Ȣ€Ʌ@ @
आपु ] Į ˜ Ǒ¡ ’ ȡǐš\ पाऊ। भयउ सनेह ͧ  ͬ › ˜ ǕǓ“ šȡa @
@
€ ǐš Ĥ “ ȡ˜ तब रामु ͧ  ’ ȡf @ǐšͪŸ ’ ǐš धीर जनक ” Ǒ¡ Ȳआए।।
राम बचन ‚ ǽǕ “ ”Ǚ Ǒ¡ सन
ु ाए। सील सनेह सभ
ु ायँ सह
ु ाए।।
महाराज अब € ȧǔ‡ \ सोई। सब कर धरम   Ǒ¡  Ǒ¡  होई।
दो0-ʙ ȡ“ Ǔ“ ’ ȡ“ सुजान   Ǖͬ… धरम धीर नरपाल।
à
Ǖ ¡ ǒ– “ Ǖअसमंजस समन को समरथ f Ǒ¡ काल।।291।।
–*–*–
  ǕǓ“ ˜ ǕǓ“ बचन जनक अनुरागे। › ͨ ‚ Ǔ ʙ ȡ“ Ǖǒ– šȡ‚ Ǖǒ– šȡ‚ ȯ@
@
ͧ  ͬ › सनेहँ गुनत मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@आए इहाँ € ȧÛ¡ भल “ ȡ¡ ȣ@
@
šȡ˜ Ǒ¡ रायँ कहे उ बन जाना। € ȧÛ¡ आपु ͪĤ ™ Ĥȯ˜ Ĥ ȡ“ ȡ@
@
हम अब बन  Ʌ–“ Ǒ¡ पठाई। Ĥ ˜ ǑǕ‘ ͩ• š– ǒ– –ȯ€ बड़ाई।।
तापस ˜ ǓǕ“ ˜ Ǒ¡   šǕ   ǓǕ“ दे खी। भए Ĥȯ˜ बस ǒ– € › ǒ–  ȯŸ Ȣ@
@
समउ   ˜ Ǖ
ͨˆ ’ ǐš धीरजु राजा। चले भरत ” Ǒ¡ Ȳ  Ǒ¡  समाजा।।
भरत आइ ] ‚ Ʌभइ › ȣÛ¡ ȯ@अवसर   ǐš  सुआसन ‘ȣÛ¡ ȯ@
@
तात भरत कह  ȯš¡ ǕǓ राऊ।  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ ǒ–Ǒ‘ रघुबीर सुभाऊ।।
दो0-राम   י Ħ धरम रत सब कर सीलु सनेहु।।
संकट सहत सकोच बस € Ǒ¡ \ जो आयसु दे हु।।292।।
–*–*–
  ǓǕ“ तन ” ›Ǖ ͩ€ नयन — ǐš –ȡšȣ@बोले भरतु धीर ’ ǐš — ȡšȣ@
@
Ĥ — ǕͪĤ ™ ” ÏǗ ™ ͪ” ȡ सम आप।ू € Ǖ› ‚ ǽǕ सम Ǒ¡  माय न बाप।ू ।
€ ȫͧ  € ȡǑ‘ ˜ ǕǓ“   ͬ…  समाजू। ʙ ȡ“ \ Ȳ– ǕǓ“ ͬ’ आपुनु आजू।।
ͧ    Ǖसेवक आयसु अनुगामी। ‡ ȡǓ“ ˜ ȪǑ¡ ͧ   दे इअ è ȡ˜ Ȣ@
@
f Ǒ¡ Ȳसमाज थल बूझब राउर। मौन ˜ ͧ› “ ˜ ɇबोलब बाउर।।
छोटे बदन कहउँ –ͫ° बाता। छमब तात › ͨ बाम ǒ– ’ ȡ ȡ@
@
आगम Ǔ“ ‚ ˜ Ĥͧ  ƨ परु ाना। सेवाधरमु € Ǒ‹ “ जगु जाना।।
èȡͧ˜ धरम èȡš Ǒ¡ ǒ– šȪ’ @
Ǘ – Ȱǽ अंध Ĥȯ˜ Ǒ¡ न Ĥ –Ȫ’ @
Ǘ@
दो0-šȡͨ राम ǽ धरमु Ħ Ǖपराधीन ˜ ȪǑ¡ ‡ ȡǓ“ @
सब €Ʌसंमत   – [Ǒ¡  € ǐš\ पेमु ”Ǒ¡ … ȡǓ“ @
@293।।
–*–*–
भरत बचन   ǕǓ“ ‘ȯͨ सुभाऊ।   Ǒ¡  समाज सराहत राऊ।।
सुगम अगम मद
ृ ु मंजु कठोरे । अरथु \ ͧ˜  \ Ǔ आखर थोरे ।।
Ï ™ ȫ मुख मुकुर ˜ Ǖ€ Ǖǽ Ǔ“ ‡ पानी। ‚ Ǒ¡ न जाइ अस अदभुत बानी।।
भप
ू भरत ˜ ǓǕ“   Ǒ¡  समाज।ू गे जहँ ǒ– – ’Ǖ कुमद
ु ɮͪ ‡ šȡ‡ @
Ǘ@
  ǓǕ“   ͬǕ’ सोच ǒ–€ › सब लोगा। मनहुँ मीनगन नव जल जोगा।।
दे वँ Ĥ ˜ कुलगुर ‚ Ǔ दे खी। Ǔ“ šͨ ǒ–‘ȯ¡ सनेह ǒ–  ȯŸ Ȣ@
@
राम — ‚ Ǔ ˜ ™ भरतु Ǔ“ ¡ ȡšȯ@सुर è ȡš Ȣ ¡ ¡ ǐš Ǒ¡ ™ ȱहारे ।।
सब कोउ राम पेममय पेखा। भउ अलेख सोच बस लेखा।।
दो0-रामु सनेह सकोच बस कह ससोच सरु राज।
रचहु Ĥ”Ȳ… Ǒ¡ पंच ͧ˜ ͧ› “ ȡǑ¡ Ȳत भयउ अकाज।ु ।294।।
–*–*–
  šǕÛ¡   ͧǕ˜ ǐš सारदा   šȡ¡ ȣ@‘ȯǒ– दे व सरनागत ”ȡ¡ ȣ@
@
•ȯǐš भरत ˜ Ǔ € ǐš Ǔ“ ‡ माया। पालु ǒ–– ’Ǖ कुल € ǐš छल छाया।।
ǒ–– Ǖ’ ǒ–“ ™   ǕǓ“ ‘ȯǒ– सयानी। – Ȫ› ȣ सुर è ȡš जड़ जानी।।
मो सन कहहु भरत ˜ Ǔ •ȯǾ @लोचन सहस न सूझ   Ǖ˜ ȯǾ @ @
ǒ–ͬ’ ¡ ǐš हर माया –ͫ° — ȡšȣ@सोउ न भरत ˜ Ǔ सकइ Ǔ“ ¡ ȡšȣ@
@
सो ˜ Ǔ ˜ ȪǑ¡ कहत € ǽ — Ȫšȣ@… ǑȲ‘Ǔ“ कर ͩ€ चंडकर … Ȫšȣ@
@
भरत ǿ‘™ ȱͧ  ™ राम Ǔ“ ȡ  @
Ǘ तहँ ͩ€ Ǔ ͧ˜ š जहँ  šǓ“ Ĥ€ ȡ  @
Ǘ@
अस € Ǒ¡ सारद गइ ǒ–ͬ’ लोका। ǒ– – ’Ǖ ǒ– € › Ǔ“ ͧ  मानहुँ कोका।।
दो0-सुर èȡš Ȣ ˜ › ȣ“ मन € ȧÛ¡ € Ǖ˜ Ȳğ कुठाटु।।
šͬ… Ĥ”Ȳ… माया Ĥ –› भय ħ ˜ \ šǓ उचाटु।।295।।
–*–*–
€ ǐš € Ǖ… ȡͧ› सोचत सुरराजू। भरत हाथ सबु काजु अकाजू।।
गए जनकु रघुनाथ समीपा। सनमाने सब šǒ– € Ǖ› ‘ȣ” ȡ@
@
समय समाज धरम \ ǒ– šȪ’ ȡ@बोले तब रघुबंस पुरोधा।।
जनक भरत संबाद ु सन
ु ाई। भरत € ¡ ȡ` Ǔ € ¡ ȣ सह
ु ाई।।
तात राम जस आयसु दे हू। सो सबु करै मोर मत एहू।।
  ǕǓ“ रघुनाथ ‡ Ȫǐš जुग पानी। बोले   י सरल मद
ृ ु बानी।।
ǒ–ɮ™ ˜ ȡ“ ] ” ǕǓ“ ͧ˜ ͬ › ȯ  Ǘ@मोर कहब सब — ȡȱǓ भदे सू।।
राउर राय रजायसु होई। šȡ` ǐš सपथ   ¡ ȣ ͧ  š सोई।।
दो0-राम सपथ   ǓǕ“ ˜ ǓǕ“ जनकु सकुचे सभा समेत।
सकल ǒ–› Ȫ€  भरत मखु ु बनइ न `  ǽ दे त।।296।।
–*–*–
सभा सकुच बस भरत Ǔ“ ¡ ȡšȣ@रामबंधु ’ ǐš धीरजु — ȡšȣ@
@
कुसमउ ‘ȯͨ सनेहु सँभारा। बढ़त ǒ– ͬȲ’ ǔ‡ ͧ˜ घटज Ǔ“ ȡšȡ@
@
सोक कनकलोचन ˜ Ǔ छोनी। ¡ šȣ ǒ– ˜ › गुन गन जगजोनी।।
भरत ǒ––ȯ€ बराहँ ǒ–  ȡ› ȡ@अनायास ` ’ šȣ  ȯǑ¡ काला।।
€ ǐš Ĥ “ ȡ˜ Ǖसब कहँ कर जोरे । रामु राउ गुर साधु Ǔ“ ¡ Ȫšȯ@
@
छमब आजु \ Ǔ \ “ ͬǕ…  मोरा। कहउँ बदन मद
ृ ु बचन कठोरा।।
Ǒ¡ ™ ȱ  ͧǕ˜ šȣ सारदा सह
ु ाई। मानस  Ʌमख
ु पंकज आई।।
ǒ–˜ › ǒ––ȯ€ धरम नय   ȡ› ȣ@भरत भारती मंजु ˜ šȡ› ȣ@
@
दो0-Ǔ“ šͨ ǒ––ȯ€ ǒ–› Ȫ… “ ǔÛ¡ ͧ  ͬ › सनेहँ समाजु।
€ ǐš Ĥ“ ȡ˜ Ǖबोले भरतु   Ǖͧ˜ ǐš सीय रघुराज।ु ।297।।
–*–*–
Ĥ — Ǖͪ” Ǖमातु   Ǖı ‘ गुर è ȡ˜ Ȣ@” ǗÏ ™ परम Ǒ¡  अतंरजामी।।
सरल   Ǖ  ȡǑ¡ – Ǖसील Ǔ“ ’ ȡ“ Ǘ@Ĥ“  ” ȡ›   – Ê
[ ™ सुजानू।।
समरथ सरनागत Ǒ¡  € ȡšȣ@गुनगाहकु अवगन
ु अघ ¡ ȡšȣ@
@
èȡͧ˜ ‚ Ȫ  ȡȱ^ Ǒ¡   ǐš  गोसाई। ˜ ȪǑ¡ समान ˜ ɇसाइँ दोहाई।।
Ĥ — Ǖͪ” Ǖबचन मोह बस ”ȯ› ȣ@आयउँ इहाँ समाजु   €ȯ› ȣ@
@
जग भल पोच ऊँच \ ǽ नीच।ू \ ͧ˜ \ अमरपद ˜ ȡ¡ Ǖǽ मीच।ू ।
राम रजाइ मेट मन ˜ ȡ¡ ȣ@
Ȳ दे खा सुना कतहुँ कोउ “ ȡ¡ ȣȲ
@@
सो ˜ ɇसब ǒ–ͬ’ € ȧǔÛ¡ Ǒ‹ ȡ_@Ĥ — Ǖमानी सनेह सेवकाई।।
दो0-कृपाँ भलाई आपनी नाथ € ȧÛ¡ भल मोर।
दषू न भे भषू न   ǐš  सजु सु … ȡǽ चहु ओर।।298।।
–*–*–
šȡ` ǐš šȣǓ   –Ǖ ȡǓ“ बड़ाई। जगत ǒ–Ǒ‘ Ǔ“ ‚ ˜ ȡ‚ ˜ गाई।।
कूर € ǕǑŠ› खल € Ǖ˜ Ǔ € › €Ȳ ȧ@नीच Ǔ“   Ȣ› Ǔ“ šȣ  Ǔ“   €Ȳ ȧ@
@
तेउ   ǕǓ“ सरन   ȡ˜ Ǖ¡Ʌआए। सकृत Ĥ“ ȡ˜ Ǖͩ€ ¡ Ʌअपनाए।।
‘ȯͨ दोष कबहुँ न उर आने।   ǕǓ“ गुन साधु समाज बखाने।।
को   ȡǑ¡ –   ȯ € Ǒ¡ नेवाजी। आपु समाज साज सब साजी।।
Ǔ“ ‡ € š ǓǗ न   ˜ ͨǕˆ \   ” “ Ʌ@सेवक सकुच सोचु उर \ ” “ Ʌ@
@
सो गोसाइँ “ Ǒ¡ दस
ू र कोपी। भज
ु ा उठाइ कहउँ पन रोपी।।
पसु नाचत सक
ु पाठ Ĥ–Ȣ“ ȡ@गन
ु ‚ Ǔ नट पाठक आधीना।।
दो0-™ ɉ   Ǖ’ ȡǐš   “ ˜ ȡǓ“ जन ͩ€ f साधु ͧ  š˜ Ȫš@
को कृपाल ǒ–“ Ǖ” ȡͧ› ¡ Ȱǒ–ǐš‘ȡͧ› बरजोर।।299।।
–*–*–
सोक सनेहँ ͩ€ बाल सुभाएँ। आयउँ लाइ रजायसु बाएँ।।
तबहुँ कृपाल ¡ ȯǐš Ǔ“ ‡ ओरा।   –Ǒ¡ — ȡȱǓ भल मानेउ मोरा।।
दे खेउँ पाय सुमंगल मूला। जानेउँ èȡͧ˜ सहज अनुकूला।।
–°Ʌसमाज ǒ–› Ȫ€ȯ`ȱभाग।ू बड़ीं चक
ू   ȡǑ¡ – अनरु ाग।ू ।
कृपा \ “ ĒǕ ¡ अंगु अघाई। € ȧǔÛ¡ € Ǚ”ȡǓ“ ͬ’ सब \ ͬ’ € ȡ_@
@
राखा मोर दल
ु ार ‚ Ȫ  ȡɃ@\ ” “ Ʌसील सुभायँ — › ȡɃ@
@
नाथ Ǔ“ ” Š ˜ ɇ€ ȧǔÛ¡ Ǒ‹ ȡ_@è ȡͧ˜ समाज सकोच ǒ– ¡ ȡ_@
@
\ ǒ–“ ™ ǒ– “ ™ ‡  ȡǽͬ… बानी। † ͧ˜ Ǒ¡ दे उ \ Ǔ ] šǓ जानी।।
दो0-  ıǕ ‘ सज
ु ान    
Ǖ ȡǑ¡ –Ǒ¡ बहुत कहब –ͫ°  Ȫǐš@
आयसु दे इअ दे व अब सबइ   ’Ǖ ȡšȣ ˜ Ȫǐš@ @
300।।
–*–*–
Ĥ — Ǖपद पदम ु पराग दोहाई।   י सक ु ृ त सख
ु सीवँ सह
ु ाई।।
सो € ǐš कहउँ Ǒ¡ f अपने € ȧ@ǽͬ… जागत सोवत सपने € ȧ@
@
सहज सनेहँ èȡͧ˜ सेवकाई। èȡš छल फल … ȡǐš ǒ– ¡ ȡ_@
@
\ ʙ ȡ सम न   Ǖ  ȡǑ¡ – सेवा। सो Ĥ  ȡ‘ Ǖजन पावै दे वा।।
अस € Ǒ¡ Ĥȯ˜ ǒ––  भए — ȡšȣ@पुलक   šȣš ǒ–› Ȫ… “ –ȡšȣ@
@
Ĥ— Ǖपद कमल गहे अकुलाई। समउ सनेहु न सो € Ǒ¡ जाई।।
€ Ǚ” ȡͧ  ’Ȳ Ǖ  “ ˜ ȡǓ“ सब
ु ानी। बैठाए समीप ‚ Ǒ¡ पानी।।
भरत ǒ–“ ™   ǓǕ“ ‘ȯͨ सभ
ु ाऊ। ͧ  ͬ › सनेहँ सभा रघरु ाऊ।।
छं 0-रघुराउ ͧ  ͬ › सनेहँ साधु समाज ˜ ǕǓ“ ͧ˜ ͬ › ȡ धनी।
मन महुँ सराहत भरत भायप — ‚ Ǔ € ȧ ˜ Ǒ¡ ˜ ȡ घनी।।
— š Ǒ¡ Ĥ  Ȳ   ǒ– – Ǖ’ बरषत सुमन मानस ˜ ͧ› “ से।
तल
ु सी ǒ– € › सब लोग   ǓǕ“ सकुचे Ǔ“   ȡ‚ ˜ “ ͧ› “ से।।
सो0-‘ȯͨ ‘ Ǖ ȡšȣ ‘ȣ“ दहु ु समाज नर “ ȡǐš सब।
मघवा महा ˜ › ȣ“ मुए ˜ ȡǐš मंगल चहत।।301।।
कपट € Ǖ… ȡͧ› सीवँ सुरराजू। पर अकाज ͪĤ ™ आपन काज।ू ।
काक समान ” ȡ€ ǐš” Ǖšȣ Ȣ@† › ȣ ˜ › ȣ“ कतहुँ न Ĥ  Ȣ Ȣ@
@
Ĥ  ˜ कुमत € ǐš कपटु सँकेला। सो उचाटु सब €Ʌ ͧ  š मेला।।
सरु मायाँ सब लोग ǒ–˜ Ȫ¡ ȯ@राम Ĥȯ˜ \ Ǔ   ™ न ǒ– † Ȫ¡ ȯ@
@
भय उचाट बस मन ͬ š “ ȡ¡ ȣ@
Ȳ छन बन ǽͬ… छन सदन   Ȫ¡ ȡ¡ ȣȲ@
@
‘ ǒǕ–’ ˜ “ Ȫ‚ Ǔ Ĥ‡ ȡ ‘ Ǖ ȡšȣ@  ǐš ͧ  ’Ȳ Ǖसंगम जनु – ȡšȣ@
@
‘ ͬǕ…  कतहुँ ” ǐš ȪŸ Ǖन › ¡ ¡ ȣȲ@एक एक सन मरमु न € ¡ ¡ ȣ@
Ȳ@
› ͨ Ǒ¡ ™ ȱ¡ ȱͧ  कह € Ǚ”ȡǓ“ ’ ȡ“ Ǘ@  ǐš  è ȡ“ मघवान जुबानू।।
दो0-भरतु जनकु ˜ ǓǕ“ ‡ “   ͬ…  साधु सचेत ǒ–¡ ȡ^@
› ȡͬ‚ दे वमाया   –Ǒ¡ जथाजोगु जनु पाइ।।302।।
–*–*–
€ Ǚ”ȡͧ  ’Ȳ Ǖ› ͨ लोग दखु ारे । Ǔ“ ‡ सनेहँ   šǕ” Ǔ छल भारे ।।
सभा राउ गुर ˜ Ǒ¡   Ǖš ˜ Ȳğ Ȣ@भरत — ‚ Ǔ सब कै ˜ Ǔ ‡ Ȳğ Ȣ@
@
šȡ˜ Ǒ¡ ͬ…    ͬ… ğ ͧ›  ȯसे। सकुचत बोलत बचन ͧ   ȯसे।।
भरत Ĥ ȢǓ “ Ǔ ǒ–“ ™ बड़ाई। सुनत सुखद बरनत € Ǒ‹ “ ȡ_@
@
जासु ǒ– › Ȫͩ€ — ‚ Ǔ लवलेस।ू Ĥȯ˜ मगन ˜ ǓǕ“ ‚ “ ͧ˜ ͬ › ȯ  @
Ǘ@
˜ Ǒ¡ ˜ ȡ तासु कहै ͩ€ ͧ˜ तल
ु सी। — ‚ Ǔ सभ
ु ायँ   ˜Ǖ Ǔ Ǒ¡ ™ ȱहुलसी।।
आपु † ȪǑŠ ˜ Ǒ¡ ˜ ȡ –ͫ° जानी। € ǒ–€ Ǖ› € ȡǓ“ ˜ ȡǓ“ सकुचानी।।
€ Ǒ¡ न   € Ǔ गुन ǽͬ… \ ͬ’ € ȡ_@˜ Ǔ ‚ Ǔ बाल बचन € ȧ नाई।।
दो0-भरत ǒ–˜ › जसु ǒ– ˜ › ǒ– ’ Ǖ  Ǖ˜ Ǔ … € Ȫš€ Ǖ˜ ȡǐš@
` Ǒ‘ ǒ– ˜ › जन ǿ‘™ नभ एकटक š¡ ȣ Ǔ“ ¡ ȡǐš@ @303।।
–*–*–
भरत सुभाउ न सुगम Ǔ“ ‚ ˜ ¡ Ǘȱ@लघु ˜ Ǔ चापलता € ǒ– छमहूँ।।
कहत सुनत   Ǔ भाउ भरत को। सीय राम पद होइ न रत को।।
  ͧǕ˜ š — š Ǒ¡ Ĥȯ˜ Ǖराम को। ‡ ȯǑ¡ न सल
ु भ  ȯǑ¡   ǐš  बाम को।।
‘ȯͨ दयाल दसा   –¡ ȣ € ȧ@राम सज
ु ान ‡ ȡǓ“ जन जी € ȧ@
@
धरम ’ šǕȣ“ धीर नय नागर।   י सनेह सील सुख सागर।।
दे सु काल › ͨ समउ समाजू। “ ȢǓ ĤȢǓ पालक रघुराजू।।
बोले बचन –ȡǓ“ सरबसु से। Ǒ¡  ”ǐš“ ȡ˜ सुनत   ͧ  रसु से।।
तात भरत  à
Ǖ ¡ धरम ’ šǕȣ“ ȡ@लोक बेद ǒ– ‘ Ĥȯ˜ Ĥ –Ȣ“ ȡ@
@
दो0-करम बचन मानस ǒ–˜ ›  à
Ǖ ¡ समान  à
Ǖ ¡ तात।
गुर समाज लघु बंधु गुन कुसमयँ ͩ€ ͧ˜ € Ǒ¡ जात।।304।।
–*–*–
जानहु तात  šǓ“ कुल šȣ Ȣ@  י   Ȳ’ ͪ” Ǖ€ ȧšǓ Ĥ Ȣ Ȣ@
@
समउ समाजु लाज ‚ Ǖǽ ‡ “ € ȧ@उदासीन Ǒ¡  \ “ Ǒ¡  मन € ȧ@
@
à
Ǖ ¡ Ǒ¡ ǒ–Ǒ‘   –¡ ȣ कर करमू। आपन मोर परम Ǒ¡  धरमू।।
˜ ȪǑ¡ सब — ȡȱǓ भरोस  à
Ǖ ¡ ȡšȡ@ ‘ͪ” कहउँ अवसर अनुसारा।।
तात तात ǒ– “ Ǖबात ¡ ˜ ȡšȣ@केवल ‚ ǽǕ € Ǖ› कृपाँ   ȱ— ȡšȣ@
@
“  ǽ Ĥ‡ ȡ ”ǐš‡ “ ”ǐš ȡǾ @¡ ˜ Ǒ¡   Ǒ¡  सबु होत  ]Ǖ Ǿ @
@
‡ ɋ ǒ–“ Ǖअवसर अथवँ Ǒ‘“ ȯ  @
Ǘ जग €ȯǑ¡ कहहु न होइ कलेस।ू ।
तस उतपातु तात ǒ– ͬ’ € ȧÛ¡ ȡ@˜ ǕǓ“ ͧ˜ ͬ › ȯ  šȡͨ सबु › ȣÛ¡ ȡ@
@
दो0-राज काज सब लाज ” Ǔ धरम ’ šǓ“ धन धाम।
गुर Ĥ— ȡ` ”ȡͧ› Ǒ¡   – Ǒ¡ भल ¡ Ȫ^Ǒ¡ ”ǐš“ ȡ˜ @@
305।।
–*–*–
  Ǒ¡  समाज  àǕ ¡ ȡš हमारा। घर बन गुर Ĥ   ȡ‘ रखवारा।।
मातु ͪ” ȡ गुर èȡͧ˜ Ǔ“ ‘ȯ  Ǘ@सकल धरम धरनीधर सेसू।।
सो  à
Ǖ ¡ करहु करावहु मोहू। तात  šǓ“ € Ǖ› पालक होहू।।
साधक एक सकल ͧ  ͬ’ दे नी। € ȧšǓ   ‚Ǖ Ǔ — ǓǗ ˜ ™ बेनी।।
सो ǒ–… ȡǐš   Ǒ¡ संकटु — ȡšȣ@करहु Ĥ ‡ ȡ ”ǐšȡǽ   Ǖ ȡšȣ@
@
–ȡȱŠ ȣ ǒ–”Ǔ   –Ǒ¡ Ȳ˜ ȪǑ¡ भाई।  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ \  ͬ’ — ǐš – ͫ° € Ǒ‹ “ ȡ_@
@
‡ ȡǓ“  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ मद
ृ ु कहउँ कठोरा। कुसमयँ तात न \ “ Ǖͬ…  मोरा।।
¡ ȪǑ¡ Ȳकुठायँ सब
ु ंधु सह
ु ाए। j ͫ°\ Ǒ¡ Ȳहाथ \   Ǔ“ ¡ Ǖके घाए।।
दो0-सेवक कर पद नयन से मख
ु सो   ȡǑ¡ – Ǖहोइ।
तल
ु सी ĤȢǓ ͩ€ šȣǓ   ǕǓ“   Ǖ€ ǒ–   šȡ¡ Ǒ¡ Ȳसोइ।।306।।
–*–*–
सभा सकल   ǓǕ“ रघबु र बानी। Ĥȯ˜ ”™ Ȫͬ’ \ ͧ˜ \ जनु सानी।।
ͧ  ͬ › समाज सनेह समाधी। ‘ȯͨ दसा चप
ु सारद साधी।।
— š Ǒ¡ भयउ परम संतोषू। सनमुख è ȡͧ˜ ǒ– ˜ Ǖ दख
ु दोषू।।
मुख Ĥ  ۓ मन ͧ˜ Šȡ ǒ–Ÿ ȡ‘ @
Ǘ भा जनु ‚ ȱ‚Ǘ ȯǑ¡ ͬ‚ šȡ Ĥ   ȡ‘ @
Ǘ@
€ ȧÛ¡   Ĥȯ˜ Ĥ“ ȡ˜ Ǖ–¡ Ȫšȣ@बोले ”ȡǓ“ ” Ȳ€ ǽ¡ ‡ Ȫšȣ@
@
नाथ भयउ सखु ु साथ गए को। लहे उँ लाहु जग जनमु भए को।।
अब कृपाल जस आयसु होई। € šɋ सीस ’ ǐš सादर सोई।।
सो अवलंब दे व ˜ ȪǑ¡ दे ई। \ ͬ’ ”ȡǽ ”ȡɋ ‡ ȯǑ¡ सेई।।
दो0-दे व दे व \ ͧ— Ÿȯ€ Ǒ¡  गुर अनुसासनु पाइ।
आनेउँ सब तीरथ   ͧ› › Ǖ ȯǑ¡ कहँ काह रजाइ।।307।।
–*–*–
एकु मनोरथु बड़ मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@सभयँ सकोच जात € Ǒ¡ “ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
कहहु तात Ĥ— Ǖआयसु पाई। बोले – ȡǓ“ सनेह सुहाई।।
ͬ… ğ€ ǗŠ   ͬǕ… थल तीरथ बन। खग मगृ सर   ǐš Ǔ“ ˆ š[ ͬ‚ ǐš‚ “ @
@
Ĥ— Ǖपद \ Ȳͩ€  \ Ǔ“ ǒ–   ȯŸ Ȣ@आयसु होइ त ] ɋ दे खी।।
\ ͧ  \ ǒğ आयसु ͧ  š धरहू। तात ǒ– ‚  — ™ कानन चरहू।।
˜ ǕǓ“ Ĥ  ȡ‘ बनु मंगल दाता। पावन परम सह ु ावन ħ ȡ ȡ@
@
ǐšͪŸ “ ȡ™ € Ǖ जहँ आयसु ‘ȯ¡ ȣȲ@राखेहु तीरथ जलु थल  ȯ¡ ȣȲ
@@
  ǓǕ“ Ĥ— Ǖबचन भरत सख
ु पावा। ˜ ǓǕ“ पद कमल ˜ ǑǕ‘ ͧ  ǽ नावा।।
दो0-भरत राम संबाद ु   ǓǕ“ सकल सम
ु ंगल मल
ू ।
सुर èȡš Ȣ   šȡǑ¡ कुल बरषत   Ǖš ǽ फूल।।308।।
–*–*–
’ ۙ भरत जय राम ‚ Ȫ  ȡɃ@कहत दे व हरषत – ǐš] _@
˜Ǖ
Ǔ“ ͧ˜ ͬ › ȯ  सभाँ सब काहू। भरत बचन   ǕǓ“ भयउ उछाहू।।
भरत राम गुन Ē ȡ˜ सनेहू। ” ›Ǖ ͩ€ Ĥ   Ȳ   राउ ǒ– ‘ȯ¡ Ǘ@
@
सेवक èȡͧ˜ सुभाउ सुहावन। नेमु पेमु \ Ǔ पावन पावन।।
˜ Ǔ अनस
ु ार सराहन लागे।   ͬ…  सभासद सब अनरु ागे।।
  ǓǕ“   ǓǕ“ राम भरत संबाद।ू दहु ु समाज Ǒ¡ ™ ȱहरषु ǒ– Ÿȡ‘ @
Ǘ@
राम मातु दख
ु ु सख
ु ु सम जानी। € Ǒ¡ गन
ु राम Ĥ– Ȫ’ ȢȲरानी।।
एक € ¡ Ǒ¡ Ȳरघुबीर बड़ाई। एक सराहत भरत भलाई।।
दो0-\ ǒğ कहे उ तब भरत सन सैल समीप सक
ु ू प।
šȡͨ \ तीरथ तोय तहँ पावन \ ͧ˜ \ अनूप।।309।।
–*–*–
भरत \ ǒğ अनुसासन पाई। जल भाजन सब Ǒ‘f चलाई।।
सानुज आपु \ ǒğ ˜ ǕǓ“ साध।ू   Ǒ¡  गए जहँ कूप अगाध।ू ।
पावन पाथ ” Û
Ǖ™  › राखा। Ĥ˜ ǑǕ‘ Ĥȯ˜ \ ǒğ अस भाषा।।
तात \ “ ȡǑ‘ ͧ  ƨ थल एहू। लोपेउ काल ǒ–Ǒ‘ “ Ǒ¡ Ȳकेहू।।
तब   ȯ € Û¡ सरस थलु दे खा। ͩ€ Û¡ सज
ु ल Ǒ¡  कूप ǒ–   ȯŸ ȡ@
@
ǒ– ͬ’ बस भयउ ǒ– è ` ” € ȡǾ @सुगम अगम \ Ǔ धरम ǒ–… ȡǾ @
@
भरतकूप अब € Ǒ¡ ¡ Ǒ¡ Ȳलोगा। \ Ǔ पावन तीरथ जल जोगा।।
Ĥȯ˜ सनेम Ǔ“ ˜ Ï ‡  Ĥȡ“ Ȣ@¡ Ȫ^¡ Ǒ¡ Ȳǒ– ˜ › करम मन बानी।।
दो0-कहत कूप ˜ Ǒ¡ ˜ ȡ सकल गए जहाँ रघरु ाउ।
\ ǒğ सुनायउ šƒ Ǖ– šǑ¡ तीरथ ” Ǖۙ Ĥ — ȡ` @
@310।।
–*–*–
कहत धरम ^Ǔ ¡ ȡ    Ĥ Ȣ Ȣ@भयउ — Ȫǽ Ǔ“ ͧ  सो सख ु बीती।।
Ǔ“ י Ǔ“ –ȡǑ¡ भरत दोउ भाई। राम \ ǒğ गुर आयसु पाई।।
  Ǒ¡  समाज साज सब   ȡ‘Ʌ@चले राम बन अटन ” ™ ȡ‘Ʌ@
@
कोमल चरन चलत ǒ–“ Ǖ”“ ¡ ȣ@
Ȳ भइ मद
ृ ु — Ǘͧ˜   € Ǖͬ… मन ˜ “ ¡ ȣȲ@
@
कुस कंटक € ȡȱ€ šȣȲ€ ǕšȡɃ@कटुक कठोर € Ǖ–è Ǖ‘ šǕȡɃ@
@
˜ Ǒ¡ मंजल
ु मद
ृ ु मारग € ȧÛ¡ ȯ@बहत समीर ǒğǒ– ’ सख
ु › ȣÛ¡ ȯ@
@
सम
ु न –šͪŸ सरु घन € ǐš † ȡ¡ ȣȲ@ǒ– Š” • Ǘͧ› • ͧ› तन
ृ ˜ ‘Ǚ Ǖ ȡ¡ ȣȲ@
@
मग
ृ ǒ– › Ȫͩ€ खग –Ȫͧ› सुबानी।   ȯ Ǒ¡ Ȳसकल राम ͪĤ™ जानी।।
दो0-सुलभ ͧ  ͪƨ सब Ĥ ȡ€ Ǚ ¡ Ǖराम कहत जमुहात।
राम Ĥȡ“ ͪĤ™ भरत कहुँ यह न होइ – ͫ° बात।।311।।
–*–*–
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ भरतु ͩ• š बन ˜ ȡ¡ ȣȲ@नेमु Ĥȯ˜ Ǖ› ͨ ˜ ǕǓ“   € Ǖ… ȡ¡ ȣȲ@
@
” Ǖۙ ‡ › ȡĮ ™ — Ǘͧ˜ ǒ–— ȡ‚ ȡ@खग मग
ृ  ǽ तन
ृ ͬ‚ ǐš बन बागा।।
… ȡǽ ǒ– ͬ… ğ ”ǒ–ğ ǒ–  ȯŸ Ȣ@बझ
ू त भरतु Ǒ‘Þ™ सब दे खी।।
  ǓǕ“ मन ˜ ǑǕ‘ कहत ǐšͪŸ šȡa @हे तु नाम गन
ु ”Û
Ǖ™ Ĥ — ȡa @
@
कतहुँ Ǔ“ ˜ Ï ‡ “ कतहुँ Ĥ“ ȡ˜ ȡ@कतहुँ ǒ–› Ȫ€  मन \ ͧ— šȡ˜ ȡ@
@
कतहुँ – ȰǑ‹ ˜ ǓǕ“ आयसु पाई।   Ǖͧ˜ š सीय   Ǒ¡  दोउ भाई।।
‘ȯͨ सुभाउ सनेहु सुसेवा। ‘ȯǑ¡ Ȳअसीस ˜ ǕǑ‘ बनदे वा।।
ͩ• šǑ¡ Ȳगएँ Ǒ‘“ Ǖपहर अढ़ाई। Ĥ— Ǖपद कमल ǒ– › Ȫ€ Ǒ¡ Ȳआई।।
दो0-दे खे थल तीरथ सकल भरत पाँच Ǒ‘“ माझ।
कहत सुनत ¡ ǐš हर सुजसु गयउ Ǒ‘   Ǖभइ साँझ।।312।।
–*–*–
भोर Û¡ ȡ^ सबु जरु ा समाज।ू भरत — ͧǗ˜   šǕ  ȯš¡ ǕǓ राज।ू ।
भल Ǒ‘“ आजु ‡ ȡǓ“ मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@रामु कृपाल कहत   € Ǖ… ȡ¡ ȣȲ@
@
गुर नप
ृ भरत सभा \  › Ȫ€ ȧ@  € Ǖͬ… राम ͩ• ǐš \  Ǔ“ ǒ–› Ȫ€ ȧ@
@
सील   šȡǑ¡ सभा सब सोची। कहुँ न राम सम è ȡͧ˜ सँकोची।।
भरत सज ु ान राम ǽ दे खी। ` Ǒ‹   Ĥȯ˜ ’ ǐš धीर ǒ–  ȯŸ Ȣ@
@
€ ǐš दं डवत कहत कर ‡ Ȫšȣ@राखीं नाथ सकल ǽͬ… ˜ Ȫšȣ@
@
˜ ȪǑ¡ › ͬ‚ सहे उ   – Ǒ¡ Ȳसंताप।ू बहुत — ȡȱǓ दख
ु ु पावा आप।ू ।
अब गोसाइँ ˜ ȪǑ¡ दे उ रजाई।   ȯ ɋ अवध \ ͬ’ — ǐš जाई।।
दो0-‡ ȯǑ¡ Ȳउपाय ” Ǖ
Ǔ“ पाय जनु दे खै ‘ȣ“ ‘™ ȡ› @
सो ͧ   दे इअ \  ͬ’ › ͬ‚ कोसलपाल कृपाल।।313।।
–*–*–
पुरजन ”ǐš‡ “ Ĥ‡ ȡ गोसाई। सब   Ǖͬ… सरस सनेहँ सगाई।।
राउर – Ǒ‘ भल भव दख ु दाहू। Ĥ — Ǖǒ– “ Ǖ– ȡǑ‘ परम पद लाहू।।
è ȡͧ˜ सज
ु ानु ‡ ȡǓ“ सब ¡ ȣ € ȧ@ǽͬ… लालसा š¡ Ǔ“ जन जी € ȧ@ @
Ĥ“  ”ȡ› Ǖ”ȡͧ› Ǒ¡ सब काहू। दे उ दहु ू Ǒ‘ͧ  ओर Ǔ“ –ȡ¡ Ǘ@
@
अस ˜ ȪǑ¡ सब ǒ– ͬ’ — Ǘǐš भरोसो। ͩ€ f ȱǒ– … ȡǽ न सोचु खरो सो।।
] šǓ मोर नाथ कर छोहू। दह ु ु ँ ͧ˜ ͧ› € ȧÛ¡ ȣ‹Ǖ¡ Ǒ‹ मोहू।।
यह बड़ दोषु ‘ ǐǗš € ǐš èȡ˜ Ȣ@तिज सकोच ͧ   ^\ अनुगामी।।
भरत ǒ–“ ™   ǓǕ“   –Ǒ¡ ȲĤ    Ȳ Ȣ@खीर नीर ǒ–– š“ ‚ Ǔ हं सी।।
दो0-‘ȣ“ –Ȳ’ Ǖ  ǓǕ“ बंधु के बचन ‘ȣ“ † › ¡ ȣ“ @
दे स काल अवसर   ǐš  बोले रामु Ĥ– Ȣ“ @ @314।।
–*–*–
तात  à
Ǖ ¡ ȡǐš ˜ Ȫǐš ”ǐš‡ “ € ȧ@ͬ… Ȳ ȡ ‚ šǕǑ¡ “ ”Ǚ Ǒ¡ घर बन € ȧ@
@
माथे पर गुर ˜ ǕǓ“ ͧ˜ ͬ › ȯ  Ǘ@¡ ˜ Ǒ¡  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ सपनेहुँ न कलेसू।।
मोर  à
Ǖ ¡ ȡš परम ” Ǖǽ Ÿȡš @ Ǖ è ȡš Ǖसुजसु धरमु परमारथ।ु ।
ͪ” Ǖआयसु ” ȡͧ› Ǒ¡ Ȳदहु ु भाई। लोक बेद भल भूप भलाई।।
गरु ͪ”  Ǖमातु èȡͧ˜ ͧ   ”ȡ› Ʌ@चलेहुँ कुमग पग ”šǑ¡ Ȳन  ȡ› Ʌ@
@
अस ǒ–… ȡǐš सब सोच ǒ–¡ ȡ_@पालहु अवध \ ͬ’ — ǐš जाई।।
दे सु कोसु ”ǐš‡ “ ”ǐšȡǾ @गरु पद š‡ Ǒ¡ Ȳलाग † ǽ— ȡǾ @
@
à
Ǖ ¡ ˜ ǕǓ“ मातु   ͬ…  ͧ   मानी। पालेहु ” Ǖ¡Ǖͧ˜ Ĥ ‡ ȡ रजधानी।।
दो0-˜ Ǖͨ ] मुखु सो … ȡǑ¡ g खान पान कहुँ एक।
पालइ पोषइ सकल अँग तल
ु सी   Ǒ¡  ǒ––ȯ€ @
@315।।
–*–*–
राजधरम सरबसु एतनोई। ǔ‡ ͧ˜ मन माहँ मनोरथ गोई।।
बंधु Ĥ –Ȫ’ Ǖ€ ȧÛ¡ बहु भाँती। ǒ– “ Ǖअधार मन तोषु न साँती।।
भरत सील गरु   ͬ…  समाज।ू सकुच सनेह ǒ– –  रघरु ाज।ू ।
Ĥ— Ǖ€ ǐš कृपा ” ȡȱ šȣȲ‘ȣÛ¡ ȣȲ@सादर भरत सीस ’ ǐš › ȣÛ¡ ȣȲ@
@
चरनपीठ € ǽ“ ȡǓ“ ’ ȡ“ के। जनु जुग ‡ ȡͧ˜ € Ĥ ‡ ȡ Ĥ ȡ“ के।।
संपुट भरत सनेह रतन के। आखर जुग जन
ु जीव जतन के।।
कुल कपाट कर कुसल करम के। ǒ–˜ › नयन सेवा सुधरम के।।
भरत ˜ ǑǕ‘ अवलंब लहे  Ʌ@अस सख
ु जस ͧ  ™ रामु रहे  Ʌ@
@
दो0-मागेउ ǒ–‘ȡ Ĥ“ ȡ˜ Ǖ€ ǐš राम ͧ› f उर लाइ।
लोग उचाटे \ ˜ š”Ǔ € ǕǑŠ› € Ǖ\   ǽ पाइ।।316।।
–*–*–
सो € Ǖ… ȡͧ› सब कहँ भइ “ Ȣ€ ȧ@\ ͬ’ आस सम ‡ ȢǓ“ जी € ȧ@
@
“  ǽ लखन ͧ  ™ सम ǒ–™ Ȫ‚ ȡ@¡ ¡ ǐš मरत सब लोग कुरोगा।।
रामकृपाँ अवरे ब   Ǖ’ ȡšȣ@ǒ–– Ǖ’ ’ ȡǐš भइ गुनद ‚ Ȫ¡ ȡšȣ@
@
— ɅŠ  भुज — ǐš भाइ भरत सो। राम Ĥȯ˜ रसु € Ǒ¡ न परत सो।।
तन मन बचन उमग अनरु ागा। धीर धरु ं धर धीरजु י ȡ‚ ȡ@
@
–ȡǐš‡ लोचन मोचत –ȡšȣ@‘ȯͨ दसा सरु सभा ‘ Ǖ ȡšȣ@
@
˜ ǓǕ“ ‚ “ गरु धरु धीर जनक से। ʙ ȡ“ अनल मन €   Ʌकनक से।।
जे ǒ–šȲͬ… Ǔ“ š› ȯ” उपाए। पदम
ु ” ğ ǔ‡ ͧ˜ जग जल जाए।।
दो0-तेउ ǒ–› Ȫͩ€ रघुबर भरत ĤȢǓ अनूप अपार।
भए मगन मन तन बचन   Ǒ¡  ǒ– šȡ‚ ǒ–… ȡš@ @ 317।।
–*–*–
जहाँ जनक गुर ˜ Ǔ — Ȫšȣ@Ĥ ȡ€ Ǚ ĤȢǓ कहत –ͫ°  Ȫšȣ@
@
बरनत रघुबर भरत ǒ– ™ Ȫ‚ Ǘ@  ǕǓ“ कठोर € ǒ– ‡ ȡǓ“ Ǒ¡ लोगू।।
सो सकोच रसु अकथ सब ु ानी। समउ सनेहु   ͧǕ˜ ǐš सकुचानी।।
— ɅǑŠ भरत रघब
ु र समझ
ु ाए। ” ǓǕ“ ǐš” ‘Ǖ “ Ǖ¡ šͪŸ Ǒ¡ ™ ȱलाए।।
सेवक   ͬ…  भरत ǽ पाई। Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ काज लगे सब जाई।।
  ǕǓ“ ‘ȡǽ“ दख
ु ु दहु ू ँ समाजा। लगे चलन के साजन साजा।।
Ĥ— Ǖपद पदमु – ȲǑ‘ दोउ भाई। चले सीस ’ ǐš राम रजाई।।
˜ ǓǕ“ तापस बनदे व Ǔ“ ¡ Ȫšȣ@सब   “ ˜ ȡǓ“ – ¡ Ȫǐš –¡ Ȫšȣ@
@
दो0-›  “ Ǒ¡ — ɅǑŠ Ĥ“ ȡ˜ Ǖ€ ǐš ͧ  š ’ ǐš ͧ  ™ पद ’ ǐǗš@
चले   Ĥȯ˜ असीस   ǕǓ“ सकल सुमंगल ˜ Ǘǐš@ @318।।
–*–*–
सानज
ु राम “ ”Ǚ Ǒ¡ ͧ  š नाई। € ȧǔÛ¡ बहुत ǒ–ͬ’ ǒ– “ ™ बड़ाई।।
दे व दया बस बड़ दख
ु ु पायउ।   Ǒ¡  समाज € ȡ“ “ Ǒ¡ Ȳआयउ।।
पुर पगु ’ ȡǐš\ दे इ असीसा। € ȧÛ¡ धीर ’ ǐš गवनु ˜ ¡ ȣ  ȡ@
@
˜ ǕǓ“ ˜ Ǒ¡ ‘ȯ साधु सनमाने। ǒ– ‘ȡ ͩ€ f ¡ ǐš हर सम जाने।।
सासु समीप गए दोउ भाई। ͩ• šȯ– ȲǑ‘ पग ] ͧ  Ÿ पाई।।
€ ȫͧ  € बामदे व ‡ ȡ–ȡ› ȣ@परु जन ” ǐš‡ “   ͬ…    …Ǖ ȡ› ȣ@
@
जथा जोगु € ǐš ǒ– “ ™ Ĥ“ ȡ˜ ȡ@ǒ– ‘ȡ ͩ€ f सब सानज
ु रामा।।
“ ȡǐš ” Ǖǽ Ÿ लघु ˜ ڙ बड़ेरे। सब   “ ˜ ȡǓ“ € Ǚ” ȡǓ“ ͬ’ फेरे ।।
दो0-भरत मातु पद – ȲǑ‘ Ĥ— Ǖ  Ǖͬ… सनेहँ ͧ˜ ͧ› — ɅǑŠ@
ǒ–‘ȡ € ȧÛ¡ सिज ”ȡ› € ȧ सकुच सोच सब ˜ ȯǑŠ@ @ 319।।
–*–*–
”ǐš‡ “ मातु ͪ” Ǒ¡ ͧ˜ ͧ› सीता। ͩ• šȣ Ĥȡ“ ͪĤ ™ Ĥȯ˜ पुनीता।।
€ ǐš Ĥ“ ȡ˜ Ǖ— ɅŠ ȣ सब सासू। ĤȢǓ कहत € ǒ– Ǒ¡ ™ ȱन हुलासू।।
  ǓǕ“ ͧ   \ ͧ— ˜  ] ͧ  Ÿ पाई। š¡ ȣ सीय दहु ु ĤȢǓ समाई।।
šƒ ”Ǖ Ǔ पटु ”ȡ› € ȧȲ˜ ‚ ȡɃ@€ ǐš Ĥ– Ȫ’ Ǖसब मातु चढ़ाई।।
बार बार Ǒ¡ ͧ› ͧ˜ ͧ› दहु ु भाई। सम सनेहँ जननी पहुँचाई।।
सािज बािज गज बाहन नाना। भरत भूप दल € ȧÛ¡ पयाना।।
ǿ‘™ ȱरामु ͧ  ™ लखन समेता। चले ‡ ȡǑ¡ Ȳसब लोग अचेता।।
बसह बािज गज पसु Ǒ¡ ™ ȱ¡ ȡšɅ@चले ‡ ȡǑ¡ Ȳपरबस मन ˜ ȡšɅ@
@
दो0-गरु ‚ šǕǓ ™ पद – ȲǑ‘ Ĥ — Ǖसीता लखन समेत।
ͩ• šȯहरष ǒ–  ˜ ™   Ǒ¡  आए परन Ǔ“ €ȯ @ @ 320।।
–*–*–
ǒ–‘ȡ € ȧÛ¡   “ ˜ ȡǓ“ Ǔ“ Ÿ ȡ‘ @
Ǘ चलेउ ǿ‘™ ȱबड़ ǒ– š¡ ǒ–Ÿ ȡ‘ @
Ǘ@
कोल ͩ€ šȡ ͧ— 㛠– “ … ȡšȣ@फेरे ͩ• šȯ‡ Ȫ¡ ȡǐš ‡ Ȫ¡ ȡšȣ@
@
Ĥ — Ǖͧ  ™ लखन –ȰǑ‹ बट † ȡ¡ ȣȲ@ͪĤ ™ ”ǐš‡ “ ǒ– ™ Ȫ‚ ǒ–›  ȡ¡ ȣȲ@
@
भरत सनेह सुभाउ सुबानी। ͪĤ ™ ȡ अनुज सन कहत बखानी।।
Ĥ ȢǓ Ĥ  ȢǓ बचन मन करनी। Į Ȣ˜ Ǖ राम Ĥȯ˜ बस बरनी।।
 ȯǑ¡ अवसर खग मग
ृ जल मीना। ͬ… ğ€ ǗŠ चर अचर ˜ › ȣ“ ȡ@
@
ǒ– – ’Ǖ ǒ– › Ȫͩ€ दसा रघब
ु र € ȧ@– šͪŸ सम
ु न € Ǒ¡ ‚ Ǔ घर घर € ȧ@
@
Ĥ — ǕĤ “ ȡ˜ Ǖ€ ǐš ‘ȣÛ¡ भरोसो। चले ˜ ǕǑ‘ मन डर न खरो सो।।
दो0-सानुज सीय समेत Ĥ — Ǖराजत परन € ǕŠȣš@
— ‚ Ǔ ʙ ȡ“ Ǖ–Ȱšȡʙ जनु सोहत ’ šɅ  šȣš@
@321।।
–*–*–
˜ ǓǕ“ ˜ Ǒ¡   Ǖš गुर भरत भुआलू। राम ǒ–š¡ ȱसबु साजु ǒ– ¡ ȡ› Ǘ@
@
Ĥ — Ǖगुन Ē ȡ˜ गनत मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@सब चप
ु चाप चले मग ‡ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
जमन
ु ा `  ǐš पार सबु भयऊ। सो – ȡ  ǽ ǒ–“ Ǖभोजन गयऊ।।
`  ǐš ‘ȯ   ǐš दस
ू र बास।ू रामसखाँ सब € ȧÛ¡ सप
ु ास।ू ।
सई `  ǐš गोमतीं नहाए। … ȫ ɅǑ‘   अवधपुर आए।
जनकु रहे पुर बासर … ȡšȣ@राज काज सब साज   ȱ— ȡšȣ@
@
  ɋͪ”   ͬ…  गुर — š Ǒ¡ राजू।  ȯš¡ ǕǓ चले सािज सबु साजू।।
नगर “ ȡǐš नर गरु ͧ   मानी। बसे सख
ु ेन राम रजधानी।।
दो0-राम दरस › ͬ‚ लोग सब करत नेम उपबास।
तिज तिज भूषन भोग सुख िजअत \  ͬ’ € ȧȲआस।।322।।
–*–*–
  ͬ…  सस
ु ेवक भरत Ĥ–Ȫ’ ȯ@Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ काज पाइ पाइ ͧ   ओधे।।
” ǕǓ“ ͧ   ‘ȣÛ¡ –Ȫͧ› लघु भाई।   ɋ” Ȣ सकल मातु सेवकाई।।
भूसुर –Ȫͧ› भरत कर जोरे । € ǐš Ĥ“ ȡ˜ बय ǒ– “ ™ Ǔ“ ¡ Ȫšȯ@
@
ऊँच नीच कारजु भल पोच।ू आयसु दे ब न करब सँकोच।ू ।
”ǐš‡ “ परु जन Ĥ‡ ȡ बोलाए। समाधानु € ǐš सब
ु स बसाए।।
सानज
ु गे गरु गेहँ –¡ Ȫšȣ@€ ǐš दं डवत कहत कर ‡ Ȫšȣ@
@
आयसु होइ त š¡ ɋ सनेमा। बोले ˜ ǓǕ“ तन ” ›Ǖ ͩ€ सपेमा।।
समुझव कहब करब  à
Ǖ ¡ जोई। धरम   ȡǽ जग ¡ Ȫ^Ǒ¡ सोई।।
दो0-  Ǖ
Ǔ“ ͧ   पाइ असीस –ͫ° गनक –Ȫͧ› Ǒ‘“ Ǖ  ȡͬ’ @
ͧ  ƒȲ ȡ  “ Ĥ— Ǖपादक
ु ा बैठारे Ǔ“ ǽ”ȡͬ’ @
@323।।
–*–*–
राम मातु गुर पद ͧ  ǽ नाई। Ĥ— Ǖपद पीठ रजायसु पाई।।
“ ȲǑ‘‚ ȡ ȱ€ ǐš परन € ǕŠȣšȡ@€ ȧÛ¡ Ǔ“ ȡ  Ǖधरम धरु धीरा।।
जटाजट
ू ͧ  š ˜ ǓǕ“ ” Š ’ ȡšȣ@˜ Ǒ¡  Ǔ“ कुस   ȡȱ šȣ   ȱ ȡšȣ@
@
असन बसन बासन Ħ  नेमा। करत € Ǒ‹ “ ǐšͪŸ ’ š˜   Ĥȯ˜ ȡ@
@
भूषन बसन भोग सुख — Ǘšȣ@मन तन बचन तजे Ǔ “  šǗȣ@
@
अवध राजु सुर राजु ͧ  ¡ ȡ_@दसरथ धनु   ǕǓ“ धनद ु लजाई।।
 ȯǑ¡ Ȳपुर बसत भरत ǒ–“ Ǖरागा। … …Ȳ šȣ€ ǔ‡ ͧ˜ चंपक बागा।।
रमा ǒ– › ȡ  Ǖराम अनरु ागी। तजत बमन ǔ‡ ͧ˜ जन बड़भागी।।
दो0-राम पेम भाजन भरतु बड़े न f Ǒ¡ Ȳ€ š ǓǗ @
चातक हं स   šȡǑ¡ \  ŠɅ€ ǒ– –ȯ€ ǒ– — ǗǓ @ @324।।
–*–*–
दे ह Ǒ‘“ ¡ ǕȱǑ‘“ ‘ –Ǘ ǐš होई। घटइ तेजु बलु ˜ Ǖ † ǒ– सोई।।
Ǔ“  नव राम Ĥȯ˜ पनु पीना। बढ़त धरम दलु मनु न ˜ › ȣ“ ȡ@
@
ǔ‡ ͧ˜ जलु Ǔ“ ƒ Š सरद Ĥ € ȡ  ȯ@ǒ– ›    बेतस बनज ǒ–€ ȡ  ȯ@
@
सम दम संजम Ǔ“ ™ ˜ उपासा। नखत भरत Ǒ¡ ™ ǒ– ˜ › अकासा।।
Ģ Ǖ ǒ–è ȡ  \ ͬ’ राका सी। è ȡͧ˜   šǕǓ   šǕ– Ȣͬ ǒ–€ ȡ  Ȣ@
@
राम पेम ǒ–’ Ǖअचल अदोषा।   Ǒ¡  समाज सोह Ǔ“  चोखा।।
भरत š¡ Ǔ“   ˜ ˆǕ Ǔ“ करतत
ू ी। — ‚ Ǔ ǒ–šǓ गन
ु ǒ– ˜ › ǒ–— Ǘ Ȣ@
@
बरनत सकल   Ǖ€ ͬ…   € Ǖ… ȡ¡ ȣȲ@सेस गनेस ͬ‚ šȡ गमु “ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
दो0-Ǔ“  पूजत Ĥ— Ǖ” ȡȱ šȣ ĤȢǓ न ǿ‘™ ȱ  ˜ ȡǓ @
@
˜ ȡͬ‚ ˜ ȡͬ‚ आयसु करत राज काज बहु — ȡȱǓ @ @325।।
–*–*–
पुलक गात Ǒ¡ ™ ȱͧ  ™ šƒ Ǖ– ȢǾ @जीह नामु जप लोचन “ ȢǾ @
@
लखन राम ͧ  ™ कानन –  ¡ ȣȲ@भरतु भवन –ͧ  तप तनु €   ¡ ȣȲ@
@
दोउ Ǒ‘ͧ    ˜ ͨǕˆ कहत सबु लोग।ू सब ǒ– ͬ’ भरत सराहन जोग।ू ।
  ǓǕ“ Ħ नेम साधु   € Ǖ… ȡ¡ ȣȲ@‘ȯͨ दसा ˜ ǓǕ“ šȡ‡ › ‡ ȡ¡ ȣȲ@
@
परम पुनीत भरत आचरनू। मधरु मंजु मुद मंगल करनू।।
हरन € Ǒ‹ “ € ͧ› कलुष कलेसू। महामोह Ǔ“ ͧ  दलन Ǒ‘“ ȯ  Ǘ@
@
पाप पुंज कंु जर मग
ृ राजू। समन सकल संताप समाजू।
जन रं जन भंजन भव — ȡǾ @राम सनेह सध
ु ाकर   ȡǾ @
@
छं 0-ͧ  ™ राम Ĥȯ˜ ͪ”™ ŸǗ परू न होत जनमु न भरत को।
˜ ǕǓ“ मन अगम जम Ǔ“ ™ ˜ सम दम ǒ– Ÿ ˜ Ħ आचरत को।।
दख
ु दाह ‘ȡǐš‘ दं भ दष
ू न सुजस ͧ˜   अपहरत को।
€ ͧ› € ȡ› तल
ु सी से   ‹ ǔÛ¡ ¡ Ǒ‹ राम सनमख
ु करत को।।
सो0-भरत … ǐš € ǐš नेमु तल
ु सी जो सादर   “Ǖ Ǒ¡ @
Ȳ
सीय राम पद पेमु \  ͧ  होइ भव रस ǒ–šǓ @
@326।।
मासपारायण, ^Ȁ ȧ  ȡȱͪĮ ȡ˜
^Ǔ Į Ȣ˜ ġȡ˜ … ǐš ˜ ȡ“   ȯ  € › € ͧ› € › ǕŸ ͪÚ Ȳ  “ ȯ
ɮͪ Ȣ™ Ȭ सोपानः   ˜ ȡ܏ Ȭ@
————
(\ ™ Ȫڙ ȡ€ ȡ֌   ˜ ȡ܏ )
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Į Ȣ गणेशाय नमः
Į Ȣ ‡ ȡ“ € ȧ 㛠— Ȫ ͪ‡ ™  ȯ
Į Ȣ šȡ˜ … ǐš ˜ ȡ“  
———-
ततृ ीय सोपान
(\ šÖ™ € ȡ֌)
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मूलं ’ ˜ [ šȪͪ [ ȯ€ ‡ › ’ ȯȬ ” ǗŽ ȶۑ ˜Ǖ ȡ“ ۑ‘Ȳ
Ȱšȡʙ ȡà– ‡Ǖ — ȡè€ šȲé™ ƒ ƒ “ ڝȡۏ ȡ”¡ Ȳतापहम ्।
˜ Ȫ¡ ȡà— Ȫ’ š” ‚Ǘ ”ȡŠ“ ͪ ’ ȫ è Ȭ  à— Ȳž ɨ€ šȲ
 ۑȯĦé˜ € Ǖ› Ȳकलंकशमनं Į Ȣšȡ˜ — Ǘ” ͪĤ ™ ˜ @
@
Q1।।
  ȡÛġȡ“ ۑ”™ Ȫ‘  ȫ— ‚  “ ǕȲ”Ȣ ȡà– šȲ  ǕۑšȲ
पाणौ बाणशरासनं € ǑŠ›   ׏ ŽǗ Ȣš— ȡšȲवरम ्
राजीवायतलोचनं धत
ृ जटाजट
ू े न   Ȳž Ȫͧ—  Ȳ
  Ȣ ȡ› ê˜ Ž   ™Ȳ Ǖ Ȳ” ͬ ‚  Ȳšȡ˜ ȡͧ— šȡ˜ Ȳभजे।।2।।
सो0-उमा राम गन
ु गढ़
ू ”ȲͫŒ ˜ ǓǕ“ ” ȡǑ¡ Ȳǒ–šǓ @
”ȡǑ¡ Ȳमोह ǒ–˜ Ǘ± जे ¡ ǐš ǒ– ˜ Ǖ न ’ ˜ [šǓ @
@
पुर नर भरत ĤȢǓ ˜ ɇगाई। ˜ Ǔ \ “ ǕǾ ” अनूप सुहाई।।
अब Ĥ — Ǖ… ǐš सुनहु \ Ǔ पावन। करत जे बन सुर नर ˜ ǕǓ“ भावन।।
एक बार … ǓǕ“ कुसम
ु सह
ु ाए। Ǔ“ ‡ कर भष
ू न राम बनाए।।
  Ȣ Ǒ¡ ”Ǒ¡ šȡf Ĥ— Ǖसादर। बैठे • ǑŠ€ ͧ  › ȡ पर सुंदर।।
  Ǖš”Ǔ सुत ’ ǐš बायस बेषा। सठ चाहत šƒ Ǖ” Ǔ बल दे खा।।
ǔ‡ ͧ˜ ͪ””Ȣͧ› € ȡ सागर थाहा। महा ˜ Ȳ‘ ˜ Ǔ पावन चाहा।।
सीता चरन … ɋ… ¡ Ǔ भागा। मढ़
ू ˜ Ȳ‘ ˜ Ǔ कारन कागा।।
चला ǽͬ’ š रघन
ु ायक जाना। सींक धनष
ु सायक संधाना।।
दो0-\ Ǔ कृपाल रघन
ु ायक सदा ‘ȣ“ पर नेह।
ता सन आइ € ȧÛ¡ छलु मूरख अवगुन गेह।।1।।
Ĥȯǐš ˜ Ȳğ Ħé˜   š धावा। चला भािज बायस भय पावा।।
’ ǐš Ǔ“ ‡ ǽ” गयउ ͪ” Ǖ”ȡ¡ ȣȲ@राम ǒ– ˜ Ǖ राखा  ȯǑ¡ “ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
भा Ǔ“ šȡ  उपजी मन ğȡ  ȡ@जथा … Đ भय ǐšͪŸ ‘ –Ǖ ȡ[  ȡ@
@
Ħ é˜ ’ ȡ˜ ͧ  ” šǕ सब लोका। ͩ• šȡ Į ͧ˜  ޙ ȡ€ Ǖ› भय सोका।।
काहूँ बैठन कहा न j ¡ ȣ@šȡͨ को सकइ राम कर ġȪ¡ ȣ@ @
मातु ˜ ×Ǚ™ Ǖͪ” Ǖसमन समाना। सुधा होइ ǒ–Ÿ सुनु ¡ ǐš‡ ȡ“ ȡ@
@
ͧ˜ ğ करइ सत ǐš” Ǖकै करनी। ता कहँ ǒ–– Ǖ’ “ ‘ȣ बैतरनी।।
सब जगु  ȡǑ¡ अनलहु ते ताता। जो रघब
ु ीर ǒ– ˜ Ǖ सन
ु ु ħ ȡ ȡ@
@
नारद दे खा ǒ–€ › जयंता। › ȡͬ‚ दया कोमल ͬ…  संता।।
पठवा तरु त राम ”Ǒ¡ Ȳ ȡ¡ ȣ@€ ¡ ȯͧ  ” €Ǖ ȡǐš Ĥ“  Ǒ¡  ” ȡ¡ ȣ@
@
आतरु सभय ‚ ¡ ȯͧ  पद जाई। ğȡǑ¡ ğȡǑ¡ दयाल रघुराई।।
\  ͧǕ›  बल \  ͧǕ›  Ĥ — Ǖ ȡ_@˜ ɇ˜ Ǔ ˜ Ȳ‘ ‡ ȡǓ“ “ Ǒ¡ Ȳपाई।।
Ǔ“ ‡ कृत € ˜ [‡ Ǔ“  फल पायउँ । अब Ĥ— Ǖ” ȡǑ¡ सरन  ͩ€ आयउँ ।।
  ǓǕ“ कृपाल \ Ǔ आरत बानी। एकनयन € ǐš तजा भवानी।।
सो0-€ ȧÛ¡ मोह बस ġȪ¡ ‡ ɮ™ ͪ”  ȯǑ¡ कर बध ` ͬ…  @
Ĥ— Ǖछाड़ेउ € ǐš छोह को कृपाल रघुबीर सम।।2।।
šƒ Ǖ” Ǔ ͬ… ğ€ ǗŠ –ͧ  नाना। … ǐš ͩ€ f Į ǓǕ सुधा समाना।।
– ¡ Ǖǐš राम अस मन अनम
ु ाना। ¡ Ȫ^Ǒ¡ भीर   – Ǒ¡ Ȳ˜ ȪǑ¡ जाना।।
सकल ˜ Ǔ
Ǖ“ Û¡ सन ǒ–‘ȡ कराई। सीता   Ǒ¡  चले ɮȫ भाई।।
\ ǒğ के ] Į ˜ जब Ĥ— Ǖगयऊ। सन
ु त ˜ ¡ ȡ˜ ǓǕ“ ¡ šͪŸ भयऊ।।
” Ǖ› ͩ€  गात \ ǒğ ` Ǒ‹ धाए। ‘ȯͨ रामु आतरु … ͧ› आए।।
करत दं डवत ˜ ǕǓ“ उर लाए। Ĥȯ˜ – ȡǐš ɮȫ जन \ Û¡ ȡf @
@
‘ȯͨ राम † ǒ– नयन जुड़ाने। सादर Ǔ“ ‡ ] Į ˜ तब आने।।
€ ǐš पज
ू ा € Ǒ¡ बचन सह
ु ाए। Ǒ‘f मल
ू फल Ĥ — Ǖमन भाए।।
सो0-Ĥ— Ǖआसन आसीन — ǐš लोचन सोभा Ǔ“ šͨ @
˜ ǕǓ“ – š परम Ĥ– Ȣ“ ‡ Ȫǐš ” ȡǓ“ \ è ǓǕ करत।।3।।
छं 0-“ ˜ ȡͧ˜ — ȏ  ×  › Ȳ@कृपालु शील कोमलं।।
— ‡ ȡͧ˜ ते पदांबुजं। \ € ȡͧ˜ “ ȡȲ蝒 ȡ˜ ‘Ȳ@
@
Ǔ“ € ȡ˜ æ™ ȡ˜ संद
ु रं । —  ȡà– “Ǖ ȡ मंदरं ।।
Ĥ• Ǖ㛠कंज लोचनं। ˜ ‘ȡǑ‘ दोष मोचनं।।
Ĥ› Ȳ– बाहु ͪĐ ˜ Ȳ@Ĥ — ȪMĤ˜ ȯ™ वैभवं।।
Ǔ“ Ÿ Ȳ‚ चाप सायकं। धरं ǒğ› Ȫ€ नायकं।।
Ǒ‘“ ȯž वंश मंडनं। महे श चाप खंडनं।।
˜ Ǖ“ ȢȲġ संत रं जनं।   Ǖšȡǐš वंद
ृ भंजनं।।
मनोज Ȱǐš ȲǑ‘ @
Ȳ \ ‡ ȡǑ‘ दे व   ȯͪ  @
Ȳ@
ͪž Ǖƨ बोध ͪĒ ¡ Ȳ@  ˜ è दष
ू णापहं ।।
“ ˜ ȡͧ˜ ^ȲǑ‘šȡ ” Ǔ @
Ȳ सुखाकरं सतां ‚ Ǔ @
Ȳ@
भजे   ž ǔȏ सानुजं। शची ”Ǔ ȲͪĤ™ ȡ“ Ǖ‡ Ȳ@
@
ם ‘ȲǓē मल
ू ये नराः। — ‡ ȲǓ ¡ ȣ“ ˜ ×  šȡ@
@
”  ǓȲ नो — ȡŽ [ ȯ@ͪ €[ Ȣͬ… संकुले।।
ͪͪÈ ȡͧ  “ Ȭ सदा। — ‡ ȲǓ ˜ È
Ǖ  ™ ȯमद
ु ा।।
Ǔ“ šè™ ^ȲǑġ™ ȡǑ‘€Ȳ@Ĥ ™ ȡȲǓ ते ‚ Ǔ Ȳè €Ȳ@
@
 ˜ ȯ€ ˜ ߑ Ǖ ȲĤ — ǕȲ@Ǔ“ šȣ¡ ˜ Ȣ杚Ȳͪ— ǕȲ@
@
‡ ‚ ɮ‚ ǕǽȲच ž ȡæ  @
Ȳ  šǕȣ™ ˜ ȯ केवलं।।
— ‡ ȡͧ˜ भाव ã› — Ȳ@€ Ǖ™ Ȫͬ‚ “ ȡȲ  ‘Ǖ ›Ǖ —[ Ȳ@
@
蝗 ȏ € 㔠पादपं। समं    Ǖ ȯå™ ˜ ۝ ¡ Ȳ@
@
अनूप Ǿ ” — Ǘ” Ǔ @
Ȳ “  ȪM¡ ˜ Ǖͪ ‡[ ȡ ”Ǔ @
Ȳ@
Ĥ  Ȣ‘ मे “ ˜ ȡͧ˜ ते। ”‘ȡއ — ǔȏ ‘ȯǑ¡ मे।।
”‹ȲǓ ये è  Ȳइदं । नरादरे ण ते पदं ।।
ĭ ‡ ȲǓ “ ȡğ संशयं। ם ‘ȣ™ — ǔȏ संयत
ु ा।।
दो0-ǒ–“  Ȣ € ǐš ˜ ǓǕ“ नाइ ͧ  ǽ कह कर ‡ Ȫǐš –¡ Ȫǐš@
चरन   šȪǽ¡ नाथ ‡ Ǔ“ कबहुँ तजै ˜ Ǔ ˜ Ȫǐš@ @4।।
–*–*–
अनस
ु इ
ु या के पद ‚ Ǒ¡ सीता। ͧ˜ › ȣ –¡ Ȫǐš सस
ु ील ǒ– “ Ȣ ȡ@
@
ǐšͪŸ ”Ǔ “ Ȣ मन सख
ु \ ͬ’ € ȡ_@] ͧ  Ÿ दे इ Ǔ“ € Š बैठाई।।
Ǒ‘Þ™ बसन भूषन ” Ǒ¡ šȡf @जे Ǔ“  नूतन अमल सुहाए।।
कह ǐšͪŸ–’ Ǘसरस मद
ृ ु बानी। “ ȡǐš’ ˜ [कछु ޙ ȡ‡ बखानी।।
मातु ͪ” ȡ ħ ȡ ȡ Ǒ¡  € ȡšȣ@ͧ˜  Ĥ ‘ सब सन
ु ु šȡ‡ € Ǖ˜ ȡšȣ@
@
\ ͧ˜  ‘ȡǓ“ —  ȡ[–™ ‘ȯ¡ ȣ@अधम सो “ ȡǐš जो सेव न  ȯ
¡ ȣ@
@
धीरज ’ ˜ [ͧ˜ ğ \ ǽ “ ȡšȣ@आपद काल ”ǐšͨ \ Ǒ¡ Ȳ… ȡšȣ@
@
– ƨǙ रोगबस जड़ ’ “ ¡ ȣ“ ȡ@अधं –ͬ’ š Đ Ȫ’ Ȣ \ Ǔ ‘ȣ“ ȡ@
@
ऐसेहु ”Ǔ कर ͩ€ f ȱअपमाना। “ ȡǐš पाव जमपरु दख
ु नाना।।
एकइ ’ ˜ [एक Ħ नेमा। कायँ बचन मन ”Ǔ पद Ĥȯ˜ ȡ@
@
जग ”Ǔ Ħ  ȡ … ȡǐš ǒ–ͬ’ \ ¡ Ǒ¡ @
Ȳ बेद पुरान संत सब € ¡ Ǒ¡ @
Ȳ@
` ׏ ˜ के अस बस मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@सपनेहुँ आन ” Ǖǽ Ÿ जग “ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
˜ ڙ ˜ ”š”Ǔ दे खइ €Ȱ  Ʌ@ħ ȡ ȡ ͪ” ȡ ” Ǖğ Ǔ“ ‡ ‡  ɇ Ʌ@
@
’ ˜ [ǒ–… ȡǐš   ˜ ͨǕˆ कुल रहई। सो Ǔ“ ͩ€ çŠ ǒğ™ Į ǓǕ अस कहई।।
ǒ–“ Ǖअवसर भय  Ʌरह जोई। जानेहु अधम “ ȡǐš जग सोई।।
” Ǔ बंचक ”š” Ǔ šǓ करई। रौरव नरक € 㔠सत परई।।
छन सुख › ȡͬ‚ जनम सत € ȪǑŠ@दख
ु न समुझ  ȯǑ¡ सम को  ȪŠȣ@
@
ǒ– “ ǕĮ ˜ “ ȡǐš परम ‚ Ǔ लहई। ” Ǔ Ħ ’ ˜ [† ȡͫ° छल गहई।।
” Ǔ ĤǓ € Ǖ› जनम जहँ जाई। ǒ– ’  ȡ होई पाई  ǽ“ ȡ_@
@
सो0-सहज \ ”ȡ Ǔ“ “ ȡǐš ” Ǔ सेवत सभ
ु ‚ Ǔ लहइ।
जसु गावत Į ǓǕ … ȡǐš अजहु  ›Ǖ ͧ  € ȡ ¡ ǐšǑ¡ ͪĤ™ @
@5क।।
सनु सीता तव नाम   Ǖͧ˜ š “ ȡǐš ” Ǔ Ħ  € šǑ¡ @
 ȪǑ¡ Ĥȡ“ ͪĤ™ राम € Ǒ¡ `ȱकथा संसार Ǒ¡  @
@5ख।।
  ǕǓ“ ‡ ȡ“ € ȧȲपरम सुखु पावा। सादर तासु चरन ͧ  ǽ नावा।।
तब ˜ ǓǕ“ सन कह € Ǚ”ȡǓ“ ’ ȡ“ ȡ@आयसु होइ जाउँ बन आना।।
संतत मो पर कृपा करे हू। सेवक ‡ ȡǓ“ तजेहु ‡ Ǔ“ नेहू।।
’ ˜ [धरु ं धर Ĥ— Ǖकै बानी।   ǕǓ“   Ĥȯ˜ बोले ˜ ǕǓ“ ʙ ȡ“ Ȣ@
@
जासु कृपा अज ͧ     “ € ȡ‘ȣ@चहत सकल परमारथ – ȡ‘ȣ@
@
ते  à
Ǖ ¡ राम अकाम ͪ” ] šȯ@‘ȣ“ बंधु मद
ृ ु बचन उचारे ।।
अब जानी ˜ ɇĮ Ȣ चतरु ाई। भजी  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ सब दे व ǒ–¡ ȡ_@
@
‡ ȯǑ¡ समान \ Ǔ   ™ “ Ǒ¡ Ȳकोई। ता कर सील कस न अस होई।।
€ȯǑ¡ ǒ–ͬ’ € ¡ ɋ जाहु अब èȡ˜ Ȣ@कहहु नाथ  à
Ǖ ¡ अंतरजामी।।
अस € Ǒ¡ Ĥ— Ǖǒ–› Ȫͩ€ ˜ ǕǓ“ धीरा। लोचन जल बह पुलक   šȣšȡ@
@
छं 0-तन पुलक Ǔ“ — š[ Ĥȯ˜ पुरन नयन मुख पंकज Ǒ‘f @
मन ʙ ȡ“ गन
ु गोतीत Ĥ— Ǖ˜ ɇ‘ȣ जप तप का ͩ€ f @
@
जप जोग ’ ˜ [समह
ू  Ʌनर — ‚ Ǔ अनप
ु म पावई।
रधब
ु ीर … ǐš पुनीत Ǔ“ ͧ  Ǒ‘“ दास तल
ु सी गावई।।
दो0- € ͧ› ˜ › समन दमन मन राम सुजस सुखमूल।
सादर   Ǖ“ Ǒ¡ जे Ǔ Û¡ पर राम š¡ Ǒ¡ Ȳअनुकूल।।6(क)।।
सो0-€ Ǒ‹ “ काल मल कोस ’ ˜ [न ʙ ȡ“ न जोग जप।
”ǐš¡ ǐš सकल भरोस šȡ˜ Ǒ¡ — ‡ Ǒ¡ Ȳते चतरु नर।।6(ख)।।
–*–*–
˜ ǓǕ“ पद कमल नाइ € ǐš सीसा। चले – “ Ǒ¡ सरु नर ˜ ǓǕ“ ईसा।।
आगे राम अनज
ु ” ǓǕ“ ”ȡ† Ʌ@˜ ǓǕ“ बर बेष बने \ Ǔ € ȡ† Ʌ@
@
उमय बीच Į Ȣ सोहइ कैसी। Ħ é˜ जीव ǒ– … माया जैसी।।
  ǐš ȡ बन ͬ‚ ǐš अवघट घाटा। ”Ǔ ”Ǒ¡ … ȡ“ Ȣ ‘ȯǑ¡ Ȳबर बाटा।।
जहँ जहँ ‡ ȡǑ¡ दे व रघुराया। € šǑ¡ Ȳमेध तहँ तहँ नभ छाया।।
ͧ˜ › ȡ असुर ǒ–šȡ’ मग जाता। ]   ¡ ȣȲरघुवीर Ǔ“ ” ȡ ȡ@
@
 šǕ Ǒ¡ Ȳǽͬ… š Ǿ ”  ȯǑ¡ Ȳपावा। ‘ȯͨ दख
ु ी Ǔ“ ‡ धाम पठावा।।
” ǕǓ“ आए जहँ ˜ ǕǓ“ सरभंगा। सुंदर अनुज ‡ ȡ“ € ȧ संगा।।
दो0-दे खी राम मख
ु पंकज ˜ ǓǕ“ –š लोचन भंग
ृ ।
सादर पान करत \ Ǔ ’ ۙ ‡ ۘ सरभंग।।7।।
–*–*–
कह ˜ ǓǕ“ सन
ु ु रघब
ु ीर कृपाला। संकर मानस राजमराला।।
जात रहे उँ ǒ–šȲͬ… के धामा। सन
ु ेउँ Į  “ बन g¡ Ǒ¡ Ȳरामा।।
ͬ…    पंथ रहे उँ Ǒ‘“ राती। अब Ĥ— Ǖ‘ȯͨ जड़
ु ानी छाती।।
नाथ सकल साधन ˜ ɇ¡ ȣ“ ȡ@€ ȧÛ¡ ȣ कृपा ‡ ȡǓ“ जन ‘ȣ“ ȡ@
@
सो कछु दे व न ˜ ȪǑ¡ Ǔ“ ¡ Ȫšȡ@Ǔ“ ‡ पन राखेउ जन मन चोरा।।
तब › ͬ‚ रहहु ‘ȣ“ Ǒ¡  लागी। जब › ͬ‚ ͧ˜ › ɋ  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ तनु י ȡ‚ Ȣ@
@
जोग ‡ ʙ जप तप Ħ € ȧÛ¡ ȡ@Ĥ— Ǖकहँ दे इ — ‚ Ǔ बर › ȣÛ¡ ȡ@ @
f Ǒ¡ ǒ– ͬ’ सर šͬ… ˜ ǓǕ“ सरभंगा। बैठे ǿ‘™ ȱ† ȡͫ° सब संगा।।
दो0-सीता अनज
ु समेत Ĥ — Ǖनील जलद तनु è™ ȡ˜ @
मम Ǒ¡ ™ ȱबसहु Ǔ“ šȲ š   ‚ Ǖ“ ǽ” Į Ȣšȡ˜ @
@8।।
–*–*–
अस € Ǒ¡ जोग \ ͬ‚ Ǔ“ तनु जारा। राम कृपाँ बैकंु ठ ͧ  ’ ȡšȡ@
@
ताते ˜ ǕǓ“ ¡ ǐš › ȣ“ न भयऊ। Ĥ  ˜ Ǒ¡ Ȳभेद — ‚ Ǔ बर लयऊ।।
ǐšͪŸ Ǔ“ € ȡ™ ˜ ǕǓ“ –š ‚ Ǔ ‘ȯͨ @सुखी भए Ǔ“ ‡ ǿ‘™ ȱǒ–  ȯŸ Ȣ@
@
\ è ǓǕ € šǑ¡ Ȳसकल ˜ ǓǕ“ बंद
ृ ा। ‡ ™ Ǔ Ĥ “  Ǒ¡  € ǽ“ ȡ कंदा।।
” ǓǕ“ रघन
ु ाथ चले बन आगे। ˜ ǓǕ“ – š बंद
ृ ǒ–” ›Ǖ सँग लागे।।
\ ǔè समूह ‘ȯͨ रघुराया। ” Ǘ† Ȥ ˜ ǕǓ“ Û¡ › ȡͬ‚ \ Ǔ दाया।।
जानतहुँ ” ǗǓ† \ कस è ȡ˜ Ȣ@सबदरसी  à Ǖ ¡ अंतरजामी।।
Ǔ“ ͧ  … š Ǔ“ € š सकल ˜ ǕǓ“ खाए।   ǕǓ“ रघब
ु ीर नयन जल छाए।।
दो0-Ǔ“ ͧ  … š ¡ ȣ“ करउँ ˜ Ǒ¡ भज
ु उठाइ पन € ȧÛ¡ @
सकल ˜ ǓǕ“ Û¡ के ] Į ˜ ǔÛ¡ जाइ जाइ सखु ‘ȣÛ¡ @
@9।।
–*–*–
˜ ǓǕ“ \ ‚ ǔè कर ͧ  ç™ सजु ाना। नाम सत
ु ीछन šǓ भगवाना।।
मन Đ ˜ बचन राम पद सेवक। सपनेहुँ आन भरोस न दे वक।।
Ĥ— Ǖआगवनु Į  “   ǓǕ“ पावा। करत मनोरथ आतरु धावा।।
हे ǒ–ͬ’ ‘ȣ“ –Ȳ’ Ǖरघुराया। मो से सठ पर € ǐš¡ Ǒ¡ Ȳदाया।।
  Ǒ¡  अनुज ˜ ȪǑ¡ राम गोसाई। ͧ˜ ͧ› ¡ Ǒ¡ ȲǓ“ ‡ सेवक € ȧ नाई।।
मोरे िजयँ भरोस Ǻ± “ ȡ¡ ȣȲ@— ‚ Ǔ ǒ– šǓ न ʙ ȡ“ मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
“ Ǒ¡ Ȳसतसंग जोग जप जागा। “ Ǒ¡ ȲǺ± चरन कमल अनरु ागा।।
एक –ȡǓ“ € ǽ“ ȡǓ“ ’ ȡ“ € ȧ@सो ͪĤ ™ ‡ ȡ€Ʌ‚ Ǔ न आन € ȧ@
@
¡ Ȫ^¡ ɇसुफल आजु मम लोचन। ‘ȯͨ बदन पंकज भव मोचन।।
Ǔ“ — š[ Ĥȯ˜ मगन ˜ ǕǓ“ ʙ ȡ“ Ȣ@€ Ǒ¡ न जाइ सो दसा भवानी।।
Ǒ‘ͧ  \ ǽ ǒ–Ǒ‘ͧ  पंथ “ Ǒ¡ Ȳसूझा। को ˜ ɇचलेउँ कहाँ “ Ǒ¡ Ȳबझ
ू ा।।
कबहुँक ͩ• ǐš ”ȡ† Ʌ” ǓǕ“ जाई। कबहुँक “ ×Ǚ™ करइ गन
ु गाई।।
\ ǒ– š› Ĥȯ˜ — ‚ Ǔ ˜ ǓǕ“ पाई। Ĥ— Ǖ‘ȯ ɇ ǽ ओट लक
ु ाई।।
\ Ǔ   ™ ĤȢǓ ‘ȯͨ रघब
ु ीरा। Ĥ ‚ Šȯǿ‘™ ȱहरन भव भीरा।।
˜ ǕǓ“ मग माझ अचल होइ बैसा। पुलक   šȣš पनस फल जैसा।।
तब रघुनाथ Ǔ“ € Š … ͧ› आए। ‘ȯͨ दसा Ǔ“ ‡ जन मन भाए।।
˜ ǕǓ“ Ǒ¡ राम बहु — ȡȱǓ जगावा। जाग न ڙ ȡ“ ‡ Ǔ“  सुख पावा।।
भूप Ǿ ” तब राम दरु ावा। ǿ‘™ ȱ…  —Ǖ ‡Ǖ[ Ǿ ” दे खावा।।
˜ ǕǓ“ अकुलाइ उठा तब €Ȱ  Ʌ@ǒ–€ › ¡ ȣ“ ˜ Ǔ“ • Ǔ“ बर ‡ Ȱ  Ʌ@
@
] ‚ Ʌ‘ȯͨ राम तन è™ ȡ˜ ȡ@सीता अनज
ु   Ǒ¡  सख
ु धामा।।
परे उ लकुट इव … š“ ǔÛ¡ लागी। Ĥȯ˜ मगन ˜ ǓǕ“ – š बड़भागी।।
भज
ु ǒ–  ȡ› ‚ Ǒ¡ ͧ› f उठाई। परम Ĥ ȢǓ राखे उर लाई।।
˜ ǕǓ“ Ǒ¡ ͧ˜ ›  अस सोह कृपाला। कनक  ǽǑ¡ जनु — ɅŠ तमाला।।
राम बदनु ǒ– › Ȫ€ ˜ ǕǓ“ ठाढ़ा। मानहुँ ͬ… ğ माझ ͧ› ͨ काढ़ा।।
दो0-तब ˜ ǕǓ“ ǿ‘™ ȱधीर धीर ‚ Ǒ¡ पद – ȡšǑ¡ Ȳबार।
Ǔ“ ‡ ] Į ˜ Ĥ— Ǖ] Ǔ“ € ǐš पज ू ा ǒ–ǒ– ’ Ĥ € ȡš@
@10।।
–*–*–
कह ˜ ǕǓ“ Ĥ — Ǖसुनु ǒ–“  Ȣ ˜ Ȫšȣ@\ è ǓǕ € šɋ कवन ǒ– ͬ’  Ȫšȣ@
@
˜ Ǒ¡ ˜ ȡ \ ͧ˜  ˜ Ȫǐš ˜ Ǔ  Ȫšȣ@šǒ–   ۘ Ǖ  ɮ™ Ȫ \ ȱ‡ Ȫšȣ@
@
æ™ ȡ˜ तामरस दाम ž šȣšȲ@जटा मक
ु ु ट ” ǐš’ “ ˜ ǓǕ“ … ȢšȲ@
@
” ȡͨŽ चाप शर € ǑŠ तण
ू ीरं । “ ȫͧ˜ Ǔ“ šȲ š Į Ȣšƒ Ǖ ȢšȲ@
@
मोह ͪͪ”“ घन दहन कृशानःु । संत   šȪǽ¡ कानन भानुः।।
Ǔ“ ͧž … š € ǐš Ǿ  मग
ृ राजः। ğȡ Ǖसदा नो भव खग बाजः।।
\ ǽŽ नयन राजीव सव
ु ेशं। सीता नयन चकोर Ǔ“ ž žȯ Ȳ@
@
हर ıǑ‘ मानस बाल मरालं। “ ȫͧ˜ राम उर बाहु ͪž ȡ› Ȳ@
@
संशय   ” [Ē   “ उरगादः। शमन   €Ǖ €[ž  €[ ͪ Ÿȡ‘Ȭ@
@
भव भंजन रं जन सुर यूथः। ğȡ Ǖसदा नो कृपा  Ǿ  Ȭ@
@
Ǔ“ ‚ ŽǕ[ सगुण ͪŸ˜ सम Ǿ ”Ȳ@£ ȡ“ ͬ‚ šȡ गोतीतमनूपं।।
\ ˜ › ˜ ͨ › ˜ “ ɮ™ ˜ ”ȡšȲ@“ ȫͧ˜ राम भंजन ˜ Ǒ¡ भारं ।।
— ȏ € 㔠”ȡ‘” आरामः।  ‡ “[ Đ Ȫ’ लोभ मद कामः।।
\ Ǔ नागर भव सागर सेतःु । ğȡ Ǖसदा Ǒ‘“ € š कुल केतःु ।।
\  ͧǕ›  भज
ु Ĥ  ȡ” बल धामः। € ͧ› मल ͪ” ›Ǖ ͪ— Ȳ‡ “ नामः।।
’ ˜ [˜ [“ ˜ ‘[ गण
ु Ē ȡ˜ Ȭ@संतत शं तनोतु मम रामः।।
‡ ‘ͪ” ǒ–š‡ ޙ ȡ”€ \ ǒ–“ ȡ  Ȣ@सब के ǿ‘™ ȱǓ“ šȲ š बासी।।
 ‘ͪ” अनुज Į Ȣ   Ǒ¡   šȡšȣ@बसतु ˜ “ ͧ  मम € ȡ“ “ … ȡšȣ@
@
जे ‡ ȡ“ Ǒ¡ Ȳते जानहुँ èȡ˜ Ȣ@सगुन अगुन उर अंतरजामी।।
जो कोसल ”Ǔ रािजव नयना। करउ सो राम ǿ‘™ मम अयना।
अस \ ͧ— ˜ ȡ“ जाइ ‡ Ǔ“ भोरे । ˜ ɇसेवक šƒ ”Ǖ Ǔ ” Ǔ मोरे ।।
 Ǔ
Ǖ“ ˜ ǓǕ“ बचन राम मन भाए। – ¡ Ǖǐš ¡ šͪŸ ˜ ǓǕ“ – š उर लाए।।
परम Ĥ  ۓ जानु ˜ ǕǓ“ ˜ Ȫ¡ ȣ@जो बर मागहु दे उ सो  Ȫ¡ ȣ@@
˜ǕǓ“ कह मै बर कबहुँ न जाचा।   ˜ Ǖͨˆ न परइ झूठ का साचा।।
à
Ǖ ¡ Ǒ¡ नीक लागै रघुराई। सो ˜ ȪǑ¡ दे हु दास सुखदाई।।
\ ǒ–š› — ‚ Ǔ ǒ–šǓ ǒ–Ê™ ȡ“ ȡ@होहु सकल गन ु ʙ ȡ“ Ǔ“ ’ ȡ“ ȡ@
@
Ĥ— Ǖजो ‘ȣÛ¡ सो –ǽ ˜ ɇपावा। अब सो दे हु ˜ ȪǑ¡ जो भावा।।
दो0-अनज ु ‡ ȡ“ € ȧ   Ǒ¡  Ĥ — Ǖचाप बान धर राम।
मम Ǒ¡ ™ गगन इंद ु इव बसहु सदा Ǔ“ ¡ € ȡ˜ @ @11।।
–*–*–
f  ˜ è Ǖ€ ǐš š˜ ȡǓ“ ȡ  ȡ@¡ šͪŸ चले कुभंज ǐšͪŸ पासा।।
बहुत Ǒ‘  गुर दरसन पाएँ। भए ˜ ȪǑ¡ f Ǒ¡ Ȳ] Į ˜ आएँ।।
अब Ĥ — Ǖसंग जाउँ गुर ”ȡ¡ ȣȲ@ à
Ǖ ¡ कहँ नाथ Ǔ“ ¡ Ȫšȡ “ ȡ¡ ȣȲ@
@
‘ȯͨ € Ǚ”ȡǓ“ ͬ’ ˜ ǕǓ“ चतरु ाई। ͧ› f संग ǒ–¡   Ȱɮȫ भाई।।
पंथ कहत Ǔ“ ‡ — ‚ Ǔ अनूपा। ˜ ǕǓ“ ] Į ˜ पहुँचे सुरभूपा।।
तरु त सुतीछन गुर ”Ǒ¡ Ȳगयऊ। € ǐš दं डवत कहत अस भयऊ।।
नाथ कौसलाधीस कुमारा। आए ͧ˜ › “ जगत आधारा।।
राम अनज ु समेत –Ȱ‘ȯ¡ ȣ@Ǔ“ ͧ  Ǒ‘“ Ǖदे व जपत हहु ‡ ȯ¡ ȣ@
@
सन
ु त \ ‚ ǔè तरु त ` Ǒ‹ धाए। ¡ ǐš ǒ– › Ȫͩ€ लोचन जल छाए।।
˜ ǕǓ“ पद कमल परे ɮȫ भाई। ǐšͪŸ \ Ǔ Ĥ ȢǓ ͧ› f उर लाई।।
सादर कुसल ” ǗǓ† ˜ ǕǓ“ ʙ ȡ“ Ȣ@आसन बर बैठारे आनी।।
”Ǖ
Ǔ“ € ǐš बहु Ĥ€ ȡš Ĥ— Ǖपूजा। ˜ ȪǑ¡ सम — ȡʙ Ȳ “ Ǒ¡ Ȳदज
ू ा।।
जहँ › ͬ‚ रहे अपर ˜ ǓǕ“ बंद
ृ ा। हरषे सब ǒ– › Ȫͩ€ सख
ु कंदा।।
दो0-˜ ǓǕ“ समह
ू महँ बैठे   ۘ Ǖ सब € ȧ ओर।
सरद इंद ु तन ͬ…    मानहुँ Ǔ“ € š चकोर।।12।।
–*–*–
तब रघब
ु ीर कहा ˜ ǓǕ“ ”ȡ¡ ȣȲ@ à
Ǖ ¡ सन Ĥ — Ǖदरु ाव कछु “ ȡ¡ ȣ@
@
à
Ǖ ¡ जानहु ‡ ȯǑ¡ कारन आयउँ । ताते तात न € Ǒ¡ समुझायउँ ।।
अब सो ˜ Ȳğ दे हु Ĥ— Ǖ˜ Ȫ¡ ȣ@‡ ȯǑ¡ Ĥ€ ȡš ˜ ȡšɋ ˜ ǕǓ“ ġȪ¡ ȣ@
@
˜ ǕǓ“ मुसकाने   ǕǓ“ Ĥ— Ǖबानी। पूछेहु नाथ ˜ ȪǑ¡ का जानी।।
à
Ǖ ¡ šȯ^ ȱभजन Ĥ — ȡ \ ƒ ȡšȣ@जानउँ ˜ Ǒ¡ ˜ ȡ कछुक  à
Ǖ ¡ ȡšȣ@
@
a ˜ ǐš  ǽ ǒ–   ȡ› तव माया। फल Ħé˜ ȡȲŒ अनेक Ǔ“ € ȡ™ ȡ@
@
जीव चराचर जंतु समाना। भीतर –  Ǒ¡ न ‡ ȡ“ Ǒ¡ Ȳआना।।
ते फल — Í † € € Ǒ‹ “ कराला। तव भयँ डरत सदा सोउ काला।।
ते  à
Ǖ ¡ सकल › Ȫ€ ”Ǔ   ȡɃ@पँछ
ू े हु ˜ ȪǑ¡ मनुज € ȧ “ ȡɃ@
@
यह बर मागउँ € Ǚ”ȡǓ“ €ȯ ȡ@बसहु ǿ‘™ ȱĮ Ȣ अनुज समेता।।
\ ǒ–š› — ‚ Ǔ ǒ– šǓ सतसंगा। चरन   šȪǽ¡ Ĥ ȢǓ अभंगा।।
‡ ɮ™ ͪ” Ħ é˜ अखंड अनंता। अनुभव ‚ à™ — ‡ Ǒ¡ Ȳ‡ ȯǑ¡ संता।।
अस तव Ǿ ” बखानउँ जानउँ । ͩ• ǐš ͩ• ǐš सगन
ु Ħé˜ šǓ मानउँ ।।
संतत ‘ȡ  Û¡ दे हु बड़ाई।  ȡ Ʌ˜ ȪǑ¡ पँछ
ू े हु रघरु ाई।।
है Ĥ— Ǖपरम मनोहर ठाऊँ। पावन ” Ȳ… –Šȣ  ȯǑ¡ नाऊँ।।
दं डक बन पुनीत Ĥ — Ǖकरहू। ` Ē साप ˜ ǕǓ“ –š कर हरहू।।
बास करहु तहँ रघुकुल राया। € ȧ‡ ȯसकल ˜ ǕǓ“ Û¡ पर दाया।।
चले राम ˜ ǕǓ“ आयसु पाई।  šǕ Ǒ¡ Ȳ” Ȳ… – Šȣ Ǔ“ \ šȡ_@
@
दो0-गीधराज   ɇ— Šɇ भइ बहु ǒ– ͬ’ ĤȢǓ बढ़ाइ।।
‚ Ȫ‘ȡšȣ Ǔ“ € Š Ĥ — Ǖरहे परन गहृ छाइ।।13।।
–*–*–
जब ते राम € ȧÛ¡ तहँ बासा। सख ु ी भए ˜ ǓǕ“ बीती ğȡ  ȡ@
@
ͬ‚ ǐš बन “ ‘ȣȲताल † ǒ– छाए। Ǒ‘“ Ǒ‘“ Ĥ Ǔ \ Ǔ ¡ ȫǑ¡ Ȳसह
ु ाए।।
खग मग
ृ बंद
ृ \ “ ȲǑ‘ š¡ ¡ ȣȲ@मधप
ु मधरु गंजत † ǒ– › ¡ ¡ ȣȲ@
@
सो बन –šǓ“ न सक \ Ǒ¡ šȡ‡ ȡ@जहाँ Ĥ ‚ Š रघुबीर ǒ– šȡ‡ ȡ@
@
एक बार Ĥ— Ǖसुख आसीना। › Ǔ† ˜ “ बचन कहे † › ¡ ȣ“ ȡ@
@
सरु नर ˜ ǓǕ“ सचराचर   ȡɃ@˜ ɇपछ
ू उँ Ǔ“ ‡ Ĥ— Ǖ€ ȧ नाई।।
˜ ȪǑ¡ समझु ाइ कहहु सोइ दे वा। सब तिज € šɋ चरन रज सेवा।।
कहहु ʙ ȡ“ ǒ–šȡ‚ \ ǽ माया। कहहु सो — ‚ Ǔ करहु ‡ ȯǑ¡ Ȳदाया।।
दो0- _蝚 जीव भेद Ĥ — Ǖसकल कहौ समुझाइ।।
‡ ȡ Ʌहोइ चरन šǓ सोक मोह ħ ˜ जाइ।।14।।
–*–*–
 ȪšȯǑ¡ महँ सब कहउँ बझ
ु ाई। सन
ु हु तात ˜ Ǔ मन ͬ…  लाई।।
˜ ɇ\ ǽ मोर तोर  ɇमाया। ‡ ȯǑ¡ Ȳबस € ȧÛ¡ ȯजीव Ǔ“ € ȡ™ ȡ@
@
गो गोचर जहँ › ͬ‚ मन जाई। सो सब माया जानेहु भाई।।
 ȯǑ¡ कर भेद सुनहु  à
Ǖ ¡ सोऊ। ǒ– ɮ™ ȡ अपर \ ǒ– ɮ™ ȡ दोऊ।।
एक ‘ çǕŠ \ Ǔ   ™ ‘ Ǖ Ǿ ” ȡ@जा बस जीव परा भवकूपा।।
एक रचइ जग गन
ु बस ‡ ȡ€Ʌ@Ĥ— ǕĤȯǐš “ Ǒ¡ ȲǓ“ ‡ बल  ȡ€Ʌ@
@
ʙ ȡ“ मान जहँ एकउ “ ȡ¡ ȣȲ@दे ख Ħ é˜ समान सब ˜ ȡ¡ ȣ@
@
€ Ǒ¡ \ तात सो परम ǒ–šȡ‚ Ȣ@तन
ृ सम ͧ  ͪƨ  ȢǓ“ गन
ु י ȡ‚ Ȣ@
@
दो0-माया ईस न आपु कहुँ जान € Ǒ¡ \ सो जीव।
बंध ˜ ȪÍ † Ĥ‘   – ”[ š माया Ĥȯš€ सीव।।15।।
–*–*–
’ ˜ [ Ʌǒ–šǓ जोग  Ʌʙ ȡ“ ȡ@ʙ ȡ“ ˜ ȪÍ † Ĥ‘ बेद बखाना।।
‡ ȡ Ʌ–ȯͬ‚ ġ`ȱ˜ ɇभाई। सो मम — ‚ Ǔ भगत सुखदाई।।
सो   Ǖ ğȲ अवलंब न आना।  ȯǑ¡ आधीन ʙ ȡ“ ǒ– ʙ ȡ“ ȡ@
@
— ‚ Ǔ तात अनप
ु म सख
ु मल
ू ा। ͧ˜ › ^ जो संत होइँ अनक
ु ू ला।।
— ‚ Ǔ ͩ€ साधन कहउँ बखानी। सग
ु म पंथ ˜ ȪǑ¡ ”ȡ Ǒ¡ ȲĤ ȡ“ Ȣ@
@
Ĥ ˜ Ǒ¡ Ȳǒ–Ĥ चरन \ Ǔ ĤȢ Ȣ@Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ € ˜ [Ǔ“ š Į ǓǕ šȣ Ȣ@
@
f Ǒ¡ कर फल ” ǕǓ“ ǒ– Ÿ™ ǒ– šȡ‚ ȡ@तब मम ’ ˜ [उपज अनुरागा।।
Į “ ȡǑ‘€ नव — ǔȏ Ǻ±ȡ¡ ȣȲ@मम › ȣ› ȡ šǓ \ Ǔ मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
संत चरन पंकज \ Ǔ Ĥȯ˜ ȡ@मन Đ ˜ बचन भजन Ǻ± नेमा।।
‚ ǽǕ ͪ”  Ǖमातु बंधु ”Ǔ दे वा। सब ˜ ȪǑ¡ कहँ जाने Ǻ± सेवा।।
मम गुन गावत पुलक   šȣšȡ@गदगद ͬ‚ šȡ नयन बह नीरा।।
काम ] Ǒ‘ मद दं भ न ‡ ȡ€Ʌ@तात Ǔ“ šȲ š बस ˜ ɇ ȡ€Ʌ@
@
दो0-बचन € ˜ [मन ˜ Ȫǐš ‚ Ǔ भजनु € šǑ¡ ȲǓ“ Ȭ€ ȡ˜ @
@
Ǔ Û¡ के ǿ‘™ कमल महुँ करउँ सदा ǒ– Į ȡ˜ @ @16।।
–*–*–
— ‚ Ǔ जोग   ǓǕ“ \ Ǔ सुख पावा। › Ǔ† ˜ “ Ĥ— Ǖ… š“ ǔÛ¡ ͧ  ǽ नावा।।
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ गए कछुक Ǒ‘“ बीती। कहत ǒ– šȡ‚ ʙ ȡ“ गन
ु नीती।।
सप
ू नखा रावन कै –Ǒ¡ “ Ȣ@‘ çǕŠ ǿ‘™ ‘ȡǽ“ जस \ Ǒ¡ “ Ȣ@
@
” Ȳ… – Šȣ सो गइ एक बारा। ‘ȯͨ ǒ– € › भइ जग
ु ल कुमारा।।
ħ ȡ ȡ ͪ” ȡ ” Ǖğ ` š‚ ȡšȣ@” Ǖǽ Ÿ मनोहर Ǔ“ š  “ ȡšȣ@
@
होइ ǒ–€ › सक ˜ “ Ǒ¡ न šȪ€ ȧ@ǔ‡ ͧ˜ šǒ–˜ Ǔ“ ġ šǒ–Ǒ¡ ǒ–› Ȫ€ ȧ@
@
ǽͬ… š ǽ” ’ ǐš Ĥ— Ǖ”Ǒ¡ Ȳजाई। –Ȫ› ȣ बचन बहुत मुसुकाई।।
à
Ǖ ¡ सम ” ǽǕ Ÿ न मो सम “ ȡšȣ@यह सँजोग ǒ– ͬ’ रचा ǒ–… ȡšȣ@
@
मम \ “ Ǿ
Ǖ ” ” ǽǕ Ÿ जग ˜ ȡ¡ ȣȲ@दे खेउँ खोिज लोक Ǔ ¡ Ǖ“ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
ताते अब › ͬ‚ šǑ¡ `ȱ€ Ǖ˜ ȡšȣ@मनु माना कछु  à Ǖ ¡ Ǒ¡ Ǔ“ ¡ ȡšȣ@
@
  Ȣ Ǒ¡ ͬ…  ^ € ¡ ȣ Ĥ— Ǖबाता। अहइ कुआर मोर लघु ħ ȡ ȡ@
@
गइ › Ǔ† ˜ “ ǐš” Ǖ— ͬ‚ “ Ȣ जानी। Ĥ — Ǖǒ–› Ȫͩ€ बोले मद
ृ ु बानी।।
  Ȳ‘Ǖ ǐš सन
ु ु ˜ ɇ` Û¡ कर दासा। पराधीन “ Ǒ¡ Ȳतोर सप
ु ासा।।
Ĥ — Ǖ  ˜  [कोसलपरु राजा। जो कछु € šǑ¡ Ȳ` “ Ǒ¡ सब छाजा।।
सेवक सख
ु चह मान ͧ—  ȡšȣ@ޙ   “ Ȣ धन सभ
ु ‚ Ǔ ǒ– ͧ— … ȡšȣ@
@
लोभी जसु चह चार गुमानी। नभ ‘ ǑǕ¡ दध
ू चहत ए Ĥ ȡ“ Ȣ@
@
” ǕǓ“ ͩ• ǐš राम Ǔ“ € Š सो आई। Ĥ — Ǖ› Ǔ† ˜ “ ” Ǒ¡ Ȳ– ¡ Ǖǐš पठाई।।
› Ǔ† ˜ “ कहा  ȪǑ¡ सो बरई। जो तन
ृ  Ȫǐš लाज ” ǐš¡ š_@
@
तब ͨ ͧ  ] Ǔ“ राम ”Ǒ¡ Ȳगई। Ǿ ” भयंकर Ĥ‚ Š भई।।
  Ȣ Ǒ¡ सभय ‘ȯͨ रघुराई। कहा अनुज सन सयन बुझाई।।
दो0-› Ǔ† ˜ “ \ Ǔ लाघवँ सो नाक कान ǒ–“ Ǖ€ ȧǔÛ¡ @
ताके कर रावन कहँ मनौ चनु ौती ‘ȣǔÛ¡ @
@17।।
–*–*–
नाक कान ǒ–“ Ǖभइ ǒ–€ šȡšȡ@जनु èğ सैल ‚ Ȱǽ कै धारा।।
खर दष
ू न ”Ǒ¡ Ȳगइ ǒ–› ”ȡ ȡ@ͬ’ ‚ ͬ’ ‚ तव ”ȫǽŸ बल ħ ȡ ȡ@
@
 ȯǑ¡ पछ
ू ा सब € ¡ ȯͧ  बझ
ु ाई। जातध
ु ान   ǓǕ“ सेन बनाई।।
धाए Ǔ“ ͧ  … š Ǔ“ € š –Ǿ  ȡ@जनु   ” Í † € Ï ‡ › ͬ‚ ǐš जूथा।।
नाना बाहन नानाकारा। नानायुध धर घोर अपारा।।
सुपनखा ] ‚ Ʌ€ ǐš › ȣ“ Ȣ@असुभ Ǿ ” Į ǓǕ नासा ¡ ȣ“ Ȣ@
@
असगन
ु \ ͧ˜  ¡ ȪǑ¡ Ȳ— ™ € ȡšȣ@‚ “ Ǒ¡ Ȳन ˜ ×
Ǚ™ Ǖǒ– –  सब ˆ ȡšȣ@
@
‚ ‡ Ǒ[¡  ‡ Ǒ[¡ Ȳगगन ` °ȡ¡ ȣȲ@‘ȯͨ कटकु भट \ Ǔ ¡ šŸȡ¡ ȣ@
Ȳ@
कोउ कह िजअत धरहु ɮȫ भाई। ’ ǐš मारहु Ǔ ™ लेहु छड़ाई।।
’ ǐǗš ” Ǘǐš नभ मंडल रहा। राम बोलाइ अनज
ु सन कहा।।
लै ‡ ȡ“ ͩ€ Ǒ¡ जाहु ͬ‚ ǐš कंदर। आवा Ǔ“ ͧ  … š कटकु भयंकर।।
रहे हु सजग   ǓǕ“ Ĥ— Ǖकै बानी। चले   Ǒ¡  Į Ȣ सर धनु पानी।।
‘ȯͨ राम ǐš” ‘Ǖ › … ͧ› आवा। ǒ– ¡ ͧ  € Ǒ‹ “ कोदं ड चढ़ावा।।
छं 0-कोदं ड € Ǒ‹ “ चढ़ाइ ͧ  š जट जट
ू बाँधत सोह ș ɉ@
मरकत सयल पर लरत ‘ȡͧ˜ Ǔ“ € ȪǑŠ   ɉ जुग भुजग Ï ™ ɉ@
@
€ ǑŠ € ͧ  Ǔ“ ŸȲ
‚ ǒ–  ȡ› भुज ‚ Ǒ¡ चाप ǒ– ͧ     Ǖ’ ȡǐš कै।।
ͬ…   मनहुँ मग
ृ राज Ĥ — Ǖगजराज घटा Ǔ“ ¡ ȡǐš कै।।
सो0-आइ गए बगमेल धरहु धरहु धावत सुभट।
जथा ǒ–› Ȫͩ€ अकेल बाल šǒ– Ǒ¡ घेरत दनुज।।18।।
Ĥ — Ǖǒ–› Ȫͩ€ सर   € Ǒ¡ Ȳन Œȡšȣ@ ͩ€  भई रजनीचर ’ ȡšȣ@
@
  ͬ…  –Ȫͧ› बोले खर दष
ू न। यह कोउ नप
ृ बालक नर भष
ू न।।
नाग असरु सरु नर ˜ ǓǕ“ जेते। दे खे िजते हते हम केते।।
हम — ǐš ‡ ۘ सुनहु सब भाई। दे खी “ Ǒ¡ Ȳ\ ͧ  सुंदरताई।।
‡ ɮ™ ͪ” — ͬ‚ “ Ȣ € ȧÛ¡ € ǕǾ ”ȡ@बध लायक “ Ǒ¡ Ȳ” Ǖǽ Ÿ अनूपा।।
दे हु तरु त Ǔ“ ‡ “ ȡǐš दरु ाई। जीअत भवन जाहु ɮ ȫ भाई।।
मोर कहा  à Ǖ ¡  ȡǑ¡ सन
ु ावहु। तासु बचन   ǓǕ“ आतरु आवहु।।
‘ Ǘ Û¡ कहा राम सन जाई। सन
ु त राम बोले मस
ु काई।।
हम † ğȢ मग
ृ या बन € š¡ ȣȲ@ Ǖà¡ से खल मग
ृ खौजत ͩ• š¡ ȣȲ@
@
ǐš” Ǖबलवंत ‘ȯͨ “ Ǒ¡ ȲŒš¡ ȣȲ@एक बार कालहु सन › š¡ ȣȲ
@@
‡ ɮ™ ͪ” मनुज दनुज कुल घालक। ˜ ǕǓ“ पालक खल सालक बालक।।
‡ ɋ न होइ बल घर ͩ• ǐš जाहू। समर ǒ– ˜ Ǖ ˜ ɇहतउँ न काहू।।
रन … Ǒ± € ǐš\ कपट चतरु ाई। ǐš” Ǖपर कृपा परम कदराई।।
‘ Ǘ Û¡ जाइ तरु त सब कहे ऊ।   ǓǕ“ खर दष
ू न उर \ Ǔ दहे ऊ।।
छं -उर दहे उ कहे उ ͩ€ धरहु धाए ǒ–€ Š भट रजनीचरा।
सर चाप तोमर   ǔȏ सूल कृपान ” ǐšƒ परसु धरा।।
Ĥ — Ǖ€ ȧÛ¡ धनष
ु टकोर Ĥ ˜ कठोर घोर भयावहा।
भए – ͬ’ š ޙ ȡ€ Ǖ› जातध
ु ान न ʙ ȡ“  ȯǑ¡ अवसर रहा।।
दो0-सावधान होइ धाए ‡ ȡǓ“ सबल ] šȡǓ @
लागे बरषन राम पर \ èğ   èğ बहु — ȡȱǓ @
@19(क)।।
Ǔ Û¡ के आयध
ु Ǔ › सम € ǐš काटे रघुबीर।
 ȡǓ“ सरासन Į “ › ͬ‚ ” ǓǕ“ छाँड़े Ǔ“ ‡ तीर।।19(ख)।।
–*–*–
छं 0-तब चले जान बबान कराल। फुंकरत जनु बहु ޙ ȡ› @ @
कोपेउ समर Į Ȣšȡ˜ @चले ǒ–ͧ   Ǔ“ ͧ   Ǔ“ € ȡ˜ @
@
\ › Ȫͩ€ खरतर तीर। ˜ ǐǕš चले Ǔ“ ͧ  … š बीर।।
भए Đ Ǖƨ  ȢǓ“ ` भाइ। जो — ȡͬ‚ रन ते जाइ।।
 ȯǑ¡ बधब हम Ǔ“ ‡ ”ȡǓ“ @ͩ• šȯमरन मन महुँ ‹ ȡǓ“ @@
आयुध अनेक Ĥ€ ȡš@सनमख ु ते € šǑ¡ ȲĤ ¡ ȡš@
@
ǐš” Ǖपरम कोपे ‡ ȡǓ“ @Ĥ — Ǖधनुष सर   Ȳ’ ȡǓ“ @
@
छाँड़े ǒ–” ›Ǖ नाराच। लगे कटन ǒ– € Š ͪ”   ȡ… @
@
उर सीस भज
ु कर चरन। जहँ तहँ लगे ˜ Ǒ¡ परन।।
ͬ… Ȁ š लागत बान। धर परत कुधर समान।।
भट कटत तन सत खंड। ” ǕǓ“ उठत € ǐš पाषंड।।
नभ उड़त बहु भुज मुंड। ǒ–“ Ǖ˜ ȫͧ› धावत ǽȲŒ@
@
खग कंक काक सगृ ाल। € Š€ ŠǑ¡ Ȳ€ Ǒ‹ “ कराल।।
छं 0-€ Š€ ŠǑ¡ Ȳज़ंबक
ु भत
ू Ĥȯ ͪ”  ȡ…  ” š[   Ȳ… ¡ ȣȲ@
बेताल बीर कपाल ताल बजाइ ‡ Ȫͬ‚ Ǔ“ “ Ȳ… ¡ ȣȲ@
@
रघुबीर बान Ĥ… ŒȲ  ȲŒ Ǒ¡ Ȳ— ŠÛ¡ के उर भुज ͧ  šȡ@
जहँ तहँ ”šǑ¡ Ȳ` Ǒ‹ › šǑ¡ Ȳधर ’ ǽ ’ ǽ € šǑ¡ Ȳभयकर ͬ‚ šȡ@
@
\ Ȳ ȡ šȣȲ‚ Ǒ¡ उड़त गीध ͪ”   ȡ… कर ‚ Ǒ¡ ’ ȡ ¡ ȣȲ@
@
 Ȳ
Ē ȡ˜ पुर बासी मनहुँ बहु बाल गुड़ी ` °ȡ¡ ȣȲ@
@
मारे पछारे उर ǒ–‘ȡšȯǒ–” Ǖ› भट कहँरत परे ।
\  › Ȫͩ€ Ǔ“ ‡ दल ǒ–€ › भट Ǔ ͧ  šȡǑ‘ खर दष
ू न ͩ• šȯ@
@
सर   ǔȏ तोमर परसु सल
ू कृपान f € Ǒ¡ – ȡš¡ ȣȲ@
€ ǐš कोप Į Ȣšƒ –Ǖ Ȣš पर \ ‚ Ǔ“  Ǔ“   ȡ… š Œȡš¡ ȣȲ@
@
Ĥ— ǕǓ“ ͧ˜ Ÿ महुँ ǐš” Ǖसर Ǔ“ ȡǐš ” … ȡǐš डारे सायका।
दस दस ǒ–ͧ   उर माझ मारे सकल Ǔ“ ͧ  … š नायका।।
˜ Ǒ¡ परत ` Ǒ‹ भट ͧ— š मरत न करत माया \ Ǔ घनी।
सरु डरत चौदह सहस Ĥȯ ǒ– › Ȫͩ€ एक अवध धनी।।
सरु ˜ ǓǕ“ सभय Ĥ— Ǖ‘ȯͨ मायानाथ \ Ǔ कौतक
ु कर् यो।
‘ȯ Ǒ¡ परसपर राम € ǐš   ȲĒ ȡ˜ ǐš” Ǖ‘ › › ǐš मर् यो।।
दो0-राम राम € Ǒ¡ तनु  ‡ Ǒ¡ Ȳ” ȡǑ¡ Ȳपद Ǔ“ –ȡ[“ @
€ ǐš उपाय ǐš” Ǖमारे छन महुँ € Ǚ” ȡǓ“ ’ ȡ“ @
@20(क)।।
¡ šͪŸ  –šŸǑ¡ Ȳसम
ु न सरु – ȡ‡ Ǒ¡ Ȳगगन Ǔ“   ȡ“ @
\ è ǓǕ € ǐš € ǐš सब चले   Ȫͧ—  ǒ–ǒ–’ ǒ–˜ ȡ“ @@20(ख)।।
–*–*–
जब रघन ु ाथ समर ǐš” Ǖजीते। सरु नर ˜ ǓǕ“ सब के भय बीते।।
तब › Ǔ† ˜ “   Ȣ Ǒ¡ लै आए। Ĥ — Ǖपद परत ¡ šͪŸ उर लाए।
सीता ͬ…   è™ ȡ˜ मद
ृ ु गाता। परम Ĥȯ˜ लोचन न अघाता।।
” Ȳ…  ŠȣȲ–ͧ  Į Ȣšƒ Ǖ“ ȡ™ € @करत … ǐš सुर ˜ ǕǓ“ सुखदायक।।
धआ
ु ँ ‘ȯͨ खरदष
ू न केरा। जाइ सुपनखाँ रावन Ĥȯšȡ@
@
– Ȫͧ› बचन Đ Ȫ’ € ǐš — ȡšȣ@दे स कोस कै   ǕšǓ ǒ–   ȡšȣ@
@
€ šͧ  पान   Ȫͧ  Ǒ‘“ Ǖराती।   Ǖͬ’ “ Ǒ¡ Ȳतव ͧ  š पर आराती।।
राज “ ȢǓ ǒ–“ Ǖधन ǒ–“ Ǖ’ ˜ ȡ@
[ ¡ ǐšǑ¡   ˜ ”ȶǒ– “ Ǖ   € ˜ ȡ[@
@
ǒ–ɮ™ ȡ ǒ– “ Ǖǒ––ȯ€ उपजाएँ। Į ˜ फल पढ़े ͩ€ f ȱ\ ǽ पाएँ।।
संग ते जती € Ǖ˜ Ȳğ ते राजा। मान ते ʙ ȡ“ पान  Ʌलाजा।।
Ĥ ȢǓ Ĥ “ ™ ǒ– “ Ǖमद ते गन
ु ी। “ ȡ  Ǒ¡ –ȯͬ‚ “ ȢǓ अस सन
ु ी।।
सो0-ǐš” Ǖǽ‡ पावक पाप Ĥ — Ǖ\ Ǒ¡ ‚ Ǔ“ \ न छोट € ǐš@
अस € Ǒ¡ ǒ–ǒ–’ ǒ–› ȡ” € ǐš लागी रोदन करन।।21(क)।।
दो0-सभा माझ ”ǐš ޙ ȡ€ Ǖ› बहु Ĥ€ ȡš कह रोइ।
 ȪǑ¡ िजअत दसकंधर ˜ Ȫǐš ͩ€ \ ͧ  ‚ Ǔ होइ।।21(ख)।।
–*–*–
सुनत सभासद उठे अकुलाई। समुझाई ‚ Ǒ¡ बाहँ उठाई।।
कह लंकेस € ¡ ͧ  Ǔ“ ‡ बाता। €Ʉ^ȱतव नासा कान Ǔ“ ” ȡ ȡ@
@
अवध “ ”Ǚ Ǔ दसरथ के जाए। ” ǽǕ Ÿ ͧ  ƒȲ बन खेलन आए।।
  ˜ Ǖͨˆ ” šȣ ˜ ȪǑ¡ ` Û¡ कै करनी। šǑ¡  Ǔ“   ȡ… š € ǐš¡ Ǒ¡ Ȳधरनी।।
ǔ‡ Û¡ कर भुजबल पाइ दसानन। अभय भए ǒ–… š ˜ ǕǓ“ कानन।।
दे खत बालक काल समाना। परम धीर ’ ۝Ȣ गुन नाना।।
\  ͧǕ›  बल Ĥ ȡ” ɮȫ ħ ȡ ȡ@खल बध रत सरु ˜ ǓǕ“ सख
ु दाता।।
सोभाधाम राम अस नामा। Ǔ Û¡ के संग “ ȡǐš एक è™ ȡ˜ ȡ@
@
ǽ” šȡͧ  ǒ–ͬ’ “ ȡǐš   ȱ ȡšȣ@šǓ सत € ȪǑŠ तासु – ͧ› ¡ ȡšȣ@
@
तासु अनुज काटे Į ǓǕ नासा।   ǕǓ“ तव — ͬ‚ Ǔ“ € šǑ¡ Ȳ”ǐš¡ ȡ  ȡ@
@
खर दष
ू न   ǕǓ“ लगे पुकारा। छन महुँ सकल कटक ` Û¡ मारा।।
खर दष
ू न Ǔ ͧ  šȡ कर घाता।   ǕǓ“ दससीस जरे सब गाता।।
दो0-  Ǖ” “  Ǒ¡ समुझाइ € ǐš बल – Ȫ› ȯͧ  बहु — ȡȱǓ @
गयउ भवन \ Ǔ सोचबस नीद परइ “ Ǒ¡ ȲšȡǓ @ @22।।
–*–*–
सुर नर असुर नाग खग ˜ ȡ¡ ȣ@ Ȳ मोरे अनुचर कहँ कोउ “ ȡ¡ ȣȲ@ @
खर दष
ू न ˜ ȪǑ¡ सम बलवंता। Ǔ Û¡ Ǒ¡ को मारइ ǒ–“ Ǖभगवंता।।
सरु रं जन भंजन ˜ Ǒ¡ भारा। ‡ ɋ भगवंत › ȣÛ¡ अवतारा।।
तौ मै जाइ –Ȱǽ ¡ Ǒ‹ करऊँ। Ĥ— Ǖसर Ĥ ȡ“  ‡ Ʌभव तरऊँ।।
¡ Ȫ^Ǒ¡ भजनु न तामस दे हा। मन Đ ˜ बचन ˜ Ȳğ Ǻ± एहा।।
‡ ɋ “ šǽ” भूपसुत कोऊ। ¡ ǐš¡ `ȱ“ ȡǐš ‡ ȢǓ रन दोऊ।।
चला अकेल जान … Ǒ तहवाँ। बस ˜ ȡšȣ… ͧ  ’Ȳ Ǖतट जहवाँ।।
इहाँ राम ‡ ͧ  ‡ Ǖ‚ ǕǓ बनाई। सुनहु उमा सो कथा सुहाई।।
दो0-› Ǔ† ˜ “ गए –“ Ǒ¡ Ȳजब लेन मल
ू फल कंद।
जनकसत ु ा सन बोले ǒ– ¡ ͧ  कृपा सख
ु बंद
ृ ।। 23।।
–*–*–
सन
ु हु ͪĤ ™ ȡ Ħ  ǽͬ… š सस
ु ीला। ˜ ɇकछु € šǒ– › ͧ›  “ š› ȣ› ȡ@
@
àǕ ¡ पावक महुँ करहु Ǔ“  ȡ  ȡ@जौ › ͬ‚ € šɋ Ǔ“   ȡ… š नासा।।
‡ – Ǒ¡ Ȳराम सब कहा बखानी। Ĥ — Ǖपद ’ ǐš Ǒ¡ ™ ȱअनल समानी।।
Ǔ“ ‡ Ĥ Ǔ ǒ– –Ȳ šȡͨ तहँ सीता। तैसइ सील ǽ”   Ǖǒ– “ Ȣ ȡ@
@
› Ǔ† ˜ “ ¡ Ǘȱयह मरमु न जाना। जो कछु … ǐš रचा भगवाना।।
दसमख
ु गयउ जहाँ ˜ ȡšȣ… ȡ@नाइ माथ èȡš रत नीचा।।
“  Ǔ“ नीच कै \ Ǔ दख
ु दाई। ǔ‡ ͧ˜ अंकुस धनु उरग ǒ– › ȡ_@
@
भयदायक खल कै ͪĤ ™ बानी। ǔ‡ ͧ˜ अकाल के कुसुम भवानी।।
दो0-€ ǐš पूजा ˜ ȡšȣ… तब सादर ” Ǘ† Ȥ बात।
कवन हे तु मन ޙ Ē \ Ǔ अकसर आयहु तात।।24।।
–*–*–
दसमुख सकल कथा  ȯǑ¡ ] ‚ Ʌ@€ ¡ ȣ   Ǒ¡  \ ͧ— ˜ ȡ“ \ — ȡ‚ Ʌ@
@
होहु कपट मग ृ à
Ǖ ¡ † › € ȡšȣ@‡ ȯǑ¡ ǒ– ͬ’ ¡ ǐš आनौ “ ”Ǚ “ ȡšȣ@
@
 ȯǑ¡ Ȳ” ǓǕ“ कहा सनु हु दससीसा। ते “ šǽ” चराचर ईसा।।
 ȡ  ɉ तात –™ ǽ “ Ǒ¡ Ȳ€ ȧ‡ ȯ@˜ ȡšɅ˜ ǐš\ िजआएँ जीजै।।
˜ ǓǕ“ मख राखन गयउ कुमारा। ǒ–“ Ǖफर सर šƒ ”Ǖ Ǔ ˜ ȪǑ¡ मारा।।
सत जोजन आयउँ छन ˜ ȡ¡ ȣȲ@Ǔ Û¡ सन –™ ǽ ͩ€ f ȱभल “ ȡ¡ ȣȲ@
@
भइ मम € ȧŠ भंग
ृ € ȧ नाई। जहँ तहँ ˜ ɇदे खउँ दोउ भाई।।
‡ ɋ नर तात  ‘ͪ” \ Ǔ सूरा। Ǔ Û¡ Ǒ¡ ǒ– šȪͬ’ न ] ^Ǒ¡ पूरा।।
दो0-‡ ȯǑ¡ Ȳताड़का सब
ु ाहु ¡ Ǔ खंडउ
े हर कोदं ड।।
खर दष
ू न Ǔ ͧ  šȡ बधेउ मनज
ु ͩ€ अस – ǐš– ȲŒ @@
25।।
–*–*–
जाहु भवन कुल कुसल ǒ–… ȡšȣ@सन ु त जरा ‘ȣǔÛ¡ ͧ  बहु ‚ ȡšȣ@
@
‚ ǽǕ ǔ‡ ͧ˜ मढ़ू € šͧ  मम बोधा। कहु जग ˜ ȪǑ¡ समान को जोधा।।
तब ˜ ȡšȣ… ǿ‘™ ȱअनुमाना। “  Ǒ¡ ǒ– šȪ’ Ʌ“ Ǒ¡ Ȳ€ 㙠ȡ“ ȡ@
@
  èğȢ ˜ ˜ ȸ Ĥ— Ǖसठ धनी। बैद –ȲǑ‘ € ǒ– भानस गुनी।।
उभय — ȡȱǓ दे खा Ǔ“ ‡ मरना। तब  ȡͩ€ ͧ  रघुनायक सरना।।
`  ǽ दे त ˜ ȪǑ¡ बधब \ — ȡ‚ Ʌ@कस न ˜ šɋ šƒ ”Ǖ Ǔ सर › ȡ‚ Ʌ@
@
अस िजयँ ‡ ȡǓ“ दसानन संगा। चला राम पद Ĥȯ˜ अभंगा।।
मन \ Ǔ हरष जनाव न  ȯ¡ ȣ@आजु ‘ȯͨ ¡ `ȱपरम   “ ȯ¡ ȣ@
@
छं 0- Ǔ“ ‡ परम ĤȢ ˜ ‘ȯͨ लोचन सुफल € ǐš सुख ”ȡ^¡ ɋ@
Į Ȣ   Ǒ¡  अनज
ु समेत € Ǚ”ȡǓ“ €ȯ पद मन › ȡ^¡ ɋ@
@
Ǔ“ –ȡ“[ दायक Đ Ȫ’ जा कर — ‚ Ǔ \ –   Ǒ¡ –  € šȣ@
Ǔ“ ‡ ” ȡǓ“ सर   Ȳ’ ȡǓ“ सो ˜ ȪǑ¡ –ͬ’ Ǒ¡ सख
ु सागर ¡ šȣ@
@
दो0-मम ”ȡ† Ʌधर धावत ’ šɅसरासन बान।
ͩ• ǐš ͩ• ǐš Ĥ — ǑǕ¡ ǒ–› Ȫͩ€ ¡ `ȱ’ ۙ न मो सम आन।।26।।
–*–*–
 ȯǑ¡ बन Ǔ“ € Š दसानन गयऊ। तब ˜ ȡšȣ… कपटमग ृ भयऊ।।
\ Ǔ ǒ–ͬ… ğ कछु –šǓ“ न जाई। कनक दे ह ˜ Ǔ“ šͬ…  बनाई।।
सीता परम ǽͬ… š मग
ृ दे खा। अंग अंग सुमनोहर बेषा।।
सुनहु दे व रघुबीर कृपाला। f Ǒ¡ मग
ृ कर \ Ǔ सुंदर छाला।।
  י   Ȳ’ Ĥ — Ǖ–ͬ’ € ǐš f ¡ ȣ@आनहु … ˜ [€ ¡ Ǔ – Ȱ‘ȯ¡ ȣ@
@
तब šƒ ”Ǖ Ǔ जानत सब कारन। उठे ¡ šͪŸ सरु काजु सँवारन।।
मग
ृ ǒ–› Ȫͩ€ € ǑŠ ” ǐš€ š बाँधा। करतल चाप ǽͬ… š सर साँधा।।
Ĥ — Ǖ› Ǔ† ˜ Ǔ“ Ǒ¡ कहा समुझाई। ͩ• š ǒ– ͪ”“ Ǔ“ ͧ  … š बहु भाई।।
सीता €ȯǐš करे हु š ȡšȣ@– Ǖͬ’ ǒ– –ȯ€ बल समय ǒ–… ȡšȣ@ @
Ĥ— ǑǕ¡ ǒ–› Ȫͩ€ चला मग
ृ भाजी। धाए रामु सरासन साजी।।
Ǔ“ ‚ ˜ “ ȯǓ ͧ   ڙ ȡ“ न पावा। मायामग
ृ ” ȡ† Ʌसो धावा।।
कबहुँ Ǔ“ € Š ” ǓǕ“ ‘ ǐǗš पराई। कबहुँक Ĥ‚ Š^ कबहुँ छपाई।।
Ĥ‚ Š दरु त करत छल — Ǘšȣ@f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ Ĥ— ǕǑ¡ गयउ लै ‘ šǗȣ@ @
तब  ͩ€ राम € Ǒ‹ “ सर मारा। ’ šǓ“ परे उ € ǐš घोर पुकारा।।
› Ǔ† ˜ “ कर Ĥ ˜ Ǒ¡ Ȳलै नामा। ” ȡ† Ʌ  Ǖͧ˜ šȯͧ  मन महुँ रामा।।
Ĥ ȡ“ तजत Ĥ‚ Šȯͧ  Ǔ“ ‡ दे हा।   Ǖͧ˜ šȯͧ  रामु समेत सनेहा।।
अंतर Ĥȯ˜ तासु ”Ǒ¡ … ȡ“ ȡ@˜ ǕǓ“ ‘ ›Ǖ —[ ‚ Ǔ ‘ȣǔÛ¡ सुजाना।।
दो0-ǒ– ” ›Ǖ सम
ु न सरु – šŸ Ǒ¡ Ȳ‚ ȡ Ǒ¡ ȲĤ— Ǖगन
ु गाथ।
Ǔ“ ‡ पद ‘ȣÛ¡ असरु कहुँ ‘ȣ“ – Ȳ’ Ǖरघन
ु ाथ।।27।।
–*–*–
खल –ͬ’ तरु त ͩ• šȯरघब
ु ीरा। सोह चाप कर € ǑŠ तनू ीरा।।
आरत ͬ‚ šȡ सन
ु ी जब सीता। कह › Ǔ† ˜ “ सन परम सभीता।।
जाहु –ȯͬ‚ संकट \ Ǔ ħ ȡ ȡ@› Ǔ† ˜ “ ǒ– ¡ ͧ  कहा सन
ु ु माता।।
— €ǙǕǑŠ ǒ–› ȡ    ǔǙçŠ लय होई। सपनेहुँ संकट परइ ͩ€ सोई।।
मरम बचन जब सीता बोला। ¡ ǐš Ĥȯǐš › Ǔ† ˜ “ मन डोला।।
बन Ǒ‘ͧ  दे व   ɋͪ” सब काहू। चले जहाँ रावन   ͧ  राहू।।
सन
ू बीच दसकंधर दे खा। आवा Ǔ“ € Š जती €Ʌबेषा।।
‡ ȡ€Ʌडर सरु असरु Œȯ
šȡ¡ ȣȲ
@Ǔ“ ͧ  न नीद Ǒ‘“ \ ۓ न  ȡ¡ ȣȲ@
@
सो दससीस èȡ“ € ȧ नाई। इत उत ͬ…  ^ चला — ͫ°¡ ȡ_@
@
^ͧ˜ कुपंथ पग दे त खगेसा। रह न तेज – Ǖͬ’ बल लेसा।।
नाना ǒ– ͬ’ € ǐš कथा सुहाई। šȡ‡ “ ȢǓ भय Ĥ ȢǓ दे खाई।।
कह सीता सन
ु ु जती ‚ Ȫ  ȡɃ@बोलेहु बचन ‘ çǕŠ € ȧ “ ȡɃ@
@
तब रावन Ǔ“ ‡ Ǿ ” दे खावा। भई सभय जब नाम सन
ु ावा।।
कह सीता ’ ǐš धीरजु गाढ़ा। आइ गयउ Ĥ— Ǖरहु खल ठाढ़ा।।
ǔ‡ ͧ˜ ¡ ǐš–’ ǑǕ¡ † Ǖġ सस चाहा। — f ͧ  कालबस Ǔ“ ͧ  … š नाहा।।
सुनत बचन दससीस ǐš  ȡ“ ȡ@मन महुँ चरन –ȲǑ‘ सुख माना।।
दो0-Đ Ȫ’  Ȳ तब रावन › ȣǔÛ¡ ͧ  रथ बैठाइ।
चला गगनपथ आतरु भयँ रथ ¡ ȡȱͩ€ न जाइ।।28।।
–*–*–
हा जग एक बीर रघुराया। €ȯǑ¡ Ȳअपराध ǒ–  ȡšȯ¡ Ǖदाया।।
] šǓ हरन सरन सुखदायक। हा रघुकुल सरोज Ǒ‘“ “ ȡ™ € @
@
हा › Ǔ† ˜ “  Ǖà¡ ȡš “ Ǒ¡ Ȳदोसा। सो फलु पायउँ € ȧÛ¡ ȯ̀ȱरोसा।।
ǒ–ǒ– ’ ǒ–› ȡ” € šǓ – Ȱ‘ȯ¡ ȣ@— ǐǗš कृपा Ĥ — Ǖ‘ ǐǗš   “ ȯ¡ ȣ@
@
ǒ–”Ǔ ˜ Ȫǐš को Ĥ— ǑǕ¡ सन
ु ावा। परु ोडास चह रासभ खावा।।
सीता कै ǒ–› ȡ”   ǓǕ“ — ȡšȣ@भए चराचर जीव ‘ Ǖ ȡšȣ@
@
गीधराज   ǕǓ“ आरत बानी। šƒ Ǖ€ Ǖ› Ǔ › € “ ȡǐš ” Ǒ¡ … ȡ“ Ȣ@
@
अधम Ǔ“   ȡ… š › ȣÛ¡ ȯजाई। ǔ‡ ͧ˜ मलेछ बस € ͪ”› ȡ गाई।।
सीते ” Ǖǒğ € šͧ  ‡ Ǔ“ ğȡ  ȡ@€ ǐš¡ `ȱजातध
ु ान कर नासा।।
धावा Đ Ȫ’ Ȳ खग €Ȱ  Ʌ@छूटइ ”ǒ– परबत कहुँ जैसे।।
रे रे ‘ çǕŠ ठाढ़ ͩ€ “ ¡ Ȫ¡ ȣ@Ǔ“ — ™[ … › ȯͧ  न ‡ ȡ“ ȯǑ¡ ˜ Ȫ¡ ȣ@
@
आवत ‘ȯͨ कृतांत समाना। ͩ• ǐš दसकंधर कर अनुमाना।।
€ ȧ मैनाक ͩ€  ‚ ”Ǔ होई। मम बल जान   Ǒ¡  ”Ǔ सोई।।
जाना जरठ जटायू एहा। मम कर तीरथ † ȡȱͫ°Ǒ¡ दे हा।।
सन
ु त गीध Đ Ȫ’ ȡ šǕ धावा। कह सन
ु ु रावन मोर ͧ   ȡȡ@
@
तिज ‡ ȡ“ ͩ€ Ǒ¡ कुसल गह
ृ जाहू। “ ȡǑ¡ Ȳत अस ¡ Ȫ^Ǒ¡ बहुबाहू।।
राम रोष पावक \ Ǔ घोरा। ¡ Ȫ^Ǒ¡ सकल सलभ कुल तोरा।।
`  ǽ न दे त दसानन जोधा।  – Ǒ¡ Ȳगीध धावा € ǐš Đ Ȫ’ ȡ@
@
’ ǐš कच ǒ–š € ȧÛ¡ ˜ Ǒ¡ ͬ‚ šȡ@  Ȣ Ǒ¡ šȡͨ गीध ” ǕǓ“ ͩ• šȡ@
@
… ȫ… Û¡ ˜ ȡǐš ǒ–‘ȡšȯͧ  ‘ȯ¡ ȣ@दं ड एक भइ ˜ ǽǕ † ȡ  ȯ¡ ȣ@
@
तब   Đ Ȫ’ Ǔ“ ͧ  … š ͨ ͧ  ] “ ȡ@€ ȡ±ȯͧ  परम कराल कृपाना।।
€ ȡŠȯͧ  पंख परा खग धरनी।   Ǖͧ˜ ǐš राम € ǐš अदभुत करनी।।
  Ȣ Ǒ¡ ‡ ȡǓ“ चढ़ाइ –¡ Ȫšȣ@चला उताइल ğȡ  न  Ȫšȣ@
@
€ šǓ ǒ–› ȡ” ‡ ȡǓ नभ सीता। ޙ ȡ’ ǒ– –  जनु मग
ृ ी सभीता।।
ͬ‚ ǐš पर बैठे € ͪ”Û¡ Ǔ“ ¡ ȡšȣ@€ Ǒ¡ ¡ ǐš नाम ‘ȣÛ¡ पट Œȡšȣ@
@
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’   Ȣ Ǒ¡ सो लै गयऊ। बन असोक महँ राखत भयऊ।।
दो0-¡ ȡǐš परा खल बहु ǒ– ͬ’ भय \ ǽ Ĥ ȢǓ दे खाइ।
तब असोक पादप तर šȡͨ ͧ  जतन कराइ।।29(क)।।
“  ȡÛ¡ ” ȡšȡ™ Ž , छठा ͪĮ ȡ˜
‡ ȯǑ¡ ǒ–ͬ’ कपट कुरं ग सँग धाइ चले Į Ȣšȡ˜ @
सो † ǒ– सीता šȡͨ उर šŠǓ š¡ Ǔ ¡ ǐš“ ȡ˜ @ @29(ख)।।
–*–*–
šƒ ”Ǖ Ǔ \ “ ‡Ǖ Ǒ¡ आवत दे खी। – ȡǑ¡ ‡ ͬ… Ȳ ȡ € ȧǔÛ¡ ǒ–  ȯŸ Ȣ@
@
जनकसुता ”ǐš¡ ǐš¡ Ǖ\ €ȯ› ȣ@आयहु तात बचन मम ”ȯ› ȣ@
@
Ǔ“ ͧ  … š Ǔ“ € š ͩ• šǑ¡ Ȳबन ˜ ȡ¡ ȣȲ@मम मन सीता ] Į ˜ “ ȡ¡ ȣȲ@
@
‚ Ǒ¡ पद कमल अनुज कर ‡ Ȫšȣ@कहे उ नाथ कछु ˜ ȪǑ¡ न  Ȫšȣ@
@
अनज
ु समेत गए Ĥ— Ǖतहवाँ। ‚ Ȫ‘ȡǐš तट ] Į ˜ जहवाँ।।
] Į ˜ ‘ȯͨ ‡ ȡ“ € ȧ ¡ ȣ“ ȡ@भए ǒ– € › जस Ĥ ȡ€ Ǚ ‘ȣ“ ȡ@
@
हा गन
ु  ȡǓ“ ‡ ȡ“ € ȧ सीता। Ǿ ” सील Ħ  नेम पन
ु ीता।।
› Ǔ† ˜ “ समुझाए बहु भाँती। पूछत चले लता  ǽ पाँती।।
हे खग मग ृ हे मधक
ु र Į ȯ“ Ȣ@ à
Ǖ ¡ दे खी सीता मग
ृ नैनी।।
खंजन सुक कपोत मग
ृ मीना। मधप
ु Ǔ“ € š € Ȫͩ€ › ȡ Ĥ– Ȣ“ ȡ@
@
कंु द € › ȣ ‘ȡͫ°˜ ‘ȡͧ˜ “ Ȣ@कमल सरद   ͧ  \ Ǒ¡ — ȡͧ˜ “ Ȣ@
@
– ǽ“ पास मनोज धनु हं सा। गज €ȯ¡ ǐš Ǔ“ ‡ सुनत Ĥ  Ȳ  ȡ@
@
Į Ȣ• › कनक € ‘ͧ› ¡ šŸ ȡ¡ ȣ@
Ȳ नेकु न संक सकुच मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
सन
ु ु ‡ ȡ“ € ȧ  ȪǑ¡ ǒ–“ Ǖआज।ू हरषे सकल पाइ जनु राज।ू ।
ͩ€ ͧ˜   Ǒ¡ जात अनख  ȪǑ¡ ” ȡ¡ ȣȲ। ͪĤ ™ ȡ –ȯͬ‚ Ĥ ‚ Šͧ  कस “ ȡ¡ ȣȲ@
@
f Ǒ¡ ǒ– ͬ’ खौजत ǒ–› ” è ȡ˜ Ȣ@मनहुँ महा ǒ– š¡ ȣ \ Ǔ कामी।।
पूरनकाम राम सुख रासी। मनज
ु … ǐš कर अज \ ǒ–“ ȡ  Ȣ@
@
आगे परा ‚ Ȣ’ ”Ǔ दे खा।   Ǖͧ˜ š राम चरन ǔ‡ Û¡ रे खा।।
दो0-कर सरोज ͧ  š परसेउ € Ǚ” ȡͧ  ’Ȳ Ǖरधब
ु ीर।।
Ǔ“ šͨ राम † ǒ– धाम मख
ु ǒ– ‚  भई सब पीर।।30।।
–*–*–
तब कह गीध बचन ’ ǐš धीरा । सनु हु राम भंजन भव भीरा।।
नाथ दसानन यह ‚ Ǔ € ȧÛ¡ ȣ@ ȯǑ¡ खल जनकसत
ु ा ¡ ǐš › ȣÛ¡ ȣ@
@
लै ‘ǔÍ † “ Ǒ‘ͧ  गयउ गोसाई। ǒ–› ”Ǔ \ Ǔ € Ǖššȣ € ȧ नाई।।
दरस लागी Ĥ— Ǖšȡ Ʌ̀ȱĤȡ“ ȡ@चलन चहत अब € Ǚ”ȡǓ“ ’ ȡ“ ȡ@
@
राम कहा तनु राखहु ताता। मख
ु मुसकाइ € ¡ ȣ  ȯǑ¡ Ȳबाता।।
जा कर नाम मरत मखु आवा। अधमउ मक ु ु त होई Į ǓǕ गावा।।
सो मम लोचन गोचर ] ‚ Ʌ@šȡ ɋ दे ह नाथ €ȯǑ¡  ȡȱ‚ Ʉ@
@
जल — ǐš नयन € ¡ Ǒ¡ ȱरघरु ाई। तात € ˜ [Ǔ“ ‡ ते ‚ Ǔ Ȳपाई।।
” šǑ¡  बस ǔ‡ Û¡ के मन ˜ ȡ¡ ȣU
@Ǔ Û¡ कहुँ जग ‘ ›Ǖ —[ कछु “ ȡ¡ ȣU
@@
तनु तिज तात जाहु मम धामा। दे उँ काह  àǕ ¡ पूरनकामा।।
दो0-सीता हरन तात ‡ Ǔ“ कहहु ͪ” ȡ सन जाइ।।
‡ Ɋ ˜ Ɇराम त कुल   Ǒ¡  € Ǒ¡ Ǒ¡ दसानन आइ।।31।।
–*–*–
गीध दे ह तिज ’ ǐš ¡ ǐš ǽ”ȡ@भूषन बहु पट पीत अनूपा।।
è™ ȡ˜ गात ǒ–  ȡ› भुज … ȡšȣ@\ è ǓǕ करत नयन — ǐš – ȡšȣ@
@
छं 0-जय राम Ǿ ” अनूप Ǔ“ ‚ “Ǖ[ सगुन गुन Ĥȯš€   ¡ ȣ@
दससीस बाहु Ĥ… ŒȲ खंडन चंड सर मंडन ˜ ¡ ȣ@
@
पाथोद गात सरोज मख ु राजीव आयत लोचनं।
Ǔ“  “ ȫͧ˜ रामु कृपाल बाहु ǒ–   ȡ› भव भय मोचनं।।1।।
–› ˜ Ĥ ˜ ȯ™ ˜ “ ȡǑ‘˜ ‡ ˜ ޙ ȏ ˜ ȯ€ ˜ ‚ Ȫ… šȲ@
‚ Ȫǒ– ‘Ȳ गोपर ɮȲɮ  ¡ š ǒ– ʙ ȡ“ ƒ “ धरनीधरं ।।
जे राम ˜ Ȳğ जपंत संत अनंत जन मन रं जनं।
Ǔ“  “ ȫͧ˜ राम अकाम ͪĤ™ € ȡ˜ ȡǑ‘ खल दल गंजनं।।2।
‡ ȯǑ¡ Į ǓǕ Ǔ“ šȲ‡ “ Ħé˜ Þ™ ȡ” € ǒ–š‡ अज € Ǒ¡ ‚ ȡ ¡ ȣȲ@
@
€ ǐš ڙ ȡ“ ʙ ȡ“ ǒ–šȡ‚ जोग अनेक ˜ ǕǓ“ ‡ ȯǑ¡ ”ȡ ¡ ȣȲ@
@
सो Ĥ‚ Š € ǽ“ ȡ कंद सोभा बंद
ृ अग जग मोहई।
मम ǿ‘™ पंकज भंग
ृ अंग अनंग बहु † ǒ– सोहई।।3।।
जो अगम सग
ु म सभ
ु ाव Ǔ“ ˜ ›[ असम सम सीतल सदा।
”è™ ȲǓ जं जोगी जतन € ǐš करत मन गो बस सदा।।
सो राम रमा Ǔ“ ȡ  संतत दास बस ǒ𗠝Ǖ “ धनी।
मम उर बसउ सो समन   Ȳ  ǓǙ जासु € ȧšǓ पावनी।।4।।
दो0-\ ǒ–š› — ‚ Ǔ ˜ ȡͬ‚ बर गीध गयउ ¡ ǐš’ ȡ˜ @
 ȯǑ¡ € ȧ ͩĐ ™ ȡ ‡  Ȫͬ…  Ǔ“ ‡ कर € ȧÛ¡ ȣ राम।।32।।
–*–*–
कोमल ͬ…  \ Ǔ ‘ȣ“ ‘™ ȡ› ȡ@कारन ǒ–“ Ǖरघन ु ाथ कृपाला।।
गीध अधम खग ] ͧ˜ Ÿ भोगी। ‚ Ǔ ‘ȣǔÛ¡ जो जाचत जोगी।।
सुनहु उमा ते लोग अभागी। ¡ ǐš तिज ¡ ȪǑ¡ Ȳǒ– Ÿ ™ अनुरागी।।
” ǕǓ“   Ȣ Ǒ¡ खोजत ɮȫ भाई। चले ǒ–› Ȫ€  बन बहुताई।।
संकुल लता ǒ–Š” घन कानन। बहु खग मग ृ तहँ गज पंचानन।।
आवत पंथ कबंध Ǔ“ ” ȡ ȡ@ ȯǑ¡ Ȳसब € ¡ ȣ साप कै बाता।।
दरु बासा ˜ ȪǑ¡ ‘ȣÛ¡ ȣ सापा। Ĥ — Ǖपद ”ȯͨ ͧ˜ Šȡ सो पापा।।
सुनु ‚ Ȳ’ – [कहउँ मै  Ȫ¡ ȣ@˜ ȪǑ¡ न सोहाइ Ħ é˜ € Ǖ› ġȪ¡ ȣ@
@
दो0-मन Đ ˜ बचन कपट तिज जो कर भूसुर सेव।
˜ ȪǑ¡ समेत ǒ–šȲͬ… ͧ   बस  ȡ€Ʌ सब दे व।।33।।
–*–*–
सापत ताड़त ”ǽŸ कहं ता। ǒ– Ĥ ” ǗÏ ™ अस ‚ ȡ Ǒ¡ Ȳसंता।।
पूिजअ ǒ–Ĥ सील गुन ¡ ȣ“ ȡ@  Ǘġ न गुन गन ʙ ȡ“ Ĥ– Ȣ“ ȡ@
@
€ Ǒ¡ Ǔ“ ‡ ’ ˜ [ ȡǑ¡ समझ
ु ावा। Ǔ“ ‡ पद Ĥ ȢǓ ‘ȯͨ मन भावा।।
šƒ ”Ǖ Ǔ चरन कमल ͧ  ǽ नाई। गयउ गगन ] ” Ǔ“ ‚ Ǔ पाई।।
 ȡǑ¡ दे इ ‚ Ǔ राम उदारा।   – šȣ €Ʌ ] Į ˜ पगु धारा।।
  – šȣ ‘ȯͨ राम गह
ृ ँ आए। ˜ ǕǓ“ के बचन   ˜ Ǖͨˆ िजयँ भाए।।
  šͧ  ‡ लोचन बाहु ǒ–  ȡ› ȡ@जटा मुकुट ͧ  š उर बनमाला।।
è™ ȡ˜ गौर संद
ु र दोउ भाई।   – šȣ ”šȣ चरन लपटाई।।
Ĥȯ˜ मगन मख
ु बचन न आवा। ” ǓǕ“ ” ǓǕ“ पद सरोज ͧ  š नावा।।
सादर जल लै चरन पखारे । ” ǕǓ“ सुंदर आसन बैठारे ।।
दो0-कंद मूल फल सुरस \ Ǔ Ǒ‘f राम कहुँ ] Ǔ“ @
Ĥȯ˜   Ǒ¡  Ĥ— Ǖखाए बारं बार – ȡǓ“ @ @34।।
–*–*–
” ȡǓ“ ‡ Ȫǐš ] ‚ Ʌभइ ‹ ȡ±ȣ@Ĥ — ǕǑ¡ ǒ– › Ȫͩ€ Ĥ ȢǓ \ Ǔ –ȡ±ȣ@
@
€ȯǑ¡ ǒ–ͬ’ \ è ǓǕ करौ  à
Ǖ ¡ ȡšȣ@अधम ‡ ȡǓ ˜ ɇ‡ °˜ Ǔ — ȡšȣ@
@
अधम ते अधम अधम \ Ǔ “ ȡšȣ@Ǔ Û¡ महँ ˜ ɇ˜ Ǔ ˜ Ȳ‘ \ ƒ ȡšȣ@
@
कह šƒ ”Ǖ Ǔ सन
ु ु — ȡͧ˜ Ǔ“ बाता। मानउँ एक — ‚ Ǔ कर नाता।।
‡ ȡǓ ” ȡȱǓ कुल ’ ˜ [बड़ाई। धन बल ” ǐš‡ “ गन
ु चतरु ाई।।
— ‚ Ǔ ¡ ȣ“ नर सोहइ कैसा। ǒ– “ Ǖजल –ȡǐš‘ ‘ȯͨ \ जैसा।।
नवधा — ‚ Ǔ कहउँ  ȪǑ¡ ” ȡ¡ ȣȲ@सावधान सन
ु ु ’ ǽ मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
Ĥ  ˜ — ‚ Ǔ   Ȳ Û¡ कर संगा। ‘  Ǘ ǐš šǓ मम कथा Ĥ  ‚Ȳ ȡ@
@
दो0-गरु पद पंकज सेवा  Ȣ  ǐš — ‚ Ǔ अमान।
… ȫͬ — ‚ Ǔ मम गन
ु गन करइ कपट तिज गान।।35।।
–*–*–
˜ Ȳğ जाप मम Ǻ± ǒ–èȡ  ȡ@पंचम भजन सो बेद Ĥ € ȡ  ȡ@
@
छठ दम सील ǒ– šǓ बहु करमा। Ǔ“ š Ǔ“ šȲ š   Ï ‡ “ धरमा।।
सातवँ सम ˜ ȪǑ¡ मय जग दे खा। ˜ Ȫ Ʌसंत \ ͬ’ € € ǐš लेखा।।
आठवँ जथालाभ संतोषा। सपनेहुँ “ Ǒ¡ Ȳदे खइ परदोषा।।
नवम सरल सब सन † › ¡ ȣ“ ȡ@मम भरोस Ǒ¡ ™ ȱहरष न ‘ȣ“ ȡ@ @
नव महुँ एकउ ǔ‡ Û¡ के होई। “ ȡǐš ” ǽǕ Ÿ सचराचर कोई।।
सोइ \ Ǔ   ™ ͪĤ™ — ȡͧ˜ Ǔ“ मोरे । सकल Ĥ € ȡš — ‚ Ǔ Ǻ±  ȪšɅ@
@
‡ Ȫͬ‚ बंद
ृ दरु लभ ‚ Ǔ जोई। तो कहुँ आजु सुलभ भइ सोई।।
मम दरसन फल परम अनूपा। जीव पाव Ǔ“ ‡ सहज   Ǿ ” ȡ@ @
जनकसुता कइ   Ǖͬ’ — ȡͧ˜ “ Ȣ@‡ ȡ“ Ǒ¡ कहु € ǐš–š‚ ȡͧ˜ “ Ȣ@@
पंपा   šǑ¡ जाहु रघरु ाई। तहँ ¡ Ȫ^Ǒ¡   ĒǕ Ȣ ͧ˜  ȡ_@
@
सो सब € Ǒ¡ Ǒ¡ दे व रघब
ु ीरा। जानतहूँ पछ
ू हु ˜ Ǔ ’ Ȣšȡ@@
बार बार Ĥ— Ǖपद ͧ  ǽ नाई। Ĥȯ˜   Ǒ¡  सब कथा सन ु ाई।।
छं 0-€ Ǒ¡ कथा सकल ǒ– › Ȫͩ€ ¡ ǐš मुख ǿ‘™ ȱपद पंकज धरे ।
तिज जोग पावक दे ह ¡ ǐš पद › ȣ“ भइ जहँ “ Ǒ¡ Ȳͩ• šȯ@
@
नर ǒ–ǒ–’ € ˜ [\ ’ ˜ [बहु मत   Ȫ€ Ĥ ‘ सब י ȡ‚ ¡ Ǘ@
ǒ– èȡ  € ǐš कह दास तल
ु सी राम पद अनरु ागहू।।
दो0-‡ ȡǓ ¡ ȣ“ अघ ‡ ۘ ˜ Ǒ¡ ˜ È
Ǖ  € ȧǔÛ¡ \ ͧ  “ ȡǐš@
महामंद मन सुख … ¡ ͧ  ऐसे Ĥ — ǕǑ¡ ǒ–   ȡǐš@
@36।।
–*–*–
चले राम י ȡ‚ ȡ बन सोऊ। \  ͧǕ›  बल नर €ȯ¡ ǐš दोऊ।।
ǒ– š¡ ȣ इव Ĥ— Ǖकरत ǒ– Ÿ ȡ‘ȡ@कहत कथा अनेक संबादा।।
› Ǔ† ˜ “ दे खु ǒ–ͪ”“ कइ सोभा। दे खत €ȯǑ¡ कर मन “ Ǒ¡ Ȳछोभा।।
“ ȡǐš   Ǒ¡  सब खग मग ृ बंदृ ा। मानहुँ ˜ Ȫǐš करत ¡ Ǒ¡ ȲǓ“ ‘Ȳȡ@ @
¡ ˜ Ǒ¡ ‘ȯͨ मग ृ Ǔ“ € š ”šȡ¡ ȣ@
Ȳ मग ृ ीं € ¡ Ǒ¡ Ȳ à
Ǖ ¡ कहँ भय “ ȡ¡ ȣȲ@
@
à
Ǖ ¡ आनंद करहु मग ृ जाए। कंचन मग ृ खोजन ए आए।।
संग लाइ € ǐš“ ȢȲ€ ǐš › ȯ¡ ȣȲ@मानहुँ ˜ ȪǑ¡ ͧ   ȡ“ Ǖ‘ȯ¡ ȣȲ@
@
  ȡèğ   Ǖͬ… ǓȲ  ” ǕǓ“ ” ǕǓ“ ‘ȯͨ \ @भूप   Ǖ  ȯͪ  बस “ Ǒ¡ Ȳ› ȯͨ \ @
@
šȡͨ \ “ ȡǐš ‡ ‘ͪ” उर ˜ ȡ¡ ȣ@
Ȳ जुबती   ȡèğ “ ”Ǚ Ǔ बस “ ȡ¡ ȣȲ@
@
दे खहु तात बसंत सुहावा। ͪĤ™ ȡ ¡ ȣ“ ˜ ȪǑ¡ भय उपजावा।।
दो0-ǒ– š¡ ǒ– € › –› ¡ ȣ“ ˜ ȪǑ¡ ‡ ȡ“ ȯͧ  Ǔ“ ” Š अकेल।
  Ǒ¡  ǒ–ͪ”“ मधक
ु र खग मदन € ȧÛ¡ बगमेल।।37(क)।।
‘ȯͨ गयउ ħ ȡ ȡ   Ǒ¡  तासु दत
ू   ǓǕ“ बात।
डेरा € ȧÛ¡ ȯ̀ मनहुँ तब कटकु ¡ Šͩ€ मनजात।।37(ख)।।
–*–*–
ǒ–Š” ǒ–   ȡ› लता \ ǽˆ ȡ“ Ȣ@ǒ– ǒ–’ ǒ–  ȡ“ Ǒ‘f जनु तानी।।
€ ‘ͧ› ताल बर धज
ु ा पताका। ‘Ȱͨ न मोह धीर मन जाका।।
ǒ–ǒ–’ — ȡȱǓ फूले  ǽ नाना। जनु बानैत बने बहु बाना।।
कहुँ कहुँ   Ǖۑš ǒ–Š” सुहाए। जनु भट ǒ– › ‚ ǒ– › ‚ होइ छाए।।
कूजत ͪ”€ मानहुँ गज माते। ढे क महोख ऊँट ǒ–  šȡ ȯ@
@
मोर चकोर € ȧš बर बाजी। पारावत मराल सब ताजी।।
 ȢǓ š लावक पदचर जथ
ू ा। – šǓ“ न जाइ मनोज – ǽ ȡ@
@
रथ ͬ‚ ǐš ͧ  › ȡ दं द
ु भ
ु ी झरना। चातक –Ȳ‘ ȣ गन
ु गन बरना।।
मधक
ु र मुखर — ȯǐš सहनाई। ǒğǒ–’ – ™ ȡǐš –   Ȣ‹ ȤȲआई।।
…  šǕȲͬ‚ “ Ȣ सेन सँग › ȣÛ¡ Ʌ@ǒ– … š   –Ǒ¡ चन
ु ौती ‘ȣÛ¡ Ʌ@
@
› Ǔ† ˜ “ दे खत काम अनीका। š¡ Ǒ¡ Ȳधीर Ǔ Û¡ कै जग › ȣ€ ȡ@
@
f Ǒ¡ €Ʌएक परम बल “ ȡšȣ@ ȯǑ¡  Ʌउबर सभ
ु ट सोइ — ȡšȣ@
@
दो0-तात  ȢǓ“ \ Ǔ Ĥ– › खल काम Đ Ȫ’ \ ǽ लोभ।
˜ ǓǕ“ ǒ– ʙ ȡ“ धाम मन € šǑ¡ ȲǓ“ ͧ˜ Ÿ महुँ छोभ।।38(क)।।
लोभ €Ʌ^Í † ȡ दं भ बल काम €Ʌकेवल “ ȡǐš@
Đ Ȫ’ के ”ǽŸ बचन बल ˜ ǕǓ“ – š € ¡ Ǒ¡ Ȳǒ– … ȡǐš@
@38(ख)।।
–*–*–
गन
ु ातीत सचराचर èȡ˜ Ȣ@राम उमा सब अंतरजामी।।
€ ȡͧ˜ Û¡ कै ‘ȣ“  ȡ दे खाई। ’ ȢšÛ¡ €Ʌमन ǒ–šǓ Ǻ±ȡ_@
@
Đ Ȫ’ मनोज लोभ मद माया। † ǗŠǑ¡ Ȳसकल राम € ȧȲदाया।।
सो नर ^Ȳġ ‡ ȡ› “ Ǒ¡ Ȳभूला। जा पर होइ सो नट अनुकूला।।
उमा कहउँ ˜ ɇअनुभव अपना। सत ¡ ǐš भजनु जगत सब सपना।।
” ǓǕ“ Ĥ— Ǖगए सरोबर तीरा। पंपा नाम सभ
ु ग गंभीरा।।
संत ǿ‘™ जस Ǔ“ ˜ ›[ – ȡšȣ@बाँधे घाट मनोहर … ȡšȣ@
@
जहँ तहँ ͪ”\ Ǒ¡ Ȳǒ–ǒ– ’ मग
ृ नीरा। जनु उदार गह
ृ जाचक भीरा।।
दो0-” Ǖš^Ǔ“ सबन ओट जल –ȯͬ‚ न पाइअ ˜ ˜ @
[
˜ ȡ™ ȡ† ۓ न ‘ȯͨ g जैसे Ǔ“ ‚ “Ǖ[ Ħ é˜ @
@39(क)।।
 Ǖ
ͨ मीन सब एकरस \ Ǔ अगाध जल ˜ ȡǑ¡ @
Ȳ
जथा ’ ˜  [ Ȣ› Û¡ के Ǒ‘“ सख ु संजतु ‡ ȡǑ¡ @
Ȳ@
39(ख)।।
–*–*–
ǒ–€   ȯ  šͧ  ‡ नाना रं गा। मधरु मुखर गुंजत बहु भंग
ृ ा।।
बोलत ‡ › € ǕȀ ǕŠ कलहं सा। Ĥ — Ǖǒ–› Ȫͩ€ जनु करत Ĥ   Ȳ  ȡ@
@
… Đ ȡ€ बक खग समद
ु ाई। दे खत बनइ – šǓ“ “ Ǒ¡ Ȳजाई।।
  Ǖۑš खग गन ͬ‚ šȡ सुहाई। जात ” ͬ € जनु लेत बोलाई।।
ताल समीप ˜ ǕǓ“ Û¡ गह
ृ छाए। चहु Ǒ‘ͧ  कानन ǒ–Š” सुहाए।।
चंपक बकुल कदं ब तमाला। पाटल पनस परास रसाला।।
नव ”ã›  € Ǖ  ͧǕ˜   ǽ नाना। … …Ȳ šȣ€ ”Š› ȣ कर गाना।।
सीतल मंद सग
ु ंध सभ
ु ाऊ। संतत बहइ मनोहर बाऊ।।
कुहू कुहू € Ȫͩ€ › ’ ǓǕ“ € š¡ ȣȲ@  ǕǓ“ रव सरस ڙ ȡ“ ˜ ǕǓ“ Šš¡ ȣȲ@
@
दो0-फल भारन “ ͧ˜ ǒ–Š” सब रहे — Ǘͧ˜ Ǔ“ \ šȡ^@
पर ` ”€ ȡšȣ ” ǽǕ Ÿ ǔ‡ ͧ˜ “  Ǒ¡ Ȳ  Ǖ  Ȳ” Ǔ पाइ।।40।।
–*–*–
‘ȯͨ राम \ Ǔ ǽͬ… š तलावा। ˜ Ï ‡ “ Ǖ€ ȧÛ¡ परम सख ु पावा।।
दे खी सुंदर  ǽ–š छाया। बैठे अनुज   Ǒ¡  रघुराया।।
तहँ ” ǓǕ“ सकल दे व ˜ ǓǕ“ आए। \ è ǓǕ € ǐš Ǔ“ ‡ धाम ͧ  ’ ȡf @
@
बैठे परम Ĥ  ۓ कृपाला। कहत अनज
ु सन कथा रसाला।।
ǒ–š¡  Ȳ — ‚ Ȳ Ǒ¡ दे खी। नारद मन भा सोच ǒ–   ȯŸ Ȣ@
@
मोर साप € ǐš अंगीकारा। सहत राम नाना दख
ु भारा।।
ऐसे Ĥ — ǕǑ¡ ǒ–› Ȫ€ `ȱजाई। ” ǕǓ“ न – Ǔ“ Ǒ¡ अस \   ǽ आई।।
यह ǒ– … ȡǐš नारद कर बीना। गए जहाँ Ĥ — Ǖसुख आसीना।।
गावत राम … ǐš मदृ ु बानी। Ĥȯ˜   Ǒ¡  बहु — ȡȱǓ बखानी।।
करत दं डवत ͧ› f उठाई। राखे बहुत बार उर लाई।।
è ȡ‚  ” ȱǓǗ† Ǔ“ € Š बैठारे । › Ǔ† ˜ “ सादर चरन पखारे ।।
दो0- नाना ǒ–ͬ’ ǒ–“  Ȣ € ǐš Ĥ— ǕĤ   ۓ िजयँ ‡ ȡǓ“ @
नारद बोले बचन तब ‡ Ȫǐš   šȪǽ¡ ”ȡǓ“ @
@41।।
–*–*–
सुनहु उदार सहज रघुनायक। सुंदर अगम सुगम बर दायक।।
दे हु एक बर मागउँ èȡ˜ Ȣ@‡ ɮ™ ͪ” जानत अंतरजामी।।
जानहु ˜ ǓǕ“  à
Ǖ ¡ मोर सभ
ु ाऊ। जन सन कबहुँ ͩ€ करउँ दरु ाऊ।।
कवन – è Ǖ\ ͧ  ͪĤ™ ˜ ȪǑ¡ लागी। जो ˜ ǓǕ“ – š न सकहु  à
Ǖ ¡ मागी।।
जन कहुँ कछु अदे य “ Ǒ¡ Ȳ˜ ȪšɅ@अस ǒ– èȡ  तजहु ‡ Ǔ“ — ȪšɅ@
@
तब नारद बोले हरषाई । अस बर मागउँ करउँ Ǒ‹ ȡ_@ @
‡ ɮ™ ͪ” Ĥ— Ǖके नाम अनेका। Į ǓǕ कह \ ͬ’ € एक  Ʌएका।।
राम सकल “ ȡ˜ Û¡ ते \ ͬ’ € ȡ@होउ नाथ अघ खग गन –ͬ’ € ȡ@
@
दो0-राका रजनी — ‚ Ǔ तव राम नाम सोइ सोम।
अपर नाम उडगन ǒ– ˜ › बसह
ु ु ँ भगत उर ޙ Ȫ˜ @
@42(क)।।
f ˜ è Ǖ˜ ǕǓ“ सन कहे उ € Ǚ”ȡͧ  ’Ȳ Ǖरघुनाथ।
तब नारद मन हरष \ Ǔ Ĥ— Ǖपद नायउ माथ।।42(ख)।।
–*–*–
\ Ǔ Ĥ   ۓ šƒ Ǖ“ ȡ Ǒ¡ जानी। ” ǕǓ“ नारद बोले मद
ृ ु बानी।।
राम ‡ –Ǒ¡ ȲĤȯšȯ̀ Ǔ“ ‡ माया। मोहे हु ˜ ȪǑ¡ सुनहु रघुराया।।
तब ǒ–– ȡ¡ ˜ ɇचाहउँ € ȧÛ¡ ȡ@Ĥ— Ǖ€ȯǑ¡ कारन करै न ‘ȣÛ¡ ȡ@ @
सन
ु ु ˜ ǓǕ“  ȪǑ¡ कहउँ सहरोसा। — ‡ Ǒ¡ Ȳजे ˜ ȪǑ¡ तिज सकल भरोसा।।
करउँ सदा Ǔ Û¡ कै š ȡšȣ@ǔ‡ ͧ˜ बालक राखइ ˜ ¡  ȡšȣ@
@
गह ͧ    Ǖ– Í † अनल \ Ǒ¡ धाई। तहँ राखइ जननी अरगाई।।
Ĥ ȫ± भएँ  ȯǑ¡ सुत पर माता। ĤȢǓ करइ “ Ǒ¡ Ȳ”ȡǓ† ͧ› बाता।।
मोरे Ĥȫ± तनय सम ʙ ȡ“ Ȣ@बालक सुत सम दास अमानी।।
‡ “ Ǒ¡ मोर बल Ǔ“ ‡ बल  ȡ¡ ȣ@दहु ु कहँ काम Đ Ȫ’ ǐš” Ǖ] ¡ ȣ@
@
यह ǒ–… ȡǐš ” ȲͫŒ ˜ ȪǑ¡ — ‡ ¡ ȣȲ@पाएहुँ ʙ ȡ“ — ‚ Ǔ “ Ǒ¡ Ȳ ‡ ¡ ȣȲ@
@
दो0-काम Đ Ȫ’ › Ȫ— ȡǑ‘ मद Ĥ –› मोह कै ’ ȡǐš@
Ǔ Û¡ महँ \ Ǔ ‘ȡǽ“ दख
ु द ˜ ȡ™ ȡǾ ”Ȣ “ ȡǐš@
@43।।
–*–*–
  ǕǓ“ ˜ ǕǓ“ कह पुरान Į ǓǕ संता। मोह ǒ– ͪ” “ कहुँ “ ȡǐš बसंता।।
जप तप नेम ‡ › ȡĮ ™ ˆ ȡšȣ@होइ Ē ȢŸ ˜ सोषइ सब “ ȡšȣ@ @
काम Đ Ȫ’ मद ˜ ×  š भेका। ^Û¡ Ǒ¡ ¡ šŸĤ ‘ बरषा एका।।
‘ –Ǖ ȡ[  “ ȡ कुमद
ु समद
ु ाई। Ǔ Û¡ कहँ सरद सदा सख
ु दाई।।
’ ˜ [सकल   š  Ȣǽ¡ बंद
ृ ा। होइ Ǒ¡ ˜ Ǔ Û¡ Ǒ¡ दहइ सख
ु मंदा।।
” ǓǕ“ ममता जवास बहुताई। पलह ु इ “ ȡǐš ͧ  ͧ  š ǐš Ǖपाई।।
पाप उलूक Ǔ“ € š   Ǖ € ȡšȣ@“ ȡǐš Ǔ“ ǒ– ° रजनी \ ȱͬ’ ] šȣ@ @
– Ǖͬ’ बल सील   י सब मीना। बनसी सम ǒğ™ € ¡ Ǒ¡ ȲĤ –Ȣ“ ȡ@
@
दो0-अवगुन मूल   Ǘ› Ĥ ‘ Ĥ ˜ ‘ȡ सब दख
ु  ȡǓ“ @
ताते € ȧÛ¡ Ǔ“ ȡš“ ˜ ǓǕ“ ˜ ɇयह िजयँ ‡ ȡǓ“ @
@44।।
–*–*–
  ǓǕ“ šƒ Ǖ” Ǔ के बचन सुहाए। ˜ ǕǓ“ तन पुलक नयन — ǐš आए।।
कहहु कवन Ĥ— Ǖकै \ ͧ  šȣ Ȣ@सेवक पर ममता \ ǽ Ĥ Ȣ Ȣ@ @
जे न — ‡ Ǒ¡ Ȳअस Ĥ — Ǖħ ˜ י ȡ‚ Ȣ@ʙ ȡ“ रं क नर मंद अभागी।।
” ǕǓ“ सादर बोले ˜ ǕǓ“ नारद। सुनहु राम ǒ– ʙ ȡ“ ǒ–  ȡš‘@
@
  Ȳ Û¡ के › Í † “ रघुबीरा। कहहु नाथ भव भंजन भीरा।।
सुनु ˜ ǕǓ“   Ȳ Û¡ के गुन कहऊँ। ǔ‡ Û¡ ते ˜ ɇ` Û¡ €Ʌ बस रहऊँ।।
षट ǒ– € ȡš िजत अनघ अकामा। अचल \ ͩ€ Ȳ… “   ͬǕ… सख
ु धामा।।
\ ͧ˜  – Ȫ’ अनीह ͧ˜  — Ȫ‚ Ȣ@  י   ȡš € ǒ– € Ȫǒ– ‘ जोगी।।
सावधान मानद ˜ ‘¡ ȣ“ ȡ@धीर ’ ˜ [‚ Ǔ परम Ĥ –Ȣ“ ȡ@
@
दो0-गुनागार संसार दख
ु šǑ¡  ǒ– ‚  संदेह।।
तिज मम चरन सरोज ͪĤ™ Ǔ Û¡ कहुँ दे ह न गेह।।45।।
–*–*–
Ǔ“ ‡ गन
ु Į “ सन
ु त   € Ǖ… ȡ¡ ȣȲ@पर गन
ु सन
ु त \ ͬ’ € ¡ šŸȡ¡ ȣȲ@
@
सम सीतल “ Ǒ¡ Ȳי ȡ‚ Ǒ¡ Ȳनीती। सरल सभ
ु ाउ   – Ǒ¡ Ȳसन ĤȢ Ȣ@
@
जप तप Ħ दम संजम नेमा। ‚ Ǖǽ ‚ Ȫǒ– ‘Ȳ ǒ– Ĥ पद Ĥȯ˜ ȡ@
@
Į ƨ ȡ छमा ˜ ™ ğȢ दाया। ˜ ǕǑ‘ ȡ मम पद Ĥ ȢǓ अमाया।।
ǒ– šǓ ǒ––ȯ€ ǒ–“ ™ ǒ–Ê™ ȡ“ ȡ@बोध जथारथ बेद पुराना।।
दं भ मान मद € šǑ¡ Ȳन काऊ। — ͧǗ› न ‘ȯǑ¡ Ȳकुमारग पाऊ।।
‚ ȡǑ¡ Ȳ  “Ǖ Ǒ¡ Ȳसदा मम › ȣ› ȡ@हे तु šǑ¡  ” šǑ¡  रत सीला।।
˜Ǔ
Ǖ“ सन
ु ु   ȡ’ Û
Ǖ¡ के गन
ु जेते। € Ǒ¡ न   € Ǒ¡ Ȳसारद Į ǓǕ तेते।।
छं 0-€ Ǒ¡ सक न सारद सेष नारद सुनत पद पंकज गहे ।
अस ‘ȣ“ – Ȳ’ Ǖकृपाल अपने भगत गुन Ǔ“ ‡ मुख कहे ।।
ͧ  ǽ नाह –ȡšǑ¡ Ȳबार … š“ ǔÛ¡ Ħé˜ ” Ǖš नारद गए।।
ते ’ ۙ तल
ु सीदास आस ǒ– ¡ ȡ^ जे ¡ ǐš रँग रँए।।
दो0-šȡ“ ȡǐš जसु पावन ‚ ȡǑ¡ Ȳ  “Ǖ Ǒ¡ Ȳजे लोग।
राम — ‚ Ǔ Ǻ± ”ȡǑ¡ Ȳǒ–“ Ǖǒ–šȡ‚ जप जोग।।46(क)।।
‘ȣ” ͧ   ȡ सम ‡ Ǖ– Ǔ तन मन ‡ Ǔ“ ¡ Ȫͧ  पतंग।
— ‡ Ǒ¡ राम तिज काम मद € šǑ¡ सदा सतसंग।।46(ख)।।
मासपारायण, बाईसवाँ ͪĮ ȡ˜
~~~~~~~~~~
^Ǔ Į Ȣ˜ ġȡ˜ … ǐš ˜ ȡ“   ȯ  € › € ͧ› € › ǕŸ ͪÚ Ȳ  “ ȯ
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ृ ीयः सोपानः   ˜ ȡ܏ Ȭ@
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Ǚ‘ͪĤ™ ȫ@
˜ ȡ™ ȡ˜ ȡ“ ŸǕ Ǿ ͪ”Ž ȫ रघव
ु रौ   ƨ ˜ [ ˜ ɡ Ǒ¡  ȫ
  Ȣ ȡ۝ȯŸ Ž  הšȫ ” ͬ ‚  ȫ — ǔȏ Ĥ ‘ȫ तौ Ǒ¡ नः।।1।।
Ħé˜ ȡà— Ȫͬ’   ˜ Ǖƫ  Ȳ€ ͧ› ˜ › Ĥڝ Ȳ  “ Ȳ… ȡå™ ™ Ȳ
Į Ȣ˜ Í † à— Ǖ˜ Ǖ ȯۑ  Ǖ Ǖۑš šȯ  Ȳž Ȫͧ—  Ȳ   ‘[ ȡ@
संसारामयभेषजं सख
ु करं Į Ȣ‡ ȡ“ € ȧ‡ Ȣ “ Ȳ
’ ۙ ȡè ȯ€ ǙǓ “ Ȭ ͪ”–ǔۏ सततं Į Ȣšȡ˜ “ ȡ˜ ȡ˜ Ǚ ˜ @
@
Q2।।
सो0-˜ ǔǕȏ ‡ ۘ ˜ Ǒ¡ ‡ ȡǓ“ ʙ ȡ“  ȡǓ“ अघ ¡ ȡǓ“ कर
जहँ बस संभु — ȡǓ“ सो कासी सेइअ कस न।।
जरत सकल सुर बंद
ृ ǒ– Ÿ˜ गरल ‡ ȯǑ¡ Ȳपान ͩ€ ™ @
 ȯǑ¡ न — ‡ ͧ  मन मंद को कृपाल संकर   ǐš  @
@
] ‚ Ʌचले – ¡ Ǖǐš रघरु ाया। ǐšç™ ˜ €Ǘ परवत Ǔ“ \ šȡ™ ȡ@
@
तहँ रह   ͬ…    Ǒ¡    ĒǕ Ȣ ȡ@आवत ‘ȯͨ अतल ु बल सींवा।।
\ Ǔ सभीत कह सुनु हनुमाना। ” Ǖǽ Ÿ जुगल बल Ǿ ” Ǔ“ ’ ȡ“ ȡ@
@
’ ǐš बटु Ǿ ” दे खु  ɇजाई। कहे सु ‡ ȡǓ“ िजयँ सयन बुझाई।।
पठए – ȡͧ› ¡ ȪǑ¡ Ȳमन मैला। — ȡ‚ ɋ तरु त  ‡ ɋ यह सैला।।
ǒ–Ĥ Ǿ ” ’ ǐš € ͪ” तहँ गयऊ। माथ नाइ पूछत अस भयऊ।।
को  à
Ǖ ¡ è™ ȡ˜ › गौर   šȣšȡ@† ğȢ Ǿ ” ͩ• š¡ Ǖबन बीरा।।
€ Ǒ‹ “ — ͧǗ˜ कोमल पद गामी। कवन हे तु ǒ– … š¡ Ǖबन è ȡ˜ Ȣ@
@
मद
ृ ल
ु मनोहर संद
ु र गाता। सहत दस
ु ह बन आतप बाता।।
€ ȧ à
Ǖ ¡  ȢǓ“ दे व महँ कोऊ। नर नारायन € ȧ  à
Ǖ ¡ दोऊ।।
दो0-जग कारन तारन भव भंजन धरनी भार।
€ ȧ à
Ǖ ¡ \ ͩ€ › भुवन ” Ǔ › ȣÛ¡ मनुज अवतार।।1।।
–*–*–
कोसलेस दसरथ के जाए । हम ͪ” Ǖबचन ˜ ȡǓ“ बन आए।।
नाम राम › Ǔ† ˜ “ दौउ भाई। संग “ ȡǐš   Ǖ€ Ǖ˜ ȡǐš सुहाई।।
इहाँ ¡ ǐš Ǔ“ ͧ  … š – Ȱ‘ȯ¡ ȣ@ǒ–Ĥ ͩ• šǑ¡ Ȳहम खोजत  ȯ¡ ȣ@
@
आपन … ǐš कहा हम गाई। कहहु ǒ–Ĥ Ǔ“ ‡ कथा बझ ु ाई।।
Ĥ — Ǖ”Ǒ¡ … ȡǓ“ परे उ ‚ Ǒ¡ चरना। सो सुख उमा “ Ǒ¡ Ȳबरना।।
” Ǖ› ͩ€  तन मुख आव न बचना। दे खत ǽͬ… š बेष कै रचना।।
” ǕǓ“ धीरजु ’ ǐš \ è ǓǕ € ȧÛ¡ ȣ@हरष ǿ‘™ ȱǓ“ ‡ “ ȡ Ǒ¡ … ȢÛ¡ ȣ@
@
मोर ۙ ȡ` ˜ ɇपछ
ू ा   ȡɃ@ à
Ǖ ¡ पछ
ू हु कस नर € ȧ “ ȡɃ@
@
तव माया बस ͩ• š`ȱभल
ु ाना। ता ते ˜ ɇ“ Ǒ¡ ȲĤ— Ǖ”Ǒ¡ … ȡ“ ȡ@
@
दो0-एकु ˜ ɇमंद मोहबस € ǕǑŠ› ǿ‘™ \ ʙ ȡ“ @
” ǕǓ“ Ĥ— Ǖ˜ ȪǑ¡ ǒ–  ȡšȯ̀ ‘ȣ“ –Ȳ’ Ǖभगवान।।2।।
–*–*–
‡ ‘ͪ” नाथ बहु अवगुन ˜ ȪšɅ@सेवक Ĥ— ǕǑ¡ परै ‡ Ǔ“ — ȪšɅ@ @
नाथ जीव तव मायाँ मोहा। सो Ǔ“ è š^  àǕ ¡ ȡšȯǑ¡ Ȳछोहा।।
ता पर ˜ ɇरघुबीर दोहाई। जानउँ “ Ǒ¡ Ȳकछु भजन उपाई।।
सेवक सत
ु ”Ǔ मातु — šȪ  @
Ʌ रहइ असोच बनइ Ĥ — Ǖ”Ȫ  @
Ʌ@
अस € Ǒ¡ परे उ चरन अकुलाई। Ǔ“ ‡ तनु Ĥ‚ ǑŠ ĤȢǓ उर छाई।।
तब šƒ ”Ǖ Ǔ उठाइ उर लावा। Ǔ“ ‡ लोचन जल   ȢȲͬ… जड़
ु ावा।।
सुनु € ͪ” िजयँ ˜ ȡ“ ͧ  ‡ Ǔ“ ऊना।  ɇमम ͪĤ™ › Ǔ† ˜ “ ते दन
ू ा।।
समदरसी ˜ ȪǑ¡ कह सब कोऊ। सेवक ͪĤ ™ \ “ ۙ ‚ Ǔ सोऊ।।
दो0-सो \ “ ۙ ‡ ȡ€Ʌ\ ͧ  ˜ Ǔ न टरइ हनुमंत।
˜ ɇसेवक सचराचर Ǿ ” èȡͧ˜ भगवंत।।3।।
–*–*–
‘ȯͨ पवन सुत ”Ǔ अनुकूला। ǿ‘™ ȱहरष बीती सब सूला।।
नाथ सैल पर € ͪ””Ǔ रहई। सो   ĒǕ Ȣ दास तव अहई।।
 ȯǑ¡ सन नाथ ˜ ™ ğȢ € ȧ‡ ȯ@‘ȣ“ ‡ ȡǓ“  ȯǑ¡ अभय € šȣ‡ ȯ@
@
सो सीता कर खोज € šȡ^Ǒ¡ @जहँ तहँ मरकट € ȪǑŠ ”‹ ȡ^Ǒ¡ @
@
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ सकल कथा समुझाई। ͧ› f दऔ
ु जन ” ȢǑ‹ चढ़ाई।।
जब   ǕĒ Ȣ ȱराम कहुँ दे खा। \ Ǔ   ™ ‡ ۘ ’ ۙ € ǐš लेखा।।
सादर ͧ˜ › ȯ̀ नाइ पद माथा। — Šɇȯ̀ अनज ु   Ǒ¡  रघन
ु ाथा।।
€ ͪ” कर मन ǒ– … ȡš f Ǒ¡ šȣ Ȣ@€ ǐš¡ Ǒ¡ Ȳǒ–ͬ’ मो सन ए Ĥ Ȣ Ȣ@
@
दो0-तब हनम
ु त
ं उभय Ǒ‘ͧ  € ȧ सब कथा सन
ु ाइ।।
पावक साखी दे इ € ǐš ‡ Ȫšȣ ĤȢ Ȣ Ǻ±ȡ^@
@4।।
–*–*–
€ ȧÛ¡ ȣ Ĥ ȢǓ कछु बीच न राखा। › † ͧ˜ “ राम … ǐš सब भाषा।।
कह   ǕĒ Ȣ नयन — ǐš –ȡšȣ@ͧ˜ ͧ› Ǒ¡ नाथ ͧ˜ ͬ › ȯ  € Ǖ˜ ȡšȣ@
@
˜ ȲǒğÛ¡   Ǒ¡  इहाँ एक बारा। बैठ रहे उँ ˜ ɇकरत ǒ– … ȡšȡ@
@
गगन पंथ दे खी ˜ ɇजाता। परबस ” šȣ बहुत ǒ–› ”ȡ ȡ@
@
राम राम हा राम ” €Ǖ ȡšȣ@¡ ˜ Ǒ¡ ‘ȯͨ ‘ȣÛ¡ ȯ̀ पट Œȡšȣ@
@
मागा राम तरु त  ȯǑ¡ Ȳ‘ȣÛ¡ ȡ@पट उर लाइ सोच \ Ǔ € ȧÛ¡ ȡ@
@
कह   Ǖ Ē Ȣ सुनहु रघुबीरा। तजहु सोच मन आनहु धीरा।।
सब Ĥ € ȡš € ǐš¡ `ȱसेवकाई। ‡ ȯǑ¡ ǒ– ͬ’ ͧ˜ ͧ› Ǒ¡ ‡ ȡ“ € ȧ आई।।
दो0-सखा बचन   ǕǓ“ हरषे € Ǚ”ȡͧ  ’ Ǖबलसींव।
कारन कवन बसहु बन ˜ ȪǑ¡ कहहु   ĒǕ Ȣ ।।5।।
–*–*–
नात –ȡͧ› \ ǽ ˜ ɇɮȫ भाई। ĤȢǓ š¡ ȣ कछु –šǓ“ न जाई।।
मय सत
ु मायावी  ȯǑ¡ नाऊँ। आवा सो Ĥ— Ǖ¡ ˜ šɅगाऊँ।।
\ ’ [šȡǓ परु ɮȡš पक
ु ारा। – ȡ› ȣ ǐš” Ǖबल सहै न पारा।।
धावा –ȡͧ› ‘ȯͨ सो भागा। ˜ ɇ” ǕǓ“ गयउँ बंधु सँग लागा।।
ͬ‚ ǐš–š गुहाँ पैठ सो जाई। तब – ȡ› ȣȲ˜ ȪǑ¡ कहा बुझाई।।
”ǐš ȯ  Ǖ˜ ȪǑ¡ एक पखवारा। “ Ǒ¡ Ȳ]  ɋ तब जानेसु मारा।।
मास Ǒ‘  तहँ रहे उँ  šȡšȣ@Ǔ“   šȣ ǽͬ’ š धार तहँ — ȡšȣ@
@
–ȡͧ› ¡  ȯͧ  ˜ ȪǑ¡ ˜ ȡǐšǑ¡ आई। ͧ  › ȡ दे इ तहँ चलेउँ पराई।।
˜ ȲǒğÛ¡ परु दे खा ǒ– “ Ǖ  ȡɃ@‘ȣÛ¡ ȯ̀ ˜ ȪǑ¡ राज –ǐš] _@
@
–ȡͧ›  ȡǑ¡ ˜ ȡǐš गह
ृ आवा। ‘ȯͨ ˜ ȪǑ¡ िजयँ भेद बढ़ावा।।
ǐš” Ǖसम ˜ ȪǑ¡ ˜ ȡšȯͧ  \ Ǔ — ȡšȣ@¡ ǐš › ȣÛ¡ ȯͧ    –  [ Ǖ\ ǽ “ ȡšȣ@
@
 ȡ€Ʌ भय रघुबीर कृपाला। सकल भुवन ˜ ɇͩ• šȯ̀ȱǒ–¡ ȡ› ȡ@
@
इहाँ साप बस आवत “ ȡ¡ ȣȲ@ ‘ͪ” सभीत रहउँ मन ˜ ȡ¡ ȣU
@@
  ǕǓ“ सेवक दख
ु ‘ȣ“ ‘™ ȡ› ȡ@• šͩ€ ` ‹ ȤȲɮȰभुजा ǒ–   ȡ› ȡ@
@
दो0- सन
ु ु   ĒǕ Ȣ ˜ ȡǐš¡ `ȱ– ȡͧ› Ǒ¡ f € Ǒ¡ Ȳबान।
Ħà¡ ǽġ सरनागत गएँ न ` –ǐšǑ¡ ȲĤȡ“ @ @6।।
–*–*–
जे न ͧ˜ ğ दख
ु ¡ ȪǑ¡ Ȳ‘ Ǖ ȡšȣ@Ǔ Û¡ Ǒ¡ ǒ– › Ȫ€  पातक — ȡšȣ@
@
Ǔ“ ‡ दख
ु ͬ‚ ǐš सम रज € ǐš जाना। ͧ˜ ğ€ दख
ु रज ˜ ȯǽ समाना।।
ǔ‡ Û¡ €Ʌ\ ͧ  ˜ Ǔ सहज न आई। ते सठ कत ¡ Ǒ‹ करत ͧ˜  ȡ_@
@
कुपथ Ǔ“ ȡǐš सुपंथ चलावा। गुन Ĥ‚ Šȯ\  ‚ Ǖ“ ǔÛ¡ दरु ावा।।
दे त लेत मन संक न धरई। बल अनुमान सदा Ǒ¡  करई।।
ǒ– ”Ǔ काल कर सतगुन नेहा। Į ǓǕ कह संत ͧ˜ ğ गुन एहा।।
] ‚ Ʌकह मद
ृ ु बचन बनाई। ” ȡ† Ʌ\ “ Ǒ¡  मन € ǕǑŠ› ȡ_@
@
जा कर ͬ…  \ Ǒ¡ ‚ Ǔ सम भाई। अस € Ǖͧ˜ ğ ”ǐš¡ šȯǑ¡ भलाई।।
सेवक सठ नप
ृ कृपन € Ǖ“ ȡšȣ@€ ”Šȣ ͧ˜ ğ सूल सम … ȡšȣ@
@
सखा सोच י ȡ‚ ¡ Ǖबल ˜ ȪšɅ@सब ǒ–ͬ’ घटब काज ˜ ɇ ȪšɅ@
@
कह   ǕĒ Ȣ सुनहु रघुबीरा। –ȡͧ› महाबल \ Ǔ रनधीरा।।
दं द
ु भ
ु ी \ ǔè ताल दे खराए। ǒ– “ ǕĤ™ ȡ  रघन
ु ाथ ढहाए।।
‘ȯͨ \ ͧ˜  बल –ȡ±ȣ ĤȢ Ȣ@–ȡͧ› बधब ^Û¡ भइ परतीती।।
बार बार नावइ पद सीसा। Ĥ— ǑǕ¡ ‡ ȡǓ“ मन हरष कपीसा।।
उपजा ʙ ȡ“ बचन तब बोला। नाथ कृपाँ मन भयउ अलोला।।
सुख   Ȳ” Ǔ ”ǐš ȡš बड़ाई। सब ” ǐš¡ ǐš € ǐš¡ `ȱसेवकाई।।
ए सब šȡ˜ — ‚ Ǔ के बाधक। € ¡ Ǒ¡ Ȳसंत तब पद अवराधक।।
  ğ Ǖͧ˜ ğ सुख दख
ु जग ˜ ȡ¡ ȣȲ@माया कृत परमारथ “ ȡ¡ ȣȲ@
@
– ȡͧ› परम Ǒ¡  जासु Ĥ  ȡ‘ȡ@ͧ˜ › ȯ¡Ǖराम  à
Ǖ ¡ समन ǒ– Ÿȡ‘ȡ@
@
  ”“ Ʌ‡ ȯǑ¡ सन होइ लराई। ‡ ȡ‚ Ʌसमझ
ु त मन सकुचाई।।
अब Ĥ— Ǖकृपा करहु f Ǒ¡ भाँती। सब तिज भजनु € šɋ Ǒ‘“ राती।।
  ǓǕ“ ǒ–šȡ‚ संजत
ु € ͪ” बानी। बोले ǒ– ¡ ȱͧ  रामु धनप
ु ानी।।
जो कछु कहे हु   י सब सोई। सखा बचन मम मष
ृ ा न होई।।
नट मरकट इव   –Ǒ¡ नचावत। रामु खगेस बेद अस गावत।।
लै   Ǖ
Ē Ȣ संग रघुनाथा। चले चाप सायक ‚ Ǒ¡ हाथा।।
तब šƒ ”Ǖ Ǔ   ĒǕ Ȣ पठावा। ‚ ‡ ȶͧ  जाइ Ǔ“ € Š बल पावा।।
सन
ु त –ȡͧ› Đ Ȫ’ ȡ šǕ धावा। ‚ Ǒ¡ कर चरन “ ȡǐš समझ
ु ावा।।
सुनु ” Ǔ ǔ‡ Û¡ Ǒ¡ ͧ˜ › ȯ̀   ǕĒ Ȣ ȡ@ते ɮ ȫ बंधु तेज बल सींवा।।
कोसलेस सुत › Ǔ† ˜ “ रामा। कालहु ‡ ȢǓ   € Ǒ¡ Ȳ  ȲĒ ȡ˜ ȡ@
@
दो0-कह –ȡͧ› सुनु — Ȣǽ ͪĤ ™ समदरसी रघन ु ाथ।
‡ ɋ € ‘ȡͬ… ˜ ȪǑ¡ ˜ ȡšǑ¡ Ȳतौ ” ǓǕ“ होउँ सनाथ।।7।।
–*–*–
अस € Ǒ¡ चला महा \ ͧ— ˜ ȡ“ Ȣ@तन ृ समान   ǕĒ Ȣ Ǒ¡ जानी।।
ͧ— šȯउभौ –ȡ› ȣ \ Ǔ  ‡ ȡ[। ˜ ǑǕ‹ € ȡ ˜ ȡǐš ˜ ¡ ȡ’ ǓǕ“ ‚ ‡ ȡ[@
@
तब   ĒǕ Ȣ ǒ–€ › होइ भागा। ˜ ǔǕçŠ Ĥ ¡ ȡš – ė सम लागा।।
˜ ɇजो कहा रघब
ु ीर कृपाला। बंधु न होइ मोर यह काला।।
f € Ǿ” à
Ǖ ¡ ħ ȡ ȡ दोऊ।  ȯǑ¡ ħ ˜  Ʌ“ Ǒ¡ Ȳमारे उँ सोऊ।।
कर परसा   ǕĒ Ȣ   šȣšȡ@तनु भा € Ǖͧ›   गई सब पीरा।।
˜ ȯ› ȣ कंठ सुमन कै माला। पठवा ” ǕǓ“ बल दे इ ǒ–   ȡ› ȡ@
@
” ǕǓ“ नाना ǒ–ͬ’ भई लराई। ǒ– Š” ओट ‘ȯ Ǒ¡ Ȳरघुराई।।
दो0-बहु छल बल   ǕĒ Ȣ कर Ǒ¡ ™ ȱहारा भय ˜ ȡǓ“ @
मारा –ȡͧ› राम तब ǿ‘™ माझ सर  ȡǓ“ @ @
8।।
–*–*–
परा ǒ–€ › ˜ Ǒ¡ सर के › ȡ‚ Ʌ@” ǕǓ“ ` Ǒ‹ बैठ ‘ȯͨ Ĥ — Ǖ] ‚ Ʌ@
@
è™ ȡ˜ गात ͧ  š जटा बनाएँ। \ ǽ“ नयन सर चाप चढ़ाएँ।।
” ǓǕ“ ” ǓǕ“ ͬ…  ^ चरन ͬ…  ‘ȣÛ¡ ȡ@सफ
ु ल ‡ ۘ माना Ĥ — Ǖ… ȢÛ¡ ȡ@
@
ǿ‘™ ȱĤ ȢǓ मख
ु बचन कठोरा। बोला ͬ…  ^ राम € ȧ ओरा।।
’ ˜ [हे तु अवतरे हु गोसाई। मारे हु ˜ ȪǑ¡ ޙ ȡ’ € ȧ नाई।।
˜ ɇ–Ȱšȣ   ǕĒ Ȣ ͪ” ] šȡ@अवगुन कबन नाथ ˜ ȪǑ¡ मारा।।
अनुज बधू — ͬ‚ “ Ȣ सुत “ ȡšȣ@सुनु सठ € ۙ ȡ सम ए … ȡšȣ@
@
^Û¡ Ǒ¡ € ǕƧǔçŠ ǒ–› Ȫ€ ^ जोई।  ȡǑ¡ – ’ Ʌकछु पाप न होई।।
मढ़
ु  ȪǑ¡ \ Ǔ   ™ \ ͧ— ˜ ȡ“ ȡ@“ ȡǐš ͧ   ȡ“ € šͧ  न काना।।
मम भुज बल ] ͬĮ   ȯǑ¡ जानी। मारा … ¡ ͧ  अधम \ ͧ— ˜ ȡ“ Ȣ@
@
दो0-सुनहु राम è ȡ˜ Ȣ सन चल न … ȡ šǕȣ ˜ Ȫǐš@
Ĥ— Ǖअजहूँ ˜ ɇपापी अंतकाल ‚ Ǔ  Ȫǐš@
@9।।
–*–*–
सुनत राम \ Ǔ कोमल बानी। – ȡͧ› सीस परसेउ Ǔ“ ‡ पानी।।
अचल € šɋ तनु राखहु Ĥȡ“ ȡ@– ȡͧ› कहा सुनु € Ǚ” ȡǓ“ ’ ȡ“ ȡ@
@
‡ ۘ ‡ ۘ ˜ ǓǕ“ जतनु € šȡ¡ ȣ@
Ȳ अंत राम € Ǒ¡ आवत “ ȡ¡ ȣȲ@ @
जासु नाम बल संकर कासी। दे त   – Ǒ¡ सम ‚ Ǔ \ ͪ“ ȡ  Ȣ@
@
मम लोचन गोचर सोइ आवा। –¡ Ǖǐš ͩ€ Ĥ— Ǖअस – Ǔ“ Ǒ¡ बनावा।।
छं 0-सो नयन गोचर जासु गुन Ǔ“  “ ȯǓ € Ǒ¡ Į ǓǕ ‚ ȡ ¡ ȣ@
Ȳ
ǔ‡ Ǔ पवन मन गो Ǔ“ š  € ǐš ˜ ǕǓ“ ڙ ȡ“ कबहुँक ” ȡ ¡ ȣȲ@ @
˜ ȪǑ¡ ‡ ȡǓ“ \ Ǔ \ ͧ— ˜ ȡ“ बस Ĥ — Ǖकहे उ राखु   šȣš¡ ȣ@
अस कवन सठ ¡ Ǒ‹ € ȡǑŠ   šǕ ǽ –ȡǐš € ǐšǑ¡ –– šǗ¡ ȣ@
@1।।
अब नाथ € ǐš € ǽ“ ȡ ǒ–› Ȫ€ ¡ Ǖदे हु जो बर मागऊँ।
‡ ȯǑ¡ Ȳ‡ ȪǓ“ ‡ ۘ ɋ € ˜ [बस तहँ राम पद अनुरागऊँ।।
यह तनय मम सम ǒ–“ ™ बल € 㙠ȡ“ Ĥ‘ Ĥ — Ǖ› ȣǔ‡ g@
‚ Ǒ¡ बाहँ सुर नर नाह आपन दास अंगद € ȧǔ‡ g@
@2।।
दो0-राम चरन Ǻ± ĤȢǓ € ǐš – ȡͧ› € ȧÛ¡ तनु י ȡ‚ @
सम
ु न माल ǔ‡ ͧ˜ कंठ ते ͬ‚ š न जानइ नाग।।10।।
–*–*–
राम –ȡͧ› Ǔ“ ‡ धाम पठावा। नगर लोग सब ޙ ȡ€ Ǖ› धावा।।
नाना ǒ– ͬ’ ǒ–› ȡ” कर तारा। छूटे केस न दे ह सँभारा।।
तारा ǒ–€ › ‘ȯͨ रघुराया । ‘ȣÛ¡ ʙ ȡ“ ¡ ǐš › ȣÛ¡ ȣ माया।।
Ǔ† Ǔ जल पावक गगन समीरा। पंच šͬ…  \ Ǔ अधम   šȣšȡ@
@
Ĥ‚ Š सो तनु तव ] ‚ Ʌसोवा। जीव Ǔ“ י €ȯǑ¡ › ͬ‚  à
Ǖ ¡ रोवा।।
उपजा ʙ ȡ“ चरन तब लागी। › ȣÛ¡ ȯͧ  परम — ‚ Ǔ बर मागी।।
उमा ‘ȡǽ ‡ ȪͪŸ € ȧ नाई।   – Ǒ¡ नचावत रामु गोसाई।।
तब   ĒǕ ȢǑ¡ आयसु ‘ȣÛ¡ ȡ@मत
ृ क € ˜ [ǒ–ͬ’ – सब € ȧÛ¡ ȡ@
@
राम कहा \ “ ‡Ǖ Ǒ¡ समुझाई। राज दे हु   ǕĒ Ȣ Ǒ¡ जाई।।
šƒ Ǖ” Ǔ चरन नाइ € ǐš माथा। चले सकल Ĥȯǐš रघुनाथा।।
दो0-› Ǔ† ˜ “ तरु त बोलाए पुरजन ǒ– Ĥ समाज।
राजु ‘ȣÛ¡   ǕĒ Ȣ कहँ अंगद कहँ जुबराज।।11।।
–*–*–
उमा राम सम Ǒ¡  जग ˜ ȡ¡ ȣ@ Ȳ ‚ Ǖǽ ͪ” Ǖमातु बंधु Ĥ — Ǖ“ ȡ¡ ȣȲ@
@
सुर नर ˜ Ǖ
Ǔ“ सब कै यह šȣ Ȣ@èȡš › ȡͬ‚ € šǑ¡ Ȳसब Ĥ Ȣ Ȣ@
@
– ȡͧ› ğȡ  ޙ ȡ€ Ǖ› Ǒ‘“ राती। तन बहु Ħ “ ͬ… Ȳ ȡȱजर छाती।।
सोइ   Ē
Ǖ Ȣ € ȧÛ¡ € ͪ”šȡa @\ Ǔ कृपाल रघब ु ीर सभु ाऊ।।
जानतहुँ अस Ĥ — Ǖ”ǐš¡ š¡ ȣȲ@काहे न ǒ– ”Ǔ जाल नर ”š¡ ȣȲ@ @
” ǓǕ“   ĒǕ ȢǑ¡ › ȣÛ¡ बोलाई। बहु Ĥ € ȡš “ ”Ǚ “ ȢǓ ͧ   ȡ_@
@
कह Ĥ— Ǖसुनु   ǕĒ Ȣ ¡ šȣ  ȡ@पुर न जाउँ दस … ȡǐš –šȣ  ȡ@
@
गत Ē ȢŸ˜ बरषा ǐš Ǖआई। šǑ¡ ¡ `ȱǓ“ € Š सैल पर छाई।।
अंगद   Ǒ¡  करहु  à
Ǖ ¡ राजू। संतत ǿ‘™ धरे हु मम काजू।।
जब   ĒǕ Ȣ भवन ͩ• ǐš आए। रामु Ĥ –šŸ “ ͬ‚ ǐš पर छाए।।
दो0-Ĥ ˜ Ǒ¡ Ȳ‘ȯ Û¡ ͬ‚ ǐš गह
ु ा राखेउ ǽͬ… š बनाइ।
राम € Ǚ”ȡǓ“ ͬ’ कछु Ǒ‘“ बास € šǑ¡ ‚Ȳ ȯआइ।।12।।
–*–*–
संद
ु र बन € Ǖ  ͧǕ˜  \ Ǔ सोभा। गंज
ु त मधपु Ǔ“ € š मधु लोभा।।
कंद मूल फल ”ğ सुहाए। भए बहुत जब ते Ĥ — Ǖआए ।।
‘ȯͨ मनोहर सैल अनूपा। रहे तहँ अनुज   Ǒ¡  सुरभूपा।।
मधक
ु र खग मग
ृ तनु ’ ǐš दे वा। € šǑ¡ Ȳͧ  ƨ ˜ ǕǓ“ Ĥ — Ǖकै सेवा।।
˜ Ȳ‚ › ǽ” भयउ बन तब ते । € ȧÛ¡ Ǔ“  ȡ  š˜ ȡ” Ǔ जब ते।।
• ǑŠ€ ͧ  › ȡ \ Ǔ   ħǕ सह
ु ाई। सख
ु आसीन तहाँ ɮ ȫ भाई।।
कहत अनुज सन कथा अनेका। — ‚ Ǔ ǒ–šǓ “ ”Ǚ “ ȢǓ ǒ– –ȯ€ ȡ@
@
बरषा काल मेघ नभ छाए। गरजत लागत परम सुहाए।।
दो0- › Ǔ† ˜ “ दे खु मोर गन नाचत – ȡǐš‘ ” Ȱͨ @
‚ ¡Ǚȣ ǒ–šǓ रत हरष जस ǒ– ç“ Ǖभगत कहुँ ‘ȯͨ @
@13।।
–*–*–
घन घमंड नभ गरजत घोरा। ͪĤ ™ ȡ ¡ ȣ“ डरपत मन मोरा।।
‘ȡͧ˜ Ǔ“ दमक रह न घन ˜ ȡ¡ ȣȲ@खल कै ĤȢǓ जथा ͬ š “ ȡ¡ ȣȲ@
@
–šŸǑ¡ Ȳजलद — ͧǗ˜ Ǔ“ \ šȡf ȱ@जथा “  Ǒ¡ Ȳबध
ु ǒ–ɮ™ ȡ पाएँ।।
बँद
ू अघात   ¡ Ǒ¡ Ȳͬ‚ ǐš €ɇ  Ʌ। खल के बचन संत सह ‡ Ȱ
  Ʌ@
@
† Ǖġ “ ‘ȣȲ— ǐš … › ȣȲतोराई। जस थोरे हुँ धन खल इतराई।।
— Ǘͧ˜ परत भा ढाबर पानी। जनु ‡ ȢǑ¡ माया लपटानी।।
  ͧ˜ ǑŠ   ͧ˜ ǑŠ जल — šǑ¡ Ȳतलावा। ǔ‡ ͧ˜ सदगुन   Ï ‡ “ ” Ǒ¡ Ȳआवा।।
  ǐš ȡ जल ‡ › Ǔ“ ͬ’ महुँ जाई। होई अचल ǔ‡ ͧ˜ िजव ¡ ǐš पाई।।
दो0- ¡ ǐš — ͧǗ˜ तनृ संकुल   ˜ ͨǕˆ ”šǑ¡ Ȳ“ Ǒ¡ Ȳपंथ।
ǔ‡ ͧ˜ पाखंड बाद  Ʌ‚ Ǖ܏ ¡ ȪǑ¡ Ȳ  ‘Ē Ȳ @
@14।।
–*–*–
दादरु ’ ǓǕ“ चहु Ǒ‘  ȡ सह
ु ाई। बेद ” ±Ǒ¡ Ȳजनु बटु समदु ाई।।
नव ”ã›  भए ǒ–Š” अनेका। साधक मन जस ͧ˜ › Ʌǒ– –ȯ€ ȡ@
@
\ €[ जबास पात ǒ–“ Ǖभयऊ। जस सुराज खल ` ɮ™ ˜ गयऊ।।
खोजत कतहुँ ͧ˜ › ^ “ Ǒ¡ Ȳ’ šǗȣ@करइ Đ Ȫ’ ǔ‡ ͧ˜ ’ š˜ Ǒ¡ ‘ šǗȣ@
@
  ͧ    Ȳ” ۓ सोह ˜ Ǒ¡ कैसी। ` ”€ ȡšȣ कै   Ȳ” Ǔ जैसी।।
Ǔ“ ͧ  तम घन  ɮ™ Ȫ ǒ–šȡ‡ ȡ@जनु ‘Ȳͧ— Û¡ कर ͧ˜ › ȡ समाजा।।
˜ ¡ ȡ– ǔǙçŠ … ͧ› • ǗǑŠ ͩ€ ] šȣȲ। ǔ‡ ͧ˜   Ǖ ğȲ भएँ ǒ–‚ šǑ¡ Ȳ“ ȡšȣȲ@
@
कृषी Ǔ“ šȡǑ¡ Ȳचतरु ͩ€   ȡ“ ȡ@ǔ‡ ͧ˜ बुध  ‡ Ǒ¡ Ȳमोह मद माना।।
‘ȯͨ \  … Đ –ȡ€ खग “ ȡ¡ ȣȲ@€ ͧ› Ǒ¡ पाइ ǔ‡ ͧ˜ ’ ˜ [” šȡ¡ ȣȲ@
@
ऊषर बरषइ तन
ृ “ Ǒ¡ Ȳजामा। ǔ‡ ͧ˜ ¡ ǐš‡ “ Ǒ¡ ™ ȱउपज न कामा।।
ǒ–ǒ– ’ जंतु संकुल ˜ Ǒ¡ ħ ȡ‡ ȡ@Ĥ ‡ ȡ बाढ़ ǔ‡ ͧ˜ पाइ सरु ाजा।।
जहँ तहँ रहे ” ͬ €  ͩ€ नाना। ǔ‡ ͧ˜ ^ȲǑġ™ गन ` ”‡ Ʌʙ ȡ“ ȡ@
@
दो0-कबहुँ Ĥ–› बह ˜ ȡǽ जहँ तहँ मेघ ǒ– › ȡǑ¡ @Ȳ
ǔ‡ ͧ˜ कपूत के ` ” ‡ Ʌकुल   ƨ ˜ [“   ȡǑ¡ @
Ȳ@
15(क)।।
कबहुँ Ǒ‘   महँ Ǔ“ ǒ–° तम कबहुँक Ĥ‚ Š पतंग।
ǒ–“   ^ उपजइ ʙ ȡ“ ǔ‡ ͧ˜ पाइ कुसंग ससु ंग।।15(ख)।।
–*–*–
बरषा ǒ–‚  सरद ǐš Ǖआई। › Ǔ† ˜ “ दे खहु परम सुहाई।।
• Ǘ› Ʌकास सकल ˜ Ǒ¡ छाई। जनु बरषाँ कृत Ĥ ‚ Š बढ़
ु ाई।।
` Ǒ‘ \ ‚ ǔè पंथ जल सोषा। ǔ‡ ͧ˜ › Ȫ— Ǒ¡ सोषइ संतोषा।।
  ǐš ȡ सर Ǔ“ ˜ ›[ जल सोहा। संत ǿ‘™ जस गत मद मोहा।।
रस रस सूख   ǐš सर पानी। ममता י ȡ‚ € šǑ¡ Ȳǔ‡ ͧ˜ ʙ ȡ“ Ȣ@
@
‡ ȡǓ“ सरद ǐš Ǖखंजन आए। पाइ समय ǔ‡ ͧ˜ सुकृत सुहाए।।
पंक न रे नु सोह \ ͧ  धरनी। “ ȢǓ Ǔ“ ” “Ǖ नप
ृ कै ‡ ͧ  करनी।।
जल संकोच ǒ–€ › भइँ मीना। अबध
ु कुटुंबी ǔ‡ ͧ˜ ’ “ ¡ ȣ“ ȡ@
@
ǒ– “ Ǖधन Ǔ“ ˜ ›[ सोह अकासा। ¡ ǐš‡ “ इव ” ǐš¡ ǐš सब आसा।।
कहुँ कहुँ – ǔǙçŠ   ȡš‘ȣ  Ȫšȣ@कोउ एक पाव — ‚ Ǔ ǔ‡ ͧ˜ ˜ Ȫšȣ@
@
दो0-चले ¡ šͪŸ तिज नगर नप ृ तापस –Ǔ“ € ͧ—  ȡǐš@
ǔ‡ ͧ˜ ¡ ǐš— ‚  पाइ Į ˜  ‡ Ǒ¡ ] Į ˜ Ȣ … ȡǐš@
@16।।
–*–*–
सख
ु ी मीन जे नीर अगाधा। ǔ‡ ͧ˜ ¡ ǐš सरन न एकउ बाधा।।
• Ǘ› Ʌकमल सोह सर कैसा। Ǔ“ ‚ “Ǖ[ Ħ à¡ सगुन भएँ जैसा।।
गुंजत मधक
ु र मुखर अनूपा। सुंदर खग रव नाना Ǿ ”ȡ@
@
… Đ – ȡ€ मन दख
ु Ǔ“ ͧ  पैखी। ǔ‡ ͧ˜ ‘ ‡Ǖ “[ पर   Ȳ” Ǔ दे खी।।
चातक रटत तष
ृ ा \ Ǔ j ¡ ȣ@ǔ‡ ͧ˜ सख
ु लहइ न   Ȳ€ šġȪ¡ ȣ@
@
सरदातप Ǔ“ ͧ    ͧ  अपहरई। संत दरस ǔ‡ ͧ˜ पातक टरई।।
‘ȯͨ इंद ु चकोर समद
ु ाई। ͬ…    Ǒ¡ Ȳǔ‡ ͧ˜ ¡ ǐš‡ “ ¡ ǐš पाई।।
मसक दं स बीते Ǒ¡ ˜ ğȡ  ȡ@ǔ‡ ͧ˜ ɮͪ ‡ ġȪ¡ ͩ€ f ȱकुल नासा।।
दो0-— Ǘͧ˜ जीव संकुल रहे गए सरद ǐš Ǖपाइ।
सदगुर ͧ˜ › ȯ‡ ȡǑ¡ Ȳǔ‡ ͧ˜ संसय ħ ˜ समुदाइ।।17।।
–*–*–
बरषा गत Ǔ“ ˜ ›[ ǐš Ǖआई।   Ǖͬ’ न तात सीता कै पाई।।
एक बार कैसेहुँ   Ǖͬ’ ‡ ȡ“ ɋ@कालहु जीत Ǔ“ ͧ˜ Ÿ महुँ ] “ ɋ@
@
कतहुँ रहउ ‡ ɋ ‡ ȢǓ होई। तात जतन € ǐš आनेउँ सोई।।
  ĒǕ Ȣ ¡ Ǖȱ  ͬǕ’ ˜ Ȫǐš ǒ–  ȡšȣ@पावा राज कोस परु “ ȡšȣ@
@
‡ ȯǑ¡ Ȳसायक मारा ˜ ɇ– ȡ› ȣ@ ȯǑ¡ Ȳसर ¡  ɋ मूढ़ कहँ € ȡ› ȣ@
@
जासु कृपाँ † ǗŠ¡ ȣȲमद मोहा। ता कहुँ उमा ͩ€ सपनेहुँ कोहा।।
‡ ȡ“ Ǒ¡ Ȳयह … ǐšğ ˜ ǕǓ“ ʙ ȡ“ Ȣ@ǔ‡ Û¡ रघब
ु ीर चरन šǓ मानी।।
› Ǔ† ˜ “ Đ Ȫ’ Ȳ Ĥ— Ǖजाना। धनष
ु चढ़ाइ गहे कर बाना।।
दो0-तब \ “ ‡Ǖ Ǒ¡ समझ
ु ावा šƒ ”Ǖ Ǔ € ǽ“ ȡ सींव।।
भय दे खाइ लै आवहु तात सखा   ǕĒ Ȣ@ @18।।
–*–*–
इहाँ पवनसत ु ǿ‘™ ȱǒ–… ȡšȡ@राम काजु   ĒǕ Ȣ ȱǒ–  ȡšȡ@
@
Ǔ“ € Š जाइ … š“ ǔÛ¡ ͧ  ǽ नावा। … ȡǐš¡ Ǖǒ– ͬ’  ȯǑ¡ € Ǒ¡ समुझावा।।
  ǕǓ“   ǕĒ Ȣ ȱपरम भय माना। ǒ– Ÿ™ ȱमोर ¡ ǐš › ȣÛ¡ ȯ̀ ʙ ȡ“ ȡ@
@
अब ˜ ȡǽ   Ǖ दत
ू समूहा। पठवहु जहँ तहँ बानर जूहा।।
कहहु पाख महुँ आव न जोई। ˜ ȪšɅकर ता कर बध होई।।
तब हनम ु ंत बोलाए दत ू ा। सब कर € ǐš सनमान बहूता।।
भय \ ǽ ĤȢǓ “ ȢǓ दे खाई। चले सकल … š“ ǔÛ¡ ͧ  š नाई।।
f Ǒ¡ अवसर › Ǔ† ˜ “ पुर आए। Đ Ȫ’ ‘ȯͨ जहँ तहँ € ͪ” धाए।।
दो0-धनुष चढ़ाइ कहा तब ‡ ȡǐš करउँ पुर छार।
ޙ ȡ€ Ǖ› नगर ‘ȯͨ तब आयउ – ȡͧ› € Ǖ˜ ȡš@ @
19।।
–*–*–
चरन नाइ ͧ  ǽ ǒ– “  Ȣ € ȧÛ¡ ȣ@› Ǔ† ˜ “ अभय बाँह  ȯǑ¡ ‘ȣÛ¡ ȣ@
@
Đ Ȫ’  Ȳ › Ǔ† ˜ “   ǕǓ“ काना। कह कपीस \ Ǔ भयँ अकुलाना।।
सन
ु ु हनम
ु ंत संग लै तारा। € ǐš ǒ– “  Ȣ समझ
ु ाउ कुमारा।।
तारा   Ǒ¡  जाइ हनम
ु ाना। चरन –ȲǑ‘ Ĥ — Ǖसज
ु स बखाना।।
€ ǐš ǒ–“  Ȣ ˜ ȲǑ‘š लै आए। चरन ” ȡǐš पलँ ग बैठाए।।
तब कपीस … š“ ǔÛ¡ ͧ  ǽ नावा। ‚ Ǒ¡ भुज › Ǔ† ˜ “ कंठ लगावा।।
नाथ ǒ– Ÿ™ सम मद कछु “ ȡ¡ ȣȲ@˜ ǕǓ“ मन मोह करइ छन ˜ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
सन
ु त ǒ– “ Ȣ बचन सख
ु पावा। › Ǔ† ˜ “  ȯǑ¡ बहु ǒ–ͬ’ समझ ु ावा।।
पवन तनय सब कथा सन ु ाई। ‡ ȯǑ¡ ǒ– ͬ’ गए दत ू समदु ाई।।
दो0-¡ šͪŸ चले   Ǖ
Ē Ȣ तब \ Ȳ‚ ‘ȡǑ‘ € ͪ” साथ।
रामानुज ] ‚ Ʌ€ ǐš आए जहँ रघुनाथ।।20।।
–*–*–
नाइ चरन ͧ  ǽ कह कर ‡ Ȫšȣ@नाथ ˜ ȪǑ¡ कछु “ ȡǑ¡ “  Ȫšȣ@
@
\ Ǔ   ™ Ĥ–› दे व तब माया। छूटइ राम करहु ‡ ɋ दाया।।
ǒ– Ÿ ™ –è™ सुर नर ˜ ǕǓ“ èȡ˜ Ȣ@˜ ɇपावँर पसु € ͪ” \ Ǔ कामी।।
“ ȡǐš नयन सर ‡ ȡǑ¡ न लागा। घोर Đ Ȫ’ तम Ǔ“ ͧ  जो जागा।।
लोभ पाँस ‡ ȯǑ¡ Ȳगर न बँधाया। सो नर  à
Ǖ ¡ समान रघरु ाया।।
यह गन
ु साधन  Ʌ“ Ǒ¡ Ȳहोई।  à
Ǖ ¡ šȣ कृपाँ पाव कोइ कोई।।
तब šƒ Ǖ” Ǔ बोले मुसकाई।  à
Ǖ ¡ ͪĤ™ ˜ ȪǑ¡ भरत ǔ‡ ͧ˜ भाई।।
अब सोइ जतनु करहु मन लाई। ‡ ȯǑ¡ ǒ–ͬ’ सीता कै   Ǖͬ’ पाई।।
दो0- f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ होत –  € ¡ ȣ आए बानर जूथ।
नाना बरन सकल Ǒ‘ͧ  ‘ȯͨ \ € ȧ  – ǽ @ @21।।
–*–*–
बानर कटक उमा ˜ Ʌदे खा। सो ˜ ǽǗ  जो करन चह लेखा।।
आइ राम पद “ ȡǑ¡ Ȳमाथा। Ǔ“ šͨ बदनु सब ¡ ȪǑ¡ Ȳसनाथा।।
अस € ͪ” एक न सेना ˜ ȡ¡ ȣȲ@राम कुसल ‡ ȯǑ¡ ” †Ǘ Ȥ “ ȡ¡ ȣȲ@
@
यह कछु “ Ǒ¡ ȲĤ— Ǖकइ \ ͬ’ € ȡ_@ǒ– èǾ ” ޙ ȡ” € रघुराई।।
ठाढ़े जहँ तहँ आयसु पाई। कह   ǕĒ Ȣ   – Ǒ¡ समुझाई।।
राम काजु \ ǽ मोर Ǔ“ ¡ Ȫšȡ@बानर जूथ जाहु चहुँ ओरा।।
जनकसत ु ा कहुँ खोजहु जाई। मास Ǒ‘   महँ आएहु भाई।।
\ ͬ’ ˜ ȯǑŠ जो ǒ–“ Ǖ  ͬǕ’ पाएँ। आवइ – Ǔ“ Ǒ¡ सो ˜ ȪǑ¡ मराएँ।।
दो0- बचन सुनत सब बानर जहँ तहँ चले तरु ं त ।
तब   ǕĒ Ȣ ȱबोलाए अंगद नल हनुमंत।।22।।
–*–*–
सुनहु नील अंगद हनुमाना। जामवंत ˜ Ǔ ’ Ȣš सुजाना।।
सकल सुभट ͧ˜ ͧ› ‘ǔÍ † “ जाहू। सीता   Ǖͬ’ पँछ
ू े उ सब काहू।।
मन Đ ˜ बचन सो जतन ǒ–… ȡšȯ¡ Ǖ@šȡ˜ … ġȲ कर काजु सँवारे हु।।
भानु ”ȢǑ‹ सेइअ उर आगी। è ȡͧ˜ Ǒ¡   – [भाव छल י ȡ‚ Ȣ@
@
तिज माया सेइअ परलोका। ͧ˜ ŠǑ¡ Ȳसकल भव संभव सोका।।
दे ह धरे कर यह फलु भाई। भिजअ राम सब काम ǒ– ¡ ȡ_@
@
सोइ ‚ Ǖ“ ʙ सोई बड़भागी । जो रघुबीर चरन अनुरागी।।
आयसु ˜ ȡͬ‚ चरन ͧ  ǽ नाई। चले ¡ šͪŸ   Ǖͧ˜ š रघुराई।।
” ȡ† Ʌपवन तनय ͧ  ǽ नावा। ‡ ȡǓ“ काज Ĥ — ǕǓ“ € Š बोलावा।।
परसा सीस   šȪǽ¡ पानी। € š˜ ǑǕġ€ ȡ ‘ȣǔÛ¡ जन जानी।।
बहु Ĥ€ ȡš   Ȣ Ǒ¡ समझ
ु ाएहु। € Ǒ¡ बल ǒ– š¡ –ȯͬ‚  à
Ǖ ¡ आएहु।।
हनुमत ‡ ۘ सुफल € ǐš माना। चलेउ ǿ‘™ ȱ’ ǐš € Ǚ” ȡǓ“ ’ ȡ“ ȡ@@
‡ ɮ™ ͪ” Ĥ — Ǖजानत सब बाता। šȡ‡ “ ȢǓ राखत   Ǖšğȡ ȡ@
@
दो0-चले सकल बन खोजत   ǐš ȡ सर ͬ‚ ǐš खोह।
राम काज › ™ › ȣ“ मन ǒ–  šȡ तन कर छोह।।23।।
–*–*–
कतहुँ होइ Ǔ“ ͧ  … š   ɇभेटा। Ĥ ȡ“ › ȯǑ¡ Ȳएक एक चपेटा।।
बहु Ĥ € ȡš ͬ‚ ǐš कानन ¡ ȯšǑ¡ @
Ȳ कोउ ˜ ǓǕ“ ͧ˜ ›   ȡǑ¡ सब ƒ ȯšǑ¡ @
Ȳ@
› ȡͬ‚ तष ृ ा \ Ǔ   ™ अकुलाने। ͧ˜ › ^ न जल घन गहन भल ु ाने।।
मन हनुमान € ȧÛ¡ अनुमाना। मरन चहत सब ǒ–“ Ǖजल पाना।।
… Ǒ± ͬ‚ ǐš ͧ   š चहूँ Ǒ‘ͧ  दे खा। — Ǘͧ˜ ǒ–ǒ–š एक कौतकु पेखा।।
… Đ –ȡ€ बक हं स ` °ȡ¡ ȣȲ@बहुतक खग Ĥ ǒ–   Ǒ¡ Ȳ ȯǑ¡ ˜ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
ͬ‚ ǐš ते `  ǐš पवनसत ु आवा। सब कहुँ लै सोइ ǒ– –š दे खावा।।
] ‚ Ʌकै ¡ “ ˜Ǖ Ȳ Ǒ¡ › ȣÛ¡ ȡ@पैठे ǒ– –š ǒ–› Ȳ– Ǖन € ȧÛ¡ ȡ@
@
दो0-‘ȣ जाइ उपवन बर सर ǒ–‚ ͧ   बहु कंज।
˜ ȲǑ‘š एक ǽͬ… š तहँ – ȰǑ‹ “ ȡǐš तप पुंज।।24।।
–*–*–
‘ ǐǗš ते  ȡǑ¡   – ǔÛ¡ ͧ  š नावा। ” †Ǘ ɅǓ“ ‡ – ×
Ǚ ȡȲ सन
ु ावा।।
 ȯǑ¡ Ȳतब कहा करहु जल पाना। खाहु सुरस सुंदर फल नाना।।
˜ Ï ‡ “ Ǖ€ ȧÛ¡ मधरु फल खाए। तासु Ǔ“ € Š ” ǕǓ“ सब … ͧ› आए।।
 ȯǑ¡ Ȳसब ] ” Ǔ“ कथा सुनाई। ˜ ɇअब जाब जहाँ रघुराई।।
मद
ू हु नयन ǒ––š तिज जाहू। पैहहु   Ȣ Ǒ¡ ‡ Ǔ“ ”Ǔ†  ȡ¡ Ǘ@ @
नयन ˜ ǑǗ‘ ” ǓǕ“ ‘ȯ Ǒ¡ Ȳबीरा। ठाढ़े सकल ͧ  ’Ȳ Ǖ€Ʌतीरा।।
सो ” ǕǓ“ गई जहाँ रघुनाथा। जाइ कमल पद “ ȡf ͧ  माथा।।
नाना — ȡȱǓ ǒ–“ ™  ȯǑ¡ Ȳ€ ȧÛ¡ ȣ@अनपायनी — ‚ Ǔ Ĥ — Ǖ‘ȣÛ¡ ȣ@
@
दो0-–‘šȣ–“ कहुँ सो गई Ĥ— Ǖ\ ʙ ȡ ’ ǐš सीस ।
उर ’ ǐš राम चरन जग ु जे बंदत अज ईस।।25।।
–*–*–
इहाँ ǒ–… ȡšǑ¡ Ȳ€ ͪ” मन ˜ ȡ¡ ȣ@
Ȳ बीती \ ͬ’ काज कछु “ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
सब ͧ˜ ͧ› € ¡ Ǒ¡ Ȳ”šè” š बाता। ǒ– “ Ǖ  ͬǕ’ लएँ करब का ħ ȡ ȡ@
@
कह अंगद लोचन — ǐš –ȡšȣ@दहु ु ँ Ĥ € ȡš भइ ˜ ×
Ǚ™ Ǖ¡ ˜ ȡšȣ@
@
इहाँ न   Ǖͬ’ सीता कै पाई। उहाँ गएँ ˜ ȡǐšǑ¡ € ͪ” šȡ_@
@
ͪ” ȡ बधे पर मारत ˜ Ȫ¡ ȣ@राखा राम Ǔ“ ¡ Ȫš न j ¡ ȣ@
@
” ǕǓ“ ” ǕǓ“ अंगद कह सब ” ȡ¡ ȣȲ@मरन भयउ कछु संसय “ ȡ¡ ȣȲ@
@
अंगद बचन सन
ु त € ͪ” बीरा। – Ȫͧ› न   € Ǒ¡ Ȳनयन बह नीरा।।
छन एक सोच मगन होइ रहे । ” ǓǕ“ अस वचन कहत सब भए।।
हम सीता कै   ͬǕ’ ͧ› Û¡ Ʌǒ– “ ȡ@“ Ǒ¡ Ȳ‡ ¡ɇɇजब
ु राज Ĥ –Ȣ“ ȡ@
@
अस € Ǒ¡ लवन ͧ  ’Ȳ Ǖतट जाई। बैठे € ͪ” सब ‘— [डसाई।।
जामवंत अंगद दख
ु दे खी। € Ǒ¡ Ȳकथा उपदे स ǒ–   ȯŸ Ȣ@
@
तात राम कहुँ नर ‡ Ǔ“ मानहु। Ǔ“ ‚ “Ǖ[ Ħ à¡ अिजत अज जानहु।।
दो0-Ǔ“ ‡ ^Í † ȡ Ĥ— Ǖअवतरइ सरु ˜ Ǒ¡ गो ɮͪ ‡ › ȡͬ‚ @
सगन ु उपासक संग तहँ š¡ Ǒ¡ Ȳ˜ ȪÍ † सब י ȡͬ‚ @ @26।।
–*–*–
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ कथा € ¡ Ǒ¡ बहु भाँती ͬ‚ ǐš कंदराँ सन
ु ी संपाती।।
बाहे र होइ ‘ȯͨ बहु € ȧ  ȡ@˜ ȪǑ¡ अहार ‘ȣÛ¡ ‡ ‚ ‘ȣ  ȡ@
@
आजु   –Ǒ¡ कहँ — Í † “ करऊँ। Ǒ‘“ बहु चले अहार ǒ–“ Ǖमरऊँ।।
कबहुँ न ͧ˜ › — ǐš उदर अहारा। आजु ‘ȣÛ¡ ǒ– ͬ’ f € Ǒ¡ Ȳबारा।।
डरपे गीध बचन   ǕǓ“ काना। अब भा मरन   י हम जाना।।
€ ͪ” सब उठे गीध कहँ दे खी। जामवंत मन सोच ǒ–  ȯŸ Ȣ@
@
कह अंगद ǒ–… ȡǐš मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@’ ۙ जटायू सम कोउ “ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
राम काज कारन तनु י ȡ‚ Ȣ । ¡ ǐš परु गयउ परम बड़ भागी।।
  ǕǓ“ खग हरष सोक जुत बानी । आवा Ǔ“ € Š € ͪ”Û¡ भय मानी।।
Ǔ Û¡ Ǒ¡ अभय € ǐš ” Ǘ† ȯͧ  जाई। कथा सकल Ǔ Û¡  ȡǑ¡ सुनाई।।
  ǕǓ“   Ȳ” ȡǓ बंधु कै करनी। šƒ Ǖ” Ǔ ˜ Ǒ¡ ˜ ȡ – ’ ǒǕ– ͬ’ बरनी।।
दो0- ˜ ȪǑ¡ लै जाहु ͧ  ’Ȳ Ǖ Š दे उँ Ǔ › ȡȲ‡ ͧ›  ȡǑ¡ ।
बचन सहाइ € šͪ ˜ ɇपैहहु खोजहु ‡ ȡǑ¡ ।।27।।
–*–*–
अनुज ͩĐ ™ ȡ € ǐš सागर तीरा। € Ǒ¡ Ǔ“ ‡ कथा सुनहु € ͪ” बीरा।।
हम ɮ ȫ बंधु Ĥ ˜  ǽ“ ȡ_ । गगन गए šǒ– Ǔ“ € Š उडाई।।
तेज न   Ǒ¡ सक सो ͩ• ǐš आवा । मै \ ͧ— ˜ ȡ“ Ȣ šǒ– Ǔ“ \ šȡ ȡ ।।
जरे पंख \ Ǔ तेज अपारा । परे उँ — ͧǗ˜ € ǐš घोर ͬ… € ȡšȡ ।।
˜ ǓǕ“ एक नाम … ġȲ ˜ ȡ j ¡ ȣ@लागी दया दे खी € ǐš ˜ Ȫ¡ ȣ@
@
बहु Ĥ€ ȡš  ɅǑ¡ ʙ ȡ“ सुनावा । ‘ȯǑ¡ ‡ Ǔ“  \ ͧ— ˜ ȡ“ Ȣ छड़ावा ।।
ğȯ
 ȡȱĦé˜ मनुज तनु ’ ǐš¡ ȣ@तासु “ ȡǐš Ǔ“ ͧ  … š ” Ǔ ¡ ǐš¡ ȣ@ @
तासु खोज ”‹ ^Ǒ¡ Ĥ— Ǘदत
ू ा। Ǔ Û¡ Ǒ¡ ͧ˜ › Ʌ ɇहोब पुनीता।।
‡ ͧ˜ ¡ Ǒ¡ Ȳपंख € šͧ  ‡ Ǔ“ ͬ… Ȳ ȡ । Ǔ Û¡ Ǒ¡ दे खाइ दे हेसु  ɇसीता।।
˜ ǓǕ“ कइ ͬ‚ šȡ   י भइ आजू ।   ǓǕ“ मम बचन करहु Ĥ — Ǖकाज।ू ।
ͬ‚ ǐš ǒğ€ ǗŠ ऊपर बस लंका । तहँ रह रावन सहज असंका ।।
तहँ असोक उपबन जहँ रहई ।। सीता – ȰǑ‹ सोच रत अहई।।
दो-˜ ɇदे खउँ  Ǖà¡ “ ȡǑ¡ ‚ Ȣƒ Ǒ¡ ‘ǔçŠ अपार।।
बढ
ू भयउँ न त करतेउँ कछुक सहाय  à
Ǖ ¡ ȡš@
@28।।
जो नाघइ सत जोजन सागर । करइ सो राम काज ˜ Ǔ आगर ।।
˜ ȪǑ¡ ǒ– › Ȫͩ€ धरहु मन धीरा । राम कृपाँ कस भयउ   šȣšȡ@ @
” ȡͪ”` जा कर नाम   Ǖͧ˜ š¡ ȣȲ@\ Ǔ अपार भवसागर  š¡ ȣȲ@
@
तासु दत
ू à
Ǖ ¡ तिज कदराई। राम ǿ‘™ ȱ’ ǐš करहु उपाई।।
अस € Ǒ¡ ‚ ǽ° गीध जब गयऊ। Ǔ Û¡ €Ʌ मन \ Ǔ ǒ–   ˜ ™ भयऊ।।
Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ बल सब काहूँ भाषा। पार जाइ कर संसय राखा।।
जरठ भयउँ अब कहइ ǐš† ȯ  ȡ@“ Ǒ¡ Ȳतन रहा Ĥ  ˜ बल लेसा।।
‡ – Ǒ¡ Ȳǒğǒ–Đ ˜ भए  šȡšȣ@तब ˜ ɇ ǽ“ रहे उँ बल — ȡšȣ@
@
दो0-– ͧ› बाँधत Ĥ— Ǖबाढे उ सो तनु – šǓ“ न जाई।
उभय ’ šȣ महँ ‘ȣÛ¡ ȣ सात Ĥ‘ǔÍ † “ धाइ।।29।।
–*–*–
अंगद कहइ जाउँ ˜ ɇपारा। िजयँ संसय कछु ͩ• š Ȣ बारा।।
जामवंत कह  à
Ǖ ¡ सब लायक। पठइअ ͩ€ ͧ˜ सब ¡ ȣ कर नायक।।
कहइ šȣ† ”Ǔ सुनु हनुमाना। का चप
ु   ȡͬ’ रहे हु बलवाना।।
पवन तनय बल पवन समाना। – Ǖͬ’ ǒ– –ȯ€ ǒ–Ê™ ȡ“ Ǔ“ ’ ȡ“ ȡ@ @
कवन सो काज € Ǒ‹ “ जग ˜ ȡ¡ ȣȲ@जो “ Ǒ¡ Ȳहोइ तात  à
Ǖ ¡ ” ȡ¡ ȣȲ@
@
राम काज › ͬ‚ तब अवतारा।   “Ǖ  Ǒ¡ Ȳभयउ ” [ ȡ€ ȡšȡ@
@
कनक बरन तन तेज ǒ–šȡ‡ ȡ@मानहु अपर ͬ‚ ǐšÛ¡ कर राजा।।
ͧ  ¡Ȳ“ ȡ‘ € ǐš –ȡšǑ¡ Ȳबारा। › ȣ› ¡ ȣȲनाषउँ ‡ › Ǔ“ ͬ’ खारा।।
  Ǒ¡  सहाय šȡ“ Ǒ¡ ˜ ȡšȣ@आनउँ इहाँ ǒğ€ ǗŠ ` ” ȡšȣ@
@
जामवंत ˜ ɇपँछ
ू उँ  Ȫ¡ ȣ@` ͬ…  ͧ   ȡ “ Ǖ‘ȣ‡ ¡ Ǖ˜ Ȫ¡ ȣ@
@
एतना करहु तात  à
Ǖ ¡ जाई।   Ȣ Ǒ¡ ‘ȯͨ कहहु   ͬǕ’ आई।।
तब Ǔ“ ‡ भज
ु बल रािजव नैना। कौतक ु › ȡͬ‚ संग € ͪ” सेना।।
छं 0–€ ͪ” सेन संग   ȱƒ ȡǐš Ǔ“ ͧ  … š रामु   Ȣ Ǒ¡ ] Ǔ“ ¡ ɇ@
ğȰ
› Ȫ€ पावन सुजसु सुर ˜ ǕǓ“ “ ȡš‘ȡǑ‘ –  ȡǓ“ ¡ ɇ@
@
जो सुनत गावत कहत समुझत परम पद नर पावई।
रघुबीर पद पाथोज मधक
ु र दास तल
ु सी गावई।।
दो0-भव भेषज रघुनाथ जसु   Ǖ“ Ǒ¡ जे नर \ ǽ “ ȡǐš@
Ǔ Û¡ कर सकल मनोरथ ͧ  ƨ € ǐšǑ¡ ǒğͧ  šȡǐš@
@30(क)।।
सो0-“ Ȣ› Ȫה› तन è™ ȡ˜ काम € ȪǑŠ सोभा \ ͬ’ € @
  ǓǕ“ \ तासु गन
ु Ē ȡ˜ जासु नाम अघ खग – ͬ’ € @
@30(ख)।।
मासपारायण, तेईसवाँ ͪĮ ȡ˜
—————-
^Ǔ Į Ȣ˜ ġȡ˜ … ǐš ˜ ȡ“   ȯ  € › € ͧ› € › ŸǕ ͪÚ Ȳ  “ ȯ
…  Ǖ [सोपानः   ˜ ȡ܏ Ȭ@
(ͩ€ ǔç€ Û’ ȡ€ ȡ֌   ˜ ȡ܏ )
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~~~~~~~~
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šȡ˜ ȡə Ȳ‡ ‚ ‘ȣ杚Ȳ  Ǖš‚ ǕǽȲ˜ ȡ™ ȡ˜ “ ç
Ǖ™ Ȳ¡ ǐšȲ
Û‘ȯM¡ Ȳ€ ǽŽ ȡ€ šȲरघव
ु रं — ”Ǘ ȡ› … °Ǘ ȡ˜ ͨŽ ˜ @
@
Q1।।
“ ȡۙ ȡ è” ¡Ǚȡ रघप
ु ते ǿ‘™ ȯMè˜ ‘ȣ™ ȯ
  י Ȳ‘ȡͧ˜ च — ȡ“ ͨ › ȡۏ šȡט ȡ@
— ǔȏ ȲĤ™ Í † šƒ Ǖ” Ǖɨ ‚  Ǔ“ — š[ ȡȲमे
€ ȡ˜ ȡǑ‘‘ȪŸšǑ¡  Ȳ€ Ǖǽ मानसं च।।2।।
\  ͧǕ›  –› ’ ȡ˜ Ȳहे मशैलाभदे हं
दनज
ु वनकृशानंु £ ȡǓ“ “ ȡ˜ Ē ‚ ֙ ˜ @
Q
  € › ‚ ŽǕ Ǔ“ ’ ȡ“ Ȳवानराणामधीशं
šƒ Ǖ” Ǔ ͪĤ™ — ȏ Ȳवातजातं “ ˜ ȡͧ˜ @
।3।।
जामवंत के बचन सह
ु ाए।   ǓǕ“ हनम
ु ंत ǿ‘™ \ Ǔ भाए।।
तब › ͬ‚ ˜ ȪǑ¡ ”ǐš ȯ¡Ǖ à
Ǖ ¡ भाई।   Ǒ¡ दख
ु कंद मल ू फल खाई।।
जब › ͬ‚ ] ɋ   Ȣ Ǒ¡ दे खी। ¡ Ȫ^Ǒ¡ काजु ˜ ȪǑ¡ हरष ǒ–   ȯŸ Ȣ@
@
यह € Ǒ¡ नाइ   – ǔÛ¡ कहुँ माथा। चलेउ ¡ šͪŸ Ǒ¡ ™ ȱ’ ǐš रघन
ु ाथा।।
ͧ  ’Ȳ Ǖतीर एक भूधर सुंदर। कौतक
ु € ǗǑ‘ चढ़े उ ता ऊपर।।
बार बार रघब
ु ीर   ȱ— ȡšȣ@तरकेउ पवनतनय बल — ȡšȣ@
@
‡ ȯǑ¡ Ȳͬ‚ ǐš चरन दे इ हनम
ु ंता। चलेउ सो गा पाताल तरु ं ता।।
ǔ‡ ͧ˜ अमोघ šƒ ”Ǖ Ǔ कर बाना। f ¡ ȣ — ȡȱǓ चलेउ हनम
ु ाना।।
‡ › Ǔ“ ͬ’ šƒ Ǖ” Ǔ दत
ू ǒ–… ȡšȣ@ ɇमैनाक ¡ ȪǑ¡ Į ˜ ¡ ȡšȣ@
@
दो0- हनूमान  ȯǑ¡ परसा कर ” ǕǓ“ € ȧÛ¡ Ĥ“ ȡ˜ @
राम काजु € ȧÛ¡ Ʌǒ– “ Ǖ˜ ȪǑ¡ कहाँ ǒ–Į ȡ˜ @
@1।।
–*–*–
जात पवनसुत ‘ȯ Û¡ दे खा। ‡ ȡ“ ɇकहुँ बल – Ǖͪƨ ǒ–   ȯŸ ȡ@
@
सुरसा नाम \ Ǒ¡ Û¡ कै माता। ” ‹ ^ǔÛ¡ आइ € ¡ ȣ  ȯǑ¡ Ȳबाता।।
आजु   šǕÛ¡ ˜ ȪǑ¡ ‘ȣÛ¡ अहारा। सन
ु त बचन कह पवनकुमारा।।
राम काजु € ǐš ͩ• ǐš ˜ ɇ] ɋ@सीता कइ   ͬǕ’ Ĥ — ǑǕ¡   “Ǖ ȡ ɋ@
@
तब तव बदन ”ȰǑ‹ ¡ `ȱआई।   י कहउँ ˜ ȪǑ¡ जान दे माई।।
कबनेहुँ जतन दे इ “ Ǒ¡ Ȳजाना। Ē   ͧ  न ˜ ȪǑ¡ कहे उ हनुमाना।।
जोजन — ǐš  ȯǑ¡ Ȳबदनु पसारा। € ͪ” तनु € ȧÛ¡ दग
ु ुन ǒ–è ȡšȡ@
@
सोरह जोजन मख
ु  ȯǑ¡ Ȳठयऊ। तरु त पवनसत
ु – ǔ׏   भयऊ।।
जस जस सरु सा बदनु बढ़ावा। तासु दन
ू € ͪ” Ǿ ” दे खावा।।
सत जोजन  ȯǑ¡ Ȳआनन € ȧÛ¡ ȡ@\ Ǔ लघु Ǿ ” पवनसुत › ȣÛ¡ ȡ@
@
बदन ” ^Ǒ‹ ” ǕǓ“ बाहे र आवा। मागा ǒ–‘ȡ  ȡǑ¡ ͧ  ǽ नावा।।
˜ ȪǑ¡   ǕšÛ¡ ‡ ȯǑ¡ › ȡͬ‚ पठावा। – Ǖͬ’ बल मरमु तोर मै पावा।।
दो0-राम काजु सबु € ǐš¡ ¡ Ǖ à
Ǖ ¡ बल – ͪǕƨ Ǔ“ ’ ȡ“ @
] ͧ  Ÿ दे ह गई सो ¡ šͪŸ चलेउ हनम ु ान।।2।।
–*–*–
Ǔ“ ͧ  … ǐš एक ͧ  ’Ȳ Ǖमहुँ रहई। € ǐš माया नभु के खग गहई।।
जीव जंतु जे गगन ` °ȡ¡ ȣȲ
@जल ǒ– › Ȫͩ€ Ǔ Û¡ कै ” ǐš† ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
गहइ छाहँ सक सो न उड़ाई। f Ǒ¡ ǒ– ͬ’ सदा गगनचर खाई।।
सोइ छल हनूमान कहँ € ȧÛ¡ ȡ@तासु कपटु € ͪ”  šǕ Ǒ¡ Ȳ… ȢÛ¡ ȡ@
@
 ȡǑ¡ ˜ ȡǐš ˜ ȡǽ   Ǖ बीरा। –ȡǐšͬ’ पार गयउ ˜ Ǔ ’ Ȣšȡ@
@
तहाँ जाइ दे खी बन सोभा। गुंजत … …Ȳ šȣ€ मधु लोभा।।
नाना  ǽ फल फूल सह
ु ाए। खग मग
ृ बंद
ृ ‘ȯͨ मन भाए।।
सैल ǒ–  ȡ› ‘ȯͨ एक ] ‚ Ʌ@ता पर धाइ चढे उ भय י ȡ‚ Ʌ@
@
उमा न कछु € ͪ” कै \ ͬ’ € ȡ_@Ĥ — ǕĤ  ȡ” जो € ȡ› Ǒ¡ खाई।।
ͬ‚ ǐš पर … Ǒ लंका  ȯǑ¡ Ȳदे खी। € Ǒ¡ न जाइ \ Ǔ ‘ ‚Ǖ [ǒ–   ȯŸ Ȣ@
@
\ Ǔ उतंग ‡ › Ǔ“ ͬ’ चहु पासा। कनक कोट कर परम Ĥ € ȡ  ȡ@
@
छं =कनक कोट ǒ–ͬ… ğ ˜ Ǔ“ कृत संद
ु रायतना घना।
… ` ¡ ͠ ¡ ͠   –Ǖ ͠ बीथीं … ȡǽ परु बहु ǒ–ͬ’ बना।।
गज बािज  Í … š Ǔ“ € š पदचर रथ –Ǿ ͬ Û¡ को गनै।।
–¡ ǕǾ ” Ǔ“ ͧ  … š जूथ \ Ǔ – › सेन बरनत “ Ǒ¡ Ȳबनै।।1।।
बन बाग उपबन – ȡǑŠ€ ȡ सर कूप बापीं   Ȫ¡ ¡ ȣȲ@
नर नाग सुर ‚ Ȳ’ – [€ ۙ ȡ Ǿ ” ˜ ǕǓ“ मन ˜ Ȫ¡ ¡ ȣȲ@
@
कहुँ माल दे ह ǒ–   ȡ› सैल समान \ Ǔ – › ‚ ‡ ¡[ ȣȲ@
नाना \  ȡšȯÛ¡ ͧ— šǑ¡ Ȳबहु ǒ– ͬ’ एक f € Û¡  ‡ ¡[ ȣȲ@
@2।।
€ ǐš जतन भट € ȪǑŠÛ¡ ǒ– € Š तन नगर चहुँ Ǒ‘ͧ  šÍ † ¡ ȣ@
Ȳ
कहुँ ˜ Ǒ¡ Ÿ मानषु धेनु खर अज खल Ǔ“   ȡ… š — Í † ¡ ȣȲ
@@
f Ǒ¡ › ȡͬ‚ तलु सीदास ^Û¡ € ȧ कथा कछु एक है € ¡ ȣ@
रघुबीर सर तीरथ   šȣšǔÛ¡ י ȡͬ‚ ‚ Ǔ ” Ȱ¡ Ǒ¡ Ȳ  ¡ ȣ@
@3।।
दो0-पुर रखवारे ‘ȯͨ बहु € ͪ” मन € ȧÛ¡ ǒ– … ȡš@
\ Ǔ लघु Ǿ ” ’ šɋ Ǔ“ ͧ  नगर € šɋ पइसार।।3।।
–*–*–
मसक समान Ǿ ” € ͪ” ’ šȣ@› Ȳ€ Ǒ¡ चलेउ   Ǖͧ˜ ǐš “ š¡ šȣ@
@
नाम › Ȳͩ€ “ Ȣ एक Ǔ“ ͧ  … šȣ@सो कह … › ȯͧ  ˜ ȪǑ¡ Ǔ“ ‘Ȳšȣ@
@
‡ ȡ“ ȯǑ¡ “ ¡ ȣȲमरमु सठ मोरा। मोर अहार जहाँ › ͬ‚ चोरा।।
˜ ǑǕ‹ € ȡ एक महा € ͪ” हनी। ǽͬ’ š बमत धरनीं ढनमनी।।
” ǕǓ“   Ȳ— ȡǐš ` Ǒ‹ सो लंका। ‡ Ȫǐš ”ȡǓ“ कर ǒ– “ ™ संसका।।
जब šȡ“ Ǒ¡ Ħé˜ बर ‘ȣÛ¡ ȡ@चलत ǒ– šȲͬ… कहा ˜ ȪǑ¡ … ȢÛ¡ ȡ@
@
ǒ–€ › ¡ Ȫͧ   ɇ€ ͪ” €Ʌमारे । तब जानेसु Ǔ“ ͧ  … š संघारे ।।
तात मोर \ Ǔ ” Û
Ǖ™ बहूता। दे खेउँ नयन राम कर दतू ा।।
दो0-तात è ‚ [\ ”– ‚ [सख
ु ’ ǐš\ तल ु ा एक अंग।
तलू न  ȡǑ¡ सकल ͧ˜ ͧ› जो सख
ु लव सतसंग।।4।।
–*–*–
Ĥǒ– ͧ  नगर € ȧ‡ ȯसब काजा। ǿ‘™ ȱšȡͨ कौसलपरु राजा।।
गरल सुधा ǐš” Ǖ€ šǑ¡ Ȳͧ˜  ȡ_@गोपद ͧ  ’Ȳ Ǖअनल ͧ   › ȡ_@
@
‚ ǽ°   Ǖ˜ ȯǽ रे नू सम  ȡ¡ ȣ@राम कृपा € ǐš ͬ…  ȡ ‡ ȡ¡ ȣ@
@
\ Ǔ लघु Ǿ ” धरे उ हनुमाना। पैठा नगर   Ǖͧ˜ ǐš भगवाना।।
˜ ȲǑ‘š ˜ Ȳ
Ǒ‘š ĤǓ € ǐš सोधा। दे खे जहँ तहँ \ ‚ Ǔ“  जोधा।।
गयउ दसानन ˜ ȲǑ‘š ˜ ȡ¡ ȣȲ@\ Ǔ ǒ– ͬ… ğ € Ǒ¡ जात सो “ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
सयन ͩ€ f दे खा € ͪ”  ȯ¡ ȣ@˜ ȲǑ‘š महुँ न ‘ȣͨ –Ȱ‘ȯ¡ ȣ@
@
भवन एक ” ǕǓ“ ‘ȣ सुहावा। ¡ ǐš ˜ ȲǑ‘š तहँ ͧ— ۓ बनावा।।
दो0-रामायुध \ Ȳͩ€  गह
ृ सोभा – šǓ“ न जाइ।
नव  ›Ǖ ͧ  € ȡ बंद
ृ तहँ ‘ȯͨ ¡ šͪŸ € ͪ”šȡ^@ @5।।
–*–*–
लंका Ǔ“ ͧ  … š Ǔ“ € š Ǔ“ ȡ  ȡ@इहाँ कहाँ   Ï ‡ “ कर बासा।।
मन महुँ तरक करै € ͪ” लागा।  ȯ¡ ȣȲसमय ǒ–— ȢŸ“ Ǖजागा।।
राम राम  ȯǑ¡ Ȳ  ͧǕ˜ š“ € ȧÛ¡ ȡ@ǿ‘™ ȱहरष € ͪ”   Ï ‡ “ … ȢÛ¡ ȡ@
@
f Ǒ¡ सन ¡ Ǒ‹ € ǐš¡ `ȱ”Ǒ¡ … ȡ“ Ȣ@साधु ते होइ न कारज हानी।।
ǒ–Ĥ ǽ” ’ ǐš बचन सुनाए। सुनत ǒ– — ȢŸ Ž ` Ǒ‹ तहँ आए।।
€ ǐš Ĥ“ ȡ˜ ” ȱ†Ǘ Ȥ कुसलाई। ǒ– Ĥ कहहु Ǔ“ ‡ कथा बुझाई।।
€ ȧ à
Ǖ ¡ ¡ ǐš ‘ȡ  Û¡ महँ कोई। ˜ ȪšɅǿ‘™ Ĥ ȢǓ \ Ǔ होई।।
€ ȧ à
Ǖ ¡ रामु ‘ȣ“ अनरु ागी। आयहु ˜ ȪǑ¡ करन बड़भागी।।
दो0-तब हनम ु त
ं € ¡ ȣ सब राम कथा Ǔ“ ‡ नाम।
सनु त जग
ु ल तन पल ु क मन मगन   ͧǕ˜ ǐš गन ु Ē ȡ˜ @ @
6।।
–*–*–
सन
ु हु पवनसतु š¡ Ǔ“ ¡ ˜ ȡšȣ@ǔ‡ ͧ˜ ‘  “ ǔÛ¡ महुँ जीभ ǒ–… ȡšȣ@
@
तात कबहुँ ˜ ȪǑ¡ ‡ ȡǓ“ अनाथा। € ǐš¡ Ǒ¡ Ȳकृपा भानुकुल नाथा।।
तामस तनु कछु साधन “ ȡ¡ ȣ@ Ȳ Ĥ ȢǓ न पद सरोज मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@ @
अब ˜ ȪǑ¡ भा भरोस हनुमंता। ǒ– “ Ǖ¡ ǐš€ Ǚ” ȡ ͧ˜ › Ǒ¡ Ȳ“ Ǒ¡ Ȳसंता।।
जौ रघब
ु ीर \ “ ĒǕ ¡ € ȧÛ¡ ȡ@तौ  à
Ǖ ¡ ˜ ȪǑ¡ दरसु ¡ Ǒ‹ ‘ȣÛ¡ ȡ@
@
सन
ु हु ǒ–— ȢŸ“ Ĥ — Ǖकै šȣ Ȣ@€ šǑ¡ Ȳसदा सेवक पर Ĥ Ȣ Ȣ@
@
कहहु कवन ˜ ɇपरम € Ǖ› ȣ“ ȡ@€ ͪ” चंचल   –¡ ȣȲǒ–ͬ’ ¡ ȣ“ ȡ@@
Ĥȡ लेइ जो नाम हमारा।  ȯǑ¡ Ǒ‘“  ȡǑ¡ न ͧ˜ › Ȱअहारा।।
दो0-अस ˜ ɇअधम सखा सुनु मोहू पर रघुबीर।
€ ȧÛ¡ ȣ कृपा   Ǖͧ˜ ǐš गुन भरे ǒ– › Ȫ… “ नीर।।7।।
–*–*–
जानतहूँ अस èȡͧ˜ ǒ–  ȡšȣ@ͩ• šǑ¡ Ȳते काहे न ¡ ȪǑ¡ Ȳ‘ Ǖ ȡšȣ@
@
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ कहत राम गुन Ē ȡ˜ ȡ@पावा \ Ǔ“ –ȡ[Í ™ ǒ–Į ȡ˜ ȡ@
@
” ǓǕ“ सब कथा ǒ– — ȢŸ “ € ¡ ȣ@‡ ȯǑ¡ ǒ– ͬ’ जनकसत
ु ा तहँ š¡ ȣ@
@
तब हनम
ु ंत कहा सन
ु ु ħ ȡ ȡ@दे खी चहउँ ‡ ȡ“ € ȧ माता।।
‡ Ǖ‚ ǕǓ ǒ– — ȢŸ“ सकल सुनाई। चलेउ पवनसुत ǒ–‘ȡ कराई।।
€ ǐš सोइ Ǿ ” गयउ ” ǕǓ“ तहवाँ। बन असोक सीता रह जहवाँ।।
‘ȯͨ ˜ “ Ǒ¡ महुँ € ȧÛ¡ Ĥ“ ȡ˜ ȡ@–Ȱ‹ȯǑ¡ Ȳ– ȢǓ जात Ǔ“ ͧ  जामा।।
कृस तन सीस जटा एक बेनी। ‡ ”Ǔ ǿ‘™ ȱšƒ ”Ǖ Ǔ गन ु Į ȯ“ Ȣ@
@
दो0-Ǔ“ ‡ पद नयन Ǒ‘f ȱमन राम पद कमल › ȣ“ @
परम दख ु ी भा पवनसत ु ‘ȯͨ ‡ ȡ“ € ȧ ‘ȣ“ @
@8।।
–*–*–
 ǽ ” 㛠 महुँ रहा लक
ु ाई। करइ ǒ–… ȡš € šɋ का भाई।।
 ȯǑ¡ अवसर रावनु तहँ आवा। संग “ ȡǐš बहु ͩ€ f ȱबनावा।।
बहु ǒ–ͬ’ खल   Ȣ Ǒ¡ समुझावा। साम दान भय भेद दे खावा।।
कह रावनु सुनु   Ǖ˜ Ǖͨ सयानी। ˜ Ȳ‘ Ȫ‘šȣ ] Ǒ‘ सब रानी।।
तव \ “ …Ǖ šȣȲकरउँ पन मोरा। एक बार ǒ– › Ȫ€ Ǖ मम ओरा।।
तन
ृ ’ ǐš ओट € ¡ Ǔ –Ȱ‘ȯ¡ ȣ@  ͧǕ˜ ǐš \  ’ ”Ǔ परम   “ ȯ¡ ȣ@
@
सन
ु ु दसमख
ु  ɮ™ Ȫ Ĥ€ ȡ  ȡ@कबहुँ ͩ€ “ ͧ› “ Ȣ करइ ǒ–€ ȡ  ȡ@
@
अस मन समुझु € ¡ Ǔ ‡ ȡ“ € ȧ@खल   Ǖͬ’ “ Ǒ¡ Ȳरघुबीर बान € ȧ@
@
सठ सूने ¡ ǐš ] “ ȯǑ¡ ˜ ȪǑ¡ @अधम Ǔ“ › Ï ‡ लाज “ Ǒ¡ Ȳ Ȫ¡ ȣ@
@
दो0- ] ” ǕǑ¡   ǕǓ“  ɮ™ Ȫ सम šȡ˜ Ǒ¡ भानु समान।
” ǽŸ बचन   ǓǕ“ € ȡǑ± \ ͧ  बोला \ Ǔ ͨ ͧ  ] “ @
@9।।
–*–*–
सीता  ɇमम कृत अपमाना। € ǑŠ¡ `ȱतव ͧ  š € Ǒ‹ “ कृपाना।।
“ ȡǑ¡ Ȳत   ”Ǒ‘ मानु मम बानी।   ˜Ǖ ͨǕ ¡ ȪǓ न त जीवन हानी।।
è™ ȡ˜ सरोज दाम सम संद
ु र। Ĥ — Ǖभज
ु € ǐš कर सम दसकंधर।।
सो भुज कंठ ͩ€ तव \ ͧ  घोरा। सुनु सठ अस Ĥ ȡ“ पन मोरा।।
… ġȲ ¡ ȡ  ¡ ǽ मम ”ǐš ȡ”Ȳ@šƒ Ǖ” Ǔ ǒ–š¡ अनल संजातं।।
सीतल Ǔ“ ͧ   –¡ ͧ  बर धारा। कह सीता ¡ ǽ मम दख
ु भारा।।
सन
ु त बचन ” ǓǕ“ मारन धावा। मयतनयाँ € Ǒ¡ “ ȢǓ बझ
ु ावा।।
€ ¡ ȯͧ  सकल Ǔ“ ͧ  … ǐšÛ¡ बोलाई।   Ȣ Ǒ¡ बहु ǒ–ͬ’ ğȡ  ¡ Ǖजाई।।
मास Ǒ‘   महुँ कहा न माना। तौ ˜ ɇ˜ ȡšǒ– € ȡǑ± कृपाना।।
दो0-भवन गयउ दसकंधर इहाँ ͪ”  ȡͬ… Ǔ“ बंद
ृ ।
  Ȣ Ǒ¡ ğȡ  ‘ȯ ȡǑ¡ ’ šǑ¡ ȲǾ ” बहु मंद।।10।।
–*–*–
ǒğ‡ Šȡ नाम šȡÍ †   Ȣ एका। राम चरन šǓ Ǔ“ ” “Ǖ ǒ– –ȯ€ ȡ@
@
  – Û¡ ȫ –Ȫͧ›   “Ǖ ȡf ͧ  सपना।   Ȣ Ǒ¡ सेइ करहु Ǒ¡  अपना।।
  ” “ Ʌबानर लंका ‡ ȡšȣ@जातध ु ान सेना सब ˜ ȡšȣ@@
खर ] Ǿ ± नगन दससीसा। ˜ ǕȲͫŒ ͧ  š  ȲͫŒ भुज बीसा।।
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ सो ‘ǔÍ † “ Ǒ‘ͧ  जाई। लंका मनहुँ ǒ– — ȢŸ “ पाई।।
नगर ͩ• šȣ रघबु ीर दोहाई। तब Ĥ — Ǖसीता – Ȫͧ› पठाई।।
यह सपना ˜ Ʌकहउँ ” €Ǖ ȡšȣ@¡ Ȫ^Ǒ¡   י गएँ Ǒ‘“ … ȡšȣ@
@
तासु बचन   ǓǕ“ ते सब ŒšȣȲ@जनकसत
ु ा के … š“ ǔÛ¡ ”šȣȲ@
@
दो0-जहँ तहँ ‚ Ƀ सकल तब सीता कर मन सोच।
मास Ǒ‘  –Ȣ Ʌ˜ ȪǑ¡ ˜ ȡǐšǑ¡ Ǔ“ ͧ  … š पोच।।11।।
–*–*–
ǒğ‡ Šȡ सन – Ȫ› ȣ कर ‡ Ȫšȣ@मातु ǒ–” Ǔ   ͬȲ‚ Ǔ“  ɇ˜ Ȫšȣ@
@
 ‡ ɋ दे ह € ǽ –ȯͬ‚ उपाई। दस
ु हु ǒ– š¡ Ǖअब “ Ǒ¡ Ȳ  Ǒ¡ जाई।।
] Ǔ“ काठ रचु ͬ…  ȡ बनाई। मातु अनल ” ǕǓ“ ‘ȯǑ¡ लगाई।।
  י € šǑ¡ मम ĤȢǓ सयानी। सन
ु ै को Į  “ सल
ू सम बानी।।
सन
ु त बचन पद ‚ Ǒ¡   ˜ ˆǕ ȡf ͧ  @Ĥ — ǕĤ  ȡ” बल सज
ु सु   “Ǖ ȡf ͧ  @
@
Ǔ“ ͧ  न अनल ͧ˜ › सुनु   Ǖ€ Ǖ˜ ȡšȣ@अस € Ǒ¡ सो Ǔ“ ‡ भवन
ͧ  ’ ȡšȣ@
@
कह सीता ǒ– ͬ’ भा ĤǓ € Ǘ› ȡ@ͧ˜ › Ǒ¡ न पावक ͧ˜ ǑŠǑ¡ न सूला।।
‘ȯͨ \  Ĥ‚ Š गगन अंगारा। \  Ǔ“ न आवत एकउ तारा।।
पावकमय   ͧ  è𝏠न आगी। मानहुँ ˜ ȪǑ¡ ‡ ȡǓ“ हतभागी।।
  Ǖ“ Ǒ¡ ǒ– “ ™ मम ǒ–Š” असोका।   י नाम € ǽ ¡ ǽ मम सोका।।
नूतन ͩ€   › ™ अनल समाना। ‘ȯǑ¡ \ ͬ‚ Ǔ“ ‡ Ǔ“ € šǑ¡ Ǔ“ ‘ȡ“ ȡ@
@
‘ȯͨ परम ǒ– š¡ ȡ€ Ǖ› सीता। सो छन € ͪ” Ǒ¡ कलप सम बीता।।
सो0-€ ͪ” € ǐš ǿ‘™ ȱǒ–… ȡš ‘ȣǔÛ¡ ˜ ǑǕġ€ ȡ Œȡšȣ तब।
जनु असोक अंगार ‘ȣǔÛ¡ ¡ šͪŸ ` Ǒ‹ कर गहे उ।।12।।
तब दे खी ˜ ǑǕġ€ ȡ मनोहर। राम नाम \ Ȳͩ€  \ Ǔ संद
ु र।।
… ͩ€  ͬ…   ˜ Ǖ‘ šȣ ” Ǒ¡ … ȡ“ Ȣ@हरष ǒ–Ÿ ȡ‘ ǿ‘™ ȱअकुलानी।।
‡ ȢǓ को सकइ अजय रघुराई। माया  Ʌ\ ͧ  šͬ… “ Ǒ¡ Ȳजाई।।
सीता मन ǒ–… ȡš कर नाना। मधरु बचन बोलेउ हनुमाना।।
šȡ˜ … ġȲ गन
ु –š“ ɇलागा।   “Ǖ  Ǒ¡ Ȳसीता कर दख
ु भागा।।
लागीं   “Ǖ ɇĮ “ मन लाई। ] Ǒ‘¡ Ǖ Ʌसब कथा सन ु ाई।।
Į “ ȡ˜ Ǚ ‡ ȯǑ¡ Ȳकथा सुहाई। € Ǒ¡ सो Ĥ‚ Š ¡ ȪǓ ͩ€ “ भाई।।
तब हनुमंत Ǔ“ € Š … ͧ› गयऊ। ͩ• ǐš – ‹ɇ ȤȲमन ǒ–   ˜ ™ भयऊ।।
राम दत
ू ˜ ɇमातु ‡ ȡ“ € ȧ@  י सपथ € ǽ“ ȡǓ“ ’ ȡ“ € ȧ@
@
यह ˜ ǑǕġ€ ȡ मातु ˜ ɇआनी। ‘ȣǔÛ¡ राम  à
Ǖ ¡ कहँ   Ǒ¡ ‘ȡ“ Ȣ@
@
नर – ȡ“ šǑ¡ संग कहु €Ȱ  Ʌ@€ Ǒ¡ कथा भइ   ‚Ȳ Ǔ ‡ Ȱ  Ʌ
@@
दो0-€ ͪ” के बचन   Ĥȯ˜   ǓǕ“ उपजा मन ǒ–è ȡ  @ @
जाना मन Đ ˜ बचन यह € Ǚ” ȡͧ  ’Ȳ Ǖकर दास।।13।।
–*–*–
¡ ǐš‡ “ ‡ ȡǓ“ ĤȢǓ \ Ǔ ‚ ȡ±ȣ@सजल नयन ” ›Ǖ € ȡͧ› –ȡ±ȣ@
@
बूड़त ǒ–š¡ ‡ › ͬ’ हनुमाना। भयउ तात ˜ ɉ कहुँ जलजाना।।
अब कहु कुसल जाउँ –ͧ› ¡ ȡšȣ@अनुज   Ǒ¡  सुख भवन  šȡšȣ@
@
€ Ȫ˜ › ͬ…  कृपाल रघुराई। € ͪ” €ȯǑ¡ हे तु ’ šȣ Ǔ“ ‹Ǖšȡ_@
@
सहज –ȡǓ“ सेवक सुख दायक। कबहुँक   ǕšǓ करत रघुनायक।।
कबहुँ नयन मम सीतल ताता। ¡ Ȫ^¡ Ǒ¡ Ǔ“ šͨ è™ ȡ˜ मद
ृ ु गाता।।
बचनु न आव नयन भरे – ȡšȣ@अहह नाथ ¡ ɋ Ǔ“ ”Š ǒ–  ȡšȣ@
@
‘ȯͨ परम ǒ–š¡ ȡ€ Ǖ› सीता। बोला € ͪ” मद
ृ ु बचन ǒ– “ Ȣ ȡ@
@
मातु कुसल Ĥ— Ǖअनज
ु समेता। तव दख
ु दख
ु ी सक
ु ृ पा Ǔ“ €ȯ ȡ@
@
‡ Ǔ“ जननी मानहु िजयँ ऊना।  à Ǖ ¡ ते Ĥȯ˜ Ǖराम €Ʌदन
ू ा।।
दो0-šƒ Ǖ” Ǔ कर संदेसु अब सन
ु ु जननी ’ ǐš धीर।
अस € Ǒ¡ € ͪ” गद गद भयउ भरे ǒ– › Ȫ… “ नीर।।14।।
–*–*–
कहे उ राम ǒ–™ Ȫ‚ तव सीता। मो कहुँ सकल भए ǒ– ”šȣ ȡ@
@
नव  ǽ ͩ€   › ™ मनहुँ कृसान।ू € ȡ› Ǔ“   ȡ सम Ǔ“ ͧ    ͧ  भानू।।
कुबलय ǒ–ͪ”“ कंु त बन   ǐš  ȡ@– ȡǐš‘ तपत तेल जनु –ǐš  ȡ@ @
जे Ǒ¡  रहे करत तेइ पीरा। उरग è ȡ  सम ǒğǒ–’ समीरा।।
कहे हू  Ʌकछु दख
ु ƒ ǑŠ होई। € ȡǑ¡ € ¡ ɋ यह जान न कोई।।
 ם Ĥȯ˜ कर मम \ ǽ तोरा। जानत ͪĤ ™ ȡ एकु मनु मोरा।।
सो मनु सदा रहत  ȪǑ¡ ”ȡ¡ ȣȲ@जानु Ĥ ȢǓ रसु f  ȯ“ Ǒ¡ ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
Ĥ— Ǖसंदेसु सन
ु त –Ȱ‘ȯ¡ ȣ@मगन Ĥȯ˜ तन   ͬǕ’ “ Ǒ¡ Ȳ ȯ¡ ȣ@
@
कह € ͪ” ǿ‘™ ȱधीर ’ ǽ माता।   ͧǕ˜ ǽ राम सेवक सख
ु दाता।।
उर आनहु šƒ ”Ǖ Ǔ Ĥ— Ǖ ȡ_@  ǓǕ“ मम बचन तजहु कदराई।।
दो0-Ǔ“ ͧ  … š Ǔ“ € š पतंग सम šƒ Ǖ” Ǔ बान कृसान।ु
जननी ǿ‘™ ȱधीर ’ ǽ जरे Ǔ“   ȡ… š जानु।।15।।
–*–*–
‡ ɋ रघब
ु ीर ¡ ȪǓ   ͬǕ’ पाई। करते “ Ǒ¡ Ȳǒ–› –Ȳ Ǖरघरु ाई।।
रामबान šǒ– उएँ ‡ ȡ“ € ȧ@तम – Ǿ  कहँ जातध
ु ान € ȧ@
@
\ – Ǒ¡ Ȳमातु ˜ ɇजाउँ लवाई। Ĥ— Ǖआयसु “ Ǒ¡ Ȳराम दोहाई।।
कछुक Ǒ‘   जननी ’ ǽ धीरा। € ͪ” Û¡   Ǒ¡  \ ^¡ Ǒ¡ Ȳरघब
ु ीरा।।
Ǔ“ ͧ  … š ˜ ȡǐš  ȪǑ¡ लै ‡ Ȱ¡ Ǒ¡ @
Ȳ Ǔ ¡ Ǖȱपुर “ ȡš‘ȡǑ‘ जसु ‚ Ȱ¡ Ǒ¡ @
Ȳ@
¡ ɇसत
ु € ͪ” सब  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ समाना। जातध
ु ान \ Ǔ भट बलवाना।।
˜ ȪšɅǿ‘™ परम संदेहा।   ǓǕ“ € ͪ” Ĥ‚ Š € ȧÛ¡ Ǔ“ ‡ दे हा।।
कनक भध
ू राकार   šȣšȡ@समर भयंकर \ Ǔ –› बीरा।।
सीता मन भरोस तब भयऊ। ” ǕǓ“ लघु Ǿ ” पवनसुत लयऊ।।
दो0-सुनु माता साखामग
ृ “ Ǒ¡ Ȳबल – Ǖͪƨ ǒ–   ȡ› @
Ĥ— ǕĤ  ȡ”  Ʌ‚ ǽ°Ǒ¡ खाइ परम लघु ޙ ȡ› @@16।।
–*–*–
मन संतोष सुनत € ͪ” बानी। — ‚ Ǔ Ĥ  ȡ” तेज बल सानी।।
] ͧ  Ÿ ‘ȣǔÛ¡ šȡ˜ ͪĤ™ जाना। होहु तात बल सील Ǔ“ ’ ȡ“ ȡ@@
अजर अमर ‚ “Ǖ Ǔ“ ͬ’ सतु होहू। करहुँ बहुत रघन
ु ायक छोहू।।
करहुँ कृपा Ĥ — Ǖअस   ǓǕ“ काना। Ǔ“ — š[ Ĥȯ˜ मगन हनम
ु ाना।।
बार बार “ ȡf ͧ  पद सीसा। बोला बचन ‡ Ȫǐš कर € ȧ  ȡ@ @
अब € Ǚ € Ǚי भयउँ ˜ ɇमाता। ] ͧ  Ÿ तव अमोघ ǒ– ə ȡ ȡ@
@
सुनहु मातु ˜ ȪǑ¡ \ Ǔ   ™ भूखा। › ȡͬ‚ ‘ȯͨ सुंदर फल Ǿ  ȡ@
@
सन
ु ु सत
ु € šǑ¡ Ȳǒ–ͪ”“ š ȡšȣ@परम सभ
ु ट रजनीचर — ȡšȣ@
@
Ǔ Û¡ कर भय माता ˜ ȪǑ¡ “ ȡ¡ ȣȲ@‡ ɋ  à
Ǖ ¡ सख
ु मानहु मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
दो0-‘ȯͨ – Ǖͪƨ बल Ǔ“ ” Ǖ“ € ͪ” कहे उ ‡ ȡ“ € ȧȲजाहु।
šƒ Ǖ” Ǔ चरन ǿ‘™ ȱ’ ǐš तात मधरु फल खाहु।।17।।
–*–*–
चलेउ नाइ ͧ  ǽ पैठेउ बागा। फल  ȡf ͧ   ǽ  Ȫšɇलागा।।
रहे तहाँ बहु भट रखवारे । कछु ˜ ȡšȯͧ  कछु जाइ पुकारे ।।
नाथ एक आवा € ͪ” — ȡšȣ@ ȯǑ¡ Ȳअसोक – ȡǑŠ€ ȡ ` ‡ ȡšȣ@ @
 ȡf ͧ  फल \ ǽ ǒ–Š” उपारे । šÍ † € ˜ Ǒ‘[˜ Ǒ‘[ ˜ Ǒ¡ डारे ।।
  ǓǕ“ रावन पठए भट नाना। Ǔ Û¡ Ǒ¡ ‘ȯͨ ‚ ‡ ȶ̀ हनम
ु ाना।।
सब रजनीचर € ͪ” संघारे । गए पक
ु ारत कछु अधमारे ।।
” ǕǓ“ पठयउ  ȯǑ¡ Ȳ\ Í † € Ǖ˜ ȡšȡ@चला संग लै सुभट अपारा।।
आवत ‘ȯͨ ǒ– Š” ‚ Ǒ¡  ‡ ȡ[@ ȡǑ¡ Ǔ“ ”ȡǓ ˜ ¡ ȡ’ ǓǕ“ ‚ ‡ ȡ[@
@
दो0-कछु ˜ ȡšȯͧ  कछु ˜ ‘ȶͧ  कछु ͧ˜ › f ͧ  ’ ǐš ’ ǐǗš@
कछु ” ǓǕ“ जाइ पक
ु ारे Ĥ — Ǖ˜ €[Š बल — ǐǗš@
@18।।
–*–*–
  ǓǕ“ सुत बध लंकेस ǐš  ȡ“ ȡ@” ‹ f ͧ  मेघनाद बलवाना।।
˜ ȡšͧ  ‡ Ǔ“ सत
ु बांधेसु  ȡ¡ ȣ@‘ȯͨ \ € ͪ”Ǒ¡ कहाँ कर ] ¡ ȣ@
@
चला ^Ȳġ ǔ‡  \  ͧǕ›  जोधा। बंधु Ǔ“ ’ “   ǓǕ“ उपजा Đ Ȫ’ ȡ@
@
€ ͪ” दे खा ‘ȡǽ“ भट आवा। कटकटाइ ‚ ‡ ȡ[\ ǽ धावा।।
\ Ǔ ǒ–   ȡ›  ǽ एक उपारा। ǒ– š € ȧÛ¡ लंकेस कुमारा।।
रहे महाभट ताके संगा। ‚ Ǒ¡ ‚ Ǒ¡ € ͪ” ˜ ‘[^ Ǔ“ ‡ अंगा।।
Ǔ Û¡ Ǒ¡ Ǔ“ ”ȡǓ  ȡǑ¡ सन बाजा। ͧ— šȯजग ु ल मानहुँ गजराजा।
˜ ǑǕ‹ € ȡ ˜ ȡǐš चढ़ा  ǽ जाई।  ȡǑ¡ एक छन ˜ ǽǕ † ȡ आई।।
` Ǒ‹ – ¡ Ȫǐš € ȧǔÛ¡ ͧ  बहु माया। ‡ ȢǓ न जाइ Ĥ — Ȳ‡ “ जाया।।
दो0-Ħ é˜ \ èğ  ȯǑ¡ Ȳसाँधा € ͪ” मन € ȧÛ¡ ǒ– … ȡš@
‡ ɋ न Ħé˜   š मानउँ ˜ Ǒ¡ ˜ ȡ ͧ˜ Š^ अपार।।19।।
–*–*–
Ħé˜ –ȡ“ € ͪ” कहुँ  ȯǑ¡ मारा। ” šǓ ¡ Ǖȱबार कटकु संघारा।।
 ȯǑ¡ दे खा € ͪ” ˜ Ǖǽ Ǔ†  भयऊ। नागपास – ȡȱ’ ȯͧ  लै गयऊ।।
जासु नाम ‡ ͪ” सन
ु हु भवानी। भव बंधन € ȡŠǑ¡ Ȳनर ʙ ȡ“ Ȣ@
@
तासु दत
ू ͩ€ बंध  ǽ आवा। Ĥ— Ǖकारज › ͬ‚ € ͪ”Ǒ¡ Ȳबँधावा।।
€ ͪ” बंधन   ǓǕ“ Ǔ“ ͧ  … š धाए। कौतक
ु › ȡͬ‚ सभाँ सब आए।।
दसमुख सभा ‘ȣͨ € ͪ” जाई। € Ǒ¡ न जाइ कछु \ Ǔ Ĥ — Ǖ
 ȡ_@
@
कर ‡ ȪšɅसुर Ǒ‘ͧ  ” ǒ–“ Ȣ ȡ@— €ǙǕǑŠ ǒ–› Ȫ€  सकल सभीता।।
‘ȯͨ Ĥ ȡ” न € ͪ” मन संका। ǔ‡ ͧ˜ \ Ǒ¡ ‚ “ महुँ ‚ ǽ° असंका।।
दो0-€ ͪ”Ǒ¡ ǒ–› Ȫͩ€ दसानन ǒ–¡   ȡ € Ǒ¡ ‘ –Ǖ ȡ[‘ @
सतु बध   šǕǓ € ȧǔÛ¡ ” ǓǕ“ उपजा ǿ‘™ ȱǒ– Ÿȡ‘@ @
20।।
–*–*–
कह लंकेस कवन  ɇ€ ȧ  ȡ@€ȯǑ¡ Ȳके बल ƒ ȡ› ȯǑ¡ बन खीसा।।
€ ȧ ’ ɋ Į “   “Ǖ ȯǑ¡ “ Ǒ¡ Ȳ˜ Ȫ¡ ȣ@दे खउँ \ Ǔ असंक सठ  Ȫ¡ ȣ@
@
मारे Ǔ“ ͧ  … š €ȯǑ¡ Ȳअपराधा। कहु सठ  ȪǑ¡ न Ĥȡ“ कइ बाधा।।
सुन रावन Ħé˜ ȡȲŒ Ǔ“ € ȡ™ ȡ@पाइ जासु बल ǒ– šͬ…  माया।।
‡ ȡ€Ʌबल ǒ– šȲͬ… ¡ ǐš ईसा। पालत सज
ृ त हरत दससीसा।
जा बल सीस धरत सहसानन। अंडकोस समेत ͬ‚ ǐš कानन।।
धरइ जो ǒ–ǒ–’ दे ह   šǕğȡ ȡ@ à
Ǖ ¡ ते   ‹ Û¡ ͧ   ȡ“ Ǖदाता।
हर कोदं ड € Ǒ‹ “ ‡ ȯǑ¡ भंजा।  ȯǑ¡ समेत नप
ृ दल मद गंजा।।
खर दष
ू न ǒğͧ  šȡ \ ǽ – ȡ› ȣ@बधे सकल \  ͧǕ›  –›   ȡ› ȣ@
@
दो0-जाके बल लवलेस  Ʌिजतेहु चराचर ˆ ȡǐš@
तासु दतू ˜ ɇजा € ǐš ¡ ǐš आनेहु ͪĤ ™ “ ȡǐš@
@21।।
–*–*–
जानउँ ˜ ɇ à
Ǖ ¡ ȡǐš Ĥ— Ǖ ȡ_@सहसबाहु सन ” šȣ लराई।।
समर –ȡͧ› सन € ǐš जसु पावा।   ǓǕ“ € ͪ” बचन ǒ– ¡ ͧ  ǒ– ¡ šȡ ȡ@
@
खायउँ फल Ĥ — Ǖलागी भँख
ू ा। € ͪ” सभ
ु ाव  Ʌतोरे उँ Ǿ  ȡ@
@
सब €Ʌ दे ह परम ͪĤ™ èȡ˜ Ȣ@˜ ȡšǑ¡ Ȳ˜ ȪǑ¡ कुमारग गामी।।
ǔ‡ Û¡ ˜ ȪǑ¡ मारा ते ˜ ɇमारे ।  ȯǑ¡ पर बाँधेउ तनयँ  à
Ǖ ¡ ȡšȯ@
@
˜ ȪǑ¡ न कछु बाँधे कइ लाजा। € ȧÛ¡ चहउँ Ǔ“ ‡ Ĥ— Ǖकर काजा।।
ǒ– “  Ȣ करउँ ‡ Ȫǐš कर रावन। सुनहु मान तिज मोर ͧ   ȡ “ @
@
दे खहु  à
Ǖ ¡ Ǔ“ ‡ € Ǖ› Ǒ¡ ǒ– … ȡšȣ@ħ ˜ तिज भजहु भगत भय ¡ ȡšȣ@
@
‡ ȡ€Ʌडर \ Ǔ काल डेराई। जो सरु असरु चराचर खाई।।
 ȡ  ɉ –™ ǽ कबहुँ “ Ǒ¡ Ȳ€ ȧ‡ Ȱ@मोरे € ¡ Ʌ‡ ȡ“ € ȧ ‘ȣ‡ Ȱ@
@
दो0-Ĥ“  ”ȡ› रघुनायक € ǽ“ ȡ ͧ  ’Ȳ Ǖ šȡǐš@
गएँ सरन Ĥ— Ǖšȡͨ ¡ ɇतव अपराध ǒ–   ȡǐš@
@22।।
–*–*–
राम चरन पंकज उर धरहू। लंका अचल राज  à Ǖ ¡ करहू।।
ǐšͪŸ ” Ǖͧ› è जसु ǒ–˜ › मंयका।  ȯǑ¡   ͧ  महुँ ‡ Ǔ“ होहु कलंका।।
राम नाम ǒ–“ Ǖͬ‚ šȡ न सोहा। दे खु ǒ–… ȡǐš י ȡͬ‚ मद मोहा।।
बसन ¡ ȣ“ “ Ǒ¡ Ȳसोह   š
Ǖȡšȣ@सब भष
ू ण — ͪǗŸ बर “ ȡšȣ@
@
राम ǒ–˜ Ǖ   Ȳ” Ǔ Ĥ— Ǖ ȡ_@जाइ š¡ ȣ पाई ǒ– “ Ǖपाई।।
सजल मूल ǔ‡ Û¡   ǐš Û¡ “ ȡ¡ ȣȲ@– šͪŸ गए ” ǕǓ“  – Ǒ¡ Ȳ  Ǖ ȡ¡ ȣȲ@
@
सुनु दसकंठ कहउँ पन रोपी। ǒ–˜ Ǖ राम ğȡ ȡ “ Ǒ¡ Ȳकोपी।।
संकर सहस ǒ–ç“ Ǖअज  Ȫ¡ ȣ@  € Ǒ¡ Ȳन šȡͨ राम कर ġȪ¡ ȣ@
@
दो0-मोहमल ू बहु सलू Ĥ‘ י ȡ‚ ¡ Ǖतम \ ͧ— ˜ ȡ“ @
भजहु राम रघन ु ायक कृपा ͧ  ’Ȳ Ǖभगवान।।23।।
–*–*–
‡ ‘ͪ” € Ǒ¡ € ͪ” \ Ǔ Ǒ¡  बानी। — ‚ Ǔ ǒ– –ȯ€ ǒ–šǓ नय सानी।।
बोला ǒ–¡ ͧ  महा \ ͧ— ˜ ȡ“ Ȣ@ͧ˜ › ȡ ¡ ˜ Ǒ¡ € ͪ” गरु बड़ ʙ ȡ“ Ȣ@
@
˜×
Ǚ™ ǕǓ“ € Š आई खल  Ȫ¡ ȣ@› ȡ‚ ȯͧ  अधम ͧ   ȡ “ ˜ Ȫ¡ ȣ@
@
उलटा ¡ Ȫ^Ǒ¡ कह हनुमाना। ˜ Ǔ ħ ˜ तोर Ĥ‚ Š ˜ ɇजाना।।
  ǕǓ“ € ͪ” बचन बहुत ͨ ͧ  ] “ ȡ@–ȯͬ‚ न हरहुँ मूढ़ कर Ĥȡ“ ȡ@ @
सनु त Ǔ“   ȡ… š मारन धाए।   ͬ…  Û¡   Ǒ¡  ǒ– — ȢŸ “ Ǖआए।
नाइ सीस € ǐš ǒ–“ ™ बहूता। “ ȢǓ ǒ– šȪ’ न ˜ ȡǐš\ दत
ू ा।।
आन दं ड कछु € ǐš\ गोसाँई।   – ¡ ȣȲकहा ˜ ğȲ भल भाई।।
सुनत ǒ–¡ ͧ  बोला दसकंधर। अंग भंग € ǐš पठइअ बंदर।।
दो-€ ͪ” €Ʌममता पँछ
ू पर   – Ǒ¡ कहउँ समुझाइ।
तेल – Ȫǐš पट –ȡȱͬ’ ” ǓǕ“ पावक दे हु लगाइ।।24।।
” ȱ†
Ǘ ¡ ȣ“ बानर तहँ ‡ ȡ^Ǒ¡ @तब सठ Ǔ“ ‡ “ ȡ Ǒ¡ लइ ] ^Ǒ¡ @@
ǔ‡ Û¡ कै € ȧÛ¡ ͧ  बहुत बड़ाई। दे खेउँû˜ ɇǓ Û¡ कै Ĥ — Ǖ ȡ_@
@
बचन सुनत € ͪ” मन मुसुकाना। भइ सहाय सारद ˜ ɇजाना।।
जातध
ु ान   ǕǓ“ रावन बचना। लागे š… ɇमूढ़ सोइ रचना।।
रहा न नगर बसन घत
ृ तेला। –ȡ±ȣ पँछ
ू € ȧÛ¡ € ͪ” खेला।।
कौतकु कहँ आए पुरबासी। ˜ ȡšǑ¡ Ȳचरन € šǑ¡ Ȳबहु हाँसी।।
–ȡ‡ Ǒ¡ Ȳढोल ‘ȯǑ¡ Ȳसब  ȡšȣ@नगर •ȯǐš ” ǕǓ“ पँूछ Ĥ‡ ȡšȣ@
@
पावक जरत ‘ȯͨ हनम
ु ंता। भयउ परम लघु ǽ” तरु ं ता।।
Ǔ“ – ͩǕ€ चढ़े उ € ͪ” कनक \ ŠȡšȣȲ@भई सभीत Ǔ“   ȡ… š “ ȡšȣȲ@
@
दो0-¡ ǐš Ĥȯǐš  ȯǑ¡ अवसर चले ˜ ǽ उनचास।
\ ͠¡ ȡ  € ǐš ‚ ‡ é
[ ◌ा € ͪ” – Ǒ± लाग अकास।।25।।
–*–*–
दे ह ǒ–   ȡ› परम ¡ ǽ] _@˜ ȲǑ‘š  Ʌ˜ ȲǑ‘š चढ़ धाई।।
जरइ नगर भा लोग ǒ– ¡ ȡ› ȡ@झपट लपट बहु € ȪǑŠ कराला।।
तात मातु हा   ǕǓ“ \ पुकारा। f Ǒ¡ अवसर को ¡ ˜ Ǒ¡ उबारा।।
हम जो कहा यह € ͪ” “ Ǒ¡ Ȳहोई। बानर Ǿ ” ’ šɅसुर कोई।।
साधु \ Ê™ ȡ कर फलु ऐसा। जरइ नगर अनाथ कर जैसा।।
जारा “ ‚ ǽ Ǔ“ ͧ˜ Ÿ एक ˜ ȡ¡ ȣȲ@एक ǒ–— ȢŸ“ कर गह
ृ “ ȡ¡ ȣȲ@
@
ता कर दत
ू अनल ‡ ȯǑ¡ Ȳͧ  ǐš‡ ȡ@जरा न सो  ȯǑ¡ कारन ͬ‚ ǐš‡ ȡ@
@
` › ǑŠ ” › ǑŠ लंका सब ‡ ȡšȣ@€ ǗǑ‘ परा ” ǕǓ“ ͧ  ’Ȳ Ǖ˜ ˆ ȡšȣ@
@
दो0-पँछ
ू बुझाइ खोइ Į ˜ ’ ǐš लघु Ǿ ” – ¡ Ȫǐš@
जनकसत ु ा के ] ‚ Ʌठाढ़ भयउ कर ‡ Ȫǐš@ @26।।
–*–*–
मातु ˜ ȪǑ¡ ‘ȣ‡ ȯकछु … ȢÛ¡ ȡ@‡ Ȱ  Ʌरघुनायक ˜ ȪǑ¡ ‘ȣÛ¡ ȡ@
@
… °Ǘ ȡ˜ Ǔ“ `  ȡǐš तब दयऊ। हरष समेत पवनसत
ु लयऊ।।
कहे हु तात अस मोर Ĥ“ ȡ˜ ȡ@सब Ĥ€ ȡš Ĥ — Ǖपरू नकामा।।
‘ȣ“ दयाल ǒ– ǐš‘ Ǖ  Ȳ— ȡšȣ@हरहु नाथ मम संकट — ȡšȣ@
@
तात   Đ   Ǖ कथा सुनाएहु। बान Ĥ  ȡ” Ĥ — ǕǑ¡ समुझाएहु।।
मास Ǒ‘  महुँ नाथु न आवा। तौ ” ǕǓ“ ˜ ȪǑ¡ िजअत “ Ǒ¡ Ȳपावा।।
कहु € ͪ” €ȯǑ¡ ǒ–ͬ’ šȡ ɋ Ĥ ȡ“ ȡ@ à
Ǖ ¡ ¡ Ǘतात कहत अब जाना।।
 ȪǑ¡ ‘ȯͨ   Ȣ ͧ› भइ छाती। ” ǓǕ“ मो कहुँ सोइ Ǒ‘“ Ǖसो राती।।
दो0-‡ “ €   Ǖ Ǒ¡ समझ
ु ाइ € ǐš बहु ǒ– ͬ’ धीरजु ‘ȣÛ¡ @
चरन कमल ͧ  ǽ नाइ € ͪ” गवनु राम ”Ǒ¡ Ȳ€ ȧÛ¡ @ @ 27।।
–*–*–
चलत ˜ ¡ ȡ’ ǓǕ“ ‚ ‡ ȶͧ  — ȡšȣ@‚ — [èğ Ǒ¡ Ȳ  ǓǕ“ Ǔ“ ͧ  … š “ ȡšȣ@
@
“ ȡǓƒ ͧ  ’Ȳ Ǖf Ǒ¡ ”ȡšǑ¡ आवा। सबद ͩ€ › ͩ€ › ȡ € ͪ”Û¡ सुनावा।।
हरषे सब ǒ–› Ȫͩ€ हनुमाना। नूतन ‡ ۘ € ͪ” Û¡ तब जाना।।
मुख Ĥ  ۓ तन तेज ǒ–šȡ‡ ȡ@€ ȧÛ¡ ȯͧ  šȡ˜ … Ûġ कर काजा।।
ͧ˜ › ȯसकल \ Ǔ भए   Ǖ ȡšȣ@तलफत मीन पाव ǔ‡ ͧ˜ – ȡšȣ@
@
चले ¡ šͪŸ रघन
ु ायक पासा। पँछ
ू त कहत नवल ^Ǔ ¡ ȡ  ȡ@
@
तब मधब
ु न भीतर सब आए। अंगद संमत मधु फल खाए।।
रखवारे जब बरजन लागे। ˜ ǕǔçŠ Ĥ ¡ ȡš हनत सब भागे।।
दो0-जाइ पुकारे ते सब बन उजार जुबराज।
  ǓǕ“   ĒǕ Ȣ हरष € ͪ” € ǐš आए Ĥ — Ǖकाज।।28।।
–*–*–
‡ ɋ न ¡ ȪǓ सीता   Ǖͬ’ पाई। मधब ु न के फल   € Ǒ¡ Ȳͩ€ खाई।।
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ मन ǒ–… ȡš कर राजा। आइ गए € ͪ”   Ǒ¡  समाजा।।
आइ   –ǔÛ¡ नावा पद सीसा। ͧ˜ › ȯ̀   – ǔÛ¡ \ Ǔ Ĥȯ˜ कपीसा।।
” ȱ†Ǘ Ȥ कुसल कुसल पद दे खी। राम कृपाँ भा काजु ǒ–   ȯŸ Ȣ@
@
नाथ काजु € ȧÛ¡ ȯ̀ हनुमाना। राखे सकल € ͪ” Û¡ के Ĥȡ“ ȡ@
@
  ǕǓ“   ǕĒ Ȣ –¡ Ǖǐš  ȯǑ¡ ͧ˜ › ȯa @€ ͪ”Û¡   Ǒ¡  šƒ Ǖ” Ǔ ”Ǒ¡ Ȳचलेऊ।
राम € ͪ”Û¡ जब आवत दे खा। ͩ€ f ȱकाजु मन हरष ǒ–  ȯŸ ȡ@ @
• ǑŠ€ ͧ  › ȡ बैठे ɮȫ भाई। परे सकल € ͪ” … š“ ǔÛ¡ जाई।।
दो0-ĤȢǓ   Ǒ¡  सब भेटे šƒ ”Ǖ Ǔ € ǽ“ ȡ पंज
ु ।
” ȱ†Ǘ Ȥ कुसल नाथ अब कुसल ‘ȯͨ पद कंज।।29।।
–*–*–
जामवंत कह सन ु ु रघरु ाया। जा पर नाथ करहु  à
Ǖ ¡ दाया।।
 ȡǑ¡ सदा सुभ कुसल Ǔ“ šȲ š@सुर नर ˜ ǕǓ“ Ĥ   ۓ ता ऊपर।।
सोइ ǒ–‡ _ ǒ–“ _ गुन सागर। तासु सुजसु ğȯ
› Ȫ€ उजागर।।
Ĥ — Ǖ€ ȧȲकृपा भयउ सबु काजू। ‡ ۘ हमार सुफल भा आजू।।
नाथ पवनसत
ु € ȧǔÛ¡ जो करनी। सहसहुँ मखु न जाइ सो बरनी।।
पवनतनय के … ǐš सहु ाए। जामवंत šƒ ”Ǖ Ǔ Ǒ¡ सन
ु ाए।।
सुनत € Ǚ” ȡǓ“ ͬ’ मन \ Ǔ भाए। ” ǕǓ“ हनुमान ¡ šͪŸ Ǒ¡ ™ ȱलाए।।
कहहु तात €ȯǑ¡ — ȡȱǓ ‡ ȡ“ € ȧ@š¡ Ǔ € šǓ šÍ † ȡ è Ĥȡ“ € ȧ@
@
दो0-नाम ”ȡ¡ ǽ Ǒ‘   Ǔ“ ͧ  ڙ ȡ“  à Ǖ ¡ ȡš कपाट।
लोचन Ǔ“ ‡ पद ‡ Ȳǒğ ‡ ȡǑ¡ ȲĤȡ“ €ȯǑ¡ Ȳबाट।।30।।
–*–*–
चलत ˜ ȪǑ¡ … °Ǘ ȡ˜ Ǔ“ ‘ȣÛ¡ ȣ@šƒ Ǖ” Ǔ ǿ‘™ ȱलाइ सोइ › ȣÛ¡ ȣ@
@
नाथ जग
ु ल लोचन — ǐš –ȡšȣ@बचन कहे कछु ‡ “ € € Ǖ˜ ȡšȣ@
@
अनज
ु समेत गहे हु Ĥ— Ǖचरना। ‘ȣ“ बंधु Ĥ “  ȡšǓ हरना।।
मन Đ ˜ बचन चरन अनुरागी। €ȯǑ¡ अपराध नाथ ¡ ɋ י ȡ‚ Ȣ@
@
अवगुन एक मोर ˜ ɇमाना। ǒ– † Ǖš Ĥȡ“ न € ȧÛ¡ पयाना।।
नाथ सो “ ™ “ ǔÛ¡ को अपराधा। Ǔ“   š Ĥȡ“ € ǐšǑ¡ Ȳ¡ Ǒ‹ बाधा।।
ǒ– š¡ \ ͬ‚ Ǔ“ तनु तल
ू समीरा। è ȡ  जरइ छन ˜ ȡǑ¡ Ȳ  šȣšȡ@
@
नयन èğ Ǒ¡ जलु Ǔ“ ‡ Ǒ¡  लागी। ‡ šɇन पाव दे ह ǒ– š¡ ȡ‚ Ȣ@
सीता के \ Ǔ ǒ–”Ǔ ǒ–  ȡ› ȡ@ǒ– “ Ǒ¡ Ȳ€ ¡ Ʌ— ͧ› ‘ȣ“ ‘™ ȡ› ȡ@
@
दो0-Ǔ“ ͧ˜ Ÿ Ǔ“ ͧ˜ Ÿ € ǽ“ ȡǓ“ ͬ’ ‡ ȡǑ¡ Ȳकलप सम –ȢǓ @
–ȯͬ‚ … ͧ› ™ Ĥ— Ǖ] Ǔ“ \ भुज बल खल दल ‡ ȢǓ @
@31।।
–*–*–
 Ǖ
Ǔ“ सीता दख ु Ĥ— Ǖसुख अयना। — ǐš आए जल रािजव नयना।।
बचन काँय मन मम ‚ Ǔ ‡ ȡ¡ ȣ@सपनेहुँ – Ǘͨˆ \ ǒ– ”Ǔ ͩ€  ȡ¡ ȣ@
@
कह हनुमंत ǒ–”Ǔ Ĥ— Ǖसोई। जब तव   Ǖͧ˜ š“ भजन न होई।।
€ȯǓ € बात Ĥ— Ǖजातध
ु ान € ȧ@ǐš” ǑǕ¡ ‡ ȢǓ ] Ǔ“ –Ȣ ‡ ȡ“ € ȧ@
@
सन
ु ु € ͪ”  ȪǑ¡ समान ` ”€ ȡšȣ@“ Ǒ¡ Ȳकोउ सरु नर ˜ ǓǕ“  “ ’Ǖ ȡšȣ@
@
ĤǓ उपकार € šɋ का तोरा। सनमुख होइ न सकत मन मोरा।।
सुनु सुत ` ǐš“ ˜ ɇ“ ȡ¡ ȣȲ@दे खेउँ € ǐš ǒ– … ȡš मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
” ǕǓ“ ” ǕǓ“ € ͪ”Ǒ¡ ͬ…     Ǖšğȡ ȡ@लोचन नीर पुलक \ Ǔ गाता।।
दो0-  ǓǕ“ Ĥ— Ǖबचन ǒ– › Ȫͩ€ मख
ु गात ¡ šͪŸ हनम
ु ंत।
चरन परे उ Ĥȯ˜ ȡ€ Ǖ› ğȡǑ¡ ğȡǑ¡ भगवंत।।32।।
–*–*–
बार बार Ĥ— Ǖचहइ उठावा। Ĥȯ˜ मगन  ȯǑ¡ उठब न भावा।।
Ĥ — Ǖकर पंकज € ͪ” €Ʌसीसा।   ͧǕ˜ ǐš सो दसा मगन ‚ ȫšȣ  ȡ@
@
सावधान मन € ǐš ” ǕǓ“ संकर। लागे कहन कथा \ Ǔ सुंदर।।
€ ͪ” उठाइ Ĥ— Ǖǿ‘™ ȱलगावा। कर ‚ Ǒ¡ परम Ǔ“ € Š बैठावा।।
कहु € ͪ” रावन ”ȡͧ›  लंका। €ȯǑ¡ ǒ–ͬ’ दहे उ ‘ ‚Ǖ [\ Ǔ बंका।।
Ĥ — ǕĤ   ۓ जाना हनमु ाना। बोला बचन ǒ–‚  \ ͧ— ˜ ȡ“ ȡ@ @
साखामग
ृ के –ͫ° मनस
ु ाई। साखा  Ʌसाखा पर जाई।।
“ ȡǓƒ ͧ  ’Ȳ Ǖहाटकपरु जारा। Ǔ“ ͧ  … š गन ǒ– ͬ’ ǒ– ͪ” “ उजारा।
सो सब तव Ĥ ȡ” रघुराई। नाथ न कछू ˜ Ȫǐš Ĥ — Ǖ ȡ_@
@
दो0- ता कहुँ Ĥ— Ǖकछु अगम “ Ǒ¡ Ȳजा पर  Ǖà¡ अनुकुल।
तब Ĥ — ȡ ȱ–°ȡ“ › Ǒ¡ Ȳ‡ ȡǐš सकइ खलु तल ू ।।33।।
–*–*–
नाथ — ‚ Ǔ \ Ǔ सुखदायनी। दे हु कृपा € ǐš अनपायनी।।
  ǕǓ“ Ĥ — Ǖपरम सरल € ͪ” बानी। f ˜ è Ǖतब कहे उ भवानी।।
उमा राम सभ
ु ाउ ‡ ȯǑ¡ Ȳजाना।  ȡǑ¡ भजनु तिज भाव न आना।।
यह संवाद जासु उर आवा। šƒ ”Ǖ Ǔ चरन — ‚ Ǔ सोइ पावा।।
  ǕǓ“ Ĥ — Ǖबचन € ¡ Ǒ¡ Ȳ€ ͪ”– Ȳ‘Ǚȡ@जय जय जय कृपाल सुखकंदा।।
तब šƒ Ǖ” Ǔ € ͪ” ”Ǔ Ǒ¡ बोलावा। कहा … › ɇकर करहु बनावा।।
अब ǒ–› Ȳ– Ǖ€ȯǑ¡ कारन € ȧ‡ ȯ@तरु त € ͪ” Û¡ कहुँ आयसु ‘ȣ‡ ȯ@
@
कौतक
ु ‘ȯͨ सम
ु न बहु बरषी। नभ  Ʌभवन चले सरु हरषी।।
दो0-€ ͪ” ”Ǔ –ȯͬ‚ बोलाए आए जथू प जथ
ू ।
नाना बरन अतल ु बल बानर भालु – Ǿ  @ @34।।
–*–*–
Ĥ — Ǖपद पंकज “ ȡǑ¡ Ȳसीसा। ‚ š‡ Ǒ¡ Ȳभालु महाबल € ȧ  ȡ@
@
दे खी राम सकल € ͪ” सेना। ͬ…  ^ कृपा € ǐš रािजव नैना।।
राम कृपा बल पाइ € ͪ” ‘Ȳȡ@भए ”Í † ‡ Ǖ मनहुँ ͬ‚ ǐšȲ
‘ ȡ@
@
¡ šͪŸ राम तब € ȧÛ¡ पयाना। सगुन भए सुंदर सुभ नाना।।
जासु सकल मंगलमय € ȧ Ȣ@तासु पयान सगन
ु यह नीती।।
Ĥ— Ǖपयान जाना –Ȱ‘ȯ¡ ȣȲ@• šͩ€ बाम अँग जनु € Ǒ¡ ‘ȯ¡ ȣȲ@
@
जोइ जोइ सगन
ु ‡ ȡ“ ͩ€ Ǒ¡ होई। असगन
ु भयउ šȡ “ Ǒ¡ सोई।।
चला कटकु को –š“ ɇपारा। ‚ ‡ Ǒ[¡ बानर भालु अपारा।।
नख आयुध ͬ‚ ǐš ”ȡ‘” ’ ȡšȣ@चले गगन ˜ Ǒ¡ ^Í † ȡ… ȡšȣ@
@
€ȯ¡ ǐš“ ȡ‘ भालु € ͪ” € š¡ ȣȲ@Œ‚ ˜ ‚ ȡǑ¡ ȲǑ‘Ê‚ ‡ ͬ… Ȁ š¡ ȣȲ@
@
छं 0-ͬ… Ȁ šǑ¡ ȲǑ‘Ê‚ ‡ डोल ˜ Ǒ¡ ͬ‚ ǐš लोल सागर खरभरे ।
मन हरष सभ ‚ Ȳ’ – [सरु ˜ ǓǕ“ नाग ͩ€ ۓ š दख
ु टरे ।।
€ Š€ ŠǑ¡ Ȳ˜ €[Š ǒ–€ Š भट बहु € ȪǑŠ € ȪǑŠÛ¡ ’ ȡ ¡ ȣȲ@
जय राम Ĥ –› Ĥ  ȡ” कोसलनाथ गुन गन ‚ ȡ ¡ ȣȲ@ @ 1।।
  Ǒ¡ सक न भार उदार \ Ǒ¡ ” Ǔ बार – ȡšǑ¡ Ȳमोहई।
गह दसन ” ǓǕ“ ” ǓǕ“ कमठ ” çǙŠ कठोर सो ͩ€ ͧ˜ सोहई।।
रघब
ु ीर ǽͬ… š Ĥ™ ȡ“ Ĥǔè Ǔ ‡ ȡǓ“ परम सह
ु ावनी।
जनु कमठ  ” š[   ” š[ ȡ‡ सो ͧ›   \ ǒ– … › पावनी।।2।।
दो0-f Ǒ¡ ǒ– ͬ’ जाइ € Ǚ”ȡǓ“ ͬ’ उतरे सागर तीर।
जहँ तहँ लागे खान फल भालु ǒ–” Ǖ› € ͪ” बीर।।35।।
–*–*–
उहाँ Ǔ“   ȡ… š š¡ Ǒ¡ Ȳससंका। जब ते ‡ ȡǐš गयउ € ͪ” लंका।।
Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ गह
ृ ँ सब € šǑ¡ Ȳǒ– … ȡšȡ@“ Ǒ¡ ȲǓ“ ͧ  … š कुल केर उबारा।।
जासु दत
ू बल –šǓ“ न जाई।  ȯǑ¡ आएँ पुर कवन भलाई।।
‘ Ǘ ǔÛ¡ सन   ǕǓ“ पुरजन बानी। ˜ Ȳ‘ Ȫ‘šȣ \ ͬ’ € अकुलानी।।
š¡ ͧ  ‡ Ȫǐš कर ”Ǔ पग लागी। – Ȫ› ȣ बचन “ ȢǓ रस पागी।।
कंत करष ¡ ǐš सन ”ǐš¡ š¡ Ǘ@मोर कहा \ Ǔ Ǒ¡  Ǒ¡ ™ ȱधरहु।।
समझ ु त जासु दत
ू कइ करनी। è𝠡 ȣȲ‚ — [रजनीचर धरनी।।
तासु “ ȡǐš Ǔ“ ‡   ͬ…  बोलाई। पठवहु कंत जो चहहु भलाई।।
तब कुल कमल ǒ– ͪ”“ दख ु दाई। सीता सीत Ǔ“   ȡ सम आई।।
सुनहु नाथ सीता ǒ–“ Ǖ‘ȣÛ¡ Ʌ@Ǒ¡  न  à
Ǖ ¡ ȡš संभु अज € ȧÛ¡ Ʌ@
@
दो0–राम बान \ Ǒ¡ गन   ǐš  Ǔ“ € š Ǔ“   ȡ… š भेक।
जब › ͬ‚ Ē    न तब › ͬ‚ जतनु करहु तिज टे क।।36।।
–*–*–
Į  “ सुनी सठ ता € ǐš बानी। ǒ– ¡   ȡ जगत ǒ– Ǒ‘ \ ͧ— ˜ ȡ“ Ȣ@
@
सभय सभ ु ाउ “ ȡǐš कर साचा। मंगल महुँ भय मन \ Ǔ काचा।।
‡ ɋ आवइ ˜ €[Š कटकाई। ǔ‡ \ Ǒ¡ Ȳǒ– … ȡšȯǓ“ ͧ  … š खाई।।
€Ȳ” Ǒ¡ Ȳलोकप ‡ ȡ€ ȧ ğȡ  ȡ@तासु “ ȡǐš सभीत – ͫ° हासा।।
अस € Ǒ¡ ǒ–¡ ͧ   ȡǑ¡ उर लाई। चलेउ सभाँ ममता \ ͬ’ € ȡ_@
@
˜ Ȳ‘ Ȫ‘šȣ ǿ‘™ ȱकर ͬ… Ȳ ȡ@भयउ कंत पर ǒ– ͬ’ ǒ– ”šȣ ȡ@
@
बैठेउ सभाँ  – ǐš \ ͧ  पाई। ͧ  ’Ȳ Ǖपार सेना सब आई।।
– ˆǗ ȯͧ    ͬ…  ` ͬ…  मत कहहू। ते सब हँसे ˜ çŠ € ǐš रहहू।।
िजतेहु सरु ासरु तब Į ˜ “ ȡ¡ ȣȲ@नर बानर €ȯǑ¡ लेखे ˜ ȡ¡ ȣ@
@
दो0-  ͬ…  बैद गुर  ȢǓ“ ‡ ɋ ͪĤ™ – Ȫ› Ǒ¡ Ȳभय आस।
राज ’ ˜ [तन  ȢǓ“ कर होइ –ȯͬ‚ ¡ ȣȲनास।।37।।
–*–*–
सोइ रावन कहुँ –Ǔ“ सहाई। \ è ǓǕ € šǑ¡ Ȳसन
ु ाइ सनु ाई।।
अवसर ‡ ȡǓ“ ǒ–— ȢŸ“ Ǖआवा। ħ ȡ ȡ चरन सीसु  ȯǑ¡ Ȳनावा।।
” ǕǓ“ ͧ  ǽ नाइ बैठ Ǔ“ ‡ आसन। बोला बचन पाइ अनुसासन।।
जौ कृपाल ” ȱǓǗ† ¡ Ǖ˜ ȪǑ¡ बाता। ˜ Ǔ \ “ Ǖǽ ” कहउँ Ǒ¡  ताता।।
जो आपन चाहै € 㙠ȡ“ ȡ@सुजसु   Ǖ˜ Ǔ सभ
ु ‚ Ǔ सुख नाना।।
सो ”š“ ȡǐš ͧ› › ȡš ‚ Ȫ  ȡɃ@तजउ … ` ͬ के चंद ͩ€ नाई।।
चौदह भव
ु न एक ”Ǔ होई। — Ǘ ġȪ¡ Ǔ çŠ^ “ Ǒ¡ Ȳसोई।।
गन
ु सागर नागर नर जोऊ। अलप लोभ भल कहइ न कोऊ।।
दो0- काम Đ Ȫ’ मद लोभ सब नाथ नरक के पंथ।
सब ”ǐš¡ ǐš šƒ Ǖ– ȢšǑ¡ भजहु — ‡ Ǒ¡ Ȳ‡ ȯǑ¡ संत।।38।।
–*–*–
तात राम “ Ǒ¡ Ȳनर भूपाला। — Ǖ “ ȯè š कालहु कर काला।।
Ħ é˜ अनामय अज भगवंता। ޙ ȡ” € अिजत \ “ ȡǑ‘ अनंता।।
गो ɮͪ ‡ धेनु दे व Ǒ¡  € ȡšȣ@€ Ǚ”ȡͧ  ’Ȳ Ǖमानष
ु  “ Ǖ’ ȡšȣ@
@
जन रं जन भंजन खल Ħ ȡ ȡ@बेद ’ ˜ [šÍ † € सन
ु ु ħ ȡ ȡ@
@
 ȡǑ¡ –™ ǽ तिज नाइअ माथा। Ĥ “  ȡšǓ भंजन रघन
ु ाथा।।
दे हु नाथ Ĥ— Ǖकहुँ –Ȱ‘ȯ¡ ȣ@भजहु राम ǒ– “ Ǖहे तु   “ ȯ¡ ȣ@
@
सरन गएँ Ĥ— Ǖताहु न י ȡ‚ ȡ@ǒ– è ġȪ¡ कृत अघ ‡ ȯǑ¡ लागा।।
जासु नाम ğ™ ताप नसावन। सोइ Ĥ — ǕĤ ‚ Š समुझु िजयँ रावन।।
दो0-बार बार पद लागउँ ǒ– “ ™ करउँ दससीस।
”ǐš¡ ǐš मान मोह मद भजहु कोसलाधीस।।39(क)।।
˜ ǕǓ“ ” Ǖ› ǔè Ǔ“ ‡ ͧ  ç™ सन € Ǒ¡ पठई यह बात।
तरु त सो ˜ ɇĤ — Ǖसन € ¡ ȣ पाइ   Ǖ\    ǽ तात।।39(ख)।।
–*–*–
˜ ȡ㙠 Ȳ \ Ǔ   ͬ…  सयाना। तासु बचन   ǕǓ“ \ Ǔ सुख माना।।
तात अनुज तव “ ȢǓ ǒ–— Ǘ
Ÿ “ @सो उर धरहु जो कहत ǒ– — ȢŸ“ @
@
ǐš” Ǖउतकरष कहत सठ दोऊ। ‘ ǐǗš न करहु इहाँ हइ कोऊ।।
˜ ȡ㙠Ȳ
 गह
ृ गयउ –¡ Ȫšȣ@कहइ ǒ– — ȢŸ “ Ǖ” ǓǕ“ कर ‡ Ȫšȣ@
@
  ˜Ǖ Ǔ € Ǖ˜ Ǔ सब €Ʌउर š¡ ¡ ȣȲ@नाथ परु ान Ǔ“ ‚ ˜ अस € ¡ ¡ ȣȲ@
@
जहाँ   ˜Ǖ Ǔ तहँ   Ȳ” Ǔ नाना। जहाँ € Ǖ˜ Ǔ तहँ ǒ–” Ǔ Ǔ“ ‘ȡ“ ȡ@
@
तव उर € Ǖ˜ Ǔ बसी ǒ–”šȣ ȡ@Ǒ¡  \ “ Ǒ¡  मानहु ǐš” ǕĤ Ȣ ȡ@
@
€ ȡ› šȡǓ Ǔ“ ͧ  … š कुल €ȯšȣ@ ȯǑ¡ सीता पर ĤȢǓ ƒ “ ȯšȣ@
@
दो0-तात चरन ‚ Ǒ¡ मागउँ राखहु मोर दल ु ार।
सीत दे हु राम कहुँ \ Ǒ¡  न होइ  à
Ǖ ¡ ȡš@
@40।।
–*–*–
बुध पुरान Į ǓǕ संमत बानी। € ¡ ȣ ǒ–— ȢŸ “ “ ȢǓ बखानी।।
सन
ु त दसानन उठा ǐš  ȡ_@खल  ȪǑ¡ Ǔ“ € Š ˜ ×
Ǖ™ Ǖअब आई।।
ǔ‡ \ ͧ  सदा सठ मोर िजआवा। ǐš” Ǖकर ” Í † मढ़
ू  ȪǑ¡ भावा।।
€ ¡ ͧ  न खल अस को जग ˜ ȡ¡ ȣȲ@भुज बल ‡ ȡǑ¡ िजता ˜ ɇ“ ȡ¡ ȣ@
@
मम पुर –ͧ   ” ͧ  Û¡ पर ĤȢ Ȣ@सठ ͧ˜ › Ǖजाइ Ǔ Û¡ Ǒ¡ कहु नीती।।
अस € Ǒ¡ € ȧÛ¡ ȯͧ  चरन Ĥ¡ ȡšȡ@अनुज गहे पद – ȡšǑ¡ Ȳबारा।।
उमा संत कइ इहइ बड़ाई। मंद करत जो करइ भलाई।।
à
Ǖ ¡ ͪ” Ǖ  ǐš  — › ȯǑ¡ Ȳ˜ ȪǑ¡ मारा। रामु — ‡ ɅǑ¡  नाथ  à
Ǖ ¡ ȡšȡ@
@
  ͬ…  संग लै नभ पथ गयऊ।   – Ǒ¡ सुनाइ कहत अस भयऊ।।
दो0=रामु   י   Ȳ€ 㔠Ĥ— Ǖसभा कालबस  Ȫǐš@
मै रघुबीर सरन अब जाउँ दे हु ‡ Ǔ“  Ȫǐš@@41।।
–*–*–
अस € Ǒ¡ चला ǒ–— ȢŸ“ Ǖ‡ –¡ ȣȲ@] ™ ¡Ǘ ȣ“ भए सब  – ¡ ȣȲ@
@
साधु \ Ê™ ȡ तरु त भवानी। कर € 㙠ȡ“ \ ͨ › कै हानी।।
रावन ‡ –Ǒ¡ Ȳǒ–— ȢŸ“ י ȡ‚ ȡ@भयउ ǒ–—  ǒ–“ Ǖ – Ǒ¡ Ȳअभागा।।
चलेउ ¡ šͪŸ रघनु ायक ”ȡ¡ ȣȲ@करत मनोरथ बहु मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
‘ȯͨ ¡ `ȱजाइ चरन जलजाता। \ ǽ“ मद ृ ल
ु सेवक सख
ु दाता।।
जे पद ”šͧ   šȣ ǐšͪŸ“ ȡšȣ@दं डक कानन ” ȡ “ € ȡšȣ@
@
जे पद जनकसुताँ उर लाए। कपट कुरं ग संग धर धाए।।
हर उर सर सरोज पद जेई। \ ¡ Ȫ— ȡʙ मै ‘ȯͨ ¡ `ȱतेई।।
दो0= ǔ‡ Û¡ ”ȡ™ Û¡ के ”ȡ‘ €Ǖ ǔÛ¡ भरतु रहे मन लाइ।
ते पद आजु ǒ–› Ȫͩ€ ¡ `ȱ^Û¡ “ ™ “ ǔÛ¡ अब जाइ।।42।।
–*–*–
f Ǒ¡ ǒ– ͬ’ करत   Ĥȯ˜ ǒ–… ȡšȡ@आयउ   ”Ǒ‘ ͧ  ’Ȳ Ǖf Ǒ¡ Ȳपारा।।
€ ͪ”Û¡ ǒ–— ȢŸ“ Ǖआवत दे खा। जाना कोउ ǐš” Ǖदत
ू ǒ–  ȯŸ ȡ@
@
 ȡǑ¡ šȡͨ कपीस ”Ǒ¡ Ȳआए। समाचार सब  ȡǑ¡ सुनाए।।
कह   ǕĒ Ȣ सुनहु रघुराई। आवा ͧ˜ › “ दसानन भाई।।
कह Ĥ— Ǖसखा – Ǘͨˆ g काहा। कहइ कपीस सुनहु नरनाहा।।
‡ ȡǓ“ न जाइ Ǔ“   ȡ… š माया। € ȡ˜ Ǿ ” €ȯǑ¡ कारन आया।।
भेद हमार लेन सठ आवा। šȡͨ \ – ȡȱͬ’ ˜ ȪǑ¡ अस भावा।।
सखा “ ȢǓ  à
Ǖ ¡ “ Ȣͩ€ ǒ–… ȡšȣ@मम पन सरनागत — ™ ¡ ȡšȣ@
@
  ǕǓ“ Ĥ — Ǖबचन हरष हनुमाना। सरनागत –Í † › भगवाना।।
दो0=सरनागत कहुँ जे  ‡ Ǒ¡ ȲǓ“ ‡ \ “ Ǒ¡  \ “ Ǖ˜ ȡǓ“ @
ते नर पावँर पापमय Ǔ Û¡ Ǒ¡ ǒ– › Ȫ€  ¡ ȡǓ“ @
@43।।
–*–*–
€ ȪǑŠ ǒ–Ĥ बध › ȡ‚ Ǒ¡ Ȳजाहू। आएँ सरन तजउँ “ Ǒ¡ Ȳताहू।।
सनमख
ु होइ जीव ˜ ȪǑ¡ ‡ – ¡ ȣ@
Ȳ ‡ ۘ € ȪǑŠ अघ “ ȡ  Ǒ¡ Ȳ –¡ ȣȲ@
@
पापवंत कर सहज सभ
ु ाऊ। भजनु मोर  ȯǑ¡ भाव न काऊ।।
‡ ɋ पै ‘ çǕŠ¡ ‘™ सोइ होई। ˜ ȪšɅसनमख
ु आव ͩ€ सोई।।
Ǔ“ ˜ ›[ मन जन सो ˜ ȪǑ¡ पावा। ˜ ȪǑ¡ कपट छल Ǔ† ġ न भावा।।
भेद लेन पठवा दससीसा। तबहुँ न कछु भय ¡ ȡǓ“ कपीसा।।
जग महुँ सखा Ǔ“   ȡ… š जेते। › Ǔ† ˜ “ Ǖहनइ Ǔ“ ͧ˜ Ÿ महुँ तेते।।
‡ ɋ सभीत आवा सरनाई। šͨ ¡ `ȱ ȡǑ¡ Ĥ ȡ“ € ȧ नाई।।
दो0=उभय — ȡǓȱ  ȯǑ¡ आनहु ¡ ȱͧ  कह € Ǚ” ȡǓ“ €ȯ @
जय कृपाल € Ǒ¡ चले अंगद हनू समेत।।44।।
–*–*–
सादर  ȯǑ¡ ] ‚ Ʌ€ ǐš बानर। चले जहाँ šƒ ”Ǖ Ǔ € ǽ“ ȡ€ š@
@
‘ ǐǗšǑ¡ ते दे खे ɮȫ ħ ȡ ȡ@नयनानंद दान के दाता।।
– ¡ Ǖǐš राम † ǒ–’ ȡ˜ ǒ– › Ȫ€ ȧ@रहे उ ‹ ŠǕͩ€ एकटक पल šȪ€ ȧ@
@
भुज Ĥ› Ȳ– €Ȳ‡ ȡǽ“ लोचन। è™ ȡ˜ › गात Ĥ “  भय मोचन।।
ͧ  ƒȲ कंध आयत उर सोहा। आनन \ ͧ˜  मदन मन मोहा।।
नयन नीर ” ›Ǖ ͩ€  \ Ǔ गाता। मन ’ ǐš धीर € ¡ ȣ मद
ृ ु बाता।।
नाथ दसानन कर ˜ ɇħ ȡ ȡ@Ǔ“ ͧ  … š बंस जनम   Ǖšğȡ ȡ@
@
सहज ”ȡ”ͪĤ™ तामस दे हा। जथा ` › Ǘ€ Ǒ¡ तम पर नेहा।।
दो0-Į “ सुजसु   ǕǓ“ आयउँ Ĥ — Ǖभंजन भव भीर।
ğȡǑ¡ ğȡǑ¡ ] šǓ हरन सरन सख ु द रघबु ीर।।45।।
–*–*–
अस € Ǒ¡ करत दं डवत दे खा। तरु त उठे Ĥ— Ǖहरष ǒ–   ȯŸ ȡ@
@
‘ȣ“ बचन   ǓǕ“ Ĥ— Ǖमन भावा। भज
ु ǒ–   ȡ› ‚ Ǒ¡ ǿ‘™ ȱलगावा।।
अनज
ु   Ǒ¡  ͧ˜ ͧ› Ǒ‚ –Ȱ‹ ȡšȣ@बोले बचन भगत — ™ ¡ ȡšȣ@
@
कहु लंकेस   Ǒ¡  ” ǐš ȡšȡ@कुसल कुठाहर बास  àǕ ¡ ȡšȡ@
@
खल ˜ ȲŒ › ȣȲबसहु Ǒ‘“ Ǖराती। सखा धरम Ǔ“ –¡ ^ €ȯǑ¡ भाँती।।
˜ ɇजानउँ  à
Ǖ ¡ ȡǐš सब šȣ Ȣ@\ Ǔ नय Ǔ“ ” Ǖ“ न भाव अनीती।।
– ǽ भल बास नरक कर ताता। ‘ çǕŠ संग ‡ Ǔ“ दे इ ǒ–’ ȡ ȡ@
@
अब पद ‘ȯͨ कुसल रघरु ाया। ‡ ɋ  à
Ǖ ¡ € ȧÛ¡ ‡ ȡǓ“ जन दाया।।
दो0-तब › ͬ‚ कुसल न जीव कहुँ सपनेहुँ मन ǒ–Į ȡ˜ @
जब › ͬ‚ भजत न राम कहुँ सोक धाम तिज काम।।46।।
–*–*–
तब › ͬ‚ ǿ‘™ ȱबसत खल नाना। लोभ मोह ˜ Í † š मद माना।।
जब › ͬ‚ उर न बसत रघुनाथा। ’ šɅचाप सायक € ǑŠ भाथा।।
ममता  ǽ“ तमी \ ȱͬ’ ] šȣ@राग ɮȯŸ उलूक   Ǖ € ȡšȣ@
@
तब › ͬ‚ –  Ǔ जीव मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@जब › ͬ‚ Ĥ — ǕĤ ȡ” šǒ– “ ȡ¡ ȣȲ@
@
अब ˜ ɇकुसल ͧ˜ Šȯभय भारे । ‘ȯͨ राम पद कमल  à
Ǖ ¡ ȡšȯ@
@
à
Ǖ ¡ कृपाल जा पर अनक
ु ू ला।  ȡǑ¡ न ޙ ȡ” ǒğǒ–’ भव सल
ू ा।।
˜ ɇǓ“ ͧ  … š \ Ǔ अधम सुभाऊ। सुभ आचरनु € ȧÛ¡ “ Ǒ¡ Ȳकाऊ।।
जासु Ǿ ” ˜ ǕǓ“ ڙ ȡ“ न आवा।  ȯǑ¡ ȲĤ— Ǖ¡ šͪŸ ǿ‘™ ȱ˜ ȪǑ¡ लावा।।
दो0–\ ¡ Ȫ— ȡʙ मम \ ͧ˜  \ Ǔ राम कृपा सुख पुंज।
दे खेउँ नयन ǒ–šȲͬ… ͧ  –   ȯޙ जग
ु ल पद कंज।।47।।
–*–*–
सुनहु सखा Ǔ“ ‡ कहउँ सुभाऊ। जान — Ǖ  ǕȲͫŒ संभु ͬ‚ ǐš‡ ȡa @
@
‡ ɋ नर होइ चराचर ġȪ¡ ȣ@आवे सभय सरन  ͩ€ ˜ Ȫ¡ ȣ@
@
तिज मद मोह कपट छल नाना। करउँ   ɮ™  ȯǑ¡ साधु समाना।।
जननी जनक बंधु सत
ु दारा। तनु धनु भवन   ıǕ ‘ ”ǐš ȡšȡ@
@
सब कै ममता ताग –ŠȪšȣ@मम पद ˜ “ Ǒ¡ बाँध – ǐš ŒȪšȣ@
@
समदरसी ^Í † ȡ कछु “ ȡ¡ ȣȲ@हरष सोक भय “ Ǒ¡ Ȳमन ˜ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
अस   Ï ‡ “ मम उर बस €Ȱ  @
Ʌ लोभी ǿ‘™ ȱबसइ धनु ‡ Ȱ
 @Ʌ@
à
Ǖ ¡   ȡǐš ȯसंत ͪĤ™ ˜ ȪšɅ@धरउँ दे ह “ Ǒ¡ Ȳआन Ǔ“ ¡ ȪšɅ@
@
दो0- सगन
ु उपासक ” šǑ¡  Ǔ“ š “ ȢǓ Ǻ± नेम।
ते नर Ĥȡ“ समान मम ǔ‡ Û¡ €Ʌɮͪ‡ पद Ĥȯ˜ @ @48।।
–*–*–
सन
ु ु लंकेस सकल गन
ु  ȪšɅ@ ȡ Ʌ à
Ǖ ¡ \ Ǔ   ™ ͪĤ™ ˜ ȪšɅ@
@
राम बचन   ǕǓ“ बानर जूथा। सकल € ¡ Ǒ¡ Ȳजय कृपा – Ǿ  ȡ@
@
सुनत ǒ– — ȢŸ“ ǕĤ— Ǖकै बानी। “ Ǒ¡ Ȳअघात Į “ ȡ˜ Ǚ जानी।।
पद अंबुज ‚ Ǒ¡ –ȡšǑ¡ Ȳबारा। ǿ‘™ ȱसमात न Ĥȯ˜ Ǖअपारा।।
सन
ु हु दे व सचराचर èȡ˜ Ȣ@Ĥ “  ” ȡ› उर अंतरजामी।।
उर कछु Ĥ  ˜ बासना š¡ ȣ@Ĥ— Ǖपद ĤȢǓ   ǐš सो – ¡ ȣ@
@
अब कृपाल Ǔ“ ‡ — ‚ Ǔ पावनी। दे हु सदा ͧ   मन भावनी।।
f  ˜ è Ǖ€ Ǒ¡ Ĥ— Ǖरनधीरा। मागा तरु त ͧ  ’Ȳ Ǖकर नीरा।।
‡ ‘ͪ” सखा तव ^Í † ȡ “ ȡ¡ ȣȲ@मोर दरसु अमोघ जग ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
अस € Ǒ¡ राम Ǔ › €  ȯǑ¡ सारा। सम
ु न – ǔǙçŠ नभ भई अपारा।।
दो0-रावन Đ Ȫ’ अनल Ǔ“ ‡ è ȡ  समीर Ĥ … ŒȲ @
जरत ǒ–— ȢŸ“ Ǖराखेउ ‘ȣÛ¡ ȯ¡ Ǖराजु अखंड।।49(क)।।
जो   Ȳ” Ǔ ͧ   šȡ “ Ǒ¡ ‘ȣǔÛ¡ Ǒ‘f ȱदस माथ।
सोइ संपदा ǒ–— ȢŸ“ Ǒ¡   € Ǖͬ… ‘ȣÛ¡ रघुनाथ।।49(ख)।।
–*–*–
अस Ĥ— Ǖ† ȡͫ° — ‡ Ǒ¡ Ȳजे आना। ते नर पसु ǒ–“ Ǖपँछ
ू ǒ– Ÿȡ“ ȡ@
@
Ǔ“ ‡ जन ‡ ȡǓ“  ȡǑ¡ अपनावा। Ĥ— Ǖसुभाव € ͪ” कुल मन भावा।।
” ǕǓ“   – Ê
[ ™   – [उर बासी।   – Ǿ[ ” सब šǑ¡  उदासी।।
बोले बचन “ ȢǓ ĤǓ ”ȡ› € @कारन मनज
ु दनज
ु कुल घालक।।
सन
ु ु कपीस › Ȳ€ ȡ”Ǔ बीरा। €ȯǑ¡ ǒ– ͬ’  ǐš\ ‡ › ͬ’ गंभीरा।।
संकुल मकर उरग झष जाती। \ Ǔ अगाध ‘ è
Ǖ š सब भाँती।।
कह लंकेस सुनहु रघुनायक। € ȪǑŠ ͧ  ’Ȳ Ǖसोषक तव सायक।।
‡ ɮ™ ͪ”  ‘ͪ” “ ȢǓ \ ͧ  गाई। ǒ–“ ™ € ǐš\ सागर सन जाई।।
दो0-Ĥ — Ǖ à
Ǖ ¡ ȡš कुलगरु ‡ › ͬ’ € Ǒ¡ Ǒ¡ उपाय ǒ–… ȡǐš@
ǒ– “ ǕĤ ™ ȡ  सागर  ǐšǑ¡ सकल भालु € ͪ” ’ ȡǐš@ @50।।
–*–*–
सखा € ¡ ȣ  àǕ ¡ “ Ȣͩ€ उपाई। € ǐš\ दै व ‡ ɋ होइ सहाई।।
˜ Ȳğ न यह › Ǔ† ˜ “ मन भावा। राम बचन   ǓǕ“ \ Ǔ दख
ु पावा।।
नाथ दै व कर कवन भरोसा।   ȪͪŸ \ ͧ  ’Ȳ Ǖ€ ǐš\ मन रोसा।।
कादर मन कहुँ एक अधारा। दै व दै व आलसी पुकारा।।
सुनत ǒ– ¡ ͧ  बोले रघुबीरा। g  ȯǑ¡ Ȳकरब धरहु मन धीरा।।
अस € Ǒ¡ Ĥ— Ǖ\ “ ‡Ǖ Ǒ¡ समझ
ु ाई। ͧ  ’Ȳ Ǖसमीप गए रघरु ाई।।
Ĥ ˜ Ĥ“ ȡ˜ € ȧÛ¡ ͧ  ǽ नाई। बैठे ” ǓǕ“ तट ‘— [डसाई।।
‡ –Ǒ¡ Ȳǒ– — ȢŸ“ Ĥ— Ǖ”Ǒ¡ Ȳआए। ” ȡ† Ʌरावन दत
ू पठाए।।
दो0-सकल … ǐš Ǔ Û¡ दे खे ’ šɅकपट € ͪ” दे ह।
Ĥ— Ǖगुन ǿ‘™ ȱ  šȡ¡ Ǒ¡ Ȳसरनागत पर नेह।।51।।
–*–*–
Ĥ‚ Š – ȡ“ Ǒ¡ Ȳराम सुभाऊ। \ Ǔ   Ĥȯ˜ गा ǒ–   ǐš दरु ाऊ।।
ǐš” Ǖके दत
ू € ͪ”Û¡ तब जाने। सकल –ȡȱͬ’ कपीस ” Ǒ¡ Ȳआने।।
कह   ǕĒ Ȣ सुनहु सब बानर। अंग भंग € ǐš पठवहु Ǔ“ ͧ  … š@
@
  ǓǕ“   ĒǕ Ȣ बचन € ͪ” धाए। –ȡȱͬ’ कटक चहु पास ͩ• šȡf @@
बहु Ĥ€ ȡš मारन € ͪ” लागे। ‘ȣ“ पक
ु ारत  ‘ͪ” न י ȡ‚ ȯ@
@
जो हमार हर नासा काना।  ȯǑ¡ कोसलाधीस कै आना।।
  ǕǓ“ › Ǔ† ˜ “ सब Ǔ“ € Š बोलाए। दया › ȡͬ‚ ¡ ȱͧ  तरु त छोडाए।।
रावन कर ‘ȣ‡ ¡ Ǖयह पाती। › Ǔ† ˜ “ बचन बाचु कुलघाती।।
दो0-कहे हु मख
ु ागर मढ़
ू सन मम संदेसु उदार।
सीता दे इ ͧ˜ › ȯ¡Ǖन त आवा काल  à
Ǖ ¡ ȡš@
@52।।
–*–*–
तरु त नाइ › Ǔ† ˜ “ पद माथा। चले दत ू बरनत गन ु गाथा।।
कहत राम जसु लंकाँ आए। रावन चरन सीस Ǔ Û¡ नाए।।
ǒ– ¡ ͧ  दसानन ” ȱ†Ǘ Ȥ बाता। € ¡ ͧ  न सुक ] ”Ǔ“ कुसलाता।।
” ǕǓ“ कहु  – ǐš ǒ–— ȢŸ“ €ȯšȣ@‡ ȡǑ¡ ˜ ×
Ǚ™ Ǖआई \ Ǔ “ ȯšȣ@
@
करत राज लंका सठ י ȡ‚ Ȣ@¡ Ȫ^Ǒ¡ जब कर € ȧŠ अभागी।।
” ǓǕ“ कहु भालु € ȧ  कटकाई। € Ǒ‹ “ काल Ĥȯǐš … ͧ› आई।।
ǔ‡ Û¡ के जीवन कर रखवारा। भयउ मद ृ ल
ु ͬ…  ͧ  ’Ȳ Ǖǒ–… ȡšȡ@
@
कहु  ”ͧ  Û¡ कै बात – ¡ Ȫšȣ@ǔ‡ Û¡ के ǿ‘™ ȱğȡ  \ Ǔ ˜ Ȫšȣ@
@
दो0–€ ȧ भइ — ɅŠ ͩ€ ͩ• ǐš गए Į  “ सुजसु   ǕǓ“ मोर।
€ ¡ ͧ  न ǐš” Ǖदल तेज बल बहुत … ͩ€  ͬ…  तोर।।53।।
–*–*–
नाथ कृपा € ǐš पँूछेहु ‡ Ȱ  Ʌ@मानहु कहा Đ Ȫ’ तिज   Ȱ Ʌ
@@
ͧ˜ › ȡ जाइ जब अनुज  à
Ǖ ¡ ȡšȡ@‡ ȡ Ǒ¡ Ȳराम Ǔ › €  ȯǑ¡ सारा।।
रावन दत
ू ¡ ˜ Ǒ¡   ǕǓ“ काना। € ͪ”Û¡ – ȡȱͬ’ ‘ȣÛ¡ ȯदख
ु नाना।।
Į  “ “ ȡͧ  € ȡ काटै लागे। राम सपथ ‘ȣÛ¡ ȯहम י ȡ‚ ȯ@
@
” ȱǓǗ† ¡ Ǖनाथ राम कटकाई। बदन € ȪǑŠ सत – šǓ“ न जाई।।
नाना बरन भालु € ͪ” ’ ȡšȣ@ǒ–€ Šȡ“ “ ǒ–   ȡ› — ™ € ȡšȣ@
@
‡ ȯǑ¡ Ȳपुर दहे उ हतेउ सुत तोरा। सकल € ͪ”Û¡ महँ  ȯǑ¡ बलु थोरा।।
\ ͧ˜  नाम भट € Ǒ‹ “ कराला। \ ͧ˜  नाग बल ǒ–” Ǖ› ǒ–  ȡ› ȡ@
@
दो0-ɮͪǒ–‘ मयंद नील नल अंगद गद ǒ–€ Šȡͧ  @
‘ͬ’ ˜ Ǖ €ȯ¡ ǐš Ǔ“   ‹ सठ जामवंत – › šȡͧ  @
@54।।
–*–*–
ए € ͪ” सब   ĒǕ Ȣ समाना। ^Û¡ सम € ȪǑŠÛ¡ गनइ को नाना।।
राम कृपाँ \  ͧǕ›  बल Ǔ Û¡ ¡ ȣȲ@तन
ृ समान ğȯ
› Ȫ€ Ǒ¡ ‚ “ ¡ ȣȲ@
@
अस ˜ ɇसुना Į “ दसकंधर। पदम
ु अठारह जूथप बंदर।।
नाथ कटक महँ सो € ͪ” “ ȡ¡ ȣ@
Ȳ जो न  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ जीतै रन ˜ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
परम Đ Ȫ’ ˜ Ȣ‡ Ǒ¡ Ȳसब हाथा। आयसु पै न ‘ȯǑ¡ Ȳरघुनाथा।।
  ȪŸǑ¡ Ȳͧ  ’Ȳ Ǖ  Ǒ¡  झष ޙ ȡ› ȡ@” šǗ¡ ȣȲन त — ǐš कुधर ǒ–  ȡ› ȡ@
@
˜ Ǒ‘[ ‚ ‘[ ͧ˜ › Ǒ¡ Ȳदससीसा। ऐसेइ बचन € ¡ Ǒ¡ Ȳसब € ȧ  ȡ@
@
‚ ‡ Ǒ[¡ Ȳ ‡ Ǒ[¡ Ȳसहज असंका। मानहु Ē   “ चहत ¡ Ǒ¡ Ȳलंका।।
दो0–सहज सूर € ͪ” भालु सब ” ǕǓ“ ͧ  š पर Ĥ— Ǖराम।
रावन काल € ȪǑŠ कहु ‡ ȢǓ   € Ǒ¡ Ȳ  ȲĒ ȡ˜ @ @55।।
–*–*–
राम तेज बल – Ǖͬ’ ǒ– ” Ǖ› ȡ_@तब ħ ȡ Ǒ¡ पँछ
ू े उ नय नागर।।
तासु बचन   ǕǓ“ सागर ”ȡ¡ ȣȲ@मागत पंथ कृपा मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
सुनत बचन ǒ–¡   ȡ दससीसा। ‡ ɋ \ ͧ  ˜ Ǔ सहाय कृत € ȧ  ȡ@
@
सहज — Ȣǽ कर बचन Ǻ±ȡ_@सागर सन ठानी मचलाई।।
मढ़
ू मष
ृ ा का € šͧ  बड़ाई। ǐš” Ǖबल – ͪǕƨ थाह ˜ ɇपाई।।
  ͬ…  सभीत ǒ–— ȢŸ“ ‡ ȡ€Ʌ@ǒ– ‡ ™ ǒ– — ǗǓ कहाँ जग  ȡ€Ʌ@
@
  ǕǓ“ खल बचन दत
ू ǐš  – ȡ±ȣ@समय ǒ– … ȡǐš ”ǒğ€ ȡ € ȡ±ȣ@
@
रामानुज ‘ȣÛ¡ ȣ यह पाती। नाथ बचाइ जुड़ावहु छाती।।
ǒ– ¡ ͧ  बाम कर › ȣÛ¡ ȣ रावन।   ͬ…  – Ȫͧ› सठ लाग बचावन।।
दो0–– ȡ Û¡ ˜ “ Ǒ¡ ǐšˆ ȡ^ सठ ‡ Ǔ“ ƒ ȡ› ͧ  कुल खीस।
राम ǒ–šȪ’ न ` –šͧ  सरन ǒ– ç“ Ǖअज ईस।।56(क)।।
€ ȧ तिज मान अनुज इव Ĥ — Ǖपद पंकज भंग
ृ ।
¡ ȪǑ¡ ͩ€ राम सरानल खल कुल   Ǒ¡  पतंग।।56(ख)।।
–*–*–
सन
ु त सभय मन मख
ु मस
ु क
ु ाई। कहत दसानन   –Ǒ¡ सन
ु ाई।।
— ͧǗ˜ परा कर गहत अकासा। लघु तापस कर बाग ǒ– › ȡ  ȡ@
@
कह सुक नाथ   י सब बानी। समुझहु † ȡͫ° Ĥ € ǙǓ \ ͧ— ˜ ȡ“ Ȣ@
@
सुनहु बचन मम ”ǐš¡ ǐš Đ Ȫ’ ȡ@नाथ राम सन तजहु ǒ– šȪ’ ȡ@
@
\ Ǔ कोमल रघुबीर सुभाऊ। ‡ ɮ™ ͪ” \ ͨ › लोक कर राऊ।।
ͧ˜ ›  कृपा  à
Ǖ ¡ पर Ĥ — Ǖ€ ǐš¡ ȣ@उर अपराध न एकउ ’ ǐš¡ ȣ@
@
जनकसत
ु ा šƒ “Ǖ ȡ Ǒ¡ ‘ȣ‡ ȯ@एतना कहा मोर Ĥ — Ǖ€ ȧ‡ ȯ@
जब  ȯǑ¡ Ȳकहा दे न –Ȱ‘ȯ¡ ȣ@चरन Ĥ¡ ȡš € ȧÛ¡ सठ  ȯ¡ ȣ@
@
नाइ चरन ͧ  ǽ चला सो तहाँ। € Ǚ” ȡͧ  ’Ȳ Ǖरघुनायक जहाँ।।
€ ǐš Ĥ“ ȡ˜ ǕǓ“ ‡ कथा सुनाई। राम कृपाँ ] ”Ǔ“ ‚ Ǔ पाई।।
ǐšͪŸ \ ‚ ǔè € ȧȲसाप भवानी। राछस भयउ रहा ˜ ǕǓ“ ʙ ȡ“ Ȣ@
@
–ȲǑ‘ राम पद –ȡšǑ¡ Ȳबारा। ˜ ǓǕ“ Ǔ“ ‡ ] Į ˜ कहुँ पगु धारा।।
दो0-ǒ–“ ™ न मानत ‡ › ͬ’ जड़ गए तीन Ǒ‘“ – ȢǓ @
बोले राम सकोप तब भय ǒ– “ Ǖहोइ न Ĥ ȢǓ @@57।।
–*–*–
› Ǔ† ˜ “ बान सरासन आन।ू   ȪŸɋ – ȡǐšͬ’ ǒ– ͧ   कृसान।ू ।
सठ सन ǒ–“ ™ € ǕǑŠ› सन Ĥ Ȣ Ȣ@सहज कृपन सन सुंदर नीती।।
ममता रत सन ʙ ȡ“ कहानी। \ Ǔ लोभी सन ǒ– šǓ बखानी।।
Đ Ȫͬ’ Ǒ¡ सम € ȡͧ˜ Ǒ¡ ¡ ǐš कथा। ऊसर बीज बएँ फल जथा।।
अस € Ǒ¡ šƒ ”Ǖ Ǔ चाप चढ़ावा। यह मत › Ǔ† ˜ “ के मन भावा।।
संघानेउ Ĥ— Ǖǒ– ͧ   कराला। ` ‹ Ȥ ` ‘ͬ’ उर अंतर Ï  ȡ› ȡ@
@
मकर उरग झष गन अकुलाने। जरत जंतु ‡ › Ǔ“ ͬ’ जब जाने।।
कनक थार — ǐš ˜ Ǔ“ गन नाना। ǒ– Ĥ Ǿ ” आयउ तिज माना।।
दो0-€ ȡŠȯǑ¡ Ȳपइ € ‘šȣ फरइ € ȪǑŠ जतन कोउ सींच।
ǒ– “ ™ न मान खगेस सन ु ु ŒȡŠȯǑ¡ Ȳपइ नव नीच।।58।।
–*–*–
सभय ͧ  ’Ȳ Ǖ‚ Ǒ¡ पद Ĥ— Ǖकेरे । छमहु नाथ सब अवगुन मेरे।।
गगन समीर अनल जल धरनी। ^Û¡ कइ नाथ सहज जड़ करनी।।
तव Ĥȯǐš मायाँ उपजाए।   ǔǙçŠ हे तु सब Ē Ȳ Ǔ“ गाए।।
Ĥ — Ǖआयसु ‡ ȯǑ¡ कहँ जस अहई। सो  ȯǑ¡ — ȡȱǓ रहे सख
ु लहई।।
Ĥ — Ǖभल € ȧÛ¡ ȣ ˜ ȪǑ¡ ͧ   ‘ȣÛ¡ ȣ@मरजादा ” ǕǓ“  à
Ǖ ¡ šȣ € ȧÛ¡ ȣ@
@
ढोल गवाँर   Ǘġ पसु “ ȡšȣ@सकल ताड़ना के \ ͬ’ € ȡšȣ@
@
Ĥ — ǕĤ ȡ” ˜ ɇजाब सुखाई। `  ǐšǑ¡ कटकु न ˜ Ȫǐš बड़ाई।।
Ĥ — Ǖ\ ʙ ȡ अपेल Į ǓǕ गाई। € šɋ सो –ȯͬ‚ जौ  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ सोहाई।।
दो0-सन
ु त ǒ–“ Ȣ बचन \ Ǔ कह कृपाल मस
ु क
ु ाइ।
‡ ȯǑ¡ ǒ–ͬ’ उतरै € ͪ” कटकु तात सो कहहु उपाइ।।59।।
–*–*–
नाथ नील नल € ͪ” ɮȫ भाई। › ǐš€ ȡ_ ǐšͪŸ ] ͧ  Ÿ पाई।।
Ǔ Û¡ के परस ͩ€ f ȱͬ‚ ǐš भारे ।  ǐš¡ Ǒ¡ Ȳ‡ › ͬ’ Ĥ  ȡ”  à
Ǖ ¡ ȡšȯ@
@
˜ ɇ” ǕǓ“ उर ’ ǐš Ĥ— Ǖ ȡ_@€ ǐš¡ `ȱबल अनुमान सहाई।।
f Ǒ¡ ǒ– ͬ’ नाथ ”™ Ȫͬ’ बँधाइअ। ‡ ȯǑ¡ Ȳयह सुजसु लोक Ǔ ¡ Ǖȱगाइअ।।
f Ǒ¡ सर मम ` ׏ š तट बासी। हतहु नाथ खल नर अघ रासी।।
  ǓǕ“ कृपाल सागर मन पीरा।  šǕ Ǒ¡ Ȳ¡ šȣ राम रनधीरा।।
‘ȯͨ राम बल ”ȫǽŸ — ȡšȣ@¡ šͪŸ ” ™ ȪǓ“ ͬ’ भयउ   Ǖ ȡšȣ@
@
सकल … ǐš € Ǒ¡ Ĥ— ǕǑ¡ सुनावा। चरन – ȲǑ‘ ” ȡ Ȫͬ’ ͧ  ’ ȡ ȡ@
@
छं 0-Ǔ“ ‡ भवन गवनेउ ͧ  ’Ȳ ǕĮ Ȣšƒ Ǖ” Ǔ Ǒ¡ यह मत भायऊ।
यह … ǐš € ͧ› मलहर ‡  ȡ˜ Ǔ दास तल
ु सी गायऊ।।
सख
ु भवन संसय समन दवन ǒ– Ÿ ȡ‘ šƒ ”Ǖ Ǔ गन
ु गना।।
तिज सकल आस भरोस ‚ ȡ Ǒ¡   “Ǖ Ǒ¡ संतत सठ मना।।
दो0-सकल सुमंगल दायक रघुनायक गुन गान।
सादर   Ǖ“ Ǒ¡ Ȳते  šǑ¡ Ȳभव ͧ  ’Ȳ Ǖǒ– “ ȡ जलजान।।60।।
मासपारायण, चौबीसवाँ ͪĮ ȡ˜
~~~~~~~
^Ǔ Į Ȣ˜ ġȡ˜ … ǐš ˜ ȡ“   ȯ  € › € ͧ› € › ǕŸ ͪÚ Ȳ  “ ȯ
”Ñ… ˜ Ȭ सोपानः   ˜ ȡ܏ Ȭ ।
(  Û
Ǖ‘š€ ȡ֌   ˜ ȡ܏ )
–*–*–
लंका € ȡ֌

šȡ˜ … ǐš ˜ ȡ“  
Ÿç‹ सोपान
(› Ȳ€ ȡ€ ȡ֌)
æ› Ȫ€
रामं € ȡ˜ ȡǐš  ȯå™ Ȳभवभयहरणं € ȡ› ˜ ׏ ȯ— ͧ  ¡ȲȲ
™ Ȫ‚ ȢÛġȲ£ ȡ“ ‚ à™ Ȳ‚ ŽǕ Ǔ“ ͬ’ ˜ ǔ‡  ȲǓ“ ‚ ŽǕ[ ȲǓ“ ͪ €[ ȡš˜ @
Q
मायातीतं सरु े शं  ›  ’ Ǔ“ š ȲĦ é˜  Û
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Q1।।
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काशीशं € ͧ› € 㘠Ÿȫƒ ž ˜ “ Ȳ€ 㙠ȡŽ € 㔠ġ ˜Ǖ Ȳ
“ ȫ˜ Ȣɬ™ Ȳͬ‚ ǐš‡ ȡ”Ǔ Ȳ‚ ŽǕ Ǔ“ ͬ’ Ȳ€ ۑ” ¡[ Ȳž ɨ€ š˜ @
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Q2।।
यो ‘‘ȡǓ सतां ž à— ȬǕ €Ȱ 㙠˜ ͪ” ‘ ›Ǖ —[ ˜ @
Q
खलानां ‘ÖŒ€ Ǚɮ™ ȪM  ȫ ž ɨ€ šȬ शं तनोतु मे।।3।।
दो0-लव Ǔ“ ˜ ȯŸ परमानु जुग बरष कलप सर चंड।
— ‡ ͧ  न मन  ȯǑ¡ राम को कालु जासु कोदं ड।।
–*–*–
सो0-ͧ  ’Ȳ Ǖबचन   ǕǓ“ राम   ͬ…  –Ȫͧ› Ĥ — Ǖअस कहे उ।
अब ǒ–› Ȳ– Ǖ€ȯǑ¡ काम करहु सेतु उतरै कटकु।।
सन
ु हु भानकु ु ल केतु जामवंत कर ‡ Ȫǐš कह।
नाथ नाम तव सेतु नर … Ǒ± भव सागर  ǐšǑ¡ @
Ȳ@
यह लघु ‡ › ͬ’ तरत € Ǔ बारा। अस   ǕǓ“ ” ǕǓ“ कह पवनकुमारा।।
Ĥ— ǕĤ ȡ” बड़वानल — ȡšȣ@सोषेउ Ĥ  ˜ ”™ ȪǓ“ ͬ’ – ȡšȣ@
@
तब ǐš” Ǖ“ ȡšȣ ǽ‘“ जल धारा। भरे उ –¡ Ȫǐš भयउ  ȯǑ¡ Ȳखारा।।
  ǓǕ“ \ Ǔ ` € ǕǓ पवनसत
ु €ȯšȣ@हरषे € ͪ” šƒ ”Ǖ Ǔ तन ¡ ȯšȣ@
@
जामवंत बोले दोउ भाई। नल “ Ȣ› Ǒ¡ सब कथा सन
ु ाई।।
राम Ĥ ȡ”   Ǖͧ˜ ǐš मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@करहु सेतु Ĥ™ ȡ  कछु “ ȡ¡ ȣȲ@
@
–Ȫͧ› ͧ› f € ͪ” Ǔ“ € š –¡ Ȫšȣ@सकल सुनहु ǒ–“  Ȣ कछु ˜ Ȫšȣ@
@
राम चरन पंकज उर धरहू। कौतक ु एक भालु € ͪ” करहू।।
धावहु ˜ €[Š ǒ–€ Š –Ǿ  ȡ@आनहु ǒ–Š” ͬ‚ ǐšÛ¡ के जथ
ू ा।।
  ǓǕ“ € ͪ” भालु चले € ǐš हूहा। जय रघबु ीर Ĥ ȡ” समह ू ा।।
दो0-\ Ǔ उतंग ͬ‚ ǐš पादप › ȣ› Ǒ¡ Ȳ› ȯǑ¡ Ȳउठाइ।
] Ǔ“ ‘ȯǑ¡ Ȳनल “ Ȣ› Ǒ¡ š… Ǒ¡ Ȳते सेतु बनाइ।।1।।
–*–*–
सैल ǒ–   ȡ› ] Ǔ“ € ͪ” ‘ȯ¡ ȣȲ@कंदक
ु इव नल नील ते › ȯ¡ ȣȲ@
@
‘ȯͨ सेतु \ Ǔ सुंदर रचना। ǒ–¡ ͧ  € Ǚ” ȡǓ“ ͬ’ बोले बचना।।
परम šà™ ` ׏ ˜ यह धरनी। ˜ Ǒ¡ ˜ ȡ \ ͧ˜  जाइ “ Ǒ¡ Ȳबरनी।।
€ ǐš¡ `ȱइहाँ संभु थापना। मोरे ǿ‘™ ȱपरम कलपना।।
  ǓǕ“ कपीस बहु दत
ू पठाए। ˜ ǓǕ“ –š सकल – Ȫͧ› लै आए।।
ͧ› ‚Ȳ  ȡͪ” ǒ–ͬ’  € ǐš पज
ू ा। ͧ   समान ͪĤ ™ ˜ ȪǑ¡ न दज
ू ा।।
ͧ   ġȪ¡ ȣ मम भगत कहावा। सो नर सपनेहुँ ˜ ȪǑ¡ न पावा।।
संकर ǒ–˜ Ǖ — ‚ Ǔ चह ˜ Ȫšȣ@सो “ ȡš€ ȧ मूढ़ ˜ Ǔ  Ȫšȣ@
@
दो0-संकर ͪĤ™ मम ġȪ¡ ȣ ͧ   ġȪ¡ ȣ मम दास।
ते नर € šǑ¡ कलप — ǐš धोर नरक महुँ बास।।2।।
–*–*–
जे šȡ˜ ȯè š दरसनु € ǐš¡ Ǒ¡ @
Ȳ ते तनु तिज मम लोक ͧ  ’ ǐš¡ Ǒ¡ @
Ȳ@
जो गंगाजलु ] Ǔ“ … ±ȡ^Ǒ¡ @सो   ȡ‡ ÏǕ ™ ˜ Ǖǔȏ नर ” ȡ^Ǒ¡ @
@
होइ अकाम जो छल तिज   ȯ^ Ǒ¡ @— ‚ Ǔ ˜ Ȫǐš  ȯǑ¡ संकर ‘ȯ^ Ǒ¡ @
@
मम कृत सेतु जो दरसनु € ǐš¡ ȣ@सो ǒ– “ ǕĮ ˜ भवसागर  ǐš¡ ȣ@
@
राम बचन सब के िजय भाए। ˜ ǓǕ“ –š Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ ] Į ˜ आए।।
ͬ‚ ǐš‡ ȡ šƒ ”Ǖ Ǔ कै यह šȣ Ȣ@संतत € šǑ¡ ȲĤ “  पर Ĥ Ȣ Ȣ@
@
बाँधा सेतु नील नल नागर। राम कृपाँ जसु भयउ उजागर।।
– Ǘ° Ǒ¡ Ȳ] “ Ǒ¡ –ȪšǑ¡ Ȳजेई। भए उपल – ȪǑ¡  सम तेई।।
˜ Ǒ¡ ˜ ȡ यह न ‡ › ͬ’ कइ बरनी। पाहन गुन न € ͪ” Û¡ कइ करनी।।
दो0=Į Ȣ रघब
ु ीर Ĥ ȡ” ते ͧ  ’Ȳ Ǖतरे पाषान।
ते ˜ Ǔ ˜ Ȳ‘ जे राम तिज — ‡ Ǒ¡ Ȳजाइ Ĥ— Ǖआन।।3।।
–*–*–
–ȡȱͬ’ सेतु \ Ǔ   ǺǕ ± बनावा। ‘ȯͨ € Ǚ” ȡǓ“ ͬ’ के मन भावा।।
… › ȣ सेन कछु –šǓ“ न जाई। ‚ ‡ Ǒ[¡ Ȳ˜ €[Š भट समद
ु ाई।।
सेतब
ु ंध Ǒ‚ … Ǒ± रघुराई। ͬ…   कृपाल ͧ  ’Ȳ Ǖबहुताई।।
दे खन कहुँ Ĥ— Ǖ€ ǽ“ ȡ कंदा। Ĥ ‚ Š भए सब जलचर बंद
ृ ा।।
मकर “ Đ नाना झष ޙ ȡ› ȡ@सत जोजन तन परम ǒ–  ȡ› ȡ@ @
अइसेउ एक Ǔ Û¡ Ǒ¡ जे  ȡ¡ ȣȲ@f € Û¡ €Ʌडर  ȯͪ” Œȯ
šȡ¡ ȣȲ@
@
Ĥ — ǑǕ¡ ǒ–› Ȫ€ Ǒ¡ ȲŠšǑ¡ Ȳन टारे । मन ¡ šͪŸ  सब भए सख
ु ारे ।।
Ǔ Û¡ € ȧ ओट न ‘ȯͨ \ – ȡšȣ@मगन भए ¡ ǐš Ǿ ” Ǔ“ ¡ ȡšȣ@
@
चला कटकु Ĥ— Ǖआयसु पाई। को € Ǒ¡ सक € ͪ” दल ǒ– ” ›Ǖ ȡ_@
@
दो0-सेतब
ु ंध भइ भीर \ Ǔ € ͪ” नभ पंथ ` °ȡǑ¡ @
Ȳ
अपर ‡ › … šǔÛ¡ ऊपर … Ǒ± … Ǒ± ”ȡšǑ¡ ‡ ȡǑ¡ @
Ȳ@
4।।
–*–*–
अस कौतक
ु ǒ–› Ȫͩ€ ɮȫ भाई। ǒ– ¡ ȱͧ  चले कृपाल रघुराई।।
सेन   Ǒ¡  उतरे रघब
ु ीरा। € Ǒ¡ न जाइ € ͪ” जथ
ू प भीरा।।
ͧ  ’Ȳ Ǖपार Ĥ— Ǖडेरा € ȧÛ¡ ȡ@सकल € ͪ” Û¡ कहुँ आयसु ‘ȣÛ¡ ȡ@ @
खाहु जाइ फल मल ू सह ु ाए। सन
ु त भालु € ͪ” जहँ तहँ धाए।।
सब  ǽ फरे राम Ǒ¡  लागी। ǐš Ǖ\ ǽ € Ǖǐš Ǖकाल ‚ Ǔ י ȡ‚ Ȣ@
@
 ȡǑ¡ Ȳमधरु फल बटप ¡ › ȡ Ǒ¡ @
Ȳ लंका   ۘ Ǖ ͧ   š … › ȡ Ǒ¡ @
Ȳ@
जहँ कहुँ ͩ• š Ǔ“   ȡ… š ”ȡ Ǒ¡ @
Ȳ ƒ ȯǐš सकल बहु नाच “ … ȡ Ǒ¡ @
Ȳ@
‘  “ ǔÛ¡ € ȡǑŠ “ ȡͧ  € ȡ काना। € Ǒ¡ Ĥ— Ǖसज ु सु ‘ȯǑ¡ Ȳतब जाना।।
ǔ‡ Û¡ कर नासा कान Ǔ“ ” ȡ ȡ@Ǔ Û¡ šȡ “ Ǒ¡ € ¡ ȣ सब बाता।।
सुनत Į “ –ȡǐšͬ’ बंधाना। दस मुख –Ȫͧ› उठा अकुलाना।।
दो0-–ȡȲڙ Ȫ –“ Ǔ“ ͬ’ “ ȢšǓ“ ͬ’ ‡ › ͬ’ ͧ  ’Ȳ Ǖ– ȡšȣ  @
  י  Ȫ™ Ǔ“ ͬ’ €Ȳ” Ǔ ` ‘ͬ’ ” ™ Ȫͬ’ “ ‘ȣ  @ @5।।
–*–*–
Ǔ“ ‡ ǒ– € ›  ȡ ǒ–… ȡǐš –¡ Ȫšȣ@ǒ– ¡ ȱͧ  गयउ Ē ¡ € ǐš भय — Ȫšȣ@
@
˜ Ȳ‘ Ȫ‘šȣȲ  Ǖۙ Ȫ Ĥ — Ǖआयो। € ȫ €Ǖ ¡ ȣȲ” ȡ Ȫͬ’ बँधायो।।
कर ‚ Ǒ¡ ”Ǔ Ǒ¡ भवन Ǔ“ ‡ आनी। – Ȫ› ȣ परम मनोहर बानी।।
चरन नाइ ͧ  ǽ अंचलु रोपा। सन
ु हु बचन ͪ” ™ ” ǐš¡ ǐš कोपा।।
नाथ – ™ ǽ € ȧ‡ ȯ ȡ¡ ȣ   ɉ@– Ǖͬ’ बल   ͩ€ \ ‡ ȢǓ ‡ ȡ¡ ȣ   ɉ@
@
à
Ǖ ¡ Ǒ¡ šƒ Ǖ” Ǔ Ǒ¡ अंतर कैसा। खलु  ɮ™ Ȫ Ǒ‘“ € šǑ¡ जैसा।।
\ Ǔ – › मधु कैटभ ‡ ȯǑ¡ Ȳमारे । महाबीर Ǒ‘Ǔ   Ǖ संघारे ।।
‡ ȯǑ¡ Ȳ–ͧ› – ȡȱͬ’ सहजभज
ु मारा। सोइ अवतरे उ हरन ˜ Ǒ¡ भारा।।
तासु ǒ– šȪ’ न € ȧǔ‡ \ नाथा। काल करम िजव ‡ ȡ€Ʌहाथा।।
दो0-šȡ˜ Ǒ¡   ȫͪ” ‡ ȡ“ € ȧ नाइ कमल पद माथ।
सुत कहुँ राज   ˜ ͪ” [बन जाइ भिजअ रघुनाथ।।6।।
–*–*–
नाथ ‘ȣ“ ‘™ ȡ› रघरु ाई। बाघउ सनमख
ु गएँ न खाई।।
… ȡǑ¡ \ करन सो सब € ǐš बीते।  à
Ǖ ¡ सुर असुर चराचर जीते।।
संत € ¡ Ǒ¡ Ȳ\ ͧ  “ ȢǓ दसानन। … ȫ Ʌ” “ ‡ ȡ^Ǒ¡ नप
ृ कानन।।
तासु भजन € ȧǔ‡ \ तहँ —  ȡ[@जो €  ȡ[पालक   Ȳ¡  ȡ[@
@
सोइ रघव ु ीर Ĥ“  अनरु ागी। भजहु नाथ ममता सब י ȡ‚ Ȣ@ @
˜ ǓǕ“ – š जतनु € šǑ¡ Ȳ‡ ȯǑ¡ लागी। भप
ू राजु तिज ¡ ȪǑ¡ Ȳǒ–šȡ‚ Ȣ@
@
सोइ कोसलधीस रघुराया। आयउ करन  ȪǑ¡ पर दाया।।
‡ ɋ ͪ” ™ मानहु मोर ͧ   ȡ“ @सुजसु होइ Ǔ ¡ Ǖȱपुर \ Ǔ पावन।।
दो0-अस € Ǒ¡ नयन नीर — ǐš ‚ Ǒ¡ पद €Ȳͪ” गात।
नाथ भजहु šƒ “Ǖ ȡ Ǒ¡ अचल होइ \ Ǒ¡  ȡ @
@7।।
–*–*–
तब रावन मयसुता उठाई। कहै लाग खल Ǔ“ ‡ Ĥ— Ǖ ȡ_@ @
सन
ु ु तै ͪĤ™ ȡ बथ
ृ ा भय माना। जग जोधा को ˜ ȪǑ¡ समाना।।
– ǽ“ कुबेर पवन जम काला। भज
ु बल िजतेउँ सकल Ǒ‘‚ ” ȡ› ȡ@
@
दे व दनुज नर सब बस ˜ ȪšɅ@कवन हे तु उपजा भय  ȪšɅ@
@
नाना ǒ– ͬ’  ȯǑ¡ € ¡ ȯͧ  बुझाई। सभाँ –¡ Ȫǐš बैठ सो जाई।।
˜ Ȳ‘ Ȫ‘šȣȲहदयँ अस जाना। काल – è™ उपजा \ ͧ— ˜ ȡ“ ȡ@
@
सभाँ आइ ˜ ȲǒğÛ¡  ɅǑ¡ बझ
ू ा। करब कवन ǒ–ͬ’ ǐš” Ǖ  ɇजझ
ू ा।।
€ ¡ Ǒ¡ Ȳ  ͬ…  सन
ु ु Ǔ“ ͧ  … š नाहा। बार बार Ĥ — Ǖपछ
ू हु काहा।।
कहहु कवन भय € ǐš\ ǒ– … ȡšȡ@नर € ͪ” भालु अहार हमारा।।
दो0-सब के बचन Į  “   ǕǓ“ कह Ĥ ¡ è कर ‡ Ȫǐš@
Ǔ“ Ǔ ǒ– šȪ’ न € ǐš\ Ĥ— Ǖ˜ ǒğ Û
Ȳ¡ ˜ Ǔ \ Ǔ  Ȫǐš@
@8।।
–*–*–
€ ¡ Ǒ¡ Ȳ  ͬ…  सठ ठकुरसोहाती। नाथ न परू आव f Ǒ¡ भाँती।।
–ȡǐšͬ’ “ ȡǓƒ एक € ͪ” आवा। तासु … ǐš मन महुँ सबु गावा।।
छुधा न š¡ ȣ  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ तब काहू। जारत “ ‚ ǽ कस न ’ ǐš खाहू।।
सन
ु त नीक ] ‚ Ʌदख
ु पावा।   ͬ… “ अस मत Ĥ— ǑǕ¡ सन
ु ावा।।
‡ ȯǑ¡ Ȳ–ȡšȣ  बँधायउ हे ला। उतरे उ सेन समेत सब
ु ेला।।
सो भनु मनुज खाब हम भाई। बचन € ¡ Ǒ¡ Ȳसब गाल फुलाई।।
तात बचन मम सुनु \ Ǔ आदर। ‡ Ǔ“ मन गुनहु ˜ ȪǑ¡ € ǐš कादर।।
ͪĤ ™ बानी जे   Ǖ“ Ǒ¡ Ȳजे € ¡ ¡ ȣȲ@ऐसे नर Ǔ“ € ȡ™ जग \ ¡ ¡ ȣȲ@
@
बचन परम Ǒ¡  सन
ु त कठोरे ।   “Ǖ Ǒ¡ Ȳजे € ¡ Ǒ¡ Ȳते नर Ĥ— Ǖथोरे ।।
Ĥ ˜ बसीठ पठउ सन ु ु नीती। सीता दे इ करहु ” ǓǕ“ Ĥ Ȣ Ȣ@
@
दो0-“ ȡǐš पाइ ͩ• ǐš ‡ ȡǑ¡ Ȳ‡ ɋ तौ न बढ़ाइअ šȡǐš@
“ ȡǑ¡ Ȳत   ۘ Ǖ समर ˜ Ǒ¡ तात € ǐš\ ¡ Ǒ‹ ˜ ȡǐš@
@9।।
–*–*–
यह मत ‡ ɋ मानहु Ĥ— Ǖमोरा। उभय Ĥ € ȡš सुजसु जग तोरा।।
सुत सन कह दसकंठ ǐš  ȡ_@\ ͧ  ˜ Ǔ सठ €ȯǑ¡ Ȳ ȪǑ¡ ͧ   ȡ_@
@
\ –¡ ȣȲते उर संसय होई। बेनम
ु ूल सुत भयहु घमोई।।
  ǓǕ“ ͪ” Ǖͬ‚ šȡ ”ǽŸ \ Ǔ घोरा। चला भवन € Ǒ¡ बचन कठोरा।।
Ǒ¡  मत  ȪǑ¡ न लागत €Ȱ  Ʌ@काल ǒ– –  कहुँ भेषज ‡ Ȱ
 @Ʌ@
  Ȳڙ ȡ समय ‡ ȡǓ“ दससीसा। भवन चलेउ Ǔ“ š  भज ु बीसा।।
लंका ͧ   š उपर आगारा। \ Ǔ ǒ–ͬ… ğ तहँ होइ अखारा।।
बैठ जाइ  ȯ¡ ȣ ˜ ȲǑ‘š रावन। लागे ͩ€ Ȳ“ š गुन गन गावन।।
–ȡ‡ Ǒ¡ Ȳताल पखाउज बीना। “ ×
Ǚ™ € šǑ¡ Ȳअपछरा Ĥ – Ȣ“ ȡ@
@
दो0-सन
ु ासीर सत   ǐš  सो संतत करइ ǒ– › ȡ  @
परम Ĥ–› ǐš” Ǖसीस पर  ɮ™ ͪ” सोच न ğȡ  @ @10।।
–*–*–
इहाँ सब
ु ेल सैल रघब
ु ीरा। उतरे सेन   Ǒ¡  \ Ǔ भीरा।।
ͧ   š एक उतंग \ Ǔ दे खी। परम šà™ सम   ħǕ ǒ–   ȯŸ Ȣ@
@
तहँ  ǽ ͩ€   › ™ सुमन सुहाए। › Ǔ† ˜ “ šͬ… Ǔ“ ‡ हाथ डसाए।।
ता पर Ǿ ͬ… š मद
ृ ल
ु मग
ृ छाला।  ȯ¡ ȣȲआसान आसीन कृपाला।।
Ĥ — Ǖकृत सीस कपीस उछं गा। बाम ‘Ǒ¡ “ Ǒ‘ͧ  चाप Ǔ“ ŸȲ
‚ ȡ@
@
दहु ु ँ कर कमल सध
ु ारत बाना। कह लंकेस ˜ Ȳğ › ͬ‚ काना।।
बड़भागी अंगद हनम
ु ाना। चरन कमल चापत ǒ– ͬ’ नाना।।
Ĥ — Ǖ” ȡ† Ʌ› Ǔ† ˜ “ बीरासन। € ǑŠ Ǔ“ ŸȲ‚ कर बान सरासन।।
दो0-f Ǒ¡ ǒ– ͬ’ कृपा Ǿ ” गुन धाम रामु आसीन।
’ ۙ ते नर f Ǒ¡ Ȳڙ ȡ“ जे रहत सदा › ™ › ȣ“ @
@11(क)।।
पूरब Ǒ‘  ȡ ǒ–› Ȫͩ€ Ĥ — Ǖदे खा ` Ǒ‘ मंयक।
कहत   –Ǒ¡ दे खहु   ͧ  Ǒ¡ ˜ ‚Ǚ ”Ǔ   ǐš  असंक।।11(ख)।।
–*–*–
पूरब Ǒ‘ͧ  ͬ‚ ǐš‚ Ǖ¡ ȡ Ǔ“ ȡ  Ȣ@परम Ĥ  ȡ” तेज बल रासी।।
˜ ׏ नाग तम कंु भ ǒ– ‘ȡšȣ@  ͧ  €ȯ  šȣ गगन बन … ȡšȣ@
@
ǒ– šǕȯनभ मुकुताहल तारा। Ǔ“ ͧ    ǕȲ‘ šȣ केर ͧ  ‚Ȳ ȡšȡ@
@
कह Ĥ — Ǖ  ͧ  महुँ मेचकताई। कहहु काह Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ ˜ Ǔ भाई।।
कह सग़ ु ीव सन
ु हु रघरु ाई।   ͧ  महुँ Ĥ ‚ Š — ͧǗ˜ कै झाँई।।
मारे उ राहु   ͧ  Ǒ¡ कह कोई। उर महँ ” šȣ è™ ȡ˜  ȡ सोई।।
कोउ कह जब ǒ–ͬ’ šǓ मख ु € ȧÛ¡ ȡ@सार भाग   ͧ  कर ¡ ǐš › ȣÛ¡ ȡ@
@
Ǔ† ġ सो Ĥ‚ Š इंद ु उर ˜ ȡ¡ ȣȲ@ ȯǑ¡ मग ‘ȯͨ \ नभ ” ǐš† ȡ¡ ȣȲ@
@
Ĥ — Ǖकह गरल बंधु   ͧ  केरा। \ Ǔ ͪĤ ™ Ǔ“ ‡ उर ‘ȣÛ¡ बसेरा।।
ǒ– Ÿ संजत
ु कर Ǔ“ € š ”  ȡšȣ@जारत ǒ–š¡ Ȳ नर “ ȡšȣ@
@
दो0-कह हनम
ु ंत सन
ु हु Ĥ — Ǖ  ͧ   à
Ǖ ¡ ȡšȡ ͪĤ™ दास।
तव ˜ ǗšǓ ǒ– ’ Ǖउर –   Ǔ सोइ è™ ȡ˜  ȡ अभास।।12(क)।।
“ ȡÛ¡ ”ȡšȡ™ Ž @
@सातवाँ ͪ Į ȡ˜
पवन तनय के बचन   ǕǓ“ ǒ–¡ ȱ  ȯरामु सुजान।
‘ǔÍ † “ Ǒ‘ͧ  \  › Ȫͩ€ Ĥ — Ǖबोले कृपा Ǔ“ ’ ȡ“ @
@12(ख)।।
–*–*–
दे खु ǒ–— ȢŸ“ ‘ǔÍ † “ आसा। घन घंमड ‘ȡͧ˜ Ǔ“ ǒ– › ȡ  ȡ@@
मधरु मधरु गरजइ घन घोरा। होइ – ǔǙçŠ ‡ Ǔ“ उपल कठोरा।।
कहत ǒ–— ȢŸ“ सन
ु हु कृपाला। होइ न  ͫ° न – ȡǐš‘ माला।।
लंका ͧ   š उपर आगारा। तहँ दसकंघर दे ख अखारा।।
† ğ मेघडंबर ͧ  š ’ ȡšȣ@सोइ जनु जलद घटा \ Ǔ € ȡšȣ@
@
˜ Ȳ‘ Ȫ‘šȣ Į “ ताटं का। सोइ Ĥ — Ǖजनु ‘ȡͧ˜ “ Ȣ दमंका।।
–ȡ‡ Ǒ¡ Ȳताल मद
ृ ं ग अनप
ू ा। सोइ रव मधरु सन
ु हु सरु भप
ू ा।।
Ĥ— Ǖमस
ु क
ु ान   ˜ ͨǕˆ \ ͧ— ˜ ȡ“ ȡ@चाप चढ़ाइ बान संधाना।।
दो0-† ğ मक
ु ु ट ताटं क तब हते f € ¡ ȣȲबान।
  – €Ʌदे खत ˜ Ǒ¡ परे मरमु न कोऊ जान।।13(क)।।
अस कौतक
ु € ǐš राम सर Ĥ ǒ–   ȯ̀ आइ Ǔ“ ŸȲ
‚@
रावन सभा ससंक सब ‘ȯͨ महा रसभंग।।13(ख)।।
–*–*–
कंप न — Ǘͧ˜ न ˜ ǽ ǒ–  ȯŸ ȡ@\ èğ   èğ कछु नयन न दे खा।।
  Ȫ… Ǒ¡ Ȳसब Ǔ“ ‡ ǿ‘™ ˜ ˆ ȡšȣ@असगुन भयउ भयंकर — ȡšȣ@
@
दसमख
ु ‘ȯͨ सभा भय पाई। ǒ– ¡ ͧ  बचन कह ‡ ‚Ǖ ǓǕ बनाई।।
ͧ  š` ͬ‚ šȯसंतत सभ
ु ‡ ȡ¡ ȣ@मक
ु ु ट परे कस असगन
ु  ȡ¡ ȣ@
@
सयन करहु Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ गह ृ जाई। गवने भवन सकल ͧ  š नाई।।
˜ Ȳ‘ Ȫ‘šȣ सोच उर बसेऊ। जब ते Į  “ ” Ǘš ˜ Ǒ¡ खसेऊ।।
सजल नयन कह जुग कर ‡ Ȫšȣ@सुनहु Ĥ ȡ“ ”Ǔ ǒ–“  Ȣ ˜ Ȫšȣ@
@
कंत राम ǒ–šȪ’ ”ǐš¡ š¡ Ǘ@‡ ȡǓ“ मनजु ‡ Ǔ“ हठ मन धरहू।।
दो0-ǒ–èǽ” रघब ु ंस ˜ Ǔ“ करहु बचन ǒ–è ȡ  @
Ǖ
लोक € 㔠“ ȡ बेद कर अंग अंग ĤǓ जास।ु ।14।।
–*–*–
पद पाताल सीस अज धामा। अपर लोक अँग अँग ǒ–Į ȡ˜ ȡ@ @
— €ǙǕǑŠ ǒ– › ȡ  भयंकर काला। नयन Ǒ‘ ȡ€ š कच घन माला।।
जासु ē ȡ“ \ ǔ蝓 Ȣ€ Ǖ˜ ȡšȡ@Ǔ“ ͧ  \ ǽ Ǒ‘   Ǔ“ ˜ ȯŸ अपारा।।
Į “ Ǒ‘  ȡ दस बेद बखानी। ˜ ȡǽ è ȡ  Ǔ“ ‚ ˜ Ǔ“ ‡ बानी।।
अधर लोभ जम दसन कराला। माया हास बाहु Ǒ‘‚ ”ȡ› ȡ@ @
आनन अनल \ Ȳ– ”Ǖ Ǔ जीहा। `  ”Ǔ पालन Ĥ › ™ समीहा।।
रोम रािज \ çŠȡ‘  भारा। \ ǔè सैल   ǐš ȡ नस जारा।।
उदर ` ‘ͬ’ अधगो जातना। जगमय Ĥ — Ǖका बहु कलपना।।
दो0-अहं कार ͧ   – Ǖ
ͪƨ अज मन   ͧ  ͬ… ׏ महान।
मनुज बास सचराचर ǽ” राम भगवान।।15 क।।
अस ǒ– … ȡǐš सन
ु ु Ĥȡ“ ” Ǔ Ĥ — Ǖसन – ™ ǽ ǒ–¡ ȡ^@
ĤȢǓ करहु रघब ु ीर पद मम \ Ǒ¡ ȡ न जाइ।।15 ख।।
–*–*–
ǒ–¡ ȱ  ȡ “ ȡǐš बचन   ǓǕ“ काना। अहो मोह ˜ Ǒ¡ ˜ ȡ बलवाना।।
“ ȡǐš सभ
ु ाउ   י सब € ¡ ¡ ȣȲ@अवगन
ु आठ सदा उर š¡ ¡ ȣȲ@
@
साहस अनत
ृ चपलता माया। भय \ ǒ– –ȯ€ असौच अदाया।।
ǐš” Ǖकर ǽ” सकल  ɇगावा। \ Ǔ ǒ–  ȡ› भय ˜ ȪǑ¡ सुनावा।।
सो सब ͪĤ ™ ȡ सहज बस ˜ ȪšɅ@  ˜ Ǖͨˆ परा Ĥ  ȡ‘ अब  ȪšɅ@
@
‡ ȡǓ“ `ȱͪĤ™ ȡ  Ȫǐš चतरु ाई। f Ǒ¡ ǒ– ͬ’ कहहु ˜ Ȫǐš Ĥ— Ǖ ȡ_@
@
तव – € ¡ ȣ गढ़
ू ˜ ‚Ǚ › Ȫ… Ǔ“ @समझ ु त सखु द सनु त भय ˜ Ȫ… Ǔ“ @@
˜Ȳ
‘ Ȫ‘ǐš मन महुँ अस ठयऊ। ͪ” ™ Ǒ¡ काल बस ˜ Ǔ ħ ˜ भयऊ।।
दो0-f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ करत ǒ– “ Ȫ‘ बहु Ĥȡ Ĥ‚ Š दसकंध।
सहज असंक › Ȳ€ ”Ǔ सभाँ गयउ मद अंध।।16(क)।।
सो0-फूलह फरइ न बेत ‡ ‘ͪ” सुधा –šŸ Ǒ¡ Ȳजलद।
˜ Ǘǽ  ǿ‘™ ȱन चेत ‡ ɋ गुर ͧ˜ › Ǒ¡ Ȳǒ–šȲͬ… सम।।16(ख)।।
–*–*–
इहाँ Ĥ ȡ जागे रघुराई। पूछा मत सब   ͬ…  बोलाई।।
कहहु –ȯͬ‚ का € ǐš\ उपाई। जामवंत कह पद ͧ  ǽ नाई।।
सुनु   – Ê
[ ™ सकल उर बासी। – Ǖͬ’ बल तेज ’ ˜ [गुन रासी।।
˜ Ȳğ कहउँ Ǔ“ ‡ ˜ Ǔ अनस
ु ारा। दत
ू पठाइअ – ȡͧ› € Ǖ˜ ȡšȡ@
@
नीक ˜ Ȳğ सब के मन माना। अंगद सन कह € Ǚ”ȡǓ“ ’ ȡ“ ȡ@
@
– ȡͧ›  “ ™ – ͬǕ’ बल गन
ु धामा। लंका जाहु तात मम कामा।।
बहुत बुझाइ  Ǖà¡ Ǒ¡ का कहऊँ। परम चतरु ˜ ɇजानत अहऊँ।।
काजु हमार तासु Ǒ¡  होई। ǐš” Ǖसन करे हु –  € ¡ ȣ सोई।।
सो0-Ĥ— Ǖ\ ʙ ȡ ’ ǐš सीस चरन – ȲǑ‘ अंगद उठे उ।
सोइ गन
ु सागर ईस राम कृपा जा पर करहु।।17(क)।।
蝙 Ȳͧ  ƨ सब काज नाथ ˜ ȪǑ¡ ] ‘ǽ Ǒ‘™ ` @
अस ǒ– … ȡǐš जुबराज तन ” Ǖ› ͩ€  ¡ šͪŸ  Ǒ¡ ™ ` @
@17(ख)।।
–ȲǑ‘ चरन उर ’ ǐš Ĥ— Ǖ ȡ_@अंगद चलेउ   –Ǒ¡ ͧ  ǽ नाई।।
Ĥ— ǕĤ ȡ” उर सहज असंका। रन बाँकुरा – ȡͧ›   Ǖ बंका।।
परु पैठत रावन कर बेटा। खेलत रहा सो होइ गै — Šɇ ȡ@
@
– ȡ Ǒ¡ Ȳबात करष – Ǒ± आई। जग
ु ल अतल
ु बल ” ǓǕ“  ǽ“ ȡ_@
@
 ȯǑ¡ अंगद कहुँ लात उठाई। ‚ Ǒ¡ पद पटकेउ — ͧǗ˜ भवाँई।।
Ǔ“ ͧ  … š Ǔ“ € š ‘ȯͨ भट — ȡšȣ@जहँ तहँ चले न   € Ǒ¡ Ȳ” Ǖ€ ȡšȣ@
@
एक एक सन मरमु न € ¡ ¡ ȣȲ@  ˜ Ǖͨˆ तासु बध चप
ु € ǐš š¡ ¡ ȣȲ@
@
भयउ कोलाहल नगर ˜ ˆ ȡšȣ@आवा € ͪ” लंका ‡ ȯ¡ ȣȲ‡ ȡšȣ@
@
अब ’ ɋ कहा € ǐšǑ¡ करतारा। \ Ǔ सभीत सब € šǑ¡ Ȳǒ– … ȡšȡ@
@
ǒ– “ Ǖ” Ǘ† Ʌमगु ‘ȯǑ¡ ȲǑ‘ ȡ_@‡ ȯǑ¡ ǒ–› Ȫ€ सोइ जाइ सुखाई।।
दो0-गयउ सभा दरबार तब   ͧǕ˜ ǐš राम पद कंज।
ͧ  ¡Ȳ ‹ Ǔ“ इत उत ͬ…   धीर बीर बल पंज ु ।।18।।
–*–*–
तरु त Ǔ“   ȡ… š एक पठावा। समाचार šȡ “ Ǒ¡ जनावा।।
सन
ु त ǒ– ¡ ȱͧ  बोला दससीसा। आनहु –Ȫͧ› कहाँ कर € ȧ  ȡ@ @
आयसु पाइ दत ू बहु धाए। € ͪ”€ ȲǕ‡ šǑ¡ –Ȫͧ› लै आए।।
अंगद ‘ȣ दसानन –  ɇ Ʌ@  Ǒ¡  Ĥ ȡ“ € Ï ‡ › ͬ‚ ǐš ‡ Ȱ  Ʌ@
@
भुजा ǒ–Š” ͧ  š संग
ृ समाना। šȪ˜ ȡ› ȣ लता जनु नाना।।
मुख “ ȡͧ  € ȡ नयन \ ǽ काना। ͬ‚ ǐš कंदरा खोह अनुमाना।।
गयउ सभाँ मन नेकु न मरु ा। –ȡͧ›  “ ™ \ Ǔ –› बाँकुरा।।
उठे सभासद € ͪ” कहुँ दे खी। रावन उर भा Đ ȫ’ ǒ–  ȯŸ Ȣ@
@
दो0-जथा ˜ ׏ गज जूथ महुँ पंचानन … ͧ› जाइ।
राम Ĥ  ȡ”   Ǖͧ˜ ǐš मन बैठ सभाँ ͧ  ǽ नाइ।।19।।
–*–*–
कह दसकंठ कवन  ɇबंदर। ˜ ɇरघुबीर दत ू दसकंधर।।
मम ‡ “ € Ǒ¡  ȪǑ¡ š¡ ȣ ͧ˜  ȡ_@तव Ǒ¡  कारन आयउँ भाई।।
` ׏ ˜ कुल ” Ǖ› ǔè कर नाती। ͧ   ǒ– šȲͬ… पूजेहु बहु भाँती।।
बर पायहु € ȧÛ¡ ȯ¡ Ǖसब काजा। जीतेहु लोकपाल सब राजा।।
ृ \ ͧ— ˜ ȡ“ मोह बस ͩ€ Ȳ– ȡ@¡ ǐš ] Ǔ“ ¡ Ǖसीता जगदं बा।।
नप
अब सुभ कहा सुनहु  à
Ǖ ¡ मोरा। सब अपराध † ͧ˜ Ǒ¡ Ĥ — Ǖतोरा।।
दसन गहहु तनृ कंठ € Ǖ‹ ȡšȣ@” ǐš‡ “   Ǒ¡  संग Ǔ“ ‡ “ ȡšȣ@
@
सादर जनकसतु ा € ǐš ] ‚ Ʌ@f Ǒ¡ ǒ– ͬ’ चलहु सकल भय י ȡ‚ Ʌ@ @
दो0-Ĥ “  ”ȡ› šƒ –
Ǖ Ȳ  ˜ Ǔ“ ğȡǑ¡ ğȡǑ¡ अब ˜ ȪǑ¡ @
आरत ͬ‚ šȡ सन ु त Ĥ— Ǖअभय करै गो  ȪǑ¡ @ @20।।
–*–*–
रे € ͪ” ”Ȫ बोलु   Ȳ— ȡšȣ@मढ़
ू न ‡ ȡ“ ȯǑ¡ ˜ ȪǑ¡   šǕȡšȣ@
@
कहु Ǔ“ ‡ नाम जनक कर भाई। €ȯǑ¡ “ ȡ Ʌ˜ ȡǓ“ g ͧ˜  ȡ_@@
अंगद नाम –ȡͧ› कर बेटा।  ȡ  ɉ कबहुँ भई ¡ ȣ भेटा।।
अंगद बचन सुनत सकुचाना। रहा – ȡͧ› बानर ˜ ɇजाना।।
अंगद  ¡ ȣȲ–ȡͧ› कर बालक। उपजेहु बंस अनल कुल घालक।।
‚ — [न गयहु ޙ  [ à
Ǖ ¡ जायहु। Ǔ“ ‡ मख
ु तापस दत
ू कहायहु।।
अब कहु कुसल –ȡͧ› कहँ अहई। ǒ–¡ ȱͧ  बचन तब अंगद कहई।।
Ǒ‘“ दस गएँ –ȡͧ› ” Ǒ¡ Ȳजाई। बझ
ू ेहु कुसल सखा उर लाई।।
राम ǒ–šȪ’ कुसल ‡ ͧ  होई। सो सब  ȪǑ¡   Ǖ“ ȡ^Ǒ¡ सोई।।
सुनु सठ भेद होइ मन  ȡ€Ʌ@Į Ȣšƒ Ǖ– Ȣš ǿ‘™ “ Ǒ¡ Ȳ‡ ȡ€Ʌ@
@
दो0-हम कुल घालक   י  Ǖà¡ कुल पालक दससीस।
अंधउ –ͬ’ š न अस € ¡ Ǒ¡ Ȳनयन कान तव बीस।।21।
–*–*–
ͧ   ǒ– šȲͬ… सुर ˜ ǕǓ“ समुदाई। चाहत जासु चरन सेवकाई।।
तासु दतू होइ हम कुल बोरा। \ ^ͧ  ¡ Ǖȱ˜ Ǔ उर ǒ–¡ š न तोरा।।
  ǓǕ“ कठोर बानी € ͪ” €ȯšȣ@कहत दसानन नयन  šȯšȣ@ @
खल तव € Ǒ‹ “ बचन सब सहऊँ। “ ȢǓ ’ ˜ [˜ ɇजानत अहऊँ।।
कह € ͪ” ’ ˜  [ Ȣ›  ȡ  Ȫšȣ@हमहुँ सुनी कृत पर ǒğ™ … Ȫšȣ@
@
दे खी नयन दतू š ȡšȣ@– Ǘͫ° न मरहु ’ ˜ [Ħ ’ ȡšȣ@ @
कान नाक ǒ–“ Ǖ— ͬ‚ Ǔ“ Ǔ“ ¡ ȡšȣ@छमा € ȧǔÛ¡  à
Ǖ ¡ ’ ˜ [ǒ–… ȡšȣ@
@
’ ˜  [ Ȣ›  ȡ तव जग जागी। पावा दरसु हमहुँ बड़भागी।।
दो0-‡ Ǔ“ ‡ ã”ͧ  जड़ जंतु € ͪ” सठ ǒ–› Ȫ€ Ǖ मम बाहु।
लोकपाल बल ǒ–” Ǖ›   ͧ  Ē   “ हे तु सब राहु।।22(क)।।
” ǕǓ“ नभ सर मम कर Ǔ“ € š € ˜ › ǔÛ¡ पर € ǐš बास।
सोभत भयउ मराल इव संभु   Ǒ¡  कैलास।।22(ख)।।
–*–*–
à
Ǖ ¡ šȯकटक माझ सुनु अंगद। मो सन ͧ— ǐšǑ¡ कवन जोधा बद।।
तव Ĥ — Ǖ“ ȡǐš ǒ–š¡ ȱ– › ¡ ȣ“ ȡ@अनुज तासु दख
ु दख
ु ी ˜ › ȣ“ ȡ@
@
à
Ǖ ¡   ĒǕ Ȣ € Ǘ› ġ ˜Ǖ दोऊ। अनज
ु हमार — Ȣǽ \ Ǔ सोऊ।।
जामवंत ˜ Ȳğ Ȣ \ Ǔ बढ़
ू ा। सो ͩ€ होइ अब   ˜ šȡǾ ±ȡ@
@
ͧ  ǔ㔠€ ˜ [‡ ȡ“ Ǒ¡ Ȳनल नीला। है € ͪ” एक महा बलसीला।।
आवा Ĥ  ˜ “ ‚ ǽ ‡ ɅǑ¡ Ȳजारा। सुनत बचन कह –ȡͧ› € Ǖ˜ ȡšȡ@
@
  י बचन कहु Ǔ“ ͧ  … š नाहा। साँचेहुँ € ȧ  € ȧÛ¡ पुर दाहा।।
रावन नगर \ 㔠€ ͪ” दहई।   ǓǕ“ अस बचन   י को कहई।।
जो \ Ǔ सभ
ु ट सराहे हु रावन। सो   ĒǕ Ȣ केर लघु धावन।।
चलइ बहुत सो बीर न होई। पठवा  – ǐš लेन हम सोई।।
दो0-  י “ ‚ ǽ € ͪ” जारे उ ǒ– “ ǕĤ — Ǖआयसु पाइ।
ͩ• ǐš न गयउ   ǕĒ Ȣ ”Ǒ¡ Ȳ ȯǑ¡ Ȳभय रहा लुकाइ।।23(क)।।
  י € ¡ Ǒ¡ दसकंठ सब ˜ ȪǑ¡ न   ǕǓ“ कछु कोह।
कोउ न ¡ ˜ ȡšɅकटक अस तो सन लरत जो सोह।।23(ख)।।
Ĥ ȢǓ ǒ–šȪ’ समान सन € ǐš\ “ ȢǓ \ ͧ  ] Ǒ¡ @
‡ ɋ ˜ ‚Ǚ ” Ǔ बध ˜ ȯ°Ǖ€ ǔÛ¡ भल ͩ€ कहइ कोउ  ȡǑ¡ @ @23(ग)।।
‡ ɮ™ ͪ” लघत ु ा राम कहुँ  ȪǑ¡ – ’ Ʌबड़ दोष।
 ‘ͪ” € Ǒ‹ “ दसकंठ सन
ु ु † ğ ‡ ȡǓ कर रोष।।23(घ)।।
– Đ ` ǔȏ धनु बचन सर ǿ‘™ दहे उ ǐš” Ǖ€ ȧ  @
ĤǓ ` ׏ š   °ͧ  Û¡ मनहुँ काढ़त भट दससीस।।23(ङ)।।
¡ ȱͧ  बोलेउ ‘  ˜ ȫͧ› तब € ͪ” कर बड़ गुन एक।
जो Ĥ Ǔ ” ȡ› ^ तासु Ǒ¡  करइ उपाय अनेक।।23(छ)।।
–*–*–
’ ۙ € ȧ  जो Ǔ“ ‡ Ĥ— Ǖकाजा। जहँ तहँ नाचइ ” ǐš¡ ǐš लाजा।।
“ ȡͬ… € ǗǑ‘ € ǐš लोग ǐšˆ ȡ_@”Ǔ Ǒ¡  करइ ’ ˜ [Ǔ“ ” “Ǖ ȡ_@
@
अंगद è ȡͧ˜ — ȏ तव जाती। Ĥ — Ǖगन
ु कस न € ¡ ͧ  f Ǒ¡ भाँती।।
˜ ɇगुन गाहक परम सुजाना। तव कटु šŠǓ“ करउँ “ Ǒ¡ Ȳकाना।।
कह € ͪ” तव गुन गाहकताई।   י पवनसुत ˜ ȪǑ¡ सुनाई।।
बन ǒ–’ ͧȲ  सुत – ͬ’ पुर जारा।  ‘ͪ” न  ȯǑ¡ Ȳकछु कृत अपकारा।।
सोइ ǒ–… ȡǐš तव Ĥ€ ǙǓ सह
ु ाई। दसकंधर ˜ ɇ€ ȧǔÛ¡ Ǒ‹ ȡ_@
@
दे खेउँ आइ जो कछु € ͪ” भाषा।  à
Ǖ ¡ šɅलाज न रोष न माखा।।
‡ ɋ \ ͧ  ˜ Ǔ ͪ” Ǖखाए € ȧ  ȡ@€ Ǒ¡ अस बचन हँसा दससीसा।।
ͪ”  Ǒ¡ खाइ खातेउँ ” ǕǓ“  Ȫ¡ ȣ@\ – ¡ ȣȲ  ˜ Ǖͨˆ परा कछु ˜ Ȫ¡ ȣ@
@
– ȡͧ› ǒ– ˜ › जस भाजन जानी। हतउँ न  ȪǑ¡ अधम \ ͧ— ˜ ȡ“ Ȣ@
@
कहु रावन रावन जग केते। ˜ ɇǓ“ ‡ Į “ सन
ु े सुनु जेते।।
– ͧ› Ǒ¡ िजतन एक गयउ पताला। राखेउ – ȡȱͬ’ ͧ    ǕÛ¡ हयसाला।।
 ȯ› Ǒ¡ Ȳबालक ˜ ȡšǑ¡ Ȳजाई। दया › ȡͬ‚ – ͧ› ‘ȣÛ¡ छोड़ाई।।
एक –¡ Ȫǐš सहसभज
ु दे खा। धाइ धरा ǔ‡ ͧ˜ जंतु ǒ–  ȯŸ ȡ@
@
कौतक
ु › ȡͬ‚ भवन लै आवा। सो ” ›Ǖ ǔè ˜ ǓǕ“ जाइ छोड़ावा।।
दो0-एक कहत ˜ ȪǑ¡ सकुच \ Ǔ रहा – ȡͧ› € ȧ काँख।
^Û¡ महुँ रावन  ɇकवन   י – ‘Ǒ¡ तिज माख।।24।।
–*–*–
सन
ु ु सठ सोइ रावन बलसीला। ¡ šͬ‚ ǐš जान जासु भज
ु › ȣ› ȡ@
@
जान ` ˜ ȡ”Ǔ जासु सुराई। पूजेउँ ‡ ȯǑ¡ ͧ  š सुमन चढ़ाई।।
ͧ  š सरोज Ǔ“ ‡ € šǔÛ¡ `  ȡšȣ@पूजेउँ \ ͧ˜  बार ǒğ” Ǖšȡšȣ@
@
भुज ǒ– Đ ˜ ‡ ȡ“ Ǒ¡ ȲǑ‘‚ ”ȡ› ȡ@सठ अजहूँ ǔ‡ Û¡ €Ʌ उर साला।।
‡ ȡ“ Ǒ¡ ȲǑ‘Ê‚ ‡ उर € Ǒ‹ “ ȡ_@जब जब ͧ— š`ȱजाइ – ǐš] _@ @
ǔ‡ Û¡ के दसन कराल न फूटे । उर लागत मल
ू क इव टूटे ।।
जासु चलत ŒȪ› Ǔ ^ͧ˜ धरनी। चढ़त ˜ ׏ गज ǔ‡ ͧ˜ लघु तरनी।।
सोइ रावन जग ǒ–Ǒ‘ Ĥ ȡ” Ȣ@  Ǖ“ ȯǑ¡ न Į  “ \ › ȣ€ Ĥ › ȡ” Ȣ@
@
दो0- ȯǑ¡ रावन कहँ लघु € ¡ ͧ  नर कर € šͧ  बखान।
रे € ͪ” – – š[  – [खल अब जाना तव ʙ ȡ“ @
@25।।
–*–*–
  ǓǕ“ अंगद सकोप कह बानी। बोलु   ȱ— ȡǐš अधम \ ͧ— ˜ ȡ“ Ȣ@
@
सहसबाहु भज
ु गहन अपारा। दहन अनल सम जासु कुठारा।।
जासु परसु सागर खर धारा। बड़
ू े नप
ृ \ ‚ Ǔ“  बहु बारा।।
तासु ‚ – [‡ ȯǑ¡ दे खत भागा। सो नर ș ɉ दससीस अभागा।।
राम मनुज कस रे सठ बंगा। ’ ۝ Ȣ कामु “ ‘ȣ ” ǕǓ“ गंगा।।
पसु सुरधेनु € 㔏 ǽ Ǿ  ȡ@\ ۓ दान \ ǽ रस पीयूषा।।
बैनतेय खग \ Ǒ¡ सहसानन। ͬ… Ȳ ȡ˜ Ǔ“ ” ǓǕ“ उपल दसानन।।
सन
ु ु ˜ Ǔ ˜ Ȳ‘ लोक बैकंु ठा। लाभ ͩ€ šƒ ”Ǖ Ǔ — ‚ Ǔ अकंु ठा।।
दो0-सेन   Ǒ¡  तब मान ˜ ͬ बन ` ‡ ȡǐš परु ‡ ȡǐš@
@
कस रे सठ हनम ु ान € ͪ” गयउ जो तव सुत ˜ ȡǐš@ @26।।
–*–*–
सन
ु ु रावन ”ǐš¡ ǐš चतरु ाई। — ‡ ͧ  न € Ǚ”ȡͧ  ’Ȳ Ǖरघरु ाई।।
जौ खल — f ͧ  राम कर ġȪ¡ ȣ@Ħ é˜ ǽġ सक šȡͨ न  Ȫ¡ ȣ@
@
मूढ़ बथ
ृ ा ‡ Ǔ“ ˜ ȡšͧ  गाला। राम बयर अस ¡ Ȫ^Ǒ¡ हाला।।
तव ͧ  š Ǔ“ € š € ͪ” Û¡ के ] ‚ Ʌ@” ǐš¡ Ǒ¡ Ȳ’ šǓ“ राम सर › ȡ‚ Ʌ@
@
ते तव ͧ  š कंदक
ु सम नाना।  ȯ› ¡ Ǒ¡ Ȳभालु € ȧ  चौगाना।।
‡ – Ǒ¡ Ȳसमर € Ȫ”Ǒ¡ रघन
ु ायक। † ǕǑŠ¡ Ǒ¡ Ȳ\ Ǔ कराल बहु सायक।।
तब ͩ€ … ͧ› Ǒ¡ अस गाल  à Ǖ ¡ ȡšȡ@अस ǒ–… ȡǐš भजु राम उदारा।।
सुनत बचन रावन परजरा। जरत महानल जनु घत
ृ परा।।
दो0-कंु भकरन अस बंधु मम सुत Ĥͧ  ƨ   Đ ȡǐš@
मोर ” šȡĐ ˜ “ Ǒ¡ Ȳ  “Ǖ ȯǑ¡ िजतेउँ चराचर ˆ ȡǐš@
@27।।
–*–*–
सठ साखामग ृ ‡ Ȫǐš सहाई। बाँधा ͧ  ’Ȳ Ǖइहइ Ĥ — Ǖ ȡ_@
@
“ ȡƒ Ǒ¡ Ȳखग अनेक –ȡšȣ  ȡ@सरू न ¡ ȪǑ¡ Ȳते सन
ु ु सब € ȧ  ȡ@
@
मम भज
ु सागर बल जल परू ा। जहँ बड़
ू े बहु सरु नर सरू ा।।
बीस ”™ Ȫͬ’ अगाध अपारा। को अस बीर जो ”ȡ^Ǒ¡ पारा।।
Ǒ‘‚ ” ȡ› Û¡ ˜ ɇनीर भरावा। भूप सुजस खल ˜ ȪǑ¡ सुनावा।।
‡ ɋ पै समर सुभट तव नाथा। ” ǕǓ“ ” ǕǓ“ € ¡ ͧ  जासु गुन गाथा।।
तौ बसीठ पठवत €ȯǑ¡ काजा। ǐš” Ǖसन ĤȢǓ करत “ Ǒ¡ Ȳलाजा।।
¡ šͬ‚ ǐš मथन Ǔ“ š Ǖमम बाहू। ” ǓǕ“ सठ € ͪ” Ǔ“ ‡ Ĥ — ǑǕ¡ सराहू।।
दो0-सरू कवन रावन   ǐš  è € š € ȡǑŠ ‡ ȯǑ¡ Ȳसीस।
हुने अनल \ Ǔ हरष बहु बार   ȡͨ ‚ ȫšȣ  @ @28।।
–*–*–
जरत ǒ– › Ȫ€ȯ`ȱ‡ –Ǒ¡ Ȳकपाला। ǒ–ͬ’ के ͧ›  ȯअंक Ǔ“ ‡ भाला।।
नर €Ʌकर आपन बध बाँची। हसेउँ ‡ ȡǓ“ ǒ–ͬ’ ͬ‚ šȡ असाँची।।
सोउ मन   ˜ Ǖͨˆ ğȡ  “ Ǒ¡ Ȳ˜ ȪšɅ@ͧ›  ȡ ǒ– šȲͬ… जरठ ˜ Ǔ — ȪšɅ@
@
आन बीर बल सठ मम ] ‚ Ʌ@” ǕǓ“ ” ǕǓ“ € ¡ ͧ  लाज ” Ǔ י ȡ‚ ȯ@
@
कह अंगद   › Ï ‡ जग ˜ ȡ¡ ȣȲ@रावन  ȪǑ¡ समान कोउ “ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
लाजवंत तव सहज सभ
ु ाऊ। Ǔ“ ‡ मख
ु Ǔ“ ‡ गन
ु € ¡ ͧ  न काऊ।।
ͧ  š \ ǽ सैल कथा ͬ…  š¡ ȣ@ताते बार बीस  ɇ€ ¡ ȣ@
@
सो भुजबल राखेउ उर ƒ ȡ› ȣ@जीतेहु सहसबाहु –ͧ› – ȡ› ȣ@ @
सुनु ˜ Ǔ ˜ Ȳ‘ ‘ȯǑ¡ अब पूरा। € ȡŠɅसीस ͩ€ होइअ सरू ा।।
^Ȳġ ‡ ȡͧ› कहु € Ǒ¡ \ न बीरा। काटइ Ǔ“ ‡ कर सकल   šȣšȡ@@
दो0-‡ šǑ¡ Ȳपतंग मोह बस भार – ¡ Ǒ¡ Ȳखर बंद
ृ ।
ते “ Ǒ¡ Ȳसरू € ¡ ȡǑ¡ Ȳ  ˜ ͨǕˆ दे खु ˜ Ǔ ˜ Ȳ‘ @
@29।।
–*–*–
अब ‡ Ǔ“ बतबढ़ाव खल € š¡ ȣ@सन ु ु मम बचन मान ”ǐš¡ š¡ ȣ@
@
दसमुख ˜ ɇन –  Ȣ‹ ȤȲआयउँ । अस ǒ– … ȡǐš रघुबीष पठायउँ ।।
बार बार अस कहइ कृपाला। “ Ǒ¡ Ȳ‚ ‡ ȡǐš जसु – ’ Ʌसक
ृ ाला।।
मन महुँ   ˜ Ǖͨˆ बचन Ĥ— Ǖकेरे । सहे उँ कठोर बचन सठ तेरे।।
“ ȡǑ¡ Ȳत € ǐš मख
ु भंजन तोरा। लै जातेउँ   Ȣ Ǒ¡ बरजोरा।।
जानेउँ तव बल अधम   šǕȡšȣ@  “Ǘ Ʌ¡ ǐš ] Ǔ“ Ǒ¡ ”š“ ȡšȣ@
@
 ɇǓ“ ͧ  … š ”Ǔ ‚ – [बहूता। ˜ ɇšƒ ”Ǖ Ǔ सेवक कर दत
ू ा।।
‡ ɋ न राम \ ”˜ ȡ“ Ǒ¡ डरउँ ।  ȪǑ¡ दे खत अस कौतक
ु करऊँ।।
दो0- ȪǑ¡ ”Šͩ€ ˜ Ǒ¡ सेन ¡ Ǔ चौपट € ǐš तव गाउँ ।
तव ‡ Ǖ– Ǔ Û¡ समेत सठ ‡ “ €   Ǖ Ǒ¡ लै जाउँ ।।30।।
–*–*–
जौ अस € šɋ  ‘ͪ” न बड़ाई। ˜ Ǖf Ǒ¡ –’ Ʌ“ Ǒ¡ Ȳकछु मनुसाई।।
कौल कामबस € Ǚͪ”“ ǒ–˜ Ǘ±ȡ@\ Ǔ ‘ǐšġ अजसी \ Ǔ बूढ़ा।।
सदा रोगबस संतत Đ Ȫ’ Ȣ@ǒ– ç“ Ǖǒ– ˜ Ǘ Į ǓǕ संत ǒ–šȪ’ Ȣ@
@
तनु पोषक Ǔ“ ‘Ȳ€ अघ खानी। जीवन सव सम चौदह Ĥȡ“ Ȣ@
@
अस ǒ– … ȡǐš खल बधउँ न  Ȫ¡ ȣ@अब ‡ Ǔ“ ǐš  ` ”‡ ȡͧ  ˜ Ȫ¡ ȣ@
@
 Ǖ
Ǔ“ सकोप कह Ǔ“ ͧ  … š नाथा। अधर दसन ‘ͧ  मीजत हाथा।।
रे € ͪ” अधम मरन अब चहसी। छोटे बदन बात –ͫ° कहसी।।
कटु ‡ 㔠ͧ  जड़ € ͪ” बल ‡ ȡ€Ʌ@बल Ĥ  ȡ” – ͬǕ’ तेज न  ȡ€Ʌ@
@
दो0-अगन
ु अमान ‡ ȡǓ“  ȯǑ¡ ‘ȣÛ¡ ͪ”  ȡ बनबास।
सो दख
ु \ ǽ जब
ु ती ǒ–š¡ ” ǓǕ“ Ǔ“ ͧ  Ǒ‘“ मम ğȡ  @
@31(क)।।
ǔ‡ Û¡ के बल कर ‚ – [ ȪǑ¡ अइसे मनुज अनेक।
 ȡ¡ ȣȲǓ“   ȡ… š Ǒ‘  Ǔ“ ͧ  मूढ़ समुझु तिज टे क।।31(ख)।।
–*–*–
जब  Ǒȯ¡ Ȳ€ ȧÛ¡ राम कै Ǔ“ ‘Ȳȡ@Đ Ȫ’  Ȳ \ Ǔ भयउ € ͪ” ‘Ȳȡ@
@
¡ ǐš हर Ǔ“ ‘Ȳȡ सन
ु इ जो काना। होइ पाप गोघात समाना।।
कटकटान € ͪ”€ ȲǕ‡ š — ȡšȣ@दह
ु ु भुजदं ड  ˜ ͩ€ ˜ Ǒ¡ ˜ ȡšȣ@
@
डोलत ’ šǓ“ सभासद खसे। चले भािज भय ˜ ȡǽ Ē   ȯ@
@
ͬ‚ š   ȱ— ȡǐš उठा दसकंधर। भूतल परे मुकुट \ Ǔ सुंदर।।
कछु  ȯǑ¡ Ȳलै Ǔ“ ‡ ͧ  šǔÛ¡ सँवारे । कछु अंगद Ĥ— Ǖपास पबारे ।।
आवत मक
ु ु ट ‘ȯͨ € ͪ” भागे। Ǒ‘“ ¡ ȣȲलक
ू परन ǒ–ͬ’ लागे।।
€ ȧ रावन € ǐš कोप चलाए। € Ǖͧ›   … ȡǐš आवत \ Ǔ धाए।।
कह Ĥ— Ǖ¡ ȱͧ  ‡ Ǔ“ ǿ‘™ ȱडेराहू। लूक न \   Ǔ“ केतु “ Ǒ¡ Ȳराहू।।
ए ͩ€ šȣŠ दसकंधर केरे । आवत – ȡͧ›  “ ™ के Ĥȯšȯ@ @
दो0- šͩ€ पवनसुत कर गहे ] Ǔ“ धरे Ĥ — Ǖपास।
कौतक
ु ‘ȯ Ǒ¡ Ȳभालु € ͪ” Ǒ‘“ € š   ǐš  Ĥ € ȡ  @
@32(क)।।
उहाँ   € Ȫͪ” दसानन सब सन कहत ǐš  ȡ^@
धरहु € ͪ”Ǒ¡ ’ ǐš मारहु   ǕǓ“ अंगद मुसुकाइ।।32(ख)।।
–*–*–
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ –ȯͬ‚ सभू ट सब धावहु। खाहु भालु € ͪ” जहँ जहँ पावहु।।
˜ €[Š¡ ȣ“ करहु ˜ Ǒ¡ जाई। िजअत धरहु तापस ɮ ȫ भाई।।
” ǕǓ“ सकोप बोलेउ जुबराजा। गाल बजावत  ȪǑ¡ न लाजा।।
˜ ǽ गर € ȡǑŠ Ǔ“ › ‡ कुलघाती। बल ǒ– › Ȫͩ€ ǒ– ¡ šǓ “ Ǒ¡ Ȳछाती।।
रे ǒğ™ चोर कुमारग गामी। खल मल šȡͧ  ˜ Ȳ‘ ˜ Ǔ कामी।।
  ۙ ” ȡ ‡ 㔠ͧ  ‘ –Ǖ ȡ[‘ ȡ@— f ͧ  कालबस खल मनज
ु ादा।।
याको फलु ”ȡǑ¡ ‚ Ȫ ] ‚ Ʌ@बानर भालु … ”ȯŠ ǔÛ¡ › ȡ‚ Ʌ@
@
रामु मनुज बोलत \ ͧ  बानी। ͬ‚ šǑ¡ Ȳन तव रसना \ ͧ— ˜ ȡ“ Ȣ@
@
ͬ‚ ǐš¡ Ǒ¡ Ȳरसना संसय “ ȡ¡ ȣȲ@ͧ  šǔÛ¡ समेत समर ˜ Ǒ¡ ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
सो0-सो नर ș ɉ दसकंध –ȡͧ› – ڙ Ȫ ‡ ȯǑ¡ Ȳएक सर।
बीसहुँ लोचन अंध ͬ’ ‚ तव ‡ ۘ € Ǖ‡ ȡǓ जड़।।33(क)।।
तब   ȪǓ“  € ȧ ܙ ȡ   ͪǙŸ  राम सायक Ǔ“ € š@
तजउँ  ȪǑ¡  ȯǑ¡ ğȡ  कटु ‡ 㔠€ Ǔ“ ͧ  … š अधम।।33(ख)।।
मै तव दसन  Ȫǐš–ȯलायक। आयसु ˜ ȪǑ¡ न ‘ȣÛ¡ रघुनायक।।
\ ͧ  ǐš  ¡ ȪǓ दसउ मुख  Ȫšɋ@लंका ‚ Ǒ¡   ˜ Ǖġ महँ – Ȫšɋ@
@
‚ ›Ǘ ǐš फल समान तव लंका। बसहु ˜ ڙ  à
Ǖ ¡ जंतु असंका।।
˜ ɇबानर फल खात न बारा। आयसु ‘ȣÛ¡ न राम उदारा।।
‡ Ǖ‚ Ǔ सुनत रावन मुसुकाई। मूढ़ ͧ  ͨ Ǒ¡ कहँ बहुत झुठाई।।
– ȡͧ› न कबहुँ गाल अस मारा। ͧ˜ ͧ›  ”ͧ  Û¡  ɇ— f ͧ  लबारा।।
साँचेहुँ ˜ ɇलबार भुज बीहा। ‡ ɋ न ` ” ȡǐš`ȱतव दस जीहा।।
  ˜ ͨǕˆ राम Ĥ ȡ” € ͪ” कोपा। सभा माझ पन € ǐš पद रोपा।।
‡ ɋ मम चरन   € ͧ  सठ Šȡšȣ@ͩ• šǑ¡ Ȳरामु सीता ˜ ɇ¡ ȡšȣ@
@
सन
ु हु सभ ु ट सब कह दससीसा। पद ‚ Ǒ¡ ’ šǓ“ पछारहु € ȧ  ȡ@
@
^Ȳġ ‡ Ȣ ] Ǒ‘€ बलवाना। ¡ šͪŸ उठे जहँ तहँ भट नाना।।
ˆ ” ŠǑ¡ Ȳ€ ǐš बल ǒ– ” Ǖ› उपाई। पद न टरइ –Ȱ‹ Ǒ¡ Ȳͧ  ǽ नाई।।
” ǕǓ“ ` Ǒ‹ ˆ ”Š¡ ȣȲसुर आराती। टरइ न € ȧ  चरन f Ǒ¡ भाँती।।
” ǽǕ Ÿ कुजोगी ǔ‡ ͧ˜ ` š‚ ȡšȣ@मोह ǒ–Š” “ Ǒ¡ Ȳ  € Ǒ¡ Ȳ` ” ȡšȣ@
@
दो0-€ ȪǑŠÛ¡ मेघनाद सम सुभट उठे हरषाइ।
ˆ ” ŠǑ¡ Ȳटरै न € ͪ” चरन ” ǕǓ“ –Ȱ‹ Ǒ¡ Ȳͧ  š नाइ।।34(क)।।
—Ǘ
ͧ˜ न छाँडत € ͪ” चरन दे खत ǐš” Ǖमद भाग।।
€ ȪǑŠ ǒ– ˓ ते संत कर मन ǔ‡ ͧ˜ “ ȢǓ न י ȡ‚ @
@34(ख)।।
–*–*–
€ ͪ” बल ‘ȯͨ सकल Ǒ¡ ™ ȱहारे । उठा आपु € ͪ” €Ʌपरचारे ।।
गहत चरन कह –ȡͧ› € Ǖ˜ ȡšȡ@मम पद ‚ ¡ Ʌन तोर उबारा।।
‚ ¡ ͧ  न राम चरन सठ जाई। सन
ु त ͩ• šȡ मन \ Ǔ सकुचाई।।
भयउ तेजहत Į Ȣ सब गई। ˜ ڙ Ǒ‘   ǔ‡ ͧ˜   ͧ  सोहई।।
ͧ  ƒȲ ȡ  “ बैठेउ ͧ  š नाई। मानहुँ   Ȳ” Ǔ सकल गँवाई।।
जगदातमा Ĥȡ“ ”Ǔ रामा। तासु ǒ–˜ Ǖ ͩ€ ͧ˜ लह ǒ– Į ȡ˜ ȡ@ @
उमा राम € ȧ — €ǙǕǑŠ ǒ–› ȡ  ȡ@होइ ǒ– è ” ǕǓ“ पावइ नासा।।
तन ृ ते € Ǖͧ›   € Ǖͧ›   तन
ृ करई। तासु दत
ू पन कहु ͩ€ ͧ˜ टरई।।
” ǓǕ“ € ͪ” € ¡ ȣ “ ȢǓ ǒ–ͬ’ नाना। मान न  ȡǑ¡ कालु Ǔ“ \ šȡ“ ȡ@
@
ǐš” Ǖमद ˜ ͬ Ĥ— Ǖसुजसु सुनायो। यह € Ǒ¡ … 㙠Ȫ –ȡͧ› नप
ृ जायो।।
¡  ɋ न खेत खेलाइ खेलाई।  ȪǑ¡ \ – Ǒ¡ Ȳका € šɋ बड़ाई।।
Ĥ ˜ Ǒ¡ Ȳतासु तनय € ͪ” मारा। सो   ǕǓ“ रावन भयउ दख
ु ारा।।
जातध
ु ान अंगद पन दे खी। भय ޙ ȡ€ Ǖ› सब भए ǒ–   ȯŸ Ȣ@
@
दो0-ǐš” Ǖबल ’ šͪŸ ¡ šͪŸ € ͪ” – ȡͧ›  “ ™ बल पंज
ु ।
पल
ु क   šȣš नयन जल गहे राम पद कंज।।35(क)।।
साँझ ‡ ȡǓ“ दसकंधर भवन गयउ ǒ– ›  ȡ^@
˜ Ȳ‘ Ȫ‘šȣ šȡ “ Ǒ¡ –¡ Ǖǐš कहा समुझाइ।।(ख)।।
–*–*–
कंत   ˜ ͨǕˆ मन तजहु € Ǖ˜ Ǔ ¡ ȣ@सोह न समर  à Ǖ ¡ Ǒ¡ šƒ ”Ǖ Ǔ ¡ ȣ@
@
रामानज ु लघु रे ख खचाई। सोउ “ Ǒ¡ Ȳनाघेहु \ ͧ  मनस ु ाई।।
ͪ”™  à
Ǖ ¡  ȡǑ¡ िजतब   ȲĒ ȡ˜ ȡ@जाके दत
ू केर यह कामा।।
कौतक
ु ͧ  ’Ȳ Ǖनाघी तव लंका। आयउ € ͪ” €ȯ¡ šȣ असंका।।
रखवारे ¡ Ǔ ǒ–ͪ”“ उजारा। दे खत  ȪǑ¡ \ Í †  ȯǑ¡ Ȳमारा।।
‡ ȡǐš सकल परु € ȧÛ¡ ȯͧ  छारा। कहाँ रहा बल ‚ – [ à
Ǖ ¡ ȡšȡ@
@
अब ”Ǔ मष ृ ा गाल ‡ Ǔ“ मारहु। मोर कहा कछु ǿ‘™ ȱǒ–… ȡš¡ Ǖ@
@
”Ǔ šƒ ”Ǖ Ǔ Ǒ¡ “ ”Ǚ Ǔ ‡ Ǔ“ मानहु। अग जग नाथ अतल ु बल जानहु।।
बान Ĥ  ȡ” जान ˜ ȡšȣ… ȡ@तासु कहा “ Ǒ¡ Ȳ˜ ȡ“ ȯǑ¡ नीचा।।
जनक सभाँ \ ‚ Ǔ“  भूपाला। रहे  à
Ǖ ¡ ` बल अतल
ु ǒ–   ȡ› ȡ@
@
भंिज धनुष ‡ ȡ“ € ȧ ǒ–] ¡ ȣ@तब   ȲĒ ȡ˜ िजतेहु ͩ€ “  ȡ¡ ȣ@
@
  šǕ”Ǔ सत
ु जानइ बल थोरा। राखा िजअत ] ȱͨ ‚ Ǒ¡ फोरा।।
सप
ू नखा कै ‚ Ǔ  à
Ǖ ¡ दे खी।  ‘ͪ” ǿ‘™ ȱ“ Ǒ¡ Ȳलाज ǒ– Ÿ ȯŸ Ȣ@
@
दो0-–ͬ’ ǒ–šȡ’ खर ‘ ŸǗ “ Ǒ¡ › ȣU
› ȡȱ¡ י Ȫ कबंध।
–ȡͧ› एक सर मारयो  ȯǑ¡ जानहु दसकंध।।36।।
–*–*–
‡ ȯǑ¡ Ȳजलनाथ बँधायउ हे ला। उतरे Ĥ— Ǖदल   Ǒ¡  सुबेला।।
€ ȡǽ“ Ȣ€ Ǒ‘“ € š कुल केत।ू दत
ू पठायउ तव Ǒ¡  हे त।ू ।
सभा माझ ‡ ȯǑ¡ Ȳतव बल मथा। € ǐš – Ǿ  महुँ ˜ ‚Ǚ ” Ǔ जथा।।
अंगद हनमु त अनच ु र जाके। रन बाँकुरे बीर \ Ǔ बाँके।।
 ȯǑ¡ कहँ ͪ”™ ” ǓǕ“ ” ǓǕ“ नर कहहू। मध
ु ा मान ममता मद बहहू।।
अहह कंत कृत राम ǒ–šȪ’ ȡ@काल ǒ– –   मन उपज न बोधा।।
काल दं ड ‚ Ǒ¡ काहु न मारा। हरइ ’ ˜ [बल – Ǖͪƨ ǒ– … ȡšȡ@ @
Ǔ“ € Š काल ‡ ȯǑ¡ आवत   ȡɃ@ ȯǑ¡ ħ ˜ होइ  à Ǖ ¡ ȡǐšǑ¡ “ ȡɃ@
@
दो0-दइु सत ु मरे दहे उ परु अजहुँ परू ͪ” ™ दे हु।
€ Ǚ” ȡͧ  ’Ȳ Ǖरघन
ु ाथ भिज नाथ ǒ–˜ › जसु लेहु।।37।।
–*–*–
“ ȡǐš बचन   ǓǕ“ ǒ–ͧ   समाना। सभाँ गयउ ` Ǒ‹ होत ǒ–¡ ȡ“ ȡ@ @
बैठ जाइ ͧ  ƒȲ ȡ  “ • Ǘ› ȣ@\ Ǔ \ ͧ— ˜ ȡ“ ğȡ  सब — ›Ǘ ȣ@
@
इहाँ राम \ Ȳ‚ ‘Ǒ¡ बोलावा। आइ चरन पंकज ͧ  ǽ नावा।।
\ Ǔ आदर सपीप –Ȱ‹ ȡšȣ@बोले ǒ– ¡ ȱͧ  कृपाल  šȡšȣ@
@
–ȡͧ›  “ ™ कौतकु \ Ǔ ˜ Ȫ¡ ȣ@तात   י कहु पूछउँ  Ȫ¡ ȣ@
@@
रावनु जातध ु ान कुल Šȣ€ ȡ@भुज बल अतल ु जासु जग › ȣ€ ȡ@ @
तासु मकु ु ट àǕ ¡ … ȡǐš चलाए। कहहु तात कवनी ǒ– ͬ’ पाए।।
सन
ु ु   –Ê [ ™ Ĥ“    Ǖ € ȡšȣ@मक
ु ु ट न ¡ ȪǑ¡ Ȳभप
ू गन
ु … ȡšȣ@
@
साम दान \ ǽ दं ड ǒ–— ȯ‘ ȡ@नप
ृ उर –   Ǒ¡ Ȳनाथ कह बेदा।।
“ ȢǓ ’ ˜ [के चरन सुहाए। अस िजयँ ‡ ȡǓ“ नाथ ” Ǒ¡ Ȳआए।।
दो0-’ ˜ ¡[ ȣ“ Ĥ— Ǖपद ǒ– ˜ Ǖ काल ǒ––   दससीस।
 ȯǑ¡ ” ǐš¡ ǐš गन
ु आए सन
ु हु कोसलाधीस।।38(((क)।।
परम चतरु ता Į  “   ǓǕ“ ǒ– ¡ ȱ  ȯरामु उदार।
समाचार ” ǓǕ“ सब कहे गढ़ के – ȡͧ› € Ǖ˜ ȡš@
@38(ख)।।
–*–*–
ǐš” Ǖके समाचार जब पाए। राम   ͬ…  सब Ǔ“ € Š बोलाए।।
लंका बाँके … ȡǐš दआ
ु रा। €ȯǑ¡ ǒ–ͬ’ › ȡͬ‚ \ करहु ǒ– … ȡšȡ@
@
तब कपीस ǐšÍ † ȯ  ǒ–— ȢŸ “ @  Ǖͧ˜ ǐš ǿ‘™ ȱǑ‘“ € š कुल भूषन।।
€ ǐš ǒ– … ȡš Ǔ Û¡ ˜ Ȳğ Ǻ±ȡ ȡ@… ȡǐš अनी € ͪ” कटकु बनावा।।
जथाजोग   ȯ“ ȡ”Ǔ € ȧÛ¡ ȯ@जथ
ू प सकल –Ȫͧ› तब › ȣÛ¡ ȯ@
@
Ĥ — ǕĤ ȡ” € Ǒ¡ सब समझ
ु ाए।   ǓǕ“ € ͪ” ͧ  ƒȲ “ ȡ‘ € ǐš धाए।।
¡ šͪŸ राम चरन ͧ  š “ ȡǑ¡ @
Ȳ ‚ Ǒ¡ ͬ‚ ǐš ͧ   š बीर सब ’ ȡǑ¡ @
Ȳ@
‚ ‡ Ǒ[¡ Ȳ ‡ Ǒ[¡ Ȳभालु कपीसा। जय रघुबीर कोसलाधीसा।।
जानत परम ‘ ‚Ǖ [\ Ǔ लंका। Ĥ — ǕĤ  ȡ” € ͪ” चले असंका।।
घटाटोप € ǐš चहुँ Ǒ‘ͧ  ƒ ȯšȣ@˜ Ǖ Ǒ¡ ȲǓ“   ȡ“ – ‡ ȡ ¡ ȣȲ— ȯšȣ@
@
दो0-‡ ™ Ǔ राम जय › Ǔ† ˜ “ जय कपीस   ĒǕ Ȣ@
‚ ‡ Ǒ[¡ Ȳͧ  ƒȲ “ ȡ‘ € ͪ” भालु महा बल सींव।।39।।
–*–*–
लंकाँ भयउ कोलाहल — ȡšȣ@सन ु ा दसानन \ Ǔ \ ¡ ȱ€ ȡšȣ@
@
दे खहु – “ šÛ¡ €ȯǐš Ǒ‹ ȡ_@ǒ– ¡ ȱͧ  Ǔ“   ȡ… š सेन बोलाई।।
आए € ȧ  काल के Ĥȯšȯ@छुधावंत सब Ǔ“ ͧ  … š मेरे।।
अस € Ǒ¡ \ ͠¡ ȡ  सठ € ȧÛ¡ ȡ@गह
ृ बैठे अहार ǒ– ͬ’ ‘ȣÛ¡ ȡ@
@
सुभट सकल … ȡǐš¡ ǕȱǑ‘ͧ  जाहू। ’ ǐš ’ ǐš भालु € ȧ  सब खाहू।।
उमा šȡ “ Ǒ¡ अस \ ͧ— ˜ ȡ“ ȡ@ǔ‡ ͧ˜ ǑŠǑ͠— खग सत ू उताना।।
चले Ǔ“   ȡ… š आयसु मागी। ‚ Ǒ¡ कर ͧ— ͫȲŒ” ȡ› बर साँगी।।
तोमर ˜ Ê
Ǖ‘š परसु Ĥ… ŒȲ ȡ@सल
ु कृपान ”ǐšƒ ͬ‚ ǐš ȲŒ ȡ@
@
ǔ‡ ͧ˜ \ ǽ“ Ȫ”› Ǔ“ € š Ǔ“ ¡ ȡšȣ@’ ȡ Ǒ¡ Ȳसठ खग मांस \ ¡ ȡšȣ@
@
… ɉ… भंग दख
ु Ǔ Û¡ Ǒ¡ न सूझा। Ǔ ͧ˜ धाए मनुजाद अबझ
ू ा।।
दो0-नानायुध सर चाप धर जातध
ु ान बल बीर।
कोट €ȱ‚ ǗšǔÛ¡ … Ǒ± गए € ȪǑŠ € ȪǑŠ रनधीर।।40।।
–*–*–
कोट €ȱ‚ ǗšǔÛ¡   Ȫ¡ Ǒ¡ Ȳकैसे। ˜ ȯǽ के   Ȳ‚Ǚ Ǔ“ जनु घन बैसे।।
– ȡ‡ Ǒ¡ Ȳढोल Ǔ“   ȡ“ जुझाऊ।   ǕǓ“ ’ ǓǕ“ होइ — ŠǔÛ¡ मन चाऊ।।
– ȡ‡ Ǒ¡ Ȳ— ȯǐš “ • ȧǐš अपारा।   ǕǓ“ कादर उर ‡ ȡǑ¡ Ȳदरारा।।
‘ȯͨ Û¡ जाइ € ͪ”Û¡ के ‹ ͠ȡ@\ Ǔ ǒ–   ȡ› तनु भालु   —Ǖ ͠ȡ@
@
’ ȡ Ǒ¡ Ȳ‚ “ Ǒ¡ Ȳन अवघट घाटा। ”– [ • Ȫǐš € šǑ¡ Ȳ‚ Ǒ¡ बाटा।।
€ Š€ ŠȡǑ¡ Ȳ€ ȪǑŠÛ¡ भट ‚ ‡ Ǒ[¡ @
Ȳ दसन ओठ € ȡŠǑ¡ Ȳ\ Ǔ  ‡ Ǒ[¡ @
Ȳ@
उत रावन इत राम दोहाई। ‡ ™ Ǔ ‡ ™ Ǔ जय ” šȣ लराई।।
Ǔ“ ͧ  … š ͧ   š समूह ¡ ȡǑ¡ @
Ȳ € ǗǑ‘ ’ šǑ¡ Ȳ€ ͪ” •ȯǐš … › ȡ Ǒ¡ @
Ȳ@
दो0-’ ǐš कुधर खंड Ĥ… ŒȲ € €[Š भालु गढ़ पर Œȡš¡ ȣȲ@
ˆ ”ŠǑ¡ Ȳचरन ‚ Ǒ¡ ”Šͩ€ ˜ Ǒ¡ भिज चलत –¡ Ǖǐš ” … ȡš¡ ȣȲ@
@
–*–*–
\ Ǔ तरल  ǽ“ Ĥ  ȡ”  š” Ǒ¡ Ȳ ˜ ͩ€ गढ़ … Ǒ± … Ǒ± गए।
€ ͪ” भालु … Ǒ± ˜ ȲǑ‘šÛ¡ जहँ तहँ राम जसु गावत भए।।
दो0-एकु एकु Ǔ“ ͧ  … š ‚ Ǒ¡ ” ǓǕ“ € ͪ” चले पराइ।
ऊपर आपु हे ठ भट ͬ‚ šǑ¡ Ȳ’ šǓ“ पर आइ।।41।।
–*–*–
राम Ĥ  ȡ” Ĥ– › € ͪ”‡ Ǘ ȡ@˜ ‘[Ǒ¡ ȲǓ“ ͧ  … š सभ
ु ट –Ǿ  ȡ@
@
चढ़े ‘ ‚Ǖ [” ǕǓ“ जहँ तहँ बानर। जय रघुबीर Ĥ ȡ” Ǒ‘ȡ€ š@
@
चले Ǔ“   ȡ… š Ǔ“ € š पराई। Ĥ– › पवन ǔ‡ ͧ˜ घन समुदाई।।
हाहाकार भयउ पुर — ȡšȣ@šȪ Ǒ¡ Ȳबालक आतरु “ ȡšȣ@
@
सब ͧ˜ ͧ› ‘ȯǑ¡ Ȳšȡ“ Ǒ¡ ‚ ȡšȣ@राज करत f Ǒ¡ Ȳ˜ ×
Ǚ™ Ǖ¡ ȱ€ ȡšȣ@
@
Ǔ“ ‡ दल ǒ–… › सुनी  ȯǑ¡ Ȳकाना। •ȯǐš सुभट लंकेस ǐš  ȡ“ ȡ@
@
जो रन ǒ–˜ Ǖ सन
ु ा ˜ ɇकाना। सो ˜ ɇहतब कराल कृपाना।।
  –  [ Ǖखाइ भोग € ǐš नाना। समर — ͧǗ˜ भए – 㛠— Ĥȡ“ ȡ@
@
` Ē बचन   ǓǕ“ सकल डेराने। चले Đ Ȫ’ € ǐš सभ
ु ट लजाने।।
  ۘ Ǖ मरन बीर कै सोभा। तब Ǔ Û¡ तजा Ĥ ȡ“ कर लोभा।।
दो0-बहु आयध ु धर सुभट सब ͧ— šǑ¡ Ȳ” … ȡǐš ” … ȡǐš@
ޙ ȡ€ Ǖ› ͩ€ f भालु € ͪ” ”ǐšƒ ǒğ  Ǘ› ǔÛ¡ ˜ ȡšȣ@
@42।।
–*–*–
भय आतरु € ͪ” भागन लागे। ‡ ɮ™ ͪ” उमा ‡ ȢǓ ¡ Ǒ¡ Ȳआगे।।
कोउ कह कहँ अंगद हनुमंता। कहँ नल नील ‘ ǒǕ– ‘ बलवंता।।
Ǔ“ ‡ दल ǒ–€ › सन
ु ा हनम
ु ाना। ”ǔÍ † ˜ ɮ ȡš रहा बलवाना।।
मेघनाद तहँ करइ लराई। टूट न ɮ ȡš परम € Ǒ‹ “ ȡ_@
@
पवनतनय मन भा \ Ǔ Đ Ȫ’ ȡ@‚ ‡ ȶ̀ Ĥ– › काल सम जोधा।।
€ ǗǑ‘ लंक गढ़ ऊपर आवा। ‚ Ǒ¡ ͬ‚ ǐš मेघनाद कहुँ धावा।।
भंजेउ रथ सारथी Ǔ“ ” ȡ ȡ@ ȡǑ¡ ǿ‘™ महुँ ˜ ȡšȯͧ  लाता।।
‘  Ǖ šɅसत
ू ǒ– € ›  ȯǑ¡ जाना। è™ Ȳ‘ “ ƒ ȡͧ› तरु त गह
ृ आना।।
दो0-अंगद सन
ु ा पवनसत
ु गढ़ पर गयउ अकेल।
रन बाँकुरा –ȡͧ›   Ǖ  šͩ€ चढ़े उ € ͪ” खेल।।43।।
–*–*–
‡ ƨǕ ǒ– ǽƨ Đ Ǖƨ ɮȫ बंदर। राम Ĥ  ȡ”   ͧǕ˜ ǐš उर अंतर।।
रावन भवन चढ़े ɮȫ धाई। € šǑ¡ कोसलाधीस दोहाई।।
कलस   Ǒ¡  ‚ Ǒ¡ भवनु ढहावा। ‘ȯͨ Ǔ“   ȡ… š” Ǔ भय पावा।।
“ ȡǐš बंद
ृ कर ”ȢŠǑ¡ Ȳछाती। अब दइु € ͪ” आए उतपाती।।
€ ͪ” › ȣ› ȡ € ǐš Ǔ Û¡ Ǒ¡ Œȯ
šȡ Ǒ¡ @
Ȳ šȡ˜ … ġȲ कर सज
ु सु   “Ǖ ȡǑ¡ @
Ȳ@
” ǓǕ“ कर ‚ Ǒ¡ कंचन के खंभा। € ¡ ȯǔÛ¡ € ǐš\ उतपात अरं भा।।
‚ ǔ‡ [परे ǐš” Ǖकटक ˜ ˆ ȡšȣ@लागे ˜ ‘ȷभज
ु बल — ȡšȣ@
@
€ ȡ¡ ǕǑ¡ लात … ”ȯŠ ǔÛ¡ केहू। भजहु न šȡ˜ Ǒ¡ सो फल लेहू।।
दो0-एक एक   ɉ ˜ ‘[Ǒ¡ Ȳ Ȫǐš … › ȡ Ǒ¡ Ȳमुंड।
रावन ] ‚ Ʌ”šǑ¡ Ȳते जनु • ǗŠǑ¡ Ȳ‘ͬ’ कंु ड।।44।।
–*–*–
महा महा ˜ Ǖͨ ] जे ”ȡǑ¡ @
Ȳ ते पद ‚ Ǒ¡ Ĥ— Ǖपास … › ȡ Ǒ¡ @
Ȳ@
कहइ ǒ–— ȢŸ “ ǕǓ Û¡ के नामा। ‘ȯǑ¡ Ȳराम Ǔ Û¡ ¡ ǗǓ“ ‡ धामा।।
खल मनज
ु ाद ɮͪ‡ ȡͧ˜ Ÿ भोगी। ”ȡ Ǒ¡ Ȳ‚ Ǔ जो जाचत जोगी।।
उमा राम ˜ ‘Ǚ ͬǕ…  € ǽ“ ȡ€ š@बयर भाव   ͧǕ˜ š ˜ ȪǑ¡ Ǔ“ ͧ  … š@
@
‘ȯǑ¡ Ȳपरम ‚ Ǔ सो िजयँ जानी। अस कृपाल को कहहु भवानी।।
अस Ĥ— Ǖ  ǕǓ“ न — ‡ Ǒ¡ Ȳħ ˜ י ȡ‚ Ȣ@नर ˜ Ǔ ˜ Ȳ‘ ते परम अभागी।।
अंगद \ ǽ हनम
ु ंत Ĥ –ȯ  ȡ@€ ȧÛ¡ ‘ ‚Ǖ [अस कह अवधेसा।।
लंकाँ ɮȫ € ͪ”   Ȫ¡ Ǒ¡ Ȳ€Ȱ  @
Ʌ ˜  Ǒ¡ ͧ  ’Ȳ Ǖदइ
ु मंदर ‡ Ȱ  @
Ʌ@
दो0-भज
ु बल ǐš” Ǖदल ‘› ˜ ͧ› ‘ȯͨ Ǒ‘   कर अंत।
कूदे जग
ु ल ǒ–‚  Į ˜ आए जहँ भगवंत।।45।।
–*–*–
Ĥ — Ǖपद कमल सीस Ǔ Û¡ नाए। ‘ȯͨ सभ ु ट šƒ ”Ǖ Ǔ मन भाए।।
राम कृपा € ǐš जुगल Ǔ“ ¡ ȡšȯ@भए ǒ–‚  Į ˜ परम सुखारे ।।
गए ‡ ȡǓ“ अंगद हनुमाना। ͩ• šȯभालु ˜ €[Š भट नाना।।
जातध
ु ान Ĥ‘ȪŸ बल पाई। धाए € ǐš दससीस दोहाई।।
Ǔ“ ͧ  … š अनी ‘ȯͨ € ͪ” ͩ• šȯ@जहँ तहँ कटकटाइ भट ͧ— šȯ@
@
ɮ ȫ दल Ĥ –› ”… ȡǐš ”… ȡšȣ@लरत सभ
ु ट “ Ǒ¡ Ȳ˜ ȡ“ Ǒ¡ Ȳ¡ ȡšȣ@
@
महाबीर Ǔ“ ͧ  … š सब कारे । नाना बरन – › ȣ˜ Ǖ भारे ।।
सबल जुगल दल समबल जोधा। कौतक
ु करत लरत € ǐš Đ Ȫ’ ȡ@
@
Ĥ ȡǒ–Š सरद पयोद घनेरे। लरत मनहुँ ˜ ȡǽ के Ĥȯšȯ@@
\ Ǔ“ ” अकंपन \ ǽ \ Ǔ € ȡ™ ȡ@ǒ– … ›  सेन € ȧǔÛ¡ ^Û¡ माया।।
भयउ Ǔ“ ͧ˜ Ÿ महँ \ Ǔ \ ȱͬ’ ™ ȡšȡ@– ǔǙçŠ होइ ǽͬ’ šȪ” › छारा।।
दो0-‘ȯͨ Ǔ“ ǒ–° तम दसहुँ Ǒ‘ͧ  € ͪ” ‘› भयउ खभार।
f € Ǒ¡ एक न दे खई जहँ तहँ € šǑ¡ Ȳपुकार।।46।।
–*–*–
सकल मरमु रघन ु ायक जाना। ͧ› f –Ȫͧ› अंगद हनम ु ाना।।
समाचार सब € Ǒ¡ समुझाए। सुनत € Ȫͪ” € ͪ” € ȲǕ‡ š धाए।।
” ǕǓ“ कृपाल ¡ ȱͧ  चाप चढ़ावा। पावक सायक   ”Ǒ‘ चलावा।।
भयउ Ĥ € ȡ  कतहुँ तम “ ȡ¡ ȣȲ@ʙ ȡ“ उदयँ ǔ‡ ͧ˜ संसय ‡ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
भालु –› ȣ˜ Ǖ पाइ Ĥ€ ȡ  ȡ@धाए हरष ǒ–‚  Į ˜ ğȡ  ȡ@ @
हनम
ू ान अंगद रन गाजे। हाँक सन
ु त रजनीचर भाजे।।
भागत पट ”Š€ Ǒ¡ Ȳ’ ǐš धरनी। € šǑ¡ Ȳभालु € ͪ” \ ƫ Ǖ करनी।।
‚ Ǒ¡ पद ŒȡšǑ¡ Ȳसागर ˜ ȡ¡ ȣȲ@मकर उरग झष ’ ǐš ’ ǐš  ȡ¡ ȣȲ@
@
दो0-कछु मारे कछु घायल कछु गढ़ चढ़े पराइ।
‚ ‡ Ǒ[¡ Ȳभालु –› ȣ˜ Ǖ ǐš” Ǖदल बल ǒ– … › ȡ^@
@47।।
–*–*–
Ǔ“   ȡ ‡ ȡǓ“ € ͪ” … ȡǐš` अनी। आए जहाँ कोसला धनी।।
राम कृपा € ǐš ͬ…  ȡ   – ¡ ȣ@भए ǒ–‚  Į ˜ बानर  – ¡ ȣ@
@
उहाँ दसानन   ͬ…  हँकारे । सब सन € ¡ ȯͧ  सुभट जे मारे ।।
आधा कटकु € ͪ”Û¡ संघारा। कहहु –ȯͬ‚ का € ǐš\ ǒ– … ȡšȡ@ @
˜ ȡ㙠 Ȳ \ Ǔ जरठ Ǔ“   ȡ… š@रावन मातु ͪ”  ȡ ˜ Ȳğ Ȣ बर।।
बोला बचन “ ȢǓ \ Ǔ पावन। सन
ु हु तात कछु मोर ͧ   ȡ “ @
@
जब ते  à
Ǖ ¡ सीता ¡ ǐš आनी। असगन
ु ¡ ȪǑ¡ Ȳन ‡ ȡǑ¡ Ȳबखानी।।
बेद पुरान जासु जसु गायो। राम ǒ– ˜ Ǖ काहुँ न सुख पायो।।
दो0-Ǒ¡ šÛ™ ȡÍ † ħ ȡ ȡ   Ǒ¡  मधु कैटभ बलवान।
‡ ȯǑ¡ मारे सोइ अवतरे उ € Ǚ” ȡͧ  ’Ȳ Ǖभगवान।।48(क)।।
मासपारायण, पचीसवाँ ͪ Į ȡ˜
€ ȡ› Ǿ ” खल बन दहन गन
ु ागार घनबोध।
ͧ   ǒ– šȲͬ… ‡ ȯǑ¡   ȯ Ǒ¡ Ȳ ȡ  ɉ कवन ǒ– šȪ’ @
@48(ख)।।
–*–*–
”ǐš¡ ǐš –™ ǽ दे हु –Ȱ‘ȯ¡ ȣ@भजहु € Ǚ” ȡǓ“ ͬ’ परम   “ ȯ¡ ȣ@
@
ताके बचन बान सम लागे। € ǐš] मुह € ǐš ‡ ȡǑ¡ अभागे।।
बूढ़ — f ͧ  न त मरतेउँ  Ȫ¡ ȣ@अब ‡ Ǔ“ नयन ‘ȯ ȡͧ  ˜ Ȫ¡ ȣ@
@
 ȯǑ¡ अपने मन अस अनुमाना। –Ú™ Ȫ चहत f Ǒ¡ € Ǚ”ȡǓ“ ’ ȡ“ ȡ@
@
सो ` Ǒ‹ गयउ कहत ‘ –Ǖ ȡ[‘ ȡ@तब सकोप बोलेउ घननादा।।
कौतक
ु Ĥȡ ‘ȯͨ \ ¡ Ǖमोरा। € ǐš¡ `ȱबहुत € ¡ ɋ का थोरा।।
  ǕǓ“ सुत बचन भरोसा आवा। Ĥ ȢǓ समेत अंक बैठावा।।
करत ǒ– … ȡš भयउ ͧ— “ Ǖ   ȡšȡ@लागे € ͪ” ” ǕǓ“ चहूँ दआ
ु रा।।
€ Ȫͪ” € ͪ” Û¡ ‘ ƒǕ Š[ गढ़ु घेरा। नगर कोलाहलु भयउ घनेरा।।
ǒ–ǒ– ’ ȡ™ ’Ǖ धर Ǔ“ ͧ  … š धाए। गढ़ ते ” – [ ͧ   š ढहाए।।
छं 0-ढाहे ˜ ¡ ȣ’ š ͧ   š € ȪǑŠÛ¡ ǒ– ǒ–’ ǒ– ͬ’ गोला चले।
घहरात ǔ‡ ͧ˜ ”ǒ– ”ȡ ‚ ‡ [ जनु Ĥ› ™ के बादले।।
˜ €[Š ǒ– € Š भट जुटत कटत न लटत तन ‡ ‡ š[ भए।
‚ Ǒ¡ सैल  ȯǑ¡ गढ़ पर … › ȡ Ǒ¡ Ȳजहँ सो तहँ Ǔ“ ͧ  … š हए।।
दो0-मेघनाद   ǕǓ“ Į  “ अस गढ़ु ” ǕǓ“ † Ʌ€ ȡ आइ।
`  ™ Ⱦ बीर ‘ ‚Ǖ [ Ʌ  ۘ Ǖ … 㙠Ȫ बजाइ।।49।।
–*–*–
कहँ कोसलाधीस ɮȫ ħ ȡ ȡ@’ ۝ Ȣ सकल लोक ǒ– ə ȡ ȡ@ @
कहँ नल नील ‘ ǒǕ–‘   ĒǕ Ȣȡ@अंगद हनम
ू ंत बल सींवा।।
कहाँ ǒ– — ȢŸ“ Ǖħ ȡ ȡġȪ¡ ȣ@आजु   – Ǒ¡ ¡ Ǒ‹ मारउँ j ¡ ȣ@
@
अस € Ǒ¡ € Ǒ‹ “ बान संधाने। \ Ǔ   ™ Đ Ȫ’ Į  “ › ͬ‚ ताने।।
सर समुह सो छाड़ै लागा। जनु   ” Í † ’ ȡǑ¡ Ȳबहु नागा।।
जहँ तहँ परत ‘ȯͨ \ Ǒ¡ Ȳबानर।   ۘ Ǖ होइ न सके  ȯǑ¡ अवसर।।
जहँ तहँ — ȡͬ‚ चले € ͪ” šȣ† ȡ@ǒ–  šȣ   – Ǒ¡ ‡ ƨǕ कै ईछा।।
सो € ͪ” भालु न रन महँ दे खा। € ȧÛ¡ ȯͧ  ‡ ȯǑ¡ न Ĥ ȡ“ अवसेषा।।
दो0-दस दस सर सब ˜ ȡšȯͧ  परे — ͧǗ˜ € ͪ” बीर।
ͧ  ¡Ȳ“ ȡ‘ € ǐš ‚ ‡ ȡ[मेघनाद बल धीर।।50।।
–*–*–
‘ȯͨ पवनसुत कटक ǒ– ¡ ȡ› ȡ@Đ Ȫ’  Ȳ जनु धायउ काला।।
महासैल एक तरु त उपारा। \ Ǔ ǐš  मेघनाद पर डारा।।
आवत ‘ȯͨ गयउ नभ सोई। रथ सारथी तरु ग सब खोई।।
बार बार पचार हनम
ु ाना। Ǔ“ € Š न आव मरमु सो जाना।।
šƒ ”Ǖ Ǔ Ǔ“ € Š गयउ घननादा। नाना — ȡȱǓ € šȯͧ  ‘ –Ǖ ȡ[‘ ȡ@
@
\ èğ   èğ आयध
ु सब डारे । € ȫ €Ǖ ¡ ȣȲĤ — Ǖ€ ȡǑŠ Ǔ“  ȡšȯ@
@
‘ȯͨ Ĥ ȡ” मूढ़ ͨ ͧ  ] “ ȡ@करै लाग माया ǒ– ͬ’ नाना।।
ǔ‡ ͧ˜ कोउ करै ‚ ǽ°   ɇखेला। डरपावै ‚ Ǒ¡ è ã” सपेला।।
दो0-जासु Ĥ– › माया बल ͧ   ǒ–šȲͬ… बड़ छोट।
 ȡǑ¡ Ǒ‘ ȡ^ Ǔ“ ͧ  … š Ǔ“ ‡ माया ˜ Ǔ खोट।।51।।
–*–*–
नभ … Ǒ± बरष ǒ–” Ǖ› अंगारा। ˜ Ǒ¡ ते Ĥ ‚ Š ¡ ȪǑ¡ Ȳजलधारा।।
नाना — ȡȱ
Ǔ ͪ”   ȡ… ͪ”  ȡ… Ȣ@˜ ȡǽ काटु ’ ǓǕ“ – Ȫ› Ǒ¡ Ȳनाची।।
ǒ–çŠȡ पय ू ǽͬ’ š कच हाड़ा। बरषइ कबहुँ उपल बहु छाड़ा।।
–šͪŸ ’ ǐǗš € ȧÛ¡ ȯͧ  \ ȱͬ’ ] šȡ@सूझ न आपन हाथ पसारा।।
€ ͪ” अकुलाने माया ‘ȯ Ʌ@सब कर मरन बना f Ǒ¡ › ȯ Ʌ@
@
कौतक
ु ‘ȯͨ राम मुसुकाने। भए सभीत सकल € ͪ” जाने।।
एक बान € ȡŠȣ सब माया। ǔ‡ ͧ˜ Ǒ‘“ € š हर Ǔ ͧ˜ š Ǔ“ € ȡ™ ȡ@
@
€ Ǚ”ȡǺǔçŠ € ͪ” भालु ǒ–› Ȫ€ȯ@भए Ĥ –› रन š¡ Ǒ¡ Ȳन रोके।।
दो0-आयसु ˜ ȡͬ‚ राम ”Ǒ¡ Ȳ\ Ȳ‚ ‘ȡǑ‘ € ͪ” साथ।
› Ǔ† ˜ “ चले Đ Ǖƨ होइ बान सरासन हाथ।।52।।
–*–*–
छतज नयन उर बाहु ǒ–  ȡ› ȡ@Ǒ¡ ˜ ͬ‚ ǐš Ǔ“ — तनु कछु एक लाला।।
इहाँ दसानन सभु ट पठाए। नाना \ èğ   èğ ‚ Ǒ¡ धाए।।
भूधर नख ǒ–Š”ȡ™ Ǖ’ ’ ȡšȣ@धाए € ͪ” जय राम ” Ǖ€ ȡšȣ@
@
ͧ— šȯसकल ‡ ȪǐšǑ¡ सन ‡ Ȫšȣ@इत उत जय ^Í † ȡ “ Ǒ¡ Ȳ Ȫšȣ@
@
˜ ǑǕ‹ € Û¡ › ȡ Û¡ ‘ȡ Û¡ € ȡŠǑ¡ @
Ȳ € ͪ” जयसील ˜ ȡǐš ” ǓǕ“ ŒȡŠǑ¡ @
Ȳ@
˜ ȡǽ ˜ ȡǽ ’ ǽ ’ ǽ ’ ǽ ˜ ȡǾ @सीस  Ȫǐš ‚ Ǒ¡ भज
ु ा ` ”ȡǾ @
@
\ ͧ  रव ” Ǘǐš š¡ ȣ नव खंडा। ’ ȡ Ǒ¡ Ȳजहँ तहँ ǽȲŒ Ĥ… ŒȲ ȡ@
@
‘ȯ Ǒ¡ Ȳकौतक
ु नभ सुर बंदृ ा। कबहुँक ǒ–  ˜ ™ कबहुँ अनंदा।।
दो0-ǽͬ’ š गाड़ — ǐš — ǐš ‡ à™ Ȫ ऊपर ’ ǐǗš उड़ाइ।
जनु अँगार šȡͧ  Û¡ पर मत ृ क धम ू šé™ Ȫ छाइ।।53।।
–*–*–
घायल बीर ǒ– šȡ‡ Ǒ¡ Ȳकैसे। € Ǖ  Ǖͧ˜  ͩ€ Ȳ  Ǖ€ के  ǽ जैसे।।
› Ǔ† ˜ “ मेघनाद ɮ ȫ जोधा। ͧ— šǑ¡ Ȳपरसपर € ǐš \ Ǔ Đ Ȫ’ ȡ@
@
f € Ǒ¡ एक सकइ “ Ǒ¡ Ȳजीती। Ǔ“ ͧ  … š छल बल करइ अनीती।।
Đ Ȫ’ Ȳ तब भयउ अनंता। भंजेउ रथ सारथी तरु ं ता।।
नाना ǒ–ͬ’ Ĥ ¡ ȡš कर सेषा। šȡÍ †   भयउ Ĥȡ“ अवसेषा।।
रावन सुत Ǔ“ ‡ मन अनुमाना। संकठ भयउ ¡ ǐšǑ¡ मम Ĥ ȡ“ ȡ@
@
–Ȣšƒ ȡǓ “ Ȣ † ȡͫ°ͧ  साँगी। तेज पंज
ु › Ǔ† ˜ “ उर लागी।।
˜ ǽǕ † ȡ भई   ǔȏ के › ȡ‚ Ʌ@तब … ͧ› गयउ Ǔ“ € Š भय י ȡ‚ Ʌ@
@
दो0-मेघनाद सम € ȪǑŠ सत जोधा रहे उठाइ।
जगदाधार सेष ͩ€ ͧ˜ उठै चले ͨ ͧ  ] ^@
@54।।
–*–*–
सुनु ͬ‚ ǐš‡ ȡ Đ Ȫ’ ȡ“ › जासू। जारइ भुवन … ȡǐš‘  आसू।।
सक   ȲĒ ȡ˜ ‡ ȢǓ को  ȡ¡ ȣ@  ȯ Ǒ¡ Ȳसुर नर अग जग ‡ ȡ¡ ȣ@
@
यह कौतह
ू ल जानइ सोई। जा पर कृपा राम कै होई।।
  Ȳڙ ȡ भइ ͩ• ǐš ɮ ȫ बाहनी। लगे सँभारन Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ अनी।।
ޙ ȡ” € Ħé˜ अिजत — Ǖ “ ȯ蝚@› Ǔ† ˜ “ कहाँ बझ
ू € ǽ“ ȡ€ š@
@
तब › ͬ‚ लै आयउ हनम
ु ाना। अनज
ु ‘ȯͨ Ĥ— Ǖ\ Ǔ दख
ु माना।।
जामवंत कह बैद सुषेना। लंकाँ रहइ को पठई लेना।।
’ ǐš लघु Ǿ ” गयउ हनुमंता। आनेउ भवन समेत तरु ं ता।।
दो0-राम ”‘ȡšǒ– ‘Ȳ ͧ  š नायउ आइ सुषेन।
कहा नाम ͬ‚ ǐš औषधी जाहु पवनसत ु लेन।।55।।
–*–*–
राम चरन   šͧ  ‡ उर राखी। चला Ĥ — Ȳ‡ “ सतु बल भाषी।।
उहाँ दत
ू एक मरमु जनावा। रावन € ȡ› “ ȯͧ˜ गह
ृ आवा।।
दसमख
ु कहा मरमु  ȯǑ¡ Ȳसन
ु ा। ” ǓǕ“ ” ǓǕ“ € ȡ› “ ȯͧ˜ ͧ  ǽ धन
ु ा।।
दे खत  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ “ ‚ ǽ ‡ ȯǑ¡ Ȳजारा। तासु पंथ को रोकन पारा।।
भिज šƒ Ǖ” Ǔ € ǽ Ǒ¡  आपना। छाँड़हु नाथ मष
ृ ा ‡ 㔠“ ȡ@
@
नील कंज तनु सुंदर è™ ȡ˜ ȡ@ǿ‘™ ȱराखु › Ȫ… “ ȡͧ— šȡ˜ ȡ@
@
˜ ɇ ɇमोर मढ़
ू ता י ȡ‚ @
Ǘ महा मोह Ǔ“ ͧ  सत
ू त जाग।ू ।
काल ޙ ȡ› कर — Í † € जोई। सपनेहुँ समर ͩ€ ‡ ȢǓ \ सोई।।
दो0-  ǓǕ“ दसकंठ ǐš  ȡ“ \ Ǔ  ȯǑ¡ Ȳमन € ȧÛ¡ ǒ–… ȡš@
राम दत
ू कर ˜ šɋ –ǽ यह खल रत मल भार।।56।।
–*–*–
अस € Ǒ¡ चला šͬ… ͧ  मग माया। सर ˜ ȲǑ‘š बर बाग बनाया।।
˜ ȡǽ   Ǖ दे खा सुभ ] Į ˜ @˜ ǕǓ“ Ǒ¡ – Ǘͨˆ जल ͪ” ™ ɋ जाइ Į ˜ @
@
šȡÍ †   कपट बेष तहँ सोहा। ˜ ȡ™ ȡ”Ǔ ‘ Ǘ Ǒ¡ चह मोहा।।
जाइ पवनसत
ु नायउ माथा। लाग सो कहै राम गन
ु गाथा।।
होत महा रन रावन šȡ˜ Ǒ¡ @
Ȳ ǔ‡  ¡ Ǒ¡ Ȳराम न संसय या ˜ Ǒ¡ @
Ȳ@
इहाँ भएँ ˜ ɇदे खेउँ भाई। ʙ ȡ“ ǺǔçŠ बल ˜ ȪǑ¡ \ ͬ’ € ȡ_@
@
मागा जल  ȯǑ¡ Ȳ‘ȣÛ¡ कमंडल। कह € ͪ” “ Ǒ¡ Ȳअघाउँ  ȪšɅजल।।
सर ˜ Ï ‡ “ € ǐš आतरु आवहु। Ǒ‘Í † ȡ दे उँ ʙ ȡ“ ‡ ȯǑ¡ Ȳपावहु।।
दो0-सर पैठत € ͪ” पद गहा ˜ € šȣȲतब अकुलान।
˜ ȡšȣ सो ’ ǐš Ǒ‘å™ तनु … › ȣ गगन … Ǒ± जान।।57।।
–*–*–
€ ͪ” तव दरस भइउँ Ǔ“ ç” ȡ” ȡ@ͧ˜ Šȡ तात ˜ ǕǓ“ –š कर सापा।।
˜ ǓǕ“ न होइ यह Ǔ“ ͧ  … š घोरा। मानहु   י बचन € ͪ” मोरा।।
अस € Ǒ¡ गई अपछरा ‡ –¡ ȣ@ Ȳ Ǔ“ ͧ  … š Ǔ“ € Š गयउ € ͪ”  – ¡ ȣȲ@
@
कह € ͪ” ˜ ǕǓ“ ‚ Ǖš‘Ǔ† “ ȡ लेहू। ” ȡ† Ʌ¡ ˜ Ǒ¡ ˜ Ȳğ  à
Ǖ ¡ दे हू।।
ͧ  š लंगूर › ”ȯǑŠ पछारा। Ǔ“ ‡ तनु Ĥ ‚ Šȯͧ  मरती बारा।।
राम राम € Ǒ¡ † ȡ° ͧȯ  Ĥȡ“ ȡ@  ǕǓ“ मन ¡ šͪŸ चलेउ हनुमाना।।
दे खा सैल न औषध … ȢÛ¡ ȡ@सहसा € ͪ” ` ” ȡǐš ͬ‚ ǐš › ȣÛ¡ ȡ@
@
‚ Ǒ¡ ͬ‚ ǐš Ǔ“ ͧ  नभ धावत भयऊ। \  ’ ” šǕȣ उपर € ͪ” गयऊ।।
दो0-दे खा भरत ǒ–  ȡ› \ Ǔ Ǔ“ ͧ  … š मन \ “ ˜Ǖ ȡǓ“ @
ǒ–“ Ǖफर सायक मारे उ चाप Į  “ › ͬ‚  ȡǓ“ @
@58।।
–*–*–
परे उ ˜ Ǖǽ Ǔ† ˜ Ǒ¡ लागत सायक।   Ǖͧ˜ š राम राम रघुनायक।।
  ǕǓ“ ͪĤ™ बचन भरत तब धाए। € ͪ” समीप \ Ǔ आतरु आए।।
ǒ– € › ǒ–› Ȫͩ€ € ȧ  उर लावा। जागत “ Ǒ¡ Ȳबहु — ȡȱǓ जगावा।।
मखु ˜ › ȣ“ मन भए ‘ Ǖ ȡšȣ@कहत बचन — ǐš लोचन – ȡšȣ@ @
‡ ȯǑ¡ Ȳǒ–ͬ’ राम ǒ–˜ Ǖ ˜ ȪǑ¡ € ȧÛ¡ ȡ@ ȯǑ¡ Ȳ” ǓǕ“ यह ‘ȡǽ“ दख
ु ‘ȣÛ¡ ȡ@
@
‡ ɋ ˜ ȪšɅमन बच \ ǽ काया। Ĥ ȢǓ राम पद कमल अमाया।।
तौ € ͪ” होउ ǒ– ‚  Į ˜ सूला। ‡ ɋ मो पर šƒ Ǖ” Ǔ अनुकूला।।
सुनत बचन ` Ǒ‹ बैठ कपीसा। € Ǒ¡ जय ‡ ™ Ǔ कोसलाधीसा।।
सो0-› ȣÛ¡ € ͪ”Ǒ¡ उर लाइ ” Ǖ› ͩ€  तनु लोचन सजल।
Ĥ ȢǓ न ǿ‘™ ȱसमाइ   ͧǕ˜ ǐš राम रघक
ु ु ल Ǔ › € @
@59।।
तात कुसल कहु   Ǖ Ǔ“ ’ ȡ“ € ȧ@  Ǒ¡  अनज ु \ ǽ मातु ‡ ȡ“ € ȧ@ @
€ ͪ” सब … ǐš समास बखाने। भए दख ु ी मन महुँ ” Ǔ†  ȡ“ ȯ@
@
अहह दै व ˜ ɇकत जग जायउँ । Ĥ — Ǖके एकहु काज न आयउँ ।।
‡ ȡǓ“ € Ǖ\   ǽ मन ’ ǐš धीरा। ” ǕǓ“ € ͪ” सन बोले बलबीरा।।
तात ‚ ¡ ǽ ¡ Ȫ^Ǒ¡  ȪǑ¡ जाता। काजु “   ȡ^Ǒ¡ होत Ĥ — ȡ ȡ@
@
चढ़ु मम सायक सैल समेता। ” ‹  ɋ  ȪǑ¡ जहँ € Ǚ”ȡǓ“ €ȯ ȡ@
@
  ǓǕ“ € ͪ” मन उपजा \ ͧ— ˜ ȡ“ ȡ@˜ ȪšɅभार … ͧ› Ǒ¡ ͩ€ ͧ˜ बाना।।
राम Ĥ— ȡ ǒ–… ȡǐš –¡ Ȫšȣ@– ȲǑ‘ चरन कह € ͪ” कर ‡ Ȫšȣ@
@
दो0-तव Ĥ  ȡ” उर šȡͨ Ĥ— Ǖजेहउँ नाथ तरु ं त।
अस € Ǒ¡ आयसु पाइ पद –ȲǑ‘ चलेउ हनुमत
ं ।।60(क)।।
भरत बाहु बल सील गन
ु Ĥ— Ǖपद Ĥ ȢǓ अपार।
मन महुँ जात सराहत ” ǕǓ“ ” ǕǓ“ पवनकुमार।।60(ख)।।
–*–*–
उहाँ राम › Ǔ† ˜ “ Ǒ¡ ȲǓ“ ¡ ȡšȣ@बोले बचन मनज
ु \ “  Ǖ ȡšȣ@
@
\ ’ [šȡǓ गइ € ͪ” “ Ǒ¡ Ȳआयउ। राम उठाइ अनुज उर लायउ।।
सकहु न ‘ ͨǕ  ‘ȯͨ ˜ ȪǑ¡ काऊ। बंधु सदा तव मद ृ ल
ु सुभाऊ।।
मम Ǒ¡  › ȡͬ‚ तजेहु ͪ” Ǖमाता। सहे हु ǒ– ͪ”“ Ǒ¡ ˜ आतप बाता।।
सो अनरु ाग कहाँ अब भाई। उठहु न   ǓǕ“ मम बच ǒ– € › ȡ_@ @
‡ ɋ जनतेउँ बन बंधु ǒ–† Ȫ¡ Ǘ@ͪ” ȡ बचन मनतेउँ “ Ǒ¡ Ȳओहू।।
सत
ु ǒ–  “ ȡǐš भवन ” ǐšȡšȡ@¡ ȪǑ¡ Ȳ‡ ȡǑ¡ Ȳजग –ȡšǑ¡ Ȳबारा।।
अस ǒ– … ȡǐš िजयँ जागहु ताता। ͧ˜ › ^ न जगत सहोदर ħ ȡ ȡ@ @
जथा पंख ǒ–“ Ǖखग \ Ǔ ‘ȣ“ ȡ@˜ Ǔ“ ǒ–“ Ǖ• Ǔ“ € ǐš– š कर ¡ ȣ“ ȡ@
@
अस मम िजवन बंधु ǒ–“ Ǖ Ȫ¡ ȣ@‡ ɋ जड़ दै व िजआवै ˜ Ȫ¡ ȣ@
@
जैहउँ अवध कवन मह
ु ु लाई। “ ȡǐš हे तु ͪĤ ™ भाइ गँवाई।।
– ǽ अपजस सहतेउँ जग ˜ ȡ¡ ȣ@
Ȳ “ ȡǐš ¡ ȡǓ“ ǒ–   ȯŸ † Ǔ “ ȡ¡ ȣȲ@
@
अब अपलोकु सोकु सुत तोरा।   Ǒ¡ Ǒ¡ Ǔ“ ‹Ǖš कठोर उर मोरा।।
Ǔ“ ‡ जननी के एक कुमारा। तात तासु  à
Ǖ ¡ Ĥȡ“ अधारा।।
  ɋ”ȯͧ  ˜ ȪǑ¡  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ ‚ Ǒ¡ पानी। सब ǒ–ͬ’ सुखद परम Ǒ¡  जानी।।
`  ǽ काह दै हउँ  ȯǑ¡ जाई। ` Ǒ‹ ͩ€ “ ˜ ȪǑ¡ ͧ   ȡ¡ Ǖभाई।।
बहु ǒ–ͬ’ ͧ  …  सोच ǒ–˜ Ȫ… “ @è𝏠  ͧ› › रािजव दल लोचन।।
उमा एक अखंड रघरु ाई। नर ‚ Ǔ भगत कृपाल दे खाई।।
सो0-Ĥ— ǕĤ› ȡ”   ǕǓ“ कान ǒ– € › भए बानर Ǔ“ € š@
आइ गयउ हनुमान ǔ‡ ͧ˜ € ǽ“ ȡ महँ बीर रस।।61।।
¡ šͪŸ राम — ɅŠȯ̀ हनुमाना। \ Ǔ € Ǚ ʙ Ĥ — Ǖपरम सुजाना।।
तरु त बैद तब € ȧÛ¡ उपाई। ` Ǒ‹ बैठे › Ǔ† ˜ “ हरषाई।।
ǿ‘™ ȱलाइ Ĥ— Ǖ— ɅŠȯ̀ ħ ȡ ȡ@हरषे सकल भालु € ͪ” Ħ ȡ ȡ@
@
€ ͪ” ” ǓǕ“ बैद तहाँ पहुँचावा। ‡ ȯǑ¡ ǒ– ͬ’  – Ǒ¡ Ȳ ȡǑ¡ लइ आवा।।
यह – ×
Ǚ ȡȲ दसानन सन ु ेऊ। \ Ǔ ǒ– Ÿ\ ‘ ” ǓǕ“ ” ǓǕ“ ͧ  š धनु ेऊ।।
ޙ ȡ€ Ǖ› कंु भकरन ”Ǒ¡ Ȳआवा। ǒ– ǒ–’ जतन € ǐš  ȡǑ¡ जगावा।।
जागा Ǔ“ ͧ  … š ‘ȯͨ \ कैसा। मानहुँ कालु दे ह ’ ǐš बैसा।।
कंु भकरन बूझा कहु भाई। काहे तव मुख रहे सुखाई।।
कथा € ¡ ȣ सब  ȯǑ¡ Ȳ\ ͧ— ˜ ȡ“ Ȣ@‡ ȯǑ¡ Ĥ € ȡš सीता ¡ ǐš आनी।।
तात € ͪ”Û¡ सब Ǔ“ ͧ  … š मारे । महामहा जोधा संघारे ।।
‘ ˜Ǖ Ǖ[   šǕǐš” Ǖमनज
ु \ ¡ ȡšȣ@भट \ Ǔ € ȡ™ अकंपन — ȡšȣ@
@
अपर महोदर ] Ǒ‘€ बीरा। परे समर ˜ Ǒ¡ सब रनधीरा।।
दो0-  ǕǓ“ दसकंधर बचन तब कंु भकरन ǒ–›  ȡ“ @
जगदं बा ¡ ǐš ] Ǔ“ अब सठ चाहत € 㙠ȡ“ @ @62।।
–*–*–
भल न € ȧÛ¡  ɇǓ“ ͧ  … š नाहा। अब ˜ ȪǑ¡ आइ ‡ ‚ ȡf Ǒ¡ काहा।।
अजहूँ तात י ȡͬ‚ \ ͧ— ˜ ȡ“ ȡ@भजहु राम ¡ Ȫ^Ǒ¡ € 㙠ȡ“ ȡ@
@
¡ ɇदससीस मनज ु रघनु ायक। जाके हनम ू ान से पायक।।
अहह बंधु  ɇ€ ȧǔÛ¡ खोटाई। Ĥ  ˜ Ǒ¡ Ȳ˜ ȪǑ¡ न   “Ǖ ȡf Ǒ¡ आई।।
€ ȧÛ¡ ȯ¡ ǕĤ— Ǘǒ–šȪ’  ȯǑ¡ दे वक। ͧ   ǒ– šȲͬ… सरु जाके सेवक।।
नारद ˜ ǕǓ“ ˜ ȪǑ¡ ʙ ȡ“ जो कहा। कहतेउँ  ȪǑ¡ समय Ǔ“ š–¡ ȡ@
@
अब — ǐš अंक — ɅŠǕ˜ ȪǑ¡ भाई। लोचन सूफल करौ ˜ ɇजाई।।
è™ ȡ˜ गात   š  Ȣǽ¡ लोचन। ‘ȯ ɋ जाइ ताप ğ™ मोचन।।
दो0-राम Ǿ ” गुन   Ǖͧ˜ š मगन भयउ छन एक।
रावन मागेउ € ȪǑŠ घट मद \ ǽ ˜ Ǒ¡ Ÿ अनेक।।63।।
–*–*–
˜ Ǒ¡ Ÿ खाइ € ǐš ˜ Ǒ‘šȡ पाना। ‚ ‡ ȡ[–ė ȡƒ ȡ समाना।।
कंु भकरन ‘ ˜Ǖ ‘[ रन रं गा। चला ‘ ‚Ǖ [तिज सेन न संगा।।
‘ȯͨ ǒ– — ȢŸ“ Ǖ] ‚ Ʌआयउ। परे उ चरन Ǔ“ ‡ नाम सन
ु ायउ।।
अनज
ु उठाइ ǿ‘™ ȱ ȯǑ¡ लायो। šƒ ”Ǖ Ǔ — ȏ ‡ ȡǓ“ मन भायो।।
तात लात रावन ˜ ȪǑ¡ मारा। कहत परम Ǒ¡  ˜ Ȳğ ǒ– … ȡšȡ@
@
 ȯǑ¡ Ȳ‚ › ȡǓ“ šƒ Ǖ” Ǔ ”Ǒ¡ Ȳआयउँ । ‘ȯͨ ‘ȣ“ Ĥ — Ǖके मन भायउँ ।।
सुनु सुत भयउ कालबस रावन। सो ͩ€ मान अब परम ͧ   ȡ “ @
@
’ ۙ ’ ۙ  ɇ’ ۙ ǒ–— ȢŸ“ @भयहु तात Ǔ“ ͧ  … š कुल भूषन।।
बंधु बंस  ɇ€ ȧÛ¡ उजागर। भजेहु राम सोभा सख
ु सागर।।
दो0-बचन € ˜ [मन कपट तिज भजेहु राम रनधीर।
जाहु न Ǔ“ ‡ पर सूझ ˜ ȪǑ¡ भयउँ कालबस बीर। 64।।
–*–*–
बंधु बचन   ǓǕ“ चला ǒ– — ȢŸ“ @आयउ जहँ ğȰ
› Ȫ€ ǒ– — ŸǗ “ @
@
नाथ भूधराकार   šȣšȡ@कंु भकरन आवत रनधीरा।।
एतना € ͪ” Û¡ सुना जब काना। ͩ€ › ͩ€ › ȡ^ धाए बलवाना।।
ͧ› f उठाइ ǒ–Š” \ ǽ भूधर। कटकटाइ ŒȡšǑ¡ Ȳता ऊपर।।
€ ȪǑŠ € ȪǑŠ ͬ‚ ǐš ͧ   š Ĥ¡ ȡšȡ@€ šǑ¡ Ȳभालु € ͪ” एक एक बारा।।
मरु ् यो न मन तनु टर् यो न टार् यो। ǔ‡ ͧ˜ गज \ €[ • › Ǔ“ को
˜ ȡ™ Ⱦ@
@
तब ˜ ȡǽ   Ǖ ˜ ǕǑ‹ € ȡ ¡ ۙ Ȫ@पर् यो ’ šǓ“ ޙ ȡ€ Ǖ› ͧ  š ’ Û
Ǖ™ Ȫ@
@
” ǕǓ“ ` Ǒ‹  ȯǑ¡ Ȳमारे उ हनुमंता। ƒ Ǖͧ˜ [ भूतल परे उ तरु ं ता।।
” ǓǕ“ नल “ Ȣ› Ǒ¡ \  Ǔ“ ”† ȡšȯͧ  @जहँ तहँ ”Šͩ€ ” Šͩ€ भट Œȡšȯͧ  @
@
… › ȣ – › ȣ˜ Ǖ सेन पराई। \ Ǔ भय ğͧ   न कोउ समह
ु ाई।।
दो0-\ Ȳ‚ ‘ȡǑ‘ € ͪ” ˜ ǽǕ Ǔ†  € ǐš समेत   ĒǕ Ȣ @
काँख ‘ȡǒ– € ͪ”šȡ‡ कहुँ चला \ ͧ˜  बल सींव।।65।।
–*–*–
उमा करत šƒ ”Ǖ Ǔ “ š› ȣ› ȡ@खेलत ‚ ǽ° ǔ‡ ͧ˜ \ Ǒ¡ ‚ “ मीला।।
— €ǙǕǑŠ भंग जो € ȡ› Ǒ¡ खाई।  ȡǑ¡ ͩ€ सोहइ gͧ  लराई।।
जग ”ȡ Ǔ“ € ȧšǓ ǒ–è ǐš¡ Ǒ¡ @
Ȳ गाइ गाइ — Ǔ“ ͬ’ नर  ǐš¡ Ǒ¡ @
Ȳ@
˜ Ǖǽ † ȡ गइ ˜ ȡǽ   Ǖ जागा।   ǕĒ ȢǑ¡ तब खोजन लागा।।
  ĒǕ Ȣ ¡ Ǖकै ˜ ǽǕ † ȡ बीती। Ǔ“ – €Ǖ गयउ  ȯǑ¡ मत
ृ क Ĥ  Ȣ Ȣ@
@
€ ȡŠȯͧ  दसन “ ȡͧ  € ȡ काना। गरिज अकास चलउ  ȯǑ¡ Ȳजाना।।
गहे उ चरन ‚ Ǒ¡ — Ǘͧ˜ पछारा। \ Ǔ लाघवँ ` Ǒ‹ ” ǕǓ“  ȯǑ¡ मारा।।
” ǕǓ“ आयसु Ĥ— Ǖ” Ǒ¡ Ȳबलवाना। ‡ ™ Ǔ ‡ ™ Ǔ जय € Ǚ” ȡǓ“ ’ ȡ“ ȡ@
@
नाक कान काटे िजयँ जानी। ͩ• šȡ Đ Ȫ’ € ǐš भइ मन ʛ ȡ“ Ȣ@
@
सहज भीम ” ǓǕ“ ǒ–“ ǕĮ ǓǕ नासा। दे खत € ͪ” दल उपजी ğȡ  ȡ@
@
दो0-जय जय जय रघब ु ंस ˜ Ǔ“ धाए € ͪ” दै हूह।
f € Ǒ¡ बार तासु पर † ȡ° ǔȯÛ¡ ͬ‚ ǐš  ǽ जह
ू ।।66।।
–*–*–
कंु भकरन रन रं ग ǒ– ǽƨ ȡ@  ۘ Ǖ चला काल जनु Đ Ǖƨ ȡ@ @
€ ȪǑŠ € ȪǑŠ € ͪ” ’ ǐš ’ ǐš खाई। जनु Šȣ°Ȣ ͬ‚ ǐš गुहाँ समाई।।
€ ȪǑŠÛ¡ ‚ Ǒ¡   šȣš सन ˜ ‘ȡ[@€ ȪǑŠÛ¡ मीिज ͧ˜ ›  ˜ Ǒ¡ ‚ ‘ȡ[@
@
मुख नासा Į  “ ǔÛ¡ € ȧȲबाटा। Ǔ“   ǐš ” šȡǑ¡ Ȳभालु € ͪ” ठाटा।।
रन मद ˜ ׏ Ǔ“   ȡ… š ‘” ȡ[@ǒ– è Ē ͧ  Ǒ¡ जनु f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ \ ”ȡ[@
@
मरु े सभ
ु ट सब ͩ• šǑ¡ Ȳन फेरे । सझ
ू न नयन   “Ǖ Ǒ¡ Ȳ“ Ǒ¡ Ȳटे रे।।
कंु भकरन € ͪ” फौज ǒ–Œȡšȣ@  ǓǕ“ धाई रजनीचर ’ ȡšȣ@
@
‘ȯͨ राम ǒ–€ › कटकाई। ǐš” Ǖअनीक नाना ǒ–ͬ’ आई।।
दो0-सुनु   ǕĒ Ȣ ǒ– — ȢŸ “ अनुज सँभारे हु सैन।
˜ ɇदे खउँ खल बल ‘› Ǒ¡ बोले रािजवनैन।।67।।
–*–*–
कर सारं ग सािज € ǑŠ भाथा। \ ǐš दल दलन चले रघुनाथा।।
Ĥ  ˜ € ȧÛ¡ Ĥ— Ǖधनुष टँ कोरा। ǐš” Ǖदल –ͬ’ š भयउ   ǕǓ“ सोरा।।
  י   Ȳ’ छाँड़े सर › Í † ȡ@€ ȡ›   ” [जनु चले   ” Í † ȡ@
@
जहँ तहँ चले ǒ–” ›Ǖ नाराचा। लगे कटन भट ǒ– € Š ͪ”  ȡ… ȡ@
@
€ ŠǑ¡ Ȳचरन उर ͧ  š भुजदं डा। बहुतक बीर ¡ ȪǑ¡ Ȳसत खंडा।।
ƒ Ǖͧ˜ [ƒ Ǖͧ˜ [घायल ˜ Ǒ¡ ” š¡ ȣȲ@` Ǒ‹   Ȳ— ȡǐš सुभट ” ǕǓ“ › š¡ ȣ@
Ȳ@
लागत बान जलद ǔ‡ ͧ˜ ‚ ȡ‡ ¡ ȣȲ@बहुतक दे खी € Ǒ‹ “ सर — ȡ‡ Ǒ¡ @
Ȳ@
ǽȲŒ Ĥ… ŒȲ मंड
ु ǒ–“ Ǖ’ ȡǑ¡ @
Ȳ ’ ǽ ’ ǽ ˜ ȡǾ ˜ ȡǽ ’ ǓǕ“ ‚ ȡ Ǒ¡ @
Ȳ@
दो0-छन महुँ Ĥ— Ǖके   ȡ™ € ǔÛ¡ काटे ǒ– € Š ͪ”   ȡ… @
” ǓǕ“ रघब
ु ीर Ǔ“ ŸȲ‚ महुँ Ĥ ǒ–  ȯसब नाराच।।68।।
–*–*–
कंु भकरन मन ‘ȣ ǒ– … ȡšȣ@¡ Ǔ धन माझ Ǔ“   ȡ… š ’ ȡšȣ@ @
भा \ Ǔ Đ Ǖƨ महाबल बीरा। ͩ€ ™ Ȫ मग
ृ नायक नाद गँभीरा।।
€ Ȫͪ” ˜ ¡ ȣ’ š लेइ ` ”ȡšȣ@डारइ जहँ ˜ €[Š भट — ȡšȣ@
@
आवत ‘ȯͨ सैल Ĥ— Ǘभारे ।   šǔÛ¡ € ȡǑŠ रज सम € ǐš डारे ।।।
” ǓǕ“ धनु  ȡǓ“ € Ȫͪ” रघन
ु ायक। छाँड़े \ Ǔ कराल बहु सायक।।
तनु महुँ Ĥǒ–ͧ  Ǔ“   ǐš सर ‡ ȡ¡ ȣȲ@ǔ‡ ͧ˜ ‘ȡͧ˜ Ǔ“ घन माझ   ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
  ȪǓ“  è𝏠सोह तन कारे । जनु € Ï ‡ › ͬ‚ ǐš ‚ ȯǽ पनारे ।।
ǒ– € › ǒ–› Ȫͩ€ भालु € ͪ” धाए। ǒ– ¡ ȱ  ȡ ‡ – Ǒ¡ ȲǓ“ € Š € ͪ” आए।।
दो0-महानाद € ǐš ‚ ‡ ȡ[€ ȪǑŠ € ȪǑŠ ‚ Ǒ¡ € ȧ  @
˜ Ǒ¡ पटकइ गजराज इव सपथ करइ दससीस।।69।।
–*–*–
भागे भालु –› ȣ˜ Ǖ जूथा। बक
ृ ु ǒ–› Ȫͩ€ ǔ‡ ͧ˜ मेष – Ǿ  ȡ@
@
चले — ȡͬ‚ € ͪ” भालु भवानी। ǒ–€ › पुकारत आरत बानी।।
यह Ǔ“ ͧ  … š दक
ु ाल सम अहई। € ͪ”€ Ǖ› दे स परन अब चहई।।
कृपा – ȡǐš’ š राम  šȡšȣ@” ȡǑ¡ ” ȡǑ¡ Ĥ “  ȡšǓ ¡ ȡšȣ@
@
  € ǽ“ बचन सुनत भगवाना। चले   Ǖ’ ȡǐš सरासन बाना।।
राम सेन Ǔ“ ‡ ”ȡ† ɇƒ ȡ› ȣ@चले सकोप महा –›   ȡ› ȣ@
@
 ͬɇ… धनुष सर सत संधाने। छूटे तीर   šȣš समाने।।
लागत सर धावा ǐš  भरा। कुधर डगमगत ŒȪ› Ǔ धरा।।
› ȣÛ¡ एक  ȯǑ¡ Ȳसैल ` ”ȡŠȣ@रघक
ु ु ल Ǔ › € भज
ु ा सोइ € ȡŠȣ@
@
धावा बाम बाहु ͬ‚ ǐš ’ ȡšȣ@Ĥ— Ǖसोउ भज
ु ा € ȡǑŠ ˜ Ǒ¡ ” ȡšȣ@
@
€ ȡŠɅभुजा सोह खल कैसा। ” Í † ¡ ȣ“ मंदर ͬ‚ ǐš जैसा।।
` Ē ǒ–› Ȫ€ Ǔ“ Ĥ— ǕǑ¡ ǒ–› Ȫ€ ȡ@Ē   “ चहत मानहुँ ğȯ
› Ȫ€ ȡ@
@
दो0-€ ǐš ͬ… Ȁ ȡš घोर \ Ǔ धावा बदनु ”  ȡǐš@
गगन ͧ  ƨ सुर ğȡͧ   हा हा ¡ ȯǓ ” Ǖ€ ȡǐš@ @70।।
–*–*–
सभय दे व € ǽ“ ȡǓ“ ͬ’ ‡ ȡۙ Ȫ@Į  “ Ĥ ‡ Ȳ सरासनु  ȡۙ Ȫ@
@
ǒ– ͧ   Ǔ“ € š Ǔ“ ͧ  … š मुख भरे ऊ।  ‘ͪ” महाबल — Ǘͧ˜ न परे ऊ।।
  šǔÛ¡ भरा मुख   ۘ Ǖ धावा। काल ğȪ“ सजीव जनु आवा।।
तब Ĥ— Ǖ€ Ȫͪ”  ȢĦ सर › ȣÛ¡ ȡ@धर ते ͧ— ۓ तासु ͧ  š € ȧÛ¡ ȡ@
@
सो ͧ  š परे उ दसानन ] ‚ Ʌ@ǒ– € › भयउ ǔ‡ ͧ˜ • Ǔ“ ˜ Ǔ“ י ȡ‚ Ʌ@
@
’ šǓ“ धसइ धर धाव Ĥ… ŒȲ ȡ@तब Ĥ — Ǖ€ ȡǑŠ € ȧÛ¡ दइु खंडा।।
परे — Ǘͧ˜ ǔ‡ ͧ˜ नभ  Ʌभूधर। हे ठ ‘ȡǒ– € ͪ” भालु Ǔ“   ȡ… š@
@
तासु तेज Ĥ— Ǖबदन समाना। सुर ˜ ǕǓ“   –Ǒ¡ Ȳअचंभव माना।।
सुर दं द
ु भ
ु ीं –‡ ȡǑ¡ Ȳ¡ šŸǑ¡ @
Ȳ \ è ǓǕ € šǑ¡ Ȳसम
ु न बहु – šŸ Ǒ¡ @
Ȳ@
€ ǐš ǒ–“  Ȣ सरु सकल ͧ  ’ ȡf @ ȯ¡ ȣ समय ‘ȯ ǐšͪŸ आए।।
‚ ‚ “ Ȫ”ǐš ¡ ǐš गन
ु गन गाए। ǽͬ… š बीररस Ĥ — Ǖमन भाए।।
–ȯͬ‚ हतहु खल € Ǒ¡ ˜ ǕǓ“ गए। राम समर ˜ Ǒ¡ सोभत भए।।
छं 0-  ȲĒ ȡ˜ — Ǘͧ˜ ǒ–šȡ‡ šƒ ”Ǖ Ǔ अतल
ु बल कोसल धनी।
Į ˜ ǒ– ‘Ȳ Ǖमुख राजीव लोचन \ ǽ“ तन   ȪǓ“  कनी।।
भजु जगु ल फेरत सर सरासन भालु € ͪ” चहु Ǒ‘ͧ  बने।
कह दास तलु सी € Ǒ¡ न सक † ǒ– सेष ‡ ȯǑ¡ आनन घने।।
दो0-Ǔ“ ͧ  … š अधम मलाकर  ȡǑ¡ ‘ȣÛ¡ Ǔ“ ‡ धाम।
ͬ‚ ǐš‡ ȡ ते नर ˜ Ȳ‘ ˜ Ǔ जे न — ‡ Ǒ¡ ȲĮ Ȣšȡ˜ @
@71।।
–*–*–
Ǒ‘“ €Ʌ अंत ͩ• šȣȲदोउ अनी। समर भई   Ǖ— ŠÛ¡ Į ˜ घनी।।
राम कृपाँ € ͪ” दल बल बाढ़ा। ǔ‡ ͧ˜ तन
ृ पाइ लाग \ Ǔ डाढ़ा।।
† Ȥ‡ Ǒ¡ ȲǓ“ ͧ  … š Ǒ‘“ Ǖ\ ǽ राती। Ǔ“ ‡ मुख € ¡ Ʌसुकृत ‡ ȯǑ¡ भाँती।।
बहु ǒ– › ȡ” दसकंधर करई। बंधु सीस ” ǓǕ“ ” ǓǕ“ उर धरई।।
šȪ Ǒ¡ Ȳ“ ȡǐš ǿ‘™ ¡ Ǔ पानी। तासु तेज बल ǒ–” ›Ǖ बखानी।।
मेघनाद  ȯǑ¡ अवसर आयउ। € Ǒ¡ बहु कथा ͪ”  ȡ समझ ु ायउ।।
दे खेहु € ȡͧ› ˜ Ȫǐš मनुसाई। \ – Ǒ¡ Ȳबहुत का € šɋ बड़ाई।।
^犑ȯ   ɇबल रथ पायउँ । सो बल तात न  ȪǑ¡ दे खायउँ ।।
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ ‡ 㔏 भयउ ǒ–¡ ȡ“ ȡ@चहुँ दआ
ु र लागे € ͪ” नाना।।
इत € ͪ” भालु काल सम बीरा। उत रजनीचर \ Ǔ रनधीरा।।
› šǑ¡ Ȳसभ
ु ट Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ जय हे त।ू – šǓ“ न जाइ समर खगकेत।ू ।
दो0-मेघनाद मायामय रथ … Ǒ± गयउ अकास।।
‚ ‡ ȶ̀ \ ͠¡ ȡ  € ǐš भइ € ͪ” € Š€ Ǒ¡ ğȡ  @@72।।
–*–*–
  ǔȏ सूल  šȡǐš कृपाना। \ èğ   èğ € Ǖͧ›   ȡ™ Ǖ’ नाना।।
डारह परसु ”ǐšƒ पाषाना। लागेउ – ǔǙçŠ करै बहु बाना।।
दस Ǒ‘ͧ  रहे बान नभ छाई। मानहुँ मघा मेघ ˆ ǐš लाई।।
’ ǽ ’ ǽ ˜ ȡǽ   ǓǕ“ \ ’ ǓǕ“ काना। जो मारइ  ȯǑ¡ कोउ न जाना।।
‚ Ǒ¡ ͬ‚ ǐš  ǽ अकास € ͪ” ’ ȡ Ǒ¡ @
Ȳ ‘ȯ Ǒ¡  ȯǑ¡ न ‘ ͨǕ  ͩ• ǐš
] Ǒ¡ @
Ȳ@
अवघट घाट बाट ͬ‚ ǐš कंदर। माया बल € ȧÛ¡ ȯͧ  सर पंजर।।
‡ ȡǑ¡ Ȳकहाँ ޙ ȡ€ Ǖ› भए बंदर।   Ǖš” Ǔ – ȲǑ‘ परे जनु मंदर।।
˜ ȡǽ   Ǖ अंगद नल नीला। € ȧÛ¡ ȯͧ  ǒ– € › सकल बलसीला।।
” ǕǓ“ › Ǔ† ˜ “   ǕĒ Ȣ ǒ– — ȢŸ “ @  šǔÛ¡ ˜ ȡǐš € ȧÛ¡ ȯͧ  ‡ ‡ š[ तन।।
” ǕǓ“ šƒ Ǖ” Ǔ   ɇजूझे लागा। सर छाँड़इ होइ › ȡ‚ Ǒ¡ Ȳनागा।।
ޙ ȡ› पास बस भए  šȡšȣ@è –  अनंत एक \ ǒ– € ȡšȣ@
@
नट इव कपट … ǐš कर नाना। सदा 蝏 ğȲ एक भगवाना।।
रन सोभा › ͬ‚ Ĥ— ǑǕ¡ Ȳबँधायो। नागपास ‘ȯ Û¡ भय पायो।।
दो0-ͬ‚ ǐš‡ ȡ जासु नाम ‡ ͪ” ˜ ǕǓ“ € ȡŠǑ¡ Ȳभव पास।
सो ͩ€ बंध तर आवइ ޙ ȡ” € ǒ– è Ǔ“ ȡ  @ @73।।
–*–*–
… ǐš राम के सगुन भवानी।  ͩ€[ न ‡ ȡǑ¡ Ȳ– Ǖͪƨ बल बानी।।
अस ǒ– … ȡǐš जे  ʙ ǒ–šȡ‚ Ȣ@šȡ˜ Ǒ¡ — ‡ Ǒ¡ Ȳ €[ सब י ȡ‚ Ȣ@
@
ޙ ȡ€ Ǖ› कटकु € ȧÛ¡ घननादा। ” ǕǓ“ भा Ĥ‚ Š कहइ ‘ –Ǖ ȡ[‘ ȡ@
@
जामवंत कह खल रहु ठाढ़ा।   ǓǕ“ € ǐš  ȡǑ¡ Đ Ȫ’ \ Ǔ बाढ़ा।।
बढ़
ू ‡ ȡǓ“ सठ छाँड़उ
े ँ  Ȫ¡ ȣ@› ȡ‚ ȯͧ  अधम पचारै ˜ Ȫ¡ ȣ@
@
अस € Ǒ¡ तरल ǒğ  Ǘ› चलायो। जामवंत कर ‚ Ǒ¡ सोइ धायो।।
˜ ȡǐšͧ  मेघनाद कै छाती। परा — Ǘͧ˜ ƒ Ǖͧ˜ [ सुरघाती।।
” ǕǓ“ ǐš  ȡ“ ‚ Ǒ¡ चरन ͩ• šȡ™ ȫ@˜ Ǒ¡ ” † ȡǐš Ǔ“ ‡ बल दे खरायो।।
बर Ĥ  ȡ‘ सो मरइ न मारा। तब ‚ Ǒ¡ पद लंका पर डारा।।
इहाँ ‘ȯ ǐšͪŸ ‚ ǽ° पठायो। राम समीप   ”Ǒ‘ सो आयो।।
दो0- ‚ ”Ǔ सब ’ ǐš खाए माया नाग – Ǿ  @
माया ǒ– ‚  भए सब हरषे बानर जूथ। 74(क)।।
‚ Ǒ¡ ͬ‚ ǐš पादप उपल नख धाए € ȧ  ǐš  ȡ^@
चले तमीचर ǒ– € ›  š गढ़ पर चढ़े पराइ।।74(ख)।।
–*–*–
मेघनाद के मरु छा जागी। ͪ” Ǒ¡ ǒ– › Ȫͩ€ लाज \ Ǔ लागी।।
तरु त गयउ ͬ‚ ǐš–š कंदरा। € šɋ अजय मख अस मन धरा।।
इहाँ ǒ–— ȢŸ “ ˜ Ȳğ ǒ–… ȡšȡ@सुनहु नाथ बल अतल
ु उदारा।।
मेघनाद मख करइ अपावन। खल मायावी दे व सतावन।।
‡ ɋ Ĥ — Ǖͧ  ƨ होइ सो ” ȡ^Ǒ¡ @नाथ –ȯͬ‚ ” ǓǕ“ ‡ ȢǓ न ‡ ȡ^Ǒ¡ @
@
  ǓǕ“ šƒ ”Ǖ Ǔ \ Ǔ   ™ सख
ु माना। बोले \ Ȳ‚ ‘ȡǑ‘ € ͪ” नाना।।
› Ǔ† ˜ “ संग जाहु सब भाई। करहु ǒ–’  Ȳ ‡ ʙ कर जाई।।
à
Ǖ ¡ › Ǔ† ˜ “ मारे हु रन j ¡ ȣ@‘ȯͨ सभय सुर दख
ु \ Ǔ ˜ Ȫ¡ ȣ@
@
मारे हु  ȯǑ¡ बल – Ǖͪƨ उपाई। ‡ ȯǑ¡ Ȳ† Ȥ‡ ȰǓ“ ͧ  … š सुनु भाई।।
जामवंत   ǕĒ Ȣ ǒ–— ȢŸ“ @सेन समेत रहे हु  ȢǓ“ ` जन।।
जब रघब
ु ीर ‘ȣǔÛ¡ अनस ु ासन। € ǑŠ Ǔ“ ŸȲ‚ € ͧ  सािज सरासन।।
Ĥ— ǕĤ ȡ” उर ’ ǐš रनधीरा। बोले घन इव ͬ‚ šȡ गँभीरा।।
‡ ɋ  ȯǑ¡ आजु –’ Ʌǒ–“ Ǖ] ɋ@तौ šƒ Ǖ” Ǔ सेवक न € ¡ ȡ ɋ@
@
‡ ɋ सत संकर € šǑ¡ Ȳसहाई।  ‘ͪ” हतउँ रघुबीर दोहाई।।
दो0-šƒ Ǖ” Ǔ चरन नाइ ͧ  ǽ चलेउ तरु ं त अनंत।
अंगद नील मयंद नल संग सभ ु ट हनम ु ंत।।75।।
–*–*–
जाइ € ͪ”Û¡ सो दे खा बैसा। ] ¡ ǕǓ दे त ǽͬ’ š \ ǽ —  ɇ ȡ@
@
€ ȧÛ¡ € ͪ” Û¡ सब ‡ ʙ ǒ–’  Ȳ ȡ@जब न उठइ तब € šǑ¡ ȲĤ   Ȳ  ȡ@
@
 ‘ͪ” न उठइ ’ šȯǔÛ¡ कच जाई। › ȡ ǔÛ¡ ¡ Ǔ ¡ Ǔ चले पराई।।
लै ǒğ  Ǖ› धावा € ͪ” भागे। आए जहँ रामानुज आगे।।
आवा परम Đ Ȫ’ कर मारा। ‚ ‡ [घोर रव – ȡšǑ¡ Ȳबारा।।
€ Ȫͪ” ˜ ǽ   Ǖ अंगद धाए। ¡ Ǔ ǒğ  Ǘ› उर ’ šǓ“ ͬ‚ šȡf @
@
Ĥ — Ǖकहँ † ȡȱ° ͧȯ  सल
ू Ĥ… ŒȲ ȡ@सर ¡ Ǔ कृत अनंत जग
ु खंडा।।
` Ǒ‹ – ¡ Ȫǐš ˜ ȡǽǓ जब
ु राजा। ¡  Ǒ¡ Ȳ€ Ȫͪ”  ȯǑ¡ घाउ न बाजा।।
ͩ• šȯबीर ǐš” Ǖमरइ न मारा। तब धावा € ǐš घोर ͬ… € ȡšȡ@
@
आवत ‘ȯͨ Đ Ǖƨ जनु काला। › Ǔ† ˜ “ छाड़े ǒ– ͧ   कराला।।
‘ȯ ȯͧ  आवत ”ǒ– सम बाना। तरु त भयउ खल अंतरधाना।।
ǒ– ǒ–’ बेष ’ ǐš करइ लराई। कबहुँक Ĥ‚ Š कबहुँ ‘ ǐǕš जाई।।
‘ȯͨ अजय ǐš” Ǖडरपे € ȧ  ȡ@परम Đ Ǖƨ तब भयउ \ ¡ ȣ  ȡ@ @
› Ǔ† ˜ “ मन अस ˜ Ȳğ Ǻ±ȡȡ@f Ǒ¡ ” ȡͪ”Ǒ¡ ˜ ɇबहुत खेलावा।।
  Ǖͧ˜ ǐš कोसलाधीस Ĥ ȡ”ȡ@सर संधान € ȧÛ¡ € ǐš दापा।।
छाड़ा बान माझ उर लागा। मरती बार कपटु सब י ȡ‚ ȡ@
@
दो0-रामानुज कहँ रामु कहँ अस € Ǒ¡ † ȡȱ° ͧȯ  Ĥ ȡ“ @
’ ۙ ’ ۙ तव जननी कह अंगद हनम ु ान।।76।।
–*–*–
ǒ– “ ǕĤ ™ ȡ  हनुमान उठायो। लंका ɮȡš šȡͨ ” ǕǓ“ आयो।।
तासु मरन   ǓǕ“ सरु ‚ Ȳ
’ – ȡ[@… Ǒ± ǒ–˜ ȡ“ आए नभ   –ȡ[@
@
–šͪŸ सम
ु न दं द
ु भ
ु ीं – ‡ ȡ Ǒ¡ @
Ȳ Į Ȣšƒ “Ǖ ȡ ǒ– ˜ › जसु ‚ ȡǑ¡ @
Ȳ@
जय अनंत जय जगदाधारा।  à
Ǖ ¡ Ĥ — Ǖसब ‘ȯ ǔÛ¡ Ǔ“ è ȡšȡ@
@
\ è ǓǕ € ǐš सुर ͧ  ƨ ͧ  ’ ȡf @› Ǔ† ˜ “ € Ǚ” ȡͧ  ے Ǖ”Ǒ¡ Ȳआए।।
सुत बध सुना दसानन ‡ –¡ ȣ@
Ȳ ˜ Ǖǽ Ǔ†  भयउ परे उ ˜ Ǒ¡  –¡ ȣȲ@
@
˜ Ȳ‘ Ȫ‘šȣ ǽ‘“ कर — ȡšȣ@उर ताड़न बहु — ȡȱǓ ” Ǖ€ ȡšȣ@
@
नगर लोग सब ޙ ȡ€ Ǖ› सोचा। सकल € ¡ Ǒ¡ Ȳदसकंधर पोचा।।
दो0-तब दसकंठ ǒ–ǒ– ’ ǒ– ͬ’   ˜ Ǖˆ ȡɃ सब “ ȡǐš@
“ è š Ǿ ” जगत सब दे खहु ǿ‘™ ȱǒ–… ȡǐš@
@77।।
–*–*–
Ǔ Û¡ Ǒ¡ ʙ ȡ“ उपदे सा रावन। आपुन मंद कथा सुभ पावन।।
पर उपदे स कुसल बहुतेरे। जे ] … šǑ¡ Ȳते नर न घनेरे।।
Ǔ“   ȡ ͧ  šȡǓ“ भयउ ͧ— “  
Ǖ ȡšȡ@लगे भालु € ͪ” … ȡǐš¡ Ǖȱɮȡšȡ@
@
सभ
ु ट बोलाइ दसानन बोला। रन   ۘ Ǖ जा कर मन डोला।।
सो \ –¡ ȣȲ–ǽ जाउ पराई। संजुग ǒ–˜ Ǖ भएँ न भलाई।।
Ǔ“ ‡ भुज बल ˜ ɇ–™ ǽ बढ़ावा। दे हउँ `  ǽ जो ǐš” Ǖ… Ǒ± आवा।।
अस € Ǒ¡ ˜ ǽ बेग रथ साजा। बाजे सकल जुझाऊ बाजा।।
चले बीर सब \  ͧǕ›  –› ȣ@जनु € Ï ‡ › कै आँधी … › ȣ@
@
असगन
ु \ ͧ˜  ¡ ȪǑ¡ Ȳ ȯǑ¡ काला। गनइ न भज
ु बल ‚ – [ǒ–   ȡ› ȡ@
@
छं 0-\ Ǔ ‚ – [गनइ न सगुन असगुन èğǑ¡ Ȳआयुध हाथ ते।
भट ͬ‚ š रथ ते बािज गज ͬ… Ȁ š — ȡ‡ Ǒ¡ Ȳसाथ ते।।
गोमाय गीध कराल खर रव è ȡ“ – Ȫ› Ǒ¡ Ȳ\ Ǔ घने।
जनु कालदत
ू उलक
ू – Ȫ› Ǒ¡ Ȳबचन परम भयावने।।
दो0- ȡǑ¡ ͩ€   Ȳ” Ǔ सगन
ु सभ ु सपनेहुँ मन ǒ– Į ȡ˜ @
भतू ġȪ¡ रत मोहबस राम ǒ–˜ Ǖ šǓ काम।।78।।
–*–*–
चलेउ Ǔ“   ȡ… š कटकु अपारा। …  šǕȲͬ‚ “ Ȣ अनी बहु धारा।।
ǒ– ǒ–’ — ȡȱǓ बाहन रथ जाना। ǒ– ” Ǖ› बरन पताक ڝ ‡ नाना।।
चले ˜ ׏ गज जूथ घनेरे। Ĥ ȡǒ– Š जलद ˜ ǽ जनु Ĥȯšȯ@
@
बरन बरद ǒ–š‘Ȱ Ǔ“ € ȡ™ ȡ@समर सूर ‡ ȡ“ Ǒ¡ Ȳबहु माया।।
\ Ǔ ǒ–ͬ… ğ –ȡǑ¡ “ Ȣ ǒ–šȡ‡ Ȣ@बीर बसंत सेन जनु साजी।।
चलत कटक Ǒ‘‚ ͧ  ’ šȲǕ Œ‚ ¡ ȣȲ@† Ǖͧ—  ” ™ Ȫͬ’ कुधर Œ‚ ˜ ‚ ¡ ȣȲ@
@
` ‹ Ȥ रे नु šǒ– गयउ छपाई। ˜ ǽ  ͩ€  बसध
ु ा अकुलाई।।
पनव Ǔ“   ȡ“ घोर रव –ȡ‡ Ǒ¡ @
Ȳ Ĥ› ™ समय के घन जनु ‚ ȡ‡ Ǒ¡ @
Ȳ@
— ȯǐš “ • ȧǐš बाज सहनाई। ˜ ȡǾ राग सुभट सुखदाई।।
€ȯ¡ ǐš नाद बीर सब € š¡ ȣȲ@Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ बल ” ȫǽŸ ` Í … š¡ ȣȲ@
@
कहइ दसानन सन
ु हु   —
Ǖ ͠ȡ@˜ ‘[¡ Ǖभालु € ͪ” Û¡ के ‹ ͠ȡ@
@
¡ ɋ ˜ ȡǐš¡ `ȱभप
ू ɮȫ भाई। अस € Ǒ¡   ۘ Ǖ फौज šɅ‚ ȡ_@
@
यह   Ǖͬ’ सकल € ͪ”Û¡ जब पाई। धाए € ǐš रघुबीर दोहाई।।
छं 0-धाए ǒ–  ȡ› कराल ˜ €[Š भालु काल समान ते।
मानहुँ   ” Í † ` °ȡǑ¡ Ȳभूधर बंद
ृ नाना बान ते।।
नख दसन सैल ˜ ¡ ȡġ ˜Ǖ ȡ™ ’Ǖ सबल संक न ˜ ȡ“ ¡ ȣȲ@
जय राम रावन ˜ ׏ गज मग
ृ राज सज
ु सु –  ȡ“ ¡ ȣȲ@
@
दो0-दहु ु Ǒ‘ͧ  जय जयकार € ǐš Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ ‡ Ȫšȣ ‡ ȡǓ“ @
ͧ— šȯबीर इत šȡ˜ Ǒ¡ उत šȡ“ Ǒ¡ – ȡǓ“ @@79।।
–*–*–
रावनु रथी ǒ–š रघबु ीरा। ‘ȯͨ ǒ– — ȢŸ“ भयउ अधीरा।।
\ ͬ’ € ĤȢǓ मन भा संदेहा। –ȲǑ‘ चरन कह   Ǒ¡  सनेहा।।
नाथ न रथ “ Ǒ¡ Ȳतन पद ğȡ“ ȡ@€ȯǑ¡ ǒ– ͬ’ िजतब बीर बलवाना।।
सुनहु सखा कह € Ǚ”ȡǓ“ ’ ȡ“ ȡ@‡ ȯǑ¡ Ȳजय होइ सो è™ Ȳ‘ “ आना।।
सौरज धीरज  ȯǑ¡ रथ चाका।   י सील Ǻ± ڝ ‡ ȡ पताका।।
बल ǒ– –ȯ€ दम ” šǑ¡  घोरे । छमा कृपा समता रजु जोरे ।।
ईस भजनु सारथी सज
ु ाना। ǒ–šǓ … ˜ [संतोष कृपाना।।
दान परसु – ͬǕ’   ǔȏ Ĥ… °Ȳ ȡ@बर ǒ–Ê™ ȡ“ € Ǒ‹ “ कोदं डा।।
अमल अचल मन ğȪ“ समाना। सम जम Ǔ“ ™ ˜ ͧ  › ȣ˜ Ǖ नाना।।
कवच अभेद ǒ–Ĥ गुर पूजा। f Ǒ¡ सम ǒ–‡ ™ उपाय न दज
ू ा।।
सखा ’ ˜ ˜[ ™ अस रथ ‡ ȡ€Ʌ@जीतन कहँ न कतहुँ ǐš” Ǖ ȡ€Ʌ@
@
दो0-महा अजय संसार ǐš” Ǖ‡ ȢǓ सकइ सो बीर।
‡ ȡ€Ʌअस रथ होइ Ǻ± सन
ु हु सखा ˜ Ǔ ’ Ȣš@
@80(क)।।
  ǓǕ“ Ĥ— Ǖबचन ǒ– — ȢŸ“ ¡ šͪŸ गहे पद कंज।
f Ǒ¡ ͧ˜   ˜ ȪǑ¡ उपदे सेहु राम कृपा सुख पुंज।।80(ख)।।
उत पचार दसकंधर इत अंगद हनुमान।
लरत Ǔ“   ȡ… š भालु € ͪ” € ǐš Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ Ĥ — Ǖआन।।80(ग)।।
–*–*–
सुर Ħ é˜ ȡǑ‘ ͧ  ƨ ˜ ǕǓ“ नाना। दे खत रन नभ चढ़े ǒ– ˜ ȡ“ ȡ@
@
हमहू उमा रहे  ȯǑ¡ संगा। दे खत राम … ǐš रन रं गा।।
सभ
ु ट समर रस दहु ु Ǒ‘ͧ  माते। € ͪ” जयसील राम बल ताते।।
एक एक सन ͧ— šǑ¡ Ȳ” … ȡšǑ¡ @
Ȳ f € Û¡ एक ˜ Ǒ‘[ ˜ Ǒ¡ ” ȡšǑ¡ @
Ȳ@
˜ ȡšǑ¡ Ȳ€ ȡŠǑ¡ Ȳ’ šǑ¡ Ȳ”† ȡšǑ¡ @
Ȳ सीस  Ȫǐš   Ȣ  Û¡ सन ˜ ȡšǑ¡ @
Ȳ@
उदर ǒ– ‘ȡšǑ¡ Ȳभुजा ` ” ȡšǑ¡ @
Ȳ ‚ Ǒ¡ पद \  Ǔ“ ” Šͩ€ भट ŒȡšǑ¡ @
Ȳ@
Ǔ“ ͧ  … š भट ˜ Ǒ¡ ‚ ȡ°Ǒ¡ भालू। ऊपर ȡǐš ‘ȯǑ¡ Ȳबहु बालू।।
बीर –ͧ› ˜ Ǖ ‡ Ǖƨ ǒ–ǽƨ ȯ@‘ȯͨ \  ǒ– ” Ǖ› काल जनु Đ Ǖƨ ȯ@
@
छं 0-Đ Ǖƨ ȯकृतांत समान € ͪ” तन è𝠏   ȪǓ“  šȡ‡ ¡ ȣȲ@
˜ ‘[Ǒ¡ ȲǓ“   ȡ… š कटक भट बलवंत घन ǔ‡ ͧ˜ ‚ ȡ‡ ¡ ȣȲ@
@
˜ ȡšǑ¡ Ȳ… ”ȯŠ ǔÛ¡ ŒȡǑŠ ‘ȡ Û¡ € ȡǑŠ › ȡ Û¡ ˜ Ȣ‡ ¡ ȣȲ@
ͬ… Ȁ šǑ¡ Ȳ˜ €[Š भालु छल बल € šǑ¡ Ȳ‡ ȯǑ¡ Ȳखल † Ȥ‡ ¡ ȣȲ
@@
’ ǐš गाल • ȡšǑ¡ Ȳउर ǒ–‘ȡšǑ¡ Ȳगल \ ȱ ȡ ǐš ˜ ȯ› ¡ ȣȲ@
Ĥ ¡ › ȡ‘”Ǔ जनु ǒ–ǒ–’ तनु ’ ǐš समर अंगन  ȯ› ¡ ȣȲ@
@
’ ǽ ˜ ȡǽ काटु ”† ȡǽ घोर ͬ‚ šȡ गगन ˜ Ǒ¡ — ǐš š¡ ȣ@
जय राम जो तन
ृ ते € Ǖͧ›   कर € Ǖͧ›   ते कर तन
ृ   ¡ ȣ@
@
दो0-Ǔ“ ‡ दल ǒ–… ›  ‘ȯ ȯͧ  बीस भज
ु ाँ दस चाप।
रथ … Ǒ± चलेउ दसानन ͩ• š¡ Ǖͩ• š¡ Ǖ€ ǐš दाप।।81।।
–*–*–
धायउ परम Đ Ǖƨ दसकंधर।   ۘ Ǖ चले हूह दै बंदर।।
‚ Ǒ¡ कर पादप उपल पहारा। ŒȡšȯǔÛ¡ ता पर f € Ǒ¡ Ȳबारा।।
› ȡ‚ Ǒ¡ Ȳसैल –ė तन तासू। खंड खंड होइ • ǗŠǑ¡ Ȳआसू।।
चला न अचल रहा रथ रोपी। रन ‘ ˜Ǖ ‘[ रावन \ Ǔ कोपी।।
इत उत ˆ ”ǑŠ ‘”ǑŠ € ͪ” जोधा। ˜ ‘ȷलाग भयउ \ Ǔ Đ Ȫ’ ȡ@
@
चले पराइ भालु € ͪ” नाना। ğȡǑ¡ ğȡǑ¡ अंगद हनम
ु ाना।।
” ȡǑ¡ ”ȡǑ¡ रघब
ु ीर गोसाई। यह खल खाइ काल € ȧ नाई।।
 ȯǑ¡ दे खे € ͪ” सकल पराने। दसहुँ चाप सायक संधाने।।
छं 0-  Ȳ’ ȡǓ“ धनु सर Ǔ“ € š † ȡ° ͧȯ  उरग ǔ‡ ͧ˜ ` ͫ° › ȡ‚ ¡ ȣȲ@
रहे ” Ǘǐš सर धरनी गगन Ǒ‘ͧ  ǒ– ‘ͧ  कहँ € ͪ” — ȡ‚ ¡ ȣȲ
@@
भयो \ Ǔ कोलाहल ǒ–€ › € ͪ” दल भालु –Ȫ› Ǒ¡ Ȳआतरु े ।
रघुबीर € ǽ“ ȡ ͧ  ’Ȳ Ǖआरत बंधु जन šÍ † € हरे ।।
दो0-Ǔ“ ‡ दल ǒ–€ › ‘ȯͨ € ǑŠ € ͧ  Ǔ“ ŸȲ‚ धनु हाथ।
› Ǔ† ˜ “ चले Đ Ǖƨ होइ नाइ राम पद माथ।।82।।
–*–*–
रे खल का ˜ ȡšͧ  € ͪ” भालू। ˜ ȪǑ¡ ǒ– › Ȫ€ Ǖ तोर ˜ ɇकालू।।
खोजत रहे उँ  ȪǑ¡ सत
ु घाती। आजु Ǔ“ ” ȡǓ जड़
ु ावउँ छाती।।
अस € Ǒ¡ † ȡ° ͧȯ  बान Ĥ… ŒȲ ȡ@› Ǔ† ˜ “ ͩ€ f सकल सत खंडा।।
€ ȪǑŠÛ¡ आयध
ु रावन डारे । Ǔ › Ĥ ȡ“ € ǐš € ȡǑŠ Ǔ“ ȡšȯ@
@
” ǕǓ“ Ǔ“ ‡ –ȡ“ Û¡ € ȧÛ¡ Ĥ ¡ ȡšȡ@è™ Ȳ‘ “ Ǖभंिज सारथी मारा।।
सत सत सर मारे दस भाला। ͬ‚ ǐš   Ȳ‚Ǚ Û¡ जनु Ĥǒ–   Ǒ¡ Ȳޙ ȡ› ȡ@
@
” ǕǓ“ सत सर मारा उर ˜ ȡ¡ ȣȲ@परे उ ’ šǓ“ तल   Ǖͬ’ कछु “ ȡ¡ ȣȲ@
@
उठा Ĥ–› ” ǓǕ“ ˜ ǽǕ † ȡ जागी। † ȡͫ°ͧ  Ħé˜ ‘ȣǔÛ¡ जो साँगी।।
छं 0-सो Ħé˜ ‘׏ Ĥ… ŒȲ   ǔȏ अनंत उर लागी   ¡ ȣ@
” ™ Ⱦ बीर ǒ– € › उठाव दसमुख अतल
ु बल ˜ Ǒ¡ ˜ ȡ š¡ ȣ@
@
Ħ é˜ ȡȲŒ भवन ǒ–šȡ‡ ‡ ȡ€Ʌएक ͧ  š ǔ‡ ͧ˜ रज कनी।
 ȯǑ¡ चह उठावन मूढ़ रावन जान “ Ǒ¡ Ȳǒğ— Ǖ\ “ धनी।।
दो0-‘ȯͨ पवनसत
ु धायउ बोलत बचन कठोर।
आवत € ͪ”Ǒ¡ ¡ ۙ Ȫ  ȯǑ¡ Ȳ˜ ǔǕçŠ Ĥ¡ ȡš Ĥ ƒ Ȫš@
@83।।
–*–*–
जानु Šȯͩ€ € ͪ” — ͧǗ˜ न ͬ‚ šȡ@उठा   ȱ— ȡǐš बहुत ǐš  भरा।।
˜ ǑǕ‹ € ȡ एक  ȡǑ¡ € ͪ” मारा। परे उ सैल जनु –ė Ĥ ¡ ȡšȡ@
@
˜ Ǖǽ † ȡ गै –¡ Ȫǐš सो जागा। € ͪ” बल ǒ– ” Ǖ› सराहन लागा।।
ͬ’ ‚ ͬ’ ‚ मम ”ȫǽŸ ͬ’ ‚ ˜ Ȫ¡ ȣ@‡ ɋ  ɇिजअत š¡ ȯͧ    ǕšġȪ¡ ȣ@
@
अस € Ǒ¡ › Ǔ† ˜ “ कहुँ € ͪ” 㙠ȡ™ Ȫ@‘ȯͨ दसानन ǒ–   ˜ ™ पायो।।
कह रघब ु ीर समझु ु िजयँ ħ ȡ ȡ@ à
Ǖ ¡ कृतांत — Í † € सरु ğȡ ȡ@
@
सन
ु त बचन ` Ǒ‹ बैठ कृपाला। गई गगन सो   € Ǔ कराला।।
” ǓǕ“ कोदं ड बान ‚ Ǒ¡ धाए। ǐš” Ǖ  ۘ Ǖ \ Ǔ आतरु आए।।
छं 0-आतरु –¡ Ȫǐš ǒ–— Ȳǔ‡ è™ Ȳ‘ “ सूत ¡ Ǔ ޙ ȡ€ Ǖ› ͩ€ ™ Ȫ@
ͬ‚ šQ
यो ’ šǓ“ दसकंधर ǒ–€ ›  š बान सत –ȯڙ Ȫ Ǒ¡ ™ Ȫ@
@
सारथी दस
ू र ƒ ȡͧ› रथ  ȯǑ¡ तुरत लंका लै गयो।
रघब
ु ीर बंधु Ĥ  ȡ” पंज
ु –¡ Ȫǐš Ĥ — Ǖ… š“ ǔÛ¡ नयो।।
दो0-उहाँ दसानन ‡ ȡͬ‚ € ǐš करै लाग कछु ‡ ʙ @
राम ǒ–šȪ’ ǒ– ‡ ™ चह सठ हठ बस \ Ǔ \ ʙ @ @84।।
–*–*–
इहाँ ǒ–— ȢŸ “ सब   ͬǕ’ पाई।   ”Ǒ‘ जाइ šƒ ”Ǖ Ǔ Ǒ¡ सन
ु ाई।।
नाथ करइ रावन एक जागा। ͧ  ƨ भएँ “ Ǒ¡ Ȳ˜ ǐšǑ¡ अभागा।।
पठवहु नाथ –ȯͬ‚ भट बंदर। € šǑ¡ Ȳǒ– ’  Ȳ आव दसकंधर।।
Ĥ ȡ होत Ĥ— Ǖसुभट पठाए। ¡ “ Ǖ˜ ‘ȡǑ‘ अंगद सब धाए।।
कौतक
ु € ǗǑ‘ चढ़े € ͪ” लंका। पैठे रावन भवन असंका।।
‡ ʙ करत ‡ – ¡ ȣȲसो दे खा। सकल € ͪ” Û¡ भा Đ Ȫ’ ǒ–   ȯŸ ȡ@
@
रन ते Ǔ“ › ‡ भािज गह
ृ आवा। इहाँ आइ बक ڙ ȡ“ लगावा।।
अस € Ǒ¡ अंगद मारा लाता। ͬ…   न सठ è ȡš मन राता।।
छं 0-“ Ǒ¡ Ȳͬ…   जब € ǐš कोप € ͪ” ‚ Ǒ¡ दसन › ȡ Û¡ ˜ ȡš¡ ȣȲ@
’ ǐš केस “ ȡǐš Ǔ“ € ȡǐš बाहे र  ȯMǓ ‘ȣ“ ” Ǖ€ ȡš¡ ȣȲ@
@
तब उठे उ Đ Ǖƨ कृतांत सम ‚ Ǒ¡ चरन बानर डारई।
f Ǒ¡ बीच € ͪ”Û¡ ǒ–’  Ȳ कृत मख ‘ȯͨ मन महुँ हारई।।
दो0-‡ ʙ ǒ–’ ͧȲ  कुसल € ͪ” आए šƒ ”Ǖ Ǔ पास।
चलेउ Ǔ“   ȡ… š Đ Ǖƨ [होइ י ȡͬ‚ िजवन कै आस।।85।।
–*–*–
चलत ¡ ȪǑ¡ Ȳ\ Ǔ असभ
ु भयंकर। – Ȱ‹ Ǒ¡ Ȳगीध उड़ाइ ͧ  šÛ¡ पर।।
भयउ कालबस काहु न माना। € ¡ ȯͧ  बजावहु ‡ ƨǕ Ǔ“   ȡ“ ȡ@
@
… › ȣ तमीचर अनी अपारा। बहु गज रथ ”‘ȡǓ असवारा।।
Ĥ — Ǖ  ۘ Ǖ धाए खल €ɇ  Ʌ@सलभ समूह अनल कहँ ‡  ɇ Ʌ@
@
इहाँ ‘ȯ  Û¡ \ è ǓǕ € ȧÛ¡ ȣ@‘ȡǽ“ ǒ–” Ǔ ¡ ˜ Ǒ¡ f Ǒ¡ Ȳ‘ȣÛ¡ ȣ@
@
अब ‡ Ǔ“ राम खेलावहु f ¡ ȣ@\ Ǔ   ™ ‘ ͨǕ  ¡ ȪǓ – Ȱ‘ȯ¡ ȣ@
@
दे व बचन   ǓǕ“ Ĥ — Ǖमस
ु काना। ` Ǒ‹ रघब
ु ीर सध
ु ारे बाना।
जटा जट
ू Ǻ± बाँधै माथे।   Ȫ¡ Ǒ¡ Ȳसम
ु न बीच ǒ–… गाथे।।
\ ǽ“ नयन – ȡǐš‘ तनु è™ ȡ˜ ȡ@\ ͨ › लोक › Ȫ… “ ȡͧ— šȡ˜ ȡ@
@
€ ǑŠ Š ” ǐš€ š € è™ Ȫ Ǔ“ ŸȲ‚ ȡ@कर कोदं ड € Ǒ‹ “ सारं गा।।
छं 0-सारं ग कर सुंदर Ǔ“ Ÿ Ȳ‚ ͧ  › ȣ˜ Ǖ ȡ€ š € ǑŠ € è™ Ȫ@
भज
ु दं ड पीन मनोहरायत उर धरासरु पद › è™ Ȫ@
@
कह दास तल
ु सी ‡ –Ǒ¡ ȲĤ — Ǖसर चाप कर फेरन लगे।
Ħ é˜ ȡȲŒ Ǒ‘Ê‚ ‡ कमठ \ Ǒ¡ ˜ Ǒ¡ ͧ  ’Ȳ Ǖभध
ू र डगमगे।।
दो0-सोभा ‘ȯͨ ¡ šͪŸ सुर –šŸǑ¡ Ȳसुमन अपार।
जय जय जय € ǽ“ ȡǓ“ ͬ’ † ǒ– बल गुन आगार।।86।।
–*–*–
f ¡ ȣȲबीच Ǔ“   ȡ… š अनी। कसमसात आई \ Ǔ घनी।
‘ȯͨ चले   ۘ Ǖ € ͪ” — ͠ȡ@Ĥ › ™ € ȡ› के जनु घन ƒ ͠ȡ@
@
बहु कृपान  šȡǐš … ˜ Ȳ€ Ǒ¡ @
Ȳ जनु दहँ Ǒ‘ͧ  ‘ȡͧ˜ “ ȢȲ‘˜ Ȳ€ Ǒ¡ @
Ȳ@
गज रथ तरु ग ͬ… € ȡš कठोरा। ‚ ‡ Ǒ[¡ Ȳमनहुँ बलाहक घोरा।।
€ ͪ” लंगूर ǒ– ” Ǖ› नभ छाए। मनहुँ ^Ȳġ ’ “ Ǖउए सुहाए।।
उठइ ’ ǐǗš मानहुँ जलधारा। बान बंदु भै – ǔǙçŠ अपारा।।
दहु ु ँ Ǒ‘ͧ  ”– [ € šǑ¡ ȲĤ¡ ȡšȡ@– ė ”ȡ जनु – ȡšǑ¡ Ȳबारा।।
šƒ ”Ǖ Ǔ € Ȫͪ” बान ˆ ǐš लाई। घायल भै Ǔ“ ͧ  … š समद
ु ाई।।
लागत बान बीर ͬ… Ȁ š¡ ȣȲ@ƒ Ǖͧ˜ [ƒ Ǖͧ˜ [जहँ तहँ ˜ Ǒ¡ ”š¡ ȣȲ@
@
èğ Ǒ¡ Ȳसैल जनु Ǔ“ ˆ š[ — ȡšȣ@  ȪǓ“    ǐš कादर — ™ € ȡšȣ@
@
छं 0-कादर भयंकर ǽͬ’ š   ǐš ȡ … › ȣ परम अपावनी।
दोउ कूल दल रथ रे त … Đ \ –  [– ¡ Ǔ भयावनी।।
जल जंतग
ु ज पदचर तरु ग खर ǒ– ǒ– ’ बाहन को गने।
सर   ǔȏ तोमर   ” [चाप तरं ग … ˜ [कमठ घने।।
दो0-बीर ”šǑ¡ Ȳजनु तीर  ǽ ˜ Ï ‡ ȡ बहु बह फेन।
कादर ‘ȯͨ ŒšǑ¡ Ȳतहँ   Ǖ— ŠÛ¡ के मन चेन।।87।।
–*–*–
˜ Ï ‡ Ǒ¡ भूत ͪ”  ȡ… बेताला। Ĥ ˜  महा ˆ ȪǑŠȲ
‚ कराला।।
काक कंक लै भुजा ` °ȡ¡ ȣȲ@एक ते † ȤǓ“ एक लै  ȡ¡ ȣȲ@
@
एक € ¡ Ǒ¡ Ȳgͧ  `   ɋƒ ȡ_@सठहु  à
Ǖ ¡ ȡš ‘ǐšġ न जाई।।
कहँरत भट घायल तट ͬ‚ šȯ@जहँ तहँ मनहुँ \ ’ ‡[ › परे ।।
 …ɇ Ǒ¡ Ȳगीध आँत तट भए। जनु बंसी खेलत ͬ…  दए।।
बहु भट – ¡ Ǒ¡ Ȳचढ़े खग ‡ ȡ¡ ȣȲ@जनु “ ȡǐš  ȯ› Ǒ¡ Ȳ  ǐš ˜ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
‡ Ȫͬ‚ Ǔ“ — ǐš — ǐš  ܔš   Ȳ… Ǒ¡ @
Ȳ भूत ͪ”   ȡ… बधू नभ “ Ȳ… Ǒ¡ @Ȳ@
भट कपाल करताल – ‡ ȡ Ǒ¡ @
Ȳ चामंड
ु ा नाना ǒ–ͬ’ ‚ ȡǑ¡ @
Ȳ@
जंबकु Ǔ“ € š € ŠÈ€ Š € ͠Ǒ¡ @Ȳ  ȡǑ¡ Ȳ¡ Ǖ] Ǒ¡ Ȳ\ ƒ ȡǑ¡ Ȳ‘”͠Ǒ¡ @
Ȳ@
€ ȪǑŠÛ¡ ǽȲŒ मंड
ु ǒ–“ ǕŒȪ㛠Ǒ¡ @
Ȳ सीस परे ˜ Ǒ¡ जय जय –Ȫ㛠Ǒ¡ @ Ȳ@
छं 0-– Ȫ㛠Ǒ¡ Ȳजो जय जय मुंड ǽȲŒ Ĥ… ŒȲ ͧ  š ǒ–“ Ǖ’ ȡ ¡ ȣȲ@
 ܔǐšÛ¡  ʂ \ › ǕǔÏ ˆ ‡ ǕÏ ˆ Ǒ¡ Ȳसुभट — ŠÛ¡ ¡ ȡ ¡ ȣȲ@
@
बानर Ǔ“   ȡ… š Ǔ“ € š ˜ ‘[Ǒ¡ Ȳराम बल ‘ͪ” [ भए।
  ȲĒ ȡ˜ अंगन सभ
ु ट   ȪǑ¡ Ȳराम सर Ǔ“ € šǔÛ¡ हए।।
दो0-रावन ǿ‘™ ȱǒ–… ȡšȡ भा Ǔ“ ͧ  … š संघार।
˜ ɇअकेल € ͪ” भालु बहु माया € šɋ अपार।।88।।
–*–*–
‘ȯ Û¡ Ĥ— ǑǕ¡ ”™ ȡ‘Ʌदे खा। उपजा उर \ Ǔ छोभ ǒ–  ȯŸ ȡ@
@
  Ǖš”Ǔ Ǔ“ ‡ रथ तरु त पठावा। हरष   Ǒ¡  ˜ ȡ ͧ› लै आवा।।
तेज पुंज रथ Ǒ‘Þ™ अनूपा। ¡ šͪŸ चढ़े कोसलपुर भूपा।।
चंचल तरु ग मनोहर … ȡšȣ@अजर अमर मन सम ‚ Ǔ € ȡšȣ@
@
š ȡǾ ± šƒ “Ǖ ȡ Ǒ¡ दे खी। धाए € ͪ” बलु पाइ ǒ–  ȯŸ Ȣ@
@
  ¡ ȣ न जाइ € ͪ”Û¡ कै ˜ ȡšȣ@तब रावन माया ǒ– è ȡšȣ@
@
सो माया šƒ –Ǖ ȢšǑ¡ बाँची। › Ǔ† ˜ “ € ͪ” Û¡ सो मानी साँची।।
दे खी € ͪ”Û¡ Ǔ“   ȡ… š अनी। अनुज   Ǒ¡  बहु कोसलधनी।।
छं 0-बहु राम › Ǔ† ˜ “ ‘ȯͨ ˜ €[Š भालु मन \ Ǔ अपडरे ।
जनु ͬ… ğ ͧ› ͨ  समेत › Ǔ† ˜ “ जहँ सो तहँ ͬ…   Ǒ¡ Ȳखरे ।।
Ǔ“ ‡ सेन … ͩ€  ǒ–› Ȫͩ€ ¡ ȱͧ  सर चाप सिज कोसल धनी।
माया ¡ šȣ ¡ ǐš Ǔ“ ͧ˜ Ÿ महुँ हरषी सकल ˜ €[Š अनी।।
दो0-–¡ Ǖǐš राम सब तन ͬ…  ^ बोले बचन गँभीर।
ɮ Ȳ‘ ‡ ƨǕ दे खहु सकल Į ͧ˜  भए \ Ǔ बीर।।89।।
–*–*–
अस € Ǒ¡ रथ रघन ु ाथ चलावा। ǒ– Ĥ चरन पंकज ͧ  ǽ नावा।।
तब लंकेस Đ Ȫ’ उर छावा। ‚ ‡ [  ‡ [   ۘ Ǖ धावा।।
जीतेहु जे भट संजग
ु ˜ ȡ¡ ȣȲ@सन
ु ु तापस ˜ ɇǓ Û¡ सम “ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
रावन नाम जगत जस जाना। लोकप ‡ ȡ€Ʌ– Ȳ‘ ȣ ȡ“ ȡ@
@
खर दष ू न ǒ–šȡ’  àǕ ¡ मारा। बधेहु ޙ ȡ’ इव – ȡͧ› ǒ–… ȡšȡ@ @
Ǔ“ ͧ  … š Ǔ“ € š सुभट संघारे हु। कंु भकरन ƒ “ “ ȡ‘Ǒ¡ मारे हु।।
आजु –™ ǽ सबु लेउँ Ǔ“ –ȡ¡ ȣ@‡ ɋ रन भप
ू भािज “ Ǒ¡ Ȳ‡ ȡ¡ ȣȲ@
@
आजु करउँ खलु काल हवाले। परे हु € Ǒ‹ “ रावन के पाले।।
  ǕǓ“ ‘ –Ǖ …[ “ कालबस जाना। ǒ–¡ ȱͧ  बचन कह € Ǚ” ȡǓ“ ’ ȡ“ ȡ@
@
  י   י सब तव Ĥ— Ǖ ȡ_@‡ 㔠ͧ  ‡ Ǔ“ दे खाउ मनुसाई।।
छं 0-‡ Ǔ“ ‡ 㔠“ ȡ € ǐš सुजसु “ ȡ  Ǒ¡ “ ȢǓ   Ǖ“ Ǒ¡ € šǑ¡ छमा।
संसार महँ ” ǽǗ Ÿ ǒğǒ– ’ पाटल रसाल पनस समा।।
एक   ˜Ǖ “ Ĥ‘ एक सम
ु न फल एक फलइ केवल › ȡ‚ ¡ ȣȲ
@
एक € ¡ Ǒ¡ Ȳ€ ¡ Ǒ¡ Ȳ€ šǑ¡ Ȳअपर एक € šǑ¡ Ȳकहत न –ȡ‚ ¡ ȣȲ@
@
दो0-राम बचन   ǕǓ“ ǒ– ¡ ȱ  ȡ ˜ ȪǑ¡ ͧ   ȡ  ʙ ȡ“ @
–™ ǽ करत “ Ǒ¡ Ȳतब डरे अब लागे ͪĤ™ Ĥȡ“ @
@90।।
–*–*–
€ Ǒ¡ ‘ –Ǖ …[ “ Đ Ǖƨ दसकंधर। € Ǖͧ›   समान लाग छाँड़ै सर।।
नानाकार ͧ  › ȣ˜ Ǖ धाए। Ǒ‘ͧ  \ ǽ ǒ–Ǒ‘  गगन ˜ Ǒ¡ छाए।।
पावक सर छाँड़उ े रघुबीरा। छन महुँ जरे Ǔ“   ȡ… š तीरा।।
† ȡͫ°ͧ   ȢĦ   ǔȏ ͨ ͧ  ] _@बान संग Ĥ — Ǖ•ȯǐš चलाई।।
€ ȪǑŠ€ … Đ ǒğ  Ǘ› पबारै । ǒ–“ ǕĤ™ ȡ  Ĥ — Ǖ€ ȡǑŠ Ǔ“  ȡšȰ@
@
Ǔ“ • › ¡ ȪǑ¡ Ȳरावन सर €Ȱ  @
Ʌ खल के सकल मनोरथ ‡ Ȱ  @
Ʌ@
तब सत बान सारथी ˜ ȡšȯͧ  @परे उ — ͧǗ˜ जय राम ” €Ǖ ȡšȯͧ  @
@
राम कृपा € ǐš सतू उठावा। तब Ĥ— Ǖपरम Đ Ȫ’ कहुँ पावा।।
छं 0-भए Đ Ǖƨ ‡ Ǖƨ ǒ– ǽƨ šƒ Ǖ” Ǔ ğȪ“ सायक कसमसे।
कोदं ड ’ ǓǕ“ \ Ǔ चंड   ǕǓ“ मनुजाद सब ˜ ȡǽ Ē   ȯ@
@
˜ ȱ‘ Ȫ‘šȣ उर कंप €Ȳ”Ǔ कमठ भू भूधर ğ  ȯ@
ͬ… Ȁ šǑ¡ ȲǑ‘Ê‚ ‡ दसन ‚ Ǒ¡ ˜ Ǒ¡ ‘ȯͨ कौतक
ु सरु हँसे।।
दो0-तानेउ चाप Į  “ › ͬ‚ छाँड़े ǒ– ͧ   कराल।
राम मारगन गन चले लहलहात जनु ޙ ȡ› @ @91।।
–*–*–
चले बान   ”Í † जनु उरगा। Ĥ  ˜ Ǒ¡ Ȳहतेउ सारथी तरु गा।।
रथ ǒ–— Ȳǔ‡ ¡ Ǔ केतु पताका। ‚ ‡ ȡ[\ Ǔ अंतर बल थाका।।
तरु त आन रथ … Ǒ± ͨ ͧ  ] “ ȡ@\ èğ   èğ † ȡȱ° ͧȯ  ǒ– ͬ’ नाना।।
ǒ– • › ¡ ȪǑ¡ Ȳसब ` ɮ™ ˜ ताके। ǔ‡ ͧ˜ ” šġȪ¡ Ǔ“ š मनसा के।।
तब रावन दस सल
ू चलावा। बािज … ȡǐš ˜ Ǒ¡ ˜ ȡǐš ͬ‚ šȡȡ@
@
तरु ग उठाइ € Ȫͪ” रघन
ु ायक।  ͬɇ… सरासन छाँड़े सायक।।
रावन ͧ  š सरोज –“ … ȡšȣ@… ͧ› रघुबीर ͧ  › ȣ˜ Ǖ ’ ȡšȣ@
@
दस दस बान भाल दस मारे । Ǔ“   ǐš गए चले ǽͬ’ š पनारे ।।
è𝏠ǽͬ’ š धायउ बलवाना। Ĥ — Ǖ” ǕǓ“ कृत धनु सर संधाना।।
तीस तीर रघब
ु ीर पबारे । — ‡Ǖ ǔÛ¡ समेत सीस ˜ Ǒ¡ पारे ।।
€ ȡŠ ¡ ȣȲ” ǓǕ“ भए नबीने। राम – ¡ Ȫǐš भज
ु ा ͧ  š † Ȥ“ ȯ@
@
Ĥ — Ǖबहु बार बाहु ͧ  š हए। कटत ˆ ǑŠǓ ” ǓǕ“ नत
ू न भए।।
” ǕǓ“ ” ǕǓ“ Ĥ— Ǖकाटत भुज सीसा। \ Ǔ € ȫ €Ǖ ȧ कोसलाधीसा।।
रहे छाइ नभ ͧ  š \ ǽ बाहू। मानहुँ \ ͧ˜  केतु \ ǽ राहू।।
छं 0-जनु राहु केतु अनेक नभ पथ è𝏠  ȪǓ“  ’ ȡ¡ ȣȲ@
रघब
ु ीर तीर Ĥ… ŒȲ › ȡ‚ Ǒ¡ Ȳ— ͧǗ˜ ͬ‚ š“ न ”ȡ ¡ ȣȲ@
@
एक एक सर ͧ  š Ǔ“ € š छे दे नभ उड़त ^ͧ˜   Ȫ¡ ¡ ȣȲ@
जनु € Ȫͪ” Ǒ‘“ € š कर Ǔ“ € š जहँ तहँ ǒ– ’ ǕȲ ‘Ǖ ” Ȫ¡ ¡ ȣȲ@
@
दो0-ǔ‡ ͧ˜ ǔ‡ ͧ˜ Ĥ— Ǖहर तासु ͧ  š Ǔ ͧ˜ Ǔ ͧ˜ ¡ ȪǑ¡ Ȳअपार।
सेवत ǒ–Ÿ™ ǒ– –’ [ǔ‡ ͧ˜ Ǔ“  Ǔ“  नूतन मार।।92।।
–*–*–
दसमुख ‘ȯͨ ͧ  šÛ¡ कै –ȡ±ȣ@ǒ–   šȡ मरन भई ǐš  ‚ ȡ±ȣ@
@
‚ ‡ ȶ̀ मूढ़ महा \ ͧ— ˜ ȡ“ Ȣ@धायउ दसहु सरासन तानी।।
समर — ͧǗ˜ दसकंधर € Ȫܙ Ȫ@–šͪŸ बान šƒ ”Ǖ Ǔ रथ  Ȫܙ Ȫ@
@
दं ड एक रथ ‘ȯͨ न परे ऊ। जनु Ǔ“ ¡ ȡš महुँ Ǒ‘“ € š दरु े ऊ।।
हाहाकार   šǕÛ¡ जब € ȧÛ¡ ȡ@तब Ĥ — Ǖ€ Ȫͪ” कारमक ु › ȣÛ¡ ȡ@ @
सर Ǔ“ ȡǐš ǐš” Ǖके ͧ  š काटे । ते Ǒ‘ͧ  ǒ–Ǒ‘  गगन ˜ Ǒ¡ पाटे ।।
काटे ͧ  š नभ मारग ’ ȡǑ¡ @
Ȳ जय जय ’ ǓǕ“ € ǐš भय ` ” ‡ ȡ Ǒ¡ @
Ȳ@
कहँ › Ǔ† ˜ “   ǕĒ Ȣ कपीसा। कहँ रघुबीर कोसलाधीसा।।
छं 0-कहँ रामु € Ǒ¡ ͧ  š Ǔ“ € š धाए ‘ȯͨ ˜ €[Š भिज चले।
  Ȳ’ ȡǓ“ धनु šƒ Ǖ– Ȳ  ˜ Ǔ“ ¡ ȱͧ    šǔÛ¡ ͧ  š बेधे भले।।
ͧ  š ˜ ȡͧ› € ȡ कर € ȡͧ› € ȡ ‚ Ǒ¡ बंदृ – Ȳ‘ǙǔÛ¡ बहु ͧ˜ › ȣȲ@
€ ǐš ǽͬ’ š   ǐš ˜ Ï ‡ “ Ǖमनहुँ   ȲĒ ȡ˜ बट पज ू न … › ȣȲ@@
दो0-” ǓǕ“ दसकंठ Đ Ǖƨ होइ छाँड़ी   ǔȏ Ĥ… ŒȲ @
… › ȣ ǒ–— ȢŸ“   ۘ Ǖ मनहुँ काल कर दं ड।।93।।
–*–*–
आवत ‘ȯͨ   ǔȏ \ Ǔ घोरा। Ĥ“  ȡšǓ भंजन पन मोरा।।
तरु त ǒ–— ȢŸ“ ”ȡ† Ʌमेला।   ۘ Ǖ राम सहे उ सोइ सेला।।
› ȡͬ‚   ǔȏ ˜ Ǖǽ † ȡ कछु भई। Ĥ — Ǖकृत खेल   ǕšÛ¡ ǒ–€ › _@
@
‘ȯͨ ǒ–— ȢŸ“ Ĥ — ǕĮ ˜ पायो। ‚ Ǒ¡ कर गदा Đ Ǖƨ होइ धायो।।
रे € Ǖ— ȡʙ सठ मंद € Ǖ– ƨǕ ȯ@ ɇसरु नर ˜ ǓǕ“ नाग ǒ– ǽƨ ȯ
@@
सादर ͧ   कहुँ सीस चढ़ाए। एक एक के € ȪǑŠÛ¡ पाए।।
 Ǒȯ¡ कारन खल अब › ͬ‚ – ȡÍȱ ™ Ȫ@अब तव कालु सीस पर “ ȡÍ ™ Ȫ@
@
राम ǒ– ˜ Ǖ सठ … ¡ ͧ  संपदा। अस € Ǒ¡ ¡ “ ȯͧ  माझ उर गदा।।
छं 0-उर माझ गदा Ĥ¡ ȡš घोर कठोर लागत ˜ Ǒ¡ पर् यो।
दस बदन   ȪǓ“  è𝏠” ǓǕ“   Ȳ— ȡǐš धायो ǐš  भर् यो।।
ɮȫ ͧ— šȯ\ Ǔ –› ˜ 㛠‡ ƨǕ ǒ– ǽƨ एकु f € Ǒ¡ हनै।
रघब
ु ीर बल ‘ͪ” [ ǒ–— ȢŸ“ Ǖƒ ȡͧ› “ Ǒ¡ Ȳता कहुँ गनै।।
दो0-उमा ǒ– — ȢŸ“ Ǖšȡ “ Ǒ¡   ۘ Ǖ ͬ…   ͩ€ काउ।
सो अब ͧ— š काल Ï ™ ɉ Į Ȣšƒ Ǖ– Ȣš Ĥ — ȡ` @
@94।।
–*–*–
दे खा Į ͧ˜  ǒ–— ȢŸ“ Ǖ— ȡšȣ@धायउ हनम
ू ान ͬ‚ ǐš ’ ȡšȣ@
@
रथ तरु ं ग सारथी Ǔ“ ”ȡ ȡ@ǿ‘™ माझ  ȯǑ¡ ˜ ȡšȯͧ  लाता।।
ठाढ़ रहा \ Ǔ €Ȳͪ” गाता। गयउ ǒ–— ȢŸ “ Ǖजहँ ‡ “ ğȡ ȡ@
@
” ǕǓ“ रावन € ͪ” हतेउ ”… ȡšȣ@चलेउ गगन € ͪ” पँछ
ू ”   ȡšȣ@
@
‚ Ǒ¡ ͧ  पँछ
ू € ͪ”   Ǒ¡  उड़ाना। ” ǕǓ“ ͩ• ǐš ͧ— šȯ̀ Ĥ– › हनम
ु ाना।।
लरत अकास जग
ु ल सम जोधा। f € Ǒ¡ एकु हनत € ǐš Đ Ȫ’ ȡ@
@
  Ȫ¡ Ǒ¡ Ȳनभ छल बल बहु € š¡ ȣȲ@€ Ï ‡ › ͬ‚ ǐš   ˜Ǖ ȯǽ जनु › š¡ ȣȲ@
@
– ͬǕ’ बल Ǔ“ ͧ  … š परइ न पार् यो। तब ˜ ȡǽ सत ु Ĥ — Ǖसंभार् यो।।
छं 0-  Ȳ— ȡǐš Į Ȣšƒ Ǖ– Ȣš धीर ” … ȡǐš € ͪ” रावनु ¡ ۙ Ȫ@
˜ Ǒ¡ परत ” ǕǓ“ ` Ǒ‹ लरत ‘ȯ Û¡ जुगल कहुँ जय जय — ۙ Ȫ@
@
हनुमंत संकट ‘ȯͨ ˜ €[Š भालु Đ Ȫ’ ȡ šǕ चले।
रन ˜ ׏ रावन सकल सभ
ु ट Ĥ … ŒȲ भज
ु बल दलमले।।
दो0-तब रघब
ु ीर पचारे धाए € ȧ  Ĥ… ŒȲ @
€ ͪ” बल Ĥ– › ‘ȯͨ  ȯǑ¡ Ȳ€ ȧÛ¡ Ĥ‚ Š पाषंड।।95।।
–*–*–
अंतरधान भयउ छन एका। ” ǓǕ“ Ĥ‚ Šȯखल Ǿ ” अनेका।।
šƒ Ǖ” Ǔ कटक भालु € ͪ” जेते। जहँ तहँ Ĥ ‚ Š दसानन तेते।।
दे खे € ͪ”Û¡ \ ͧ˜  दससीसा। जहँ तहँ भजे भालु \ ǽ € ȧ  ȡ@
@
भागे बानर ’ šǑ¡ Ȳन धीरा। ğȡǑ¡ ğȡǑ¡ › Ǔ† ˜ “ रघुबीरा।।
दहँ Ǒ‘ͧ  ’ ȡǑ¡ Ȳ€ ȪǑŠÛ¡ रावन। ‚ ‡ Ǒ[¡ Ȳघोर कठोर भयावन।।
डरे सकल सरु चले पराई। जय कै आस तजहु अब भाई।।
सब सुर िजते एक दसकंधर। अब बहु भए तकहु ͬ‚ ǐš कंदर।।
रहे ǒ–šȲͬ… संभु ˜ ǕǓ“ ʙ ȡ“ Ȣ@ǔ‡ Û¡ ǔ‡ Û¡ Ĥ— Ǖ˜ Ǒ¡ ˜ ȡ कछु जानी।।
छं 0-जाना Ĥ  ȡ” ते रहे Ǔ“ — ™[ € ͪ” Û¡ ǐš” Ǖमाने फुरे ।
चले ǒ– … ͧ› ˜ €[Š भालु सकल कृपाल ”ȡǑ¡ भयातरु े ।।
हनम
ु ंत अंगद नील नल \ Ǔ –› लरत रन बाँकुरे ।
˜ ‘[Ǒ¡ Ȳदसानन € ȪǑŠ € ȪǑŠÛ¡ कपट भू भट अंकुरे ।।
दो0-सुर बानर दे खे ǒ– € › ¡ ȱè™ Ȫ कोसलाधीस।
सिज सारं ग एक सर हते सकल दससीस।।96।।
–*–*–
Ĥ — Ǖछन महुँ माया सब € ȡŠȣ@ǔ‡ ͧ˜ šǒ– उएँ ‡ ȡǑ¡ Ȳतम • ȡŠȣ@
@
रावनु एकु ‘ȯͨ सुर हरषे। ͩ• šȯसुमन बहु Ĥ— Ǖपर बरषे।।
भुज उठाइ šƒ Ǖ” Ǔ € ͪ” फेरे । ͩ• šȯएक f € Û¡ तब टे रे।।
Ĥ — Ǖबलु पाइ भालु € ͪ” धाए। तरल  ˜ ͩ€ संजग
ु ˜ Ǒ¡ आए।।
\ è ǓǕ करत ‘ȯ  ǔÛ¡ ‘ȯ Ʌ@भयउँ एक ˜ ɇ^Û¡ के › ȯ Ʌ@
@
सठहु सदा  à
Ǖ ¡ मोर मरायल। अस € Ǒ¡ € Ȫͪ” गगन पर धायल।।
हाहाकार करत सरु भागे। खलहु जाहु कहँ ˜ ȪšɅआगे।।
‘ȯͨ ǒ– € › सरु अंगद धायो। € ǗǑ‘ चरन ‚ Ǒ¡ — Ǘͧ˜ ͬ‚ šȡ™ Ȫ@
@
छं 0-‚ Ǒ¡ — ͧǗ˜ पार् यो लात मार् यो – ȡͧ›   Ǖ Ĥ— Ǖ” Ǒ¡ Ȳगयो।
  Ȳ— ȡǐš ` Ǒ‹ दसकंठ घोर कठोर रव ‚ ‡ [ भयो।।
€ ǐš दाप चाप चढ़ाइ दस   Ȳ’ ȡǓ“ सर बहु बरषई।
ͩ€ f सकल भट घायल भयाकुल ‘ȯͨ Ǔ“ ‡ बल हरषई।।
दो0-तब šƒ Ǖ” Ǔ रावन के सीस भुजा सर चाप।
काटे बहुत बढ़े ” ǕǓ“ ǔ‡ ͧ˜ तीरथ कर पाप। 97।।
–*–*–
ͧ  š भज
ु –ȡǑ± ‘ȯͨ ǐš” Ǖ€ȯšȣ@भालु € ͪ” Û¡ ǐš  भई ƒ “ ȯšȣ@
@
मरत न मूढ़ कटे उ भुज सीसा। धाए € Ȫͪ” भालु भट € ȧ  ȡ@
@
–ȡͧ›  “ ™ ˜ ȡǽǓ नल नीला। बानरराज ‘ ǒǕ– ‘ बलसीला।।
ǒ– Š” ˜ ¡ ȣ’ š € šǑ¡ ȲĤ¡ ȡšȡ@सोइ ͬ‚ ǐš  ǽ ‚ Ǒ¡ € ͪ” Û¡ सो मारा।।
एक “  ǔÛ¡ ǐš” Ǖबपष
ु ǒ–‘ȡšȣ@— \ ͬ‚ … › Ǒ¡ Ȳएक › ȡ Û¡ ˜ ȡšȣ@
@
तब नल नील ͧ  šǔÛ¡ … Ǒ± गयऊ। “  ǔÛ¡ ͧ› › ȡš ǒ– ‘ȡš भयऊ।।
ǽͬ’ š ‘ȯͨ ǒ–Ÿ ȡ‘ उर — ȡšȣ@Ǔ Û¡ Ǒ¡ धरन कहुँ भज
ु ा ”   ȡšȣ@
@
गहे न ‡ ȡǑ¡ Ȳ€ šǔÛ¡ पर ͩ• š¡ ȣȲ@जनु जुग मधप
ु कमल बन … š¡ ȣȲ@ @
€ Ȫͪ” € ǗǑ‘ ɮȫ ’ šȯͧ  –¡ Ȫšȣ@˜ Ǒ¡ पटकत भजे भुजा ˜ šȪšȣ@
@
” ǕǓ“ सकोप दस धनु कर › ȣÛ¡ ȯ@  šǔÛ¡ ˜ ȡǐš घायल € ͪ” € ȧÛ¡ ȯ@
@
¡ “ ˜Ǖ ‘ȡǑ‘ ˜ ǽǕ Ǔ†  € ǐš बंदर। पाइ Ĥ ‘ȪŸ हरष दसकंधर।।
˜ ǽǕ Ǔ†  ‘ȯͨ सकल € ͪ” बीरा। जामवंत धायउ रनधीरा।।
संग भालु भूधर  ǽ ’ ȡšȣ@मारन लगे ” … ȡǐš ”… ȡšȣ@
@
भयउ Đ Ǖƨ रावन बलवाना। ‚ Ǒ¡ पद ˜ Ǒ¡ पटकइ भट नाना।।
‘ȯͨ — ȡ› Ǖ” Ǔ Ǔ“ ‡ दल घाता। € Ȫͪ” माझ उर ˜ ȡšȯͧ  लाता।।
छं 0-उर लात घात Ĥ… ŒȲ लागत ǒ– € › रथ ते ˜ Ǒ¡ परा।
‚ Ǒ¡ भालु बीसहुँ कर मनहुँ € ˜ › ǔÛ¡ बसे Ǔ“ ͧ  मधक ु रा।।
˜ ǽǕ Ǔ†  ǒ–› Ȫͩ€ –¡ Ȫǐš पद ¡ Ǔ — ȡ› ”Ǖ Ǔ Ĥ— Ǖ” Ǒ¡ Ȳगयौ।
Ǔ“ ͧ  ‡ ȡǓ“ è™ Ȳ‘ “ ƒ ȡͧ›  ȯǑ¡ तब सूत जतनु करत भयो।।
दो0-˜ Ǖǽ † ȡ ǒ–‚  भालु € ͪ” सब आए Ĥ— Ǖपास।
Ǔ“ ͧ  … š सकल šȡ“ Ǒ¡ ƒ ȯǐš रहे \ Ǔ ğȡ  @
@98।।
मासपारायण, † ޖȢ  ȡȱͪ Į ȡ˜
–*–*–
 ȯ¡ ȣ Ǔ“ ͧ  सीता ” Ǒ¡ Ȳजाई। ǒğ‡ Šȡ € Ǒ¡ सब कथा सुनाई।।
ͧ  š भुज – ȡǑ± सुनत ǐš” Ǖ€ȯšȣ@सीता उर भइ ğȡ  ƒ “ ȯšȣ@
@
मुख ˜ › ȣ“ उपजी मन ͬ… Ȳ ȡ@ǒğ‡ Šȡ सन – Ȫ› ȣ तब सीता।।
¡ Ȫ^Ǒ¡ कहा € ¡ ͧ  ͩ€ “ माता। €ȯǑ¡ ǒ– ͬ’ ˜ ǐšǑ¡ ǒ– è दख
ु दाता।।
šƒ ”Ǖ Ǔ सर ͧ  š कटे हुँ न मरई। ǒ– ͬ’ ǒ–” šȣ … ǐš सब करई।।
मोर \ — ȡʙ िजआवत j ¡ ȣ@‡ ȯǑ¡ Ȳहौ ¡ ǐš पद कमल ǒ– † Ȫ¡ ȣ@ @
‡ ȯǑ¡ Ȳकृत कपट कनक मग ृ झठू ा। अजहुँ सो दै व ˜ ȪǑ¡ पर Ǿ ‹ ȡ@
@
‡ ȯǑ¡ Ȳǒ–ͬ’ ˜ ȪǑ¡ दख
ु दस
ु ह सहाए। › Ǔ† ˜ “ कहुँ कटु बचन कहाए।।
šƒ Ǖ” Ǔ ǒ–š¡   ǒ–Ÿ सर — ȡšȣ@ ͩ€  ͩ€ मार बार बहु ˜ ȡšȣ@
@
ऐसेहुँ दख
ु जो राख मम Ĥȡ“ ȡ@सोइ ǒ–ͬ’  ȡǑ¡ िजआव न आना।।
बहु ǒ–ͬ’ कर ǒ–› ȡ” ‡ ȡ“ € ȧ@€ ǐš € ǐš   šǕǓ € Ǚ” ȡǓ“ ’ ȡ“ € ȧ@
@
कह ǒğ‡ Šȡ सुनु šȡ‡ € Ǖ˜ ȡšȣ@उर सर लागत मरइ   Ǖšȡšȣ@ @
Ĥ— Ǖताते उर हतइ न  ȯ¡ ȣ@f Ǒ¡ के ǿ‘™ ȱ–   Ǔ – Ȱ‘ȯ¡ ȣ@
@
छं 0-f Ǒ¡ के ǿ‘™ ȱबस ‡ ȡ“ € ȧ ‡ ȡ“ € ȧ उर मम बास है ।
मम उदर भअ
ु न अनेक लागत बान सब कर नास है ।।
  ǓǕ“ बचन हरष ǒ–Ÿȡ‘ मन \ Ǔ ‘ȯͨ ” ǓǕ“ ǒğ‡ Šȡȱकहा।
अब ˜ ǐšǑ¡ ǐš” Ǖf Ǒ¡ ǒ–ͬ’   “Ǖ Ǒ¡   Ȳ‘Ǖ ǐš  ‡ Ǒ¡ संसय महा।।
दो0-काटत ͧ  š ¡ Ȫ^Ǒ¡ ǒ–€ › † ǕǑŠ ‡ ȡ^Ǒ¡ तव ڙ ȡ“ @
तब šȡ “ Ǒ¡ ǿ‘™ महुँ ˜ ǐš¡ Ǒ¡ Ȳरामु सुजान।।99।।
–*–*–
अस € Ǒ¡ बहुत — ȡǓȱ समझ ु ाई। ” ǓǕ“ ǒğ‡ Šȡ Ǔ“ ‡ भवन ͧ  ’ ȡ_@@
राम सभ ु ाउ   ͧǕ˜ ǐš –Ȱ‘ȯ¡ ȣ@उपजी ǒ–š¡ ǒ–  ȡ \ Ǔ  ȯ¡ ȣ@
@
Ǔ“ ͧ  Ǒ¡   ͧ  Ǒ¡ Ǔ“ ‘ȲǓ बहु भाँती। जुग सम भई ͧ  šȡǓ न राती।।
€ šǓ ǒ–› ȡ” ˜ “ Ǒ¡ Ȳमन — ȡšȣ@राम ǒ–š¡ ȱ‡ ȡ“ € ȧ ‘ Ǖ ȡšȣ@
@
जब \ Ǔ भयउ ǒ–š¡ उर दाहू। फरकेउ बाम नयन \ ǽ बाहू।।
सगन
ु ǒ– … ȡǐš ’ šȣ मन धीरा। अब ͧ˜ ͧ› ¡ Ǒ¡ Ȳकृपाल रघब
ु ीरा।।
इहाँ \ ’ Ǔ[“ ͧ  रावनु जागा। Ǔ“ ‡   ȡšͬ सन खीझन लागा।।
सठ š“ — ͧǗ˜ † °ȡ^ͧ  ˜ Ȫ¡ ȣ@ͬ’ ‚ ͬ’ ‚ अधम ˜ Ȳ‘ ˜ Ǔ  Ȫ¡ ȣ@
@
 ȯǑ¡ Ȳपद ‚ Ǒ¡ बहु ǒ– ͬ’ समुझावा। — ȫǽ भएँ रथ … Ǒ± ” ǕǓ“ धावा।।
  ǕǓ“ आगवनु दसानन केरा। € ͪ” दल खरभर भयउ घनेरा।।
जहँ तहँ भूधर ǒ–Š” ` ”ȡšȣ@धाए कटकटाइ भट — ȡšȣ@
@
छं 0-धाए जो ˜ €[Š ǒ–€ Š भालु कराल कर भध
ू र धरा।
\ Ǔ कोप € šǑ¡ ȲĤ ¡ ȡš मारत भिज चले रजनीचरा।।
ǒ– … › ȡ^ दल बलवंत € ȧ  Û¡ ƒ ȯǐš ” ǕǓ“ रावनु ͧ› ™ Ȫ@
चहुँ Ǒ‘ͧ  … ”ȯŠ ǔÛ¡ ˜ ȡǐš “  ǔÛ¡ ǒ–‘ȡǐš तनु ޙ ȡ€ Ǖ› ͩ€ ™ Ȫ@
@
दो0-‘ȯͨ महा ˜ €[Š Ĥ – › रावन € ȧÛ¡ ǒ–… ȡš@
\ Ȳ šǑ¡  होइ Ǔ“ ͧ˜ Ÿ महुँ कृत माया ǒ– è ȡš@
@100।।
–*–*–
छं 0-जब € ȧÛ¡  ȯǑ¡ Ȳपाषंड। भए Ĥ ‚ Š जंतु Ĥ … ŒȲ @
@
बेताल भत
ू ͪ”  ȡ… @कर ’ šɅधनु नाराच।।1।।
‡ Ȫͬ‚ Ǔ“ ‚ ¡ Ʌकरबाल। एक हाथ मनज
ु कपाल।।
€ ǐš   ɮ™   ȪǓ“  पान। “ ȡ… Ǒ¡ Ȳ€ šǑ¡ Ȳबहु गान।।2।।
’ ǽ ˜ ȡǽ – Ȫ› Ǒ¡ Ȳघोर। šǑ¡ ” Ǘǐš ’ ǓǕ“ चहुँ ओर।।
मुख बाइ ’ ȡǑ¡ Ȳखान। तब लगे € ȧ  परान।।3।।
जहँ ‡ ȡǑ¡ Ȳ˜ €[Š — ȡͬ‚ @तहँ बरत ‘ȯ Ǒ¡ Ȳ] ͬ‚ @
@
भए ǒ–€ › बानर भाल।ु ” ǓǕ“ लाग बरषै बाल।ु ।4।।
जहँ तहँ  ͩ€  € ǐš € ȧ  @‚ ‡ ȶ̀ –¡ Ǖǐš दससीस।।
› Ǔ† ˜ “ कपीस समेत। भए सकल बीर अचेत।।5।।
हा राम हा रघुनाथ। € Ǒ¡ सुभट ˜ Ȣ‡ Ǒ¡ Ȳहाथ।।
f Ǒ¡ ǒ– ͬ’ सकल बल  Ȫǐš@ ȯǑ¡ Ȳ€ ȧÛ¡ कपट –¡ Ȫǐš@
@6।।
Ĥ‚ Šȯͧ  ǒ–” ›Ǖ हनम
ु ान। धाए गहे पाषान।।
Ǔ Û¡ रामु घेरे जाइ। चहुँ Ǒ‘ͧ  –Ǿ  बनाइ।।7।।
मारहु धरहु ‡ Ǔ“ जाइ। € Š€ ŠǑ¡ Ȳपँछू उठाइ।।
दहँ Ǒ‘ͧ  लँ गूर ǒ–šȡ‡ @ ȯǑ¡ Ȳ˜ ڙ कोसलराज।।8।।
छं 0- ȯǑ¡ Ȳ˜ ڙ कोसलराज सुंदर è™ ȡ˜ तन सोभा › ¡ ȣ@
जनु ^Ȳġ ’ “ ŸǕ अनेक € ȧ बर – ȡǐš तग
ंु  ˜ ȡ› ¡ ȣ@
@
Ĥ— Ǖ‘ȯͨ हरष ǒ– Ÿȡ‘ उर सरु बदत जय जय जय € šȣ@
रघबु ीर f € Ǒ¡ तीर € Ȫͪ” Ǔ“ ˜ ȯŸ महुँ माया ¡ šȣ@
@1।।
माया ǒ–‚  € ͪ” भालु हरषे ǒ– Š” ͬ‚ ǐš ‚ Ǒ¡ सब ͩ• šȯ@
सर Ǔ“ € š छाड़े राम रावन बाहु ͧ  š ” ǕǓ“ ˜ Ǒ¡ ͬ‚ šȯ@
@
Į Ȣšȡ˜ रावन समर … ǐš अनेक € 㔠जो ‚ ȡ¡ ȣȲ@
सत सेष सारद Ǔ“ ‚ ˜ € ǒ– तेउ  ‘ͪ” पार न ” ȡ¡ ȣȲ@
@2।।
दो0-ताके गुन गन कछु कहे ‡ °˜ Ǔ तल
ु सीदास।
ǔ‡ ͧ˜ Ǔ“ ‡ बल \ “ ǕǾ ” ते ˜ ȡ† Ȥ उड़इ अकास।।101(क)।।
काटे ͧ  š भुज बार बहु मरत न भट लंकेस।
Ĥ — ǕĐ ȧ° सरु ͧ  ƨ ˜ ǓǕ“ ޙ ȡ€ Ǖ› ‘ȯͨ कलेस।।101(ख)।।
–*–*–
काटत –±Ǒ¡ Ȳसीस समुदाई। ǔ‡ ͧ˜ Ĥ Ǔ लाभ लोभ \ ͬ’ € ȡ_@ @
मरइ न ǐš” ǕĮ ˜ भयउ ǒ–  ȯŸ ȡ@राम ǒ– — ȢŸ“ तन तब दे खा।।
उमा काल मर ‡ ȡ€ ȧȲईछा। सो Ĥ— Ǖजन कर Ĥ ȢǓ ”šȣ† ȡ@
@
सन
ु ु   š–Ê™ चराचर नायक। Ĥ “  ” ȡ› सरु ˜ ǓǕ“ सख
ु दायक।।
“ ȡͧ— € ȲǕŒ ͪ”™ ŸǗ बस ™ ȡ€Ʌ@नाथ िजअत रावनु बल  ȡ€Ʌ@
@
सुनत ǒ– — ȢŸ“ बचन कृपाला। ¡ šͪŸ गहे कर बान कराला।।
असुभ होन लागे तब नाना। šȪǑ¡ Ȳखर सक ृ ाल बहु è ȡ“ ȡ@
@
–Ȫ› Ǒ¡ खग जग ] šǓ हे त।ू Ĥ ‚ Š भए नभ जहँ तहँ केत।ू ।
दस Ǒ‘ͧ  दाह होन \ Ǔ लागा। भयउ परब ǒ–“ Ǖšǒ– उपरागा।।
˜ Ȳ‘ Ȫ‘ǐš उर €Ȳ”Ǔ — ȡšȣ@ĤǓ ˜ ȡ èğǑ¡ Ȳनयन मग –ȡšȣ@
@
छं 0-ĤǓ ˜ ȡ ǽ‘Ǒ¡ Ȳ”ǒ–”ȡ नभ \ Ǔ बात बह ŒȪ› Ǔ ˜ ¡ ȣ@
–šŸǑ¡ Ȳबलाहक ǽͬ’ š कच रज असुभ \ Ǔ सक को € ¡ ȣ@
@
उतपात \ ͧ˜  ǒ–› Ȫͩ€ नभ सरु ǒ– € › – Ȫ› Ǒ¡ जय जए।
सरु सभय ‡ ȡǓ“ कृपाल šƒ ”Ǖ Ǔ चाप सर जोरत भए।।
दो0- Ȱͬ… सरासन Į “ › ͬ‚ छाड़े सर एकतीस।
रघुनायक सायक चले मानहुँ काल फनीस।।102।।
–*–*–
सायक एक “ ȡͧ— सर सोषा। अपर लगे भुज ͧ  š € ǐš रोषा।।
लै ͧ  š बाहु चले नाराचा। ͧ  š भुज ¡ ȣ“ ǽȲŒ ˜ Ǒ¡ नाचा।।
’ šǓ“ धसइ धर धाव Ĥ… ŒȲ ȡ@तब सर ¡ Ǔ Ĥ— Ǖकृत दइु खंडा।।
‚ ‡ ȶ̀ मरत घोर रव — ȡšȣ@कहाँ रामु रन ¡  ɋ ”… ȡšȣ@
@
ŒȪ› ȣ — ͧǗ˜ ͬ‚ š दसकंधर। † Ǖͧ—  ͧ  ’Ȳ Ǖ  ǐš Ǒ‘Ê‚ ‡ भध
ू र।।
’ šǓ“ परे उ ɮȫ खंड बढ़ाई। … ȡͪ” भालु ˜ €[Š समद
ु ाई।।
˜ Ȳ‘ Ȫ‘ǐš ] ‚ Ʌभुज सीसा। ’ ǐš सर चले जहाँ ‡ ‚ ‘ȣ  ȡ@
@
Ĥǒ–   ȯसब Ǔ“ ŸȲ‚ महु जाई। ‘ȯͨ   ǕšÛ¡ दं द
ु भ
ु ीं बजाई।।
तासु तेज समान Ĥ— Ǖआनन। हरषे ‘ȯͨ संभु चतरु ानन।।
जय जय ’ ǓǕ“ ” šǗȣ Ħé˜ ȲŒ ȡ@जय रघब
ु ीर Ĥ –› भज
ु दं डा।।
– šŸǑ¡ सम
ु न दे व ˜ ǓǕ“ बंद
ृ ा। जय कृपाल जय ‡ ™ Ǔ मक
ु ंु दा।।
छं 0-जय कृपा कंद मुकंद ɮ Ȳ‘ हरन सरन   Ǖ Ĥ‘ Ĥ— Ȫ@
खल दल ǒ– ‘ȡš“ परम कारन € ȡǽ“ Ȣ€ सदा ǒ–— Ȫ@
@
सुर सुमन –šŸǑ¡ Ȳहरष संकुल बाज ‘Ȳ‘ǕͧǕ— ‚ ¡ ‚ ¡ ȣ@
 Ȳ
Ē ȡ˜ अंगन राम अंग अनंग बहु सोभा › ¡ ȣ@ @
ͧ  š जटा मक
ु ु ट Ĥ  “Ǘ ǒ– … ǒ– … \ Ǔ मनोहर šȡ‡ ¡ ȣȲ
@
जनु “ Ȣ› ͬ‚ ǐš पर  ͫ° पटल समेत उड़ुगन ħ ȡ‡ ¡ ȣȲ@
@
भुजदं ड सर कोदं ड फेरत ǽͬ’ š कन तन \ Ǔ बने।
जनु रायमुनीं तमाल पर – Ȱ‹ ȤȲǒ– ” Ǖ› सुख आपने।।
दो0-€ Ǚ”ȡǺǔçŠ € ǐš Ĥ — Ǖअभय ͩ€ f सुर बंद
ृ ।
भालु € ȧ  सब हरषे जय सख
ु धाम मक
ु ं द।।103।।
–*–*–
” Ǔ ͧ  š दे खत ˜ Ȳ‘ Ȫ‘šȣ@˜ ǽǕ Ǔ†  ǒ–€ › ’ šǓ“  ͧ  ” šȣ@
@
‡ Ǖ– Ǔ बंद
ृ रोवत ` Ǒ‹ ’ ȡɃ@ ȯǑ¡ उठाइ रावन ” Ǒ¡ Ȳआई।।
”Ǔ ‚ Ǔ ‘ȯͨ ते € šǑ¡ Ȳपुकारा। छूटे कच “ Ǒ¡ Ȳबपुष सँभारा।।
उर ताड़ना € šǑ¡ Ȳǒ–ͬ’ नाना। रोवत € šǑ¡ ȲĤ  ȡ” बखाना।।
तव बल नाथ डोल Ǔ“  धरनी। तेज ¡ ȣ“ पावक   ͧ  तरनी।।
सेष कमठ   Ǒ¡   € Ǒ¡ Ȳन भारा। सो तनु — ͧǗ˜ परे उ — ǐš छारा।।
–ǽ“ कुबेर सुरेस समीरा। रन   ۘ Ǖ ’ ǐš काहुँ न धीरा।।
भुजबल िजतेहु काल जम   ȡɃ@आजु परे हु अनाथ € ȧ “ ȡɃ@ @
जगत ǒ– Ǒ‘  à
Ǖ ¡ ȡšȣ Ĥ— Ǖ ȡ_@सुत ” ǐš‡ “ बल –šǓ“ न जाई।।
राम ǒ–˜ Ǖ अस हाल  à
Ǖ ¡ ȡšȡ@रहा न कोउ कुल šȪ Ǔ“ ¡ ȡšȡ@
@
तव बस ǒ–ͬ’ Ĥ ”Ȳ… सब नाथा। सभय Ǒ‘ͧ  ” Ǔ“  “ ȡ Ǒ¡ Ȳमाथा।।
अब तव ͧ  š भुज जंबुक  ȡ¡ ȣȲ@राम ǒ–˜ Ǖ यह \ “ Ǖͬ…  “ ȡ¡ ȣȲ@
@
काल ǒ––   ”Ǔ कहा न माना। अग जग नाथु मनुज € ǐš जाना।।
छं 0-‡ ȡۙ Ȫ मनुज € ǐš दनुज कानन दहन पावक ¡ ǐš è ™ Ȳ@
‡ ȯǑ¡ नमत ͧ   Ħé˜ ȡǑ‘ सरु ͪ” ™ भजेहु “ Ǒ¡ Ȳ€ ǽ“ ȡ˜ ™ Ȳ@
@
] ‡ ۘ ते ” šġȪ¡ रत पापौघमय तव तनु अयं।
à
Ǖ ¡ ¡ ǗǑ‘™ Ȫ Ǔ“ ‡ धाम राम “ ˜ ȡͧ˜ Ħé˜ Ǔ“ šȡ˜ ™ Ȳ@
@
दो0-अहह नाथ रघुनाथ सम € Ǚ” ȡͧ  ’Ȳ Ǖ“ Ǒ¡ Ȳआन।
‡ Ȫͬ‚ बंद
ृ ‘ ›Ǖ —[ ‚ Ǔ  ȪǑ¡ ‘ȣǔÛ¡ भगवान।।104।।
–*–*–
˜ Ȳ‘ Ȫ‘šȣ बचन   ǕǓ“ काना। सुर ˜ ǕǓ“ ͧ  ƨ   – ǔÛ¡ सुख माना।।
अज महे स नारद   “ € ȡ‘ȣ@जे ˜ ǕǓ“ –š ” š˜ ȡš –ȡ‘ȣ@
@
— ǐš लोचन šƒ Ǖ” Ǔ Ǒ¡ Ǔ“ ¡ ȡšȣ@Ĥȯ˜ मगन सब भए   Ǖ ȡšȣ@
@
ǽ‘“ करत दे खीं सब “ ȡšȣ@गयउ ǒ– — ȢŸ “ Ǖमन दख
ु — ȡšȣ@
@
बंधु दसा ǒ–› Ȫͩ€ दख
ु € ȧÛ¡ ȡ@तब Ĥ — Ǖ\ “ ‡Ǖ Ǒ¡ आयसु ‘ȣÛ¡ ȡ@
@
› Ǔ† ˜ “  ȯǑ¡ बहु ǒ–ͬ’ समझ ु ायो। –¡ Ǖǐš ǒ–— ȢŸ “ Ĥ— Ǖ” Ǒ¡ Ȳआयो।।
€ Ǚ” ȡǺǔçŠ Ĥ — Ǖ ȡǑ¡ ǒ–› Ȫ€ ȡ@करहु ͩĐ ™ ȡ ”ǐš¡ ǐš सब सोका।।
€ ȧǔÛ¡ ͩĐ ™ ȡ Ĥ— Ǖआयसु मानी। ǒ–ͬ’  दे स काल िजयँ जानी।।
दो0-˜ Ȳ‘ Ȫ‘šȣ ] Ǒ‘ सब दे इ Ǔ › ȡȲ‡ ͧ›  ȡǑ¡ @
भवन गई šƒ Ǖ” Ǔ गुन गन बरनत मन ˜ ȡǑ¡ @ @105।।
–*–*–
आइ ǒ–— ȢŸ“ ” ǕǓ“ ͧ  ǽ नायो। € Ǚ” ȡͧ  ’Ȳ Ǖतब अनुज बोलायो।।
à
Ǖ ¡ कपीस अंगद नल नीला। जामवंत ˜ ȡǽǓ नयसीला।।
सब ͧ˜ ͧ› जाहु ǒ–— ȢŸ“ साथा। सारे हु Ǔ › € कहे उ रघुनाथा।।
ͪ”  ȡ बचन ˜ ɇनगर न आवउँ । आपु   ǐš  € ͪ” अनज ु पठावउँ ।।
तरु त चले € ͪ”   ǓǕ“ Ĥ— Ǖबचना। € ȧÛ¡ ȣ जाइ Ǔ › € € ȧ रचना।।
सादर ͧ  ¡Ȳȡ  “ –Ȱ‹ ȡšȣ@Ǔ › €   ȡǐš \ è ǓǕ \ “ Ǖ  ȡšȣ@
@
‡ Ȫǐš ”ȡǓ“   – ¡ ȣȲͧ  š नाए।   Ǒ¡  ǒ–— ȢŸ“ Ĥ— Ǖ”Ǒ¡ Ȳआए।।
तब रघुबीर – Ȫͧ› € ͪ” › ȣÛ¡ ȯ@€ Ǒ¡ ͪĤ ™ बचन सुखी सब € ȧÛ¡ ȯ@
@
छं 0-ͩ€ f सख
ु ी € Ǒ¡ बानी सध
ु ा सम बल  à
Ǖ ¡ ȡšɅǐš” Ǖहयो।
पायो ǒ– — ȢŸ“ राज Ǔ ¡ Ǖȱपरु जसु  àǕ ¡ ȡšȪ Ǔ“  नयो।।
˜ ȪǑ¡   Ǒ¡  सभ
ु € ȧšǓ  àǕ ¡ ȡšȣ परम Ĥ ȢǓ जो ‚ ȡ^¡ ɇ@
संसार ͧ  ’Ȳ Ǖअपार पार Ĥ™ ȡ  ǒ– “ Ǖनर ” ȡ^¡ ɇ@
@
दो0-Ĥ— Ǖके बचन Į “   ǕǓ“ “ Ǒ¡ Ȳ\ ƒ ȡǑ¡ Ȳ€ ͪ” पुंज।
बार बार ͧ  š “ ȡǑ¡ Ȳ‚ ¡ Ǒ¡ Ȳसकल पद कंज।।106।।
–*–*–
” ǓǕ“ Ĥ— Ǖ–Ȫͧ› ͧ› ™ ` हनम ु ाना। लंका जाहु कहे उ भगवाना।।
समाचार ‡ ȡ“ ͩ€ Ǒ¡ सुनावहु। तासु कुसल लै  à Ǖ ¡ … ͧ› आवहु।।
तब हनुमंत नगर महुँ आए।   ǕǓ“ Ǔ“ ͧ  … šȣ Ǔ“   ȡ… š धाए।।
बहु Ĥ € ȡš Ǔ Û¡ पूजा € ȧÛ¡ ȣ@जनकसुता दे खाइ ” ǕǓ“ ‘ȣÛ¡ ȣ@
@
‘ šǗǑ¡ ते Ĥ“ ȡ˜ € ͪ” € ȧÛ¡ ȡ@šƒ ”Ǖ Ǔ दत
ू ‡ ȡ“ € ȧȲ… ȢÛ¡ ȡ@
@
कहहु तात Ĥ— Ǖ€ Ǚ”ȡǓ“ €ȯ ȡ@कुसल अनज
ु € ͪ” सेन समेता।।
सब ǒ–ͬ’ कुसल कोसलाधीसा। मातु समर ‡ Ȣי Ȫ दससीसा।।
\ ǒ–… › राजु ǒ–— ȢŸ“ पायो।   ǕǓ“ € ͪ” बचन हरष उर छायो।।
छं 0-\ Ǔ हरष मन तन पुलक लोचन सजल कह ” ǕǓ“ ” ǕǓ“ रमा।
का दे उँ  ȪǑ¡ ğȯ
› Ȫ€ महुँ € ͪ” ͩ€ ˜ ͪ” “ Ǒ¡ Ȳबानी समा।।
सनु ु मातु ˜ ɇपायो \ ͨ › जग राजु आजु न संसयं।
रन ‡ ȢǓ ǐš” ‘Ǖ › बंधु जत
ु ” è™ ȡͧ˜ राममनामयं।।
दो0-सुनु सुत सदगुन सकल तव ǿ‘™ ȱबसहुँ हनुमंत।
सानुकूल € Ȫ  › ”Ǔ रहहुँ समेत अनंत।।107।।
–*–*–
अब सोइ जतन करहु  à Ǖ ¡ ताता। ‘ȯ ɋ नयन è™ ȡ˜ मद
ृ ु गाता।।
तब हनुमान राम ”Ǒ¡ Ȳजाई। जनकसुता कै कुसल सुनाई।।
  ǕǓ“ संदेसु भानुकुलभूषन। – Ȫͧ› ͧ› f जुबराज ǒ–— ȢŸ“ @
@
˜ ȡǽ   Ǖ के संग ͧ  ’ ȡ¡ Ǖ@सादर ‡ “ €   Ǖ Ǒ¡ लै आवहु।।
 šǕ Ǒ¡ Ȳसकल गए जहँ सीता।   ȯ Ǒ¡ Ȳसब Ǔ“ ͧ  … šȣȲǒ–“ Ȣ ȡ@@
–ȯͬ‚ ǒ– — ȢŸ “ Ǔ Û¡ Ǒ¡ ͧ   ȡ™ Ȫ@Ǔ Û¡ बहु ǒ–ͬ’ ˜ Ï ‡ “ करवायो।।
बहु Ĥ€ ȡš भूषन ” Ǒ¡ šȡf @ͧ  ǒ– € ȡ ǽͬ… š सािज ” ǕǓ“ 㙠ȡf @
@
ता पर ¡ šͪŸ … ±ȣ –Ȱ‘ȯ¡ ȣ@  Ǖͧ˜ ǐš राम सुखधाम   “ ȯ¡ ȣ@
@
–ȯ ” ȡǓ“ šÍ † € चहुँ पासा। चले सकल मन परम हुलासा।।
दे खन भालु € ȧ  सब आए। šÍ † € € Ȫͪ” Ǔ“  ȡš“ धाए।।
कह रघब ु ीर कहा मम मानहु।   Ȣ Ǒ¡ सखा ” ™ ȡ‘Ʌआनहु।।
दे खहुँ € ͪ” जननी € ȧ “ ȡɃ@ǒ–¡ ͧ  कहा रघनु ाथ गोसाई।।
  ǕǓ“ Ĥ — Ǖबचन भालु € ͪ” हरषे। नभ ते   ǕšÛ¡ सुमन बहु बरषे।।
सीता Ĥ  ˜ अनल महुँ राखी। Ĥ ‚ Š € ȧǔÛ¡ चह अंतर साखी।।
दो0- ȯǑ¡ कारन € ǽ“ ȡǓ“ ͬ’ कहे कछुक ‘ –Ǖ ȡ[‘ @
सन
ु त जातध
ु ानीं सब लागीं करै ǒ–Ÿ ȡ‘@
@108।।
–*–*–
Ĥ— Ǖके बचन सीस ’ ǐš सीता। – Ȫ› ȣ मन Đ ˜ बचन पन ु ीता।।
› Ǔ† ˜ “ होहु धरम के नेगी। पावक Ĥ ‚ Š करहु  à
Ǖ ¡ बेगी।।
  ǕǓ“ › Ǔ† ˜ “ सीता कै बानी। ǒ–š¡ ǒ– –ȯ€ धरम Ǔ“ Ǔ सानी।।
लोचन सजल ‡ Ȫǐš कर दोऊ। Ĥ — Ǖसन कछु € Ǒ¡ सकत न ओऊ।।
‘ȯͨ राम ǽ › Ǔ† ˜ “ धाए। पावक Ĥ ‚ ǑŠ काठ बहु लाए।।
पावक Ĥ –› ‘ȯͨ –Ȱ‘ȯ¡ ȣ@ǿ‘™ ȱहरष “ Ǒ¡ Ȳभय कछु  ȯ¡ ȣ@
@
‡ ɋ मन बच Đ ˜ मम उर ˜ ȡ¡ ȣȲ@तिज रघब
ु ीर आन ‚ Ǔ “ ȡ¡ ȣȲ@
@
तौ कृसानु सब कै ‚ Ǔ जाना। मो कहुँ होउ Į Ȣ ȲŒ समाना।।
छं 0-Į Ȣ ȲŒ सम पावक Ĥ –ȯ  ͩ€ ™ Ȫ   Ǖͧ˜ ǐš Ĥ— Ǖ˜ Ȱͬ › ȣ@
जय कोसलेस महे स – ȲǑ‘ चरन šǓ \ Ǔ Ǔ“ ˜ ›[ ȣ@
@
ĤǓ ǒ– –Ȳ \ ǽ › ȫͩ€ € कलंक Ĥ… ŒȲ पावक महुँ जरे ।
Ĥ— Ǖ… ǐš काहुँ न लखे नभ सुर ͧ  ƨ ˜ ǕǓ“ ‘ȯ Ǒ¡ Ȳखरे ।।1।।
’ ǐš Ǿ ” पावक ”ȡǓ“ ‚ Ǒ¡ Į Ȣ   י Į ǓǕ जग ǒ– Ǒ‘ जो।
ǔ‡ ͧ˜ † Ȥš  ȡ‚ š ^ȲǑ‘šȡ šȡ˜ Ǒ¡   ˜ ” ȸ ] Ǔ“ सो।।
सो राम बाम ǒ–— ȡ‚ šȡ‡ Ǔ ǽͬ… š \ Ǔ सोभा — › ȣ@
नव नील नीरज Ǔ“ € Š मानहुँ कनक पंकज € ȧ € › ȣ@ @2।।
दो0-– šŸ Ǒ¡ Ȳसुमन ¡ šͪŸ सुन – ȡ‡ Ǒ¡ Ȳगगन Ǔ“   ȡ“ @
‚ ȡǑ¡ Ȳͩ€ Ȳ“ š सुरबधू “ ȡ… Ǒ¡ Ȳ… ±ȣȲǒ–˜ ȡ“ @
@109(क)।।
जनकसुता समेत Ĥ— Ǖसोभा \ ͧ˜  अपार।
‘ȯͨ भालु € ͪ” हरषे जय šƒ ”Ǖ Ǔ सख
ु सार।।109(ख)।।
–*–*–
तब šƒ Ǖ” Ǔ अनुसासन पाई। ˜ ȡ ͧ› चलेउ चरन ͧ  ǽ नाई।।
आए दे व सदा èȡš Ȣ@बचन € ¡ Ǒ¡ Ȳजनु परमारथी।।
‘ȣ“ बंधु दयाल रघरु ाया। दे व € ȧǔÛ¡ ‘ȯ Û¡ पर दाया।।
ǒ– è ġȪ¡ रत यह खल कामी। Ǔ“ ‡ अघ गयउ कुमारगगामी।।
à
Ǖ ¡   ˜ Ǿ ” Ħé˜ \ ǒ–“ ȡ  Ȣ@सदा एकरस सहज उदासी।।
अकल अगुन अज अनघ अनामय। अिजत \ ˜ Ȫƒ   ǔȏ € ǽ“ ȡ˜ ™ @
@
मीन कमठ सक
ू र “ š¡ šȣ@बामन परसरु ाम बपु ’ šȣ@
@
जब जब नाथ   šǕÛ¡ दख
ु ु पायो। नाना तनु ’ ǐš  à
Ǖ ¡ ^ȱनसायो।।
यह खल ˜ ͧ› “ सदा   šǕġȪ¡ ȣ@काम लोभ मद रत \ Ǔ € Ȫ¡ ȣ@
@
अधम ͧ  šȪ˜ Ǔ“ तव पद पावा। यह हमरे मन ǒ–  ˜ ™ आवा।।
हम दे वता परम \ ͬ’ € ȡšȣ@èȡš रत Ĥ — Ǖ— ‚ Ǔ ǒ–   ȡšȣ@
@
भव Ĥ–ȡ¡ ȱसंतत हम परे । अब Ĥ — Ǖ”ȡǑ¡ सरन अनुसरे ।।
दो0-€ ǐš ǒ–“  Ȣ सुर ͧ  ƨ सब रहे जहँ तहँ कर ‡ Ȫǐš@
\ Ǔ   Ĥȯ˜ तन ” Ǖ› ͩ€ ǒ– ͬ’ \ è ǓǕ करत –¡ Ȫǐš@
@110।।
–*–*–
छं 0-जय राम सदा सुखधाम हरे । रघुनायक सायक चाप धरे ।।
भव बारन दारन ͧ  ¡Ȳ Ĥ — Ȫ@गुन सागर नागर नाथ ǒ–— Ȫ@
@
तन काम अनेक अनप
ू छबी। गन
ु गावत ͧ  ƨ ˜ “Ǖ ȢȲġ कबी।।
जसु पावन रावन नाग महा। खगनाथ जथा € ǐš कोप गहा।।
जन रं जन भंजन सोक भयं। ‚  Đ Ȫ’ सदा Ĥ — Ǖबोधमयं।।
अवतार उदार अपार गुनं। ˜ Ǒ¡ भार ǒ– — Ȳ‡ “ ʙ ȡ“ ƒ “ Ȳ
@@
अज ޙ ȡ”€ ˜ ȯ€ ˜ “ ȡǑ‘ सदा। € ǽ“ ȡ€ š राम “ ˜ ȡͧ˜ मुदा।।
रघुबंस ǒ–— ǗŸ “ दष
ू न हा। कृत भूप ǒ–— ȢŸ“ ‘ȣ“ रहा।।
गन
ु ʙ ȡ“ Ǔ“ ’ ȡ“ अमान अजं। Ǔ“  राम “ ˜ ȡͧ˜ ǒ– — ȲǕǒ–š‡ Ȳ@
@
भज
ु दं ड Ĥ… ŒȲ Ĥ ȡ” बलं। खल बंद
ृ Ǔ“ €Ȳ‘ महा कुसलं।।
ǒ– “ Ǖकारन ‘ȣ“ दयाल Ǒ¡  @
Ȳ † ǒ– धाम “ ˜ ȡͧ˜ रमा   Ǒ¡  @
Ȳ@
भव तारन कारन काज परं । मन संभव ‘ȡǽ“ दोष हरं ।।
सर चाप मनोहर ğȪ“ धरं । ‡ š‡ ȡǽ“ लोचन भूपबरं ।।
सख
ु ˜ ȲǑ‘š संद
ु र Į Ȣš˜ “ Ȳ@मद मार मध
ु ा ममता समनं।।
\ “ ɮ™ अखंड न गोचर गो।   –Ǿ ” सदा सब होइ न गो।।
^Ǔ बेद –‘ȲǓ न दं तकथा। šǒ– आतप ͧ— ۓ ˜ ͧ— ۓ जथा।।
€ Ǚ € Ǚי ǒ–— Ȫ सब बानर ए। Ǔ“ š ȲǓ तवानन सादर ए।।
ͬ’ ‚ जीवन दे व   šȣš हरे । तव — ǔȏ ǒ– “ ȡ भव — Ǘͧ› परे ।।
अब ‘ȣ“ दयाल दया € ǐšg@˜ Ǔ ˜ Ȫǐš ǒ–— ȯ‘ € šȣ ¡ ǐšg@
@
‡ ȯǑ¡ ते ǒ–”šȣ ͩĐ ™ ȡ € ǐšg@दख
ु सो सुख ˜ ȡǓ“ सुखी … ǐšg@
@
खल खंडन मंडन šà™ छमा। पद पंकज   ȯͪ  संभु उमा।।
नप
ृ नायक दे –š‘ȡ“ ͧ˜ ‘Ȳ@चरनांबज
ु Ĥȯ˜ सदा सभ
ु दं ।।
दो0-ǒ– “ ™ € ȧǔÛ¡ चतरु ानन Ĥȯ˜ पल
ु क \ Ǔ गात।
  Ȫ— ȡͧ  ’Ȳ Ǖǒ–› Ȫ€  लोचन “ ¡ ȣȲअघात।।111।।
–*–*–
 Ǒȯ¡ अवसर दसरथ तहँ आए। तनय ǒ– › Ȫͩ€ नयन जल छाए।।
अनज
ु   Ǒ¡  Ĥ— Ǖबंदन € ȧÛ¡ ȡ@] ͧ  š–ȡ‘ ͪ” ȡȱतब ‘ȣÛ¡ ȡ@
@
तात सकल तव ” Ǖۙ Ĥ— ȡa @‡ Ȣי ɉ अजय Ǔ“   ȡ… š राऊ।।
 Ǖ
Ǔ“ सुत बचन ĤȢǓ \ Ǔ –ȡ±ȣ@नयन   ͧ› › šȪ˜ ȡͧ› ‹ ȡ±ȣ@
@
šƒ Ǖ” Ǔ Ĥ ˜ Ĥȯ˜ अनुमाना। ͬ…  ^ ͪ” Ǒ¡ ‘ȣÛ¡ ȯ̀ Ǻ± ʙ ȡ“ ȡ@
@
ताते उमा ˜ ȪÍ † “ Ǒ¡ Ȳपायो। दसरथ भेद — ‚ Ǔ मन लायो।।
सगनु ोपासक ˜ ȪÍ † न › ȯ¡ ȣȲ@Ǔ Û¡ कहुँ राम — ‚ Ǔ Ǔ“ ‡ ‘ȯ¡ ȣȲ@
@
बार बार € ǐš Ĥ— ǕǑ¡ Ĥ “ ȡ˜ ȡ@दसरथ ¡ šͪŸ गए सुरधामा।।
दो0-अनुज ‡ ȡ“ € ȧ   Ǒ¡  Ĥ — Ǖकुसल कोसलाधीस।
सोभा ‘ȯͨ ¡ šͪŸ मन \ è ǓǕ कर सुर ईस।।112।।
–*–*–
छं 0-जय राम सोभा धाम। दायक Ĥ“  ǒ–Į ȡ˜ @ @
धत
ृ ğȪ“ बर सर चाप। भुजदं ड Ĥ – › Ĥ ȡ”@
@1।।
जय ‘ ŸǗ “ ȡǐš  šȡǐš@˜ ‘[“ Ǔ“   ȡ… š ’ ȡǐš@
@
यह ‘ çǕŠ मारे उ नाथ। भए दे व सकल सनाथ।।2।।
जय हरन धरनी भार। ˜ Ǒ¡ ˜ ȡ उदार अपार।।
जय šȡ“ ȡǐš कृपाल। ͩ€ f जातध
ु ान ǒ–¡ ȡ› @
@3।।
लंकेस \ Ǔ बल ‚ – @
[ ͩ€ f – è™ सुर ‚ Ȳ’ – @
[@
˜ ǓǕ“ ͧ  ƨ नर खग नाग। ¡ Ǒ‹ पंथ सब €Ʌलाग।।4।।
” šġȪ¡ रत \ Ǔ ‘ çǕŠ@पायो सो फलु ” ȡͪ” çŠ@
@
अब सन
ु हु ‘ȣ“ दयाल। राजीव नयन ǒ–   ȡ› @
@5।।
˜ ȪǑ¡ रहा \ Ǔ \ ͧ— ˜ ȡ“ @“ Ǒ¡ Ȳकोउ ˜ ȪǑ¡ समान।।
अब ‘ȯͨ Ĥ— Ǖपद कंज। गत मान Ĥ‘ दख
ु पुंज।।6।।
कोउ Ħ é˜ Ǔ“ ‚ “Ǖ[ ڙ ȡ @\ ޙ ȏ ‡ ȯǑ¡ Į ǓǕ गाव।।
˜ ȪǑ¡ भाव कोसल भप
ू । Į Ȣšȡ˜ सगन
ु   Ǿ ”@
@7।।
–Ȱ‘ȯǑ¡ अनज
ु समेत। मम ǿ‘™ ȱकरहु Ǔ“ €ȯ @
@
˜ ȪǑ¡ ‡ ȡǓ“ f Ǔ“ ‡ दास। दे — ǔȏ š˜ ȡǓ“ ȡ  @
@8।।
दे — ǔȏ š˜ ȡǓ“ ȡ  ğȡ  हरन सरन सुखदायकं।
सुख धाम राम “ ˜ ȡͧ˜ काम अनेक † ǒ– रघुनायकं।।
सरु बंद
ृ रं जन ɮȲ‘ भंजन मनज
ु तनु \  ͧǕ›  –› Ȳ@
Ħé˜ ȡǑ‘ संकर   ȯޙ राम “ ˜ ȡͧ˜ € ǽ“ ȡ कोमलं।।
दो0-अब € ǐš कृपा ǒ– › Ȫͩ€ ˜ ȪǑ¡ आयसु दे हु कृपाल।
काह € šɋ   ǕǓ“ ͪĤ™ बचन बोले ‘ȣ“ ‘™ ȡ› @ @113।।
–*–*–
सन
ु ु   šǕ”Ǔ € ͪ” भालु हमारे । परे — ͧǗ˜ Ǔ“   … šǔÛ¡ जे मारे ।।
मम Ǒ¡  › ȡͬ‚ तजे ^Û¡ Ĥȡ“ ȡ@सकल िजआउ सुरेस सुजाना।।
सुनु खगेस Ĥ— Ǖकै यह बानी। \ Ǔ अगाध ‡ ȡ“ Ǒ¡ Ȳ˜ ǕǓ“ ʙ ȡ“ Ȣ@
@
Ĥ— Ǖसक ǒğ— \Ǖ “ ˜ ȡǐš िजआई। केवल   Đ Ǒ¡ ‘ȣǔÛ¡ बड़ाई।।
सुधा – šͪŸ € ͪ” भालु िजआए। ¡ šͪŸ उठे सब Ĥ— Ǖ” Ǒ¡ Ȳआए।।
  Ǖ’ ȡ– ǔǙçŠ भै दह
ु ु दल ऊपर। िजए भालु € ͪ” “ Ǒ¡ Ȳरजनीचर।।
रामाकार भए Ǔ Û¡ के मन। ˜ È Ǖ  भए छूटे भव बंधन।।
सरु \ Ȳͧ  € सब € ͪ” \ ǽ šȣ† ȡ@िजए सकल šƒ ”Ǖ Ǔ € ȧȲईछा।।
राम   ǐš  को ‘ȣ“ Ǒ¡  € ȡšȣ@€ ȧÛ¡ ȯमक
ु ु त Ǔ“   ȡ… š ˆ ȡšȣ@
@
खल मल धाम काम रत रावन। ‚ Ǔ पाई जो ˜ ǕǓ“ – š पाव न।।
दो0-सुमन –šͪŸ सब सुर चले … Ǒ± … Ǒ± ǽͬ… š ǒ– ˜ ȡ“ @
‘ȯͨ   Ǖ\   ǽ Ĥ — Ǖ”Ǒ¡ Ȳआयउ संभु सुजान।।114(क)।।
परम ĤȢǓ कर ‡ Ȫǐš जग
ु “ ͧ› “ नयन — ǐš – ȡǐš@
” ›Ǖ ͩ€  तन गदगद ͬ‚ šȡȱǒ–“ ™ करत ǒğ” šǕȡǐš@
@114(ख)।।
–*–*–
छं 0-˜ ȡ˜ ͧ— š¢ ™ रघक
ु ु ल नायक। धत
ृ बर चाप ǽͬ… š कर सायक।।
मोह महा घन पटल Ĥ— Ȳ‡ “ @संसय ǒ–ͪ” “ अनल सरु रं जन।।1।।
अगुन सगुन गुन ˜ ȲǑ‘š सुंदर। ħ ˜ तम Ĥ – › Ĥ ȡ” Ǒ‘ȡ€ š@
@
काम Đ Ȫ’ मद गज पंचानन। बसहु Ǔ“ šȲ š जन मन कानन।।2।।
ǒ–Ÿ™ मनोरथ पुंज कंज बन। Ĥ – › तष ु ार उदार पार मन।।
भव –ȡǐšͬ’ मंदर परमं दर। बारय तारय   Ȳ  ǓǙ ‘ è
Ǖ š@
@3।।
è™ ȡ˜ गात राजीव ǒ–› Ȫ… “ @‘ȣ“ बंधु Ĥ “  ȡšǓ मोचन।।
अनज
ु ‡ ȡ“ € ȧ   Ǒ¡  Ǔ“ šȲ š@बसहु राम नप
ृ मम उर अंतर।।4।।
˜ ǕǓ“ रं जन ˜ Ǒ¡ मंडल मंडन।  ›Ǖ ͧ  ‘ȡ  Ĥ — Ǖğȡ  ǒ–  ȲŒ “ @
@5।।
दो0-नाथ ‡ –Ǒ¡ Ȳ€ Ȫ  › ” ǕšȣȲ¡ Ȫ^Ǒ¡ Ǔ › €  à
Ǖ ¡ ȡš@
€ Ǚ” ȡͧ  ’Ȳ Ǖ˜ ɇआउब दे खन … ǐš उदार।।115।।
–*–*–
€ ǐš ǒ–“  Ȣ जब संभु ͧ  ’ ȡf @तब Ĥ— ǕǓ“ € Š ǒ– — ȢŸ “ Ǖआए।।
नाइ चरन ͧ  ǽ कह मद
ृ ु बानी। ǒ– “ ™ सुनहु Ĥ — Ǖसारँगपानी।।
सकुल सदल Ĥ — Ǖरावन मार् यो। पावन जस ǒğ— Ǖ “ ǒ– è ȡšQ
यो।।
‘ȣ“ ˜ › ȣ“ ¡ ȣ“ ˜ Ǔ जाती। मो पर कृपा € ȧǔÛ¡ बहु भाँती।।
अब जन गह ृ पन
ु ीत Ĥ— Ǖ€ ȧ‡ ȯ@˜ Ï ‡ “ Ǖ€ ǐš\ समर Į ˜ † Ȥ‡ ȯ@
@
‘ȯͨ कोस ˜ ȲǑ‘š संपदा। दे हु कृपाल € ͪ” Û¡ कहुँ मद
ु ा।।
सब ǒ–ͬ’ नाथ ˜ ȪǑ¡ अपनाइअ। ” ǓǕ“ ˜ ȪǑ¡   Ǒ¡  अवधपरु जाइअ।।
सुनत बचन मद
ृ ु ‘ȣ“ ‘™ ȡ› ȡ@सजल भए ɮȫ नयन ǒ–  ȡ› ȡ@
@
दो0-तोर कोस गह
ृ मोर सब   י बचन सुनु ħ ȡ @
भरत दसा   Ǖͧ˜ š ˜ ȪǑ¡ Ǔ“ ͧ˜ Ÿ € 㔠सम जात।।116(क)।।
तापस बेष गात कृस जपत Ǔ“ šȲ š ˜ ȪǑ¡ @
‘ȯ ɋ –ȯͬ‚ सो जतनु € ǽ सखा Ǔ“ ¡ Ȫš`ȱ ȪǑ¡ @
@116(ख)।।
– Ȣ Ʌ\ ͬ’ जाउँ ‡ ɋ िजअत न पावउँ बीर।
  Ǖͧ˜ š अनुज Ĥ ȢǓ Ĥ — Ǖ” ǕǓ“ ” ǕǓ“ पुलक   šȣš@
@116(ग)।।
करे हु € 㔠— ǐš राजु  à
Ǖ ¡ ˜ ȪǑ¡   Ǖͧ˜ šȯ¡ Ǖमन ˜ ȡǑ¡ @
Ȳ
” ǓǕ“ मम धाम पाइहहु जहाँ संत सब ‡ ȡǑ¡ @
Ȳ@
116(घ)।।
–*–*–
सुनत ǒ–— ȢŸ “ बचन राम के। ¡ šͪŸ गहे पद कृपाधाम के।।
बानर भालु सकल हरषाने। ‚ Ǒ¡ Ĥ — Ǖपद गन
ु ǒ– ˜ › बखाने।।
– ¡ Ǖǐš ǒ–— ȢŸ“ भवन ͧ  ’ ȡ™ Ȫ@˜ Ǔ“ गन बसन ǒ– ˜ ȡ“ भरायो।।
लै ” Ǖç” € Ĥ— Ǖ] ‚ Ʌराखा। ¡ ȱͧ  € ǐš € Ǚ” ȡͧ  ’Ȳ Ǖतब भाषा।।
… Ǒ± ǒ–˜ ȡ“ सुनु सखा ǒ–— ȢŸ“ @गगन जाइ बरषहु पट भूषन।।
नभ पर जाइ ǒ–— ȢŸ“  –¡ ȣ@– šͪŸ Ǒ‘f ˜ Ǔ“ अंबर   –¡ ȣ@
@
जोइ जोइ मन भावइ सोइ › ȯ¡ ȣȲ@˜ Ǔ“ मख
ु ˜ ȯͧ› Œȡǐš € ͪ” ‘ȯ¡ ȣȲ@
@
हँसे रामु Į Ȣ अनज
ु समेता। परम € ȫ €Ǖ ȧ कृपा Ǔ“ €ȯ ȡ@
@
दो0-˜ ǓǕ“ ‡ ȯǑ¡ ڙ ȡ“ न ”ȡ Ǒ¡ Ȳ“ ȯǓ “ ȯǓ कह बेद।
€ Ǚ” ȡͧ  ’Ȳ Ǖसोइ € ͪ”Û¡ सन करत अनेक ǒ–“ Ȫ‘@
@117(क)।।
उमा जोग जप दान तप नाना मख Ħ  नेम।
राम कृपा “ Ǒ¡ € šǑ¡ Ȳ ͧ  ‡ ͧ  Ǔ“ ç€ȯ › Ĥȯ˜ @ @117(ख)।।
–*–*–
भालु € ͪ” Û¡ पट भूषन पाए। ” Ǒ¡ ǐš ”Ǒ¡ ǐš šƒ ”Ǖ Ǔ ” Ǒ¡ Ȳआए।।
नाना िजनस ‘ȯͨ सब € ȧ  ȡ@” ǕǓ“ ” ǕǓ“ हँसत कोसलाधीसा।।
ͬ…  ^   –ǔÛ¡ पर € ȧǔÛ¡ दाया। बोले मद
ृ ल
ु बचन रघरु ाया।।
à
Ǖ ¡ šɅबल ˜ ɇरावनु मार् यो। Ǔ › € ǒ– — ȢŸ“ कहँ ” ǓǕ“ सार् यो।।
Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ गह
ृ अब  à
Ǖ ¡ सब जाहू।   Ǖͧ˜ šȯ¡ Ǖ˜ ȪǑ¡ डरपहु ‡ Ǔ“ काहू।।
सुनत बचन Ĥȯ˜ ȡ€ Ǖ› बानर। ‡ Ȫǐš ” ȡǓ“ बोले सब सादर।।
Ĥ — Ǖजोइ कहहु  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ सब सोहा। हमरे होत बचन   ǕǓ“ मोहा।।
‘ȣ“ ‡ ȡǓ“ € ͪ” ͩ€ f सनाथा।  àǕ ¡ ğȯ
› Ȫ€ ईस रघनु ाथा।।
  ǓǕ“ Ĥ— Ǖबचन लाज हम ˜ š¡ ȣȲ@मसक कहूँ  ‚ ”Ǔ Ǒ¡  € š¡ ȣȲ@
@
‘ȯͨ राम ǽ बानर šȣ† ȡ@Ĥȯ˜ मगन “ Ǒ¡ Ȳगह
ृ कै ईछा।।
दो0-Ĥ— ǕĤȯǐš € ͪ” भालु सब राम Ǿ ” उर šȡͨ @
हरष ǒ–Ÿȡ‘   Ǒ¡  चले ǒ–“ ™ ǒ– ǒ–’ ǒ– ͬ’ — ȡͪŸ @
@118(क)।।
€ ͪ” ”Ǔ नील šȣ† ” Ǔ अंगद नल हनुमान।
  Ǒ¡  ǒ–— ȢŸ“ अपर जे जूथप € ͪ” बलवान।।118(ख)।।
दो0- € Ǒ¡ न   € Ǒ¡ Ȳकछु Ĥȯ˜ बस — ǐš — ǐš लोचन –ȡǐš@
  ۘ Ǖ ͬ…  Ǒ¡ Ȳराम तन नयन Ǔ“ ˜ ȯŸ Ǔ“ ȡǐš@ @118(ग)।।
~
–*–*–
–*–*–
\ Ǔ   ™ ĤȢǓ दे ख रघरु ाई। ͧ› Û¡ ȯसकल ǒ–˜ ȡ“ चढ़ाई।।
मन महुँ ǒ– Ĥ चरन ͧ  ǽ नायो। ` ׏ š Ǒ‘ͧ  Ǒ¡ ǒ– ˜ ȡ“ चलायो।।
चलत ǒ–˜ ȡ“ कोलाहल होई। जय रघुबीर कहइ सबु कोई।।
ͧ  ¡Ȳȡ  “ \ Ǔ ` Í … मनोहर। Į Ȣ समेत Ĥ — Ǖबैठै ता पर।।
राजत रामु   Ǒ¡  — ȡͧ˜ “ Ȣ@˜ ȯǽ संग
ृ जनु घन ‘ȡͧ˜ “ Ȣ@
@
ǽͬ… š ǒ–˜ ȡ“ Ǖचलेउ \ Ǔ आतरु । € ȧÛ¡ ȣ सुमन – ǔǙçŠ हरषे सुर।।
परम सख
ु द … ͧ› ǒğǒ–’ –™ ȡšȣ@सागर सर   ǐš Ǔ“ ˜ ›[ – ȡšȣ@
@
सगन
ु ¡ ȪǑ¡ Ȳसंद
ु र चहुँ पासा। मन Ĥ   ۓ Ǔ“ ˜ ›[ नभ आसा।।
कह रघुबीर दे खु रन सीता। › Ǔ† ˜ “ इहाँ ¡ י Ȫ ^ȱġ ‡ Ȣ ȡ@
@
हनूमान अंगद के मारे । रन ˜ Ǒ¡ परे Ǔ“   ȡ… š भारे ।।
कंु भकरन रावन ɮȫ भाई। इहाँ हते सुर ˜ ǕǓ“ दख
ु दाई।।
दो0-इहाँ सेतु –ȡȱڙ Ȫ \ ǽ थापेउँ ͧ   सख
ु धाम।
सीता   Ǒ¡  € Ǚ”ȡǓ“ ͬ’   Ȳ— ǑǕ¡ € ȧÛ¡ Ĥ“ ȡ˜ @
@119(क)।।
जहँ जहँ € Ǚ”ȡͧ  ’Ȳ Ǖबन € ȧÛ¡ बास ǒ– Į ȡ˜ @
सकल दे खाए ‡ ȡ“ ͩ€ Ǒ¡ कहे   –ǔÛ¡ के नाम।।119(ख)।।
–*–*–
तरु त ǒ–˜ ȡ“ तहाँ … ͧ› आवा। दं डक बन जहँ परम सह
ु ावा।।
€ ȲǕ— ‡ ȡǑ‘ ˜ ǓǕ“ “ ȡ™ € नाना। गए रामु सब €Ʌ\ è ȡ“ ȡ@
@
सकल ǐšͪŸÛ¡ सन पाइ असीसा। ͬ… ğ€ ǗŠ आए ‡ ‚ ‘ȣ  ȡ@
@
तहँ € ǐš ˜ ǕǓ“ Û¡ केर संतोषा। चला ǒ– ˜ ȡ“ Ǖतहाँ ते चोखा।।
– ¡ Ǖǐš राम ‡ ȡ“ ͩ€ Ǒ¡ दे खाई। जमुना € ͧ› मल ¡ šǓ“ सुहाई।।
” ǓǕ“ दे खी   šǕ  šȣ पन
ु ीता। राम कहा Ĥ“ ȡ˜ € ǽ सीता।।
 Ȣš ”Ǔ ” ǓǕ“ दे खु Ĥ™ ȡ‚ ȡ@Ǔ“ š  ‡ ۘ € ȪǑŠ अघ भागा।।
दे खु परम ”ȡǓ“ ” ǓǕ“ बेनी। ¡ šǓ“ सोक ¡ ǐš लोक Ǔ“   ȯ“ Ȣ@
@
” ǕǓ“ दे खु \  ’ ” Ǖšȣ \ Ǔ ”ȡ Ǔ“ @ǒğǒ–’ ताप भव रोग “   ȡ Ǔ“ @
@@
दो0-सीता   Ǒ¡  अवध कहुँ € ȧÛ¡ कृपाल Ĥ“ ȡ˜ @
सजल नयन तन ” Ǖ› ͩ€  ” ǕǓ“ ” ǕǓ“ ¡ šͪŸ  राम।।120(क)।।
” ǓǕ“ Ĥ— Ǖआइ ǒğ–ȯ“ ȢȲ¡ šͪŸ  ˜ Ï ‡ “ Ǖ€ ȧÛ¡ @
€ ͪ”Û¡   Ǒ¡  ǒ–ĤÛ¡ कहुँ दान ǒ– ǒ–’ ǒ–ͬ’ ‘ȣÛ¡ @ @ 120(ख)।।
–*–*–
Ĥ — Ǖ¡ “ ˜Ǖ Ȳ Ǒ¡ कहा बझ
ु ाई। ’ ǐš बटु Ǿ ” अवधपरु जाई।।
— š Ǒ¡ कुसल ¡ ˜ ȡǐš सन
ु ाएहु। समाचार लै  à
Ǖ ¡ … ͧ› आएहु।।
तरु त पवनसुत गवनत भयउ। तब Ĥ — Ǖ— šɮ ȡ‡ ”Ǒ¡ Ȳगयऊ।।
नाना ǒ–ͬ’ ˜ ǕǓ“ पूजा € ȧÛ¡ ȣ@\ è Ǖ Ȣ € ǐš ” ǕǓ“ ] ͧ  Ÿ ‘ȣÛ¡ ȣ@
@
˜ ǕǓ“ पद –ȲǑ‘ जुगल कर ‡ Ȫšȣ@… Ǒ± ǒ–˜ ȡ“ Ĥ — Ǖचले – ¡ Ȫšȣ@
@
इहाँ Ǔ“ Ÿ ȡ‘ सन
ु ा Ĥ— Ǖआए। नाव नाव कहँ लोग बोलाए।।
  šǕ  ǐš “ ȡǓƒ जान तब आयो। उतरे उ तट Ĥ— Ǖआयसु पायो।।
तब सीताँ पूजी   Ǖš  šȣ@बहु Ĥ € ȡš ” ǕǓ“ … š“ ǔÛ¡ ” šȣ@
@
‘ȣǔÛ¡ असीस ¡ šͪŸ मन गंगा।   ǕȲ‘ ǐš तव \ Ǒ¡  ȡ अभंगा।।
सुनत गुहा धायउ Ĥȯ˜ ȡ€ Ǖ› @आयउ Ǔ“ € Š परम सुख संकुल।।
Ĥ — ǑǕ¡   Ǒ¡  ǒ–› Ȫͩ€ –Ȱ‘ȯ¡ ȣ@परे उ \ Ǔ“ तन   ͬǕ’ “ Ǒ¡ Ȳ ȯ¡ ȣ@
@
ĤȢǓ परम ǒ–› Ȫͩ€ रघरु ाई। ¡ šͪŸ उठाइ ͧ› ™ Ȫ उर लाई।।
छं 0-ͧ› ™ Ȫ ǿ‘™ ȱलाइ कृपा Ǔ“ ’ ȡ“ सज
ु ान रायँ रमापती।
–Ȱ‹ ȡǐš परम समीप बूझी कुसल सो कर बीनती।
अब कुसल पद पंकज ǒ–› Ȫͩ€ ǒ–šȲͬ… संकर   ȯޙ जे।
सुख धाम पूरनकाम राम “ ˜ ȡͧ˜ राम “ ˜ ȡͧ˜ ते।।1।।
सब — ȡȱǓ अधम Ǔ“ Ÿ ȡ‘ सो ¡ ǐš भरत Ï ™ ɉ उर लाइयो।
˜ Ǔ ˜ Ȳ‘ तल
ु सीदास सो Ĥ— Ǖमोह बस ǒ–   šȡ^™ Ȫ@
@
यह šȡ“ ȡǐš … ǐšğ पावन राम पद šǓ Ĥ ‘ सदा।
€ ȡ˜ ȡǑ‘¡ š ǒ–Ê™ ȡ“ € š सुर ͧ  ƨ ˜ ǕǓ“ ‚ ȡǑ¡ Ȳमुदा।।2।।
दो0-समर ǒ–‡ ™ रघुबीर के … ǐš जे   Ǖ“ Ǒ¡ Ȳसुजान।
ǒ– ‡ ™ ǒ––ȯ€ ǒ–— ǓǗ Ǔ“  Ǔ Û¡ Ǒ¡ ‘ȯǑ¡ Ȳभगवान।।121(क)।।
यह € ͧ› € ȡ› मलायतन मन € ǐš दे खु ǒ–… ȡš@
Į Ȣšƒ “
Ǖ ȡ नाम तिज “ ȡǑ¡ “ आन अधार।।121(ख)।।
मासपारायण,   ׏ ȡ_  ȡȱͪĮ ȡ˜
——————-
^Ǔ Į Ȣ˜ ġȡ˜ … ǐš ˜ ȡ“   ȯ  € › € ͧ› € › ŸǕ ͪÚ Ȳ  “ ȯ
Ÿ ç‹ Ȭ सोपानः   ˜ ȡ܏ Ȭ@
(› Ȳ€ ȡ€ ȡ֌   ˜ ȡ܏ )
` ׏ š € ȡ֌

Į Ȣ गणेशाय नमः
Į Ȣ‡ ȡ“ € ȧã› — Ȫ ͪ‡ ™  ȯ
Į Ȣšȡ˜ … ǐš ˜ ȡ“  
  ܏ ˜ सोपान
(` ׏ š€ ȡ֌)
æ› Ȫ€
€ȯ€ ȧ€ ֋ ȡ— “ Ȣ› Ȳ  šǕ šͪ ›   ɮͪĤ ” ȡ‘ȡއ ͬ… é“ Ȳ
ž Ȫ— ȡɭ™ Ȳ”Ȣ èğȲ  šͧ  ‡ “ ™ “ Ȳ   ‘[ ȡ   ǕĤ   ۓ ˜ @
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पाणौ नाराचचापं € ͪ”Ǔ“ € š™ Ǖ Ȳ– ے “Ǖ ȡ   ȯå™ ˜ ȡ“ Ȳ
“ ȫ˜ Ȣɬ™ Ȳ‡ ȡ“ € ȧž Ȳšƒ Ǖ š˜ Ǔ“ ž Ȳ” Ǖç” € ȡǾ šȡ˜ ˜ @
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Q1।।
€ Ȫ  › ȯÛġ”‘€ ч ˜ ч ›Ǖ ȫ € Ȫ˜ › ȡ ‡ ˜ ¡ ȯž ǔۑ ȫ@
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@2।।
€ Ǖۑ^ۑ ‘Ǖš‚ ȫš  Û
Ǖ‘šȲ\ ǔà–€ ȡ” Ǔ ˜ — ȢçŠͧ  ͪƨ ‘˜ @
Q
€ ȡǽŽ Ȣ€ € › € ч › Ȫ… “ Ȳ“ ȫͧ˜ शंकरमनंगमोचनम ्।।3।।
दो0-रहा एक Ǒ‘“ \  ͬ’ कर \ Ǔ आरत परु लोग।
जहँ तहँ   Ȫ… Ǒ¡ Ȳ“ ȡǐš नर कृस तन राम ǒ– ™ Ȫ‚ @
@
–*–*–
सगुन ¡ ȪǑ¡ Ȳसुंदर सकल मन Ĥ   ۓ सब केर।
Ĥ — Ǖआगवन जनाव जनु नगर šà™ चहुँ फेर।।
€ ȫ  㙠ȡǑ‘ मातु सब मन अनंद अस होइ।
आयउ Ĥ— ǕĮ Ȣ अनुज जुत कहन चहत अब कोइ।।
भरत नयन भुज ‘ǔÍ † “ फरकत –ȡšǑ¡ Ȳबार।
‡ ȡǓ“ सगुन मन हरष \ Ǔ लागे करन ǒ– … ȡš@
@
रहे उ एक Ǒ‘“ \ ͬ’ अधारा। समझ
ु त मन दख
ु भयउ अपारा।।
कारन कवन नाथ “ Ǒ¡ Ȳआयउ। ‡ ȡǓ“ € ǕǑŠ› ͩ€ ’ ɋ ˜ ȪǑ¡ ǒ–  šȡ™ ` @
@
अहह ’ ۙ › Ǔ† ˜ “ बड़भागी। राम ” ‘ȡšǒ– ‘Ȳ Ǖअनरु ागी।।
€ ”Šȣ € ǕǑŠ› ˜ ȪǑ¡ Ĥ— Ǖ… ȢÛ¡ ȡ@ताते नाथ संग “ Ǒ¡ Ȳ› ȣÛ¡ ȡ@
@
‡ ɋ करनी समझ
ु ै Ĥ— Ǖ˜ Ȫšȣ@“ Ǒ¡ ȲǓ“ è ȡš कलप सत € Ȫšȣ@
@
जन अवगुन Ĥ — Ǖमान न काऊ। ‘ȣ“ बंधु \ Ǔ मद
ृ ल
ु सुभाऊ।।
˜ Ȫǐš िजयँ भरोस Ǻ± सोई। ͧ˜ ͧ› ¡ Ǒ¡ Ȳराम सगन
ु सभ
ु होई।।
– Ȣ Ʌ\ ͬ’ š¡ Ǒ¡ ‡ ɋ Ĥȡ“ ȡ@अधम कवन जग ˜ ȪǑ¡ समाना।।
दो0-राम ǒ–š¡ सागर महँ भरत मगन मन होत।
ǒ–Ĥ Ǿ ” ’ ǐš पवन सुत आइ गयउ जनु पोत।।1(क)।।
–ȰǑ‹ ‘ȯͨ कुसासन जटा मुकुट कृस गात।
राम राम šƒ ”Ǖ Ǔ जपत è𝏠नयन जलजात।।1(ख)।।
–*–*–
दे खत हनूमान \ Ǔ हरषेउ। पुलक गात लोचन जल बरषेउ।।
मन महँ बहुत — ȡȱǓ सख
ु मानी। बोलेउ Į  “ सध ु ा सम बानी।।
जासु ǒ–š¡ ȱसोचहु Ǒ‘“ राती। रटहु Ǔ“ šȲ š गन
ु गन पाँती।।
रघक
ु ु ल Ǔ › € सज
ु न सख
ु दाता। आयउ कुसल दे व ˜ ǓǕ“ ğȡ ȡ@
@
ǐš” Ǖरन ‡ ȢǓ सुजस सुर गावत। सीता   Ǒ¡  अनुज Ĥ— Ǖआवत।।
सुनत बचन ǒ–  šȯसब दख
ू ा। तष
ृ ावंत ǔ‡ ͧ˜ पाइ ͪ”™ ǗŸ ȡ@
@
को  à
Ǖ ¡ तात कहाँ ते आए। ˜ ȪǑ¡ परम ͪĤ ™ बचन सुनाए।।
˜ ȡǽ सुत ˜ ɇ€ ͪ” हनुमाना। नामु मोर सुनु € Ǚ” ȡǓ“ ’ ȡ“ ȡ@
@
‘ȣ“ –Ȳ’ Ǖšƒ Ǖ” Ǔ कर ͩ€ Ȳ€ š@सुनत भरत — ɅŠȯ̀ ` Ǒ‹ सादर।।
ͧ˜ ›  Ĥȯ˜ “ Ǒ¡ Ȳǿ‘™ ȱसमाता। नयन è𝠏 जल ” ›Ǖ ͩ€  गाता।।
€ ͪ” तव दरस सकल दख
ु बीते। ͧ˜ › ȯआजु ˜ ȪǑ¡ राम ͪ”šȣ ȯ@
@
बार बार बझू ी कुसलाता। तो कहुँ दे उँ काह सन ु ु ħ ȡ ȡ@
@
f Ǒ¡ संदेस   ǐš  जग ˜ ȡ¡ ȣȲ@€ ǐš ǒ– … ȡš दे खेउँ कछु “ ȡ¡ ȣȲ@
@
“ ȡǑ¡ “ तात ` ǐš“ ˜ ɇ Ȫ¡ ȣ@अब Ĥ — Ǖ… ǐš सुनावहु ˜ Ȫ¡ ȣ@
@
तब हनुमंत नाइ पद माथा। कहे सकल šƒ Ǖ” Ǔ गुन गाथा।।
कहु € ͪ” कबहुँ कृपाल ‚ Ȫ  ȡɃ@  ͧǕ˜ šǑ¡ Ȳ˜ ȪǑ¡ दास € ȧ “ ȡɃ@
@
छं 0-Ǔ“ ‡ दास Ï ™ ɉ रघब
ु ंसभषू न कबहुँ मम   ͧǕ˜ š“ कर् यो।
  ǕǓ“ भरत बचन ǒ–“ Ȣ \ Ǔ € ͪ” ” Ǖ› ͩ€  तन … š“ ǔÛ¡ पर् यो।।
रघुबीर Ǔ“ ‡ मख
ु जासु गुन गन कहत अग जग नाथ जो।
काहे न होइ ǒ– “ Ȣ परम पुनीत सदगुन ͧ  ’Ȳ Ǖसो।।
दो0-राम Ĥȡ“ ͪĤ™ नाथ  à
Ǖ ¡   י बचन मम तात।
” ǓǕ“ ” ǓǕ“ ͧ˜ ›  भरत   ǓǕ“ हरष न ǿ‘™ ȱसमात।।2(क)।।
सो0-भरत चरन ͧ  ǽ नाइ  ǐǕš गयउ € ͪ” राम ”Ǒ¡ @
Ȳ
€ ¡ ȣ कुसल सब जाइ ¡ šͪŸ चलेउ Ĥ — Ǖजान … Ǒ±@
@2(ख)।।
–*–*–
¡ šͪŸ भरत कोसलपरु आए। समाचार सब ‚ šǕǑ¡ सन ु ाए।।
” ǕǓ“ ˜ ȲǑ‘š महँ बात जनाई। आवत नगर कुसल रघुराई।।
सुनत सकल जननीं ` Ǒ‹ ’ ȡɃ@€ Ǒ¡ Ĥ — Ǖकुसल भरत समुझाई।।
समाचार ” Ǖš–ȡͧ  Û¡ पाए। नर \ ǽ “ ȡǐš ¡ šͪŸ सब धाए।।
‘ͬ’ ‘ –Ǖ ȡ[रोचन फल फूला। नव तल
ु सी दल मंगल मूला।।
— ǐš — ǐš हे म थार — ȡͧ˜ “ Ȣ@गावत … ͧ› Ȳͧ  ’Ȳ Ǖͧ  ’Ȳ šǕ‚ ȡͧ˜ “ Ȣ@
@
जे ‡ Ȱ  ȯǑ¡ Ȳ  Ȱ ȯǑ¡ Ȳ` ǑŠ ’ ȡ Ǒ¡ @
Ȳ बाल – ƨǙ कहँ संग न › ȡǑ¡ @
Ȳ@
एक f € Û¡ कहँ – ˆǗ Ǒ¡ Ȳभाई।  à
Ǖ ¡ दे खे दयाल रघरु ाई।।
\ ’ ” šǕȣ Ĥ— Ǖआवत जानी। भई सकल सोभा कै खानी।।
बहइ सुहावन ǒğǒ– ’ समीरा। भइ सरजू \ Ǔ Ǔ“ ˜ ›[ नीरा।।
दो0-¡ šͪŸ गुर ”ǐš‡ “ अनुज भूसुर बंद
ृ समेत।
चले भरत मन Ĥȯ˜ \ Ǔ   ۘ Ǖ € Ǚ” ȡǓ“ €ȯ @
@3(क)।।
बहुतक … ±ȣ \ ŠȡǐšÛ¡ Ǔ“ š Ǒ¡ Ȳगगन ǒ–˜ ȡ“ @
‘ȯͨ मधरु सरु ¡ šͪŸ € šǑ¡ Ȳसम
ु ंगल गान।।3(ख)।।
राका   ͧ  šƒ ”Ǖ Ǔ पुर ͧ  ’Ȳ Ǖ‘ȯͨ हरषान।
बढ़यो कोलाहल करत जनु “ ȡǐš तरं ग समान।।3(ग)।।
–*–*–
इहाँ भानुकुल कमल Ǒ‘ ȡ€ š@€ ͪ”Û¡ दे खावत नगर मनोहर।।
सुनु कपीस अंगद लंकेसा। पावन ” Ǖšȣ ǽͬ… š यह दे सा।।
‡ ɮ™ ͪ” सब बैकंु ठ बखाना। बेद पुरान ǒ– Ǒ‘ जगु जाना।।
\ ’ ” šǕȣ सम ͪĤ ™ “ Ǒ¡ Ȳसोऊ। यह Ĥ  Ȳ‚ जानइ कोउ कोऊ।।
‡ ۘ — ͧǗ˜ मम ” šǕȣ   ¡Ǖ ȡ Ǔ“ @` ׏ š Ǒ‘ͧ  बह सरजू ”ȡ Ǔ“ @
@
जा ˜ Ï ‡ “ ते ǒ–“ Ǒ¡ ȲĤ™ ȡ  ȡ@मम समीप नर ”ȡ Ǒ¡ Ȳबासा।।
\ Ǔ ͪĤ™ ˜ ȪǑ¡ इहाँ के बासी। मम धामदा ” Ǖšȣ सुख रासी।।
हरषे सब € ͪ”   ǕǓ“ Ĥ — Ǖबानी। ’ ۙ अवध जो राम बखानी।।
दो0-आवत ‘ȯͨ लोग सब € Ǚ” ȡͧ  ’Ȳ Ǖभगवान।
नगर Ǔ“ € Š Ĥ— ǕĤȯšȯ̀ उतरे उ — Ǘͧ˜ ǒ–˜ ȡ“ @
@4(क)।।
`  ǐš कहे उ Ĥ — Ǖ” Ǖ
ç” € Ǒ¡  à
Ǖ ¡ कुबेर ” Ǒ¡ Ȳजाहु।
Ĥȯǐš राम चलेउ सो हरषु ǒ–š¡ Ǖ\ Ǔ ताहु।।4(ख)।।
–*–*–
आए भरत संग सब लोगा। कृस तन Į Ȣšƒ Ǖ– Ȣš ǒ– ™ Ȫ‚ ȡ@ @
बामदे व – ͧ  ç‹ ˜ ǓǕ“ “ ȡ™ € @दे खे Ĥ — Ǖ˜ Ǒ¡ ’ ǐš धनु सायक।।
धाइ धरे गरु चरन   šȪǽ¡ @अनज
ु   Ǒ¡  \ Ǔ पल
ु क  “ Ȫǽ¡ @
@
— ɅǑŠ कुसल बझ
ू ी ˜ ǓǕ“ šȡ™ ȡ@¡ ˜ šɅकुसल  à
Ǖ ¡ ȡǐšǑ¡ Ȳदाया।।
सकल ɮͪ‡ Û¡ ͧ˜ ͧ› नायउ माथा। ’ ˜ [धरु ं धर रघुकुलनाथा।।
गहे भरत ” ǕǓ“ Ĥ— Ǖपद पंकज। नमत ǔ‡ Û¡ Ǒ¡ सुर ˜ ǕǓ“ संकर अज।।
परे — Ǘͧ˜ “ Ǒ¡ Ȳउठत उठाए। बर € ǐš € Ǚ”ȡͧ  ’Ȳ Ǖउर लाए।।
è™ ȡ˜ › गात रोम भए ठाढ़े । नव राजीव नयन जल बाढ़े ।।
छं 0-राजीव लोचन è𝠏 जल तन › ͧ›  ” ›Ǖ € ȡ ͧ› बनी।
\ Ǔ Ĥȯ˜ ǿ‘™ ȱलगाइ \ “ Ǖ‡ Ǒ¡ ͧ˜ › ȯĤ— Ǖǒğ— Ǖ\ “ धनी।।
Ĥ — Ǖͧ˜ ›  \ “ Ǖ‡ Ǒ¡ सोह मो ”Ǒ¡ Ȳ‡ ȡǓ “ Ǒ¡ Ȳउपमा € ¡ ȣ@
जनु Ĥȯ˜ \ ǽ ͧ  ‚Ȳ ȡš तनु ’ ǐš ͧ˜ › ȯबर सुषमा › ¡ ȣ@
@1।।
बझ
ू त € Ǚ”ȡǓ“ ͬ’ कुसल — š Ǒ¡ बचन –ȯͬ‚ न आवई।
सन
ु ु ͧ  ȡ सो सख
ु बचन मन ते ͧ— ۓ जान जो पावई।।
अब कुसल कौसलनाथ आरत ‡ ȡǓ“ जन दरसन Ǒ‘™ Ȫ@
बूड़त ǒ–š¡ – ȡšȣ  € Ǚ” ȡǓ“ ’ ȡ“ ˜ ȪǑ¡ कर ‚ Ǒ¡ ͧ› ™ Ȫ@
@2।।
दो0-” ǕǓ“ Ĥ — Ǖ¡ šͪŸ   ğ ¡Ǖ “ — ɅŠȯǿ‘™ ȱलगाइ।
› Ǔ† ˜ “ भरत ͧ˜ › ȯतब परम Ĥȯ˜ दोउ भाइ।।5।।
–*–*–
भरतानजु › Ǔ† ˜ “ ” ǓǕ“ — ɅŠȯ@दस
ु ह ǒ–š¡ संभव दख
ु मेटे।।
सीता चरन भरत ͧ  ǽ नावा। अनुज समेत परम सुख पावा।।
Ĥ— Ǖǒ–› Ȫͩ€ हरषे पुरबासी। ‡ Ǔ“  ǒ– ™ Ȫ‚ ǒ– ”Ǔ सब नासी।।
Ĥȯ˜ ȡ šǕ सब लोग Ǔ“ ¡ ȡšȣ@कौतक
ु € ȧÛ¡ कृपाल  šȡšȣ@
@
\ ͧ˜  Ǿ ” Ĥ‚ Šȯ ȯǑ¡ काला। जथाजोग ͧ˜ › ȯ  – Ǒ¡ कृपाला।।
€ Ǚ”ȡǺǔçŠ रघब
ु ीर ǒ–› Ȫ€ ȧ@ͩ€ f सकल नर “ ȡǐš ǒ–   Ȫ€ ȧ@
@
छन ˜ Ǒ¡ Ȳ  –Ǒ¡ ͧ˜ › ȯभगवाना। उमा मरम यह काहुँ न जाना।।
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’   –Ǒ¡ सुखी € ǐš रामा। ] ‚ Ʌचले सील गुन धामा।।
€ ȫ  㙠ȡǑ‘ मातु सब धाई। Ǔ“ šͨ – Í † जनु धेनु लवाई।।
छं 0-जनु धेनु बालक – Í † तिज गह
ृ ँ चरन बन परबस ‚ Ƀ@
Ǒ‘“ अंत परु ǽ è𝠏 थन हुंकार € ǐš धावत भई।।
\ Ǔ Ĥȯ˜ सब मातु — ȯŠ ȣȲबचन मद
ृ ु –¡ Ǖǒ–ͬ’ कहे ।
गइ ǒ–Ÿ˜ ǒ–™ Ȫ‚ भव Ǔ Û¡ हरष सुख \ ‚ Ǔ“  लहे ।।
दो0-भेटेउ तनय   Ǖͧ˜ ğȡȱराम चरन šǓ ‡ ȡǓ“ @
šȡ˜ Ǒ¡ ͧ˜ ›  कैकेई ǿ‘™ ȱबहुत   € Ǖ… ȡǓ“ @
@6(क)।।
› Ǔ† ˜ “ सब ˜ ȡ Û¡ ͧ˜ ͧ› हरषे ] ͧ  Ÿ पाइ।
कैकेइ कहँ ” ǓǕ“ ” ǓǕ“ ͧ˜ › ȯमन कर छोभु न जाइ।।6।।
–*–*–
  ȡ  Û
Ǖ¡   –Ǔ“ ͧ˜ › ȣ –Ȱ‘ȯ¡ ȣ@… š“ ǔÛ¡ › ȡͬ‚ हरषु \ Ǔ  ȯ
¡ ȣ@
@
‘ȯǑ¡ Ȳअसीस – ͨǗˆ कुसलाता। होइ अचल  à
Ǖ ¡ ȡš \ Ǒ¡  ȡ ȡ@
@
सब šƒ Ǖ” Ǔ मख
ु कमल ǒ–› Ȫ€ Ǒ¡ @
Ȳ मंगल ‡ ȡǓ“ नयन जल šȪ€ Ǒ¡ @
Ȳ@
कनक थार ] šǓ `  ȡšǑ¡ @
Ȳ बार बार Ĥ — Ǖगात Ǔ“ ¡ ȡšǑ¡ @
Ȳ@
नाना — ȡȱǓ Ǔ“ † ȡ ǐš € š¡ ȣȲ@परमानंद हरष उर — š¡ ȣȲ@
@
€ ȫ  㙠ȡ ” ǓǕ“ ” ǓǕ“ šƒ –Ǖ ȢšǑ¡ @ͬ…   Ǔ € Ǚ”ȡͧ  ’Ȳ Ǖš“ ’ ȢšǑ¡ @
@
ǿ‘™ ȱǒ–… ȡšǓ –ȡšǑ¡ Ȳबारा। कवन — ȡȱǓ › Ȳ€ ȡ”Ǔ मारा।।
\ Ǔ सक
ु ु मार जग
ु ल मेरे बारे । Ǔ“ ͧ  … š सभ
ु ट महाबल भारे ।।
दो0-› Ǔ† ˜ “ \ ǽ सीता   Ǒ¡  Ĥ — ǕǑ¡ ǒ– › Ȫ€ Ǔ मात।ु
परमानंद मगन मन ” ǕǓ“ ” ǕǓ“ ” Ǖ› ͩ€  गात।ु ।7।।
–*–*–
› Ȳ€ ȡ” Ǔ कपीस नल नीला। जामवंत अंगद सुभसीला।।
¡ “ Ǖ˜ ‘ȡǑ‘ सब बानर बीरा। धरे मनोहर मनुज   šȣšȡ@
@
भरत सनेह सील Ħ नेमा। सादर सब – š“ Ǒ¡ Ȳ\ Ǔ Ĥȯ˜ ȡ@
@
‘ȯͨ “ ‚ š–ȡͧ  Û¡ कै šȣ Ȣ@सकल   šȡ¡ Ǒ¡ Ĥ— Ǖपद Ĥ Ȣ Ȣ@
@
”Ǔ
Ǖ“ šƒ ”Ǖ Ǔ सब सखा बोलाए। ˜ ǓǕ“ पद लागहु सकल ͧ   ȡf @ @
गुर – ͧ  çŠ € Ǖ› ” ǗÏ ™ हमारे । ^Û¡ € ȧ कृपाँ दनुज रन मारे ।।
ए सब सखा सुनहु ˜ ǕǓ“ मेरे। भए समर सागर कहँ बेरे।।
मम Ǒ¡  › ȡͬ‚ ‡ ۘ ^Û¡ हारे । भरतहु ते ˜ ȪǑ¡ \ ͬ’ € ͪ”] šȯ@
@
  ǓǕ“ Ĥ— Ǖबचन मगन सब भए। Ǔ“ ͧ˜ Ÿ Ǔ“ ͧ˜ Ÿ उपजत सख ु नए।।
दो0-€ ȫ  㙠ȡ के … š“ ǔÛ¡ ” ǓǕ“ Ǔ Û¡ नायउ माथ।।
] ͧ  Ÿ ‘ȣÛ¡ ȯ¡ šͪŸ  à
Ǖ ¡ ͪĤ ™ मम ǔ‡ ͧ˜ रघन
ु ाथ।।8(क)।।
सुमन – ǔǙçŠ नभ संकुल भवन चले सुखकंद।
… ±ȣ \ ŠȡǐšÛ¡ ‘ȯ Ǒ¡ Ȳनगर “ ȡǐš नर बंद
ृ ।।8(ख)।।
–*–*–
कंचन कलस ǒ– ͬ… ğ सँवारे ।   – Ǒ¡ Ȳधरे सिज Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ ɮȡšȯ@
@
बंदनवार पताका केत।ू   –ǔÛ¡ बनाए मंगल हे त।ू ।
बीथीं सकल सुगंध ͧ  …Ȳ ȡ_@‚ ‡ ˜ Ǔ“ šͬ… बहु चौक पुराई।।
नाना — ȡȱǓ सुमंगल साजे। ¡ šͪŸ नगर Ǔ“   ȡ“ बहु बाजे।।
जहँ तहँ “ ȡǐš Ǔ“ † ȡš € š¡ ȣȲ@‘ȯǑ¡ Ȳअसीस हरष उर — š¡ ȣȲ@
@
कंचन थार आरती नाना। जब
ु ती   ‡ Ʌ€ šǑ¡ Ȳसभ
ु गाना।।
€ šǑ¡ Ȳआरती ] šǓ ¡ š €Ʌ@रघक
ु ु ल कमल ǒ– ͪ” “ Ǒ‘“ € š €Ʌ@
@
परु सोभा   Ȳ” Ǔ € 㙠ȡ“ ȡ@Ǔ“ ‚ ˜ सेष सारदा बखाना।।
तेउ यह … ǐš ‘ȯͨ ‹ ͬ‚ š¡ ¡ ȣȲ@उमा तासु गुन नर ͩ€ ͧ˜ € ¡ ¡ ȣȲ@
@
दो0-“ ȡǐš € Ǖ˜ ǕǑ‘“ ȢȲअवध सर šƒ Ǖ” Ǔ ǒ–š¡ Ǒ‘“ ȯ  @
\ è भएँ ǒ–‚    — Ƀ Ǔ“ šͨ राम राकेस।।9(क)।।
¡ ȪǑ¡ Ȳसगन
ु सभ
ु ǒ– ǒ– ’ ǒ– ͬ’ –ȡ‡ Ǒ¡ Ȳगगन Ǔ“   ȡ“ @
परु नर “ ȡǐš सनाथ € ǐš भवन चले भगवान।।9(ख)।।
–*–*–
Ĥ— Ǖजानी कैकेई लजानी। Ĥ ˜ तासु गह
ृ गए भवानी।।
 ȡǑ¡ Ĥ– Ȫͬ’ बहुत सख ु ‘ȣÛ¡ ȡ@” ǓǕ“ Ǔ“ ‡ भवन गवन ¡ ǐš € ȧÛ¡ ȡ@
@
€ Ǚ” ȡͧ  ’Ȳ Ǖजब ˜ ȲǑ‘š गए। पुर नर “ ȡǐš सुखी सब भए।।
गुर –ͧ  çŠ ɮͪ‡ ͧ› f बुलाई। आजु   Ǖƒ šȣ   ǕǑ‘“ समुदाई।।
सब ɮͪ ‡ दे हु ¡ šͪŸ अनुसासन। šȡ˜ … ġȲ –Ȱ‹ Ǒ¡ Ȳͧ  ƒȲ ȡ  “ @
@
˜ ǓǕ“ – ͧ  çŠ के बचन सह ु ाए। सन
ु त सकल ǒ– ĤÛ¡ \ Ǔ भाए।।
€ ¡ Ǒ¡ Ȳबचन मद
ृ ु ǒ– Ĥ अनेका। जग \ ͧ— šȡ˜ राम \ ͧ— Ÿ ȯ€ ȡ@
@
अब ˜ ǕǓ“ –š ǒ–› Ȳ– “ Ǒ¡ Ȳ€ ȧ‡ ȯ@महाराज कहँ Ǔ › € € šȣ‡ Ȱ@
@
दो0-तब ˜ ǕǓ“ कहे उ   Ǖ˜ Ȳğ सन सुनत चलेउ हरषाइ।
रथ अनेक बहु बािज गज तरु त सँवारे जाइ।।10(क)।।
जहँ तहँ धावन पठइ ” ǓǕ“ मंगल ġޙ मगाइ।
हरष समेत –ͧ  çŠ पद ” ǓǕ“ ͧ  ǽ नायउ आइ।।10(ख)।।
“ ȡÛ¡ ”ȡšȡ™ Ž , आठवाँ ͪĮ ȡ˜
–*–*–
\  ’ ” šǕȣ \ Ǔ ǽͬ… š बनाई। ‘ȯ Û¡ समु न – ǔǙçŠ ˆ ǐš लाई।।
राम कहा   ȯ € Û¡ बल
ु ाई। Ĥ ˜    Û¡ \ Û¡ ȡ ¡ Ǖजाई।।
सुनत बचन जहँ तहँ जन धाए।   ǕĒ Ȣ ȡǑ‘ तरु त \ Û¡  ȡf @
@
” ǕǓ“ € ǽ“ ȡǓ“ ͬ’ भरतु हँकारे । Ǔ“ ‡ कर राम जटा Ǔ“ ǽ] šȯ@
@
\ Û¡ ȡf Ĥ— Ǖ ȢǓ“ ` भाई। भगत बछल कृपाल रघुराई।।
भरत — ȡʙ Ĥ— Ǖकोमलताई। सेष € ȪǑŠ सत   € Ǒ¡ Ȳन गाई।।
” ǓǕ“ Ǔ“ ‡ जटा राम ǒ– –šȡf @गरु अनस
ु ासन ˜ ȡͬ‚ नहाए।।
€ ǐš ˜ Ï ‡ “ Ĥ— Ǖभूषन साजे। अंग अनंग ‘ȯͨ सत लाजे।।
दो0-  ȡ  ǕÛ¡ सादर ‡ ȡ“ ͩ€ Ǒ¡ ˜ Ï ‡ “ तरु त कराइ।
Ǒ‘Þ™ बसन बर भूषन अँग अँग सजे बनाइ।।11(क)।।
राम बाम Ǒ‘ͧ    Ȫ— Ǔ रमा Ǿ ” गन
ु  ȡǓ“ @
‘ȯͨ मातु सब हरषीं ‡ ۘ सफ
ु ल Ǔ“ ‡ ‡ ȡǓ“ @
@11(ख)।।
सन
ु ु खगेस  ȯǑ¡ अवसर Ħ é˜ ȡ ͧ   ˜ ǓǕ“ बंद
ृ ।
… Ǒ± ǒ–˜ ȡ“ आए सब सुर दे खन सुखकंद।।11(ग)।।
–*–*–
Ĥ — Ǖǒ–› Ȫͩ€ ˜ ǓǕ“ मन अनुरागा। तरु त Ǒ‘Þ™ ͧ  ƒȲ ȡ  “ मागा।।
šǒ– सम तेज सो –šǓ“ न जाई। बैठे राम ɮͪ‡ Û¡ ͧ  ǽ नाई।।
जनकसुता समेत रघुराई। ”ȯͨ Ĥ¡ šŸȯ˜ ǕǓ“ समुदाई।।
बेद ˜ Ȳğ तब ɮͪ‡ Û¡ उचारे । नभ सरु ˜ ǓǕ“ जय ‡ ™ Ǔ पक
ु ारे ।।
Ĥ  ˜ Ǔ › € –ͧ  çŠ ˜ ǓǕ“ € ȧÛ¡ ȡ@” ǓǕ“ सब ǒ–Ĥ Û¡ आयसु ‘ȣÛ¡ ȡ@
@
सत
ु ǒ– › Ȫͩ€ हरषीं ˜ ¡  ȡšȣ@बार बार आरती `  ȡšȣ@
@
ǒ–Ĥ Û¡ दान ǒ–ǒ–’ ǒ–ͬ’ ‘ȣÛ¡ ȯ@जाचक सकल अजाचक € ȧÛ¡ ȯ@
@
ͧ  ƒȲ ȡ  “ पर ǒğ— Ǖ\ “ साई। ‘ȯͨ   ǕšÛ¡ दं द
ु भ
ु ीं – ‡ ȡɃ@
@
छं 0-नभ दं द ु ीं –ȡ‡ Ǒ¡ Ȳǒ– ” Ǖ› ‚ Ȳ’ – [ͩ€ Ȳ“ š ‚ ȡ ¡ ȣȲ@
ु भ
“ ȡ… Ǒ¡ Ȳअपछरा बंद
ृ परमानंद सरु ˜ ǓǕ“ ”ȡ¡ ȣȲ@
@
— š ȡǑ‘ अनज
ु ǒ–— ȢŸ“ ȡȲ‚ ‘ ¡ “ ˜Ǖ ‘ȡǑ‘ समेत ते।
‚ ¡ Ʌ† ğ चामर ޙ ‡ “ धनु \ ͧ  … ˜ [  ǔȏ ǒ– šȡ‡  ȯ@
@1।।
Į Ȣ   Ǒ¡  Ǒ‘“ € š बंस बूषन काम बहु † ǒ– सोहई।
नव अंबुधर बर गात अंबर पीत सुर मन मोहई।।
˜ €Ǖ ǕŠȡȲ‚ ‘ȡǑ‘ ǒ–ͬ… ğ भष
ू न अंग \ Ȳ‚ ǔÛ¡ Ĥ Ǔ सजे।
अंभोज नयन ǒ–  ȡ› उर भज
ु ’ ۙ नर Ǔ“ š ȲǓ जे।।2।।
दो0-वह सोभा समाज सख
ु कहत न बनइ खगेस।
– š“ Ǒ¡ Ȳसारद सेष Į ǓǕ सो रस जान महे स।।12(क)।।
ͧ— ۓ ͧ— ۓ \ è ǓǕ € ǐš गए सुर Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ धाम।
– Ȳ‘ ȣ बेष बेद तब आए जहँ Į Ȣšȡ˜ @
@12(ख)।।
Ĥ — Ǖ  – Ê
[ ™ € ȧÛ¡ \ Ǔ आदर € Ǚ” ȡǓ“ ’ ȡ“ @
लखेउ न काहूँ मरम कछु लगे करन गुन गान।।12(ग)।।
–*–*–
छं 0-जय सगन ु Ǔ“ ‚ “Ǖ[ Ǿ ” अनप
ू भप
ू ͧ  šȪ˜ “ ȯ@
‘  €Ȳ’ šȡǑ‘ Ĥ … ŒȲ Ǔ“ ͧ  … š Ĥ– › खल भुज बल हने।।
अवतार नर संसार भार ǒ–— Ȳǔ‡ ‘ȡǽ“ दख
ु दहे ।
जय Ĥ“  ” ȡ› दयाल Ĥ — Ǖ  Ȳ‡ Ǖȏ   ǔȏ नमामहे ।।1।।
तव ǒ–Ÿ ˜ माया बस सरु ासरु नाग नर अग जग हरे ।
भव पंथ ħ ˜  \ ͧ˜  Ǒ‘   Ǔ“ ͧ  काल € ˜ [‚ “Ǖ Ǔ“ भरे ।।
जे नाथ € ǐš € ǽ“ ȡ ǒ– › Ȫ€ȯǒğǒ– ͬ’ दख
ु ते Ǔ“ – ¡[ ȯ@
भव खेद छे दन ‘Í † हम कहुँ šÍ † राम नमामहे ।।2।।
जे ʙ ȡ“ मान ǒ–˜ ׏ तव भव ¡ šǓ“ — ǔȏ न ] ‘šȣ@
ते पाइ सुर ‘ ›Ǖ —[ ”‘ȡ‘ͪ” परत हम दे खत ¡ šȣ@
@
ǒ–èȡ  € ǐš सब आस ”ǐš¡ ǐš दास तव जे होइ रहे ।
‡ ͪ” नाम तव ǒ–“ ǕĮ ˜  šǑ¡ Ȳभव नाथ सो समरामहे ।।3।।
जे चरन ͧ   अज ” ǗÏ ™ रज सुभ ” šͧ  ˜ ǕǓ“ ”Ǔ “ Ȣ  šȣ@
नख Ǔ“ ‚ [ ȡ ˜ ǕǓ“ –ȲǑ‘ ȡ ğȯ
› Ȫ€ ”ȡ Ǔ“   Ǖš  šȣ@
@
ڝ‡ € Ǖͧ›   अंकुस कंज जुत बन ͩ• š कंटक ͩ€ “ लहे ।
पद कंज ɮȲ‘ मक
ु ंु द राम रमेस Ǔ“ י भजामहे ।।4।।
\ ޙ ȏ ˜ ›Ǘ ˜ “ ȡǑ‘  ǽ ם … … ȡǐš Ǔ“ ‚ ˜ ȡ‚ ˜ भने।
षट कंध साखा पंच बीस अनेक ”“ [सम
ु न घने।।
फल जुगल ǒ– ͬ’ कटु मधरु –ȯͧ› \ €ȯͧ› ‡ ȯǑ¡ ] ͬĮ  रहे ।
”ã›   फूलत नवल Ǔ“  संसार ǒ– Š” नमामहे ।।5।।
जे Ħ é˜ \ ‡ ˜ ɮȰ ˜ “ Ǖ— ‚ à™ मनपर ڙ ȡ ¡ ȣȲ@
ते कहहुँ जानहुँ नाथ हम तव सगुन जस Ǔ“  ‚ ȡ ¡ ȣȲ@ @
€ ǽ“ ȡ™  “ Ĥ— Ǖसदगुनाकर दे व यह बर ˜ ȡ‚ ¡ ȣȲ@
मन बचन € ˜ [ǒ– € ȡš तिज तव चरन हम \ “ šǕȡ‚ ¡ ȣȲ@
@6।।
दो0-सब के दे खत –ȯ‘ Û¡ ǒ– “  Ȣ € ȧǔÛ¡ उदार।
\ Ȳ ’ ȡ[“ भए ” ǓǕ“ गए Ħé˜ आगार।।13(क)।।
बैनतेय सुनु संभु तब आए जहँ रघुबीर।
ǒ– “ ™ करत गदगद ͬ‚ šȡ ” Ǘǐš पुलक   šȣš@
@13(ख)।।
–*–*–
छं 0- जय राम रमारमनं समनं। भव ताप भयाकुल ” ȡǑ¡ जनं।।
अवधेस सुरेस रमेस ǒ–— Ȫ@सरनागत मागत ”ȡǑ¡ Ĥ — Ȫ@
@1।।
दससीस ǒ–“ ȡ  “ बीस भुजा। कृत ‘ ǐǗš महा ˜ Ǒ¡ — Ǘǐš ǽ‡ ȡ@
@
रजनीचर बंद
ृ पतंग रहे । सर पावक तेज Ĥ … ŒȲ दहे ।।2।।
˜ Ǒ¡ मंडल मंडन … ȡǽ šȲ@धत
ृ सायक चाप Ǔ“ Ÿ Ȳ‚ बरं ।।
मद मोह महा ममता रजनी। तम पुंज Ǒ‘ ȡ€ š तेज अनी।।3।।
मनजात ͩ€ šȡ Ǔ“ ”ȡ ͩ€ f @मग
ृ लोग कुभोग सरे न Ǒ¡ f @
@
¡ Ǔ नाथ \ “ ȡ Ǔ“ ”ȡǑ¡ हरे । ǒ–Ÿ ™ ȡ बन पावँर — Ǘͧ› परे ।।4।।
बहु रोग ǒ–™ Ȫ‚ ǔÛ¡ लोग हए। —  ‘ȲǓē Ǔ“ šȡ‘š के फल ए।।
भव ͧ  ’Ȳ Ǖअगाध परे नर ते। पद पंकज Ĥȯ˜ न जे करते।।5।।
\ Ǔ ‘ȣ“ ˜ › ȣ“ दख
ु ी Ǔ“  ¡ ȣ@
Ȳ ǔ‡ Û¡ के पद पंकज ĤȢǓ “ ¡ ȣȲ@
@
अवलंब भवंत कथा ǔ‡ Û¡ के।। ͪĤ ™ संत अनंत सदा Ǔ Û¡ €Ʌ@
@6।।
“ Ǒ¡ Ȳराग न लोभ न मान ˜ ‘ȡ@
@Ǔ Û¡ €Ʌ सम बैभव वा ǒ– ”‘ȡ@
@
f Ǒ¡ ते तव सेवक होत मुदा। ˜ ǕǓ“ י ȡ‚  जोग भरोस सदा।।7।।
€ ǐš Ĥȯ˜ Ǔ“ šȲ š नेम ͧ› f ȱ@पद पंकज सेवत   Ǖƨ Ǒ¡ f ȱ@
@
सम ˜ ȡǓ“ Ǔ“ šȡ‘š ] ‘š¡ ȣ@सब संत सुखी ǒ–… šȲǓ ˜ ¡ ȣ@
@8।।
˜ ǓǕ“ मानस पंकज भंग
ृ भजे। रघब
ु ीर महा रनधीर अजे।।
तव नाम ‡ ”ȡͧ˜ “ ˜ ȡͧ˜ ¡ šȣ@भव रोग महागद मान \ šȣ@
@9।।
गन
ु सील कृपा परमायतनं। Ĥ “ ˜ ȡͧ˜ Ǔ“ šȲ š Į Ȣš˜ “ Ȳ@
@
रघुनंद Ǔ“ €Ȳ‘™ ɮȲɮ  ƒ “ Ȳ@˜ Ǒ¡ ” ȡ› ǒ–› Ȫ€ ™ ‘ȣ“ जनं।।10।।
दो0-बार बार बर मागउँ ¡ šͪŸ दे हु Į ȢšȲ‚ @
पद सरोज अनपायनी — ‚ Ǔ सदा सतसंग।।14(क)।।
–šǓ“ ` ˜ ȡ”Ǔ राम गन
ु ¡ šͪŸ गए कैलास।
तब Ĥ— Ǖ€ ͪ”Û¡ Ǒ‘ ȡf सब ǒ–ͬ’   Ǖ Ĥ ‘ बास।।14(ख)।।
–*–*–
सन
ु ु  ‚ ”Ǔ यह कथा पावनी। ǒğǒ– ’ ताप भव भय दावनी।।
महाराज कर सभ
ु \ ͧ— Ÿ ȯ€ ȡ@सन
ु त › ¡ Ǒ¡ Ȳनर ǒ– šǓ ǒ––ȯ€ ȡ@
@
जे सकाम नर   Ǖ“ Ǒ¡ Ȳजे ‚ ȡǑ¡ @
Ȳ सुख   Ȳ” Ǔ नाना ǒ–ͬ’ ” ȡǑ¡ @
Ȳ@
सुर ‘ ›Ǖ —[ सुख € ǐš जग ˜ ȡ¡ ȣȲ@अंतकाल šƒ Ǖ” Ǔ पुर ‡ ȡ¡ ȣȲ@
@
  Ǖ“ Ǒ¡ Ȳǒ–˜ Ǖ
ȏ ǒ–š \ ǽ ǒ–Ÿ _@› ¡ Ǒ¡ Ȳ— ‚ Ǔ ‚ Ǔ   Ȳ” Ǔ नई।।
 ‚ ” Ǔ राम कथा ˜ ɇबरनी। 蝘 Ǔ ǒ– › ȡ  ğȡ  दख
ु हरनी।।
ǒ–šǓ ǒ––ȯ€ — ‚ Ǔ Ǻ± करनी। मोह “ ‘ȣ कहँ संद
ु र तरनी।।
Ǔ“  नव मंगल € ȫ  › ” šǕȣ@¡ šͪŸ  š¡ Ǒ¡ Ȳलोग सब € Ǖšȣ@
@
Ǔ“  नइ Ĥ ȢǓ राम पद पंकज।   –€Ʌǔ‡ Û¡ Ǒ¡ नमत ͧ   ˜ ǕǓ“ अज।।
मंगन बहु Ĥ€ ȡš ”Ǒ¡ šȡf @ɮͪ ‡ Û¡ दान नाना ǒ–ͬ’ पाए।।
दो0-Ħé˜ ȡ“ Ȳ‘ मगन € ͪ” सब €ɅĤ— Ǖपद Ĥ ȢǓ @
जात न जाने Ǒ‘  Ǔ Û¡ गए मास षट –ȢǓ @ @
15।।
–*–*–
ǒ–  šȯगह
ृ सपनेहुँ   Ǖͬ’ “ ȡ¡ ȣȲ@ǔ‡ ͧ˜ ”šġȪ¡ संत मन ˜ ȡ¡ ȣ@
@
तब šƒ Ǖ” Ǔ सब सखा बोलाए। आइ   –ǔÛ¡ सादर ͧ  ǽ नाए।।
परम Ĥ ȢǓ समीप बैठारे । भगत सुखद मद
ृ ु बचन उचारे ।।
à
Ǖ ¡ \ Ǔ € ȧÛ¡ ˜ Ȫǐš सेवकाई। मख
ु पर €ȯǑ¡ ǒ– ͬ’ € šɋ बड़ाई।।
ताते ˜ ȪǑ¡  à
Ǖ ¡ \ Ǔ ͪĤ ™ लागे। मम Ǒ¡  › ȡͬ‚ भवन सख
ु י ȡ‚ ȯ@
@
अनज
ु राज   Ȳ” Ǔ –Ȱ‘ȯ¡ ȣ@दे ह गेह ” ǐš ȡš   “ ȯ¡ ȣ@
@
सब मम ͪĤ™ “ Ǒ¡ Ȳ à
Ǖ ¡ Ǒ¡ समाना। मष
ृ ा न कहउँ मोर यह बाना।।
सब के ͪĤ™ सेवक यह नीती। ˜ ȪšɅ\ ͬ’ € दास पर Ĥ Ȣ Ȣ@
@
दो0-अब गह ृ जाहु सखा सब भजेहु ˜ ȪǑ¡ Ǻ± नेम।
सदा   – ‚[    – Ǒ[¡  ‡ ȡǓ“ करे हु \ Ǔ Ĥȯ˜ @
@16।।
–*–*–
  ǓǕ“ Ĥ— Ǖबचन मगन सब भए। को हम कहाँ ǒ–   ǐš तन गए।।
एकटक रहे ‡ Ȫǐš कर आगे।   € Ǒ¡ Ȳन कछु € Ǒ¡ \ Ǔ अनरु ागे।।
परम Ĥȯ˜ Ǔ Û¡ कर Ĥ— Ǖदे खा। कहा ǒ– ǒ– ’ ǒ–ͬ’ ʙ ȡ“ ǒ–  ȯŸ ȡ@
@
Ĥ — Ǖ  ۘ Ǖ कछु कहन न ”ȡšǑ¡ @
Ȳ ” ǕǓ“ ” ǕǓ“ चरन सरोज Ǔ“ ¡ ȡšǑ¡ @
Ȳ@
तब Ĥ— Ǖभूषन बसन मगाए। नाना रं ग अनूप सुहाए।।
  ǕĒ Ȣ Ǒ¡ Ĥ ˜ Ǒ¡ Ȳ”Ǒ¡ šȡf @बसन भरत Ǔ“ ‡ हाथ बनाए।।
Ĥ — ǕĤȯǐš › Ǔ† ˜ “ ”Ǒ¡ šȡf @› Ȳ€ ȡ”Ǔ šƒ ”Ǖ Ǔ मन भाए।।
अंगद बैठ रहा “ Ǒ¡ Ȳडोला। Ĥ ȢǓ ‘ȯͨ Ĥ — Ǖ ȡǑ¡ न बोला।।
दो0-जामवंत “ Ȣ› ȡǑ‘ सब ”Ǒ¡ šȡf रघुनाथ।
Ǒ¡ ™ ȱ’ ǐš राम Ǿ ” सब चले नाइ पद माथ।।17(क)।।
तब अंगद ` Ǒ‹ नाइ ͧ  ǽ सजल नयन कर ‡ Ȫǐš@
\ Ǔ ǒ–“ Ȣ बोलेउ बचन मनहुँ Ĥȯ˜ रस –Ȫǐš@ @17(ख)।।
–*–*–
सुनु   – Ê
[ ™ कृपा सुख ͧ  ’Ȳ Ȫ@‘ȣ“ दयाकर आरत बंधो।।
मरती बेर नाथ ˜ ȪǑ¡ –ȡ› ȣ@गयउ  à
Ǖ ¡ ȡšȯǑ¡ € ɉ† Ʌƒ ȡ› ȣ@
@
असरन सरन ǒ–š‘ Ǖ  Ȳ— ȡšȣ@˜ ȪǑ¡ ‡ Ǔ“ तजहु भगत Ǒ¡  € ȡšȣ@@
˜ ȪšɅ à
Ǖ ¡ Ĥ— Ǖगरु ͪ”  Ǖमाता। जाउँ कहाँ तिज पद जलजाता।।
à
Ǖ ¡ Ǒ¡ ǒ– … ȡǐš कहहु नरनाहा। Ĥ — Ǖतिज भवन काज मम काहा।।
बालक ʙ ȡ“ – Ǖͪƨ बल ¡ ȣ“ ȡ@राखहु सरन नाथ जन ‘ȣ“ ȡ@@
“ Ȣͬ… टहल गह
ृ कै सब € ǐš¡ `ȱ@पद पंकज ǒ– › Ȫͩ€ भव  ǐš¡ `ȱ@
@
अस € Ǒ¡ चरन परे उ Ĥ— Ǖ” ȡ¡ ȣ@अब ‡ Ǔ“ नाथ कहहु गह ृ ‡ ȡ¡ ȣ@
@
दो0-अंगद बचन ǒ– “ Ȣ   ǓǕ“ šƒ ”Ǖ Ǔ € ǽ“ ȡ सींव।
Ĥ — Ǖउठाइ उर लायउ सजल नयन राजीव।।18(क)।।
Ǔ“ ‡ उर माल बसन ˜ Ǔ“ –ȡͧ›  “ ™ ”Ǒ¡ šȡ^@
ǒ– ‘ȡ € ȧǔÛ¡ भगवान तब बहु Ĥ € ȡš समुझाइ।।18(ख)।।
–*–*–
भरत अनुज   ȫͧ˜ ğ समेता। पठवन चले भगत कृत चेता।।
अंगद ǿ‘™ ȱĤȯ˜ “ Ǒ¡ Ȳथोरा। ͩ• ǐš ͩ• ǐš ͬ…   राम € ȧȲओरा।।
बार बार कर दं ड Ĥ “ ȡ˜ ȡ@मन अस रहन € ¡ Ǒ¡ Ȳ˜ ȪǑ¡ रामा।।
राम ǒ–› Ȫ€ Ǔ“ –Ȫ› Ǔ“ चलनी।   ͧǕ˜ ǐš   ͧǕ˜ ǐš सोचत ¡ ȱͧ  ͧ˜ › “ Ȣ@
@
Ĥ — Ǖǽ ‘ȯͨ ǒ– “ ™ बहु भाषी। चलेउ ǿ‘™ ȱपद पंकज राखी।।
\ Ǔ आदर सब € ͪ” पहुँचाए। — ȡ^Û¡   Ǒ¡  भरत ” ǕǓ“ आए।।
तब   ǕĒ Ȣ चरन ‚ Ǒ¡ नाना। — ȡȱǓ ǒ– “ ™ € ȧÛ¡ ȯहनुमाना।।
Ǒ‘“ दस € ǐš šƒ ”Ǖ Ǔ पद सेवा। ” ǓǕ“ तव चरन ‘ȯͨ ¡ `ȱदे वा।।
”Û
Ǖ™ पंज
ु à
Ǖ ¡ पवनकुमारा। सेवहु जाइ कृपा आगारा।।
अस € Ǒ¡ € ͪ” सब चले तरु ं ता। अंगद कहइ सन
ु हु हनम
ु ंता।।
दो0-कहे हु दं डवत Ĥ — Ǖ  ɇ à
Ǖ ¡ Ǒ¡ कहउँ कर ‡ Ȫǐš@
बार बार šƒ Ǖ“ ȡ™ € Ǒ¡   ǕšǓ कराएहु ˜ Ȫǐš@
@19(क)।।
अस € Ǒ¡ चलेउ –ȡͧ›   Ǖ ͩ• ǐš आयउ हनुमंत।
तासु ĤȢǓ Ĥ— Ǖसन € Ǒ¡ मगन भए भगवंत।।!9(ख)।।
€ Ǖͧ›   ¡ Ǖ… ȡǑ¡ कठोर \ Ǔ कोमल कुसम
ु हु … ȡǑ¡ @
ͬ… ׏ खगेस राम कर   ˜ Ǖͨˆ परइ कहु € ȡǑ¡ @ @19(ग)।।
–*–*–
” ǓǕ“ कृपाल ͧ› ™ Ȫ – Ȫͧ› Ǔ“ Ÿ ȡ‘ȡ@‘ȣÛ¡ ȯभष
ू न बसन Ĥ   ȡ‘ȡ@
@
जाहु भवन मम   Ǖͧ˜ š“ करे हू। मन Đ ˜ बचन ’ ˜ [अनुसरे हू।।
à
Ǖ ¡ मम सखा भरत सम ħ ȡ ȡ@सदा रहे हु पुर आवत जाता।।
बचन सुनत उपजा सुख — ȡšȣ@परे उ चरन — ǐš लोचन – ȡšȣ@
@
चरन “ ͧ› “ उर ’ ǐš गह
ृ आवा। Ĥ— Ǖसभ
ु ाउ ”ǐš‡ “ ǔÛ¡ सन
ु ावा।।
šƒ ”Ǖ Ǔ … ǐš ‘ȯͨ परु बासी। ” ǓǕ“ ” ǓǕ“ € ¡ Ǒ¡ Ȳ’ ۙ सख
ु रासी।।
राम राज – ‹ɇɅğȯ
› Ȫ€ ȡ@¡ šͪŸ  भए गए सब सोका।।
–™ ǽ न कर काहू सन कोई। राम Ĥ ȡ” ǒ–Ÿ ˜  ȡ खोई।।
दो0-–š“ ȡĮ ˜ Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ धरम –Ǔ“ š बेद पथ लोग।
… › Ǒ¡ Ȳसदा ”ȡǑ¡ Ȳ  Ǖ Ǒ¡ “ Ǒ¡ Ȳभय सोक न रोग।।20।।
–*–*–
‘ȰǑ¡ € ‘Ȱͪ€ — ȫǓ € तापा। राम राज “ Ǒ¡ Ȳ€ ȡ¡ ǕǑ¡ ޙ ȡ” ȡ@
@
सब नर € šǑ¡ Ȳ”šè”š Ĥ Ȣ Ȣ@… › Ǒ¡ Ȳè ’ ˜ [Ǔ“ š Į ǓǕ नीती।।
… ȡǐš` चरन ’ ˜ [जग ˜ ȡ¡ ȣȲ@” Ǘǐš रहा सपनेहुँ अघ “ ȡ¡ ȣȲ@
@
राम — ‚ Ǔ रत नर \ ǽ “ ȡšȣ@सकल परम ‚ Ǔ के \ ͬ’ € ȡšȣ@ @
\ 㔘 ×
Ǚ™ Ǖ“ Ǒ¡ Ȳ€  Ǔ“ ` पीरा। सब संद
ु र सब ǒ– ǽ‡   šȣšȡ@
@
“ Ǒ¡ Ȳ‘ǐšġ कोउ दख
ु ी न ‘ȣ“ ȡ@“ Ǒ¡ Ȳकोउ अबध
ु न › Í † “ ¡ ȣ“ ȡ@
@
सब Ǔ“ ‘ɍ— ’ ˜ š[  पन
ु ी। नर \ ǽ “ ȡǐš चतरु सब गन
ु ी।।
सब ‚ Ǖ“ ʙ ” ȲͫŒ सब ʙ ȡ“ Ȣ@सब € Ǚ ʙ “ Ǒ¡ Ȳकपट सयानी।।
दो0-राम राज नभगेस सुनु सचराचर जग ˜ ȡǑ¡ @
Ȳ@
काल € ˜ [सुभाव गुन कृत दख
ु € ȡ¡ ǕǑ¡ “ ȡǑ¡ @
Ȳ@
21।।
–*–*–
— Ǘͧ˜   ܏ सागर मेखला। एक भूप šƒ Ǖ” Ǔ कोसला।।
भुअन अनेक रोम ĤǓ जासू। यह Ĥ— Ǖ ȡ कछु बहुत न तासू।।
सो ˜ Ǒ¡ ˜ ȡ समझ
ु त Ĥ— Ǖ€ȯšȣ@यह बरनत ¡ ȣ“  ȡ ƒ “ ȯšȣ@
@
सोउ ˜ Ǒ¡ ˜ ȡ खगेस ǔ‡ Û¡ जानी। ͩ• šȣ f Ǒ¡ Ȳ… ǐš Ǔ Û¡ ¡ ǕȱšǓ मानी।।
सोउ जाने कर फल यह › ȣ› ȡ@€ ¡ Ǒ¡ Ȳमहा ˜ ǕǓ“ –š दमसीला।।
राम राज कर सुख संपदा। –šǓ“ न सकइ फनीस सारदा।।
सब उदार सब पर ` ” € ȡšȣ@ǒ– Ĥ चरन सेवक नर “ ȡšȣ@
@
f € “ ȡǐš Ħ  रत सब ˆ ȡšȣ@ते मन बच Đ ˜ ” Ǔ Ǒ¡  € ȡšȣ@
@
दो0-दं ड ‡ Ǔ Û¡ कर भेद जहँ “  €[ “ ×
Ǚ™ समाज।
जीतहु ˜ “ Ǒ¡   ǕǓ“ \ अस šȡ˜ … ġȲ €Ʌ राज।।22।।
–*–*–
• Ǘ› Ǒ¡ Ȳ• šǑ¡ Ȳसदा  ǽ कानन। š¡ Ǒ¡ एक सँग गज पंचानन।।
खग मग
ृ सहज – ™ ǽ ǒ–  šȡ_@  –ǔÛ¡ ”šè” š ĤȢǓ बढ़ाई।।
€ Ǘ‡ Ǒ¡ Ȳखग मग
ृ नाना बंद
ृ ा। अभय … šǑ¡ Ȳबन € šǑ¡ Ȳअनंदा।।
सीतल   Ǖšͧ— पवन बह मंदा। गूंजत \ ͧ› लै … ͧ› मकरं दा।।
लता ǒ–Š” ˜ ȡ‚ Ʌमधु …  ¡ ȣȲ@मनभावतो धेनु पय è𝡠ȣȲ@
@
  ͧ    Ȳ” ۓ सदा रह धरनी। ğȯ
 ȡȱभइ कृतजग
ु कै करनी।।
Ĥ ‚ ŠȣȲͬ‚ ǐšÛ¡ ǒ– ǒ–’ ˜ Ǔ“ खानी। जगदातमा भप
ू जग जानी।।
  ǐš ȡ सकल –¡ Ǒ¡ Ȳबर – ȡšȣ@सीतल अमल è ȡ‘   Ǖ € ȡšȣ@
@
सागर Ǔ“ ‡ मरजादाँ š¡ ¡ ȣȲ@ŒȡšǑ¡ Ȳš×“  ŠǔÛ¡ नर › ¡ ¡ ȣȲ@
@
  šͧ  ‡ संकुल सकल तड़ागा। \ Ǔ Ĥ   ۓ दस Ǒ‘  ȡ ǒ–— ȡ‚ ȡ@
@
दो0-ǒ–’ Ǖ˜ Ǒ¡ परू ˜ ™ Ǘ ǔÛ¡ šǒ– तप ‡ ȯ “ ȯǑ¡ काज।
˜ ȡ‚ Ʌ–ȡǐš‘ ‘ȯǑ¡ Ȳजल šȡ˜ … ġȲ के राज।।23।।
–*–*–
€ ȪǑŠÛ¡ बािजमेध Ĥ — Ǖ€ ȧÛ¡ ȯ@दान अनेक ɮͪ‡ Û¡ कहँ ‘ȣÛ¡ ȯ@
@
Į ǓǕ पथ पालक ’ ˜ [धरु ं धर। गन
ु ातीत \ ǽ भोग परु ं दर।।
”Ǔ अनुकूल सदा रह सीता। सोभा  ȡǓ“ सुसील ǒ–“ Ȣ ȡ@
@
‡ ȡ“ Ǔ € Ǚ”ȡͧ  ’Ȳ ǕĤ — Ǖ ȡ_@  ȯ Ǔ चरन कमल मन लाई।।
‡ ɮ™ ͪ” गह
ृ ँ सेवक   ȯ ͩ€ “ Ȣ@ǒ–” Ǖ› सदा सेवा ǒ–ͬ’ गुनी।।
Ǔ“ ‡ कर गह
ृ ” ǐš… š‡ ȡ करई। šȡ˜ … ġȲ आयसु अनस
ु रई।।
‡ ȯǑ¡ ǒ–ͬ’ € Ǚ” ȡͧ  ’Ȳ Ǖसख
ु मानइ। सोइ कर Į Ȣ सेवा ǒ– ͬ’ जानइ।।
€ ȫ  㙠ȡǑ‘ सासु गह
ृ ˜ ȡ¡ ȣȲ@सेवइ   – ǔÛ¡ मान मद “ ȡ¡ ȣȲ@
@
उमा रमा Ħé˜ ȡǑ‘ –Ȳ
Ǒ‘ ȡ@जगदं बा   Ȳ  ˜ Ǔ“ ǑȲ‘ ȡ@
@
दो0-जासु कृपा € ŠȡÍ † Ǖ सुर चाहत ͬ…   न सोइ।
राम ”‘ȡšǒ– ‘Ȳ šǓ € šǓ   —Ǖ ȡ Ǒ¡ खोइ।।24।।
–*–*–
  ȯ Ǒ¡ Ȳसानकूल सब भाई। राम चरन šǓ \ Ǔ \ ͬ’ € ȡ_@ @
Ĥ — Ǖमख
ु कमल ǒ–› Ȫ€  š¡ ¡ ȣȲ@कबहुँ कृपाल ¡ ˜ Ǒ¡ कछु € ¡ ¡ ȣȲ@
@
राम € šǑ¡ Ȳħ ȡ Û¡ पर ĤȢ Ȣ@नाना — ȡȱǓ ͧ   ȡ Ǒ¡ Ȳनीती।।
¡ šͪŸ š¡ Ǒ¡ Ȳनगर के लोगा। € šǑ¡ Ȳसकल सरु ‘ ›Ǖ —[ भोगा।।
\ ¡ Ǔ“ ͧ  ǒ– ͬ’ Ǒ¡ मनावत š¡ ¡ ȣȲ@Į Ȣšƒ Ǖ– Ȣš चरन šǓ … ¡ ¡ ȣȲ@
@
दइु सुत   Ǖۑš सीताँ जाए। लव कुस बेद ” Ǖšȡ“ Û¡ गाए।।
दोउ ǒ– ‡ _ ǒ–“ _ गुन ˜ ȲǑ‘š@¡ ǐš ĤǓ ǒ– –Ȳ मनहुँ \ Ǔ सुंदर।।
दइु दइु सत
ु सब ħ ȡ Û¡ केरे । भए Ǿ ” गन ु सील घनेरे।।
दो0-ʙ ȡ“ ͬ‚ šȡ गोतीत अज माया मन गन
ु पार।
सोइ   ǔÍ … ‘ȡ“ ‘Ȳ घन कर नर … ǐš उदार।।25।।
–*–*–
Ĥ ȡ € ȡ› सरऊ € ǐš ˜ Ï ‡ “ @–Ȱ‹ Ǒ¡ Ȳसभाँ संग ɮͪ ‡   Ï ‡ “ @
@
बेद पुरान –ͧ  çŠ – ȡ“ Ǒ¡ @
Ȳ   Ǖ“ Ǒ¡ Ȳराम ‡ ɮ™ ͪ” सब ‡ ȡ“ Ǒ¡ @
Ȳ@
\ “ Ǖ‡ Û¡ संजुत भोजन € š¡ ȣȲ@‘ȯͨ सकल जननीं सुख — š¡ ȣȲ@
@
भरत   ğ ¡Ǖ “ दोनउ भाई।   Ǒ¡  पवनसुत उपबन जाई।।
– ˆǗ Ǒ¡ Ȳ–ȰǑ‹ राम गन
ु गाहा। कह हनम
ु ान   ˜Ǖ Ǔ अवगाहा।।
सन
ु त ǒ– ˜ › गन
ु \ Ǔ सख
ु ”ȡ Ǒ¡ @
Ȳ – ¡ Ǖǐš –¡ Ǖǐš € ǐš ǒ–“ ™ € ¡ ȡ Ǒ¡ @
Ȳ@
सब €Ʌगह
ृ गह
ृ ¡ ȪǑ¡ Ȳपुराना। šȡ˜ … ǐš पावन ǒ– ͬ’ नाना।।
नर \ ǽ “ ȡǐš राम गुन ‚ ȡ“ Ǒ¡ @
Ȳ € šǑ¡ ȲǑ‘   Ǔ“ ͧ  जात न ‡ ȡ“ Ǒ¡ @
Ȳ@
दो0-\ ’ ” Ǖšȣ –ȡͧ  Û¡ कर सुख संपदा समाज।
सहस सेष “ Ǒ¡ Ȳ€ Ǒ¡   € Ǒ¡ Ȳजहँ नप
ृ राम ǒ– šȡ‡ @
@26।।
–*–*–
“ ȡš‘ȡǑ‘   “ € ȡǑ‘ मुनीसा। दरसन › ȡͬ‚ कोसलाधीसा।।
Ǒ‘“ Ĥ Ǔ सकल \ ‡ Ȫڙ ȡ ]  Ǒ¡ @
Ȳ ‘ȯͨ “ ‚ ǽ ǒ– šȡ‚ Ǖǒ–   šȡ Ǒ¡ @
Ȳ@
‡ ȡ Ǿ ” ˜ Ǔ“ šͬ…  \ ŠȡšȣȲ@नाना रं ग ǽͬ… š गच ȡšȣȲ@
@
परु चहुँ पास कोट \ Ǔ संद
ु र। रचे कँगरू ा रं ग रं ग बर।।
नव Ē ¡ Ǔ“ € š अनीक बनाई। जनु ƒ ȯšȣ \ ˜ šȡ Ǔ आई।।
˜ Ǒ¡ बहु रं ग šͬ…  गच काँचा। जो ǒ– › Ȫͩ€ ˜ ǕǓ“ –š मन नाचा।।
धवल धाम ऊपर नभ चब ुं त। कलस मनहुँ šǒ–   ͧ  ‘ ǓǕ Ǔ“ ‘Ȳ @
@
बहु ˜ Ǔ“ šͬ…  झरोखा ħ ȡ‡ Ǒ¡ @Ȳ गह
ृ गहृ Ĥ Ǔ ˜ Ǔ“ ‘ȣ” ǒ–šȡ‡ Ǒ¡ @
Ȳ@
छं 0-˜ Ǔ“ ‘ȣ” šȡ‡ Ǒ¡ Ȳभवन ħ ȡ‡ Ǒ¡ Ȳ‘ȯ¡ šȣȲǒ– ġ ˜Ǖ रची।
˜ Ǔ“ खंभ — ȢǓ ǒ– šȲͬ… ǒ– š… Ȣ कनक ˜ Ǔ“ मरकत खची।।
सुंदर मनोहर ˜ ȲǑ‘šȡ™  अिजर ǽͬ… š • ǑŠ€ रचे।
Ĥ Ǔ ɮ ȡš ɮȡš कपाट पुरट बनाइ बहु –ė ǔÛ¡ खचे।।
दो0-… ȡǽ ͬ… ğ  ȡ› ȡ गह
ृ गह
ृ Ĥ Ǔ ͧ›  ȯबनाइ।
राम … ǐš जे Ǔ“ š ˜ ǓǕ“ ते मन › ȯǑ¡ Ȳचोराइ।।27।।
–*–*–
सम
ु न – ȡǑŠ€ ȡ   –Ǒ¡ Ȳलगाई। ǒ– ǒ– ’ — ȡȱǓ € ǐš जतन बनाई।।
लता › ͧ›  बहु ‡ ȡǓ सह
ु ाई। • Ǘ› Ǒ¡ Ȳसदा बंसत ͩ€ नाई।।
गुंजत मधक
ु र मुखर मनोहर। ˜ ȡǽ ǒğǒ– ’ सदा बह सुंदर।।
नाना खग –ȡ› € ǔÛ¡ िजआए। बोलत मधरु उड़ात सुहाए।।
मोर हं स सारस पारावत। — “ Ǔ“ पर सोभा \ Ǔ पावत।।
जहँ तहँ ‘ȯ Ǒ¡ ȲǓ“ ‡ ”ǐš† ȡ¡ ȣ@
Ȳ बहु ǒ– ͬ’ € Ǘ‡ Ǒ¡ Ȳ“ ×
Ǚ™ € šȡ¡ ȣȲ@
@
सक
ु   ȡǐš€ ȡ ”±ȡ Ǒ¡ Ȳबालक। कहहु राम šƒ ”Ǖ Ǔ जनपालक।।
राज दआु र सकल ǒ– ͬ’ … ȡǾ @बीथीं चौहट Ǿ ͬ… š – ‡ ȡǾ @
@
छं 0-बाजार ǽͬ… š न बनइ बरनत –è Ǖǒ– “ Ǖगथ पाइए।
जहँ भूप š˜ ȡǓ“ ȡ  तहँ € ȧ संपदा ͩ€ ͧ˜ गाइए।।
बैठे बजाज सराफ –Ǔ“ € अनेक मनहुँ कुबेर ते।
सब सखु ी सब   Í … ǐš संद
ु र “ ȡǐš नर ͧ    Ǖजरठ जे।।
दो0-` ׏ š Ǒ‘ͧ  सरजू बह Ǔ“ ˜ ›[ जल गंभीर।
बाँधे घाट मनोहर è ã” पंक “ Ǒ¡ Ȳतीर।।28।।
–*–*–
‘ ǐǗš फराक ǽͬ… š सो घाटा। जहँ जल ͪ” \ Ǒ¡ Ȳबािज गज ठाटा।।
”Ǔ“ ƒ Š परम मनोहर नाना। तहाँ न ” Ǖǽ Ÿ € šǑ¡ Ȳ\ è“ ȡ“ ȡ@
@
राजघाट सब ǒ–ͬ’ सुंदर बर। ˜ Ï ‡ Ǒ¡ Ȳतहाँ बरन … ȡǐš` नर।।
तीर तीर ‘ȯ Û¡ के ˜ ȲǑ‘š@चहुँ Ǒ‘ͧ  Ǔ Û¡ के उपबन सुंदर।।
कहुँ कहुँ   ǐš ȡ तीर उदासी। –  Ǒ¡ Ȳʙ ȡ“ रत ˜ ǓǕ“   Ȳۙ ȡ  Ȣ@
@
तीर तीर  ›Ǖ ͧ  € ȡ सह
ु ाई। बंद
ृ बंद
ृ बहु ˜ ǓǕ“ Û¡ लगाई।।
परु सोभा कछु –šǓ“ न जाई। बाहे र नगर परम ǽͬ… šȡ_@
@
दे खत ” Ǖ
šȣ \ ͨ › अघ भागा। बन उपबन –ȡͪ”€ ȡ तड़ागा।।
छं 0-बापीं तड़ाग अनूप कूप मनोहरायत   Ȫ¡ ¡ ȣȲ@
सोपान सुंदर नीर Ǔ“ ˜ ›[ ‘ȯͨ सुर ˜ ǕǓ“ ˜ Ȫ¡ ¡ ȣȲ@
@
बहु रं ग कंज अनेक खग € Ǘ‡ Ǒ¡ Ȳमधप
ु ‚ ǕȲ‡ ȡš¡ ȣȲ@
आराम šà™ ͪ”€ ȡǑ‘ खग रव जनु ”ͬ € ¡ Ȳ€ ȡš¡ ȣȲ@ @
दो0-रमानाथ जहँ राजा सो परु – šǓ“ ͩ€ जाइ।
\ Ǔ“ ˜ ȡǑ‘€ सख ु संपदा š¡ ȣȲअवध सब छाइ।।29।।
–*–*–
जहँ तहँ नर šƒ ”Ǖ Ǔ गनु ‚ ȡ Ǒ¡ @
Ȳ – ȰǑ‹ परसपर इहइ ͧ   ȡǑ¡ @
Ȳ@
भजहु Ĥ“  ĤǓ ”ȡ› € šȡ˜ Ǒ¡ @सोभा सील Ǿ ” गन
ु ’ ȡ˜ Ǒ¡ @
@
जलज ǒ– › Ȫ… “ è™ ȡ˜ › ‚ ȡ Ǒ¡ @पलक नयन इव सेवक ğȡ Ǒ¡ @@
धत
ृ सर ǽͬ… š चाप  “Ǘ ȢšǑ¡ @संत कंज बन šǒ– š“ ’ ȢšǑ¡ @
@
काल कराल ޙ ȡ›  ‚ šȡ‡ Ǒ¡ @नमत राम अकाम ममता ‡ Ǒ¡ @
@
लोभ मोह मग
ृ जूथ ͩ€ šȡ Ǒ¡ @˜ “ ͧ  ‡ € ǐš ¡ ǐš जन   Ǖ ‘ȡ Ǒ¡ @
@
संसय सोक Ǔ“ ǒ–° तम — ȡ“ ǑǕ¡ @दनज
ु गहन घन दहन € Ǚ  ȡ“ ǑǕ¡ @
@
जनकसत ु ा समेत šƒ –Ǖ ȢšǑ¡ @कस न भजहु भंजन भव — ȢšǑ¡ @
@
बहु बासना मसक Ǒ¡ ˜ šȡͧ  Ǒ¡ @सदा एकरस अज \ ǒ– “ ȡͧ  Ǒ¡ @@
˜ ǕǓ“ रं जन भंजन ˜ Ǒ¡ — ȡšǑ¡ @ ›Ǖ ͧ  ‘ȡ  के Ĥ — ǕǑ¡ ` ‘ȡšǑ¡ @
@
दो0-f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ नगर “ ȡǐš नर € šǑ¡ Ȳराम गुन गान।
सानक ु ू ल सब पर š¡ Ǒ¡ Ȳसंतत € Ǚ” ȡǓ“ ’ ȡ“ @
@30।।
–*–*–
जब ते राम Ĥ ȡ” खगेसा। ` Ǒ‘ भयउ \ Ǔ Ĥ –› Ǒ‘“ ȯ  ȡ@ @
” ǐǗš Ĥ€ ȡ  रहे उ Ǔ ¡ Ǖȱलोका। – ¡ Ǖ ȯÛ¡ सख
ु बहुतन मन सोका।।
ǔ‡ Û¡ Ǒ¡ सोक ते कहउँ बखानी। Ĥ  ˜ \ ǒ–ɮ™ ȡ Ǔ“   ȡ नसानी।।
अघ उलूक जहँ तहाँ लुकाने। काम Đ Ȫ’ कैरव सकुचाने।।
ǒ– ǒ–’ € ˜ [गुन काल सुभाऊ। ए चकोर सुख › ¡ Ǒ¡ Ȳन काऊ।।
˜ ×  š मान मोह मद चोरा। ^Û¡ कर हुनर न €  Ǔ“ ¡ Ǖȱओरा।।
धरम तड़ाग ʙ ȡ“ ǒ–Ê™ ȡ“ ȡ@ए पंकज ǒ– €   ȯǒ–ͬ’ नाना।।
सख
ु संतोष ǒ–šȡ‚ ǒ– –ȯ€ ȡ@ǒ–‚  सोक ए कोक अनेका।।
दो0-यह Ĥ ȡ” šǒ– ‡ ȡ€Ʌउर जब करइ Ĥ€ ȡ  @
”Ǔ† › ȯ–ȡ±Ǒ¡ ȲĤ ˜ जे कहे ते ” ȡ Ǒ¡ Ȳनास।।31।।
–*–*–
ħ ȡ Û¡   Ǒ¡  रामु एक बारा। संग परम ͪĤ ™ पवनकुमारा।।
सुंदर उपबन दे खन गए। सब  ǽ € Ǖ  Ǖͧ˜  ” 㛠 नए।।
‡ ȡǓ“ समय   “ € ȡǑ‘€ आए। तेज पुंज गुन सील सुहाए।।
Ħé˜ ȡ“ Ȳ‘ सदा › ™ › ȣ“ ȡ@दे खत बालक – ¡ Ǖ€ ȡ› ȣ“ ȡ@
@
Ǿ ” ’ šɅजनु … ȡǐš` बेदा। समदरसी ˜ ǓǕ“ ǒ– ‚  ǒ– — ȯ‘ ȡ@@
आसा बसन ޙ   “ यह Ǔ Û¡ ¡ ȣȲ@šƒ ”Ǖ Ǔ … ǐš होइ तहँ   “
Ǖ ¡ ȣȲ@
@
तहाँ रहे   “ € ȡǑ‘ भवानी। जहँ घटसंभव ˜ ǕǓ“ – š ʙ ȡ“ Ȣ@
@
राम कथा ˜ ǕǓ“ –š बहु बरनी। ʙ ȡ“ ‡ ȪǓ“ पावक ǔ‡ ͧ˜ अरनी।।
दो0-‘ȯͨ राम ˜ ǕǓ“ आवत ¡ šͪŸ दं डवत € ȧÛ¡ @
èȡ‚  ” ȱǓǗ† पीत पट Ĥ— Ǖबैठन कहँ ‘ȣÛ¡ @
@32।।
–*–*–
€ ȧÛ¡ दं डवत  ȢǓ“ `ȱभाई।   Ǒ¡  पवनसुत सुख \ ͬ’ € ȡ_@
@
˜ ǓǕ“ šƒ ”Ǖ Ǔ † ǒ– अतल
ु ǒ–› Ȫ€ ȧ@भए मगन मन सके न šȪ€ ȧ@
@
è™ ȡ˜ › गात   šȪǽ¡ लोचन। संद
ु रता ˜ ȲǑ‘š भव मोचन।।
एकटक रहे Ǔ“ ˜ ȯŸ न › ȡ Ǒ¡ @
Ȳ Ĥ — Ǖकर ‡ ȪšɅसीस “  ȡ Ǒ¡ @
Ȳ@
Ǔ Û¡ कै दसा ‘ȯͨ रघुबीरा। è𝏠नयन जल पुलक   šȣšȡ@
@
कर ‚ Ǒ¡ Ĥ— Ǖ˜ ǕǓ“ –š बैठारे । परम मनोहर बचन उचारे ।।
आजु ’ ۙ ˜ ɇसन
ु हु मन
ु ीसा।  à
Ǖ ¡ šɅदरस ‡ ȡǑ¡ Ȳअघ खीसा।।
बड़े भाग पाइब सतसंगा। ǒ– “ Ǒ¡ ȲĤ™ ȡ  ¡ ȪǑ¡ Ȳभव भंगा।।
दो0-संत संग \ ” –‚ [कर कामी भव कर पंथ।
€ ¡ Ǒ¡ संत € ǒ– € Ȫǒ– ‘ Į ǓǕ पुरान   ‘Ē Ȳ @
@33।।
–*–*–
  ǓǕ“ Ĥ— Ǖबचन ¡ šͪŸ ˜ ǓǕ“ … ȡšȣ@” ›Ǖ ͩ€  तन \ è ǓǕ \ “  Ǖ ȡšȣ@
@
जय भगवंत अनंत अनामय। अनघ अनेक एक € ǽ“ ȡ˜ ™ @
@
जय Ǔ“ ‚ “Ǖ[ जय जय गुन सागर। सुख ˜ ȲǑ‘š सुंदर \ Ǔ नागर।।
जय ^ȲǑ‘šȡ रमन जय भूधर। अनुपम अज \ “ ȡǑ‘ सोभाकर।।
ʙ ȡ“ Ǔ“ ’ ȡ“ अमान ˜ ȡ“ Ĥ ‘@पावन सज
ु स परु ान बेद बद।।
 ʙ € Ǚ ʙ \ ʙ  ȡ भंजन। नाम अनेक अनाम Ǔ“ šȲ‡ “ @
@
  – [  – ‚[    – [उरालय। –  ͧ  सदा हम कहुँ ”ǐš” ȡ› ™ @
@
ɮ Ȳ‘ ǒ– ”Ǔ भव फंद ǒ–— Ȳ‡ ™ @ıǑ‘ – ͧ  राम काम मद गंजय।।
दो0-परमानंद कृपायतन मन ” ǐš” Ǘš“ काम।
Ĥȯ˜ — ‚ Ǔ अनपायनी दे हु ¡ ˜ Ǒ¡ Į Ȣšȡ˜ @
@34।।
–*–*–
दे हु — ‚ Ǔ šƒ Ǖ” Ǔ \ Ǔ ”ȡ Ǔ“ @ǒğǒ– ’ ताप भव दाप “   ȡǓ“ @
@
Ĥ “  काम सरु धेनु € › ” ǽ@होइ Ĥ   ۓ ‘ȣ‡ ȰĤ— Ǖयह –ǽ@ @
भव –ȡǐšͬ’ कंु भज रघन
ु ायक। सेवत सल
ु भ सकल सख
ु दायक।।
मन संभव ‘ȡǽ“ दख
ु दारय। ‘ȣ“ – Ȳ’ Ǖसमता ǒ– è ȡš™ @
@
आस ğȡ  ^ǐšŸȡǑ‘ Ǔ“ ȡš€ @ǒ– “ ™ ǒ– –ȯ€ ǒ– šǓ ǒ–è ȡš€ @
@
भूप ˜ ȫͧ› मन मंडन धरनी। ‘ȯǑ¡ — ‚ Ǔ   Ȳ  ǓǙ   ǐš तरनी।।
˜ ǓǕ“ मन मानस हं स Ǔ“ šȲ š@चरन कमल –ȲǑ‘ अज संकर।।
रघक
ु ु ल केतु सेतु Į ǓǕ šÍ † € @काल करम सभ
ु ाउ गन
ु —͆€@
@
तारन तरन हरन सब दष
ू न।  ›Ǖ ͧ  ‘ȡ  Ĥ — Ǖǒ𗠝Ǖ “ भष
ू न।।
दो0-बार बार \ è ǓǕ € ǐš Ĥȯ˜   Ǒ¡  ͧ  ǽ नाइ।
Ħé˜ भवन   “ € ȡǑ‘ गे \ Ǔ \ — ȢçŠ बर पाइ।।35।।
–*–*–
  “ € ȡǑ‘€ ǒ–ͬ’ लोक ͧ  ’ ȡf @ħ ȡ Û¡ राम चरन ͧ  ǽ नाए।।
पूछत Ĥ— ǕǑ¡ सकल   € Ǖ… ȡ¡ ȣȲ@ͬ…   Ǒ¡ Ȳसब ˜ ȡǽ   Ǖ ”ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
 Ǖ
Ǔ“ … ¡ Ǒ¡ ȲĤ— Ǖमुख कै बानी। जो   ǕǓ“ होइ सकल ħ ˜ हानी।।
अंतरजामी Ĥ— Ǖसभ जाना। बझ ू त कहहु काह हनम ु ाना।।
‡ Ȫǐš ” ȡǓ“ कह तब हनम
ु ंता। सनु हु ‘ȣ“ ‘™ ȡ› भगवंता।।
नाथ भरत कछु पँछ
ू न … ¡ ¡ ȣȲ@Ĥ è“ करत मन सकुचत \ ¡ ¡ ȣȲ@
@
àǕ ¡ जानहु € ͪ” मोर सुभाऊ। — š Ǒ¡ ˜ ȪǑ¡ कछु अंतर काऊ।।
  ǕǓ“ Ĥ— Ǖबचन भरत गहे चरना। सुनहु नाथ Ĥ “  ȡšǓ हरना।।
दो0-नाथ न ˜ ȪǑ¡ संदेह कछु सपनेहुँ सोक न मोह।
केवल कृपा  àǕ ¡ ȡǐšǑ¡ कृपानंद संदोह।।36।।
–*–*–
करउँ € Ǚ” ȡǓ“ ͬ’ एक Ǒ‹ ȡ_@˜ ɇसेवक  à Ǖ ¡ जन सख
ु दाई।।
  Ȳ Û¡ कै ˜ Ǒ¡ ˜ ȡ रघरु ाई। बहु ǒ–ͬ’ बेद ” šǕȡ“ Û¡ गाई।।
Į Ȣ˜ Ǖ  à
Ǖ ¡ ” ǕǓ“ € ȧǔÛ¡ बड़ाई। Ǔ Û¡ पर Ĥ — ǕǑ¡ Ĥ ȢǓ \ ͬ’ € ȡ_@
@
सुना चहउँ Ĥ— ǕǓ Û¡ कर › Í † “ @€ Ǚ” ȡͧ  ’Ȳ Ǖगुन ʙ ȡ“ ǒ–… Í † “ @
@
संत असंत भेद ǒ–› ‚ ȡ_@Ĥ “  ” ȡ› ˜ ȪǑ¡ कहहु बुझाई।।
  Ȳ Û¡ के › Í † “ सन
ु ु ħ ȡ ȡ@\ ‚ Ǔ“  Į ǓǕ परु ान ǒ–É™ ȡ ȡ@
@
संत \   Ȳ ǔÛ¡ कै \ ͧ  करनी। ǔ‡ ͧ˜ कुठार चंदन आचरनी।।
काटइ परसु मलय सन
ु ु भाई। Ǔ“ ‡ गन
ु दे इ सग
ु ंध बसाई।।
दो0-ताते सुर   Ȣ  Û¡ चढ़त जग – 㛠— Į Ȣ ȲŒ @
अनल ‘ȡǑ¡ पीटत ƒ “ Ǒ¡ Ȳपरसु बदन यह दं ड।।37।।
–*–*–
ǒ–Ÿ™ अलंपट सील गुनाकर। पर दख ु दखु सुख सुख दे खे पर।।
सम \ — Ǘ ǐš” Ǖǒ– ˜ ‘ ǒ–šȡ‚ Ȣ@लोभामरष हरष भय י ȡ‚ Ȣ@
@
€ Ȫ˜ › ͬ…  ‘ȣ“ Û¡ पर दाया। मन बच Đ ˜ मम — ‚ Ǔ अमाया।।
  –Ǒ¡ ˜ ȡ“ Ĥ‘ आपु अमानी। भरत Ĥ ȡ“ सम मम ते Ĥȡ“ Ȣ@
@
ǒ–‚  काम मम नाम परायन।   ȡȲǓ ǒ–šǓ ǒ–“  Ȣ ˜ ǑǕ‘ ȡ™ “ @
@
सीतलता सरलता ˜ ™ ğȢ@ɮͪ ‡ पद Ĥ ȢǓ ’ ˜ [‡ “ ™ ğȢ@
@
ए सब › Í † “ –   Ǒ¡ Ȳजासु उर। जानेहु तात संत संतत फुर।।
सम दम Ǔ“ ™ ˜ “ ȢǓ “ Ǒ¡ ȲŒȪ› Ǒ¡ @
Ȳ ”ǽŸ बचन कबहूँ “ Ǒ¡ Ȳ– Ȫ› Ǒ¡ @
Ȳ@
दो0-Ǔ“ ‘Ȳȡ \ è ǓǕ उभय सम ममता मम पद कंज।
ते   Ï ‡ “ मम Ĥȡ“ ͪĤ™ गन ु ˜ ȲǑ‘š सख ु पंजु ।।38।।
–*–*–
सनहु \   Ȳ Û¡ केर सभ
ु ाऊ। भलू ेहुँ   Ȳ‚ Ǔ € ǐš\ न काऊ।।
Ǔ Û¡ कर संग सदा दख
ु दाई। ǔ‡ ͧ˜ € › ” Ǒ¡ घालइ हरहाई।।
 › Û¡ ǿ‘™ ȱ\ Ǔ ताप ǒ–  ȯŸ Ȣ@‡ šǑ¡ Ȳसदा पर   Ȳ” Ǔ दे खी।।
जहँ कहुँ Ǔ“ ‘Ȳȡ   Ǖ“ Ǒ¡ Ȳपराई। ¡ šŸǑ¡ Ȳमनहुँ ”šȣ Ǔ“ ͬ’ पाई।।
काम Đ Ȫ’ मद लोभ परायन। Ǔ“ ‘[™ € ” Šȣ € ǕǑŠ› मलायन।।
–™ ǽ अकारन सब काहू   ɉ@जो कर Ǒ¡  \ “ Ǒ¡  ताहू   ɉ@
@
झठू इ लेना झठ
ू इ दे ना। झठ
ू इ भोजन झठ
ू चबेना।।
– Ȫ› Ǒ¡ Ȳमधरु बचन ǔ‡ ͧ˜ मोरा। खाइ महा \ Ǔ ǿ‘™ कठोरा।।
दो0-पर ġȪ¡ ȣ पर दार रत पर धन पर अपबाद।
ते नर पाँवर पापमय दे ह ’ šɅमनुजाद।।39।।
–*–*–
लोभइ ओढ़न लोभइ डासन। ͧ  èğȪ‘š पर जमपुर ğȡ  न।।
काहू € ȧ ‡ ɋ   Ǖ“ Ǒ¡ Ȳबड़ाई। è ȡ  › ȯǑ¡ Ȳजनु जूड़ी आई।।
जब काहू कै ‘ȯ Ǒ¡ Ȳǒ–” Ȣ@सुखी भए मानहुँ जग नप ृ ती।।
è ȡš रत ”ǐšȡš ǒ– šȪ’ Ȣ@लंपट काम लोभ \ Ǔ Đ Ȫ’ Ȣ@
@
मातु ͪ”  ȡ गरु ǒ– Ĥ न ˜ ȡ“ Ǒ¡ @
Ȳ आपु गए \ ǽ ƒ ȡ› Ǒ¡ Ȳ] “ Ǒ¡ @
Ȳ@
€ šǑ¡ Ȳमोह बस ġȪ¡ परावा। संत संग ¡ ǐš कथा न भावा।।
अवगुन ͧ  ’Ȳ Ǖ˜ Ȳ‘ ˜ Ǔ कामी। बेद ǒ–‘ ŸǗ € परधन è ȡ˜ Ȣ@
@
ǒ–Ĥ ġȪ¡ पर ġȪ¡ ǒ–  ȯŸ ȡ@दं भ कपट िजयँ ’ šɅसुबेषा।।
दो0-ऐसे अधम मनज
ु खल कृतजग
ु ğȯ
 ȡ “ ȡǑ¡ @
Ȳ
ɮ ȡ” š कछुक बंदृ बहु ¡ Ȫ^¡ Ǒ¡ Ȳ€ ͧ› ‡ ‚Ǖ ˜ ȡǑ¡ @
Ȳ@
40।।
–*–*–
पर Ǒ¡    ǐš  ’ ˜ [“ Ǒ¡ Ȳभाई। पर पीड़ा सम “ Ǒ¡ Ȳअधमाई।।
Ǔ“ “ ™[ सकल परु ान बेद कर। कहे उँ तात ‡ ȡ“ Ǒ¡ Ȳ€ Ȫǒ–‘ नर।।
नर   šȣš ’ ǐš जे पर पीरा। € šǑ¡ Ȳते   ¡ Ǒ¡ Ȳमहा भव भीरा।।
€ šǑ¡ Ȳमोह बस नर अघ नाना। èȡš रत परलोक नसाना।।
€ ȡ› Ǿ ” Ǔ Û¡ कहँ ˜ ɇħ ȡ ȡ@सुभ \ ǽ असुभ € ˜ [फल दाता।।
अस ǒ– … ȡǐš जे परम सयाने। — ‡ Ǒ¡ Ȳ˜ ȪǑ¡ संसत
ृ दख
ु जाने।।
י ȡ‚ Ǒ¡ Ȳ€ ˜ [सभ
ु ासभ
ु दायक। — ‡ Ǒ¡ Ȳ˜ ȪǑ¡ सरु नर ˜ ǓǕ“ नायक।।
संत \   Ȳ Û¡ के गन
ु भाषे। ते न ” šǑ¡ Ȳभव ǔ‡ Û¡ › ͨ राखे।।
दो0-सुनहु तात माया कृत गुन \ ǽ दोष अनेक।
गुन यह उभय न ‘ȯͨ \ Ǒ¡ Ȳ‘ȯͨ \ सो \ ǒ– –ȯ€ @
@41।।
–*–*–
Į Ȣ˜ Ǖ बचन सुनत सब भाई। हरषे Ĥȯ˜ न ǿ‘™ ȱसमाई।।
€ šǑ¡ Ȳǒ– “ ™ \ Ǔ –ȡšǑ¡ Ȳबारा। हनूमान Ǒ¡ ™ ȱहरष अपारा।।
” ǕǓ“ šƒ Ǖ” Ǔ Ǔ“ ‡ ˜ ȲǑ‘š गए। f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ … ǐš करत Ǔ“  नए।।
बार बार नारद ˜ ǓǕ“ ]  Ǒ¡ @
Ȳ … ǐš पन
ु ीत राम के ‚ ȡ Ǒ¡ @
Ȳ@
Ǔ“  नव चरन ‘ȯͨ ˜ ǓǕ“ ‡ ȡ¡ ȣȲ@Ħ é˜ › Ȫ€ सब कथा € ¡ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
  ǕǓ“ ǒ– šȲͬ… \ Ǔ   ™ सुख ˜ ȡ“ Ǒ¡ @
Ȳ ” ǕǓ“ ” ǕǓ“ तात करहु गुन ‚ ȡ“ Ǒ¡ @
Ȳ@
  “ € ȡǑ‘€ “ ȡš‘Ǒ¡   šȡ¡ Ǒ¡ @
Ȳ ‡ ɮ™ ͪ” Ħé˜ Ǔ“ š ˜ ǕǓ“ ] ¡ Ǒ¡ @ Ȳ@
  ǕǓ“ गुन गान   ˜ ȡͬ’ ǒ–  ȡšȣ@
@सादर   Ǖ“ Ǒ¡ Ȳपरम \ ͬ’ € ȡšȣ@
@
दो0-‡ Ȣ“ ˜ È
Ǖ  Ħé˜ ” š … ǐš   “Ǖ Ǒ¡ Ȳतिज ڙ ȡ“ @
जे ¡ ǐš कथाँ न € šǑ¡ ȲšǓ Ǔ Û¡ के Ǒ¡ ™ पाषान।।42।।
–*–*–
एक बार रघनु ाथ बोलाए। गरु ɮͪ‡ परु बासी सब आए।।
बैठे गरु ˜ ǓǕ“ \ ǽ ɮͪ ‡   Ï ‡ “ @बोले बचन भगत भव भंजन।।
सनहु सकल पुरजन मम बानी। कहउँ न कछु ममता उर आनी।।
“ Ǒ¡ Ȳ\ “ ȢǓ “ Ǒ¡ Ȳकछु Ĥ— Ǖ ȡ_@सुनहु करहु जो  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ सोहाई।।
सोइ सेवक ͪĤ™  ˜ मम सोई। मम अनुसासन मानै जोई।।
‡ ɋ \ “ ȢǓ कछु — ȡŸɋ भाई।  ɋ ˜ ȪǑ¡ बरजहु भय ǒ–  šȡ_@ @
–°Ʌभाग मानष ु तनु पावा। सरु ‘ ›Ǖ —[ सब Ē Ȳͬ Û¡ गावा।।
साधन धाम ˜ ȪÍ † कर ɮ ȡšȡ@पाइ न ‡ ȯǑ¡ Ȳपरलोक सँवारा।।
दो0-सो ”šğ दख
ु पावइ ͧ  š ’ ǓǕ“ ’ ǓǕ“ ” Ǔ†  ȡ^@
€ ȡ› Ǒ¡ € ˜ Ǒ[¡ _蝚Ǒ¡ ͧ˜ ؙ ȡ दोष लगाइ।।43।।
–*–*–
f Ǒ¡ तन कर फल ǒ–Ÿ™ न भाई। 蝂 `[ èã” अंत दख ु दाई।।
नर तनु पाइ ǒ–Ÿ™ ȱमन ‘ȯ¡ ȣȲ@”› ǑŠ सुधा ते सठ ǒ– Ÿ › ȯ¡ ȣ@
Ȳ@
 ȡǑ¡ कबहुँ भल कहइ न कोई। गुंजा Ē ¡ ^ परस ˜ Ǔ“ खोई।।
आकर … ȡǐš › Í † चौरासी। ‡ ȪǓ“ ħ ˜  यह िजव \ ǒ– “ ȡ  Ȣ@
@
ͩ• š सदा माया कर Ĥȯšȡ@काल € ˜ [सभ
ु ाव गन
ु घेरा।।
कबहुँक € ǐš € ǽ“ ȡ नर ‘ȯ¡ ȣ@दे त ईस ǒ–“ Ǖहे तु   “ ȯ¡ ȣ@
@
नर तनु भव –ȡǐšͬ’ कहुँ बेरो।   ۘ Ǖ ˜ ǽ \ “ ǕĒ ¡ मेरो।।
करनधार सदगुर Ǻ± नावा। ‘ ›Ǖ —[ साज सुलभ € ǐš पावा।।
दो0-जो न तरै भव सागर नर समाज अस पाइ।
सो कृत Ǔ“ ‘Ȳ€ ˜ Ȳ‘ ˜ Ǔ ] ט ȡ¡ “ ‚ Ǔ जाइ।।44।।
–*–*–
‡ ɋ परलोक इहाँ सख ु चहहू।   ǓǕ“ मम बचन ıǙ‘™ ȱǺ± गहहू।।
सलु भ सख ु द मारग यह भाई। — ‚ Ǔ ˜ Ȫǐš परु ान Į ǓǕ गाई।।
ʙ ȡ“ अगम Ĥי Ǘ¡ अनेका। साधन € Ǒ‹ “ न मन कहुँ टे का।।
करत € çŠ बहु पावइ कोऊ। — ǔȏ ¡ ȣ“ ˜ ȪǑ¡ ͪĤ™ “ Ǒ¡ Ȳसोऊ।।
— ǔȏ   Ǖ ğȲ सकल सुख खानी। ǒ– “ Ǖसतसंग न ”ȡ Ǒ¡ ȲĤȡ“ Ȣ@
@
”Û
Ǖ™ पंज
ु ǒ–“ Ǖͧ˜ › Ǒ¡ Ȳन संता।      Ȳ‚ Ǔ   Ȳ  ǓǙ कर अंता।।
”Û
Ǖ™ एक जग महुँ “ Ǒ¡ Ȳदज
ू ा। मन Đ ˜ बचन ǒ– Ĥ पद पज
ू ा।।

सानुकूल  ȯǑ¡ पर ˜ ǕǓ“ दे वा। जो तिज कपटु करइ ɮͪ ‡ सेवा।।


दो0-औरउ एक गप
ु त
ु मत   – Ǒ¡ कहउँ कर ‡ Ȫǐš@
संकर भजन ǒ–“ ȡ नर — ‚ Ǔ न पावइ ˜ Ȫǐš@@45।।
–*–*–
कहहु — ‚ Ǔ पथ कवन Ĥ™ ȡ  ȡ@जोग न मख जप तप उपवासा।।
सरल सभ ु ाव न मन € ǕǑŠ› ȡ_@जथा लाभ संतोष सदाई।।
मोर दास कहाइ नर आसा। करइ तौ कहहु कहा ǒ– èȡ  ȡ@ @
बहुत कहउँ का कथा बढ़ाई। f Ǒ¡ आचरन – è™ ˜ ɇभाई।।
बैर न ǒ–Ē ¡ आस न ğȡ  ȡ@सुखमय  ȡǑ¡ सदा सब आसा।।
अनारं भ \ Ǔ“ €ȯ अमानी। अनघ अरोष ‘Í † ǒ–Ê™ ȡ“ Ȣ@
@
Ĥ ȢǓ सदा   Ï ‡ “   Ȳ  ‚ ȡ[@तन
ृ सम ǒ– Ÿ™ è ‚ [\ ”– ‚ ȡ[@
@
— ‚ Ǔ ”Í † हठ “ Ǒ¡ Ȳसठताई। ‘ çǕŠ  €[ सब ‘ ǐǗš बहाई।।
दो0-मम गुन Ē ȡ˜ नाम रत गत ममता मद मोह।
ता कर सुख सोइ जानइ परानंद संदोह।।46।।
–*–*–
सुनत सुधासम बचन राम के। गहे   – Ǔ“ पद कृपाधाम के।।
‡ “ Ǔ“ जनक गुर बंधु हमारे । कृपा Ǔ“ ’ ȡ“ Ĥ ȡ“ ते ܙ ȡšȯ@
@
तनु धनु धाम राम Ǒ¡  € ȡšȣ@सब ǒ– ͬ’  à
Ǖ ¡ Ĥ“  ȡšǓ ¡ ȡšȣ@
@
\ ͧ  ͧ    à
Ǖ ¡ ǒ–“ Ǖदे इ न कोऊ। मातु ͪ” ȡ èȡš रत ओऊ।।
हे तु šǑ¡  जग जग
ु ` ” € ȡšȣ@ à
Ǖ¡  à
Ǖ ¡ ȡš सेवक \   šǕȡšȣ@
@
èȡš मीत सकल जग ˜ ȡ¡ ȣ@
Ȳ सपनेहुँ Ĥ — Ǖपरमारथ “ ȡ¡ ȣȲ@
@
सबके बचन Ĥȯ˜ रस साने।   ǓǕ“ रघन
ु ाथ ǿ‘™ ȱहरषाने।।
Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ गह
ृ गए आयसु पाई। बरनत Ĥ — Ǖ–  € ¡ ȣ सुहाई।।
दो0–उमा अवधबासी नर “ ȡǐš कृतारथ Ǿ ” @
Ħé˜   ǔÍ … ‘ȡ“ Ȳ‘ घन रघुनायक जहँ भूप।।47।।
–*–*–
एक बार –ͧ  çŠ ˜ ǕǓ“ आए। जहाँ राम सुखधाम सुहाए।।
\ Ǔ आदर रघुनायक € ȧÛ¡ ȡ@पद ” ȡǐš पादोदक › ȣÛ¡ ȡ@
@
राम सन
ु हु ˜ ǓǕ“ कह कर ‡ Ȫšȣ@€ Ǚ”ȡͧ  ’Ȳ Ǖǒ– “  Ȣ कछु ˜ Ȫšȣ@
@
‘ȯͨ ‘ȯͨ आचरन  à
Ǖ ¡ ȡšȡ@होत मोह मम ǿ‘™ ȱअपारा।।
˜ Ǒ¡ ˜ ȡ \ ͧ˜  बेद “ Ǒ¡ Ȳजाना। ˜ ɇ€ȯǑ¡ — ȡȱǓ कहउँ भगवाना।।
` ” šȪǑ¡ י € ˜ [\ Ǔ मंदा। बेद पुरान   Ǖ˜ ǓǙ कर Ǔ“ ‘Ȳȡ@
@
जब न लेउँ ˜ ɇतब ǒ–ͬ’ ˜ Ȫ¡ ȣ@कहा लाभ ] ‚ Ʌसुत  Ȫ¡ ȣ@
@
परमातमा Ħé˜ नर Ǿ ” ȡ@¡ Ȫ^Ǒ¡ रघक
ु ु ल भष
ू न भप
ू ा।।
दो0–तब ˜ ɇǿ‘™ ȱǒ– … ȡšȡ जोग ‡ ʙ Ħ दान।
जा कहुँ € ǐš\ सो पैहउँ ’ ˜ [न f Ǒ¡ सम आन।।48।।
–*–*–
जप तप Ǔ“ ™ ˜ जोग Ǔ“ ‡ ’ ˜ ȡ[@Į ǓǕ संभव नाना सभ
ु € ˜ ȡ[@
@
ʙ ȡ“ दया दम तीरथ ˜ Ï ‡ “ @जहँ › ͬ‚ ’ ˜ [कहत Į ǓǕ   Ï ‡ “ @
@
आगम Ǔ“ ‚ ˜ पुरान अनेका। पढ़े सुने कर फल Ĥ— Ǖएका।।
तब पद पंकज Ĥ ȢǓ Ǔ“ šȲ š@सब साधन कर यह फल सुंदर।।
छूटइ मल ͩ€ ˜ › Ǒ¡ के धोएँ। घत
ृ ͩ€ पाव कोइ – ȡǐš ǒ– › Ȫf ȱ@
@
Ĥȯ˜ — ‚ Ǔ जल ǒ– “ Ǖरघरु ाई। \ ͧ— \ Ȳ š मल कबहुँ न जाई।।
सोइ   – Ê
[ ™  ʙ सोइ ” ȲͫŒ @सोइ गन ु गह ृ ǒ–Ê™ ȡ“ \  ȲͫŒ @
@
‘Í † सकल › Í † “ जुत सोई। ‡ ȡ€Ʌपद सरोज šǓ होई।।
दो0-नाथ एक बर मागउँ राम कृपा € ǐš दे हु।
‡ ۘ ‡ ۘ Ĥ— Ǖपद कमल कबहुँ घटै ‡ Ǔ“ नेहु।।49।।
–*–*–
अस € Ǒ¡ ˜ ǕǓ“ –ͧ  çŠ गह
ृ आए। € Ǚ”ȡͧ  ’Ȳ Ǖके मन \ Ǔ भाए।।
हनूमान — š ȡǑ‘€ ħ ȡ ȡ@संग ͧ› f सेवक सुखदाता।।
” ǓǕ“ कृपाल परु बाहे र गए। गज रथ तरु ग मगावत भए।।
‘ȯͨ कृपा € ǐš सकल सराहे । Ǒ‘f ` ͬ…  ǔ‡ Û¡ ǔ‡ Û¡ तेइ चाहे ।।
हरन सकल Į ˜ Ĥ— ǕĮ ˜ पाई। गए जहाँ सीतल अवँराई।।
भरत ‘ȣÛ¡ Ǔ“ ‡ बसन डसाई। बैठे Ĥ— Ǖ  ȯ Ǒ¡ Ȳसब भाई।।
˜ ȡǽ   Ǖ तब ˜ ȡǾ  करई। पुलक बपुष लोचन जल भरई।।
हनम
ू ान सम “ Ǒ¡ Ȳबड़भागी। “ Ǒ¡ Ȳकोउ राम चरन अनरु ागी।।
ͬ‚ ǐš‡ ȡ जासु Ĥ ȢǓ सेवकाई। बार बार Ĥ — ǕǓ“ ‡ मख
ु गाई।।
दो0- ȯǑ¡ Ȳअवसर ˜ ǓǕ“ नारद आए करतल बीन।
गावन लगे राम कल € ȧšǓ सदा नबीन।।50।।
–*–*–
मामवलोकय पंकज लोचन। कृपा ǒ–› Ȫ€ Ǔ“ सोच ǒ–˜ Ȫ… “ @
@
नील तामरस è™ ȡ˜ काम \ ǐš@ǿ‘™ कंज मकरं द मधप
ु ¡ ǐš@
@
जातध
ु ान –Ǿ  बल भंजन। ˜ ǕǓ“   Ï ‡ “ रं जन अघ गंजन।।
भस
ू रु   ͧ  नव बंद
ृ बलाहक। असरन सरन ‘ȣ“ जन गाहक।।
भज
ु बल ǒ–” ›Ǖ भार ˜ Ǒ¡  ȲͫŒ @खर दष
ू न ǒ–šȡ’ बध ” ȲͫŒ @
@
šȡ “ ȡǐš   Ǖ Ǿ ” भप
ू बर। जय दसरथ कुल कुमद
ु सध
ु ाकर।।
सुजस पुरान ǒ– Ǒ‘ Ǔ“ ‚ ˜ ȡ‚ ˜ @गावत सुर ˜ ǕǓ“ संत समागम।।
€ ȡǽ“ Ȣ€ ޙ › ȣ€ मद खंडन। सब ǒ– ͬ’ कुसल कोसला मंडन।।
€ ͧ› मल मथन नाम ममताहन। तल
ु सीदास Ĥ— Ǖ” ȡǑ¡ Ĥ “  जन।।
दो0-Ĥȯ˜   Ǒ¡  ˜ ǓǕ“ नारद –šǓ“ राम गन
ु Ē ȡ˜ @
  Ȫ— ȡͧ  ’Ȳ Ǖǿ‘™ ȱ’ ǐš गए जहाँ ǒ–ͬ’ धाम।।51।।
–*–*–
ͬ‚ ǐš‡ ȡ सनु हु ǒ–  ‘ यह कथा। ˜ ɇसब € ¡ ȣ ˜ Ȫǐš ˜ Ǔ जथा।।
राम … ǐš सत € ȪǑŠ अपारा। Į ǓǕ सारदा न बरनै पारा।।
राम अनंत अनंत गुनानी। ‡ ۘ € ˜ [अनंत नामानी।।
जल सीकर ˜ Ǒ¡ रज ‚ Ǔ“ ‡ ȡ¡ ȣȲ@šƒ Ǖ” Ǔ … ǐš न – šǓ“ ͧ  šȡ¡ ȣȲ@
@
ǒ– ˜ › कथा ¡ ǐš पद दायनी। — ‚ Ǔ होइ   ǕǓ“ अनपायनी।।
उमा € Ǒ¡ `ȱसब कथा सह
ु ाई। जो —  Ǖ ȲͫǕŒ  ‚ ”Ǔ Ǒ¡ सन
ु ाई।।
कछुक राम गनु कहे उँ बखानी। अब का € ¡ ɋ सो कहहु भवानी।।
  ǓǕ“ सभ
ु कथा उमा हरषानी। –Ȫ› ȣ \ Ǔ ǒ–“ Ȣ मद
ृ ु बानी।।
’ ۙ ’ ۙ ˜ ɇ’ ۙ ” Ǖšȡšȣ@सुनेउँ राम गुन भव भय ¡ ȡšȣ@
@
दो0- à
Ǖ ¡ šȣ कृपाँ कृपायतन अब € Ǚ € Ǚי न मोह।
जानेउँ राम Ĥ ȡ” Ĥ — Ǖͬ… ‘ȡ“ Ȳ‘ संदोह।।52(क)।।
–*–*–
नाथ तवानन   ͧ  İ  कथा सध ु ा रघब
ु ीर।
Į “ ” ǕŠ ǔÛ¡ मन पान € ǐš “ Ǒ¡ Ȳअघात ˜ Ǔ ’ Ȣš@
@52(ख)।।
राम … ǐš जे सुनत \ ƒ ȡ¡ ȣȲ@रस ǒ–   ȯŸ जाना Ǔ Û¡ “ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
‡ Ȣ “ ˜ È
Ǖ  ˜ ¡ ȡ˜ ǕǓ“ जेऊ। ¡ ǐš गुन   Ǖ“ ¡ ȣȲǓ“ šȲ š तेऊ।।
भव सागर चह पार जो पावा। राम कथा ता कहँ Ǻ± नावा।।
ǒ–Ÿ ^Û¡ कहँ ” ǓǕ“ ¡ ǐš गन
ु Ē ȡ˜ ȡ@Į  “ सख
ु द \ ǽ मन \ ͧ— šȡ˜ ȡ@
@
Į “ Ȳ अस को जग ˜ ȡ¡ ȣ@
Ȳ ‡ ȡǑ¡ न šƒ ”Ǖ Ǔ … ǐš   Ȫ¡ ȡ¡ ȣȲ@
@
ते जड़ जीव Ǔ“ ‡ ȡט € घाती। ǔ‡ Û¡ Ǒ¡ न šƒ Ǖ” Ǔ कथा सोहाती।।
¡ ǐš… ǐšğ मानस  à
Ǖ ¡ गावा।   ǕǓ“ ˜ ɇनाथ \ ͧ˜ Ǔ सुख पावा।।
à
Ǖ ¡ जो € ¡ ȣ यह कथा सुहाई। € ȡ‚ —   ͫǕȲŒ ‚ ǽ° Ĥ Ǔ गाई।।
दो0-ǒ–šǓ ʙ ȡ“ ǒ– ʙ ȡ“ Ǻ± राम चरन \ Ǔ नेह।
बायस तन šƒ ”Ǖ Ǔ — ‚ Ǔ ˜ ȪǑ¡ परम संदेह।।53।।
–*–*–
नर   ¡ èğ महँ सन
ु हु ” šǕȡšȣ@कोउ एक होइ ’ ˜ [Ħ  ’ ȡšȣ@
@
’ ˜  [ Ȣ› € ȪǑŠ€ महँ कोई। ǒ–Ÿ ™ ǒ– ˜ Ǖ ǒ–šȡ‚ रत होई।।
€ ȪǑŠ ǒ– šÈ ˜ ڙ Į ǓǕ कहई।   à™ € ʙ ȡ“ सकृत कोउ लहई।।
ʙ ȡ“ Ȳ € ȪǑŠ€ महँ कोऊ। ‡ Ȣ “ ˜ È
Ǖ  सकृत जग सोऊ।।
Ǔ Û¡   ¡ èğ महुँ सब सुख खानी। ‘ ›Ǖ —[ Ħ é˜ › ȣ“ ǒ– ʙ ȡ“ Ȣ@
@
’ ˜  [ Ȣ› ǒ–šÈ \ ǽ ʙ ȡ“ Ȣ@‡ Ȣ “ ˜ È
Ǖ  Ħé˜ ” š Ĥ ȡ“ Ȣ@
@
सब ते सो ‘ ›Ǖ —[ सरु राया। राम — ‚ Ǔ रत गत मद माया।।
सो ¡ ǐš— ‚ Ǔ काग ͩ€ ͧ˜ पाई। ǒ– è “ ȡ ˜ ȪǑ¡ कहहु बुझाई।।
दो0-राम परायन ʙ ȡ“ रत गुनागार ˜ Ǔ धीर।
नाथ कहहु €ȯǑ¡ कारन पायउ काक   šȣš@ @54।।
–*–*–
यह Ĥ — Ǖ… ǐš ” ͪğ सुहावा। कहहु कृपाल काग कहँ पावा।।
à
Ǖ ¡ €ȯǑ¡ — ȡȱǓ सुना ˜ ‘“ ȡšȣ@कहहु ˜ ȪǑ¡ \ Ǔ कौतक
ु — ȡšȣ@
@
‚ ǽ° ˜ ¡ ȡʙ ȡ“ Ȣ गन
ु रासी। ¡ ǐš सेवक \ Ǔ Ǔ“ € Š Ǔ“ ȡ  Ȣ@
@
 ȯǑ¡ Ȳ€ȯǑ¡ हे तु काग सन जाई। सन
ु ी कथा ˜ ǓǕ“ Ǔ“ € š ǒ–¡ ȡ_@
@
कहहु कवन ǒ– ͬ’ भा संबादा। दोउ ¡ ǐš— ‚  काग उरगादा।।
‚ ȫǐš ͬ‚ šȡ   ǕǓ“ सरल सुहाई। बोले ͧ   सादर सुख पाई।।
’ ۙ सती पावन ˜ Ǔ  Ȫšȣ@šƒ Ǖ” Ǔ चरन Ĥ ȢǓ “ Ǒ¡ Ȳ Ȫšȣ@
@
सुनहु परम पुनीत ^Ǔ ¡ ȡ  ȡ@जो   ǕǓ“ सकल लोक ħ ˜ नासा।।
उपजइ राम चरन ǒ– èȡ  ȡ@भव Ǔ“ ͬ’ तर नर ǒ– “ Ǒ¡ ȲĤ™ ȡ  ȡ@
@
दो0-gͧ  \ Ĥè“ ǒ–¡ Ȳ‚ ” Ǔ € ȧÛ¡ काग सन जाइ।
सो सब सादर € Ǒ¡ ¡ `ȱसुनहु उमा मन लाइ।।55।।
–*–*–
˜ ɇǔ‡ ͧ˜ कथा सन
ु ी भव ˜ Ȫ… Ǔ“ @सो Ĥ   Ȳ‚ सन
ु ु   ˜Ǖ ͨǕ   ›Ǖ Ȫ… Ǔ“ @
@
Ĥ  ˜ ‘Í † गह
ृ तव अवतारा। सती नाम तब रहा  à
Ǖ ¡ ȡšȡ@
@
‘Í † ‡ ʙ तब भा अपमाना।  à
Ǖ ¡ \ Ǔ Đ Ȫ’ तजे तब Ĥ ȡ“ ȡ@
@
मम \ “ Ǖ… šÛ¡ € ȧÛ¡ मख भंगा। जानहु  à
Ǖ ¡ सो सकल Ĥ  Ȳ‚ ȡ@ @
तब \ Ǔ सोच भयउ मन ˜ ȪšɅ@दख ु ी भयउँ ǒ– ™ Ȫ‚ ͪĤ™  ȪšɅ@
@
संद
ु र बन ͬ‚ ǐš   ǐš तड़ागा। कौतक
ु दे खत ͩ• š`ȱबेरागा।।
ͬ‚ ǐš सुमेर ` ׏ š Ǒ‘ͧ  ‘ šǗȣ@नील सैल एक   Ǖۑš — Ǘšȣ@
@
तासु कनकमय ͧ   š सुहाए। … ȡǐš … ȡǽ मोरे मन भाए।।
Ǔ Û¡ पर एक एक ǒ–Š” ǒ–  ȡ› ȡ@बट पीपर ” ȡ€ šȣ रसाला।।
  Ȱ› Ȫ”ǐš सर संद
ु र सोहा। ˜ Ǔ“ सोपान ‘ȯͨ मन मोहा।।
दो0–सीतल अमल मधरु जल जलज ǒ– ” ›Ǖ बहुरंग।
कूजत कल रव हं स गन गंज
ु त मजंलु भंग
ृ ।।56।।
–*–*–
 Ǒȯ¡ Ȳͬ‚ ǐš ǽͬ… š बसइ खग सोई। तासु नास € ã”ȡȲ न होई।।
माया कृत गन
ु दोष अनेका। मोह मनोज ] Ǒ‘ \ ǒ– –ȯ€ ȡ@
@
रहे ޙ ȡͪ”   ˜ è जग ˜ ȡ¡ ȣȲ@ ȯǑ¡ ͬ‚ ǐš Ǔ“ € Š कबहुँ “ Ǒ¡ Ȳ‡ ȡ¡ ȣȲ@
@
तहँ –ͧ  ¡ ǐšǑ¡ भजइ ǔ‡ ͧ˜ कागा। सो सुनु उमा   Ǒ¡  अनुरागा।।
पीपर  ǽ तर ڙ ȡ“ सो धरई। जाप ‡ ʙ ” ȡ€ ǐš तर करई।।
आँब छाहँ कर मानस पज
ू ा। तिज ¡ ǐš भजनु काजु “ Ǒ¡ Ȳदज
ू ा।।
बर तर कह ¡ ǐš कथा Ĥ  Ȳ‚ ȡ@]  Ǒ¡ Ȳ  “Ǖ Ǒ¡ Ȳअनेक ǒ–¡ Ȳ‚ ȡ@
@
राम … ǐš ǒ– … Ȣğ ǒ–ͬ’ नाना। Ĥȯ˜   Ǒ¡  कर सादर गाना।।
  Ǖ“ Ǒ¡ Ȳसकल ˜ Ǔ ǒ–˜ › मराला। –  Ǒ¡ ȲǓ“ šȲ š जे  ȯǑ¡ Ȳताला।।
जब ˜ ɇजाइ सो कौतक
ु दे खा। उर उपजा आनंद ǒ–   ȯŸ ȡ@
@
दो0-तब कछु काल मराल तनु ’ ǐš तहँ € ȧÛ¡ Ǔ“ ȡ  @
सादर   ǓǕ“ šƒ ”Ǖ Ǔ गनु ” ǓǕ“ आयउँ कैलास।।57।।
–*–*–
ͬ‚ ǐš‡ ȡ कहे उँ सो सब ^Ǔ ¡ ȡ  ȡ@˜ ɇ‡ ȯǑ¡ समय गयउँ खग पासा।।
अब सो कथा सन
ु हु ‡ ȯ¡ ȣ हे त।ू गयउ काग ” Ǒ¡ Ȳखग कुल केत।ू ।
जब रघुनाथ € ȧǔÛ¡ रन Đ ȧ°ȡ@समुझत … ǐš ¡ ȪǓ ˜ ȪǑ¡ Ħ Ȣ°ȡ@
@
^Ȳġ ‡ Ȣ कर आपु बँधायो। तब नारद ˜ ǕǓ“ ‚ ǽ° पठायो।।
बंधन € ȡǑŠ गयो उरगादा। उपजा ǿ‘™ ȱĤ … ŒȲ ǒ– Ÿȡ‘ȡ@
@
Ĥ — Ǖबंधन समझ
ु त बहु भाँती। करत ǒ– … ȡš उरग आराती।।
ޙ ȡ”€ Ħé˜ ǒ–š‡ बागीसा। माया मोह पार परमीसा।।
सो अवतार सन
ु ेउँ जग ˜ ȡ¡ ȣȲ@दे खेउँ सो Ĥ — ȡ कछु “ ȡ¡ ȣȲ@
@
दो0–भव बंधन ते † ǗŠǑ¡ Ȳनर ‡ ͪ” जा कर नाम।
 … [Ǔ“   ȡ… š बाँधेउ नागपास सोइ राम।।58।।
–*–*–
नाना — ȡȱǓ ˜ “ Ǒ¡ समुझावा। Ĥ ‚ Š न ʙ ȡ“ ǿ‘™ ȱħ ˜ छावा।।
खेद ͨ ۓ मन  €[ बढ़ाई। भयउ मोहबस  à
Ǖ ¡ ǐšǑ¡ Ȳनाई।।
ޙ ȡ€ Ǖ› गयउ ‘ȯ ǐšͪŸ ” ȡ¡ ȣȲ@€ ¡ ȯͧ  जो संसय Ǔ“ ‡ मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
  ǓǕ“ “ ȡš‘Ǒ¡ › ȡͬ‚ \ Ǔ दाया। सन
ु ु खग Ĥ –› राम कै माया।।
जो ʙ ȡǓ“ Û¡ कर ͬ…  अपहरई। – ǐš] _ ǒ– ˜ Ȫ¡ मन करई।।
‡ ȯǑ¡ Ȳबहु बार नचावा ˜ Ȫ¡ ȣ@सोइ ޙ ȡ”Ȣ ǒ–¡ Ȳ‚ ” Ǔ  Ȫ¡ ȣ@
@
महामोह उपजा उर  ȪšɅ@ͧ˜ ǑŠǑ¡ न –ȯͬ‚ € ¡ Ʌखग ˜ ȪšɅ@ @
चतरु ानन ”Ǒ¡ Ȳजाहु खगेसा। सोइ करे हु ‡ ȯǑ¡ होइ Ǔ“ ‘ȯ  ȡ@
@
दो0-अस € Ǒ¡ चले ‘ȯ ǐšͪŸ करत राम गन ु गान।
¡ ǐš माया बल बरनत ” ǓǕ“ ” ǓǕ“ परम सज ु ान।।59।।
–*–*–
तब  ‚ ” Ǔ ǒ– šȲͬ… ”Ǒ¡ Ȳगयऊ। Ǔ“ ‡ संदेह सनु ावत भयऊ।।
  ǓǕ“ ǒ– šȲͬ… šȡ˜ Ǒ¡ ͧ  ǽ नावा।   ˜ ͨǕˆ Ĥ ȡ” Ĥȯ˜ \ Ǔ छावा।।
मन महुँ करइ ǒ–… ȡš ǒ–’ ȡ ȡ@माया बस € ǒ– € Ȫǒ– ‘ ʙ ȡ ȡ@ @
¡ ǐš माया कर \ ͧ˜ Ǔ Ĥ— ȡȡ@ǒ–” Ǖ› बार ‡ ȯǑ¡ Ȳ˜ ȪǑ¡ नचावा।।
अग जगमय जग मम उपराजा। “ Ǒ¡ Ȳआचरज मोह खगराजा।।
तब बोले ǒ–ͬ’ ͬ‚ šȡ सह
ु ाई। जान महे स राम Ĥ — Ǖ ȡ_@
@
बैनतेय संकर ”Ǒ¡ Ȳजाहू। तात अनत पछ ू हु ‡ Ǔ“ काहू।।
तहँ ¡ Ȫ^Ǒ¡ तव संसय हानी। चलेउ ǒ– ¡ Ȳ‚ सनु त ǒ– ͬ’ बानी।।
दो0-परमातरु ǒ–¡ Ȳ‚ ” Ǔ आयउ तब मो पास।
जात रहे उँ कुबेर गह
ृ šǑ¡ ¡ Ǖउमा कैलास।।60।।
–*–*–
 Ǒȯ¡ Ȳमम पद सादर ͧ  ǽ नावा। ” ǕǓ“ आपन संदेह सुनावा।।
  ǕǓ“ ता € ǐš ǒ–“  Ȣ मद
ृ ु बानी। परे म   Ǒ¡  ˜ ɇकहे उँ भवानी।।
ͧ˜ › ȯ¡Ǖ‚ ǽ° मारग महँ ˜ Ȫ¡ ȣ@कवन — ȡȱǓ   ˜ Ǖˆ ȡ ɋ  Ȫ¡ ȣ@
@
 –Ǒ¡ होइ सब संसय भंगा। जब बहु काल € ǐš\ सतसंगा।।
  ǓǕ“ \ तहाँ ¡ ǐš कथा सह
ु ाई। नाना — ȡȱǓ ˜ ǓǕ“ Û¡ जो गाई।।
‡ ȯǑ¡ महुँ ] Ǒ‘ ˜ ڙ अवसाना। Ĥ — ǕĤ Ǔ ”ȡɮ™ राम भगवाना।।
Ǔ“  ¡ ǐš कथा होत जहँ भाई। पठवउँ तहाँ   Ǖ“ Ǒ¡  à
Ǖ ¡ जाई।।
‡ ȡ^Ǒ¡ सुनत सकल संदेहा। राम चरन ¡ Ȫ^Ǒ¡ \ Ǔ नेहा।।
दो0-ǒ– “ Ǖसतसंग न ¡ ǐš कथा  ȯǑ¡ ǒ– “ Ǖमोह न भाग।
मोह गएँ ǒ– “ Ǖराम पद होइ न Ǻ± अनरु ाग।।61।।
–*–*–
ͧ˜ › Ǒ¡ Ȳन šƒ ”Ǖ Ǔ ǒ–“ Ǖअनरु ागा। ͩ€ f ȱजोग तप ʙ ȡ“ ǒ– šȡ‚ ȡ@
@
` ׏ š Ǒ‘ͧ  संद
ु र ͬ‚ ǐš नीला। तहँ रह € ȡ€ —  Ǖ ȲͫǕŒ सस
ु ीला।।
राम — ‚ Ǔ पथ परम Ĥ –Ȣ“ ȡ@ʙ ȡ“ Ȣ गुन गहृ बहु € ȡ› ȣ“ ȡ@
@
राम कथा सो कहइ Ǔ“ šȲ š@सादर   Ǖ“ Ǒ¡ Ȳǒ–ǒ–’ ǒ–¡ Ȳ‚ – š@@
जाइ सुनहु तहँ ¡ ǐš गुन — Ǘšȣ@¡ Ȫ^Ǒ¡ मोह ‡ Ǔ“  दख
ु ‘ šǗȣ@
@
˜ ɇजब  ȯǑ¡ सब कहा बझ
ु ाई। चलेउ ¡ šͪŸ मम पद ͧ  ǽ नाई।।
ताते उमा न ˜ ɇसमझ
ु ावा। šƒ ”Ǖ Ǔ कृपाँ मरमु ˜ ɇपावा।।
¡ Ȫ^Ǒ¡ € ȧÛ¡ कबहुँ \ ͧ— ˜ ȡ“ ȡ@सो खौवै चह € Ǚ” ȡǓ“ ’ ȡ“ ȡ@
@
कछु  ȯǑ¡ ते ” ǕǓ“ ˜ ɇ“ Ǒ¡ Ȳराखा। समुझइ खग  ‚ ¡ ȣ कै भाषा।।
Ĥ — Ǖमाया बलवंत भवानी। ‡ ȡǑ¡ न मोह कवन अस ʙ ȡ“ Ȣ@
@
दो0-ʙ ȡǓ“ भगत ͧ  šȪ˜ Ǔ“ ǒğ— Ǖ “ ”Ǔ कर जान।
 ȡǑ¡ मोह माया नर पावँर € šǑ¡ Ȳगम
ु ान।।62(क)।।
मासपारायण, \ ͡ȡ_  ȡȱͪĮ ȡ˜
ͧ   ǒ–šȲͬ… कहुँ मोहइ को है बपुरा आन।
अस िजयँ ‡ ȡǓ“ — ‡ Ǒ¡ Ȳ˜ ǕǓ“ माया ” Ǔ भगवान।।62(ख)।।
–*–*–
गयउ ‚ ǽ° जहँ बसइ भुसुंडा। ˜ Ǔ अकंु ठ ¡ ǐš — ‚ Ǔ अखंडा।।
‘ȯͨ सैल Ĥ  ۓ मन भयऊ। माया मोह सोच सब गयऊ।।
€ ǐš तड़ाग ˜ Ï ‡ “ जलपाना। बट तर गयउ ǿ‘™ ȱहरषाना।।
– ƨǙ – ƨǙ ǒ–¡ Ȳ‚ तहँ आए। सन
ु ै राम के … ǐš सह
ु ाए।।
कथा अरं भ करै सोइ चाहा।  ȯ¡ ȣ समय गयउ खगनाहा।।
आवत ‘ȯͨ सकल खगराजा। हरषेउ बायस   Ǒ¡  समाजा।।
\ Ǔ आदर  ‚ ” Ǔ कर € ȧÛ¡ ȡ@è ȡ‚  ” ǗǓ† सुआसन ‘ȣÛ¡ ȡ@
@
€ ǐš पूजा समेत अनुरागा। मधरु बचन तब बोलेउ कागा।।
दो0-नाथ कृतारथ भयउँ ˜ ɇतव दरसन खगराज।
आयसु दे हु सो € šɋ अब Ĥ — Ǖआयहु €ȯǑ¡ काज।।63(क)।।
सदा कृतारथ Ǿ ”  à Ǖ ¡ कह मद
ृ ु बचन खगेस।
‡ ȯǑ¡ कै \ è ǓǕ सादर Ǔ“ ‡ मख
ु € ȧǔÛ¡ महे स।।63(ख)।।
–*–*–
सुनहु तात ‡ ȯǑ¡ कारन आयउँ । सो सब भयउ दरस तव पायउँ ।।
‘ȯͨ परम पावन तव ] Į ˜ @गयउ मोह संसय नाना ħ ˜ @
@
अब Į Ȣšȡ˜ कथा \ Ǔ ”ȡ Ǔ“ @सदा सख
ु द दख
ु पंज
ु “   ȡ Ǔ“ @
@
सादर तात सन
ु ावहु ˜ Ȫ¡ ȣ@बार बार ǒ– “ `ȱĤ — Ǖ Ȫ¡ ȣ@
@
सुनत ‚ ǽ° कै ͬ‚ šȡ ǒ–“ Ȣ ȡ@सरल   ǕĤ ȯ˜ सुखद सुपुनीता।।
भयउ तासु मन परम उछाहा। लाग कहै šƒ Ǖ” Ǔ गुन गाहा।।
Ĥ  ˜ Ǒ¡ Ȳ\ Ǔ अनुराग भवानी। šȡ˜ … ǐš सर € ¡ ȯͧ  बखानी।।
” ǓǕ“ नारद कर मोह अपारा। € ¡ ȯͧ  –¡ Ǖǐš रावन अवतारा।।
Ĥ— Ǖअवतार कथा ” ǓǕ“ गाई। तब ͧ    Ǖ… ǐš € ¡ ȯͧ  मन लाई।।
दो0-–ȡ› … ǐš € Ǒ¡ Ȳǒ– ǒ– ’ ǒ–ͬ’ मन महँ परम उछाह।
ǐšͪŸ आगवन € ¡ ȯͧ  ” ǕǓ“ Į Ȣ रघुबीर ǒ– – ȡ¡ @
@64।।
–*–*–
– ¡ Ǖǐš राम \ ͧ— Ÿȯ€ Ĥ  Ȳ‚ ȡ@” ǕǓ“ नप
ृ बचन राज रस भंगा।।
” Ǖš–ȡͧ  Û¡ कर ǒ–š¡ ǒ– Ÿȡ‘ȡ@€ ¡ ȯͧ  राम › Ǔ† ˜ “ संबादा।।
ǒ–ͪ”“ गवन केवट अनुरागा।   Ǖš  ǐš `  ǐš Ǔ“ ȡ  Ĥ ™ ȡ‚ ȡ@
@
बालमीक Ĥ — Ǖͧ˜ › “ बखाना। ͬ… ğ€ ǗŠ ǔ‡ ͧ˜ बसे भगवाना।।
  ͬ…  ȡ‚ “ नगर नप
ृ मरना। भरतागवन Ĥȯ˜ बहु बरना।।
€ ǐš नप
ृ ͩĐ ™ ȡ संग पुरबासी। भरत गए जहँ Ĥ— Ǖसुख रासी।।
” ǕǓ“ šƒ Ǖ
” Ǔ बहु ǒ–ͬ’ समुझाए। लै पादक
ु ा अवधपुर आए।।
भरत š¡ Ǔ“   Ǖš”Ǔ सुत करनी। Ĥ — Ǖ\ ǽ \ ǒğ — ɅŠ ” ǕǓ“ बरनी।।
दो0-€ Ǒ¡ ǒ–šȡ’ बध ‡ ȯǑ¡ ǒ– ͬ’ दे ह तजी सरभंग।।
– šǓ“ सत ु ीछन ĤȢǓ ” ǓǕ“ Ĥ — Ǖ\ ‚ ǔè सतसंग।।65।।
–*–*–
€ Ǒ¡ दं डक बन पावनताई। गीध ˜ ^ğȢ ” ǓǕ“  ȯǑ¡ Ȳगाई।।
” ǓǕ“ Ĥ — Ǖ”Ȳ… ŠȣȲकृत बासा। भंजी सकल ˜ ǓǕ“ Û¡ € ȧ ğȡ  ȡ@
@
” ǓǕ“ › Ǔ† ˜ “ उपदे स अनप
ू ा। सप
ू नखा ǔ‡ ͧ˜ € ȧǔÛ¡ € ǕǾ ” ȡ@
@
खर दष
ू न बध –¡ Ǖǐš बखाना। ǔ‡ ͧ˜ सब मरमु दसानन जाना।।
दसकंधर ˜ ȡšȣ… – € ¡ ȣȲ@‡ ȯǑ¡ ǒ– ͬ’ भई सो सब  ȯǑ¡ Ȳ€ ¡ ȣ@
@
” ǕǓ“ माया सीता कर हरना। Į Ȣšƒ Ǖ– Ȣš ǒ– š¡ कछु बरना।।
” ǓǕ“ Ĥ— Ǖगीध ͩĐ ™ ȡ ǔ‡ ͧ˜ € ȧÛ¡ ȣ@– ͬ’ कबंध   – ǐšǑ¡ ‚ Ǔ ‘ȣÛ¡ ȣ@
@
–¡ Ǖǐš ǒ– š¡ बरनत रघब
ु ीरा। ‡ ȯǑ¡ ǒ– ͬ’ गए सरोबर तीरा।।
दो0-Ĥ— Ǖनारद संबाद € Ǒ¡ ˜ ȡǽǓ ͧ˜ › “ Ĥ   Ȳ‚ @
” ǕǓ“   ǕĒ Ȣ ͧ˜  ȡ_ –ȡͧ› Ĥ ȡ“ कर भंग।।66((क)।।
€ ͪ”Ǒ¡ Ǔ › € € ǐš Ĥ— Ǖकृत सैल Ĥ –šŸ “ बास।
बरनन – Ÿȡ[सरद \ ǽ राम रोष € ͪ” ğȡ  @
@66(ख)।।
–*–*–
‡ ȯǑ¡ ǒ– ͬ’ € ͪ”” Ǔ € ȧ  पठाए। सीता खोज सकल Ǒ‘ͧ  धाए।।
ǒ–– š Ĥ–ȯ  € ȧÛ¡ ‡ ȯǑ¡ भाँती। € ͪ”Û¡ – ¡ Ȫǐš ͧ˜ › ȡ संपाती।।
  ǓǕ“ सब कथा समीरकुमारा। नाघत भयउ ” ™ Ȫͬ’ अपारा।।
लंकाँ € ͪ” Ĥ–ȯ  ǔ‡ ͧ˜ € ȧÛ¡ ȡ@” ǕǓ“   Ȣ Ǒ¡ धीरजु ǔ‡ ͧ˜ ‘ȣÛ¡ ȡ@
@
बन ` ‡ ȡǐš šȡ “ Ǒ¡ Ĥ–Ȫ’ Ȣ@पुर ‘Ǒ¡ नाघेउ –¡ Ǖǐš पयोधी।।
आए € ͪ” सब जहँ रघुराई। – Ȱ‘ȯ¡ ȣ ͩ€ कुसल सुनाई।।
सेन   ˜ ȯǓ जथा रघब
ु ीरा। उतरे जाइ –ȡǐšǓ“ ͬ’ तीरा।।
ͧ˜ › ȡ ǒ–— ȢŸ“ ‡ ȯǑ¡ ǒ–ͬ’ आई। सागर Ǔ“ Ē ¡ कथा सन
ु ाई।।
दो0-सेतु – ȡȱͬ’ € ͪ” सेन ǔ‡ ͧ˜ `  šȣ सागर पार।
गयउ –  Ȣ‹ Ȥ बीरबर ‡ ȯǑ¡ ǒ–ͬ’ – ȡͧ› € Ǖ˜ ȡš@
@67(क)।।
Ǔ“ ͧ  … š € ȧ  लराई – šǓ“ ͧ  ǒ–ǒ–’ Ĥ € ȡš@
कंु भकरन घननाद कर बल ” ȫǽŸ संघार।।67(ख)।।
–*–*–
Ǔ“ ͧ  … š Ǔ“ € š मरन ǒ–ͬ’ नाना। šƒ Ǖ” Ǔ रावन समर बखाना।।
रावन बध ˜ Ȳ‘ Ȫ‘ǐš सोका। राज ǒ– — ȢŸ Ž दे व असोका।।
सीता šƒ ”Ǖ Ǔ ͧ˜ › “ –¡ Ȫšȣ@  šǕÛ¡ € ȧÛ¡ \ è ǓǕ कर ‡ Ȫšȣ@
@
” ǓǕ“ ” ç
Ǖ”€ … Ǒ± € ͪ” Û¡ समेता। अवध चले Ĥ— Ǖकृपा Ǔ“ €ȯ ȡ@
@
‡ ȯǑ¡ ǒ–ͬ’ राम नगर Ǔ“ ‡ आए। बायस ǒ–   ‘ … ǐš सब गाए।।
€ ¡ ȯͧ  – ¡ Ȫǐš राम \ ͧ— ŸȰ€ ȡ@पुर बरनत “ ”Ǚ “ ȢǓ अनेका।।
कथा   ˜ è भुसुंड बखानी। जो ˜ ɇ à
Ǖ ¡ सन € ¡ ȣ भवानी।।
  ǓǕ“ सब राम कथा खगनाहा। कहत बचन मन परम उछाहा।।
सो0-गयउ मोर संदेह सन
ु ेउँ सकल šƒ ”Ǖ Ǔ … ǐš @
भयउ राम पद नेह तव Ĥ   ȡ‘ बायस Ǔ › € @
@68(क)।।
˜ ȪǑ¡ भयउ \ Ǔ मोह Ĥ — Ǖबंधन रन महुँ Ǔ“ šͨ @
ͬ… ‘ȡ“ Ȳ‘ संदोह राम ǒ– € › कारन कवन। 68(ख)।।
‘ȯͨ … ǐš \ Ǔ नर \ “ Ǖ
  ȡšȣ@भयउ ǿ‘™ ȱमम संसय — ȡšȣ@
@
सोइ ħ ˜ अब Ǒ¡  € ǐš ˜ ɇमाना। € ȧÛ¡ \ “ ĒǕ ¡ € Ǚ”ȡǓ“ ’ ȡ“ ȡ@
@
जो \ Ǔ आतप ޙ ȡ€ Ǖ› होई।  ǽ छाया सुख जानइ सोई।।
‡ ɋ “ Ǒ¡ Ȳहोत मोह \ Ǔ ˜ Ȫ¡ ȣ@ͧ˜ ›  ȯ̀ȱतात कवन ǒ– ͬ’  Ȫ¡ ȣ@
@
सन
ु तेउँ ͩ€ ͧ˜ ¡ ǐš कथा सहु ाई। \ Ǔ ǒ– ͬ… ğ बहु ǒ– ͬ’  à
Ǖ ¡ गाई।।
Ǔ“ ‚ ˜ ȡ‚ ˜ परु ान मत एहा। € ¡ Ǒ¡ Ȳͧ  ƨ ˜ ǓǕ“ “ Ǒ¡ Ȳसंदेहा।।
संत ǒ–  Ǖƨ ͧ˜ › Ǒ¡ Ȳ”ǐš  ȯ¡ ȣ@ͬ…   Ǒ¡ Ȳराम कृपा € ǐš ‡ ȯ¡ ȣ@
@
राम कृपाँ तव दरसन भयऊ। तव Ĥ  ȡ‘ सब संसय गयऊ।।
दो0-  ǕǓ“ ǒ–¡ Ȳ‚ ”Ǔ बानी   Ǒ¡  ǒ–“ ™ अनुराग।
पल
ु क गात लोचन सजल मन हरषेउ \ Ǔ काग।।69(क)।।
Į Ȫ ȡ   ˜Ǖ Ǔ सस
ु ील   ͬǕ… कथा šͧ  € ¡ ǐš दास।
पाइ उमा \ Ǔ ‚ Ȫܙ ˜ ͪ”   Ï ‡ “ € šǑ¡ ȲĤ€ ȡ  @
@69(ख)।।
–*–*–
बोलेउ काकभसड ंु –¡ Ȫšȣ@नभग नाथ पर Ĥ ȢǓ न  Ȫšȣ@@
सब ǒ– ͬ’ नाथ ” ǗÏ ™  à
Ǖ ¡ मेरे। € Ǚ”ȡ” ȡğ रघुनायक केरे ।।
à
Ǖ ¡ Ǒ¡ न संसय मोह न माया। मो पर नाथ € ȧÛ¡  à
Ǖ ¡ दाया।।
पठइ मोह ͧ˜    ‚ ”Ǔ  Ȫ¡ ȣ@šƒ Ǖ” Ǔ ‘ȣǔÛ¡ बड़ाई ˜ Ȫ¡ ȣ@
@
à
Ǖ ¡ Ǔ“ ‡ मोह € ¡ ȣ खग   ȡɃ@सो “ Ǒ¡ Ȳकछु आचरज ‚ Ȫ  ȡɃ@
@
नारद भव ǒ–šȲͬ…   “ € ȡ‘ȣ@जे ˜ ǓǕ“ “ ȡ™ € ]  ˜ – ȡ‘ȣ@
@
मोह न अंध € ȧÛ¡ €ȯǑ¡ €ȯ¡ ȣ@को जग काम नचाव न ‡ ȯ¡ ȣ@
@
è
Ǚ“ ȡȱ€ȯǑ¡ न € ȧÛ¡ बौराहा। €ȯǑ¡ कर ǿ‘™ Đ Ȫ’ “ Ǒ¡ Ȳदाहा।।
दो0-ʙ ȡ“ Ȣ तापस सूर € ǒ– € Ȫǒ– ‘ गुन आगार।
€ȯǑ¡ कै लौभ ǒ–ŒȲ
– “ ȡ € ȧǔÛ¡ न f Ǒ¡ Ȳसंसार।।70(क)।।
Į Ȣ मद – Đ न € ȧÛ¡ €ȯǑ¡ Ĥ — Ǖ ȡ – ͬ’ š न € ȡǑ¡ @
˜ ‚Ǚ › Ȫ… Ǔ“ के नैन सर को अस लाग न ‡ ȡǑ¡ @
@70(ख)।।
–*–*–
गुन कृत   ۙ ”ȡ “ Ǒ¡ Ȳ€ȯ¡ ȣ@कोउ न मान मद तजेउ Ǔ“ –ȯ¡ ȣ@
@
जोबन Ï š €ȯǑ¡ “ Ǒ¡ Ȳबलकावा। ममता €ȯǑ¡ कर जस न नसावा।।
˜ Í † š € ȡǑ¡ कलंक न लावा। € ȡǑ¡ न सोक समीर डोलावा।।
ͬ… Ȳ ȡ   ȡȱͪ”Ǔ“ को “ Ǒ¡ Ȳखाया। को जग ‡ ȡǑ¡ न ޙ ȡ” Ȣ माया।।
€ ȧŠ मनोरथ ‘ȡǽ   šȣšȡ@‡ ȯǑ¡ न लाग घन
ु को अस धीरा।।
सुत ǒ–  लोक ईषना तीनी। €ȯǑ¡ के ˜ Ǔ ^Û¡ कृत न ˜ › ȣ“ Ȣ@
@
यह सब माया कर ” ǐš ȡšȡ@Ĥ– › \ ͧ˜ Ǔ को बरनै पारा।।
ͧ   चतरु ानन ‡ ȡǑ¡ Œȯ
šȡ¡ ȣȲ@अपर जीव €ȯǑ¡ लेखे ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
दो0-ޙ ȡͪ” रहे उ संसार महुँ माया कटक Ĥ … ŒȲ @
@
  ȯ“ ȡ”Ǔ € ȡ˜ ȡǑ‘ भट दं भ कपट पाषंड।।71(क)।।
सो दासी रघुबीर कै   ˜ Ǖˆ Ʌͧ˜ ؙ ȡ   Ȫͪ” @
छूट न राम कृपा ǒ–“ Ǖनाथ कहउँ पद šȪͪ” @@
71(ख)।।
–*–*–
जो माया सब ‡ ‚ Ǒ¡ नचावा। जासु … ǐš › ͨ काहुँ न पावा।।
सोइ Ĥ— Ǖħ Ǘǒ–› ȡ  खगराजा। नाच “ Šȣ इव   Ǒ¡  समाजा।।
सोइ   ǔÍ … ‘ȡ“ ‘Ȳ घन रामा। अज ǒ– ʙ ȡ“ Ǿ ”Ȫ बल धामा।।
ޙ ȡ” € ޙ ȡܙ अखंड अनंता। \ ͨ › \ ˜ Ȫƒ   ǔȏ भगवंता।।
अगन
ु \ ‘ħ ͬ‚ šȡ गोतीता। सबदरसी \ “  ɮ™ अजीता।।
Ǔ“ ˜ ˜[ Ǔ“ šȡ€ ȡš Ǔ“ š˜ Ȫ¡ ȡ@Ǔ“ י Ǔ“ šȲ‡ “ सुख संदोहा।।
Ĥ € ǙǓ पार Ĥ — Ǖसब उर बासी। Ħé˜ Ǔ“ šȣ¡ ǒ– š‡ \ ǒ– “ ȡ  Ȣ@
@
इहाँ मोह कर कारन “ ȡ¡ ȣȲ@šǒ–   ۘ Ǖ तम कबहुँ ͩ€ ‡ ȡ¡ ȣȲ@
@
दो0-भगत हे तु भगवान Ĥ— Ǖराम धरे उ तनु भप ू ।
ͩ€ f … ǐš पावन परम Ĥȡ€ Ǚ नर \ “ ǾǕ ”@
@72(क)।।
जथा अनेक बेष ’ ǐš “ ×
Ǚ™ करइ नट कोइ।
सोइ सोइ भाव दे खावइ आपन ु होइ न सोइ।।72(ख)।।
–*–*–
\ ͧ  šƒ ”
Ǖ Ǔ › ȣ› ȡ ` š‚ ȡšȣ@दनज
ु ǒ– ˜ Ȫ¡ Ǔ“ जन   Ǖ € ȡšȣ@
@
जे ˜ Ǔ ˜ ͧ› “ ǒ–Ÿ™ –  कामी। Ĥ — Ǖमोह ’ šǑ¡ Ȳ^ͧ˜ è ȡ˜ Ȣ@
@
नयन दोष जा कहँ जब होई। पीत बरन   ͧ  कहुँ कह सोई।।
जब ‡ ȯǑ¡ Ǒ‘ͧ  ħ ˜ होइ खगेसा। सो कह ”ǔÍ † ˜ उयउ Ǒ‘“ ȯ  ȡ@
@
“ ȫ€ ȡǾ ± चलत जग दे खा। अचल मोह बस ] ” ǑǕ¡ लेखा।।
बालक ħ ˜ Ǒ¡ Ȳन ħ ˜ Ǒ¡ Ȳ‚ ¡Ǚȡ‘ȣȲ@€ ¡ Ǒ¡ Ȳ”šè” š ͧ˜ ؙ ȡ–ȡ‘ȣ@
@
¡ ǐš ǒ–Ÿ ^€ अस मोह ǒ– ¡ Ȳ‚ ȡ@सपनेहुँ “ Ǒ¡ Ȳ\ ʙ ȡ“ Ĥ   Ȳ‚ ȡ@
@
मायाबस ˜ Ǔ ˜ Ȳ‘ अभागी। ǿ‘™ ȱ‡ ˜ Ǔ“ € ȡ – ¡ Ǖǒ– ͬ’ लागी।।
ते सठ हठ बस संसय € š¡ ȣȲ@Ǔ“ ‡ \ ʙ ȡ“ राम पर ’ š¡ ȣȲ@
@
दो0-काम Đ Ȫ’ मद लोभ रत ‚ ¡Ǚȡ  ȏ ‘ Ǖ Ǿ ”@
ते ͩ€ ͧ˜ ‡ ȡ“ Ǒ¡ Ȳšƒ ”Ǖ Ǔ Ǒ¡ मढ़
ू परे तम कूप।।73(क)।।
Ǔ“ ‚ “Ǖ[ Ǿ ” सल
ु भ \ Ǔ सगन
ु जान “ Ǒ¡ Ȳकोइ।
सुगम अगम नाना … ǐš   ǕǓ“ ˜ ǕǓ“ मन ħ ˜ होइ।।73(ख)।।
–*–*–
सुनु खगेस šƒ Ǖ” Ǔ Ĥ— Ǖ
 ȡ_@कहउँ ‡  ȡ˜ Ǔ कथा सुहाई।।
‡ ȯǑ¡ ǒ–ͬ’ मोह भयउ Ĥ— Ǖ˜ Ȫ¡ ȣ@सोउ सब कथा सुनावउँ  Ȫ¡ ȣ@
@
राम कृपा भाजन  à
Ǖ ¡ ताता। ¡ ǐš गुन ĤȢǓ ˜ ȪǑ¡ सुखदाता।।
ताते “ Ǒ¡ Ȳकछु  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ Ȳदरु ावउँ । परम š¡ è™ मनोहर गावउँ ।।
सन
ु हु राम कर सहज सभ
ु ाऊ। जन \ ͧ— ˜ ȡ“ न šȡ Ǒ¡ Ȳकाऊ।।
संसत
ृ मल
ू   ›Ǘ Ĥ‘ नाना। सकल सोक दायक \ ͧ— ˜ ȡ“ ȡ@
@
ताते € šǑ¡ Ȳ€ Ǚ” ȡǓ“ ͬ’ ‘ šǗȣ@सेवक पर ममता \ Ǔ — Ǘšȣ@
@
ǔ‡ ͧ˜ ͧ    Ǖतन Ħ “ होइ गोसाई। मातु ͬ… šȡ € Ǒ‹ “ € ȧ “ ȡɃ@
@
दो0-‡ ‘ͪ” Ĥ ˜ दख
ु पावइ रोवइ बाल अधीर।
ޙ ȡͬ’ नास Ǒ¡  जननी ‚ “ Ǔ न सो ͧ    Ǖपीर।।74(क)।।
Ǔ ͧ˜ šƒ ”Ǖ Ǔ Ǔ“ ‡ दासकर ¡ šǑ¡ Ȳमान Ǒ¡  › ȡͬ‚ @
 ›Ǖ ͧ  ‘ȡ  ऐसे Ĥ— ǕǑ¡ कस न भजहु ħ ˜ י ȡͬ‚ @@
74(ख)।।
–*–*–
राम कृपा ] ”Ǔ“ जड़ताई। कहउँ खगेस सन ु हु मन लाई।।
जब जब राम मनुज तनु ’ š¡ ȣȲ@— ȏ हे तु › ȣ› बहु € š¡ ȣȲ@
@
तब तब \ ’ ” Ǖšȣ ˜ ɇज़ाऊँ। –ȡ› … ǐš ǒ–› Ȫͩ€ हरषाऊँ।।
‡ ۘ ˜ ¡ Ȫ×   दे खउँ जाई। बरष पाँच तहँ रहउँ लोभाई।।
^犑ȯ मम बालक रामा। सोभा बपष
ु € ȪǑŠ सत कामा।।
Ǔ“ ‡ Ĥ — Ǖबदन Ǔ“ ¡ ȡǐš Ǔ“ ¡ ȡšȣ@लोचन सफ
ु ल करउँ ` š‚ ȡšȣ@
@
लघु बायस बपु ’ ǐš ¡ ǐš संगा। दे खउँ – ȡ› … ǐš बहुरं गा।।
दो0-› ǐš€ ȡɃ जहँ जहँ ͩ• šǑ¡ Ȳतहँ तहँ संग उड़ाउँ ।
‡ Ǘ‹ Ǔ“ परइ अिजर महँ सो उठाइ € ǐš खाउँ ।।75(क)।।
एक बार \ Ǔ   ™ सब … ǐš ͩ€ f रघुबीर।
  Ǖͧ˜ š Ĥ— Ǖ› ȣ› ȡ सोइ ” Ǖ› ͩ€  भयउ   šȣš@
@75(ख)।।
–*–*–
कहइ भसुंड सुनहु खगनायक। šȡ˜ … ǐš सेवक सुखदायक।।
“ ”Ǚ ˜ ȲǑ‘š सुंदर सब भाँती।  ͬ…  कनक ˜ Ǔ“ नाना जाती।।
–šǓ“ न जाइ ǽͬ… š अँगनाई। जहँ  ȯ› Ǒ¡ ȲǓ“  … ȡǐš` भाई।।
–ȡ› ǒ–“ Ȫ‘ करत रघरु ाई। ǒ– … š अिजर ‡ “ Ǔ“ सख
ु दाई।।
मरकत मद ृ ल
ु कलेवर è™ ȡ˜ ȡ@अंग अंग Ĥ Ǔ † ǒ– बहु कामा।।
नव राजीव \ ǽ“ मदृ ु चरना। पदज ǽͬ… š नख   ͧ  ‘ ǓǕ हरना।।
› ͧ›  अंक € Ǖͧ›   ȡǑ‘€ … ȡšȣ@नूपुर … ȡǾ मधरु š € ȡšȣ@
@
… ȡǽ पुरट ˜ Ǔ“ šͬ…  बनाई। € ǑŠ ͩ€ Ȳͩ€ “ कल मुखर सुहाई।।
दो0-रे खा ğ™   Ǖۑš उदर नाभी ǽͬ… š गँभीर।
उर आयत ħ ȡ‡  ǒ–ǒ–’ बाल ǒ– — ŸǗ “ चीर।।76।।
–*–*–
\ ǽ“ ” ȡǓ“ नख करज मनोहर। बाहु ǒ–  ȡ› ǒ– — ŸǗ “ संद
ु र।।
कंध बाल €ȯ¡ ǐš दर Ē Ȣȡ@… ȡǽ ͬ… – €Ǖ आनन † ǒ– सींवा।।
कलबल बचन अधर \ ǽ“ ȡšȯ@दइु दइु दसन ǒ–  ‘ बर बारे ।।
› ͧ›  कपोल मनोहर नासा। सकल सुखद   ͧ  कर सम हासा।।
नील कंज लोचन भव मोचन। ħ ȡ‡  भाल Ǔ › € गोरोचन।।
ǒ– € Š — €ǙǕǑŠ सम Į “ सुहाए। € ȲǕͬ…  कच मेचक † ǒ– छाए।।
पीत ˆ ȢǓ“ ˆ ‚ ›Ǖ ȣ तन   Ȫ¡ ȣ@ͩ€ › € Ǔ“ ͬ…  Ǔ“ — ȡǓ ˜ Ȫ¡ ȣ@
@
Ǿ ” šȡͧ  नप
ृ अिजर ǒ– ¡ ȡšȣ@“ ȡ… Ǒ¡ ȲǓ“ ‡ ĤǓ ǒ– –Ȳ Ǔ“ ¡ ȡšȣ@
@
˜ ȪǑ¡ सन € š¡ ȣȲǒ–ǒ–’ ǒ–ͬ’ Đ ȧ°ȡ@बरनत ˜ ȪǑ¡ ¡ ȪǓ \ Ǔ ĦȢ°ȡ@
@
ͩ€ › €  ˜ ȪǑ¡ धरन जब ’ ȡ Ǒ¡ @
Ȳ चलउँ — ȡͬ‚ तब पूप ‘ȯ ȡ Ǒ¡ @
Ȳ@
दो0-आवत Ǔ“ € Š ¡ ȱ  Ǒ¡ ȲĤ — Ǖभाजत ǽ‘“ € šȡǑ¡ @
Ȳ
जाउँ समीप गहन पद ͩ• ǐš ͩ• ǐš ͬ…  ^ ” šȡǑ¡ @
Ȳ@
77(क)।।
Ĥȡ€ Ǚ ͧ    Ǖइव › ȣ› ȡ ‘ȯͨ भयउ ˜ ȪǑ¡ मोह।
कवन … ǐšğ करत Ĥ— Ǖͬ… ‘ȡ“ Ȳ‘ संदोह।।77(ख)।।
–*–*–
एतना मन आनत खगराया। šƒ ”Ǖ Ǔ Ĥȯǐš ޙ ȡ”Ȣ माया।।
सो माया न दख
ु द ˜ ȪǑ¡ € ȡ¡ ȣ@
Ȳ आन जीव इव संसत
ृ “ ȡ¡ ȣȲ@
@
नाथ इहाँ कछु कारन आना। सुनहु सो सावधान ¡ ǐš‡ ȡ“ ȡ@
@
ʙ ȡ“ अखंड एक सीताबर। माया –è™ जीव सचराचर।।
‡ ɋ सब €Ʌरह ʙ ȡ“ एकरस। _蝚 ‡ Ȣ Ǒ¡ भेद कहहु कस।।
माया – è™ जीव \ ͧ— ˜ ȡ“ Ȣ@ईस – è™ माया गन
ु खानी।।
परबस जीव 蝖  भगवंता। जीव अनेक एक Į Ȣ€Ȳ ȡ@
@
मुधा भेद ‡ ɮ™ ͪ” कृत माया। ǒ– “ Ǖ¡ ǐš जाइ न € ȪǑŠ उपाया।।
दो0-šȡ˜ … ġȲ के भजन ǒ–“ Ǖजो चह पद Ǔ“ – ȡ“[ @
ʙ ȡ“ Ȳ \ ͪ” सो नर पसु ǒ–“ Ǖपँछ
ू ǒ– Ÿ ȡ“ @
@78(क)।।
šȡ€ ȡ”Ǔ षोड़स ` \ Ǒ¡ Ȳतारागन समद
ु ाइ।।
सकल ͬ‚ ǐšÛ¡ दव लाइअ ǒ– “ Ǖšǒ– šȡǓ न जाइ।।78(ख)।।
–*–*–
g  ȯǑ¡ Ȳ¡ ǐš ǒ–“ Ǖभजन खगेसा। ͧ˜ Š^ न ‡ Ȣ Û¡ केर कलेसा।।
¡ ǐš   ȯ € Ǒ¡ न ޙ ȡ” \ ǒ–ɮ™ ȡ@Ĥ — ǕĤȯǐš ޙ ȡ” ^  ȯǑ¡ ǒ– ɮ™ ȡ@
@
ताते नास न होइ दास कर। भेद — ‚ Ǔ भाढ़इ ǒ– ¡ Ȳ‚ –š@
@
ħ ˜ ते … ͩ€  राम ˜ ȪǑ¡ दे खा। ǒ–¡ ȱ  ȯसो सुनु … ǐš ǒ–  ȯŸ ȡ@
@
 ȯǑ¡ कौतकु कर मरमु न काहूँ। जाना अनुज न मातु ͪ”  ȡ¡ Ǘȱ@
@
जानु ” ȡǓ“ धाए ˜ ȪǑ¡ धरना। è™ ȡ˜ › गात \ ǽ“ कर चरना।।
तब ˜ ɇ— ȡͬ‚ चलेउँ उरगामी। राम गहन कहँ भज
ु ा ”  ȡšȣ@
@
ǔ‡ ͧ˜ ǔ‡ ͧ˜ ‘ ǐǗš उड़ाउँ अकासा। तहँ भज
ु ¡ ǐš दे खउँ Ǔ“ ‡ पासा।।
दो0-Ħé˜ › Ȫ€ › ͬ‚ गयउँ ˜ ɇͬ…  ™ `ȱपाछ उड़ात।
जुग अंगुल कर बीच सब राम — Ǖ‡ Ǒ¡ ˜ ȪǑ¡ तात।।79(क)।।
  ܏ ȡ–š“ भेद € ǐš जहाँ › ‚ Ʌ‚ Ǔ ˜ Ȫǐš@
गयउँ तहाँ Ĥ— Ǖभज
ु Ǔ“ šͨ ޙ ȡ€ Ǖ› भयउँ –¡ Ȫǐš@@
79(ख)।।
–*–*–
मूदेउँ नयन ğͧ   जब भयउँ । ” ǕǓ“ ͬ…    कोसलपुर गयऊँ।।
˜ ȪǑ¡ ǒ– › Ȫͩ€ राम ˜  Ǖ €Ǖ ȡ¡ ȣȲ@ǒ– ¡ ȱ   तरु त गयउँ मख
ु ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
उदर माझ सन ु ु अंडज राया। दे खेउँ बहु Ħ é˜ ȡŒȲ Ǔ“ € ȡ™ ȡ@
@
\ Ǔ ǒ–ͬ… ğ तहँ लोक अनेका। रचना \ ͬ’ € एक ते एका।।
€ ȪǑŠÛ¡ चतरु ानन ‚ ȫšȣ  ȡ@\ ‚ Ǔ“  उडगन šǒ– रजनीसा।।
\ ‚ Ǔ“  लोकपाल जम काला। \ ‚ Ǔ“  भूधर — Ǘͧ˜ ǒ–  ȡ› ȡ@
@
सागर   ǐš सर ǒ–ͪ”“ अपारा। नाना — ȡȱǓ   ǔǙçŠ ǒ–è ȡšȡ@
@
सरु ˜ ǓǕ“ ͧ  ƨ नाग नर ͩ€ Ȳ“ š@… ȡǐš Ĥ€ ȡš जीव सचराचर।।
दो0-जो “ Ǒ¡ Ȳदे खा “ Ǒ¡ Ȳसन
ु ा जो मनहूँ न समाइ।
सो सब \ ƫ Ǖ दे खेउँ –šǓ“ €  Ǔ“ ǒ– ͬ’ जाइ।।80(क)।।
एक एक Ħ é˜ ȡŒȲ महुँ रहउँ बरष सत एक।
f Ǒ¡ ǒ– ͬ’ दे खत ͩ• š`ȱ˜ ɇअंड कटाह अनेक।।80(ख)।।
–*–*–
f Ǒ¡ ǒ– ͬ’ दे खत ͩ• š`ȱ˜ ɇअंड कटाह अनेक।।80(ख)।।
लोक लोक Ĥ Ǔ ͧ— ۓ ǒ–’ ȡ ȡ@ͧ— ۓ ǒ– ç“ Ǖͧ   मनु Ǒ‘ͧ  ğȡ ȡ@
@
नर ‚ Ȳ’ – [भूत बेताला। ͩ€ Ȳ“ š Ǔ“ ͧ  … š पसु खग ޙ ȡ› ȡ@
@
दे व दनुज गन नाना जाती। सकल जीव तहँ ] “ Ǒ¡ भाँती।।
˜ Ǒ¡   ǐš सागर सर ͬ‚ ǐš नाना। सब Ĥ” Ȳ… तहँ आनइ आना।।
अंडकोस Ĥ Ǔ ĤǓ Ǔ“ ‡ ǽ” ȡ@दे खेउँ िजनस अनेक अनप
ू ा।।
\ ’ ” šǕȣ ĤǓ भव
ु न Ǔ“ “ ȡšȣ@सरजू ͧ— ۓ ͧ— ۓ नर “ ȡšȣ@
@
दसरथ € ȫ  㙠ȡ सुनु ताता। ǒ– ǒ– ’ Ǿ ” — š ȡǑ‘€ ħ ȡ ȡ@
@
ĤǓ Ħé˜ ȡȲŒ राम अवतारा। दे खउँ – ȡ› ǒ–“ Ȫ‘ अपारा।।
दो0-ͧ— ۓ ͧ— ۓ मै ‘ȣ सबु \ Ǔ ǒ– ͬ… ğ ¡ ǐš‡ ȡ“ @
\ ‚ Ǔ“  भव
ु न ͩ• šȯ̀ȱĤ— Ǖराम न दे खेउँ आन।।81(क)।।
सोइ ͧ    ”Ǖ “ सोइ सोभा सोइ कृपाल रघब
ु ीर।
भुवन भुवन दे खत ͩ• š`ȱĤȯǐš मोह समीर।।81(ख)
–*–*–
ħ ˜  ˜ ȪǑ¡ Ħé˜ ȡȲŒ अनेका। बीते मनहुँ € 㔠सत एका।।
ͩ• š ͩ• š Ǔ“ ‡ ] Į ˜ आयउँ । तहँ ” ǕǓ“ šǑ¡ कछु काल गवाँयउँ ।।
Ǔ“ ‡ Ĥ — Ǖ‡ ۘ अवध   ǕǓ“ पायउँ । Ǔ“ — š[ Ĥȯ˜ ¡ šͪŸ ` Ǒ‹ धायउँ ।।
दे खउँ ‡ ۘ ˜ ¡ Ȫ×   जाई। ‡ ȯǑ¡ ǒ–ͬ’ Ĥ  ˜ कहा ˜ ɇगाई।।
राम उदर दे खेउँ जग नाना। दे खत बनइ न जाइ बखाना।।
तहँ ” ǓǕ“ दे खेउँ राम सज
ु ाना। माया ” Ǔ कृपाल भगवाना।।
करउँ ǒ–… ȡš –¡ Ȫǐš –¡ Ȫšȣ@मोह € ͧ› › ޙ ȡͪ” ˜ Ǔ ˜ Ȫšȣ@
@
उभय ƒ šȣ महँ ˜ ɇसब दे खा। भयउँ ħ ͧ˜  मन मोह ǒ–   ȯŸ ȡ@
@
दो0-‘ȯͨ कृपाल ǒ– € › ˜ ȪǑ¡ ǒ– ¡ ȱ  ȯतब रघुबीर।
ǒ– ¡ ȱ   ¡ ȣȲमख
ु बाहे र आयउँ सन
ु ु ˜ Ǔ ’ Ȣš@
@82(क)।।
सोइ › ǐš€ ȡ_ मो सन करन लगे ” ǓǕ“ राम।
€ ȪǑŠ — ȡȱǓ समझ
ु ावउँ मनु न लहइ ǒ– Į ȡ˜ @
@82(ख)।।
–*–*–
‘ȯͨ … ǐš यह सो Ĥ— Ǖ ȡ_@समझ ु त दे ह दसा ǒ–   šȡ_@
@
’ šǓ“ परे उँ मख
ु आव न बाता। ğȡǑ¡ ğȡǑ¡ आरत जन ğȡ ȡ@
@
Ĥȯ˜ ȡ€ Ǖ› Ĥ — Ǖ˜ ȪǑ¡ ǒ–› Ȫ€ ȧ@Ǔ“ ‡ माया Ĥ— Ǖ ȡ तब šȪ€ ȧ@
@
कर सरोज Ĥ— Ǖमम ͧ  š धरे ऊ। ‘ȣ“ ‘™ ȡ› सकल दख
ु हरे ऊ।।
€ ȧÛ¡ राम ˜ ȪǑ¡ ǒ–‚  ǒ–˜ Ȫ¡ ȡ@सेवक सुखद कृपा संदोहा।।
Ĥ— Ǖ ȡ Ĥ  ˜ ǒ–… ȡǐš ǒ–… ȡšȣ@मन महँ होइ हरष \ Ǔ — ȡšȣ@
@
भगत बछलता Ĥ— Ǖकै दे खी। उपजी मम उर ĤȢǓ ǒ–   ȯŸ Ȣ@
@
सजल नयन ” Ǖ› ͩ€  कर ‡ Ȫšȣ@€ ȧǔÛ¡ `ȱबहु ǒ– ͬ’ ǒ–“ ™ –¡ Ȫšȣ@
@
दो0-  ǕǓ“   Ĥȯ˜ मम बानी ‘ȯͨ ‘ȣ“ Ǔ“ ‡ दास।
बचन सुखद गंभीर मद
ृ ु बोले š˜ ȡǓ“ ȡ  @
@83(क)।।
€ ȡ€ —   ȲͫǕŒ मागु बर \ Ǔ Ĥ   ۓ ˜ ȪǑ¡ ‡ ȡǓ“ @
\ Ǔ“ ˜ ȡǑ‘€ ͧ  ͬ’ अपर ǐšͬ’ ˜ ȪÍ † सकल सख ु  ȡǓ“ @
@83(ख)।।
–*–*–
ʙ ȡ“ ǒ– –ȯ€ ǒ– šǓ ǒ– ʙ ȡ“ ȡ@˜ ǓǕ“ ‘ ›Ǖ —[ गनु जे जग नाना।।
आजु दे उँ सब संसय “ ȡ¡ ȣȲ@मागु जो  ȪǑ¡ भाव मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
  ǕǓ“ Ĥ— Ǖबचन \ ͬ’ € अनुरागेउँ। मन अनम
ु ान करन तब लागेऊँ।।
Ĥ— Ǖकह दे न सकल सुख   ¡ ȣ@— ‚ Ǔ आपनी दे न न € ¡ ȣ@
@
— ‚ Ǔ ¡ ȣ“ गुन सब सुख ऐसे। लवन ǒ–“ ȡ बहु ǒ– ‡Ȳ “ जैसे।।
भजन ¡ ȣ“ सख
ु कवने काजा। अस ǒ–… ȡǐš बोलेउँ खगराजा।।
‡ ɋ Ĥ — Ǖहोइ Ĥ   ۓ बर दे हू। मो पर करहु कृपा \ ǽ नेहू।।
मन भावत बर मागउँ è ȡ˜ Ȣ@ à Ǖ ¡ उदार उर अंतरजामी।।
दो0-\ ǒ–š› — ‚ Ǔ ǒ–   Ǖڑ तव Į ǓǕ पुरान जो गाव।
‡ ȯǑ¡ खोजत जोगीस ˜ Ǖ
Ǔ“ Ĥ— ǕĤ   ȡ‘ कोउ पाव।।84(क)।।
भगत € 㔏 ǽ Ĥ“  Ǒ¡  कृपा ͧ  ’Ȳ Ǖसुख धाम।
सोइ Ǔ“ ‡ — ‚ Ǔ ˜ ȪǑ¡ Ĥ — Ǖदे हु दया € ǐš राम।।84(ख)।।
–*–*–
f ˜ è Ǖ€ Ǒ¡ रघुकुलनायक। बोले बचन परम सुखदायक।।
सन
ु ु बायस  ɇसहज सयाना। काहे न ˜ ȡ‚ ͧ  अस बरदाना।।

सब सुख  ȡǓ“ — ‚ Ǔ  ɇमागी। “ Ǒ¡ Ȳजग कोउ  ȪǑ¡ सम बड़भागी।।


जो ˜ ǕǓ“ € ȪǑŠ जतन “ Ǒ¡ Ȳ› ¡ ¡ ȣȲ@जे जप जोग अनल तन ‘¡ ¡ ȣȲ@
@
šȣˆ ȯ̀ȱ‘ȯͨ  Ȫǐš चतरु ाई। मागेहु — ‚ Ǔ ˜ ȪǑ¡ \ Ǔ भाई।।
सनु ु ǒ–¡ Ȳ‚ Ĥ  ȡ‘ अब ˜ ȪšɅ@सब सभ ु गन ु – ͧ  ¡ Ǒ¡ Ȳउर  ȪšɅ@
@
— ‚ Ǔ ʙ ȡ“ ǒ– ʙ ȡ“ ǒ– šȡ‚ ȡ@जोग … ǐšğ š¡ è™ ǒ–— ȡ‚ ȡ@
@
जानब  ɇ  –¡ ȣ कर भेदा। मम Ĥ  ȡ‘ “ Ǒ¡ Ȳसाधन खेदा।।
‘ɉ0-माया संभव ħ ˜ सब अब न ޙ ȡͪ”¡ Ǒ¡ Ȳ ȪǑ¡ @
जानेसु Ħ é˜ \ “ ȡǑ‘ अज अगन
ु गन
ु ाकर ˜ ȪǑ¡ @
@85(क)।।
˜ ȪǑ¡ भगत ͪĤ™ संतत अस ǒ– … ȡǐš सुनु काग।
कायँ बचन मन मम पद करे सु अचल अनुराग।।85(ख)।।
अब सुनु परम ǒ–˜ › मम बानी।   י सुगम Ǔ“ ‚ ˜ ȡǑ‘ बखानी।।
Ǔ“ ‡ ͧ  ƨ ȡȲ सन
ु ावउँ  Ȫ¡ ȣ@सन
ु ु मन ’ ǽ सब तिज भजु ˜ Ȫ¡ ȣ@
@
मम माया संभव संसारा। जीव चराचर ǒ– ǒ– ͬ’ Ĥ € ȡšȡ@
@
सब मम ͪĤ ™ सब मम उपजाए। सब ते \ ͬ’ € मनज
ु ˜ ȪǑ¡ भाए।।
Ǔ Û¡ महँ ɮͪ‡ ɮͪ‡ महँ Į ǓǕ ’ ȡšȣ@Ǔ Û¡ महुँ Ǔ“ ‚ ˜ धरम
\ “ Ǖ  ȡšȣ@ @
Ǔ Û¡ महँ ͪĤ ™ ǒ–šÈ ” ǕǓ“ ʙ ȡ“ Ȣ@ʙ ȡǓ“ ¡ Ǖते \ Ǔ ͪĤ™ ǒ– ʙ ȡ“ Ȣ@
@
Ǔ Û¡ ते ” ǓǕ“ ˜ ȪǑ¡ ͪĤ™ Ǔ“ ‡ दासा। ‡ ȯǑ¡ ‚ Ǔ ˜ Ȫǐš न ‘  Ǘ ǐš आसा।।
” ǓǕ“ ” ǓǕ“   י कहउँ  ȪǑ¡ ”ȡ¡ ȣȲ@˜ ȪǑ¡ सेवक सम ͪĤ™ कोउ “ ȡ¡ ȣȲ@
@
— ‚ Ǔ ¡ ȣ“ ǒ–šȲͬ… ͩ€ “ होई। सब जीवहु सम ͪĤ ™ ˜ ȪǑ¡ सोई।।
— ‚ Ǔ Ȳ \ Ǔ नीचउ Ĥȡ“ Ȣ@˜ ȪǑ¡ Ĥ ȡ“ ͪĤ™ \ ͧ  मम बानी।।
दो0-  Ǖͬ… सुसील सेवक   Ǖ˜ Ǔ ͪĤ™ कहु € ȡǑ¡ न लाग।
Į ǓǕ परु ान कह “ ȢǓ \ ͧ  सावधान सन ु ु काग।।86।।
–*–*–
एक ͪ” ȡ के ǒ– ” Ǖ› कुमारा। ¡ ȪǑ¡ Ȳपथ
ृ क गुन सील अचारा।।
कोउ ”ȲͫŒ Ȳ कोउ तापस ʙ ȡ ȡ@कोउ धनवंत सरू कोउ दाता।।
कोउ   – Ê
[ ™ ’ ˜ š[  कोई। सब पर ͪ” Ǒ¡ ĤȢǓ सम होई।।
कोउ ͪ” Ǖभगत बचन मन € ˜ ȡ[@सपनेहुँ जान न दस
ू र ’ ˜ ȡ[@
@
सो सुत ͪĤ ™ ͪ” ǕĤȡ“ समाना। ‡ ɮ™ ͪ” सो सब — ȡȱǓ अयाना।।
f Ǒ¡ ǒ– ͬ’ जीव चराचर जेते। ǒğ‡ ‚ दे व नर असुर समेते।।
\ ͨ › ǒ–è यह मोर उपाया। सब पर ˜ ȪǑ¡ –šȡ–ǐš दाया।।
Ǔ Û¡ महँ जो ” ǐš¡ ǐš मद माया। भजै ˜ ȪǑ¡ मन बच \ Ǿ काया।।
दो0-” ǕǾ Ÿ नपुंसक “ ȡǐš वा जीव चराचर कोइ।
  – [भाव भज कपट तिज ˜ ȪǑ¡ परम ͪĤ™ सोइ।।87(क)।।
सो0-  י कहउँ खग  ȪǑ¡   ͬǕ… सेवक मम Ĥ ȡ“ ͪĤ™ @
अस ǒ– … ȡǐš भजु ˜ ȪǑ¡ ” ǐš¡ ǐš आस भरोस सब।।87(ख)।।
–*–*–
कबहूँ काल न ޙ ȡͪ”Ǒ¡  Ȫ¡ ȣ@  ͧǕ˜ šȯ  Ǖभजेसु Ǔ“ šȲ š ˜ Ȫ¡ ȣ@
@
Ĥ — Ǖबचनामत
ृ   ǓǕ“ न अघाऊँ। तनु ” ›Ǖ ͩ€  मन \ Ǔ हरषाऊँ।।
सो सुख जानइ मन \ ǽ काना। “ Ǒ¡ Ȳरसना ”Ǒ¡ Ȳजाइ बखाना।।
Ĥ — Ǖसोभा सुख ‡ ȡ“ Ǒ¡ Ȳनयना। € Ǒ¡ ͩ€ ͧ˜   € Ǒ¡ ȲǓ Û¡ Ǒ¡ “ Ǒ¡ Ȳ
बयना।।
बहु ǒ– ͬ’ ˜ ȪǑ¡ Ĥ–Ȫͬ’ सख
ु दे ई। लगे करन ͧ    Ǖकौतक ु तेई।।
सजल नयन कछु मख ु € ǐš Ǿ  ȡ@ͬ…  ^ मातु लागी \ Ǔ भखू ा।।
‘ȯͨ मातु आतरु ` Ǒ‹ धाई। € Ǒ¡ मद
ृ ु बचन ͧ› f उर लाई।।
गोद šȡͨ कराव पय पाना। šƒ Ǖ” Ǔ … ǐš › ͧ›  कर गाना।।
सो0-‡ ȯǑ¡ सुख › ȡͬ‚ ” Ǖšȡǐš असुभ बेष कृत ͧ   सुखद।
\ ’ ” šǕȣ नर “ ȡǐš  ȯǑ¡ सख
ु महुँ संतत मगन।।88(क)।।
सोइ सख ु लवलेस ǔ‡ Û¡ बारक सपनेहुँ लहे उ।
ते “ Ǒ¡ Ȳ‚ “ Ǒ¡ Ȳखगेस Ħé˜   Ǖ Ǒ¡   Ï ‡ “   ˜Ǖ Ǔ @
@88(ख)।।
˜ ɇ” ǕǓ“ अवध रहे उँ कछु काला। दे खेउँ – ȡ› ǒ– “ Ȫ‘ रसाला।।
राम Ĥ   ȡ‘ — ‚ Ǔ बर पायउँ । Ĥ— Ǖपद – ȲǑ‘ Ǔ“ ‡ ȡĮ ˜ आयउँ ।।
तब ते ˜ ȪǑ¡ न ޙ ȡ”Ȣ माया। जब ते रघुनायक अपनाया।।
यह सब ‚ Ǖ܏ … ǐš ˜ ɇगावा। ¡ ǐš मायाँ ǔ‡ ͧ˜ ˜ ȪǑ¡ नचावा।।
Ǔ“ ‡ अनुभव अब कहउँ खगेसा। ǒ–“ Ǖ¡ ǐš भजन न ‡ ȡǑ¡ कलेसा।।
राम कृपा ǒ–“ Ǖसन
ु ु खगराई। ‡ ȡǓ“ न जाइ राम Ĥ — Ǖ ȡ_@
@
‡ ȡ“ Ʌǒ–“ Ǖन होइ परतीती। ǒ–“ Ǖ”š ȢǓ होइ “ Ǒ¡ ȲĤȢ Ȣ@
@
Ĥ ȢǓ ǒ– “ ȡ “ Ǒ¡ Ȳ— ‚ Ǔ Ǒ‘±ȡ_@ǔ‡ ͧ˜  ‚ ”Ǔ जल कै ͬ… € “ ȡ_@
@
सो0-ǒ–“ Ǖगुर होइ ͩ€ ʙ ȡ“ ʙ ȡ“ ͩ€ होइ ǒ– šȡ‚ ǒ– “ Ǖ@
‚ ȡ Ǒ¡ Ȳबेद पुरान सुख ͩ€ › Ǒ¡ \ ¡ ǐš — ‚ Ǔ ǒ– “ Ǖ@
@89(क)।।
कोउ ǒ–Į ȡ˜ ͩ€ पाव तात सहज संतोष ǒ–“ Ǖ@
चलै ͩ€ जल ǒ–“ Ǖनाव € ȪǑŠ जतन ” ͬ… ”ͬ… ˜ ǐš\ @
@89(ख)।।
ǒ– “ Ǖसंतोष न काम “   ȡ¡ ȣ@
Ȳ काम अछत सख
ु सपनेहुँ “ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
राम भजन ǒ–“ Ǖͧ˜ ŠǑ¡ Ȳͩ€ कामा। थल ǒ–¡ ȣ“  ǽ कबहुँ ͩ€ जामा।।
ǒ–“ Ǖǒ–Ê™ ȡ“ ͩ€ समता आवइ। कोउ अवकास ͩ€ नभ ǒ–“ Ǖपावइ।।
Į ƨ ȡ ǒ– “ ȡ ’ ˜ [“ Ǒ¡ Ȳहोई। ǒ– “ Ǖ˜ Ǒ¡ गंध ͩ€ पावइ कोई।।
ǒ– “ Ǖतप तेज ͩ€ कर ǒ–è ȡšȡ@जल ǒ–“ Ǖरस ͩ€ होइ संसारा।।
सील ͩ€ ͧ˜ › ǒ–“ Ǖबध
ु सेवकाई। ǔ‡ ͧ˜ ǒ–“ Ǖतेज न Ǿ ” गोसाई।।
Ǔ“ ‡ सख
ु ǒ– “ Ǖमन होइ ͩ€ थीरा। परस ͩ€ होइ ǒ–¡ ȣ“ समीरा।।
€  Ǔ“ ` ͧ  ͪƨ ͩ€ ǒ–“ Ǖǒ–è ȡ  ȡ@ǒ– “ Ǖ¡ ǐš भजन न भव भय नासा।।
दो0-ǒ–“ Ǖǒ–èȡ  — ‚ Ǔ “ Ǒ¡ Ȳ ȯǑ¡ ǒ– “ ǕġǑ¡ Ȳन रामु।
राम कृपा ǒ–“ Ǖसपनेहुँ जीव न लह ǒ– Į ȡ˜ Ǖ@
@90(क)।।
सो0-अस ǒ–… ȡǐš ˜ Ǔ ’ Ȣš तिज € Ǖ €[ संसय सकल।
भजहु राम रघुबीर € ǽ“ ȡ€ š सुंदर सुखद।।90(ख)।।
–*–*–
Ǔ“ ‡ ˜ Ǔ   ǐš  नाथ ˜ ɇगाई। Ĥ— ǕĤ ȡ” ˜ Ǒ¡ ˜ ȡ खगराई।।
कहे उँ न कछु € ǐš ‡ Ǖ‚ ǕǓ ǒ–  ȯŸ Ȣ@यह सब ˜ ɇǓ“ ‡ “ ™ “ ǔÛ¡ दे खी।।
˜ Ǒ¡ ˜ ȡ नाम Ǿ ” गुन गाथा। सकल \ ͧ˜  अनंत रघुनाथा।।
Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ ˜ Ǔ ˜ ǕǓ“ ¡ ǐš गुन ‚ ȡǑ¡ @
Ȳ Ǔ“ ‚ ˜ सेष ͧ   पार न
” ȡǑ¡ @
Ȳ@
à
Ǖ ¡ Ǒ¡ ] Ǒ‘ खग मसक Ĥ ‡ Ȳ ȡ@नभ ` °ȡǑ¡ Ȳ“ Ǒ¡ Ȳ” ȡ Ǒ¡ Ȳअंता।।
Ǔ ͧ˜ šƒ ”Ǖ Ǔ ˜ Ǒ¡ ˜ ȡ अवगाहा। तात कबहुँ कोउ पाव ͩ€ थाहा।।
रामु काम सत € ȪǑŠ सुभग तन। ‘ ‚Ǖ ȡ[€ ȪǑŠ \ ͧ˜  \ ǐš ˜ ‘[“ @
@
  Đ € ȪǑŠ सत   ǐš  ǒ–› ȡ  ȡ@नभ सत € ȪǑŠ \ ͧ˜  अवकासा।।
दो0-˜ ǽ € ȪǑŠ सत ǒ– ” Ǖ› बल šǒ– सत € ȪǑŠ Ĥ € ȡ  @
  ͧ  सत € ȪǑŠ सस
ु ीतल समन सकल भव ğȡ  @
@91(क)।।
काल € ȪǑŠ सत   ǐš  \ Ǔ ‘ è
Ǖ š ‘ ‚Ǖ [दरु ं त।
धम
ू केतु सत € ȪǑŠ सम दरु ाधरष भगवंत।।91(ख)।।
\
–*–*–
Ĥ — Ǖअगाध सत € ȪǑŠ पताला। समन € ȪǑŠ सत   ǐš  कराला।।
तीरथ \ ͧ˜  € ȪǑŠ सम पावन। नाम \ ͨ › अघ पग
ू नसावन।।
Ǒ¡ ˜ ͬ‚ ǐš € ȪǑŠ अचल रघब
ु ीरा। ͧ  ’Ȳ Ǖ€ ȪǑŠ सत सम गंभीरा।।
कामधेनु सत € ȪǑŠ समाना। सकल काम दायक भगवाना।।
सारद € ȪǑŠ \ ͧ˜  चतरु ाई। ǒ– ͬ’ सत € ȪǑŠ   ǔǙçŠ Ǔ“ ” Ǖ“ ȡ_@
@
ǒ– ç“ Ǖ€ ȪǑŠ सम पालन €  ȡ[@ǽġ € ȪǑŠ सत सम   Ȳ¡  ȡ[@
@
धनद € ȪǑŠ सत सम धनवाना। माया € ȪǑŠ Ĥ” Ȳ… Ǔ“ ’ ȡ“ ȡ@
@
भार धरन सत € ȪǑŠ \ ¡ ȣ  ȡ@Ǔ“ šͬ’ Ǔ“ ǽ”˜ Ĥ— Ǖ‡ ‚ ‘ȣ  ȡ@
@
छं 0-Ǔ“ ǽ”˜ न उपमा आन राम समान रामु Ǔ“ ‚ ˜ कहै ।
ǔ‡ ͧ˜ € ȪǑŠ सत  ɮ™ Ȫ सम šǒ– कहत \ Ǔ लघत
ु ा लहै ।।
f Ǒ¡ — ȡȱ
Ǔ Ǔ“ ‡ Ǔ“ ‡ ˜ Ǔ ǒ–› ȡ  ˜ ǓǕ“   ¡ ǐšǑ¡ –  ȡ“ ¡ ȣ@
Ȳ
Ĥ— Ǖभाव गाहक \ Ǔ कृपाल   Ĥȯ˜   ǕǓ“ सुख ˜ ȡ“ ¡ ȣȲ@
@
दो0-रामु \ ͧ˜  गुन सागर थाह ͩ€ पावइ कोइ।
  Ȳ Û¡ सन जस ͩ€ † Ǖ सुनेउँ  à
Ǖ ¡ Ǒ¡ सुनायउँ सोइ।।92(क)।।
सो0-भाव –è™ भगवान सख
ु Ǔ“ ’ ȡ“ € ǽ“ ȡ भवन।
तिज ममता मद मान भिजअ सदा सीता रवन।।92(ख)।।
–*–*–
  ǓǕ“ —  
Ǖ ȲͫǕŒ के बचन सह
ु ाए। ¡ šͪŸ  ‚ ”Ǔ पंख फुलाए।।
नयन नीर मन \ Ǔ हरषाना। Į Ȣšƒ ”Ǖ Ǔ Ĥ ȡ” उर आना।।
” ȡǓ† › मोह   ˜ Ǖͨˆ ” Ǔ†  ȡ“ ȡ@Ħ é˜ \ “ ȡǑ‘ मनुज € ǐš माना।।
” ǕǓ“ ” ǕǓ“ काग चरन ͧ  ǽ नावा। ‡ ȡǓ“ राम सम Ĥȯ˜ बढ़ावा।।
गुर ǒ–“ Ǖभव Ǔ“ ͬ’ तरइ न कोई। ‡ ɋ ǒ–šȲͬ… संकर सम होई।।
संसय   ” [Ē   ȯ̀ ˜ ȪǑ¡ ताता। दख
ु द › ¡ ǐš € Ǖ €[ बहु Ħ ȡ ȡ@
@
तव   Ǿ ” ‚ ȡǽͫ° रघन
ु ायक। ˜ ȪǑ¡ िजआयउ जन सख
ु दायक।।
तव Ĥ  ȡ‘ मम मोह नसाना। राम š¡ è™ अनप
ू म जाना।।
दो0- ȡǑ¡ Ĥ  Ȳͧ  ǒ– ǒ– ’ ǒ– ͬ’ सीस नाइ कर ‡ Ȫǐš@
बचन ǒ–“ Ȣ   Ĥȯ˜ मद
ृ ु बोलेउ ‚ ǽ° –¡ Ȫǐš@
@93(क)।।
Ĥ— Ǖअपने \ ǒ––ȯ€ ते बूझउँ è ȡ˜ Ȣ  ȪǑ¡ @
€ Ǚ”ȡͧ  ’Ȳ Ǖसादर कहहु ‡ ȡǓ“ दास Ǔ“ ‡ ˜ ȪǑ¡ @
@93(ख)।।
–*–*–
à
Ǖ¡   – Ê [ ™  ۙ तम पारा।   Ǖ˜ Ǔ सुसील सरल आचारा।।
ʙ ȡ“ ǒ– šǓ ǒ–Ê™ ȡ“ Ǔ“ ȡ  ȡ@रघुनायक के  à
Ǖ ¡ ͪĤ ™ दासा।।
कारन कवन दे ह यह पाई। तात सकल ˜ ȪǑ¡ कहहु बुझाई।।
राम … ǐš सर संद
ु र èȡ˜ Ȣ@पायहु कहाँ कहहु नभगामी।।
नाथ सन
ु ा ˜ ɇअस ͧ   ” ȡ¡ ȣ@
Ȳ महा Ĥ › ™ ¡ Ǖȱनास तव “ ȡ¡ ȣȲ@
@
मध
ु ा बचन “ Ǒ¡ Ȳ_è š कहई। सोउ ˜ ȪšɅमन संसय अहई।।
अग जग जीव नाग नर दे वा। नाथ सकल जगु काल कलेवा।।
अंड कटाह \ ͧ˜  लय € ȡšȣ@कालु सदा ‘ šǕǓ Đ ˜ — ȡšȣ@
@
सो0- à
Ǖ ¡ Ǒ¡ न ޙ ȡ” काल \ Ǔ कराल कारन कवन।
˜ ȪǑ¡ सो कहहु कृपाल ʙ ȡ“ Ĥ — ȡ ͩ€ जोग बल।।94(क)।।
दो0-Ĥ— Ǖतव ] Į ˜ आएँ मोर मोह ħ ˜ भाग।
कारन कवन सो नाथ सब कहहु   Ǒ¡  अनुराग।।94(ख)।।
–*–*–
‚ ǽ° ͬ‚ šȡ   ǓǕ“ हरषेउ कागा। बोलेउ उमा परम अनरु ागा।।
’ ۙ ’ ۙ तव ˜ Ǔ ` š‚ ȡšȣ@Ĥè“  à
Ǖ ¡ ȡǐš ˜ ȪǑ¡ \ Ǔ ܙ ȡšȣ@
@
 Ǖ
Ǔ“ तव Ĥè“   Ĥȯ˜ सुहाई। बहुत जनम कै   Ǖͬ’ ˜ ȪǑ¡ आई।।
सब Ǔ“ ‡ कथा कहउँ ˜ ɇगाई। तात सुनहु सादर मन लाई।।
जप तप मख सम दम Ħ दाना। ǒ– šǓ ǒ––ȯ€ जोग ǒ–Ê™ ȡ“ ȡ@
@
सब कर फल šƒ ”Ǖ Ǔ पद Ĥȯ˜ ȡ@ ȯǑ¡ ǒ– “ Ǖकोउ न पावइ छे मा।।
f Ǒ¡ तन राम — ‚ Ǔ ˜ ɇपाई। ताते ˜ ȪǑ¡ ममता \ ͬ’ € ȡ_@
@
‡ ȯǑ¡  Ʌकछु Ǔ“ ‡ èȡš होई।  ȯǑ¡ पर ममता कर सब कोई।।
सो0-”Û“ ‚ ȡǐš \ ͧ  “ ȢǓ Į ǓǕ संमत   Ï ‡ “ € ¡ Ǒ¡ @
Ȳ
\ Ǔ नीचहु सन ĤȢǓ € ǐš\ ‡ ȡǓ“ Ǔ“ ‡ परम Ǒ¡  @ @95(क)।।
पाट € ȧŠ  Ʌहोइ  Ǒȯ¡  Ʌपाटं बर ǽͬ… š@
€ Ǚͧ˜ पालइ सबु कोइ परम अपावन Ĥȡ“ सम।।95(ख)।।
è ȡš साँच जीव कहुँ एहा। मन Đ ˜ बचन राम पद नेहा।।
सोइ पावन सोइ सुभग   šȣšȡ@जो तनु पाइ भिजअ रघुबीरा।।
राम ǒ–˜ Ǖ › Ǒ¡ ǒ–ͬ’ सम ‘ȯ¡ ȣ@€ ǒ– € Ȫǒ–‘ न Ĥ   Ȳ  Ǒ¡ Ȳ ȯ¡ ȣ@
@
राम — ‚ Ǔ f Ǒ¡ Ȳतन उर जामी। ताते ˜ ȪǑ¡ परम ͪĤ ™ èȡ˜ Ȣ@
@
तजउँ न तन Ǔ“ ‡ ^Í † ȡ मरना। तन ǒ– “ Ǖबेद भजन “ Ǒ¡ Ȳबरना।।
Ĥ ˜ मोहँ ˜ ȪǑ¡ बहुत ǒ–‚ Ȫ ȡ@राम ǒ– ˜ Ǖ सुख कबहुँ न सोवा।।
नाना जनम € ˜ [” ǕǓ“ नाना। ͩ€ f जोग जप तप मख दाना।।
कवन ‡ ȪǓ“ जनमेउँ जहँ “ ȡ¡ ȣ@
Ȳ ˜ ɇखगेस ħ ͧ˜ ħ ͧ˜ जग ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
दे खेउँ € ǐš सब करम गोसाई। सख
ु ी न भयउँ \ – Ǒ¡ Ȳ€ ȧ नाई।।
  ͬǕ’ ˜ ȪǑ¡ नाथ ‡ ۘ बहु €ȯšȣ@ͧ   Ĥ  ȡ‘ ˜ Ǔ मोहँ न ƒ ȯšȣ@
@
दो0-Ĥ ˜ ‡ ۘ के … ǐš अब कहउँ सन ु हु ǒ–¡ ‚ ȯ  @
  ǕǓ“ Ĥ— Ǖपद šǓ उपजइ ‡ ȡ Ʌͧ˜ ŠǑ¡ Ȳकलेस।।96(क)।।
” Ǘǽ – € 㔠एक Ĥ— Ǖजुग € ͧ› ‡ Ǖ‚ मल मूल।।
नर \ ǽ “ ȡǐš \ ’ ˜ [रत सकल Ǔ“ ‚ ˜ ĤǓ € Ǘ› @ @96(ख)।।
–*–*–
 ȯǑ¡ € ͧ› ‡ Ǖ‚ कोसलपुर जाई। ‡ ۘ  भयउँ   Ǘġ तनु पाई।।
ͧ   सेवक मन Đ ˜ \ ǽ बानी। आन दे व Ǔ“ ‘Ȳ€ \ ͧ— ˜ ȡ“ Ȣ@
@
धन मद ˜ ׏ परम बाचाला। ` Ē – Ǖͪƨ उर दं भ ǒ–  ȡ› ȡ@
@
‡ ‘ͪ” रहे उँ šƒ Ǖ” Ǔ रजधानी।  ‘ͪ” न कछु ˜ Ǒ¡ ˜ ȡ तब जानी।।
अब जाना ˜ ɇअवध Ĥ— ȡ ȡ@Ǔ“ ‚ ˜ ȡ‚ ˜ परु ान अस गावा।।
कवनेहुँ ‡ ۘ अवध बस जोई। राम परायन सो ” ǐš होई।।
अवध Ĥ — ȡ जान तब Ĥȡ“ Ȣ@जब उर –   Ǒ¡ Ȳरामु धनप
ु ानी।।
सो € ͧ› € ȡ› € Ǒ‹ “ ` š‚ ȡšȣ@पाप परायन सब नर “ ȡšȣ@
@
दो0-€ ͧ› ˜ › Ē   ȯ’ ˜ [सब › Ǖ܏ भए   ‘Ē Ȳ @
‘Ȳͧ— Û¡ Ǔ“ ‡ ˜ Ǔ € ǔ㔠€ ǐš Ĥ‚ Š ͩ€ f बहु पंथ।।97(क)।।
भए लोग सब मोहबस लोभ Ē   ȯसभ ु €˜@ [
सन
ु ु ¡ ǐš‡ ȡ“ ʙ ȡ“ Ǔ“ ͬ’ कहउँ कछुक € ͧ› ’ ˜ @
[@
97(ख)।।
–*–*–
बरन ’ ˜ [“ Ǒ¡ Ȳ] Į ˜ … ȡšȣ@Į ǓǕ ǒ–šȪ’ रत सब नर “ ȡšȣ@
@
ɮͪ ‡ Į ǓǕ बेचक भप
ू Ĥ‡ ȡ  “ @कोउ “ Ǒ¡ Ȳमान Ǔ“ ‚ ˜ अनस
ु ासन।।
मारग सोइ जा कहुँ जोइ भावा। ” ȲͫŒ सोइ जो गाल बजावा।।
ͧ˜ ؙ ȡšȲ— दं भ रत जोई। ता कहुँ संत कहइ सब कोई।।
सोइ सयान जो परधन ¡ ȡšȣ@जो कर दं भ सो बड़ ] … ȡšȣ@
@
जौ कह झँठ
ू ˜    šȣ जाना। € ͧ› ‡ ‚Ǖ सोइ गन
ु वंत बखाना।।
Ǔ“ šȡ… ȡš जो Į ǓǕ पथ י ȡ‚ Ȣ@€ ͧ› ‡ ‚Ǖ सोइ ʙ ȡ“ Ȣ सो ǒ– šȡ‚ Ȣ@
@
‡ ȡ€Ʌनख \ ǽ जटा ǒ–   ȡ› ȡ@सोइ तापस Ĥ ͧ  ƨ € ͧ› € ȡ› ȡ@
@
दो0-असुभ बेष भूषन ’ šɅ— Í † ȡ— Í † जे  ȡǑ¡ @
Ȳ
तेइ जोगी तेइ ͧ  ƨ नर ” ǗÏ ™ ते € ͧ› ‡ Ǖ‚ ˜ ȡǑ¡ @
Ȳ@
98(क)।।
सो0-जे \ ”€ ȡšȣ चार Ǔ Û¡ कर गौरव ˜ ȡۙ तेइ।
मन Đ ˜ बचन लबार तेइ बकता € ͧ› € ȡ› महुँ।।98(ख)।।
–*–*–
“ ȡǐš ǒ––  नर सकल गोसाई। “ ȡ… Ǒ¡ Ȳनट ˜ €[Š € ȧ नाई।।
  Ǘġ ɮͪ‡ Û¡ ` ”‘ȯ  Ǒ¡ Ȳʙ ȡ“ ȡ@˜ ȯͧ› जनेऊ › ȯǑ¡ Ȳकुदाना।।
सब नर काम लोभ रत Đ Ȫ’ Ȣ@दे व ǒ– Ĥ Į ǓǕ संत ǒ–šȪ’ Ȣ@
@
गन
ु ˜ ȲǑ‘š संद
ु र ” Ǔ י ȡ‚ Ȣ@— ‡ Ǒ¡ Ȳ“ ȡǐš पर ” ǽǕ Ÿ अभागी।।
  ȫ— ȡͬ‚ “ ȢȲǒ–— ŸǗ “ ¡ ȣ“ ȡ@ǒ– ’ Û¡ के ͧ  ‚Ȳ ȡš नबीना।।
गरु ͧ  Ÿ – ͬ’ š अंध का लेखा। एक न सन
ु इ एक “ Ǒ¡ Ȳदे खा।।
हरइ ͧ  ç™ धन सोक न हरई। सो गुर घोर नरक महुँ परई।।
मातु ͪ” ȡ –ȡ› € ǔÛ¡ –Ȫ› ȡ–Ǒ¡ @
Ȳ उदर भरै सोइ ’ ˜ [ͧ   ȡǑ¡ @
Ȳ@
दो0-Ħé˜ Ê™ ȡ“ ǒ–“ Ǖ“ ȡǐš नर € ¡ Ǒ¡ Ȳन ‘  Ǘ ǐš बात।
कौड़ी › ȡͬ‚ लोभ बस € šǑ¡ Ȳǒ–Ĥ गरु घात।।99(क)।।
–ȡ‘Ǒ¡ Ȳ  ġǗ ɮͪ ‡ Û¡ सन हम  à
Ǖ ¡ ते कछु ƒ ȡǑŠ@
जानइ Ħ é˜ सो ǒ–Ĥ–š ] ȱͨ ‘ȯ ȡ Ǒ¡ ȲŒȡǑŠ@
@99(ख)।।
–*–*–

पर ǒğ™ लंपट कपट सयाने। मोह ġȪ¡ ममता लपटाने।।


तेइ \ — ȯ‘ –ȡ‘ȣ ʙ ȡ“ Ȣ नर। दे खा ˜ Ʌ… ǐšğ € ͧ› ‡ Ǖ‚ कर।।
आपु गए \ ǽ Ǔ Û¡ ¡ Ǘƒ ȡ› Ǒ¡ @
Ȳ जे कहुँ सत मारग ĤǓ ”ȡ› Ǒ¡ @
Ȳ@
€ 㔠€ 㔠— ǐš एक एक नरका। ”šǑ¡ Ȳजे ‘ ŸǗ Ǒ¡ ȲĮ ǓǕ € ǐš तरका।।
जे बरनाधम  ȯͧ› € Ǖà¡ ȡšȡ@蝔 … ͩ€ šȡ कोल कलवारा।।
“ ȡǐš मुई गह
ृ   Ȳ” Ǔ नासी। मूड़ मुड़ाइ ¡ ȪǑ¡ Ȳ  ۙ ȡ  Ȣ@
@
ते ǒ– ĤÛ¡ सन आपु ” Ǖ‡ ȡǑ¡ @
Ȳ उभय लोक Ǔ“ ‡ हाथ “   ȡǑ¡ @
Ȳ@
ǒ–Ĥ Ǔ“ šÍ † š लोलुप कामी। Ǔ“ šȡ… ȡš सठ – ŸǙ › ȣ èȡ˜ Ȣ@
@
  ġǗ € šǑ¡ Ȳजप तप Ħ  नाना। –ȰǑ‹ बरासन € ¡ Ǒ¡ Ȳपरु ाना।।
सब नर € ǔ㔠 € šǑ¡ Ȳअचारा। जाइ न –šǓ“ \ “ ȢǓ अपारा।।
दो0-भए बरन संकर € ͧ› ͧ— ۓ   ȯ Ǖसब लोग।
€ šǑ¡ Ȳपाप ”ȡ Ǒ¡ Ȳदख
ु भय ǽ‡ सोक ǒ–™ Ȫ‚ @
@100(क)।।
Į ǓǕ संमत ¡ ǐš — ǔȏ पथ संजुत ǒ– šǓ ǒ––ȯ€ @
 ȯǑ¡ न … › Ǒ¡ Ȳनर मोह बस € 㔠Ǒ¡ Ȳपंथ अनेक।।100(ख)।।
–*–*–
छं 0-बहु दाम   ȱ ȡšǑ¡ Ȳधाम जती। ǒ– Ÿ ™ ȡ ¡ ǐš › ȣǔÛ¡ न šǑ¡ ǒ–š Ȣ@
@
तपसी धनवंत ‘ǐšġ ‚ ¡Ǚȣ@€ ͧ› कौतक
ु तात न जात € ¡ ȣ@
@
€ Ǖ› ȲǓ Ǔ“ € ȡšǑ¡ Ȳ“ ȡǐš सती। गह
ृ ] Ǔ“ Ǒ¡ Ȳ… ȯšȣ Ǔ“ –ȯǐš गती।।
सत
ु ˜ ȡ“ Ǒ¡ Ȳमातु ͪ”  ȡ तब › ɋ@अबलानन ‘ȣ “ ¡ ȣȲजब › ɋ@
@
    Ǖšȡǐš ͪ”] ǐš लगी जब  Ʌ@ǐš”Ǿ ” कुटुंब भए तब  Ʌ@
@
नप
ृ पाप परायन ’ ˜ [“ ¡ ȣȲ@€ ǐš दं ड ǒ–ŒȲ
– Ĥ ‡ ȡ Ǔ“  ¡ ȣȲ@
@
धनवंत € Ǖ› ȣ“ ˜ › ȣ“ अपी। ɮͪ ‡ ͬ… Û¡ जनेउ उघार तपी।।
“ Ǒ¡ Ȳमान परु ान न –ȯ‘ Ǒ¡ जो। ¡ ǐš सेवक संत   ¡ ȣ € ͧ› सो।
€ ǒ– बंद
ृ उदार दन
ु ी न सन
ु ी। गन
ु दष
ू क Ħ ȡ न € Ȫͪ” गन
ु ी।।
€ ͧ› –ȡšǑ¡ Ȳबार दक
ु ाल परै । ǒ– “ Ǖ\ ۓ दख
ु ी सब लोग मरै ।।
दो0-सुनु खगेस € ͧ› कपट हठ दं भ ɮȯŸ पाषंड।
मान मोह ˜ ȡšȡǑ‘ मद ޙ ȡͪ” रहे Ħé˜ ȲŒ @
@101(क)।।
तामस ’ ˜ [€ šǑ¡ Ȳनर जप तप Ħ मख दान।
दे व न –šŸǑ¡ Ȳधरनीं बए न ‡ ȡ˜ Ǒ¡ Ȳधान।।101(ख)।।
–*–*–
छं 0-अबला कच भूषन — Ǘǐš छुधा। ’ “ ¡ ȣ“ दख ु ी ममता बहुधा।।
सुख … ȡ¡ Ǒ¡ Ȳमूढ़ न ’ ˜ [रता। ˜ Ǔ  Ȫǐš € ‹ Ȫǐš न कोमलता।।1।।
नर ” Ȣͫ° रोग न भोग € ¡ ȣȲ@\ ͧ— ˜ ȡ“ ǒ– šȪ’ \ € ȡš“ ¡ ȣȲ@
@
लघु जीवन संबतु पंच दसा। कलपांत न नास गम
ु ानु असा।।2।।
€ ͧ› € ȡ› ǒ– ¡ ȡ› ͩ€ f मनज
ु ा। “ Ǒ¡ Ȳमानत ȝȫ अनज
ु ा तनज
ु ा।
“ Ǒ¡ Ȳतोष ǒ– … ȡš न सीतलता। सब ‡ ȡǓ € Ǖ‡ ȡǓ भए मगता।।3।।
^ǐšŸ ȡ ” ǽŸȡÍ † š लोलुपता। — ǐš ” Ǘǐš š¡ ȣ समता ǒ– ‚  ȡ@
@
सब लोग ǒ–™ Ȫ‚ ǒ–  Ȫ€ हुए। – š“ ȡĮ ˜ ’ ˜ [अचार गए।।4।।
दम दान दया “ Ǒ¡ Ȳजानपनी। जड़ता ” š– Ȳ… “  ȡǓ घनी।।
तनु पोषक “ ȡǐš नरा सगरे । ”šǓ“ ‘Ȳ€ जे जग मो बगरे ।।5।।
दो0-सन
ु ु ޙ ȡ› ȡǐš काल € ͧ› मल अवगन
ु आगार।
गुनउँ बहुत € ͧ› ‡ Ǖ‚ कर ǒ– “ ǕĤ ™ ȡ  Ǔ“ è ȡš@
@102(क)।।
कृतजुग ğȯ  ȡ ɮȡ” š पूजा मख \ ǽ जोग।
जो ‚ Ǔ होइ सो € ͧ› ¡ ǐš नाम ते ” ȡǑ¡ Ȳलोग।।102(ख)।।
–*–*–
कृतजुग सब जोगी ǒ– ʙ ȡ“ Ȣ@€ ǐš ¡ ǐš ڙ ȡ“  šǑ¡ Ȳभव Ĥ ȡ“ Ȣ@
@
ğȯ
 ȡȱǒ– ǒ–’ ‡ ʙ नर € š¡ ȣȲ@Ĥ — ǕǑ¡   ˜ ͪ” [€ ˜ [भव  š¡ ȣȲ@
@
ɮȡ”š € ǐš šƒ ”Ǖ Ǔ पद पज
ू ा। नर भव  šǑ¡ Ȳउपाय न दज
ू ा।।
€ ͧ› ‡ ‚Ǖ केवल ¡ ǐš गन
ु गाहा। गावत नर ” ȡ Ǒ¡ Ȳभव थाहा।।
€ ͧ› ‡ Ǖ‚ जोग न ‡ ʙ न ʙ ȡ“ ȡ@एक अधार राम गुन गाना।।
सब भरोस तिज जो भज šȡ˜ Ǒ¡ @Ĥȯ˜ समेत गाव गुन Ē ȡ˜ Ǒ¡ @
@
सोइ भव तर कछु संसय “ ȡ¡ ȣȲ@नाम Ĥ  ȡ” Ĥ‚ Š € ͧ› ˜ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
€ ͧ› कर एक पन
ु ीत Ĥ ȡ” ȡ@मानस ” Û
Ǖ™ ¡ ȪǑ¡ Ȳ“ Ǒ¡ Ȳपापा।।
दो0-€ ͧ› ‡ ‚Ǖ सम जग
ु आन “ Ǒ¡ Ȳ‡ ɋ नर कर ǒ–è ȡ  @
गाइ राम गन
ु गन ǒ–˜ › ȱभव तर ǒ– “ Ǒ¡ ȲĤ™ ȡ  @
@103(क)।।
Ĥ ‚ Š … ȡǐš पद ’ ˜ [के € ͧ› › महुँ एक Ĥ’ ȡ“ @
जेन केन ǒ–ͬ’ ‘ȣÛ¡ Ʌदान करइ € 㙠ȡ“ @ @103(ख)।।
–*–*–
Ǔ“  जुग ’ ˜ [¡ ȪǑ¡ Ȳसब केरे । ǿ‘™ ȱराम माया के Ĥȯšȯ@
@
  Ǖƨ   ם समता ǒ– ʙ ȡ“ ȡ@कृत Ĥ — ȡ Ĥ  ۓ मन जाना।।
  ם बहुत रज कछु šǓ € ˜ ȡ@
[ सब ǒ–ͬ’ सुख ğȯ ȡ कर ’ ˜ ȡ[@
@
बहु रज è ã”   ם कछु तामस। ɮȡ” š ’ ˜ [हरष भय मानस।।
तामस बहुत रजोगन ु थोरा। € ͧ› Ĥ— ȡ ǒ–šȪ’ चहुँ ओरा।।
बुध जुग ’ ˜ [‡ ȡǓ“ मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@तिज \ ’ ˜ [šǓ ’ ˜ [€ šȡ¡ ȣȲ@
@
काल ’ ˜ [“ Ǒ¡ Ȳޙ ȡ”Ǒ¡ Ȳ ȡ¡ ȣ@šƒ Ǖ” Ǔ चरन Ĥ ȢǓ \ Ǔ ‡ ȡ¡ ȣ@
@
नट कृत ǒ–€ Š कपट खगराया। नट   ȯ € Ǒ¡ न ޙ ȡ”^ माया।।
दो0-¡ ǐš माया कृत दोष गन
ु ǒ– “ Ǖ¡ ǐš भजन न ‡ ȡǑ¡ @
Ȳ
भिजअ राम तिज काम सब अस ǒ–… ȡǐš मन ˜ ȡǑ¡ @
Ȳ@
104(क)।।
 ȯǑ¡ € ͧ› € ȡ› बरष बहु बसेउँ अवध ǒ– ¡ ‚ ȯ  @
परे उ दक
ु ाल ǒ–”Ǔ बस तब ˜ ɇगयउँ ǒ– ‘ȯ  @ @104(ख)।।
–*–*–
गयउँ उजेनी सुनु ` š‚ ȡšȣ@‘ȣ“ ˜ › ȣ“ ‘ǐšġ ‘ Ǖ ȡšȣ@
@
गएँ काल कछु   Ȳ” Ǔ पाई। तहँ ” ǕǓ“ करउँ संभु सेवकाई।।
ǒ– Ĥ एक –ȰǑ‘€ ͧ   पूजा। करइ सदा  ȯǑ¡ काजु न दज
ू ा।।
परम साधु परमारथ ǒ– ‘Ȳ€ @संभु उपासक “ Ǒ¡ Ȳ¡ ǐš Ǔ“ ‘Ȳ€ @
@
 ȯǑ¡ सेवउँ ˜ ɇकपट समेता। ɮͪ ‡ दयाल \ Ǔ “ ȢǓ Ǔ“ €ȯ ȡ@
@
–ȡǑ¡ ‡ “ Ĩ ‘ȯͨ ˜ ȪǑ¡   ȡɃ@ǒ– Ĥ पढ़ाव ” ğǕ € ȧ “ ȡɃ@
@
संभु ˜ Ȳğ ˜ ȪǑ¡ ɮͪ‡ – š ‘ȣÛ¡ ȡ@सुभ उपदे स ǒ– ǒ– ’ ǒ–ͬ’ € ȧÛ¡ ȡ@
@
जपउँ ˜ Ȳ
ğ ͧ   ˜ ȲǑ‘š जाई। ǿ‘™ ȱदं भ \ ¡ ͧ˜ Ǔ \ ͬ’ € ȡ_@
@
दो0-˜ ɇखल मल संकुल ˜ Ǔ नीच ‡ ȡǓ बस मोह।
¡ ǐš जन ɮͪ‡ ‘ȯ Ʌजरउँ करउँ ǒ–ç“ Ǖकर ġȪ¡ @
@105(क)।।
सो0-गरु Ǔ“  ˜ ȪǑ¡ Ĥ– Ȫ’ ‘ ͨǕ  ‘ȯͨ आचरन मम।
˜ ȪǑ¡ उपजइ \ Ǔ Đ Ȫ’ ‘Ȳͧ— Ǒ¡ “ ȢǓ ͩ€ भावई।।105(ख)।।
–*–*–
एक बार गरु › ȣÛ¡ बोलाई। ˜ ȪǑ¡ “ ȢǓ बहु — ȡȱǓ ͧ   ȡ_@
@
ͧ   सेवा कर फल सुत सोई। \ ǒ– š› — ‚ Ǔ राम पद होई।।
šȡ˜ Ǒ¡ — ‡ Ǒ¡ Ȳतात ͧ   धाता। नर पावँर कै €ȯǓ € बाता।।
जासु चरन अज ͧ   अनुरागी। तातु ġȪ¡ ȱसुख … ¡ ͧ  अभागी।।
हर कहुँ ¡ ǐš सेवक गरु कहे ऊ।   ǓǕ“ खगनाथ ǿ‘™ मम दहे ऊ।।
अधम ‡ ȡǓ ˜ ɇǒ– ɮ™ ȡ पाएँ। भयउँ जथा \ Ǒ¡ दधू ͪ” ] f ȱ@
@
मानी € ǕǑŠ› € Ǖ— ȡʙ कुजाती। गरु कर ġȪ¡ करउँ Ǒ‘“ Ǖराती।।
\ Ǔ दयाल गुर èã” न Đ Ȫ’ ȡ@” ǕǓ“ ” ǕǓ“ ˜ ȪǑ¡ ͧ   ȡ सुबोधा।।
‡ ȯǑ¡ ते नीच बड़ाई पावा। सो Ĥ ˜ Ǒ¡ Ȳ¡ Ǔ  ȡǑ¡ नसावा।।
धम
ू अनल संभव सुनु भाई।  ȯǑ¡ बुझाव घन पदवी पाई।।
रज मग ”šȣ Ǔ“ šȡ‘š रहई। सब कर पद Ĥ¡ ȡš Ǔ“  सहई।।
˜ ǽ उड़ाव Ĥ ˜  ȯǑ¡ भरई। ” ǕǓ“ नप
ृ नयन ͩ€ šȣŠǔÛ¡ परई।।
सन
ु ु  ‚ ”Ǔ अस   ˜ ͨǕˆ Ĥ  Ȳ‚ ȡ@बध
ु “ Ǒ¡ Ȳ€ šǑ¡ Ȳअधम कर संगा।।
€ ǒ– € Ȫǒ–‘ ‚ ȡǑ¡ Ȳ\ ͧ  नीती। खल सन कलह न भल “ Ǒ¡ ȲĤ Ȣ Ȣ@
@
उदासीन Ǔ“  šǑ¡ \ ‚ Ȫ  ȡɃ@खल ” ǐš¡ ǐš\ è ȡ“ € ȧ “ ȡɃ@
@
˜ ɇखल ǿ‘™ ȱकपट € ǕǑŠ› ȡ_@गुर Ǒ¡  कहइ न ˜ ȪǑ¡ सोहाई।।
दो0-एक बार हर ˜ ȲǑ‘š जपत रहे उँ ͧ   नाम।
गुर आयउ \ ͧ— ˜ ȡ“  Ʌ` Ǒ‹ “ Ǒ¡ Ȳ€ ȧÛ¡ Ĥ“ ȡ˜ @
@106(क)।।
सो दयाल “ Ǒ¡ Ȳकहे उ कछु उर न रोष लवलेस।
\ Ǔ अघ गरु अपमानता   Ǒ¡ “ Ǒ¡ Ȳसके महे स।।106(ख)।।
–*–*–
˜ ȲǑ‘š माझ भई नभ बानी। रे ¡  — ȡʙ \ ʙ \ ͧ— ˜ ȡ“ Ȣ@
@
‡ ɮ™ ͪ” तव गरु €Ʌ“ Ǒ¡ ȲĐ Ȫ’ ȡ@\ Ǔ कृपाल ͬ…    à™ € बोधा।।
 ‘ͪ” साप सठ दै हउँ  Ȫ¡ ȣ@“ ȢǓ ǒ–šȪ’ सोहाइ न ˜ Ȫ¡ ȣ@
@
‡ ɋ “ Ǒ¡ Ȳदं ड € šɋ खल तोरा। ħ çŠ होइ Į ǓǕ ˜ ȡš‚ मोरा।।
जे सठ गुर सन ^ǐšŸȡ € š¡ ȣȲ@रौरव नरक € ȪǑŠ जुग ” š¡ ȣȲ@
@
ǒğ‡ ‚ ‡ ȪǓ“ ” ǓǕ“ ’ šǑ¡ Ȳ  šȣšȡ@अयत
ु ‡ ۘ — ǐš ”ȡ Ǒ¡ Ȳपीरा।।
बैठ š¡ ȯͧ  अजगर इव पापी।   ” [¡ ȪǑ¡ खल मल ˜ Ǔ ޙ ȡ” Ȣ@
@
महा ǒ–Š” कोटर महुँ जाई।।रहु अधमाधम \ ’ ‚ Ǔ पाई।।
दो0-हाहाकार € ȧÛ¡ गुर ‘ȡǽ“   ǕǓ“ ͧ   साप।।
€Ȳͪ”  ˜ ȪǑ¡ ǒ–› Ȫͩ€ \ Ǔ उर उपजा ” ǐš ȡ”@
@107(क)।।
€ ǐš दं डवत   Ĥȯ˜ ɮͪ‡ ͧ     ۘ Ǖ कर ‡ Ȫǐš@
ǒ–“ ™ करत गदगद è š   ˜ ͨǕˆ घोर ‚ Ǔ ˜ Ȫǐš@ @107(ख)।।
–*–*–
नमामीशमीशान Ǔ“ ȡ[Ž Ǿ ” Ȳ@ͪ —Ȳ ǕȲޙ ȡ” €ȲĦ é˜ ȯ‘ è Ǿ ” Ȳ@
Ǔ“ ‡ ȲǓ“ ‚ ŽǕ[ ȲǓ“ ͪ €[ 㔠ȲǓ“ šȣ¡Ȳ @ͬ… ‘ȡ€ ȡž ˜ ȡ€ ȡž ȡ  Ȳभजेऽहं ।।
Ǔ“ šȡ€ ȡš˜ ɉ€ ȡš˜ Ǘ› Ȳ šǕȣ™ Ȳ@ͬ‚ šȡ ʙ ȡ“ गोतीतमीशं ͬ‚ šȣž Ȳ@
@
करालं महाकाल कालं कृपालं। गण
ु ागार संसारपारं नतोऽहं ।।
 ŸǕ ȡšȡǑġ संकाश गौरं गभीरं । मनोभत
ू € ȪǑŠ Ĥ — ȡ Į Ȣ ž šȣšȲ@
@
è• ǕšÛ˜ ȫͧ› € 㛠Ȫͧ› “ Ȣ … ȡǽ गंगा। ›   ƫ ȡ› – ȡ› ȯۑ Ǖकंठे भज
ु ंगा।।
… › ׀ ȲǕŒ› Ȳħ Ǘ  Ǖ“ ȯğ Ȳͪž ȡ› Ȳ@Ĥ  ۓ ȡ“ नं नीलकंठं दयालं।।
˜ ‚Ǚ ȡ’ Ȣž … ˜ ȡ[à–šȲ˜ Ǖ֌˜ ȡ› Ȳ@ͪĤ ™ Ȳशंकरं    “[ ȡ Ȳ— ‡ ȡͧ˜ @
@
Ĥ … ŒȲ ȲĤ € ǙçŠȲĤ‚ 㗠Ȳपरे शं। अखंडं अजं — ȡ“ €Ǖ ȪǑŠĤ € ȡž Ȳ
@@
ğ™ Ȭž ›Ǘ Ǔ“ ˜ ›Ǘ[ “ Ȳž ›Ǘ ”ȡͨŽ @
Ȳ भजेऽहं —  ȡ“ Ȣ” Ǔ Ȳ— ȡ ‚ à™ @
Ȳ@
कलातीत € 㙠ȡŽ € 㔠ȡۏ € ȡšȣ@सदा   Ï ‡ “ ȡۑ‘ȡ ȡ ” š
Ǖȡšȣ@
@
ͬ… ‘ȡ“ Ȳ‘   Ȳ‘ Ȫ¡ ˜ Ȫ¡ ȡ”¡ ȡšȣ@Ĥ  Ȣ‘ Ĥ  Ȣ‘ Ĥ— Ȫ ˜ ۘ  ȡšȣ@
@
न ™ ȡ ɮ उमानाथ ”ȡ‘ȡšͪÛ‘Ȳ@भजंतीह लोके परे वा नराणां।।
न  ȡ×  Ǖ Ȳž ȡǔۏ   ۏ ȡ”“ ȡž Ȳ@Ĥ   Ȣ‘ Ĥ— Ȫ    —[ Ǘ ȡͬ’  ȡ  Ȳ@
@
न ‡ ȡ“ ȡͧ˜ योगं जपं नैव पज
ू ां। नतोऽहं सदा    ‘[ ȡ शंभु  ß
Ǖ ™ Ȳ@
@
जरा ‡ ۘ दःु खौघ  ȡ ܙ ˜ ȡ“ Ȳ@Ĥ— Ȫ ”ȡǑ¡ ] ”Û“ ˜ ȡ˜ Ȣž शंभो।।
æ› Ȫ€ -ǽġȡ犀 ͧ˜ ‘ȲĤȪȏ Ȳͪ ĤȯŽ हरतोषये।
ये ”‹ ǔۏ नरा — Èי ȡ तेषां ž à— ǕȬ Ĥ   Ȣ‘Ǔ @
@9।।
दो0–  ǕǓ“ ǒ– “  Ȣ   – Ê
[ ™ ͧ   ‘ȯͨ ǒĦĤ अनुरागु।
” ǕǓ“ ˜ ȲǑ‘š नभबानी भइ ɮͪ ‡ – š बर मागु।।108(क)।।
‡ ɋ Ĥ  ۓ Ĥ— Ǖमो पर नाथ ‘ȣ“ पर नेहु।
Ǔ“ ‡ पद — ‚ Ǔ दे इ Ĥ— Ǖ” ǕǓ“ दस
ू र बर दे हु।।108(ख)।।
तव माया बस जीव जड़ संतत ͩ• š^ भल
ु ान।
 ȯǑ¡ पर Đ Ȫ’ न € ǐš\ Ĥ — Ǖकृपा ͧ  ’Ȳ Ǖभगवान।।108(ग)।।
संकर ‘ȣ“ ‘™ ȡ› अब f Ǒ¡ पर होहु कृपाल।
साप \ “ ǕĒ ¡ होइ ‡ ȯǑ¡ Ȳनाथ  Ȫšȯ¡ ȣȲकाल।।108(घ)।।
–*–*–
f Ǒ¡ कर होइ परम € 㙠ȡ“ ȡ@सोइ करहु अब € Ǚ”ȡǓ“ ’ ȡ“ ȡ@ @
ǒ– Ĥͬ‚ šȡ   ǕǓ“ ”šǑ¡  सानी। f ˜ è Ǖ^Ǔ भइ नभबानी।।
‡ ‘ͪ” € ȧÛ¡ f Ǒ¡ Ȳ‘ȡǽ“ पापा। ˜ ɇ” ǕǓ“ ‘ȣÛ¡ कोप € ǐš सापा।।
 ‘ͪ”  à
Ǖ ¡ ȡš साधत
ु ा दे खी। € ǐš¡ `ȱf Ǒ¡ पर कृपा ǒ–   ȯŸ Ȣ@
@
छमासील जे पर ` ”€ ȡšȣ@ते ɮͪ ‡ ˜ ȪǑ¡ ͪĤ ™ जथा  šȡšȣ@
@
मोर Į ȡ” ɮͪ‡ ޙ  [न ‡ ȡ^Ǒ¡ @‡ ۘ सहस \  è™ यह ” ȡ^Ǒ¡ @
@
जनमत मरत दस
ु ह दख
ु होई। \ Ǒ¡ èã” ` “ Ǒ¡ Ȳޙ ȡͪ”Ǒ¡ सोई।।
कवनेउँ ‡ ۘ ͧ˜ ǑŠǑ¡ “ Ǒ¡ Ȳʙ ȡ“ ȡ@  Ǖ“ Ǒ¡   Ǘġ मम बचन Ĥ ȡ“ ȡ@
@
šƒ Ǖ” Ǔ ” ǕšȣȲ‡ ۘ तब भयऊ। ” ǕǓ“  ɇमम सेवाँ मन दयऊ।।
” šǕȣ Ĥ— ȡ \ “ ĒǕ ¡ ˜ ȪšɅ@राम — ‚ Ǔ ` ” ǔ‡ Ǒ¡ उर  ȪšɅ@
@
सन
ु ु मम बचन   י अब भाई। ¡ ǐš ȪŸ “ Ħ  ɮͪ‡ सेवकाई।।
अब ‡ Ǔ“ € šǑ¡ ǒ–Ĥ अपमाना। जानेहु संत अनंत समाना।।
^Ȳġ € Ǖͧ›   मम सूल ǒ–  ȡ› ȡ@कालदं ड ¡ ǐš … Đ कराला।।
जो ^Û¡ कर मारा “ Ǒ¡ Ȳमरई। ǒ–Ĥ ġȪ¡ पावक सो जरई।।
अस ǒ– –ȯ€ राखेहु मन ˜ ȡ¡ ȣȲ@ à
Ǖ ¡ कहँ जग ‘ ›Ǖ —[ कछु “ ȡ¡ ȣȲ@
@
औरउ एक ] ͧ  Ÿȡ ˜ Ȫšȣ@\ ĤǓ ¡  ‚ Ǔ ¡ Ȫ^Ǒ¡  Ȫšȣ@ @
दो0-  ǕǓ“ ͧ   बचन ¡ šͪŸ गुर f  ˜ è Ǖ^Ǔ — ȡͪŸ@
˜ ȪǑ¡ Ĥ–Ȫͬ’ गयउ गह
ृ संभु चरन उर šȡͨ @
@109(क)।।
Ĥȯǐš काल ǒ–ͬ’ ͬ‚ ǐš जाइ भयउँ ˜ ɇޙ ȡ› @
” ǓǕ“ Ĥ ™ ȡ  ǒ–“ Ǖसो तनु जजेउँ गएँ कछु काल।।109(ख)।।
जोइ तनु धरउँ तजउँ ” ǕǓ“ अनायास ¡ ǐš‡ ȡ“ @
ǔ‡ ͧ˜ नूतन पट ”Ǒ¡ š^ नर ” ǐš¡ š^ पुरान।।109(ग)।।
ͧ   ȱराखी Į ǓǕ “ ȢǓ \ ǽ ˜ ɇ“ Ǒ¡ Ȳपावा ț ȯ  @
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ धरे उँ ǒ– ǒ–’ तनु ʙ ȡ“ न गयउ खगेस।।109(घ)।।
–*–*–
ǒğ‡ ‚ दे व नर जोइ तनु धरउँ । तहँ तहँ राम भजन अनुसरऊँ।।
एक सल
ू ˜ ȪǑ¡ ǒ–  š न काऊ। गरु कर कोमल सील सभ
ु ाऊ।।
चरम दे ह ɮͪ‡ कै ˜ ɇपाई। सरु ‘ ›Ǖ —[ परु ान Į ǓǕ गाई।।
खेलउँ तहूँ –ȡ› € Û¡ मीला। करउँ सकल रघुनायक › ȣ› ȡ@ @
Ĥ ȫ± भएँ ˜ ȪǑ¡ ͪ” ȡ पढ़ावा। समझउँ सुनउँ गुनउँ “ Ǒ¡ Ȳभावा।।
मन ते सकल बासना भागी। केवल राम चरन लय लागी।।
कहु खगेस अस कवन अभागी।  šȣ सेव   šǕ’ ȯ“ ǑǕ¡ י ȡ‚ Ȣ@
@
Ĥȯ˜ मगन ˜ ȪǑ¡ कछु न सोहाई। हारे उ ͪ”  ȡ पढ़ाइ पढ़ाई।।
भए कालबस जब ͪ” Ǖमाता। ˜ ɇबन गयउँ भजन ‡ “ ğȡ ȡ@
@
जहँ जहँ ǒ–ͪ”“ ˜ Ǖ“ Ȣ蝚 पावउँ । ] Į ˜ जाइ जाइ ͧ  ǽ नावउँ ।।
बूझत Ǔ Û¡ Ǒ¡ राम गुन गाहा। € ¡ Ǒ¡ Ȳसुनउँ ¡ šͪŸ खगनाहा।।
सुनत ͩ• š`ȱ¡ ǐš गुन अनुबादा। \ ޙ ȡ¡  ‚ Ǔ संभु Ĥ  ȡ‘ȡ@
@
† ǗŠȣ ǒğǒ–’ ईषना ‚ ȡ±ȣ@एक लालसा उर \ Ǔ – ȡ±ȣ@
@
राम चरन – ȡǐš‡ जब ‘ȯ ɋ@तब Ǔ“ ‡ ‡ ۘ सफल € ǐš › ȯ ɋ@
@
‡ ȯǑ¡ पँछ
ू उँ सोइ ˜ ǓǕ“ अस कहई। _è š   – [भत
ू मय अहई।।
Ǔ“ ‚ “Ǖ[ मत “ Ǒ¡ Ȳ˜ ȪǑ¡ सोहाई। सगन
ु Ħé˜ šǓ उर \ ͬ’ € ȡ_@
@
दो0-गरु के बचन   šǕǓ € ǐš राम चरन मनु लाग।
šƒ Ǖ” Ǔ जस गावत ͩ• š`ȱछन छन नव अनुराग।।110(क)।।
˜ ȯǽ ͧ   š बट छायाँ ˜ ǕǓ“ लोमस आसीन।
‘ȯͨ चरन ͧ  ǽ नायउँ बचन कहे उँ \ Ǔ ‘ȣ“ @
@110(ख)।।
  ǓǕ“ मम बचन ǒ–“ Ȣ मद
ृ ु ˜ ǓǕ“ कृपाल खगराज।
˜ ȪǑ¡ सादर पँछ
ू त भए ɮͪ‡ आयहु €ȯǑ¡ काज।।110(ग)।।
तब ˜ ɇकहा € Ǚ”ȡǓ“ ͬ’  à
Ǖ¡   – Ê
[ ™ सुजान।
सगुन Ħé˜ अवराधन ˜ ȪǑ¡ कहहु भगवान।।110(घ)।।
–*–*–
तब ˜ ǕǓ“ Ÿ šƒ Ǖ” Ǔ गुन गाथा। कहे कछुक सादर खगनाथा।।
Ħé˜ Ê™ ȡ“ रत ˜ ǕǓ“ ǒ–Ê™ ȡǓ“ @˜ ȪǑ¡ परम \ ͬ’ € ȡšȣ जानी।।
लागे करन Ħé˜ उपदे सा। अज \ ɮȯ अगुन ǿ‘™ ȯ  ȡ@
@
अकल अनीह अनाम \ ǽ” ȡ@अनभ
ु व ‚ à™ अखंड अनप
ू ा।।
मन गोतीत अमल \ ǒ– “ ȡ  Ȣ@Ǔ“ ǒ– €[ ȡš Ǔ“ šͬ’ सख
ु रासी।।
सो  ɇ ȡǑ¡  ȪǑ¡ “ Ǒ¡ Ȳभेदा। –ȡǐš – Ȣͬ… इव ‚ ȡ Ǒ¡ बेदा।।
ǒ– ǒ– ’ — ȡȱǓ ˜ ȪǑ¡ ˜ ǕǓ“ समुझावा। Ǔ“ ‚ “Ǖ[ मत मम ǿ‘™ ȱन आवा।।
” ǕǓ“ ˜ ɇकहे उँ नाइ पद सीसा। सगुन उपासन कहहु मुनीसा।।
राम — ‚ Ǔ जल मम मन मीना। ͩ€ ͧ˜ ǒ– › ‚ ȡ^ मुनीस Ĥ–Ȣ“ ȡ@
@
सोइ उपदे स कहहु € ǐš दाया। Ǔ“ ‡ “ ™ “ ǔÛ¡ ‘ȯ ɋ रघुराया।।
— ǐš लोचन ǒ–› Ȫͩ€ अवधेसा। तब   ǓǕ“ ¡ `ȱǓ“ ‚ “Ǖ[ उपदे सा।।
˜ ǓǕ“ ” ǓǕ“ € Ǒ¡ ¡ ǐš€  ȡ अनप
ू ा।  ȲͫŒ सगन
ु मत अगन
ु Ǔ“ Ǿ ” ȡ@
@
तब ˜ ɇǓ“ ‚ “Ǖ[ मत कर ‘ šǗȣ@सगन
ु Ǔ“ Ǿ ”`ȱ€ ǐš हठ — šǗȣ@
@
` ׏ š Ĥ Ǔ ` ׏ š ˜ ɇ€ ȧÛ¡ ȡ@˜ ǓǕ“ तन भए Đ Ȫ’ के … ȢÛ¡ ȡ@
@
सुनु Ĥ— Ǖबहुत \  ʙ ȡ ͩ€ f ȱ@उपज Đ Ȫ’ ʙ ȡǓ“ Û¡ के Ǒ¡ f ȱ@
@
\ Ǔ संघरषन ‡ ɋ कर कोई। अनल Ĥ‚ Š चंदन ते होई।।
दो0–बारं बार सकोप ˜ ǕǓ“ करइ Ǔ“ ǽ”“ ʙ ȡ“ @
˜ ɇ\ ” “ Ʌमन बैठ तब करउँ ǒ– ǒ– ’ अनम
ु ान।।111(क)।।
Đ Ȫ’ ͩ€ ɮȯ – ͪǕƨ ǒ– “ Ǖɮ Ȱ ͩ€ ǒ–“ Ǖ\ ʙ ȡ“ @
मायाबस ”ǐšǓ† ۓ जड़ जीव ͩ€ ईस समान।।111(ख)।।
–*–*–
कबहुँ ͩ€ दख
ु सब कर Ǒ¡   ȡ€Ʌ@ ȯǑ¡ ͩ€ ‘ǐšġ परस ˜ Ǔ“ ‡ ȡ€Ʌ@
@
” šġȪ¡ ȣ € ȧ ¡ ȪǑ¡ ȲǓ“   Ȳ€ ȡ@कामी ” ǕǓ“ ͩ€ š¡ Ǒ¡ Ȳअकलंका।।
बंस ͩ€ रह ɮͪ‡ \ “ Ǒ¡  € ȧÛ¡ Ʌ@€ ˜ [ͩ€ ¡ ȪǑ¡ Ȳè Ǿ ” Ǒ¡ … ȢÛ¡ Ʌ@
@
काहू   Ǖ˜ Ǔ ͩ€ खल सँग जामी। सुभ ‚ Ǔ पाव ͩ€ ”šǒğ™ गामी।।
भव ͩ€ ” šǑ¡ Ȳ”š˜ ȡט ȡ ǒ– ‘Ȳ€ @सख
ु ी ͩ€ ¡ ȪǑ¡ Ȳकबहुँ ¡ ǐšǓ“ ‘Ȳ€ @
@
राजु ͩ€ रहइ “ ȢǓ ǒ–“ Ǖ‡ ȡ“ Ʌ@अघ ͩ€ š¡ Ǒ¡ Ȳ¡ ǐš… ǐš –  ȡ“ Ʌ@ @
पावन जस ͩ€ ” Û
Ǖ™ ǒ–“ Ǖहोई। ǒ– “ Ǖअघ अजस ͩ€ पावइ कोई।।
लाभु ͩ€ ͩ€ † Ǖ ¡ ǐš — ‚ Ǔ समाना। ‡ ȯǑ¡ ‚ ȡ Ǒ¡ ȲĮ ǓǕ संत पुराना।।
¡ ȡǓ“ ͩ€ जग f Ǒ¡ सम ͩ€ † Ǖ भाई। भिजअ न šȡ˜ Ǒ¡ नर तनु पाई।।
अघ ͩ€ ͪ”  Ǖ“  ȡ सम कछु आना। ’ ˜ [ͩ€ दया   ǐš  ¡ ǐš‡ ȡ“ ȡ@
@
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ \ ͧ˜ Ǔ ‡ Ǖ‚ ǕǓ मन गुनऊँ। ˜ ǕǓ“ उपदे स न सादर सुनऊँ।।
” ǕǓ“ ” ǕǓ“ सगन
ु ”Í † ˜ ɇरोपा। तब ˜ ǕǓ“ बोलेउ बचन सकोपा।।
मढ़
ू परम ͧ   दे उँ न ˜ ȡ“ ͧ  @` ׏ š Ĥ Ǔ ` ׏ š बहु ] “ ͧ  @
@
  י बचन ǒ– èȡ  न € š¡ ȣ@बायस इव   – ¡ ȣ ते Œš¡ ȣ@ @
सठ 蝔 Í † तब ǿ‘™ ȱǒ–  ȡ› ȡ@  ”Ǒ‘ ¡ ȪǑ¡ ”Í † Ȥ चंडाला।।
› ȣÛ¡ Į ȡ” ˜ ɇसीस चढ़ाई। “ Ǒ¡ Ȳकछु भय न ‘ȣ“  ȡ आई।।
दो0-तरु त भयउँ ˜ ɇकाग तब ” ǕǓ“ ˜ ǕǓ“ पद ͧ  ǽ नाइ।
  Ǖͧ˜ ǐš राम रघुबंस ˜ Ǔ“ ¡ šͪŸ चलेउँ उड़ाइ।।112(क)।।
उमा जे राम चरन रत ǒ– ‚  काम मद Đ Ȫ’ @
@
Ǔ“ ‡ Ĥ— ˜Ǖ ™ ‘ȯ Ǒ¡ Ȳजगत €ȯǑ¡ सन € šǑ¡ Ȳǒ– šȪ’ @ @112(ख)।।
–*–*–
सनु ु खगेस “ Ǒ¡ Ȳकछु ǐšͪŸ दष
ू न। उर Ĥȯš€ रघबु ंस ǒ–— ŸǗ “ @
@
€ Ǚ” ȡͧ  ’Ȳ Ǖ˜ ǓǕ“ ˜ Ǔ € ǐš — Ȫšȣ@› ȣǔÛ¡ Ĥȯ˜ ”ǐšÍ † ȡ ˜ Ȫšȣ@
@
मन बच Đ ˜ ˜ ȪǑ¡ Ǔ“ ‡ जन जाना। ˜ ǕǓ“ ˜ Ǔ ” ǕǓ“ •ȯšȣ भगवाना।।
ǐšͪŸ मम महत सीलता दे खी। राम चरन ǒ– èȡ  ǒ–   ȯŸ Ȣ@
@
\ Ǔ ǒ–  ˜ ™ ” ǕǓ“ ” ǕǓ“ ”Ǔ†  ȡ_@सादर ˜ ǕǓ“ ˜ ȪǑ¡ › ȣÛ¡ बोलाई।।
मम ”ǐš ȪŸ ǒ– ǒ–’ ǒ– ͬ’ € ȧÛ¡ ȡ@¡ šͪŸ  šȡ˜ ˜ Ȳğ तब ‘ȣÛ¡ ȡ@
@
–ȡ› € Ǿ ” राम कर ڙ ȡ“ ȡ@कहे उ ˜ ȪǑ¡ ˜ ǓǕ“ € Ǚ” ȡǓ“ ’ ȡ“ ȡ@
@
संद
ु र सख
ु द ͧ˜ Ǒ¡ \ Ǔ भावा। सो Ĥ ˜ Ǒ¡ Ȳ˜ ɇ à
Ǖ ¡ Ǒ¡ सन
ु ावा।।
˜ ǕǓ“ ˜ ȪǑ¡ कछुक काल तहँ राखा। šȡ˜ … ǐš ˜ ȡ“   तब भाषा।।
सादर ˜ ȪǑ¡ यह कथा सुनाई। ” ǕǓ“ बोले ˜ ǕǓ“ ͬ‚ šȡ सुहाई।।
šȡ˜ … ǐš सर ‚ Ǖ܏ सुहावा। संभु Ĥ   ȡ‘ तात ˜ ɇपावा।।
 ȪǑ¡ Ǔ“ ‡ भगत राम कर जानी। ताते ˜ ɇसब कहे उँ बखानी।।
राम — ‚ Ǔ ǔ‡ Û¡ €Ʌउर “ ȡ¡ ȣ@
Ȳ कबहुँ न तात € Ǒ¡ \ Ǔ Û¡ ”ȡ¡ ȣȲ@
@
˜ ǓǕ“ ˜ ȪǑ¡ ǒ–ǒ–’ — ȡȱǓ समझ
ु ावा। ˜ ɇ  Ĥȯ˜ ˜ ǓǕ“ पद ͧ  ǽ नावा।।
Ǔ“ ‡ कर कमल ”šͧ  मम सीसा। ¡ šͪŸ  ] ͧ  Ÿ ‘ȣÛ¡ मन
ु ीसा।।
राम — ‚ Ǔ \ ǒ–š› उर  ȪšɅ@– ͧ  Ǒ¡ सदा Ĥ   ȡ‘ अब ˜ ȪšɅ@
@
दो0–सदा राम ͪĤ™ होहु  à Ǖ ¡ सुभ गुन भवन अमान।
€ ȡ˜ Ǿ ” ^Í ’ ȡ˜ š“ ʙ ȡ“ ǒ– šȡ‚ Ǔ“ ’ ȡ“ @
@113(क)।।
‡ ɅǑ¡ Ȳ] Į ˜  Ǖà¡ बसब ” ǕǓ“   Ǖͧ˜ š Į Ȣ— ‚ Ȳ @
ޙ ȡͪ” Ǒ¡ तहँ न \ ǒ–ɮ™ ȡ जोजन एक Ĥ ‡ Ȳ @
@113(ख)।।
–*–*–
काल € ˜ [गुन दोष सुभाऊ। कछु दख ु àǕ ¡ Ǒ¡ न ޙ ȡͪ”Ǒ¡ काऊ।।
राम š¡ è™ › ͧ›  ǒ–ͬ’ नाना। ‚ Ü
Ǖ Ĥ ‚ Š ^Ǔ ¡ ȡ  परु ाना।।
ǒ– “ ǕĮ ˜  à
Ǖ ¡ जानब सब सोऊ। Ǔ“  नव नेह राम पद होऊ।।
जो ^Í † ȡ € ǐš¡ ¡ Ǖमन ˜ ȡ¡ ȣȲ@¡ ǐš Ĥ   ȡ‘ कछु ‘ ›Ǖ —[ “ ȡ¡ ȣȲ@
@
  ǕǓ“ ˜ ǕǓ“ ] ͧ  Ÿ सुनु ˜ Ǔ ’ Ȣšȡ@Ħ é˜ ͬ‚ šȡ भइ गगन गँभीरा।।
f  ˜ è Ǖतव बच ˜ ǕǓ“ ʙ ȡ“ Ȣ@यह मम भगत € ˜ [मन बानी।।
  ǓǕ“ “ — ͬ‚ šȡ हरष ˜ ȪǑ¡ भयऊ। Ĥȯ˜ मगन सब संसय गयऊ।।
€ ǐš ǒ–“  Ȣ ˜ ǓǕ“ आयसु पाई। पद सरोज ” ǓǕ“ ” ǓǕ“ ͧ  ǽ नाई।।
हरष   Ǒ¡  f Ǒ¡ Ȳ] Į ˜ आयउँ । Ĥ — ǕĤ   ȡ‘ ‘ ›Ǖ —[ बर पायउँ ।।
इहाँ बसत ˜ ȪǑ¡ सुनु खग ईसा। बीते कलप सात \ ǽ बीसा।।
करउँ सदा šƒ Ǖ” Ǔ गुन गाना। सादर   Ǖ“ Ǒ¡ Ȳǒ–¡ Ȳ‚ सुजाना।।
जब जब \  ’ ” ǕšȣȲरघुबीरा। ’ šǑ¡ Ȳभगत Ǒ¡  मनुज   šȣšȡ@
@
तब तब जाइ राम पुर रहऊँ। ͧ    Ǖ› ȣ› ȡ ǒ– › Ȫͩ€ सुख लहऊँ।।
” ǕǓ“ उर šȡͨ राम ͧ    Ǖ
Ǿ ” ȡ@Ǔ“ ‡ ] Į ˜ आवउँ खगभूपा।।
कथा सकल ˜ ɇ à
Ǖ ¡ Ǒ¡ सन
ु ाई। काग दे ह ‡ ȯǑ¡ Ȳकारन पाई।।
€ Ǒ¡ `ȱतात सब Ĥè“  à
Ǖ ¡ ȡšȣ@राम — ‚ Ǔ ˜ Ǒ¡ ˜ ȡ \ Ǔ — ȡšȣ@
@
दो0-ताते यह तन ˜ ȪǑ¡ ͪĤ™ भयउ राम पद नेह।
Ǔ“ ‡ Ĥ— Ǖदरसन पायउँ गए सकल संदेह।।114(क)।।
मासपारायण, ` ۏ Ȣ  ȡȱͪĮ ȡ˜
— ‚ Ǔ ”Í † हठ € ǐš रहे उँ ‘ȣǔÛ¡ ˜ ¡ ȡǐšͪŸ साप।
˜ ǓǕ“ ‘ ›Ǖ —[ बर पायउँ दे खहु भजन Ĥ  ȡ” @
@114(ख)।।
–*–*–
जे \ ͧ  — ‚ Ǔ ‡ ȡǓ“ ”ǐš¡ š¡ ȣȲ@केवल ʙ ȡ“ हे तु Į ˜ € š¡ ȣ@
Ȳ@
ते जड़ कामधेनु गह
ृ ँ י ȡ‚ Ȣ@खोजत आकु ͩ• šǑ¡ Ȳपय लागी।।
सन
ु ु खगेस ¡ ǐš — ‚ Ǔ ǒ–¡ ȡ_@जे सख
ु … ȡ¡ Ǒ¡ Ȳआन उपाई।।
ते सठ ˜ ¡ ȡͧ  ’Ȳ Ǖǒ–“ Ǖतरनी। ”Ȱǐš पार … ȡ¡ Ǒ¡ Ȳजड़ करनी।।
  ǕǓ“ —   ǕȲͫŒ के बचन भवानी। बोलेउ ‚ ǽ° ¡ šͪŸ मद
ृ ु बानी।।
तव Ĥ  ȡ‘ Ĥ — Ǖमम उर ˜ ȡ¡ ȣȲ@संसय सोक मोह ħ ˜ “ ȡ¡ ȣȲ@
@
सन
ु ेउँ पन
ु ीत राम गन
ु Ē ȡ˜ ȡ@ à
Ǖ ¡ šȣ कृपाँ लहे उँ ǒ–Į ȡ˜ ȡ@
@
एक बात Ĥ— Ǖपँछ
ू उँ  Ȫ¡ ȣ@कहहु बझ
ु ाइ € Ǚ”ȡǓ“ ͬ’ ˜ Ȫ¡ ȣ@
@
€ ¡ Ǒ¡ Ȳसंत ˜ ǓǕ“ बेद परु ाना। “ Ǒ¡ Ȳकछु ‘ ›Ǖ —[ ʙ ȡ“ समाना।।
सोइ ˜ ǕǓ“  à
Ǖ ¡ सन कहे उ ‚ Ȫ  ȡɃ@“ Ǒ¡ Ȳआदरे हु — ‚ Ǔ € ȧ “ ȡɃ@@
ʙ ȡ“ Ǒ¡ — ‚ Ǔ Ǒ¡ अंतर केता। सकल कहहु Ĥ — Ǖकृपा Ǔ“ €ȯ ȡ@ @
  ǕǓ“ ` š‚ ȡǐš बचन सुख माना। सादर बोलेउ काग सुजाना।।
— ‚ Ǔ Ǒ¡ ʙ ȡ“ Ǒ¡ “ Ǒ¡ Ȳकछु भेदा। उभय ¡ šǑ¡ Ȳभव संभव खेदा।।
नाथ मुनीस € ¡ Ǒ¡ Ȳकछु अंतर। सावधान सोउ सुनु ǒ– ¡ Ȳ‚ –š@
@
ʙ ȡ“ ǒ–šȡ‚ जोग ǒ–Ê™ ȡ“ ȡ@ए सब ” ǽǕ Ÿ सन
ु हु ¡ ǐš‡ ȡ“ ȡ@
@
” ǽǕ Ÿ Ĥ ȡ” Ĥ– › सब भाँती। अबला अबल सहज जड़ जाती।।
दो0–” ǽǕ Ÿ י ȡͬ‚ सक “ ȡǐšǑ¡ जो ǒ– šÈ ˜ Ǔ धीर।।
न तु कामी ǒ–Ÿ ™ ȡ–  ǒ–˜ Ǖ जो पद रघुबीर।।115(क)।।
सो0-सोउ ˜ ǕǓ“ ʙ ȡ“ Ǔ“ ’ ȡ“ मग
ृ नयनी ǒ– ’ Ǖमुख Ǔ“ šͨ @
ǒ– –  होइ ¡ ǐš‡ ȡ“ “ ȡǐš ǒ–ç“ Ǖमाया Ĥ‚ Š@@115(ख)।।
–*–*–
इहाँ न ”Í † ”ȡ कछु राखउँ । बेद पुरान संत मत भाषउँ ।।
मोह न “ ȡǐš “ ȡǐš €ɅǾ ” ȡ@” ۓ ‚ ȡǐš यह šȣǓ अनूपा।।
माया — ‚ Ǔ सन
ु हु  à
Ǖ ¡ दोऊ। “ ȡǐš –‚ [जानइ सब कोऊ।।
” ǓǕ“ šƒ –Ǖ ȢšǑ¡ — ‚ Ǔ ͪ”] šȣ@माया खलु “  €[ ȧ ǒ– … ȡšȣ@
@
— ‚ Ǔ Ǒ¡ सानक
ु ू ल रघुराया। ताते  ȯǑ¡ Œš”Ǔ \ Ǔ माया।।
राम — ‚ Ǔ Ǔ“ ǽ”˜ Ǔ“ ǽ”ȡ’ Ȣ@बसइ जासु उर सदा अबाधी।।
 ȯǑ¡ ǒ–› Ȫͩ€ माया सकुचाई। € ǐš न सकइ कछु Ǔ“ ‡ Ĥ — Ǖ
 ȡ_@
@
अस ǒ– … ȡǐš जे ˜ ǓǕ“ ǒ–Ê™ ȡ“ Ȣ@‡ ȡ… ¡ ȣȲ— ‚ Ǔ सकल सख
ु खानी।।
दो0-यह š¡ è™ रघन
ु ाथ कर –ȯͬ‚ न जानइ कोइ।
जो जानइ šƒ ”Ǖ Ǔ कृपाँ सपनेहुँ मोह न होइ।।116(क)।।
औरउ ʙ ȡ“ — ‚ Ǔ कर भेद सुनहु   ǕĤ – Ȣ“ @
जो   ǕǓ“ होइ राम पद Ĥ ȢǓ सदा \ ǒ– † Ȥ“ @
@116(ख)।।
–*–*–
सन
ु हु तात यह अकथ कहानी। समझ ु त बनइ न जाइ बखानी।।
_蝚 अंस जीव \ ǒ–“ ȡ  Ȣ@चेतन अमल सहज सख ु रासी।।
सो मायाबस भयउ ‚ Ȫ  ȡɃ@–ȱڙ Ȫ € ȧš मरकट € ȧ नाई।।
जड़ … ȯ “ Ǒ¡ Ē Ȳͬ ”ǐš गई। ‡ ‘ͪ” मष
ृ ा छूटत € Ǒ‹ “ _@
@
तब ते जीव भयउ   Ȳ  ȡšȣ@छूट न Ē Ȳͬ न होइ   Ǖ ȡšȣ@
@
Į ǓǕ परु ान बहु कहे उ उपाई। छूट न \ ͬ’ € \ ͬ’ € \ ǽˆ ȡ_@
@
जीव ǿ‘™ ȱतम मोह ǒ–   ȯŸ Ȣ@Ē Ȳͬ छूट ͩ€ ͧ˜ परइ न दे खी।।
अस संजोग ईस जब करई। तबहुँ € ‘ȡͬ…  सो Ǔ“ ǽ\ š_@ @
  ȡǔ×ם€ Į ƨ ȡ धेनु सुहाई। ‡ ɋ ¡ ǐš कृपाँ ǿ‘™ ȱबस आई।।
जप तप Ħ जम Ǔ“ ™ ˜ अपारा। जे Į ǓǕ कह सुभ ’ ˜ [अचारा।।
तेइ तन
ृ ¡ ǐš चरै जब गाई। भाव – Í † ͧ    Ǖपाइ ”ȯÛ¡ ȡ_@
@
नोइ Ǔ“ – ǔǙ׏ ”ȡğ ǒ–èȡ  ȡ@Ǔ“ ˜ ›[ मन \ ¡ ȣš Ǔ“ ‡ दासा।।
परम ’ ˜ ˜[ ™ पय ‘ ǑǕ¡ भाई। अवटै अनल अकाम ǒ–¡ ȡ_@
@
तोष ˜ ǽ तब छमाँ जुड़ावै। ’ ǓǙ सम जावनु दे इ जमावै।।
˜ ǕǑ‘ ȡȱ˜  ɇǒ–… ȡš मथानी। दम अधार रजु   י सुबानी।।
तब ˜ ͬ € ȡǑ± लेइ नवनीता। ǒ– ˜ › ǒ–šȡ‚ सुभग सुपुनीता।।
दो0-जोग \ ͬ‚ Ǔ“ € ǐš Ĥ ‚ Š तब € ˜ [सभ
ु ासभ
ु लाइ।
– ͪǕƨ ͧ  šȡ ɇʙ ȡ“ घत
ृ ममता मल ‡ ǐš जाइ।।117(क)।।
तब ǒ–Ê™ ȡ“ Ǿ ͪ” Ǔ“ – ͪǕƨ ǒ–   ‘ घत
ृ पाइ।
ͬ… ׏ Ǒ‘] — ǐš धरै Ǻ± समता Ǒ‘\ ǑŠ बनाइ।।117(ख)।।
 ȢǓ“ \ è ȡ  ȢǓ“ गुन  ȯǑ¡ कपास  Ʌ€ ȡǑ±@
तल
ू  šǕȣ™   ȱ ȡǐš ” ǕǓ“ बाती करै   Ǖ‚ ȡǑ±@
@117(ग)।।
सो0-f Ǒ¡ ǒ– ͬ’ लेसै ‘ȣ” तेज šȡͧ  ǒ–Ê™ ȡ“ ˜ ™ @
@
‡ ȡ Ǒ¡ Ȳजासु समीप ‡ šǑ¡ Ȳ˜ ‘ȡǑ‘€ सलभ सब।।117(घ)।।
–*–*–
  Ȫ¡ ˜ ǔè˜ ^Ǔ – ǔǙ׏ अखंडा। ‘ȣ” ͧ   ȡ सोइ परम Ĥ… ŒȲ ȡ@
@
आतम अनुभव सुख   ǕĤ € ȡ  ȡ@तब भव मूल भेद ħ ˜ नासा।।
Ĥ–› \ ǒ–ɮ™ ȡ कर ” ǐš ȡšȡ@मोह ] Ǒ‘ तम ͧ˜ Š^ अपारा।।
तब सोइ – ͪǕƨ पाइ उँ िजआरा। उर गह
ृ ँ –ȰǑ‹ Ē Ȳͬ Ǔ“ ǽ] šȡ@
@
छोरन Ē Ȳͬ पाव ‡ ɋ सोई। तब यह जीव कृतारथ होई।।
छोरत Ē Ȳͬ ‡ ȡǓ“ खगराया। ǒ– ˓ अनेक करइ तब माया।।
ǐšͪƨ ͧ  ͪƨ Ĥȯš^ बहु भाई। – Ǖƨ Ǒ¡ लोभ Ǒ‘ ȡǑ¡ Ȳआई।।
कल बल छल € ǐš ‡ ȡǑ¡ Ȳसमीपा। अंचल बात – Ǖˆ ȡ Ǒ¡ Ȳ‘ȣ”ȡ@@
होइ – ͪǕƨ ‡ ɋ परम सयानी। Ǔ Û¡ तन ͬ…   न \ “ Ǒ¡  जानी।।
‡ ɋ  ȯǑ¡ ǒ–Ë“ – ͪǕƨ “ Ǒ¡ Ȳबाधी। तौ – ¡ Ȫǐš सरु € šǑ¡ Ȳउपाधी।।
^Ȳġ ȣȲɮȡš झरोखा नाना। तहँ तहँ सुर बैठे € ǐš थाना।।
आवत ‘ȯ Ǒ¡ Ȳǒ–Ÿ ™ –™ ȡšȣ@ते ¡ Ǒ‹ ‘ȯ¡ ȣ कपाट ` ƒ ȡšȣ@
@
जब सो Ĥ— Ȳ‡ “ उर गह
ृ ँ जाई।  –Ǒ¡ Ȳ‘ȣ” ǒ– ʙ ȡ“ बुझाई।।
Ē Ȳͬ न † ǗǑŠ ͧ˜ Šȡ सो Ĥ€ ȡ  ȡ@– ͪǕƨ ǒ– € › भइ ǒ– Ÿ ™ बतासा।।
^ȲǑġÛ¡   šǕÛ¡ न ʙ ȡ“ सोहाई। ǒ– Ÿ ™ भोग पर ĤȢǓ सदाई।।
ǒ–Ÿ ™ समीर – ͪǕƨ कृत — Ȫšȣ@ ȯǑ¡ ǒ– ͬ’ ‘ȣ” को बार – ¡ Ȫšȣ@
@
दो0-तब ͩ• ǐš जीव ǒ– ǒ–’ ǒ–ͬ’ पावइ   Ȳ  ǓǙ ț ȯ  @
¡ ǐš माया \ Ǔ ‘ è
Ǖ š  ǐš न जाइ ǒ–¡ ‚ ȯ  @
@118(क)।।
कहत € Ǒ‹ “ समुझत € Ǒ‹ “ साधन € Ǒ‹ “ ǒ––ȯ€ @
होइ ƒ Ǖ“ ȡÍ † š ۙ ȡ™ ‡ ɋ ” ǕǓ“ Ĥי Ǘ¡ अनेक।।118(ख)।।
–*–*–
ʙ ȡ“ पंथ कृपान कै धारा। परत खगेस होइ “ Ǒ¡ Ȳबारा।।
जो Ǔ“ ǒ– Ë
[ “ पंथ Ǔ“ – ¡[ _@सो €Ȱ 㙠परम पद लहई।।
\ Ǔ ‘ ›Ǖ —[ €Ȱã™ परम पद। संत पुरान Ǔ“ ‚ ˜ आगम बद।।
राम भजत सोइ ˜ €Ǖ ǕǓ गोसाई। \ “ ^ǔÍ †  आवइ –ǐš] _@
@
ǔ‡ ͧ˜ थल ǒ–“ Ǖजल šǑ¡ न सकाई। € ȪǑŠ — ȡȱǓ कोउ करै उपाई।।
तथा ˜ ȪÍ † सख
ु सन
ु ु खगराई। šǑ¡ न सकइ ¡ ǐš — ‚ Ǔ ǒ– ¡ ȡ_@
@
अस ǒ–… ȡǐš ¡ ǐš भगत सयाने। ˜ Ǖǔȏ Ǔ“ šȡ‘š — ‚ Ǔ लुभाने।।
— ‚ Ǔ करत ǒ– “ Ǖजतन Ĥ ™ ȡ  ȡ@  Ȳ  ǓǙ मूल \ ǒ– ɮ™ ȡ नासा।।
भोजन € ǐš\  ͪǙ” Ǔ Ǒ¡  लागी। ǔ‡ ͧ˜ सो असन पचवै जठरागी।।
\ ͧ  ¡ ǐš— ‚ Ǔ सग
ु म सख
ु दाई। को अस मढ़
ू न ‡ ȡǑ¡ सोहाई।।
दो0-सेवक   ȯޙ भाव ǒ– “ Ǖभव न  ǐš\ ` š‚ ȡǐš@
@
भजहु राम पद पंकज अस ͧ  ƨ ȡȲ ǒ–… ȡǐš@
@119(क)।।
जो चेतन कहँ ज़ड़ करइ « °Ǒ¡ करइ … Ȱ ۙ @
अस   ˜  [šƒ “Ǖ ȡ™ € Ǒ¡ Ȳ— ‡ Ǒ¡ Ȳजीव ते ’ ۙ @@119(ख)।।
–*–*–
कहे उँ ʙ ȡ“ ͧ  ƨ ȡȲ बुझाई। सुनहु — ‚ Ǔ ˜ Ǔ“ कै Ĥ — Ǖ ȡ_@
@
राम — ‚ Ǔ ͬ… Ȳ ȡ˜ Ǔ“ सुंदर। बसइ ‚ ǽ° जाके उर अंतर।।
परम Ĥ€ ȡ  Ǿ ” Ǒ‘“ राती। “ Ǒ¡ Ȳकछु … Ǒ¡ \ Ǒ‘] घत
ृ बाती।।
मोह ‘ǐšġ Ǔ“ € Š “ Ǒ¡ Ȳआवा। लोभ बात “ Ǒ¡ Ȳ ȡǑ¡ बझ
ु ावा।।
Ĥ –› \ ǒ–ɮ™ ȡ तम ͧ˜ ǑŠ जाई। ¡ ȡšǑ¡ Ȳसकल सलभ समुदाई।।
खल € ȡ˜ ȡǑ‘ Ǔ“ € Š “ Ǒ¡ Ȳ‡ ȡ¡ ȣȲ@बसइ — ‚ Ǔ जाके उर ˜ ȡ¡ ȣȲ@
@
गरल सुधासम \ ǐš Ǒ¡  होई।  ȯǑ¡ ˜ Ǔ“ ǒ–“ Ǖसुख पाव न कोई।।
ޙ ȡ”Ǒ¡ Ȳमानस रोग न — ȡšȣ@ǔ‡ Û¡ के बस सब जीव ‘ Ǖ ȡšȣ@
@
राम — ‚ Ǔ ˜ Ǔ“ उर बस ‡ ȡ€Ʌ@दख ु लवलेस न सपनेहुँ  ȡ€Ʌ@ @
चतरु ͧ  šȪ˜ Ǔ“ तेइ जग ˜ ȡ¡ ȣ@
Ȳ जे ˜ Ǔ“ › ȡͬ‚ सज
ु तन € šȡ¡ ȣȲ@
@
सो ˜ Ǔ“ ‡ ‘ͪ” Ĥ‚ Š जग अहई। राम कृपा ǒ– “ Ǖ“ Ǒ¡ Ȳकोउ लहई।।
सुगम उपाय पाइबे केरे । नर ¡  — ȡʙ ‘ȯǑ¡ Ȳभटमेरे।।
पावन ”– [ बेद पुराना। राम कथा ǽͬ… šȡ€ š नाना।।
˜ ˜ ȸ   Ï ‡ “   ˜Ǖ Ǔ € Ǖ‘ȡšȣ@ʙ ȡ“ ǒ–šȡ‚ नयन ` š‚ ȡšȣ@
@
भाव   Ǒ¡  खोजइ जो Ĥȡ“ Ȣ@पाव — ‚ Ǔ ˜ Ǔ“ सब सख
ु खानी।।
˜ ȪšɅमन Ĥ— Ǖअस ǒ–èȡ  ȡ@राम ते \ ͬ’ € राम कर दासा।।
राम ͧ  ’Ȳ Ǖघन   Ï ‡ “ धीरा। चंदन  ǽ ¡ ǐš संत समीरा।।
सब कर फल ¡ ǐš — ‚ Ǔ सुहाई। सो ǒ– “ Ǖसंत न काहूँ पाई।।
अस ǒ–… ȡǐš जोइ कर सतसंगा। राम — ‚ Ǔ  ȯǑ¡ सल
ु भ ǒ–¡ Ȳ‚ ȡ@
@
दो0-Ħé˜ ”™ ȪǓ“ ͬ’ मंदर ʙ ȡ“ संत सरु ] Ǒ¡ @
Ȳ
कथा सध
ु ा ˜ ͬ € ȡ±Ǒ¡ Ȳ— ‚ Ǔ मधरु ता ‡ ȡǑ¡ @
Ȳ@
120(क)।।
ǒ– šǓ … ˜ [\ ͧ  ʙ ȡ“ मद लोभ मोह ǐš” Ǖ˜ ȡǐš@
जय पाइअ सो ¡ ǐš — ‚ Ǔ दे खु खगेस ǒ–… ȡǐš@@120(ख)।।
–*–*–
” ǕǓ“   Ĥȯ˜ बोलेउ खगराऊ। ‡ ɋ कृपाल ˜ ȪǑ¡ ऊपर भाऊ।।
नाथ ˜ ȪǑ¡ Ǔ“ ‡ सेवक जानी।   ܏ Ĥè“ कहहु बखानी।।
Ĥ ˜ Ǒ¡ Ȳकहहु नाथ ˜ Ǔ ’ Ȣšȡ@सब ते ‘ ›Ǖ —[ कवन   šȣšȡ@ @
बड़ दख
ु कवन कवन सख ु — ȡšȣ@सोउ   Ȳ† ȯ”Ǒ¡ Ȳकहहु ǒ– … ȡšȣ@
@
संत असंत मरम  à Ǖ ¡ जानहु। Ǔ Û¡ कर सहज सुभाव बखानहु।।
कवन ” Û
Ǖ™ Į ǓǕ ǒ–Ǒ‘ ǒ–   ȡ› ȡ@कहहु कवन अघ परम कराला।।
मानस रोग कहहु समझ ु ाई।  à
Ǖ¡   – Ê
[ ™ कृपा \ ͬ’ € ȡ_@
@
तात सन
ु हु सादर \ Ǔ Ĥ Ȣ Ȣ@˜ ɇसंछेप कहउँ यह नीती।।
नर तन सम “ Ǒ¡ Ȳ€ Ǔ“ ` ‘ȯ¡ ȣ@जीव चराचर जाचत  ȯ¡ ȣ@
@
नरग 蝂 [\ ” –‚ [Ǔ“   ȯ“ Ȣ@ʙ ȡ“ ǒ– šȡ‚ — ‚ Ǔ सुभ दे नी।।
सो तनु ’ ǐš ¡ ǐš — ‡ Ǒ¡ Ȳन जे नर। ¡ ȪǑ¡ Ȳǒ– Ÿ™ रत मंद मंद तर।।
काँच ͩ€ ǐš… – ‘› Ʌते › ȯ¡ ȣ@कर ते Œȡǐš परस ˜ Ǔ“ ‘ȯ¡ ȣȲ@
@
“ Ǒ¡ Ȳ‘ǐšġ सम दख
ु जग ˜ ȡ¡ ȣ@
Ȳ संत ͧ˜ › “ सम सख
ु जग “ ȡ¡ ȣȲ@
@
पर उपकार बचन मन काया। संत सहज सुभाउ खगराया।।
संत   ¡ Ǒ¡ Ȳदख
ु ”šǑ¡  लागी। परदख
ु हे तु असंत अभागी।।
— Ǘ‡ [ Ǿ सम संत कृपाला। ” šǑ¡  Ǔ“ Ǔ सह ǒ–” Ǔ ǒ–  ȡ› ȡ@
@
सन इव खल पर बंधन करई। खाल कढ़ाइ ǒ–” Ǔ   Ǒ¡ मरई।।
खल ǒ–“ Ǖèȡš पर \ ”€ ȡšȣ@\ Ǒ¡ मष
ू क इव सन
ु ु ` š‚ ȡšȣ@
@
पर संपदा ǒ–“ ȡͧ  “   ȡ¡ ȣȲ@ǔ‡ ͧ˜   ͧ  ¡ Ǔ Ǒ¡ ˜ उपल ǒ– › ȡ¡ ȣȲ@
@
‘ çǕŠ उदय जग ] šǓ हे त।ू जथा Ĥ ͧ  ƨ अधम Ē ¡ केत।ू ।
संत उदय संतत   Ǖ € ȡšȣ@ǒ–è सुखद ǔ‡ ͧ˜ इंद ु  ˜ ȡšȣ@
@
परम ’ ˜ [Į ǓǕ ǒ–Ǒ‘ \ Ǒ¡  Ȳ ȡ@पर Ǔ“ ‘Ȳȡ सम अघ न ‚ šȣ  ȡ@
@
हर गरु Ǔ“ ‘Ȳ€ दादरु होई। ‡ ۘ   ¡ èğ पाव तन सोई।।
ɮͪ ‡ Ǔ“ ‘Ȳ€ बहु नरक भोग € ǐš@जग जनमइ बायस   šȣš ’ ǐš@ @
सुर Į ǓǕ Ǔ“ ‘Ȳ€ जे \ ͧ— ˜ ȡ“ Ȣ@रौरव नरक ”šǑ¡ Ȳते Ĥ ȡ“ Ȣ@
@
¡ ȪǑ¡ Ȳउलूक संत Ǔ“ ‘Ȳȡ रत। मोह Ǔ“   ȡ ͪĤ™ ʙ ȡ“ भानु गत।।
सब के Ǔ“ ‘Ȳȡ जे जड़ € š¡ ȣȲ@ते चमगादरु होइ \   š¡ ȣȲ@
@
सन
ु हु तात अब मानस रोगा। ǔ‡ Û¡ ते दख
ु ” ȡǑ¡ Ȳसब लोगा।।
मोह सकल ޙ ȡͬ’ Û¡ कर मल
ू ा। Ǔ Û¡ ते ” ǓǕ“ ` ”‡ Ǒ¡ Ȳबहु सल
ू ा।।
काम बात कफ लोभ अपारा। Đ Ȫ’ ͪ” ׏ Ǔ“  छाती जारा।।
ĤȢǓ € šǑ¡ Ȳ‡ ɋ  ȢǓ“ ` भाई। उपजइ   ۙ ” ȡ दख
ु दाई।।
ǒ–Ÿ ™ मनोरथ ‘ ‚Ǖ ˜[ नाना। ते सब सूल नाम को जाना।।
ममता दाद ु कंडु इरषाई। हरष ǒ– Ÿ ȡ‘ गरह बहुताई।।
पर सख
ु ‘ȯͨ ‡ šǓ“ सोइ छई। € ǕçŠ ‘ çǕŠ ȡ मन € ǕǑŠ› _@
@
अहं कार \ Ǔ दख
ु द Œ˜ ǽ] @दं भ कपट मद मान “ ȯ¡ ǽ] @
@
è
Ǚ“ ȡ ` ‘š– ͪǙƨ \ Ǔ — ȡšȣ@ǒğǒ–’ ईषना  ǽ“ Ǔ ‡ ȡšȣ@
@
जुग ǒ– ͬ’ Ï  š ˜ ×  š \ ǒ––ȯ€ ȡ@कहँ › ȡͬ‚ € ¡ ɋ कुरोग अनेका।।
दो0-एक ޙ ȡͬ’ बस नर ˜ šǑ¡ Ȳए \   ȡͬ’ बहु ޙ ȡͬ’ @
” Ȣ°Ǒ¡ Ȳसंतत जीव कहुँ सो ͩ€ ͧ˜ लहै   ˜ ȡͬ’ @
@121(क)।।
नेम ’ ˜ [आचार तप ʙ ȡ“ ‡ ʙ जप दान।
भेषज ” ǕǓ“ € ȪǑŠÛ¡ “ Ǒ¡ Ȳरोग ‡ ȡǑ¡ Ȳ¡ ǐš‡ ȡ“ @
@121(ख)।।
–*–*–
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ सकल जीव जग रोगी। सोक हरष भय Ĥ ȢǓ ǒ–™ Ȫ‚ Ȣ@ @
मानक रोग कछुक ˜ ɇगाए। ¡ Ǒ¡ Ȳसब €Ʌ› ͨ ǒ– š› ȯÛ¡ पाए।।
जाने ते † Ȥ‡ Ǒ¡ Ȳकछु पापी। नास न ” ȡǑ¡ Ȳजन ”ǐš ȡ”Ȣ@
@
ǒ– Ÿ™ € Ǖ”Ø™ पाइ अंकुरे । ˜ ǕǓ“ ¡ Ǖǿ‘™ ȱका नर बापुरे।।
राम कृपाँ “ ȡ  Ǒ¡ सब रोगा। ‡ ɋ f Ǒ¡ — ȡȱǓ बनै संयोगा।।
सदगुर बैद बचन ǒ–èȡ  ȡ@संजम यह न ǒ–Ÿ ™ कै आसा।।
šƒ ”Ǖ Ǔ — ‚ Ǔ सजीवन ˜ šǗȣ@अनप
ू ान Į ƨ ȡ ˜ Ǔ ” šǗȣ@
@
f Ǒ¡ ǒ–ͬ’ — › ȯǑ¡ Ȳसो रोग “   ȡ¡ ȣȲ@“ ȡǑ¡ Ȳत जतन € ȪǑŠ “ Ǒ¡ Ȳ‡ ȡ¡ ȣȲ@
@
‡ ȡǓ“ \ तब मन ǒ–ǽ‡ गोसाँई। जब उर बल ǒ–šȡ‚ \ ͬ’ € ȡ_@
@
  Ǖ˜ Ǔ छुधा बाढ़इ Ǔ“  नई। ǒ– Ÿ™ आस ‘ –Ǖ ›[  ȡ गई।।
ǒ– ˜ › ʙ ȡ“ जल जब सो नहाई। तब रह राम — ‚ Ǔ उर छाई।।
ͧ   अज सुक   “ € ȡǑ‘€ नारद। जे ˜ ǕǓ“ Ħé˜ ǒ– … ȡš ǒ–  ȡš‘@
@
सब कर मत खगनायक एहा। € ǐš\ राम पद पंकज नेहा।।
Į ǓǕ परु ान सब Ē Ȳ € ¡ ȡ¡ ȣȲ@šƒ ”Ǖ Ǔ — ‚ Ǔ ǒ– “ ȡ सख
ु “ ȡ¡ ȣ@
Ȳ@
कमठ पीठ ‡ ȡ˜ Ǒ¡ Ȳ–ǽ बारा। – Ȳڙ ȡ सुत –ǽ € ȡ¡ ǕǑ¡ मारा।।
• Ǘ› Ǒ¡ Ȳनभ –ǽ –¡ Ǖǒ– ͬ’ फूला। जीव न लह सुख ¡ ǐš Ĥ Ǔ € Ǘ› ȡ@
@
तषृ ा जाइ – ǽ मग
ृ जल पाना। – ǽ ‡ ȡ˜ Ǒ¡ Ȳसस सीस ǒ–Ÿ ȡ“ ȡ@ @
\ Ȳ’ € ȡǽ –ǽ šǒ–Ǒ¡ नसावै। राम ǒ– ˜ Ǖ न जीव सख
ु पावै।।
Ǒ¡ ˜ ते अनल Ĥ‚ Š –ǽ होई। ǒ–˜ Ǖ राम सख
ु पाव न कोई।।
दो0=–ȡǐš ˜  Ʌघत
ृ होइ – ǽ ͧ  €  ȡ ते –ǽ तेल।
ǒ– “ Ǖ¡ ǐš भजन न भव  ǐš\ यह ͧ  ƨ ȡȲ अपेल।।122(क)।।
˜   € Ǒ¡ करइ ǒ– šȲȲͬ… Ĥ— Ǖ\ ‡ Ǒ¡ मसक ते ¡ ȣ“ @
अस ǒ–… ȡǐš तिज संसय šȡ˜ Ǒ¡ — ‡ Ǒ¡ ȲĤ – Ȣ“ @
@122(ख)।।
æ› Ȫ€ - ͪ Ǔ“ ǔÍ Į  Ȳ‘ȡͧ˜ ते न \ ۙ  ȡ  … ȡȲͧ  मे।
¡ ǐšȲनरा — ‡ ǔۏ ™ ȯMǓ ‘ è
Ǖ šȲ šǔۏ ते।।122(ग)।।
–*–*–
कहे उँ नाथ ¡ ǐš … ǐš अनप ू ा। ޙ ȡ  समास 蝘 Ǔ \ “ ǽǕ ” ȡ@
@
Į ǓǕ ͧ  ƨ ȡȲ इहइ ` š‚ ȡšȣ@राम भिजअ सब काज ǒ–   ȡšȣ@
@
Ĥ — Ǖšƒ Ǖ” Ǔ तिज सेइअ € ȡ¡ ȣ@˜ ȪǑ¡ से सठ पर ममता ‡ ȡ¡ ȣ@
@
à
Ǖ ¡ ǒ–Ê™ ȡ“ Ǿ ” “ Ǒ¡ Ȳमोहा। नाथ € ȧǔÛ¡ मो पर \ Ǔ छोहा।।
” ǓǗ† ¡ Ǖȱराम कथा \ Ǔ ” ȡǓ“ @सक
ु   “ € ȡǑ‘ संभु मन — ȡ Ǔ“ @
@
सत   Ȳ‚ Ǔ ‘ ›Ǖ —[ संसारा। Ǔ“ ͧ˜ Ÿ दं ड — ǐš एकउ बारा।।
दे खु ‚ ǽ° Ǔ“ ‡ ǿ‘™ ȱǒ–… ȡšȣ@˜ ɇरघब
ु ीर भजन \ ͬ’ € ȡšȣ@
@
सकुनाधम सब — ȡȱǓ अपावन। Ĥ — Ǖ˜ ȪǑ¡ € ȧÛ¡ ǒ–Ǒ‘ जग पावन।।
दो0-आजु ’ ۙ ˜ ɇ’ ۙ \ Ǔ ‡ ɮ™ ͪ” सब ǒ–ͬ’ ¡ ȣ“ @
Ǔ“ ‡ जन ‡ ȡǓ“ राम ˜ ȪǑ¡ संत समागम ‘ȣ“ @
@123(क)।।
नाथ ‡  ȡ˜ Ǔ भाषेउँ राखेउँ “ Ǒ¡ Ȳकछु गोइ।
… ǐš ͧ  ’Ȳ Ǖरघन
ु ायक थाह ͩ€ पावइ कोइ।।123।।
–*–*–
  ͧǕ˜ ǐš राम के गन ु गन नाना। ” ǓǕ“ ” ǓǕ“ हरष —  Ǖ ȲͫǕŒ सज
ु ाना।।
˜ Ǒ¡ ˜ ȡ Ǔ“ ‚ ˜ “ ȯǓ € ǐš गाई। \  ͧǕ›  बल Ĥ  ȡ” Ĥ— Ǖ ȡ_@
@
ͧ   अज ” ǗÏ ™ चरन रघुराई। मो पर कृपा परम मद
ृ ल
ु ाई।।
अस सुभाउ कहुँ सुनउँ न दे खउँ । €ȯǑ¡ खगेस šƒ Ǖ” Ǔ सम लेखउँ ।।
साधक ͧ  ƨ ǒ–˜ Ǖȏ उदासी। € ǒ– € Ȫǒ–‘ € Ǚ ʙ   Ȳۙ ȡ  Ȣ@
@
जोगी सरू सत
ु ापस ʙ ȡ“ Ȣ@’ ˜ [Ǔ“ š ” ȲͫŒ ǒ–Ê™ ȡ“ Ȣ@
@
 šǑ¡ Ȳन ǒ–“ Ǖसेएँ मम è ȡ˜ Ȣ@राम “ ˜ ȡͧ˜ “ ˜ ȡͧ˜ नमामी।।
सरन गएँ मो से अघ रासी। ¡ ȪǑ¡ Ȳ  Ǖƨ “ ˜ ȡͧ˜ \ ǒ– “ ȡ  Ȣ@
@
दो0-जासु नाम भव भेषज हरन घोर ğ™ सूल।
सो कृपालु ˜ ȪǑ¡ तो पर सदा रहउ अनुकूल।।124(क)।।
  ǓǕ“ —  Ǖ ȲͫǕŒ के बचन सभ
ु ‘ȯͨ राम पद नेह।
बोलेउ Ĥȯ˜   Ǒ¡  ͬ‚ šȡ ‚ ǽ° ǒ– ‚  संदेह।।124(ख)।।
–*–*–
मै € Ǚ׀ Ǚי भयउँ तव बानी।   ǓǕ“ रघब ु ीर — ‚ Ǔ रस सानी।।
राम चरन नत
ू न šǓ भई। माया ‡ Ǔ“  ǒ–”Ǔ सब गई।।
मोह ‡ › ͬ’ – ȪǑ¡   à
Ǖ ¡ भए। मो कहँ नाथ ǒ–ǒ– ’ सख
ु दए।।
मो ”Ǒ¡ Ȳहोइ न ĤǓ उपकारा। बंदउँ तव पद –ȡšǑ¡ Ȳबारा।।
पूरन काम राम अनुरागी।  à
Ǖ ¡ सम तात न कोउ बड़भागी।।
संत ǒ–Š”   ǐš ȡ ͬ‚ ǐš धरनी। पर Ǒ¡  हे तु   – Û¡ कै करनी।।
संत ǿ‘™ नवनीत समाना। कहा € ǒ–Û¡ ”ǐš कहै न जाना।।
Ǔ“ ‡ ” ǐš ȡ” ġ ^ नवनीता। पर दख
ु ġǑ¡ Ȳसंत सप
ु न
ु ीता।।
जीवन ‡ ۘ सुफल मम भयऊ। तव Ĥ  ȡ‘ संसय सब गयऊ।।
जानेहु सदा ˜ ȪǑ¡ Ǔ“ ‡ ͩ€ Ȳ€ š@” ǕǓ“ ” ǕǓ“ उमा कहइ ǒ– ¡ Ȳ‚ – š@
@
दो0-तासु चरन ͧ  ǽ नाइ € ǐš Ĥȯ˜   Ǒ¡  ˜ Ǔ ’ Ȣš@
गयउ ‚ ǽ° बैकंु ठ तब ǿ‘™ ȱšȡͨ रघब
ु ीर।।125(क)।।
ͬ‚ ǐš‡ ȡ संत समागम सम न लाभ कछु आन।
ǒ–“ Ǖ¡ ǐš कृपा न होइ सो ‚ ȡǑ¡ Ȳबेद परु ान।।125(ख)।।
–*–*–
कहे उँ परम पन
ु ीत ^Ǔ ¡ ȡ  ȡ@सन
ु त Į  “ † ǗŠǑ¡ Ȳभव पासा।।
Ĥ “  € 㔏 ǽ € ǽ“ ȡ पुंजा। उपजइ Ĥ ȢǓ राम पद कंजा।।
मन Đ ˜ बचन ‡ Ǔ“  अघ जाई।   Ǖ“ Ǒ¡ Ȳजे कथा Į “ मन लाई।।
 Ȣ ȡ[Š “ साधन समुदाई। जोग ǒ– šȡ‚ ʙ ȡ“ Ǔ“ ” “Ǖ ȡ_@
@
नाना € ˜ [’ ˜ [Ħ दाना। संजम दम जप तप मख नाना।।
भत
ू दया ɮͪ ‡ गरु सेवकाई। ǒ–ɮ™ ȡ ǒ–“ ™ ǒ– –ȯ€ बड़ाई।।
जहँ › ͬ‚ साधन बेद बखानी। सब कर फल ¡ ǐš — ‚ Ǔ भवानी।।
सो रघुनाथ — ‚ Ǔ Į ǓǕ गाई। राम कृपाँ काहूँ एक पाई।।
दो0-˜ ǕǓ“ ‘ ›Ǖ —[ ¡ ǐš — ‚ Ǔ नर ” ȡ Ǒ¡ Ȳǒ– “ Ǒ¡ ȲĤ ™ ȡ  @
जे यह कथा Ǔ“ šȲ š   Ǖ“ Ǒ¡ Ȳ˜ ȡǓ“ ǒ–è ȡ  @
@126।।
–*–*–
सोइ   – Ê
[ ™ गुनी सोइ ʙ ȡ ȡ@सोइ ˜ Ǒ¡ ˜ ȲͫŒ ”ȲͫŒ दाता।।
’ ˜ [परायन सोइ कुल ğȡ ȡ@राम चरन जा कर मन राता।।
“ ȢǓ Ǔ“ ” “Ǖ सोइ परम सयाना। Į ǓǕ ͧ  ƨ ȡȲ नीक  ȯǑ¡ Ȳजाना।।
सोइ € ǒ– € Ȫǒ– ‘ सोइ रनधीरा। जो छल † ȡͫ° भजइ रघब
ु ीरा।।
’ ۙ दे स सो जहँ   Ǖš  šȣ@’ ۙ “ ȡǐš ” Ǔ Ħ  \ “ Ǖ  šȣ@
@
’ ۙ सो भूपु “ ȢǓ जो करई। ’ ۙ सो ɮͪ ‡ Ǔ“ ‡ ’ ˜ [न टरई।।
सो धन ’ ۙ Ĥ  ˜ ‚ Ǔ ‡ ȡ€ ȧ@’ ۙ ” Ǖۙ रत ˜ Ǔ सोइ ” ȡ€ ȧ@
@
’ ۙ ƒ šȣ सोइ जब सतसंगा। ’ ۙ ‡ ۘ ɮͪ ‡ — ‚ Ǔ अभंगा।।
दो0-सो कुल ’ ۙ उमा सन
ु ु जगत ” ÏǗ ™ सप
ु न
ु ीत।
Į Ȣšƒ –Ǖ Ȣš परायन ‡ ȯǑ¡ Ȳनर उपज ǒ–“ Ȣ @
@127।।
–*–*–
˜ Ǔ \ “ ǾǕ ” कथा ˜ ɇभाषी। ‡ ɮ™ ͪ” Ĥ  ˜ ‚ ÜǕ € ǐš राखी।।
तव मन ĤȢǓ ‘ȯͨ \ ͬ’ € ȡ_@तब ˜ ɇšƒ Ǖ” Ǔ कथा सुनाई।।
यह न € Ǒ¡ \   ‹ ¡ ȣ ¡ ‹   Ȣ› Ǒ¡ @जो मन लाइ न सुन ¡ ǐš › ȣ› Ǒ¡ @
@
€ Ǒ¡ \ न › Ȫͧ— Ǒ¡ Đ Ȫ’ Ǒ¡ € ȡͧ˜ Ǒ¡ @जो न भजइ सचराचर èȡͧ˜ Ǒ¡ @
@
ɮͪ‡ ġȪǑ¡ Ǒ¡ न सनु ाइअ कबहूँ।   šǕ” Ǔ   ǐš  होइ नपृ जबहूँ।।
राम कथा के तेइ \ ͬ’ € ȡšȣ@ǔ‡ Û¡ €Ʌ     Ȳ‚ Ǔ \ Ǔ ܙ ȡšȣ@
@
गरु पद ĤȢǓ “ ȢǓ रत जेई। ɮͪ‡ सेवक \ ͬ’ € ȡšȣ तेई।।
ता कहँ यह ǒ–  ȯŸ सुखदाई। ‡ ȡǑ¡ Ĥȡ“ ͪĤ ™ Į Ȣšƒ Ǖšȡ_@
@
दो0-राम चरन šǓ जो चह अथवा पद Ǔ“ –ȡ[“ @
भाव   Ǒ¡  सो यह कथा करउ Į  “ पुट पान।।128।।
–*–*–
राम कथा ͬ‚ ǐš‡ ȡ ˜ ɇबरनी। € ͧ› मल   ˜ Ǔ“ मनोमल हरनी।।
  Ȳ  ǓǙ रोग सजीवन ˜ Ǘšȣ@राम कथा ‚ ȡ Ǒ¡ ȲĮ ǓǕ   Ǘšȣ@
@
f Ǒ¡ महँ ǽͬ… š   ܏ सोपाना। šƒ ”Ǖ Ǔ — ‚ Ǔ केर पंथाना।।
\ Ǔ ¡ ǐš कृपा ‡ ȡǑ¡ पर होई। पाउँ दे इ f Ǒ¡ Ȳमारग सोई।।
मन कामना ͧ  ͪƨ नर पावा। जे यह कथा कपट तिज गावा।।
€ ¡ Ǒ¡ Ȳ  Ǖ“ Ǒ¡ Ȳअनुमोदन € š¡ ȣȲ@ते गोपद इव —  Ǔ“ ͬ’  š¡ ȣȲ@
@
  ǕǓ“ सब कथा ǿ‘™ ȱ\ Ǔ भाई। ͬ‚ ǐš‡ ȡ –Ȫ› ȣ ͬ‚ šȡ सुहाई।।
नाथ कृपाँ मम गत संदेहा। राम चरन उपजेउ नव नेहा।।
दो0-˜ ɇ€ Ǚ € Ǚי भइउँ अब तव Ĥ  ȡ‘ ǒ– èȯ  @
उपजी राम — ‚ Ǔ Ǻ± बीते सकल कलेस।।129।।
–*–*–
यह सभ
ु संभु उमा संबादा। सख
ु संपादन समन ǒ– Ÿȡ‘ȡ@
@
भव भंजन गंजन संदेहा। जन रं जन   Ï ‡ “ ͪĤ ™ एहा।।
राम उपासक जे जग ˜ ȡ¡ ȣȲ@f Ǒ¡ सम ͪĤ ™ Ǔ Û¡ के कछु “ ȡ¡ ȣȲ@
@
šƒ Ǖ” Ǔ कृपाँ ‡  ȡ˜ Ǔ गावा। ˜ ɇयह पावन … ǐš सुहावा।।
f Ǒ¡ Ȳ€ ͧ› € ȡ› न साधन दज
ू ा। जोग ‡ ʙ जप तप Ħ पज
ू ा।।
šȡ˜ Ǒ¡   ͧǕ˜ ǐš\ गाइअ šȡ˜ Ǒ¡ @संतत   ǓǕ“ \ राम गन
ु Ē ȡ˜ Ǒ¡ @
@
जासु ”Ǔ  पावन बड़ बाना। ‚ ȡǑ¡ Ȳ€ ǒ– Į ǓǕ संत परु ाना।।
 ȡǑ¡ — ‡ Ǒ¡ मन तिज € ǕǑŠ› ȡ_@राम — ‡ Ʌ‚ Ǔ €ȯǑ¡ Ȳ“ Ǒ¡ Ȳपाई।।
छं 0-पाई न €ȯǑ¡ Ȳ‚ Ǔ ” Ǔ  पावन राम भिज सुनु सठ मना।
‚ Ǔ“ € ȡ \ ‡ ȡͧ˜ › ޙ ȡ’ गीध ‚ ‡ ȡǑ‘ खल तारे घना।।
आभीर जमन ͩ€ šȡ खस 蝔 … ȡǑ‘ \ Ǔ \ ƒ Ǿ ” जे।
€ Ǒ¡ नाम बारक  ȯͪ” पावन ¡ ȪǑ¡ Ȳराम “ ˜ ȡͧ˜ ते।।1।।
रघुबंस भूषन … ǐš यह नर € ¡ Ǒ¡ Ȳ  Ǖ“ Ǒ¡ Ȳजे ‚ ȡ¡ ȣȲ@
€ ͧ› मल मनोमल धोइ ǒ– “ ǕĮ ˜ राम धाम ͧ  ’ ȡ ¡ ȣȲ@
@
सत पंच … ȫ”ȡɃ मनोहर ‡ ȡǓ“ जो नर उर धरै ।
‘ȡǽ“ \ ǒ–ɮ™ ȡ पंच ‡ Ǔ“  ǒ– € ȡš Į Ȣšƒ –Ǖ š हरै ।।2।।
संद
ु र सज
ु ान कृपा Ǔ“ ’ ȡ“ अनाथ पर कर Ĥ ȢǓ जो।
सो एक राम अकाम Ǒ¡  Ǔ“ –ȡ[“ Ĥ ‘ सम आन को।।
‡ ȡ€ ȧ कृपा लवलेस ते ˜ Ǔ ˜ Ȳ‘ तल
ु सीदासहूँ।
पायो परम ǒ–Į ȡ˜ Ǖराम समान Ĥ — Ǖ“ ȡ¡ ȣȲकहूँ।।3।।
दो0-मो सम ‘ȣ“ न ‘ȣ“ Ǒ¡   à
Ǖ ¡ समान रघुबीर।
अस ǒ–… ȡǐš रघब
ु ंस ˜ Ǔ“ हरहु ǒ– Ÿ ˜ भव भीर।।130(क)।।
€ ȡͧ˜ Ǒ¡ “ ȡǐš ͪ” ] ǐš ǔ‡ ͧ˜ › Ȫ— Ǒ¡ ͪĤ ™ ǔ‡ ͧ˜ दाम।
Ǔ ͧ˜ रघुनाथ Ǔ“ šȲ š ͪĤ ™ लागहु ˜ ȪǑ¡ राम।।130(ख)।।
æ› Ȫ€ -™ ה Ǘ [Ĥ — ǕŽ ȡ कृतं   Ǖ€ ͪ “ ȡ Į Ȣž à— Ǖ“ ȡ ‘ ‚Ǖ ˜[ Ȳ
Į Ȣ˜ ġȡ˜ ”‘ȡއ — ǔȏ ˜ Ǔ“ ž ȲĤȡÜי Ȱतु रामायणम ्।
˜ ם ȡ  ġƒ “Ǖ ȡ ˜ Ǔ“ š Ȳè ȡۏ è ˜ Ȭž ȡۏ ™ ȯ
— ȡŸ ȡ–ƨ ͧ˜ ‘Ȳचकार  ›Ǖ   Ȣ‘ȡ  è  ȡ मानसम ्।।1।।
” Ǖ֙ Ȳपापहरं सदा ͧž  € šȲͪ £ ȡ“ — ǔȏ Ĥ‘Ȳ
मायामोहमलापहं   Ǖͪ˜ › ȲĤȯ˜ ȡà– Ǖ” ǗšȲशुभम ्।
Į Ȣ˜ ġȡ˜ … ǐšğ˜ ȡ“   ͧ˜ ‘Ȳ— Èי ȡ ‚ ȡ¡ ǔۏ ये
ते   Ȳ  ȡš”  ɨ‚ ƒ Ȫšͩ€ šŽ ‘Ȱ [é™ ǔۏ नो मानवाः।।2।।
मासपारायण, तीसवाँ ͪĮ ȡ˜
“ ȡÛ¡ ” ȡšȡ™ Ž , नवाँ ͪĮ ȡ˜
———
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  ܏ ˜ Ȭ सोपानः   ˜ ȡ܏ Ȭ@
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गावत Ħé˜ ȡǑ‘€ ˜ ǕǓ“ नारद। बालमीक ǒ– ʙ ȡ“ ǒ–   ȡš‘@
सुक   “ € ȡǑ‘ सेष \ ǽ सारद। –šǓ“ पवनसुत € ȧšǓ “ Ȣ€ ȧ@
@1।।
गावत बेद परु ान \ 犑  @छओ   ȡèğ सब Ē Ȳ “ को रस।
˜ ǓǕ“ जन धन संतन को सरबस। सार अंस संमत   –¡ ȣ € ȧ@
@2।।
गावत संतत संभु भवानी। \ ǽ घटसंभव ˜ ǕǓ“ ǒ–Ê™ ȡ“ Ȣ@
ޙ ȡ  ] Ǒ‘ € ǒ––‡ [बखानी। € ȡ‚ — Ǖ  ǕȲͫŒ ‚ ǽŒ के ¡ ȣ € ȧ@
@3।।
€ ͧ› ˜ › ¡ šǓ“ ǒ–Ÿ™ रस • ȧ€ ȧ@सुभग ͧ  ‚Ȳ ȡš ˜ Ǖǔȏ जुबती € ȧ@
दलन रोग भव ˜ ǐǗš अमी € ȧ@तात मात सब ǒ–ͬ’ तल
ु सी € ȧ@
@4।।
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